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Incest बेटी को लंड की प्यासी रंडी बनाया

कौनसा किरदार आपको सबसे अच्छा लगा?


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Niksalone

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अगर दिव्या इस तरीके से कमरे में शिवम् को दिखे तो उसको क्या करना चाहिए
जिसकी बेटी के इतने बड़े चूचे होंगे उसको तो पहले इन्ही चूचे को दबाना मसलना चाहिए
 
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abhayincest

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अब दोनो ऊपर रूम की तरफ जाते हैं फिर शीला से श्रद्धा की बात होती है तो श्रद्धा को पता चलता हैं शीला क्यों नाराज थी उस से। फिर वो सारी बोलती हैं और फिर दोनो मां बेटी का ट्रस्ट एक दूसरे पे बन जाता हैं और श्रद्धा वापस घर निकल जाती हैं।
दिव्या की सुहागरात। पार्ट १
अब श्रद्धा के जाते ही दिव्या शीला से पूछती हैं: जान दारू पिएगी।
नूपुर: नही।
दिव्य: क्यों मम्मी?
नूपुर: जान सिगरेट दारू तुम लोग कभी भी कर सकते हो पर अभी तुम लोगो को शीला के साथ होश में सेक्स करना चाहिए उसको अच्छी अच्छी पोर्न दिखानी चाहिए। मैं चाय नाश्ता बनाके आती हूं तुम लोग बिस्तर और मोहौल गरम करो। फिर आज दिव्या तुम्हारी वर्जिनिटी भी जानी हैं याद हैं तो उस सुहागरात की तयारी भी करनी है।
दिव्य: हां मम्मी ठीक है। हम लोग पहले शीला की जवानी को बाहर ले आए फिर और काम करते हैं।
नूपुर: हां वैसे मैं खुश हूं के एक हाथ और आ गया जो सुहागरात की तयारी में हेल्प कर देगा। वैसे काव्य को भी बुला लेना उसकी मदद भी लगेगी हमे।
दिव्य: अभी बुलाती हूं मम्मी।
अब दिव्या काव्य को कॉल करती हैं वही नूपुर अपने घर की नई सदस्य को ये सबके बारे में समझाती है। नूपुर मन में सोचती हैं: सच में शिवम को जब पता चलेगा उनकी लड़की भांजी उन्ही की बेटी हैं और वो उनके लिए नंगी होने को तयार हैं तो वो कितने खुश होंगे।
नूपुर यही सोच रही होती हैं उतने में दिव्या काव्य से बात करके नूपुर की तरफ बढ़ते हुए पूछती हैं: मम्मी मुझे एक सवाल हैं?
नूपुर: हां पूछो।
दिव्य: मम्मी शीला ने बताया के आपको और पापा को बेहोश कर के कंसीव किया था बुआ ने पर कैसे?
नूपुर: अरे मैं बताती हूं उसने क्या किया था तुम लोगो को आधा ही पता है मतलब। हुआ ये था एक बार मैं और शिवम उसके घर गए थे तब तू हो चुकी थी और तुझे तेरे दादा दादी के पास छोरके हम गए थे। तब तेरी बुआ ने मुझे बेहोशी की और तेरे पापा को नशे की दवाई दी थी जिससे उसने रात भर सेक्स किया तेरे पापा के साथ और मैं बेहोश पड़ी रही। इसलिए मुझे और शिवम को कुछ याद नहीं था उस रात का और हम यही लगता था के हम दोनो सेक्स करके सो गए थे। तेरी बुआ बहुत पहुंचा हुआ खेल खेली थी हमारे साथ।
दिव्य: तो रंडियों की मालकिन के घर चूत मरवाने के लिए ऐसे ही खेल खेलने पड़ेंगे ना मम्मी।
नूपुर: हां जान पर मैं पहले कहा थी रंडियों की मालकिन वो तो अब हुई हूं इतनी खूबसूरत सी तीन रंडियों को पाकर।
दिव्य: हाए मम्मी। I love you
नूपुर: me too जान। अब तुम और निशा शीला को सब रंडियों वाली बातें शिखा दो। इसको भी अपनी तरह ही रंडी बना दो। शीला तुम्हे रंडी बनना हैं ना।
शीला: हां मम्मी बिलकुल।
दिव्य: मम्मी वैसे एक बात सोचो पापा की जितनी बेटियां भी है सबको रंडी बनाना बहुत आसान हैं।
नूपुर: होगा ही तुम तीनो में अपने पापा के इंसेस्ट वाले गुण आए हैं। तुम तीनो होगी ही रंडी जब बाप रंडुआ हैं तो।
दिव्य: हां जब बाप ने इतनी मस्त सड़कछाप रंडी से शादी करके चोदी हैं तो उसकी बेटियां तो सड़कछाप होंगी ही।
नूपुर: साली मैं कोठे पे चुदने वाली रंडी थी सड़क पे ग्राहक पकड़ने वाली नही थी। समझी। पर अब तुम तीनो को सड़क वाली छिनार ही बनाऊंगी। आज तेरी चूत चुदवा दिन फिर देखियो रोज घर पे तेरे ग्राहक खड़े होंगे।
दिव्या: सच में मम्मी।
नूपुर: और नही तो क्या तू बोलना उतने मर्द बुलाऊंगी तेरी चूत मरवाने के लिए।
अब नूपुर दिव्या को kiss कर के नीचे जाती हैं कुछ काम निपटाने उतने में निशा और दिव्य शीला को सेक्स शिखाने लग जाती हैं। और थोड़ी ही देर में काव्य भी आ जाती हैं घर।
Bhai yr kaha gayab ho gye update kro kahani
 
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abhayincest

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अब दोनो ऊपर रूम की तरफ जाते हैं फिर शीला से श्रद्धा की बात होती है तो श्रद्धा को पता चलता हैं शीला क्यों नाराज थी उस से। फिर वो सारी बोलती हैं और फिर दोनो मां बेटी का ट्रस्ट एक दूसरे पे बन जाता हैं और श्रद्धा वापस घर निकल जाती हैं।
दिव्या की सुहागरात। पार्ट १
अब श्रद्धा के जाते ही दिव्या शीला से पूछती हैं: जान दारू पिएगी।
नूपुर: नही।
दिव्य: क्यों मम्मी?
नूपुर: जान सिगरेट दारू तुम लोग कभी भी कर सकते हो पर अभी तुम लोगो को शीला के साथ होश में सेक्स करना चाहिए उसको अच्छी अच्छी पोर्न दिखानी चाहिए। मैं चाय नाश्ता बनाके आती हूं तुम लोग बिस्तर और मोहौल गरम करो। फिर आज दिव्या तुम्हारी वर्जिनिटी भी जानी हैं याद हैं तो उस सुहागरात की तयारी भी करनी है।
दिव्य: हां मम्मी ठीक है। हम लोग पहले शीला की जवानी को बाहर ले आए फिर और काम करते हैं।
नूपुर: हां वैसे मैं खुश हूं के एक हाथ और आ गया जो सुहागरात की तयारी में हेल्प कर देगा। वैसे काव्य को भी बुला लेना उसकी मदद भी लगेगी हमे।
दिव्य: अभी बुलाती हूं मम्मी।
अब दिव्या काव्य को कॉल करती हैं वही नूपुर अपने घर की नई सदस्य को ये सबके बारे में समझाती है। नूपुर मन में सोचती हैं: सच में शिवम को जब पता चलेगा उनकी लड़की भांजी उन्ही की बेटी हैं और वो उनके लिए नंगी होने को तयार हैं तो वो कितने खुश होंगे।
नूपुर यही सोच रही होती हैं उतने में दिव्या काव्य से बात करके नूपुर की तरफ बढ़ते हुए पूछती हैं: मम्मी मुझे एक सवाल हैं?
नूपुर: हां पूछो।
दिव्य: मम्मी शीला ने बताया के आपको और पापा को बेहोश कर के कंसीव किया था बुआ ने पर कैसे?
नूपुर: अरे मैं बताती हूं उसने क्या किया था तुम लोगो को आधा ही पता है मतलब। हुआ ये था एक बार मैं और शिवम उसके घर गए थे तब तू हो चुकी थी और तुझे तेरे दादा दादी के पास छोरके हम गए थे। तब तेरी बुआ ने मुझे बेहोशी की और तेरे पापा को नशे की दवाई दी थी जिससे उसने रात भर सेक्स किया तेरे पापा के साथ और मैं बेहोश पड़ी रही। इसलिए मुझे और शिवम को कुछ याद नहीं था उस रात का और हम यही लगता था के हम दोनो सेक्स करके सो गए थे। तेरी बुआ बहुत पहुंचा हुआ खेल खेली थी हमारे साथ।
दिव्य: तो रंडियों की मालकिन के घर चूत मरवाने के लिए ऐसे ही खेल खेलने पड़ेंगे ना मम्मी।
नूपुर: हां जान पर मैं पहले कहा थी रंडियों की मालकिन वो तो अब हुई हूं इतनी खूबसूरत सी तीन रंडियों को पाकर।
दिव्य: हाए मम्मी। I love you
नूपुर: me too जान। अब तुम और निशा शीला को सब रंडियों वाली बातें शिखा दो। इसको भी अपनी तरह ही रंडी बना दो। शीला तुम्हे रंडी बनना हैं ना।
शीला: हां मम्मी बिलकुल।
दिव्य: मम्मी वैसे एक बात सोचो पापा की जितनी बेटियां भी है सबको रंडी बनाना बहुत आसान हैं।
नूपुर: होगा ही तुम तीनो में अपने पापा के इंसेस्ट वाले गुण आए हैं। तुम तीनो होगी ही रंडी जब बाप रंडुआ हैं तो।
दिव्य: हां जब बाप ने इतनी मस्त सड़कछाप रंडी से शादी करके चोदी हैं तो उसकी बेटियां तो सड़कछाप होंगी ही।
नूपुर: साली मैं कोठे पे चुदने वाली रंडी थी सड़क पे ग्राहक पकड़ने वाली नही थी। समझी। पर अब तुम तीनो को सड़क वाली छिनार ही बनाऊंगी। आज तेरी चूत चुदवा दिन फिर देखियो रोज घर पे तेरे ग्राहक खड़े होंगे।
दिव्या: सच में मम्मी।
नूपुर: और नही तो क्या तू बोलना उतने मर्द बुलाऊंगी तेरी चूत मरवाने के लिए।
अब नूपुर दिव्या को kiss कर के नीचे जाती हैं कुछ काम निपटाने उतने में निशा और दिव्य शीला को सेक्स शिखाने लग जाती हैं। और थोड़ी ही देर में काव्य भी आ जाती हैं घर।
Bhai kab update aayega
 
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Sam_Dev

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School ka part aur Birthday part aur bada karo story me
buhat mast ja rahey hu
 
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अब नूपुर दिव्या को kiss कर के नीचे जाती हैं कुछ काम निपटाने उतने में निशा और दिव्य शीला को सेक्स शिखाने लग जाती हैं। और थोड़ी ही देर में काव्य भी आ जाती हैं घर।
दिव्य की सुहागरात। पार्ट २
अब सारी लड़कियां सेक्स करने में बिजी हो जाती हैं। फिर सबसे पहले शीला थक जाती हैं तो वो बेड से उठ के किचेन में पानी पीने जाती हैं वहीं दिव्य निशा और काव्य इतने बिजी होते सेक्स में के उनको पता भी नहीं चलता हैं के शीला कही गई हैं।
अब किचेन में पहुंच के शीला नूपुर से पूछती हैं: मम्मी... मैं आपको मम्मी तो बोल सकती हूं न?
नूपुर: तुम मुझे मम्मी, रंडी, कुतियां कुछ भी बोल सकती हो जान।
शीला: कुछ भी?
नूपुर: कुछ भी अब मैं तुम्हारे सामने नंगी हु तो मतलब मेरे पूरे जिस्म पे तुम्हारा हक है तो तुमको सब बताना और तुमसे सब सुनना मेरा फ़र्ज़ हैं जान।
शीला: अभी तो मम्मी ही बोलूंगी पर फिर जब जो मन करेगा वो बोल दूंगी।
नूपुर: ठीक हैं मेरी जान।
शीला: मम्मी मुझे पूछना था कुछ मेरी दादी/नानी भी रंडी थी? और पापा ने उनको छोड़ था क्या??
नूपुर: वो पहले ये बताओ मुझे इज्जत से ये बात बताओ के जैसे रंडिया बोलती हैं वैसे बोलूं?
शीला: मम्मी रंडियों की तरह ही बताओ।
नूपुर: हां तो वो रंडी तो हैं क्योंकि मैने कई मर्दों के मुंह से सुना हैं के साली इज्जतदार बनती हैं। पर साली रंडी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला मुझे। बाकी अगर मैं अपनी मां का बोलूं तो बात सुनने वाली हैं।
अब इतने में पीछे से आवाज आती हैं: नानी के बारे में क्या बात हैं जो हमहे पता नहीं है।
नूपुर और शीला मुड़कर उस तरफ देखते हैं तो पता चलता हैं के निशा वहां पे खड़ी बात सुन रही होती हैं। तो नूपुर उसको देखकर मुस्कुरा देती हैं और बोलती हैं: तुम रंडियों को लगता हैं न के तुम्हारे खून में जो ये हवस और ये रंडियों की अदा हैं ये मुझसे और प्राची से आई हैं? तो यही तुम लोगो को नहीं पता हैं के सब हम जैसी रंडियों को खून में मिलता हैं।
निशा: मतलब??
नूपुर: चल ऊपर चल मैं ये बात तुम तीनों को साथ में बताती हूं।
अब तीनों कमरे की ओर चल देते हैं जहां पे दिव्य और काव्य बिल्कुल बुरी तरह से चुदाई में लगे होते हैं। जिसको देख नूपुर बोलती हैं: साला इन दोनों की चुदाई खतम ही नहीं होती हैं पता नहीं कितनी गरम हैं इनकी चूत। इस बात पर निशा और शीला हां बोलते हैं और तीनों हस्ते हुए कमरे में घुस जाते हैं।
 

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नानी की कहानी। भाग १
अब नूपुर कमरे में घुस के दिव्य और काव्य को रोकती हैं और दिव्य से बोलती हैं: वैसे जान अब जब सब सही होगया हैं तो तुम अपनी दोस्तो को क्यों नहीं बुला लेती हो रात में तुम्हारा बर्थडे मनाने और तुम्हारी चूत खुलते हुए देखने।
दिव्य: हां मम्मी मेरे तो इन सब में ये सब दिमाग से ही निकल गया। मैं अभी कॉल करती हूं दोनो को।
नूपुर: निशा वैसे तुमको नहीं लगता हम लोगों को बर्थडे की भी कोई तैयारी करनी चाहिए।
निशा: हां मम्मी वैसे ये रूम कौन सजाएगा सुहागरात के लिए।
इसपर शीला तुरंत बोलती हैं: मै सजा दूंगी दी।
नूपुर: ये ठीक हैं फिर इसके बर्थडे का केक कौन लाएगा?
दिव्य कॉल रख के बोलती हैं: मम्मी वो दोनो आ रही हैं और बोल रही थी के तुम्हारे सब तुम्हारी सुहागरात में बिजी होंगे तो केक हम लेते आयेंगे।
नूपुर: अरे वो दोनो तो बहुत प्यारी हैं। अच्छा तो रात में काव्य तुम ऑर्डर कर देना खाना बाहर से।
काव्य: ठीक हैं मम्मी।
नूपुर: वैसे तुम्हारे मां बाप आयेंगे रात को के नहीं?
काव्य: हां मम्मी दोनो आयेंगे।
निशा: मम्मी वैसे प्राची आएगी के नहीं?
नूपुर: तू उसको अब मां नहीं बोलेगी क्या? वैसे वो भी आयेगी और तेरी तरफ से मेरी तरफ शीला की तरफ और अपनी तरफ से गिफ्ट लेते हुए आएगी।
निशा: अच्छा सही हैं। वैसे मेरे लिए बस अब तुम ही मेरी मां हो वो भी मेरे लिए एक रंडी ही हैं।
नूपुर: अच्छा तुम लोगो के हिसाब से मैं इस रंडीखाने की मालकिन हूं।
इसपर सब साथ में हां बोलके हंसने लगते हैं।
शीला: मम्मी वैसे श्रद्धा का क्या हैं वो अभी गई थी तो रात में आएगी न।
नूपुर: वो भी आयेगी जान मै कुछ सामान उस से बोल दिया हैं रात रंगीन करने का वो भी वो लेते हुए आएगी।
अब सारी लड़कियां खुश हो जाती हैं। नूपुर घड़ी की तरफ देखती हैं तो उसमें अभी शाम के 4 बज रहे होते हैं तो नूपुर कहती हैं: अभी तो पापा के आने में बहुत टाइम हैं तब तक क्या करे।
इसपर तुरंत निशा बोलती हैं: नानी की बात बताने वाली थी न वो बताओ।
नूपुर: हां ठीक हैं जब तक तुम्हारी दोस्त नहीं आती हैं तब तक ये कहानी बता दूं तुम सब को फिर उनके साथ मिलकर के तुम लोग सजावट कर लेना। बाकी निशा तुम दिव्य को तैयार करोगी।
निशा हैरानी से देखते हुए: तो आज हम सबको कपड़े पहन के बर्थडे मनाना हैं क्या?
नूपुर: नहीं रे गधी। तुम दिव्य के जिस्म को और खूबसूरत करना के इसको देख हम सब को काबू न रहे खुद पे।
निशा: ओके रंडियों की महारानी।
नूपुर हंसते हुए: अच्छा तुम सब को बताती हूं के तुम्हारी नानी कितनी बड़ी रंडी थी।
दिव्य: वो कुत्तियां रंडी थी साली।
नूपुर: हां बहुत बड़ी वाली। अब मैं बताती हूं ये सब कहानी। ये तब की बात हैं जब मैं और प्राची बहुत शरीफ थी और मैने बस अपनी जवानी की दहलीज पे कदम ही रखा था। प्राची तो छोटी थी तब। वैसे जो होना मेरे साथ शुरू हुआ था उस वक्त कोई और लड़की होती तो उसके लिए पता नहीं कोई ट्रॉमा होता पर वही हैं न रंडी का खून जब बहता है तो कितना ही कुछ हो जाए मजा ही आता हैं।
तो मेरी कहानी तब शुरू हुई जब हम बहुत वक्त के बाद अपने नाना के यहां गए। उस वक्त मेरा जिस्म अपना आकार ले रहा था और मुझे नहीं पता के मेरे साथ क्या शुरू होने वाला हैं। हम लोग मतलब मैं प्राची मम्मी और कोमल जब पहुंचे तो मेरे नाना हम सबको लेने आए स्टेशन। उस दिन पहली बार नाना की आंखों में मैने देखा के वो मम्मी का जिस्म निहार रहे थे जैसे कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका को नंगा खड़ी हुई देखता है। इतना उस वक्त समझ तो नही थी पर ये पता था के सही नजरे नहीं है पर वो मेरी मां के पिता थे। और मेरी मां ने उन आंखों का विरोध नहीं किया बल्कि अपनी शर्मा गई। फिर नानू ने मुझे देखा तो ऐसा लगा जैसे मेरे कपड़ों के अंदर झाक रहे हो ये सिलसिला चल ही रहा था के मम्मी बोली: पापा घर चले। जिसपे मेरे नाना हम सबको घर ले गए। अब मैं घर की लाडली थी और नानू की गोद में बैठा करती थी तो उन दिनों नानू के पास जब मैं जाती तो नानू मेरे जिस्म को मलते कभी मेरी जांघों को सहलाते और कभी मेरे पेट को। और ये सब मेरी मां के सामने होता था और वो और उसकी मां इस चीज में हामी भरती थी। जितने दिन मैं रही रात को मम्मी नानू के रूम में जाती थी और क्योंकि उनका रूम मेरे और प्राची के रूम के बगल में था तो हमहे पता चल जाता था। और रात में हम दोनो को मम्मी और नानी की आहें सुनाई देती थी। पर हम उठ के जा नहीं पाते देखने के क्या हो रहा हैं क्योंकि मम्मी जब रूम के सामने से गुजरती तरूण हमारा खुला देख रूम बंद कर जाती बाहर से। अब ऐसे तीन दिन हुआ फिर मुझे और निशा को जानना था के घर में हो क्या रहा है तो हम दोनो ने सोचा और आज हम दोनो ने रूम अंदर से क्लोज कर दिया इस से जब मम्मी गुजरी तो कमरा बंद होने की वजह से वो कुछ बिना ही चली गई। और उनके जाते ही जैसे आवाजे आना शुरू हुई हम दोनो उठे रूम से निकले और बगल के रूम के बाहर पहुंचे तो देखा दरवाजा और खिड़की खुली हुई हैं। अब हम दोनो अंदर झांकने लगे तो देखते हैं मम्मी नंगी नानू की गोद में उछल रही हैं वही पे पड़ोस के तीन चार अंकल भी हैं जिनमें से एक ने मम्मी के मुंह में कुछ दिया हुआ है और बाकी अंकल यही काम नानी के साथ कर रहे हैं।
हम दोनो ये सब देखा इसको देख मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी और नींद तो जैसे गायब हो गई थी। हम दोनो रात भर सब देखते रहे फिर सुबह होने तक सब थक गए तो उन आदमियों ने कुछ पैसे नानु को दिए और बोले: अगर आपने अपने घर में रंडीखाना न खोला होता तो इस गांव का क्या होता। नानू: अरे साला ये रंडिया है ही मस्त बस अब तीन और रंडिया हैं बड़ी होने दो उनको। इसपर मेरी मम्मी हंसी और बोली: अब इसलिए तो उनको यहां लाई हूं के उनका जिस्म इस गांव में दिखा दूं कल की रंडिया।
अब हम दोनो ने देखा वो लोग निकलने को है तो हम दोनो भागकर कमरे में आए और रूम बंद कर के सो गए। फिर सुबह मम्मी ने उठा दिया। पर तब जब मम्मी उठा रही थीं तो पीछे से हमने आवाज सुनी जिसमें नानू बोले सोने दो उनको साली तू जितना तेज रात में चिल्लाती है वो दोनो कहा ही सो पाती होंगी। उसपे मम्मी बोली तो क्या कल को सालियों को जब रात रात भर चुदके सुबह उतना होगा तब क्या करेंगी।नानी बोली साली वैसे हमने रंडी बहुत सही जनी है कुत्तियां अपनी लड़कियों के सामने सती सावित्री बनती हैं और अकेले में देखो इसको।

अब आगे की कहानी अगले भाग में।
 
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Gary1511

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और फिर पलक और प्राची थक के लेट जाते हैं वही दिव्या प्राची की निपल्स को मसलती रहती हैं दोनो के वापस ताकत आने तक।
अब आगे...
Update - 47
अब दिव्या प्राची से पूछती हैं: मौसी आप बताओ उस दिन जब मम्मी अपने bf के साथ चुदाई कर रही थी तो आप कैसे वहां पहुंच गई थी।
प्राची: वो बहुत मजेदार बात हैं। आज भी याद करती हूं के मैने क्या क्या किया हैं पहले तो मेरी चूत में आग लग जाती हैं।
दिव्या: ऐसा क्या किया अपने? बताओ जरा हम दो आपकी बेटियां भी सुने तो।
प्राची: तू पहले तो नाम लेके बात कर।
दिव्या: अच्छा ठीक हैं मेरी प्यारी रंडी बताओ हम दोनो क्या क्या रंडीपने तुमने किए हैं।
प्राची: अच्छा फिर सुनो हुआ ये था के जब वो चूतिया तुम्हारी मां का bf बना था तो तब तेरी मां कुंवारी थी और मैं भी कुंवारी थी पूरी की पूरी सील पैक। पर मेरे उससे पहले एक आग लगी हुई थी और मैं तेरी मां के साथ सेक्स करना चाहती थी और उसको अपने काबू में लाना चाहती थी पर ये हो नही सकता था। उस वक्त हम दोनो छोटी छोटी बातों पे लड़ते भी थे। पर मैं चाहती थी तेरी मां को काबू में करना। तभी मुझे पता चला के तेरी मां का bf बना है और उसने एक बार उसको घर बुला के सेक्स कर लिया हैं तो मैंने एक प्लान तैयार किया। और ये बात आज तक तेरी मां को नहीं पता हैं के उस दिन उसको लगा के सब चले गए पर मैं घर में छुप गई थी।
दिव्या: सच में प्राची आप जानबूझ के घर में रुकी थी।
प्राची: हां और नही तो क्या। मैने दोनो के रूम में एक कैमरा छुपा दिया था और मैने सोचा था के उसको ब्लैकमेल करूंगी। पर पता नही क्या हुआ मेरा मन किया के दोनो की चुदाई आंखों से देखती हूं तो रूम में चली गई उनके। पर उन दोनो को चुदाई करते हुए देख रही थी तभी दिमाग में आया क्यू ना दोनो को डराया जाए। क्युकी डर के दोनो क्या ही करते या तो मुझसे जबरदस्ती करके मेरी चुदाई हो जाती या फिर नुपुर डर के मेरे काबू में आ जाती। तो मैं सामने जाके गुस्सा दिखाने लगी। उतनी देर नुपुर को कुछ समझ नही आया और जो उसको सही लगा मुझे चुप कराने का वो उसने किया। और पता दिव्या मैं उस लौंडे को जानती थी के हरामी हैं तो मुझे पता था मुझे चोदा जायेगा और इसलिए और मैं खुशी खुशी चली गई थी। पर मैने तेरी मां को पूरा ड्रामा दिखाया और वो उसको सच समझ भी गई जिस से को मेरे काबू में आ गई और फिर मैंने जहां चाहा उसने मेरे लिए चुदाई की और मेरे साथ भी बहुत चुदाई की। और मेरा अगर कहा जाए कोई rape नही हुआ था क्युकी वो सब मैं प्लान किया था नुपुर को पाने के लिए। देखा मेरा दिमाग।
दिव्या: वाह मेरी जान तुम तो बहुत पहुंची हुई चीज निकली।
अब पीछे से एक आवाज आती हैं जिसको सुन प्राची की गांड फट जाती हैं और वो देखती हैं तो वहा नुपुर होती हैं।
नुपुर: हां सच में बहुत पहुंची हुई चीज हो तुम। अपनी बहन को पूरी जिंदगी रुला के उसका इस्तेमाल करके तुमने तो बहुत मजे ले लिए। मैने तेरे लिए कितना कुछ किया जिंदगी भर और तूने सिर्फ मेरा इस्तेमाल।
प्राची: दी ऐसा कुछ नही हैं वो तो मैं....
नुपुर: अब तू चुप हो जा तूने बहुत बोल लिया और कर लिया। मतलब जिस बहन ने तुझे जिंदगी माना उसको तुमने अपने शौक के लिए एक तो धोखा दिया और एक रंडी बना दिया। तुम तो बहुत महान निकली।
अब इतना बोलते बोलते नुपुर रोने लग जाती। अब नुपुर बोलती: तेरे लिए क्या क्या नहीं किया मैंने पर दो दिन में दो धोखे तुमने कुछ ज्यादा नही दे दिया मेरे प्यार के बदले में मुझे ये सब। तेरी जैसी बहन होनी ही नही चाहिए। मैं सिर्फ तुझे खुश रखने के लिए किसी के बिस्तर में चली जाती थी। तू जब जिससे बोलती थी उसके लंड से चुदती थी।
अब प्राची को भी सब बुरा लगने लग जाता जिसमें वो नुपुर का हाथ पकड़ती और उस से माफी मांगने लग जाती। अब नुपुर का गुस्सा देख प्राची भी रोने लग जाती तभी दिव्या मन में सोचती: यार अगर देखे तो मम्मी के साथ बहुत बुरा किया हैं मौसी ने पर दोनो एक दूसरे से बहुत प्यार भी करती हैं और अगर मम्मी नाराज हो जाएंगी मौसी से तो वो कभी नहीं हसेंगी।
यही सोच के दिव्या हिम्मत कर के नुपुर के पास जाती हैं और उसको ढाका देके बिस्तर पे लिटा देती हैं और उसको चूमने लग जाती हैं।
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अब दिव्या के चूमने से थोड़ी देर में नुपुर गरम हो जाती हैं और दिव्या का साथ देने लगती हैं। अब जैसे ही नुपुर दिव्या के साथ मजे ले रही होती हैं तो प्राची भी अपने आंसू पोंछ के नुपुर की चूत की तरफ आ जाती हैं और उसको चाटने लगती हैं।
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अब पलक तीनो को देख अपनी चूत को सहलाने लग जाती हैं।
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अब नुपुर दिव्या होठों से आजाद हो के बड़बड़ाने लगती हैं: आह्ह... आआआह्हह... मेरी बहन.... और अच्छे से चाट...साली...कुत्तिया....आआह्हह्ह... आआह्ह्ह... मैं झड़ने...वाली...हूं अह्ह्ह्ह... आह्ह्ह्हह....
अब इतना बोलके नुपुर झड़ के बिस्तर पे लेट जाती हैं और तेज तेज सांसें लेने लगती हैं। वही प्राची नुपुर की पूरी चूत चाट के साफ कर देती हैं और दिव्या और पलक के साथ kiss करने लगती हैं। अब नुपुर अपने सासें काबू में करती हैं और उठके दिव्या के पास जाती हैं और उसको प्राची की चूत चटवाने लगती हैं।
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अब दिव्या मजे में प्राची की चूत चाटने लग जाती हैं और नुपुर पलक को पकड़ के kiss करने लगती हैं।
lesbians-kiss
Kiss करते हुए नुपुर पलक की चूत के साथ अपनी चूत घिसने लग जाती हैं जिससे दोनो आहे भरने लगती हैं।
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अब थोड़ी देर में तीनो लड़किया झड़ के बिस्तर पर गिर जाती हैं वही दिव्या अपनी चूत में उंगली कर के झड़ कर लेट जाती हैं।
Nice
 
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Shivgoyal

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जिसकी बेटी के इतने बड़े चूचे होंगे उसको तो पहले इन्ही चूचे को दबाना मसलना चाहिए
हां सही कहां 😍😍
 
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