अब इस जवाब के बाद तो मेरी हिम्मत ही नहीं हुई कुछ पूछने की, इसलिए चुपचाप पिज्जा का इंतजार करने लगा।
उसका साथ तो बहुत अच्छा लग रहा था, पर जिस तरह से वो बात कर रही थी, गुस्सा भी बहुत आ रहा था उस पर।
थोड़ी देर में वेटर दो पिज्जा ले आया। पिज्जा को देखकर मेरी समझ में नहीं आया कि इसको कैसे खाउं, इसलिए कोमल की शुरूआत करने का इंतजार करने लगा।
कोमल ने पिज्जा खाना शुरू किया और उसकी देखा देखी मैं भी उसी तरह पिज्जा खाने लगा। पिज्जा खाते ही मेरे मुंह में आग सी लग गई, बहुत ही ज्यादा मिर्ची थी, मैंने सॉफ्रट ड्रिक का गिलास एक ही बार में खाली कर दिया।
मैं सी-सी कर रहा था। कोमल मुझे देखकर हंसने लगीं
क्या बच्चों की तरह सी-सी कर रहे हो, थोड़ी सा भी तीखा नहीं खा सकते, कोमल ने हंसते हुए कहा।
इतनी मिर्ची तो हैं इसमें, मैंने इधर उधर वेटर को ढूंढते हुए कहा।
दो ड्रिंक और लेकर आओ, मुझे इधर उधर देखता हुआ पाकर वेटर हमारे पास आया तो मैंने उससे कहा।
और कुछ सर, वेटर पूछने लगा।
नहीं और कुछ नहीं, बस जल्दी से ड्रिंक लेकर आओ, मैंने कहा।
वेटर चला गया।
कोमल ने मेरे पिज्जा में से एक टुकड़ा लिया और खाते हुए कहा, कहां है मिर्ची, बिल्कुल भी नहीं है इसमें, तुमने चिल्ली सॉस ज्यादा लगा लिया होगा, कोमल ने कहा।
उसने मेरे सॉस की तरफ देखा तो आधे से ज्यादा खत्म था।
अब इतनी चिल्ली लगाओगे तो सी-सी तो करोगे ही, कोमल ने कहा और अपना ड्रिंक मेरे सामने कर दिया।
मेरे तो मुंह में आग लगी हुई थी, मैंने जल्दी से उससे ड्रिंक लिया और पी गया। इतने में वेटर दो ड्रिंक और ले आया।
मैंने जल्दी से उनमें से एक और खत्म किया तब जाकर मुंह में कुछ शांति हुई। थोडी देर रूककर मैंने थोड़ा सा टुकडा खा कर देखा, पिज्जा तीखा नहीं था। फिर तो मैंने सारा पिज्जा ही बगैर सॉस के खाया।
पिज्जा खाकर हम उठने ही वाले थे कि तभी मेरी नजर गेट से अंदर आती हुई रूपाली पर पड़ी, उसके पीछे पीछे नवरीत, सोनल और तान्या भी अंदर आ गई।
एक मिनट मैं अभी आया, कहकर मैं उठ खड़ा हुआ।
क्या हुआ, कहां जा रहे हो, कोमल ने पूछा।
अभी आ रहा हूं, मैंने कहा और गेट की तरफ चल पड़ा।
ओए, आप यहां पर क्या कर रहे हो, मुझे देखते ही नवरीत ने पूछा और उसके साथ साथ सोनल ने भी यही सवाल दाग दिया।
वो बॉस की साली को घुमाने लाया हूं, मैंने हंसते हुए कहा।
कहां है, सोनल ने इधर उधर नजर दौड़ाते हुए कहा।
मैं उनको लेकर कोमल के पास आ गया।
ओए, तू यहां क्या कर रही है, रूपाली ने कोमल की तरफ आश्चर्य से देखते हुए कहा।
पहले तू ये बता कि तू कहां मर गई थी, अभी तेरे घर से ही आ रही हूं, कोमल कहते हुए उठी और रूपाली और कोमल के बेमिसाल उरोज एक दूसरे के गले लग गए।
मेरे घर, तुझे मेरा एड्रेस कहां से मिला, रूपाली ने गले मिलकर हटते हुए कहा।
घर कहां मिला, वहां तो कोई और ही था, कह रहे थे कि तुम वहां से बेच कर चले गये हो, कोमल ने कहा।
यार, तू पहले वाले घर पहुंच गई, वो तो किराये का था, अब मालवीय नगर में ले लिया है हमने मकान, रूपाली ने कहा।
कोमल की आंखें कुछ नम सी हो गई थी।
वॉव यार, चलो ये अच्छा हुआ कि हम यहां पिज्जा खाने के लिए रूक गये, नहीं तो तुम्हें तुम्हारी रूपाली शायद कभी नहीं मिलती, मैंने कहा।
तुम तो कह रहे थे कि बॉस की साली को घुमाने लाया हूं, नवरीत ने कहा।
लाया तो हूं, अब तुम्हारी दोस्त मेरे बॉस की साली है तो मेरा कसूर थोड़े ही है, मैंने कहा।
मेरी बात सुनकर सभी हंसने लगे।
हाय मैं, नवरीत, रूपाली की दोस्त, और अब तुम्हारी भी दोस्त, नवरीत ने आगे बढ़ते हुए कोमल से हाथ मिलाते हुए कहा।
स्योर, रूपाली के दोस्त मेरे दोस्त, कोमल ने कहा और उसके गले लग गई।
फिर सभी ने अपना अपना परिचय दिया और दूसरी टेबल से चेयर सरका कर सभी बैठ गये। टेबल के चारों तरफ जगह फुल हो गई, मेरे बैठने के लिए जगह ही नहीं बची, तो मैं पास वाली टेबल पर जाकर बैठ गया।
हे, वहां क्यों बैठ गये, यहां आओ, नवरीत ने अपनी चेयर को एडजेस्ट करते हुए एक चेयर की जगह बनाते हुए कहा।
मैं चेयर उठाकर वहां पर आकर बैठ गया।
फिर उन्होंने 6 पिज्जा और ऑर्डर किये। एक और पिज्जा खाकर मेरा पेट तो फुल भर गया।
रूपाली और कोमल खूब बातें करती रही।
खाना-पीना होने के बाद मैंने बिल पे किया और हम डोमिनोज से बाहर आ गये।
अभी तो मैं घर थोड़ा लेट जाउंगी, शाम को जरूर आना, रूपाली ने कहा।
एड्रेस तो बता दे, आना की बच्ची, कोमल ने कहा।
अरे एड्रेस, ये हैं ना इनके साथ आ जाना, मैं इनके घर पर ही मिलूंगी, रूपाली ने कहा।
कोमल ने मेरी तरफ शंकित नजरों से देखा और फिर रूपाली की तरफ देखकर मुस्करा दी।
ओके ठीक है, इनके साथ ही आ जाउंगी, कोमल ने कहा।
कोमल सभी के गले लगी, मुझको छोड़कर। पर उसकी कसर रूपाली, नवरीत, तान्या और सोनल ने पूरी कर दी।
सबको बायें बोलकर मैं और कोमल ऑफिस के लिए चल दिये और बाकी सभी घर की तरफ।
ऑफिस पहुंचकर कोमल अंदर चली गई और मैं सीधा ऑफिस में आ गया।
थोड़ी देर में कोमल ऑफिस में आ गई और अपूर्वा की चेयर को मेरे पास सरका कर बैठ गई।
ये लो-----आपके पैसे, नहीं तो मन ही मन बुरा-भला कहोगेे,,,,,, कोमल ने मेरी तरफ पैसे बढ़ाते हुए कहा।
किस चीज के पैसे----- मेरी समझ में नहीं आया कि कैसे पैसे दे रही है तो मैंने कन्फयूज होते हुए पूछा।
पिज्जा के,,, और किसके------ कोमल ने कहा और पैसे मेरी गोद में रख दिये।