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Erotica बदनसीब फुलवा; एक बेकसूर रण्डी (Completed)

Fulva's friend Kali sold herself in slavery. Suggest a title

  • Sex Slave

    Votes: 7 38.9%
  • मर्जी से गुलाम

    Votes: 6 33.3%
  • Master and his slaves

    Votes: 5 27.8%
  • None of the above

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
    18
  • Poll closed .

Lefty69

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औरतें सिसक रही थी। फुलवा के दोनो पैरों को नंगे पैर महसूस हो रहे थे। गाड़ी शायद हाईवे पर पुलिस को चकमा देने के लिए जंगल के ऊबड़ खाबड़ रास्ते से जा रही थी।


काफी देर तक दौड़ लगाने के बाद गाड़ी रुक गई। गाड़ी किसी वीराने में रुकी हुई थी क्योंकि हवा और जंगली जानवरों के अलावा कोई आवाज नहीं था। पीछे से दरवाजा खुला और दो मर्दों की आवाजें आई।


एक, “तुझे यकीन है कि ऐसा करने से कुछ नहीं होगा?”


दो, “अरे ये पेशेवर रंडियां है जो नए बाजार जा रही हैं। तुझे यहां सील बंद माल नहीं मिलेगा पर माल सौ टका पक्का है।“


दोनों गाड़ी में पीछे से चढ़ गए और दरवाजा बंद कर दिया गया। पैंट की चैन खुलने की आवाज हुई और कुछ पैकेट खोलने की भी आवाज हुई।


अचानक किसी लड़की की आह निकल गई और अगले ही पल कोई लड़की चीख पड़ी।


दो, “भेनचौद!! सीधे गांड़ मत मार! पहले जरा चूत चोद ताकि जंगल में कोई फॉरेस्ट गार्ड सुन ना ले।“


एक, “आह!!…
सुन लिया तो उसे भी चोदने देंगे! अपना क्या जाता है?”

दो, “उंह!!…
ऊंह!!…
अपना…
वक्त जाता…
है!…
उधर पूछ…
लिया तो…
सबको देरी…
की वजह…
क्या बतायेगा?…”


एक, “हां!!…
ये भी सही है!!…”

दोनो कुछ देर तक और चोदते रहे और फिर आहें भरते हुए झड़ गए। कंडोम उतारते हुए दोनों शेखी बघारने लगे।


एक, “आज मैने पहली बार गांड़ मारी है!”


दो, “हर तीन महीने में एक बार ऐसी गाड़ी जाती है। इस धंधे में पैसे तो मिलेंगे पर हर तीन महीने में ऐसा फोकट का मौका भी मिलेगा!”


दोनो मर्द बातें करते हुए वापस आगे चले गए और दो बेबस सिसकती आवाजें छोड़ पीछे सन्नाटा छा गया।
गाड़ी दुबारा दौड़ने लगी और पूरी रात बीत गई। सुबह गाड़ी रुक गई और दरवाजा खोल का जानवरों की तरह उनकी गिनती की गई।


आदमी, “सलीम, सलमाबाई को बताओ की एक ज्यादा आ गई है!”


कुछ देर बात जवाब आया, “आ गई है तो हमारी है! चूत और गांड़ है तो धंधा भी कर ही लेगी! उतार सब को!”


सभी औरतों को उतारा गया। गलियों में से नंगे बदन घुमाते हुए आखिर में एक कमरे में ला कर उनके बोरे उतारे गए।


पान खाती एक मोटी औरत ने सभी लड़कियों को देखा और फिर एक आदमी के हाथ में लाए थूंकदान में थूंका।


औरत, “मेरा नाम सलमाबाई है। यहां धंधा करते हुए अब मैं यहां की मालकिन बनी हूं! अगर किसी ने भागने की कोशिश की तो (मुस्कुराकर) मैं तुम्हें अपना नाम दुबारा बताऊंगी। पर उसके बाद तुम दुबारा कुछ देख या सुन नही पाओगी।“


सभी के रोंगटे खड़े हो गए।


सलमाबाई, “तुम सारी पुरानी रंडियां हो और अब तुम्हारे लिए ज्यादा पैसा नही मिलने वाला। पर मेरे पास सस्ते ग्राहक भी है जिन्हे बस 50 रुपए की चूत चाहिए। तुम सब आज रात 8 बजे से नीचे के बड़े हाल की चटाइयों पर लेट जाना और सुबह 6 बजे तक लेटे रहना। (हंसकर) सोना चाहो तो सो सकती हो। इन ग्राहकों को कोई फर्क नहीं पड़ता!”


सलमाबाई सब को देखते हुए आगे बढ़ते हुए बताती रही, ”सुबह 6 बजे चाय मिलेगी। फिर अपनी चूत और गांड़ धो लेना। सुबह 8 बजे नाश्ता और दोपहर 2 बजे खाना मिलेगा। सबको कोठे के कामों में हाथ बंटाना होगा! अगर किसीने कामचोरी की तो उसकी गांड़ मैं खुद मरूंगी और फिर पूरी रात हर ग्राहक से उसकी गांड़ मरवाऊंगी!”


फुलवा का चेहरा देखकर सलमाबाई, “कुछ साल पहले आती तो 500 वाले कमरे में सुलाती!”


सलमाबाई आगे बढ़ते हुए, “शाम को 7 बजे हल्का खाना होगा और रात को 8 बजे कोठे के दरवाजे खुलेंगे।“
 

Lefty69

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Itni jaldi q randikhane bhej rahe jo usko....

Waha jayegi to bas roj roj chud k hi rah jayegi.... kuch aur try karo uski life m abhi.... randi khane m to kaid ho jayegi wo....
Aur isi tarah hum vapas kahani ki shuruvat par aate hain jab फुलवा vapas bikne Jaa Rahi hai.

Do you think her story is finished?
 

Lefty69

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HObit

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Bahut hi khubsurat update tha bro aur isi ke sath kahani ke pahele update mein hum pahunch chuke hein jahan fulwa kuch ladkiyon ke saath jaa rahi thi jahan uski dhande mein bitha diya jayega ...ab aage kya ye dekhna majedar hoga
 
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Lefty69

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Bahut hi khubsurat update tha bro aur isi ke sath kahani ke pahele update mein hum pahunch chuke hein jahan fulwa kuch ladkiyon ke saath jaa rahi thi jahan uski dhande mein bitha diya jayega ...ab aage kya ye dekhna majedar hoga
Thank you for your continued support and prompt reply.

So what is your guess?

What will happen to Fulva?

Hint Fulva is being sold again after 5 years. Meaning that her son should be 18 now.
 
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HObit

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Thank you for your continued support and prompt reply.

So what is your guess?

What will happen to Fulva?

Hint Fulva is being sold again after 5 years. Meaning that her son should be 18 now.
Kahin uska agla grahak uska beta na ban jaye...
 
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Incestlala

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कालू फुलवा को खींच कर उसे उसी कमरे में ले गया जहां उसकी इज्जत बार बार लूटी गई थी। फुलवा के बिस्तर को चूहों ने कुतरकर सिर्फ लोहे की चारपाई बना दी थी।



कालू ने फुलवा को चारपाई से बांध दिया।



कालू, “प्रेमचंद ने जब कहा की मुझे औरतों को मजा देना नही आता तब मुझे गुस्सा आया था। पर जब तू उसके लौड़े पर झड़कर अपना राज़ बोल गई तब मुझे उसकी बातों की सच्चाई समझ आ गई।“



कालू ने एक गोली जेब में से निकाली और फुलवा के मुंह में ठूंस दी। कालू की जबरदस्ती से फुलवा को वह गोली निगलनी पड़ी।



कालू, “पिछले 12 सालों में कई तरक्कियां हुई हैं जिनमें ड्रग्स भी शामिल है। ये गोली ECSTASY की है। इस से तुम्हें हर चीज ज्यादा और बेहतर महसूस होगी। सेक्स की इच्छा तेज़ हो जायेगी और वह पूरी करने के लिए तुम कोई भी कीमत चुकाओगी!”



फुलवा ने अपनी आंखें बंद की और अपने बदन और मन की लड़ाई के लिए तैयार हो गई।



कालू ने फुलवा के हाथों और पैरों को बेड के कोनों से बांध दिया। फुलवा का बदन गरमाते हुए सांसे तेज होती रही जब कालू ने फुलवा के कपड़े उतारे। कच्ची उम्र में कैद गई फुलवा के कपड़े अब उसके भरे हुए बदन को वैसे भी जकड़ रहे थे।



फुलवा के मम्मो ने खुल कर सांस ली और फुलवा सहम गई। पिछले बारह साल उसने किसी कुंवारी की तरह बिताए थे और अब उसे कालू की वहशी भूख से डर लग रहा था। कालू ने फुलवा को नंगा कर दिया और उसकी खुली हुई पंखुड़ियों को सहलाने लगा।



फुलवा, “कालू, मैं तुम्हें सब सच बताने को तैयार हूं! मैने सारा पैसा लखनऊ के एक सेठ को संभालने को दिया था। उसे मेरा नाम बता दो तो वह कुछ तो जरूर लौटा देगा! बस अब मुझे छोड़ दो!”



कालू हंस पड़ा, “साली रण्डी!! तुझे लगता है कि मैं तुझ पर यकीन करूंगा? तुझ जैसे लोग किसी पर भरोसा नहीं करते। और मुझे पता है कि तू पिछले बारह सालों में कभी बाहर नहीं आई! लेकिन तेरी इस गलती की सजा मैं जरूर दूंगा!”



फुलवा रोने लगी पर कालू एक 8 इंच लम्बा और तीन इंच मोटा स्टील का लौड़ा लेकर आया। कालू ने उस पर थूंका और अपनी उंगलियों से उसे चमकाने लगा। कालू ने फिर फुलवा की कई सालों से अनचूई जवानी की पंखुड़ियों को फैलाया और उस लौड़े से फुलवा की चूत को सहलाने लगा।



कालू, “चाहता तो था की इसे सुखा ही पेल दूं। पर अब मैं सिख चुका हूं की दर्द का मजा कब आता है।“



कालू ने फुलवा की चूत में बनती चिकनाहट को उसकी चूत में से बाहर निकलता महसूस किया और 8 इंच लंबे 3 इंच मोटे स्टील लौड़े को फुलवा की चूत में डालने लगा। फुलवा ने आह भरते हुए 12 साल बाद अपनी जवानी की गूंफा में गुसपेटिए को दाखिल होता महसूस किया। फुलवा अपने सर को हिलाकर मना कर रही थी पर ड्रग्स की नशा उसे कमर उठाने को मजबूर कर रही थी।



कालू ने पूरे लौड़े को फुलवा की गर्मी में पेल दिया और फुलवा ने एक थरथराती आह भरी।



कालू, “बता माल कहां है?”



फुलवा, “मैंने सच कहा था! पैसे लखनऊ के एक सेठ के पास हैं!”



कालू ने गंदी मुस्कुराहट से फुलवा को देखा और एक और लंबा स्टील का लौड़ा निकाला। यह 10 इंच लम्बा 3 इंच मोटा था और इसका छोर मुड़ा हुआ था।



कालू, “अच्छा हुआ की तूने सच नहीं कहा वरना इसे लाना जाया हो जाता!”



कालू ने फुलवा की चूत में से चिकने हुए लौड़े को बाहर निकाला और वहां इस नए लौड़े को अंदर डाल दिया। फुलवा को इस नए लौड़े का छोर अपनी बच्चेदानी के मुंह पर दबा महसूस हो रहा था। फुलवा की आह चीख में बदल गई जब उसे पहले लौड़े को अपनी गांड़ पर दबते पाया।



फुलवा, “नहीं!!… नहीं!!… न… ई… ई… आह!!!…”



कालू, “तुझ जैसी रण्डी का एक से क्या होगा? तू तो 3 भाइयों की बीवी थी। अब मैं तुझ से वापस पूछूंगा और तू सही जवाब देगी!”



फुलवा ने वापस सच बताने की कोशिश की पर कालू ने लंबे लौड़े के बाहरी हिस्से पर बना एक हिस्सा घुमाया। फुलवा चीख पड़ी।



चूत में घुसा लौड़ा झनझनाते हुए हल्का इलेक्ट्रिक शॉक लगाते हुए उसकी बच्चेदानी से योनीमुख तक अजीब दर्दनाक उत्तेजना से तड़पाने लगा। इस से पहले कि फुलवा अपने आप को संभाल लेती कालू ने उसकी गांड़ में धंसे लौड़े को भी शुरू किया।



दोनो नकली लौड़े झनझनाते हुए एक दूसरे पर फुलवा के अंदर की पतली त्वचा पर से रगड़ते हुए फुलवा को बेरहमी से तड़पा रहे थे। फुलवा का बदन जलने लगा और वह तेजी से झड़ने की कगार पर पहुंच गई।



फुलवा की आंखें बंद हो गई थी और वह अपनी जवानी को दुबारा जागते हुए महसूस कर रही थी। फुलवा ने झड़ने की कगार पर से अपनेआप को झोंक देने के लिए अपना मुंह खोला और एक दर्द भरी चीख निकल गई।



फुलवा का बदन दर्द से तड़प कर यौन उत्तेजना से दूर हो गया। फुलवा ने अपनी आंखें खोल कर देखा तो कालू मुस्कुराता हुआ एक मोटी लाल मोमबत्ती जलाकर खड़ा था। फुलवा की दहिनी चूची पर गरम मोम ठंडा होते हुए पपड़ी की तरह जमा हो रहा था।



फुलवा, “ये… ये क्या…?”



कालू, “हारामी रण्डी, मैं तुझे इतनी आसानी से झड़ने दूं तो माल क्या तेरा बाप देगा?”



फुलवा सिसककर गिड़गिड़ाने लगी पर न अपने बदन को और न कालू को रोक पाई। कालू हर बार फुलवा को झड़ने की कगार तक आने देता और ठीक पहले फुलवा के बदन के किसी नाजुक हिस्से पर पिघला हुआ मोम उड़ेलकर उसे रोक देता। फुलवा की उत्तेजना अब जल्द और ज्यादा जोर से छूटने की कोशिश कर रही थी पर मोमबत्ती भी अब ज्यादा तेजी से जलती ज्यादा मोम पिघला रही थी।



फुलवा ने पूरे 23 मिनट तक यह अजीब तड़पना सहा पर हर कोई आखिर में टूटता है। मोम ने फुलवा की चुचियों और मम्मों के साथ उसके गले और नाभि को भी भर दिया था। जब आखरी बार मोम को फुलवा के फूले हुए यौन मोती पर गिराया गया तब फुलवा चीख कर टूट गई।



फुलवा, “राज नर्तकी की हवेली!!!…”



कालू ने मोमबत्ती को नीचे रख दिया।



कालू, “कहां?”



फुलवा रोते हुए, “बापू ने रात को राज नर्तकी की हवेली में मेरी गांड़ मारी थी!…”



कालू, “कहां है यह हवेली?”



फुलवा (झड़ते हुए), “लखनऊ के बाहर सुनसान इलाके में!!…”



फुलवा तड़पकर झड़ने लगी और कालू ने फुलवा को छुड़ाते हुए उसे फर्श पर लिटा दिया।



फुलवा, “तुम्हें जो चाहिए वह तुम्हें मिल गया!! अब मुझे छोड़ दो! मुझे बक्श दो!”



कालू ने अपनी कलाई पर घड़ी को देखा और मुस्कुराया।



कालू, “अगर तूने सच कहा है तो तू मेरे खिलाफ शिकायत कर सकती है और अगर झूट बोला है तो मुझे तेरी जरूरत पड़ेगी। इसी वजह से मैं तुझे ना जीने दूंगा और ना ही मरने।“



कालू ने फुलवा की कलाइयों को बांध कर उसके सर से कमर तक एक बोरी में बंद कर दिया। कमर के नीचे से नंगी फुलवा को कालू बाहर ले आया और उसे एक गाड़ी में चढ़ा दिया। बोरी में से फुलवा सांस ले सकती थी और उसे एहसास हो रहा था की उसके साथ उसी की तरह कई और औरतें भी बंधी हुई थी।



थोड़ी ही देर में दरवाजा बंद करने की आवाज सुनाई दी और जानवरों की तरह फुलवा को किसी अनजान जगह की ओर रवाना किया गया।

Superb superb update
 
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Incestlala

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औरतें सिसक रही थी। फुलवा के दोनो पैरों को नंगे पैर महसूस हो रहे थे। गाड़ी शायद हाईवे पर पुलिस को चकमा देने के लिए जंगल के ऊबड़ खाबड़ रास्ते से जा रही थी।


काफी देर तक दौड़ लगाने के बाद गाड़ी रुक गई। गाड़ी किसी वीराने में रुकी हुई थी क्योंकि हवा और जंगली जानवरों के अलावा कोई आवाज नहीं था। पीछे से दरवाजा खुला और दो मर्दों की आवाजें आई।


एक, “तुझे यकीन है कि ऐसा करने से कुछ नहीं होगा?”


दो, “अरे ये पेशेवर रंडियां है जो नए बाजार जा रही हैं। तुझे यहां सील बंद माल नहीं मिलेगा पर माल सौ टका पक्का है।“


दोनों गाड़ी में पीछे से चढ़ गए और दरवाजा बंद कर दिया गया। पैंट की चैन खुलने की आवाज हुई और कुछ पैकेट खोलने की भी आवाज हुई।


अचानक किसी लड़की की आह निकल गई और अगले ही पल कोई लड़की चीख पड़ी।


दो, “भेनचौद!! सीधे गांड़ मत मार! पहले जरा चूत चोद ताकि जंगल में कोई फॉरेस्ट गार्ड सुन ना ले।“


एक, “आह!!…
सुन लिया तो उसे भी चोदने देंगे! अपना क्या जाता है?”

दो, “उंह!!…
ऊंह!!…
अपना…
वक्त जाता…
है!…
उधर पूछ…
लिया तो…
सबको देरी…
की वजह…
क्या बतायेगा?…”


एक, “हां!!…
ये भी सही है!!…”

दोनो कुछ देर तक और चोदते रहे और फिर आहें भरते हुए झड़ गए। कंडोम उतारते हुए दोनों शेखी बघारने लगे।


एक, “आज मैने पहली बार गांड़ मारी है!”


दो, “हर तीन महीने में एक बार ऐसी गाड़ी जाती है। इस धंधे में पैसे तो मिलेंगे पर हर तीन महीने में ऐसा फोकट का मौका भी मिलेगा!”


दोनो मर्द बातें करते हुए वापस आगे चले गए और दो बेबस सिसकती आवाजें छोड़ पीछे सन्नाटा छा गया।
गाड़ी दुबारा दौड़ने लगी और पूरी रात बीत गई। सुबह गाड़ी रुक गई और दरवाजा खोल का जानवरों की तरह उनकी गिनती की गई।


आदमी, “सलीम, सलमाबाई को बताओ की एक ज्यादा आ गई है!”


कुछ देर बात जवाब आया, “आ गई है तो हमारी है! चूत और गांड़ है तो धंधा भी कर ही लेगी! उतार सब को!”


सभी औरतों को उतारा गया। गलियों में से नंगे बदन घुमाते हुए आखिर में एक कमरे में ला कर उनके बोरे उतारे गए।


पान खाती एक मोटी औरत ने सभी लड़कियों को देखा और फिर एक आदमी के हाथ में लाए थूंकदान में थूंका।


औरत, “मेरा नाम सलमाबाई है। यहां धंधा करते हुए अब मैं यहां की मालकिन बनी हूं! अगर किसी ने भागने की कोशिश की तो (मुस्कुराकर) मैं तुम्हें अपना नाम दुबारा बताऊंगी। पर उसके बाद तुम दुबारा कुछ देख या सुन नही पाओगी।“


सभी के रोंगटे खड़े हो गए।


सलमाबाई, “तुम सारी पुरानी रंडियां हो और अब तुम्हारे लिए ज्यादा पैसा नही मिलने वाला। पर मेरे पास सस्ते ग्राहक भी है जिन्हे बस 50 रुपए की चूत चाहिए। तुम सब आज रात 8 बजे से नीचे के बड़े हाल की चटाइयों पर लेट जाना और सुबह 6 बजे तक लेटे रहना। (हंसकर) सोना चाहो तो सो सकती हो। इन ग्राहकों को कोई फर्क नहीं पड़ता!”


सलमाबाई सब को देखते हुए आगे बढ़ते हुए बताती रही, ”सुबह 6 बजे चाय मिलेगी। फिर अपनी चूत और गांड़ धो लेना। सुबह 8 बजे नाश्ता और दोपहर 2 बजे खाना मिलेगा। सबको कोठे के कामों में हाथ बंटाना होगा! अगर किसीने कामचोरी की तो उसकी गांड़ मैं खुद मरूंगी और फिर पूरी रात हर ग्राहक से उसकी गांड़ मरवाऊंगी!”


फुलवा का चेहरा देखकर सलमाबाई, “कुछ साल पहले आती तो 500 वाले कमरे में सुलाती!”


सलमाबाई आगे बढ़ते हुए, “शाम को 7 बजे हल्का खाना होगा और रात को 8 बजे कोठे के दरवाजे खुलेंगे।“
Superb update
 
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