सूर्या- थैंक्स यार..
मैं- थैंक्स क्यों बे?
सूर्या- सोनाली के साथ चुदाई करने देने के लिए।
मैं- ऊऊऊऊओह.. अब समझ में आया.. मैंने कुछ नहीं किया.. वो तो सोनाली तुमको पसंद करती थी.. तो मैंने उसे तुमसे मिलवा दिया और बदले में मुझे सोनिया मिली।
सूर्या- हाँ बात तो सही बोली तुमने।
मैं- अच्छा ये बता.. कैसी लगी सोनाली?
सूर्या- एकदम कट्टो माल है.. इतना किया उसके साथ.. फिर भी मन नहीं भरा यार..
मैं- हाँ वो चीज़ ही ऐसी है.. कभी मन नहीं भरेगा.. वैसे तेरी बहन भी कम नहीं है.. जबरदस्त आइटम है।
सूर्या- हाँ देखा मैंने.. उसको भी.. मस्त लगी..
मैं- क्यों अपनी बहन पर भी मन डोल रहा है क्या?
सूर्या- हाँ यार.. एक बार मुझे भी दिला दो ना..
मैं- साले अपनी बहन को चोदेगा?
सूर्या- तो साले तुमने कौन सा छोड़ दिया अपनी बहन को.. सोनाली मुझे सब बता चुकी है..
मैं- ठीक है.. अभी जो है उसको सम्भाल ना.. उसके बाद मैं कुछ करता हूँ।
सूर्या- ठीक है.. अब घर चल.. दोनों हमारा इंतज़ार कर रही होगीं।
मैं- हाँ चल.. चलते हैं।
हम लोग घर पहुँचे तो वो दोनों टेबल के पास थाली लगा कर बैठी हुई थीं। मैं समझ गया कि इन दोनों को बहुत ज़ोर से भूख लगी हुई है..।
सो मैंने खाना टेबल पर रख दिया और वो दोनों खाना दो थालियों में लगाने लगीं.. हम दोनों खाने के लिए बढ़े ही थे कि दोनों एक साथ बोलीं- अभी नहीं पहले कपड़े उतारो..
साथ ही वे दोनों भी अपने-अपने कपड़े उतारने लगीं।
तो हम लोग कौन सा पीछे रहने वाले थे.. झट से उतार कर रेडी हो गए। तो सोनिया मेरे और सोनाली सूर्या की गोद में जाकर बैठ गई और हम नास्ता करने लग गए।
भोजन करते वक्त मैं सोनिया की चूचियों को भी किस कर लेता था.. कैसे नहीं करता सामने जो था और कौन कंट्रोल करने वाला था।
तो सोनिया ने कुछ सब्जी उठा कर अपनी चूचियों पर लगा ली और मेरे हाथ में रोटी पकड़ा दी।
मैं समझ गया मैं कौन सा पीछे रहने वाला था.. मैं वहीं से सब्जी लगा कर खाने लगा। रोटी उठा कर सब्जी के लिए उसकी चूचियों चाट लेता था।
अब मैंने भी थोड़ी सी सब्जी ले कर अपने लंड पर गिरा दी और बोला- लो अब तुम खा लो।
तो वो फिर रोटी खा कर पूरी सब्जी चाटने लग गई।
इसी तरह की कुछ नोक-झोंक में हमने खाना ख़त्म कर लिया और रात भर चुदाई का कार्यक्रम चला। थक कर सब वहीं सो गए।
सुबह पापा के फोन ने हमारी नींद खोल दी.. तो मैंने सोनाली को गोद में उठाया और उसको बाथरूम में जा कर खड़ी कर दिया।
कुछ देर में वो फ्रेश हो गई तो मैं उसको ले कर घर जाने लगा।
तो सूर्या एक और राउंड के लिए बोला.. लेकिन मैंने मना कर दिया और सोनाली को लेकर घर आ गया।
मम्मी-पापा ऑफिस के लिए निकल गए थे.. तो सोनाली मेरे पास आई।
सोनाली- क्या कर रहे हो?
मैं- बस आराम..
सोनाली- क्या कल तुम्हें भी मजा आ गया आया?
मैं- हाँ यार बहुत..
सोनाली- मुझे तो एकदम सुहागरात वाली फीलिंग आ रही थी।
मैं- चलो अच्छा है.. शादी से पहले अच्छे से सुहागरात मना ली।
सोनाली- हाँ वो तो है.. लेकिन तुम तो बहुतों के साथ चुदाई कर चुके हो।
मैं- हा हा हा..
सोनाली- अच्छा एक बात पूछूँ?
मैं- हाँ बोलो.. क्या बात है?
सोनाली- तुमने कभी दो लड़कियों के साथ एक साथ किया है?
मैं- हाँ..
सोनाली- किसके साथ?
मैं- सोनी और मोनिका..
सोनाली- बहुत मजा आया होगा ना?
मैं- हाँ लेकिन तुम ये सब पूछ क्यों रही हो?
सोनाली- वैसे ही मन हुआ तो पूछ लिया।
मैं- करना है क्या?
सोनाली- सोच तो रही हूँ.. एक बार दीदी और मुझे एक साथ चोदो ना..
मैं- वो तो कोलकाता में है।