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Incest बहन के साथ यादगार यात्रा (Completed)

Rinkp219

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Itna jaldi end achha nahi Kiya...Avi to start Hui thi....Ghar pouch kar apne papa ko seduce karne kahte Didi ko ....fir tum dono bap beta milke chudai karte apne Didi ko....aur v bahut kuchh ho sakta tha...
 
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ruby mittal

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भाग 18

ना जाने मैंने कितनी देर तक दीदी की चूत को मंत्र्मुघ्द हो कर देखता रहा | मुझे पता ही नहीं लगा की दीदी ने कब ऑंखें खोली | अचानक से उसने चुटकी बजायी तो मैं उसकी चूत की दुनिया से बाहर आया | मैंने उसकी तरफ देखा और वो शरारत से मुस्कुरा दी ।

दीदी: ये अच्छा है तुम जैसे कम उम्र के लड़कों का, तुरंत दूसरे राउंड के लिए त्यार हो जाते हो |

यह कहते हुए दीदी उठ कर मेरे सामने खड़ी हो गई । मुझे धक्का देते हुए सीट धकेल दिया | मेरे कंधे का सहारा लेते हुए दीदी मेरे ऊपर बैठने लगी | अभी दीदी अपने घुटनो पे खड़ी थी | उसके बोबे बिलकुल मेरे मुंह से सामने आ गए थे | मैंने अपने हाथ उसके कूल्हों पर मजबूती से टिका दिए | दीदी ने एक हाथ नीचे ले जाकर मेरे लंड को पकड़ कर तीन से चार बार हिलाया और फिर अपनी चूत के मुहाने पे टिका दिया ।

मैं जैसे स्वर्ग पहुँच गया था | मेरी प्यारी बहन की चुत के स्पर्श से मेरा लंड धन्य हो गया था । मैं ज़िन्दगी में कभी भी उस पल को कभी नहीं भूल पाऊंगा । फिर दीदी ने मेरे लंड को दो से तीन बार अपनी चूत पर रगड़ा । फिर उसने मेरा लंड अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और धीरे-धीरे नीचे बैठने लगी । जैसे ही वह नीचे बैठने लगी, मेरा लंड उसकी चूत में गायब होता जा रहा था | कुछ समय बाद जब मुझे अपने लंड पे दीदी की झांटे महसूस हुई तो पता चला की मेरा पूरा लंड मेरी बहन की चूत में घुस गया था । मेरी बहन की चूत मेरे लंड से पूरी तरह भर गयी थी | दीदी की चूत इतनी टाइट थी की मेरा लंड बुरी तरह से खिंच गया था | उसकी चूत भट्टी की तरह गरम थी | अब मुझ से रुका नहीं गया | मैंने उसके कूल्हों को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए । मैंने अपनी बहन के रसीले होंठो को पीना शुरू कर दिया | दीदी भी पूरे जोश से मेरा साथ दे रही थी | मुझे नहीं पता था कि कब हम होंठ छोड़ के एक दूसरे की जीभ चूसने लगे ।

मेरे हाथ अब दीदी के कूल्हों पर और कस गए थे और मैं उसके भारी नितंबों को पागलों की तरह सहलाने लगा था । धीरे धीरे वो मेरे लंड पर ऊपर-नीचे होने लगी | मैंने भी उसके नितंबों को पकड़ कर उसे अपने लंड पर ऊपर नीचे करने लगा । उसके बोबे मेरे मुंह से बार-२ टकरा रहे थे | दीदी ने एक हाथ से मेरा सर पकड़ा और उस अपनी छाती पे दबा दिया ।

मैंने भी उसका इशारा समझते हुए देर नहीं की और तुरंत उसके बोबे को मुंह में भर कर बेसब्री से चूसने लगा | बीच बीच में मैं उत्तेजित को कर उसके निप्पल को काट लेता | धीरे धीरे हमारे धक्कों को स्पीड बढ़ती जा रही थी | मेरा लंड पिस्टन की तरह घर्षण करता हुआ उसकी चूत को दीवारों को पूरा फैला रहा था | अब उसके चुचों को चूसते रहना मुश्किल हो रहा था | मैंने अपने हाथ उसके नितम्बों से हटा के उसके बोबों को कस के पकड़ लिया और उसके बोबों को गूंथने लगा |

दीदी की स्पीड और भी बढ़ गई थी । अब वो बिना रुके ऊपर-नीचे हो रही थी । मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था । उसने मेरे सिर को पकड़ा और मुझे कस कर गले लगा लिया । उसके मुँह से सिसकारियां निकल रही थी | अचानक से दीदी ने तेज चीख मारी और अपने चरम पर पहुंच कर धीरे-धीरे शांत होने लगी | दीदी एक बार फिर से झड़ गयी थी | मैं अभी नहीं झडा था | मैंने उसके दोनों नितंबों को अपने दोनों हाथों से उठा लिया और नीचे से ज़ोर-२ से अपने चूतड़ हिला के ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा |

दीदी: "ए ... आ .. आईई ... सी ... भाई ..... धीरे ... धीरे ..... करो ... ओह ....

मैं: दीदी ..... बस थोड़ा सा .... मेरा भी होने वाला है .....

दीदी: ओह ... ह ..... इ .... रुक जा ..... सांस ...... सांस तो लेने दे ..... कुत्ते ....

मैं: "दीदी ...... दीदी ...... मैं ..... मेरा ...... फिनिश ... .. हा ... हह ... हह ... आह ... आह ...

फिर कुछ और ताबड़तोड़ धक्के लगा कर मेरा पानी भी दीदी की चूत में छूटने लगा । धीरे-धीरे मैं भी शांत हो गया और दीदी को गले लगा लिया | कुछ देर तक हम भाई बहन एक दूसरे को गले लगा कर शांत बैठे रहे और उस खुमार का आँखें मूँद कर मज़ा उठाते रहे |
Omg
Bhai Bahen ka scene ho gaya ye to . Ufff
 
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ruby mittal

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भाग 19

कुछ मिनटों के बाद दीदी ने कहा: भाई पसीने और तेरे पानी से सब चिपचिपा हो गया | कुछ है क्या साफ़ करने के लिए ?

मैंने तुरंत अपनी शर्ट उठाई और उसे दे दी। उसने एक मुस्कान के साथ मेरी टी-शर्ट के मेरे माथे से पसीने को पूंछा और फिर मेरे लंड को अच्छे से साफ़ किया | मुझे साफ़ करने के बाद दीदी अपने बदन और चूत को पूंछने लगी |

दीदी: भाई, मेरे कपडे भी पसीने से भीग गए हैं , अब तो तुम्हें मेरे बैग का ताला तोड़ना ही पड़ेगा |

मैं: अरे, मेरे होते हुए , ऐसे-कैसे

मैंने तुरंत नीचे से दीदी को चाबी निकल के दे दी |

दीदी: अच्छा जी, तो चाबी जनाब को पहले ही मिल गयी थी, फिर पहले क्यों नहीं दी

मैं: फिर आपके साथ चुदाई करने का मौका कैसे मिलता?

दीदी (मुस्कुराते हुए): कमीने, तुझे शर्म नहीं आयी | अपनी जवान बहन को अपने जाल मैंने फसा लिया | मैं कपडे चेंज कर लूँ फिर तेरी खबर लेती हूँ |

दीदी ने अपने बैग से एक सिंपल सी पतली सूती ड्रेस निकाल कर बिना ब्रा पैंटी के पहन ली |

दीदी: हाँ अब बता, क्यों फसाया अपनी दीदी को ये गंदा काम करने के लिए

मैं: छोड़ो दीदी, कम तो तुम भी नहीं हो | जब ये सूती ड्रेस थी, वो शिफॉन की भड़काऊ ड्रेस क्यों पहनी थी ?

दीदी: अरे वो तो ... कितने दिनों के तू मुझे भूखी नज़रों से देख रहा था | तेरे को क्या लगा, मुझे पता नहीं चलता की तेरी नज़रें मुझे कैसे घूरती थी | मैं सोचा आज बेचारे बच्चे को थोड़ा बहुत मज़े दे दिए जाये | पर मुझे क्या पता था की तू इतना आगे पहुँच जायेगा | अपनी बहन को चोद ही देगा |

मैं: दीदी, अभी आपने अपने भाई को अच्छे से जाना ही कहाँ है | मेरे प्लान तो पता नहीं क्या-२ हैं |

दीदी: हमें भी तो पता चले .. क्या-२ हैं आपके .. प्लान ?

मैं: दीदी, अभी तो बहुत भूख लगी है | मैं पैंट्री से कुछ खाने को लेके आता हूँ, फिर बताऊंगा आपको आगे का प्लान |

दीदी: हाँ भाई, पहले पेट पूजा, फिर काम दूजा .. या फिर काम पूजा

मैं हँसते हुए पैंट्री की और जाने लगा | मैं गुनगुनाते हुए जा रहा था और सोच रहा था की दीदी की कैसे-२ चुदाई करूँगा .....

समाप्त
Choti but shandaar kahani
Ummid h ki agli kahani me kafi "masala" milega
 
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Pinky

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Choti but shandaar kahani
Ummid h ki agli kahani me kafi "masala" milega

कहानी खींच के कोई फायदा नहीं है | मज़ा तो सेटअप का ही है |
एक और कहानी शुरू की है ....
 
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