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Incest बरसात की रात,,,(Completed)

Sanju@

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राधा की आवाज सुनते ही रघू की हालत खराब हो गई हो एकदम से घबरा गया क्योंकि राधा गुस्से में उसे बोली थी,,,,
रघु घबराया हुआ था उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई थी उसके चेहरे की चमक गायब हो चुकी थी उसे इस बात का डर था कि अगर राधा ने उसकी ओर मालकिन के बीच के संबंध को लेकर मालिक को बता दिया तो उसकी खैर नहीं,,, इसलिए वह राधा के आगे हाथ जोड़कर खड़ा हो गया,,, उसे इस तरह से हाथ जोड़कर खड़ा हुआ देखकर राधा मनी मन खुश होने लगी,,, वह अपने मन में योजना बनाने लगी,,, वह जानती थी कि जिस हालात में उसने अपनी सास पर उस रघु को देखा है,,, उसका सही तरह का उपयोग करके वह अपने मन की मनसा पूरी कर सकती हैं,,, और इस राज को राज रखने के लिए कोई भी अपना मुंह नहीं खोल पाएगा,,,, वह पूरी तरह से अपने मन में योजना बना रही थी लेकिन योजना को कैसे अंजाम देना है यह उसे भी पता नहीं था,,,।

ऐई,,,, लड़के वहां क्यों खड़ा है इधर आ,,,,( राधा उंगली से इशारा करके उसे अपने पास बुलाने लगी,,,, रघू आज्ञाकारी लड़के की तरह डरता सहमता हुआ धीरे-धीरे कदम बढ़ा कर उसके पास जाने लगा,,, डर के मारे रघु का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, वह राधा के सामने खड़ा होकर अपने दोनों हाथ को जोड़कर धीरे से बोला,,,)


जी मालकिन,,,,,,

सच-सच बताना क्या हो रहा था तुम दोनों के बीच,,, और झूठ बोलने की कोशिश बिल्कुल भी मत करना क्योंकि मेरी आंखों ने तुम दोनों के बीच बहुत कुछ देख लिया है,,,,।
(जिस अंदाज में अपनी दोनों आंखों को नचाते हुए राधा ने यह बात कही थी,, उससे रघु वाकई में एकदम घबरा गया था,,,, रघु डर के मारे कुछ बोल नहीं पा रहा था यह उसका पहला मौका था जब वह किसी औरत के सामने इतना कमजोर पड रहा था,,, इसमें गलती भी तो उसी की ही थी रंगे हाथ जो पकड़ा गया था,,, इसलिए तो वह पूरी तरह से नाजुक कोमल देंह वाली वऔरत के सामने घुटने टेक दिया था,,,वह राधा के सवाल का जवाब देने लायक बिल्कुल भी नहीं था वह खामोश रहा उसकी ख़ामोशी को देखकर राधा और गुस्सा दिखाते हुए जोर से बोली,,,)
बताता है या तुम दोनों की काली करतूत को मैं मालिक से बता दु,,, फिर वही फैसला करेंगे कि तेरे साथ क्या करना है सासु मां को तो वह पत्नी होने के नाते एक बार माफ भी कर सकते हैं लेकिन तेरा क्या होगा कभी सोचा है तेरी लाश भी तेरे परिवार वालों को नहीं मिलेगी,,,,( लास वाली बातें सुनकर रघु पूरी तरह से घबरा गया... जमीदार की बीवी के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय वह पूरी तरह से वासना में लिप्त हो चुका था उसे इस बात का अहसास तक नहीं कहा कि अगर उन दोनों के बीच की अनैतिक संबंध के बारे में जमीदार को पता चल गया तो क्या होगा जो कि इस समय राधा उसे सच्चाई से वाकिफ करा रही थी,,,) तेरी मां रो-रो कर पागल हो जाएगी,,, और कौन है तेरे घर में,,,.

मेरी बड़ी बहन शालु,,,,,

हां,,,,शालु,,,, जो तूने सासू मां के साथ किया है सर गुस्से में मालिक तेरी बड़ी बहन के साथ भी कर सकते हैं,,, फिर क्या होगा कभी सोचा है समाज में तो मुंह दिखाने के लायक नहीं रह जाएगा,,,
(इतना सुनते ही रघू पूरी तरह से घबरा गया और तुरंत नीचे राधा के कदमों में गिर गया और उसके पांव पकड़ लिया,,, वह पेड़ की छांव में बैठी हुई थी रघू के इस तरह की हरकत को देखकर वह तुरंत खड़ी हो गई,,,, और उसे अपने पैर छुड़ाने के लिए बोलने लगे लेकिन डाकू पहली बार हकीकत से वाकिफ हो रहा था उसे अपनी आंखों के सामने सच्चाई का पता चल जाने के बाद मालिक के हाथों मौत के मुंह में जाने का डर लग रहा था,,,,)

नहीं छोटी मालकिन आप बिल्कुल भी ऐसा मत करना वरना मैं कहीं का नहीं रह जाऊंगा,,, मेरी इज्जत और जिंदगी सब कुछ आपके हाथ में है,,,, आप जो चाहो मेरे साथ सलूक कर सकती हो लेकिन यह बात मालिक को कभी मत बताना,,,,।
(जिस तरह से रघु उसके कदमों में गिरा हुआ था राधा बहुत खुश हो रही थी पहली बार कोई इस तरह से उसके पेर पकड़ कर माफी मांग रहा था,,, उसे अपने आप पर गर्व भी हो रहा था और रघु की हालत को देखकर उसे पक्का यकीन हो गया था कि अब वह जो भी बोलेगी रघु वैसा ही करेगा,,,,)

चल उठ जा मेरे पैर छोड,,,,,,

नहीं नहीं मैं नहीं छोडूंगा जब तक आप मुझे माफ नहीं कर देती,,,,,,,

तुझे क्या लगता है कि मैं तुझे माफ कर दूंगी,,,, मैं तुझे कभी माफ नहीं करने वाली मैं मालिक को सब कुछ बता दूंगी,,, तब तुझे पता चलेगा कि बड़े घर की औरतों के साथ रंगरेलियां मनाने का क्या नतीजा होता है,,,,


नहीं नहीं मालकिन ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,, मुझसे भूल हो गई,,,,(रघु एकदम घबरा चुका था क्योंकि ,,, राधा जितना से बोल रही थी रघु को ऐसा ही लग रहा था कि वह मालिक को सब कुछ बता देगी,,,)

भूल तो तुझ से हुई है और छोटी नहीं बहुत बड़ी भूल,,, तू ही जरा सोच अगर मैं मालिक को कमरे के अंदर क्या हो रहा था सब कुछ बता दुं तो क्या तू अपने पैरों पर खड़ा हो पाएगा ,,, बिल्कुल नहीं,,, तु मर भी सकता है,,, और मरेगा क्यों नहीं आखिरकार जमीदार की बीवी की इज्जत पर जो तूने हाथ डाला है,,,।


नहीं नहीं मालकिन ऐसा बिल्कुल मत करना,,,,(ऐसा कहते हुए वह राधा के पैरों को और जोर से पकड़ लिया) जो कुछ भी हुआ उसमे मेरी गलती बिल्कुल भी नहीं थी,,, सब कुछ मालकिन के कहने पर हुआ,,, वरना मेरी ऐसी हैसियत कहां,,,
(रघु की बातों को सुनकर राधा कुछ देर तक सोचने लगी,,, वह एक एक बात रघु के मुंह से निकलवा लेना चाहती थी,,, लेकिन बड़े आराम से वह जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी क्योंकि उसे अपना काम भी निकालना था,,, इसलिए वह बोली,,,)

गलती किसी की भी हो तूने किया या सासु मां ने लेकिन मालिक के सामने तो तेरी ही गलती नजर आएगी,,,,

नहीं-नहीं मालकिन आप ही मेरा सहारा है आप ही मुझे बचा सकती हो आप जो कहोगी मैं सब करूंगा,,, बस मुझे बचा लो,,,,।
(राधा चारों तरफ देख कर यह तसल्ली कर ले रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है और तसल्ली करने के बाद,, वह कुछ सोच कर बोली,,,)

यह बात तो एकदम पक्की है कि तेरी जान अब मेरी मुट्ठी में है,,,अगर मैं मुट्ठी खोल दी तो समझ लें तेरी जान तेरे सीने से उड़ जाएगी,,,,


नहीं नहीं मालकिन ऐसा गजब बिल्कुल भी मत करना,,,,

तो तुझे वैसा ही करना होगा जैसा कि मैं कहूंगी और हमेशा,,,



जिंदगी भर आपका गुलाम बन कर रहूंगा छोटी मालकिन बस मुझे बचा लीजिए,,,(रघु राधा के पैरों को पकड़े हुए गिड़गिड़ाते हुए बोला,, राधा के होठों पर मुस्कान पैर में लगी थी वह मन ही मन प्रसन्न हो रही थी,,, अब उसकी आंखों के सामने वही नजारा दिखाई दे रहा था जब वह दरवाजा खोल कर अंदर के नजारे को देखी थी लेकिन अब उसकी सासु मां की जगह वह अपने आप को पाती थी,,,। और ऐसी कल्पना करके वह अंदर तक सिहर उठती थी जिंदगी में कभी भी वह पराए मर्द के बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन आज अपनी सासू मां को एक जवान लड़के के साथ रंगरेलियां मनाते देखकर उसकी भावनाओं के भी पर लगने लगे थे,, उसके भी अरमान जंवा हो रहे थे,,, वह भी पराए जवान लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हुए जा रही थी,,,,, आने वाले फल की जबरदस्त हलचल को अपने अंदर महसूस कर रही थी वह एक नई जिंदगी जीने के लिए मचल रही थी अपने पति के साथ धोखा करने की सोच कर ही वह काफी उत्तेजित नजर आ रही थी वह इस अनोखे पल का अनुभव लेना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि ऐसा करने पर औरत को कैसा महसूस होता है,,,।)

तेरा क्या करना है यह बाद में सोचूंगी पहले चल काम में मेरा हाथ बटा,,,।

मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूं मालकिन बस आप काम बताइए ,,,।
बहुत ही शानदार अपडेट है
लगता हैं राधा की जबरदस्त चूदाई होगी
 

Nevil singh

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जमीदार की बहू राधा जल्दी-जल्दी चली जा रही थी उसके मन में अजीब सी हलचल मची हुई थी उसकी आंखों ने जो देखा था,,, उसे अपनी आंखों पर ही भरोसा नहीं हो रहा था वैसे तो पहले दिन ही जब रघु और उसके साथ घर पर लौटे थे तो बंद कमरे के अंदर की अजीब आवाज को सुनकर उसे शक हो गया था और आज वासक एकदम यकीन में बदल गया था जब उसने अपनी आंखों से सब कुछ देख लिया,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कहां जाए एक अजीब सी हलचल तन बदन को झकझोर कर रख दे रही थी,,, इसलिए अफरा-तफरी में अपनी हवेली के पीछे चली गई,,, जहां पर गाय भैंस का तबेला बना हुआ था वैसे तो घर में नौकर चाकर की कोई कमी नहीं थी लेकिन राधा यह काम अपने हाथों से ही कर दी थी गाय भैंस को चारा देना और बाकी का सारा काम वो खुद अपने हाथों से करती थी,,,अपनी सास को एक जवान लड़के के साथ मजा लेते देखकर ना जाने क्यों उसके अरमानों को भी पंख लगना शुरू हो गए थे,,, वह तो मैंने के पास एक घने पेड़ की छांव के नीचे बैठ गई दोपहर का समय था इसलिए यहां पर कोई भी आने वाला नहीं था वह पेड़ के नीचे बैठकर कमरे के अंदर के दर्शय के बारे में सोच रही थी जो उसने खुद अपनी आंखों से देखी थी,,,, उसे अभी भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था उसकी सास जो कि यह बात खुद ही वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी सास उसकी सास की उम्र की नहीं बल्कि,,, उसकी जेठानी या बड़ी दीदी की उम्र की थी,,, राधा अपनी सास की उम्र के साथ-साथ उसके पद की गरिमा का भी ध्यान रखते हुए अपने मन में यह सोच रही थी कि आखिरकार भले ही कितनी भी उम्र की हो लेकिन थी तो उसकी सांस ही जमीदार की बीवी,,, पर इतने बड़े जमीदार की बीवी होने के बावजूद भी वह एक गांव के लड़के के साथ काम क्रीड़ा में मस्त हो गई,,, यह ख्याल मन में आते ही बस सोचने लगी कि क्या ससुर जी का खड़ा नहीं होता अगर होता भी होगा तो कितनी देर टीकते होंगे,,, जब मेरा पति खुद एक ही बार में पूरी तरह से ध्वस्त हो जाता है दोबारा करने के लिए उसके पास ताकत ही नहीं रहती तो,,, बाप का क्या हाल होता होगा और औरत तभी बाहर मुंह मारती है जब घर में उसे पूरी तरह से संतुष्टि नहीं मिलती,,, तो क्या सासुमा संतुष्ट नहीं हो पाती,,,, होंगी भी कैसे,, सासु मां की उम्र और उनके भरा हुआ बदन देखकर लगता नहीं कि ससुर जी से कुछ होता होगा उन्हें तो वाकई में उस रघू जैसा हटा कटा नौजवान लड़का ही चाहिए जो उनकी हड्डियां तडतडा सके,,, यह ख्याल मन में आते ही राधा की टांगों के बीच हलचल होना शुरू हो गई,,, उसके मन में भी अजीब अजीब सी ख्याल आ रहे थे अपनी सांसे को लेकर उसे रखो को नहीं करो अपने ससुर जी को लेकर और साथ ही अपने पति को लेकर सबको मिलाजुला कर उसका ख्याल वासना से लिप्त होता जा रहा था,,,वह अपने मन में यही सोच रही थी कि जरूर रघु उसकी सांसें मां को भरपूर संतुष्टि देता होगा तभी तो सासु मां दुनिया भर की लाज शर्म छोड़कर ऊंच-नीच का बिल्कुल भी ख्याल ना करते हुए गांव के लड़की के साथ शादी संबंध बना रही हैं हालांकि वह शारीरिक संबंध बनाते हुए देखी नहीं थी लेकिन जिस तरह की हरकत दोनों कर रहे थे उसी से पूरा पक्का यकीन हो गया था कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध है क्योंकि जब हुआ सासू मां को उनके मायके सेलेकर घर आया था तो बंद दरवाजे के पीछे जिस तरह की आवाजें आ रही थी उस तरह की आवाजों से राधा भलीभांति परिचित थी,,, इन सब खयालो कोई चिंता राधा की हालत खराब होने लगी थी,,,
ना जाने क्यों उसका मन अपने सास के नक्शे कदम पर चलने के लिए मचल रहा था,,,बार बार उसकी आंखों के सामने गायत्री से नजर आ जा रहा था जब उसकी सास अपना ब्लाउज खोल कर अपनी बड़ी बड़ी चूची को अपने हाथों से ऊसके मुंह में देकर पिला रही थी और वह रघु पागलों की तरह उसकी सास के चूचियों को दबा दबा कर पी रहा था यह पहली बार में इस तरह का हो पाना बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था जब इंसान आपस में पूरी तरह से खुल जाता है तभी एक दूसरे के अंगों से इस तरह से मस्ती ले ले कर खेलता हैं,,, राधा को पक्का यकीन हो चला था कि रास्ते में ही इन दोनों के बीच इस तरह की वारदात हुई है तभी तो दोनों इतना खुल चुके हैं,,,,अपनी सास और बहू के बीच जिस्मानी ताल्लुकात को लेकर राधा के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी सांसो की गति तेज होती जा रही थी और साथ ही दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में से मदन रस का बहाव होना शुरू हो गया था जिस तरह की उत्तेजना और अपनी बुर को ऐसी स्थिति में एकदम गीला महसूस कर रही थी उससे वह पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी,,, इस तरह की उत्तेजना उसे अपने पति के साथ जिस्मानी ताल्लुकात बनाने से पहले के खेल में भी कभी नहीं महसूस हुआ था,,,, इसलिए राधा और ज्यादा मचलने लगी थी,,, उसका दिल ना जाने क्यों उसके साथ की तरह रघु के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मचल रहा था हालांकि उसने आज तक किसी भी गैर मर्द के साथ जिस्मानी ताल्लुकात नहीं बनाए थे,,, उसका पति उसकी जिंदगी में पहला मरता था जो उसके अंगों को उसके बदन को स्पर्श किया था लेकिन आज ना जाने क्यों रघु का ख्याल मन में आती हुई और उसके साथ जिस्मानी ताल्लुकात बनाने के ख्याल से उसके तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा हो रही थी,,,, उसकी मद भरी जवानी चिकोटी काट रही थी,,,।
वह उसी तरह से पेड़ की छाया में बैठी हुई थी उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था बार-बार उसकी आंखों के सामने कमरे के अंदर का दृश्य घूम जा रहा था जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जा रही थी,,। दूसरे पेड़ की ओट में छुपकर रघु राधा को ही देख रहा था राधा के हाव भाव को देखकर उसे समझते देर नहीं लगी थी कि कमरे के अंदर के दृश्य को देखकर उसका असर राधा पर बुरी तरह से पड़ा है,,,अफरा तफरी में उसके साड़ी का आंचल उसके कंधे से नीचे की तरफ लुढ़क कर गिर गया था जिससे ब्लाउज के अंदर से झांक रही उसकी दोनों चूचियों के बीच की गहरी लकीर काफी लंबी नजर आ रही थी और बेहद मनमोहक भी,,,, रघु के तन बदन में राधा की जवानी देखकर अरमान मचलने लगे थे,,, वह प्यासी नजरों से राधा को ही देख रहा था,,, लेकिन उसके मन में यह डर बराबर बना हुआ था कि अगर राधा ने अपने पति या उसके ससुर को यह बात बता देगी उसकी सास और उसके बीच गलत संबंध है तो उसका क्या होगा कहीं का नहीं रह जाएगा जमीदार उसे मार कर फेंकवा देंगे और कोई कुछ नहीं कर पाएगा,,,, यह ख्याल मन में आते हैं डर के मारे रघु एकदम से सिहर उठा,,, क्योंकि वह जमीदार की ताकत से अच्छी तरह से वाकिफ था,,, उसके आदमी उसके साथ कुछ भी कर सकते थे,,,,अब इस परिस्थिति से निकलने का उसके पास कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था,,, सब कुछ राधा के हाथों में था,,, इसलिए वह अपने आप को राधा के हाथों में सौंप देना चाहता था,,,, दूसरी तरफ राधा अपनी आंखों से जो नजारा देख चुकी थी अपनी सास और रघु को रंगे हाथों पकड़ चुकी थी उसका फायदा उठाने के चक्कर में थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि अगर वहां रघु के साथ शारीरिक संबंध बना लेगी तो भी उसके साथ उसके पति को मतलब कि उसके ससुर को अपने बेटे को यह बात बिल्कुल भी नहीं बताएगी और रघू तो कभी सपने में भी यह बात बताने की सोच नहीं सकता,,, इसलिए राधा के ख्यालों का घोड़ा बड़ी तेजी से दौड़ रहा था अपने मम्मी यही सोच रही थी कि गैर मर्द मतलब एक नव जवान लड़की के साथ अगर में शारीरिक संबंध बनाएगी तो उसे कैसा महसूस होगा,,, एक नौजवान लड़का अपने हाथों से उसके कपड़ों को उठा देगा उसे नंगी करेगा उसकी नंगी चूचीयो से खेलेगा उसे मुंह में भरकर पिएगा जैसे कि वह उसकी सास की चुची को पी रहा था,,,, और तो और अपने लंड को जो कि उसने आज तक अपने पति के बिना किसी और किसी और मर्द का लंड देखी तक नहीं थी,,, वह गैर नौजवान लड़का अपना लंड उसकी बुर में डालकर उसे चोदेगा,,,,ओके सा महसूस करेगी लेकिन लड़के के सामने अपने आप को नग्न अवस्था में पाकर उसकी बाहों में पाकर उसे अपने अंगों से खेलने की खुली छूट देकर उसके साथ संभोग सुख क्या उसे पूरी तरह से संतुष्ट ही दे पाएगा अगर वह सच में उसे संतुष्टि दे सका तो यह उसके लिए बेहद खुशी की बात होगी,,,, उसके मन में ढेर सारे सवाल चल रहे थे वह यह भी सोच रही थी कि अपने पति के साथ चोडू आकर उसे जिस तरह से महसूस होता है क्या उस नौजवान लड़के के साथ चुदवाकर उसे वेसा ही महसूस होगा या उससे भी ज्यादा मजा आएगा,,,, यही सब सोचकर वह बिल्कुल कामविह्वल में लिप्त होती जा रही थी,,,, और दूसरी तरफ रघु पेड़ की ओट में अपने आप को पाने के चक्कर में उसका पैर फिसल गया और वह पेड के लग ही गिर गया,,,, राधा की नजर सीधे रघू ऊपर चली गई,,,,रघु राधा की नजरों से अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहा था तो राधा ही थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,।

ए लड़के,,,, इधर आ,,,,,,,।
Rochak update mitr
 

Nevil singh

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राधा की आवाज सुनते ही रघू की हालत खराब हो गई हो एकदम से घबरा गया क्योंकि राधा गुस्से में उसे बोली थी,,,,
रघु घबराया हुआ था उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई थी उसके चेहरे की चमक गायब हो चुकी थी उसे इस बात का डर था कि अगर राधा ने उसकी ओर मालकिन के बीच के संबंध को लेकर मालिक को बता दिया तो उसकी खैर नहीं,,, इसलिए वह राधा के आगे हाथ जोड़कर खड़ा हो गया,,, उसे इस तरह से हाथ जोड़कर खड़ा हुआ देखकर राधा मनी मन खुश होने लगी,,, वह अपने मन में योजना बनाने लगी,,, वह जानती थी कि जिस हालात में उसने अपनी सास पर उस रघु को देखा है,,, उसका सही तरह का उपयोग करके वह अपने मन की मनसा पूरी कर सकती हैं,,, और इस राज को राज रखने के लिए कोई भी अपना मुंह नहीं खोल पाएगा,,,, वह पूरी तरह से अपने मन में योजना बना रही थी लेकिन योजना को कैसे अंजाम देना है यह उसे भी पता नहीं था,,,।

ऐई,,,, लड़के वहां क्यों खड़ा है इधर आ,,,,( राधा उंगली से इशारा करके उसे अपने पास बुलाने लगी,,,, रघू आज्ञाकारी लड़के की तरह डरता सहमता हुआ धीरे-धीरे कदम बढ़ा कर उसके पास जाने लगा,,, डर के मारे रघु का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, वह राधा के सामने खड़ा होकर अपने दोनों हाथ को जोड़कर धीरे से बोला,,,)


जी मालकिन,,,,,,

सच-सच बताना क्या हो रहा था तुम दोनों के बीच,,, और झूठ बोलने की कोशिश बिल्कुल भी मत करना क्योंकि मेरी आंखों ने तुम दोनों के बीच बहुत कुछ देख लिया है,,,,।
(जिस अंदाज में अपनी दोनों आंखों को नचाते हुए राधा ने यह बात कही थी,, उससे रघु वाकई में एकदम घबरा गया था,,,, रघु डर के मारे कुछ बोल नहीं पा रहा था यह उसका पहला मौका था जब वह किसी औरत के सामने इतना कमजोर पड रहा था,,, इसमें गलती भी तो उसी की ही थी रंगे हाथ जो पकड़ा गया था,,, इसलिए तो वह पूरी तरह से नाजुक कोमल देंह वाली वऔरत के सामने घुटने टेक दिया था,,,वह राधा के सवाल का जवाब देने लायक बिल्कुल भी नहीं था वह खामोश रहा उसकी ख़ामोशी को देखकर राधा और गुस्सा दिखाते हुए जोर से बोली,,,)
बताता है या तुम दोनों की काली करतूत को मैं मालिक से बता दु,,, फिर वही फैसला करेंगे कि तेरे साथ क्या करना है सासु मां को तो वह पत्नी होने के नाते एक बार माफ भी कर सकते हैं लेकिन तेरा क्या होगा कभी सोचा है तेरी लाश भी तेरे परिवार वालों को नहीं मिलेगी,,,,( लास वाली बातें सुनकर रघु पूरी तरह से घबरा गया... जमीदार की बीवी के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय वह पूरी तरह से वासना में लिप्त हो चुका था उसे इस बात का अहसास तक नहीं कहा कि अगर उन दोनों के बीच की अनैतिक संबंध के बारे में जमीदार को पता चल गया तो क्या होगा जो कि इस समय राधा उसे सच्चाई से वाकिफ करा रही थी,,,) तेरी मां रो-रो कर पागल हो जाएगी,,, और कौन है तेरे घर में,,,.

मेरी बड़ी बहन शालु,,,,,

हां,,,,शालु,,,, जो तूने सासू मां के साथ किया है सर गुस्से में मालिक तेरी बड़ी बहन के साथ भी कर सकते हैं,,, फिर क्या होगा कभी सोचा है समाज में तो मुंह दिखाने के लायक नहीं रह जाएगा,,,
(इतना सुनते ही रघू पूरी तरह से घबरा गया और तुरंत नीचे राधा के कदमों में गिर गया और उसके पांव पकड़ लिया,,, वह पेड़ की छांव में बैठी हुई थी रघू के इस तरह की हरकत को देखकर वह तुरंत खड़ी हो गई,,,, और उसे अपने पैर छुड़ाने के लिए बोलने लगे लेकिन डाकू पहली बार हकीकत से वाकिफ हो रहा था उसे अपनी आंखों के सामने सच्चाई का पता चल जाने के बाद मालिक के हाथों मौत के मुंह में जाने का डर लग रहा था,,,,)

नहीं छोटी मालकिन आप बिल्कुल भी ऐसा मत करना वरना मैं कहीं का नहीं रह जाऊंगा,,, मेरी इज्जत और जिंदगी सब कुछ आपके हाथ में है,,,, आप जो चाहो मेरे साथ सलूक कर सकती हो लेकिन यह बात मालिक को कभी मत बताना,,,,।
(जिस तरह से रघु उसके कदमों में गिरा हुआ था राधा बहुत खुश हो रही थी पहली बार कोई इस तरह से उसके पेर पकड़ कर माफी मांग रहा था,,, उसे अपने आप पर गर्व भी हो रहा था और रघु की हालत को देखकर उसे पक्का यकीन हो गया था कि अब वह जो भी बोलेगी रघु वैसा ही करेगा,,,,)

चल उठ जा मेरे पैर छोड,,,,,,

नहीं नहीं मैं नहीं छोडूंगा जब तक आप मुझे माफ नहीं कर देती,,,,,,,

तुझे क्या लगता है कि मैं तुझे माफ कर दूंगी,,,, मैं तुझे कभी माफ नहीं करने वाली मैं मालिक को सब कुछ बता दूंगी,,, तब तुझे पता चलेगा कि बड़े घर की औरतों के साथ रंगरेलियां मनाने का क्या नतीजा होता है,,,,


नहीं नहीं मालकिन ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,, मुझसे भूल हो गई,,,,(रघु एकदम घबरा चुका था क्योंकि ,,, राधा जितना से बोल रही थी रघु को ऐसा ही लग रहा था कि वह मालिक को सब कुछ बता देगी,,,)

भूल तो तुझ से हुई है और छोटी नहीं बहुत बड़ी भूल,,, तू ही जरा सोच अगर मैं मालिक को कमरे के अंदर क्या हो रहा था सब कुछ बता दुं तो क्या तू अपने पैरों पर खड़ा हो पाएगा ,,, बिल्कुल नहीं,,, तु मर भी सकता है,,, और मरेगा क्यों नहीं आखिरकार जमीदार की बीवी की इज्जत पर जो तूने हाथ डाला है,,,।


नहीं नहीं मालकिन ऐसा बिल्कुल मत करना,,,,(ऐसा कहते हुए वह राधा के पैरों को और जोर से पकड़ लिया) जो कुछ भी हुआ उसमे मेरी गलती बिल्कुल भी नहीं थी,,, सब कुछ मालकिन के कहने पर हुआ,,, वरना मेरी ऐसी हैसियत कहां,,,
(रघु की बातों को सुनकर राधा कुछ देर तक सोचने लगी,,, वह एक एक बात रघु के मुंह से निकलवा लेना चाहती थी,,, लेकिन बड़े आराम से वह जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी क्योंकि उसे अपना काम भी निकालना था,,, इसलिए वह बोली,,,)

गलती किसी की भी हो तूने किया या सासु मां ने लेकिन मालिक के सामने तो तेरी ही गलती नजर आएगी,,,,

नहीं-नहीं मालकिन आप ही मेरा सहारा है आप ही मुझे बचा सकती हो आप जो कहोगी मैं सब करूंगा,,, बस मुझे बचा लो,,,,।
(राधा चारों तरफ देख कर यह तसल्ली कर ले रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है और तसल्ली करने के बाद,, वह कुछ सोच कर बोली,,,)

यह बात तो एकदम पक्की है कि तेरी जान अब मेरी मुट्ठी में है,,,अगर मैं मुट्ठी खोल दी तो समझ लें तेरी जान तेरे सीने से उड़ जाएगी,,,,


नहीं नहीं मालकिन ऐसा गजब बिल्कुल भी मत करना,,,,

तो तुझे वैसा ही करना होगा जैसा कि मैं कहूंगी और हमेशा,,,



जिंदगी भर आपका गुलाम बन कर रहूंगा छोटी मालकिन बस मुझे बचा लीजिए,,,(रघु राधा के पैरों को पकड़े हुए गिड़गिड़ाते हुए बोला,, राधा के होठों पर मुस्कान पैर में लगी थी वह मन ही मन प्रसन्न हो रही थी,,, अब उसकी आंखों के सामने वही नजारा दिखाई दे रहा था जब वह दरवाजा खोल कर अंदर के नजारे को देखी थी लेकिन अब उसकी सासु मां की जगह वह अपने आप को पाती थी,,,। और ऐसी कल्पना करके वह अंदर तक सिहर उठती थी जिंदगी में कभी भी वह पराए मर्द के बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन आज अपनी सासू मां को एक जवान लड़के के साथ रंगरेलियां मनाते देखकर उसकी भावनाओं के भी पर लगने लगे थे,, उसके भी अरमान जंवा हो रहे थे,,, वह भी पराए जवान लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हुए जा रही थी,,,,, आने वाले फल की जबरदस्त हलचल को अपने अंदर महसूस कर रही थी वह एक नई जिंदगी जीने के लिए मचल रही थी अपने पति के साथ धोखा करने की सोच कर ही वह काफी उत्तेजित नजर आ रही थी वह इस अनोखे पल का अनुभव लेना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि ऐसा करने पर औरत को कैसा महसूस होता है,,,।)

तेरा क्या करना है यह बाद में सोचूंगी पहले चल काम में मेरा हाथ बटा,,,।

मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूं मालकिन बस आप काम बताइए ,,,।
Julmi update mitr
 
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