Dharmendra Kumar Patel
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Nice updateअब आगे—-
Rozy और मैं अपनी चाय पीते जा रहे थे,और बचपन की बातें share कर रहे थे।
वीच में आंटी रोज़ी को किसी ना किसी बात के लिये आवाज़ लगा लेती थी।
और रोज़ी अपने मुम्मे साड़ी से ढक कर आंटी के पास चली जाती।आंटी की बात सुन के
अब आयी तो चाय की भरी हुई kettle ही उठा लायी।
रोज़ी ने हम दोनों के cup चाय से भर दिये।और फिर चाय पीने लगे।
ज़्यादा तो रोज़ी ही बोल रही थी,मैं सुन रहा था,और मैं बीच बीच में बोल भी लेता था
हम दोनों हम उमर थे एक ही school,एक ही section में tenth तक पड़े थे।हम लोग
हर sunday एक दूसरे के घर जाते, बच्चे सुबह से शाम तक दूसरे कमरे में मस्त होकर
खेलते रहते।दोपहर का ख़ाना सब मिलके खाते।फिर शाम की चाय पीकर अपने अपने
घर वापस चले जाते।
कभी कभी sunday को माल में घूमने चले जाते।बहाँ पर घूम फिर कर,खा पी कर घर लौट जाते।
तुम्हारी बहन तो तब बहुत छोटी थी,हमेशा आंटी के साथ ही चिपकी रहती थी।ये सब बातें रोज़ी बता रही थी।
रोज़ी तुम बहुत चंचल थी।सारा दिन खिल खिला कर हंसती रहती थी।
तुम मुझे छेड़ कर भाग जाती,कई बार मेरे लण्ड पे थप्पड़ मार के भाग जाती।
कई बार तुम मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मों पर रगड़ देती,मैंने रोज़ी को बताया।
रोज़ी कहने लगी हम लोग लुका छिपी बहुत खेलते ।
हम दोनों को यह खेल बहुत पसंद था।
मैं जान बुझ कर अंधेरे स्टोर में चारपाई के नीचे छुप कर लेट जाती।
जब तुम मुझे ढूँढने आते,तो तुम को मेरे छुपने की जगह का पता होती थी,
तुम भी चारपायी के नीचे मुझे ढूँढते हुए आ जाते और
ढूँढने के बहाने तुम मुझे कस के पकड़ लेते और मेरे साथ जफ़ी डाल लेते,फिर मैं भी तुम्हें अपनी छाती से चिपका लेती,और तुम्हें सूंघने लगती।
मुझे तुम्हारे बदन को सूंघने से,लड़कों बाली एक सुगंध आती थी,जो मुझे पागल कर देती।
मेरा मन करता के तुम मेरे में समा जाओ।उत्तेजना से मैं तुम्हें चूमने लगती,
एक बार तो तुम्हारे तो तुम्हारा गाल काट खाया,
यह बचपन की खेल कूद कब प्यार में बदल गई मुझे याद नहीं।
मैंने सोच लिया था,अगर शादी करूँगी तू तुमसे नहीं तो कभी नहीं।
school में हम रोज़ मिलते थे पर मेरा मन नहीं भरता था,
जैसे जैसे हम बड़े हुए,तुम्हारे लिये मेरा प्यार पागल पन की हद तक पहुँच चुका था।
मैं तुमसे प्यार करती हूँ मैं ये तुम्हें कभी ना कह सकी।
जब हम और बड़े हुए,तब हमारी पसंद की गेम role play हुआ करती थी।
हम दोनों अंकल आंटी बन जाते,और पति पत्नी की तरह एक दूसरे को बुलाते,
बेड पर एक दूसरे के साथ चिपक के लेट जाते,ऊपर से चादर से मुँह ढक लेते,
ताकि कोई देख ना लेऔर एक दूसरे को चूमते चाटते रहते थे।
मुझे तुम्हारी लूली बहुत अच्छी लगती,जो अब बड़ी होकर लण्ड बन गई थी।
मुझे तुम्हारे लण्ड को पकड़ के छूना बहुत पसंद था,मुझे तब तक यही पता था
के लड़के यहाँ से सुसु करते हैं।
एक बार रात को मैंने डैडी को मम्मी को चोदते देखा,तब मुझे पता चला की ,
लड़कों का लंड लड़कियों को चोदने के लिये भी होता है।
हम जब पति पत्नी का खेल खेल खेलते,मैं तुम्हारे ऊपर लेट जाती,और कपड़ों के
ऊपर से तुम्हें चोदने लगती,और तुम्हारा लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ने कि कोशिश
करती रहती,तुम्हारी काँख के बाल मुझे बहुत अच्छे लगते और उन्हें सूंघती रहती।
जब हम एक साथ लेटे होते,तुम्हारी shirt उठा कर,मैं तुम्हारे निप्पल मुँह में भर कर चूसने लगती ,
तुम्हें तो गुदगुदी होती थी,पर बहुत मुझे मज़ा आता था,मैं भी चाहती थी की तुम मेरे मुम्मे
अपने मुँह में भर कर चूसो और काटो।मैं कई बार तुम्हारे सामने तुम्हारी बहन को
अपना दुधु पिलाने लगती ताकि तुम समझ सको मुम्मे चूसे भी जातें हैं और मैं तुमसे क्या चाहती हूँ।
जब मैं अपनी मम्मी के साथ आपके घर आते थी ,तो मैं जान बुझ कर लूज़ कपड़े पहन कर
और बग़ैर bra के आती थी,मैं चाहती थी तुम मेरे मुम्मे देखो,
जब हम तुम्हारे घर पर आते थे तो हम carrum board ज़रूर खेलते थे,
जब मैं strike करने लगती तो पूरा झुक जाती के तुम मेरे मुम्मे पूरे के पूरे
निप्पल समेत देख सको,एक बार याद है,तुम्हारी strike की बारी थी,तो
मैंने striker तुमसे छीन लिया,तुम मुझे से striker छीनने के लिये मुझसे
wrestling करने लगे,मैंने striker अपने मम्मो में छुपा लिया,तुमने मुझे
ज़मीन पर गिरा कर ,मेरी चूत के ऊपर चड कर बैठ गये,उत्तेजना से तुम्हारा
लण्ड hard होकर मेरी चूत को रगड़ने लगा,मुझे इतना मज़ा आ रहा था के
उतेजना से मेरी साँस फूलने लगी,तुमने मेरे ऊपर चड कर मेरे दोनों हाथों में अपने
हाथ फँसा लिये और striker ढूँढ ने लगे,पर मेरे हाथ ख़ाली थे ,तुम कहने लगा मुझे striker वापस
दो,कहाँ छिपा रखा है,हम दोनों की ज़ोर आज़माइश से मेरा मुँह सुर्ख़ लाल
हो गया था।मैंने कहा striker मेरे दुधु में छुपा रखा है,निकाल लो।
तुम मेरी shirt में हाथ डाल कर striker ढूँढने लगते,तुम्हें भी मज़ा आता था।
तुम मेरे मुम्मे मसलने लगते,मेरे निप्पल मरोड़ने लगते,मेरा मन करता की,
मैं अपनी shirt ऊपर उठा कर अपना मुम्मा तुम्हारे मुँह में घुसेड दूँ,
मैं तो उस time इतनी उत्तेजित होती थी,की तुम मुझे चोद भी देते मैं तुम्हें मना नहीं करती।
तबसे महेश मुझे हमेशा तुमसे चुदने की इच्छा पैदा होती थी,जो कभी भी पूरी नहीं हुई।
मैंने मन ही तुम्हें अपना पति मन लिया था,और ये ठान लिया था के शादी करूँगी
तो तुमसे ही करूँगी।नहीं तो जीवन भर कुँवारी बैठी रहूँगी।पर ये अपने मन कि
बात ना तुम्हें बता सकी,ना अपने मम्मी डैडी को बता सकी।और घर
बालों ने मुझसे पूछे बग़ैर मेरी शादी एक पैसे बाले नामर्द के साथ करदी।
शादी होने के बाद,मैं जब अपनी मम्मी से मिलने आती,तो तुमसे मिलने का बहुत
दिल करता और मम्मी को तुम्हें बुलाने के लिए बोलती तो मम्मी टाल जाती।
ये सब आपबीती रोज़ी ने मुझे बतायी।
मैंने रोज़ी को बताया कि मैं भी तुझे बहुत प्यार करता था,और तुमसे शादी भी
करना चाहता था,हमारा प्यार बचपन का था,जो हमारे जवानी में कहीं गुम हो
गया।शायद अगर हम दोनों मिलकर ढूँढेगे तो फिर मिल जाये।
तुम्हें देख कर तो मेरी पैंटी गीली हो जातीथी,अभी भी तुमसे बातें करते करते मेरी
चूत से पानी रिस रिस कर मेरी जाँघो पर फ़ैल गया है,इतना कह कर रोज़ी
अपना पेटीकोट ऊपर उठा कर अपनी रस से भीगी हुई चूत मुझे दिखाने लगी।
रोज़ी ने नीचे पैंटी नहीं पहनी हुई थी।छोटे छोटे बालों से ढकी हुई रोज़ी कि साँवली
चूत,रोज़ी के चूत रस से भीग कर चमक रही थी।
चूत के ऊपर lipstick से लिखा हुआ था
इस चूत का असली मालिक महेश है।
महेश अब भी तुमसे मैं उतना ही प्यार करती हूँ जितना बचपन से करती आयी हूँ ।
जब भी अपने मम्मी के घर आती थी,तो अपनी चूत पे रोज़ तुम्हारे नाम की मोहर लिपस्टिक
से लगा लेती थी,पता नहीं इसका असली मलिक कब इसको अपने घर लेने के
लिये आ जाये।
महेश मेरी चूत में आग लगी हुई,तुम ही अपने प्यार के पानी से इस आग को ठंडी कर
सकते हो।आज मुझे चोद कर लड़की से औरत बना दो।
तुम नहीं जानते महेश,कितने यतनों से मैंने तुम्हारी इस चूत को अमानत समझ कर
सम्भाल कर रखा है।
मेरी चूत बिल्कुल अन छूई है ,
बिलकुल अन चुदी है,महेश मेरी चूत अभी तक तेरे इंतज़ार में कुँवारी(virgin)है।
इसकी seal(hymen)अभी तक नहीं टूटी।
महेश अगर विश्वास नहीं तो मेरे नज़दीक आकर मेरी चूत के छेद के
अंदर झांक के देखलो,तुम्हें मेरी वात का यक़ीन हो जाएगा।
मैं,सोफ़े पर बैठी हुई रोज़ी की चूत के सामने घुटनों के बल बैठ गया।
जैसे ही मैंने अपने दोनों हाथ,रोज़ी की चूत के lips के दोनों और रखे,
रोज़ी ज़ोर से ऐसी काँपी जैसे बिजली की नंगी तार से रोज़ी की चूत
को करंट लगा हो,जैसे किसी मर्द ने रोज़ी की चूत को पहली बार छुआ हो।
रोज़ी के मुँह से ज़ोर की सिसकारी निकली।और मुँह से सी—सी की आवाज़
निकालने लगी।
रोज़ी की चूत ऐसी लग रही थी,जैसे गेहूँ के दाने में लकीर।बिलकुल untouch
मैंने softly से रोज़ी की चूत की दोनों फाँके अलग करके अन्दर की और देखा।
चूत के अन्दर मैंने एक दिलकश नज़ारा देखा।
चूत के दोनों और मुलायम रेशमी बाल थे,चूत कें दोनो lips के बीच एक छोटा सा
सुराख़,जिसमे से रोज़ी के आंसू ,उसकी चूत से चूतरस की एक धारा के रूप में
बह कर बाहर आ रही थी।रोज़ी के आंसू कह रह थे ,मेरे प्रियतम ये आपकी चूत
कई जन्मों की प्यासी है।इसकी प्यास आज बुझा दो।
चूत के अन्दर एक जाली दार झिल्लीथी।जिसे hymen कहते हैं।
बो झिली अभी तक कुँवारी थी।इसका मतलब रोज़ी के husband ने तीन साल
में कुछ भी नहीं किया,ना ही रोज़ी ने frustrate होकर ,बैंगन से अपनी चूत को
चोदा।
रोज़ी कराह कर बोली,महेश मेरी जान ,आज मेरी जान निकाल दो,
मेरी झिल्ली तोड़ (defloration) करके,मेरा कुंवारापन तोड के मुझे
अपनी बीवी वनालो।
मेरी ताबड़ तोड़ चुदाई कर के मुझे अपनी प्रेमिका से अपनी औरत बना लो।
कहानी अभी जारी है——-+
Behtreen updatestory जारी है,
रोज़ी की चूत पानी छोड़ रही थी और मेरे दोनों बाजू पकड़ कर उन्हें झटकने लगी और
बोली,महेश जल्दी करो ,महेश चाहे मुझे खड़े खड़े ही चोद दो ,मैं भरी पड़ी हूँ नहीं तो
अपने आप झड़ जाऊँगो।मेरा भी मन किया का मैं आज रोज़ी की सील तोड़ के उसे
औरत बना ही दूँ,पर फिर मुझे ध्यान आया मेरा semen नहीं निकला तो रोज़ी निराश
हो जायेगी।मैंने रोज़ी को समझाया की पहली बार तुम्हारी सील तोड़नी है,तुम्हें दर्द
सहन नहीं होगा,कभी रात को मुझे बहाने से बुला लेना ,जब तुम्हारे डैडी out ऑफ़ station
होंगे तो सारी रात दोनों जी भर कर पलंग तोड़ चुदाई करेंगे।अभी हम दोनों oral sex कर लेते
हैं।मेरे समझाने से रोज़ी मान गई।मैं खड़ा तो था ही,रोज़ी ने मेरी पैंट खोल कर नीचे गिरा दी,
मैंने नीचे underwear नहीं पहना था,और बहुत देर से मेरा लण्ड पैंट में बंधा हुआ था,जैसे ही रोज़ी
ने मेरी पैंट नीचे गिरायी,मेरा गोरा,मोटा,लंबा लण्ड एक झटके से बाहर निकल कर मेरे पेट
से जा टकराया,रोज़ी मेरे लण्ड को देख कर घबरा गई,फिर बोली महेश अपने लण्ड की फोटो
खींच लो मुझे बाद में सैंड कर देना।ये कह कर मेरे लण्ड को salute करने लगी।फिर अपने
दोनों कोमल हाथों में मेरे लण्ड को पकड़ कर प्यार करने लगी,और बोली तुम्हारा ये लण्ड
बहुत प्यारा है,आज मैं इसे नहीं छोड़ूँगी,पूरा का पूरा खा जाऊँगी,ये लण्ड आज से मेरा हो
गया,रोज़ी को क्या पता था के इस अनार की दो बीमार और भी है,और रोज़ी तीसरी बीमार
है,रोज़ी ने मेरे लण्ड को हाथ में पकड़ कर चुमी देने लगी।फिर दोनों आँखों पर लगाया ,फिर
दोनों गालों पर रगड़ा,फिर गप से मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी।
मैं भी उत्तेजित हो गया,और अपना लण्ड तेज़ी से आगे पीछे करके रोज़ी की
mouth fucking करने लगा।रोज़ी ने पहली बार किसी मर्द का लण्ड चूसा था
और बड़े मज़े से चूस रही थी।बचपन में मेरी बहुत तमन्ना थी के कभी मैं अपना लण्ड
रोज़ी से चूसबाऊँ।बो इच्छा आज पूरी हो रही थी।
मैं रोज़ी का मुँह ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था,चोदते चोदते कई बार मेरा लण्ड रोज़ी के गले
से टकरा जाता तो रोज़ी गूँ गूँ करने लगती।
रोज़ी इतनी शिद्दत से मेरा लण्ड ऐसे चूस रही थी,जैसे शायद फिर कभी मेरा लण्ड
चूसने को ना मिले।
मुझे भी पूरी उत्तेजना हो गई थी,अब मैं अपने लण्ड को झड़ने से रोक नहीं सकता था।
मैंने दोनों हाथों से रोज़ी के सर को पकड़ लिया और ज़ोर के झटके से झड़ने लगा,मेरे
मुँह से आनंद की आह निकलने लगी।इतना pressure से मैं झड़ा की मेरे semen
के साथ मेरा सुसु भी निकल गया।मैंने semen aur susu का mixture ,रोज़ी के
मुँह में छोड़ दिया ,रोज़ी मेरी लण्ड को चूस भी रही थी और मेरा माल बड़े चाब से पी
भी रही थी।रोज़ी का मुँह मेरे माल से भर के फूल कर कुप्पा हो गया।रोज़ी ने अपना
सांस रोक के मेरा माल अपने गले में लेकर अपने पेट में लेने लगी।रोज़ी ने मेरा लण्ड
तब तक नहीं छोड़ा जब तक वो सारा पानी पी नहीं गई।मेरा लण्ड सिकुड़ कर रोज़ी
के मुँह से बाहर आ गया। साथ में थोड़ा सा semen और susu का mixture रोज़ी
के मुँह से बाहर आ गया,रोज़ी ने झट से अपने हाथ आगे कर के मेरा सारा सीमेन अपने
हाथों में ले लिया और अपनी जीभ से पूरे स्वाद से चाटने लगी,फिर रोज़ी बोली महेश
तुम्हारा वीर्य का प्रासाद बहुत मीठा है।क्यों ने हो तुम ख़ुद ही बहुत ही मीठे हो।
कभी ना कभी तुम्हें पूरा नंगा करके सारी रात चाटूँगी।इतना बोल कर रोज़ी खड़ी हो गयी,
और मेरे semen और सुसु से लीबडे होठों से मुझे smooch करने लगी।
फिर रोज़ी ने अपने पेटीकोट को खोल कर अपने पैरों से निकाल कर परे फेंक दिया,
अब रोज़ी सिर्फ़ एक छोटा सा ब्लाउज पहने हुई थी। और बाक़ी सारे नंगे शरीर से जोबन
झांक रहा था,मैं रोज़ी को अधनंगी देख कर पागल हो रहा था।और उसके बदन को चाटना चाहता था।
पर सोचा अभी नहीं फिर कभी आराम से पूरी नंगी करके चाटूँगा।
रोज़ी ने मेरे कंधे पर हाथ रख के मुझे नीचे को धकेल दिया,मैं समझ गया कि रोज़ी क्या चाहती है।
मैं नीचे रोज़ी की नंगी चूत के सामने घुटनों के बल बैठ गया।
अपने दोनों हाथों को रोज़ी के पीछें लेजाकर, रोज़ी के भरे हुए मांसल buttocks को
पकड़ लिया,ताकि रोज़ी अगर out of control हो जाये तो मैं रोज़ी को उसके buttocks को
पकड़ के रख सकूँ।और गिरने से रोक लूँ।
मैंने सबसे पहले रोज़ी की पाव रोटी जैसे फूली हुई साँवली चूत को सूंघा और सारी खुशबू
अपने lungs में खींच ली।
फिर मैंने रोज़ी के चूत के लिप्स को जैसे ही स्मूच किया,
रोज़ी ने मेरा सिर पकड़ लिया ,और सेक्सी आवाज़ में बोली महेश—- आह,
फिर मैंने रोज़ी की चूत की दोनों फाँकों को अलग करके ,रोज़ी की चूत को
अपनी जीभ से ऊपर से नीचे तक चाटने लगा,
रोज़ी ने मुँह ऊपर करके सिसकारियाँ लेने लग गई,
महेश मेरी चूत को खा जाओ अपनी जीभ से चोद दो मेरी चूत को,
मैंने अपनी जीभ की नोक को रोज़ी की चूत के सुराख़ में घुसेड़ कर ,
रोज़ी को चोदने लगा ,रोज़ी ज़ोर ज़ोर से कराहने लगी,आह महेश आह —-
और बोलने लगी,महेश और जोर से,मेरी चूत को अपनी जीभ से फाड़ दो।
और तेज और तेज रोज़ी चिल्लाने लगी,महेश मैं झड़ने वाली हूँ ,रोज़ी चिल्ला कर बोली।
रोज़ी पूरी तरह से उत्तेजना से भरी हुई थी,
रोज़ी ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को मेरे मुँह पर पटकने लगी,
और मेरे होंठों पर अपनी चूत को गोल गोल मसलने लगी,रोज़ी पागल हो रही
थी,और मुँह में ऐसा कुछ वोल रही थी,जो सिर्फ़ लड़के ही बोलते हैं।
मैंने अपनी जीभ रोज़ी की चूत के सुराख़ से निकाल ली,फिर मैंने
अपनी जीभ से रोज़ी के clit को चाटना शुरू कर दिया
जैसे ही मैंने रोज़ी के clit को अपने दांतों से पकड़ा,एक तूफ़ान सा आ गया।
रोज़ी ने बड़ी ज़ोर से चीख मारी हाय मम्मी मैं गयी,
और ज़ोर ज़ोर से काँपने लगी।ज़ोर ज़ोर के रोज़ी को बिजली के झटके खाने लगी।
और मेरे मुँह में भरभरा कर 3-4 mint तक लगातार झड़ती रही,रोज़ी की चूत से इतना पानी निकला
के मेरा मुँह रोज़ी के चूत के पानी से भर गया।और मैं सारा पानी निगल गया।
रोज़ी अभी भी उतेजना से काँप रहीं थी,lust से रोज़ी के आँखें बंद थी।
मैंने जैसे ही रोज़ी के buttocks छोड़े,
रोज़ी धड़ाम से नीचे गिर पड़ी।और जोर से चीख मार के बेहोश हो गयी।
रोज़ी की चीख की आवाज़ सुन कर,रोज़ी की मम्मी ने अपने कमरे से आवाज़ लगायी,
रोज़ी क्या हुआ,मैंने अपनी पैंट पहनी और भाग कर आंटी के रूम में जाकर वोला,
आंटी रोज़ी बाथरूम में फिसल कर गिर पड़ी थी,पर ठीक है कोई चोट नहीं आयी।
मैं फिर रोज़ी के पास आ गया,और रोज़ी जो उल्टी होकर लेटी हुई थी,
उसे सीधा लिटा दिया,रोज़ी अभी भी बेहोश थी,और छोटे छोटे खर्राटे भर रही थी।
जहां ज़मीन पर गिर कर रोज़ी लेटी हुई थी ,बहाँ रोज़ी की
चूत का पानी धार बन कर गिर रहा था ,और वहाँ पर एक छोटा सा पूल भी बन गयाथा।
अभी बस इतना—-
कहानी चलती रहेगी——
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Goodश्वेता श्वेता —- बाहर श्वेता की mummy ज़ोर ज़ोर से श्वेता के रूम का door knock
कर रही थी।श्वेता बेटा उठो सुबह के नौ बज गए हैं।office से late हो रही हो।
दरबाज़ा खोलो मैं तुम्हारे लिए चाय लायी हूँ।
श्वेता हल्की सी आवाज़ में बोली mummy अभी खोलती हूँ।
श्वेता ने बड़ी मुश्किल से उठ कर दरवाज़ा खोला।और वापस आकर फिर
अपने bed पर लेट गयी।mummy ने अंदर आकर देखा श्वेता pillow में मुँह
दबाकर लेटी हुई थी,और धीरे धीरे हाय mummy हाय mummy कर रही थी।
श्वेता बेटा क्या बात है,तेरा कुछ दुःख रहा है,mummy ने प्यार से श्वेता के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा।
mummy मेरा सारा बदन टूट रहा है,जैसे मेरे शरीर को किसी ने कस के निचोड़
दिया हो।श्वेता धीमी आवाज़ में बोली।
mummy ने श्वेता के नंगे बदन को कई जगह से छू कर देखा।
की श्वेता को बुख़ार तो नहीं हो गया।जैसे ही mummy ने श्वेता को touch किया।
तो mummy बोली,श्वेता तुम्हारा सारा बदन तो भट्टी की तरह तप रहा है।
रुको मैं thermameter लगा कर तुम्हारा temperature देखती हूँ।
तुम्हारा temperature तो बिल्कुल ठीक है,mummy ने tharmameter लगाने
के बाद देखकर बोला।शायद bed से रात को तुम ज़ोर से गिरी जिस की बजा से
तुम्हारा बदन टूट रहा है।चलो मैं तुम्हारा बदन दवा देती हूँ,mummy बोली।
इतना कह कर mummy ने श्वेता की नंगी thighs को दवाना शुरू कर दिया।
तुम्हारी thighs बहुत मुलायम और नरम है,श्वेता,mummy ने कहा।mummy अभी आप जाओ
मुझे अभी सोना है।श्वेता ने कहा।यह कर श्वेता फिर सो गयी।
ग्यारह बजे mummy फिर श्वेता के रूम में आयी,तो देखा श्वेता के फ़ोन की घंटी
लगातार बज रही है।फ़ोन पे office लिखा आ रहा था ।bathroom से Shaweta के नहाने
की आवाज़ आ रही थी,और कोई मस्तीभरा गाना गुण गुना रही थी।जैसे किसी को बुला
रही हो।mummy ने श्वेता को कभी इतना ख़ुश नहीं देखा था।mummy ने देखा
श्वेता ने चाय अभी नहीं पी थी।Mummy ठंडी चाय का कप उठाकर ले गयी,जब mummy
दोवरा गर्म चाय लेकर आयी,तो श्वेता नहा चुकी थी और bathrob पहन कर dressing
table पर mirror के सामने बैठी गुणगुणा रही थी,और अपने वाल बना रही थी।
श्वेता गर्म गर्म चाय पी लो,तब तक मैं तुम्हारा breakfast बनाती हू
mummy मैं breakfast के लिए थोड़ी देर बाद आऊँगी।
office से phone आ रहें हैं ,मैं सब को काम समझा के फिर आऊँगी।
और mummy मेरे लंच बॉक्स में दो जनो का खाना pack कर देना और हरी मिर्ची
का अचार भी डाल देना।श्वेता ने कहा
mummy ने सोचा कुछ तो है।यह दूसरा कौन है।ये बात श्वेता कभी अपने आप बताएगी।
बड़ी मुश्किल से श्वेता को खुश देखा है।और mummy श्वेता से कुछ पूछ के उसका
मूड ख़राब नहीं करना चाहती थी।और mummy kitchen में चली गयी।
श्वेता अपने रूम में mirror के सामने बैठी,अपना चेहरा देख रही थी और सोच रही थी की
कब उसे भी वीर्यरस का प्रसाद मिलेगा और वह भी बहुत खूबसूरत हो जाएगी।
तभी phone की घंटी श्वेता को सुनाई दी।
श्वेता ने भाग कर अपना phone उठाया।
और देखा विडीओ call थी।
office से Mahesh की video call थी।
good morning mam,उधर से Mahesh की आवाज़ आयी।
good morning mahi darling,श्वेता ने कहा
महेश-mam लगता है आज mood नहीं है,office आने का
श्वेता-ऐसा ही समझो
महेश- जान की तबियत तो ठीक है।
श्वेता-आज में खूब सोई।नौ बजे तक सोती रही
महेश- late क्यों उठीं।
श्वेता-रात को दो बजे सोई थी,तो जब सुबह उठने की कोशिश की तो मुझसे उठा ही नहीं गया।मेरा
सारा बदन बुरी तरह से टूट रहा था।
जैसे किसी ने कस के मुझे निचोड़ दिया हो।
महेश-कौन था बो तुम्हें निचोड़ने वाला।
श्वेता-चुप बदमाश।मुझे तुमने बिगाड़ दिया है।मैं तुम्हारे बहकावे में आ गयी। अपनी चूत को पहले कभी
इतने ज़ोर से नहीं रगड़ा था।ये सब तुम्हारी शरारत का नतीजा था।पर मैं क्या बताऊँ की मुझे इतना मज़ा
ज़िंदगी में कभी नहीं आया।मैं इस मज़े को explain नहीं कर सकती, चूत रगड़ते रगड़ते इतने तेज़ी से और इतने ज़ोर के मुझे झटके लगे के मेरा सूसु ही निकल गया,और मेरे सूसु
की quantity इतनी ज़्यादा थी,कि सारी bedsheet ही भीग गयी।
इतना पता होता तो मैं कल रात को पेंटी पहन के ही तुमसे प्यार की बातें करती।मैं एक शरीफ़ लड़की थी,पर
तुमने मुझे इक ही दिन में बदमाश बना दिया है।
ऐसा काम मैंने पहले कभी भी नहीं किया था
मैंने अपनी चूत को बड़े जतन से अपने पति के लिए सम्भाल कर रखा हुआ था।
पर आज तुमने मेरे चूत को एक ऐसेअदभुत मज़ा के स्वाद चखा दिया की अब यह मज़ा मेरी चूत
को रोज़ चाहिये।अब मेरी चूत तुम्हारे बिना रह नहीं सकेगी।मेरी क़सम है तुम्हें,
कभी इसको तनहा नहीं छोड़ना।श्वेता ये सब बोलती जा रही थी और सुबक़ सुबक़ कर रो
रही थी,उसकी आँखो से आँसू झर झर गिर रहे थे।
श्वेता बहुत emotional हो रही थी,उस प्रेमिका की तरह जिस को अभी अभी
नया नया प्रेम हुआ था।तुमने मेरी झोली ख़ुशियों से भर दी।महेश
अब मैं तुम्हारा पीछा कभी नहीं छोड़ूँगी।अगर तुम्हारी mom मुझे permission दे तो,
मैं तुम्हारे घर में तुम्हारे साथ live in relationship में भी रहने को तैयार हूँ।बाद में
तुम मुझसे शादी कर लेना।
महेश ,श्वेता की बातें सुन कर मंद मंद मुस्करा रहा था।
महेश-श्वेता तुम्हें बहुत बहुत बधाई।
श्वेता-किस बात की बधाई दे रहे हो,माही
महेश- तुम्हारे पहले सच्चे प्यार की बधाई और—-
श्वेता-thank you very much darlingऔर क्या—-
महेश- और तुम प्यार के पहले test में 100% नम्बर लेकर पास हो गयी।उसकी बधाई।
श्वेता- माही तुम कौन से टेस्ट में पास होने की मुझे बधाई दे रहे हो।
महेश-कल रात तुमने मुझसे अपने सच्चे प्यार का जो test दिया था।उसकी बधाई
श्वेता- माही please मुझे सताओ ना,ठीक से बताओ।
महेश-कल रात तुमने अपनी life का पहला orgasm successfully achieve कर लिया है।
श्वेता-माही ,please पहेलियाँ ना बुझाओ।मुझे सब बताओ।
महेश- श्वेता my darling, तुम कह रही थी ना,की कल रात तुम जब अपनी चूत
रगड़ रही थी,तो तुम्हारा सूसु निकल गया था।
श्वेता-हाँ,मुझसे सुसु control ही नहीं हुआ की भाग कर मैं bathroom जा सकूँ,मुझे बिस्तर पर सुसु
निकल गया और मुझे बहुत शर्म आयी।मैंने अगले दिन सुबह उठ कर अपने buttocks पर गिलापन महसूस
किया,मैंने टच करके देखा तो कुछ चिपचिपा सा लगा,फिर मैंने bedsheet पे हाथ से अपने सुसु
को touch किया तो मेरा हाथ मेरे सुसु से लिबड गया।मैं सोचने लगी मेरा सुसु ऐसा चिपचिपा
पहले तो कभी नहीं थी।बस इसके आगे मुझे कुछ ना समझ आया,तो मैंने उठकर bedsheet धोने
के लिए,washing machine में डाल दी।ये सोचकर के अगर कहीं mummy को पता चल
गया तो डाँट पड़ेगी।
महेश-पगली वो तुम्हारा कमरस था,जो तुम्हारी चूत से निकला था।वो सुसु नहीं था।लड़कों में
इसे वीर्यरस कहते हैं।वो लड़कों में तब निकलता है,जब बो मूठ मरते हैं।
या तब निकलता है,जब वे अपनी wife को कस के चोदते हैं,उसी वीर्यरस
से बच्चे पैदा होते हैं और वही वीर्य रस जब उनकी wife की बच्चेदानी चूसती है,तो उस
औरत के जोबन में और निखार आ जाता है।
कमरस और वीर्यरस दोनो लेसदार होते हैं।
ये discussion महेश और श्वेता में जारी रहेगा——-