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Incest बेटी को लंड की प्यासी रंडी बनाया

कौनसा किरदार आपको सबसे अच्छा लगा?


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Shivgoyal

Faminc
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School ka part aur Birthday part aur bada karo story me
buhat mast ja rahey hu
बिलकुल इन की कहानी को बहुत अच्छे से पेश करने की ही कोशिश हैं
 

Shivgoyal

Faminc
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नानी की कहानी। भाग २
कहानी अभी भी नूपुर की जुबानी।

अब नानी के मुंह से रंडी सुनने पर मम्मी बोलती हैं: साली तू भी तो रंडी हैं पर शराफत का चोला तो ऐसे ओढ लेती हैं जैसे एक भी लंड नहीं लिया हैं चूत में और मैं भी आसमान से आई हूं सीधा। नानी: अरे जान तू तो गुस्सा हो रही। इस पर मम्मी बोलती हैं: साली बचपन से चुदवा रही हूं तेरे साथ और तू बोल रही हैं मैं शरीफ हूं। अब नानी मम्मी से माफी मांगती हैं और तीनों कमरे के सामने से चले जाते हैं। हम दोनो उन लोगों की बातें सुन के पूरे हैरान रह जाते है के क्या था ये सब मम्मी का बिलकुल ही अलग रूप था ये तो। और मैं और प्राची एक दूसरे को देखते हैं और फिर फ्रेश होने चले जाते हैं।
अब जब सबके पास पहुंचते हैं तो ऐसा लगता है के ये लोग कोई और ही है। मुझे देखते ही नानू अपनी गोद में बैठक लेते हैं और मेरा एक हाथ अपने पैर पे रखते हैं तो मुझे पैंट में कुछ मोटा सा हाथ के नीचे महसूस होता हैं। तभी नानू मेरे कान में कुछ ऐसा बोलते हैं के मेरे होश उड़ जाते हैं।
निशा: मम्मी ऐसा क्या बोला था उन्होंने।
नूपुर: वो बोलते हैं के ये मोटा सा वही हैं जिसपे कल तेरी मां बैठ के नंगी उछल रही थी। और ये सुनके मैं हैरान हो जाती हूं। इसपर नानू बोलते हैं: कल तुम और तुम्हारी बहन जो देख रहे थे उसी की बात कर रहा हूं घर में बस मै ही जनता हूं तुम दोनो ने रात भर क्या किया। पर किसी को तुम दोनो बताना नहीं वरना आज रात को तुम दोनो के साथ भी वही हो रहा होगा। ये तो तुम चाहती नहीं हो। ये सुनके मैं हां में सर हिलाया तो नानू बोले तुम और प्राची अगर मेरा कहा करोगे तो तुम दोनो के इस राज को मैं भी राज रखूंगा। मैं दोबारा हां कर दिया तो उन्होंने गुड गर्ल बोलते हुए मेरा मुंह अपनी तरफ खींचा और kiss कर लिया और ये सब मेरी मां के सामने और वो मुझे देखकर मुस्कुरा के चली गई। तब नानू बोले रात में जो हो रहा था उसको सेक्स बोलते और तुम ऊपर कंप्यूटर से सब पढ़ सकती हो इसके बारे में और उसमें कुछ विडियोज भी पोर्न नाम की उनको देख के सब समझ जाओगी तुम दोनो पर वीडियो अकेले में देखना उसका इंतेज़ाम मैं कर दूंगा। ये बोलके उन्होंने मुझे उतर दिया गोदी से और प्राची के साथ कमरे में जाने का इशारा कर दिया।
मैने कमरे में सब प्राची को बताया फिर हमने सेक्स के बारे में पढ़ा। फिर पता चला सब लोग बाहर घूमने चले गए तब हम दोनो ने पोर्न देखो तब सब समझ आया। उस रात को न हमने रूम बंद किया न ही मम्मी क्योंकि नानू ने मन किया था। पर उस रात हम दोनो देखने नहीं गए के क्या हो रहा हैं। फिर अगले दिन हम वापस आ गए। हम दोनो बहनों ने पोर्न साथ में देखना शुरू कर दिया फिर बड़े होने के साथ हम दोनो का रूम अलग हुआ उस हादसे तक हम दोनो अलग रही पर फिर साथ आ गई। पर कहानी में उतने वक्त भी बहुत कुछ हुआ जैसे नानू के यहां हम दोनो उतना वक्त दोबारा नहीं गए और इन वजहों से मम्मी ने नानू के यहां ज्यादा जाना शुरू कर दिया कोमल के साथ। और इधर हमारे दिखने लगा के जो जो मोहल्ले में मम्मी को भाभी बोलता है वो सब मम्मी को छोड़ चुका था मम्मी रात में दूसरे के घर जाती थी और सुबह चुदवाकर आती थी और हमारे दादा और चाचा ने भी मम्मी को चोदा हुआ था पर जब भी वो लोग आते तो मुझे और प्राची को भी वैसे छूते थे।
फिर जब मैं और प्राची रंडी बने तब हम मम्मी को बिना बताए नानू से मिलने गए। नानू को बताया के मम्मी पापा से चुदने नहीं दे रही हैं तो उन्होंने बताया तेरी मां बहुत बड़ी रंडी हैं। और तेरा बाप नपुंसक उन दोनों की शादी की वजह थी। मेरे दादू और नानू पुराने दोस्त थे और जब दादी मेरी तो दादू नानू के यह ही रहते थे और नानी और मम्मी को रात में चोदते थे। उनको पता था उनका बड़ा बेटा नपुंसक है तो उन्होंने अपने लंड की शांति के लिए मम्मी की शादी उनसे करवा दी और फिर मम्मी को दो साल तक लगातार चोदा के उतने वक्त में मैं और प्राची पैदा होगए। उसके बाद मम्मी को मोहल्ले में खुला छोड़ दिया गया और फिर उन्होंने अपना धंधा वापस शुरू कर दिया। उसके बाद कोमल पैदा हुई पहले तो किसीको नहीं पता था के ये किसका बच्चा है पर बाद में मम्मी ने टेस्ट करवाया तो पता चला के चाचा का हैं तो मम्मी रिलैक्स हुई थोड़ा के चलो घर का ही है पर फिर उन्होंने अपनी नसबंदी करवा दी।
दिव्य निशा और शीला तीनों पूरी कहानी पे हैरान होके देख रही होती हैं। जिसपर नूपुर बोलती है: अरे सच है ये सब।
दिव्य: तो आप फिर क्यों नानी को बोलती थी साली ने चूसने नहीं दिया।
नूपुर हंसते हुए: ताकि तुमको लगे मैं कितनी अच्छी हूं बाकी अगर कहूं तो साली को बताए बिना ही हमने सब किया क्योंकि वो एक bf पे भी चढ़ जाती थी।
दिव्य: हैं वो पहले तो आपको चुदवाना चाहती थी फिर क्या हुआ?
नूपुर: एक दिन नानू और उसकी बात हमने सुनी थी तो बोली के साली की चूत ढीली होगई है और अगर हम दोनो को चुदवाएगी तो मोहल्ले में उससे कोई घास भी नहीं देगा तो इसलिए हमहे शरीफ बनाना चाहती थी।
निशा: अजीब चूतियां थी वो।
नूपुर: हां और नहीं तो क्या बाकी मोहल्ले में उसके ग्राहक तो काट दिए थे हम दोनो ने। मैं पूरे मोहल्ले से चुदवाया था नानी दादू चाचू सबका लंड लिया था और नानू के गांव में भी सबसे चुदवाई बैठी थी।
दिव्य: हाय मम्मी मै भी इतना चुद सकती हूं क्या?
नूपुर: तुम लोगों को तो मैं चुदवाऊंगी हर मर्द से नपुंसक मर्दों से भी ताकि तुम लोग मर्दों से जबरदस्ती करना सीखो। बाकी मेरी मां एक चीज में बहुत अच्छी थी।
निशा, दिव्य और शीला एक्साइटेड हो के: वो क्या था मम्मी?
नूपुर: साली के साथ लोग कुछ भी कर लेते थे मतलब हर गंदे काम में एक्सपर्ट पब्लिक टॉयलेट में टॉयलेट सीट चाट लेती थी वो। कुत्तों की मूट तक उसको पिलाई गई है और साली खुशी खुशी पी जाती थी।
तीनों लड़कियां खुश हो जाती हैं और बोलती हैं नानी तो सच में बहुत ही अच्छी रंडी थी।
नूपुर: वो तो थी पर तुम तीनों को और अच्छा बनना है बाकी मैं सोच रही हूं के अब छुट्टियों में तुम लोगों को नानी के यहां भेज दूं साली के अंदर की रंडी को तुम लोग जाओगी और उस से अच्छी रंडी बनना सीख के आओगी। बोलो मंजूर हैं।
तीनों साथ में: हां मम्मी।
नूपुर अब काव्य के तरफ देखती हैं और बोलती हैं तुम भी हां बोलो। तुम भी जाओगी मेरी सब बेटियां उस रंडी को छोड़ के आएंगी और मम्मी को पढ़े सब तमाचों और न मिले लंड का बदला लेके आएंगी।
काव्य और सब बोलते हां मम्मी।
अब नूपुर अपनी मम्मी की कुछ फोटोज दिखाई हैं और विडियोज भी दिखने लगती हैं। जो सब अलग अलग मर्दों ने उसके साथ बनाई थी।
नूपुर जब चुदवाती थी किसी भी मादरचोद से जो के उसकी मां को चोदे बैठा तो वो उस से पैसे के साथ अपनी मां की फोटो और वीडियो जरूर ले लेती थी क्योंकि उसकी मां की आदत थी वीडियो और फोटो करवाने की और अपने ग्राहक को देके जाने की वही नूपुर भी करती थी अपनी वीडियो बनाने देती या खुद ही बोल देती थी बनाने को और एक कॉपी खुद रखती थी प्राची के लिए और एक ग्राहक के पास ही छोड़ आती थी।
अब इनको देख दिव्य पूछती हैं मम्मी आज रात को मेरी भी वीडियो बनेगी तो वो और कुछ फोटोज मैं अपने सोशल मीडिया ऐप पे डाल सकती हूं क्या?
नूपुर: तुम डाल लेना बाकी पापा के इनसेट पेज पे भी डालनी होगी तुम्हे वो फोटोज एक काम करना सोशल मीडिया IDs पे तुम पापा के पेज का लिंक दे देना।
दिव्य: मम्मी मतलब मैं खुल के बता सकती हूं न के मैं क्या करती हूं घर में।
नूपुर: तभी तो बोली दिखाओ सबको मैं भी डालूंगा आज और मेरी id तुमने देखी नहीं है ग्राहकों के साथ वाली फोटो आज भी हैं नंगी पर पर्सनल वाली पे ये सब प्रोफेशनल पे नहीं। तो अपनी पर्सनल पे सब करो अपने दोस्तों को दिखाओ अपना जिस्म।
दिव्य: ठीक हैं मम्मी।
नूपुर: ये तुम तीनों पे भी लागू होती हैं बातें।
अब तीनों भी ठीक हैं बोलती हैं तब तक दिव्य की दोस्त आ जाती हैं और सब मिलके बर्थडे की तैयारी में लग जाते हैं।
 
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Shivgoyal

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अब तीनों भी ठीक हैं बोलती हैं तब तक दिव्य की दोस्त आ जाती हैं और सब मिलके बर्थडे की तैयारी में लग जाते हैं।
नानी की कहानी। भाग ३
अब नूपुर बर्थडे के लिए कुछ तैयारियां करने लगती हैं और बाकी सब लड़कियां भी उसके साथ लग जाती हैं।
अभी बर्थडे सेलिब्रेशन में टाइम होता हैं तो सब लड़कियां आराम आराम से काम कर रही होती हैं। वहीं नूपुर के दिमाग में कुछ आता हैं और वो अपना फोन उठा के छत की तरफ भाग जाती हैं और सबसे कह देती हैं काम करने को। छत पे वो अपनी मम्मी का नंबर अपने फोन में ढूंढने लगती हैं।
अब यहां पे ये बात जरूरी हैं के नूपुर और उसकी मां का रिश्ता जैसे के कहानी बताया गया उस से भी खराब हो गया था नूपुर की शादी के वक्त। नूपुर के शादी के वक्त नूपुर ने अपनी मां को बहुत बुरा भला बोला था क्योंकि वो उस वक्त अपने भूत को भूल के एक अच्छे भविष्य में जाना चहाती थी। और फिर उस दिन रिश्ता दोनो मां बेटी में तब खत्म हो गया जब प्राची की शादी किसी भी ऐरे गेरे मर्द से करवा दी उसकी मां ने।
नूपुर के इसी गुस्से ने उसका रिश्ता उसकी मां से खत्म कर दिया था। अब रिश्ता सिर्फ इतना था के दिव्य को बचपन से अपनी नानी से बात करने की छूट थी और उसकी नानी नूपुर को कॉल तब करती जब दिव्य का बर्थडे होता था। उसके अलावा शिवम् ही था जो अपनी सास से बात करके उनका हाल चाल रखता था। अब नूपुर के पिता का देहांत हो चुका था तो उसकी मां उसके नपुसंक गैर बाप को छोड़ चुकी थी और अपने पिता के गांव में उनके घर में रह के अपनी जिस्म की और दूसरे की जिस्म की प्यास बुझाती हैं। बूढ़ी होने के बावजूद वो एक साथ कई मर्दों को इस उमर में भी खुश कर देती हैं। उसके ऊपर से उसने अपने पिता के घर को एक अनौपचारिक रंडीखाना भी बना दिया था जहां आस पास के कुछ गांवों की लड़कियां अपना जिस्म बेच के पैसा कमाती थीं। पर उसकी मां न किसी लड़की को मजबूर कर के न कोई मजबूरी का फायदा उठा के ये काम करवाती थी। जो लड़कियों बस चुदना पसंद होता था और जो बिना किसी दबाव में ये करना चाहती होती थी वो ही बस उसके यहां ये काम करती थी।
वो अगर किसी लड़की को मजबूरी में देखती थी तो खुद उसकी हर परेशानी ठीक कर देती थी और बदले में कुछ नहीं मांगती थी। और उसके यहां काम करने वाली लड़कियां भी ये सिर्फ शौकिया तौर पर काम करती थीं। और अपने घर पे बोल के चुदने आती थी। और ज्यादातर लड़कियां तो अपने घर पे भी चुदाई का सुख लेके आती थी जिससे उनको किसी भी ग्राहक का न डर होता था और न ही शर्म।
अब नूपुर अपनी मां को कॉल करती हैं तो उसकी मां फोन उठा के बोलती हैं: हां दिव्य बोलो।
नूपुर: मम्मी मैं बोल रही हूं नूपुर।
नूपुर की आवाज सुन के उसकी मां पूरी तरह से शॉक रह जाती हैं। क्योंकि कई सालों बाद उसको अपनी बेटी की आवाज सुनने को मिली थी ऊपर से मम्मी शब्द तो कबसे सुनने को वो तरस गई थी।
नूपुर: मम्मी क्या हुआ?
मां: नूपुर तू सच में?
नूपुर: हां मां मैं ही हूं आपकी सड़कछाप रंडी।
मां: आज तो मेरा दिन बन गया आज में नातिन जवानी की दहलीज पे कदम रख गई और आज मेरी बेटी ने मुझे मां बोल दिया।
नूपुर: मम्मी मुझे कुछ कहना था?
मां: बोल।
नूपुर: सॉरी। मैं गधी थी आपकी आग को समझ न पाई आप गलत थी पर मैं भी उतनी सही नहीं थी। एक बात नहीं सोची गलती तो इंसान से ही होती हैं और आपकी गलती देखते हुए मैने भी गलती कर दी उसके लिए सॉरी।
मां: नहीं जान तुम सही थी और वैसे भी देखूं तो तुम जैसी बेटी कहा होगी जो भले ही नाराज हो पर मैं कहा हूं क्या कर रही हूं कैसी हूं सबकी फिक्र करती हो हर महीने मुझे पैसे भेजती हो। मुझे यहां पे कोई दिक्कत नहीं होने देती हो भले ही तुम नहीं पर मुझे एक पल नहीं लगता हैं के तुम नहीं हो यहां।
इतनी बात हुई तो नूपुर अपनी मां से बोली: मम्मी आपको कुछ बाते बतानी है।
मां: हां बोलो बेटा।
नूपुर: पहले आप बताओ आप फ्री तो हो न कोई मर्द आपका बिस्तर पे इंतेज़ार तो नहीं कर रहा हैं।
मां: नहीं जान अभी तो कोई नहीं रात में आएंगी मेरी लड़कियां और ग्राहक।
नूपुर: फिर ठीक हैं मम्मी। मम्मी मुझे ये बताना था आज आपकी नातिन सिर्फ जवानी की दहलीज पे कदम ही नहीं रख रही हैं बल्कि आज वो एक कली से फूल बनने वाली हैं।
मां: हां सच में। कौन हैं वो खुशनसीब जो मेरी नातिन की खूबसूरती का स्वाद लेगा आज। कही वो दामाद जी तो नही हैं?
नूपुर: हां मम्मी वो ही हैं आपकी नातिन की जवानी का स्वाद वो और मै कई दिनों से ले रहे हैं पर आज उसको हम रंडी बनाने के लिए उसके फूल को खिलने जा रहे हैं।
मां: हाय कितनी खुशी की बात हैं। वैसे दिव्य के साथ...?
नूपुर: आपको ये लगता हैं मैं उस से जबरदस्ती करूंगी। मैने बस उसको सेक्स के बारे में बताया पर क्योंकि वो रंडियों का खून हैं तो उसको बस अपने जिस्म का मजा लेना था तो मैं वही दे रही हूं।
मां: मैं जानती हूं तू कभी दिव्य से जबरदस्ती नहीं करेगी। तुझे देख के लगता हैं तू कितनी अच्छी मां हैं जो मैं कभी नहीं बन पाई। अपने पति अपने मर्दों को अगर कोई औरत दूसरी औरत को दे दे वो भी ये जानते हुए कि दूसरी औरत की जवानी उसके मर्द को छिन सकती हैं और आगे शायद उसको जिस्म की खुशी के तरसना भी पड़ सकता हैं और तभी भी वो ये कर दे तो वो एक तुझ जैसी मां ही हो सकती हैं। काश मैं भी ऐसी मां होती।
नूपुर: मम्मी मैं कोई महान नहीं हूं बस मुझे अपनी बेटी को वो हर खुशी देनी h जिससे उसका मन और जिस्म दोनो की भूख मिटी रहे। मुझे आपको बहुत कुछ बताना है।
अब नूपुर अपनी मां को निशा और प्राची के बारे में बताती हैं। जिसके बाद उसकी मां बोल पड़ती हैं: बेटा मैने ये बहुत बड़ा पाप कर दिया के अपनी दो दो बेटियों का घर उजाड़ दिया।
नूपुर: दो दो कौन मम्मी?
मां: तुम्हारी कोमल का घर भी मैने उजाड़ दिया था उसकी भी शादी एक नपुंसक से हुई थी। असलियत में तुम्हारी सबसे छोटी बहन तो कभी फूल बनी ही नहीं।
नूपुर: मतलब मम्मी??
मां: उसके पति का बहुत छोटा था और जब मैं उसकी शादी करवाई थी तो वो कुंवारी थी और एक बात उसने मुझे बाद में बताई के उसके पति का किसी मर्द के सामने ही खड़ा होता हैं और उसकी चूत तो कभी उसने छुई ही नहीं।
नूपुर: तो उसकी बेटी कैसे हुई जब वो कुंवारी हैं तो?
मां: वो मेरे यहां एक लड़की थी जो चुदाई का काम करती थी वो गलती से मां बन गई और तभी मैने कोमल का दर्द सुना उसको बोला एक बच्चा गोद ले लो पर उसने कहा उसके पति की असलियत खुल जाएगी तो फिर मुझे लगा ये रास्ता सही रहेगा और मैने कोमल को घर बुला लिया और उसने सबसे बोल दिया के वो प्रेगनेंट हैं और इसलिए वो मेरे पास रहेगी डिलीवरी तक। और मैने दूसरी लड़की का ध्यान रखा उतने दिन किसी कस्टमर को नहीं बुलाया। अब जब उस लड़की की डिलीवरी हुई तो एक कॉन्ट्रैक्ट पे साइन करवा लिया के वो कभी इस बच्चे पे हक नहीं जताएगी और वो मान भी गई। और वो लड़की आज भी मेरे यहां मर्दों को खुश करती हैं वहीं कोमल भी उस बच्चे के वजह से खुश हैं।
नूपुर: इतनी बड़ी बात हुई हैं और अपने मुझे नहीं बताया।
मां: सब मेरी ही गलतियां थी तो तुझे किस मुंह से बताती तू वैसे ही प्राची की वजह से मेरे नाराज थी के मै उसकी जबरदस्ती शादी करवा दी। अब ये बताती तो तू तो मुझे मार ही देती।
नूपुर: मम्मी आप से बहुत गलतियां हुई हैं पर मैं अब सब ठीक कर दूंगी और मुझे ये समझ आया हैं अगर रंडी की बेटियां शराफत की जिंदगी जीने की कोशिश करेंगी तो कोई सुख नहीं पाएंगी तभी मैं चाहती हूं आप अब मेरा साथ दो। एक अच्छी नानी बनो और मेरी तीनों बेटियों को अपनी तरह की एक रंडी बनाओ।
मां: तीन रंडिया कौन बेटा?
अब नूपुर अपनी मां को श्रद्धा का भी बता देती हैं जिसपे उसकी मां उस से बोलती हैं: तुम जैसी औरत मैने न देखी दूसरी औरतों ने तुम्हारे मर्द से सुख लेके तुम्हे बताए बिना बच्चे करे और तू दोनो की बेटियों को अपनी बेटी बोलती हैं।
नूपुर: मुझे चूत से मतलब नहीं हैं किसकी चूत थी जिसने उस बच्चे को पैदा किया मुझे मतलब हैं तो बस लंड से जो के मेरा हैं और उसमें का एक शुक्राणु भी मेरा बच्चा हैं तो जो भी उस शुक्राणु से पैदा होगा वो मेरा हैं ही। आप बस ये बताओ मेरी मदद करोगी आज पहली बार।
मां: तुझ जैसी औरत को मैं माना कर सकती हूं क्या? तू जो बोलेगी मैं वो करूंगी।
नूपुर: कल आप अपनी तीनों नातिन से मिलने घर आओ।
 
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ranveer888

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Update - 1
कहानी शुरू होती हैं तबसे जब दिव्या एक दिन स्कूल से पहली बार porn के बारे में सुनती हैं। दिव्या अपनी उमर के हिसाब से ज्यादा होसियार तो हैं पर उतनी ही सीधी भी हैं उसने न कभी ब्वॉयफ्रेंड बनाया जबकी उसकी सारी दोस्तो का bf हैं पर वो उन सब बातो में पड़ती नही हैं। पर दिव्या में एक जो बुरी आदत हैं के उसको कुछ भी नया अगर पता चलेगा तो वो उस बात को जाने बिना शांत नहीं होती हैं। और उसकी मां बाप ने भी हमेशा ही उसको सब पूछने की आजादी दी हैं।
तो वो porn के बारे में सुनके घर आती हैं जब नुपुर आज ऑफिस से छुट्टी लेके घर पे खाना तयार कर रही हैं।

यहां आपको नुपुर के बारे में कुछ चीज जान लेनी चाहिए वो जितने बड़े बिजनेस की मालकिन हैं वो उतना ही काम पे जाने से कतराती हैं। वो घर पे ज्यादा वक्त रह के घर संभालना ज्यादा पसंद करती हैं और अपने बिजनेस को कही न कही अपने पति को ही चलने देती हैं। और शिवम् इसके लिए दोनो बिजनेस को अकेले हैंडल करता हैं।

तो दिव्या आते ही अपनी मां से पूछ पड़ती हैं।
दिव्या: मम्मी ये porn क्या होता हैं आज मेरी कुछ दोस्त लोग बात कर रहे थे इसके बारे में।
अब अचानक से आए इस सवाल पे दो मिन नुपुर भी सोच में पड़ जाती हैं के ये क्या पूछ रही हैं। पर नुपुर समझ जाती हैं के इस उमर में ये सब तो इसको पता चलेगा ही तो वो भी सोचती हैं के चलो इसको बात देती हूं ये क्या होता हैं।
नुपुर: बेटा porn एक तरीके की मूवी होती हैं। जिसमें सेक्स दिखाते हैं।
दिव्या: अब ये सेक्स क्या बला हैं भाई सब बोलते रहते हैं मुझे तो कुछ समझ ही नही आता हैं।
अब ये जवाब सुनके नुपुर हसने लगती हैं। वो सोचती हैं कितनी सीधी लड़की हैं मेरी इसकी उमर में मैं ब्वॉयफ्रेंड घुमा रही थी और ये कुछ घंटा जानती भी नही हैं। अब फिर नुपुर उस से कहती हैं तुम चेंज करके आओ और खाना खाओ तुम्हे आराम से बाद में समझाऊंगी सब। और उसको सिर पे थपकी मरते हुए उसको मेरी बेवकूफ बेटी बोले के भागा देती हैं।

अब दिव्या के जाने के बाद सोचती हैं ये मेरी ही बेटी हैं जिसको कुछ नही पता हैं। वैसे तो सबसे होसियार बनती हैं। और इसको देख के लगता भी नही हैं के ये इतनी सीधी होगी मुझे लगा था अब तक एक लौंडा पटा के चुद भी ली होगी। और यही सोच सोच के वो हंसते हुए खाना बनाने लगती हैं।
Ohhh good start 🔥🔥🔥
 
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ranveer888

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अब दिव्या के जाने के बाद सोचती हैं ये मेरी ही बेटी हैं जिसको कुछ नही पता हैं। वैसे तो सबसे होसियार बनती हैं। और इसको देख के लगता भी नही हैं के ये इतनी सीधी होगी मुझे लगा था अब तक एक लौंडा पटा के चुद भी ली होगी। और यही सोच सोच के वो हंसते हुए खाना बनाने लगती हैं।
Update - 2
दिव्या अब अपने कमरे में सोचती हैं के मम्मी मुझे बेवकूफ क्यो बोली और मैने ऐसा क्या पूछ लिया जो उन्होंने ऐसे कहा के बाद में समझाऊंगी। अब दिव्या यही सब सोचे जा रही हैं और उसकी उकसुकता और बड़ती जा रही हैं।

अब दिव्या अपने कमरे से निकल के dinning टेबल पे आ जाती हैं और नुपुर उसको खाना परोसती हैं और दोनो खाना खाने बैठ जाते हैं। और खाना खाते हुए नुपुर अपनी बेटी को देखती हैं अब उसको मन ही मन अपनी बेटी के भोलेपन पे हसि आती हैं। वो बार बार दिव्या को ही देखे जा रही और उसकी नजरे धीरे धीरे दिव्या के जिस्म पे पड़ने लगती हैं वो उसकी चूचियों को देखे जा रही होती हैं तब ही दिव्या ये सब चीजों से अनजान नुपुर से कहती है।
दिव्या: मम्मी आप ने ऐसा क्यू कहा मैं बेवकूफ हूं।
नुपुर (मुस्कुराते हुए): मेरी बेटा, आप इतनी भोली हो न तभी मैंने आपको बेवकूफ बोला।
दिव्या: हां मम्मी स्कूल में भी सब बोलते हैं मैं बुधू हूं। जब भी वो लोग सेक्स की बात करते हैं।
नुपुर: तो तुम्हारी क्लास में सिर्फ तुम्ही ऐसी हो।
दिव्या: नही मम्मी, वो काव्या भी नही समझ पाती हैं ये सब। सब हम दोनो को बहुत चिढ़ाते हैं।
नुपुर: हां मुझे लगा ही था तुम दोनो दोस्त ही भोली होगी क्लास में (हस्ते हुए)
दिव्या: हां मम्मी..... तो अब आप मुझको बाटा दो ना ये सब क्या होता हैं।
नुपुर (मन में सोचते हुए "ये जितनी भोली हैं न इस पागल से बिलकुल बच्चो वाले सवाल पूछने पड़ेंगे): हां बताती हूं पहले अब ये बताओ तुमने bf सुना हैं।
दिव्या: ये कैसा सवाल हैं मम्मी। ये तो सुना ही हैं मैने मेरी सब दोस्तो का हैं bf। तभी ही तो पूछ रही हूं के सेक्स क्या होता हैं मेरी दोस्त रोज डिस्कस करती हैं सेक्स के बारे में।
नुपुर: अच्छा तुम्हारी दोस्त लोग सेक्स करती हैं।
दिव्या: हां वो बोलती हैं उनका bf ऐसे सेक्स करता हैं वैसे सेक्स करता हैं।
नुपुर सोचती हैं सब लड़कियां देखो सुख ले रही और एक ये मेरी बच्ची हैं। इतना अच्छा जिस्म हैं इसका और इसकी चूत को कोई सुख नहीं मिला अभी तक।
अब नुपुर कुछ सोचते हुए।
नुपुर: अच्छा कल तुम स्कूल मत जाना।
दिव्या: क्यो मम्मी?
नुपुर: कल में तुम्हे जवाब दूंगी जब पापा नही होंगे तुम्हारे। अभी पापा के आने का time हो रहा हैं ना तो कल पापा के ऑफिस जाने के बाद बताऊंगी। ठीक हैं!
दिव्या: ok मम्मी।
अब दिव्या अपनी पढ़ाई में लग जाती हैं और नुपुर अब बाकी के कामों में busy हो जाती हैं। और 7 बजे शिवम् घर आ जाते हैं ऑफिस से।
So erotic
 
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Shivgoyal

Faminc
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नानी की कहानी। भाग ४
नूपुर के अगले दिन बुलाने पर उसकी मां दो मिनट सोचने लगती हैं। तभी नूपुर बोल पड़ती हैं: मम्मी कोई ग्राहक आ रहा है क्या? या फिर आप मेरे पास नहीं आना चाहती हो?
मां: ऐसा नहीं है बेटा मैं आना भी चाहती हूं और कोई ग्राहक भी नहीं हैं पर मेरी भी एक शर्त है तू मानेगी तो मैं आऊंगी!
नूपुर: क्या शर्त मम्मी?
मां: तो सुन पहली बात तो मैं जितने दिन वहां रहूंगी मुझे भी शिवम् से चुदना हैं और तुझसे भी।
नूपुर: बस इतनी सी बात शिवम से आप न भी बोलती तो मैं चुदवाती ही एक तो बच्चों को दिखाना भी तो हैं आप कितनी बड़ी रंडी हो और अपनी मां को पति से चुदवाने का भी तो मजा लेना हैं मुझे। आप अगर कोई गैर मर्द को बुलवाना चाहोगी तो मर्दों को भी बुला दूंगी मैं।
मां: नहीं तू बस शिवम से चुदवाना देना। दूसरी बात ये हैं के बच्चों के परीक्षा के बाद तुम उन सबको लेके यहां मेरे पास गांव आओगी और शिवम् को वही छोड़ना होगा तुम्हे बिना किसी चूत के। बोलो मंजूर?
नूपुर हंसते हुए: मम्मी यार आप वही बातें बोल रही हो जो मैं सोच रही थी मै सबको लेके वहां हो तो आना चाहती हूं पर मैं कुछ दिनों के लिए आऊंगी फिर हम सब कही घूमने चलेंगे। बोलो ठीक हैं न।
मां: ठीक हैं।
नूपुर: तो चलो फिर मैं सभी आपके घर के बाहर एक कार भिजवा दूंगी। और वो मेरे हेलीकॉप्टर तक आपको के जाएगा फिर आप यहां आ जाना।
मां: वैसे तू इतनी बड़ी रंडी भी फिर भी कितनी अमीर और इज्जतदार है।
नूपुर: सब हो जाता हैं मम्मी अगर चूत को मरने वाला मर्द एक घोड़ा हो तो आपकी रंडियों वाली हरकत बस दरवाजे में बंद हो जाती हैं और बाहर इज्जत मिलती हैं।
मां: मुझे भी तेरा घोड़ा चाहिए।
नूपुर: तो तू अपनी चूत, गांड और मुंह को तैयार कर के आना कल तेरे साथ ऐसी चुदाई होगी के तुझे लगेगा तेरे साथ जबरदस्ती हो रही हैं।
अब उसकी मां खुश हो जाती हैं और दोनो थोड़ी देर बात करते हैं नूपुर फोन काट के वापस काम पे लग जाती हैं सारी तैयारी बर्थडे की निपटा के सब लोग अब 8 बजे तक का इंतजार करते हैं।
 
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Sam_Dev

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wwaahhh U are Roocck
mast update hai
can u please update more
bhai BDMS karo
kuttey sey chudwao
birthday key din galiyo wala gana
happy chuwad ka din to diva randi
acha chudwa apney baap sey
aur sab milkey boley


diva ki chut mey kya hai
nupur boli uskey baap ka lund jo is ku bhi maa baneyga aur us aulwad ka lund ka phlela susu nupur piyegi hahahahah
 
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