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तो जब वह आदमी तुम्हारी दोनों चुचियों को जोर जोर से दबा रहा था तो तुम्हें दर्द क्यों हो रहा था आज की तरह मजा क्यों नहीं आ रहा था,,,,( रोहन जानबूझकर अपनी मां के दोनों खरबूजो को जोर-जोर से दबाता हुआ बोला,,,।)
क्योंकि वह शैतान था और मेरे साथ जबरदस्ती कर रहा था इसलिए मुझे दर्द कर रहा था और तू है कि मेरा दर्द मिटाने के लिए मेरी चूचियों को दबा रहा है इसलिए मुझे मजा आ रहा है अब समझ में आया कि नहीं,, ?
हां मम्मी मुझे अच्छी तरह से समझ में आ गया है लेकिन मम्मी मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही कि जब मैं तुम्हारी चूचियों को दबाना शुरू किया था तो तुम्हारी यह निप्पल बहुत छोटी सी थी लेकिन अब देखो आधी उंगली के बराबर हो गई है ऐसा क्यों,,,?( रोहन आश्चर्य जताते हुए बोला,,,,।)
देख रोहन तेरा सवाल थोड़ा अटपटा है लेकिन मैं इसका जवाब जरूर दूंगी (मुस्कुराते हुए,,,) तुझे शायद यह बात बिल्कुल भी नहीं मालूम कि जब कोई मर्द औरत के बड़े-बड़े चुचियों को दबाता है उसे मचलता है तो औरत को इसमें बहुत ही ज्यादा मजा आता है उसे आनंद की अनुभूति होती है और सूचियों में रक्त का प्रभाव बड़ी तेजी से होने लगता है जिसकी वजह से आनंद की अनुभूति करके औरतों के निप्पल एकदम खड़ी होकर एकदम आधी उंगली के बराबर हो जाती है जब कभी भी औरत की निप्पल इस तरह से टाइट हो जाए तो समझ जाना चाहिए कि औरत को मजा आ रहा है,,,,,
इसका मतलब मम्मी तुम्हें भी बहुत मजा आ रहा है,,,,( रोहन मुस्कुराते हुए बोला और उसको इस तरह से मुस्कुराता हुआ देखकर सुगंधा के तन बदन में गुदगुदी होने लगी और वह बोली,,,।
बोल तो तू ऐसे रहा है जैसे तुझे मजा नहीं आ रहा,, है।
( अपनी मां की बात सुनते ही रोहन एकदम से झेंप गया और वह हक लाते हुए बोला,,,)
ननन नही,, नही,,, मम्मी ऐसी कोई भी बात नहीं है ऐसा कुछ भी नहीं है मैं तो बस आपकी मालिश कर रहा हूं इसमें मुझे क्या मजा मिल रहा है,,,,।
देख बेटा रोहन मैं तेरी मां हूं और उससे पहले एक औरत हूं,,, और एक मर्द को औरत से बेहतर कोई नहीं समझ सकता मैं तेरी हालत को देख कर अच्छी तरह से बता सकती हूं कि तुझे भी मजा आ रहा है वरना ठंडे मौसम में तेरे माथे से टपके पसीना ना टपक रहा होता,,,,,
मम्मी,,,,, ( रोहन के मुंह से शर्म के मारे सिर्फ इतना ही निकल पाया था कि सुगंधा अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,।)
कोई बात नहीं रोहन ये तो बिल्कुल सामान्य है अक्सर मर्दों के साथ ऐसा होता रहता है मात्र औरतों का स्पर्श अगर मर्द को मिल जाए तो मर्द वैसे ही गर्म हो जाता है और तू तो,,, एक औरत को मतलब कि अपनी ही मां को एकदम नंगी करके उसकी चुचियों को जोर जोर से मसल रहा है तो तेरी हालत क्या होती होगी मैं अच्छी तरह से समझ रही हूं,,, (अपनी मां के मुंह से इस तरह की बात सुनकर रोहन हल्के से मुस्कुरा दिया,,,, )
वैसे भी जिस तरह से मजा पाकर तेरे शरीर में बदलाव आना शुरू हो गया है उसी तरह से जब एक औरत को मजा आता है तो उसके शरीर में भी काफी बदलाव होते हैं जिसमें से एक बदलाव के बारे में तो तू अच्छी तरह से समझ भी गया (अपनी निप्पल की तरफ इशारा करके,,,।) बाकी के बदलाव तू धीरे-धीरे समझ जाएगा,,,,
दोनों मां-बेटे को बहुत मजा आ रहा था रोहन तो एकदम मस्त होकर अपनी मां की चूची को ऐसे दबा रहा था जैसे दशहरी आम हो उत्तेजना के मारे सुगंधा की दोनों चूचियां भी एकदम खरबूजे की तरह गोल और कड़क होती जा रही थी सुगंधा कसमसा रही थी जवानी तूफान की तरह सुगंधा के बदन में हिचकोले खा रही थी रह रह कर सुगंधा इतनी ज्यादा उत्तेजित हो जा रही थी कि अपनी कमर को ऊपर की तरफ मार दे रही थी जिससे एक गजब का वातावरण बन जा रहा था,,,
कुछ देर तक यूं ही रोहन अपनी मां की दोनों चुचियों को दबा दबा कर अपने लंड पर कहर ढाता रहा उसे अपने लंड पर दया आ रही थी लेकिन कर भी क्या सकता था,,,,,, रोहन अपनी मां की रसीली मखमली कचोरी जैसी फूली हुई गुरु को देखना चाहता था उसके दर्शन करना चाहता था उसकी बनावट को अपने उंगलियों से छूकर महसूस करना चाहता था वही देखना चाहता था कि औरत की बुर में ऐसा क्या होता है जिसके पीछे सारे मर्द पागल हो जाते हैं जैसा कि उसने अभी तक ठीक से बुर के दर्शन भी नहीं किए थे वह ईतना तड़प रहा था उसे देखने के लिए,,,,।
हालांकि यह तड़प दोनों तरफ से थी रोहन जितना तड़प रहा था अपनी मां के बुर के दर्शन करने के लिए,,, उससे कई ज्यादा गुना उत्सुक सुगंधा थी अपनी रसीली बुर को अपने बेटे को दिखाने के लिए क्योंकि उसकी जिंदगी का आज यह दूसरा मौका था जब वह किसी पराए मर्द को अपनी बुर के दर्शन कराने जा रही थी,, पहले इससे पहले वह केवल अपने पति को ही अपनी बुर के दर्शन कर आई थी हालांकि उसने खुद साड़ी उठाकर यार कपड़े उतार कर अपनी नंगी जवानी को अपने पति के सामने परोसी नहीं थी बल्कि उसका पति खुद एक-एक करके उसके कपड़े उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी करके जी भर के उसकी रसीली कुंवारी बुर के दर्शन किया था और यहां पर मामला कुछ उल्टा ही था यहां खुद सुगंधा अपनी बुर को दिखाने के लिए तैयार थी,,,,,
रोहन बार-बार अपनी मां की चूची को मसलते हुए अपनी मां की मोटी चिकनी जांघों की तरफ देख ले रहा था कि कब वह अपनी जांघै खोलकर उसे बुर के दर्शन कराए लेकिन सुगंधा जैसे कि उसे अभी और तड़पाने के इरादे से अपनी दोनों टांगों को आपस में भींच कर रखी हुई थी,,,, जिससे रोहन को केवल कमर के नीचे जहां से जांघो का विस्तार शुरू होता है वहां केवल दोनों तरफ से लकीर भर दिखाई दे रही थी मानो कि किसी फिल्म से पहले उसके ऊपर पर्दा लगा हो और दर्शक उस पर देके उठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हो ठीक उसी तरह का नजारा रोहन की आंखों के सामने था,,,, सुगंधा को अपने बेटे की आंखों में उसकी बुर के दर्शन करने की चमक साफ दिखाई दे रही थी रोहन लालायित हुए जा रहा था ,,, सुगंधा अपनी एक नजर अपने दोनों बड़े-बड़े खरबुजों की तरफ डाली तो शर्म से पानी पानी हो गई क्योंकि उसके बेटे ने उसे दबा दबा कर एकदम टमाटर की तरह लाल कर दिया था और उसका आकार भी बढ़ चुका था,,,, सुगंधा अपने बेटे के मर्दाना हाथों के जादू को देखकर एकदम प्रभावित हो गई वह मन ही मन सोचने लगी कि जब यह दोनों सूचियों से इस तरह से खेल रहा है तो उसकी बुर का क्या हाल करेगा यह सोचकर ही उसका तनबदन उत्तेजना के मारे कसमस आने लगा अब इससे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था वह जल्द से जल्द अपनी बुर के दर्शन अपने बेटे को करा देना चाहती थी ताकि वह उसकी बुर को देखकर एकदम से उसका गुलाम बन जाए और वही करें जो वो चाहती है,,,, इसलिए वह खुद बेसब्र होकर अपने बेटे से बोली,,,।
देख रोहन अब मैं तुझे औरत की सबसे खूबसूरत और अनमोल चीज दिखाती हूं जिसे वह हमेशा छुपा कर रखती है केवल अपने पति या प्रेमी को भी दिखाती है लेकिन मैं आज तुझे दिखाने जा रही हूं क्योंकि मुझे तुझ पर भरोसा है,,, ।
(इतना सुनते ही रोहन का तन बदन गुदगुदाने लगा,,, पल भर में ही रोहन के लंड की नसें और ज्यादा फूलने लगी,,, सुगंधा अपने बेटे के चेहरे पर बदले हुए भाव को देखकर मन ही मन प्रसन्न होने लगी और वह अपने बेटे को और ज्यादा तड़पाने के उद्देश्य से बोली,,,,।)
लगता है तू औरत के उस अनमोल खजाने को देखना नहीं चाहता इसलिए कुछ बोल नहीं रहा है तो रहने दे नहीं दिखाती हूं (इतना सुनते ही रोहन तपाक से बोला,,,)
नहीं नहीं मम्मी ऐसी कोई भी बात नहीं है मैं,,, मैं,,,, ववव मैं तुम्हारी वह देखना चाहता,,हुं,,,
वह,,, क्या देखना चाहता है। ? जरा खुल कर बोल अफसर माली से कोई फायदा नहीं है जो देखना है बोल दे कि तू क्या देखना चाहता हैं,,,,,?
मम्मी मैं तुम्हारी बबबबबब,,,, बुर देखना चाहता हूं,,, (रोहन हक लाते हुए बोला,,,।)
यह हुई ना बात ऐसे ही थोड़ा मर्दानगी दिखाते हुए बोला कर दो एक औरत को दिखाने में मजा भी आएगा,,,,।
रोहन अपनी मां की बात को ध्यान से सुन रहा था लेकिन उसका ध्यान उसकी बातों में नहीं बल्कि अपनी मां की मोटी मोटी चिकनी गोरी जागो को देखने में लगा हुआ था उसका दिल जोरों से धड़क रहा था रोहन को बेसब्री से अगले पल का इंतजार था क्योंकि किसी भी पल उसकी मां अपनी दोनों टांगों को फैलाने वाली थी और उसके बाद जो नजारा उसे दिखने वाला था उसके बारे में सोच कर उसे डर लग रहा था कि कहीं उस नजारे को देखकर उसकी सांसे ना थम जाए,,,, हालांकि अभी भी रोहन अपनी मां के दोनों कबूतरों से खेल रहा था जो कि इस समय मालिश की वजह से लाल टमाटर की तरह हो गए थे और उसकी निप्पल एकदम भूरे रंग की जो कि ईस समय छोटी सी चॉकलेट की तरह लग रही थी,,,।
सुगंधा के भी दिल की धड़कनें तेज चल रही थी क्योंकि उसके मन में भी अजीब अजीब से ख्यालात आ रहे थे क्योंकि किसी के सामने उसने आज तक अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम निर्वस्त्र अवस्था में नंगी नहीं लेटी थी,, और आज वह अपने ही बेटे के सामने एकदम नंगी होकर लेटी थी और उसे अपनी रसभरी रसीली बुर दिखाने जा रही थी,,,,।
तू रोहन अपने आप को संभाल कर रखना कहीं अगला नजारा देखकर तेरी सांसे ना रुक जाए क्योंकि ऐसा मौका मर्दों की जिंदगी में बहुत ही कम आता है जब कोई गैर औरत उसे इस तरह से नंगी होकर अपनी बुर दिखाती है इसलिए कह रही हूं कि तू अपना दिल थाम कर रखना अपने होश संभाल कर रखना कहीं ऐसा ना हो कि अगला नजारा देखते ही तेरी सांसे रुक जाए और,,, तो किसी मूर्ति की तरह पत्थर हो जाए,, तू तैयार तो है ना अगला नजारा देखने के लिए,,,( रोहन अपनी मां की बात सुनकर बोला कुछ नहीं बस हां ने सिर हिला दिया और इसके बाद सुगंधा धीरे-धीरे अपनी दोनों मखमली चिकनी मोटी मोटी जांघों को खोलने लगी,,,, सुगंधा जानबूझकर बहुत ही आहिस्ता आहिस्ता अपनी टांगों को खोल रही थी और जैसे-जैसे सुगंधा की टांगे खुल रही थी वैसे-वैसे रोहन की दिल की धड़कन तेज होती चली जा रही थी और कुछ देर बाद ही रोहन की आंखों के सामने उसकी खूबसूरत मां की रसीदी चिकनी कचोरी जैसी पूरी हुई और मखमली बालों से सुसज्जित दूर नजर आने लगी जिसको देखकर ही रोहन की आंखों में चमक आ गई आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया,,,,,।
रोहन को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपनी मां से क्या कहें और कैसे कहे क्योंकि जिस तरह का नजारा उसकी आंखों के सामने था उसे देखकर उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया था,,,,, रोहन को सब कुछ एकदम साफ नजर आ रहा था जिंदगी में पहली बार हुआ किसी औरत की और वह भी किसी और की नहीं बल्कि अपनी ही मां की रसीली बुर को इतने नजदीक से देख रहा था उसकी बनावट को देख रहा था उसके आकार को देखकर उसके आश्चर्य का कोई ठिकाना ना था उसे सच में समझ में नहीं आ रहा था कि औरत की टांगों के बीच इतनी खूबसूरत और हसीन चीज होती है,,,,,
सुगंधा अपने बेटे की हालत को देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि एक जवान होते लड़के की क्या हालत होती है जब कोई औरत इस तरह से नंगी होकर अपनी रसीली पूर्व उसकी आंखों के सामने धर दे और वही हालत उसके बेटे की हो रही थी उसका मुंह खुला का खुला रह गया था आंखें फटी की फटी रह गई थी और सुगंधा अपने बेटे के पजामे में साफ देख पा रही थी कि उसका लंड पूरी तरह से खड़ा था और पजामे में तंबू बना दिया था,,,,,
सुगंधा एकदम बेशर्म की तरह अपनी दोनों टांगें फैलाई बिस्तर पर लेटी हुई थी और कभी अपनी बुर की तरफ तो कभी अपने बेटे की तरफ देख ले रही थी जो कि इस समय पूरी तरह से सदमे में था कुछ देर तक यूं ही कमरे में खामोशी छाई रही सुगंधा खुद खामोशी को दूर करते हुए बोली,,,,,,।
क्या हुआ ऐसे आश्चर्य से क्या देख रहा है मैं कहती थी ना अगला नजारा देखेगा तो तू अपने होश खो देगा,,, कैसी लगी तुझे मेरी बुर,,,,( सुगंधा यह शब्द बेहद ही मादकता भरे अंदाज मे बोली,,, और रोहन अपनी मां का कामुक रूप और उसकी मादक अदा देखकर चारों खाने चित हो गया वह पूरी तरह से अपनी मां का गुलाम हो गया वो कुछ बोल नहीं रहा था बस कभी अपनी मां की तरफ तो कभी अपनी मां की दोनों टांगों के बीच देख रहा था सुगंधा वह क्या चाह रहा यह बात वह अच्छी तरह से समझ गई और अपने बेटे से बोली,,,,।
देख ले तू जी भर कर देख ले और तू चाहे तो इसे छू कर भी देख सकता है क्योंकि वैसे भी तुझे इस पर मालिश करना है ना जाने क्यों इसमें खुजली जैसी महसूस हो रही है,,,,।( रोहन तो अपनी मां की यह बात सुनते ही जैसे उसे मुंह मांगी मुराद मिल गई हो वह तो हवा में उड़ने लगा उत्तेजना से उसका बदन अकड़ने लगा,, क्योंकि जो बात उसकी मां कह रही थी उसमें रोहन को बेहद आनंद मिलने वाला था उसकी मनोकामना पूरी होने वाली थी आज वह एक रसीली खूबसूरत बुर को हाथों से छूने वाला था उसे स्पर्श करने वाला था,,,, उसे अपने हाथों से मसलने वाला था हालांकि कुछ देर पहले वह अपनी मां की रसीली बुर के अंदर बराबर का उंगली पेल चुका था लेकिन अपनी मां की बूर को देख नहीं पाया था और अब वह अपनी मां के बेशकीमती खजाने को देखते हुए उसके अंदर उंगली डालकर उसका मजा ले पाएगा अगर किस्मत अच्छी हुई तो,,, सुगंधा की रसीली फूली हुई बुर एकदम साफ नजर आ रही थी सुगंधा अपनी दोनों टांगों को फैला कर अपनी मदमस्त कचोरी जैसी फूली हुई बुर के दर्शन रोहन को करा रही थी और वह आंखे फाडे अपनी मां की मदमस्त लीला को देखकर उत्तेजित हुआ जा रहा था।
रोहन अपनी मां की रसीली फूली हुई बुर को छूने के लिए तड़प रहा था। लेकिन अब उसे अपनी इच्छा पूरी करने में किसी प्रकार की दिक्कत नजर नहीं आ रही थी क्योंकि उसकी मां खुद उसे अपनी बुर छु़ने की इजाजत उसे दे दी थी इसलिए रोहन एक पल भी गवाए बिना तुरंत बिस्तर पर से उठा और टेबल पर से सरसों की तेल की शीशी को अपने हाथों में ले लिया,,,,, सुगंधा अपने बेटे को सरसों की तेल की बोतल उठाते हुए देखा कर मन ही मन कसमसा रही थी क्योंकि उसे पता था कि अब उसके बेटे की उंगलियां उसकी रसीली बुर पर शिरकत करेंगी अपना नृत्य करेंगी उसे अपना असर दिखाएंगे जिससे वह पूरी तरह से मदहोश हो जाएगी,,, आने वाले कल के बारे में सोच कर के तन बदन में हलचल सी होने लगी थी उसका मन गुदगुदाने लगा था,
सुगंधा सुगंधा को साफ साफ नजर आ रहा था कि जवानी के जोश में उसके बेटे के माथे पर से इसे ठंडे मौसम में भी पसीना टपक रहा था जिसे देखकर वह और ज्यादा मस्त होने लगी उसके बदन पर गंजी पसीने की वजह से चिपक सी गई थी,, तभी उसके मन में अपने बेटे की नंगी चोरी छातियों को देखने की इच्छा जागरुक होने लगी और अपनी इस लालच को रोक नहीं पाए और वह अपने बेटे से बोली,,,।
बेटा यह क्या इतनी ठंडे मौसम में भी तेरे बदन से पसीना टपक रहा है तेरी बनियान पूरी तरह से पसीने में भीग गई है ऐसा कर इसे उतार दें रोहन अपनी मां की बात को सुनते हुए लगातार सुगंधा के खूबसूरत बदन पर नजर गाढ़े हुए था कभी वह अपनी मां की दोनों लटकती हुई खरबूजे जैसी चूचियों को देखता तो कभी टांगों के बीच की पतली दरार को देखकर मस्त हुए जा रहा था और वह तुरंत अपनी मां की बात को मानते हुए अपनी बनियान उतार फेंका सुगंधा तो अपने बेटे की जवान मर्दाना चौड़ी छाती को देखकर एकदम मस्त होने लगी और उसकी बुर उत्तेजना के मारे कुल बुलाने लगी,,,
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