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Fantasy बहन का इलाज (Complete)

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bhai
maja aa gaya
editing me thoda dhyan rakho, kahani me to bahut dum hai
agle update ka intjaar rahega.
Thankyou Ashok Bhai for your encouraging words.I have noted your point On editing.
 
Last edited:

Ek number

Well-Known Member
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अब आगे—-
मैं रोज़ी के सामने सोफ़े पर बैठ कर,रोज़ी के उठने का इंतज़ार करने लगा,के रोज़ी उठे तो
अपने घर जाऊँ।अब तक शाम के सात बज चुके थे।इतने में रोज़ी के शरीर में थोड़ी हलचल हुई,
मैं भाग कर किचन से रोज़ी के लिये पानी ले आया।मैंने रोज़ी के मुँह पर पानी के छींटे मारे,
रोज़ी ने धीरे से थोड़ी सी आँखें खोली।सामने मैं बैठा हुआ था।रोज़ी मुझे देखकर मुस्कुराई,
और मुझ से पीने के लिए पानी माँगा।मैंने रोज़ी का सर पकड़ कर उठाया और उसे ग्लास
से पानी पिलाया।रोज़ी अभी भी बिलकुल नंगी थी,सिर्फ़ छोटा सा ब्लाउज पहना हुआ था।
रोज़ी की चूत फुली हुई थी और रोज़ी के चूतरस से चमक रही थी।मैंने नंगी रोज़ी को
उठा कर अपनी बाहों में भर लिया।रोज़ी का ब्लाउज ऊपर की और चढा हुआ था,
जिस से रोज़ी के सारे मुम्मे नीचे से बाहर निकल रहे थे,सिर्फ़ रोज़ी
के निप्पल ढके हुए थे।रोज़ी मेरी छाती से चिपकी हुई थी,रोज़ी के मुम्मे मेरे छाती में धँसे
हुए थे।रोज़ी ने अपनी दोनों बाहें मेरे गले में लपेट कर मुझे चूमने लगी,फिर रोज़ी ने छाल मारी

और उछल मेरी गोद में चढ़ गयी और अपनी दोनों टाँगे मेरी कमर पर लपेट ली।मैं खड़ा हुआ था
और रोज़ी अपने बड़े बड़े कोमल मुम्मे मेरी छाती से रगड़ने लगी।ऊपर रोज़ी ने मेरे दोनों होंठ अपने
होंठों में पकड़ कर चूसने लगी।नीचे अपनी नंगी चुत मेरी पैंट के ऊपर मेरे लण्ड से रगड़ रही थी।और
अपनी चुत पे लगा हुआ कामरस से मेरी पेंट गीली कर रही थी।मैंने रोज़ी से कहा कि रात हो गई
है,मुझे अब घर जाने दो।
नहीं जाना कहीं तुमको,यहीं रहोगे अब तुम मेरे साथ ,यही है तुम्हारा घर,अब मैं भी तुम्हारे साथ रहूँगी।
तुम्हारे बच्चे पैदा करूँगी।तुम्हारे लिये बढ़िया बढ़िया ख़ाना बना कर खिलाऊँगी।तुम्हारा सारा घर
सम्भालूँगी।मैं तुम्हारी बीवी तो नहीं बन सकी पर तुम्हारी बीबी की तरह तुम्हारे साथ दिन रात रहना चाहती हूँ।
रोज़ी बहुत emotional हो रही थी,मैंने रोज़ी को सोफ़े पर बैठा दिया और उसके लिए फ्रिज से जूस
लेने चला गया।मैं जब वापस आया तो रोज़ी नैपकिन से अपनी चूत पोंछ रही थी।रोज़ी ने सोफ़े से
उठकर अपनी पैंटी पहनली,और फिर अपना ब्लाउज़ ठीक करके अपने रूम में जाकर अपनी नाइटी
पहन ली,अपने बाल बनाकर मेरे पास आ कर किसी बीवी की तरह मेरे गले लग कर मुझे प्यार करने
लगी।मैंने रोज़ी को कहा अब मैं जाऊँगा,कल दोपहर को आंटी को walker से चलाने के लिये आ
जाऊँगा,तब तुम्हारे हाथ का बना हुआ ख़ाना खाऊँगा। मैं जब जाने लगा तो रोज़ी बोली,पहले मम्मी
की इजाज़त लेलो,फिर जाना।मैंने आंटी को उसके कमरे में जाकर कहा,आंटी मैं घर जा रहा हूँ,
बहुत देर हो गयी है,मोम wait कर रही होंगी।आंटी के बोलने से पहले,रोज़ी बोली,मम्मी इनको
रुकने को कहिए ना,ख़ाना खाकर चले जायें(मेरा नाम नहीं लिया जैसे सच में मेरी बीबी हो)
महेश रुक जाओ,देखो रोज़ी तुम्हें कितने प्यार से रुकने के लिये बोल रही है।तुम्हारी तो
रोज़ी बचपन की गर्ल friend हैना,इसकी बात मान लो।
रोज़ी जब तक ख़ाना बनायेगी,तुम मेरे पास बैठो,मैं तुम्हारी मोम को फ़ोन कर देती हूँ,की
महेश इधर हमारे घर में मेरा हाल चाल पूछने आया हुआ है,ख़ाना खाकर आएगा।देर
हो जाये तो चिंता मत करना।
हार कर मैं भी आंटी के पास बैठ गया,
आंटी मेरी और रोज़ी के बचपन की बातें सुनाने लगी।
कैसे रोज़ी तुमसे प्यार करने लगी।
ये बात मुझे पता थी के रोज़ी तुमसे बहुत प्यार करती थी,और तुमसे शादी
भी करना चाहती थी।हमे भी तुम बहुत पसंद थे।
बस अमीर घर देख कर हमने रोज़ी की शादी करदी।तुमने देखा ही है,रोज़ी शादी के बाद
कितनी उदास रहने लगी। रोज़ी की सास और ननद दोनों रोज़ी को बाँझ
कहती रहती हैं,कहतीं हैं तीन साल की शादी में जहां तीन बचे पैदा होने चाहिये,
रोज़ी ने एक भी बच्चा पैदा नहीं किया।बहुत दुखी है मेरी रोज़ी,आंटी बोली।
फिर आंटी बोली,पिछले तीन सालो में रोज़ी को इतना खुश मैंने पहले कभी भी नहीं देखा।
तुम्हारे साथ ज़्यादा से ज़्यादा time बिताना चाहती है,मैं भी चाहती हूँ,की जब तक
मैं ठीक नहीं होती,तुम हमारे साथ रहो।रोज़ी की ख़ुशियाँ भी वापस आ जाएँगी,
और मेरी देख भाल में रोज़ी की help हो जायेगी।
इतने में अंकल आ गये,मैंने अंकल को नमस्ते की।महेश आज कल तुम हमारे घर
आते ही नहीं हो,देखो रोज़ी भी आयी हुई ही।जब तक रोज़ी इधर है,तुम हमारे घर रोज़
आ जाया करो,इतने में रोज़ी अंकल आंटी का ख़ाना लेकर आ गयी।
डैडी मम्मी आप ख़ाना खा लो।रोज़ी ने कहा
तभी अंकल बोले,रोज़ी sunday सुबह को मैं अंबाला जा रहा हूँ,तुम्हारी
बुआ बीमार है,मुझे दो तीन दिन लग जाएँगे वापस आने में।अंकल मेरी तरफ़ देख कर बोले,
महेश तुम मेरे बापस आने तक अपनी आंटी की देखभाल के लिए हमारे
घर रुक जाना,रोज़ी की मम्मी तुम्हारी मोम को कल फ़ोन कर देगी।अंकल ने कहा।
रोज़ी का चेहरा देखने लायक़ था असीमित ख़ुशी से चमक रहा था।
महेश,तेरे आने से हमारे घर ख़ुशियाँ लोट आयी हैं,रोज़ी का बचपन तो
जैसे वापस आ गया।आंटी बोली।जैसे ही अंकल आंटी ने ख़ाना शुरू किया,
रोज़ी ने मेरा हाथ पकड़ा और खींच कर लॉबी में ले गई
और मेरे साथ ख़ुशी से नाचने लगी और मुझे हग करके गाने लगी—-
मुझे मिल गया बहाना तेरी प्रीत का
कैसे ख़ुशी लेके आयी प्यार की जीत का
महेश तुम बैठो मैं अभी ख़ाना लेके आई।
थोड़ी देर बाद रोज़ी एक हाथ में खाने की थाली थी,दूसरे हाथ में पानी की बोत्तल
लेकर आ गयी।
पानी की बोतल table पर रख कर,मेरे पास आ कर बैठ गई।महेश,चलो अब ख़ाना खाओ।
इतना बोल कर रोज़ी ने चपाती का थोड़ा सा टुकड़ा तोड़ के सब्ज़ी लगा के,
मेरे मुँह के पास लाकर बोली,मुँह खोलो,
रोज़ी डार्लिंग,मैं अपने से खा लूँगा।महेश बोला
आँखों में आंसू भर के रोज़ी बोली,तुमने आज पिछले बीस सालों में
मुझे पहली बार डार्लिंग बोल कर,मेरे प्यार पर अपने प्यार की मोहर लगाई है।अगर आज मैं तुम्हारी
बीबी होती तो तुम मेरे हाथ से ख़ाना खाने को मना थोड़ी करते।
मैंने अपना मुँह खोल लिया सारा चपाती का पूरा पीस मुँह में डॉलने लगा,
पर रोज़ी ने जल्दी से थोड़ा सा चपाती का टुकड़ा मेरे मुँह से निकाल कर,
अपने मुँह में डाल कर खाने लगी,और मुझे अपनी जीभ निकाल कर चिढ़ाने
लगी,
रोज़ी,तुमने ख़ाना बहुत स्वादिष्ट बनाया है,मुझे जल्दी से सारा ख़ाना खिलादो।महेश ने कहा
रोज़ी महेश को ख़ाना धीरे धीरे खिला रही थी,ताकी इतनी रात हो जाये कि महेश
उनके घर रात रुकने को मजबूर हो जाय।इतनी बात सोच कर ही,रोज़ी की चूत गीली
हो गई,और रात भर चुदाई का सपना लेने लगी।
जब तक ख़ाना ख़त्म हुआ,रात के नौ बज गये थे।
मैंने अपने हाथ नैपकिन से पोंछे और उठ कर खड़ा हो गया।
महेश,मैं अपना mobile no बोलती हूँ,तुम मेरा नंबर save कर लो,रोज़ी बोली,और मुझे अपने mobile
से miss call दो,मैं तुम्हारा नंबर save कर लूँगी।एक काम और करो,अपने लण्ड का फोटो जो तुम्हारे
mobile में save है,मुझे forward कर दो।मैं तुम्हारे लण्ड की फोटो तुम्हारे number के
साथ save कर लूँगी।जब रोज़ी ने बोलना बंद किया ,तो मैं बोला,मैं अब अपने घर जाऊँ।
रोज़ी—मम्मी से पहले पूछ लो।मैं aunti के कमरे में गया ,तो वो लोग सोने की तैयारी कर रहे थे।जैसे ही
मैं बोलने लगा,रोज़ी वोल उठी,ये अपने घर जाने के लिये बोल रहें हैं,इनको रुक जाने को बोलिये ना,
इतनी रात को बाइक से जाना safe नहीं है,ये मेरा कहना नहीं मान नहीं रहे।आप इनको समझाइये।
महेश बेटा,रुक जाओ ना,रोज़ी की ख़ुशी के लिए ही रुक जाओ।रोज़ी,महेश का बिस्तर लॉबी में
लगा दो,बहाँ सो जाएगा।महेश को रोज़ी तंग मत करना इसको सोने देना।
रोज़ी ने मेरा हाथ पकड़ कर बाहर खींच लायी और मेरे गले लग गई। सैयांजी,देखो रोक लिया
ना तुम्हें।रात को तुम को लॉबी में नहीं सोना पड़ेगा।तुम मेरे बेड पर मेरे साथ सोओगे,
हम रात भर जी भर के चुदाई करेंगे,और मज़े करेंगे,रोज़ी ने अपना रात का सारा प्लान बताया।
महेश डार्लिंग तुम मेरे रूम में चलो और फ्रेश हो जाओ,मैं तुम्हारे लिये बादाम का दूध लेके आती हूँ।
मैंने रोज़ी की बाहँ पकड़ कर उसे रोका,रोज़ी मैं sunday को अंकल के जाते ही आ जाऊँगा,
तब मैं यही पर रहूँगा दिन रात तुम्हारे पास।फिर जो कहोगी,जैसे कहोगी मैं करूँगा।
उदास मन से रोज़ी बोली जैसे तुम्हारी मर्ज़ी।मेरी छाती से चिपक कर बोली,कल भी तुमको
बारह बजे आना है,मम्मी को walker से चलाने के लिये।मैंने रोज़ी को flying किस्स किया
और घर की और चल पड़ा।
घर पे सिमी मेरा इंतज़ार कर रही थी।क्या bro मेरी treatment की कोई चिंता नहीं
तुम्हें।सिम्मी बोली।
sis तुम चिंता मत करो,मुझे तुम्हारी treatment की पूरी चिंता है।कल सुबह नौ बजे ,mom के office में
जाने के बाद तुम आ जाना।अभी मैं थक गया हूँ ,मुझे बहुत नींद आ रही है।मैं भी सोने जा रहा हूँ,
तुम भी सो जाओ।अब बहुत रात हो गई है।सिम्मी निराश होकर अपने रूम में चली गई।
अपने रूम में जाकर श्वेता को video call मिलायी।
है,श्वेता डार्लिंग कैसे हो।महेश ने पूछा
श्वेता- वेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता का
बरसता हो जो सावन आँखों से वो सावन याद करता था।
माही डार्लिंग,कहाँ चले गए तुम ,तुम्हारे बिना तो अब एक पल भी नहीं कटता,
हो सके तो कल friday है,तुम आ जाना,एक नया project मिला है,
वो अधूरा पड़ा है तुम्हारे बैगैर,हो सको तो कल आ जाना,
महेश,थोड़ा सोचने के वाद,ठीक है,मैं कल तीन बजे आ जाऊँगा,
अगले आधा घंटा प्यार मोहब्बत की बातें करके,महेश ने फ़ोन बंद कर दिया।
फिर मैंने रोज़ी को वीडियो काल मिलायी।किस
महेश-रोज़ी डार्लिंग,क्या कर रही हो ।
रोज़ी-डार्लिंग,अपनी चूत की मालिश करके उसको तैयार कर रहीं हूँ।
महेश- किस बात के लिये अपनी चूत को तैयार कर रही हो,
रोज़ी-मेरे घर में sunday को एक पहलवान लण्ड महाराज जी आ रहे
है,बस उनके साथ मेरी चूत महारानी की कुश्ती है।
महेश-फिर तो मैं भी आऊँगा कुश्ती देखने लण्ड और चूत की।
रोज़ी-हाँ हाँ क्यों नहीं ,तुम भी आ जाना,देखना किसकी जीत हार होती है।
ऐसी ही बहुत देर तक दोनों में प्यार तकरार की बातें होती रहीं।
फिर रोज़ी serious होकर बोली,महेश डार्लिंग कल friday को,मुझे मेरे ससुराल
जाना है,तुम अपने bike पे छोड़ आओगे।
महेश थोड़ी देर सोच कर बोला,कितने बजे जाना चाहती हो।
रोज़ी-जब मर्ज़ी।
महेश-ठीक है,मैं एक बजे आऊँगा,आंटी को walker पे चलाकर,
तुम्हें तुम्हारे ससुराल छोड़ आऊँगा।
रोज़ी-मैं लंच बना के रखूँगी।
महेश-रोज़ी अब सो जाओ,बहुत रात हो गई है।,
मैं फ़ोन रखता हूँ ,love you darling ,good night।
महेश कल का schedule सोचने लगा।
सुबह नौ बजे सिम्मी को वीर्य की dose देनी
ग्यारह बजे doctor से appointment है
एक बजे रोज़ी के घर जाना है
तीन बजे श्वेता के पास office में जाना है
रात को फिर सिम्मी की dose पिलानी है।
बाप रे बाप एक ही दिन तीन तीन लड़कियाँ——
बाक़ी कल——

















86733196-37-EF-41-A7-A3-D0-38-CA7-A616-DBF
Nice update
 

Mr. X.

Loan Wolf
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अब आगे——
सुबह के साढ़े नौ बजे होंगे,मेरे डोर पर कोई जोर ज़ोर से knock कर,रहा था।
मैं गहरी नींद में था।नींद में मैं कभी श्वेता की चूत चाट रहा था,कभी रोज़ी की
चूत मेरे मुँह को चोद रही थी।आप सब को पता है,रात को मैं बिल्कुल नंगा होकर
सोता हूँ,आज भी ऐसे ही पेट के बल मैं नंगा सोया हुआ था,और श्वेता को नींद
में चोद रहा था,मेरा लण्ड पूरा hard होकर बेड में धँसा हुआ था,
तभी मुझे सिम्मी की आवाज़ सुनाई दी,bro दरबाजा खोलो दरवाज़ा खोलो।
मैंने नंगा ही उठ कर दरवाज़ा खोल दिया,सामने सिम्मी बिलकुल नंगी बाहर
खड़ी हुई थी,दरवाज़ा खुलते ही कमरे के अन्दर घुस आयी,सिम्मी मम्मी देखेगी
तो दोनों को डाँट पड़ेगी,जाओ जल्दी से पहले अपने कपड़े पहन कर आओ,
फिर मैं तुम्हें अपने वीर्य रस की dose पिलाऊँगा,मैंने सिमी को समझाया।
सिम्मी ने मेरी बात सुन कर अनसुनी कर दी,और अपने हाथ के बड़े बड़े नाखूनों से मेरे पर
हमला कर दिया।और मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और सिम्मी मेरे लण्ड पर चढ़ कर बैठ गई
मेरा लण्ड सिम्मी के चूत के नीचे दब कर मेरे पेट से जा लगा,मेरे लण्ड में दर्द की एक लहर सी उठी।
ऊपर सिमी ने अपने दोनों हाथों से मेरा गला दबा दिया,और अपने दांत भींच कर,
मुझसे पूछने लगी बोल मेरे हिस्से का वीर्य तुमने किसको पीला दिया ,
सिम्मी ग़ुस्से से बोलती भी
जा रही थी और आगे पीछे होकर हिल भी रही थी।
नीचे मेरा लण्ड सिम्मी की चूत को रगड़ रहा था,जैसे ही सिम्मी थोड़ा सी हिली,
मेरे लंड की नोक सिम्मी की चूत के सुराख़ में फँस गई।
मैंने फटाफट अपना गला सिम्मी के हाथों से छुड़ाया और उठकर सिम्मी को
बेड पे पटक दिया।
हाये माँ मैं मर गई,कह कर सिम्मी ज़ोर से चिल्लाने लगी।
मैंने ग़ुस्से में अपना खड़ा लण्ड सीधा पकड़ कर सिम्मी के मुँह में घुसेड़ दिया,
और चिल्ला कर सिम्मी को बोला,ले पीले अपना वीर्य रस और होजा मोटी।
सिम्मी भी अपना सिर उपर नीचे करके गन्ने की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी।
मुझे अब सिम्मी की चूत और मुम्मे पहले से भरे हुए लग रहे थे,body भी पहले से ज़्यादा मांसल हो गई थी।
सिम्मी को मेरा लण्ड चूसते चूसते उत्तेजना होने लगी और बो अपनी चूत और clit को ज़ोर ज़ोर से
मसलने लगी,मुझे भी अब जोश आने लगा थाऔर मैं सिम्मी का मुँह तेज तेज फ़क करने लगा।
मैंने पलटी मारी और मैं सीधा हो कर लेट गया और सिम्मी को अपने ऊपर लिटा लिया।




सिम्मी ने भी मेरे ऊपर आकर दोबारा गप से मेरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया।
और बड़े जोश से चूसने लगी।जैसे जैसे सिम्मी मेरा लण्ड चूस रही थी,बैसे बैसे
मुझे भी मज़ा आ रहा था।मैंने आँखें बंद कर लीं और सोचने लगा की रोज़ी और श्वेता बारी बारी से
मेरा लण्ड चूस रही हैं,यह सोच कर मेरे मुँह से मज़े की सिसकियाँ निकलने लगीं।



तभी मुझे अपने गले पर कुछ गीला गीला लगा,मैंने अपनी आँखें खोली और देखा की सिम्मी ने
अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर लाल कर दिया था,और उस में से पानी बरस रहा था जो
मेरे गले को गीला कर रहा था। मैंने सिम्मी को घुटनों से पकड़ा और खींच कर सिम्मी की
चूत को अपने मुँह के ऊपर ले आया।और अपना मुँह खोल कर जीभ बाहर निकाल कर
सिम्मी की चुत का रस अपनी जीभ पर लेने लगा।
मैंने सिम्मी के buttocks पर अपने हाथों से दबाव बढ़ाया और अब सिम्मी की चूत
की फाँके मेरे होठों से touch कर रही थी।मैंने सिम्मी की चुत को बड़े ध्यान से देखा,
सिम्मी की चूत की फाँके पहले से मांसल हो गई थी,चूत का रंग तो पहले से ही गोरा था।
पर अंदर से सिम्मी की चूत अब गुलाबी हो गई थी।मुझे ख़ुशी महसूस हुई यह देख कर मेरी
और मोम की मेहनत रंग ला रही थी और मुझे लग रहा था की सिम्मी एक दिन मेरे वीर्य
को पी पी कर भरे पूरे बदन की एक सुंदर लड़की बन जाएगी।
उधर सिम्मी का मेरे लण्ड को चूसना जारी था,और सिम्मी की चुत से भी बरसात हो
रही थी,मैंने अपनी जीभ बाहर निकली और सिम्मी की गोरी चुत की फाँको को चाटने
लगा,सिम्मी को मेरी जीभ से एक झटका लगा और रुक गई,और मेरा लण्ड अपने मुँह
से निकाल कर moan करने लगी,और कहने लगी यस bro यस ,और चाटो मेरी
चूत को,मैं तो कब से चाहती थी के कोई मेरी चूत चाट कर खा जाये ,वो fantasy तुमने
आज मेरी पूरी करदी।आह bro आह ,प्लीज़ continue till माय orgasm,कह
कर मेरे लण्ड को फिर चूसने लगी,मैं भी सिम्मी की चुत मज़े से चाटता रहा।
सिम्मी कि चुत का मटर दाना(clitoris)बड़ा होकर बाहर निकल रहा था।
exicitement से सिम्मी की चुत का रस की धारा सीधी मेरे मुँह में गिर रही थी।
और मैं उसे निगल रहा था।मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल कर सिम्मी की चूत को
चूस कर उस पर लगा हुआ रस साफ़ करने लगा,मेरी जीभ ऊपर नीचे चलती हुई
सिम्मी के clit से टकराई और सिम्मी काँपने लगी और झटके खाकर जैसे ही
झड़ने लगी और सिम्मी ने झड़ने की उत्तेजना में मेरे लण्ड पे दांत काट गाड़ दिये।
मेरे मुँह से दर्द और मज़े की ज़ोर की चीख निकली और मेरे वीर्य की थैली और सुसु
की थैली सिम्मी के मुँह में ख़ाली होने लगी,मेरे सुसु और वीर्य की cocktail की
पिचकारी बड़ी तेज़ी से निकालने लगी।मैंने फिर पलटी मारी और सिम्मी को सीधा
लिटा कर सिम्मी का मुँह चौड़ा कर के खोल दिया,और उसमे अपने लण्ड की पिचकारी
सीधी गले में डाल दी जिसको सिम्मी गटागट करके निगल रही थी।मैं सोचने लगा के
सिम्मी को आज भी पता नहीं चला कि वो जिसको bro का वीर्य समझ कर पी रही थी,वो वीर्य और
सुसु का cocktail था।पर सिम्मी इस cocktail को चटकारे ले कर पी रही थी।
जैसे ही मेरा लण्ड ख़ाली हुआ मैं उठ कर नंगा ही bathroom में नहाने के लिये घुस
गया,fresh होकर,नहा धोकर आधे घंटे वाद बाहर निकला ,तो देखा सिम्मी अभी भी
लेटी हुई मुझे बाथरूम से नंगा बाहर निकलता हुआ देख रही थी।और मंद मंद मुस्करा
रही थी।मेरे बाहर निकलते ही सिम्मी बोली,bro तुम्हारा susu और वीर्य दोनों ही का
टेस्ट अदभुत है।तुम्हारे susu से सेब की खुशबू और taste आता है और तुम्हारा
वीर्य का taste ऐसे है जैसे चमन के जूसीअंगूर ,जो शहद से भी ज़्यादा मीठे हैं।
सिम्मी के बातें सुनकर मेरा लण्ड सिर उठाने लगा , मैं बहीं पर ठिठक के रुक गया।
सिम्मी धीरे से बेड से उठ कर मेरे पास आकर घुटनों के बल बैठ गई,
और मेरे लण्ड को पुचकारने लगी,फिर मेरे लण्ड के glans को किस किया
और thankyou वोल कर भाग कर अपने रूम में चली गई।——।
बाक़ी फिर————
 
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rksh

Member
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अब आगे——
सुबह के साढ़े नौ बजे होंगे,मेरे डोर पर कोई जोर ज़ोर से knock कर,रहा था।
मैं गहरी नींद में था।नींद में मैं कभी श्वेता की चूत चाट रहा था,कभी रोज़ी की
चूत मेरे मुँह को चोद रही थी।आप सब को पता है,रात को मैं बिल्कुल नंगा होकर
सोता हूँ,आज भी ऐसे ही पेट के बल मैं नंगा सोया हुआ था,और श्वेता को नींद
में चोद रहा था,मेरा लण्ड पूरा hard होकर बेड में धँसा हुआ था,
तभी मुझे सिम्मी की आवाज़ सुनाई दी,bro दरबाजा खोलो दरवाज़ा खोलो।
मैंने नंगा ही उठ कर दरवाज़ा खोल दिया,सामने सिम्मी बिलकुल नंगी बाहर
खड़ी हुई थी,दरवाज़ा खुलते ही कमरे के अन्दर घुस आयी,सिम्मी मम्मी देखेगी
तो दोनों को डाँट पड़ेगी,जाओ जल्दी से पहले अपने कपड़े पहन कर आओ,
फिर मैं तुम्हें अपने वीर्य रस की dose पिलाऊँगा,मैंने सिमी को समझाया।
सिम्मी ने मेरी बात सुन कर अनसुनी कर दी,और अपने हाथ के बड़े बड़े नाखूनों से मेरे पर
हमला कर दिया।और मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और सिम्मी मेरे लण्ड पर चढ़ कर बैठ गई
मेरा लण्ड सिम्मी के चूत के नीचे दब कर मेरे पेट से जा लगा,मेरे लण्ड में दर्द की एक लहर सी उठी।
ऊपर सिमी ने अपने दोनों हाथों से मेरा गला दबा दिया,और अपने दांत भींच कर,
मुझसे पूछने लगी बोल मेरे हिस्से का वीर्य तुमने किसको पीला दिया ,
सिम्मी ग़ुस्से से बोलती भी
जा रही थी और आगे पीछे होकर हिल भी रही थी।
नीचे मेरा लण्ड सिम्मी की चूत को रगड़ रहा था,जैसे ही सिम्मी थोड़ा सी हिली,
मेरे लंड की नोक सिम्मी की चूत के सुराख़ में फँस गई।
मैंने फटाफट अपना गला सिम्मी के हाथों से छुड़ाया और उठकर सिम्मी को
बेड पे पटक दिया।
हाये माँ मैं मर गई,कह कर सिम्मी ज़ोर से चिल्लाने लगी।
मैंने ग़ुस्से में अपना खड़ा लण्ड सीधा पकड़ कर सिम्मी के मुँह में घुसेड़ दिया,
और चिल्ला कर सिम्मी को बोला,ले पीले अपना वीर्य रस और होजा मोटी।
सिम्मी भी अपना सिर उपर नीचे करके गन्ने की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी।
मुझे अब सिम्मी की चूत और मुम्मे पहले से भरे हुए लग रहे थे,body भी पहले से ज़्यादा मांसल हो गई थी।
सिम्मी को मेरा लण्ड चूसते चूसते उत्तेजना होने लगी और बो अपनी चूत और clit को ज़ोर ज़ोर से
मसलने लगी,मुझे भी अब जोश आने लगा थाऔर मैं सिम्मी का मुँह तेज तेज फ़क करने लगा।
मैंने पलटी मारी और मैं सीधा हो कर लेट गया और सिम्मी को अपने ऊपर लिटा लिया।


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सिम्मी ने भी मेरे ऊपर आकर दोबारा गप से मेरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया।
और बड़े जोश से चूसने लगी।जैसे जैसे सिम्मी मेरा लण्ड चूस रही थी,बैसे बैसे
मुझे भी मज़ा आ रहा था।मैंने आँखें बंद कर लीं और सोचने लगा की रोज़ी और श्वेता बारी बारी से
मेरा लण्ड चूस रही हैं,यह सोच कर मेरे मुँह से मज़े की सिसकियाँ निकलने लगीं।


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तभी मुझे अपने गले पर कुछ गीला गीला लगा,मैंने अपनी आँखें खोली और देखा की सिम्मी ने
अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर लाल कर दिया था,और उस में से पानी बरस रहा था जो
मेरे गले को गीला कर रहा था। मैंने सिम्मी को घुटनों से पकड़ा और खींच कर सिम्मी की
चूत को अपने मुँह के ऊपर ले आया।और अपना मुँह खोल कर जीभ बाहर निकाल कर
सिम्मी की चुत का रस अपनी जीभ पर लेने लगा।
मैंने सिम्मी के buttocks पर अपने हाथों से दबाव बढ़ाया और अब सिम्मी की चूत
की फाँके मेरे होठों से touch कर रही थी।मैंने सिम्मी की चुत को बड़े ध्यान से देखा,
सिम्मी की चूत की फाँके पहले से मांसल हो गई थी,चूत का रंग तो पहले से ही गोरा था।
पर अंदर से सिम्मी की चूत अब गुलाबी हो गई थी।मुझे ख़ुशी महसूस हुई यह देख कर मेरी
और मोम की मेहनत रंग ला रही थी और मुझे लग रहा था की सिम्मी एक दिन मेरे वीर्य
को पी पी कर भरे पूरे बदन की एक सुंदर लड़की बन जाएगी।
उधर सिम्मी का मेरे लण्ड को चूसना जारी था,और सिम्मी की चुत से भी बरसात हो
रही थी,मैंने अपनी जीभ बाहर निकली और सिम्मी की गोरी चुत की फाँको को चाटने
लगा,सिम्मी को मेरी जीभ से एक झटका लगा और रुक गई,और मेरा लण्ड अपने मुँह
से निकाल कर moan करने लगी,और कहने लगी यस bro यस ,और चाटो मेरी
चूत को,मैं तो कब से चाहती थी के कोई मेरी चूत चाट कर खा जाये ,वो fantasy तुमने
आज मेरी पूरी करदी।आह bro आह ,प्लीज़ continue till माय orgasm,कह
कर मेरे लण्ड को फिर चूसने लगी,मैं भी सिम्मी की चुत मज़े से चाटता रहा।
सिम्मी कि चुत का मटर दाना(clitoris)बड़ा होकर बाहर निकल रहा था।
exicitement से सिम्मी की चुत का रस की धारा सीधी मेरे मुँह में गिर रही थी।
और मैं उसे निगल रहा था।मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल कर सिम्मी की चूत को
चूस कर उस पर लगा हुआ रस साफ़ करने लगा,मेरी जीभ ऊपर नीचे चलती हुई
सिम्मी के clit से टकराई और सिम्मी काँपने लगी और झटके खाकर जैसे ही
झड़ने लगी और सिम्मी ने झड़ने की उत्तेजना में मेरे लण्ड पे दांत काट गाड़ दिये।
मेरे मुँह से दर्द और मज़े की ज़ोर की चीख निकली और मेरे वीर्य की थैली और सुसु
की थैली सिम्मी के मुँह में ख़ाली होने लगी,मेरे सुसु और वीर्य की cocktail की
पिचकारी बड़ी तेज़ी से निकालने लगी।मैंने फिर पलटी मारी और सिम्मी को सीधा
लिटा कर सिम्मी का मुँह चौड़ा कर के खोल दिया,और उसमे अपने लण्ड की पिचकारी
सीधी गले में डाल दी जिसको सिम्मी गटागट करके निगल रही थी।मैं सोचने लगा के
सिम्मी को आज भी पता नहीं चला कि वो जिसको bro का वीर्य समझ कर पी रही थी,वो वीर्य और
सुसु का cocktail था।पर सिम्मी इस cocktail को चटकारे ले कर पी रही थी।
जैसे ही मेरा लण्ड ख़ाली हुआ मैं उठ कर नंगा ही bathroom में नहाने के लिये घुस
गया,fresh होकर,नहा धोकर आधे घंटे वाद बाहर निकला ,तो देखा सिम्मी अभी भी
लेटी हुई मुझे बाथरूम से नंगा बाहर निकलता हुआ देख रही थी।और मंद मंद मुस्करा
रही थी।मेरे बाहर निकलते ही सिम्मी बोली,bro तुम्हारा susu और वीर्य दोनों ही का
टेस्ट अदभुत है।तुम्हारे susu से सेब की खुशबू और taste आता है और तुम्हारा
वीर्य का taste ऐसे है जैसे चमन के जूसीअंगूर ,जो शहद से भी ज़्यादा मीठे हैं।
सिम्मी के बातें सुनकर मेरा लण्ड सिर उठाने लगा , मैं बहीं पर ठिठक के रुक गया।
सिम्मी धीरे से बेड से उठ कर मेरे पास आकर घुटनों के बल बैठ गई,
और मेरे लण्ड को पुचकारने लगी,फिर मेरे लण्ड के glans को किस किया
और thankyou वोल कर भाग कर अपने रूम में चली गई।——।
बाक़ी फिर————
Superb update
 

Rudransh.

Gujju Lion
451
495
63
अब आगे———
mam का कुछ introduction मैंने पहले बता दिया था ।
mam का नाम श्वेता है।जैसा नाम वैसा ही शकल,सूरत और रंग।
unmarried होने की बजा से ma'am के चूची बहुत बड़े नहीं थे।
mam को चूची दबाने बाला जब मिल जायेगा,तो chuche भी बड़े हो जाएँगे।
हमें project पे काम करते हुए लगभग दो घण्टे हो गए थे।
मैंने mam से कहा मैं थक गया हूँ,थोड़ा relax करते हैं।
हमारा office एक multi-storey building में fourth floor पे था।
groundfloor पे एक कैंटीन बनी हुई थी।
चलो नीचे चल कर canteen में चाय पीते हैं।
आज Sunday था तो canteen ख़ाली पड़ी थी।
हम लोग canteen के एक cabin में जाकर बैठ गए
कैंटीन के वेटर को mam ने चाय पकोड़ों का order दे दिया।
दो चाय के साथ एक प्लेट पकोड़ों की आ गयी ।
mam ने waiter क़ो बोल कर साथ में chilli sauce मंगबा ली।
मैंने mam आप इतना spicy खातीहै।
mam ने मुझे हंसते हुए हाँ कहा।
चाय पीते पीते ma'am ने मुझे कोई बात सुनाने को कहा।
मैंने कहा mam आप चूतकला सुनोगे।
mam ने पूछा वो क्या होता है।
यह non veg होते हैं,mam।
कोई बात नहीं सुनाओ
आप मुझ पे ग़ुस्सा नहीं होना।
नहीं हूँगी।mam ने कहा
promise
promise mam ने कहा
एक कॉलेज में science के teacher ने class में सवाल पूछा
कोई बताये,ऐसी कोन सी रात होती,जब ऊपर से आसमान गिरने का ख़तरा नहीं होता।
mam ने पूछा ऐसी कोनसी रात होती है ।
आप बताओ
मुझे तो नहीं पता।
saturday night मैंने कहा
mam ने पूछा वो कैसे।
क्योंकी Saturday night को सभी टाँगे ऊपर आसमान की तरफ़ होती हैं।
mam को pehle तो समझ नहीं आया,जब समझ आया तो मुँह पे
हाथ रख के ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी।
बहुत बढ़िया mam ने कहा।
और सुनाओ।
इतने में mam ने तीखी मिर्च का पकोड़ा खा लिया।
mam तो ज़ोर ज़ोर से बोलने लगी,महेश मेरा मूँह जल गया,
मुझे बर्फ़ ला के दो
मैंने भाग कर canteen के fridge से ice cubes और एक कटोरी में शहद ले आया।
मैंने ice cube शहद में dip किया और mam के होंठों के पास ले आया,
और बोला,mam आप आपने होंठों से icecube को चूसिए।
mam ने ice cube पकड़ कर खुद चूसने की कोशिश करने लगी।
ice क्यूब चूसने से पहले ही mam के हाथ से छूट गयाल
मैंने फटाफट दूसरा ice cube उठाया और शहद में dip kiya,
और मैंने mam को पकड़ने के लिया बोला।
mam ने सिर हिला कर
ice cube पकड़ने को मना कर दिया,और अपने होंठ आगे बढ़ा दिए,
मैंने शहद में भीगा हुआ ice cube,mam के होठों पे टपकाने लगा।
पर mam को इससे संतुष्टि नहीं हुई।
mam ने मेरा हाथ पकड़ कर मेरी उँगलियों में पकड़ा हुआ ice cube चूसने लगी।
ice cube चूसने के चक़र में,mam ने मेरी शहद में भीगी हुई उँगलियाँ भी चाटने लगी।
मैं शहद में ice cube डुबोता गया और mam आँखें बंद करके मज़े से चुस्ती रही और चाटती रही।
अब mam का मुँह नहीं जल रहा था,पर mam ने मुझे रोका भी नहीं।
शायद मैं पहला मर्द था mam की ज़िंदगी में,जिसकी उँगलियों ने mam के होंठों को स्पर्श किया था ।
और mam उस अनुभूति को अपने अंदर समोना चाहती थी।
इधर शहद ख़त्म हो गया था।
मैंने आवाज़ लगाई,mam अब आप कैसे हो।
mam ने धीरे से आँखे खोली।जैसे किसिने एक सुंदर सपने से जगा दिया हो।
mam ने मुझे सामने देख कर,हड़बड़ा कर उठ के खड़ी हो गयी,और ऊपर office जाने लगी।
और मैं canteen के counter पे payment करने चला गया।
payment करके जब ऊपर पहुँचा तो mam घर जाने के लिये तयार बैठी थी।
mam ने मुँह नीचे करके बोला की,महेश बाक़ी project report कल शाम को
करलेंगे।
मैंने कहा ठीक है mam।
मैं कल hospital से free होकर सीधा office में आ जाऊँगा।
श्वेता mam ने मुँह ऊपर उठा कर आश्चर्य से पूछा,
तुम्हें hospital क्यों जाना है।
मेरी sister का इलाज उस hospital में चल रहा है,
बाक़ी details अपनी sis के बारे में कल बताऊँगा।
mam आप अपने घर कैसे जाएँगी,
मैं autoricshaw से आयी थी।
mam आप का घर भी दूर है,और आपके घर पहुँचते पहुँचते अंधेरा हो जाएगा।
मैंने भी उधर ही जाना है,अगर आप बुरा ना मानो तो मैं आपको अपने bike पे
छोड़ दूँ।
mam ने प्यार से मेरी तरफ़ देख कर कहा,तुम तो अपने हो ,
तुम्हारे साथ जाने से मैं safe घर पहुँचजाऊँगी।
मैंने अपना laptop बन्द किया और अपने briefcase में डाल लिया।
mam चलिये चलते हैं।
mam ने office को lock लगाया और हम लोग लिफ़्ट से ground floor पर आकर,
बाहर मेरे bike के पास निकल आए।
मैंने अपना briefcase अपने आगे रख लिया,और श्वेता mam मेरे पीछे आराम से बैठगयी
मैंने bike स्टार्ट किया और road पर bike लेकर आ गया।
mam ने कहा महेश bike आराम से चलाना,मैं गिर ना जाऊँ।
mam ने कहा मैं पहली बार bike पे पहली बार बैठी हूँ।
मैंने कहा mam आप चिंता ना करें।
आज का सफ़र हम दोनो की ज़िन्दगी में कौन सा भूचाल ला देगा,
इस बात से हम दोनो बेख़बर थे।
मैं bike धीरे धीरे चला रहाथा।
mam थोड़ी देर बाद बोली,इतना धीरे bike चलाओ गे,तो बहुत देर से घर पहुँचूँगी।
mam अगर आप को घर जल्दी पहुँचना है,तो मुझे आप bike के दोनो तरफ़ टाँगे करके
बैठ जाओ।
mam ने कहा ok,bike रोक़ो।
मैंने bike रोक लिया और श्वेता mam नीचे उतर गयीं।
श्वेता mam ने अपना बड़ा सारा purse एक side में गले में डाल लिया,
और अपने दोनो हाथ free कर लिए,फिर दोनो legs दोनो side मैं करकें बैठ गयी।
मैं भी bike पे बैठ गया और bike को start करकें race दे दी।
अब श्वेता mam ने नीचे गिरने से बचने के लिए मुझ से चिपक के बैठ गयी,
और दोनो side से मुझे मेरी thighs को कस के पकड़ लिया।
मैंने bike रोड पर सरपट भगा दी,और मेरी bike हवा से बातें करने लगी।
श्वेता mam के बाल हवा में उड़ कर पीछे की और उड़ने लगे और कुछ लटें ,
श्वेता mam के face पर झूल रहीं थीं।
mam के दोनो हाथ बंधे हुए थे।
जब भी कोई गढ़ा आता तो मुझे एक दम से ब्रेक लगाने पड़ते।
और mam को झटका लगता,मूंह से हाए की आवाज़ निकलती।
mam के दोनो मम्मे हर झटके के साथ मेरी पीठ में धँस जाते।
थोड़े झटकोंबाद,mam ने अपने बाँहें मेरी छाती के आर पार लपेट लीं,
और अपना सिर एक side में करकें मेरी पीठ पर सटा दिया।
मैं सोच रहा था,और शायद mam भी यही सोच रही थी की ये सफ़र कभी
भी खतम ना हो।
तभी mam बोली,महेश मेरा घर आ गया है।
मैंने एकदम ब्रेक लगाए और bike रोक लिया।
mam जल्दी से bike से उतर कर मेरी तरफ़ देखे बग़ैर ,
अपने घर के अन्दर चली गयी।
कहानी जारी रहेगी———
Nice start kahani achhi lag rhi hai
 

prasha_tam

Well-Known Member
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अब आगे——
सुबह के साढ़े नौ बजे होंगे,मेरे डोर पर कोई जोर ज़ोर से knock कर,रहा था।
मैं गहरी नींद में था।नींद में मैं कभी श्वेता की चूत चाट रहा था,कभी रोज़ी की
चूत मेरे मुँह को चोद रही थी।आप सब को पता है,रात को मैं बिल्कुल नंगा होकर
सोता हूँ,आज भी ऐसे ही पेट के बल मैं नंगा सोया हुआ था,और श्वेता को नींद
में चोद रहा था,मेरा लण्ड पूरा hard होकर बेड में धँसा हुआ था,
तभी मुझे सिम्मी की आवाज़ सुनाई दी,bro दरबाजा खोलो दरवाज़ा खोलो।
मैंने नंगा ही उठ कर दरवाज़ा खोल दिया,सामने सिम्मी बिलकुल नंगी बाहर
खड़ी हुई थी,दरवाज़ा खुलते ही कमरे के अन्दर घुस आयी,सिम्मी मम्मी देखेगी
तो दोनों को डाँट पड़ेगी,जाओ जल्दी से पहले अपने कपड़े पहन कर आओ,
फिर मैं तुम्हें अपने वीर्य रस की dose पिलाऊँगा,मैंने सिमी को समझाया।
सिम्मी ने मेरी बात सुन कर अनसुनी कर दी,और अपने हाथ के बड़े बड़े नाखूनों से मेरे पर
हमला कर दिया।और मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और सिम्मी मेरे लण्ड पर चढ़ कर बैठ गई
मेरा लण्ड सिम्मी के चूत के नीचे दब कर मेरे पेट से जा लगा,मेरे लण्ड में दर्द की एक लहर सी उठी।
ऊपर सिमी ने अपने दोनों हाथों से मेरा गला दबा दिया,और अपने दांत भींच कर,
मुझसे पूछने लगी बोल मेरे हिस्से का वीर्य तुमने किसको पीला दिया ,
सिम्मी ग़ुस्से से बोलती भी
जा रही थी और आगे पीछे होकर हिल भी रही थी।
नीचे मेरा लण्ड सिम्मी की चूत को रगड़ रहा था,जैसे ही सिम्मी थोड़ा सी हिली,
मेरे लंड की नोक सिम्मी की चूत के सुराख़ में फँस गई।
मैंने फटाफट अपना गला सिम्मी के हाथों से छुड़ाया और उठकर सिम्मी को
बेड पे पटक दिया।
हाये माँ मैं मर गई,कह कर सिम्मी ज़ोर से चिल्लाने लगी।
मैंने ग़ुस्से में अपना खड़ा लण्ड सीधा पकड़ कर सिम्मी के मुँह में घुसेड़ दिया,
और चिल्ला कर सिम्मी को बोला,ले पीले अपना वीर्य रस और होजा मोटी।
सिम्मी भी अपना सिर उपर नीचे करके गन्ने की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी।
मुझे अब सिम्मी की चूत और मुम्मे पहले से भरे हुए लग रहे थे,body भी पहले से ज़्यादा मांसल हो गई थी।
सिम्मी को मेरा लण्ड चूसते चूसते उत्तेजना होने लगी और बो अपनी चूत और clit को ज़ोर ज़ोर से
मसलने लगी,मुझे भी अब जोश आने लगा थाऔर मैं सिम्मी का मुँह तेज तेज फ़क करने लगा।
मैंने पलटी मारी और मैं सीधा हो कर लेट गया और सिम्मी को अपने ऊपर लिटा लिया।


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सिम्मी ने भी मेरे ऊपर आकर दोबारा गप से मेरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया।
और बड़े जोश से चूसने लगी।जैसे जैसे सिम्मी मेरा लण्ड चूस रही थी,बैसे बैसे
मुझे भी मज़ा आ रहा था।मैंने आँखें बंद कर लीं और सोचने लगा की रोज़ी और श्वेता बारी बारी से
मेरा लण्ड चूस रही हैं,यह सोच कर मेरे मुँह से मज़े की सिसकियाँ निकलने लगीं।


661-E2562-7-BBD-46-D8-B493-B3-DDD4295697
तभी मुझे अपने गले पर कुछ गीला गीला लगा,मैंने अपनी आँखें खोली और देखा की सिम्मी ने
अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर लाल कर दिया था,और उस में से पानी बरस रहा था जो
मेरे गले को गीला कर रहा था। मैंने सिम्मी को घुटनों से पकड़ा और खींच कर सिम्मी की
चूत को अपने मुँह के ऊपर ले आया।और अपना मुँह खोल कर जीभ बाहर निकाल कर
सिम्मी की चुत का रस अपनी जीभ पर लेने लगा।
मैंने सिम्मी के buttocks पर अपने हाथों से दबाव बढ़ाया और अब सिम्मी की चूत
की फाँके मेरे होठों से touch कर रही थी।मैंने सिम्मी की चुत को बड़े ध्यान से देखा,
सिम्मी की चूत की फाँके पहले से मांसल हो गई थी,चूत का रंग तो पहले से ही गोरा था।
पर अंदर से सिम्मी की चूत अब गुलाबी हो गई थी।मुझे ख़ुशी महसूस हुई यह देख कर मेरी
और मोम की मेहनत रंग ला रही थी और मुझे लग रहा था की सिम्मी एक दिन मेरे वीर्य
को पी पी कर भरे पूरे बदन की एक सुंदर लड़की बन जाएगी।
उधर सिम्मी का मेरे लण्ड को चूसना जारी था,और सिम्मी की चुत से भी बरसात हो
रही थी,मैंने अपनी जीभ बाहर निकली और सिम्मी की गोरी चुत की फाँको को चाटने
लगा,सिम्मी को मेरी जीभ से एक झटका लगा और रुक गई,और मेरा लण्ड अपने मुँह
से निकाल कर moan करने लगी,और कहने लगी यस bro यस ,और चाटो मेरी
चूत को,मैं तो कब से चाहती थी के कोई मेरी चूत चाट कर खा जाये ,वो fantasy तुमने
आज मेरी पूरी करदी।आह bro आह ,प्लीज़ continue till माय orgasm,कह
कर मेरे लण्ड को फिर चूसने लगी,मैं भी सिम्मी की चुत मज़े से चाटता रहा।
सिम्मी कि चुत का मटर दाना(clitoris)बड़ा होकर बाहर निकल रहा था।
exicitement से सिम्मी की चुत का रस की धारा सीधी मेरे मुँह में गिर रही थी।
और मैं उसे निगल रहा था।मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल कर सिम्मी की चूत को
चूस कर उस पर लगा हुआ रस साफ़ करने लगा,मेरी जीभ ऊपर नीचे चलती हुई
सिम्मी के clit से टकराई और सिम्मी काँपने लगी और झटके खाकर जैसे ही
झड़ने लगी और सिम्मी ने झड़ने की उत्तेजना में मेरे लण्ड पे दांत काट गाड़ दिये।
मेरे मुँह से दर्द और मज़े की ज़ोर की चीख निकली और मेरे वीर्य की थैली और सुसु
की थैली सिम्मी के मुँह में ख़ाली होने लगी,मेरे सुसु और वीर्य की cocktail की
पिचकारी बड़ी तेज़ी से निकालने लगी।मैंने फिर पलटी मारी और सिम्मी को सीधा
लिटा कर सिम्मी का मुँह चौड़ा कर के खोल दिया,और उसमे अपने लण्ड की पिचकारी
सीधी गले में डाल दी जिसको सिम्मी गटागट करके निगल रही थी।मैं सोचने लगा के
सिम्मी को आज भी पता नहीं चला कि वो जिसको bro का वीर्य समझ कर पी रही थी,वो वीर्य और
सुसु का cocktail था।पर सिम्मी इस cocktail को चटकारे ले कर पी रही थी।
जैसे ही मेरा लण्ड ख़ाली हुआ मैं उठ कर नंगा ही bathroom में नहाने के लिये घुस
गया,fresh होकर,नहा धोकर आधे घंटे वाद बाहर निकला ,तो देखा सिम्मी अभी भी
लेटी हुई मुझे बाथरूम से नंगा बाहर निकलता हुआ देख रही थी।और मंद मंद मुस्करा
रही थी।मेरे बाहर निकलते ही सिम्मी बोली,bro तुम्हारा susu और वीर्य दोनों ही का
टेस्ट अदभुत है।तुम्हारे susu से सेब की खुशबू और taste आता है और तुम्हारा
वीर्य का taste ऐसे है जैसे चमन के जूसीअंगूर ,जो शहद से भी ज़्यादा मीठे हैं।
सिम्मी के बातें सुनकर मेरा लण्ड सिर उठाने लगा , मैं बहीं पर ठिठक के रुक गया।
सिम्मी धीरे से बेड से उठ कर मेरे पास आकर घुटनों के बल बैठ गई,
और मेरे लण्ड को पुचकारने लगी,फिर मेरे लण्ड के glans को किस किया
और thankyou वोल कर भाग कर अपने रूम में चली गई।——।
बाक़ी फिर————
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