अब आगे——
सुबह के साढ़े नौ बजे होंगे,मेरे डोर पर कोई जोर ज़ोर से knock कर,रहा था।
मैं गहरी नींद में था।नींद में मैं कभी श्वेता की चूत चाट रहा था,कभी रोज़ी की
चूत मेरे मुँह को चोद रही थी।आप सब को पता है,रात को मैं बिल्कुल नंगा होकर
सोता हूँ,आज भी ऐसे ही पेट के बल मैं नंगा सोया हुआ था,और श्वेता को नींद
में चोद रहा था,मेरा लण्ड पूरा hard होकर बेड में धँसा हुआ था,
तभी मुझे सिम्मी की आवाज़ सुनाई दी,bro दरबाजा खोलो दरवाज़ा खोलो।
मैंने नंगा ही उठ कर दरवाज़ा खोल दिया,सामने सिम्मी बिलकुल नंगी बाहर
खड़ी हुई थी,दरवाज़ा खुलते ही कमरे के अन्दर घुस आयी,सिम्मी मम्मी देखेगी
तो दोनों को डाँट पड़ेगी,जाओ जल्दी से पहले अपने कपड़े पहन कर आओ,
फिर मैं तुम्हें अपने वीर्य रस की dose पिलाऊँगा,मैंने सिमी को समझाया।
सिम्मी ने मेरी बात सुन कर अनसुनी कर दी,और अपने हाथ के बड़े बड़े नाखूनों से मेरे पर
हमला कर दिया।और मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और सिम्मी मेरे लण्ड पर चढ़ कर बैठ गई
मेरा लण्ड सिम्मी के चूत के नीचे दब कर मेरे पेट से जा लगा,मेरे लण्ड में दर्द की एक लहर सी उठी।
ऊपर सिमी ने अपने दोनों हाथों से मेरा गला दबा दिया,और अपने दांत भींच कर,
मुझसे पूछने लगी बोल मेरे हिस्से का वीर्य तुमने किसको पीला दिया ,
सिम्मी ग़ुस्से से बोलती भी
जा रही थी और आगे पीछे होकर हिल भी रही थी।
नीचे मेरा लण्ड सिम्मी की चूत को रगड़ रहा था,जैसे ही सिम्मी थोड़ा सी हिली,
मेरे लंड की नोक सिम्मी की चूत के सुराख़ में फँस गई।
मैंने फटाफट अपना गला सिम्मी के हाथों से छुड़ाया और उठकर सिम्मी को
बेड पे पटक दिया।
हाये माँ मैं मर गई,कह कर सिम्मी ज़ोर से चिल्लाने लगी।
मैंने ग़ुस्से में अपना खड़ा लण्ड सीधा पकड़ कर सिम्मी के मुँह में घुसेड़ दिया,
और चिल्ला कर सिम्मी को बोला,ले पीले अपना वीर्य रस और होजा मोटी।
सिम्मी भी अपना सिर उपर नीचे करके गन्ने की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी।
मुझे अब सिम्मी की चूत और मुम्मे पहले से भरे हुए लग रहे थे,body भी पहले से ज़्यादा मांसल हो गई थी।
सिम्मी को मेरा लण्ड चूसते चूसते उत्तेजना होने लगी और बो अपनी चूत और clit को ज़ोर ज़ोर से
मसलने लगी,मुझे भी अब जोश आने लगा थाऔर मैं सिम्मी का मुँह तेज तेज फ़क करने लगा।
मैंने पलटी मारी और मैं सीधा हो कर लेट गया और सिम्मी को अपने ऊपर लिटा लिया।
सिम्मी ने भी मेरे ऊपर आकर दोबारा गप से मेरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया।
और बड़े जोश से चूसने लगी।जैसे जैसे सिम्मी मेरा लण्ड चूस रही थी,बैसे बैसे
मुझे भी मज़ा आ रहा था।मैंने आँखें बंद कर लीं और सोचने लगा की रोज़ी और श्वेता बारी बारी से
मेरा लण्ड चूस रही हैं,यह सोच कर मेरे मुँह से मज़े की सिसकियाँ निकलने लगीं।
तभी मुझे अपने गले पर कुछ गीला गीला लगा,मैंने अपनी आँखें खोली और देखा की सिम्मी ने
अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर लाल कर दिया था,और उस में से पानी बरस रहा था जो
मेरे गले को गीला कर रहा था। मैंने सिम्मी को घुटनों से पकड़ा और खींच कर सिम्मी की
चूत को अपने मुँह के ऊपर ले आया।और अपना मुँह खोल कर जीभ बाहर निकाल कर
सिम्मी की चुत का रस अपनी जीभ पर लेने लगा।
मैंने सिम्मी के buttocks पर अपने हाथों से दबाव बढ़ाया और अब सिम्मी की चूत
की फाँके मेरे होठों से touch कर रही थी।मैंने सिम्मी की चुत को बड़े ध्यान से देखा,
सिम्मी की चूत की फाँके पहले से मांसल हो गई थी,चूत का रंग तो पहले से ही गोरा था।
पर अंदर से सिम्मी की चूत अब गुलाबी हो गई थी।मुझे ख़ुशी महसूस हुई यह देख कर मेरी
और मोम की मेहनत रंग ला रही थी और मुझे लग रहा था की सिम्मी एक दिन मेरे वीर्य
को पी पी कर भरे पूरे बदन की एक सुंदर लड़की बन जाएगी।
उधर सिम्मी का मेरे लण्ड को चूसना जारी था,और सिम्मी की चुत से भी बरसात हो
रही थी,मैंने अपनी जीभ बाहर निकली और सिम्मी की गोरी चुत की फाँको को चाटने
लगा,सिम्मी को मेरी जीभ से एक झटका लगा और रुक गई,और मेरा लण्ड अपने मुँह
से निकाल कर moan करने लगी,और कहने लगी यस bro यस ,और चाटो मेरी
चूत को,मैं तो कब से चाहती थी के कोई मेरी चूत चाट कर खा जाये ,वो fantasy तुमने
आज मेरी पूरी करदी।आह bro आह ,प्लीज़ continue till माय orgasm,कह
कर मेरे लण्ड को फिर चूसने लगी,मैं भी सिम्मी की चुत मज़े से चाटता रहा।
सिम्मी कि चुत का मटर दाना(clitoris)बड़ा होकर बाहर निकल रहा था।
exicitement से सिम्मी की चुत का रस की धारा सीधी मेरे मुँह में गिर रही थी।
और मैं उसे निगल रहा था।मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल कर सिम्मी की चूत को
चूस कर उस पर लगा हुआ रस साफ़ करने लगा,मेरी जीभ ऊपर नीचे चलती हुई
सिम्मी के clit से टकराई और सिम्मी काँपने लगी और झटके खाकर जैसे ही
झड़ने लगी और सिम्मी ने झड़ने की उत्तेजना में मेरे लण्ड पे दांत काट गाड़ दिये।
मेरे मुँह से दर्द और मज़े की ज़ोर की चीख निकली और मेरे वीर्य की थैली और सुसु
की थैली सिम्मी के मुँह में ख़ाली होने लगी,मेरे सुसु और वीर्य की cocktail की
पिचकारी बड़ी तेज़ी से निकालने लगी।मैंने फिर पलटी मारी और सिम्मी को सीधा
लिटा कर सिम्मी का मुँह चौड़ा कर के खोल दिया,और उसमे अपने लण्ड की पिचकारी
सीधी गले में डाल दी जिसको सिम्मी गटागट करके निगल रही थी।मैं सोचने लगा के
सिम्मी को आज भी पता नहीं चला कि वो जिसको bro का वीर्य समझ कर पी रही थी,वो वीर्य और
सुसु का cocktail था।पर सिम्मी इस cocktail को चटकारे ले कर पी रही थी।
जैसे ही मेरा लण्ड ख़ाली हुआ मैं उठ कर नंगा ही bathroom में नहाने के लिये घुस
गया,fresh होकर,नहा धोकर आधे घंटे वाद बाहर निकला ,तो देखा सिम्मी अभी भी
लेटी हुई मुझे बाथरूम से नंगा बाहर निकलता हुआ देख रही थी।और मंद मंद मुस्करा
रही थी।मेरे बाहर निकलते ही सिम्मी बोली,bro तुम्हारा susu और वीर्य दोनों ही का
टेस्ट अदभुत है।तुम्हारे susu से सेब की खुशबू और taste आता है और तुम्हारा
वीर्य का taste ऐसे है जैसे चमन के जूसीअंगूर ,जो शहद से भी ज़्यादा मीठे हैं।
सिम्मी के बातें सुनकर मेरा लण्ड सिर उठाने लगा , मैं बहीं पर ठिठक के रुक गया।
सिम्मी धीरे से बेड से उठ कर मेरे पास आकर घुटनों के बल बैठ गई,
और मेरे लण्ड को पुचकारने लगी,फिर मेरे लण्ड के glans को किस किया
और thankyou वोल कर भाग कर अपने रूम में चली गई।——।
बाक़ी फिर————