मैंने चारों तरफ नजर घुमाई,,,,, पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा था। पहाड़ों पर लाल लाइट जल-बुझ रही थी। मैंने आसमान की तरफ देखा तो पूरा आसमान तारों से भरा हुआ था। एकदम साफ आकाश,,,,, छोटा सा चांद दिखाई दे रहा था।
मैं मुंडेर पर चढकर दूसरी साइड पैर लटका कर बैठ गया। दूसरी साइड भी छत थी, इसलिए गिरने की टैंशन नहीं थी। मैं ऐसे ही बैठे हुए आसमान में देखने लगा। शायद तारें गिनने की कोशिश कर रहा हों।
आज काफी समय बाद इस तरह से आसमान में देख रहा था,,, शायद गांव से शहर में आने के बाद पहली बार। मन को बहुत ही शांति सी मिल रही थी। मैं काफी देर तक ऐसे ही आसमान में देखता रहा। तभी मुझे मेरे कंधे पर किसी का हाथ महसूस हुआ।
मैंने गर्दन घुमा कर देखा, पिछे अपूर्वा खड़ी थी।
हाए,,,,,, नींद कैसे खुल गई,,,, मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा।
बाथरूम जाने के लिए उठी थी, देखा तो आप वहां पर नहीं थे,,,, फिर दूसरे कमरे में भी देखा,, पर वहां भी नहीं थे,,, अपूर्वा ने कहा।
मैं एकबार तो काफी परेशान हो गई,,, पर फिर ये उपर का दरवाजा खुला हुआ दिखाई दिया तो मैं उपर देखने आ गई,,, अपूर्वा ने थोड़ा रूककर फिर कहा।
नींद नहीं आर ही थी, तो उपर आ गया,,, मैंने कहा।
अपूर्वा भी मुंडेर पर मेरे साइड में बैठ गई।
कितना ब्यूटीफुल नजारा है,,,, अपूर्वा ने कहा।
हम्ममम,,,,, बहुत दिनों बाद आज रात में आसमान को देख रहा हूं,, बहुत ही अच्छा लग रहा है,,,, मैंने उसके हाथ को अपने हाथों में लेकर सहलाते हुए कहा।
मैं तो पता नहीं आज कितने महीनों बाद उपर आई हूं,,,, अपूर्वा ने कहा और अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया।
बहुत ही अच्छा लग रहा है, इस तरह खुले आसमान के नीचे बैठकर,,,, अपूर्वा ने फिर से कहा।
हम्ममममम,,,,, मैंने बस इतना ही कहा और अपना एक हाथ अपूर्वा के सिर में लेजाकर उसके बालों को सहलाने लगा।
अपूर्वा के साथ इस तरह बैठने से मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और मन हो रहा था कि बस ऐसे ही बैठा रहूं। पता नहीं पर किसी कोने में बहुत ही मीठा सा आनंद महसूस हो रहा था।
आखिरकार मेरी सबसे अच्छी दोस्त जो थी वो,,, और इस तरह खुले आसमान में रात को हल्की हल्की ठण्ड में बैठना,,,, बहुत ही आनंददायक था।
अपूर्वा ने अपना हाथ मेरी कमर में रख दिया और सरककर पूरी तरह से मुझसे सट गई और दूसरा हाथ मेरी गोद में रख दिया। उसके इस तरह बैठने से उसके उरोज मेरे साइड और छाती पर दब गये थे। बहुत ही कोमल एहसास था। हम कितनी ही बार एक साथ रहे हैं, कितनी बार अपूर्वा मेरे से सटकर बैठी है, परन्तु आज तक कभी भी मेरे मन में उसके लिए कोई गलत विचार नहीं आया था। और आज भी वैसा ही था।
वो बहुत ही प्यारी लग रही थी। उसके चेहरे की मासूमियत कोई भी गलत विचार आने ही नहीं दे सकती थी।
आप घर कब जा रहे हो,,,, अपूर्वा ने ऐसे ही बैठे हुए पूछा।
क्यों,,,,, कोई स्पेशल बात है क्या,,,, मैंने पूछा।
नहीं,,,, वो आंटी का फोन आया था ना आपके रिश्ते की बात के लिए,,,, और आपको संडे को बुलाया था,,,,,,, अपूर्वा ने कहा।
ओ तेरे की,,,,,, मैं तो भूल ही गया था,,,, मैंने हैरान होते हुए कहा।
थैंक्स यार याद दिलाने के लिए,,,,, नहीं तो मम्मी तो यहीं पर पहुंच जाती बेलन लेकर,,,,,,, मैंने हंसते हुए कहा।
अपूर्वा भी हंसने लगी।
कल शनिवार है,,,, कल ही जाउंगा शाम को,,,,, मैंने कहा।
तो अगर आपको लड़की पसंद आ गई तो,,,,, हां कर दोगे,,,,, अपूर्वा ने मेरे चेहरे की तरफ देखते हुए पूछा।
अरे अभी तो बस रिश्ते वाले आयेंगे,,, लड़की से मिलना तो बाद की बातें हैं,,,,, मैंने उसके बालों को सहलाते हुए कहा।
पर हो सकता है,,, साथ ही आज जाये लड़की भी,,,, अपूर्वा ने कहा।
आपकी फोटो तो उन्होंने देख ही रखी होगी,,,,, अगर वो रिश्ता पक्का करने आये तो,,, लड़की भी साथ ही आ सकती है,,,,, अपूर्वा ने मेरे आंखों को टटोलते हुए कहा।
फिर भी,,,,, ऐसे किसी को एकबार देखकर थोड़े ही हां कर दूंगा,,,,,,, वैसे भी मैं अभी एक-दो साल तक तो शादी करने वाला हूं,,,,, मैंने कहा।
क्यों,,,,,, अपूर्वा ने पूछा।
अरे यार,,, मुझे परेशान होना पसंद नहीं है, खुद भी परेशान रहो,,,,, उसको भी परेशान रखो,,,, इसलिए मैं तभी शादी करूंगा तब अच्छा-खासा पैसा हो जायेगा,,,, ताकि फिर कोई टैंशन ना रहे,,,,,, मैंने कहा।
अब ऐसे में शादी कर लूंगा तो मैं तो पैसे कमाने के चक्कर में परेशान रहूंगा,,,, और पैसे की कमी में उसकी जरूरते भी पूरी नहीं होगी तो वो भी परेशान रहेगी,,, मैंने फिर कहा।
मैंने देखा है, खुद महसूस किया है,,,, जो जिंदगी मैंने गरीबी में काटी है,,, मैं नहीं चाहता कि मेरे बीवी-बच्चे भी उसी तरह की जिंदगी जिये,,,,,, मैंने कहा।
अपूर्वा अभी भी मेरी चेहरे पर ही देखे जा रही थी। उसके चेहरे पर खुशी झलक रही थी।
और अगर वो अमीर बाप की इकलौती बेटी हुई तो,,,, तब भी नहीं करोगे,,,,,, अपूर्वा ने मुस्कराते हुए कहा।
हम्ममम,,,, डिपेंड करता है,,,, अगर वो अपनी अमीरी दिखायेंगे तो फिर मेरी ना ही होगी,,,, क्योंकि मैं किसी का गुलाम बनकर जिंदगी नहीं जी सकता।
हां अगर वो अच्छे इंसान हुए,,,,, और अपने पैसों का रूतबा नहीं दिखाते तो फिर उस बारे में सोचा जा सकता है, मैंने बात पूरी करते हुए कहा।
अचानक अपूर्वा ने मेरे गाल पर एक प्यारी सी किस की और अपना चेहरा मेरे छाती में छुपा लिया।
क्रमशः.....................