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Incest बदलते रिश्ते......

jonny khan

Nawab hai hum .... Mumbaikar
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Nyc updates dear ..!!!!
kuch jyada hi lamba keech rahe ho
 

rohnny4545

Well-Known Member
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१२सुगंधा खुद ही अपनी मादक अदां दिखाते हुए अपनी मद मस्त बड़ी-बड़ी भराव दार गांड दाएं बाएं करके हवा में लहराने लगी जिसे देखकर रोहन का मन एकदम से ललचने लगा उसके मुंह में पानी आने लगा,,,, सुगंधा की हरकत देख कर ऐसा लग रहा था कि मानो वह हाथ में लॉलीपॉप लेकर अपने बेटे के मुंह के इधर-उधर करते हुए उसे लालच दे रही हो और रोहन लार टपकाते हुए वह भी अपनी मां की गांड के दाएं बाएं अपना मुंह ले जा रहा था,,,,, सुगंधा अपनी मादक अदा बिखेरते हुए तिरछी नजरों से अपने बेटे की तरफ देख रही थी,,,, और अपने बेटे की नाजुक हालत को देखकर मंड मंद मुस्कुरा रही थी वह अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसका बेटा पूरी तरह से उसके आकर्षण में बंध चुका है वह लगातार अपनी गांड को हिला रही थी और उसकी बड़ी बड़ी गांड देखकर उसकी हालत खराब हुए जा रही थी वह अपनी मां की गांड को पकड़ना चाहता था उसे दबाना चाहता था लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी,,,।
,,, अपने बेटे को अपनी मदमस्त गांड के इशारे पर नचाते हुए वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,,।

अब बोल रोहन तुझे कुछ कहना है,,, मुझसे झूठ बोलने की कोशिश बिल्कुल भी मत करना,,, क्योंकि मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि जो कुछ भी मैं कह रही हूं वह बिल्कुल सच है और यह बात भी अच्छी तरह से जानता है कि तेरा लंड किस वजह से अभी तक खड़ा है,,,,,, ( सुगंधा खिड़की से दोनों कोहनीयो को टीका कर पीछे की तरफ नजर करके अपने बेटे के चेहरे पर बदलते भाव को देख रही थी,,) और मुझसे शर्मा ने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं यह बात मैं तुझसे पहले भी कह चुकी हूं इसलिए,,, जो कुछ भी मैं तुझसे कह रही हूं उसे मानते हुए तू खुद ही अपने मुंह से बता दे कि तेरा जलन क्यों खड़ा है सच सच बताना,,,,।
( रोहन अपनी मां को नंगी और उसकी मादक अदाओं को देखकर एकदम उत्तेजित हो चुका था और जिस तरह से वह खुले शब्दों में उससे बात कर रही थी उससे तो उसके तन बदन में काम भावना और ज्यादा जागरूक हो चुकी थी उसका लंड लोहे के रोड की तरह एकदम कड़क हो चुका था जो कि पजामे मेसें बाहर आने के लिए फड़फड़ा रहा था,,, रोहन अपनी मां की हरकतों को देखकर अच्छी तरह से समझ गया था कि आप शर्म आने से कोई फायदा नहीं है जब वह खुद ही उससे गंदी गंदी बातें करना चाह रही है तो वह क्यों अपने आप को रोक रहा है इसलिए वह हल्के से,,, अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ा कर बोला,,,,। )

हां मम्मी यह सच है तुम्हारे नंगे बदन तुम्हारी नंगी नंगी मदमस्त गांड को देखकर तुम्हारी बड़ी-बड़ी गुलगुल चूचियों को देख कर और सच कहूं तो तुम्हारी टांगों के बीच की रसीली दरार को देख कर मेरा लंड अभी तक खड़ा है,,,,,,( रोहन एकदम से सब कुछ साफ-साफ बोल दिया लेकिन यह बोलने में वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था उसकी नजर अपनी मां की लहराती हुई गांड पर टिकी हुई थी और अपनी कमर को आगे बढ़ाने की वजह से सुगंधा को अपनी मदमस्त गांड पर अपने बेटे के पजामे में बने तंबू का स्पर्श बराबर होने लगा था जिसकी वजह से वह उत्तेजना के मारे एकदम सिहर उठी थी,,,,,, सुगंधा अपने बेटे की लंड का स्पर्श जो कि अभी भी पजामे के अंदर था उस स्पर्श को पाकर इतनी ज्यादा गरम हो चुकी थी की,, अपनी मदमस्त गोल गोल खरबूजे जैसी गांड को गोल-गोल घुमाते हुए अपने बेटे के लंड को और ज्यादा अपनी गांड पर महसूस करना चाह रही थी।,, रोहन अपनी मां की कामुक हरकत की वजह से अपने आप को रोक नहीं पाया और उसके दोनों हाथ खुद ब खुद आगे बढ़कर पढ़ कर सुगंधा की कमर को थाम लिया,,,,,, अपने बेटे की इस हरकत की वजह से सुगंधा के मुंह से सिसकारी निकल गई,,,,,।

सससससहहहहह,,,, रोहन,,,,,,
( इतना कहने के साथ ही वह आगे कुछ बोल पाती इससे पहले ही इतने जोर की बिजली कड़की कि वह तुरंत एक झटके से अपने बेटे के सीने से लग गई वो एकदम से डर गई थी,,,,, सब कुछ एक पल के लिए एकदम से थम गया,,, जिस कुर्ती के साथ सुगंधा पलट कर उसके सीने से लगी थी रोहन तो समझ ही नहीं पाया कि यह क्या हुआ सुगंधा भी कुछ पल के लिए सब कुछ भूल चुकी थी,,, वह डर के मारे अपने बेटे की चौड़ी छाती में वह दबाए उसे अपनी बाहों में दबोचे हुए थी,,,,

दोनों की सांसे तीव्र गति से चल रही थी थोड़ी देर बाद जब सुगंधाको एहसास हुआ तब तक वह एकदम गरम हो चुकी थी चुकंदर को अपनी टांगों के बीच उसकी बुर की दहाड़ के अगल-बगल अपने बेटे के पजामे में बना तंबू चुभता हुआ महसूस हो रहा था जिससे वह और भी ज्यादा गर्म होने लगी थी,,,,, सुगंधा को साफ साफ महसूस हो रहा था कि उसकी गोल गोल खरबूजे जैसी चूचियां उसके बेटे की चौड़ी छाती पर भाले की तरह चुभ रही थी,,, वह संपूर्ण रूप से एकदम नंगी अवस्था में थी और इस बात का अहसास होते ही वह और जोर से अपने बेटे को अपनी बाहों में कश्मीर और रोहन भी एकदम मस्त होता है वह अपनी मां की नंगी चिकनी पीठ पर अपनी हथेलियों को खिलाने लगा ऊपर से नीचे तक वह भी हिम्मत दिखाते हुए धीरे-धीरे अपनी मां की कमर के नीचे की तरफ हाथ बढ़ाते हुए जैसे ही वह सुगंधा की मदमस्त गोल गोल तरबूज जैसी गांड की दोनों फांतों पर पहुंचा वैसे ही वह अपनी मां की गांड को जोर से अपनी हथेली में दबोच लिया जिससे सुगंधा के मुख से गर्म सिसकारी फूट पड़ी,,,,,।

सससससहहह रोहन,,,,,,,,

दोनों एकदम मदहोश हो चुके थे दोनों एक दूसरे के बदन पर अपनी हथेलियों को फिरा रहे थे सुगंधा के मुख से तो बार-बार गर्म सिसकारी फूट पड़ रही थी रोहन अपनी मां को अपनी बाहों में कसे हुए उसके बड़े बड़े तरबूज जेसी गांड से खेल रहा था बार-बार उसे मसल रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे वह उसकी गांड ना होकर एक पावरोटी हो,,,,,।
सुगंधा के तन बदन में काम भावना की इच्छा प्रबल हुए जा रही थी वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि यह पल बेहद नाजुक है ऐसे पल में कुछ भी हो सकता था वह संपूर्ण रूप से नंगी होकर अपने बेटे के बदन से चिपकी हुई थी,,,, वह अपने बेटे के चौड़े सीने का दबाव अपनी मखमली गोल-गोल चुचियों पर बड़े अच्छे से कर रही थी।,,, साथ ही अपने दोनों टांगों के बीच अपने बेटे के पजामें मे बने तंबु की रगड़ का एहसास वह अपनी रसीली बुर्के इर्द-गिर्द बड़े अच्छे से महसूस कर रही थी और उत्तेजना के मारे लगातार उसकी बुर से नमकीन पानी झर रहा था,,,।

रोहन की तो खुशी का ठिकाना ना था उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी मुंह मांगी मुराद मिल गई हो उसके दोनों हाथों में लड्डू था बारिश की तूफानी रात में वह संपूर्ण रूप से लगना अवस्था में खड़ी अपनी मां के बदन से लिपटा हुआ था जिससे वह उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो चुका था उसका लंड टनटना इतना ज्यादा खड़ा हो चुका था कि ऐसा लग रहा था कि लोहे की कोई छड़ हो,,, उसकी इच्छा हो रही थी कि पहचाने को नीचे करके वह अपनी खड़े लेने तो अपनी मां की बुर में सटाकर एक धक्का लगावे ताकि उसका पूरा लंड उसकी मां की बुर के अंदर समा जाए लेकिन ऐसा कर सकने की स्थिति में वह बिल्कुल भी नहीं था वह नहीं चाहता था कि उसकी मां नाराज हो इसलिए वह वैसे ही खड़े खड़े अपनी मां को अपनी बाहों में लेकर उसके मदमस्त नंगे बदन से खेलता रहा,,,, सुगंधा भी अपने बेटे की हरकत की वजह से पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी वह गर्म सिसकारी लेते हुए बोली,,,,

औ रोहन मुझे ना जाने क्या हो रहा है मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं बहक जाऊंगी मैं अपने आपको संभाल नहीं पा रही हूं,,,,

संभाल नहीं पा रही हूं,,,, मैं कुछ समझा नहीं मम्मी,, (रोहन सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनते हुए बोला,,,)

मैं तुझसे बोली थी ना कि मेरी बुर में बहुत ज्यादा खुजली हो रही है,,, ।

हां,,, तो,,,,,

तो क्या मैंने तुझसे यह भी कही थी कि औरत की बुर की खुजली मोटे तगड़े और लंबे लंड से ही मिटती है,,,,,। और इस समय मेरी बुर में बहुत जोरों की खुजली हो रही है जो कि मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही है,,, ।

तो अब मम्मी इसमें कर भी क्या सकते हैं मैंने तो बहुत कोशिश किया तुम्हारे बुर की खुजली मिटाने की लेकिन तुम्हारी खुजली मिटने की जगह और ज्यादा बढ़ गई है,,,,,।

तू थोड़ी कोशिश और कर दे,,,,,,

मैं कुछ समझा नहीं मम्मी,,,,,,

देख रोहन ( अपने बेटे की बाहों से अलग होते हुए एक बार फिर से खिड़की की तरफ जाकर खिड़की से बाहर जाते हुए,,,।) देख रहा मैं तुझसे गोल गोल घुमा कर बातें करना नहीं चाहती मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तेरे पर जाने के अंदर अच्छा खासा मोटा तगड़ा और लंबा लैंड है जिससे मेरे बुर की खुजली मिटाई जा सकती है अगर तू तैयार हो तो,,,,।
( सुगंधा खिड़की से बाहर तेज बरस रही बारिश को देखते हुए बोली और रोहन की नजर सुगंधा के मदमस्त या 1 को ऊपर से नीचे की तरफ निहारने में लगे हुए थे एक बार फिर से रोहन की नजर सुगंधा की मदमस्त गोरी गोरी गोल गांड पर आकर टिक गई वह एकदम से आकर्षित होने लगा और वैसे भी अपनी मां की बात मानने के सिवाय ओर उसके पास कोई भी चारा नहीं था वह क्या दुनिया का कोई भी मर्द होता तो एक औरत का इस तरह का आमंत्रण ठुकराने की हिम्मत ना कर सकता लेकिन फिर भी रोहन आश्चर्य जताते हुए बोला,,,,।

मम्मी है तुम क्या कह रही हो तुम जानती भी हो यह क्या कह रही हो अगर किसी को पता चल गया तो हम दोनों के बारे में क्या सोचेगा,,,,। ( अपने बेटे की बात सुनकर सुगंधा अपने बेटे की तरफ पलट कर उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोली,,,।)

बोल तू तो ऐसे रहा है जैसे तू मुझ को चोदना ही नहीं चाहता जबकि सच यह है कि तुम मुझे चोदने की कल्पना कर रहा है मुझे नंगी देखकर मस्त हुआ जा रहा है तभी तो यह तेरा ये
( पजामे में के ऊपर से यह अपने बेटे के लंड को पकड़ते हुए) खड़ा हो गया है,,,,,। ( रोहन भी क्या करता उसके पास कहने के लिए कुछ भी नहीं बचा था और वैसे भी वह ज्यादा चला कि नहीं दिखाना चाहता था क्योंकि वह इस बात से डर रहा था कि ज्यादा चला कि दिखाने में कहीं हाथ में आया ऐसा सुनहरा मौका चलाना जाए कहीं उसकी मां पलट ना जाए,,, इसलिए वह अपनी मां से बोला,,,

लेकिन मम्मी (इतना कहने के साथ ही सुगंधा एक बार फिर से खिड़की से बाहर की तरफ झांकने लगी उसकी चिकनी नंगी पीठ लोहा की तरफ थी और रोहन अपनी बात कहते कहते अपनी नजर को सुगंधा की मखमली कमर के नीचे गांड के मदमस्त ऊभार पर ले गया और उस पर नजर पड़ते ही वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,,, और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) किसी को यह सब पता चल गया तो हम दोनों के बारे में क्या सोचेगा,,, (इतना कहकर अपनी मां का जवाब सुने बिना ही अपने कदम आगे बढ़ा दिया और ठीक अपनी मां के पीछे जाकर खड़ा हो गया और अपनी कमर को थोड़ा सा आगे बढ़ाते हुए अपने पजामी में बने तंबू का स्पर्श अपनी मां की मदमस्त गांड पर कराने लगा जिसका स्पर्श पाते ही सुगंधा एक बार फिर से ऊतेजना के मारे सिहर उठी,,,, वह कुछ बोल पाती इससे पहले ही रोहन हिम्मत दिखाते हुए एक बार फिर से अपनी मां की शेरनी जैसी कमर को अपने दोनों हाथों से थाम लिया जिससे एक बेहद उत्तेजना आत्मक पोज बन चुका था ऐसा लग रहा था मानो रोहन अपनी मां को पीछे से चोद रहा है और सुगंधा खिड़की पकड़कर अपने बेटे के हर धक्के को संभाल रही हैं,,,,

किसी को कानों कान पता नहीं चलेगा रोहन वैसे भी घर में हम दोनों के सिवा कोई और नहीं है यह बात दरवाजे के बाहर कभी नहीं जा सकती,,,,, (इतना सुनते ही रोहन अपने दोनों हाथ को अपनी मां की कमर पर से हटा कर सीधे उसके दोनों खड़ पढ़ाते हुए कबूतर पर रखकर उसे हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया जिससे सुगंधा के भजन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और वह हल्की हल्की दर्द का आनंद लेते हुए कहरने लगी,,,, सुगंधा अपने बेटे की इस हिम्मत की वजह से पूरी तरह से मस्त होने लगी,,,,, दोनों के बीच खामोशी छा गई केवल बाहर बरस रही बारिश की आवाज ही आ रही थी और साथ में आसमान में रह-रहकर बादल गरज रहे थे आधी रात से ज्यादा का समय बीत चुका था लेकिन दोनों की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी,,,
रोहन अपनी मां की नारंगी और जैसी बड़ी-बड़ी चुचियों को जोर जोर से मसल ना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में ही कमरे में सुगंधा की गरम सिसकारियां गुंजने लगी,,,,
सुगंधा एकदम बेशर्म औरत बन चुकी थी उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके व्यवहार में इस तरह से बदलाव आएगा लेकिन बदन की जरूरत,,, वासना ने उसके तन बदन में उसके सोच में बदलाव ला दिया था।,,,, रोहन पागल हुआ जा रहा था उसे भी समझ में नहीं आ रहा था उसके अंदर इतनी हिम्मत कैसे आ गई वह अपनी मां की नंगी गोरी पीठ पर अपने होंठ को रगड़ रहा था और साथ ही दोनों चुचियों को जोर जोर से मसल रहा था ऐसा लग रहा था कि मानो उसके हाथ में दशहरी आम आ गया हो और वह जोर-जोर से दबाकर उसका सारा रस निचोड़ डालना चाहता हो अपने बेटे की हरकत की वजह से सुगंधा भी इतनी ज्यादा जोश में आ चुकी थी कि अपनी मदमस्त तरबूज जेसी गोल गोल गांड को अपने बेटे के पजामे में बने हुए तंबू पर गोल-गोल घुमाते हुए रगड़ रही थी,,,,,,, सुगंधा कमरे में छाई हुई खामोशी को तोड़ते हुए बोली,,,।

रोहन बेटा तेरा लंड पजामै में होने के बावजूद भी मेरी गांड की दरार के अंदर तक घुसा चला जा रहा है अगर पजामे के बाहर आएगा तो मुझे लगता है कि मेरी बुर का कचुंबर बना देगा,,,,।

क्या तुम सच कह रही हो मम्मी क्या मेरा लंड ईतना तगड़ा है तुमने तो आज तक उसे देखा भी नहीं है,,,,। ( अपनी मां की चुचियों को जोर जोर से दबाते हुए बोला,,,।)

मैं देखना चाहती हूं रोहन,,, मैं तेरे खड़े लंड का दीदार करना चाहती हूं मैं देखना चाहती हूं कि तेरे लंड में ऐसा क्या खास है जो मेरे मन को इतना बदल कर रख दिया है,,, ( सुगंधा गरम सिसकारी भरते हुए बोली,,,,। रोहन भला कब ना बोलने वाला था वह उसी तरह से अपनी मां की दोनों चूचियों को दबाता हुआ बोला,,,,)

देख लो मम्मी सब कुछ तुम्हारा है तुम्हारे लिए है।

( दोनों मां-बेटे पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे दोनों के तन बदन में वासना सवार हो चुकी थी दोनों अपनी मर्यादा को भूल चुके थे सुगंधा एक मां होने के बावजूद भी अपनी प्यास को बुझाने के लिए इस कदर खो गई थी कि उसे रोहन में एक बेटा नहीं बल्कि एक मर्द नजर आ रहा था जिससे वह अपने तन की प्यास बुझाना चाहती थी,,,,। वह अपने बेटे की बात सुनते ही फिर से अपने बेटे की तरफ पलट कर खड़ी हो गई और अपनी नजर को नीचे की तरफ उसके पजामे में तने हुए तंबू पर करके मुस्कुरा दी उसकी कामुक मुस्कान देखकर रोहन पूरी तरह से घायल हो गया,,,,। रोहन के पास करने के लिए कुछ भी नहीं था जो कुछ भी करना था उसकी मां को ही करना था सुगंधा भी यह बात अच्छी तरह से जानती थी वरना अपनी खुद की चुदाई वाली बात उसे अपने मुंह से नहीं कहनी पड़ती अगर वह इशारा समझ गया होता तो अभी तक वह ना जाने कितनी बार उसकी चुदाई कर चुका होता लेकिन आधी रात से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद दोनों प्यासे के प्यासे थे इसलिए सुगंधाको ही शुरुआत करनी पड़ी,,,।

दोनों खुली हुई खिड़की के करीब खड़े हुए थे रोहन के बदन पर अभी भी उसका पैजामा था लेकिन सुगंधा पूरी तरह से निर्वस्त्र नंगी खड़ी थी खिड़की से आ रही ठंडी शीतल हवा का सुगंधा की गर्म जवानी पर बिल्कुल भी असर नहीं हो रहा था और साथ ही अपनी मां की मदमस्त जवानी को देखकर रोहन भी पूरी तरह से गर्म हो चुका था जिससे उसे भी खिड़की से आ रही ठंडी हवा का बिल्कुल भी असर नहीं हो रहा था,,,,।,,,
 
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