करीब 11 बजे तक सब घर पहुंच गए और मैं और साजिया बेडरूम में लेते हुए थे जबकि साहिल अपने रूम में चला गया था। मुझे समझ नही आ रहा था कि साजिया को किस तरह सही राह पर फिर से वापिस लाया जाए। साजिया ने प्यार दिखाते हुए अपने सिर को मेरे कंधे पर टिका दिया और बोली:"
" आप आज नाराज थे जब मैंने वो ड्रेस पहनी ?
नासिर:" हान नाराज तो था, तुम्हे खुद ही सोचना चाहिए कि तुम्हे क्या पहनना चाहिए और क्या नहीं ?
साजिया बिलकुल शांत थी इसलिए मेरे बालो में उंगली घुमाते हुए प्यार से बोली:"
" आप ही तो मुझे ऐसी ड्रेस में देखना चाहते थे। फिर अब आपको बुरा क्यों लग रहा है ? मैं आपको आज तक ठीक से समझ नही पा रही हूं।
नासिर:" यार मैं शायद उस समय बहक गया था। और फिर आज के तुम्हारे कपड़े कुछ ज्यादा ही कसे हुए थे। देखा तुमने कैसे लोग तुझे घूर रहे थे।
साजिया:" हान देखा था मैंने सब मुझे ही देख रहे थे। आपकी बात सच हुई कि सब मुझे देखकर पागल हो जाएंगे।
नासिर:" वो तो होने ही थे, एक तो तुम हो इतनी खूबसूरत और उपर से तुम्हारा शरीर लोगो को दीवाना बना रहा था। लेकिन आगे से ऐसे कपड़े मत पहनना तुम।
साजिया हल्की सी हंसी और बोली:" क्यों आपको डर लगता है कि मैं किसी और के चक्कर में आपको छोड़ दूंगी।
नासिर साजिया की उसे छोड़ने की बात सुनकर अंदर तक कांप उठा। उसकी रूह तक साजिया के जुदा होने की बात से सहम सी गई और साहिल बोला:*
" बस साजिया बस,आज के बाद फिर कभी ऐसी बात मत करना, मैं जानता हूं मेरी साजिया मुझे कभी नही छोड़ सकती।
साजिया ने मेरे होंठ चूम लिए और बोली:" कभी नही और किसी भी कीमत पर नहीं।
नासिर अपनी बीवी की बात सुनकर खुश हुआ और उसे अपनी बांहों में भर लिया तो साजिया भी खुद उसके आगोश में चली गई और बोली
:" बस चलो अब सो जाओ। फिर सुबह आपको जल्दी उठना भी होगा ऑफिस के लिए।
मुझे भी साजिया की बात ठीक लगी और सोने की कोशिश करने लगा। आज मैने अपनी टांग को साजिया की टांग के उपर चढ़ा कर रख दिया था ताकि अगर वो जाए तो मुझे नींद खुल जाए।
थोड़ी देर तक बिलकुल खामोशी छाई राही और साजिया हल्का सा हिली और उसने अपने मोबाइल की ब्राइटनेस बिलकुल कम करके फोन को बैटरी सेवर मोड़ पर लगा दिया ताकि मुझे किसी भी तरह की कोई आवाज न सुनाई दे। फिर साजिया एक तरफ करवट लेकर फोन में लग गई और मुझे समझ नही आ रहा था कि अभी थोड़ी देर पहले सिर्फ मेरी होने का दम भरने वाली साजिया इतनी रात को किससे चैट कर रही थी। मैने जान बूझकर खर्राटे लेने शुरू कर दिए और थोड़ी देर बाद ही साजिया ने बेहद धीरे से मेरा पैर हटा लिया मानो नींद में करवट ले रही हो। मैं खामोशी से पड़ा रहा और साजिया धीरे से उठी और दबे पांव फिर से कमरे से बाहर निकल गई। मेरा साजिया पर बना सारा यकीन फिर से खत्म हो गया। बाहर हॉल की लाइट बंद थी और साहिल के कमरे की भी तो मुझे साहिल और साजिया दोनो ही नजर नहीं आ रहे थे। थोड़ी देर के बाद ही फिर से मुझे साजिया की मादक सिसकियां और कराह सुनाई दी तो मेरे कान फटे जा रहे थे। जितनी जोर से साजिया सिसक रही थी उससे कहीं ज्यादा जोर से मेरा दिल टूट रहा था। अब मैंने पूरी तरह से सोच लिया कि आज के बाद साजिया को सही रास्ते पर लाने के लिए मैं सब कुछ करूंगा। एक बात साफ थी कि अब उसकी समझ में कुछ नही आने वाला था और साजिया मेरी प्यार की भाषा भी नही समझने वाली थी। साहिल ने भी मेरे साथ धोखा किया हैं और उसे भी मैं नही छोड़ने वाला। मेरी आंखो से आंसु नही बल्कि अंगारे बरस रहे थे और जिस्म का रोम रोम बदले की आग में जल रहा था। साजिया की सिसकियां अब मेरे इरादो को और मजबूत कर रही थी। मैने सोच लिया कि आज आखिरी रात हैं जितनी मस्ती करनी है कर लो क्योंकि कल से तुम्हे मैं कोई मौका नहीं दूंगा।
अगले दिन सुबह मैं लेट सोकर उठा और जल्दी से तैयार होकर मैं साहिल को अपने साथी लेकर ऑफिस आ गया। साहिल दूसरे कमरे में था और मैने सबसे ज्यादा फैसला किया कि साहिल को अपने घर से बाहर निकाल दूंगा ताकि साजिया उससे मिल ना सके। लेकिन इसके लिए मुझे किसी अच्छे बहाने की जरूरत थी और मैं उसी दिशा में सोच रहा था।
पूरे दिन काम करने के बाद मैं शाम को घर पहुंच गया। फ्रेश होकर जैसे ही खाना खाने लगे तो सामने बैठी हुई साजिया पर मेरी नजर पड़ी तो मुझे एक झटका सा लगा। उसके कान में सोने की दो जोड़ी बालियां होती थी जबकि अभी सिर्फ एक ही दिख रही थी। मैं उससे पुछा:*
" अरे साजिया तुम्हारी कानो की बाली कहां चली गई ? सिर्फ एक ही दिख रही है।
साजिया मेरी बात सुनकर कांप सी गई और उसके चेहरे पर एक के बाद एक रंग आए और गए। उससे ज्यादा बुरा हाल साहिल का था जिसके माथे पर साफ पसीना छलक रहा था। मुझे समझ आया कि बाली साजिया ने साहिल को दी हैं लेकिन क्यों।
साजिया ने चौंकते हुए अपने कान छुए और अपने चेहरे पर हैरत लाते हुए बोली:"
" हाय मेरे अल्लाह, मेरी बाली कहां चली गई ? कल तक तो थी मेरे कान में।
मुझे उसकी एक्टिंग साफ समझ आ रही थीं। तभी साहिल बीच में बोल पड़ा
" कहीं घर मे ही गिर गई होंगी। मिल जायेगी सफाई करते हुए आपको।
मैने कुछ नही कहा और खाना खाकर अपने रूम में आ गया और कल से अब तक की कैमरे की सारी रिकॉर्डिंग देखने लग गया तो मेरा शक सही निकला और साहिल बोला रहा था कि आपकी बाली बेहद खूबसूरत हैं शमा बाजी कब से ऐसी बाली के लिए सोच रही है लेकिन पैसे नही होने के कारण नहीं बना पा रही हैं। उसकी बात सुनकर साजिया खुद ही अपने कानो से बाली निकालकर उसे दे देती है कि लो मेरी तरफ से शमा को गिफ्ट कर देना।
ये सब देख कर मैंने अपना सिर ही पीट लिया। गहनों को औरत अपनी जान से ज्यादा प्यार करती हैं और मैं पहली औरत देखी जो आपके गहने अपने यार पर लूटा रही थी। अब एक बात बिलकुल शीशे की तरह साफ थी कि मेरी सोच से काफी ज्यादा दूर निकल गई थी। साजिया को सही रास्ते पर लाना बहुत ज्यादा मुश्किल था और ये अभी नहीं हो कभी नही जैसे हालात थे।
थोड़ी देर के बाद साजिया साजिया वापिस आ गई और उसके हाथ में दूध का एक ग्लास था और दूसरा ट्रे में जो यकीनन साहिल के लिए था। उसने मुझे दूध का ग्लास दिया और बोली:"
" आप दूध पियो मैं साहिल को दूध देकर आती हु।
मैं अब साजिया को कोई ढील नही देना चाहता था इसलिए बोला:"
" जाओ जल्दी देकर आना। एक काम कर देना साहिल का सामान फिर से गेस्ट रूम में सेट कर देना।
साजिया जाते जाते पलट और बोली:" क्यों क्या हो गया ? यही ठीक तो है कोई गेस्ट आ गया तो बाद में दिक्कत होगी।
मैं जानता था कि साजिया का यही उत्तर होगा क्योंकि गेस्ट हाउस हॉल से जाती हुई गैलरी के बिलकुल अंतिम सिरे पर था और साजिया के लिए रोज वहां चुदने जाना आसान नहीं होता और फंसने का खतरा था। जबकि बराबर का रूम सीधे हॉल में खुलने के कारण वो पूरी तरह से बच सकती थीं।
नासिर:" अरे यार, आता ही कौन हैं हमारे पास ? फिर कोई आया भी तो बाद में देख लेंगे।
साजिया ने ज्यादा बहस करना ठीक नहीं समझा लेकिन बात को घुमाते हुए बोली:"
" ठीक हैं कर दूंगी। लेकिन अभी तो काम से थक गई हु तो कल दिन में आराम से कर दूंगी।
इतना कहकर वो बाहर निकल गई। मैं समझ गया था कि साजिया बहाना बनाकर निकल गई थी। साजिया कम से कम आज तो जी भरकर बिना डर के चुद सकती थीं। वो साहिल के रूम में चली गई और उसे दूध दिया और उदास सी बैठ गई तो साहिल बोला:"
" क्या हुआ मेरी जान उदास क्यों हैं लग रही है इतनी ?
साजिया:" क्या बताऊं यार लगता हैं नासिर को हम पर शक हो रहा है, बोल रहा है कि तुम्हे गेस्ट रूम में सोने के लिए शिफ्ट कर दू।
साहिल परेशान सा हो उठा और बोला:" यार ये तो सच में बहुत सोचने वाली बात हैं मेरी जान। लेकिन तुम औरत हो उसे अपनी अदाओं से बहका सकती हो। तुम उससे नाराज हो जाओ तो वो फिर तुम्हारी कोई बात नही टाल सकता हैं।
इतना कहकर साजिया को उसने अपनी बांहों में भर लिया और साजिया भी उससे लिपट गई और बोली:" तुम चिंता मत करो। मैं कोशिश करती हु कि उसे बहला फुसलाकर मना लू।
साहिल:" हान क्योंकि रोज रोज तो तुम गेस्ट रूम में चुदने नही आ सकती थी आधी रात को।
इतना कहकर उसने साजिया की गांड़ को मसल दिया तो साजिया जोर से सिसक उठी और उससे छूट कर बोली:"
" अच्छा अभी चलती हु। रात को आऊंगी। बाली के लिए क्या बोलूं उसे ?
साहिल:" यार मैं तुम्हे वापिस दे दूंगा। उसे बोल देना कि मिल गई घर में ही गिर गई थी।
साजिया गुस्से से:" पागल हो क्या तुम , एक बार गिफ्ट करी हुई चीज वापिस नही ले सकती। अब तो शमा मेरे सहेली के साथ साथ तुम्हारी बहन भी तो है।
साहिल:" अच्छा जी, फिर एक काम करते हैं उससे बोल देना कि रात शायद मॉल में कहीं गिर गई होंगी।
साजिया:" हान ये ठीक रहेगा। अच्छा अब मैं चलती हु। रात को आऊंगी।
इतना कहकर साजिया बाहर आ गई और मैं ये सब देख कर पागल सा हो गया था। साजिया इतनी ज्यादा बदल सकती है मैं सोच भी नही सकता था।अब जो भी था वो मेरे सामने था जिसका मुझसे सामना करना था।
थोड़ी देर के बाद साजिया आ गई और मेरे पास लेट गई। वो खुद ही मुझसे लिपट गई और बड़ा प्यार दिखाने लगी तो मैं समझ गया कि मुझ पर डोरे डाल रही है। वो बड़े प्यार से मेरी छाती सहलाते हुए बोली:"
" नासिर मुझे लगता कि मैं भी कितनी ज्यादा लापरवाह होती जा रही हूं। मेरे कान से बाली निकल और मुझे पता नहीं चला।
नासिर:" थोड़ा ध्यान रखा करो। आजकल पता नही कहां खोई रहती हो तुम।
साजिया को उसकी उम्मीद के मुताबिक दिलासा भरा जवाब नही मिला तो उसे हल्की सी निराशा हुई लेकिन स्माइल करते हुए बोली
" अच्छा जी अब तुम भी डांट लो मुझे। बस यही बाकी रह गया था कि सोने की बालियों के लिए तुम्हारी डांट खानी पड़े।
नासिर अंदर ही अंदर सोच रहा था कि कितनी ज्यादा शातिर हैं उसकी बीवी जो एक एक शब्द सोच समझ कर बोल रही है। नासिर कड़े लफ्ज़ों में बोला:"
" बात पैसे की नही लापरवाही की है। अगर ऐसे ही हुआ तो सोचो हम कितना नुकसान हो सकता है। तुम पहले तो ऐसी न थी हर एक चीज का ध्यान रखती थी।
साजिया उसकी बात सुनकर समझ गई कि आज नासिर सच में उससे बेहद खफा हैं तो प्यार नही तो गुस्सा से काम करना चाहिए इसलिए बोली:"
" ठीक हैं मेरी गलती है लेकिन तुम्हे सोचना चाहिए कि तुम्हे अपनी बीवी से कैसे बात करनी चाहिए। ये गुस्सा मुझे मत दिखाओ।
नासिर तो पहले से ही सब जान चुका है कि साजिया यही सब करने वाली हैं तो उसे लाल लाल आंखो से घुरकर साजिया को देखा और बोला:"
" गलती करोगी तो ऐसे ही बात करूंगा समझी। मेरे पास पेड़ नही हैं पैसे का कोई।
साजिया:" बस बहुत हो गया। अब मैं तुमसे बात नही करूंगी। सो जाओ गुड नाईट।
इतना कहकर साजिया ने उसकी तरफ से करवट ली और लेट गई। नासिर भी दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गया और मुस्कराने लगा कि यही सही तरीका हैं इसे फिर से लाइन पर लाने का। नासिर अगर थोड़ा सा भी कमजोर पड़ जाता तो साजिया उस पर हावी हो सकती थी। वहीं साजिया सोच रही थी थोड़ी देर में नासिर सो जायेगा और वो आराम से साहिल के लंड पर उछलेगी। लेकिन उसे क्या पता था कि नासिर उसे अब कोई मौका नहीं देगा। करीब आधे घंटे तक बाद नासिर जान बूझकर खर्राटे मारने लगी और साजिया की चूत में हलचल सी हुई। साजिया धीरे से उठने लगी तो नासिर करवट बदल कर लेट गया और उसके उपर एक पैर रख दिया तो साजिया एकदम शांत हो गई और मन ही मन नासिर को गालियां देने लगी कि कमीना अभी तक सोया नही है शायद।
पूरी रात यही लुका छिपी का खेल चलता रहा और साजिया चाह कर भी कमरे से बाहर न निकल पाई और गहरी नींद में चली गई। नासिर भी अब आराम से सो गया। दूसरी तरफ साहिल भी रात भर करवट बदलता रहा।
ऐसा अगले कई दिन तक चलता रहा और साजिया को मजबूरी में साहिल का कमरा गेस्ट रूम में बदलना पड़ा। साजिया अब पूरी तरह से परेशान थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि नासिर ऐसा क्यों कर रहा है। क्या उसे मुझ पर शक हो गया है, नही नही ऐसा नहीं हों सकता। अगर ऐसा होता तो तो अब तक मुझसे लड़ चुका होता या मार पीट कर गया होता। इसके साथ ही उसके जिस्म में आग बढ़ती जा रही थी और साहिल का लंड उसे बेहद याद आ रहा था।
एक दिन साहिल ऑफिस से जल्दी निकल गया और सीधे घर पहुंचा भी नही था कि नासिर ने अपने एक दोस्त को घर पर वाईफाई लगाने के लिए भेज दिया ताकि दोनो अकेले न रह सके।
साहिल अपने दिल में उमंगे लिए जैसे ही घर पहुंचा तो वाईफाई वाले को देखकर उसके सब अरमान धरे के धरे रह गए। साजिया और साहिल दोनो बेबस से एक दूसरे को देख रहे थे लेकिन चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते थे।
करीब सात बजे तक वाईफाई वाला अपना काम खत्म करके जाने वाला था और नासिर जाम में फंस गया तो अब उसके लिए दिक्कत थी क्योंकि करीब आधे घंटे तक साजिया और साहिल दोनो अकेले रह जाते। नासिर ने अपना दिमाग लगाया और साजिया का फोन बज उठा। नासिर का फोन था उसने उठाया तो नासिर बोला:"
" अरे साजिया मैने वाईफाई वाले को भेजा था। लग गया क्या?
साजिया:" हान लग गया।
नासिर:" एक काम करना उसे अच्छे से चाय पिला देना। मेरे खास दोस्त का रिश्तेदार हैं वो। मैं भी बस पहुंच ही रहा हूं।
इतना कहकर नासिर ने फोन काट दिया और साजिया गुस्से से अपने पैर पटकते हुए किचन की तरफ बढ़ गई जबकि साहिल भी दुखी था क्योंकि उसका कीमती समय निकलता जा रहा था।
अंततः जैसे ही वाईफाई वाला बाहर निकला नासिर घर के अंदर घुस गया और साजिया का मूड पूरी तरह से खराब हो गया। साहिल अपने कमरे में चला गया और नासिर अपने लैपटॉप पर काम करने लगा। साजिया को समझ नही आ रहा था कि पिछले कुछ दिनों से उसे कोई मौका नहीं मिल रहा था साहिल से मिलने का, साहिल का कमरा भी गेस्ट रूम में चला और नासिर को उसकी बाली और दो लाख रुपए गायब होने का कैसे इतनी जल्दी पता चल गया साजिया को समझ नही आ रहा था। कहीं ऐसा तो नहीं घर के अंदर उसने कमरे लगवा दिए है। ये ख्याल मन में आते ही साजिया के दिमाग में खतरे की घंटी बज उठी क्योंकि अगर ऐसा है तो अब तक नासिर को सब पता चल गया होगा कि उसकी बीवी साहिल से चुद रही हैं। साजिया ये सोचकर घबरा गई और उसका पसीना छूट गया।
उस रात साजिया बिलकुल आराम से सोई और नासिर खुश था। नासिर के ऑफिस जाने के बाद साजिया जान बूझकर घर की सफाई करने लगी और सफाई के बहाने उसे हॉल में लगा एक छोटा सा कैमरा एसी के अंदर नजर आया तो साजिया का पसीना छूट गया। साजिया कैमरे को अनदेखा करके सभी जगह की सफाई करने लगी। थोड़ी देर के बाद उसे समझ आया कि किचन, बाथरूम को छोड़कर बाकी सभी जगह कैमरे लगे हुए थे और नासिर उसकी हर एक हरकत देख रहा था। साजिया पागल सी हो गई और किचन में घुस गई और अपना पसीना साफ किया। उसने अपना मोबाइल निकाला और साहिल को फोन करके सब बता दिया तो साजिया से ज्यादा धुवां उसकी गांड़ से निकल पड़ा।
साहिल नासिर के साथ डरते डरते घर आ गया और साजिया भी बेहद परेशान लग रही थी। खाना खाकर नासिर अपने कमरे में चला गया और साहिल साजिया का पास किचन मे। दोनो ने करीब दो मिनट बात करी और उसके बाद साजिया सोने के लिए आ गई। रात में करीब 2 बजे सारे घर की लाइट बंद थी। साहिल ने मैन सप्लाई को बंद करके सभी सभी कैमरे बंद कर दिए और फिर सारे कैमरे को निकाल कर अपने तोड़ दिया और उनकी रिकॉर्डिंग चिप अपने पास रख ली और अपने कमरे में जाकर विडियो देखने लगा।