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Incest बरसात की रात,,,(Completed)

AssNova

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कजरी घबराई हुई थी,,,, आज का दिन उसके परिवार के लिए बेहद ही शुभ था लेकिन उसे लगने लगा था कि आज का दिन उसके लिए सबसे बड़ा मनहुस दिन साबित होने वाला है,,, अपनी बेटी को विदा करके वह आराम से घर पर पहुंच कर आज पड़ोस की औरतों से हंसते हुए बातें कर करके वह बेहद प्रसन्न थी,,, घर आकर वह अपने बेटे का इंतजार कर हीं रही थी कि तीन आदमी उसके मुंह पर हाथ रखकर उसे उठा ले गए तूफानी बारिश के कारण आस पड़ोस में किसी को भनक तक नहीं लगी,,,जिस तरह से तीनों बातें कर रहे थे उसे सुनकर कजरी को लगने लगा था कि आज उसकी इज्जत बचने वाली नहीं है और वह भी एक से नहीं चार चार से,,, यह सोचकर ही उसके बदन में घबराहट फैल जा रही थी जिस इज्जत को अपने अस्तित्व को आज तक बचाते आ रही थी आज लूटने जा रही थी और उसके हाथ में कुछ भी नहीं था वह अपने आप को बचा नहीं सकती थी आखिरकार वह एक औरत थी,,, और ऊसके सामने और उसके तीन मुस्टंडे साथी,,, जो कि उसके घर में घुसकर उसे उठाकर ले जा रहे थे रास्ते भर उसे कंधे पर उठाकर ले जाने वाला आदमी उसके बदन से अपनी मनमानी करता जा रहा था जिस खूबसूरत बदन को कजरी आज तक किसी को हाथ लगाने नहीं रही थी वह आज बेबस थी,,, उसे एक एैसा इंसान छु रहा था जिसे वह जानती तक नहीं थी,,,, वह उसके बदन पर चारों तरफ हाथ घुमा रहा था,,,,, और बार-बार उसकी खूबसूरत बड़ी बड़ी गांड पर जोर जोर से चपत लगा रहा था,,,,, यह सब कजरी के लिए असहनीय था,,,, ना जाने लाला के पास पहुंचकर उसका क्या होने वाला था,,,, यही सोचकर कजरी घबरा रही थी,,,,अपनी मम्मी यही सोच रही थी कि अगर जैसा वह आदमी कह रहा है अगर वैसा ही होगा तो वह क्या मुंह दिखाएगी गांव वाले को,,, कैसे नजरे मिला पाएगी,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह अपने मन में ठान ली थी कि अगर ऐसा कुछ भी गलत हुआ तो वह बहते हुए नहर में कूदकर अपनी जान दे देगी,,,,,।

तूफानी बारिश अपने उफान पर थी तेज हवाएं चल रही थी बिजली की गड़गड़ाहट से पूरा वातावरण भयानक लग रहा था ऐसे में वह तीनों बातों की चुटकी लेते हुए उसे लाला के पास लिए जा रहे थे कंधे पर उठाया हुआ इंसान बार-बार उसकी गांड को अपनी हथेली में दबोच कर आनंद ले रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे पहली बार किसी औरत का शरीर उसके हाथ लगा हो,,,। कजरी अगर उन लोगों की हरकत लाला से बता देने की धमकी ना देती तो वह लोग तूफानी बारिश में उसी जगह पर उसकी चुदाई कर दिए होते,,,,,

क्रोध से भरा हुआ गुस्से से आगबबूला होकर हाथ में कुल्हाड़ी लिए रघु उन लोगों की तरफ ही बढ़ता चला आ रहा था,,, कोमल अपने ससुर की करतूत रघु को बता कर अपने घर वापस लौट चुकी थी,, रघु अपनी मां को लेकर बहुत परेशान था उसके मन में ना जाने कैसे-कैसे विचार आ रहे थे वह सारे विचार अपनी मां और लाला के बीच की चुदाई से जुड़े हुए थे,,,, तूफानी बारिश में भी भागते हुए उसके दिमाग में यही दृश्य नजर आ रहा था कि जैसे लाला उसकी मां की चुदाई कर रहा है और रघु इस मन की कल्पना को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था,,, वह जल्द से जल्द लाला के घर पर पहुंच जाना चाहता था और तय कर लिया था कि आज लाला को जान से मार देगा,,,, लेकिन हवा इतनी तेज थी कि वह तेज चल नहीं पा रहा था और पानी भरने के कारण तेज तेज पांव भी नहीं चल रहे थे,,,

दूसरी तरफ लाला के आदमी कजरी को लेकर नहर के पास वाले घर पर पहुंच चुके थे,,, उनमें से एक आदमी दरवाजे पर दस्तक देने लगा अंदर बैठकर शराब पी रहा लाला दस्तक की आवाज सुनते ही एकदम उत्सुक हो गया उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे और वह तुरंत अपनी जगह से खड़ा हुआ और दरवाजे की तरफ लपका,,,, दरवाजे के पास पहुंचते ही तुरंत वह दरवाजे की कड़ी खोल कर दरवाजा खोल दिया,,,,, दरवाजा खोलते ही सामने अपने आदमी के कंधे पर कजरी को देखकर खुशी से फूले नहीं समाया,,,,


आओ कजरी रानी इस दिन का में बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था,,,,


मालिक आपकी पसंद की दाद देना पड़ेगा बड़ी करारी है,,,(कजरी को कंधे पर लटकाया हुआ आदमी बोला,,,)


अरे करारी है तभी तो मुझे बेहाल करके रखी है,,,(लाला उन लोगों को अंदर आने का इशारा करते हुए पीछे कदम लेते हुए बोला,,,वह तीनों के लाला के पीछे पीछे घर में आ गए और उनमें से एक दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दिया,,,, लाला पलंग पर बैठ गया और आदमी कजरी को वही नीचे जमीन पर बिठाने लगा,,, यह देखकर लाला बोला,,,।


अरे अरे यह क्या कर रहा है तू,,,,, इतनी खूबसूरत औरत को जमीन पर बैठा रहा है,,,,



मालिक यह पूरी तरह से पानी से भीग चुकी है,,,,,,,


तो क्या हुआ,,,,,, पानी से भीग चुकी है तो ऐसा कर इसके सारे कपड़े उतार कर इसे नंगी कर दी और फिर मेरे पलंग पर बैठा दे,,,
(यह सुनते ही कजरी की हालत खराब हो गई,,,, उसकी आंखों में बेबसी नजर आने लगी,,,, उसे लगने लगा कि अब कुछ ही देर में लाला के आदमी उसकी सारी उतारकर उसे नंगी कर देंगे यह सोचकर ही वह घबरा गई,,,, औरलाला का हुआ आदमी जो कजरी को उठा कर लाया था लाला की बात सुनते ही खुशी से फूले नहीं समा रहा था,,, उसके तन बदन में तेजा की लहर दौड़ लगी इस बात से कि वह अपने हाथों से किसी के कपड़े उतारकर से नंगी करेगा उसके नंगे बदन के दर्शन करेगा और ऐसा करने के लिए वह आगे बढ़ी रहा था कि तभी उसे लाला रोकते हुए बोला,,,।)


अच्छा रहने दे यह शुभकाम‌ मै खुद अपने हाथों से कर लूंगा,,,,(शराब का घूंट भरते हुए वह बोला,,,)

जी मालिक,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपने कदम पीछे ले लिया,,, लाला के ईस तरह से रोक देने से अंदर ही अंदर उसे गुस्सा भी आ रहा था लेकिन वह कुछ कर नहीं सकता था,,)


आज मेरी बरसों की तमन्ना पूरी होगी,,,,,, तुम लोगों को शायद मालूम नहीं कि नहीं बरसों से इस खूबसूरत गुलाब के फूल के पीछे पागलों की तरह लगा हुआ हूं लेकिन यह है कि भाव नहीं देती,,,, शाली न जाने किस गुमान में रहती है,,, अगर मेरी मानी होती तो अाज‌ यह दीन ना देखना पड़ता,,,, आखिरकार इस की जीत की वजह से आज उसके घर से उठाकर लाना पड़ा बहुत परेशान करती है यह और इसका बेटा रघु,,,,(रघु का जिक्र आते ही कजरी लाला की तरफ आश्चर्य से देखने लगी और लाला शराब की बोतल से शराब को गिलास में भरते हुए,,,) साला मेरे मुंह पर तमाचा मार गया है अपमान का तमाचा,,,,


मैं कुछ समझी नहीं लाला क्या कहना चाह रहे हो,,,(कजरी घबराते हुए बोली,,,)


साली अंजान बनती है,,,, ऐसे बोल रही है जैसे कुछ मालूम ही नहीं,,,,(शराब के गिलास को मुंह से लगाते हुए बोला,,) आज तु जो अपनी बेटी की शादी की है ना हवेली में,,, वहां पर मैं किसी और की शादी तय कर आया था जमींदार साहब भी हामी भर चुके थे,,,,, लेकिन ऐन मौके पर जमीदार की हालत खराब हो गई और हमारी समधन ने भी समिति के द्वारा और मेरे द्वारा तय की गई शादी से इंकार कर दिया और तेरी बेटी को अपने घर की बहू बना ली,,,, तेरी लड़की ने ना जाने कौन सा गुण देख ली कि मेरी बात मानने से इंकार करती ना तो अपने पति की बात मानी उनकी बात भी नहीं रखी,,,,, और तेरी बेटी बन गई बहु हवेली की,,,,,(गिलास में भरी हुई सारी शराब एक झटके में गले से नीचे उतार लिया,,,) अब कुछ समझ में आ रहा है,,, कि मैं तेरे बेटे के पीछे क्यों पड़ा हूं,,,,(कजरी बड़े गौर से लाला की बातों को सुन रही थी और उसे सब कुछ समझ में भी आ रहा था) तेरे बेटे को तो मैं अपने हाथों से मारूंगा,,, तब जाकर मेरे कलेजे को ठंडक मिलेगी,,,,(इतना सुनते ही कजरी अपनी जगह से खड़ी हो गई और रोते-रोते लाला के कदमों में जाकर गिर गई और हाथ जोड़कर बोली)


नहीं नहीं लाला इतने बेरहम मत बनो,,,, रघु मेरा एकलौता लड़का है,,, मेरे बुढ़ापे का सहारा है वह अभी बिल्कुल नादान है,,,,,(लाला के पैर पकड़ते हुए कजरी बोली)


नादानी तो वह कर चुका है जिसकी सजा उसे बराबर मिलेगी,,,,


नहीं नहीं लाला,,,, ऐसा मत करो मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं,,,,
(कजरी को अपने पैरों में गिरा हुआ देखकर लाला हंसने लगा क्योंकि उसे लगने लगा था कि आज समय बदल गया है जिसकी जवानी को चखने के लिए वह तरसता रहता था जिसकी जवानी का स्वाद पाने के लिए वह खुद जिसके पैर पकड़ना चाहता था आज वह खुद उसके पैर में गिरी हुई थी लाचार बेबस और यह देख कर उसके आदमी भी हंस रहे थे,,, कजरी लाला को अच्छी तरह से जानती थी इसलिए वह एकदम से डर गई थी रघु के लिए,,,,,,,, वो जानती थी कि लाला बेहद हरामी किस्म का आदमी था,,, वो रघु के साथ कुछ भी कर सकता था,,,, लाला कदमों में गिरी कजरी की टोढी पर उंगली रखकर उसके चेहरे को ऊपर उठाते हुए बोला,,,)

अब अपने बेटे की दुहाई देने से,,, काम बनने वाला नहीं है कजरी रानी,,,, तेरी चुदाई तो मैं आज करके ही रहूंगा,,, और तेरी आंखों के सामने ही तेरे बेटे को मौत के घाट उतारुंगा ,,,,,


नहीं-नहीं लाला ऐसा जुर्म मत करो,,,,, मेरे बेटे को बक्स दो बदले में मैं तुम्हारी जिंदगी भर के लिए गुलाम बन जाऊंगी,,,,
(यह बात सुनते ही लाला की आंखों में चमक आ गई,,,, उसका शैतानी दिमाग काम करना शुरू कर दिया,,,, थोड़ी देर साथ रहने के बाद बोला,,)



क्या तु सच कह रही कजरी रानी,,,,,


मैं बिल्कुल सच कह रही हूं लाला अपने बेटे की कसम खाकर कहती हूं मैं जिंदगी भर के लिए तेरी गुलाम हो जाऊंगी बस मेरे बेटे को बख्श दे,,,,


मुझे विश्वास नहीं हो रहा है मेरी जान तु बहुत चालाक औरत है,,,,,,, इधर आ,,,(इतना कहने के साथ ही लाला कजरी के कंधों को पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाने लगा और उसे अपने जांघो पर बैठने के लिए बोला,,,, लाला की बात सुनकर वह हीचकीचाने लगी,,,, आज तक उसने कभी भी गैर मर्द का स्पर्श तक नहीं की थी,,, और लाला उसे अपनी जांघों पर बैठने के लिए बोल रहा था,,, उसके दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी घबराहट से उसका पूरा बदन थरथर कांप रहा था,,,,)

क्या हुआ रानी रुक क्यों गई बैठो ना,,,,, मुझे मालूम था तुम अपना वादा कभी पूरा नहीं करोगी इसलिए तो मैं अपने अपमान का बदला तुम्हारी इच्छा तो तुम्हारे बेटे की जान से लूंगा,,,,


नहीं नहीं लाला ऐसा मत करना मैं बैठती हूं,,,,,(इतना कहने के साथ ही कजरी संकुचाते हुए लाला की जांघ पर बैठ गई,,, लाला की जांघ पर बैठते ही उसके बदन में कपकपी सी दौड़ने लगी और लाला अपनी जांघों पर कजरी के गोलाकार नरम नरम नितंबों का दबाव उसका स्पर्श महसूस करते ही एकदम उत्तेजना से भर गया,,, और उसके बेटे के साथ ही उत्तेजना भरी आवाज निकालते हुए बोला,,,)


ससससहहहहह,,,,,आहहहहहहह,,, मेरी रानी तुम्हारी गांड कीतनी नरम नरम है,,,,सहहहहहहहहह,,,(और इतना कहने के साथ ही अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर ब्लाउज के ऊपर से ही कजरी की चूचियां पकड़ कर मसलने लगा,,,, वह मारे दर्द के कराह उठी,,,, यह देख कर लाला के तीनों आदमियों की भी हालत खराब होने लगी कजरी की मदमस्त जवानी से खेलते हुए लाला को देखकर वह लोग उत्तेजित होने लगे और लाला का हौसला बढ़ाते हुए बोले,,)

बहुत अच्छे मालिक ऐसे ही,,,,, इसे अपनी रखेल बना कर रख लो,,, गांव की दूसरी औरतों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी,,,)

बात तो तू ठीक ही कह रहा है मैं भी यही सोच रहा हूं,,, इसे रखे बना लो और रोज रात को मस्ती करुंं,,,कसम से इतना मजा देगी कि आज तक जितनी भी औरतों की चुदाई कीया हु वह लोग नहीं दे पाई है,,,,(इतना कहने के साथ लाला कजरी की दूसरी चुची को भी ब्लाउज के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया,,,,, एक बार फिर से कजरी के चेहरे पर दर्द की पीड़ा झलकने लगी,,,, वह तीनो जोर जोर से हंसने लगे,,, तो लाला अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)
लेकिन मुझे इस पर विश्वास नहीं होता यह बहुत चालाक औरत है कभी भी पलट सकती है,,,,


अरे मालिक इसकी चालाकी कितनी काम आएगी,,,, और अगर चलाकि करी तो इसका बेटा है ना रघु उसे रास्ते से हटाना ही पड़ेगा,,,, कर आपकी बात मानती रहेगी तो इस उमर में भी चुदाई का सुख भोगेगी और बेटा भी जिंदा रहेगा और अगर नहीं मानी तो बेटा तो हांथ से जाएगा ही,,, और आपसे अपनी इज्जत भी नहीं बचा पाएगी आज तक कोई औरत आपसे बची है क्या गांव में,,,, एक बार बेटा हाथ से गया तो फिर उधर आएंगे इसे इसी जगह पर हमेशा के लिए,,, जहां पर यह आपकी बीवी बन कर रहेगी,,,,(इतना कहकर फिर तीनों जोर-जोर से हंसने लगे,,, और लाला अभी भी ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चुचियों को दबाने का सुख भोगते हुए बोला,,,)


क्यों मेरी रानी कजरी अपने वादे पर कायम रहोगी या धोखा दोगी,,,,, देखो तुम्हारे सामने कोई भी रास्ता नहीं बचा है शिवा मेरी शरण में आने का,,,, तुम अगर धोखा दी तो बेटे से हाथ धो बैठोगी,,,और बेटे से हाथ होने के बावजूद भी तुम्हें मेरे नीचे ही आना होगा प्यार से नहीं तो जबरदस्ती से जैसा कि तुम देख रही हो कि मेरे आदमी कैसे तुम्हें तुम्हारे घर से उठा कर लाए है मैं चाहूं तो अभी भी तुमसे जबरदस्ती करके तुम्हारी बुर में अपना लंड डाल सकता हूं,,, और अपनी प्यास बुझा सकता हूं और वह भी एक दिन नहीं रोज और अगर प्यार से मान गई तो बेटा हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा भले ही उसने मुझे अपमान किया लेकिन मैं तुम्हारे खातिर अपना अपमान भूल जाऊंगा,,,,,,, पर तुम मेरी प्यास हमेशा बुझाते रहना,,, इस बारे में किसी को कानों कान खबर भी नहीं पड़ेगी,,,,, रही बात मेरे आदमियों की इनकी चिंता तुम बिल्कुल भी मत करो यह लोग मेरे वफादार है जान दे देंगे लेकिन मुंह नहीं खोलेंगे,,,, बोलो क्या कहती हो,,,,(लाला धीरे से ब्लाउज का ऊपर वाला एक बटन खोल दिया जिससे कचरी की गोलाकार चूचियोंके बीच की गहरी लकीर एकदम साफ नजर आने लगी और उप सी हुई उसकी चूचियां भी जिसे देखकर लाला की आंखों में नशा उतर आया,,,, कजरी को मालूम था कि लाला उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा है लेकिन वह कुछ भी बोल सकने की स्थिति में नहीं थी,,,,बात खुद की होती तो वह अपनी जान देकर भी अपनी इज्जत बचा ली थी लेकिन अब उसके बेटे की बात थी अगर वह इसकी बात नहीं मानती है तो उसका बेटा अपनी जान से हाथ धो बैठेगा और जीते जी कजरी कभी नहीं चाहेगी कि उसका बेटा इन् हैवानो के हाथों मारा जाए,,,, हर हाल में उसे लाला की बात मान नहीं था जिस इज्जत को जवानी को पति के देहांत के बाद संभाल कर रखी थी आज ना चाहते हुए भी दूसरों के हाथों लुटाना पड रहा था,,,, सोचने का समय बिल्कुल भी नहीं थी उसे केवल फैसला लेना था क्योंकि उसे अपनी इज्जत देकर अपने बेटे की जान बचानी थी,,,, वह यह सब सोच ही रही थी कि लाना उसके ब्लाउज के बाकी के बटन खोले बिना ही ऊपर से ही उसके ब्लाउज में हाथ डालकर उसकी नरम नरम चुचियों को दबाना शुरू कर दिया,,, लाला एकदम चुदवासा हो गया था जिसकी वजह से वह जोर-जोर से उसकी चूचियों को दबा रहा था और कजरी को इससे दर्द भी हो रहा था,,,,,, )


बोलो मेरी जान चुप क्यों हो,,,,

(कुछ देर शांत रहने के बाद आखिरकार कजरी हां में सिर हिला दी,,, यह देखकर लारा के साथ-साथ उसके तीनों आदमी भी खुश हो गए बाहर अभी भी तेज बारिश हो रही थी तूफान पूरे जोश में था और उस तूफान भरी बारिश में रघु धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,,, लाला कजरी की हामी भरा इकरार सुनते ही कजरी के गोरे गोरे गालों पर चुंबन ले लिया,,,, कजरी को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ कर नहीं सकती थी,,,, लाला फिर बोला,,,)


कजरी मुझे अभी भी विश्वास नहीं होता कि तुम मेरी बात मान गई हो मुझे विश्वास दिलाने के लिए तुम्हें इसी समय अपने हाथों से अपने कपड़े उतार कर निर्वस्त्र होना पड़ेगा एकदम नंगी होना पड़ेगा,,,,(लाला की यह बातें सुनते ही कजरी आश्चर्य से लाला की तरफ देखने लगी मानो कि वह उसे ना कह रही हो लेकिन वो जानती थी कुछ होने वाला नहीं है,,, फिर भी वह बोली)

नहीं नहीं अपने हाथों से मुझे शर्म आती है,,,,(कजरी तिरछी नजरों से उसके तीनों आदमी की तरफ देखते हुए बोली)


देखो कजरी मुझे विश्वास दिलाने का बस यही एक तरीका है अगर तूने ऐसा नहीं करोगी तो मैं जान जाऊंगा कि तुम मुझे धोखा दोगी और फिर मुझे वही करना पड़ेगा जो कि तुम नहीं चाहती,,,,मैं यह काम अपने हाथों से ही कर सकता हूं लेकिन मैं चाहता हूं कि हमें विश्वास दिलाने के लिए तुम अपने हाथों से अपने कपड़े उतारो क्योंकि मेरे और मेरे आदमियों के सामने तुम अगर अपने हाथों से कपड़े उतारो की तो समझ लो कि तुम अपनी सारी शर्मो हया त्याग रही हो और तभी जाकर मजा भी आएगा,,, बोलो,,, हमारी बात मानोगी या बेटे से हाथ धोना है,,,,
(ना चाहते हुए भी कजरी को लाला की बात मानना पड़ा और वह धीरे से लाला की जांघों पर से उठ कर खड़ी हो गई,,,)
Kya Kajri Raghu ke liye apna sharir aur apni aatma tak dav pe laga skti hai .......
Lekin Kajri ko kam se kam Raghu pe Vishwaas to rakhna chahiye !!! use yakin hona chahiye ki uske bete ko marna itna aasaan nhi
Kajri ko yu hi apni sabse kimti chiz nhi de deni chahiye
 
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Punnu

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कजरी घबराई हुई थी,,,, आज का दिन उसके परिवार के लिए बेहद ही शुभ था लेकिन उसे लगने लगा था कि आज का दिन उसके लिए सबसे बड़ा मनहुस दिन साबित होने वाला है,,, अपनी बेटी को विदा करके वह आराम से घर पर पहुंच कर आज पड़ोस की औरतों से हंसते हुए बातें कर करके वह बेहद प्रसन्न थी,,, घर आकर वह अपने बेटे का इंतजार कर हीं रही थी कि तीन आदमी उसके मुंह पर हाथ रखकर उसे उठा ले गए तूफानी बारिश के कारण आस पड़ोस में किसी को भनक तक नहीं लगी,,,जिस तरह से तीनों बातें कर रहे थे उसे सुनकर कजरी को लगने लगा था कि आज उसकी इज्जत बचने वाली नहीं है और वह भी एक से नहीं चार चार से,,, यह सोचकर ही उसके बदन में घबराहट फैल जा रही थी जिस इज्जत को अपने अस्तित्व को आज तक बचाते आ रही थी आज लूटने जा रही थी और उसके हाथ में कुछ भी नहीं था वह अपने आप को बचा नहीं सकती थी आखिरकार वह एक औरत थी,,, और ऊसके सामने और उसके तीन मुस्टंडे साथी,,, जो कि उसके घर में घुसकर उसे उठाकर ले जा रहे थे रास्ते भर उसे कंधे पर उठाकर ले जाने वाला आदमी उसके बदन से अपनी मनमानी करता जा रहा था जिस खूबसूरत बदन को कजरी आज तक किसी को हाथ लगाने नहीं रही थी वह आज बेबस थी,,, उसे एक एैसा इंसान छु रहा था जिसे वह जानती तक नहीं थी,,,, वह उसके बदन पर चारों तरफ हाथ घुमा रहा था,,,,, और बार-बार उसकी खूबसूरत बड़ी बड़ी गांड पर जोर जोर से चपत लगा रहा था,,,,, यह सब कजरी के लिए असहनीय था,,,, ना जाने लाला के पास पहुंचकर उसका क्या होने वाला था,,,, यही सोचकर कजरी घबरा रही थी,,,,अपनी मम्मी यही सोच रही थी कि अगर जैसा वह आदमी कह रहा है अगर वैसा ही होगा तो वह क्या मुंह दिखाएगी गांव वाले को,,, कैसे नजरे मिला पाएगी,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह अपने मन में ठान ली थी कि अगर ऐसा कुछ भी गलत हुआ तो वह बहते हुए नहर में कूदकर अपनी जान दे देगी,,,,,।

तूफानी बारिश अपने उफान पर थी तेज हवाएं चल रही थी बिजली की गड़गड़ाहट से पूरा वातावरण भयानक लग रहा था ऐसे में वह तीनों बातों की चुटकी लेते हुए उसे लाला के पास लिए जा रहे थे कंधे पर उठाया हुआ इंसान बार-बार उसकी गांड को अपनी हथेली में दबोच कर आनंद ले रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे पहली बार किसी औरत का शरीर उसके हाथ लगा हो,,,। कजरी अगर उन लोगों की हरकत लाला से बता देने की धमकी ना देती तो वह लोग तूफानी बारिश में उसी जगह पर उसकी चुदाई कर दिए होते,,,,,

क्रोध से भरा हुआ गुस्से से आगबबूला होकर हाथ में कुल्हाड़ी लिए रघु उन लोगों की तरफ ही बढ़ता चला आ रहा था,,, कोमल अपने ससुर की करतूत रघु को बता कर अपने घर वापस लौट चुकी थी,, रघु अपनी मां को लेकर बहुत परेशान था उसके मन में ना जाने कैसे-कैसे विचार आ रहे थे वह सारे विचार अपनी मां और लाला के बीच की चुदाई से जुड़े हुए थे,,,, तूफानी बारिश में भी भागते हुए उसके दिमाग में यही दृश्य नजर आ रहा था कि जैसे लाला उसकी मां की चुदाई कर रहा है और रघु इस मन की कल्पना को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था,,, वह जल्द से जल्द लाला के घर पर पहुंच जाना चाहता था और तय कर लिया था कि आज लाला को जान से मार देगा,,,, लेकिन हवा इतनी तेज थी कि वह तेज चल नहीं पा रहा था और पानी भरने के कारण तेज तेज पांव भी नहीं चल रहे थे,,,

दूसरी तरफ लाला के आदमी कजरी को लेकर नहर के पास वाले घर पर पहुंच चुके थे,,, उनमें से एक आदमी दरवाजे पर दस्तक देने लगा अंदर बैठकर शराब पी रहा लाला दस्तक की आवाज सुनते ही एकदम उत्सुक हो गया उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे और वह तुरंत अपनी जगह से खड़ा हुआ और दरवाजे की तरफ लपका,,,, दरवाजे के पास पहुंचते ही तुरंत वह दरवाजे की कड़ी खोल कर दरवाजा खोल दिया,,,,, दरवाजा खोलते ही सामने अपने आदमी के कंधे पर कजरी को देखकर खुशी से फूले नहीं समाया,,,,


आओ कजरी रानी इस दिन का में बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था,,,,


मालिक आपकी पसंद की दाद देना पड़ेगा बड़ी करारी है,,,(कजरी को कंधे पर लटकाया हुआ आदमी बोला,,,)


अरे करारी है तभी तो मुझे बेहाल करके रखी है,,,(लाला उन लोगों को अंदर आने का इशारा करते हुए पीछे कदम लेते हुए बोला,,,वह तीनों के लाला के पीछे पीछे घर में आ गए और उनमें से एक दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दिया,,,, लाला पलंग पर बैठ गया और आदमी कजरी को वही नीचे जमीन पर बिठाने लगा,,, यह देखकर लाला बोला,,,।


अरे अरे यह क्या कर रहा है तू,,,,, इतनी खूबसूरत औरत को जमीन पर बैठा रहा है,,,,



मालिक यह पूरी तरह से पानी से भीग चुकी है,,,,,,,


तो क्या हुआ,,,,,, पानी से भीग चुकी है तो ऐसा कर इसके सारे कपड़े उतार कर इसे नंगी कर दी और फिर मेरे पलंग पर बैठा दे,,,
(यह सुनते ही कजरी की हालत खराब हो गई,,,, उसकी आंखों में बेबसी नजर आने लगी,,,, उसे लगने लगा कि अब कुछ ही देर में लाला के आदमी उसकी सारी उतारकर उसे नंगी कर देंगे यह सोचकर ही वह घबरा गई,,,, औरलाला का हुआ आदमी जो कजरी को उठा कर लाया था लाला की बात सुनते ही खुशी से फूले नहीं समा रहा था,,, उसके तन बदन में तेजा की लहर दौड़ लगी इस बात से कि वह अपने हाथों से किसी के कपड़े उतारकर से नंगी करेगा उसके नंगे बदन के दर्शन करेगा और ऐसा करने के लिए वह आगे बढ़ी रहा था कि तभी उसे लाला रोकते हुए बोला,,,।)


अच्छा रहने दे यह शुभकाम‌ मै खुद अपने हाथों से कर लूंगा,,,,(शराब का घूंट भरते हुए वह बोला,,,)

जी मालिक,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपने कदम पीछे ले लिया,,, लाला के ईस तरह से रोक देने से अंदर ही अंदर उसे गुस्सा भी आ रहा था लेकिन वह कुछ कर नहीं सकता था,,)


आज मेरी बरसों की तमन्ना पूरी होगी,,,,,, तुम लोगों को शायद मालूम नहीं कि नहीं बरसों से इस खूबसूरत गुलाब के फूल के पीछे पागलों की तरह लगा हुआ हूं लेकिन यह है कि भाव नहीं देती,,,, शाली न जाने किस गुमान में रहती है,,, अगर मेरी मानी होती तो अाज‌ यह दीन ना देखना पड़ता,,,, आखिरकार इस की जीत की वजह से आज उसके घर से उठाकर लाना पड़ा बहुत परेशान करती है यह और इसका बेटा रघु,,,,(रघु का जिक्र आते ही कजरी लाला की तरफ आश्चर्य से देखने लगी और लाला शराब की बोतल से शराब को गिलास में भरते हुए,,,) साला मेरे मुंह पर तमाचा मार गया है अपमान का तमाचा,,,,


मैं कुछ समझी नहीं लाला क्या कहना चाह रहे हो,,,(कजरी घबराते हुए बोली,,,)


साली अंजान बनती है,,,, ऐसे बोल रही है जैसे कुछ मालूम ही नहीं,,,,(शराब के गिलास को मुंह से लगाते हुए बोला,,) आज तु जो अपनी बेटी की शादी की है ना हवेली में,,, वहां पर मैं किसी और की शादी तय कर आया था जमींदार साहब भी हामी भर चुके थे,,,,, लेकिन ऐन मौके पर जमीदार की हालत खराब हो गई और हमारी समधन ने भी समिति के द्वारा और मेरे द्वारा तय की गई शादी से इंकार कर दिया और तेरी बेटी को अपने घर की बहू बना ली,,,, तेरी लड़की ने ना जाने कौन सा गुण देख ली कि मेरी बात मानने से इंकार करती ना तो अपने पति की बात मानी उनकी बात भी नहीं रखी,,,,, और तेरी बेटी बन गई बहु हवेली की,,,,,(गिलास में भरी हुई सारी शराब एक झटके में गले से नीचे उतार लिया,,,) अब कुछ समझ में आ रहा है,,, कि मैं तेरे बेटे के पीछे क्यों पड़ा हूं,,,,(कजरी बड़े गौर से लाला की बातों को सुन रही थी और उसे सब कुछ समझ में भी आ रहा था) तेरे बेटे को तो मैं अपने हाथों से मारूंगा,,, तब जाकर मेरे कलेजे को ठंडक मिलेगी,,,,(इतना सुनते ही कजरी अपनी जगह से खड़ी हो गई और रोते-रोते लाला के कदमों में जाकर गिर गई और हाथ जोड़कर बोली)


नहीं नहीं लाला इतने बेरहम मत बनो,,,, रघु मेरा एकलौता लड़का है,,, मेरे बुढ़ापे का सहारा है वह अभी बिल्कुल नादान है,,,,,(लाला के पैर पकड़ते हुए कजरी बोली)


नादानी तो वह कर चुका है जिसकी सजा उसे बराबर मिलेगी,,,,


नहीं नहीं लाला,,,, ऐसा मत करो मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं,,,,
(कजरी को अपने पैरों में गिरा हुआ देखकर लाला हंसने लगा क्योंकि उसे लगने लगा था कि आज समय बदल गया है जिसकी जवानी को चखने के लिए वह तरसता रहता था जिसकी जवानी का स्वाद पाने के लिए वह खुद जिसके पैर पकड़ना चाहता था आज वह खुद उसके पैर में गिरी हुई थी लाचार बेबस और यह देख कर उसके आदमी भी हंस रहे थे,,, कजरी लाला को अच्छी तरह से जानती थी इसलिए वह एकदम से डर गई थी रघु के लिए,,,,,,,, वो जानती थी कि लाला बेहद हरामी किस्म का आदमी था,,, वो रघु के साथ कुछ भी कर सकता था,,,, लाला कदमों में गिरी कजरी की टोढी पर उंगली रखकर उसके चेहरे को ऊपर उठाते हुए बोला,,,)

अब अपने बेटे की दुहाई देने से,,, काम बनने वाला नहीं है कजरी रानी,,,, तेरी चुदाई तो मैं आज करके ही रहूंगा,,, और तेरी आंखों के सामने ही तेरे बेटे को मौत के घाट उतारुंगा ,,,,,


नहीं-नहीं लाला ऐसा जुर्म मत करो,,,,, मेरे बेटे को बक्स दो बदले में मैं तुम्हारी जिंदगी भर के लिए गुलाम बन जाऊंगी,,,,
(यह बात सुनते ही लाला की आंखों में चमक आ गई,,,, उसका शैतानी दिमाग काम करना शुरू कर दिया,,,, थोड़ी देर साथ रहने के बाद बोला,,)



क्या तु सच कह रही कजरी रानी,,,,,


मैं बिल्कुल सच कह रही हूं लाला अपने बेटे की कसम खाकर कहती हूं मैं जिंदगी भर के लिए तेरी गुलाम हो जाऊंगी बस मेरे बेटे को बख्श दे,,,,


मुझे विश्वास नहीं हो रहा है मेरी जान तु बहुत चालाक औरत है,,,,,,, इधर आ,,,(इतना कहने के साथ ही लाला कजरी के कंधों को पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाने लगा और उसे अपने जांघो पर बैठने के लिए बोला,,,, लाला की बात सुनकर वह हीचकीचाने लगी,,,, आज तक उसने कभी भी गैर मर्द का स्पर्श तक नहीं की थी,,, और लाला उसे अपनी जांघों पर बैठने के लिए बोल रहा था,,, उसके दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी घबराहट से उसका पूरा बदन थरथर कांप रहा था,,,,)

क्या हुआ रानी रुक क्यों गई बैठो ना,,,,, मुझे मालूम था तुम अपना वादा कभी पूरा नहीं करोगी इसलिए तो मैं अपने अपमान का बदला तुम्हारी इच्छा तो तुम्हारे बेटे की जान से लूंगा,,,,


नहीं नहीं लाला ऐसा मत करना मैं बैठती हूं,,,,,(इतना कहने के साथ ही कजरी संकुचाते हुए लाला की जांघ पर बैठ गई,,, लाला की जांघ पर बैठते ही उसके बदन में कपकपी सी दौड़ने लगी और लाला अपनी जांघों पर कजरी के गोलाकार नरम नरम नितंबों का दबाव उसका स्पर्श महसूस करते ही एकदम उत्तेजना से भर गया,,, और उसके बेटे के साथ ही उत्तेजना भरी आवाज निकालते हुए बोला,,,)


ससससहहहहह,,,,,आहहहहहहह,,, मेरी रानी तुम्हारी गांड कीतनी नरम नरम है,,,,सहहहहहहहहह,,,(और इतना कहने के साथ ही अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर ब्लाउज के ऊपर से ही कजरी की चूचियां पकड़ कर मसलने लगा,,,, वह मारे दर्द के कराह उठी,,,, यह देख कर लाला के तीनों आदमियों की भी हालत खराब होने लगी कजरी की मदमस्त जवानी से खेलते हुए लाला को देखकर वह लोग उत्तेजित होने लगे और लाला का हौसला बढ़ाते हुए बोले,,)

बहुत अच्छे मालिक ऐसे ही,,,,, इसे अपनी रखेल बना कर रख लो,,, गांव की दूसरी औरतों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी,,,)

बात तो तू ठीक ही कह रहा है मैं भी यही सोच रहा हूं,,, इसे रखे बना लो और रोज रात को मस्ती करुंं,,,कसम से इतना मजा देगी कि आज तक जितनी भी औरतों की चुदाई कीया हु वह लोग नहीं दे पाई है,,,,(इतना कहने के साथ लाला कजरी की दूसरी चुची को भी ब्लाउज के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया,,,,, एक बार फिर से कजरी के चेहरे पर दर्द की पीड़ा झलकने लगी,,,, वह तीनो जोर जोर से हंसने लगे,,, तो लाला अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)
लेकिन मुझे इस पर विश्वास नहीं होता यह बहुत चालाक औरत है कभी भी पलट सकती है,,,,


अरे मालिक इसकी चालाकी कितनी काम आएगी,,,, और अगर चलाकि करी तो इसका बेटा है ना रघु उसे रास्ते से हटाना ही पड़ेगा,,,, कर आपकी बात मानती रहेगी तो इस उमर में भी चुदाई का सुख भोगेगी और बेटा भी जिंदा रहेगा और अगर नहीं मानी तो बेटा तो हांथ से जाएगा ही,,, और आपसे अपनी इज्जत भी नहीं बचा पाएगी आज तक कोई औरत आपसे बची है क्या गांव में,,,, एक बार बेटा हाथ से गया तो फिर उधर आएंगे इसे इसी जगह पर हमेशा के लिए,,, जहां पर यह आपकी बीवी बन कर रहेगी,,,,(इतना कहकर फिर तीनों जोर-जोर से हंसने लगे,,, और लाला अभी भी ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चुचियों को दबाने का सुख भोगते हुए बोला,,,)


क्यों मेरी रानी कजरी अपने वादे पर कायम रहोगी या धोखा दोगी,,,,, देखो तुम्हारे सामने कोई भी रास्ता नहीं बचा है शिवा मेरी शरण में आने का,,,, तुम अगर धोखा दी तो बेटे से हाथ धो बैठोगी,,,और बेटे से हाथ होने के बावजूद भी तुम्हें मेरे नीचे ही आना होगा प्यार से नहीं तो जबरदस्ती से जैसा कि तुम देख रही हो कि मेरे आदमी कैसे तुम्हें तुम्हारे घर से उठा कर लाए है मैं चाहूं तो अभी भी तुमसे जबरदस्ती करके तुम्हारी बुर में अपना लंड डाल सकता हूं,,, और अपनी प्यास बुझा सकता हूं और वह भी एक दिन नहीं रोज और अगर प्यार से मान गई तो बेटा हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा भले ही उसने मुझे अपमान किया लेकिन मैं तुम्हारे खातिर अपना अपमान भूल जाऊंगा,,,,,,, पर तुम मेरी प्यास हमेशा बुझाते रहना,,, इस बारे में किसी को कानों कान खबर भी नहीं पड़ेगी,,,,, रही बात मेरे आदमियों की इनकी चिंता तुम बिल्कुल भी मत करो यह लोग मेरे वफादार है जान दे देंगे लेकिन मुंह नहीं खोलेंगे,,,, बोलो क्या कहती हो,,,,(लाला धीरे से ब्लाउज का ऊपर वाला एक बटन खोल दिया जिससे कचरी की गोलाकार चूचियोंके बीच की गहरी लकीर एकदम साफ नजर आने लगी और उप सी हुई उसकी चूचियां भी जिसे देखकर लाला की आंखों में नशा उतर आया,,,, कजरी को मालूम था कि लाला उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा है लेकिन वह कुछ भी बोल सकने की स्थिति में नहीं थी,,,,बात खुद की होती तो वह अपनी जान देकर भी अपनी इज्जत बचा ली थी लेकिन अब उसके बेटे की बात थी अगर वह इसकी बात नहीं मानती है तो उसका बेटा अपनी जान से हाथ धो बैठेगा और जीते जी कजरी कभी नहीं चाहेगी कि उसका बेटा इन् हैवानो के हाथों मारा जाए,,,, हर हाल में उसे लाला की बात मान नहीं था जिस इज्जत को जवानी को पति के देहांत के बाद संभाल कर रखी थी आज ना चाहते हुए भी दूसरों के हाथों लुटाना पड रहा था,,,, सोचने का समय बिल्कुल भी नहीं थी उसे केवल फैसला लेना था क्योंकि उसे अपनी इज्जत देकर अपने बेटे की जान बचानी थी,,,, वह यह सब सोच ही रही थी कि लाना उसके ब्लाउज के बाकी के बटन खोले बिना ही ऊपर से ही उसके ब्लाउज में हाथ डालकर उसकी नरम नरम चुचियों को दबाना शुरू कर दिया,,, लाला एकदम चुदवासा हो गया था जिसकी वजह से वह जोर-जोर से उसकी चूचियों को दबा रहा था और कजरी को इससे दर्द भी हो रहा था,,,,,, )


बोलो मेरी जान चुप क्यों हो,,,,

(कुछ देर शांत रहने के बाद आखिरकार कजरी हां में सिर हिला दी,,, यह देखकर लारा के साथ-साथ उसके तीनों आदमी भी खुश हो गए बाहर अभी भी तेज बारिश हो रही थी तूफान पूरे जोश में था और उस तूफान भरी बारिश में रघु धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,,, लाला कजरी की हामी भरा इकरार सुनते ही कजरी के गोरे गोरे गालों पर चुंबन ले लिया,,,, कजरी को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ कर नहीं सकती थी,,,, लाला फिर बोला,,,)


कजरी मुझे अभी भी विश्वास नहीं होता कि तुम मेरी बात मान गई हो मुझे विश्वास दिलाने के लिए तुम्हें इसी समय अपने हाथों से अपने कपड़े उतार कर निर्वस्त्र होना पड़ेगा एकदम नंगी होना पड़ेगा,,,,(लाला की यह बातें सुनते ही कजरी आश्चर्य से लाला की तरफ देखने लगी मानो कि वह उसे ना कह रही हो लेकिन वो जानती थी कुछ होने वाला नहीं है,,, फिर भी वह बोली)

नहीं नहीं अपने हाथों से मुझे शर्म आती है,,,,(कजरी तिरछी नजरों से उसके तीनों आदमी की तरफ देखते हुए बोली)


देखो कजरी मुझे विश्वास दिलाने का बस यही एक तरीका है अगर तूने ऐसा नहीं करोगी तो मैं जान जाऊंगा कि तुम मुझे धोखा दोगी और फिर मुझे वही करना पड़ेगा जो कि तुम नहीं चाहती,,,,मैं यह काम अपने हाथों से ही कर सकता हूं लेकिन मैं चाहता हूं कि हमें विश्वास दिलाने के लिए तुम अपने हाथों से अपने कपड़े उतारो क्योंकि मेरे और मेरे आदमियों के सामने तुम अगर अपने हाथों से कपड़े उतारो की तो समझ लो कि तुम अपनी सारी शर्मो हया त्याग रही हो और तभी जाकर मजा भी आएगा,,, बोलो,,, हमारी बात मानोगी या बेटे से हाथ धोना है,,,,
(ना चाहते हुए भी कजरी को लाला की बात मानना पड़ा और वह धीरे से लाला की जांघों पर से उठ कर खड़ी हो गई,,,)
Behtarren update bhidu....lala to bc bada harami nikla ....pehle kajri ko utha liya fir uske bete ko marne ki dhamki de rha hai....or kajri apne bete ki khatir apni ijjat dau or laga rhi hai ....ab dekhte hai raghu Shi time pr pahuch pata hai ki nhi ...ya lala kajri ke maje le lega ....
 

Rajesh Sarhadi

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good one
 

Raj_sharma

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Bhai dhasu Update Diya hai par yaar complete karo jaldi se Or raghu ko pahucha do waha.
Chudai to kewal kajri or raghu ki hi honi chahiye.
Lala se nahi.
 

Suryasexa

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कजरी घबराई हुई थी,,,, आज का दिन उसके परिवार के लिए बेहद ही शुभ था लेकिन उसे लगने लगा था कि आज का दिन उसके लिए सबसे बड़ा मनहुस दिन साबित होने वाला है,,, अपनी बेटी को विदा करके वह आराम से घर पर पहुंच कर आज पड़ोस की औरतों से हंसते हुए बातें कर करके वह बेहद प्रसन्न थी,,, घर आकर वह अपने बेटे का इंतजार कर हीं रही थी कि तीन आदमी उसके मुंह पर हाथ रखकर उसे उठा ले गए तूफानी बारिश के कारण आस पड़ोस में किसी को भनक तक नहीं लगी,,,जिस तरह से तीनों बातें कर रहे थे उसे सुनकर कजरी को लगने लगा था कि आज उसकी इज्जत बचने वाली नहीं है और वह भी एक से नहीं चार चार से,,, यह सोचकर ही उसके बदन में घबराहट फैल जा रही थी जिस इज्जत को अपने अस्तित्व को आज तक बचाते आ रही थी आज लूटने जा रही थी और उसके हाथ में कुछ भी नहीं था वह अपने आप को बचा नहीं सकती थी आखिरकार वह एक औरत थी,,, और ऊसके सामने और उसके तीन मुस्टंडे साथी,,, जो कि उसके घर में घुसकर उसे उठाकर ले जा रहे थे रास्ते भर उसे कंधे पर उठाकर ले जाने वाला आदमी उसके बदन से अपनी मनमानी करता जा रहा था जिस खूबसूरत बदन को कजरी आज तक किसी को हाथ लगाने नहीं रही थी वह आज बेबस थी,,, उसे एक एैसा इंसान छु रहा था जिसे वह जानती तक नहीं थी,,,, वह उसके बदन पर चारों तरफ हाथ घुमा रहा था,,,,, और बार-बार उसकी खूबसूरत बड़ी बड़ी गांड पर जोर जोर से चपत लगा रहा था,,,,, यह सब कजरी के लिए असहनीय था,,,, ना जाने लाला के पास पहुंचकर उसका क्या होने वाला था,,,, यही सोचकर कजरी घबरा रही थी,,,,अपनी मम्मी यही सोच रही थी कि अगर जैसा वह आदमी कह रहा है अगर वैसा ही होगा तो वह क्या मुंह दिखाएगी गांव वाले को,,, कैसे नजरे मिला पाएगी,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह अपने मन में ठान ली थी कि अगर ऐसा कुछ भी गलत हुआ तो वह बहते हुए नहर में कूदकर अपनी जान दे देगी,,,,,।

तूफानी बारिश अपने उफान पर थी तेज हवाएं चल रही थी बिजली की गड़गड़ाहट से पूरा वातावरण भयानक लग रहा था ऐसे में वह तीनों बातों की चुटकी लेते हुए उसे लाला के पास लिए जा रहे थे कंधे पर उठाया हुआ इंसान बार-बार उसकी गांड को अपनी हथेली में दबोच कर आनंद ले रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे पहली बार किसी औरत का शरीर उसके हाथ लगा हो,,,। कजरी अगर उन लोगों की हरकत लाला से बता देने की धमकी ना देती तो वह लोग तूफानी बारिश में उसी जगह पर उसकी चुदाई कर दिए होते,,,,,

क्रोध से भरा हुआ गुस्से से आगबबूला होकर हाथ में कुल्हाड़ी लिए रघु उन लोगों की तरफ ही बढ़ता चला आ रहा था,,, कोमल अपने ससुर की करतूत रघु को बता कर अपने घर वापस लौट चुकी थी,, रघु अपनी मां को लेकर बहुत परेशान था उसके मन में ना जाने कैसे-कैसे विचार आ रहे थे वह सारे विचार अपनी मां और लाला के बीच की चुदाई से जुड़े हुए थे,,,, तूफानी बारिश में भी भागते हुए उसके दिमाग में यही दृश्य नजर आ रहा था कि जैसे लाला उसकी मां की चुदाई कर रहा है और रघु इस मन की कल्पना को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था,,, वह जल्द से जल्द लाला के घर पर पहुंच जाना चाहता था और तय कर लिया था कि आज लाला को जान से मार देगा,,,, लेकिन हवा इतनी तेज थी कि वह तेज चल नहीं पा रहा था और पानी भरने के कारण तेज तेज पांव भी नहीं चल रहे थे,,,

दूसरी तरफ लाला के आदमी कजरी को लेकर नहर के पास वाले घर पर पहुंच चुके थे,,, उनमें से एक आदमी दरवाजे पर दस्तक देने लगा अंदर बैठकर शराब पी रहा लाला दस्तक की आवाज सुनते ही एकदम उत्सुक हो गया उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे और वह तुरंत अपनी जगह से खड़ा हुआ और दरवाजे की तरफ लपका,,,, दरवाजे के पास पहुंचते ही तुरंत वह दरवाजे की कड़ी खोल कर दरवाजा खोल दिया,,,,, दरवाजा खोलते ही सामने अपने आदमी के कंधे पर कजरी को देखकर खुशी से फूले नहीं समाया,,,,


आओ कजरी रानी इस दिन का में बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था,,,,


मालिक आपकी पसंद की दाद देना पड़ेगा बड़ी करारी है,,,(कजरी को कंधे पर लटकाया हुआ आदमी बोला,,,)


अरे करारी है तभी तो मुझे बेहाल करके रखी है,,,(लाला उन लोगों को अंदर आने का इशारा करते हुए पीछे कदम लेते हुए बोला,,,वह तीनों के लाला के पीछे पीछे घर में आ गए और उनमें से एक दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दिया,,,, लाला पलंग पर बैठ गया और आदमी कजरी को वही नीचे जमीन पर बिठाने लगा,,, यह देखकर लाला बोला,,,।


अरे अरे यह क्या कर रहा है तू,,,,, इतनी खूबसूरत औरत को जमीन पर बैठा रहा है,,,,



मालिक यह पूरी तरह से पानी से भीग चुकी है,,,,,,,


तो क्या हुआ,,,,,, पानी से भीग चुकी है तो ऐसा कर इसके सारे कपड़े उतार कर इसे नंगी कर दी और फिर मेरे पलंग पर बैठा दे,,,
(यह सुनते ही कजरी की हालत खराब हो गई,,,, उसकी आंखों में बेबसी नजर आने लगी,,,, उसे लगने लगा कि अब कुछ ही देर में लाला के आदमी उसकी सारी उतारकर उसे नंगी कर देंगे यह सोचकर ही वह घबरा गई,,,, औरलाला का हुआ आदमी जो कजरी को उठा कर लाया था लाला की बात सुनते ही खुशी से फूले नहीं समा रहा था,,, उसके तन बदन में तेजा की लहर दौड़ लगी इस बात से कि वह अपने हाथों से किसी के कपड़े उतारकर से नंगी करेगा उसके नंगे बदन के दर्शन करेगा और ऐसा करने के लिए वह आगे बढ़ी रहा था कि तभी उसे लाला रोकते हुए बोला,,,।)


अच्छा रहने दे यह शुभकाम‌ मै खुद अपने हाथों से कर लूंगा,,,,(शराब का घूंट भरते हुए वह बोला,,,)

जी मालिक,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपने कदम पीछे ले लिया,,, लाला के ईस तरह से रोक देने से अंदर ही अंदर उसे गुस्सा भी आ रहा था लेकिन वह कुछ कर नहीं सकता था,,)


आज मेरी बरसों की तमन्ना पूरी होगी,,,,,, तुम लोगों को शायद मालूम नहीं कि नहीं बरसों से इस खूबसूरत गुलाब के फूल के पीछे पागलों की तरह लगा हुआ हूं लेकिन यह है कि भाव नहीं देती,,,, शाली न जाने किस गुमान में रहती है,,, अगर मेरी मानी होती तो अाज‌ यह दीन ना देखना पड़ता,,,, आखिरकार इस की जीत की वजह से आज उसके घर से उठाकर लाना पड़ा बहुत परेशान करती है यह और इसका बेटा रघु,,,,(रघु का जिक्र आते ही कजरी लाला की तरफ आश्चर्य से देखने लगी और लाला शराब की बोतल से शराब को गिलास में भरते हुए,,,) साला मेरे मुंह पर तमाचा मार गया है अपमान का तमाचा,,,,


मैं कुछ समझी नहीं लाला क्या कहना चाह रहे हो,,,(कजरी घबराते हुए बोली,,,)


साली अंजान बनती है,,,, ऐसे बोल रही है जैसे कुछ मालूम ही नहीं,,,,(शराब के गिलास को मुंह से लगाते हुए बोला,,) आज तु जो अपनी बेटी की शादी की है ना हवेली में,,, वहां पर मैं किसी और की शादी तय कर आया था जमींदार साहब भी हामी भर चुके थे,,,,, लेकिन ऐन मौके पर जमीदार की हालत खराब हो गई और हमारी समधन ने भी समिति के द्वारा और मेरे द्वारा तय की गई शादी से इंकार कर दिया और तेरी बेटी को अपने घर की बहू बना ली,,,, तेरी लड़की ने ना जाने कौन सा गुण देख ली कि मेरी बात मानने से इंकार करती ना तो अपने पति की बात मानी उनकी बात भी नहीं रखी,,,,, और तेरी बेटी बन गई बहु हवेली की,,,,,(गिलास में भरी हुई सारी शराब एक झटके में गले से नीचे उतार लिया,,,) अब कुछ समझ में आ रहा है,,, कि मैं तेरे बेटे के पीछे क्यों पड़ा हूं,,,,(कजरी बड़े गौर से लाला की बातों को सुन रही थी और उसे सब कुछ समझ में भी आ रहा था) तेरे बेटे को तो मैं अपने हाथों से मारूंगा,,, तब जाकर मेरे कलेजे को ठंडक मिलेगी,,,,(इतना सुनते ही कजरी अपनी जगह से खड़ी हो गई और रोते-रोते लाला के कदमों में जाकर गिर गई और हाथ जोड़कर बोली)


नहीं नहीं लाला इतने बेरहम मत बनो,,,, रघु मेरा एकलौता लड़का है,,, मेरे बुढ़ापे का सहारा है वह अभी बिल्कुल नादान है,,,,,(लाला के पैर पकड़ते हुए कजरी बोली)


नादानी तो वह कर चुका है जिसकी सजा उसे बराबर मिलेगी,,,,


नहीं नहीं लाला,,,, ऐसा मत करो मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं,,,,
(कजरी को अपने पैरों में गिरा हुआ देखकर लाला हंसने लगा क्योंकि उसे लगने लगा था कि आज समय बदल गया है जिसकी जवानी को चखने के लिए वह तरसता रहता था जिसकी जवानी का स्वाद पाने के लिए वह खुद जिसके पैर पकड़ना चाहता था आज वह खुद उसके पैर में गिरी हुई थी लाचार बेबस और यह देख कर उसके आदमी भी हंस रहे थे,,, कजरी लाला को अच्छी तरह से जानती थी इसलिए वह एकदम से डर गई थी रघु के लिए,,,,,,,, वो जानती थी कि लाला बेहद हरामी किस्म का आदमी था,,, वो रघु के साथ कुछ भी कर सकता था,,,, लाला कदमों में गिरी कजरी की टोढी पर उंगली रखकर उसके चेहरे को ऊपर उठाते हुए बोला,,,)

अब अपने बेटे की दुहाई देने से,,, काम बनने वाला नहीं है कजरी रानी,,,, तेरी चुदाई तो मैं आज करके ही रहूंगा,,, और तेरी आंखों के सामने ही तेरे बेटे को मौत के घाट उतारुंगा ,,,,,


नहीं-नहीं लाला ऐसा जुर्म मत करो,,,,, मेरे बेटे को बक्स दो बदले में मैं तुम्हारी जिंदगी भर के लिए गुलाम बन जाऊंगी,,,,
(यह बात सुनते ही लाला की आंखों में चमक आ गई,,,, उसका शैतानी दिमाग काम करना शुरू कर दिया,,,, थोड़ी देर साथ रहने के बाद बोला,,)



क्या तु सच कह रही कजरी रानी,,,,,


मैं बिल्कुल सच कह रही हूं लाला अपने बेटे की कसम खाकर कहती हूं मैं जिंदगी भर के लिए तेरी गुलाम हो जाऊंगी बस मेरे बेटे को बख्श दे,,,,


मुझे विश्वास नहीं हो रहा है मेरी जान तु बहुत चालाक औरत है,,,,,,, इधर आ,,,(इतना कहने के साथ ही लाला कजरी के कंधों को पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाने लगा और उसे अपने जांघो पर बैठने के लिए बोला,,,, लाला की बात सुनकर वह हीचकीचाने लगी,,,, आज तक उसने कभी भी गैर मर्द का स्पर्श तक नहीं की थी,,, और लाला उसे अपनी जांघों पर बैठने के लिए बोल रहा था,,, उसके दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी घबराहट से उसका पूरा बदन थरथर कांप रहा था,,,,)

क्या हुआ रानी रुक क्यों गई बैठो ना,,,,, मुझे मालूम था तुम अपना वादा कभी पूरा नहीं करोगी इसलिए तो मैं अपने अपमान का बदला तुम्हारी इच्छा तो तुम्हारे बेटे की जान से लूंगा,,,,


नहीं नहीं लाला ऐसा मत करना मैं बैठती हूं,,,,,(इतना कहने के साथ ही कजरी संकुचाते हुए लाला की जांघ पर बैठ गई,,, लाला की जांघ पर बैठते ही उसके बदन में कपकपी सी दौड़ने लगी और लाला अपनी जांघों पर कजरी के गोलाकार नरम नरम नितंबों का दबाव उसका स्पर्श महसूस करते ही एकदम उत्तेजना से भर गया,,, और उसके बेटे के साथ ही उत्तेजना भरी आवाज निकालते हुए बोला,,,)


ससससहहहहह,,,,,आहहहहहहह,,, मेरी रानी तुम्हारी गांड कीतनी नरम नरम है,,,,सहहहहहहहहह,,,(और इतना कहने के साथ ही अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर ब्लाउज के ऊपर से ही कजरी की चूचियां पकड़ कर मसलने लगा,,,, वह मारे दर्द के कराह उठी,,,, यह देख कर लाला के तीनों आदमियों की भी हालत खराब होने लगी कजरी की मदमस्त जवानी से खेलते हुए लाला को देखकर वह लोग उत्तेजित होने लगे और लाला का हौसला बढ़ाते हुए बोले,,)

बहुत अच्छे मालिक ऐसे ही,,,,, इसे अपनी रखेल बना कर रख लो,,, गांव की दूसरी औरतों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी,,,)

बात तो तू ठीक ही कह रहा है मैं भी यही सोच रहा हूं,,, इसे रखे बना लो और रोज रात को मस्ती करुंं,,,कसम से इतना मजा देगी कि आज तक जितनी भी औरतों की चुदाई कीया हु वह लोग नहीं दे पाई है,,,,(इतना कहने के साथ लाला कजरी की दूसरी चुची को भी ब्लाउज के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया,,,,, एक बार फिर से कजरी के चेहरे पर दर्द की पीड़ा झलकने लगी,,,, वह तीनो जोर जोर से हंसने लगे,,, तो लाला अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)
लेकिन मुझे इस पर विश्वास नहीं होता यह बहुत चालाक औरत है कभी भी पलट सकती है,,,,


अरे मालिक इसकी चालाकी कितनी काम आएगी,,,, और अगर चलाकि करी तो इसका बेटा है ना रघु उसे रास्ते से हटाना ही पड़ेगा,,,, कर आपकी बात मानती रहेगी तो इस उमर में भी चुदाई का सुख भोगेगी और बेटा भी जिंदा रहेगा और अगर नहीं मानी तो बेटा तो हांथ से जाएगा ही,,, और आपसे अपनी इज्जत भी नहीं बचा पाएगी आज तक कोई औरत आपसे बची है क्या गांव में,,,, एक बार बेटा हाथ से गया तो फिर उधर आएंगे इसे इसी जगह पर हमेशा के लिए,,, जहां पर यह आपकी बीवी बन कर रहेगी,,,,(इतना कहकर फिर तीनों जोर-जोर से हंसने लगे,,, और लाला अभी भी ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चुचियों को दबाने का सुख भोगते हुए बोला,,,)


क्यों मेरी रानी कजरी अपने वादे पर कायम रहोगी या धोखा दोगी,,,,, देखो तुम्हारे सामने कोई भी रास्ता नहीं बचा है शिवा मेरी शरण में आने का,,,, तुम अगर धोखा दी तो बेटे से हाथ धो बैठोगी,,,और बेटे से हाथ होने के बावजूद भी तुम्हें मेरे नीचे ही आना होगा प्यार से नहीं तो जबरदस्ती से जैसा कि तुम देख रही हो कि मेरे आदमी कैसे तुम्हें तुम्हारे घर से उठा कर लाए है मैं चाहूं तो अभी भी तुमसे जबरदस्ती करके तुम्हारी बुर में अपना लंड डाल सकता हूं,,, और अपनी प्यास बुझा सकता हूं और वह भी एक दिन नहीं रोज और अगर प्यार से मान गई तो बेटा हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा भले ही उसने मुझे अपमान किया लेकिन मैं तुम्हारे खातिर अपना अपमान भूल जाऊंगा,,,,,,, पर तुम मेरी प्यास हमेशा बुझाते रहना,,, इस बारे में किसी को कानों कान खबर भी नहीं पड़ेगी,,,,, रही बात मेरे आदमियों की इनकी चिंता तुम बिल्कुल भी मत करो यह लोग मेरे वफादार है जान दे देंगे लेकिन मुंह नहीं खोलेंगे,,,, बोलो क्या कहती हो,,,,(लाला धीरे से ब्लाउज का ऊपर वाला एक बटन खोल दिया जिससे कचरी की गोलाकार चूचियोंके बीच की गहरी लकीर एकदम साफ नजर आने लगी और उप सी हुई उसकी चूचियां भी जिसे देखकर लाला की आंखों में नशा उतर आया,,,, कजरी को मालूम था कि लाला उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा है लेकिन वह कुछ भी बोल सकने की स्थिति में नहीं थी,,,,बात खुद की होती तो वह अपनी जान देकर भी अपनी इज्जत बचा ली थी लेकिन अब उसके बेटे की बात थी अगर वह इसकी बात नहीं मानती है तो उसका बेटा अपनी जान से हाथ धो बैठेगा और जीते जी कजरी कभी नहीं चाहेगी कि उसका बेटा इन् हैवानो के हाथों मारा जाए,,,, हर हाल में उसे लाला की बात मान नहीं था जिस इज्जत को जवानी को पति के देहांत के बाद संभाल कर रखी थी आज ना चाहते हुए भी दूसरों के हाथों लुटाना पड रहा था,,,, सोचने का समय बिल्कुल भी नहीं थी उसे केवल फैसला लेना था क्योंकि उसे अपनी इज्जत देकर अपने बेटे की जान बचानी थी,,,, वह यह सब सोच ही रही थी कि लाना उसके ब्लाउज के बाकी के बटन खोले बिना ही ऊपर से ही उसके ब्लाउज में हाथ डालकर उसकी नरम नरम चुचियों को दबाना शुरू कर दिया,,, लाला एकदम चुदवासा हो गया था जिसकी वजह से वह जोर-जोर से उसकी चूचियों को दबा रहा था और कजरी को इससे दर्द भी हो रहा था,,,,,, )


बोलो मेरी जान चुप क्यों हो,,,,

(कुछ देर शांत रहने के बाद आखिरकार कजरी हां में सिर हिला दी,,, यह देखकर लारा के साथ-साथ उसके तीनों आदमी भी खुश हो गए बाहर अभी भी तेज बारिश हो रही थी तूफान पूरे जोश में था और उस तूफान भरी बारिश में रघु धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,,, लाला कजरी की हामी भरा इकरार सुनते ही कजरी के गोरे गोरे गालों पर चुंबन ले लिया,,,, कजरी को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ कर नहीं सकती थी,,,, लाला फिर बोला,,,)


कजरी मुझे अभी भी विश्वास नहीं होता कि तुम मेरी बात मान गई हो मुझे विश्वास दिलाने के लिए तुम्हें इसी समय अपने हाथों से अपने कपड़े उतार कर निर्वस्त्र होना पड़ेगा एकदम नंगी होना पड़ेगा,,,,(लाला की यह बातें सुनते ही कजरी आश्चर्य से लाला की तरफ देखने लगी मानो कि वह उसे ना कह रही हो लेकिन वो जानती थी कुछ होने वाला नहीं है,,, फिर भी वह बोली)

नहीं नहीं अपने हाथों से मुझे शर्म आती है,,,,(कजरी तिरछी नजरों से उसके तीनों आदमी की तरफ देखते हुए बोली)


देखो कजरी मुझे विश्वास दिलाने का बस यही एक तरीका है अगर तूने ऐसा नहीं करोगी तो मैं जान जाऊंगा कि तुम मुझे धोखा दोगी और फिर मुझे वही करना पड़ेगा जो कि तुम नहीं चाहती,,,,मैं यह काम अपने हाथों से ही कर सकता हूं लेकिन मैं चाहता हूं कि हमें विश्वास दिलाने के लिए तुम अपने हाथों से अपने कपड़े उतारो क्योंकि मेरे और मेरे आदमियों के सामने तुम अगर अपने हाथों से कपड़े उतारो की तो समझ लो कि तुम अपनी सारी शर्मो हया त्याग रही हो और तभी जाकर मजा भी आएगा,,, बोलो,,, हमारी बात मानोगी या बेटे से हाथ धोना है,,,,
(ना चाहते हुए भी कजरी को लाला की बात मानना पड़ा और वह धीरे से लाला की जांघों पर से उठ कर खड़ी हो गई,,,)


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Kapil Bajaj

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भाई लाला को रघु के हाथ से मर जाना चाहिए और जल्दी से जल्दी अपडेट देने की कोशिश करो भाई कहानी पढ़ने का मजा ही नहीं आता भाई कम से कम हो जाए कब दे दे दिया करो भाई
 
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