एकदम सही कहा आपने गुड्डी, रीत और संध्या भाभी की चाल, लेकिन गुड्डी का कहा टाल भी तो नहीं सकते वोजबरदस्त मजेदार अपडेट. कॉमेडी भी चुन के डाली है. आनंद बाबू गए थे शिकार करने और खुद ही शिकार हो गए. अरे बाबा दुबे भाभी कोई शेर से कम है क्या. खागड़ खेली खाई. नजाने कितने कितने कलाओ की माहिर. मल दी कालिख. करवा लिया मुँह काला. अब तुम्हरी बहेनिया की बारी. माझा आ गया. अरे आनंद बाबू तुम्हे तो बली का बकरा बनाया गया.
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सब रीत का दिमाग, शैतान की चरखी है वो, लोग कहते हैं चाचा चौधरी का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है लेकिन रीत का दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है, क्या सही प्लानिंग बनाई, गुड्डी चंदा भाभी को ले कर अंदर, दूबे भाभी नए माल में उलझीं और रीत और संध्या भाभी ने मिल कर पहली बार होली में दूबे भाभी का चीर हरण कर लिया।माझा ही आ गया. शारारत का लेवल अप ही नहीं पार कर गया.
यहाँ तो खागड़ दुबे भाभी फस गई. शिकारी ही शिकार बन गया. दुबे भाभी का ओवर कॉन्फिडेंस ने ही उन्हें फसा दिया. आनंद बाबू मान गए क्या चाल चली. मुँह तो काला हुआ. लेकिन हाथो को लॉक किया और रीत और संध्या भाभी फूल फॉर्म मे. आखिर वो भी तो खेली खाई है. रीत ने साड़ी उतार दी. और खेला शुरू.
अरे भाभी होली मे साडी का क्या काम. महंगी साड़ी ख़राब थोड़ी करवानी है. ये सुन्दर जोबन कहा छुपाओगी.
संध्या भाभी ने भी सही टाइम पे पॉइंट मारा. ब्लाउज भी मैचिंग का है.
क्या प्लान बनाया है. मान गए. चंदा भाभी को गुड्डी के जरिये दूर किया. और दुबे भाभी को लपेट लिया. माझा ही आ गया.
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Thanks so much, your comments encourage me to do better. you have been a pillar of support.Wow Komal ji awesome...
what a super sexy update...
Thanks so muchवाह जी वाह वाह. ऑपरेशन ब्लाउज चिर हरण.
रीत की बात तो आनंद बाबू ऐसे समझ रहे है. जैसे रीत से ही प्रीत लगा ली हो. अरे साली आधी घरवाली होती है आनंद बाबू... पूरी नहीं.
गुड्डी सही है. पूरा हक़ जमाती है. सीधा हुकम करती है. सो रोमांटिक.
आखिर दुबे भाभी का ब्लाउज उतार ही गया. और नचाया भी खूब तीनो ने मिलकर. आनंद बाबू रीत और गुड्डी.
लेकिन नारी रस का खेल तो अब चलेगा भाभी ननंद.
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बहुत बहुत धन्यवाद, होली का मौका ही ऐसा है और सोचिये ये देख देख के आनंद बाबू की क्या हालत हो रही होगी।बढ़िया दृश्य वर्णन..... ननद -भाभी की इस कामुक क्रीड़ा ने तो अंदर कामग्नि प्रज्वलित कर दी
ननदें पकड़ी भी गयीं, रगड़ी भी गयीं, गुड्डी चंदा भाभी के हाथ तो रीत दूबे भौजी के लेकिन नयनसुख आनंद बाबू को मिलावाह आनंद बाबू नसीब वाले हो जो बनारस की होली खेल रहे हो. तभि तो कन्या रस और नारी रस का संगम दिख रहा है. मन मोह लेने वाला नजारा दिख रहा है. रीत जिस से तुम प्रीत लगाने की कोसिस कर रहे हो. तुमने दबोच मशला लेकिन नजारा तो अशली भाभियों ने दिखाया.
तुम्हे जोबन की झलक दिखलाई, भरतपुर और प्रेम गली भी दिखाई. जिसे देख कर तुम्हे नशा हो गया. पिछवादा खोल कर दिखलाया. पसंद आया. आखिर रीत साली है तुम्हारी.
थ्रीसम नारी रस सेंडविच कमुख्ता से भी परे था. अब तो समझो की नांदिया छिनार हो या देवर नथ तो सिर्फ भाभी ही उतरती है.
और साथ मै भाभियों के नशीले जोबन के नजरे. प्रेटीकोट साया. भाभी कोई रीत के जैसे थोड़ी ना जींस वगेरा पहनती है.
गारी का तड़का जबरदस्त था. थोड़ी और गरिया डालो गीत के साथ मे रसिया हु. इनकी.
और अब तुम्हारी वाली की बारी.
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Thanks so much for such jabrdst commentsवाह अब तो गुड्डी रानी भी घाट मे आ गई बेचारी. जादूगर्नी की तरह जब गुड्डी की ब्रा आनंद बाबू की तरह फेकि. वो चूमना और फ़्लाइंग किश. और गुड्डी का कैच करना. जबरदस्त इरोटिक रोमांटिक था.
वहां चंदा भाभी भले ही भरी पड रही हो. रीत की ट्रिक के आगे चंदा भाभी ही फस गई. लगता है संध्या भाभी और रीत चंदा भाभी को पूरा ही नंगा कर देंगे.
संध्या भाभी का वो आ रहे है. चंदा भाभी के तो नन्दोई लंगेंगे. होली भी तो है. माझा आ जाएगा.
पर सोने पे सुहागा तो आनंद बाबू तुम्हारा है. दुबे भाभी ने दोनों कच्ची नांदिया के लिए फरमान सुना दिया है.
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दूबे भाभी की बात ही अलग है।कुछ भी हो आनंद बाबू घूम फिर कर तुम्हारी बाहनिया पर बात आ ही जाती है. अरे उनकी नांदिया लगी. और नांदिया तो छिनार होती है. उपर से तुम अपनी होने वाली ससुराल मे.
संध्या भाभी तो राजी से दुबे भाभी के निचे है. खेल भी रही है. और खिला भी रही है. माझा ले लो आनंद बाबू. यही तो अशली नारी रस है.
वही रीत तो सबसे ही अलग. जल्दी तो चंदा भाभी के काबू मै नहीं आएगी.
मगर दोनों को देख कर जो तुम्हारी गुड्डी रानी जो गोद मे है. उसके जोबन का माझा तो ले ही लो.
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