भाग 8
तभी अचानक से संगीता दीदी ने अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और मेरी तरफ करवट ले ली | उसने मुझे वैसे ही पकड़ा हुआ था जैसे कोई छोटा बच्चा अपनी माँ से लिपटा होता है | उसके हाथ का स्पर्श बहुत गरम था | अब इस नयी पोजीशन में उसका बायां मुम्मा मेरे पेट से चिपक गया था | उसके मुम्मे का स्पर्श बहुत ही मस्त था | और तो और अब उसकी पारदर्शी कमीज से उसकी पसीने से लथपथ कांख बिलकुल साफ़ दिखाई दे रही थी |
बड़े आश्चर्य की बात थी की दीदी के कांख में गहरे काले-२ बाल थे | कांख में अगर बाल हों तो बहुत पसीना आता है, संगीता से आती हुई पसीने की गंध सबसे ज़्यादा उसकी कांख से ही आ रही थी | आज की मॉडर्न लड़कियां अपनी कांख बिलकुल सफाचट रखती हैं, लेकिन शायद वो ये नहीं जानती की कांख के बाल कितने सेक्सी दीखते हैं | बाकि सब का तो पता नहीं लेकिन मैं कांख के बालों का दीवाना हूँ | लड़कियों की काखों में बाल होना बहुत ही कामुक होता है और कामोन्माद को बढ़ाता है। लेकिन आजकल, लड़कियों को अपनी त्वचा पर बाल नहीं रखना चाहती | अपनी बहन की काखों में बाल देख के मुझे बहुत खुशी हुई, मेरा लंड और भी टाइट हो गया |
अब और बर्दाश्त कर पाना मेरे लिए नामुनकिन हो गया था, मैं थोड़ा सा झुका और अपनी नाक को, जितना हो सकता था उतना, संगीता दीदी की काखों के पास ले गया | मैं बता भी नहीं सकता, ये सब मेरे लिए कितना नशीला और कामुक था | ऐसा लग रहा था की उसका मुम्मा और मोटा होके मुझे बुला रहा था | मेरा लंड अंडरवियर फाड़ के बाहर आने को मचल उठा था, ऐसा लग रहा था कि लंड अभी फटेगा । आखिरकार में अपना हाथ धीरे से उसके मुम्मों पे रखने के लिए उठाया | जैसे ही मैंने अपना अपना हाथ उठा के उसके सीने की तरफ बढ़ाया, संगीता दीदी ने अपनी आँखें खोल दीं । मैंने तुरंत अपना हाथ अपने बालों पर ऐसे घुमाया जैसे मैंने अभी-अभी अपने बालों को हिलाने के लिए ही उठाया हो।
"कितनी देर से सो रहा हूँ? अरे यार कितनी गर्मी है ......... मैं तो पसीने से पूरी तरह नहा ली हूँ .... ये शर्ट पूरी गीली हो गयी है, मैं इसे बदल लेती हूँ | ," संगीता दीदी उठते हुए बोली |