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Erotica बदनसीब फुलवा; एक बेकसूर रण्डी (Completed)

Fulva's friend Kali sold herself in slavery. Suggest a title

  • Sex Slave

    Votes: 7 38.9%
  • मर्जी से गुलाम

    Votes: 6 33.3%
  • Master and his slaves

    Votes: 5 27.8%
  • None of the above

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
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Lefty69

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सुबह 7 बजे सुहागरात के कमरे का दरवाजा खुला और एक आंख से शर्माकर बाहर देखा। हॉल में सन्नाटा देख कर मर्द के कुर्ते में ढकी कमसिन जवानी ने फुलवा के कमरे में रखे अपने कपड़ों के लिए दौड़ लगाई।


प्रिया फुलवा के कमरे में दाखिल हुई तो फुलवा, साफ़िया, काम्या और मोहिनी ने तालियां बजाईं और मानव शाह ने सीटियां बजाकर प्रिया का स्वागत किया।


प्रिया शर्माकर फुलवा की बाहों में समाकर शिकायत करते हुए, “मां!!…”


फुलवा, “अरे मेरी बच्ची, तू शर्माती क्यों है? नई दुल्हन को चिढाना तो बहुत पुरानी रस्म है!”


मानव, “जब मैने कहा था कि हमारे साथ तुम्हारी चाल बिगड़ सकती है, मैं इसी बिगड़ी चाल की बात कर रहा था!”


फुलवा, “बात से याद आया! तुमने तो कहा था कि अगर तुम्हें किसने कीड़ा लेने को मजबूर किया तो तुम उसे मार दोगी। मेरा बेटा जिंदा है ना?”


प्रिया को अब कुछ हिम्मत आ गई थी, तो प्रिया ने मुस्कुराकर शर्म से लाल होकर,
“अधमरा छोड़ दिया तो चलेगा?”


सबने तालियां बजाकर प्रिया को बधाई दी और वह अपने चेहरे को अपनी हथेलियों में छुपाकर अपने पुराने बेड में बैठ गई। हंसी मजाक में कुछ देर बिताकर सुबह की चाय फुलवा ले आई और प्रिया को उसे चिराग को देने को कहा।
प्रिया ने चिराग के कमरे में चाय ले जाने के बाद काफी देर तक आहें भरी, चीखी और रोई। आधे घंटे बाद जब दोनों बाहर आए तो प्रिया की हालत साफ बता रही थी कि चाय बेहद ठंडी हो गई थी।
अब की बार सबने चिराग को चिढाना शुरू किया और प्रिया अपनी फुलवा मां के बगल में बैठ कर मुस्कुराती रही।


मानव, “तो चिराग! अगर यही हालत रोज सुबह नहीं चाहते तो तुम्हें कहीं हनीमून पर जाना चाहिए! कहां जाने का तय किया है?”


चिराग सोचते हुए, “ मैंने मॉरीशस या बाली जाने का सोचा था पर अभी तक प्रिया का पासपोर्ट बना नहीं है! सोच रहा हूं यहीं कहीं नजदीक जाएं!”


मानव, “देखो, मैं वैसे किसी को शादी का तोहफा देने के खिलाफ हूं! (साफ़िया ने अपनी आंखें घुमाकर मानव का मजाक उड़ाया) पर मेरे पहचान का आदमी आज गोवा जा रहा है। अगर तुम चाहो तो उसके साथ जा सकते हो! 5 दिन बाद वह तुम दोनों को वापस आते हुए ले आएगा!”


साफ़िया, “ प्रिया, हां बोलो! मानव शाह जैसा कंजूस जो भी दे वह दोनों हाथों से पकड़ लो! मेरी शादी में इसने मुझे तुलसी के पौधे को गमले में डाल कर दिया था। आज तक का वह सबसे बेहतरीन तोहफा निकला!”


मानव, “हुंह!! उसे तुम ही लाई थी! मैं उसे क्यों संभालता?”


साफ़िया ने मानव का हाथ पकड़ कर शुक्रिया अदा किया तो मानव ने बात बदलते हुए चिराग से उसका जवाब पूछा। चिराग ने गोवा में पहुंचकर अच्छा रिजॉर्ट ढूंढने का सोच कर हां कहा।


प्रिया खुशी से उछलते हुए, “आप के दोस्त यहां कब आएंगे? मां गोवा जाते हुए कितना वक्त लगेगा? क्या पहनूं?”


मानव शाह ने हंसकर जवाब दिया, “मेरी गाड़ी तुम्हें मेरे दोस्त के पास पहुंचाएगी। गोवा तो यूं पलक झपकते पहुंच जाओगे। सबसे जरूरी बात, गोवा में कपड़े कम से कम पहनना!”


प्रिया शरमा कर अपनी बैग भरने भागी और मानव शाह ने फोन पर बात कर सारे इंतजाम कर दिए। सुबह 11 बजे चिराग और प्रिया फुलवा से विदा लेकर मानव शाह की गाड़ी में बैठे तो ड्राइवर बिना कुछ बताए उनकी मंजिल की ओर बढ़ा।


प्रिया, “भैय्या, हम किसके घर जा रहे हैं? उनके पास कौनसी गाड़ी है?”


ड्राइवर पीछे के आईने में देख कर मुस्कुराते हुए, “वो साहब का घर किसी को नहीं पता! हम हवाईअड्डे पर जा रहे हैं!”


चिराग, “लेकिन यह रास्ता तो…”


जल्द ही गाड़ी जुहू की छोटी हवाई पट्टी पर पहुंची। हवाई पट्टी के एक कोने में एक लंबा नुकीला हवाई जहाज खड़ा था जिसके दरवाजे में एक आदमी था। ड्राइवर ने नए जोड़े को हवाई जहाज तक लाया और आदमी ने दोनों को अंदर लिया।
उस छोटे हवाई जहाज से तीर जैसे उड़ते हुए पलक झपकते गोवा के समुंदर किनारे की हवाई पट्टी पर दोनों को उतारा। इस से पहले कि चिराग आगे की मंज़िल का सोचता एक बूढ़े आदमी ने दोनों को एक तेज़ छोटी नाव में बिठाया और समुंदर के अंदर एक छोटे से टापू पर पहुंचाया।


बूढ़ा, “मेरा नाम जूलियस D’Souza है और मैं इस खास रिजॉर्ट का केयरटेकर हूं। यह टापू पूरी तरह किसी भी तरह की नजर से दूर है। यहां एक स्पेशल फोन है जो मुझे आप के पास कभी भी बुला सकता है। मैं हर सुबह 8 बजे नाश्ता, दोपहर 2 बजे खाना और रात 8 बजे डिनर लेकर आऊंगा। मैं जानता हूं कि आप नए दूल्हा दुल्हन हो तो पहले boat से हॉर्न बजाऊंगा! दोपहर का खाना लगा दिया है। शाम को मिलते हैं! God bless you!!”


जूलियस के जाने के बाद प्रिया ने गोल चक्कर लगाया और चीख पड़ी।


प्रिया, “ये तो बाली से भी बेहतर है! क्या तुम्हें इसका पता था?”


चिराग, “नहीं! यह एक बहुत खास रिजॉर्ट होगा जिसकी एक रात की कीमत भी पूछने लायक नहीं होगी!”


प्रिया ने अपने पैरों में से जूते उतारे और भागने लगी।


चिराग, “हम एक टापू पर हैं! कहां जा रही हो?”


प्रिया (अपना टॉप उतार कर फेंकते हुए), “पकड़ो तो जानो!”


चिराग के लंबे पैरों ने प्रिया का पीछा करते हुए उसे टापू के दूसरी ओर पहुंचते हुए पकड़ लिया। चिराग ने अपनी खिलखिलाती बीवी को बिकिनी टॉप और शॉर्ट्स में भागते हुए पकड़ा तो दोनों संगमरमर जैसे सफेद रेत में गिर गए। दोनों में बच्चों जैसी कुश्ती शुरू हो गई और कुछ ही पलों में दोनों नीले समंदर के खारे पानी में भीग गए।


अपनी मासूम बीवी की भीगी जुल्फों को दूर करते हुए चिराग का दिल (और लौड़ा) भर आया। चिराग ने प्रिया के भीगे होठों को चूमते हुए उसकी आहें चखी। दोनों एक दूसरे से लिपटकर बिना बोले एक दूसरे से प्यार का इज़हार करने लगे।


प्रिया ने अपने प्यार से लिपटते हुए अपनी एड़ियों से चिराग की कमर को अपने ऊपर खींच लिया। चिराग भी भूखा होकर प्रिया को चूमते हुए उसके गालों को चूमता और उत्तेजित करता रहा।


जल्द ही प्रिया और नही सह पाई और चिराग के बदन से कपड़े खींचने लगी। चिराग ने अपने कपड़े उड़ाते हुए नंगा होकर प्रिया को देखा। प्रिया हवस भरी आंखों से उत्तेजित हो कर दोपहर की धूप में चिराग का बदन देख रही थी।
चिराग ने प्रिया को इशारा किया तो प्रिया इठलाते हुए खड़ी हो गई। प्रिया ने चिराग की ओर पीठ करके पहले अपने पैरों को थोड़ा फैलाया। प्रिया ने पीछे मुड़कर अपने आशिक को देखते हुए अपनी शॉर्ट्स का बटन खोल कर अपनी कमर को हिलाते हुए उस शॉर्ट्स को उतारना शुरू किया। भीगी हुई शॉर्ट्स में से धीरे धीरे बेपर्दा होती लाल बिकिनी पैंटी को देख चिराग का दिल जोरों से धड़कता रहा।


प्रिया ने अपने प्रेमी को ललचाते हुए अपने गले के पीछे बंधी बिकिनी टॉप की गांठ खोली और फिर अपनी खुलती पीठ दिखाते हुए अपने बिकिनी टॉप की आखरी गांठ खोल दी। बिकिनी टॉप नीचे पानी में गिर गया तो प्रिया ने उसे उठाकर चिराग की ओर उड़ाया।


चिराग ने अपनी बीवी के टॉप को पकड़ लिए और किसी कुंवारे लड़के की तरह उसे सूंघने लगा। प्रिया ने हंसकर अपने हाथ से अपने भरे हुए मम्मे छुपाते हुए चिराग की ओर बढ़ कर उसे ललचाया। चिराग का धड़कता लौड़ा धूप में समुंदर के पानी से चमकता प्रिया को बुला रहा था।


प्रिया चिराग के गोद में बैठ गई जिस से उसके मम्मे चिराग के सीने पर दब गए और चिराग का फनफनाया सांप बिकिनी पैंटी पर रगड़ता अपने बिल पर रगड़ने लगा। चिराग ने आह भरी पर प्रिया ने बेरहमी से उसके कान को चूमते हुए अपनी कमर हिलाकर सांप की बिल में जाने से रोके रखा।


प्रिया ने चिराग को ऐसे ही तड़पते हुए अपनी चूत के दाने को तब तक सहलाया जब तक उसके बदन की आग ने बिकिनी पैंटी को लगभग जला न दिया।


प्रिया ने फिर अपनी लंबी उंगलियों से अपनी पैंटी की बीच की पट्टी को किनारे सरकाते हुए सांप के बिल का दरवाजा खोला। फनफनाता सांप झट से अपने बिल के सुकून में समा गया और दोनों प्रेमियों की चीख निकल गई।


प्रिया ने चिराग से लिपटकर अपनी कमर हिलाते हुए अपने प्रेमी को अपना बदन अर्पण कर दिया। प्रिया के बदन पर सूखे खारे पानी से बनता नमक चाटते हुए चिराग उसे साफ कर रहा था जब प्रिया की चूत में से यौन रसों की बौछार ने दोनों के नीचे बहते समुंदर में अपनी जवानी का नमक मिलाया।


चिराग और प्रिया एक दूसरे में खो कर अपने प्यार को खुले समुंदर में बहा रहे थे जब दोनो की जवानी का सैलाब फुट पड़ा। दोनों समुंदर के किनारे पड़े एक दूसरे की बाहों में लिपटे पड़े रहे।


प्रिया, “मुझे नहीं लगता कि मैं दुबारा समुंदर किनारे सिर्फ पैर भिगो कर खुश हो पाऊंगी!”


चिराग, “मानव शाह का मढ में एक घर है। शायद वह उसे बेचने को तयार हो जाएं!”


दूसरी भूख ने दोनों प्रेमियों को घर के अंदर लाया। सैंडविच, कटलेट और ढेर सारा शरबत देख कर प्रिया शरमाई और चिराग हंस पड़ा।


चिराग, “जूलियस अंकल को पता था कि हम गरम खाना नहीं खाने वाले!”


दोनों ने पर भर खाना खाया और समुंदर में खोए पसीने की भरपाई करने के लिए ढेर सारा शरबत भी पिया। जाहिर सी बात थी की खारा पानी और रेत धोने के लिए दोनों नहाने गए और फिर वहीं दुबारा अलग पानी उड़ा कर दुबारा नहाने लगे।


चिराग को दिन में चार बार चोदने की आदत थी जिसके के लिए प्रिया ने मन ही मन अपनी सास/मां को धन्यवाद दिया।


रात को जूलियस अंकल ने boat का हॉर्न बजाकर अपने आने की खबर दी तब तक प्रेमियों ने टापू के हर हिस्से पर अपनी मोहर लगाई थी।


जूलियस अंकल ने दोनों के लिए कैंडल लाइट डिनर लगाते हुए घर की सफाई की और पानी की टंकी भर दी। चिराग ने जूलियस अंकल को किनारे लेकर कुछ पूछा और अंकल ने अपनी मंजूरी दी।


उस रात को प्रिया ने चांद तारों को देखते हुए अपने पति की बाहों में गुजारा। उसे अपनी कोख में फैली गर्मी को महसूस करते हुए लगा की आज उसकी मां उसे देख कर खुश होती। प्रिया के पास उसका प्यार था और जल्द ही परिवार भी होगा।
 

Lefty69

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Bahut badhiya update diya hai apne

Bhut badhiya update..... kya behtreen tarike se dosto karwayi hai kide se....


Maja Aa gya

Superb Update 🙌🙌🙌

Waiting for your update

Waiting for your next update 🙂

Waiting....

Waiting for your update

Waiting....

Waiting.....

अगले अपडेट का बहुत ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं

Waiting for your update

Behtreen kahani

Waiting for next

Waiting....

Waiting for your next update ☺️

Waiting....

Bhai aage ki kahani kab likhoge

Waiting for update
Kaam ke silsile me achanak bahar jaana pada

Kahani jald hi khatm ho rahi hai

Deri ke liye mafi chahta hu
 
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Mink

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bahut hi khubsurat update itne din ke baad aapko update dete hue dekh kar bahut khusi hui....asha hai ab yeh sil sila kahani ki antim tak chalega...
 

Lefty69

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bahut hi khubsurat update itne din ke baad aapko update dete hue dekh kar bahut khusi hui....asha hai ab yeh sil sila kahani ki antim tak chalega...
Sorry to have kept you waiting.

Like I had already said the story is ending but due to unforeseen delays had to run midway.

Will complete the story soon.

Your suggestion on how the story should end will be very valuable.
 
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Lefty69

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सुबह की पहली किरण का स्वागत प्रिया ने अपने पति को चूसकर उठाते हुए किया। जूलियस अंकल नाश्ता लेकर आए तब तक चिराग ने प्रिया को अच्छे से सबक सिखाकर बिना हड्डी की गुड़िया बना दिया था।


जूलियस अंकल ने दोपहर के खाने के बाद पहनने के कपड़े लाए थे। पार्टी ड्रेस देख कर प्रिया चौंक गई।


प्रिया, “हम कहीं जा रहे हैं?”


चिराग मुस्कुराकर, “गोवा के कैसिनो लूटने!!”


जूलियस अंकल ने लाया ड्रेस प्रिया ने जल्दी पहने जिस वजह से चिराग ने उसे उसकी खूबसूरती की तारीफ करते हुए वापस भर दिया। दोपहर 2 बजे जूलियस अंकल के आते हुए दोनों ने जल्दबाजी में अपने कपड़े दोबारा पहने और तयार हो गए।


दोपहर का खाना खाकर तीनों boat में बैठ कर किनारे पहुंच गए। जूलियस अंकल ने अपनी गाड़ी चिराग को दी और enjoy करने का आदेश भी दिया।


चिराग प्रिया को लेकर वहां से सीधे एक कैसिनो पहुंचा और उसने प्रिया को खेल के नियम सिखाते हुए 1000 रुपए दिए।


प्रिया अपनी फोटोग्राफिक मेमोरी के कारण जल्द ही जितने लगी और उसके 1000 2 घंटों में 1 करोड़ रुपए बन गए। चिराग के कहने पर प्रिया ने 1000 रुपए की टिप दी और दोनों वहां से बाहर निकले। प्रिया ने नाचते हुए फिर चिराग को गले लगाया और एक क्लब में जाकर दोनों नाचे।


आधे घंटे बाद प्रिया को अगले कैसिनो जाने का मन हुआ और 2 घंटे बाद वहां से भी 1000 के करोड़ बनाकर दोनों बाहर निकले। सबेरे जब गोवा के आखरी कैसिनो को साफ कर जब दोनों हंसते हुए बाहर निकले तब तक प्रिया 5000 से 4 करोड़ 99 लाख 95 हजार बना चुकी थी।


कैसिनो में से बाहर निकलते ही उन्हें एक पुलिस ऑफिसर ने रोका।


DSP सालसकर, “तुम दोनों बहुत होशियार हो की 1 करोड़ जितने के बाद 1 हजार की टिप देकर कैसिनो के complain से बच गए पर याद रखना तुम्हें दोबारा कैसिनो में आने नहीं दिया जाएगा!”


प्रिया मासूमियत में हंसकर, “हम तो हनीमून पर मजा करने कैसिनो आए थे। वापस जाने की हमें कोई इच्छा नहीं!”


DSP सालसकर, “प्रियाजी, आपके बारे में हमने छानबीन की और आपका कोई अतीत नहीं मिला। पर फोटोग्राफिक मेमोरी अक्सर अनुवांशिक होती है। क्या आप के किसी रिश्तेदार में यह खूबी है?”


प्रिया को अपनी मां याद आई और वह कोई चीज याद रखना चाहे ऐसे उसकी हालत नहीं थी। चिराग ने आगे बढ़कर कहा की प्रिया का अतीत नहीं क्योंकि वह अनाथ है। सालसकर ने दोनों को आइंदा कैसिनो से दूर रहने को कहते हुए उन्हें उनके रिसॉर्ट तक पहुंचाया।


प्रिया ने चिराग को जूलियस अंकल को उठाने से रोका और दोनों ने बाकी रात boat में बैठ कर बिताई। प्रिया का मन डर से भरा हुआ था।


प्रिया चिराग की बाहों में समा कर, “मुझे नहीं लगता कि मेरी मां को फोटोग्राफिक मेमोरी थी। मेरे अब्बू को यकीनन यह नहीं थी। मेरे बाकी रिश्तेदार की मुझे कोई खबर नहीं। अगर मुझे कोई बीमारी हुई तो?”


चिराग, “अगर कल मुझे कुछ हो गया तो क्या तुम मुझे छोड़ दोगी?”


प्रिया गुस्से में, “क्या बकवास है!”


चिराग मुस्कुराकर, “बिलकुल!!”


प्रिया अपने प्यार की बाहों में समा कर अपनी मां की अच्छी यादें याद करने लगी।


3 दिन चिराग की बाहों में बिताकर प्रिया जूलियस अंकल को शुक्रिया अदा कर वापस लौटने के लिए हवाई पट्टी पर पहुंची। मानव शाह के दोस्त ने दोनों को अपने नुकीले तीर में बिठाया और सब लोग वापसी के सफर में लग गए।


प्रिया, “आप मानव शाह को कैसे जानते हो?”


आदमी, “उन्होंने मेरी रिटायरमेंट के बाद मुझे कुछ काम के कॉन्ट्रैक्ट दिए।“


प्रिया, “आप रिटायरमेंट की उम्र के नहीं लगते! आप क्या करते थे?”


आदमी मुस्कुराकर, “मैं एक तरह का पत्रकार था जो वहां की खबर यहां लाने का काम करता था।”


चिराग, “आप हमेशा दस्ताने पहनते हो। जिसका मतलब आप के हाथ पर चोट के निशान हैं। ऐसे लोगों को हवाई जहाज का लाइसेंस नहीं मिलता पर आप के पास है। आप आम पत्रकार नहीं थे! आप वह खबर लाते जिसे लाना मना किया गया था!”


प्रिया, “आप जासूस थे!! James Bond की तरह!”


आदमी, “नहीं। मैं पकड़ा गया और मेरी पहचान खुल गई। अनजाने में किए एक एहसान ने मेरी जान बचाई पर मुझे रिटायर किया गया। अब मैं वही काम मानव शाह के लिए करता हूं और जाहिर सी बात है। (जहाज को छू कर) अच्छी कीमत में करता हूं।”


प्रिया और चिराग जुहू से गाड़ी में बैठे और वापस आने लगे जब प्रिया ने चिराग को बताया,
“मैंने उस आदमी को कैसिनो में कुछ बुरे लोगों के साथ देखा। अब मुझे पता है कि मानव शाह ड्रग्स की तस्करी कैसे रोकता है!”


चिराग, “इसी वजह से उसका नाम पता वह किसी को नहीं बताता। हमारी खामोशी की कीमत उसकी जान है!”


दोनों ने एक और राज़ अपने सीने में दबाया और घर लौटे।


प्रिया ने मानव को हनीमून के लिए शुक्रिया कहने की कोशिश की पर उसने उस रिजॉर्ट को उसका खाली पड़ा कमरा कहकर टाल दिया। चिराग ने प्रिया को बताया की जब वह लगभग 5 करोड़ जीती तब वह भी 5 लाख जीता था पर प्रिया की जीत में उसकी जीत आसानी से छुप गई।


चिराग ने इन पैसों से एक इन्वेस्टमेंट फंड बनाया और वह प्रिया के नाम कर दिया। इस तरह प्रिया कभी भी किसी के पैसों की मोहताज नहीं होगी। प्रिया ने अपने इन्वेस्टमेंट फंड को खुद चलाने का जिम्मा उठाया। मानव शाह ने प्रिया की फोटोग्राफिक मेमोरी का लोहा मानते हुए उसके इन्वेस्टमेंट फंड में अपने 5 करोड़ लगाए।
 
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Mink

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Superb Update ab kahani happy ending ho aur jaahir hai ki aapke story conect hote hein toh yeh characters bhi aage dekhne ko mile yahi aasha rahegi...
 

Lefty69

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Thank you for your continued support vickyrock
 
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Lefty69

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दो साल बाद


अब सब जानते थे कि चिराग ही C corp का असली वारिस है तो चिराग पर मरने वाली लड़कियां कम नहीं थीं। जवान, अमीर और होशियार चिराग को उसी के घर में उसी की शादी की दूसरी सालगिरह की पार्टी में ललचाने की वजह भी थी। अंदेशा था कि चिराग ने प्रिया को 6 महीनों से छुआ नहीं था। मर्द ऐसी हालत में अक्सर फिसलते हैं!


पार्टी में चिराग के साथ नाचती लड़की ने उसे खूब रगड़ा पर चिराग की पैनी नजर प्रिया पर थी जो पेस्टन दारूवाला का हाथ पकड़ कर उसका दुखड़ा सुन रही थी। गाना खत्म होते ही चिराग प्रिया के बगल में पहुंचा और प्रिया को वादा करते हुए सुना।


प्रिया, “पेस्टन तुम डरता कैसे? मैं आयेगी डिंपी से मिलने और उसके लिए गिफ्ट भी लाएगी!”


पेस्टन, “डिकरा, हम 30 साल जवान होता तो तुम्हारा चिराग को हरा के तुमको उठाता!”


प्रिया, “come on! आप अभी भी कितना active हैं! डिंपी को रोज आप थकाते हो!”


प्रिया को चिराग के हवाले करते हुए पेस्टन, “इसको संभालो! इसका कीमत तुमको मेरी उमर में पता चलेगा!”


पेस्टन दारूवाला चला गया और चिराग प्रिया को देखता रहा।


चिराग, “उस खडूस दारूवाला पर तुमने क्या जादू किया?”


प्रिया अकड़ते हुए, “पेस्टन की डिंपी पेट से है और वह डिंपी के लिए परेशान है!”


चिराग पेस्टन को देखते हुए, “खडूस बुड्ढा 80 के नीचे नही हो सकता। डिंपी कितनी बूढ़ी होगी!”


प्रिया, “12 साल की।”


चिराग, “क्या!! पेस्टन ने 12 साल की लड़की को पेट से किया है?”


प्रिया मुंह बनाकर, “दिमाग गटर में से बाहर निकालो! डिंपी उसकी पालतू कुत्ति है। और वह बूढ़ी होकर भी पेट से हो गई है इस लिए खास अस्पताल में है।”


चिराग, “मुझे इस से क्या मतलब?”


प्रिया मुस्कुराकर, “वह बूढ़ी कुत्ति और उसके बच्चे पेस्टन के 3000 करोड़ के वारिस हैं। अगर तुम्हें डिंपी की अभी फिकर है तो शायद अगली बार दारूवाला इतना खुसट नहीं होगा!”


चिराग हार कर, “ठीक है! मैं उस डिंपी से मिलने जाऊंगा। उस से खेलूंगा भी।”


प्रिया मुस्कुराकर, “डरो मत! मैं तुम्हारे साथ रहूंगी!”


चिराग का गुस्सा फूट पड़ा।


चिराग, “बिलकुल नहीं! तुम जानवरों के अस्पताल में नहीं जा रही! बस!!”


प्रिया, “मुझसे बेहतर डिंपी को कौन समझ सकता है?”


चिराग, “वही तो! अगर डिंपी के पेट में दारूवाला का वारिस है तो तुम्हारे पेट में हमारा वारिस है। तुम जानवरों के हस्पताल में नहीं जा रही!”


सब की आंखें प्रिया के 8 महीने फूले हुए पेट से चिराग के लाल चेहरे पर गई।


प्रिया, “मां!!… चिराग मुझे डांट रहा है!”


फुलवा ने प्रिया की तरफदारी करते हुए चिराग को डांटना शुरू किया।


फुलवा, “डिंपी एक अच्छी पालतू कुत्ति है? वह एक अच्छे अस्पताल में है? अगर मैं अस्पताल में रही तो क्या तुम प्रिया को मुझसे मिलने से रुकोगे?”


चिराग, “हां!… हां!… और हां!!… जब प्रिया अस्पताल में जायेगी तब वह हमारे बच्चे के लिए जायेगी! तब तक मैं उसके साथ कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता!”


दारूवाला चिराग से, “तुम इस प्यारी बच्ची को मेरी बेबी से मिलने से रोकेगा? मेरे खिलाफ जायेगा?”


चिराग गहरी सांस लेकर, “दारूवाला जी, मैं आप की भावनाओं की कदर करता हूं पर एक पति, एक बाप की हैसियत से मैं प्रिया को अभी डिंपी से मिलने नहीं दे सकता!”


दारूवाला अपना सर हिलाकर चला गया और सब लोगों ने पूरा वाकिया न देखने का नाटक किया।


काम्या के पति मोहन गांधी ने चिराग के कंधे पर हाथ रखकर उसे एक तरफ लाया।


मोहन गांधी, “दारूवाला Alpha prime male है। ऐसा alpha male जो बाकी सब alpha का बॉस है। उस से अपने परिवार की हिफाजत के लिए आज तक सिर्फ 2 alpha male लड़े हैं।”


चिराग थक कर, “क्या हुआ उनका?”


मोहन गांधी मुस्कुराकर, “मानव शाह को तो तुम जानते हो। अब देखना है कि तुम्हारे साथ क्या होता है!”


चिराग अचरज में, “Thank you?”


फुलवा और प्रिया को देख हर औरत को ऐसी सास बहू की चाहत होती और चिराग की आंखों को प्रिया पर देख कर है औरत को प्रिया होने की चाहत होती।


आज की पार्टी में किसी वजह से छोटेलाल और मानव शाह नहीं आ पाए थे। पार्टी ख़त्म होने के बाद जब सब घर लौटे तो फुलवा अपनी बहु को अपनी गोद में सर रख कर आराम करने देते हुए प्लान बना रही थी कि कैसे दोनों डिंपी से मिलने जाएं। चिराग उन्हें देख कर सोच रहा था की दो alpha prime females को एक मर्द भला कैसे काबू करे।


फोन की घंटी ने सबको चौकाया और चिराग ने फोन उठाया।


मानव फोन पर, “चिराग!! वक्त नहीं है! प्रिया को ढूंढने वाले तुम्हारे दरवाजे पर कभी भी पहुंची जायेंगे! मैं और छोटे उन्हें रोक नहीं सकते! प्रिया को अभी अंदर छुपा! अभी!!”


दरवाजे पर दस्तक हुई और सबकी नजरें दरवाजे पर रह गई। चिराग ने प्रिया को बेडरूम में बंद कर दिया और अपने फोन से उसे इस कमरे की बातें सुनाने लगा ताकि वह बाहर ना आए।


फुलवा ने शांत चेहरे से दरवाजा खोला और बाहर खड़े आदमी को देख कर उसका मुंह खुला रह गया।


आदमी ठंडे स्वर में, “अंदर आ सकता हूं?”


फुलवा ने उसे अंदर आने दिया और कुर्सी की ओर इशारा किया।


आदमी, “आप के पास ज़िन नाम की लड़की है। मुझे वह चाहिए!”


चिराग, “मैं ऐसी किसी लड़की को नहीं जानता।”


आदमी, “मैं किसी भी इंसान से मिलने से पहले उसकी सारी जानकारी इक्कठा करता हूं। फुलवा कोई विदेश में रही औरत नहीं! वह एक रण्डी और डकैत थी! और तुम चिराग! तुम्हें एक हिजड़े ने पाला है! में तुम दोनों को चुटकियों में बरबाद कर सकता हूं! तुम्हें दोबारा रण्डी और अनाथ बना सकता हूं! या फिर ज़िन को मेरे हवाले कर कई गुना तरक्की के मालिक बनो!”


अगर वह आदमी फुलवा और चिराग को डराना चाहता था तो उसका असर उल्टा हुआ।


फुलवा, “आप से मुझे ज्यादा उम्मीद थी, लाला ठाकुर! आप मुझे रण्डी बना दोगे पर मैं तो वैसे भी जी चुकी हूं। मुझे कोई फरक नही पड़ेगा!”


चिराग, “मैंने अपनी जिंदगी के पहले 18 साल अपनी मां को ढूंढने में बीता दिए। लेकिन अब मैं उस से मिल चुका हूं। अब आगे जो भी हो, मैं अनाथ नहीं हूं!”


लाला ठाकुर, “मैं SP अधिकारी की इज्जत मिटा दूंगा!”


चिराग, “मां, अधिकारी सर ने अपनी सारी दौलत हिजड़ों को मदद करने वाली संस्था को दी। उन्हें मरे अब कई साल हो चुके हैं। अब हमें उनकी सच्चाई सब को बतानी चाहिए! इस से अगली पीढ़ी के बच्चों को प्रेरणा मिलेगी!”


फुलवा ने अपने सर को हिलाकर चिराग की बात मानी तो लाला ठाकुर उनकी आंखों के सामने मानो टूट कर बिखरने लगा।


लाला ठाकुर, “तुम दोनों नहीं जानते की तुम्हारे कितने अच्छे दोस्त हैं। मैं अब बस एक तरीके से ज़िन को हासिल कर सकता हूं। ऐसा तरीका जिसे मैने कभी नहीं आजमाया। सच्चाई से!”


लाला ठाकुर फुलवा की आंखों में देख कर, “तुम गरीब थी। भूख जानती हो। भूख कई तरह की होती है। आम भूख खाने से थमती है। गरीबी की भूख में सिर्फ इतना खाना मिलता है कि उसकी जलन रुकती है। मजबूरी की भूख खाने के लिए पेट को अंदर से खाने लगती है। वहशत की भूख वह होती है जब इंसान जीने के लिए दूसरे इंसान को खा जाए। आखरी होती है मौत की भूख जब इंसान खाना खा नही पता और फिर मर जाता है।”


लाला ठाकुर चिराग को देख कर, “एक और भूख होती है। श्रापित भूख! यह ऐसी वहशी भूख होती है जो महापापियों को मिलती है। जहां इंसान कुछ भी खाए उसकी भूख न मिटती है और न ही वह मरता है। इस श्राप का इलाज है एक खास निवाला। ऐसा निवाला जिसे पाने से पाप मुक्त हो कर वह मर पाए! ज़िन मेरा इलाज वाला निवाला है! उसे मुझे दे दो!!”


मां बेटे के डरे हुए चेहरे देख कर लाला ठाकुर मुस्कुराया।


लाला ठाकुर, “मैं श्रापित हूं। मैं कभी नहीं भूलता। पिंकी मैंने अपना वादा निभाया और तुम्हारे भाइयों को न केवल तुम्हारा पैगाम दिया पर इंसाफ के लिए तुम्हारे पिता का पता भी दिया। 2 महीनों बाद मैं तुम्हें बचाने आया था। पर दो दिन पहले ही तुम्हारे भाई तुम्हें छुड़ा कर ले गए थे। उसके बाद मैंने तुम्हें ढूंढने की कोशिश नहीं की।”


फुलवा रो पड़ी और लाला ठाकुर अपनी कहानी बताने लगा।
 

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Nice update waiting for next
 

Mink

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Nice superb kahani mein twist ab aage kya hoga fulwa kya karegi lala ke shabd sunne ke baad ...
 
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