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Incest बेटी की जवानी - बाप ने अपनी ही बेटी को पटाया - 🔥 Super Hot 🔥

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कहानी में अंग्रेज़ी संवाद अब देवनागरी की जगह लैटिन में अप्डेट किया गया है. साथ ही, कहानी के कुछ अध्याय डिलीट कर दिए गए हैं, उनकी जगह नए पोस्ट कर रही हूँ. पुराने पाठक शुरू से या फिर 'बुरा सपना' से आगे पढ़ें.

INDEX:

 

Siraj Patel

The name is enough
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

As you all know, in previous week we announced USC and also opened Rules and Queries thread after some time. Before all this, chit-chat thread already opened in Hindi section.

Well, Just want to inform that it is a Short story contest, in this you can post post story under any prefix. with minimum 700 words and maximum 7000 words . That is why, i want to invite you so that you can portray your thoughts using your words into a story which whole xforum would watch. This is a great step for you and for your stories cause USC's stories are read by every reader of Xforum. You are one of the best writers of Xforum, and your story is also going very well. That is why We whole heatedly request you to write a short story For USC. We know that you do not have time to spare but even after that we also know that you are capable of doing everything and bound to no limits.

And the readers who does not want to write they can also participate for the "Best Readers Award" .. You just have to give your reviews on the Posted stories in USC

"Winning Writer's will be awarded with Cash prizes and another awards "and along with that they get a chance to sticky their thread in their section so their thread remains on the top. That is why This is a fantastic chance for you all to make a great image on the mind of all reader and stretch your reach to the mark. This is a golden chance for all of you to portrait your thoughts into words to show us here in USC. So, bring it on and show us all your ideas, show it to the world.

Entry thread will be opened on 7th February, meaning you can start submission of your stories from 7th of feb and that will be opened till 25th of feb. During this you can post your story, so it is better for you to start writing your story in the given time.

And one more thing! Story is to be posted in one post only, cause this is a short story contest that means we can only hope for short stories. So you are not permitted to post your story in many post/parts. If you have any query regarding this, you can contact any staff member.



To chat or ask any doubt on a story, Use this thread — Chit Chat Thread

To Give review on USC's stories, Use this thread — Review Thread

To Chit Chat regarding the contest, Use this thread— Rules & Queries Thread

To post your story, use this thread — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

Raj incest lover

Well-Known Member
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maharaaj papa shaadi hone to dein meri...

23 - पापा

कुछ देर बाद मनिका ने हौले से हिल कर अपने पिता से कहा कि वे आराम से सो जाएँ. जयसिंह ने भी उसे जाने दिया.

मनिका बेड पर अपनी साइड आ कर लेट गई. उसने करवट दूसरी तरफ़ कर रखी थी.

“हाय! पापा ने उस रात मुझे नोटिस किया था… शॉर्ट्स में… पर कुछ कहा नहीं था ताकि मुझे बुरा ना लग जाए… कितने अच्छे है पापा… पर कितनी तारीफ कर रहे थे अभी कि… I was looking very beautiful… हाय, सब कुछ देख लिया था उन्होंने सुबह-सुबह मतलब… शॉर्ट्स तो पूरी ऊपर हुई पड़ी थी… he saw my naked bums… तो क्या उनका डिक इरेक्ट हुआ था… नहीं! Oh God!”

उसका ये सोचना हुआ कि उसे अपने पीछे जयसिंह के होने का एहसास हुआ. उसका दिल जैसे थम गया. “पापा क्या कर रहे हैं?”

जयसिंह ने पीछे से उसके साथ सटकर उसके गाल पर एक किस्स करते हुए कहा,
“I forgot our goodnight kiss… good night darling.”
“Oh papa… good night…” मनिका सिहरते हुए बोली.

जयसिंह ने अब उसे अपने आग़ोश में लेते हुए अपना गाल आगे कर दिया. मनिका ने भी हौले से उनके गाल पर पप्पी कर दी,

‘पुच्च’

फिर उसका चेहरा मोहरा सब सफ़ेद पड़ गए.

जयसिंह उसे छोड़ पीछे होने लगे थे, लेकिन पीछे होने से पहले उन्होंने धीरे से अपना अधोभाग आगे किया और हौले से मनिका की गांड पर अपना खड़ा लंड गड़ा दिया.

“आह!” मनिका के मुँह से एक मादक सी आ निकली.

तब तक जयसिंह पीछे हो कर सो चुके थे, लेकिन वो एक क्षणिक एहसास जो उन्होंने दिया था, उसने मनिका को फिर से उस अंधेरी दुनिया में धकेल दिया था जहाँ से निकलने के वो लाख जतन कर रही थी.

“हाय! क्या वो… पापा का डिक था… हाय… भगवान… पापा ने पीछे से हग किया था मुझे… और उनका वो… बिग ब्लैक कॉक… मेरे बम्स पर लग गया…”

उसने अपने आप को भींच कर उस एहसास को झटकना चाहा, लेकिन उसकी गांड से लेकर उसकी योनि में एक तरंग दौड़ रही थी. कैसा एहसास था ये?

“आज फिर देख लिया था उनका डिक मैंने… हाय कैसे लटकता है… कितना बड़ा है… सच में… उस पॉर्न साइट वाले आदमी जैसा है… तो क्या मर्दों का डिक बाक़ी जनों से बड़ा होता है? उस आदमी का भी पूरे टाइम इरेक्ट ही था… और पापा का भी… कैसे पैंट में रखते होंगे… इतना बड़ा…”

सोचते-सोचते मनिका के कानों में सीटी बजने लगी थी.

“पापा बोले कि… he treats me like a grown up girl… तभी मुझे मनिका कहते हैं… बोल रहे थे हमारी बॉडी की ज़रूरतें अलग-अलग है… and he understands that… सो मैं शरम ना करूँ… पर वो मेरे पापा है… शरम तो आएगी ही ना… he says… सोसाइटी के लिए हम फादर और डॉटर हैं… लेकिन… we are also a man and woman… and he admires me like that… हाय… I also admire him so much… काश पापा जैसा कोई बॉयफ़्रेंड मिल जाता… बड़े डिक वाला… हाय… नहीं-नहीं… उनके जैसा अच्छा…”

मनिका ने अब करवट बदली और अपने पिता की ओर हो कर सोने लगी.

जयसिंह का विशाल शरीर मानो उसकी नज़रों को आमंत्रित कर रहा था. वो रह-रहकर उन्हें देख रही थी.

आज जयसिंह की तरफ़ का नाइट लैम्प बंद था, सो उसे सिर्फ़ खिड़की से आती हल्की रौशनी का ही सहारा था. उसमें भी उसे उनके शरीर के बलिष्ठ उभारों की झलक मिल रही थी.

“जब अभी पापा ने मुझे चुप कराते टाइम अपनी बाँहों में ले लिया था… कितने पावरफुल है वो… जब बाँहों में लेकर कसते हैं तो सारी बॉडी में… अजीब सा लगता है ना? हाय… पक्के मर्द हैं पापा…”

कुछ देर बाद मनिका की आँख लग गई.

–​

कई बार यूँ भी होता है कि हम एक ही सपने को बार-बार देखते हैं, और फिर सपने के बीच हमें एहसास होता है कि ‘ये तो वही सपना है’ और फिर हम उसे अपने हिसाब से ढालने की कोशिश करने लगते है.

मनिका एक बार फिर उस अंधेरे कमरे में थी.

एक अजीब सा भय और उत्सुकता लिया वह आगे बढ़ रही थी. फिर कमरे में हल्की रौशनी हुई और उसने पाया कि वह घर पर अपने कमरे में थी. सामने बिस्तर पर कोई बैठा था.

"मनिका, आओ बिस्तर में आ जाओ.” आवाज़ आई.

उसके पापा थे. उन्होंने बिलकुल होटल वाले जैसा एक कम्बल ओढ़ रखा था. वह मुस्कुरा कर आगे बढ़ी, लेकिन उसके दिल की धड़कन भी बढ़ने लगी. जैसे उसे मालूम हो आगे क्या होने वाला है.

"पापा?" मनिका ने कहा.
"हाँ डार्लिंग?" उसके पापा मुस्कुराए.

वही कुटिल, गंदी मुस्कुराहट जिसे वो इतना अच्छे से जानती थी. जयसिंह ने हाथ बढ़ा कर उसका हाथ पकड़ लिया, उनकी आक्रामकता मनिका को पागल करने लगी थी. उसके पिता ने उसे अपनी ओर खींचा, उन्होंने ऊपर कुछ भी नहीं पहन रखा था.

"पापा, क्या करते हो?” मनिका फुसफुसाई.
"रात हो गई है, सोना नहीं है?" उसके पापा ने आगे कहा.
“हाँ पापा…” मनिका मदहोश सी बोली.
“तो आ जाओ…” कह उसके पापा ने कम्बल एक तरफ कर दिया.
“पापाऽऽऽ… हाय…!" मनिका कंपकंपाने लगी.

उसके पापा कम्बल के अन्दर पूरे नंगे थे, उनका काला लंड ऊपर उठा हुआ हौले-हौले हिल रहा था.

“हाय पापा… आप… आप नंगे हो!”
"पर तुम भी तो नंगी हो मेरी जान…" जयसिंह ने उसी कुटिल मुस्कान के साथ कहा.
“हम्प मैं…? मैं भी!” मनिका ने नीचे देखा.

वह भी पूरी तरह से नंगी थी.

उसके पिता ने उसे फिर खींचा और अपने आग़ोश में ले लिया. मनिका उस नंगे जिस्मों के स्पर्श से तड़प उठी. पापा का वो… उसकी योनि पर छू रहा था.

“हाय पापा… कितना बड़ा है… आपका….”
“क्या? क्या बड़ा है पापा का..?”
“बिग ब्लैक कॉक पापा… हाय…” उसने अपने हाथ से अपने पापा का लंड कस कर पकड़ते हुए कहा.

"आह… नाआऽऽऽ…"

अंधेरे में मनिका की आँख खुली.
–​
नाइस
अब मनिका बेटी को पापा जयसिंह का बड़ा काला लौड़ा पसंद आने लगा ह
 
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