प्रताप सिंह सुबह खाना खाते समय बहुत खुश नजर आ रहे थे इसलिए उनकी बीवी बोली,,।
क्या बात है आज आप बहुत खुश नजर आ रहे हैं,,?(पंखी से हवा देते हुए वह बोली,,)
खुश होने वाली बात हीं है तुम सुनोगी तो तुम भी खुश हो जाओगी,,,
ऐसी कौन सी बात है,,,?
मैंने बिरजू के लिए लड़की पसंद कर ली है बहुत सुंदर है,,, अपने समधी ने ही यह रिश्ता करवाया है,,,
(इतना सुनते ही प्रताप सिंह की बीवी और पानी लेकर आ रही प्रताप सिंह की बहू दोनों एकदम से सकते में आ गए,, वह दोनों पहले एक दूसरे को और फिर प्रताप सिंह को आश्चर्य से देखने लगे,,, क्योंकि दोनों यही चाहते थे कि रघु की बहन शालू इस घर में बहू बनकर आए ताकि शालू के बहाने रखो का इस घर में आना-जाना हमेशा बना रहे और दोनों अपने बदन की प्यास रघु से बुझाती रहें,, लेकिन प्रताप सिंह के लिए फैसले से दोनों के अरमानों पर पानी फिरता हुआ दिखाई देने लगा,,, इसलिए प्रताप सिंह की बीवी बोली,,,।)
नहीं नहीं यह आप क्या कर रहे हैं मैं पहले भी आपसे कह चुकी हूं कि बिरजू किसी और से प्यार करता है और वह लड़की रघु की बहन है,,,
मैं कुछ नहीं जानता,,,, मेरा फैसला अटल है,,,
अपने बेटे की खुशी के बारे में तो सोचिए,,,
उसकी खुशी किस में है यह उसे क्या मालूम,,, वह तो अभी अच्छे बुरे की परख करना नहीं जानता,,,,
वह बच्चा नहीं है बड़ा हो चुका है उसे अपना जीवनसाथी चुनने का पूरा हक है,,,।
यह हक मैंने अभी ऊसे नहीं दिया है,,,वो वही करेगा जो मैं कहूंगा,,,
बाबू जी ऐसा मत करिए,,, रघु की बहन शालू बहुत खूबसूरत है सुंदर है और संस्कारी है,, इस घर के लिए और बिरजू के लिए वह लड़की एकदम ठीक रहेगी,,,
बहु इस घर के लिए कौन ठीक रहेगा कौन नहीं इसका फैसला तुम नहीं करोगी,,,
लेकिन बाबू जी,,,
बस इससे ज्यादा मैं कुछ भी नहीं सुनना चाहता,,, मैं फैसला कर लिया तो कर लिया मैं उस लड़की के बाप को जबान दे कर आया हूं,,,, 1 सप्ताह बाद बिरजू और उस लड़की की सगाई है,,,,(इतना कहकर प्रताप सिंह उठ कर चला गया,,,)
अब क्या होगा माजी अगर चालू कीजिएगा इस घर में कोई और लड़की आ गई तो हम दोनों का क्या होगा,,,
मैं भी यही सोच रही हूं राधा,,,, कुछ ना कुछ तो करना होगा,,,
लेकिन क्या करना होगा हम दोनों तो कुछ कर भी नहीं सकते,,,।
एक काम करो किसी को भेजकर रघु को दोपहर के समय घर के पीछे बुलाओ,,, उसे बताना जरूरी है,,, वरना वहां पर कभी विश्वास नहीं करेगा,,,।
ठीक है माजी,,,
शालू बिरजू के साथ जीवन बिताने का सपना समझो रही थी कचरी भी अपनी बेटी की शादी बड़े घर में होने की उम्मीद जगाए बैठी थी और रघु बड़ी मालकिन पर पूरा भरोसा करके निश्चिंत होकर खेतों में गाय चराते हुए ललिया की बेटी रानी से बातें कर रहा था,,।
तू बहुत झूठी है,,,
ऐसा क्यों बोल रहा है तू,,,
फिर क्या बोलूं पता है ना उस दिन तेरी गाय दूर तक चली गई थी और मैं ला कर दिया था,,, याद है कि नहीं,,,?
मुझे याद है,,,
फिर तो यह भी याद होगा कि क्या शर्त हुई थी,,,
मुझे नहीं मालूम,,,
नाटक करना शुरू कर दी,,,
इसमें कौन सी नाटक वाली बात है,,,
बात है ही ना तू वादा करके मुकर गई,,, पता है कि मुझे चुम्मा देने के लिए वादा करी थी,,,
छी,,,, कितनी गंदी बात बोलता है तु,,,
इसमें कौन सी गंदी बात है क्या करूं जिंदगी में किसी को चुम्मा देगी नहीं,,,
नहीं किसी को नहीं दूंगी,,,,
अपने पति को भी नहीं,,,
नहीं बिल्कुल भी नहीं,,,,
चल रहने दे वो तो जबरदस्ती ले लेगा,,,, चुम्मा भी और तेरी वो भी,,,(इतना कहते हुए रघु वही घास के ढेर पर बैठ गया,,, तेरी वह भी ले लेने वाली बात सुनकर रानी सन्न रह गई क्योंकि वह समझती थी कि रघु क्या कह रहा है और किसके बारे में कह रहा है लेकिन फिर भी,,, वह आश्चर्य जताते हुए बोली,,,)
वह भी,,, क्या मतलब है,,,
चल तू इतनी भी नादान नहीं है कि मेरे कहने के मतलब को ना समझी हो,,,
सच में मुझे नहीं मालूम कि तू क्या कह रहा है,,,,
चल जाने दे छोड़,,, वादा तो पूरा करती नहीं है मतलब बताने का क्या फायदा,,,
तू वादा ही ऐसा करवाता है,,,, शर्म आती है,,।
इसमें शर्म की क्या बात है,,,
शर्म वाली ही तो बात है,,,, कोई लड़की क्यआ चुम्मा देती है,,।
क्यों नहीं देती हर लड़की देती है,,, चुम्मा में कितना मजा आता है,,,आहहहहहहहह,,,,(मस्ती से सिसकते हुए बोला,,)
तो क्या तेरी बहन भी चुम्मा दी है किसी को,,,
(अपनी बहन का जिक्र आते ही रघु गुस्से से तिलमिला उठा,,, कोई और वक्त होता तो शायद वह रानी के गाल पर तमाचा जड़ दिया होता लेकिन वो रानी को धीरे-धीरे लाइन पर लाना चाहता था,,, ताकि रानी की बुर का मजा ले सके,,, इसलिए खराब लगने के बावजूद भी वह बड़े ही सहज भाव से बोला,,)
क्या पता देती भी होगी सब लोग देते हैं वह भी देती होगी,,,
बाप रे तुझे शर्म नहीं आती अपनी बहन के बारे में इस तरह की बातें करते हुए,,,
इसमें कैसी शर्म हर औरत और लड़कियों का काम ही है देना और हम मर्दों का काम है लेना,,,तेरी मां भी तो किसी ने किसी को चुम्मा भी देती होगी और अपनी वो भी देती होगी,,,,,
देख मां के बारे में कुछ मत बोलना वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा,,,
तू खामखा गुस्सा करती है मैं तो सच्चाई बता रहा हूं तेरी मां कौन सी बुढी हो गई है अभी भी एकदम जवान लगती है,,, देखी नहीं है जब चलती है तो,, उसकी बड़ी बड़ी गांड कैसे मटकती है,,,(रघु जानबूझकर उसे बहकाने के लिए उसकी मां के बारे में गंदी गंदी बातें कर रहा था,, और उसका असर रानी के ऊपर होता हुआ साफ दिखाई दे रहा था,,,) कसम से देखने वालों का लैंड खड़ा हो जाता है,,,(रघु अब हर एक शब्द में अश्लीलता ला रहा था,, रानी रघु के मुंह से लंड शब्द सुनते ही अंदर ही अंदर मस्त होने लगी,,, अपने चेहरे पर जानबूझकर गुस्सा का भाव ला रही थी,,,)
देख रघु तो यह सब बातें मत बोल मुझे अच्छा नहीं लगता,,,
देख इसमें कोई अच्छा लगने या ना लगने वाली बात नहीं है यह तो सच्चाई है और एक लड़की होने के नाते तू भी अच्छी तरह से समझती है,,, क्या तू कभी अपनी मां की खूबसूरती पर गौर नहीं की है,,, अपनी मां के साथ आते जाते हैं कभी गैरों की नजरों को देखी नहीं है कि किस तरह से तेरी मां की खूबसूरती के ऊपर से नीचे तक निहारती रहती है,,, कसम से देखने वाले को मजा आ जाता है,,,
(रघु की बातें गंदी होने के बावजूद भी रानी को ना जाने क्यों अच्छी लगने लगी थी,,, वह भी रघु के पास बैठी हुई थी और जानबूझकर गुस्सा दिखाने का नाटक कर रही थी,,, रघु यह तरीका रामू पर आजमा चुका था और रामू अपनी मां के बारे में गंदी बातें सुनकर मस्त हो जाता था,,, ठीक वैसा ही उसकी बहन रानी के साथ हो रहा था,,, रानी जवान हो चुकी थी उसके बदन के हर एक अंग में अत्यधिक उभार आना शुरू हो गया था,,, कमीज के अंदर उसके कश्मीरी सेव धीरे-धीरे मिठास भर रहे थे,,,, टांगों के बीच गुलाबी दरार पर मखमली बाल आना शुरू हो गया था,,,, रघु अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)
तु चुम्मा की बात कर रही है,,, मुझे पूरा यकीन है कि तेरी मां चोरी छिपे अपनी दोनों टांगे फैलाकर किसी जमाने लंड का मजा लेती होगी,,, तभी तो उसके चेहरे पर इतनी निखार है,,,
तब तो तेरी मां भी किसी से चुदवाती होगी,,,, तभी तो तेरी मां भी इतनी खूबसूरत है,,,(तैश में आकर रानी के मुंह से चुदाई शब्द निकल गया,,, रघु बहुत खुश हुआ क्योंकि वह यही तो चाहता था,,, लेकिन रानी अपने मुंह से निकले गंदे शब्द की वजह से शर्म से पानी पानी हो गई,,, और इसी पल का मौका उठाते हुए,, रघु रानी से बोला,,,।)
,,,, हो सकता है बताऊं कैसे,,, बताऊं,,,,,(इतना कहने के साथ ही रघु रानी को अपनी बाहों में कस लिया,,,)
नहीं नहीं रघु ऐसा बिल्कुल मत कर,,, कोई देख लेगा,,,(बस कोई देख लेगा शब्द सुनकर रघु समझ गया कि रानी के मन में क्या चल रहा है,,, इसलिए वह उसे हरी हरी घास पर लेटाते हुए बोला,,,)
कोई नहीं देखेगा मेरी रानी,,,,(और इतना कहने के साथ ही रघु रानी के खूबसूरत लाल-लाल होठों को मुंह में भर कर चूसने लगा,,,, थोड़ी ही देर में रानी को मजा आने लगा रानी के लिए पहला मौका था जब वह किसी जवान लड़के की बाहो में थी और वह उसे चुंबन कर रहा था,,। थोड़ी ही देर में दोनों एकदम मस्त हो गए,,, कमीज के ऊपर से रघु उसके दोनों कश्मीरी सेव को दबाना शुरू कर दिया पहली बार कोई उसकी चूचियों को दबा रहा था उसे मजा आ रहा था,,, रानी की चूचियां अभी आकार में बड़ी बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन मजा बराबर दे रही थी,,,रानी के मुंह से रह-रहकर दर्द से कराहने के साथ-साथ मस्ती भरी सिसकारियां की आवाज निकल रही थी,,,। धीरे धीरे रघु अपना हाथ नीचे सलवार के ऊपर से ही उसकी चूचियों को मसलने का आनंद लेने लगा इसमें रानी को बहुत मजा आ रहा था,,। यह देखकर रघु उसकी सलवार की डोरी को खोलना शुरू कर दिया लेकिन रानी अपना हाथ उसके हाथ पर रख कर उसे रोकने की कोशिश करने लगी,,, लेकिन रघु कहां मानने वाला था,,, जिस जगह पर दोनों मजे ले रहे थे वह जगह थोड़ी खुली जगह पर थी इसलिए रघु खड़ा हुआ और रानी को अपनी गोद में उठा लिया और उसे लेकर घनी झाड़ियों मैं जाने लगा जिस तरह से रघु उसे अपनी गोद में उठाया था रानी को उसका यह तरीका और हरकत बहुत अच्छी लग रही थी वह शर्म से अपनी आंखों को बंद कर ली थी और सर हमसे इस तरह से आंखें बंद होता देख कर रघु को एहसास हो गया कि रानी की तरफ से पूरी तरह से स्वी कृति है,,,
रघु इस तरह से रानी की सलवार की डोरी खोल कर उसकी गुलाबी बुर देखकर मदहोश हो गया
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पजामे में रघु का लंड पूरी तरह से खडा हो गया और सीधा सलवार के ऊपर से ही रानी की गांड पर ठोकर मारने लगा,,, इससे रानी और ज्यादा उत्तेजित हो गई उत्तेजना के मारे उसका चेहरा उसके गोरे गोरे गाल कश्मीरी सेव की तरह लाल हो गए,,, घनी झाड़ियों में ले जाते ही घास पर लिटा कर रघु उसकी सलवार की डोरी खोल कर उसे एक झटके में उतार दिया कमर के नीचे रानी पूरी तरह से नंगी हो गई,,, उसकी खूबसूरती और कमर के नीचे नंगे पन को देखते हुए रघु एकदम मदहोश होता हुआ बोला,,,।
वाह रानी तू तो सचमुच की रानी है कसम से तु बहुत खूबसूरत है,,,,(रघु के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर रानी शर्मा गई,,, हालांकि अभी तक कमर के नीचे से नंगी कर देने के बावजूद भी रघु रानी की बुर को नहीं देखा था वह उसकी कमीज़ उतारने लगा और रानी अपनी कमीज उतरवाने में उसका सहयोग करने लगी अगले ही पल रानी उसकी आंखों के सामने घास पर एकदम नंगी लेटी हुई थी,,, रघु के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ रहा था रघु एक पल की भी देरी करना गवारा नहीं समझ रहा था इसलिए अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों टांगे फैलाकर वह सीधा उसकी बुर पर अपनी प्यासे होठ रखकर उसे चाटना शुरू कर दिया,,, रानी के लिए बेहद अद्भुत था पल भर में ही रानी छोड़ गई उसकी बुर से पानी का सैलाब फुट पड़ा,,, लेकिन रघु,, बिल्कुल भी नहीं रुका वह लगातार अपनी जीभ को उसकी मखमली बुर में डालकर उसे चाटता रहा नतीजे एक बार फिर से वह गरम हो गए और गर्म सिसकारी लेने लगी,,, कुछ देर तक उसकी बुर चाटने का आनंद लेने के बाद रघु ऊपर की तरफ नजर करके उसके दोनों कश्मीरी सेव को ललचाए आंखों से देखने लगा और अगले ही पल उसके दोनों कश्मीरी सेव को अपने दोनों हाथों में लेकर दबाना शुरू कर दिया रानी के मुख से दर्द भरी कराह फूट पड़ी लेकिन जैसे ही रघु उसके दोनों कश्मीरी सेव को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दिया वैसे ही उसके मुख से गर्म सिसकारी की मस्ती भरी आवाज गूंजने लगी,,, दोनों को मजा आ रहा था रानी मदहोश हुए जा रही थी,,, यही मौका देख कर रघु अपने कपड़े उतारने लगा पजामे को उतरते ही उसका खड़ा लंड हवा में लहराने लगा यह देखकर रानी के होश उड़ गए,,,,वह अंदर ही अंदर सिहर उठी लेकिन डर के मारे कुछ बोल नहीं पाई,,,, रघु घुटनों के बल बैठकर उसकी मोटी मोटी जांघों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपनी जांघों पर खींच लिया,,, रघु का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, और यही हाल रानी का भी था,,, रघु ढेर सारा अपने लंड को सुपाड़े पर लगाकर उसे पूरी तरह से गिला कर लिया उसके बाद थोड़ा सा थुक ऊसकी बुर पर भी लगा दिया वैसे भी पहले से ही उसकी बुर पूरी तरह से पनिया चुकी थी,,,, रघु जानता था कि थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन उसे विजय हासिल जरूर होगा लेकिन रानी का दिल जोरों से धड़क रहा था वह घबरा रही थी डर रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि रघु को इतना मोटा तगड़ा लैंड उसकी बुर में घुस जाएगा,,, रघु धीरे-धीरे प्रयास करना शुरू कर दिया,,,, वह जल्दबाजी बिल्कुल भी नहीं दिखा रहा था और इसका परिणाम उसे मिल रहा था रानी को दर्द तो हो रहा था लेकिन रघु की हरकतों की वजह से उसे आनंद भी आ रहा था,,।
आखिरकार धीरे-धीरे और रघु की सूझबूझ की वजह से रघु का मोटा तगड़ा लंबा लंड बुर की अंदरूनी अड़चनों को दूर करता हुआ उसकी तह तक घुस गया,,, पल भर के लिए रानी फिर से दर्द से बिलबिला उठी लकी रघु अच्छी तरह से जानता था दर्द को मजे में बदलने के लिए वह रानी के ऊपर चूक गया और उसकी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया और तब तक उसे पीता रहा जब तक की रानी के मुंह से आ रही दर्द के कराहने की आवाज मस्ती भरी सिसकारियां में नहीं बदल गई,,,, जैसे ही रानी के मुंह से मस्ती भरी आवाज निकलना शुरू हुई वैसे ही रघु की कमर ऊपर नीचे होना शुरू हो गई रघु रानी को चोदना शुरू कर दिया था,,, रानी को मजा आने लगा जैसे-जैसे लंडरानी की बुर के अंदर बाहर हो रहा था जैसे वैसे उसकी आनंद की परिभाषा बदलती जा रही थी,,।
रघु झाड़ियों के अंदर रानी की चुदाई करता हुआ
tanager place
अब कैसा लग रहा है रानी,,,
सहहहहहह,,,आहहहहहहह,,, रघु अब मुझे बहुत मजा आ रहा है,,,,
रानी भी रघु से चुदाई का मजा लेते हुए
![](https://i.ibb.co/TmzQMTN/GIF-210826-163019.gif)
मेरी रानी इस खेल में मजा ही आता है तभी तो सभी औरतें यही खेल खेलते हैं घर में या चोरी छुपे बाहर जैसा कि तुम और मैं,,,,,
आहहहहहह,,,,,, रघु,,,,,,ऊफफ,,,,,
रानी की मस्ती को देखते हुए रघु जोर-जोर से अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया आखिरकार तकरीबन आधे घंटे की जबरदस्त गरमा गरम चुदाई के बाद दोनों एक साथ झड़ गए,,, रानी पहली बार चुदाई का मजा ली थी,, रानी की बुर का उद्घाटन हो चुका था दोनों अपने अपने कपड़े पहन कर झाड़ियों से बाहर आ गया,,,।
रानी चुदवाने के बाद
हाय दैया,,,,वो,,, देख रघु मेरी गाय फिर से दूर चली गई है,,, जा,, जल्दी से वापस ले आ,,, अब तो तुझे कुछ नहीं चाहिए ना,,,।
चाहिए ना लेकिन आज नहीं फिर किसी दिन,,,(इतना क्या कर रघु मुस्कुराने लगा,,)
दूंगी,,,, जा पहले मेरी गाय वापस ले आ,,,
(रघु बहुत खुश हुआ और दौड़ता हुआ उस गाय के पीछे जाने लगा,,, थोड़ी देर बाद प्रताप सिंह की बीवी का नौकर रघु को ढूंढता हुआ उसके पास आया और बड़ी मालकिन मुझे बुला रहे हैं ऐसा संदेश कह कर उसे अपने साथ ले गया,,, रघु को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर क्या बात हुई जो मालकिन उसे बुला रही है,,।)