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Fantasy बहन का इलाज (Complete)

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अब आगे—-
मैं रोज़ी के सामने सोफ़े पर बैठ कर,रोज़ी के उठने का इंतज़ार करने लगा,के रोज़ी उठे तो
अपने घर जाऊँ।अब तक शाम के सात बज चुके थे।इतने में रोज़ी के शरीर में थोड़ी हलचल हुई,
मैं भाग कर किचन से रोज़ी के लिये पानी ले आया।मैंने रोज़ी के मुँह पर पानी के छींटे मारे,
रोज़ी ने धीरे से थोड़ी सी आँखें खोली।सामने मैं बैठा हुआ था।रोज़ी मुझे देखकर मुस्कुराई,
और मुझ से पीने के लिए पानी माँगा।मैंने रोज़ी का सर पकड़ कर उठाया और उसे ग्लास
से पानी पिलाया।रोज़ी अभी भी बिलकुल नंगी थी,सिर्फ़ छोटा सा ब्लाउज पहना हुआ था।
रोज़ी की चूत फुली हुई थी और रोज़ी के चूतरस से चमक रही थी।मैंने नंगी रोज़ी को
उठा कर अपनी बाहों में भर लिया।रोज़ी का ब्लाउज ऊपर की और चढा हुआ था,
जिस से रोज़ी के सारे मुम्मे नीचे से बाहर निकल रहे थे,सिर्फ़ रोज़ी
के निप्पल ढके हुए थे।रोज़ी मेरी छाती से चिपकी हुई थी,रोज़ी के मुम्मे मेरे छाती में धँसे
हुए थे।रोज़ी ने अपनी दोनों बाहें मेरे गले में लपेट कर मुझे चूमने लगी,फिर रोज़ी ने छाल मारी

और उछल मेरी गोद में चढ़ गयी और अपनी दोनों टाँगे मेरी कमर पर लपेट ली।मैं खड़ा हुआ था
और रोज़ी अपने बड़े बड़े कोमल मुम्मे मेरी छाती से रगड़ने लगी।ऊपर रोज़ी ने मेरे दोनों होंठ अपने
होंठों में पकड़ कर चूसने लगी।नीचे अपनी नंगी चुत मेरी पैंट के ऊपर मेरे लण्ड से रगड़ रही थी।और
अपनी चुत पे लगा हुआ कामरस से मेरी पेंट गीली कर रही थी।मैंने रोज़ी से कहा कि रात हो गई
है,मुझे अब घर जाने दो।
नहीं जाना कहीं तुमको,यहीं रहोगे अब तुम मेरे साथ ,यही है तुम्हारा घर,अब मैं भी तुम्हारे साथ रहूँगी।
तुम्हारे बच्चे पैदा करूँगी।तुम्हारे लिये बढ़िया बढ़िया ख़ाना बना कर खिलाऊँगी।तुम्हारा सारा घर
सम्भालूँगी।मैं तुम्हारी बीवी तो नहीं बन सकी पर तुम्हारी बीबी की तरह तुम्हारे साथ दिन रात रहना चाहती हूँ।
रोज़ी बहुत emotional हो रही थी,मैंने रोज़ी को सोफ़े पर बैठा दिया और उसके लिए फ्रिज से जूस
लेने चला गया।मैं जब वापस आया तो रोज़ी नैपकिन से अपनी चूत पोंछ रही थी।रोज़ी ने सोफ़े से
उठकर अपनी पैंटी पहनली,और फिर अपना ब्लाउज़ ठीक करके अपने रूम में जाकर अपनी नाइटी
पहन ली,अपने बाल बनाकर मेरे पास आ कर किसी बीवी की तरह मेरे गले लग कर मुझे प्यार करने
लगी।मैंने रोज़ी को कहा अब मैं जाऊँगा,कल दोपहर को आंटी को walker से चलाने के लिये आ
जाऊँगा,तब तुम्हारे हाथ का बना हुआ ख़ाना खाऊँगा। मैं जब जाने लगा तो रोज़ी बोली,पहले मम्मी
की इजाज़त लेलो,फिर जाना।मैंने आंटी को उसके कमरे में जाकर कहा,आंटी मैं घर जा रहा हूँ,
बहुत देर हो गयी है,मोम wait कर रही होंगी।आंटी के बोलने से पहले,रोज़ी बोली,मम्मी इनको
रुकने को कहिए ना,ख़ाना खाकर चले जायें(मेरा नाम नहीं लिया जैसे सच में मेरी बीबी हो)
महेश रुक जाओ,देखो रोज़ी तुम्हें कितने प्यार से रुकने के लिये बोल रही है।तुम्हारी तो
रोज़ी बचपन की गर्ल friend हैना,इसकी बात मान लो।
रोज़ी जब तक ख़ाना बनायेगी,तुम मेरे पास बैठो,मैं तुम्हारी मोम को फ़ोन कर देती हूँ,की
महेश इधर हमारे घर में मेरा हाल चाल पूछने आया हुआ है,ख़ाना खाकर आएगा।देर
हो जाये तो चिंता मत करना।
हार कर मैं भी आंटी के पास बैठ गया,
आंटी मेरी और रोज़ी के बचपन की बातें सुनाने लगी।
कैसे रोज़ी तुमसे प्यार करने लगी।
ये बात मुझे पता थी के रोज़ी तुमसे बहुत प्यार करती थी,और तुमसे शादी
भी करना चाहती थी।हमे भी तुम बहुत पसंद थे।
बस अमीर घर देख कर हमने रोज़ी की शादी करदी।तुमने देखा ही है,रोज़ी शादी के बाद
कितनी उदास रहने लगी। रोज़ी की सास और ननद दोनों रोज़ी को बाँझ
कहती रहती हैं,कहतीं हैं तीन साल की शादी में जहां तीन बचे पैदा होने चाहिये,
रोज़ी ने एक भी बच्चा पैदा नहीं किया।बहुत दुखी है मेरी रोज़ी,आंटी बोली।
फिर आंटी बोली,पिछले तीन सालो में रोज़ी को इतना खुश मैंने पहले कभी भी नहीं देखा।
तुम्हारे साथ ज़्यादा से ज़्यादा time बिताना चाहती है,मैं भी चाहती हूँ,की जब तक
मैं ठीक नहीं होती,तुम हमारे साथ रहो।रोज़ी की ख़ुशियाँ भी वापस आ जाएँगी,
और मेरी देख भाल में रोज़ी की help हो जायेगी।
इतने में अंकल आ गये,मैंने अंकल को नमस्ते की।महेश आज कल तुम हमारे घर
आते ही नहीं हो,देखो रोज़ी भी आयी हुई ही।जब तक रोज़ी इधर है,तुम हमारे घर रोज़
आ जाया करो,इतने में रोज़ी अंकल आंटी का ख़ाना लेकर आ गयी।
डैडी मम्मी आप ख़ाना खा लो।रोज़ी ने कहा
तभी अंकल बोले,रोज़ी sunday सुबह को मैं अंबाला जा रहा हूँ,तुम्हारी
बुआ बीमार है,मुझे दो तीन दिन लग जाएँगे वापस आने में।अंकल मेरी तरफ़ देख कर बोले,
महेश तुम मेरे बापस आने तक अपनी आंटी की देखभाल के लिए हमारे
घर रुक जाना,रोज़ी की मम्मी तुम्हारी मोम को कल फ़ोन कर देगी।अंकल ने कहा।
रोज़ी का चेहरा देखने लायक़ था असीमित ख़ुशी से चमक रहा था।
महेश,तेरे आने से हमारे घर ख़ुशियाँ लोट आयी हैं,रोज़ी का बचपन तो
जैसे वापस आ गया।आंटी बोली।जैसे ही अंकल आंटी ने ख़ाना शुरू किया,
रोज़ी ने मेरा हाथ पकड़ा और खींच कर लॉबी में ले गई
और मेरे साथ ख़ुशी से नाचने लगी और मुझे हग करके गाने लगी—-
मुझे मिल गया बहाना तेरी प्रीत का
कैसे ख़ुशी लेके आयी प्यार की जीत का
महेश तुम बैठो मैं अभी ख़ाना लेके आई।
थोड़ी देर बाद रोज़ी एक हाथ में खाने की थाली थी,दूसरे हाथ में पानी की बोत्तल
लेकर आ गयी।
पानी की बोतल table पर रख कर,मेरे पास आ कर बैठ गई।महेश,चलो अब ख़ाना खाओ।
इतना बोल कर रोज़ी ने चपाती का थोड़ा सा टुकड़ा तोड़ के सब्ज़ी लगा के,
मेरे मुँह के पास लाकर बोली,मुँह खोलो,
रोज़ी डार्लिंग,मैं अपने से खा लूँगा।महेश बोला
आँखों में आंसू भर के रोज़ी बोली,तुमने आज पिछले बीस सालों में
मुझे पहली बार डार्लिंग बोल कर,मेरे प्यार पर अपने प्यार की मोहर लगाई है।अगर आज मैं तुम्हारी
बीबी होती तो तुम मेरे हाथ से ख़ाना खाने को मना थोड़ी करते।
मैंने अपना मुँह खोल लिया सारा चपाती का पूरा पीस मुँह में डॉलने लगा,
पर रोज़ी ने जल्दी से थोड़ा सा चपाती का टुकड़ा मेरे मुँह से निकाल कर,
अपने मुँह में डाल कर खाने लगी,और मुझे अपनी जीभ निकाल कर चिढ़ाने
लगी,
रोज़ी,तुमने ख़ाना बहुत स्वादिष्ट बनाया है,मुझे जल्दी से सारा ख़ाना खिलादो।महेश ने कहा
रोज़ी महेश को ख़ाना धीरे धीरे खिला रही थी,ताकी इतनी रात हो जाये कि महेश
उनके घर रात रुकने को मजबूर हो जाय।इतनी बात सोच कर ही,रोज़ी की चूत गीली
हो गई,और रात भर चुदाई का सपना लेने लगी।
जब तक ख़ाना ख़त्म हुआ,रात के नौ बज गये थे।
मैंने अपने हाथ नैपकिन से पोंछे और उठ कर खड़ा हो गया।
महेश,मैं अपना mobile no बोलती हूँ,तुम मेरा नंबर save कर लो,रोज़ी बोली,और मुझे अपने mobile
से miss call दो,मैं तुम्हारा नंबर save कर लूँगी।एक काम और करो,अपने लण्ड का फोटो जो तुम्हारे
mobile में save है,मुझे forward कर दो।मैं तुम्हारे लण्ड की फोटो तुम्हारे number के
साथ save कर लूँगी।जब रोज़ी ने बोलना बंद किया ,तो मैं बोला,मैं अब अपने घर जाऊँ।
रोज़ी—मम्मी से पहले पूछ लो।मैं aunti के कमरे में गया ,तो वो लोग सोने की तैयारी कर रहे थे।जैसे ही
मैं बोलने लगा,रोज़ी वोल उठी,ये अपने घर जाने के लिये बोल रहें हैं,इनको रुक जाने को बोलिये ना,
इतनी रात को बाइक से जाना safe नहीं है,ये मेरा कहना नहीं मान नहीं रहे।आप इनको समझाइये।
महेश बेटा,रुक जाओ ना,रोज़ी की ख़ुशी के लिए ही रुक जाओ।रोज़ी,महेश का बिस्तर लॉबी में
लगा दो,बहाँ सो जाएगा।महेश को रोज़ी तंग मत करना इसको सोने देना।
रोज़ी ने मेरा हाथ पकड़ कर बाहर खींच लायी और मेरे गले लग गई। सैयांजी,देखो रोक लिया
ना तुम्हें।रात को तुम को लॉबी में नहीं सोना पड़ेगा।तुम मेरे बेड पर मेरे साथ सोओगे,
हम रात भर जी भर के चुदाई करेंगे,और मज़े करेंगे,रोज़ी ने अपना रात का सारा प्लान बताया।
महेश डार्लिंग तुम मेरे रूम में चलो और फ्रेश हो जाओ,मैं तुम्हारे लिये बादाम का दूध लेके आती हूँ।
मैंने रोज़ी की बाहँ पकड़ कर उसे रोका,रोज़ी मैं sunday को अंकल के जाते ही आ जाऊँगा,
तब मैं यही पर रहूँगा दिन रात तुम्हारे पास।फिर जो कहोगी,जैसे कहोगी मैं करूँगा।
उदास मन से रोज़ी बोली जैसे तुम्हारी मर्ज़ी।मेरी छाती से चिपक कर बोली,कल भी तुमको
बारह बजे आना है,मम्मी को walker से चलाने के लिये।मैंने रोज़ी को flying किस्स किया
और घर की और चल पड़ा।
घर पे सिमी मेरा इंतज़ार कर रही थी।क्या bro मेरी treatment की कोई चिंता नहीं
तुम्हें।सिम्मी बोली।
sis तुम चिंता मत करो,मुझे तुम्हारी treatment की पूरी चिंता है।कल सुबह नौ बजे ,mom के office में
जाने के बाद तुम आ जाना।अभी मैं थक गया हूँ ,मुझे बहुत नींद आ रही है।मैं भी सोने जा रहा हूँ,
तुम भी सो जाओ।अब बहुत रात हो गई है।सिम्मी निराश होकर अपने रूम में चली गई।
अपने रूम में जाकर श्वेता को video call मिलायी।
है,श्वेता डार्लिंग कैसे हो।महेश ने पूछा
श्वेता- वेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता का
बरसता हो जो सावन आँखों से वो सावन याद करता था।
माही डार्लिंग,कहाँ चले गए तुम ,तुम्हारे बिना तो अब एक पल भी नहीं कटता,
हो सके तो कल friday है,तुम आ जाना,एक नया project मिला है,
वो अधूरा पड़ा है तुम्हारे बैगैर,हो सको तो कल आ जाना,
महेश,थोड़ा सोचने के वाद,ठीक है,मैं कल तीन बजे आ जाऊँगा,
अगले आधा घंटा प्यार मोहब्बत की बातें करके,महेश ने फ़ोन बंद कर दिया।
फिर मैंने रोज़ी को वीडियो काल मिलायी।किस
महेश-रोज़ी डार्लिंग,क्या कर रही हो ।
रोज़ी-डार्लिंग,अपनी चूत की मालिश करके उसको तैयार कर रहीं हूँ।
महेश- किस बात के लिये अपनी चूत को तैयार कर रही हो,
रोज़ी-मेरे घर में sunday को एक पहलवान लण्ड महाराज जी आ रहे
है,बस उनके साथ मेरी चूत महारानी की कुश्ती है।
महेश-फिर तो मैं भी आऊँगा कुश्ती देखने लण्ड और चूत की।
रोज़ी-हाँ हाँ क्यों नहीं ,तुम भी आ जाना,देखना किसकी जीत हार होती है।
ऐसी ही बहुत देर तक दोनों में प्यार तकरार की बातें होती रहीं।
फिर रोज़ी serious होकर बोली,महेश डार्लिंग कल friday को,मुझे मेरे ससुराल
जाना है,तुम अपने bike पे छोड़ आओगे।
महेश थोड़ी देर सोच कर बोला,कितने बजे जाना चाहती हो।
रोज़ी-जब मर्ज़ी।
महेश-ठीक है,मैं एक बजे आऊँगा,आंटी को walker पे चलाकर,
तुम्हें तुम्हारे ससुराल छोड़ आऊँगा।
रोज़ी-मैं लंच बना के रखूँगी।
महेश-रोज़ी अब सो जाओ,बहुत रात हो गई है।,
मैं फ़ोन रखता हूँ ,love you darling ,good night।
महेश कल का schedule सोचने लगा।
सुबह नौ बजे सिम्मी को वीर्य की dose देनी
ग्यारह बजे doctor से appointment है
एक बजे रोज़ी के घर जाना है
तीन बजे श्वेता के पास office में जाना है
रात को फिर सिम्मी की dose पिलानी है।
बाप रे बाप एक ही दिन तीन तीन लड़कियाँ——
बाक़ी कल——
 
Last edited:

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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57,066
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अति कामुक ओर वासना से भरा हुआ अपडेट दिया है भाईया मज़ा आया।।
अगली कड़ी का बेसब्रि से इंतज़ार रहेगा।।
 
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