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Incest बरसात की रात,,,(Completed)

xxxlove

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Bahut ho manoranjak aur behtreen update Rohnny Bhai.Ab komal ka number lagne wala hai.Ab komal ki shaandaar chudai ka intzaar hai.
Bhai kajri par bhi dhyan do bechari bechain hai.

Awesome update bjai........
 

Napster

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एक और बडे घर की बहू रघू के दमदार और लंबे तगडे लंड के निचे आना तय हो गया
रघू और लाला की बहू कोमल के कामूक संभाषण जबरदस्त रहने की संभावना वाह उस्ताद वाह
बहुत ही शानदार और जानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Sanju@

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लाला और जमीदार दोनों लड़की देखने के लिए जा चुके थे अंदर दरवाजा बंद करके कोमल सुबक रही थी,,, उसे अपनी किस्मत पर रोना आ रहा था,,,,उस मनहूस घड़ी के लिए अपने आप को कोस रही थी जब वह शादी करके इस घर में आई थी पति का सुख तो उसे मिला नहीं ऊपर से उसका ससुर उस पर गंदी नजर रखने लगा था कोमल अपने मन में यही सोच रही थी कि भला वह अपने ससुर की नजरों से कब तक बची रहेगी,,,, वो तो किस्मत अच्छी रही थी कि कोई ना कोई आ जाता है,,,, अगर जिस दिन कोई समय पर नहीं पहुंचा तो उसका क्या होगा उसकी इज्जत का क्या होगा,,,। वह यही सोच कर रो रही थी,,,, कि तभी दरवाजे पर दस्तक होने लगी,,, दरवाजे पर हो रही दस्तक की आवाज सुनकर कोमल घबरा गई उसे लगने लगा कि उसका ससुर फिर वापस आ गया है,,,, उसके चेहरे पर चिंता की लकीर उपसने लगी,,, तभी जब दस्तक के साथ-साथ रघु की आवाज उसके कानों में पड़ी तो वह खुशी से चहक ने लगी उसकी सारी चिंता हवा में फुर्र हो गई,,।


लालाजी ,,,,,,,दरवाजा खोलिए ,,,,,,,लालाजी,,,
(इतना सुनते ही कोमल तुरंत उठ खड़ी हुई और भागते हुए जाकर दरवाजा खोल दी सामने दरवाजे पर रघु को खड़ा देखकर उसके होठों पर मुस्कान तेरने लगी,,, और रघु भी दरवाजे पर कोमल को देखकर मन ही मन प्रसन्न होने लगा,,,)

लालाजी नहीं है क्या,,,?


नहीं वह तो बाहर गए हैं,,,( कानों में रस घोलने वाली मधुर आवाज में बोली,,, रघु तो कोमल की आवाज सुनकर ही उत्तेजित हो जाता था और ऐसा हुआ भी उसके तन बदन के तार बजने लगे,,,)

कब तक लौटेंगे,,,,


कुछ कहकर नहीं गए हैं लेकिन जल्दी नहीं लौटेंगे वो किसी दूसरे गांव गए हैं,,,।
(कोमल की बातें सुनकर रघु की आंखों में चमक आने लगी,,, कोमल की खूबसूरती को वह पहले ही देख चुका था,,, उसके बदन के कटाव को उसकी बनावट की मुरत पहले ही उसके मन में बस चुकी थी,,, रघु कोमल को गले लगाना चाहता था उसे अपनी बाहों में भर कर उससे प्यार करना चाहता था लेकिन उसे डर भी लगता था,,, कि कहीं लाला को ईस बारे में पता चल गया तो क्या होगा,,, कोमल घूंघट डाले उसी तरह से खड़ी थी,,, रघु लाला की अनुपस्थिति में उसे बातें करना चाहता था उसके मन का राज जानना चाहता था लेकिन कैसे कहे उसे पता नहीं चल रहा था इसलिए वह जानबूझकर बहाना बनाते हुए बोला,,)

अच्छा ठीक है मैं फिर आ जाऊंगा अभी चलता हूं,,,।
(कोमल उसे जाने नहीं देना चाहती थी उससे बातें करना चाहती थी,,,,,, इसलिए उसकी यह बात सुनकर उसका मन उदास हो गया मुझे ऐसे ही जाने के लिए वापस मुड़ा वैसे ही कोमल बोल पड़ी,,,)

आए हो तो पानी तो पीकर जाओ बाबूजी का तांगा चलाते हो अगर बाबूजी को पता चल गया कि तुम घर पर आए थे और मैं तुम्हें पानी भी नहीं पूछी तो वह खामखा नाराज होंगे,,,।
(कोमल की बातें सुनकर रघु के चेहरे पर खुशी के भाव झलकने लगे और वह मुस्कुरा दिया,,,)

जैसी तुम्हारी इच्छा,,,,,लेकिन घर में कोई नहीं है क्या मेरा आना ठीक होगा,,,


हां क्यों नहीं,,,, आ जाओ,,,, यहां कौन देखने वाला है,,,,
(कोमल की यह बात सुनकर रघु के तन बदन में हलचल होने लगी,,,, वो भी देखना चाहता था कि कोमल के मन में क्या है,,, इसलिए वह बिना कुछ बोले घर में प्रवेश कर गया कोमल उसे बैठने के लिए बोली बार अंदर पानी लेने के लिए चली गई,,,, रघु से जाते हुए देखता रह गया क्योंकि कसी हुई साड़ी में उसके नितंबों का उभार जानलेवा नजर आ रहा था,,, तभी अंदर से कोमल एक हाथ में पानी भरा लोटा और दूसरे हाथ में मीठे गुड़ की प्लेट लेकर आई,,, उसके हाथों में पानी के साथ गुड़ देखकर रघु औपचारिकता बस बोला,,,)

अरे इसकी क्या जरूरत थी छोटी मालकिन,,,,


छोटी मालकिन नहीं कोमल नाम है हमारा,,,,(गुड वाली प्लेट को रखो की तरफ बढ़ाते हुए बोली,,,रख मुस्कुराते हुए उस प्लेट में से गुड़ का एक टुकड़ा उठाकर उसे तोड़ते हुए बोला,,,)

हमारे लिए तो तुम छोटी मालकिन ही हो,,,



नहीं हमें यह नहीं पसंद की कोई हमें मालकिन कहे,,,, तुम मुझे कोमल कहकर पुकारा करो,,,।


लेकिन क्या तुम्हें कोमल कहना उचित रहेगा कोई सुन लिया तो,,,,


सुन लिया तो सुन लिया मुझे उस की बिल्कुल भी परवाह नहीं है मैं तुम्हें अपना दोस्त समझती हूं,,,,
(इस बात पर रघु के चेहरे पर मुस्कान खिलने लगी और वह खुशी-खुशी गुड़ के टुकड़े को अपने मुंह में डालकर खाते हुए दूसरे टुकड़े को कोमल की तरफ आगे बढ़ाते हुए बोला,,)

तो यह दोस्त की तरफ से मुंह मीठा करने के लिए हमारी दोस्ती की मिठाई,,,
(रघु की बात सुन तेरी कोमल हंसने लगी और मिठाई के उस टुकड़े को लेकर अपने मोतियों जैसे दांत के नीचे रखकर काट कर उसे खाने लगी,,, रघु उसकी खूबसूरती उसके मोहक रूप को देखकर एकदम से फिदा हो गया,,, वह उसे देखता ही रह गया,,,,उसे इस तरह से अपनी तरफ देखता हूं आप आकर कोमल शर्मा गई और अपनी नजरों को नीचे कर ली,,, लेकिन फिर भी रघु उसे देखता ही रह गया,,, इस बार कोमल से रहा नहीं गया और वो शरमाते हुए बोली,,)

ऐसे क्या देख रहे हो,,,?


अगर बुरा ना मानो तो बता दु कि ऐसे क्यों देख रहा हूं,,,


हम तुम्हारी बात का बुरा नहीं मानेगे,,,,


तुम बहुत खूबसूरत हो छोटी मालकिन,,,,


छोटी मालकिन,,,,!(कोमल आश्चर्य जताते हुए बोली)

मेरा मतलब है कोमल जी,,,,


कोमल जी नहीं,,,, केवल कोमल


अच्छा बाबा कोमल,,,,, लेकिन सच कह रहा हूं तुम बहुत खूबसूरत हो,,,, तुम्हारे पति तो अपने आप को बहुत खुशनसीब समझते होंगे,,, समझते क्या होंगे खुशनसीब हैं जो तुम जैसी बीवी उन्हें मिली है,,,,

( रघु की यह बात सुनकर कोमल,,, के जख्म ताजा हो गई और दूसरी तरफ देखते हुए हंसने लगी और एकाएक जोर जोर से हंसने लगी उसे हंसता हुआ देख कर रघु को अजीब लगने लगा,,,, वह हंसती जा रही थी,,,,, तभी एकाएक शांत हो गई और रघु की तरफ देखते हूए बोली,,,)


तुम भी वही समझते हो जो दूसरे लोग समझते हैं बड़े घर की बहू जरूरी नहीं है कि दुनिया की सबसे खुशनसीब बहू होगी सबसे खुशनसीब पत्नी होगी सबसे खुशनसीब बीवी होगी,,,,, बड़े घर में भी बदनसीबी जन्म लेती है,,,,



मैं कुछ समझा नहीं,,,,


समझ जाते तो जो बात तुम कहे हो वह कभी नहीं कहते,,,(कोमल दुखी मन से घर की छत को देखते हुए बोली,,)


क्या तुम इस बड़े घर में बड़े घर की बहू होने के नाते खुश नहीं हो,,,,


रहने दो रघु हमारी किस्मत ही शायद यही है,,,,(इतना कहकर कोमल खामोश हो गई और उसकी ये खामोशी रघु को भाले की नोक की तरह चुभने लगी,,, वह कोमल से सारी बातें सुनना चाहता था इसलिए बोला,,,)


कोमल तुमने मुझे अपना दोस्त माना है और एक दोस्त से अपने मन की बात कह देनी चाहिए,,, मुझे बताओ कोमल क्या तुम खुश नहीं हो,,,।


एक औरत के लिए खुशी क्या होती है रघु,,, इसके मायने भी शायद मैं भूल चुकी हूं,,,,, एक औरत के लिए सबसे बड़ी खुशी होती है उसका पति जोर ऊससे प्यार करें ढेर सारा प्यार करें उसके सुख दुख का ख्याल रखें,,, एक औरत के लिए खुशनसीबी होती है उसका ससुराल उसका घर जहां पर उसे सम्मान मिले प्यार मिले,,, बाप के रूप में ससुर और मां का रूप में सांस मिले,,,। लेकिन मेरे नसीब में तो कुछ भी नहीं ना पति का प्यार ना ससुर का स्नेह और सास तो मेरी किस्मत में ही नहीं,,,
(कोमल की बातें सुनकर रघु एकदम हैरान था,,,)

तो क्या तुम्हें तुम्हारे पति का प्यार नहीं मिलता,,,,।


प्यार,,,,, वो जब हमारे पास रहते ही नहीं है तो प्यार कैसे मिलेगा,,,,


मैं कुछ समझा नहीं,,,


शादी के बाद बड़ी मुश्किल से 1 साल तक ही वह हमारे साथ है उसके बाद कहां चले गए आज तक ना मुझे पता है ना ससुर जी को,,,


क्या कह रही हो कोमल क्या लाला जी ने भी अपने बेटे को खोजने की दरकार नहीं लिए,,,,।

खोजने की उन्हें तो अपने बेटे की पड़ी ही नहीं है,,,, उल्टा उनकी गंदी नजर मुझ पर हैं,,,
(कमल की बात सुनकर रघु बुरी तरह से चौक गया,, उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ तो वह फिर से बोला,,,)

क्या कही तुमने,,,


वही जो तुम सुन रहे हो,,,,


मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कोमल,,,,


मुझे तो अभी तक यकीन नहीं हो पा रहा है,,,, कि मेरे ससुर जी इतने गंदे इंसान होंगे,,,,(कोमल दुखी मन से बोली)


तुम्हारे ससुर जी गंदे इंसान हैं यह तो मुझे मालूम था लेकिन अपने ही घर में गंदी नजर रखेंगे यह मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था,,,


तुम्हें कैसे मालूम है,,,,


मैं तो अपनी आंखों से देख चुका हूं कोमल,,, ,,,


अपनी आंखों से,,,,,, क्या देख चुके हो,,,,(कोमल उत्सुकता वश बोली,,, और रघु उसकी आंखों में अपने ससुर के गंदे कारनामे को जानने की उत्सुकता साफ नजर आ रही थी और यही मौका भी था रघु के पास उसके मन को बहकाने के लिए,,,, वैसे भी अब तक वह यह बात अच्छी तरह से जान चुका था कि औरत को सहारा की जरूरत होती है खास करके तब जब घर से उसे प्यार नहीं मिलता और ऐसे में थोड़ा सा भी सहारा देने का मतलब था कि उसे पूरी तरह से अपनी बना लेना,,,, और रघु कोमल को भी अपना बना लेना चाहता था क्योंकि वह समझ चुका था कि बरसों से उसे पति का प्यार,,, शरीर सुख नहीं मिला है,,,,,, इसलिए रघु कोमल को पूरी तरह से अपनी बातों के जादू में लपेट लेना चाहता था अपनी तरफ आकर्षित कर लेना चाहता था ताकि जो सुख उसे उसका पति ना दे सका वह सुख उसे वह दे सके,,,)

बहुत कुछ देख चुका हूं कोमल,,,, तुम्हारे ससुर बहुत ही गंदे इंसान हैं,,,, उनका राज में जान चुका हूं तभी तो उन्होंने मुझे तांगा चलाने की नौकरी दे दी है और मुझे कुछ ज्यादा बोलते भी नहीं है,,,,
(कोमल की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी रघु की बात सुनकर वह बोली,,,)

ऐसा क्या देख लिया तुमने की ससुर को तुम्हें नौकरी देनी पड़ी,,,,


मैं जो देखा हूं वह तुम्हें बताने लायक नहीं है,,,, रहने दो कोमल,,,


नहीं नहीं मुझे सुनना है में भी तो सुनु मेरे ससुर कितने गंदे इंसान हैं इंसान के रूप में हैवान है,,,।
( कोमल की बात सुनकर रघु समझ गया कि कोमल सब को सुनना चाहती है भले ही वह बात कितनी भी गंदी हो और उसकी वही उत्सुकता रघु के लिए उस तक पहुंचने का रास्ता बनने वाला था,,, रघु भी अपनी बातों को नमक नीचे लगाकर बताने में माहिर था,,, लेकिन फिर भी वह जानबूझकर ना नुकुर करते हुए बोला,,,)


रहने दो कोमल तुम एक औरत हो और औरत को ईस‌तरह की गंदी बातें नहीं सुनना चाहिए,,,।


रघु गंदा इंसान औरत के साथ गंदा काम कर सकता है और मैं सुन भी नहीं सकती,,,,। तुम कहो मैं सुनूंगी,,,, मुझे सब कुछ सुनना है,,, ताकि मैं अपने आपको अपने ससुर की गंदी नजरों से बचा सकूं,,,,


मैं तुम्हें सब कुछ बताता हूं लेकिन क्या तुम्हारे ससुर भी तुम्हारे साथ भी,,,,


नहीं नहीं रघु,,, हमने अभी तक अपने ससुर को अपने बदन को छूने तक नहीं दीया है,,, लेकिन तू गंदी नजरों से मुझे डर लगने लगा है वह मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करते हैं आखिरकार मैं एक औरत हूं कब तक अपने आप को एक मजबूत हाथों से बचा सकती हूं,,,,
(कोमल की बातें सुनकर रघु के मन में सुकून महसूस होने लगा उसे इस बात की तसल्ली हो गई थी उसके ससुर ने अभी तक उसके साथ गंदा काम नहीं कर पाया है,,,वह मन ही मन खुश था लेकिन अपनी खुशी को अपने चेहरे पर जाहिर नहीं होने देना चाहता था इसलिए वह बोला)


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो कोमल मैं हूं ना,,,, मैं तुम्हारी इज्जत पर आंच भी नहीं आने दूंगा,,,
(रघु कि इस तरह की सांत्वना भरी बातें सुनकर कोमल का मन प्रसन्न हो गया,,,, और वह बोली,,,)

चलो कोई तो है जो मेरी चिंता करता है और मेरी रक्षा करने के लिए तैयार है,,,, मैं तुमसे बहुत खुश हूं रघु,,, तुम बहुत अच्छे लड़के हो,,,


और तुम भी बहुत अच्छी हो,,,,
(रघु उसकी खूबसूरती में खोता चला जा रहा था,,, कोमल अब रघु से पर्दा नहीं की थी और अच्छे से रघु को कोमल का खूबसूरत चेहरा नजर आ रहा था,,,, रघु उसे एकटक देखता ही रह गया,,, तो कोमल बोली,,,)

देखते ही रहोगे या बताओगे भी कि हमारे ससुर को कौन सा गंदा काम करते देखे हो,,,,
(कोमल की उत्सुकता देखकर रघु भी कहां पीछे रहने वाला था वह नमक मिर्च लगाकर अपनी बात को सुनाना शुरू किया,,,)


वैसे तो तुम्हारे ससुर को जो गंदा काम करते मैंने देखा है वह तुम्हें बताना तो नहीं चाहिए था लेकिन एक दोस्त होने के नाते मैं तुम्हें बता रहा हूं,,,।
Amazing update
 

rohnny4545

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Bahut ho manoranjak aur behtreen update Rohnny Bhai.Ab komal ka number lagne wala hai.Ab komal ki shaandaar chudai ka intzaar hai.
Bhai kajri par bhi dhyan do bechari bechain hai.

Awesome update bjai........
Dhanyawad
 
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