गुड्डी और गुंजा के जलवे से आनंद साहब उबर ही नही पाए थे कि एक और हसीना ' रीत ' ने भी अपने हुस्न के जलवे बिखेरने शुरू कर दिए ।
लेकिन रीत नामक अंगूर आनंद साहब के लिए खट्टे ही लग रहे है मुझे । इस अंगूरी शबाब पर शायद सिर्फ करण साहब की ही मिल्कियत हो । जहां तक मुझे याद है रीत और करण ( अगर यह नाम सच है ) की भूमिका उस वक्त शब्बो शबाब पर थी जब हिन्दुस्तान के कई हिस्सों मे बम ब्लास्ट हुआ करते थे ।
इरोटिका लेखन , शब्दों के साथ खेलना , शब्दों का एक नया अर्थ तैयार करने मे आप का कोई जबाव नही ।
इंटर कोर्स के बाद इस बार कॉमर्स का डेफिनिशन तय किया आपने - काम रस । यह हास्य से लोत प्रोत था और वास्तव मे फनी था ।
इस स्टोरी मे कहीं न कहीं काफी फेरबदल किया गया है ।
वैसे मुझे गॉसिप मे पोस्ट हुई इस स्टोरी का अपडेट दर अपडेट याद नही है लेकिन कुछ बदलाव जरूर महसूस हो रहा है ।
यह एक रीजन है कि हमारा कौतुहल फैक्टर लगातार बढ़ते जा रहा है । क्या आनंद साहब सिर्फ दो चार महिलाओं के साथ प्रणय सीन्स मे नजर आएंगे या वह लेडीज मैन के किरदार मे दिखाई देंगे ।
बहुत ही खूबसूरत अपडेट कोमल जी ।
हमेशा की तरह बेहतरीन और वाह वाह अपडेट ।