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Incest बरसात की रात,,,(Completed)

ronny aaa

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jagawala18

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Raja971

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Excellent story. The language too is flawless.
 
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Napster

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अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Kaushalsony

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Ati uttam. Uteezana aur aanand ki parakashta. Best desi plot and words used by you to keep the temptation on top. 🙏
 

pprsprs0

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रघु दरवाजा बंद करके एकदम अंदर वाले कमरे में पहुंचा तो दंग रह गया उसकी मां कजरी खुद ही अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी खटिया पर लेटी हुई थी,,,, लालटेन मद्धम रोशनी में जल रही थी,,,। जिस के उजाले में रघु को सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,, रघु तो अपनी मां के नंगे बदन को देखकर एक बार फिर से पूरी तरह से उत्तेजना से भर गया,,, रघु भले ही अपनी मां की जमकर चुदाई कर चुका था उसके नंगे बदन को देख चुका था अपने हाथों से उसके हर एक अंग को छूकर स्पर्श करके महसुस करके देख चुका था लेकिन कजरी का खूबसूरत बदन इतने बेहतरीन तरीके से तराशा हुआ था कि उसे बार बार नंगी देखने के बावजूद भी मन नहीं भरता था,,,,रघु बड़े गौर से अपनी मां को देख रहा था वह खटिया पर पीठ के बल लेटी हुई थी और अपने बेटे की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी लेकिन रघू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी,,, पल भर में ही उसके पैजामा मे तंबू बन गया,,, कजरी को साफ नजर आ रहा था उसकी आंखों के सामने उसके पहचानी का आगे वाला भाग उठता जा रहा था,,, और जब रघु का लंड पजामे में अपनी औकात में आ गया तो कजरी को ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई खूंटा गड़ा हो,,,, अपने बेटे के खूंटे को देख कर बोली ,,,।

बाप रे तेरा तो देखकर ही खड़ा हो गया,,,,


खटिया पर नंगी लेटोगी तो मेरा तो क्या किसी का भी खड़ा हो जाएगा,,,,


तो उतार दे अपने कपड़े,,,,,


उतारना ही पड़ेगा मां,,, तुम्हारी मदमस्त जवानी से खेलने के लिए मुझे कपड़े उतार कर नंगा होना पड़ेगा,,,,,(इतना कहने के साथ ही अपने कपड़े उतारने लगे और अपने बेटे को कपड़े उतारता हुआ देखकर कजरी के तन बदन में हलचल सी मचने लगी खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच,,,,, वह अपनी हथेली को अपनी बुरर पर रखकर उसे मसलते हुए बोली,,,)

दरवाजा तो बंद कर दिया है ना,,,,
Raghu or uski ma Kajri



बिल्कुल मेरी जान,,,,(इतना कहने के साथ ही अपने पर जाने को भी बार उतार फेंका और उसकी आंखों के सामने एकदम नंगा खड़ा हो गया अपने बेटे के लहराते हुए लंड को देखकर कजरी की बुर कुलबुला रही थी,,, और अपने बेटे के मुंह से अपने लिए जान शब्द सुनकर उसके तन बदन में उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी चिकोटि काटने लगी,,,जिंदगी में पहली बार किसी ने उसे जान कहकर बुलाया था और वह भी उसका खुद का सगा बेटा,,,उसे जान शब्द अपने बेटे के मुंह से सुनकर अच्छा भी लग रहा था लेकिन हैरान भी थी,,, क्योंकि वह उसकी मां थी और वह उसका बेटा था लेकिन फिर भी अपने मन में सोचने लगी कि एक बार अपने बेटे के लिए अपनी दोनों टांगे खोल देने पर दोनों के बीच का रिश्ता बदल गया है अब वह उसका बेटा बिल्कुल भी नहीं रह गया अब वह पूरा मर्द था और वह एक औरत मां बेटे का रिश्ता दोनों के बीच खत्म हो चुका था,,,,, और मन ही मन कजरी इस रिश्ते से बेहद खुश थी शालू जब तक अपने ससुराल नहीं गई थी तो कचरिया की सोच कर हैरान और परेशान हो जाती थी कि अकेले और कैसे रहता हूं कि घर में लेकिन अपने बेटे के साथ शारीरिक संबंध बना लेने के बाद अपने मन में यही सोच रही थी कि अच्छा हुआ की सालु अपने ससुराल चली गई उसके और उसके बेटे के बीच में तीसरा कोई भी नहीं था वह जब चाहे तब अपनी शारीरिक भूख अपने बेटे से मिटा सकती थी,,,,,,
RRaghu or uski ma Kajri

रघु कि नजर अपनी मां की चूचियों पर थी जोकि पानी भरे गुब्बारे की तरह छातीयो पर लहरा रही थी,,,,जब तक रघु ने अपनी मां को पूरी तरह से नंगी नहीं देखा था तब तक उसके आकर्षण का केंद्र बिंदु केवल उसकी मां की बड़ी-बड़ी गांड थी जो की साड़ी में लिपटी हुई होती थी लेकिन जब से वह अपनी मां को नंगी देख चुका था उसे भोग चुका था तब से उसकी मां की खूबसूरत बदन में ऐसा कोई भी अंग नहीं था जो उसके आकर्षण का केंद्र बिंदु में अपनी मां की खूबसूरत बदन के हर एक अंग को देखकर उसकी उत्तेजना बढ़ जाती थी,,,,इस समय उसे अपनी मां की चूची दशहरी आम की तरह लग रहे थे जिसमें मीठा रस भरा हुआ था और उसे चखने के लिए उसे जोर जोर से दबाना लाजिमी था,,, लेकिन उसकी प्राथमिकता इस समय अपने लंड को उसकी मां के मुंह में डालकर उसे चुसवाना था,,, क्योंकि बड़ी बात बिल्कुल भी नहीं थी ऐसे हालात में लेकिन फिर भी रुको थोड़ा सब्र से काम लेना चाहता था क्योंकि वह जानता था कि उसकी मां हो सकता है उसके लंड को मुंह में ना लें,,,, इसलिए वो पहले अपनी मां को गरम करना चाहता था क्योंकि उत्तेजना में दुनिया की कोई भी औरत संतुष्टि पाने के लिए कुछ भी कर सकती हैं,,,, इसलिए रघु अपने लंड को जोर-जोर से हिलाते हुए अपनी मां को ललचा रहा था,,,, और उसकी मां अपने बेटे के लंड को देखकर ललच भी रही थी,,,,। इसलिए वह बोली,,,।


अब वहां खड़ा ही रहेगा कि यहां आएगा भी,,,।
(कजरी की बातों में अपने बेटे को पानी की उत्सुकता साफ झलक रही थी इसलिए तो रघू अपनी मां की बात सुनकर बोला,,,)

ओहहह,,,, मेरी रानी को बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा है,,,।
(अपने बेटे के मुंह रानी शब्द सुनते ही कजरी एकदम से शर्मा गई और शर्माते हुए बोली,,,)


तू रानी मत कहा कर,,,,


क्यों,,,,?(अपने लैंड को हिलाते हुए)

क्योंकि मुझे शर्म आती है रानी कह कर तो तेरे पिताजी ने भी आज तक मुझे नहीं बुलाया था,,,,


लेकिन मैं तो बुलाऊंगा क्योंकि तुम मेरी रानी हो मेरी जान मेरी सब कुछ हो,,,,

हरामी में तेरी मां हूं,,,

तो क्या हुआ एक बार तुम्हारी बुर में लंड डालने के बाद हम दोनों के बीच मां बेटे का रिश्ता बिल्कुल भी नहीं रह गया हम दोनों के बीच केवल मर्द और औरत का रिश्ता है,,, तुम खूबसूरत हो जवान हो,,,, मुझे अपना प्रेमी ही समझ लो,,,,,(ऐसा कहते हुए वह खटिया पर बैठ गया,,,अपने बेटे की मधुर बातों को सुनकर कजरी शर्मा रही थी शर्म से पानी पानी हुए जा रहे थे उसे अपने बेटे की बातों का असर अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी बुर में होता हुआ महसूस हो रहा था जोकि धीरे-धीरे गीली होने लगी थी,,, रघु को साफ दिखाई दे रहा था कि उसकी मां उसकी बातों से एकदम से शर्मा रही है रघु अपनी मां की शर्म देखकर और ज्यादा उत्तेजित हो जाता था उसे रहने की और वह अपने होंठों को नीचे की तरफ लाकर अपनी मां के होठ पर रख दिया और उसे चूमना शुरू कर दिया,,,,,, अपने होठों पर अपने बेटे के होंठों का स्पर्श पाते ही,,, कजरी उत्तेजना से गदगद हो गई,,, और वह अपने बेटे का साथ देते हुएअपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी दोनों के जीभ एक दूसरे के मुंह के अंदर बाहर हो रही थी दोनों एक दूसरे के जीभ को चाट कर मजा ले रहे थे,,,,,, कजरी की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी,,,
रघु भी पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था अपना एक नीचे की तरफ लाकर अपनी मां की दोनों टांगों के बीच उसकी बुर पर रख दिया और उसकी गीली बुर में अपनी उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगा,,, कजरी की हालत अपने बेटे की उंगली से ही खराब होने लगी,,,, उसका पूरा बदन कसमसाने लगा,,, रघु की उंगली कजरी की पुर में बड़ी तेजी से अंदर बाहर हो रही थी कजरी उत्तेजना के मारे खटिया पर ही अपनी बड़ी बड़ी गांड को गोल-गोल घुमाते हुए रगड़ रही थी,,। रघुअपनी मां के होठों पर से अपने होठों को हटाकर उसकी दोनों टांगों के बीच देखने लगा जिसने उसकी उंगली बड़ी तेजी से अंदर बाहर हो रही है और वह से अपनी मां की चूची को पकड़कर जोर-जोर से दबाते हुए बोला,,,,।


आहहहहह,,,, मेरी जान तेरी बुर तो बहुत पानी छोड़ रही है,,,रे जी मैं तो आ रहा है कि खा जाऊं,,,(रघु जोर-जोर से अपनी मां की बुर में उंगली करते हुए बोला,,,)

तो खा जाना रे रोका किसने है,,,(कजरी भी एकदम मदहोश होते हुए बोली,,,, रघु अपनी उत्तेजना को दबा नहीं पाया था और अपनी मां से से बातें कर रहा था कि जैसे किसी और औरत की बुर में उंगली कर रहा है लेकिन जहां तक संभोग में सुख और संतुष्टि की बात आती है तो हर इंसान ही करता है औरत और मर्द चुदाई के दौरान खुलकर गंदी गंदी बातें करके एक दूसरे को गाली देकर बातें करते हैं तो चुदाई का मजा और ज्यादा बढ़ जाता हैयह बात शायद पहली अच्छी तरह से जानती थी इसीलिए अपने बेटे का साथ देते हुए उसी भाषा में बात कर रही थी,,,।)


सच कह रहा हूं मेरी रानी तेरी बुर की मलाई जीभ से चाटने का मन कर रहा है,,,।

तो चाटना मादरचोद मैं भी तड़प रही हूं अपनी मलाई तुझे खिलाने के लिए,,,,।


मादरचोद बोलती है रंडी,,,,(अपनी मां की चूची को और दम लगाकर दबाते हुए बोला और इस तरह से जोर से दबाने की वजह से कजरी के मुंह से आह निकल गई)

आहहहहह,,,, मादरचोद नहीं है तो और क्या है तू अपनी मां को चोदता है तो मादरचोद ही हुआ ना तू भोसड़ी के,,,


हां शाली में हूं मादरचोद लेकिन तू भी छिनार है,,,,आहहहहह बहुत मजा देती है तू,,,,आहहहहहह मन कर रहा है कि घुस जाऊं भोसडै में,,,,


तो घुस जाना मादरचोद,,,, वहीं से तो तू निकला है और उसी में फिर से घुस जा,,,,,आहहहहहह,,, लगता है बिना चोदे ही पानी निकाल देगा मादरचोद,,,,,।



तेरी बुर में पानी की कमी नहीं है मेरी रानी मेरी छम्मक छल्लो तेरी बुर में से पानी की नदियां बह रही है,,, और यह सब कुछ तेरे लंड का करा कराया है,,,, भोसड़ी के तेरा लंड कितना बड़ा है ऐसा लगता है जैसे गधे का लंड है,,,


गधे का लंड ही तो तेरी बुर में जा रहा है मजा नहीं आ रहा है क्या तुझे,,,,(एक साथ अपनी दोनों उंगलियों को अपनी मां की बुर में डालते हुए बोला,,,)


मजा तो बहुत आ रहा है कभी तो तेरे आने से पहले अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर तेरा इंतजार कर रही थी,,,,


मेरे लंड से इतना प्यार है तो ले लेना मुंह में चुस के देख कितना मजा आता है,,,, एकदम गन्ने का मिठास मिलेगा तुझे,,,,।


तो ला डाल दे मेरे मुंह में मैं भी आ जाना मुंह में डालकर तेरे लंड को देखु तो सही कैसा लगता है,,,।


बहुत मजा आएगा रानी बहुत मजा इतना मजा की तू मेरे लंड को मुंह से बाहर नहीं निकालेगी,,,,,(अपरा को बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहता था क्योंकि उसकी मां पूरी तरह से उत्तेजित हो रही थी और उत्तेजना अवस्था में उसके मुंह में लेने की बात कर रही थी,,, इसलिए वह अपनी मां की छाती के ऊपर अपनी दोनों टांगों को घुटनों से मोड़कर खड़ा हो गया और अपनी फ्रेंड को हाथ से हीलाते हुए उसके सुपाड़े को अपनी मां के होठों पर रखकर उसे रगड़ने लगा,,,,, कजरी के लिए यह बिल्कुल नया था,,, क्योंकि आज तक कुछ नहीं अपने पति के लंड को मुंह में नहीं गई थी उसे लंड को मुंह में लेना बहुत घिनौना लगता था,,, रघू बड़ी मस्ती के साथ अपने लंड को अपनी मां के होठों पर रगज रहा था और कजरी अपने होठों को बंद कर ली थी लंड को मुंह में लेने वाली बात को वह उत्तेजना में बोली थी,,,। उसे नहीं मालूम था कि उसका बेटा सच में ऐसा करेगा लेकिन रघु को तो बहुत मजा आ रहा था बार-बार वह अपनी लंड के सुपाड़े को जबरदस्ती अपनी मां के होंठों के बीच घुसेडना चाहता था लेकिन उसकी मां जबरदस्ती अपने होठों को बंद किए हुए थी,,,।


हाय मेरी रानी अब और मत तड़पा मेरा लंड तड़प रहा है तेरे मुंह में जाने के लिए,,,


ऊमममम,,, मुझसे नहीं होगा मैंने कभी इसे अपने मुंह में नहीं ली,,,,


तो एक बार इसे अपने मुंह में ले कर देख मेरी जान बहुत मजा आएगा,,,,, खोल अपने गुलाबी होंठों को और जाने दे मेरे लंड को उसके अंदर,,,,,आहहहहह मेरी रानी खोल,,,,,(ऐसा कहते हुए रघुअपने लंड कैसे पानी को जबरदस्ती अपनी मां के होठों के बीच ले जाने लगा लेकिन इस बारकजरी विरोध ना करते हुए अपने बेटे का साथ देने लगी और अपनी गुलाबी होठों को धीरे से खोल दी और जैसे ही उसके होठों के पट खुले वैसे ही रघु जल्दबाजी दिखाते हुए अपने लंड को उसके मुंह में ठूंस दिया,,,,,,,।


आहहहहह मेरी रानी आप अपनी जीभ को उस पर गोल गोल घुमाओ देखो बहुत मजा आएगा,,,।

और कजरी भी आज्ञाकारी बेटे की बात मानते हुए उसी तरह से करने के लिए जैसा कि रघु बता रहा था थोड़ी देर में कजरी को मजा आने लगा उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि लंड चाटने में इतना मजा आता है,,,।

कजरी को पहली बार में ही इतना मज़ा आने लगा था लेकिन रखो तो जैसे स्वर्ग में उड़ रहा हूं उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी मां इतने अच्छे से उसके लंड की चटाई करेगी,,,,कुछ ही देर में रघु के मुंह से गर्म सिसकारी फूटने लगी जैसा कि अब तक उसकी मां के मुंह से फुट रही थी,,,,।


सहहहहहह,,,आहहहहहह,,, मेरी रानी,,,,ओहहहह,,, मेरी कजरी रानी बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही,,,,(और ऐसा कहते हुए अपनी कमर को आगे पीछे करके अपनी मां के मुंह को ही चोदना शुरू कर दिया,,,,कजरी मजे लेकर अपने बेटे के लंड को चाट रही थी मुंह में लेकर चूस रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था,,,, यह बात रघु कोई अच्छी तरह सेसमझ में आ रही थी कि उसकी मां को मजा आ रहा है रघु अपना एक हाथ पीछे की तरफ लाकर फिर से अपनी मां की बुर में उंगली डाल दिया और उसे अंदर-बाहर करने लगा कजरी का मजा बढने लगा था लेकिन रघू इस मजे को और ज्यादा बढ़ाना चाहता था,,,। इसलिए अपनी मां के मुंह से अपनी लंड को वापस खींच कर अपने आसन को बदल दिया,,, कजरी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन जब उसे पूरी तरह से अपने बेटे की हरकत के बारे में मालूम होगा तो वह उत्तेजना से और खुशी से गदगद हो गई,,,, क्योंकि रघू अपनी मां के ऊपर था,,, और कजरी नीचे लेकिन एक दूसरे का अंग एक दूसरे के मुंह में था,,,कजरिया राम से अपने बेटे का लैंड को मुंह में लेकर चूस रही थी और रघु अपनी मां के बुर में जीभ डालकर चाट रहा था दोनों को एक साथ सुख मिल रहा था,,,,

लालटेन की पीली रोशनी बंद कमरे के अंदर दोनों मां बेटे एक दूसरे के अंगों से भरपूर सुख प्राप्त कर रहे थे,,,, कजरी बार-बार पानी छोड़ रही थी जो कि उसकी बुर की गवाही दे रही थी कि उसे लंड चाहिए था,,,, रघु मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझता था,,, कई औरतों के संगत में आकर औरतों की जरूरत को बड़े अच्छे तरह से जानता था,,,। कुछ देर तक और अपनी मां की बुर चाटने के बाद वह खड़ा हुआपर अपनी मां की तरफ देखने लगा चौकी उत्तेजना में पूरी तरह से लाल हो चुकी थी उसके होंठों से लार चु रही थी,,,,,, यही मौका सबसे खास होता है क्योंकि उसकी मां पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी और उत्तेजना में औरतों की चुदाई औरतों को ज्यादा आनंद देती है,,,,

रघु समय ना गंवाते हुए अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आ गया,,, और अपनी मां की बुर में एक झटके में अपना पूरा लंड डाल दिया और दोनों हाथों से अपनी मां की बड़ी-बड़ी चूचियां पकड़कर उसे दबाते हुए अपने लंड को उसकी बुर में अंदर-बाहर करने लगा,,,। वह अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया था और बाहर बारिश गिरना शुरू हो गई थी,,,,रघु के धक्कों की वजह से खटिया चरमरा रही थी कजरी को इस बात का डर था कि कहीं खटिया टूट ना जाए,,,।

आहहहहह आहहहहह आहहहहह हरामी मादरर्चोद और जोर से चोद ,,,आहहहहहह,,,, लेकिन संभाल के कई खटिया टूट ना जाए,,,।


टूट गई तो क्या हुआ मेरी जान,,, मेरी रंडी बुरचोदी,,,, तेरी बुर चोदने के लिए तो मैं पलंग भी तोड़,,दु,,,,(ऐसा कहते हुए रघु जोर जोर से धक्के लगाने लगा,,,, साथ ही बार-बार अपनी मा की चुची को बारी बारी से मुंह में लेकर पी भी रहा था,,, कजरी अपनी बेटी की जबर्दस्त प्रहार की वजह से आहत भी हो रही थी लेकिन मजा भी बता रहा था,,,,)

आहहहहह आहहहहह,,,, हरामजादे कितना दम है रे तेरे में,,,,आहहहहहहहहह,,,,,, सारी ताकत मेरी बुर पर ही निकाल रहा है क्या,,,,(कजरी मस्ती भरे स्वर में बोली)


तो क्या मेरी रंडी,,,, तेरी बुर में ही मुझे अपनी सारी ताकत लगाना है,,,, तभी तो तू मेरे लंड़ की दीवानी होगी,,,।


अब हो तो गई हूं तेरे लंड को बिना मुझे मजा नहीं आता,,, क्या मस्त लंड है तेरा मादरचोद अपनी मां को चोदता है,,,,आहहहहहह,,, रंडी बना दिया है तूने मुझे,,,


और तूने मुझे मादरचोद बना दी है बुर चोदी,,,,,


दोनों मां-बेटे एक दूसरे को गाली गलौज के साथ बात करते हुए चुदाई का परम आनंद लूट रहे थे,,, ऐसा सुख कजरी में कभी जिंदगी में प्राप्त नहीं की थी और ना ही रघु ने,,, कई औरतों के साथ चुदाई का खेल खेलने के बावजूद भी जो मजा उसे अपनी मां के साथ आ रहा था वैसा मजा उसे किसी के साथ नही आया था,,,

फच्च फच्च की आवाज कजरी कीबुर से लगातार आ रही थी,,,, कचरी की ओखली में उसका बेटा लगातार अपना मुसल मार रहा था,,,, जबरदस्त आनंद की पराकाष्ठा को दोनों प्राप्त कर रहे थे घर के बाहर बारिश तेज हो चुकी थी और इधर रघु अपनी मां की बुर में पानी की बौछार करने वाला था,,,ईस बार का सावन कजरी के लिए बहुत खास था क्योंकि वर्षों से उसकी सूखी जमीन पर सावन की फुहार नहीं पड़ी थी लेकिन सावन के शुरू होते ही उसकी सूखी जमीन पर सावन की फुहार मानो अपनी कृपा बरसा रही हो,,, उसकी सूखी जमीन सावन की फुहार से एकदम गीली चली थी,,,,।

देखते ही देखते कजरी की सांसे बड़ी तेज चलने लगी,,, रघु समझ गया और अपने दोनों हाथ के नीचे से डालकर अपनी मां को अपनी बाहों में भर लिया और अपने सीने से लगाकर जोर-जोर से अपनी कमर हिलाने लगा,,, थोड़ी ही देर में दोनों एक साथ झड़ गए,,,दरवाजा लग जाने की वजह से दोनों निश्चिंत होकर उसी तरह से सो गए रघु का लंड अभी भी उसकी मां की बुर,,, बाहर पक्षियों के चहकने की आवाज से कजरी की नींद खुली तो,, उसका बेटा उसके ऊपर ही सोया हुआ था कजरी को अपने बेटे पर बहुत प्यार आ रहा था और वह उसके बारे में उंगली डालकर सहलाने लगी,,,,रघु की नींद खुल गई और नींद खुलते ही वह अपने होंठों को अपनी मां के होठों पर रखकर चुंबन करने लगा,,,, थोड़ी देर बाद वह अपने बेटे से बोली,,,।
Raghu or Kajri


रघु मुझे एक बात सच सच बताना,,, शालू के पेट में किसका बच्चा है,,,,?
Mast hai bhai ,bahut kamuk
 
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