रमेश- मगर वह मानेगी नहीं। यार मेरे दिमाग में एक आईडिया है उसमें मुझे तेरी हेल्प चहिये।
राकेश- हाँ बोल।
रमेश- मैं सोच रहा था क्यों न मैं उसकी चाय में नींद की गोली मिला दूं और जब वह बेहोश हो जाए तो तुझे बुला कर उसका झूठा चेकअप करवा दूं।
राकेश- उससे क्या होगा?
रमेश- अरे यार, तू उसे किसी हिल स्टेशन जाने की सलाह दे डालना और मेरा काम बन जाएगा.
राकेश हँसते हुए बोला- साला तू बहुत बड़ा कमीना है. कहीं तू रति भाभी को बाहर भेज कर खुद के मज़े की तो नहीं सोच रहा?
रमेश- यार, बात तो कुछ वैसी ही है।
राकेश- ठीक है, मैं तेरा काम कर दूंगा मगर बदले में मुझे तेरी सेक्रेटरी रीता चाहिए। बहुत दिन हो गए साली को चोदे हुए।
रमेश- डन! तो कल सुबह?
राकेश- ओके डन! बाय।
रमेश- बाय।
रिया मुस्करा कर बोली- वाह क्या आइडिया है!
रमेश- चल रंडी बेटी पहले अपनी मां को नींद की गोली तो दे दे।
रिया- डैड, मगर डॉक्टर अंकल तो कल आयेंगे ना?
रमेश- मेरी रांड बिटिया, पहले माहौल तो बनाना पड़ेगा ना?
रमेश अपने कमरे से नींद की गोली ले आया और बाप-बेटी दोनों ड्राइंग रूम में आकर बैठ गये.
रमेश ने रति को आवाज लगा कर कहा- जानू, चाय ले आना.
रति- जी अभी लायी।
थोड़ी देर के बाद रति दो कप चाय ले कर आई और रमेश और रिया को दे दी.
रमेश- अरे तुम अपने लिए नहीं लायी?
रति- आप लोग पीजिये. मैं बाद में पी लूंग़ी।
रमेश- नहीं, जाओ और अपने लिए भी ले कर आओ।
रमेश के बार-बार ज़िद करने पर रति अपने लिए भी चाय ले आई और बैठ गयी. तभी रिया ने रति को अपनी बातों में उलझा कर उसका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया. रमेश ने चुपके से दो गोली रति की चाय में डाल दीं.
फिर चाय पीते हुए तीनों बातें करने लगे. रमेश और रिया दोनों ही रति की ओर देख रहे थे कि क्या रिएक्शन होने वाला है.
रति बोली- मुझे बहुत काम है. मैं जा रही हूं.
वो उठ कर जाने लगी.
रमेश और रिया हैरान हो रहे थे कि प्लान तो कामयाब होता नहीं दिख रहा. तभी किचन की ओर जाते जाते रति बेहोश होकर नीचे गिर गयी.
थोड़ी देर बाद रति को होश आया और उसने देखा कि वह अपने रूम में अपने बेड पर लेटी है.
रमेश- तुम ठीक तो हो ना? मैं अभी डॉ. राकेश को फ़ोन लगाता हूँ।
रमेश फोन लगाने ही वाला था कि रति ने उसका हाथ पकड़ कर कहा- नहीं, डॉक्टर की जरूरत नहीं है, मैं ठीक हूं.
रमेश- नहीं, मैं तुम्हारी कोई बात नहीं सुनूंगा. आखिर तुम बेहोश कैसे हो गयी?
रति- अरे कुछ नहीं हुआ मुझे. मैं बिल्कुल ठीक हूँ. जाने दो।
रमेश- जाने कैसे दूं?
रति- जानू प्लीज … तुम्हें मेरी कसम।
रमेश रुक गया.
रिया रमेश की ओर देखने लगी.
दोनों ही मंद मंद मुस्करा रहे थे.