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Wah bhai unique star you ara really uniq in sex stories. Wating for nex update4अगले दिन सुबह जब सुबह साजिया नहा रही थी तो नासिर बाथरूम में घुस गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया तो साजिया मस्ती में आ गई क्योंकि उसे ये सब बहुत पसंद आया और आज कई साल के बाद वो अपने शौहर के साथ नंगी नहा रही थी।
नहाकर दोनो बाहर आ गए और उसके बाद दोनों ने नाश्ता किया और नासिर अपने ऑफिस में चला गया और काम में लग गया। नासिर ने जल्दी से अपना काम खत्म किया और फिर नई साइट को देखने के लिए चल पड़ा। नासिर एक प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था और जमीन सस्ते दाम में लेकर इस पर बिल्डिंग बनाकर बेचना उसका काम था और घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी।
नई साइट पर अब उसे काम शुरू करना था और इसके लिए उसे मजदूरों के साथ साथ कुछ सिविल इंजीनियर की भी जरूरत थी। साइट को उसने अच्छे से देखा और फिर उसे कितने आदमियों की जरूरत पड़ेगी उसके हिसाब से उसने विज्ञापन दिया और एक बार फिर से अपने ऑफिस में बैठ गया और सोच में डूब गया। उसे बार बार रात की बात याद आ रही थी कि उसकी बीवी किस तरह एक बड़े लंड को देखकर बहक गई थी। मतलब उसकी बीवी एक बड़े लंड से चुदना चाहती है। किस तरह तड़प तड़प कर मुझसे चिपक रही थी लंड देखकर देखकर। जब वो बड़े लंड से चुदेगी और पूरी तरह से तड़पेगी तो उसका दर्द भरा चेहरा देख कर मुझे बेहद सुकून मिलेगा क्योंकि उसने जो मेरी बेइज्जती करी हैं उसका यही सही बदला होगा साजिया से।
लेकिन वीडियो देख कर बहकना और सच में सेक्स करना अलग अलग बात हैं और वो जनता था कि उसकी बीवी कभी उसके लिए राजी नहीं होगी। नासिर के लिए दूसरी समस्या ये भी थी बड़ा लंड कहां से लाए क्योंकि वीडियो जितना बड़ा लंड मिलना बहुत ही मुश्किल काम था। दूसरी बात लंड मिल भी गया तो क्या वो उससे कह पाएगा कि मेरी बीवी को चोद दो। वो आदमी मेरे बारे में क्या सोचेगा और साजिया क्यों एक अजनबी आदमी से भला चुदवायेगी।।
मुझे साजिया को थोड़ा सा बदलना होगा और साथ ही साथ आदमी ऐसा होना चाहिए जिसे साजिया खुद पसंद करे। लेकिन वो भला क्यों पसंद करेगी। मुझे इसके लिए खुद ही पहल करनी होगी। सबसे पहले तो मुझे साजिया का ध्यान इस तरफ करना होगा कि मजे से लिए किसी से चुदना गलत नही होगा। चलो मान लिया साजिया चुद भी गई और बाद में उस आदमी ने हमे परेशान किया या ब्लैकमेल किया तो तब क्या होगा ? हम दोनो तो किसी को मुंह दिखाने के लायक भी नहीं रहेंगे।
नासिर के लिए एक नही बड़ी सारी समस्या थी और उसने देखा कि शाम को गई थी तो वो अपने घर की तरफ निकल पड़ा घर जाकर देखा कि साजिया किसी से हंस हंस कर फोन पर बात कर रही थी तो वो अपना बैग रखकर फ्रेश होने चला गया।
वो बाहर आया तो टेबल पर खाना लग गया था और दोनो खाना खा रहे थे।
नासिर:" किसका फोन आया था ? सब ठीक हैं ना ?
साजिया:" अरे सब ठीक है। वो मेरी एक सहेली शमा थी साथ में पढ़ती थी तो उसका फोन आया था अपने भाई के लिए जॉब के लिए बोल रही थी। बोल रही थी कि सिविल इंजीनियर हैं अभी पढ़ाई करके आया हैं विदेश से। आपने शायद कोई विज्ञापन दिया था।
नासिर:" ओह अरे याद आया मुझे लड़के तो चाहिए लेकिन थोड़ी अनुभवी होने चाहिए।
साजिया:" लेकिन वो तो फ्रेशर ही हैं अभी। बोल रही थी कि बहुत अच्छा लड़का हैं। देख लो अगर बात बन जाए तो।
नासिर:" अब देखना हो क्या ? जब तुमने बोल दिया तो समझो नौकरी पक्की। बोल देना उसे कल आ जायेगा इंटरव्यू के लिए। बस अब खुश।
साजिया ने उसे एक स्माइल दी और बोली:" शुक्रिया, अभी मेरी अपनी सहेली के आगे इज्जत तो बच जायेगी।
नासिर ने भी उसे स्माइल दी और थोड़ी देर के बाद खाना खाकर दोनो बेड पर पहुंच गए और नासिर ने उसे फिर से अपनी बांहों में भर लिया तो साजिया बोली:"
" क्या इरादा हैं जनाब ?
नासिर ने उसकी एक चूची को सहला दिया और बोला :"
" इरादे तो तुम्हे पता ही है। अच्छा एक बात बताओ रात वीडियो कैसी लगी थी ?
साजिया को वीडियो की याद आते ही इसके पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ गई और बोली:"
" ठीक थी बस।
नासिर ने अपना मोबाइल उठा लिया और फिर से वीडियो चलाने लगा तो साजिया ने उसे रोक दिया क्योंकि वो जानती थी कि वो फिर से बहक जाएगी और वो रात से ही अपनी हरकत पर शर्मिंदा थी और आज ऐसा कुछ नही करना चाहती थी।
नासिर:" ओह इसका मतलब तुम्हे वीडियो पसंद नहीं आई ?
साजिया:" नही मैने ऐसा तो नहीं कहा ?
नासिर:" तो फिर आज फिर से देखे वही वीडियो ? वैसे भी रात अधूरी ही रह गई थी।
साजिया अपने शौहर से लिपट गई और बोली:"
" नहीं आज रहने दीजिए। आज मन नही है। बस आपकी बांहों में सोना चाहती हू।
नासिर ने उसे परेशान करना ठीक नहीं समझा और उसे गले से लगा लिया। थोड़ी देर के बाद दोनो को नींद आ गई। सुबह उठकर नाश्ता करने के बाद जैसे ही नासिर ऑफिस जाने के लिए निकलता उससे पहले ही डोरबेल बज उठी और उसने दरवाजा खोला तो सामने एक करीब 38 साल की थोड़ी मोटी सी थुलथुल सी महिला एक बहुत ही खूबसूरत लड़का खड़ा हुआ था। दोनो ने नासिर को सलाम किया एयर औरत बोली:"
" क्या ये नासिर भाई साहब का घर हैं ?
नासिर ने उन्हें हैरानी से देखा और बोला:" हान जी मैं ही नासिर हु। कहिए आपको क्या काम था ?
औरत:" जी मेरा नाम शमा हैं और मैं साजिया की सहेली हु।
नासिर उसकी बात सुनकर रास्ते से हट गया और स्माइल करते हुए बोला:"
" आइए आइए ना अंदर आइए आप। अरे साजिया देखो शमा बाजी आई है।
नासिर उन्हें अपने साथ लिए घर के अंदर आ गया और शमा के साथ साथ उसका भाई शाहिद भी अंदर आ गया। दोनो भाई बहन घर की चकाचौंध को देखकर हैरान थे। अंदर से साजिया भी आ गई और शमा को देखते ही उसके गले लग गई। दोनो थोड़ी देर के बाद अलग हुई और शमा बोली:"
" ये है मेरा छोटा भाई शाहिद इसके लिए ही मैने तुम्हे कॉल किया था।
साजिया ने पहली बार शाहिद पर नजर डाली और मन ही मन उसकी खूबसूरती की तारीफ किए बिना ना रह सकी। शाहिद ने साजिया को सलाम किया तो साजिया ने स्माइल के साथ उसका जवाब दिया और बोली:"
" कैसे हो शाहिद ?
शाहिद:" बस ठीक हु बाजी। जॉब की ही कमी थी उम्मीद है अब वो भी मिल जाएगी।
साजिया ने एक बार अपने शौहर की तरफ देखा और बोली:"
" जॉब की बात तो आप इनसे लीजिए। सब कुछ इनके ही हाथ में है।
इतना कहकर उसने नासिर को स्माइल दी। नासिर अपनी बीवी को नाराज थोड़े ही कर सकता था इसलिए बोला:"
" अब मेरी इतनी हिम्मत कहां कि मैं साजिया बेगम की बात को इंकार करू तो समझो आज से तुम्हारी जॉब पक्की। अब थोड़ा मेहनत ज्यादा करनी होगी तुम्हे क्योंकि अभी तुम्हे सब कुछ सीखना होगा।
नाशिरकी बात साजिया शर्म से लाल हो गई और शाहिद ने सुकून की सांस ली और बोला:" शुक्रिया भाई साहब। मैं अपना जी जान लगा दुगा लेकिन आपको शिकायत का मौका नही दूंगा।
साजिया:" अब तो जॉब मिल गई और क्यों खड़े हुए हो सभी ? आप बैठो आप सब। मैं अभी आई।
इतना कहकर साजिया चली गई और मैं शमा और शाहिद से बात करने लगा। थोड़ी देर के बाद वो नाश्ता लेकर आ गई और हम सबने साथ में नाश्ता किया और उसके बाद मैं शाहिद को अपने साथ लेकर ऑफिस के लिए निकल गया। गाड़ी मैं खुद ही चला रहा था लेकिन फिर भी मैंने जानकारी के लिए पूछा :"
" शाहिद क्या तुम गाड़ी भी चला लेते हो ?
शाहिद:" हान सर, मैं गाड़ी बहुत अच्छे से चला लेता हु।
नासिर:" और यार एक बात बताओ तुम अच्छी खासे स्मार्ट हो और बॉडी भी तगड़ी बनाई हैं फिर तुम्हे तो मॉडलिंग में होना चाहिए। ये कहां तुम सिविल इंजीनियर की जॉब में आ रहे हो मियां ?
अपनी तारीफ सुनकर शाहिद खुश हुआ लेकिन आत्म विश्वास के साथ बोला:"
" ये सब तो मेरा शोक था सर इसलिए बन गई लेकिन सिविल इंजीनियर बनना मेरा जुनून है।
नासिर को उसका आत्म विश्वास पसंद आया और उसके बाद थोड़ी ही देर बाद दोनो ऑफिस पहुंच गए तो नासिर ने अब्दुल को बुलाया और बोला:"
" अब्दुल ये नए सिविल इंजीनियर हैं शाहिद। इन्हे एक हफ्ते के अंदर काम सीखा दीजिए। बहुत मेहनती लड़का है तो तुम्हे दिक्कत भी नही होगी।
अब्दुल ने शाहिद को एक भरपूर नजर देखा और बोला:"
" आप फिक्र मत कीजिए साहब। मैं इन्हें सब सिखा दूंगा।
शाहिद अब्दुल के चला गया और नासिर अपने काम में लग गया। दोपहर को साजिया का फोन आया और बोली:"
" शाम को थोड़ा जल्दी आ जाना, बाजार में मुझे बहुत सारे काम हैं और मेहमान भी आए हैं तो खाने का भी देखना होगा।
नासिर:" अच्छा ठीक हैं मैं कोशिश करता हु शाम को जल्दी निकलने की।
इतना कहकर उसने फोन काट दिया और एक मीटिंग में लग गया। करीब पांच बजे तक मीटिंग खत्म हुई और तभी फिर से साजिया का फोन आया लेकिन नासिर अभी जाने की स्थिति में नहीं था इसलिए बोला:"
" मुझे तो अभी काम हैं, एक काम करता हु शाहिद को गाड़ी लेकर भेज देता हु। वो तुम्हे बाजार ले जायेगा।
साजिया:" अरे वो तो बिलकुल नया हैं शहर के लिए, कही कोई दिक्कत न हो जाए ?
नासिर:" तुम फिक्र मत करो, वो एक सिविल इंजीनियर हैं और कोई बच्चा भी नही है। मैं उसे भेज देता हु।
इतना कहकर उसने फोन काट दिया और शाहिद को सब समझाया और घर के लिए भेज दिया और अपने काम में लग गया। शाम को काम खत्म करने के बाद मैं अपने घर पहुंचा तो देखा कि तीनो हॉल में बैठे हुए थे और खूब घुलमिल कर बाते कर रहे थे। मैं साजिया के स्वभाव से अच्छी तरह वाकिफ था कि वो बहुत ही मिलनसार हैं इसलिए मैं फ्रेश हुआ और उसके बाद हमने खाया और साजिया बोली:"
" देखो ना नासिर शमा कल ही जाने के लिए बोल रही है। इतने दिन बाद तो मिली हैं और एक दिन के अंदर ही जाने के लिए बोल रही है। इसे कहो ना कुछ दिन और रुक जाए। मेरा भी थोड़ा मन लगा रहेगा।
इससे पहले की नासिर कुछ बोलता शमा बोल पड़ी:"
" अरे यार अब तो शाहिद आपके ऑफिस में जॉब करेगा ही इसलिए मेरा आना जाना लगा रहेगा। मुझे कल शाम को ही अपने शौहर के साथ कुछ जरूरी काम से दिल्ली जाना होगा।
नासिर:" जब इन्हें काम हैं तो जाने दो ना। बाद में फिर आ जाएगी।
साजिया:" अच्छा ठीक हैं मैडम। लेकिन बीच बीच में आते रहना समझी तुम। चलो रात बहुत हो गई आपको कमरा दिखा देती हु।
इतना कहकर साजिया उन्हें अपने साथ ले गई और हॉल में अंत में बने हुए गेस्ट रूम में उन्हें ठहरा दिया और इसके बाद साजिया अपने कमरे में आ गई। दिन भर का थका होने के कारण नासिर आज जल्दी सोने के मूड में था लेकिन साजिया ने आते ही उसे अपनी बाहों मे भर लिया और नासिर ना चाहते हुए भी उसका साथ देने लगा और थोड़ी देर के बाद दोनो नंगे होकर एक दूसरे से गुत्थम गुत्था होने लगे और रोज की तरह आज भी नासिर साजिया के आगे ज्यादा देर नहीं टिक पाया और साजिया आज रात फिर से तड़प कर ही रह गई। थोड़ी देर दोनो बात करते रहे और उसके बाद दोनो सो गए।
रात के करीब दो बजे नासिर को बाथरूम लगा तो वो बाहर निकल गया और हॉल को पार करता हुआ बाथरूम के सामने पहुंचा तो उसे कुछ आवाजे सुनाई दी। नासिर ने बाथरूम किया और फिर से उसे आवाज सुनी तो इसके कान खड़े हो हुए और वो गेस्ट रूम की तरफ बढ़ गया। गेस्ट रूम के दरवाजे पर उसने कान लगा दिए तो उसे अंदर से शमा की तेज तेज मस्ती भरी सिसकारियां सुनाई दी और नासिर को यकीन नही हुआ कि ऐसा कैसे हो सकता हैं ? क्या ये दोनो सगे भाई बहन आपस में सेक्स कर रहे हैं। तभी नासिर को याद आया कि गेस्ट रूम के बराबर में एक स्टोर रूम हैं जिसकी खिड़की गेस्ट रूम में खुलती है। वो दबे पांव स्टोर रूम में पहुंचा और उसकी किस्मत अच्छी थी। खिड़की पूरी तरह से बंद नही थी और उसने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाई और धीरे से खिड़की के सामने खड़ा हुआ होकर अपना मोबाइल फिर से बंद किया और खिड़की के अंदर झांका तो उसे 440 वोल्ट का करंट लगा। अंदर शमा पूरी तरह से नंगी थी और उसका मोटा थुलथुला शरीर बेड पर फैला हुआ था और शाहिद उसकी टांगो के बीच मुंह घुसा कर उसकी चूत चाट रहा था।
शमा के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी और वो मस्ती से अपने भाई का सिर अपने दोनो हाथो से अपनी जांघो में बीच घुसाए हुए थी। उफ्फ ये कैसे भाई बहन है दोनो, ये शमा तो कितनी मोटी हैं लेकिन फिर भी कितनी तेज हैं अपने सगे भाई को ही फंसा लिया।
नासिर सोच ही रहा था कि तभी मस्ती से सिसक रही शमा ने शाहिद को अपने ऊपर खींच लिया और उसका लंड पहली बार नासिर की आंखो के सामने आ गया तो नासिर को मानो यकीन ही नहीं हुआ। शाहिद का लंड उसके लंड से दोगुना मोटा लंबा तो दोगुने से भी ज्यादा हो लग रहा था। उसने मूवी में जो लंड देखा था शाहिद का लंड उससे भी ज्यादा बड़ा और मोटा था। नासिर की सांसे तेज हो गई और वो सोच रहा था कि कैसे ये लंड शमा अपनी चूत में लेती होगी। तभी शमा ने एक करवट लेकर अपनी जांघो को खोल दिया और उसकी फटी हुई चूत बिल्कुल भोसड़े जैसी चौड़ी खुल गई तो नासिर को समझ आया कि उसका चूत का ये हाल जरूर शाहिद ने अपने लंड से किया है। नासिर मन ही मन उसके भोसड़े की तुलना साजिया की कसी हुई चूत से करने लगा तो नासिर का लंड उछल उछल पड़ने लगा। शाहिद ने शमा की गांड़ को जोर से मसला और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया तो लंड के मोटे आलू जैसे सुपाड़े के आगे शमा का भोसड़ा बिलकुल पूरी तरह से ढक गया। नासिर का लंड अकड़ गया और नासिर अपना लंड सहलाते हुए देखने लगा और जैसे ही शाहिद ने धक्का मारा तो शमा की चूत किसी गुब्बारे की तरह फटकर खुल गई और लंड का सुपाड़ा अंदर घुस गया। शमा दर्द से तड़प उठी और बेड शीट को अपने हाथो में कस लिया। नासिर की आंखे हैरानी से फट गई कि इतने चौड़े भोसड़े वाली शमा जोर लंड के सुपाड़े से ही तड़प उठी। उफ्फ अगर ये साजिया की चूत होती तो साजिया का क्या हाल होगा ये सोचकर ही नासिर जोश में आ गया और जोर जोर से अपने लंड को हिलाने लगा। तभी शाहिद ने एक तकिया उसके मुंह पर रखा और शमा के दोनो कंधो को पूरी मजबूती से थामा और एक तगड़ा धक्का लगाया और लंड उसकी चूत में घुसता चला गया। पूरा का पूरा बिलकुल जड़ तक। शमा की घुटी घुटी सी चींखे तकिए में दबकर रह गई और शाहिद ने बिना देर किए उसकी चूत को फाड़ना शुरू कर दिया और शमा तकिए में मुंह में दबाए सिसक रही थी। कुछ धक्कों के बाद उसका दर्द कम हुआ तो उसने तकिया मुंह पर से हटा दिया और उसका आंसुओ से भीगा हुआ चेहरा देखकर नासिर को उसके दर्द का एहसास हुआ। काश ये दर्द उसकी साजिया को हो रहा होता तो मुझे कितना अच्छा लगता ये सोचते ही नासिर को शमा की जगह साजिया नजर आने लगी और उसकी चूत को ठोकता हुआ शाहिद। शमा उसके नीचे पड़ी हुई सिसक रही थी, तड़प रही थी, कराह रही थी और शाहिद किसी जोशीले सांड की तरह उसे चोद रहा था।
शमा की सिसकियां अब जोर जोर से गूंज रही थी और वो अपने भाई की आंखो में देखते हुए चुद रही थी। शाहिद पागलों की तरह उसकी चूचियों को मसल रहा था और भींच रहा रहा मानो उन्हें उखाड़ ही देगा। नासिर ने देखा कि अब शमा की गांड़ नीचे से मस्ती में हिल रही थी और देखते ही देखते शमा की सिसकियां तेज और तेज होती चली गई और शीतकारो में बदल गई और उसका पूरा बदन कांप उठा और इसके साथ ही उसकी चूत झड़ती चली गई। नासिर का लंड शमा की चूत के साथ ही झड़ गया और नासिर ने देखा कि झड़ने से गीली चूत में लंड और तेजी से घुसने लगा। दर्द से तड़प रही, कराह रही शमा उससे छूटने की कोशिश करती लेकिन उसकी उसकी मजबूत पकड़ के आगे हिल भी नहीं पा रही थी। शाहिद ने करीब दो घंटे तक बिना रुके बिना थके शमा को बुरी तरह से रौंदा, मसला और उसके बाद जब जब उसके लंड में उफान आया तो धक्के इतने थे कि पूरा बेड चरमरा रहा रहा था मानो टूट जायेगा। किसी जंगली शेर की दहाड़ते हुए शाहिद ने अपने लंड का आखिर धक्का अपनी बहन की चूत में मारा और उसके उपर गिरकर उसे अपने नीचे दब लिया। नासिर शाहिद के लंड और उसकी ताकत का मुरीद हो गया और उसने फैसला कर लिया कि किसी भी कीमत पर वो साजिया को शाहिद से चुदवा कर अपनी बेइज्जती का बदला जरूर लेगा। अपनी आंखों में एक खुशी और उत्साह लिए हुए नासिर अपने बेडरूम में आया और उनसे दयनीय भाव से एक बार साजिया को देखा और सोती हुई के होंठ को चूम लिया और उससे लिपटकर सो गया।
Write whatever you feel is best for your story. Too much suggestion can ruin a writer's visionमैं अपनी तरफ से इस कहानी को अच्छा बनाने की पूरी कोशिश कर रहा हूं लेकिन फिर भी ऐसा महसूस हो रहा है कि मुझे आप सभी का पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है जितना इंसेस्ट में मिलता है। इस कहानी को लिखने के पीछे मेरा उद्देश्य किसी की उसकी पत्नी के प्रति सोच बदलना नहीं है बल्कि ये कहानी सच में ऐसे लोगो के लिए सबक होगी जो अपनी पत्नी के बारे में ऐसा सोचते हैं बस इसलिए ही ये लिख रहा हूं। बेशक मुझे किसी ने ये सब लिखने के लिए बोला था लेकिन इसमें बाद की कहानी मैं अपने हिसाब से लिखूंगा।
कुछ ही अपडेट में ये कहानी खत्म हो जायेगी और इसके बाद कुछ और लिखना हैं।
Bahut hi shaandar update diya hai Unique star bhai....4अगले दिन सुबह जब सुबह साजिया नहा रही थी तो नासिर बाथरूम में घुस गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया तो साजिया मस्ती में आ गई क्योंकि उसे ये सब बहुत पसंद आया और आज कई साल के बाद वो अपने शौहर के साथ नंगी नहा रही थी।
नहाकर दोनो बाहर आ गए और उसके बाद दोनों ने नाश्ता किया और नासिर अपने ऑफिस में चला गया और काम में लग गया। नासिर ने जल्दी से अपना काम खत्म किया और फिर नई साइट को देखने के लिए चल पड़ा। नासिर एक प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था और जमीन सस्ते दाम में लेकर इस पर बिल्डिंग बनाकर बेचना उसका काम था और घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी।
नई साइट पर अब उसे काम शुरू करना था और इसके लिए उसे मजदूरों के साथ साथ कुछ सिविल इंजीनियर की भी जरूरत थी। साइट को उसने अच्छे से देखा और फिर उसे कितने आदमियों की जरूरत पड़ेगी उसके हिसाब से उसने विज्ञापन दिया और एक बार फिर से अपने ऑफिस में बैठ गया और सोच में डूब गया। उसे बार बार रात की बात याद आ रही थी कि उसकी बीवी किस तरह एक बड़े लंड को देखकर बहक गई थी। मतलब उसकी बीवी एक बड़े लंड से चुदना चाहती है। किस तरह तड़प तड़प कर मुझसे चिपक रही थी लंड देखकर देखकर। जब वो बड़े लंड से चुदेगी और पूरी तरह से तड़पेगी तो उसका दर्द भरा चेहरा देख कर मुझे बेहद सुकून मिलेगा क्योंकि उसने जो मेरी बेइज्जती करी हैं उसका यही सही बदला होगा साजिया से।
लेकिन वीडियो देख कर बहकना और सच में सेक्स करना अलग अलग बात हैं और वो जनता था कि उसकी बीवी कभी उसके लिए राजी नहीं होगी। नासिर के लिए दूसरी समस्या ये भी थी बड़ा लंड कहां से लाए क्योंकि वीडियो जितना बड़ा लंड मिलना बहुत ही मुश्किल काम था। दूसरी बात लंड मिल भी गया तो क्या वो उससे कह पाएगा कि मेरी बीवी को चोद दो। वो आदमी मेरे बारे में क्या सोचेगा और साजिया क्यों एक अजनबी आदमी से भला चुदवायेगी।।
मुझे साजिया को थोड़ा सा बदलना होगा और साथ ही साथ आदमी ऐसा होना चाहिए जिसे साजिया खुद पसंद करे। लेकिन वो भला क्यों पसंद करेगी। मुझे इसके लिए खुद ही पहल करनी होगी। सबसे पहले तो मुझे साजिया का ध्यान इस तरफ करना होगा कि मजे से लिए किसी से चुदना गलत नही होगा। चलो मान लिया साजिया चुद भी गई और बाद में उस आदमी ने हमे परेशान किया या ब्लैकमेल किया तो तब क्या होगा ? हम दोनो तो किसी को मुंह दिखाने के लायक भी नहीं रहेंगे।
नासिर के लिए एक नही बड़ी सारी समस्या थी और उसने देखा कि शाम को गई थी तो वो अपने घर की तरफ निकल पड़ा घर जाकर देखा कि साजिया किसी से हंस हंस कर फोन पर बात कर रही थी तो वो अपना बैग रखकर फ्रेश होने चला गया।
वो बाहर आया तो टेबल पर खाना लग गया था और दोनो खाना खा रहे थे।
नासिर:" किसका फोन आया था ? सब ठीक हैं ना ?
साजिया:" अरे सब ठीक है। वो मेरी एक सहेली शमा थी साथ में पढ़ती थी तो उसका फोन आया था अपने भाई के लिए जॉब के लिए बोल रही थी। बोल रही थी कि सिविल इंजीनियर हैं अभी पढ़ाई करके आया हैं विदेश से। आपने शायद कोई विज्ञापन दिया था।
नासिर:" ओह अरे याद आया मुझे लड़के तो चाहिए लेकिन थोड़ी अनुभवी होने चाहिए।
साजिया:" लेकिन वो तो फ्रेशर ही हैं अभी। बोल रही थी कि बहुत अच्छा लड़का हैं। देख लो अगर बात बन जाए तो।
नासिर:" अब देखना हो क्या ? जब तुमने बोल दिया तो समझो नौकरी पक्की। बोल देना उसे कल आ जायेगा इंटरव्यू के लिए। बस अब खुश।
साजिया ने उसे एक स्माइल दी और बोली:" शुक्रिया, अभी मेरी अपनी सहेली के आगे इज्जत तो बच जायेगी।
नासिर ने भी उसे स्माइल दी और थोड़ी देर के बाद खाना खाकर दोनो बेड पर पहुंच गए और नासिर ने उसे फिर से अपनी बांहों में भर लिया तो साजिया बोली:"
" क्या इरादा हैं जनाब ?
नासिर ने उसकी एक चूची को सहला दिया और बोला :"
" इरादे तो तुम्हे पता ही है। अच्छा एक बात बताओ रात वीडियो कैसी लगी थी ?
साजिया को वीडियो की याद आते ही इसके पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ गई और बोली:"
" ठीक थी बस।
नासिर ने अपना मोबाइल उठा लिया और फिर से वीडियो चलाने लगा तो साजिया ने उसे रोक दिया क्योंकि वो जानती थी कि वो फिर से बहक जाएगी और वो रात से ही अपनी हरकत पर शर्मिंदा थी और आज ऐसा कुछ नही करना चाहती थी।
नासिर:" ओह इसका मतलब तुम्हे वीडियो पसंद नहीं आई ?
साजिया:" नही मैने ऐसा तो नहीं कहा ?
नासिर:" तो फिर आज फिर से देखे वही वीडियो ? वैसे भी रात अधूरी ही रह गई थी।
साजिया अपने शौहर से लिपट गई और बोली:"
" नहीं आज रहने दीजिए। आज मन नही है। बस आपकी बांहों में सोना चाहती हू।
नासिर ने उसे परेशान करना ठीक नहीं समझा और उसे गले से लगा लिया। थोड़ी देर के बाद दोनो को नींद आ गई। सुबह उठकर नाश्ता करने के बाद जैसे ही नासिर ऑफिस जाने के लिए निकलता उससे पहले ही डोरबेल बज उठी और उसने दरवाजा खोला तो सामने एक करीब 38 साल की थोड़ी मोटी सी थुलथुल सी महिला एक बहुत ही खूबसूरत लड़का खड़ा हुआ था। दोनो ने नासिर को सलाम किया एयर औरत बोली:"
" क्या ये नासिर भाई साहब का घर हैं ?
नासिर ने उन्हें हैरानी से देखा और बोला:" हान जी मैं ही नासिर हु। कहिए आपको क्या काम था ?
औरत:" जी मेरा नाम शमा हैं और मैं साजिया की सहेली हु।
नासिर उसकी बात सुनकर रास्ते से हट गया और स्माइल करते हुए बोला:"
" आइए आइए ना अंदर आइए आप। अरे साजिया देखो शमा बाजी आई है।
नासिर उन्हें अपने साथ लिए घर के अंदर आ गया और शमा के साथ साथ उसका भाई शाहिद भी अंदर आ गया। दोनो भाई बहन घर की चकाचौंध को देखकर हैरान थे। अंदर से साजिया भी आ गई और शमा को देखते ही उसके गले लग गई। दोनो थोड़ी देर के बाद अलग हुई और शमा बोली:"
" ये है मेरा छोटा भाई शाहिद इसके लिए ही मैने तुम्हे कॉल किया था।
साजिया ने पहली बार शाहिद पर नजर डाली और मन ही मन उसकी खूबसूरती की तारीफ किए बिना ना रह सकी। शाहिद ने साजिया को सलाम किया तो साजिया ने स्माइल के साथ उसका जवाब दिया और बोली:"
" कैसे हो शाहिद ?
शाहिद:" बस ठीक हु बाजी। जॉब की ही कमी थी उम्मीद है अब वो भी मिल जाएगी।
साजिया ने एक बार अपने शौहर की तरफ देखा और बोली:"
" जॉब की बात तो आप इनसे लीजिए। सब कुछ इनके ही हाथ में है।
इतना कहकर उसने नासिर को स्माइल दी। नासिर अपनी बीवी को नाराज थोड़े ही कर सकता था इसलिए बोला:"
" अब मेरी इतनी हिम्मत कहां कि मैं साजिया बेगम की बात को इंकार करू तो समझो आज से तुम्हारी जॉब पक्की। अब थोड़ा मेहनत ज्यादा करनी होगी तुम्हे क्योंकि अभी तुम्हे सब कुछ सीखना होगा।
नाशिरकी बात साजिया शर्म से लाल हो गई और शाहिद ने सुकून की सांस ली और बोला:" शुक्रिया भाई साहब। मैं अपना जी जान लगा दुगा लेकिन आपको शिकायत का मौका नही दूंगा।
साजिया:" अब तो जॉब मिल गई और क्यों खड़े हुए हो सभी ? आप बैठो आप सब। मैं अभी आई।
इतना कहकर साजिया चली गई और मैं शमा और शाहिद से बात करने लगा। थोड़ी देर के बाद वो नाश्ता लेकर आ गई और हम सबने साथ में नाश्ता किया और उसके बाद मैं शाहिद को अपने साथ लेकर ऑफिस के लिए निकल गया। गाड़ी मैं खुद ही चला रहा था लेकिन फिर भी मैंने जानकारी के लिए पूछा :"
" शाहिद क्या तुम गाड़ी भी चला लेते हो ?
शाहिद:" हान सर, मैं गाड़ी बहुत अच्छे से चला लेता हु।
नासिर:" और यार एक बात बताओ तुम अच्छी खासे स्मार्ट हो और बॉडी भी तगड़ी बनाई हैं फिर तुम्हे तो मॉडलिंग में होना चाहिए। ये कहां तुम सिविल इंजीनियर की जॉब में आ रहे हो मियां ?
अपनी तारीफ सुनकर शाहिद खुश हुआ लेकिन आत्म विश्वास के साथ बोला:"
" ये सब तो मेरा शोक था सर इसलिए बन गई लेकिन सिविल इंजीनियर बनना मेरा जुनून है।
नासिर को उसका आत्म विश्वास पसंद आया और उसके बाद थोड़ी ही देर बाद दोनो ऑफिस पहुंच गए तो नासिर ने अब्दुल को बुलाया और बोला:"
" अब्दुल ये नए सिविल इंजीनियर हैं शाहिद। इन्हे एक हफ्ते के अंदर काम सीखा दीजिए। बहुत मेहनती लड़का है तो तुम्हे दिक्कत भी नही होगी।
अब्दुल ने शाहिद को एक भरपूर नजर देखा और बोला:"
" आप फिक्र मत कीजिए साहब। मैं इन्हें सब सिखा दूंगा।
शाहिद अब्दुल के चला गया और नासिर अपने काम में लग गया। दोपहर को साजिया का फोन आया और बोली:"
" शाम को थोड़ा जल्दी आ जाना, बाजार में मुझे बहुत सारे काम हैं और मेहमान भी आए हैं तो खाने का भी देखना होगा।
नासिर:" अच्छा ठीक हैं मैं कोशिश करता हु शाम को जल्दी निकलने की।
इतना कहकर उसने फोन काट दिया और एक मीटिंग में लग गया। करीब पांच बजे तक मीटिंग खत्म हुई और तभी फिर से साजिया का फोन आया लेकिन नासिर अभी जाने की स्थिति में नहीं था इसलिए बोला:"
" मुझे तो अभी काम हैं, एक काम करता हु शाहिद को गाड़ी लेकर भेज देता हु। वो तुम्हे बाजार ले जायेगा।
साजिया:" अरे वो तो बिलकुल नया हैं शहर के लिए, कही कोई दिक्कत न हो जाए ?
नासिर:" तुम फिक्र मत करो, वो एक सिविल इंजीनियर हैं और कोई बच्चा भी नही है। मैं उसे भेज देता हु।
इतना कहकर उसने फोन काट दिया और शाहिद को सब समझाया और घर के लिए भेज दिया और अपने काम में लग गया। शाम को काम खत्म करने के बाद मैं अपने घर पहुंचा तो देखा कि तीनो हॉल में बैठे हुए थे और खूब घुलमिल कर बाते कर रहे थे। मैं साजिया के स्वभाव से अच्छी तरह वाकिफ था कि वो बहुत ही मिलनसार हैं इसलिए मैं फ्रेश हुआ और उसके बाद हमने खाया और साजिया बोली:"
" देखो ना नासिर शमा कल ही जाने के लिए बोल रही है। इतने दिन बाद तो मिली हैं और एक दिन के अंदर ही जाने के लिए बोल रही है। इसे कहो ना कुछ दिन और रुक जाए। मेरा भी थोड़ा मन लगा रहेगा।
इससे पहले की नासिर कुछ बोलता शमा बोल पड़ी:"
" अरे यार अब तो शाहिद आपके ऑफिस में जॉब करेगा ही इसलिए मेरा आना जाना लगा रहेगा। मुझे कल शाम को ही अपने शौहर के साथ कुछ जरूरी काम से दिल्ली जाना होगा।
नासिर:" जब इन्हें काम हैं तो जाने दो ना। बाद में फिर आ जाएगी।
साजिया:" अच्छा ठीक हैं मैडम। लेकिन बीच बीच में आते रहना समझी तुम। चलो रात बहुत हो गई आपको कमरा दिखा देती हु।
इतना कहकर साजिया उन्हें अपने साथ ले गई और हॉल में अंत में बने हुए गेस्ट रूम में उन्हें ठहरा दिया और इसके बाद साजिया अपने कमरे में आ गई। दिन भर का थका होने के कारण नासिर आज जल्दी सोने के मूड में था लेकिन साजिया ने आते ही उसे अपनी बाहों मे भर लिया और नासिर ना चाहते हुए भी उसका साथ देने लगा और थोड़ी देर के बाद दोनो नंगे होकर एक दूसरे से गुत्थम गुत्था होने लगे और रोज की तरह आज भी नासिर साजिया के आगे ज्यादा देर नहीं टिक पाया और साजिया आज रात फिर से तड़प कर ही रह गई। थोड़ी देर दोनो बात करते रहे और उसके बाद दोनो सो गए।
रात के करीब दो बजे नासिर को बाथरूम लगा तो वो बाहर निकल गया और हॉल को पार करता हुआ बाथरूम के सामने पहुंचा तो उसे कुछ आवाजे सुनाई दी। नासिर ने बाथरूम किया और फिर से उसे आवाज सुनी तो इसके कान खड़े हो हुए और वो गेस्ट रूम की तरफ बढ़ गया। गेस्ट रूम के दरवाजे पर उसने कान लगा दिए तो उसे अंदर से शमा की तेज तेज मस्ती भरी सिसकारियां सुनाई दी और नासिर को यकीन नही हुआ कि ऐसा कैसे हो सकता हैं ? क्या ये दोनो सगे भाई बहन आपस में सेक्स कर रहे हैं। तभी नासिर को याद आया कि गेस्ट रूम के बराबर में एक स्टोर रूम हैं जिसकी खिड़की गेस्ट रूम में खुलती है। वो दबे पांव स्टोर रूम में पहुंचा और उसकी किस्मत अच्छी थी। खिड़की पूरी तरह से बंद नही थी और उसने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाई और धीरे से खिड़की के सामने खड़ा हुआ होकर अपना मोबाइल फिर से बंद किया और खिड़की के अंदर झांका तो उसे 440 वोल्ट का करंट लगा। अंदर शमा पूरी तरह से नंगी थी और उसका मोटा थुलथुला शरीर बेड पर फैला हुआ था और शाहिद उसकी टांगो के बीच मुंह घुसा कर उसकी चूत चाट रहा था।
शमा के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी और वो मस्ती से अपने भाई का सिर अपने दोनो हाथो से अपनी जांघो में बीच घुसाए हुए थी। उफ्फ ये कैसे भाई बहन है दोनो, ये शमा तो कितनी मोटी हैं लेकिन फिर भी कितनी तेज हैं अपने सगे भाई को ही फंसा लिया।
नासिर सोच ही रहा था कि तभी मस्ती से सिसक रही शमा ने शाहिद को अपने ऊपर खींच लिया और उसका लंड पहली बार नासिर की आंखो के सामने आ गया तो नासिर को मानो यकीन ही नहीं हुआ। शाहिद का लंड उसके लंड से दोगुना मोटा लंबा तो दोगुने से भी ज्यादा हो लग रहा था। उसने मूवी में जो लंड देखा था शाहिद का लंड उससे भी ज्यादा बड़ा और मोटा था। नासिर की सांसे तेज हो गई और वो सोच रहा था कि कैसे ये लंड शमा अपनी चूत में लेती होगी। तभी शमा ने एक करवट लेकर अपनी जांघो को खोल दिया और उसकी फटी हुई चूत बिल्कुल भोसड़े जैसी चौड़ी खुल गई तो नासिर को समझ आया कि उसका चूत का ये हाल जरूर शाहिद ने अपने लंड से किया है। नासिर मन ही मन उसके भोसड़े की तुलना साजिया की कसी हुई चूत से करने लगा तो नासिर का लंड उछल उछल पड़ने लगा। शाहिद ने शमा की गांड़ को जोर से मसला और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया तो लंड के मोटे आलू जैसे सुपाड़े के आगे शमा का भोसड़ा बिलकुल पूरी तरह से ढक गया। नासिर का लंड अकड़ गया और नासिर अपना लंड सहलाते हुए देखने लगा और जैसे ही शाहिद ने धक्का मारा तो शमा की चूत किसी गुब्बारे की तरह फटकर खुल गई और लंड का सुपाड़ा अंदर घुस गया। शमा दर्द से तड़प उठी और बेड शीट को अपने हाथो में कस लिया। नासिर की आंखे हैरानी से फट गई कि इतने चौड़े भोसड़े वाली शमा जोर लंड के सुपाड़े से ही तड़प उठी। उफ्फ अगर ये साजिया की चूत होती तो साजिया का क्या हाल होगा ये सोचकर ही नासिर जोश में आ गया और जोर जोर से अपने लंड को हिलाने लगा। तभी शाहिद ने एक तकिया उसके मुंह पर रखा और शमा के दोनो कंधो को पूरी मजबूती से थामा और एक तगड़ा धक्का लगाया और लंड उसकी चूत में घुसता चला गया। पूरा का पूरा बिलकुल जड़ तक। शमा की घुटी घुटी सी चींखे तकिए में दबकर रह गई और शाहिद ने बिना देर किए उसकी चूत को फाड़ना शुरू कर दिया और शमा तकिए में मुंह में दबाए सिसक रही थी। कुछ धक्कों के बाद उसका दर्द कम हुआ तो उसने तकिया मुंह पर से हटा दिया और उसका आंसुओ से भीगा हुआ चेहरा देखकर नासिर को उसके दर्द का एहसास हुआ। काश ये दर्द उसकी साजिया को हो रहा होता तो मुझे कितना अच्छा लगता ये सोचते ही नासिर को शमा की जगह साजिया नजर आने लगी और उसकी चूत को ठोकता हुआ शाहिद। शमा उसके नीचे पड़ी हुई सिसक रही थी, तड़प रही थी, कराह रही थी और शाहिद किसी जोशीले सांड की तरह उसे चोद रहा था।
शमा की सिसकियां अब जोर जोर से गूंज रही थी और वो अपने भाई की आंखो में देखते हुए चुद रही थी। शाहिद पागलों की तरह उसकी चूचियों को मसल रहा था और भींच रहा रहा मानो उन्हें उखाड़ ही देगा। नासिर ने देखा कि अब शमा की गांड़ नीचे से मस्ती में हिल रही थी और देखते ही देखते शमा की सिसकियां तेज और तेज होती चली गई और शीतकारो में बदल गई और उसका पूरा बदन कांप उठा और इसके साथ ही उसकी चूत झड़ती चली गई। नासिर का लंड शमा की चूत के साथ ही झड़ गया और नासिर ने देखा कि झड़ने से गीली चूत में लंड और तेजी से घुसने लगा। दर्द से तड़प रही, कराह रही शमा उससे छूटने की कोशिश करती लेकिन उसकी उसकी मजबूत पकड़ के आगे हिल भी नहीं पा रही थी। शाहिद ने करीब दो घंटे तक बिना रुके बिना थके शमा को बुरी तरह से रौंदा, मसला और उसके बाद जब जब उसके लंड में उफान आया तो धक्के इतने थे कि पूरा बेड चरमरा रहा रहा था मानो टूट जायेगा। किसी जंगली शेर की दहाड़ते हुए शाहिद ने अपने लंड का आखिर धक्का अपनी बहन की चूत में मारा और उसके उपर गिरकर उसे अपने नीचे दब लिया। नासिर शाहिद के लंड और उसकी ताकत का मुरीद हो गया और उसने फैसला कर लिया कि किसी भी कीमत पर वो साजिया को शाहिद से चुदवा कर अपनी बेइज्जती का बदला जरूर लेगा। अपनी आंखों में एक खुशी और उत्साह लिए हुए नासिर अपने बेडरूम में आया और उनसे दयनीय भाव से एक बार साजिया को देखा और सोती हुई के होंठ को चूम लिया और उससे लिपटकर सो गया।
Awesome update4अगले दिन सुबह जब सुबह साजिया नहा रही थी तो नासिर बाथरूम में घुस गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया तो साजिया मस्ती में आ गई क्योंकि उसे ये सब बहुत पसंद आया और आज कई साल के बाद वो अपने शौहर के साथ नंगी नहा रही थी।
नहाकर दोनो बाहर आ गए और उसके बाद दोनों ने नाश्ता किया और नासिर अपने ऑफिस में चला गया और काम में लग गया। नासिर ने जल्दी से अपना काम खत्म किया और फिर नई साइट को देखने के लिए चल पड़ा। नासिर एक प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था और जमीन सस्ते दाम में लेकर इस पर बिल्डिंग बनाकर बेचना उसका काम था और घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी।
नई साइट पर अब उसे काम शुरू करना था और इसके लिए उसे मजदूरों के साथ साथ कुछ सिविल इंजीनियर की भी जरूरत थी। साइट को उसने अच्छे से देखा और फिर उसे कितने आदमियों की जरूरत पड़ेगी उसके हिसाब से उसने विज्ञापन दिया और एक बार फिर से अपने ऑफिस में बैठ गया और सोच में डूब गया। उसे बार बार रात की बात याद आ रही थी कि उसकी बीवी किस तरह एक बड़े लंड को देखकर बहक गई थी। मतलब उसकी बीवी एक बड़े लंड से चुदना चाहती है। किस तरह तड़प तड़प कर मुझसे चिपक रही थी लंड देखकर देखकर। जब वो बड़े लंड से चुदेगी और पूरी तरह से तड़पेगी तो उसका दर्द भरा चेहरा देख कर मुझे बेहद सुकून मिलेगा क्योंकि उसने जो मेरी बेइज्जती करी हैं उसका यही सही बदला होगा साजिया से।
लेकिन वीडियो देख कर बहकना और सच में सेक्स करना अलग अलग बात हैं और वो जनता था कि उसकी बीवी कभी उसके लिए राजी नहीं होगी। नासिर के लिए दूसरी समस्या ये भी थी बड़ा लंड कहां से लाए क्योंकि वीडियो जितना बड़ा लंड मिलना बहुत ही मुश्किल काम था। दूसरी बात लंड मिल भी गया तो क्या वो उससे कह पाएगा कि मेरी बीवी को चोद दो। वो आदमी मेरे बारे में क्या सोचेगा और साजिया क्यों एक अजनबी आदमी से भला चुदवायेगी।।
मुझे साजिया को थोड़ा सा बदलना होगा और साथ ही साथ आदमी ऐसा होना चाहिए जिसे साजिया खुद पसंद करे। लेकिन वो भला क्यों पसंद करेगी। मुझे इसके लिए खुद ही पहल करनी होगी। सबसे पहले तो मुझे साजिया का ध्यान इस तरफ करना होगा कि मजे से लिए किसी से चुदना गलत नही होगा। चलो मान लिया साजिया चुद भी गई और बाद में उस आदमी ने हमे परेशान किया या ब्लैकमेल किया तो तब क्या होगा ? हम दोनो तो किसी को मुंह दिखाने के लायक भी नहीं रहेंगे।
नासिर के लिए एक नही बड़ी सारी समस्या थी और उसने देखा कि शाम को गई थी तो वो अपने घर की तरफ निकल पड़ा घर जाकर देखा कि साजिया किसी से हंस हंस कर फोन पर बात कर रही थी तो वो अपना बैग रखकर फ्रेश होने चला गया।
वो बाहर आया तो टेबल पर खाना लग गया था और दोनो खाना खा रहे थे।
नासिर:" किसका फोन आया था ? सब ठीक हैं ना ?
साजिया:" अरे सब ठीक है। वो मेरी एक सहेली शमा थी साथ में पढ़ती थी तो उसका फोन आया था अपने भाई के लिए जॉब के लिए बोल रही थी। बोल रही थी कि सिविल इंजीनियर हैं अभी पढ़ाई करके आया हैं विदेश से। आपने शायद कोई विज्ञापन दिया था।
नासिर:" ओह अरे याद आया मुझे लड़के तो चाहिए लेकिन थोड़ी अनुभवी होने चाहिए।
साजिया:" लेकिन वो तो फ्रेशर ही हैं अभी। बोल रही थी कि बहुत अच्छा लड़का हैं। देख लो अगर बात बन जाए तो।
नासिर:" अब देखना हो क्या ? जब तुमने बोल दिया तो समझो नौकरी पक्की। बोल देना उसे कल आ जायेगा इंटरव्यू के लिए। बस अब खुश।
साजिया ने उसे एक स्माइल दी और बोली:" शुक्रिया, अभी मेरी अपनी सहेली के आगे इज्जत तो बच जायेगी।
नासिर ने भी उसे स्माइल दी और थोड़ी देर के बाद खाना खाकर दोनो बेड पर पहुंच गए और नासिर ने उसे फिर से अपनी बांहों में भर लिया तो साजिया बोली:"
" क्या इरादा हैं जनाब ?
नासिर ने उसकी एक चूची को सहला दिया और बोला :"
" इरादे तो तुम्हे पता ही है। अच्छा एक बात बताओ रात वीडियो कैसी लगी थी ?
साजिया को वीडियो की याद आते ही इसके पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ गई और बोली:"
" ठीक थी बस।
नासिर ने अपना मोबाइल उठा लिया और फिर से वीडियो चलाने लगा तो साजिया ने उसे रोक दिया क्योंकि वो जानती थी कि वो फिर से बहक जाएगी और वो रात से ही अपनी हरकत पर शर्मिंदा थी और आज ऐसा कुछ नही करना चाहती थी।
नासिर:" ओह इसका मतलब तुम्हे वीडियो पसंद नहीं आई ?
साजिया:" नही मैने ऐसा तो नहीं कहा ?
नासिर:" तो फिर आज फिर से देखे वही वीडियो ? वैसे भी रात अधूरी ही रह गई थी।
साजिया अपने शौहर से लिपट गई और बोली:"
" नहीं आज रहने दीजिए। आज मन नही है। बस आपकी बांहों में सोना चाहती हू।
नासिर ने उसे परेशान करना ठीक नहीं समझा और उसे गले से लगा लिया। थोड़ी देर के बाद दोनो को नींद आ गई। सुबह उठकर नाश्ता करने के बाद जैसे ही नासिर ऑफिस जाने के लिए निकलता उससे पहले ही डोरबेल बज उठी और उसने दरवाजा खोला तो सामने एक करीब 38 साल की थोड़ी मोटी सी थुलथुल सी महिला एक बहुत ही खूबसूरत लड़का खड़ा हुआ था। दोनो ने नासिर को सलाम किया एयर औरत बोली:"
" क्या ये नासिर भाई साहब का घर हैं ?
नासिर ने उन्हें हैरानी से देखा और बोला:" हान जी मैं ही नासिर हु। कहिए आपको क्या काम था ?
औरत:" जी मेरा नाम शमा हैं और मैं साजिया की सहेली हु।
नासिर उसकी बात सुनकर रास्ते से हट गया और स्माइल करते हुए बोला:"
" आइए आइए ना अंदर आइए आप। अरे साजिया देखो शमा बाजी आई है।
नासिर उन्हें अपने साथ लिए घर के अंदर आ गया और शमा के साथ साथ उसका भाई शाहिद भी अंदर आ गया। दोनो भाई बहन घर की चकाचौंध को देखकर हैरान थे। अंदर से साजिया भी आ गई और शमा को देखते ही उसके गले लग गई। दोनो थोड़ी देर के बाद अलग हुई और शमा बोली:"
" ये है मेरा छोटा भाई शाहिद इसके लिए ही मैने तुम्हे कॉल किया था।
साजिया ने पहली बार शाहिद पर नजर डाली और मन ही मन उसकी खूबसूरती की तारीफ किए बिना ना रह सकी। शाहिद ने साजिया को सलाम किया तो साजिया ने स्माइल के साथ उसका जवाब दिया और बोली:"
" कैसे हो शाहिद ?
शाहिद:" बस ठीक हु बाजी। जॉब की ही कमी थी उम्मीद है अब वो भी मिल जाएगी।
साजिया ने एक बार अपने शौहर की तरफ देखा और बोली:"
" जॉब की बात तो आप इनसे लीजिए। सब कुछ इनके ही हाथ में है।
इतना कहकर उसने नासिर को स्माइल दी। नासिर अपनी बीवी को नाराज थोड़े ही कर सकता था इसलिए बोला:"
" अब मेरी इतनी हिम्मत कहां कि मैं साजिया बेगम की बात को इंकार करू तो समझो आज से तुम्हारी जॉब पक्की। अब थोड़ा मेहनत ज्यादा करनी होगी तुम्हे क्योंकि अभी तुम्हे सब कुछ सीखना होगा।
नाशिरकी बात साजिया शर्म से लाल हो गई और शाहिद ने सुकून की सांस ली और बोला:" शुक्रिया भाई साहब। मैं अपना जी जान लगा दुगा लेकिन आपको शिकायत का मौका नही दूंगा।
साजिया:" अब तो जॉब मिल गई और क्यों खड़े हुए हो सभी ? आप बैठो आप सब। मैं अभी आई।
इतना कहकर साजिया चली गई और मैं शमा और शाहिद से बात करने लगा। थोड़ी देर के बाद वो नाश्ता लेकर आ गई और हम सबने साथ में नाश्ता किया और उसके बाद मैं शाहिद को अपने साथ लेकर ऑफिस के लिए निकल गया। गाड़ी मैं खुद ही चला रहा था लेकिन फिर भी मैंने जानकारी के लिए पूछा :"
" शाहिद क्या तुम गाड़ी भी चला लेते हो ?
शाहिद:" हान सर, मैं गाड़ी बहुत अच्छे से चला लेता हु।
नासिर:" और यार एक बात बताओ तुम अच्छी खासे स्मार्ट हो और बॉडी भी तगड़ी बनाई हैं फिर तुम्हे तो मॉडलिंग में होना चाहिए। ये कहां तुम सिविल इंजीनियर की जॉब में आ रहे हो मियां ?
अपनी तारीफ सुनकर शाहिद खुश हुआ लेकिन आत्म विश्वास के साथ बोला:"
" ये सब तो मेरा शोक था सर इसलिए बन गई लेकिन सिविल इंजीनियर बनना मेरा जुनून है।
नासिर को उसका आत्म विश्वास पसंद आया और उसके बाद थोड़ी ही देर बाद दोनो ऑफिस पहुंच गए तो नासिर ने अब्दुल को बुलाया और बोला:"
" अब्दुल ये नए सिविल इंजीनियर हैं शाहिद। इन्हे एक हफ्ते के अंदर काम सीखा दीजिए। बहुत मेहनती लड़का है तो तुम्हे दिक्कत भी नही होगी।
अब्दुल ने शाहिद को एक भरपूर नजर देखा और बोला:"
" आप फिक्र मत कीजिए साहब। मैं इन्हें सब सिखा दूंगा।
शाहिद अब्दुल के चला गया और नासिर अपने काम में लग गया। दोपहर को साजिया का फोन आया और बोली:"
" शाम को थोड़ा जल्दी आ जाना, बाजार में मुझे बहुत सारे काम हैं और मेहमान भी आए हैं तो खाने का भी देखना होगा।
नासिर:" अच्छा ठीक हैं मैं कोशिश करता हु शाम को जल्दी निकलने की।
इतना कहकर उसने फोन काट दिया और एक मीटिंग में लग गया। करीब पांच बजे तक मीटिंग खत्म हुई और तभी फिर से साजिया का फोन आया लेकिन नासिर अभी जाने की स्थिति में नहीं था इसलिए बोला:"
" मुझे तो अभी काम हैं, एक काम करता हु शाहिद को गाड़ी लेकर भेज देता हु। वो तुम्हे बाजार ले जायेगा।
साजिया:" अरे वो तो बिलकुल नया हैं शहर के लिए, कही कोई दिक्कत न हो जाए ?
नासिर:" तुम फिक्र मत करो, वो एक सिविल इंजीनियर हैं और कोई बच्चा भी नही है। मैं उसे भेज देता हु।
इतना कहकर उसने फोन काट दिया और शाहिद को सब समझाया और घर के लिए भेज दिया और अपने काम में लग गया। शाम को काम खत्म करने के बाद मैं अपने घर पहुंचा तो देखा कि तीनो हॉल में बैठे हुए थे और खूब घुलमिल कर बाते कर रहे थे। मैं साजिया के स्वभाव से अच्छी तरह वाकिफ था कि वो बहुत ही मिलनसार हैं इसलिए मैं फ्रेश हुआ और उसके बाद हमने खाया और साजिया बोली:"
" देखो ना नासिर शमा कल ही जाने के लिए बोल रही है। इतने दिन बाद तो मिली हैं और एक दिन के अंदर ही जाने के लिए बोल रही है। इसे कहो ना कुछ दिन और रुक जाए। मेरा भी थोड़ा मन लगा रहेगा।
इससे पहले की नासिर कुछ बोलता शमा बोल पड़ी:"
" अरे यार अब तो शाहिद आपके ऑफिस में जॉब करेगा ही इसलिए मेरा आना जाना लगा रहेगा। मुझे कल शाम को ही अपने शौहर के साथ कुछ जरूरी काम से दिल्ली जाना होगा।
नासिर:" जब इन्हें काम हैं तो जाने दो ना। बाद में फिर आ जाएगी।
साजिया:" अच्छा ठीक हैं मैडम। लेकिन बीच बीच में आते रहना समझी तुम। चलो रात बहुत हो गई आपको कमरा दिखा देती हु।
इतना कहकर साजिया उन्हें अपने साथ ले गई और हॉल में अंत में बने हुए गेस्ट रूम में उन्हें ठहरा दिया और इसके बाद साजिया अपने कमरे में आ गई। दिन भर का थका होने के कारण नासिर आज जल्दी सोने के मूड में था लेकिन साजिया ने आते ही उसे अपनी बाहों मे भर लिया और नासिर ना चाहते हुए भी उसका साथ देने लगा और थोड़ी देर के बाद दोनो नंगे होकर एक दूसरे से गुत्थम गुत्था होने लगे और रोज की तरह आज भी नासिर साजिया के आगे ज्यादा देर नहीं टिक पाया और साजिया आज रात फिर से तड़प कर ही रह गई। थोड़ी देर दोनो बात करते रहे और उसके बाद दोनो सो गए।
रात के करीब दो बजे नासिर को बाथरूम लगा तो वो बाहर निकल गया और हॉल को पार करता हुआ बाथरूम के सामने पहुंचा तो उसे कुछ आवाजे सुनाई दी। नासिर ने बाथरूम किया और फिर से उसे आवाज सुनी तो इसके कान खड़े हो हुए और वो गेस्ट रूम की तरफ बढ़ गया। गेस्ट रूम के दरवाजे पर उसने कान लगा दिए तो उसे अंदर से शमा की तेज तेज मस्ती भरी सिसकारियां सुनाई दी और नासिर को यकीन नही हुआ कि ऐसा कैसे हो सकता हैं ? क्या ये दोनो सगे भाई बहन आपस में सेक्स कर रहे हैं। तभी नासिर को याद आया कि गेस्ट रूम के बराबर में एक स्टोर रूम हैं जिसकी खिड़की गेस्ट रूम में खुलती है। वो दबे पांव स्टोर रूम में पहुंचा और उसकी किस्मत अच्छी थी। खिड़की पूरी तरह से बंद नही थी और उसने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाई और धीरे से खिड़की के सामने खड़ा हुआ होकर अपना मोबाइल फिर से बंद किया और खिड़की के अंदर झांका तो उसे 440 वोल्ट का करंट लगा। अंदर शमा पूरी तरह से नंगी थी और उसका मोटा थुलथुला शरीर बेड पर फैला हुआ था और शाहिद उसकी टांगो के बीच मुंह घुसा कर उसकी चूत चाट रहा था।
शमा के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी और वो मस्ती से अपने भाई का सिर अपने दोनो हाथो से अपनी जांघो में बीच घुसाए हुए थी। उफ्फ ये कैसे भाई बहन है दोनो, ये शमा तो कितनी मोटी हैं लेकिन फिर भी कितनी तेज हैं अपने सगे भाई को ही फंसा लिया।
नासिर सोच ही रहा था कि तभी मस्ती से सिसक रही शमा ने शाहिद को अपने ऊपर खींच लिया और उसका लंड पहली बार नासिर की आंखो के सामने आ गया तो नासिर को मानो यकीन ही नहीं हुआ। शाहिद का लंड उसके लंड से दोगुना मोटा लंबा तो दोगुने से भी ज्यादा हो लग रहा था। उसने मूवी में जो लंड देखा था शाहिद का लंड उससे भी ज्यादा बड़ा और मोटा था। नासिर की सांसे तेज हो गई और वो सोच रहा था कि कैसे ये लंड शमा अपनी चूत में लेती होगी। तभी शमा ने एक करवट लेकर अपनी जांघो को खोल दिया और उसकी फटी हुई चूत बिल्कुल भोसड़े जैसी चौड़ी खुल गई तो नासिर को समझ आया कि उसका चूत का ये हाल जरूर शाहिद ने अपने लंड से किया है। नासिर मन ही मन उसके भोसड़े की तुलना साजिया की कसी हुई चूत से करने लगा तो नासिर का लंड उछल उछल पड़ने लगा। शाहिद ने शमा की गांड़ को जोर से मसला और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया तो लंड के मोटे आलू जैसे सुपाड़े के आगे शमा का भोसड़ा बिलकुल पूरी तरह से ढक गया। नासिर का लंड अकड़ गया और नासिर अपना लंड सहलाते हुए देखने लगा और जैसे ही शाहिद ने धक्का मारा तो शमा की चूत किसी गुब्बारे की तरह फटकर खुल गई और लंड का सुपाड़ा अंदर घुस गया। शमा दर्द से तड़प उठी और बेड शीट को अपने हाथो में कस लिया। नासिर की आंखे हैरानी से फट गई कि इतने चौड़े भोसड़े वाली शमा जोर लंड के सुपाड़े से ही तड़प उठी। उफ्फ अगर ये साजिया की चूत होती तो साजिया का क्या हाल होगा ये सोचकर ही नासिर जोश में आ गया और जोर जोर से अपने लंड को हिलाने लगा। तभी शाहिद ने एक तकिया उसके मुंह पर रखा और शमा के दोनो कंधो को पूरी मजबूती से थामा और एक तगड़ा धक्का लगाया और लंड उसकी चूत में घुसता चला गया। पूरा का पूरा बिलकुल जड़ तक। शमा की घुटी घुटी सी चींखे तकिए में दबकर रह गई और शाहिद ने बिना देर किए उसकी चूत को फाड़ना शुरू कर दिया और शमा तकिए में मुंह में दबाए सिसक रही थी। कुछ धक्कों के बाद उसका दर्द कम हुआ तो उसने तकिया मुंह पर से हटा दिया और उसका आंसुओ से भीगा हुआ चेहरा देखकर नासिर को उसके दर्द का एहसास हुआ। काश ये दर्द उसकी साजिया को हो रहा होता तो मुझे कितना अच्छा लगता ये सोचते ही नासिर को शमा की जगह साजिया नजर आने लगी और उसकी चूत को ठोकता हुआ शाहिद। शमा उसके नीचे पड़ी हुई सिसक रही थी, तड़प रही थी, कराह रही थी और शाहिद किसी जोशीले सांड की तरह उसे चोद रहा था।
शमा की सिसकियां अब जोर जोर से गूंज रही थी और वो अपने भाई की आंखो में देखते हुए चुद रही थी। शाहिद पागलों की तरह उसकी चूचियों को मसल रहा था और भींच रहा रहा मानो उन्हें उखाड़ ही देगा। नासिर ने देखा कि अब शमा की गांड़ नीचे से मस्ती में हिल रही थी और देखते ही देखते शमा की सिसकियां तेज और तेज होती चली गई और शीतकारो में बदल गई और उसका पूरा बदन कांप उठा और इसके साथ ही उसकी चूत झड़ती चली गई। नासिर का लंड शमा की चूत के साथ ही झड़ गया और नासिर ने देखा कि झड़ने से गीली चूत में लंड और तेजी से घुसने लगा। दर्द से तड़प रही, कराह रही शमा उससे छूटने की कोशिश करती लेकिन उसकी उसकी मजबूत पकड़ के आगे हिल भी नहीं पा रही थी। शाहिद ने करीब दो घंटे तक बिना रुके बिना थके शमा को बुरी तरह से रौंदा, मसला और उसके बाद जब जब उसके लंड में उफान आया तो धक्के इतने थे कि पूरा बेड चरमरा रहा रहा था मानो टूट जायेगा। किसी जंगली शेर की दहाड़ते हुए शाहिद ने अपने लंड का आखिर धक्का अपनी बहन की चूत में मारा और उसके उपर गिरकर उसे अपने नीचे दब लिया। नासिर शाहिद के लंड और उसकी ताकत का मुरीद हो गया और उसने फैसला कर लिया कि किसी भी कीमत पर वो साजिया को शाहिद से चुदवा कर अपनी बेइज्जती का बदला जरूर लेगा। अपनी आंखों में एक खुशी और उत्साह लिए हुए नासिर अपने बेडरूम में आया और उनसे दयनीय भाव से एक बार साजिया को देखा और सोती हुई के होंठ को चूम लिया और उससे लिपटकर सो गया।