राधा की आवाज सुनते ही रघू की हालत खराब हो गई हो एकदम से घबरा गया क्योंकि राधा गुस्से में उसे बोली थी,,,,
रघु घबराया हुआ था उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई थी उसके चेहरे की चमक गायब हो चुकी थी उसे इस बात का डर था कि अगर राधा ने उसकी ओर मालकिन के बीच के संबंध को लेकर मालिक को बता दिया तो उसकी खैर नहीं,,, इसलिए वह राधा के आगे हाथ जोड़कर खड़ा हो गया,,, उसे इस तरह से हाथ जोड़कर खड़ा हुआ देखकर राधा मनी मन खुश होने लगी,,, वह अपने मन में योजना बनाने लगी,,, वह जानती थी कि जिस हालात में उसने अपनी सास पर उस रघु को देखा है,,, उसका सही तरह का उपयोग करके वह अपने मन की मनसा पूरी कर सकती हैं,,, और इस राज को राज रखने के लिए कोई भी अपना मुंह नहीं खोल पाएगा,,,, वह पूरी तरह से अपने मन में योजना बना रही थी लेकिन योजना को कैसे अंजाम देना है यह उसे भी पता नहीं था,,,।
ऐई,,,, लड़के वहां क्यों खड़ा है इधर आ,,,,( राधा उंगली से इशारा करके उसे अपने पास बुलाने लगी,,,, रघू आज्ञाकारी लड़के की तरह डरता सहमता हुआ धीरे-धीरे कदम बढ़ा कर उसके पास जाने लगा,,, डर के मारे रघु का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, वह राधा के सामने खड़ा होकर अपने दोनों हाथ को जोड़कर धीरे से बोला,,,)
जी मालकिन,,,,,,
सच-सच बताना क्या हो रहा था तुम दोनों के बीच,,, और झूठ बोलने की कोशिश बिल्कुल भी मत करना क्योंकि मेरी आंखों ने तुम दोनों के बीच बहुत कुछ देख लिया है,,,,।
(जिस अंदाज में अपनी दोनों आंखों को नचाते हुए राधा ने यह बात कही थी,, उससे रघु वाकई में एकदम घबरा गया था,,,, रघु डर के मारे कुछ बोल नहीं पा रहा था यह उसका पहला मौका था जब वह किसी औरत के सामने इतना कमजोर पड रहा था,,, इसमें गलती भी तो उसी की ही थी रंगे हाथ जो पकड़ा गया था,,, इसलिए तो वह पूरी तरह से नाजुक कोमल देंह वाली वऔरत के सामने घुटने टेक दिया था,,,वह राधा के सवाल का जवाब देने लायक बिल्कुल भी नहीं था वह खामोश रहा उसकी ख़ामोशी को देखकर राधा और गुस्सा दिखाते हुए जोर से बोली,,,)
बताता है या तुम दोनों की काली करतूत को मैं मालिक से बता दु,,, फिर वही फैसला करेंगे कि तेरे साथ क्या करना है सासु मां को तो वह पत्नी होने के नाते एक बार माफ भी कर सकते हैं लेकिन तेरा क्या होगा कभी सोचा है तेरी लाश भी तेरे परिवार वालों को नहीं मिलेगी,,,,( लास वाली बातें सुनकर रघु पूरी तरह से घबरा गया... जमीदार की बीवी के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय वह पूरी तरह से वासना में लिप्त हो चुका था उसे इस बात का अहसास तक नहीं कहा कि अगर उन दोनों के बीच की अनैतिक संबंध के बारे में जमीदार को पता चल गया तो क्या होगा जो कि इस समय राधा उसे सच्चाई से वाकिफ करा रही थी,,,) तेरी मां रो-रो कर पागल हो जाएगी,,, और कौन है तेरे घर में,,,.
मेरी बड़ी बहन शालु,,,,,
हां,,,,शालु,,,, जो तूने सासू मां के साथ किया है सर गुस्से में मालिक तेरी बड़ी बहन के साथ भी कर सकते हैं,,, फिर क्या होगा कभी सोचा है समाज में तो मुंह दिखाने के लायक नहीं रह जाएगा,,,
(इतना सुनते ही रघू पूरी तरह से घबरा गया और तुरंत नीचे राधा के कदमों में गिर गया और उसके पांव पकड़ लिया,,, वह पेड़ की छांव में बैठी हुई थी रघू के इस तरह की हरकत को देखकर वह तुरंत खड़ी हो गई,,,, और उसे अपने पैर छुड़ाने के लिए बोलने लगे लेकिन डाकू पहली बार हकीकत से वाकिफ हो रहा था उसे अपनी आंखों के सामने सच्चाई का पता चल जाने के बाद मालिक के हाथों मौत के मुंह में जाने का डर लग रहा था,,,,)
नहीं छोटी मालकिन आप बिल्कुल भी ऐसा मत करना वरना मैं कहीं का नहीं रह जाऊंगा,,, मेरी इज्जत और जिंदगी सब कुछ आपके हाथ में है,,,, आप जो चाहो मेरे साथ सलूक कर सकती हो लेकिन यह बात मालिक को कभी मत बताना,,,,।
(जिस तरह से रघु उसके कदमों में गिरा हुआ था राधा बहुत खुश हो रही थी पहली बार कोई इस तरह से उसके पेर पकड़ कर माफी मांग रहा था,,, उसे अपने आप पर गर्व भी हो रहा था और रघु की हालत को देखकर उसे पक्का यकीन हो गया था कि अब वह जो भी बोलेगी रघु वैसा ही करेगा,,,,)
चल उठ जा मेरे पैर छोड,,,,,,
नहीं नहीं मैं नहीं छोडूंगा जब तक आप मुझे माफ नहीं कर देती,,,,,,,
तुझे क्या लगता है कि मैं तुझे माफ कर दूंगी,,,, मैं तुझे कभी माफ नहीं करने वाली मैं मालिक को सब कुछ बता दूंगी,,, तब तुझे पता चलेगा कि बड़े घर की औरतों के साथ रंगरेलियां मनाने का क्या नतीजा होता है,,,,
नहीं नहीं मालकिन ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,, मुझसे भूल हो गई,,,,(रघु एकदम घबरा चुका था क्योंकि ,,, राधा जितना से बोल रही थी रघु को ऐसा ही लग रहा था कि वह मालिक को सब कुछ बता देगी,,,)
भूल तो तुझ से हुई है और छोटी नहीं बहुत बड़ी भूल,,, तू ही जरा सोच अगर मैं मालिक को कमरे के अंदर क्या हो रहा था सब कुछ बता दुं तो क्या तू अपने पैरों पर खड़ा हो पाएगा ,,, बिल्कुल नहीं,,, तु मर भी सकता है,,, और मरेगा क्यों नहीं आखिरकार जमीदार की बीवी की इज्जत पर जो तूने हाथ डाला है,,,।
नहीं नहीं मालकिन ऐसा बिल्कुल मत करना,,,,(ऐसा कहते हुए वह राधा के पैरों को और जोर से पकड़ लिया) जो कुछ भी हुआ उसमे मेरी गलती बिल्कुल भी नहीं थी,,, सब कुछ मालकिन के कहने पर हुआ,,, वरना मेरी ऐसी हैसियत कहां,,,
(रघु की बातों को सुनकर राधा कुछ देर तक सोचने लगी,,, वह एक एक बात रघु के मुंह से निकलवा लेना चाहती थी,,, लेकिन बड़े आराम से वह जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी क्योंकि उसे अपना काम भी निकालना था,,, इसलिए वह बोली,,,)
गलती किसी की भी हो तूने किया या सासु मां ने लेकिन मालिक के सामने तो तेरी ही गलती नजर आएगी,,,,
नहीं-नहीं मालकिन आप ही मेरा सहारा है आप ही मुझे बचा सकती हो आप जो कहोगी मैं सब करूंगा,,, बस मुझे बचा लो,,,,।
(राधा चारों तरफ देख कर यह तसल्ली कर ले रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है और तसल्ली करने के बाद,, वह कुछ सोच कर बोली,,,)
यह बात तो एकदम पक्की है कि तेरी जान अब मेरी मुट्ठी में है,,,अगर मैं मुट्ठी खोल दी तो समझ लें तेरी जान तेरे सीने से उड़ जाएगी,,,,
नहीं नहीं मालकिन ऐसा गजब बिल्कुल भी मत करना,,,,
तो तुझे वैसा ही करना होगा जैसा कि मैं कहूंगी और हमेशा,,,
जिंदगी भर आपका गुलाम बन कर रहूंगा छोटी मालकिन बस मुझे बचा लीजिए,,,(रघु राधा के पैरों को पकड़े हुए गिड़गिड़ाते हुए बोला,, राधा के होठों पर मुस्कान पैर में लगी थी वह मन ही मन प्रसन्न हो रही थी,,, अब उसकी आंखों के सामने वही नजारा दिखाई दे रहा था जब वह दरवाजा खोल कर अंदर के नजारे को देखी थी लेकिन अब उसकी सासु मां की जगह वह अपने आप को पाती थी,,,। और ऐसी कल्पना करके वह अंदर तक सिहर उठती थी जिंदगी में कभी भी वह पराए मर्द के बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन आज अपनी सासू मां को एक जवान लड़के के साथ रंगरेलियां मनाते देखकर उसकी भावनाओं के भी पर लगने लगे थे,, उसके भी अरमान जंवा हो रहे थे,,, वह भी पराए जवान लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हुए जा रही थी,,,,, आने वाले फल की जबरदस्त हलचल को अपने अंदर महसूस कर रही थी वह एक नई जिंदगी जीने के लिए मचल रही थी अपने पति के साथ धोखा करने की सोच कर ही वह काफी उत्तेजित नजर आ रही थी वह इस अनोखे पल का अनुभव लेना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि ऐसा करने पर औरत को कैसा महसूस होता है,,,।)
तेरा क्या करना है यह बाद में सोचूंगी पहले चल काम में मेरा हाथ बटा,,,।
मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूं मालकिन बस आप काम बताइए ,,,।