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Incest बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाडीन (Completed)

Nevil singh

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रमेश भी रिया के ऊपर लेट कर थोड़ी देर शांत होकर लेट गया। वो जानता था कि रिया की गांड मारने में जल्दी करेगा तो ज्यादा देर तक नहीं मार पायेगा।

रिया मुस्कराते हुए लेटी हुई थी। रमेश उसके बालों को सहला रहा था।

कुछ देर तक ऐसे ही लेटने के बाद रमेश उठा और फर्श पर ही बैठ गया। रिया में उठने की हिम्मत ही नहीं थी। रमेश ने उसे उठाया और अपने सीने से लगा लिया। रिया ने आंखें आधी खोलीं और रमेश को देख कर हल्का मुस्कराई।

उसके चेहरे को देख कर रमेश बोला- क्या बात है साली रंडी। थक गई क्या? क्यों साली रंडी की बच्ची … अभी इतनी ही चुदाई में तेरी गांड फट रही है? अभी तो मुझे तेरी गांड की ऐसी चुदाई करनी है कि साली तू जमीन से उठ भी नहीं पायेगी. तेरी गांड में मैं अपना लंड पूरा पेल के रहूंगा और तुझे बताऊंगा कि एक रंडी का क्या काम होता है.

यह कह कर रमेश ने रिया की गांड पर एक लात मारी और रिया गिर गयी.

मगर रमेश ने फिर से रिया को उठाया और उसकी गांड पर दो-तीन थप्पड़ लगाये और बोला- अभी ठीक से अपनी गांड को मेरे लंड के सामने रख दे क्योंकि तेरी गांड मुझे बहुत पसंद है।

रमेश- फ्री के पैसे नहीं दिए मैंने. तेरी गांड मारने के लिए ही पैसे दिए हैं. तुझे जितनी ज्यादा तकलीफ होगी मुझे उतना ही ज्यादा मज़ा आएगा।
ये कह कर रमेश ने रिया की गांड में थूक दिया और अपनी दो उंगलियों से रिया की गांड के छेद को ढीला करने लगा.

जब रिया की गांड कुछ खुल गई तो तब रमेश ने अपने मोटे लंड को रिया की गांड में एकदम से पेल दिया. रिया एकदम से जोर से चिल्लाई और नीचे गिर गयी. मगर रमेश को कोई फर्क नहीं पड़ा.

उसने दो-तीन थप्पड़ रिया की गांड पर लगाये जिससे रिया फिर उठ गयी. फिर रमेश ने दोबारा से उसकी गांड चुदाई शुरू कर दी. वो इतनी बेदर्दी से उसकी गांड को चोदने लगा जैसे कि वो उसकी बेटी ना होकर कोई सचमुच की रंडी हो.

रिया को समझ में नहीं आया कि उसका बाप इतना जालिम कैसे हो सकता है? वह दर्द को बर्दाश्त करने लगी.

कुछ ही देर की चुदाई के बाद रिया को थोड़ा मजा आने लगा. वह गांड को पीछे धकेल धकेल कर अपनी गांड मरवाने लगी. रिया को गर्म देखकर रमेश ने रिया की गांड पर थप्पड़ों की बरसात कर दी.

लगातार थप्पड़ लगने से रिया की गांड पूरी लाल हो गयी. रमेश पूरे जोर जोर से रिया को चोदने में लगा हुआ था. 1 घंटे तक रिया की गांड मारने के बाद रमेश ने अपना पूरा माल रिया की गांड में गिरा दिया.

रमेश ने रिया को कुतिया ही बने रहने के लिए बोला. इससे रिया की गांड से रमेश के लंड का वीर्य धीरे धीरे बहता हुआ नीचे आने लगा और बाहर गिरने लगा. रमेश ने रिया को नीचे गिरा हुआ वीर्य चाटने के लिए कहा.

रिया ने वीर्य को चाटने से मना कर दिया लेकिन रमेश ने फिर उसे दो थप्पड़ लगा दिये. रिया फिर अपनी जीभ लगा कर अपनी ही गांड से निकले वीर्य को चाटने लगी.

इस सीन को देख कर रमेश उसकी वीडियो बनाने लगा.
वो बोला- वाह … साली। तेरी जैसी दो टके की रंडी कहीं नहीं मिलेगी जो अपनी ही गांड से निकले हुए वीर्य को फर्श पर से चाट ले. मुझे पूरा विश्वास है कि देश में तेरे जितनी बड़ी रंडी शायद कोई नहीं होगी. चल अब मेरे लंड पर लगे हुए माल को भी चाट जा। चल … चाट साली कुतिया।

रिया ने कुतिया बनकर अपने डैड के लंड पर लगे माल को किसी पालतू जानवर की तरह अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ कर दिया. रमेश उठकर कुतिया बनी रिया की गांड देखने लगा.

रमेश- वाह … साली रंडी। तेरी गांड कितनी खूबसूरत लग रही है। चुदकर पूरी खुल गयी है। अंदर का गुलाबी हिस्सा अब बाहर से भी दिख रहा है। दस मिनट में ही मेरे लण्ड ने इसकी खूब खबर ले ली।
उसने उसकी गांड में उंगली घुसाते हुए कहा।

रिया- मेरी इस चुदी हुई गांड की एक फोटो ले लो डैडी, अच्छा रहेगा.
रमेश- हां. सही कहा.
रमेश ने फौरन कैमरे से रिया की गांड की तस्वीर ले ली। उसने रिया को गांड फैलाने के लिए कहा.

रिया गांड फैला कर लेट गयी. रमेश ने कभी करवट लेते हुए उसकी फोटो निकाली तो कभी पेट के बल लेटा कर उसकी नंगी गांड को कैमरे में कैद किया.
काफी फोटो लेने के बाद वो बोला- चल मेरी रंडी बेटी, अब मेरे लिये खाना लगा दे.

वो उठी और डैड का हुक्म मानते हुए तैयारी करने लगी.
sunder
 

Nevil singh

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गांड चुदाई के लम्बे दौर के बाद रमेश और रिया दोनों थक कर लेट गये थे.
रमेश- खाना खाकर कुछ देर रेस्ट कर लेते हैं. फिर तेरी गांड मारूँगा साली रंडी।

दो घंटे रेस्ट करने के बाद रमेश फिर से रिया के पास आ गया जो बेड पर थक कर सो रही थी।
कुछ देर उसकी रसीली गांड और चूत का स्वाद लेने के बाद रमेश का लण्ड पत्थर की तरह कड़क हो चला था जिसे अब रिया की गांड ही अपने अंदर लेकर मोम सा पिघला सकती थी।

रमेश ने रिया के चूतड़ों पर एक तमाचा मारा और बोला- उठ साली रंडी की बच्ची! छिनाल कुतिया, चल घोड़ी बन जा।
रिया- हां-हां जरूर डैड … उफ़्फ़फ़ … ये एक नया ही अहसास था। क्या मस्त मज़ा मिला आज। आज इस लण्ड को मैं अपनी गांड की पूरी गहराई का अहसास कराऊंगी.

वो बोला- पहले कुतिया बनकर चूस इसे। अपने थूक से नहला दे इसे साली कुतिया। तेरी गांड तो पहले से ही गीली है।
रिया झुककर कुतिया बन गयी और अपने बाल संवारते हुए लण्ड को अपने प्यासे मुंह में गले तक ले गयी।

वो लण्ड चूसने की उस्ताद थी। पापा का लंड उसे वाकई बहुत कड़क लग रहा था। उसने अपनी जुबान का भरपूर उपयोग किया। रमेश के आण्डों को सहलाते हुए वो उसका लंड मस्ती में चूसने में पूरी मग्न थी.

रमेश ने अपने एक पैर को रिया की पीठ पर रखा हुआ था और रिया के बाल सहलाते हुए उसको खूब गालियाँ दे रहा था- मादरचोद, मां की लौड़ी, भोसड़ीवाली, चुदक्कड़ रांड …
और भी कई अलंकारों से रमेश ने उसको नवाज़ा।

रिया गालियां सुनकर और ज्यादा जोश में आ रही थी और लंड चूसने की उसकी गति बढ़ती जा रही थी.

थोड़ी देर के बाद रमेश ने रिया के मुंह से लण्ड निकाल लिया।

फिर रिया उसी तरह घोड़ी बनी हुई थी. वो रमेश की ओर बेसब्री और कामुक अंदाज़ से उसको पीछे आते देख रही थी।
वो बोली- डैड, इस रंडी की गांड मारने के लिए तेल लगा लो! नहीं तो दुखेगा।

रमेश- तेरी गांड पहले से ही खुली हुई है साली रंडी. तेरी गांड को गीला करने के लिए थूक ही काफी है.
उसने काफी सारा थूक रिया की गांड पर लगा दिया. रिया भी थूक को अपनी गांड पर फैलाने लगी.

फिर रमेश ने रिया की गांड के छेद पर लण्ड टिकाया और पहले खूब रगड़ा लण्ड को उसके भूरे सिकुड़े हुए गांड के छेद पर। रिया को ये अहसास हुआ और उसे पता लग गया कि उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा लण्ड फिर से उसकी गांड में घुसने वाला है।

वो वासना से ओत प्रोत थी। रमेश ने रिया के बालों को कसकर पकड़ा और लण्ड को दूसरे हाथ से गांड में घुसाने लगा। लण्ड धीरे से गाँड की छेद की परिमिति को बढ़ाते हुए गाँड में प्रवेश करने लगा।
atisunder
 

Nevil singh

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रमेश धीरे से लण्ड घुसा रहा था मगर रिया की चीख अभी एक तिहाई सुपारा घुसने के समय ही निकलने लगी। रमेश डर गया और रुक गया. तब रिया पीछे मुडी और हंसते हुए बोली- अरे, डैड मजाक किया था, डालो ना।

इस पर रमेश ने उसके बालों को कसकर खींचा और बोला- साली देख अब तू, कैसे तेरी गाँड का गड्ढा बनाता हूं मैं. इतना चोदूंगा कि अपनी माँ को याद करोगी।

उसने एक जोर का धक्का मारा और पूरा लण्ड एक साथ रिया की कसी हुई गाँड में उतर गया।

रिया ने हालांकि गाँड बहुत मरवाई थी, मगर इतना मोटा तगड़ा लौड़ा ले रही थी इसलिए उसकी चीख निकल गयी। वो लगभग रोते हुए बोली- डैड आराम से तो पेलते, कहीं गांड फट जाती तो?

रमेश- तुमको अब पता चला ना कि कैसा लगता है गाँड में लण्ड घुसता है तो। अब तो घुस गया. थोड़ी देर में गाँड उसको जगह दे देगी और तुमको मज़ा आएगा।

रिया- अरे डैड, मैं अपना सब तुमको दे चुकी हूं और साथ में मज़ा लूटना है ना! आआहह … थोड़ी देर बस लण्ड को गाँड में स्थिर रखो फिर खूब चोदना। तुमने तो लंड ऐसे घुसाया कि लंड को गांड से डाल कर मुंह से निकाल दोगे!

रमेश- ठीक है साली रंडी, मगर तूने ही मुझे उकसाया था. तेरे मस्त चूतड़ और तेरी गांड के उभरे हुए छेद को देख कर मुझसे रहा नहीं गया.
कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद रिया ने कहा- हाँ अब लगता है कि गाँड अभ्यस्त हो गयी है। अब चोदो अपनी रंडी बेटी की गाँड को जितना जी चाहे। अब मज़ा आएगा डैडी।

ये सुन कर रमेश ने रिया की गाँड के छेद, जिसमें उसका लण्ड ऐसे फंसा था जैसे गूँथे हुए आटे में किसी ने लकड़ी गाड़ दी हो, पर थूक दिया। गाँड के छेद के किनारे गहरे भूरे रंग के थे।

रमेश ने अपनी उंगली से थूक को छेद के चारों ओर पोत दिया। फिर उसने लण्ड को धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया. लण्ड को वो बमुश्किल आधा इंच ही अंदर बाहर कर रहा था।

धीरे धीरे उसने अपनी रफ्तार बढ़ानी शुरू की। उसे अपने लण्ड पर गाँड का कसाव मूंग के हलवे की तरह लग रहा था। लण्ड का अहसास रिया को भी बहुत आनन्ददायक लग रहा था।

गाँड के अंदर जो नर्व एन्डिंग्स होती हैं वहां पर रिया को लंड का घर्षण बहुत मजा दे रहा था. इसलिए गाँड की चुदाई का मज़ा डबल हो रहा था। रमेश गाँड मारने में मस्त था तो रिया गाँड मरवाने में मस्त थी।

धीरे धीरे उनकी मस्ती अब आक्रामक कामुक जोश में बदलने लगी। रमेश अब आधे से भी ज़्यादा लण्ड अंदर बाहर कर रहा था। रिया भी अपनी गाँड पीछे करके लण्ड लेने में कोई कोताही नहीं बरत रही थी। रमेश एक हाथ से रिया के बाल खींच रहा था और दूसरे हाथ से उसके चर्बीदार चूतड़ों को मसल रहा था।

अब पूरी तेज़ी से गाँड की चुदाई चल रही थी। रिया की गाँड से कुछ ग्रीज़ की तरह तरल पदार्थ रिसने लगा और रमेश के लण्ड पर चिपकने लगा। रमेश ने ये देखा तो उसने सोचा कि क्यों न रिया की गांड के इस लसलसे पदार्थ को रिया से ही चटवाया जाये!
bahut sunder
 

Nevil singh

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रमेश ने ये सोचकर कमर की हरकत रोक दी। फिर दोनों चूतड़ों को फैलाकर अपने लण्ड को धीरे धीरे बाहर निकाला। रिया की गांड का छेद रमेश के लंड की गोलाई के जितना चौड़ा हो गया था. लंड पर पूरा चिपचिपा पदार्थ लगा हुआ था.

रिया की गांड का अंदर का गुलाबी हिस्सा साफ साफ दिख रहा था. लंड बाहर निकला तो रिया की सांसों के साथ ही उसकी गांड के अंदर का हिस्सा भी ऊपर नीचे हो रहा था. रमेश ने गांड के अंदर ही थूक दिया। वो ये दृश्य देखकर जैसे मदहोश हो रहा था.

तभी रिया ने टोका- क्या हुआ डैड? क्यों निकाल लिया लण्ड बाहर?
रमेश ने उसकी ओर मुस्कुरा कर देखा और बोला- इधर आ साली कुतिया और चूस इस लण्ड पर लगे अपनी गांड के रस को.

रिया पीछे घूम गयी और उसने लण्ड को जड़ से पकड़ लिया. फिर रमेश की आंखों में देखते हुए अपनी जीभ बाहर निकाली और लण्ड के निचले हिस्से को चाटने लगी। फिर सुपारे पर चूसने लगी और फिर लंड के दायें बायें और फिर ऊपरी हिस्से पर अपनी जुबान फिराने लगी.

रमेश उसके बालों को संवारते हुए उसकी ओर प्यार से देख रहा था। रिया ने उसकी ओर देखा और कहा- मेरी गांड तो बहुत मीठी है डैड.
रमेश- क्यों ना होगी? तुम हो ही स्वीट, अब पता चला कि हम मर्द लोग गांड को क्यों चाटते हैं?

रिया के मुंह मे लण्ड था, मगर फिर भी उसकी हंसी रुक नहीं पाई।
वो बोली- अब रोज़ चटवाऊंगी और चाटूंगी लंड से चुदवाने के बाद। डैड, ये एक नई चीज पता चली मुझे आज।

फिर रमेश ने लण्ड को छुड़ा लिया और बोला- अभी पहले तुम्हारी गांड की चुदाई अधूरी है। तुम अपनी चूत को मसलती रहना, तब तुमको और मज़ा आएगा।

रमेश ने रिया को पीठ के बल अपने सामने लिटा दिया। उसके बाल बिखरे हुए थे। होंठों पर लण्ड चूसने के बाद चमक थी। आंखों में कामुकता की प्यास थी। चूचियां तनकर पहाड़ सी लग रही थीं। रमेश ने उसकी गांड़ के नीचे तकिया लगा दिया और फिर उसकी गांड में लण्ड घुसा दिया।

रिया अपनी चूत मसलने लगी और रमेश ने उसकी दोनों चूचियों को अपने पंजों की गिरफ्त में ले लिया। अब फिर से घमासान चुदाई शुरू होने वाली थी।
रमेश ने अब रिया की गांड फिर से मारनी शुरू कर दी।

अब रिया की गाँड भी ढीली हो चुकी थी। अब लण्ड के आवागमन में कोई दिक्कत नहीं थी। वो गांड मरवाते हुए अपनी चूत के दाने को छेड़ रही थी। रमेश ने उसकी चूत पर थूक दिया तो रिया उसे पूरी चूत पर मलने लगी।

रिया- आआहह डैड … ऐसे ही! आआहह … उफ़्फ़फ़ … चोदो इस्स! लण्ड चाहे चूत में घुसे या गाँड में, लण्ड को पाने के बाद लड़की मस्त हो ही जाती है।

रमेश- बेटी, देखो ना तुम्हारी गाँड कैसे लण्ड को अपने अंदर समा रही है। जैसे यह मेरे लण्ड का स्वागत कर रही है और कह रही है कि आओ और मुझे जरा और ज्यादा फैला दो।
achchhi
 

Nevil singh

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रिया- लड़कियों की गाँड चुदने के लिए ही बनी है डैड, ये बात समझ लो। तो फिर क्यों ना स्वागत करे वो। उस पर इतना मस्त लौड़ा … आआहह हह्ह। चोदो अपनी रंडी बेटी की गाँड को और अपने लण्ड की मोहर लगा दो. उफ़्फ़फ़ … मुझे पेशाब भी लग रहा है।

रमेश- तुम फिक्र मत करो बेटी. थोड़ी देर रुक जाओ. तुम्हारी तबियत से गांड मरवाई होगी. कोई कमी नहीं रहने दूंगा। अपनी रंडी की हर ख्वाइश पूरी करेंगे। तेरी गाँड ने पहले से ही लण्ड को जकड़ रखा है, जैसे उसे अंदर खींच रही है. उफ़्फ़फ़ … आह … ओह्ह … साली रांड।

रिया- मुठ गिरने वाला है क्या डैड?
रमेश- हाँ, पियोगी? आह्हह …
रिया- अंदर ही गिरा दो डैड! मेरा भी होने वाला है।
रमेश- ठीक है, ये ले रंडी।

करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद रमेश ने मुठ अपनी रंडी बेटी की गाँड में निकाल दिया। करीब 5-7 पिचकारी मारते हुए रमेश चीखता हुआ रिया की चूचियों पर सर रखकर लेट गया।

उधर चूत के मसलने और गाँड में मुठ की धाराओं को महसूस करके रिया भी झड़ गयी और दोनों उसी तरह लेटे रहे। थोड़ी देर बाद रमेश का लण्ड धीरे से निकलने लगा तो रिया ने अपनी गाँड में पास पड़ी अपनी पैंटी घुसा ली और फिर अपने डैड को गले से चिपका लिया।

रमेश जैसे बेहोश था। दोनों गांड मरवाई से थक चुके थे।

कुछ देर बाद:

रमेश- अब तेरा सूसू नहीं आ रहा क्या साली रंडी? गाण्ड मारने के वक्त तो बहुत चिल्ला रही थी तू?
रिया- डैड उस वक्त आया था. अब नहीं आ रहा है।

रमेश- जा अब कर ले. नहीं तो फिर से लौड़ा चूत के अन्दर जाएगा तो दोबारा बोलोगी. तब तक मैं थोड़ा रेस्ट कर लूँ।
रिया- हाँ डैड, सही कहा आपने. चुदाई के वक्त फिर से आ गया तो हमारा मज़ा खराब हो जाएगा।

रिया जब उठी तो उसको गाण्ड में दर्द महसूस हुआ. वो जब चलने लगी तो दर्द की वजह से उसकी चाल बदल गई. वो कूल्हे उठा कर चल रही थी। रिया गाण्ड को मटकाती हुई सीधी बाथरूम की तरफ़ चली गई।

रमेश आराम से लेटा हुआ था.
तभी उसके दिमाग़ में कोई बात आई और वो उठकर सीधा बाथरूम की तरफ़ भागा तो देखा रिया पेशाब करने बैठी ही थी.
रमेश को देख कर खड़ी हो गई और चौंकती हुई बोली- ओह्ह … डैड ये क्या है! मैं तो डर गई. आप ऐसे अचानक आ गए?

वो बोला- अच्छा हुआ साली रंडी तूने सूसू नहीं किया. मेरा भी सूसू आया है. चल दोनों साथ में करेंगे. मज़ा आएगा.
रिया- हा हा हा … कुछ भी बोलते हो डैड। सूसू साथ में करने में क्या मज़ा?

रमेश- तू देख तो सही रंडी कि मैं क्या करता हूँ? मज़ा ना आए तो कहना!
रिया- जो करना है जल्दी करो डैड. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा. बड़ी ज़ोर का सूसू आया है।

फिर रमेश नीचे बैठ गया और रिया को करीब खींच कर अपनी जाँघों पर बिठा कर उसके मम्मों को चूसने लगा। उसका लौड़ा एकदम कड़क हो गया. उसने रिया की चूत पर लौड़ा टिका दिया और हल्का सा अन्दर पेल दिया।
rashpriye
 

Nevil singh

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रिया सिसकारते हुए बोली- आह्ह … डैड क्या कर रहे हो … पहले सूसू तो करने दो … आप बाद में आराम से चोद लेना।
रमेश- मेरी जान … मैं चोद नहीं रहा हूँ. अब तू ज़ोर लगा के सूसू कर. देख कितना मज़ा आता है!

रमेश की बात को रिया समझ गई. वो मुस्कराने लगी और अपने डैड के गले में हाथ डालकर उसने एक किस कर दिया।
रमेश- अब सूसू करो. मैं धीरे-धीरे तुम्हारी चूत में लौड़ा डालूँगा. बहुत मज़ा आएगा।

रिया ने सूसू करना शुरू कर दिया. उसकी चूत से सीटी की आवाज़ निकलने लगी. उसकी गर्म-गर्म सूसू रमेश की जाँघों पर लगी तो उसको बहुत मज़ा आया और उसी पल रमेश ने भी सूसू की धार रिया की चूत में मार दी।

इससे रिया एकदम से चिहुँक सी गई. उसको चूत में अजीब सा अहसास होने लगा। कुछ देर तक दोनों सूसू करते रहे। कितना आनंद आ रहा था। जब दोनों सूसू कर चुके तो एक-दूसरे को देख कर हँसने लगे।

रिया- हा हा हा डैड, आपकी सूसू कितनी गर्म थी. मेरी चूत की सिकाई हो गई. थोड़ा सा गाण्ड में भी कर देते तो मज़ा आ जाता।
रमेश- तेरी चूत से कौन सी कोल्ड ड्रिंक बाहर आई है साली कुतिया? वो भी गर्म ही थी और तेरी गाण्ड में सूसू करने वाली इच्छा भी दोबारा मैं पूरी कर दूँगा।

वो बोली- डैड आपकी पूरी जाँघें और पेट सूसू से सन गया है. पहले नहा लेते हैं. उसके बाद बेडरूम में जाएँगे, नहीं तो पूरा बिस्तर खराब हो जाएगा और बदबू भी आएगी.

रमेश- ठीक है मेरी जान. लेकिन ऐसा मत कहो कि बदबू आएगी. ये तो अमृत है. मेरा तो दिल करता है कि तेरी चूत से निकला इसका एक-एक कतरा पी जाऊँ।

रिया- छी: छी: कितने गंदे हो डैड. सूसू पीने की बात कर रहे हो!
रमेश- अरे मजाक कर रहा हूँ साली रंडी।
फिर दोनों फ्रेश होकर बाहर आ गए।
rashik
 

Nevil singh

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अगले दिन सुबह दोनों फ्रेश हो गए. तब रमेश ने रिया को पूरी तरह से नंगी होकर डांस करने को कहा।
रमेश ने म्यूजिक ऑन किया और एक बेहद सेक्सी गाना
एक तो कम ज़िन्दगानी
कमरे में बजने लगा।

रिया उस गाने की बीट पकड़ कर नाचने लगी। रिया को अपनी माँ से नाचने की कला विरासत में मिली थी। अब तो रमेश का बुरा हाल होने लगा।

इस गाने पर नाचते हुए रिया बेहद कामुक मूव्स कर रही थी जो कि उस भद्दे गाने की बोल से मिल रहे थे- जैसे अपने चूतड़ों को ज़ोर ज़ोर से हिलाना। चूचियों को उठा उठा कर हिलाना। होंठों को रगड़ना, आंखे मारना, अपनी चूत को वो इस सब के दौरान छुपाए हुए थी।

रमेश खुश भी था और हैरान भी अपनी रंडी बेटी का ये रूप देखकर।

थोड़ी देर बाद गाना बंद हो गया और रमेश ने ताली बजाई। रिया ने हंसकर हाथ के इशारे से धन्यवाद किया।

फिर रमेश उसके पास आ गया और दूसरा गाना लगाया
भीगे होंठ तेरे … प्यासा दिल मेरा
इमरान हाशमी और मल्लिका वाला।

दोनों ही उस धुन पर नंगे होकर नाचने लगे। इस दौरान रमेश और रिया ने एक दूसरे को कितनी बार चूमा, सहलाया उसका कोई हिसाब नहीं था। दोनों बिल्कुल एक दूसरे में मग्न हो गए थे।

जब गाना खत्म हुआ तो रिया रमेश की कमर के आसपास कैंची बनाकर उसकी गोद में चढ़ी हुई थी। रिया को ऐसे ही उठाकर रमेश अब कमरे की ओर बढ़ चला। दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कराते हुए हांफ रहे थे।

रमेश रिया को कमरे में ले आया तो रिया ने रमेश से कहा- डैड आज का दिन यादगार बनाना होगा। तुम्हारे लण्ड की कसम, आज पूरा दिन चुदवाऊंगी. इसलिए आज हम तुम दोनों ही सेक्स की दवा खा लेते हैं।

रमेश- कहाँ रखे हुए हो जान सेक्स की दवा?
रिया- वहां रैक पर रखी है। आज के दिन की तैयारी है।
पहले उसने रिया को बिस्तर पर रखा. फिर वियाग्रा लाया. दोनों ने एक एक गोली खा ली.

फिर रमेश को देख रिया बोली- ये देखो डैड, तुमको ये देखकर अच्छा लगेगा।
रमेश- क्या?
रिया ने अपनी चूत फैला कर दिखा दी.

रमेश- साली रंडी, आज दिनभर तुमको खूब चोदूंगा. तू टेंशन मत ले।
रिया- जैसे मन करे वैसे चोदो डैड। मैं तुम्हारी दासी हूं.
रमेश- ठीक है, बेड से उतर और कुतिया बन जा फिर।

रिया ने वैसे ही किया। वो कुतिया की तरह चौपाया हो गयी। फिर रमेश उसके बालों को पकड़कर उसको अपने कमरे में ले गया और रिया के गले में कुतिया वाला पट्टा पहना दिया जिसमें चेन भी लगी हुई थी ।

फिर वह रिया को किसी कुतिया की तरह खींचते हुए उसके कमरे में ले गया।
उसने पूछा- लिपस्टिक कहां है तुम्हारी?
रिया- वो वहां दराज़ में है।

इतना कहना था कि रमेश ने एक थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया और बोला- कुतिया बोलती नहीं सिर्फ भौंकती है. जीभ बाहर लटकाती है। इशारों से बात कर हरामज़ादी कुत्ती कमीनी, तेरी मां को चोदूं भोसड़ीवाली, कुतिया की पिल्ली।

रिया का चेहरा लाल हो उठा। मगर उसे समझ आ गया था कि रमेश शायद आज कोई नरमी नहीं बरतेगा। कहीं ना कहीं वो भी रमेश के हाथों जलील होना पसंद करती थी।

रिया- भौं-भौं … भौं-भौं … ठीक है?
रमेश- हां ये हुई ना बात, कुतिया साली।
रमेश ने लिपस्टिक निकाला और रिया के माथे पर हिंदी में लिखा- रंडी।
gorgeous
 

Nevil singh

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रमेश ने उसके सामने फर्श पर थूका और रिया से बोला- चाट ले इसे। रिया एक पालतू कुतिया की तरह लपलपाती जीभ से बिना एक पल हिचके थूक चाट गयी।
रमेश- और चाटेगी?

रिया- भौं-भौं वुफ.. (जरूर जरूर, हां)।
रमेश ने उसके खुले मुंह में थूक दिया।
रिया उसे अमृत समझ कर निगल गयी।

रमेश- रिया माई बिच, हमारा फोन ले आओ।

आदेश पर रिया सुरेश का फोन अपने मुँह में उठा लाई. रिया की गांड को सहलाते हुए रमेश ने उससे फोन ले लिया. फिर रमेश ने रिया की कुछ तस्वीरें निकाली. रिया बिल्कुल कुतिया बनी हुई थी।
रमेश- तुम अब वापिस उठ सकती हो।

रिया उठकर रमेश के पास बैठ गयी।
फिर रमेश ने उससे पूछा- कैसा लगा रंडी बेटी ?
रिया- डैड आप बुरा तो नहीं मानोगे ना, या मुझे गलत तो नहीं समझोगे? मुझे गलत मत समझना। जो तुमने अभी किया उसमें मुझे बहुत मज़ा आया। आज तक मैंने ऐसे केवल ब्लू फिल्मों में देखा था.

रमेश- मैं बुरा क्यों मानूंगा? पगला गयी हो क्या? तुझे अगर मज़ा आया तो मुझे डबल मज़ा आया ये करने में।
रिया- मेरा हमेशा से इसी तरह चुदने का मन है। खूब गंदी चुदाई, गाली गलौच से भरी हुई चुदाई। आप मुझे एकदम घटिया सस्ती रंडी बनाकर चोदो। ऐसे चोदो कि कल सुबह मैं अपनी नज़रों से गिर जाऊं।

रिया- आप तो बहुत प्यार से चोदते हो। ना तो भद्दी भद्दी गालियां देते हो, ना मुझे जलील करते हो। मुझे अहसास दिलाओ कि मैं केवल चुदने के लिए ही बनी हूं. तुमने मुझे खरीद लिया है. अब मैं केवल तुम्हारे भोगने की चीज़ हूं. मेरे अंदर अपनी बेटी को नहीं एक कोठे की रंडी को देखो. आपको खुश …

बीच में टोकते हुए रमेश बोला- एक मिनट … एक मिनट … तुम ये सब जो बोल रही हो, सच में बोल रही हो ना? तुम सच में हमारी बेटी हो ना? मुझे नहीं पता था कि तुझे ऐसे चुदवाने का शौक है। अब तो बस तुम देखोगी कि मैं तुझे जलील करते हुए सस्ती रंडी बना कर चोदता हूं.

रिया- मुझे हमेशा से ऐसे ही चुदने का मन है। मगर शर्म से बोल नहीं पाती थी।
रमेश- अरे रंडी की बच्ची, चल अब शर्म को हमेशा के लिए टाटा बोल दो क्योंकि अब जो तुम्हारे साथ होगा उसमें तो शर्म को भी शर्म आ जायेगी। जा अपनी गंदी कच्छी ले आ और किचन से गिलास और खीर ले आओ।

गांड मटकाते हुए रिया चली गयी। रमेश अपने लण्ड को देखकर सोच रहा था कि क्या किस्मत है उसकी। रिया थोड़ी देर बाद वापस आ गयी। उसके हाथ में गंदी मैरून रंग की पैंटी थी। दूसरे हाथ में कटोरी में खीर और गिलास था।

रमेश- छिनाल सुन इधर सामने आ और अपनी बुर को फैला।
उसने रिया की गंदी पैंटी को उसकी चूत में घुसा दिया। उसके बाद उसने रिया को पीछे घोड़ी बनने को बोला।

रिया तुरंत घोड़ी बन गयी और पीछे मुड़कर बोली- क्या करने वाले हो?”
रमेश- चल अपनी गांड को फैला. तुम्हारी गांड में ये सारी खीर जायेगी.
रिया उत्साहित होकर- क्या??

रमेश- हाँ, सही सुना तुमने। चलो फैलाओ।
रिया ने वैसा ही करते हुए कहा- ये लो।
रमेश ने धीरे धीरे एक एक चम्मच करके सारी खीर रिया की गांड में ठूंस दी.
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Nevil singh

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रिया हंसते-मुस्कराते हुए सब देख रही थी और मज़े ले रही थी। तब रमेश ने रिया के बाल पकड़कर अपनी तरफ घुमा लिया और उसके हाथों में वो कटोरी पकड़ा दी।
रमेश- कैसा लग रहा है तुझे बुरचोदी साली रंडी?
रिया- सारी खीर तो तुमने गांड में डाल दी. अब क्या करोगे?

रमेश- वो अभी रहने दो। पहले अब लण्ड चूसो। जब तुम चुसोगी तो तुम अपना थूक इस कटोरे में चुआओगी। मेरे लण्ड से जो तुम्हारा थूक चूएगा वो भी इस कटोरे में और मैं जो थूकूंगा वो भी इसी में। इसे फेंकना मत हराम की पिल्ली।
रिया- ओह वाओ … ठीक है।

वो रमेश का लण्ड चूसने लगी। रमेश आराम से बेड पर बैठा था और रिया अपने मुंह का जादू दिखा रही थी। रमेश रिया के चूतड़ों को सहलाते हुए उस पर थप्पड़ भी मार रहा था। रिया धीरे धीरे रमेश के लण्ड को कसके चूसने लगी।

रमेश ने रिया को भद्दी भद्दी गालियां देने शुरू कर दिया- क्या बात है माँ की लौड़ी, भोसड़ी वाली, साली तुझे तो पोर्नस्टार होना चाहिए। कहां से तू यहां हमारे घर में पैदा हो गयी? तुझे तो अमेरिका में पैदा होना चाहिए था. वो भी किसी पोर्नस्टार के घर या रंडी के घर। तुझ पर शराफत जंचेगी ही नहीं। अच्छा हुआ अपना असली रूप तूने खुलकर बता दिया, अपने अंदर ऐसी खतरनाक जंगली बिल्ली छुपा कर रखी थी तूने मादरचोद!

रिया मुस्कुराते हुए लण्ड चूस रही थी।

तभी रमेश ने लण्ड का दबाव रिया के हलक तक पहुंचा दिया। रिया हटना चाहती थी मगर रमेश ने उसपर जोर बनाये रखा। उसके होंठ रमेश के लण्ड की जड़ में टकरा रहे थे। रिया गूं … गूं … करते हुए उबकाई के साथ स्वतः छूट गई।

लण्ड उसके मुंह से बाहर निकल आया जो कि पूरा का पूरा थूक से सना हुआ था. लण्ड से थूक चूने लगा तो रिया ने कटोरी लण्ड के नीचे लगा दी और अपने मुंह से चूते हुई लार को हाथों में इकट्ठा कर उस कटोरी में डाल दिया।

रमेश ने उसी वक़्त रिया से कहा- अरे बड़े घर की छिनाल लड़की, इतने से काम नहीं चलेगा। तुमको टाइम बढ़ाना होगा।
रिया ने हाँ में सर हिलाया। फिर दोबारा से रमेश के लण्ड को मुंह मे घुसा लिया उसने।

सिसकारते हुए रमेश बोला- हाँ.. आआहह … आ … आ … बहुत अच्छे मेरी जान … अच्छा कर रही हो। ये लो इनाम।
ये कह कर रमेश ने उस कटोरी में थूक का बड़ा लौंदा गिरा दिया।

रिया ने कटोरी बढाकर उसमें थूक ले लिया। रिया फिर कटोरी को अपने मुंह के ठीक नीचे, जहां लण्ड उसके मुंह मे घुसा था, लगा दिया। उसके मुंह से लगातार थूक और लार अब चूने लगे थे।

रमेश को ये बेहद कामुक लग रहा था। रिया धीरे धीरे अपनी स्पीड भी बढ़ा रही थी। उसने रमेश के लण्ड को और अंदर लेना शुरू किया। रमेश उसके गालों पर हल्की थपकियां मार रहा था।

रिया ने धीरे से पूरा लण्ड अपने मुंह मे समा लिया और रमेश के लण्ड के अंतिम छोर तक जा पहुंची।
रमेश ने उसका उत्साह बढ़ाया- हां, साली रंडी कुतिया ऐसे ही, बहुत अच्छे। अभी मुंह में लिए रह, देखूं तो सही मैं कि तू कितनी देर तक रुक सकती है।
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Nevil singh

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रिया आँखें बड़ी करके अपने डैड की आंखों में देख रही थी और रमेश के प्रोत्साहन से सांसें थाम कोई 15 सेकण्ड्स तक टिकी रही। फिर गैग रिफ्लेक्स की वजह से स्वतः अलग हो गयी और हांफते हुए हंसने लगी.

रमेश भी हंसने लगा.
रिया- ठीक कर रही हूं ना डैडी मैं?
रमेश- हम्म ….मगर मुझे लगता है कि तुम इससे और अच्छा कर सकती हो. ट्राय करो.

ये कह कर रमेश ने रिया के चेहरे को वापस भीगे लण्ड पर झुका दिया। रिया फिर लण्ड चूसने की प्रक्रिया में लीन हो गयी। रिया इस बार खुद को ही हराने के चक्कर में थी। इस बार उसने पूरे 30 सेकंड तक पूरे लण्ड को अपने हलक में छुपाए रखा।

रमेश को इतनी देर तक रिया के टिके रहने की उम्मीद नहीं थी। रमेश के आंड रिया की ठुड्ढी पर लटक रहे थे। रिया के चेहरे का निचला हिस्सा पूरी तरह गीला हो चुका था।

उसके हाथों में रखी कटोरी आधी भर चुकी थी। आखिरकार रिया ने मुंह से लण्ड को निकाला। रमेश ने उसके लिए ताली बजाई। रिया करीब 10 मिनट तक लण्ड चूसती रही।
रमेश- चल अब मैं तेरी गांड को चोदने का मजा लूंगा और तुझे भी बहुत मजा आयेगा.

रिया- मगर गांड में तो आपने खीर भर रखी है डैडी।
रमेश- लण्ड अपनी जगह बना लेगा साली रंडी। तू कुतिया बन जा।
रिया फिर चौपाया हो गयी और रमेश के सामने अपनी भूरी छेद वाली गाँड परोस दी।

रमेश ने उसके भारी भरकम चूतड़ों पर पहले थूका और तीन चार करारे थप्पड़ मारे। रिया थप्पड़ से उठे दर्द से ज्यादा आनंद महसूस कर रही थी। उसने खुद ही अपने चूतड़ पर तमाचे मारे- सटाक … सटाक … और मारो.. मेरी गांड पर। लाल कर दो डैडी.

वो ऐसा करते हुए अपनी गांड को जोर जोर से हिला रही थी. रमेश ने कई और थप्पड़ जोर से मारे.
रमेश ने फिर अपना लण्ड रिया की गांड पर रखा और पूछा- क्यों रे रंडी की बच्ची, लण्ड चाहिए?

रिया- हहम्म, हां चाहिए मुझे डैडी.
रमेश- क्या चाहिए कुत्ती खुलकर बोल? रमेश उसके बाल खींचते हुए बोला।
रिया- लण्ड … आपका लण्ड मुझे मेरी गांड में चाहिए डैडी। मुझे अपने लंड का ईनाम दे दो डैडी।

रमेश- भीख मांग लण्ड के लिए।
रिया- प्लीज डैडी, मैं आपके लंड की भीख मांग रही हूं. प्लीज ये मस्त लंड मेरी गांड में डाल दो. मेरी गांड चोद दो डैडी. प्लीज डैडी … मेरी गांड की चुदाई कर दो।

तभी रमेश ने अचानक से लंड के आगे का हिस्सा रिया की गांड में घुसा दिया. रिया के मुंह से चीख निकली मगर रमेश को कोई फर्क नहीं पड़ा। रिया के बाल पकड़े हुए उसने लण्ड को घुसाना चालू रखा। रिया एक हाथ से अपने बाएं चूतड़ को पकड़े हुए थी।

उसकी गांड के अंदर मौजूद खीर लण्ड के दबाव की वजह से और अंदर तक घुस रही थी. रमेश के लण्ड पर खीर का दबाव एक गद्दे की तरह लग रहा था। थोड़ी देर में रिया की गांड रमेश के घुसपैठिये लण्ड से अभ्यस्त हो चुकी थी।

रमेश रिया की गांड में लंड को रखे हुए उसकी गांड का पूरा पूरा अंदाजा लगा पा रहा था. एक तो रिया की गांड में नैचुरल मक्खन जैसा टेक्सचर था और अब खीर उसमें क़यामत ढहा रही थी।

वो बोला- पता है तुम्हारी गांड लाखों में एक है. बहुत ही मस्त शेप है तुम्हारे चूतड़ों की.
ये बोल कर उसने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किये. रिया के मुंह से सीत्कारें उठने लगीं.

रमेश उसकी गांड पर बने टैटू को छूते हुए कस कर उसकी गांड मारने लगा. रिया के पास चीखें मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। रमेश को उसमें बेहद आनंद आ रहा था।

अब रिया की गांड चुदाई जोर से होने के कारण उसकी गांड से खीर भी बाहर गिरने लगी थी. रमेश ने कुछ नहीं कहा. अब रिया भी गांड में लंड के दिये दर्द से निकल कर आनंद की चौखट को चूम रही थी.

रिया पीछे मुड़ते हुए बड़बड़ायी- आह्हह डैडी, बहुत मजा आ रहा है … आह्ह चोदते रहो डैडी, मेरे प्यारे डैडी, मेरी गांड को दिन रात चोदते रहो. मैं आपके लंड की दीवानी हूं. अब मेरी गांड भी आपके लंड की दीवानी है.

रमेश- हां मेरी रंडी रानी. तेरी गांड में जो खीर है वो मुझे तेरी गांड चुदाई का और ज्यादा मजा दे रही है. तेरी चुदाई के बाद मैं तुझे लंड का स्वाद भी तेरे मुंह में दूंगा. तेरी गांड में हलवा तैयार कर रहा हूं मेरी रंडी बेटी.

तेरी गांड को चोद चोद कर उसमें एक मिश्रण बना दूंगा. जिसमें खीर और लंड का स्वाद होगा. खायेगी न बेटी?
रिया पर सेक्स और वियाग्रा का नशा चढ़ा हुआ था. वो मदहोशी में बोली- आह्ह … उम्म.. सोच कर ही मुंह में पानी आ रहा है डैडी. ऐसी टेस्टी खीर तो मैं पहली बार खाऊंगी. लाओ दो न डैडी।
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