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बिलकुल इन की कहानी को बहुत अच्छे से पेश करने की ही कोशिश हैंSchool ka part aur Birthday part aur bada karo story me
buhat mast ja rahey hu
Ohhh good startUpdate - 1
कहानी शुरू होती हैं तबसे जब दिव्या एक दिन स्कूल से पहली बार porn के बारे में सुनती हैं। दिव्या अपनी उमर के हिसाब से ज्यादा होसियार तो हैं पर उतनी ही सीधी भी हैं उसने न कभी ब्वॉयफ्रेंड बनाया जबकी उसकी सारी दोस्तो का bf हैं पर वो उन सब बातो में पड़ती नही हैं। पर दिव्या में एक जो बुरी आदत हैं के उसको कुछ भी नया अगर पता चलेगा तो वो उस बात को जाने बिना शांत नहीं होती हैं। और उसकी मां बाप ने भी हमेशा ही उसको सब पूछने की आजादी दी हैं।
तो वो porn के बारे में सुनके घर आती हैं जब नुपुर आज ऑफिस से छुट्टी लेके घर पे खाना तयार कर रही हैं।
यहां आपको नुपुर के बारे में कुछ चीज जान लेनी चाहिए वो जितने बड़े बिजनेस की मालकिन हैं वो उतना ही काम पे जाने से कतराती हैं। वो घर पे ज्यादा वक्त रह के घर संभालना ज्यादा पसंद करती हैं और अपने बिजनेस को कही न कही अपने पति को ही चलने देती हैं। और शिवम् इसके लिए दोनो बिजनेस को अकेले हैंडल करता हैं।
तो दिव्या आते ही अपनी मां से पूछ पड़ती हैं।
दिव्या: मम्मी ये porn क्या होता हैं आज मेरी कुछ दोस्त लोग बात कर रहे थे इसके बारे में।
अब अचानक से आए इस सवाल पे दो मिन नुपुर भी सोच में पड़ जाती हैं के ये क्या पूछ रही हैं। पर नुपुर समझ जाती हैं के इस उमर में ये सब तो इसको पता चलेगा ही तो वो भी सोचती हैं के चलो इसको बात देती हूं ये क्या होता हैं।
नुपुर: बेटा porn एक तरीके की मूवी होती हैं। जिसमें सेक्स दिखाते हैं।
दिव्या: अब ये सेक्स क्या बला हैं भाई सब बोलते रहते हैं मुझे तो कुछ समझ ही नही आता हैं।
अब ये जवाब सुनके नुपुर हसने लगती हैं। वो सोचती हैं कितनी सीधी लड़की हैं मेरी इसकी उमर में मैं ब्वॉयफ्रेंड घुमा रही थी और ये कुछ घंटा जानती भी नही हैं। अब फिर नुपुर उस से कहती हैं तुम चेंज करके आओ और खाना खाओ तुम्हे आराम से बाद में समझाऊंगी सब। और उसको सिर पे थपकी मरते हुए उसको मेरी बेवकूफ बेटी बोले के भागा देती हैं।
अब दिव्या के जाने के बाद सोचती हैं ये मेरी ही बेटी हैं जिसको कुछ नही पता हैं। वैसे तो सबसे होसियार बनती हैं। और इसको देख के लगता भी नही हैं के ये इतनी सीधी होगी मुझे लगा था अब तक एक लौंडा पटा के चुद भी ली होगी। और यही सोच सोच के वो हंसते हुए खाना बनाने लगती हैं।
So eroticअब दिव्या के जाने के बाद सोचती हैं ये मेरी ही बेटी हैं जिसको कुछ नही पता हैं। वैसे तो सबसे होसियार बनती हैं। और इसको देख के लगता भी नही हैं के ये इतनी सीधी होगी मुझे लगा था अब तक एक लौंडा पटा के चुद भी ली होगी। और यही सोच सोच के वो हंसते हुए खाना बनाने लगती हैं।
Update - 2
दिव्या अब अपने कमरे में सोचती हैं के मम्मी मुझे बेवकूफ क्यो बोली और मैने ऐसा क्या पूछ लिया जो उन्होंने ऐसे कहा के बाद में समझाऊंगी। अब दिव्या यही सब सोचे जा रही हैं और उसकी उकसुकता और बड़ती जा रही हैं।
अब दिव्या अपने कमरे से निकल के dinning टेबल पे आ जाती हैं और नुपुर उसको खाना परोसती हैं और दोनो खाना खाने बैठ जाते हैं। और खाना खाते हुए नुपुर अपनी बेटी को देखती हैं अब उसको मन ही मन अपनी बेटी के भोलेपन पे हसि आती हैं। वो बार बार दिव्या को ही देखे जा रही और उसकी नजरे धीरे धीरे दिव्या के जिस्म पे पड़ने लगती हैं वो उसकी चूचियों को देखे जा रही होती हैं तब ही दिव्या ये सब चीजों से अनजान नुपुर से कहती है।
दिव्या: मम्मी आप ने ऐसा क्यू कहा मैं बेवकूफ हूं।
नुपुर (मुस्कुराते हुए): मेरी बेटा, आप इतनी भोली हो न तभी मैंने आपको बेवकूफ बोला।
दिव्या: हां मम्मी स्कूल में भी सब बोलते हैं मैं बुधू हूं। जब भी वो लोग सेक्स की बात करते हैं।
नुपुर: तो तुम्हारी क्लास में सिर्फ तुम्ही ऐसी हो।
दिव्या: नही मम्मी, वो काव्या भी नही समझ पाती हैं ये सब। सब हम दोनो को बहुत चिढ़ाते हैं।
नुपुर: हां मुझे लगा ही था तुम दोनो दोस्त ही भोली होगी क्लास में (हस्ते हुए)
दिव्या: हां मम्मी..... तो अब आप मुझको बाटा दो ना ये सब क्या होता हैं।
नुपुर (मन में सोचते हुए "ये जितनी भोली हैं न इस पागल से बिलकुल बच्चो वाले सवाल पूछने पड़ेंगे): हां बताती हूं पहले अब ये बताओ तुमने bf सुना हैं।
दिव्या: ये कैसा सवाल हैं मम्मी। ये तो सुना ही हैं मैने मेरी सब दोस्तो का हैं bf। तभी ही तो पूछ रही हूं के सेक्स क्या होता हैं मेरी दोस्त रोज डिस्कस करती हैं सेक्स के बारे में।
नुपुर: अच्छा तुम्हारी दोस्त लोग सेक्स करती हैं।
दिव्या: हां वो बोलती हैं उनका bf ऐसे सेक्स करता हैं वैसे सेक्स करता हैं।
नुपुर सोचती हैं सब लड़कियां देखो सुख ले रही और एक ये मेरी बच्ची हैं। इतना अच्छा जिस्म हैं इसका और इसकी चूत को कोई सुख नहीं मिला अभी तक।
अब नुपुर कुछ सोचते हुए।
नुपुर: अच्छा कल तुम स्कूल मत जाना।
दिव्या: क्यो मम्मी?
नुपुर: कल में तुम्हे जवाब दूंगी जब पापा नही होंगे तुम्हारे। अभी पापा के आने का time हो रहा हैं ना तो कल पापा के ऑफिस जाने के बाद बताऊंगी। ठीक हैं!
दिव्या: ok मम्मी।
अब दिव्या अपनी पढ़ाई में लग जाती हैं और नुपुर अब बाकी के कामों में busy हो जाती हैं। और 7 बजे शिवम् घर आ जाते हैं ऑफिस से।