भरतपुर तो आज अवश्य लूटने वाला है लेकिन वह भरतपुर आनंद भाई साहब का भरतपुर होगा । भाभी जी की भरतपुर तो कब की लूट चुकी है ।
इस अपडेट से यह स्पष्ट जाहिर हो रहा है कि आनंद साहब का कौमार्य भंग होना ही होना है । लेकिन जिस तरह से भाभी जी ने इस कामक्रीड़ा का बागडोर अपने हाथ मे ले रखा है और वह जिस तरह से वह सेक्स गुरू की भूमिका निभा रही है वह अद्भुत है ।
कामक्रीड़ा के दौरान उत्तेजित बातें करना , काम क्रीडा के गुर सिखाना , आनंद के स्खलन पश्चात उसे पुनः युद्ध के लिए तैयार करवाना ; ऐसे मे भला कौन युवक उस फिजा के , उस एटमाॅस्फियर के चकाचौंध से मोहित न हो जाए !
कौमार्य एक ऐसा शब्द है जिसको हमारे यहां अनुचित महत्व दिया जाता रहा है । इसके कारण कितनी ही निर्दोष औरतों को कठोर सजा भुगतनी पड़ती है । नारी उत्पीड़न का यह भी एक टार्गेट बन गया है लेकिन नारी चेतना के सजग होने पर अब स्थिति बदल रही है । मन मे पुरुष की बराबरी का जज्बा जागने से वह ये मानकर चलने लगी है कि जब युवक विवाह पूर्ण सेक्स का अनुभव ले चुके होते हैं तो उसी से वर्जिनिटी की अपेक्षा क्यों की जाए ! यह कोई क्राइम तो है नही जिसके लिए उसे दंडित किया जाए।
काॅलसेंटर , कार्पोरेट जगत , वर्किंग प्लेसेज के युवक - युवतियां एक साथ लेट नाइट काम कर रहे होते हैं । वहां फाॅर फन का मंत्र जपते या वर्क टेंशन का एंटिडोट को खोजते हुए वे सेक्स मे प्रायः उतर ही जाते हैं ।
यह अलग बात है कि गांव देहात मे कुछ अन्य तरीके से युवक - युवतियां एक दूसरे के करीब आ जाते हैं ।
बहुत ही बेहतरीन अपडेट कोमल जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड हाॅट इरोटिक अपडेट ।