अगले दिन सुबह दोनों फ्रेश हो गए. तब रमेश ने रिया को पूरी तरह से नंगी होकर डांस करने को कहा।
रमेश ने म्यूजिक ऑन किया और एक बेहद सेक्सी गाना
एक तो कम ज़िन्दगानी
कमरे में बजने लगा।
रिया उस गाने की बीट पकड़ कर नाचने लगी। रिया को अपनी माँ से नाचने की कला विरासत में मिली थी। अब तो रमेश का बुरा हाल होने लगा।
इस गाने पर नाचते हुए रिया बेहद कामुक मूव्स कर रही थी जो कि उस भद्दे गाने की बोल से मिल रहे थे- जैसे अपने चूतड़ों को ज़ोर ज़ोर से हिलाना। चूचियों को उठा उठा कर हिलाना। होंठों को रगड़ना, आंखे मारना, अपनी चूत को वो इस सब के दौरान छुपाए हुए थी।
रमेश खुश भी था और हैरान भी अपनी रंडी बेटी का ये रूप देखकर।
थोड़ी देर बाद गाना बंद हो गया और रमेश ने ताली बजाई। रिया ने हंसकर हाथ के इशारे से धन्यवाद किया।
फिर रमेश उसके पास आ गया और दूसरा गाना लगाया
भीगे होंठ तेरे … प्यासा दिल मेरा
इमरान हाशमी और मल्लिका वाला।
दोनों ही उस धुन पर नंगे होकर नाचने लगे। इस दौरान रमेश और रिया ने एक दूसरे को कितनी बार चूमा, सहलाया उसका कोई हिसाब नहीं था। दोनों बिल्कुल एक दूसरे में मग्न हो गए थे।
जब गाना खत्म हुआ तो रिया रमेश की कमर के आसपास कैंची बनाकर उसकी गोद में चढ़ी हुई थी। रिया को ऐसे ही उठाकर रमेश अब कमरे की ओर बढ़ चला। दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कराते हुए हांफ रहे थे।
रमेश रिया को कमरे में ले आया तो रिया ने रमेश से कहा- डैड आज का दिन यादगार बनाना होगा। तुम्हारे लण्ड की कसम, आज पूरा दिन चुदवाऊंगी. इसलिए आज हम तुम दोनों ही सेक्स की दवा खा लेते हैं।
रमेश- कहाँ रखे हुए हो जान सेक्स की दवा?
रिया- वहां रैक पर रखी है। आज के दिन की तैयारी है।
पहले उसने रिया को बिस्तर पर रखा. फिर वियाग्रा लाया. दोनों ने एक एक गोली खा ली.
फिर रमेश को देख रिया बोली- ये देखो डैड, तुमको ये देखकर अच्छा लगेगा।
रमेश- क्या?
रिया ने अपनी चूत फैला कर दिखा दी.
रमेश- साली रंडी, आज दिनभर तुमको खूब चोदूंगा. तू टेंशन मत ले।
रिया- जैसे मन करे वैसे चोदो डैड। मैं तुम्हारी दासी हूं.
रमेश- ठीक है, बेड से उतर और कुतिया बन जा फिर।
रिया ने वैसे ही किया। वो कुतिया की तरह चौपाया हो गयी। फिर रमेश उसके बालों को पकड़कर उसको अपने कमरे में ले गया और रिया के गले में कुतिया वाला पट्टा पहना दिया जिसमें चेन भी लगी हुई थी ।
फिर वह रिया को किसी कुतिया की तरह खींचते हुए उसके कमरे में ले गया।
उसने पूछा- लिपस्टिक कहां है तुम्हारी?
रिया- वो वहां दराज़ में है।
इतना कहना था कि रमेश ने एक थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया और बोला- कुतिया बोलती नहीं सिर्फ भौंकती है. जीभ बाहर लटकाती है। इशारों से बात कर हरामज़ादी कुत्ती कमीनी, तेरी मां को चोदूं भोसड़ीवाली, कुतिया की पिल्ली।
रिया का चेहरा लाल हो उठा। मगर उसे समझ आ गया था कि रमेश शायद आज कोई नरमी नहीं बरतेगा। कहीं ना कहीं वो भी रमेश के हाथों जलील होना पसंद करती थी।
रिया- भौं-भौं … भौं-भौं … ठीक है?
रमेश- हां ये हुई ना बात, कुतिया साली।
रमेश ने लिपस्टिक निकाला और रिया के माथे पर हिंदी में लिखा- रंडी।