ऐसा कुछ नहीं है, और आप है ना, ऐसे बेइज्जती ना करो लड़कियों की, आजकल लड़कियां लड़कों से आगे हैं।
वो तो होंगी ही, लड़कों को पिछे ज्यादा मजा जो आता है, इसलिए वो आगे जाने देते हैं, मैंने कहते हुए उसकी तरफ आंख मार दी।
मतलब क्या है आपका, आप है ना मुझसे ज्यादा दो-अर्थी बात मत करो, मैं सब समझती हूं आपकी बात का मतलब, सोनी ने मुंह बनाते हुए कहा।
अब समझाने के लिए ही तो मैंने बात कही है, अच्छा हुआ आप समझ गई नहीं तो मुझे समझाना पड़ता तो मुश्किल होती, मैंने हंसते हुए कहा।
देखो, मैं ऐसी वैसी लड़की नहीं हूं, आप है ना तमीज से बात करो, मोनी ने फिरसे मुंह बनाकर कहा।
लो जी, हर बार तो आपको आप कहकर ही बोला हूं, और कुछ गलत भी नहीं कहा है, फिर भी आप खामखां नाराज हो रही हैं, मैंने हंसते हुए कहा।
छोड़ो, आप ये बताओ की सोनी को कैसे जानते हो, मोनी ने बात बदलते हुए कहा।
लो भूल गई, आपने ही तो बताया था कि आप दो बहनें हो, सोनी और मोनी, मैंने अपने पैरों को सीधे करते हुए कहा।
और मैं अपने पैरों को सीधा करके हाथ पिछे टिका कर बैठ गया। हाथ पिछे करते वक्त मेरे हाथ मोनी के कुल्हों से टकरा गये और मैंने उसके कुल्हों से सटाकर ही अपना हाथ रख दिया। मेरी उंगलियां थोड़ी सी उसके कुल्हों के नीचे घुस गई थी।
मैंने मोनी की तरफ देखा, उसका चेहरा थोड़ा सा लाल हो गया था, पर उसने खुद को हटाया नहीं।
आपके घर में कौन कौन है, मोनी ने शरमाते हुए पूछा। (शरमा वो मेरे हाथ के कारण रही थी)।
जी हम तो अकेले ही रहते हैं, अब कोई है नहीं आप जैसा साथ रहने के लिए, मैंने मुस्कराते हुए कहा।
क्यों, मम्मी-पापा नहीं रहते साथ में, मोनी ने कहा।
मम्मी-पापा गांव में रहते हैं, यहां पर मैं अकेला ही रहता हूं, मैंने कहा।
मोनी मेरी बात सुनकर मुस्कराने लगी, आप कहा रहते हैं, मोनी ने कहा।
यही पास में, वो गली में मुडकर जो कोने वाला मकान है, उसी में सबसे उपर वाली मंजिल पर रहता हूं, कभी आइयेगा, मैंने कहा।
जरूर, आप बुलायेगें तो जरूर आउंगी, मोनी ने कहा।
अचानक मेरे हाथ पर शायद चींटी ने काटा होगा, जिससे मैंने हाथ को एकदम से उठाकर सामने लाया। झटके से उठाने के कारण मेरा हाथ मोनी के कुल्हों से घर्षण करता हुआ उपर को हुआ तो उसके बूब्स से साइड से छू गया। मैं हाथ को देखने लगा।
क्या हुआ, मोनी ने पूछा।
सॉरी, शायद चींटी ने काट लिया, मैंने उसे सॉरी बोलते हुए कहा।
सॉरी क्यों, मोनी ने कहा।
मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा, वो ऐसे बिहेव कर रही थी कि जैसे मेरा हाथ उसके शरीर से टच हुआ ही ना हो।
बस ऐसे ही, मैंने बात टालते हुए कहा और फिर से अपना हाथ उसके शरीर से रगड़ते हुए पिछे ले जाकर गया और अपनी कोहनी को घास पर टिका दिया और अपना हाथ उसके दूसरी तरफ लेजाकर उसके कुल्हे पर सैट कर दिया। इस तरह से मेरी दो उंगलियां तो उसके कुल्हों के नीचे थी और बाकी की दो उसके कुल्हें पर साइड से रखी हुई थी, जैसे तरबूज को एक हाथ से पकड़ते हैं उस प्रकार। और मेरा अंगूठा उसके पिछे की तरफ उसके कुल्हों के बीच की गहराई में टच हो रहा था।
मैंने अपना हाथ इस तरह से रख तो लिया था, पर मेरे दिल की धड़कन एकदम बढ़ गई थी और मुझे उम्मीद भी थी कि मेरे गालों पर एक चांटा आने वाला है, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
इसके उलटे मोनी ने भी अपने पैरों को आगे की तरफ इस फैला दिया, उसका एक पैर मेरे पैर पर आकर टिक गया, जिसे मेरी जांघें साइड से उसकी जांघों से सट गई। उसने अपने हाथ भी पिछे घास पर टिका दिये और बैठ गई।
उसके इस तरह बैठने से एक फायदा ये हुआ कि अब वो मेरे से बिल्कुल सटकर बैठी थी, परन्तु इससे ज्यादा नुकसान ही हुआ, क्योंकि मेरा हाथ उसके कुल्हों के नीचे दब गया था और नीचे की जमीन में पड़ी छोटी छोटी कंकर उंगलियों में चुभ रही थी।
मोनी का चेहरा लाल हो गया था और वो सामने की तरफ देख रही थी। मेरे चेहरे पर दर्द की शिकन साफ महसूस की जा सकती थी, पर वो तो तब उसे पता चलता जब वो मेरी तरफ देखती, वो तो बस सामने ही देखे जा रही थी और मंद मंद मुस्करा रही थी।
आप क्या करते हैं, मेरा मतलब किस चीज की तैयारी कर रहे हैं, उसने सामने देखते हुए ही कहा।
अब तक तो आपको समझ जाना चाहिए था कि मैं किस चीज की तैयारी कर रहा हूं, मैंने कहते हुए अपनी उंगलियों को थोड़ा सा उसके कुल्हों पर दबा दिया।
मेरी द्वारा कुल्हों को दबाये जाने पर वो समझ शायद वो समझ गई कि मैं क्या कहना चाहता हूं, और उसके गाल धीरे धीरे फड़कने लगे और साथ ही उसकी एक आंख भी।
मेरा मतलब वो नहीं था, उसने कहते हुए अपना पैर उठाकर मेरे पैर पर अपनी ऐडी से वार किया।
आउच, तो क्या था, अब मुझे क्या पता क्या मतलब था आपका, जो मेरी समझ में आया मैंने बता दिया, मैंने अपना दूसरा पैर उसके पैर के उपर जो कि मेरे पैर पर रखा हुआ था, रखते हुए कहा।
मेरी उंगलियों में अब ज्यादा दर्द होने लगा था तो मैंने उसके कुल्हें को मुट्ठी में भर लिया, सोनी के मुंह से हल्की सी सिसकारी निकली, जिसे वो दबा गई।
मेरे पैर को उसके पैर के उपर रखने से उसकी पैर घुटनों से थोड़े से उपर तक मेरे पैर के उपर था। उसके कुल्हों को मुट्ठी में भरने से उसका उस पैर का दबाव मेरे नीचे वाले पैर पर बढ़ गया।
बताओ ना क्या करते हो, मोनी ने हकलाते हुए सा कहा।
अब पहले मतलब समझा दो कि किस के बारे में पूछ रही हो, नहीं तो फिर कहोगी कि मेरा ये मतलब नहीं था, मैंने अपने पैर को उसके पैर पर थोड़ा सा दबाते हुए कहा।
मेरा मतलब है कि आप काम क्या करते हो, किसी चीज की कोचिंग कर रहे हो या, फिर अभी पढ़ रहे हो, या जॉब करते हो, अब की बार उसने अच्छी तरह से समझाते हुए कहा।
ओह तो आप ये पूछना चाहती थी, पहले ही ऐसे कहना चाहिए था ना, मैंने कहा।
तो अब बता दो, अब तो समझा दिया कि क्या पूछना चाहती हूं, मोनी ने कहा।
मैं जॉब करता हूं, आई-टी- फील्ड मैं, तुम क्या कर रही हो, मैंने कहा।
आई-टी- फील्ड में, सॉफ्रटवेयर इंजीनियर हो, मोनी ने अबकी बार मेरी तरफ देखते हुए कहा।
मैंने उसकी तरफ आंख मारी, नहीं, वेब डेवलपर हूं।
वॉव, वेब डेवलपर, फिर तो एक मेरी भी वेबसाइड बनाना, बढ़िया सी, मोनी ने चहकते हुए कहा।
आप क्या करती हो, मैंने पूछा।
मैं तो एम-टेक कर रही हूं, इलेक्ट्रोनिक्स से, जेएनयू से, उसने कहा।
वाह, बहुत खूब, इलेक्ट्रोनिक्स से, मैंने कहा।
आप मेरी वेबसाइड बनाओगे ना, प्लीज, मोनी ने कहा।
किस चीज की वेबसाइट बनवानी है तुम्हें, मैंने कहा।
हम्मममम--- अभी सोचा नहीं है, पर आप तो बना देना बस, मैं सोचकर बता दूंगी, उसने अपने होंठों पर उंगली रखते हुए कहा।
ठीक है जी, आप बता देना, मैंने अपना घर तो आपको बता ही दिया है, आ जाना कभी भी, जब आप सोच लो कि किस चीज की बनवानी है।
तभी उसका मोबाइल बजने लगा।
ओ-के, अब मैं चलती हूं, नहीं तो कॉलेज के लिए लेट हो जाउंगी, कहकर वो अपने कुल्हों को मेरे हाथ पर मसलते हुए उठ गई।
क्रमशः.....................