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Adultery बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई (Completed)

Kahani kaisi hai?

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    Votes: 12 100.0%
  • Buri hai.

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sunoanuj

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Mitr agla update kab aayega ...
 

sunoanuj

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Mitr ab bank ko khol bhi do ...
 

kumarrajnish

kumaruttem
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Kya writter ho aap ,,hat off for you...
Maja aa jata hai aapka har update padhne,,
Waiting for your next update

Nice update

Aaj lagta hai ki Komal ka Account bhi open ho jayega...
:lol1:

Nice Update...

नई चिड़िया जाल में फसने के लिए तैयार है

ब्रेक लगाने से थोड़ा सा बैलेंस बिगड़ा aur kya kya bigadnewala hai age chalkar pata lagega

Ab Neelam ka number hai. Waiting for next

Mitr agla update kab aayega ...

kumarrajnish

kaha ho sir ji..............................................

waiting for update ................................................................................................


Mitr ab bank ko khol bhi do ...
bhaiyon deri ke liye maafi chahata hu
Update haajir hai
 
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Reactions: Sunil Ek Musafir

kumarrajnish

kumaruttem
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बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--43
गतांक से आगे ...........
लगता है लाइन पर आ गई है, मैंने मन ही मन सोचा और थोड़ा सा कमर को पिछे की तरफ कर दिया। मुझे मेरी गर्दन पर कोमल की गर्म गर्म सांसे महसूस हो रही थी। पूरे रस्ते वो वैसे ही बैठी रही, धीरे धीरे बाइक चलाते हुए लगभग आधे घंटे में जगतपुरा पहुंच गये।
कोमल ने उतरकर बैल बजाई और मैं बाइक को खड़ी करके उसके पास आकर खड़ा हो गया। दरवाजा कामवाली बाई ने खोला।
जी बोलिये, क्या काम है, बाई ने पूछा।
मैं रूपाली की दोस्त हूं, मिलने के लिए आई हूं, कोमल ने कहा।
रूपाली का नाम सुनते ही मुझे रात वाली रूपाली याद गई और लिंग ने एक अंगड़ाई ली और फिर वापिस सो गया।
जी कौन रूपाली, यहां तो कोई रूपाली नहीं रहती, बाई ने कहा।
बाई की बात सुनकर मेरी हंसी छूट गई। कोमल ने मेरी तरफ घूर कर देखा तो मैं शांत हो गया, पर हंसी रूकने का नाम ही नहीं ले रही थी।
आप एकबार अंदर पूछकर आईये, मैं पहले आ चुकी हूं, यहां पर, कोमल ने बाई से कहा।
आप यहीं पर रूकिये, मैं अभी पूछकर आती हूं, कहते हुए बाई अंदर चली गई।
बड़ी हंसी आ रही है, दो मिनट चुपचाप नहीं खड़े रह सकते, कोमल ने मुझे झिडकते हुए कहा।
थोड़ी देर में अंदर से एक बहुत ही सैक्सी लड़की निकल कर आई, मैंने एक बार उस लड़की की तरफ देखा, फिर कोमल की तरफ देखा। कोमल के चेहरे से लग रहा था कि ये रूपाली नहीं है।
जी कहिये, उस लड़की ने गेट पर आकर मेरी तरफ देखते हुए कहा।
जी मैं रूपाली की दोस्त हूं, उनसे मिलने आई हूं, कोमल ने जवाब दिया।
जी आपको कुछ गलतफहमी हुई है, यहां पर कोई रूपाली नहीं रहती, उस लड़की ने कहा।
उसकी बात सुनकर तो मेरी जोर से हंसी छूट गई और मैं थोड़ा साइड में होकर अपनी हंसी को कंट्रोल करने की कोशिश करने लगा।
मैं पहले भी यहां पर आ चुकी हूं, और मुझे अच्छी तरह याद है कि यही घर था, और आप कह रही हैं कि यहां पर कोई रूपाली नहीं रहती, कोमल ने थोड़ा उलझन में कहा।
जी अभी 6 महीने पहले ही हमने ये घर खरीदा है, उस लड़की ने कहा।
शिटटट्--- क्या आपको पता है कि जो पहले यहां पर रहते थे, वो अब कहां रहते हैं, कोमल ने निराश होते हुए पूछा।
उस लड़की की बात सुनकर मैं वापिस बाइक पर आकर बैठ गया था और बाइक स्टार्ट कर ली थी।
जी जब हम यहां पर आये तो ये घर खाली ही थी, जो पहले रहते थे वो हमारे आने से काफी पहले ही खाली कर चुके थे, इसलिए हमें उनके बारे में कुछ भी नहीं पता है, उस लड़की ने थोड़ा सा सांत्वना वाला चेहरा बनाते हुए कहा।
जी, धन्यवाद, कहकर कोमल मेरे पास आकर बाइक के सहारे लगकर खड़ी हो गई।
जी अगर आपकी आज्ञा हो तो चलें, मैंने मुस्कराते हुए कोमल से कहा।
वो लड़की अभी भी गेट पर ही खड़ी थी, इसलिए मैं अपनी हंसी को थोड़ा कंट्रोल कर रहा था।
तुम्हें बड़ी हंसी आ रही है, अब वो यहां से घर बेच कर चले गये तो इसमें मेरी गलती है, कोमल ने गुस्सा होते हुए कहा।
जी बिल्कुल नहीं, उनको आपको सूचित करना चाहिए था घर बेचने से पहले, और अपना नया एड्रेस भी देना चाहिए था, मैंने सीरियस चेहरा बनाते हुए कहा।
कोमल ने एक जोर का मुक्का मेरी कमर में जमा दिया, और मुंह फुला कर बाइक पर बैठ गई। वो मुझसे काफी पिछे हटकर बैठी थी। मैंने बाइक को वापिस घर की तरफ दौड़ा दिया।
वैसे आपकी वो रूपाली जी दिखती कैसी थी, मैंने कोमल से पूछा।
पर कोमल ने कोई जवाब नहीं दिया।
मुझे भूख लगी है, कहीं रूककर कुछ खाते हैं ना, थोड़ी दूर आने पर कोमल ने कहा।
मैंने बाइक गौरव टावर की तरफ मोड दी और कुछ ही देर में हम गौरव टॉवर में डॉमिनोज में टेबल पर बैठे अपने पिज्जा का इंतजार कर रहे थे।
अभी आप क्या कर रही हैं, कोई और बात न सूझने पर मैंने बातचीत शुरू करने के लिए यही सवाल पूछना सही समझा।
कोमल ने मेरी तरफ देखा और फिर कुछ सोचने लगी।
एमबीए कर रही हूं, कोमल ने जवाब दिया।
अब एमबीए के बारे में मुझे ज्यादा कुछ तो पता नहीं था, इसलिए अपनी पोल खुलने से बचने के लिए मैंने आगे इस बारे में कुछ न पूछना ही सही समझा।
अच्छा आपके पिताजी क्या करते हैं, मैंने उसको फिर से चुपचाप बैठते देखकर पूछा।
क्यों फैमिली पर लिटरेचर लिखना है क्या, सब कुछ पूछ कर, कोमल ने कहा।
 

kumarrajnish

kumaruttem
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अब इस जवाब के बाद तो मेरी हिम्मत ही नहीं हुई कुछ पूछने की, इसलिए चुपचाप पिज्जा का इंतजार करने लगा।
उसका साथ तो बहुत अच्छा लग रहा था, पर जिस तरह से वो बात कर रही थी, गुस्सा भी बहुत आ रहा था उस पर।
थोड़ी देर में वेटर दो पिज्जा ले आया। पिज्जा को देखकर मेरी समझ में नहीं आया कि इसको कैसे खाउं, इसलिए कोमल की शुरूआत करने का इंतजार करने लगा।
कोमल ने पिज्जा खाना शुरू किया और उसकी देखा देखी मैं भी उसी तरह पिज्जा खाने लगा। पिज्जा खाते ही मेरे मुंह में आग सी लग गई, बहुत ही ज्यादा मिर्ची थी, मैंने सॉफ्रट ड्रिक का गिलास एक ही बार में खाली कर दिया।
मैं सी-सी कर रहा था। कोमल मुझे देखकर हंसने लगीं
क्या बच्चों की तरह सी-सी कर रहे हो, थोड़ी सा भी तीखा नहीं खा सकते, कोमल ने हंसते हुए कहा।
इतनी मिर्ची तो हैं इसमें, मैंने इधर उधर वेटर को ढूंढते हुए कहा।
दो ड्रिंक और लेकर आओ, मुझे इधर उधर देखता हुआ पाकर वेटर हमारे पास आया तो मैंने उससे कहा।
और कुछ सर, वेटर पूछने लगा।
नहीं और कुछ नहीं, बस जल्दी से ड्रिंक लेकर आओ, मैंने कहा।
वेटर चला गया।
कोमल ने मेरे पिज्जा में से एक टुकड़ा लिया और खाते हुए कहा, कहां है मिर्ची, बिल्कुल भी नहीं है इसमें, तुमने चिल्ली सॉस ज्यादा लगा लिया होगा, कोमल ने कहा।
उसने मेरे सॉस की तरफ देखा तो आधे से ज्यादा खत्म था।
अब इतनी चिल्ली लगाओगे तो सी-सी तो करोगे ही, कोमल ने कहा और अपना ड्रिंक मेरे सामने कर दिया।
मेरे तो मुंह में आग लगी हुई थी, मैंने जल्दी से उससे ड्रिंक लिया और पी गया। इतने में वेटर दो ड्रिंक और ले आया।
मैंने जल्दी से उनमें से एक और खत्म किया तब जाकर मुंह में कुछ शांति हुई। थोडी देर रूककर मैंने थोड़ा सा टुकडा खा कर देखा, पिज्जा तीखा नहीं था। फिर तो मैंने सारा पिज्जा ही बगैर सॉस के खाया।
पिज्जा खाकर हम उठने ही वाले थे कि तभी मेरी नजर गेट से अंदर आती हुई रूपाली पर पड़ी, उसके पीछे पीछे नवरीत, सोनल और तान्या भी अंदर आ गई।
एक मिनट मैं अभी आया, कहकर मैं उठ खड़ा हुआ।
क्या हुआ, कहां जा रहे हो, कोमल ने पूछा।
अभी आ रहा हूं, मैंने कहा और गेट की तरफ चल पड़ा।
ओए, आप यहां पर क्या कर रहे हो, मुझे देखते ही नवरीत ने पूछा और उसके साथ साथ सोनल ने भी यही सवाल दाग दिया।
वो बॉस की साली को घुमाने लाया हूं, मैंने हंसते हुए कहा।
कहां है, सोनल ने इधर उधर नजर दौड़ाते हुए कहा।
मैं उनको लेकर कोमल के पास आ गया।
ओए, तू यहां क्या कर रही है, रूपाली ने कोमल की तरफ आश्चर्य से देखते हुए कहा।
पहले तू ये बता कि तू कहां मर गई थी, अभी तेरे घर से ही आ रही हूं, कोमल कहते हुए उठी और रूपाली और कोमल के बेमिसाल उरोज एक दूसरे के गले लग गए।
मेरे घर, तुझे मेरा एड्रेस कहां से मिला, रूपाली ने गले मिलकर हटते हुए कहा।
घर कहां मिला, वहां तो कोई और ही था, कह रहे थे कि तुम वहां से बेच कर चले गये हो, कोमल ने कहा।
यार, तू पहले वाले घर पहुंच गई, वो तो किराये का था, अब मालवीय नगर में ले लिया है हमने मकान, रूपाली ने कहा।
कोमल की आंखें कुछ नम सी हो गई थी।
वॉव यार, चलो ये अच्छा हुआ कि हम यहां पिज्जा खाने के लिए रूक गये, नहीं तो तुम्हें तुम्हारी रूपाली शायद कभी नहीं मिलती, मैंने कहा।
तुम तो कह रहे थे कि बॉस की साली को घुमाने लाया हूं, नवरीत ने कहा।
लाया तो हूं, अब तुम्हारी दोस्त मेरे बॉस की साली है तो मेरा कसूर थोड़े ही है, मैंने कहा।
मेरी बात सुनकर सभी हंसने लगे।
हाय मैं, नवरीत, रूपाली की दोस्त, और अब तुम्हारी भी दोस्त, नवरीत ने आगे बढ़ते हुए कोमल से हाथ मिलाते हुए कहा।
स्योर, रूपाली के दोस्त मेरे दोस्त, कोमल ने कहा और उसके गले लग गई।
फिर सभी ने अपना अपना परिचय दिया और दूसरी टेबल से चेयर सरका कर सभी बैठ गये। टेबल के चारों तरफ जगह फुल हो गई, मेरे बैठने के लिए जगह ही नहीं बची, तो मैं पास वाली टेबल पर जाकर बैठ गया।
हे, वहां क्यों बैठ गये, यहां आओ, नवरीत ने अपनी चेयर को एडजेस्ट करते हुए एक चेयर की जगह बनाते हुए कहा।
मैं चेयर उठाकर वहां पर आकर बैठ गया।
फिर उन्होंने 6 पिज्जा और ऑर्डर किये। एक और पिज्जा खाकर मेरा पेट तो फुल भर गया।
रूपाली और कोमल खूब बातें करती रही।
खाना-पीना होने के बाद मैंने बिल पे किया और हम डोमिनोज से बाहर आ गये।
अभी तो मैं घर थोड़ा लेट जाउंगी, शाम को जरूर आना, रूपाली ने कहा।
एड्रेस तो बता दे, आना की बच्ची, कोमल ने कहा।
अरे एड्रेस, ये हैं ना इनके साथ आ जाना, मैं इनके घर पर ही मिलूंगी, रूपाली ने कहा।
कोमल ने मेरी तरफ शंकित नजरों से देखा और फिर रूपाली की तरफ देखकर मुस्करा दी।
ओके ठीक है, इनके साथ ही आ जाउंगी, कोमल ने कहा।
कोमल सभी के गले लगी, मुझको छोड़कर। पर उसकी कसर रूपाली, नवरीत, तान्या और सोनल ने पूरी कर दी।
सबको बायें बोलकर मैं और कोमल ऑफिस के लिए चल दिये और बाकी सभी घर की तरफ।
ऑफिस पहुंचकर कोमल अंदर चली गई और मैं सीधा ऑफिस में आ गया।

थोड़ी देर में कोमल ऑफिस में आ गई और अपूर्वा की चेयर को मेरे पास सरका कर बैठ गई।
ये लो-----आपके पैसे, नहीं तो मन ही मन बुरा-भला कहोगेे,,,,,, कोमल ने मेरी तरफ पैसे बढ़ाते हुए कहा।
किस चीज के पैसे----- मेरी समझ में नहीं आया कि कैसे पैसे दे रही है तो मैंने कन्फयूज होते हुए पूछा।
पिज्जा के,,, और किसके------ कोमल ने कहा और पैसे मेरी गोद में रख दिये।
 

kumarrajnish

kumaruttem
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देवा रे देवा,,,,,,, क्या करूं इन लड़कियों का,,, मैं अपना माथा पिटते हुए बड़बड़ाया।
मैंने कोमल का हाथ पकड़ा और पैसे उसके हाथ में रखने लगा तो उसने अपना हाथ एक तरफ कर लिया।
मेरी तो सटक गई थी, मैंने उसकी गोद में जोर से हाथ मारते हुए पैसे रख दिए। मेरा हाथ उसकी पजामी में से उभर रही योनि पर टच हो गया। मुझे एकदम से करंट सा लगा। मैंने अपना हाथ वैसे ही रख दिया और अब पकड़ लो इन्हें, कहते हुए और ज्यादा अपने हाथ का दबाव कोमल की योनि पर बना दिया। कोमल की सांसे तेज हो गई थी और उसका शरीर बार बार झुरझुरी सी ले रहा था। पर न तो उसने पैसे पकड़े और न ही मेरा हाथ हटाया। मैं वैसे ही अपना हाथ वहां पर दबाकर रखे रहा।
जब कोमल ने मेरा हाथ नहीं हटाया तो मैंने अपने हाथ को थोड़ी सी हरकत दी और अपनी उंगली सीधी करके उसकी योनि के उपर रख दी।
कोमल के शरीर ने एकदम से झुरझुरी ली और मुझे अपनी उंगली पर कुछ गीलापन महसूस हुआ। मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा, उसकी आंखें आधी बंद थी और चेहरा एकदम लाल हो गया था। उसके उन्नत उरोज तो सांसों के साथ तेजी से उपर नीचे हो रहे थे। मेरा मन तो कर रहा था कि बस मुंह में भरकर चूस लूं।
उसकी हालत देखकर मैं समझ गया कि अब ये इस दुनिया में नहीं है। मैंने अपनी उंगली का हलका हलका दबाव उसकी योनि पर बढ़ाया और रगड़ने लगा।
मैंने उसकी कुर्ती को उपर किया और पजामी की डोर पकड़कर खींच दी। जैसे ही उसकी पजामी की डोर खुली, कोमल ने मेरा हाथ पकड़ कर अंदर जाने से रोक लिया और वापिस अपनी योनि पर पजामी के उपर से ही दबा दिया। मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा, उसका उसकी आंखें बंद थी।
वो मेरे हाथ को अपनी योनि पर दबाने लगी। मैंने भी हाथ को सही तरह से सैट करके उसकी योनि को अपनी मुट्ठी में भींच लिया और एक उंगली, पजामी समेत उसकी फांकों में सैट कर दी।
मेरे ऐसा करते ही कोमल का शरीर अकड़ गया और मेरा हाथ पूरा भीग गया। उसने मेरे हाथ को जोर से अपनी योनि पर दबा लिया था, जिससे मेरी उंगली हलकी सी उसकी योनि में चली गई थी।
कुछ देर तक उसका शरीर ऐसे ही अकड़ा रहा। मुझे अपनी उंगली पर उसकी योनि का संकुचन महसूस हो रहा था। उसकी आंखें जोर से बंद थी।
जब वो कुछ नोर्मल हुई तो मेरे हाथ से उसने अपना हाथ हटा लिया, उसने धीरे से थोड़ी सी आंखें खोली, मुझे अपनी तरफ ही देखता पाकर उसने वापिस अपनी आंखें बंद कर ली।
क्रमशः.....................
 
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