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जिसकी बेटी के इतने बड़े चूचे होंगे उसको तो पहले इन्ही चूचे को दबाना मसलना चाहिए
Bhai yr kaha gayab ho gye update kro kahaniअब दोनो ऊपर रूम की तरफ जाते हैं फिर शीला से श्रद्धा की बात होती है तो श्रद्धा को पता चलता हैं शीला क्यों नाराज थी उस से। फिर वो सारी बोलती हैं और फिर दोनो मां बेटी का ट्रस्ट एक दूसरे पे बन जाता हैं और श्रद्धा वापस घर निकल जाती हैं।
दिव्या की सुहागरात। पार्ट १
अब श्रद्धा के जाते ही दिव्या शीला से पूछती हैं: जान दारू पिएगी।
नूपुर: नही।
दिव्य: क्यों मम्मी?
नूपुर: जान सिगरेट दारू तुम लोग कभी भी कर सकते हो पर अभी तुम लोगो को शीला के साथ होश में सेक्स करना चाहिए उसको अच्छी अच्छी पोर्न दिखानी चाहिए। मैं चाय नाश्ता बनाके आती हूं तुम लोग बिस्तर और मोहौल गरम करो। फिर आज दिव्या तुम्हारी वर्जिनिटी भी जानी हैं याद हैं तो उस सुहागरात की तयारी भी करनी है।
दिव्य: हां मम्मी ठीक है। हम लोग पहले शीला की जवानी को बाहर ले आए फिर और काम करते हैं।
नूपुर: हां वैसे मैं खुश हूं के एक हाथ और आ गया जो सुहागरात की तयारी में हेल्प कर देगा। वैसे काव्य को भी बुला लेना उसकी मदद भी लगेगी हमे।
दिव्य: अभी बुलाती हूं मम्मी।
अब दिव्या काव्य को कॉल करती हैं वही नूपुर अपने घर की नई सदस्य को ये सबके बारे में समझाती है। नूपुर मन में सोचती हैं: सच में शिवम को जब पता चलेगा उनकी लड़की भांजी उन्ही की बेटी हैं और वो उनके लिए नंगी होने को तयार हैं तो वो कितने खुश होंगे।
नूपुर यही सोच रही होती हैं उतने में दिव्या काव्य से बात करके नूपुर की तरफ बढ़ते हुए पूछती हैं: मम्मी मुझे एक सवाल हैं?
नूपुर: हां पूछो।
दिव्य: मम्मी शीला ने बताया के आपको और पापा को बेहोश कर के कंसीव किया था बुआ ने पर कैसे?
नूपुर: अरे मैं बताती हूं उसने क्या किया था तुम लोगो को आधा ही पता है मतलब। हुआ ये था एक बार मैं और शिवम उसके घर गए थे तब तू हो चुकी थी और तुझे तेरे दादा दादी के पास छोरके हम गए थे। तब तेरी बुआ ने मुझे बेहोशी की और तेरे पापा को नशे की दवाई दी थी जिससे उसने रात भर सेक्स किया तेरे पापा के साथ और मैं बेहोश पड़ी रही। इसलिए मुझे और शिवम को कुछ याद नहीं था उस रात का और हम यही लगता था के हम दोनो सेक्स करके सो गए थे। तेरी बुआ बहुत पहुंचा हुआ खेल खेली थी हमारे साथ।
दिव्य: तो रंडियों की मालकिन के घर चूत मरवाने के लिए ऐसे ही खेल खेलने पड़ेंगे ना मम्मी।
नूपुर: हां जान पर मैं पहले कहा थी रंडियों की मालकिन वो तो अब हुई हूं इतनी खूबसूरत सी तीन रंडियों को पाकर।
दिव्य: हाए मम्मी। I love you
नूपुर: me too जान। अब तुम और निशा शीला को सब रंडियों वाली बातें शिखा दो। इसको भी अपनी तरह ही रंडी बना दो। शीला तुम्हे रंडी बनना हैं ना।
शीला: हां मम्मी बिलकुल।
दिव्य: मम्मी वैसे एक बात सोचो पापा की जितनी बेटियां भी है सबको रंडी बनाना बहुत आसान हैं।
नूपुर: होगा ही तुम तीनो में अपने पापा के इंसेस्ट वाले गुण आए हैं। तुम तीनो होगी ही रंडी जब बाप रंडुआ हैं तो।
दिव्य: हां जब बाप ने इतनी मस्त सड़कछाप रंडी से शादी करके चोदी हैं तो उसकी बेटियां तो सड़कछाप होंगी ही।
नूपुर: साली मैं कोठे पे चुदने वाली रंडी थी सड़क पे ग्राहक पकड़ने वाली नही थी। समझी। पर अब तुम तीनो को सड़क वाली छिनार ही बनाऊंगी। आज तेरी चूत चुदवा दिन फिर देखियो रोज घर पे तेरे ग्राहक खड़े होंगे।
दिव्या: सच में मम्मी।
नूपुर: और नही तो क्या तू बोलना उतने मर्द बुलाऊंगी तेरी चूत मरवाने के लिए।
अब नूपुर दिव्या को kiss कर के नीचे जाती हैं कुछ काम निपटाने उतने में निशा और दिव्य शीला को सेक्स शिखाने लग जाती हैं। और थोड़ी ही देर में काव्य भी आ जाती हैं घर।
Bhai kab update aayegaअब दोनो ऊपर रूम की तरफ जाते हैं फिर शीला से श्रद्धा की बात होती है तो श्रद्धा को पता चलता हैं शीला क्यों नाराज थी उस से। फिर वो सारी बोलती हैं और फिर दोनो मां बेटी का ट्रस्ट एक दूसरे पे बन जाता हैं और श्रद्धा वापस घर निकल जाती हैं।
दिव्या की सुहागरात। पार्ट १
अब श्रद्धा के जाते ही दिव्या शीला से पूछती हैं: जान दारू पिएगी।
नूपुर: नही।
दिव्य: क्यों मम्मी?
नूपुर: जान सिगरेट दारू तुम लोग कभी भी कर सकते हो पर अभी तुम लोगो को शीला के साथ होश में सेक्स करना चाहिए उसको अच्छी अच्छी पोर्न दिखानी चाहिए। मैं चाय नाश्ता बनाके आती हूं तुम लोग बिस्तर और मोहौल गरम करो। फिर आज दिव्या तुम्हारी वर्जिनिटी भी जानी हैं याद हैं तो उस सुहागरात की तयारी भी करनी है।
दिव्य: हां मम्मी ठीक है। हम लोग पहले शीला की जवानी को बाहर ले आए फिर और काम करते हैं।
नूपुर: हां वैसे मैं खुश हूं के एक हाथ और आ गया जो सुहागरात की तयारी में हेल्प कर देगा। वैसे काव्य को भी बुला लेना उसकी मदद भी लगेगी हमे।
दिव्य: अभी बुलाती हूं मम्मी।
अब दिव्या काव्य को कॉल करती हैं वही नूपुर अपने घर की नई सदस्य को ये सबके बारे में समझाती है। नूपुर मन में सोचती हैं: सच में शिवम को जब पता चलेगा उनकी लड़की भांजी उन्ही की बेटी हैं और वो उनके लिए नंगी होने को तयार हैं तो वो कितने खुश होंगे।
नूपुर यही सोच रही होती हैं उतने में दिव्या काव्य से बात करके नूपुर की तरफ बढ़ते हुए पूछती हैं: मम्मी मुझे एक सवाल हैं?
नूपुर: हां पूछो।
दिव्य: मम्मी शीला ने बताया के आपको और पापा को बेहोश कर के कंसीव किया था बुआ ने पर कैसे?
नूपुर: अरे मैं बताती हूं उसने क्या किया था तुम लोगो को आधा ही पता है मतलब। हुआ ये था एक बार मैं और शिवम उसके घर गए थे तब तू हो चुकी थी और तुझे तेरे दादा दादी के पास छोरके हम गए थे। तब तेरी बुआ ने मुझे बेहोशी की और तेरे पापा को नशे की दवाई दी थी जिससे उसने रात भर सेक्स किया तेरे पापा के साथ और मैं बेहोश पड़ी रही। इसलिए मुझे और शिवम को कुछ याद नहीं था उस रात का और हम यही लगता था के हम दोनो सेक्स करके सो गए थे। तेरी बुआ बहुत पहुंचा हुआ खेल खेली थी हमारे साथ।
दिव्य: तो रंडियों की मालकिन के घर चूत मरवाने के लिए ऐसे ही खेल खेलने पड़ेंगे ना मम्मी।
नूपुर: हां जान पर मैं पहले कहा थी रंडियों की मालकिन वो तो अब हुई हूं इतनी खूबसूरत सी तीन रंडियों को पाकर।
दिव्य: हाए मम्मी। I love you
नूपुर: me too जान। अब तुम और निशा शीला को सब रंडियों वाली बातें शिखा दो। इसको भी अपनी तरह ही रंडी बना दो। शीला तुम्हे रंडी बनना हैं ना।
शीला: हां मम्मी बिलकुल।
दिव्य: मम्मी वैसे एक बात सोचो पापा की जितनी बेटियां भी है सबको रंडी बनाना बहुत आसान हैं।
नूपुर: होगा ही तुम तीनो में अपने पापा के इंसेस्ट वाले गुण आए हैं। तुम तीनो होगी ही रंडी जब बाप रंडुआ हैं तो।
दिव्य: हां जब बाप ने इतनी मस्त सड़कछाप रंडी से शादी करके चोदी हैं तो उसकी बेटियां तो सड़कछाप होंगी ही।
नूपुर: साली मैं कोठे पे चुदने वाली रंडी थी सड़क पे ग्राहक पकड़ने वाली नही थी। समझी। पर अब तुम तीनो को सड़क वाली छिनार ही बनाऊंगी। आज तेरी चूत चुदवा दिन फिर देखियो रोज घर पे तेरे ग्राहक खड़े होंगे।
दिव्या: सच में मम्मी।
नूपुर: और नही तो क्या तू बोलना उतने मर्द बुलाऊंगी तेरी चूत मरवाने के लिए।
अब नूपुर दिव्या को kiss कर के नीचे जाती हैं कुछ काम निपटाने उतने में निशा और दिव्य शीला को सेक्स शिखाने लग जाती हैं। और थोड़ी ही देर में काव्य भी आ जाती हैं घर।
Niceऔर फिर पलक और प्राची थक के लेट जाते हैं वही दिव्या प्राची की निपल्स को मसलती रहती हैं दोनो के वापस ताकत आने तक।
अब आगे...
Update - 47
अब दिव्या प्राची से पूछती हैं: मौसी आप बताओ उस दिन जब मम्मी अपने bf के साथ चुदाई कर रही थी तो आप कैसे वहां पहुंच गई थी।
प्राची: वो बहुत मजेदार बात हैं। आज भी याद करती हूं के मैने क्या क्या किया हैं पहले तो मेरी चूत में आग लग जाती हैं।
दिव्या: ऐसा क्या किया अपने? बताओ जरा हम दो आपकी बेटियां भी सुने तो।
प्राची: तू पहले तो नाम लेके बात कर।
दिव्या: अच्छा ठीक हैं मेरी प्यारी रंडी बताओ हम दोनो क्या क्या रंडीपने तुमने किए हैं।
प्राची: अच्छा फिर सुनो हुआ ये था के जब वो चूतिया तुम्हारी मां का bf बना था तो तब तेरी मां कुंवारी थी और मैं भी कुंवारी थी पूरी की पूरी सील पैक। पर मेरे उससे पहले एक आग लगी हुई थी और मैं तेरी मां के साथ सेक्स करना चाहती थी और उसको अपने काबू में लाना चाहती थी पर ये हो नही सकता था। उस वक्त हम दोनो छोटी छोटी बातों पे लड़ते भी थे। पर मैं चाहती थी तेरी मां को काबू में करना। तभी मुझे पता चला के तेरी मां का bf बना है और उसने एक बार उसको घर बुला के सेक्स कर लिया हैं तो मैंने एक प्लान तैयार किया। और ये बात आज तक तेरी मां को नहीं पता हैं के उस दिन उसको लगा के सब चले गए पर मैं घर में छुप गई थी।
दिव्या: सच में प्राची आप जानबूझ के घर में रुकी थी।
प्राची: हां और नही तो क्या। मैने दोनो के रूम में एक कैमरा छुपा दिया था और मैने सोचा था के उसको ब्लैकमेल करूंगी। पर पता नही क्या हुआ मेरा मन किया के दोनो की चुदाई आंखों से देखती हूं तो रूम में चली गई उनके। पर उन दोनो को चुदाई करते हुए देख रही थी तभी दिमाग में आया क्यू ना दोनो को डराया जाए। क्युकी डर के दोनो क्या ही करते या तो मुझसे जबरदस्ती करके मेरी चुदाई हो जाती या फिर नुपुर डर के मेरे काबू में आ जाती। तो मैं सामने जाके गुस्सा दिखाने लगी। उतनी देर नुपुर को कुछ समझ नही आया और जो उसको सही लगा मुझे चुप कराने का वो उसने किया। और पता दिव्या मैं उस लौंडे को जानती थी के हरामी हैं तो मुझे पता था मुझे चोदा जायेगा और इसलिए और मैं खुशी खुशी चली गई थी। पर मैने तेरी मां को पूरा ड्रामा दिखाया और वो उसको सच समझ भी गई जिस से को मेरे काबू में आ गई और फिर मैंने जहां चाहा उसने मेरे लिए चुदाई की और मेरे साथ भी बहुत चुदाई की। और मेरा अगर कहा जाए कोई rape नही हुआ था क्युकी वो सब मैं प्लान किया था नुपुर को पाने के लिए। देखा मेरा दिमाग।
दिव्या: वाह मेरी जान तुम तो बहुत पहुंची हुई चीज निकली।
अब पीछे से एक आवाज आती हैं जिसको सुन प्राची की गांड फट जाती हैं और वो देखती हैं तो वहा नुपुर होती हैं।
नुपुर: हां सच में बहुत पहुंची हुई चीज हो तुम। अपनी बहन को पूरी जिंदगी रुला के उसका इस्तेमाल करके तुमने तो बहुत मजे ले लिए। मैने तेरे लिए कितना कुछ किया जिंदगी भर और तूने सिर्फ मेरा इस्तेमाल।
प्राची: दी ऐसा कुछ नही हैं वो तो मैं....
नुपुर: अब तू चुप हो जा तूने बहुत बोल लिया और कर लिया। मतलब जिस बहन ने तुझे जिंदगी माना उसको तुमने अपने शौक के लिए एक तो धोखा दिया और एक रंडी बना दिया। तुम तो बहुत महान निकली।
अब इतना बोलते बोलते नुपुर रोने लग जाती। अब नुपुर बोलती: तेरे लिए क्या क्या नहीं किया मैंने पर दो दिन में दो धोखे तुमने कुछ ज्यादा नही दे दिया मेरे प्यार के बदले में मुझे ये सब। तेरी जैसी बहन होनी ही नही चाहिए। मैं सिर्फ तुझे खुश रखने के लिए किसी के बिस्तर में चली जाती थी। तू जब जिससे बोलती थी उसके लंड से चुदती थी।
अब प्राची को भी सब बुरा लगने लग जाता जिसमें वो नुपुर का हाथ पकड़ती और उस से माफी मांगने लग जाती। अब नुपुर का गुस्सा देख प्राची भी रोने लग जाती तभी दिव्या मन में सोचती: यार अगर देखे तो मम्मी के साथ बहुत बुरा किया हैं मौसी ने पर दोनो एक दूसरे से बहुत प्यार भी करती हैं और अगर मम्मी नाराज हो जाएंगी मौसी से तो वो कभी नहीं हसेंगी।
यही सोच के दिव्या हिम्मत कर के नुपुर के पास जाती हैं और उसको ढाका देके बिस्तर पे लिटा देती हैं और उसको चूमने लग जाती हैं।
अब दिव्या के चूमने से थोड़ी देर में नुपुर गरम हो जाती हैं और दिव्या का साथ देने लगती हैं। अब जैसे ही नुपुर दिव्या के साथ मजे ले रही होती हैं तो प्राची भी अपने आंसू पोंछ के नुपुर की चूत की तरफ आ जाती हैं और उसको चाटने लगती हैं।
अब पलक तीनो को देख अपनी चूत को सहलाने लग जाती हैं।
अब नुपुर दिव्या होठों से आजाद हो के बड़बड़ाने लगती हैं: आह्ह... आआआह्हह... मेरी बहन.... और अच्छे से चाट...साली...कुत्तिया....आआह्हह्ह... आआह्ह्ह... मैं झड़ने...वाली...हूं अह्ह्ह्ह... आह्ह्ह्हह....
अब इतना बोलके नुपुर झड़ के बिस्तर पे लेट जाती हैं और तेज तेज सांसें लेने लगती हैं। वही प्राची नुपुर की पूरी चूत चाट के साफ कर देती हैं और दिव्या और पलक के साथ kiss करने लगती हैं। अब नुपुर अपने सासें काबू में करती हैं और उठके दिव्या के पास जाती हैं और उसको प्राची की चूत चटवाने लगती हैं।
अब दिव्या मजे में प्राची की चूत चाटने लग जाती हैं और नुपुर पलक को पकड़ के kiss करने लगती हैं।
Kiss करते हुए नुपुर पलक की चूत के साथ अपनी चूत घिसने लग जाती हैं जिससे दोनो आहे भरने लगती हैं।
अब थोड़ी देर में तीनो लड़किया झड़ के बिस्तर पर गिर जाती हैं वही दिव्या अपनी चूत में उंगली कर के झड़ कर लेट जाती हैं।
हां सही कहांजिसकी बेटी के इतने बड़े चूचे होंगे उसको तो पहले इन्ही चूचे को दबाना मसलना चाहिए