कहानी जारी है-
मेरी मोम ने मेरी और रोज़ी शादी बड़ी धूमधाम
से करने के लिये बहुत कुछ सोच रखा था,
पर मैं और रोज़ी की चुदाई की जल्दबाज़ी से,
पकड़े गये और
मेरी मोम की सारी की सारी plan धरी की धरी रह गई ,
उस दिन मेरी mom(सुषमा) और रोज़ी की मम्मी(कांता) के बीच क्या वार्तालाप
हुआ,वो मैं आज बताता हूँ जो मुझे मोम ने हमारी शादी से एक दिन पहले रात को खाना
खाते हुआ बताया था,
कांता-हेलो,सुषमा कैसी हो
सुषमा-मैं ठीक हूँ,तुम अपने मायके से कब आ गई,
कांता-मैं just अभी अपने घर पहुँची ही हूँ,
तुम कहाँ हो,तुमसे कुछ बात करनी थी,
सुषमा- मैं तो अभी office में busy हूँ,बताओ क्या बात है,
कांता-महेश अभी कहाँ होगा,इधर हमारे घर पर तो नहीं है,
सुषमा-तीन दिन से तुम्हारे घर पे ही था,इधर हमारे घर तो आया ही नहीं,
ना ही तीन दिन से उसका कोई हमारे पास फ़ोन आया है,
मैं तो सोच रही थी अगर अभी से हम सब को भूल गया है,तो
शादी के बाद इस लड़के का क्या होगा,भगवान जाने,
अगर महेश तुम्हारे घर पर नहीं है तो फिर अपने office में ही होगा,
अगर महेश से कोई काम तो बता दो,उसको फ़ोन करके बोल देती हूँ,कि
वो तुमसे बात कर लेगा,
कांता-नहीं मुझे तुमसे ही रोज़ी और महेश के बारे में बात करनी है,
सुषमा-टेलीफोन पर ही करनी है या मैं तुम्हारे घर परआ जाऊँ,
कांता-नहीं टेलीफोन पर ही कर लेते हैं,तुम बस थोड़ा side में होकर
मुझ से बात कर लो,
सुषमा-क्या कोई serious बात है,
कांता-हाँ सीरियस बात ही है,
सुषमा-क्या महेश का रोज़ी से कोई झगड़ा हो गया है,
कांता-सुषमा कितनी भोली है तू,बचपन से आज तक दोनों
में कभी किसी बात के लिये झगड़ा होते देखा है तुमने,मैंने
तो दोनों की आँखों में बस प्यार ही देखा है,
सुषमा-फिर महेश ने रोज़ी के साथ कोई शरारत की है,
कांता-जिस माली को तुमने मेरी फुलवारी की चौकीदारी के लिये
भेजा था,उसने मेरी फुलवारी के फूलों का पौधा उखाड़ कर अपने घर
ले जाकर लगा लिया है,
सुषमा-कांता पहेलियाँ मत बुझाओ मुझे असली बात बताओ,
कांता-पिछले तीन दिनों से रोज़ी और महेश एक ही बिस्तर में
पति पत्नी की तरह इकट्ठे सोते रहे हैं,
सुषमा-महेश ऐसा नहीं कर सकता ,तुम्हें किसने कहा,
कांता-आज मैं सुबह जब अपने भाई के घर से आयी तो तुम्हारी
लाड़ली भतीजी रोज़ी नींद में महेश को सुनते हो जी,पति जी,आदि
कहकर बड़बड़ा रही थी,मैंने रोज़ी को उठाया और पूछा ये क्या
हो रहा है,तो उसने बोला वही जो एक पति पत्नी के बीच में होता है,
माँ अब मैं महेश के बग़ैर नहीं रह सकती,हमने आपस में शादी कर ली है,
मुझे विदा करके उनके घर भेज दो,और आंटी mom से सब बात कर लो,
कांता-मैंने रोज़ी से पूछा क्या तुमने pregnancy रोकने के लिए
कोई protection use की है,
तो पता है,रोज़ी बोली पति के साथ sex करने पर कौन protection use करता है,
मैंने महेश से शादी की है,sex भी किया है और महेश के बच्चे भी पैदा करूँगी,
आप मुझे बस आंटी मोम के घर भेज दो,
सुषमा-तो बात यहाँ तक पहुँच चुकी है,
देखो कांता कल हम अपने नये घर में शिफ्ट कर जाएँगे,
कल हमने ग्रहप्रवेश के लिये पूजा हवन का प्रोग्राम भी रखा हुआ है,
आज से एक महीने बाद दोनों बच्चों की शादी भी कर देंगे,
तुम किसी बात की चिंता मत करो,
मुझे एक महीना तो चाहिए महेश की शादी की तैयारी करने में,
मैं महेश की शादी बड़ी धूम धाम से करना चाहती हूँ,
कांता-सुषमा ये बात तुम्हारी सही है कि कम से एक महीना
तो चाहिए शादी की तैयारी में,
पर मुझे डर है की दोनों को एक महीने तक sex करने से कैसे रोकेंगे,
और मुझे तो ये भी डर है की शादी से पहले अगर रोज़ी pregnant हो
गई तो कितनी बदनामी होगी हम सब की,
रोज़ी के डैडी को अभी कुछ भी नहीं पता,अगर बताया तो पता
नहीं महेश और रोज़ी की शादी को मना ही ना करदें,
फिर तो मुझे रोज़ी को सम्भालना ही मुश्किल हो जाएगा,
और अगर महेश और रोज़ी ने हम से अलग रह कर घर बसा लिया,
तो हम लोगों की इज़्ज़त क्या रह जाएगा,
जिसको भी इस बात का पता लगेगा वो हम पर हंसेगा ही,
सुषमा-मैं भी माँ हूँ,मेरी भी बेटी है,नहीं मैं ऐसा कभी नहीं होने दूँगी,
बोलो कांता तुम कब महेश और रोज़ी की शादी चाहती हो,
कांता-जल्दी से जल्दी,ताकि अगर रोज़ी pregnant हो गई और
अगर मुझे रोज़ी को लेके डॉक्टर के पास जाना पड़ा तो कम से कम बच्चे के बाप का
नाम तो रोज़ी बता सकेगी,कितनी मुसीबत में इस लड़की ने मुझे फँसा दिया है,
सुषमा-कांता,मैं पाँच मिण्ट रुक कर तुमसे दोबारा बात करती हूँ,
सुषमा ने फिर महेश को फ़ोन मिलाया,
मैं-मोम क्या बात है,इस time पे फ़ोन किया है,
सुषमा-मुझे ये बताओ जल्दी से जल्दी कब तुम्हारी रोज़ी से शादी हो सकती है,
मैं-मोम,आपको मैंने बताना ही था की मैंने और रोज़ी ने शादी कर ली है,
और हम पति पत्नी की तरह तीन दिनों से इकट्ठे रह रहे हैं,
आप जब कहोगी मैं आपकी बहू रोज़ी को घर ले कर आ जाऊँगा,
सुषमा-शादी तो आप दोनों की पहले विधिवत मंदिर में ही होगी,
फिर रोज़ी हमारे घर बहू बन कर आयेगी,तुम्हें पता ही है,
हमारे नये घर का ग्रहप्रवेश का कल सुबह दस बजे का पूजा और हवन का
प्रोग्राम है,
इस पूजा और हवन में तुम्हारे साथ तुम्हारी धर्मपत्नी का होना ज़रूरी है,
तो मेरी plan है की कल सुबह सात बजे तुम्हारी और रोज़ी की विधि विधान
के अनुसार मंदिर में शादी हो जाये और दस बजे रोज़ी तुम्हारे संग तुम्हारी धर्मपत्नी
बनकर हमारे घर के ग्रहप्रवेश की पूजा हवन में शामिल हो सकेगी,
मैं-माँ मेरी तरफ़ से हाँ है,सब कुछ ठीक होगा आप चिंता मत करो,
सुषमा-मैं कांता से बात करके अभी सभी कुछ final करती हूँ,
सुषमा ने फिर से कांता का फ़ोन घुमाया
कांता-सुषमा कोई बात बनी क्या,
सुषमा-बहुत बहुत बधाई हो कांता,
कल सुबह सात बजे महेश और रोज़ी के शिवपार्वती मंदिर
में कन्यादान और फेरे होंगे,मेरी बहू रोज़ी को भी ये शुभ समाचार दे देना,
रोज़ी को बोलना आज हम शाम को उसका सारा सामान अपने घर
ले जायेंगे,बस पैकिंग कर के रखेगी,
उस के बाद जो हुआ सब को पता है,
रोज़ी ने जब अपना मेकअप ठीक कर रही थी,
तो सिम्मी अपनी भाभी को छेड़कर मज़े भी ले रही थी,
सिम्मी अब से अपना ज़्यादा से ज़्यादा time अपनी भाभी के साथ
बिताना चाहती थी,जब उसके bro आसपास ना हो,
जब रोज़ी का मेकअप सही हो गया तो सिम्मी
ने कहा भाभी आप बहुत सुंदर लग रही हो,
रोज़ी-चलो अब बाहर चलें,सब हमारा इंतज़ार कर रहे होंगे,
आज घर के मुख्य द्वार को फूलों से सजाया गया था,
महूर्त के समय पहले ग्रहप्रवेश की पूजा हुई,
फिर हवन प्रारंभ हो गया,
दो घंटे में सब कार्यक्रम सम्पन्न हो गया,
फिर मुख्य द्वार पर आम के पत्ते टाँगे गये,
सबसे पहले नई गृहलक्ष्मी रोज़ी ने अपना दायां पैर घर के अंदर रखा,
बाक़ी सब ने रोज़ी के पीछे पीछे घर में प्रवेश किया,
रोज़ी की mummy को अपनी बेटी को आज का मुख्य मेहमान बना हुआ देखकर
बहुत प्रसन्नता हो रही थी,
रोज़ी का ध्यान तो सिर्फ़ महेश पर था,
रोज़ी ने महेश के हाथ में अपना हाथ फँसा कर रखा हुआ था,
उसके बाद सबने लंच किया,
रोज़ी के मम्मी डैडी ने अपने घर जाते जाते सब को रात के लिए अपने घर dinner के
लिए invitation दे गये,
मैं-mom मुझे ऑफिस में थोड़ा काम है,मैं एक घंटे में बापस आ जाऊँगा,
सुषमा-सिम्मी बेटा जाओ आप लोग ऊपर जाकर अपने कमरों में आराम
करो अपनी भाभी को भी साथ में ले जाओ,यह भी आराम कर लेगी,
मैं भी अपने रूम में जा रही हूँ,
आप लोग सात बजे तक नीचे आ जाना फिर हम लोग dinner के लिये
महेश के ससुराल चलेंगे,
सिम्मी-चलो भाभी तुम्हें तुम्हारा bedroom दिखाऊँ,
रोज़ी-मैं इनको एक फ़ोन कर लूँ,
महेश को फ़ोन करते हुए रोज़ी बोली,
सुनिये घर आते हुए आप किसी स्टोर से कुछ woman skin tape और एक fevicol की tube
लेते आना,
सिम्मी-भाभी ये सब किसलिये मँगवाया है,
रोज़ी-कल बताऊँगी,
फिर सिम्मी और रोज़ी दोनों एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल कर
ऊपर first floor पर चले गये,
सिम्मी-चलो भाभी पहले हम आप का bedroom देखते हैं,
सिम्मी ने room में enter करके सारी lights on करदीं,
wow,awesome रोज़ी के मुँह से अनायास ही निकला,
सिम्मी कितनी सुंदर decoration की है तुमने हमारे bedroom
की हमारी सुहागरात के लिये,thankyou simmi,
सिम्मी-बस सूखा thankyou,
रोज़ी सिम्मी को पकड़ कर deep kiss करने लगी,
सिम्मी बस करो भाभी मेरी तो सांस बंद हो रही है,
सिम्मी-चलो भाभी अब मेरा रूम भी देख लो,बहाँ पर हम दोनों rest भी कर लेंगे,
रोज़ी-सिम्मी इधर ही हमारे bedroom में rest कर लेते हैं,
सिम्मी-नहीं भाभी,यह बेडरूम तो आज आपकी सुहागरात के लिए सजाया हुआ है,
हमारे लेटने से सारी गुलाब की पंखुड़ियाँ मसली जायेंगी,
नहीं हम लोग मेरे बेड रूम में चलते हैं,
सिम्मी-मेरा bedroom छोटा है,पर मेरे लिये बहुत है,
सिम्मी-भाभी आप अपनी साड़ी उतार कर रख दो और आराम से लेट जाओ,
रोज़ी-कल सारी रात मैं तुम्हारे भैया के बग़ैर सो नहीं सकी,मुझे नींद ही नहीं आयी,
कल अकेले रह कर मुझे पता चला की मेरी ज़िन्दगी तुम्हारे भैया के बग़ैर कितनी सुनी थी,
एक ख़ालीपन था मेरे जीवन में,जिसे अब तुम्हारे भैया ने भर दिया है,
अब तो मेरा जीवन है तुम्हारा भैया,महेश के बग़ैर अब मेरी ज़िंदगी बेअर्थ है,
सिम्मी-भाभी आपके बेडरूम का bed तो kingsize है,
आपके रोज़ाना bed polo खेलने के लिये,
रोज़ी-हम तो रोज़ाना नूरा कुश्ती खेलेंगे,
सिम्मी-भाभी ये नूरा कुश्ती क्या होती है,इसे कैसे खेलते हैं ,
इसमें पति अपनी पत्नी की चुदाई का युद्ध करता है,
रोज़ी-मैं और तेरे भैया तो रोज़ दिन में तीन बार नूरा कुश्ती खेलते हैं,
सिम्मी-भाभी ये नूरा कुश्ती क्या हम दोनों भी खेल सकते हैं,
रोज़ी-हाँ क्यों नहीं,पर वो कैसे खेलेंगे
हम तो दोनों लड़कियाँ हैं,
सिम्मी-भाभी आप बहुत सुंदर हो,
आपकी skin कितनी soft है,
रोज़ी-ये सारा कमाल तेरे भैया की
लण्ड मलाई ने किया है,
सिम्मी-क्या bro की मलाई आप
अपनी skin पर लगाती हो
रोज़ी-नहीं पगली,पहले मैं तेरे भैया
का लण्ड मुँह में लेकर मलाई खाती
थी,अब मैं अपनी चूत में मलाई भर
के खाती हूँ,इसलिये मेरी skin इतनी
सुंदर हो गई है,
सिम्मी-पर मैं भी तो bro की मलाई बहुत देर से खा रही हूँ,
रोज़ी-मुझे याद है,ये बात तुम्हीं ने बताई थी के तुम्हारे इलाज के लिये
डॉक्टर ने तुम्हें महेश के लण्ड से वीर्य
रस पीने की सलाह दी थी,
पहले तुम कितनी पतली थी,अब तो तुम पूरी हट्टी कट्टी हो गई हो,
तुम्हारे लिये कोई हट्टा कट्टा लड़का ही ढूँढना पड़ेगा,
पर तुमने अपने भैया से अपनी चूत में
मलाई लेने के लिये क्यों नहीं कहा,
सिम्मी-बहुत कोशिश की भाभी मैंने तो,दो बार तो bro का लण्ड का सूपड़ा मेरी चूत के सुराख़ में फँस भी
गया था,पर मेरी चूत का सुराख़ इतना
छोटा था और bro का लण्ड इतना
मोटा था की कभी मेरी चूत के अंदर इस से ज़्यादा नहीं जा सका,
एक तो bro के लण्ड को मेरी चूत से touch करते
ही मेरी चूत पानी छोड़ देती,दूसरे bro
भी मेरी शादी से पहले मेरी hymen
नहीं तोड़ना चाहते थे,
सिम्मी-भाभी तुम्हारे बच्चे कब होंगे,
रोज़ी-शरमाते हुए,मुझे क्या पता,
ये बात तुम्हारे भैया ही बता सकते हैं,
सिम्मी-भाभी एक राज की बात बताऊँ,जो bro के वीर्यरस के बारे
में doctor ने मोम को बताई थी
और मोम ने मुझे बताई थी,
रोजी-सिम्मी मुझे भी ये राज जानना है,
सिम्मी-doctor ने बोला था जो भी लड़की bro के लण्ड का वीर्य रस
अपने मुँह के रास्ते,अपनी चूत के रास्ते या अपनी गाँड के रास्ते अपने शरीर में
प्रवेश करवायेगी ,वो लड़की कुछ ही
हफ़्तों में अति सुन्दर हो जायेगी,
रोज़ी-ये बात तो doctor की सौ प्रतिशत सच निकली,तू भी भरपूर
सुंदर हो गई और मैं भी तेरे भैया का
वीर्य रस पी पी कर इतनी सुंदर हों
गई हैं,
रोज़ी-महेश के वीर्य ने मेरी सेक्स करने की भूख इतनी बढ़ा दी के अब मेरा
मन ही नहीं भरता,जी करता ही दिन
रात महेश मुझे चोदता ही रहे,
सिम्मी-भाभी क्या मुझे भी इतना प्यार
करने वाला पति मिल सकेगा,
एक बात और doctor ने बतायी थी
रोज़ी-वो क्या मेरी चुदक्कड़ ननद
मुझे भी बता,
सिम्मी -doctor ने बोला था की जो
भी लड़की bro से चुदवायेगी और bro का वीर्य रस अपनी चूत में लेगी
उसके पेट से जो बच्चे पैदा होंगे वो
गोल मटोल और बहुत सुंदर होंगे,
रोज़ी-सिम्मी फिर तो तुम देख लेना
आज से पूरे नौ महीने बाद तू बुआ
बन जाएगी,
सिम्मी-मैंने bro से promise लिया हुआ है कि,
मेरी शादी के बाद मैं जो भी बच्चा पैदा करूँगी,
वो bro के वीर्य रस से पैदा होगा,
रोज़ी-मैं इस बात के लिये तुम्हारी support करूँगी,
सिम्मी-भाभी जब तुमने सुबह चीख
मारी थी तब क्या हुआ था,
रोज़ी-शर्मा कर अपना मुँह तकिये में
छुपा कर बोली,
तुम्हारे भैया मुझे बहुत छेड़ते हैं,
आज हमारी शादी थी तो मैंने आज
पैंटी नहीं पहनीं थी क्योंकि जब बार बार
तुम्हारे भैया मेरी चिकोटी काटते हैं
कभी मेरे चूचे पर कभी चूत पर कभी
मेरे butts पर ,मेरी तो हालत ख़राब
हो जाती है ,मेरी चूत से इतनी मलाई
निकलती है मेरी पैंटी बिलकुल भीग
जाती है,इस मुसीबत से बचने के लिये
मैंने आज पैंटी नहीं पहनीं थी,
सिम्मी-फिर आज क्या पहना था आपने भाभी
रोज़ी-मैंने पैंटी के बजाय आज अपनी चूत पे diaper बांध लिया था,ताकि सारी मेरी चूत की मलाई diaper
में ही रह जाये और बाहर लीक ना हो,
जब सुबह हमारी शादी की सारी रस्में
पूरी हों गयी तब तक मेरा diaper मेरी चूत मलाई से भर गया था,तो मैंने अपनी mummy
को कहा के मुझे वाशरूम जाना है,
मम्मी ने तुम्हारी मोम को बोला,तुम्हारी
मोम ने तुम्हें बोल दिया तो मैंने तुम्हें
कहा के अपने भैया को मेरे साथ भेज
दो,
तुम्हारे भैया शरारती तो हैं ही,
मुझसे बोले अपनी साड़ी ऊपर करके
पकड़ के रखो मैं अभी तुम्हारा diaper उतार देता हूँ,
सिम्मी-फिर आगे क्या हुआ
रोज़ी-होना क्या था,इन्होंने मेरा
diaper तो उतार कर dustbin में
फेंक दिया,और मेरी नंगी मलाईदार
चूत देख कर इनके मुँह में पानी आ
गया और लगे लपालप अपनी जीभ
से चाटने,मैं तो छटपटाने लगी,मेरे हाथों में साड़ी पकड़ी हुई थी,
जैसे ही इन्होंने मेरे clit को अपने होंठों
में पकड़ कर चूसा,मेरी ज़ोर से चीख
निकल गई,मैं झरझर करके इनके मुँह
पर झड़ने लगी और मेरे हाथ से मेरी
साड़ी छूट कर इनके ऊपर गिर पड़ी,
तभी मेरी प्यारी ननद जी की आवाज़
आयी,
bro क्या हुआ,भाभी ने चीख क्यों मारी,
सिम्मी-भाभी उसके बाद फिर क्या हुआ,
रोज़ी-मैंने फटाफट इनके चेहरे से साड़ी हटा ली,और
इनके हाथ पकड़ कर खड़ा किया,इनके face को देख कर,
मैं ज़ोर से मुँह पर हाथ रख हंस पड़ी
मुझे भी जोश आ गया और मैं इनके मुँह पर लगी
अपनी चूत की मलाई चाटने लगी,
ये भी मुझे स्मूच करने लगे ,इसी चक्कर में
मेरा सारा मेकअप ख़राब हो गया था,
और मुझे दोबारा मेकअप करना पड़ा,
सिम्मी-भाभी अपकी बातों से तो मेरी चूत ने भी पानी बरसाना शुरू कर दिया है,
रोज़ी-ननद जी मुझे अपनी चूत तो दिखाओ जरा,
सिम्मी-भाभी दरवाज़ा बंद कर दो कोई आ ना जाये ,
सिम्मी ने भी साड़ी पहनी हुई थी,साड़ी के नीचे सिम्मी ने पैंटी पहनी हुई थी
सिम्मी ने अपनी साड़ी ऊपर उठा ली ,और बोली भाभी देख के बताओ मेरी चूत कैसी है,
रोज़ी ने सिम्मी की पैंटी को हाथ लगा कर देखा,और सिम्मी से बोली
रोज़ी-ननद जी तुम्हारी पैंटी तो बिलकुल भीग गई है,क्या तुम्हारी पैंटी उतार दूँ,
सिम्मी-मुझे शर्म आ रही है,
रोज़ी-चलो पहले मेरी चूत देखलो,फिर मैं तुम्हारी चूत देख लूँगी,
यह कह कर रोज़ी ने अपनी साड़ी उतार कर एक तरफ़ रख दी,
और सिम्मी की तरफ़ अपनी चुत करके बोली,
लो मेरी ननद रानी अपनी भाभी की चूत देखलो कैसी है,
सिम्मी-भाभी आपकी पैंटी किधर गई,
रोज़ी-तुम्हारे भैया ने ख़राब कर दी थी,तो मैंने उतार दी,
दोवारा पहनने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी,
सिम्मी-कितनी सुंदर है चूत आपकी,एकदम चिकनी मक्खन जैसी,
भाभी क्या मैं हाथ लगा कर देख लूँ,
आहा कितनी मुलायम है आपकी चूत भाभी,
भैया ऐसे ही तो नहीं दीवाने आपके,
आपकी चूत की पंखुड़ियाँ एक दम गुलाब के फूलों जैसी,
भाभी मैं इनको खोल कर देख लूँ क्या,
रोज़ी-ननद जी देखलो,
सिम्मी ने अपनी उँगलियों से चूत की दोनों पंखुड़ियों को खोल कर देखने लगी,
सिम्मी-आपकी चूत तो अंदर से कितनी गुलाबी है,
हाय रब्बा भाभी आपकी चूत का सुराख़ कितना बड़ा है,
रोज़ी-यह सब तुम्हारे भैया के मोटे लण्ड का कमाल है,
जब ये अपना लण्ड मेरी चूत के सुराख़ में डालते हैं,
तो खूब पेलते हैं इस सुराख़ को,
सिम्मी-आपकी चूत तो मलाई का दोना बनी हुई है,इस दोने में तो अभी मलाई भरी हुई है,
भाभी क्या मैं आपकी चूत को चाट कर मलाई खा लूँ,
भाभी मैंने आज तक किसी लड़की की चूत नहीं चाटी,
रोज़ी -ननद रानी एक शर्त पर मैं अपनी चूत तुमको चाटने दूँगी,
अगर तुम भी अपनी चूत मुझे चाटने दोगी,
मैंने ना आज से पहले किसी और लड़की की चूत देखी है,
ना ही किसी और लड़की की चूत मैंने चाटी है,
ना ही तुम्हारे भैया के अलावा किसी ने कभी मेरी चूत चाटी है,
आज तुम पहली लड़की हो जो मेरी चूत चाटोगी,
सिम्मी-bro ने तो मेरी चूत कई बार चाटी है,
पर किसी लड़की से चूत चटवाने का मेरा ये पहला मौक़ा है,
सिम्मी-भाभी आप अपने बाक़ी कपड़े भी उतार दो,
मैं भी अपने कपड़े उतार देती हूँ,
रोज़ी-सिम्मी
सिम्मी-हाँ भाभी
रोज़ी-अलग अलग एक दूसरे की चाटने में कम मज़ा आयेगा,
क्यों ना 69 में दोनों एक साथ एक दूसरे की चूत चाटें,
एक साथ अगर दोनों झड़ेगी तो ज़्यादा मज़ा आयेगा,
सिम्मी-भाभी आपने कभी दो लड़कियों को आपस में चुदाई करते देखा है,
रोज़ी-मैंने तो नहीं देखा,
रोज़ी-ननद जी क्या दो लड़कियाँ बग़ैर लड़के के लण्ड के चुदाई कर सकती हैं,
सिम्मी-हाँ कर सकती हैं,
रोज़ी-तुमने कहाँ देखा ये सब ,जब ये सब तुमने कभी किया ही नहीं
सिम्मी-अपनी girlfriends के साथ मैंने कई बार video clips में
लड़कियों को आपस में एक दूसरे को बग़ैर लण्ड के चोदते और झड़ते हुए देखा था,
रोज़ी-तो उन लड़कियों के साथ मिलकर कभी तुमने चुदाई नहीं की,
सिम्मी-नहीं पहले कभी नहीं की पर आज आपके साथ करने का मन है,
रोज़ी-ऐसे करते हैं पहले एक दूसरे को चोदेंगे फिर झड़ेंगे फिर जो मलाई
हमारी चुतों में से निकलेगी वो चाट लेंगे,
रोज़ी-मेरी चुदक्कड़ ननद जी इस चुदाई को क्या कहते हैं,
सिम्मी-मेरी girlfriends इसको लेस्बियन humping,grindinding,
scissoring कहती थी,[/SIZ
सिम्मी-मेरी गर्लफ़्रेंड्स इसको रगड़ाई(ग्राइंडिंग),चूतों को टकराना(humping) और कैंची
बना कर चुतों को आपस में मसलना(स्सिररिंग)
रोज़ी-मेरी ननद रानी इस चुदाई को कहाँ से शुरू करें
सिम्मी-मेरे bro के लण्ड की प्यासी भाभी,लड़कियाँ आपस में चुदाई एक दूसरे के चूचे
और निप्पल चूस कर चुदाई शुरू करते हैं,
सिम्मी- भाभी आपको तो १०४ बुख़ार है,
रोज़ी-पगली ननद रानी ये कामवासना का बुख़ार है,जो हर रोज़ मुझे
दिन में तीन बार चढ़ता है,
ये बुख़ार मुझे मेरे स्वामी की बिराह में चढ़ता है,
और उन्हीं के मेरे पास आने से और फिर मुझे
चोदने से ही ये बुख़ार उतरता है,
अब जल्दी करो ननद रानी हमारे पास बस एक घंटा ही बचा है,
रोज़ी-ननद रानी तुम्हारी शक्ल मेरे
पतिदेव से बहुत मिलती है,
अभी के लिये तुम मेरे पति बन जाओ और मैं
तुम्हारी पत्नी बन जाती हूँ,अब तुमने मुझे प्यार
करके मुझे चुमके मुझे चाट कर मुझे
चूस मुझे चोद कर मेरा बुख़ार उतार दो,
ननद जी मेरे ऊपर चढ़ जाओ फिर मुझे अपनी पत्नी समझ कर प्यार करो
इसके बाद रोज़ी और सिम्मी एक दूसरे के होंठों को पीने लगे,
सिम्मी-भाभी आपके होंठ बहुत मीठें
हैं,इनमें से कितना रस निकल रहा
है,bro ऐसे ही नहीं हैं आपके दीवाने,
रोज़ी-ये सब तुम्हारे भैया के लण्ड
की मलाई का कमाल है,
रोज़ी-ननद रानी मेरे निप्पल और चूचे
चूस कर खा जाओ,
आह आह ऐसे ही चूसती रहो
रोज़ी-ननद रानी अब तुम मेरे सिर की तरफ़ आकर मेरे चूचे चूसो
और अपने मुम्मे मेरे मुँह में चूसने के लिये डाल दो,
सिम्मी-मेरी सोहनी भाभी कितनी अच्छी हो तुम,
मेरे मुम्मे आज तक किसी ने चूसे,
हाँ भाभी और ज़ोर से चूसो,जैसे तुम अपने पति का लण्ड चूसती हो
यस भाभी मेरे निप्पल चबा जाओ,
आह बहुत मज़ा आ रहा है,
रोज़ी-मेरी भोली ननद चलो अब चूतों की grinding करते हैं,
मेरी गोद में जैसे मैं बताऊँ बैठ जाओ,
और अपनी चूत को मेरी चूत से आगे पीछे करके रगड़ो,
यस हाँ ऐसे ही ,और तेज तेज ,
हाँ अपने clit को मेरे clit से रगड़ो
हाँ शाबाश सिम्मी ऐसे ही,
सिम्मी-भाभी मुझे कुछ हो रहा है,
भाभी मेरी चूत पानी छोड़ रही हो,
भाभी मुझे चोदो,हाँ भाभी मेरी चूत फाड़ दो,
रोज़ी-हम दोनों ही अब झड़ने वाली हैं,
तुम फटाफट मेरे साथ 69 में आ जाओ,
रोज़ी -आज तुम मेरे पति हो तुम मेरे ऊपर लेट कर मुझे चाटो और अपनी
जीभ मेरी चूत में डालकर मुझे चोदो,
और अपनी चूत के होंठ मेरे होंठों पर रख दो,
सिम्मी-भाभी मेरी चूत में अपनी जीभ घुसेड़ दो,
आह आह और तेज और तेज मेरे clit को अपने दांतों से काट दो
ओह भाभी मैं गई,मुझे पकड़ लो,
सिम्मी ने झड़ते झड़ते रोज़ी की चूत में दांत गड़ा दिये,
रोज़ी ने ज़ोर से चीख मारी और झटके खा कर झड़ने लगी,
रोज़ी और सिम्मी आपस में गुथम गुथा हो गई और बेड पर लोटनियाँ खाने लगीं,
थोड़ी देर बाद दोनों को होश आया तो,फिर से आपस में लिपट गयीं
और एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल कर दोनों एक दूसरे की
चूत रस का स्वाद चखने लगीं,
फिर थक कर दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गयीं,
दोनों नींद में थी के रोज़ी के फ़ोन की घण्टी बजी ,
रोज़ी सिम्मी के साथ लिपट कर सो रही थी,
रोज़ी का एक मुम्मा सिम्मी के मुँह में था,
रोज़ी ने सिम्मी को हिलाये बग़ैर
उठकर देखा तो महेश का फ़ोन था,
मैं-हाय डार्लिंग,मुझे आधा घण्टा और लगेगा office में,
तुम तैयार रहना,नीचे सिम्मी और मोम को भी तैयार रहने को बोल
देना,आज तुम्हारे मायके वालों कि तरफ़ से शादी का डिनर है,
रोज़ी-नहीं जी,ये डिनर तो आपके ससुराल वालों ने दिया है,
मैं तो आपके साथ जा रहीं हूँ, मेरा मायका भी और मेरा ससुराल अब
तो यहीं हैं,आपके दिल में,वहीं मैंने अपना घर बसा लिया है,
मैं-रोज़ी डार्लिंग वो टेप और फेविकोल मैंने ऑफिस की एक लड़की से मंगवा
ली है,डार्लिंग पता है वो लड़की मुझ से क्या मुझ से पूछ रही थी,
रोज़ी-आह आह अचानक रोज़ी के मुँह से निकल गया
क्योंकि सिम्मी ने नींद में उसके मूमे को कस के चूस लिया,
मैं-डार्लिंग क्या हुआ,
रोज़ी-तुमसे बातें करते करते मैंने अपने मुम्मे का निप्पल मरोड़ लिया था,
चलो आगे बताओ उस लड़की ने क्या कहा,
मैं-वो लड़की बोली sir,ये टेप और fevicol आपकी वाइफ ने मंगवायीं हैं,
मैने कहा हाँ,पर तुम्हें कैसे पता चला,
रोज़ी-तो डार्लिंग उस लड़की ने मेरे बारे में क्या कहा,
मैं-वो लड़की मुस्करा कर बोली,sir आपकी wife आज पूरी चुदासी
है और आपको आज घर जाने पर जम कर चोदेगी,
जानू,इसके बाद वो चली गई,पर उसकी मुझे कोई बात समझ नहीं आयी,
चुदाई तो अब भी हम जम के करते हैं,फिर टेप और fevicol से ज़्यादा
जम के चुदाई कैसे होगी,
रोज़ी-अब मैं फ़ोन रखती हूँ,आपकी बातें सुन कर मेरा तो मन अभी चुदाई
करने का हो रहा है,आप अब जल्दी से घर आ जाओ,
सुनिये जी,अपने ससुराल में जाकर ज़्यादा देर नहीं रुकना,
हम सब लोग
डिनर करके जल्दी वापस आ जाएँगे,
इतना कह कर रोज़ी ने फ़ोन बंद कर दिया,
रोज़ी ने देखा सिम्मी अपने मुँह में मेरा मुम्मा लेकर,
आँखें खोल कर हमारी सारी बातें सुन रही है,
सिम्मी-भाभी आपकी bro से गर्म गर्म वातें सुन कर मेरी तो चूत गीली
हो गई है,
भाभी आप मेरी बात ध्यान से सुन लो,मैंने bro का लण्ड बहुत बार देखा है,
अगर आप लोग मुझे सुखी देखना चाहते हो तो मेरे दूल्हे का लंड bro से लंबाई
और मोटाई में कम नहीं होना चाहिए,आप bro से चाहे ये बात कह देना,
रोज़ी-अब उठ जा,अगर तेरे भैया से ऐसी बातें करूँगी की आप तो चुदक्कड़ थी ही,
मेरी बहन को भी अपने जैसी बना लिया,तुम चिंता मत करो,तुम्हारे भैया अच्छा लड़का
ही तुम्हारे लिये ढूँढ कर लायेंगे,
ननद रानी मैं अपने बाथ रूम में नहाने जा रही हूँ,
तुम भी नहा धो कर एक अच्छी सी अपनी साड़ी पहन कर तैयार हो कर मेरे रूम
में आ जाओ,बहाँ से हम इकट्ठे नीचे चलेंगे,
7.30 सात बजे सब इकट्ठे होकर महेश के ससुराल में पहुँच गये,
रोज़ी के parents ने सब की आवभगत की,
अपने जमाई राजा की आरती उतारी,
उसके बाद सब बातें करने लगे
चारों ladies आपस में बातें करने लगीं,
सुषमा ने कांता से सिम्मी के लिए कोई अच्छा सा लड़का बताने को कहा,
कांता-मेरी एक कजिन दिल्ली में रहती है,
उनका वहाँ रोहिणी में अपने घर में ही ग्राउंड फ्लोर पे अपना बुटीक है,
उनका एक बेटा है,वो बहीं पर अपनी मम्मी के साथ बुटीक पे बैठता
है,
लड़का बहुत अच्छा है,सुंदर है,उसकी सेहत बहुत अच्छी है,
मेरी कजिन की नेचर बहुत अच्छी है,
अपनी सिम्मी वहाँ पर मौज करेगी,
हम सब किसी दिन उनके घर चलते हैं,
घर भी देख लेंगे लड़का भी देख लेंगे
सिम्मी भी लड़के को देख लेगी,
लड़के से मिल लेगी,
सुषमा-कल हम महेश के साथ discuss करके बाक़ी
प्रोग्राम बना लेंगे
उधर रोज़ी के डैडी और महेश गप्पें लगा रहे थे,
डैडी-आज तुम्हें अपनी शादी वाले दिन भी अपने ऑफिस में जाना पड़ा
मैं-अंकल आज का सारा दिन मेरा ख़ुशियों से भरा था,
पहले आज मुझे मेरा जीवन साथी मिल गया,
फिर आज ही हमने नये घर में अपनी पत्नी के साथ गृहप्रवेश किया,
और आज ही हेड ऑफिस ने मुझे एक प्रोजेक्ट करने को दिया है,
जो मैंने तीन महीने में complete करके launch करना है,
उस प्रोजेक्ट में मुझे दो software engineers appoint करने
की permission मिली है,जो मुझे मेरे प्रोजेक्ट में हेल्प करेंगे,
मुझे एक PA भी रखने की permission मिल गई,
PA की पोस्ट रोज़ी को मिल जाएगी,
इस प्रोजेक्ट का जितना भी annual revenue होगा उसमें कंपनी मुझे हर साल
बीस परसेंट शेयर देगी,पहले साल हमारा टारगेट दो करोड़ रुपए का revenue का
टारगेट है,मुझे और रोज़ी को खूब मेहनत करनी पड़ेगी,
आज का दिन तो मेरे लिये बहुत लकी है,
अंकल-महेश आज के दिन सिम्मी बेटी के लिए भी एक
खुशखबरी है,तुम्हारी मम्मी को उसके लिए हमने एक लड़का बताया है,
अगर कोई बात बनती है तो हम सिम्मी की शादी भी जल्दी ही कर देंगे,
मैं-अंकल अपने तो मेरे दिमाग़ से सिम्मी की शादी का सारा बोझ ही
उतार दिया है,
इस तरह बातें करते करते ख़ाना खाते खाते रात के बारह बज गये थे,
घर जाने की जल्दी सबसे ज़्यादा रोज़ी थी,
बाक़ी फिर ——