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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Kammy sidhu

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साथ में पेशाब करने के लिए राजू ने श्याम की मां को मना लिया था एक नई अनुभव के लिए तीनों घर के अंतिम छोर पर पहुंच चुके थे जहां पर छोटा सा स्नानागार बना हुआ था वही हेडपंप भी लगा हुआ था अंधेरे में सब कुछ साफ है जरा है इसलिए राजू अपने साथ लालटेन लेकर चल दिया था और घर के अंतिम छोर पर पहुंचकर एक अच्छी जगह पर लालटेन रख दिया था जहां पर उसका उजाला चारों तरफ खेल सके और उस लालटेन की पीली रोशनी में राजू को सब कुछ नजर आ सके और ऐसा हो भी रहा था लालटेन की पीली रोशनी में तीनों एकदम नंगे खड़े थे,,,, श्याम की मां की नंगी जवानी का रस उसके बेटे के साथ-साथ राजू अपनी आंखों से पी रहा था,,,, श्याम की आंखों के सामने राजू लगातार रह रह कर श्याम की मां की बड़ी बड़ी गांड पर जोर से चपत लगा दे रहा था ऐसा करने से राजू को तो मजा आ ही रहा था लेकिन हल्के दर्द के साथ श्याम की मां के तन बदन में मदहोशी बढ़ जा रही थी,,,,। श्याम की मां की नंगी गांड पर अपनी हथेली फैरते हुए राजू बोला,,,।


अब सोच क्या रही हो मेरी रानी बैठ जाओ और मुतना शुरू करो,,,,मैं आज अपनी आंखों से तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता हूं तुम्हारी बुर से निकली सिटी को अपने कानों से सुनना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बातें सुनकर श्याम को बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था,, और कोई वक्त होता तो शायद वह राजू का मुंह तोड़ देता लेकिन इस समय वासना की खुमारी उसकी आंखों के अंदर अपना असर दिखा रही थी उसकी आंखों में 4 वोटों का नशा छाने लगा था जो कि उसकी मां की जवानी का ही था,,, राजू की ऐसी अश्लील बातें श्याम के कानों में मिश्री घोल रही थी और वह भी अपनी मां के लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा था वहीं दूसरी तरफ अपने बेटे की मौजूदगी है अपने बेटे के दोस्त के मुंह से अपने लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम की मां को थोड़ा अजीब तो लग रहा था लेकिन आनंद की ऐसी पराकाष्ठा को उसने कभी महसूस नहीं की थी,,, मर्दों की गंदी जुबान में भी औरतों के लिए मदहोशी भरा शुभ होता है आज यह पहली बार श्याम की मां को एहसास हो रहा था और यही फर्क वह अपनी बेटे में कर रही थी कि उसका बेटा उसे 2 साल सेचोदता रहा था मां बेटे के बीच का रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका था मर्यादा की दीवार गिर चुकी थी लेकिन फिर भी एक जवान लड़का होने के बावजूद भी श्याम ने इस तरह की अश्लील बातें उससे कभी नहीं की थी,,, जबकि श्याम की मां इस तरह की बातों से और ज्यादा उत्तेजित होती थी जो कि उसके बेटे का भी दोस्त राजू एकदम खुलकर उससे बातें कर रहा था इसलिए तो वह शर्म से पानी पानी होने के बावजूद भी अंदर ही अंदर बेहद प्रसन्न नजर आ रही थी और राजू की बात मानते हुए अपने बेटे और अपने बेटे के दोस्त की आंखों के सामने ही एक कदम आगे जाकर वहां बैठ गई थी ताकि उन दोनों को उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी के साथ-साथ उसकी बड़ी बड़ी गांड का नजारा एकदम साफ नजर आए,,,,।


बड़ी बड़ी गांड लेकर बैठने के साथ हीश्याम की मां अपने दोनों हाथ एली को पीछे की तरफ लाकर अपनी गांड की दोनों फांकों पर रखकर मुतना शुरू कर दी,,, पल भर में ही बुर से निकल रही सीटी की आवाज,,, राजू के साथ-साथ श्याम के कानों में मिश्री होने लगी राजू तो एक दम मस्त हो गया वह अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए श्याम की मां की गांड की तरफ देखते हुए श्याम से बोला,,,।

अरे यार से आप सच में तेरी मां एकदम क़यामत है इस उम्र में भी तेरी मां में जवानी कूट-कूट कर भरी हुई है जिसका रस पीने में मुझे तो बहुत मजा आ रहा है,,,,तुझे भी आ रहा होगा इतना तो मैं जानता ही हूं अभी तो अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड देख कर देख तेरा कैसे खड़ा होने लगा है,,,(राजू की बात से श्याम पूरी तरह से सहमत था अपनी मां को पेशाब करता हुआ देखा कर एक बार झड़ने के बावजूद भी उसका लंड तुरंत खड़ा हो गया था जबकि ऐसा उसके साथ होता नहीं था,,,, राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)कसम से श्याम पहली बार में किसी औरत को पेशाब करते हुए देख रहा हूं और पेशाब करती हुई औरत इतनी खूबसूरत लगती है मैंने कभी सोचा भी नहीं था,,,और तो तेरी मां बिना कपड़ों के एकदम नंगी बैठी है सोच मेरे दिल पर क्या गुजर रही होगी मेरा लंड तो ऐसा लग रहा है फट जाएगा,,,(राजू की गंदी गंदी बातें श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी वह पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी वह बेशर्मी की हद को धीरे धीरे पार कर रही थी,,,,आज उसे दो दो जवान लड़कों के सामने नंगी होकर पेशाब करने में अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था और उसे अच्छा भी लग रहा था,,, इसलिए राजू की बात सुनकर वह बोली,,,)


तुम दोनों देख क्या रहे हो आ जाओ मेरे साथ साथ पेशाब करो,,,, तू भी आजा बेटा,,, अपनी मां के साथ मुतने का सुख भोग,,,(श्याम की तरफ देखकर वह बोली श्याम अपनी मां की इस तरह की बातें सुनकर पूरी तरह से मस्त हो गया और अपनी मां की बात मानते हुए थे उसके बगल में आकर खड़ा हो गया वह हम उतने ही वाला था कि उसकी मां उसके लंड को पकड़ कर बोली,,,)

ऐसे नहीं बेटा तू भी बैठ जा मेरी तरह,,,,,,, तूने भी कभी इस तरह से औरतों की तरह बैठकर पेशाब नहीं किया होगा,,, इसलिए तू भी इस नए अनुभव का मजा ले,,,,(अपनी मां के इस तरह की खुली बातें सुनकर श्याम से रहा नहीं जा रहा भी अपनी मां के बगल में बैठ गया,,, अपनी मां को रोज-रोज चोदने के बावजूद भी श्याम इतना खुला नहीं था जितना कि आज खुलता चला जा रहा था यह सब राजू की मेहरबानी थी राजू ने जिंदगी का असली सुख का रास्ता उसके लिए बताया था,,,, श्याम अपनी मां के बगल में बैठ गया था मुतना शुरू कर दिया था इस तरह से वह पहली बार मुत रहा था इसलिए उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,,, श्याम की मां राजू की तरफ देखकर,,,

तू क्या खड़े-खड़े हिला रहा है तू भी आजा,,, ,,,


आता हूं मेरी रानी पीछे से तेरी गांड देखने में बहुत मजा आता है,,,,,,
(राजू की यही बातें श्याम की मां को बहुत अच्छी लगती थी वह ऐसे जताता था जैसे कि वह उसके बेटे के उम्र का ना होकर उसका प्रेमी या पति हो,,,, इतना कहकर श्याम श्याम की मां के बगल में नहीं बल्कि ठीक उसके पीछे बैठ गया,,, और अपने लंबे लंड को उसकी गांड के पीछे से नीचे की तरफ डालकर ठीक उसकी बुर के सामने कर दिया और मुतना शुरू कर दिया,,,,,)

आहहहहहह,,,,, मेरी जान कितना सुकून मिल रहा है मैं बता नहीं सकता,,,आहहहहह,,, तेरी बुर के नीचे से धार मारने में बहुत मजा आता है,,,,(श्याम की मां एकदम मस्त हुए जा रही थी उसके बेटे की आंखों के सामने ही राजू उसके ठीक पीछे बैठकर उसकी गांड से एकदम सटकर अपने लंड को नीचे की तरफ से आगे की तरफ लाकर पेशाब कर रहा था और साथ में श्याम की मां भी मुत रही थी,,,, श्याम की तो सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,, श्याम कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई लड़का एक औरत के साथ इतनी बेशर्मी से पैसा आता होगा लेकिन इस बेशर्मी में मजा बहुत था और वह भी दोनों को और उसे खुद को,,,, राजू पीछे बैठकर श्याम की मां की गर्दन पर होठ रखकर चूमते हुए,,,, अपने लंड को पकड़ कर उसकी बुर पर मारने लगा जिससेश्याम की मां की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ रहे थे वह उत्तेजना के मारे अपनी आंखों को बंद कर ले रही थी अभी भी उसके हाथ में उसके बेटे का लंड था जिसमें से पेशाब की धार निकल रही थी पहली बार वह अपने बेटे के लंड को पकड़ कर उसे पेशाब करा रही थी,,,।और श्याम आगे के तरीके जो पीकर अपनी नजरों को अपनी मां की दोनों टांगों के बीच टीकाया हुआ था क्योंकि राजू अपने लंड की करामात उसकी मां की बुर पर दिखा रहा था,,,, श्याम लालटेन की रोशनी में साफ तौर पर देख पा रहा था कि,,उसकी मां की बुर से पेशाब की धार निकल रही थी और राजू अपने लंड को पेशाब करते हुए हैं उसकी मां की पेशाब की धार में अपने लंड के सुपाड़े को भिगो रहा था यह अनुभव बेहद रोमांच पैदा कर देने वाला था,,श्याम मित्र इस बारे में कभी कल्पना भी नहीं किया था और राजू उसकी कल्पना के परे एकदम अद्भुत नजारे को उसकी आंखों के सामने पेश कर रहा था,,, श्याम की सासु ऊपर नीचे हो रही थी और राजू अपने लंड की सुपारी को उसकी मां की बुर में निकल रही पेशाब की धार के बावजूद भी उसकी बुर में डालने का प्रयास कर रहा था और श्याम के आश्चर्य के साथ ही राजू का लंड बड़े आराम से बैठे बैठे ही उसकी मां की बुर लमें पूरा सुपाड़ा घुस जा रहा था,,,,।


आहहहहह कितना आनंददायक है,,,,।

सहहहह बेटा यह क्या कर रहा है,,,

मत पूछो चाची बहुत मजा आ रहा है बस तुम मुतती रहो,,,आहहहहहह,,,,(राजू पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रहा था उसकी आंखें बंद हो रही थी श्याम से देखा नहीं जा रहा था अपना हाथ आगे बढ़ाकर अपनी मां की बुर को सहला रहा था जिसमें से अभी पेशाब की धार निकल रही थी और अभी भी उसकी मां के हाथ में श्याम का लंड था जिसे वह जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दी थी,,,,


अद्भुत नजारा श्याम के घर में पेश हो रहा था उसने कभी कल्पना भी नहीं किया था कि वह कभी अपने दोस्त को उसके साथ मिलकर अपनी मां की चुदाई करेगा और इस अद्भुत खेल को पूरी तरह से खेल कर मजा लेगा,,,,लालटेन की पीली रोशनी को सबको साफ नजर आ रहा था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था और इन तीनों के आंखों में नींद दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रही थी,,, और जब एक जवानी से भरी औरत एकदम नंगी हो और तू जवान लड़की हो तो भला ऐसे में नींद किसको आएगी और जिस को नींद आ जाए तो समझ लो वहां मर्द नहीं है,,,,।

पेशाब का कार्यक्रम समाप्त हो चुका था राजू का तो मन कर रहा था बैठे-बैठे ही राजू की मां की गांड मार ले,,,लेकिन अभी इस खेल को और ज्यादा रोमांचक करना था इसलिए तीनों अपनी-अपनी जगह से खड़े हो गए,,, राजू चाहता था कि उसकी मां अपनी बुर को पानी से एकदम साफ कर ले इसलिए हेडपंप चलाने लगा और श्याम की मां से बोला,,,।

चाची पानी से अपनी बुर धो लो,,, अभी और मजा लेना है,,,।
(और श्याम की मां राजू की बात मानते हुए हेडपंप में से निकल रहे पानी को अपने दोनों हथेली में लेकर अपनी बुर पर मारने लगी और उसे रगड़ रगड़ कर साफ़ करने लगी,,,थोड़ी देर बाद तीनों फिर से उसी कमरे में थे जिस कमरे में अभी-अभी चुदाई का खेल खेल कर गए थे,,,, श्याम की मां खटिया पर पीठ के बल नंगी लेटी हुई थी और उसके दोनों पैरों के बीच राजु अपने लिए जगह बना रहा था,,, और श्याम अपनी मां के सिरहाने बैठकर दोनों हाथों से उसकी गोल गोल चूचियों को दबा रहा था,,,, राजू के साथ साथ श्याम को भी इंतजार था अपनी मां की गांड मारने का एक अद्भुत सुख के नशे में उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,और उत्तेजना के मारे अपनी मां की चूचियों को वह जोर जोर से दबा रहा था राजू श्याम की मां की गांड को थोड़ा रुक पर करने के लिए उसके नीचे दो तकिया लगा दिया था और उसकी गांड को पर हवा में तोप की तरह तैनात कर दिया था,,,राजू श्याम की मां की दोनों जहां को अपनी हथेली में लेकर कस के दबा कर भी उसे थोड़ा सा फैलाते हुए बोला,,,।

सहहहह आहहह आहहहहह,,,, क्या मस्त बुर है चाची,,,, मन करता है खा जाऊं,,,,,।

तो खा जाना रे रोका किसने है,,,,, तुम दोनों के लिए तो है मेरी बुर,,,,।
(राजू अपनी मां की बात सुनकर हैरान भी था और उसे मज़ा भी आ रहा था क्योंकि इस तरह की से उसने कभी भी उससे बात नहीं की थी शायद गलती उसी की ही थी कि उसने भी राजू की तरह कभी अपनी मां से इस तरह की बातें नहीं किया था,,,)

पूरा का पूरा खा जाऊंगा मेरी जान,,,,(राजू श्याम की मां की बुर पर अपनी हथेली लहराते हुए उसकी गांड के छोटे से छेद को देख रहा था जो कि बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी इस समय उसकी उत्तेजना का केंद्र बिंदु से आम की मां की गांड का छोटा सा छेद था जिस पर आज फतेह पाना था इसलिए वह अपने बीच वाली उंगली को उस छोटे से अच्छे को कुरेदते हुए बोला,,,।

वह चाची तुम्हारी बुर के साथ-साथ तुम्हारी गांड का छेद कितना खूबसूरत लग रहा है,,,, कसम से ऐसा छेद किसी का नहीं होगा एकदम छल्ला की तरह नजर आ रहा है,,,।
(अपनी गांड के छोटे से छेद पर राजू की उंगली का स्पर्श महसूस करते ही वह कसमसाने लगी थी शायद गांड के छेद पर उंगली का स्पर्श उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव करा रहा था,,,, इसलिए वह मचलते हुए बोली,,)

आहहहह क्या कर रहा है गुदगुदी हो रही है,,,


मजा भी बहुत आएगा चाची आज तो मेरा मन तुम्हारे ईसी छेद से खेलने को कर रहा है,,,
(श्याम की मां इतनी भी नादान नहीं थी कि राजू के कहने का मतलब को ना समझती हो वह राजू के इरादे को भांप गई थी और पल भर में हीउसकी आंखों के सामने राजू का मोटा लंड और उसकी गांड का छोटा सा छेद नजर आने लगा जिसके अंदर लंड का प्रवेश बेहद कष्टदायक नजर आ रहा था इसलिए वह तुरंत बोली)

नहीं नहीं उसको कुछ मत करना,, मैं आज तक उस में नहीं ली हूं,,,,।(अपनी मां की बात सुनकर श्याम निराश होने लगा उसे लगने लगा कि अगर उसकी मां गांड का छेद नहीं देगी तो उसका मजा अधूरा रह जाएगा,,,,लेकिन उसको राजू पर भरोसा था वह जानता था कि राजू कोई ना कोई रास्ता जरूर निकाल लेगा इसलिए वहां सिर्फ देखता रहा और अपनी मां की चूची को दबाता रहा,,,,)

क्या मेरी जान घबरीती हो,,, दो-दो बच्चे छोटे से छेद से बाहर निकाल ली हो और आज गांड के छेद में डलवाने में डर रही हो,,, कसम से चाची बहुत मजा आएगा,,,


नहीं नहीं राजू ऐसा मत कर,,,,।
(श्याम की मां की बात का जवाब दिए बिना ही वह धीरे-धीरे अपनी बीच वाली उंगली को गांड के छोटे से छेद में प्रवेश कराने लगा जो कि बड़ी मुश्किल से थोड़ा बहुत खिसक रहा था क्योंकि वह जगह सूखी थी अगर गीलापन होता तो शायद उसकी बीच वाली उंगली बड़े आराम से घुस जाती इसलिए वह ज्यादा मशक्कत नहीं किया क्योंकि अगर जबरदस्ती करेगा तो उसकी मां को दर्द होगा और वह ऐसा कर रहे नहीं देगी इसलिए वह बहुत सोच समझ कर आगे बढ़ना चाहता था इसलिए अपने दिमाग को ठंडा करके वह बिना कुछ बोले श्याम की मां की आंखों को थोड़ा सा और फैला देंगे तो केवल बैठ गया और अपने होठों को पहले तो उसकी बुर के गुलाबी छेद पर रख कर चाटने लगा ताकि श्याम की मां के मन में जो कुछ भी चल रहा हो कुछ पल के लिए दूर हो जाए और ऐसा ही हुआ पल भर में ही श्याम की मां के तन बदन में मस्ती की लहर उठने लगी राजू अपनी जीत का कमाल उसके गुलाबी पत्तियों पर दिखा रहा था,,, उसकी मां उत्तेजित हुए जा रही थी और कसमसाते हुए अपनी कमर को दाएं बाएं हिला रही थी,,, राजू का लक्ष्य ईस समय श्याम की मां की बुर का नहीं बल्कि उसकी कहां का छोटा सा छेद था वह धीरे-धीरे एक नई उपलब्धि हासिल करना चाहता था,,, इसलिए श्याम की मां की बुर को चाटते हुए एक हाथ की उंगली से उसकी गांड के छेद को भी सहला रहा था और उसकी यह हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी,,,,।

दूसरी तरफ अपनी आंखों के सामने ही अपने दोस्त को अपनी मां की बुर चाटता हुआ देखकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा और वोअपनी मां की चूचियों को दबाता हुआ एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां के हाथ में थमा दिया,,, और उसकी मां अपने बेटे के लंड से खेलने लगी,,,,,धीरे-धीरे राजू अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए मंजिल की तरफ बढ़ने लगा और अपनी जीभ को नीचे की तरफ लआने लगा और अगले ही पल अपनी जीभ को श्याम की मां की गांड के छेद पर रख दिया,,,, और राजू की हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रहे थे उससे राजू की हरकत बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और वह उत्तेजना के मारे अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा दी,,,,आहहहहहहह राजु,,,,,, एकाएक श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी,,, वह कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड के छेद को भी चाटेगालेकिन शायद राजू उसकी जिंदगी में उसे अद्भुत सुख देने के लिए आया था इसीलिए तो जो कुछ भी वह नहीं सोची थी राजू उसे अपनी हरकतों से पूरा कर रहा था और उसे अद्भुत सुख की प्राप्ति भी करा रहा था,,,, बुर चटवाने से ज्यादा मजा श्याम की मां को अपनी गांड का छेद चटवाने में आ रहा था,,,,,,।

राजू पूरी तरह से अपना पूरा ध्यान श्याम की मां की गांड के छेद पर केंद्रित कर चुका था वह लगातार,,, अपनी जीभ से उस छोटे से छेद को कुरेद रहा था और उसकी हरकत की वजह से से आपकी मां के तन बदन में उत्तेजना की औलाद उठा रही थी कि पूछो मत वह बार-बार अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल दे रही थी वह काफी उत्तेजित हो चुकी थी,,, यहां तक कि वह अपने बेटे के खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर खुद अपने मुंह में डालकर चूसना शुरू कर दी थी श्याम तो अपनी मां की हरकत से पूरी तरह से हैरान हो चुका था,,,क्योंकि उसकी मां आगे से चलकर कभी भी उसके लंड को अपने मुंह में लेकर चूसी नहीं थी,,, लेकिन आज तो कमाल हो गया था और इसका माल का सारा से राजू को जा रहा था,,, श्याम अपने मन में सोचने लगा कि राजू वास्तव में औरत को खुश करने में पूरी तरह से जादूगर है उसका जादू और तो कर बहुत जल्दी चल जाता है तभी तो उसकी मां ना चाहते हुए भी अपनी गांड का छेद कैसे चटवा रही है,,,।

श्याम की मां इस बात से हैरान थी कि इतने गंदे जगह को कोई अपने मुंह से अपनी जीभ से कैसे चाटेगा लेकिन राजू में श्याम की मां की सोच की पूरी तरह से धारणा को बदल कर रख दिया था,,,, उस छोटे से छेद को चाटने में राजू अपनी संपूर्ण शक्ति को लगा दे रहा था पूरी तरह से मस्त हुए जा रहा था वह कभी सोचा नहीं था कि उम्रदराज औरत की गांड चाटने में इतना मजा आएगा,,,, श्याम की मां की कसमसाहट उसके तन बदन में उठ रही उत्तेजना की लहर कोपहचान कर राजू उसका पूरा फायदा उठाना चाहता था इसलिए अपनी बीच वाली उंगली को थोड़ा सा थूक लगाकर उसकी गांड के छोटे से छेद में डालना शुरू कर दिया,,,, चाटने की वजह से और थुक की वजह से गांड के छेद में चिकनाहट आ गई थी और उस चिकनाहट को पाकर राजू के ऊपरी धीरे-धीरे गांड के छेद में प्रवेश कर रही थी,,,,,, श्याम की मां की कसमसाहट और छटपटाहट दोनों बढ़ रही थी,,, कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड में इस तरह से उंगली डालेगा और वह भी उसके बेटे की उम्र का लड़का और वह भी उसके ही बेटे की आंखों के सामने,,,,उत्तेजना का प्रचंड अनुभव कर रही है श्याम की मां अपने बेटे के लंड को पूरा गले तक लेकर चूस रही थी उससे उत्तेजना संभाले नहीं संभल रही थी वह पूरी तरह से बेकाबू होते जा रहे थे देखते ही देखते राजू मौके का फायदा उठाते हुए अपनी बीच वाली मोदी को पूरा का पूरा श्याम की मां की गांड के छोटे से छेद में डाल दिया था और उसे अंदर बाहर कर कर अपने लिए जगह बना रहा था वह अच्छी तरह से जानता था कि श्याम की मां की गांड का छेद उतना विकसित नहीं है जितना कि उसके लंड का सुपाड़ा लेकिन यह बात अच्छी तरह से जानता था की लंड गांड के छेद की चिकनाहट पाकर बहुत ही जल्दी उसमें प्रवेश कर जाएगा और एक बार प्रवेश कर गया तो फिर मजा ही मजा है इसलिए वह पूरा जोर लगा रहा था श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए,,, श्याम की मां की अब जाकर उत्सुक हुए जा रही थी कि राजू उसकी गांड कैसे मारेगा,,,,,,।

राजू अपने बीच वाली उंगली को शाम की मां की गाना के छोटे से छेद में अंदर बाहर करते हुए श्याम से बोला,,,


देख रहा है श्याम तेरी मां की गांड का छेद कितना खूबसूरत है मेरी उंगली बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही है अब देखना मेरा लंड कितने आराम से तेरी मा ले लेती है,,,,।


मां की गांड में तेरा चला जाएगा,,!(श्याम आश्चर्य जताते के राजू से बोला क्योंकि होली अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां की गांड का छेद छोटा सा है और राजू का लंड काफी मोटा है,,,)


तू चिंता मत कर मेरे दोस्त देखना तेरी मां कैसे उछल उछल कर गांड मरवाती है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी उंगली को उसकी गांड के छेद के अंदर गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया,,,। यह एहसास श्याम की मां के लिए बिल्कुल अनोखा और नया था उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसकी जिंदगी में ऐसा भी पल आएगा जब वह दो दो जवान लड़कों से इस तरह का खेल खेलेगी,,,, राजू की बात सुनकर श्याम बोला,,)

तू एक बार कोशिश कर अगर सफल हो जाएगा तो मैं भी गांड मारूंगा,,,,।

(श्याम की इस तरह की बात सुनकर श्याम की मां उसकी तरफ देखने लगी हालांकि अभी भी उसके मुंह में उसके बेटे का लैंड था जो कि श्याम धीरे-धीरे अपनी कमर आगे पीछे करके हिला रहा था,,,, राजू श्याम की मां की गांड के छेध में उंगली डालकर उसे हिलाते हुए बोला,,,)

क्यों मेरी जान मजा आ रहा है ना उंगली कर रहा हूं तो,,,


सहहहहहह ,,, हाय दैया मजा तो बहुत आ रहा है लेकिन अपना लंड मत डालना तेरा बहुत मोटा है,,,


तो क्या सबसे पहले श्याम को डालने दो श्याम से गांड मरवाना चाहती हो,,,,

नहीं नहीं,,, श्याम से नहीं वह तो अभी नादान है,,, तू ही शुरुआत कर,,,,,,,(ना चाहते हुए भी श्याम की मां के मुंह से हामी निकल गई ,,क्योंकि भले ही वह गांड मरवाने से डर रही थी लेकिन वह भी पूरी तरह से उत्सुक हो गई थी गांड में लंड का अनुभव करने के लिए और वह शुरुआत राजू के अनुभव से ही करवाना चाहती थी क्योंकि श्याम पर अब उसे पूरा भरोसा नहीं था वहां अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसकी गांड के छेद का उद्घाटन राजू ही अच्छी तरह से कर सकता है क्योंकि उसकी हरकत देखते हुए श्याम की मां समझ गई थी कि वह पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ है लेकिन गांड मारने का अनुभव राजू के पास भी नहीं था लेकिन ताकत पूरा था,,,,लेकिन श्याम अपनी मां की बात सुनकर मन ही मन बहुत गुस्सा हो रहा था क्योंकि वह उसे नादान कह रही थी जबकि 2 साल से खुद अपनी प्यार उसी से बुझवाती आ रही थी,,,, लेकिन श्याम कर भी क्या सकता था उसे मजा भी तो बहुत आ रहा था और राजू के बाद गांड का छेद उसे ही मिलने वाला था,,,इस बात की खुशी के आगे उसकी मां की बात हुआ भूल गया और सारा ध्यान उसकी चूची पर केंद्रित करके धीरे-धीरे उसे दबाना शुरू कर दिया हालांकि श्याम की मां ने अपने मुंह में से श्याम के लंड को बाहर निकाल दी थी,,,राजू इस बात से खुश था कि चलो उसकी मां तैयार तो हो गई गांड मरवाने के लिए लेकिन उसे अपनी हरकत पर पूरी तरह से भरोसा था कि वह श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए मनाने का और आखिरकार उसकी मां मान ही गई,,,,,, इसलिए राजू खुश होता हुआ बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची तुम्हारी खूबसूरत गांड का छोटा सा छेद मेरी जिम्मेदारी पर है तुम्हें इतना मजा दूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,,(राजू उसी तरह से लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए बोला वह चित्र से जानता था कि आगे का रास्ता बेहद कठिन है धीरे-धीरे बहुत संभाल कर चलना है उसका एक भी गलत कदम सारे किए कराए पर पानी फेर सकता था इसलिए राजीव श्याम से बोला) श्याम जाकर कटोरी में थोड़ा सरसों का तेल लेकर आ,,,, मेरी रानी की गांड में थोड़ा सा सरसों का तेल जाएगा तो मजा दोगुना हो जाएगा,,,,

(श्याम तुरंत कमरे से बाहर गया और थोड़ी ही देर में सरसों के तेल को कटोरी में लेकर आ गया,,,, और राजू को थमाने लगा राजू तुरंत कटोरी को लेकर बोला,,,)

अब आएगा असली मजा देखना कैसे सटासट मेरा लंड तुम्हारी गांड में जाता है,,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू कटोरी को खटिया के पाटी पर रखकर श्याम की मां को पलटने के लिए बोल दिया श्याम की मां की तरह से जानती थी कि किस आसन में उसे आना है,,, वह जानती थी की गांड मरवाने के लिए उसे घोड़ी बनना पड़ेगाअपनी बेटी के सामने अब उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही थी अब वह पूरी तरह से खुल चुकी थी वह तुरंत आसन बदलते हुए घोड़ी बन गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को ऊपर की तरह हवा में लहराने लगी जिसे राजू अपने दोनों हाथों में थाम कर उत्तेजना के चलते उसकी गांड पर चुंबन करने लगा,,,, और सरसों के तेल की कटोरी को लेकर उसकी धार को गांड के छेद पर अच्छी तरह से गिराने लगा,,,श्याम की मां के बदन में तेल की धार गांड के छेद पर गिरने से कसमसाहट बढ़ रही थी,,,,और थोड़ा सा तेल बचा तो उसे अपने खड़े लंड पर लगाने लगा जिससे लंड की ताकत और ज्यादा बढ़ने लगी,,,,।

थोड़ी ही देर में राजू तैयार था से आपकी मां की गांड मारने के लिए और गांड मराई का पहला अनुभव प्राप्त करने के लिए,,, जिसे उसकी बुआ गुलाबी नहीं डर के मारे इंकार कर दी थी और अशोक की बीवी का छेद कुछ ज्यादा ही छोटा होने की वजह से राजू खुद आगे नहीं बढ़ पाया था,,, लेकिन आज से आपकी मां के साथ मौका और दोस्त और दोनों था शाम की मां भी तैयार उसका बेटा श्याम भी तैयार था और राजु तो पहले से ही तैयार था इस नए अनुभव को लेने के लिए,,,,,,

झुमरी की गैर हाजिरी में एक मां अपने बेटे के साथ मिलकर बेटे के दोस्त को घर में बुलाकर चुदाई और गांड मराई का सुख भोग रही थी,,,,राजू पूरी तरह से तैयार था राजू का लंका पूरी तरह से लोहे के रोड की तरह तन कर खड़ा हो गया था उसमें जरा भी लायक नहीं थी आसमान की तरह मोटा हुआ खड़ा था,,,,श्याम की मां की गुफा में घुसकर प्रहार करने के लिए वह उतावला हुआ जा रहा था,,, श्याम की मां की गांड भी लपलपा रही थी,,,राजू के लड्डू को अपने अंदर लेने के लिए लेकिन उसके अंदर डाल भी था उसे इस बात का डर था कि इतना मोटा लंड उसकी गांड के छेद में घुस पाएगा कि नहीं लेकिन राजू के अनुभव पर उसे पूरा विश्वास था,,,, राजू अपने लंड को हिलाता हुआ घुटनों के बल बैठ कर ठीक श्याम की मां की गांड के पीछे पहुंच गया,,,,,,

श्याम के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही है उसकी आंखों के सामने उसका दोस्त उसकी मां की गांड मारने जा रहा था जो कि उसकी मां के लिए भी यह पहला अनुभव था ,,श्याम भी पहली बार देखना चाहता था कि औरत की गांड कैसे मारी जाती है क्योंकि इसका अनुभव वह खुद लेना चाहता थाराजू अपने लंड की सुपाड़े को राजू की मां की गांड के छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा कि घुस पाएगा कि नहीं,,, अगर वैसे डाला जाता तो शायद नहीं घुस पाता लेकिन सरसों के तेल की चिकनाहट पर उसे पूरा भरोसा था और अपने लंड की ताकत पर उसे गर्व भी था आज उसके लैंड की परीक्षा थी उसके मर्दाना ताकत से भरे अंग की परीक्षा थी वह देखना चाहता था कि आज वह सफल होता है या असफल,,,एक औरत को संतुष्ट करने में वो पीछे हटना नहीं जाता था वह घुटने टेकना नहीं चाहता था कि हम की मां पूरी तरह से उम्रदराज औरत थी उसमे सारा अनुभव भरा हुआ था लेकिन राजू जवान था मर्दाना ताकत से भरा हुआअपने इस अनुभव से वह पूरी तरह से श्याम की मां को संतुष्ट कर के उसे गदगद कर देना चाहता था इसलिए वह अपने लंड की सुपाड़े को उसके छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा,,, गांड के छेद के मुकाबले लंड का सुपाड़ा काफी मोटा था लेकिन फिर भी वह हिम्मत नहीं आ रहा और हाथ में अपने लंड को पकड़ कर उसके सुपाड़े को गांड के छेद में डालने की कोशिश करने लगा,,,।

धीरे धीरे तेल की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा सरकने लगा,,, लेकिन आगे नहीं बढ़ पा रहा थाधड़कते दिल के साथ श्याम की मां पीछे नजर घुमाकर राजू की हरकत को गौर से देख रही थी और इंतजार कर रही थी कि कब उसका लंड उसकी गांड के छेद में घुस जाए,,, यही इंतजार श्याम को भी था वह अपने लंड को हिलाते हुए बड़े गौर से राजू की हरकत को देख रहा था राजू बिल्कुल भी जताना नहीं चाहता था कि उस से नहीं हो पा रहा है वह कोशिश करने में बंद था इसलिए एक बार फिर से सरसों के तेल में श्याम की मां की गांड को पूरी तरह से डुबो दिया और ढेर सारा थूक उस पर उस छोटे से छेद पर गिरा दिया,,,,और उस पर लंड का सुपाड़ा रख कर धीरे धीरे ताकत लगाकर अंदर की तरफ डालने लगा जैसे जैसे वह ताकत लगा रहा था मुझसे वैसे श्याम की मां अपने दांतो को दबा दे रही थी,,,।

राजू की मेहनत और उसका विश्वास रंग लाने लगा तेल और थुक दोनों की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा छोटे से छेद के अंदर सरकने लगा,,,, भले ही गांड का छेद छोटा था लेकिन उत्तेजना के मारे और राजू की मेहनत के आगे जैसे-जैसे लंड का सुपाड़ा अंदर की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे वह छोटा सा छेद अपना आकार बदल रहा था,,,, देखते ही देखते राजू ने अपने सुपाड़े को आधा गांड के छेद में डाल दिया था,,,, अपने दांतो को जोर से दबाते हुए श्याम की मां अपने दर्द को दबाए हुए थी उसे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन इस नहीं अनुभव के आगे वह अपने दर्द को भूल जाना चाहती थी,,,,, राजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़े हुए था और दूसरे हाथ से श्याम की मां की गांड को दबोचे हुए था,,,, पल भर में ही राजू पसीने से तरबतर हो गया लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पा रही थी,,,, आधा सुपाड़ा गांड के छेद में घुसा हुआ था राजू एक बार फिर से ढेर सारा थूक मुंह से उसके छोटे से छेद पर गिराने लगा और उंगली से उसे चारों तरफ लगाने लगा इस बार उसे लगने लगा कि उसका सुखाड़ा प्रवेश कर जाएगा क्योंकि काफी चिकनाहट पाने लगा था और इस बार राजू कुछ ज्यादा ही जोर लगाया और लंड का सुपाड़ा सारी अड़चनों को दूर करता हुआ गांड के उस बेशकीमती छल्ले के अंदर प्रवेश कर गया,,, लेकिन जैसे ही प्रवेश किया वैसे ही श्याम की मां से बर्दाश्त नहीं हुआ और वहा दर्द से कराहने लगी,,,।


हाय दैया मर गई रे,,,, हरामजादे क्या डाल दिया अंदर निकाल जल्दी मुझे बहुत दर्द कर रहा है,,, निकाल मुझे गांड नहीं मरवाना,,मै पहले ही तुझे बोली थी कि बहुत दर्द करेगा,,, बाप रे मर गई रे,,, बुर ही ठीक थी गांड नहीं,,, हम निकाल हरामजादे मैं तुझे गांड नहीं मारने दूंगी,,,।

(अपनी मां की बात सुनते ही श्याम के तो पसीने छूटने लगे उसे लगने लगा कि अगर राजू उसकी मां की गांड मार पाया तो उसे तो यह सुख मिलेगा ही नहीं,,,, वाह राजू कि‌ तरफ आश्चर्य से देखने का का राजू उसे दिलासा देते हुए बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची शुरू शुरू में ऐसा ही दर्द होता है लेकिन थोड़ी ही देर में सब कुछ शांत हो जाएगा एकदम शांत तुम चिल्लाओ मत,,, चिल्लाओगी तो और दर्द करेगा,,,(राजू श्याम की मां की गांड को अपनी हथेली से सहलाते हुए बोलावह श्याम की मां का ध्यान दर्द से खटकाना चाहता था इसलिए श्याम की तरफ दोनों हाथों को कॉल करके चूची दबाने का इशारा करके उसे आगे की तरफ जाने के लिए बोला और से हम तुरंत अपनी मां के आगे पहुंच गया और धीरे-धीरे उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया,,,हालांकि से आपकी मां को दर्द बहुत हो रहा था इसलिए वह अभी भी दर्द से कराह रही थी लेकिन राजू की सूझबूझ से धीरे-धीरे मामला शांत पर है मेरा श्याम अपनी मां की चूची बराबर दबा रहा था और रह रहे कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन कर दे रहा था यह श्याम के लिए बिल्कुल अनोखा सुख था वह आज तक अपनी मां के होठों को चुंबन नहीं किया था लेकिन राजू को देखकर उसकी भी हिम्मत बढ़ने लगी थी और उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था श्याम की मां भी अपने बेटे के होंठों को अपने होठों पर पाते ही अपने होठों को खोल दी और उसके होंठों को अपने मुंह में लेकर राजू की तरह उसका रसपान करने लगी,,,, पल भर में ही सुमन और राजू की हरकत से उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर फिर से उठने लगी दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा राजू इसी पल का इंतजार कर रहा था वह देखा कि उसकी मां जुम्मन में पूरी तरह से मस्त हो चुकी है तो राजू जितना घुसा था उतना ही धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,,, थोड़ी देर में श्याम की मां को मजा आने लगा उसके मुंह से दर्द की आवाज बिल्कुल भी नहीं आ रही थी और राजू की हिम्मत बढ़ने लगी वह थोड़ा थोड़ा अपने लंड को अंदर की तरफ डालने लगा,,,गांड मारने का उसका पहला अनुभव था उसे अपने लंड की ताकत पर पूरा भरोसा था इसीलिए वह इतनी देर टिका रह गया वरना गांड के छेद की शख्ती पाकर किसी का भी लंड होता वह पानी छोड़ देता,,,,।


श्याम एकदम मस्त होकर अपनी मां के होठों का रस पी रहा था और उसकी मां भी उसका साथ दे रही थी यह देखकर राजू धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था और देखते ही देखते वह अपना आधा लंड श्याम की मां की गांड में डाल चुका था,,,,अब शाम को बहुत मजा आ रहा था वाकई में गांड मारने में जो आनंद मिलता है उसका अनुभव लेकर राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था,,,,,,, माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था राजू श्याम की मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर हीला रहा था खटिया चररमरर कर रही थी,,,,श्याम की मां को पता ही नहीं चला कि कब राजू का मोटा तगड़ा लंड आधा उसकी गांड के छेद में घुस चुका है,,,, राजू फिर से ढेर सारा थूक उसकी गांड के छेद पर गिरा दिया,, एक बार फिर चिकनाहट पाकर राजू के धक्के के साथ धीरे-धीरे बाकी का बचा लंड भी गांड के छेद में घुसने लगा,,,,, अब राजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका थाउससे यह उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया लेकिन अभी भी उसका एक भी एक तिहाई लंड बचा हुआ था,,,इसलिए इस बार वहां श्याम की मां की कमर को कस के पकड़ कर जोरदार धक्का मारा और एक साथ उसका पूरा का पूरा लंड उसकी गांड के छेद में खो गया,,, लेकिन राजू की हरकत की वजह से उसका यह जबरदस्त धक्का श्याम की मां सहन नहीं कर पाई और वह दर्द से बिलबिला उठी,,,,और एक बार फिर से राजू को गाली देने लगी लाल जी की राजू को अब बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वह जबरदस्ती श्याम की मां की कमर को थामे उसकी गांड मारना शुरू कर दिया था ,श्याम या देखकर हैरान था कि राजू का लंड पूरा का पूरा उसकी मां की गांड के छेद में घुस चुका था अगर पहले वह शुरुआत करता तो शायद उसका पानी निकल गया होता,,, श्याम एकदम से खुश हो गया और अपनी मां की चूची को दबाते हुए बोला,,,।


बाप रे बाप मां देख रही हो राजे ने अपना पूरा लंड तुम्हारी गांड में डाल दिया है,,, मुझे तो लग रहा था घुसेगा ही नहीं,,, (श्याम की मां को अब थोड़ा दर्द हो रहा था और श्याम की बात सुनते ही वह पीछे की तरफ नजर घुमाकर देखने लगी हालांकि वह अपनी गांड में घुसा लंड को तो नहीं देख पा रही थी लेकिन इतना तो जरूर वह देख रही थी कि राजू अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया था उसे अपनी गांड के छेद में कुछ मोटा तगड़ा गरम-गरम महसूस हो रहा था,,, लेकिन मजा भी बहुत दे रहा था,,,,

अद्भुत खेल की शुरुआत हो चुकी थी श्याम से रहा नहीं गया रो रहा अपनी मां के ठीक आगे आकर अपनी खड़े लंड को उसके मुंह में दे दिया और उसकी मां भी खुशी-खुशी अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,, श्याम की मां एक साथ दो दो जवान लड़कों का मजा ले रही थी एक उसके मुंह में दे रहा था तो एक उसकी गांड में,,,,श्याम की मां राजू से गांड मरवाते हुए या सोचने लगी कि वाकई में गांड मरवाने में बहुत मजा आता है,, अगर राजू ना होता तो शायद इस जन्म में वह गांड मरवाने से वंचित रह जाती,,,,


अब बोल हरामजादी साली कुत्तिया कैसा लग रहा है,,,

(श्याम तो राजू के मुंह से अपनी मां के लिए सर की गाली सुनकर हैरान हो गया लेकिन उसकी मां को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा बल्कि उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी वह भी जवाब देते हुए बोली)


मादरचोद रंडी की औलाद बहुत मजा आ रहा है जोर जोर से मार,,,


मैं बोला था ना भोसड़ा चोदी इतना मजा दूंगा कि तू एक दम मस्त हो जाएगी,,,,(राजू गाली भी दिया जा रहा था और साथ में उसकी गांड पर जोर जोर चपात भी लगा रहा था,,, श्याम भी काफी उत्तेजित हो गया था इसलिए राजू के मुंह से अपनी मां के लिए गंदी गंदी गाली उसे भी अच्छी लग रही थी लेकिन वह इस तरह से कभी भी गाली देते हुए अपनी मां की चुदाई नहीं किया थालेकिन राजू की वजह से वह जान गया था की चुदाई करते समय गाली देने में बहुत मजा आता है औरतों को भी मजा आता है,,,, तकरीबन 35 मिनट तक जबरदस्त गांड मारने के बाद उसका पानी गांड में निकल गया,,,, श्याम की मां एक दम मस्त हो गई थी और जोर-जोर से हांफ रही थी,,,, वासना का तूफान कुछ देर के लिए फिर से शांत हो गया था,,,, राजू थका तो नहीं था लेकिन थोड़ा सुस्त हो गया था इसलिए वह उसकी गांड मारने के बाद खटिया पर आकर बैठ गया था,,,,,, श्याम की मां के पेट के बल खटिया पर लेट गई थी,,,,,,वह काफी थक चुकी थी लेकिन वो जानती थी कि उसका बेटा भी उसकी गांड मारना चाहता है इसलिए वह जाग रही थी,,,।


देखी चाची कितना मजा आया मैं कहता था ना बहुत मजा आएगा,,,


हां रे मैं तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस तरह का भी खेल होता है,,, नहीं तो एक ही खेल जानती थी बुर में डालो और निकालो बस तूने तो आज एक नया सुख दिया है,,,,।


जरा अपने बेटे की तरफ भी ध्यान दो देखो कैसे अपना पकड़ कर हिला रहा है वह भी तुम्हारी गांड मारना चाहता है,,,,(श्याम की तरफ देखते हुए राजू बोला तो श्याम की मां भी श्याम की तरफ देखने लगी श्याम खड़े खड़े अपने लंड को पकड़कर चला रहा था और अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड की तरफ देखकर ललचा रहा था,,,,, श्याम की तरफ देखते हुए उसकी मां बोली,,)



तो मैंने कब इनकार की हुं जो तेरा है वह मेरे बेटे का भी तो है,,,,,,,
(अपनी मां की बात सुनकर श्याम खुश हो गया लेकिन राजू के मन में कुछ और चल रहा था वह खटिया पर से उठा और बोला,,,,)

रुको मेरे दिमाग में कुछ और आया है बहुत मजा आएगा हम तीनों को पहले लो‌मेरा लंड मुंह में लेकर एक बार फिर से खड़ा कर दो,,,,(इतना कहकर वह श्याम की मां के ठीक सामने आ गया श्याम की मां को मालूम था कि उसे क्या करना है और उसे राजू पर पूरा विश्वास था कि आगे भी बहुत मजा आएगा इसलिए वह राजू को पकड़कर चुरा ले ली और चूसना शुरु कर दी थोड़ी ही देर में राजू का लंड पहले की तरह एकदम टनटना कर खड़ा हो गया,,, राजू तुरंत श्याम की मां को खटिया पर से उठा कर,,, नीचे जमीन पर चटाई बिछा दिया क्योंकि वह जानता था खटिया पर आप ज्यादा वजन ठीक नहीं है क्योंकि खटिया टूट सकती थी वह पीठ के बल लेट गया और श्याम की मां को अपने ऊपर लेटने के लिए बोला और घोड़ी बन जाने के लिए बोला,,, श्याम की मां जैसे ही राजू के ऊपर चढ़े राजू तुरंत उसे अपनी बाहों में लेकर उसकी टांगों को थोड़ा सा और फैला दिया था कि उसकी गुलाबी दूर उसके लंड के एकदम संपर्क में आ गई,,, और धीरे-धीरे करके राजू अपने लंड को पूरा का पूरा श्याम की बांकीपुर में डाल दिया और दोनों हाथों से इसकी बड़ी बड़ी गांड पकड़कर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा दिया और श्याम से बोला,,,।

श्याम तुझे तेरी मां की गांड का छेद दिख रहा है ना,,,


हां एकदम साफ दिख रहा है,,,


बस अब तू थूक लगाकर डालना शुरू कर दें,,,
(राजू की बात सुनकर श्याम और श्याम की मां दोनों आश्चर्यचकित हो गए एक साथ दोनों छेद में,,, इसलिए श्याम की मां आश्चर्य जताते हुए बोली,,)

हाय दैया एक साथ दोनों छेद में,,,


हां चाची बहुत मजा आएगा बस तुम देखती जाओ,,,।

(फिर क्या था तीनों पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके थे श्याम पहली बार गांड मारने जा रहा था इसलिए कुछ ज्यादा ही उतावला हो रहा था वह जल्दी से ढेर सारा थूक अपनी मां की गांड के छेद पर और अपने लंड पर लगाकर गांड में डालना शुरू कर दिया,,बुर में तो पहले से ही राजू का लंड घुसा हुआ था एक बार मोटा तगड़ा लंड गांड के छेद में कुछ जाने की वजह से गांड में अच्छा-खासा जगह बन गया था,, जिसमें श्याम को अपना लंड डालने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं हो रही थी,,,देखते ही देखते श्याम अपना पूरा लंड अपनी मां की गांड में डाल दिया और अपनी कमर के गाना शुरू कर दिया अब एक साथ श्याम की मां दो दो लंड का मजा ले रहे थे वह कभी सपने में भी नहीं सोचे थे कि एक साथ उसके दोनों छेद में लंड होगा,,,वह पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुकी थी उसकी गर्म सिसकारी पूरे कमरे में गुंजने लगी थी,,, राजू डीजे अपनी कमर को छाल रहा था और श्याम पीछे से अपनी मां की गांड मारता हुआ अपनी कमर आगे पीछे कर रहा था,,,।

अद्भुत काम क्रीड़ा का नजारा देखने को मिला था तीनों पूरी तरह से अपनी मस्ती में चूर हो गए थे श्याम की मां के बदन मे एक बार फिर से जवानी हिलोरे मार रही थी,,, राजू अपने मोटे तगड़े लंड से,,,श्याम की मां की बुर चोद रहा था और श्याम अपनी मां की गांड मार रहा था,,, वह पूरी तरह से मस्ती में चूर हो चुका था गांड मारने का अनुभव उसका भी बहुत अच्छा हो रहा था वो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपनी मां की गांड मार पाएगा बल्कि वह इस बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन राजू की वजह से उसे अद्भुत अनुभव के साथ अद्भुत संतुष्टि का अहसास हो रहा था,,,,।

देखते ही देखते तीनों एक साथ झड़ गए और कुछ देर तक श्याम की मां राजू की बाहों में ऊपर ही लेती रह गई और श्याम अपनी मां की गांड पर सर रखकर जोर-जोर से सांसे लेने लगा,,,,। तीनों थक कर चूर हो चुके थे,,,, श्याम की मां उसी तरह से दोनों के बीच में सो गए और एक तरफ श्याम और एक तरफ राजू सोने लगे राजू तो सोते समय भी श्याम की मां को अपनी बाहों में लेकर सो रहा था उसकी गांड अभी भी उसके लंड से सटी हुई थी,,,, तीनों गहरी नींद में सो चुके थे सबसे पहले सुबह राजू की नींद खुली राजू उसी तरह से श्याम की मां को अपनी बाहों में लिया सो रहा था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके लंड से सटी हुई थी जो कि उत्तेजना के मारे राजू का लंड खड़ा हो चुका था और उसकी गांड के दरार में फंसा हुआ था,,,फिर क्या था राजू कि मैं अभी भी गहरी नींद में सो रही थी और वह उसके नींद में होने के बावजूद भी अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी बुर में डालकर उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया बड़े आराम से मानो कि वह भी गहरी नींद में सो रहा हो,,,, एक बार फिर से गहरी नींद में ही श्याम की मां की चुदाई करने के बाद वह पानी निकालकर पीठ के बल गहरी गहरी सांसे लेने लगा और जब बाहर उजाला होने लगा तो वह दोनों को उठाया,,,, वह दोनों भी आलस मरोड़ते हुए उठ कर बैठ गए,,,।

अब मैं चलता हूं चाची,,, आज रात को फिर आऊंगा क्योंकि झुमरी तू कल आएगी ना और आज की रात हम दोनों के पास है इसका फायदा हम तीनों मिलकर उठाएंगे,,, और इतना कहने के साथ ही राजू अपने कपड़े पहन कर घर से निकल गया,,,।
Wah bhai maja aa gaya too much romantic update bro and continue story
 

Lutgaya

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गाण्ड फाड कर समाँ बांध दिया भाई
 

Sanju@

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श्याम की मां को रोता छोड़ कर राजू श्याम को लेकर कमरे से बाहर निकल गया उसे समझाने के लिए,,, श्याम की मां अपनी हालत पर रोती रही,,, उसे इस बात का डर था कि श्याम ने उसे अपने ही दोस्त के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया था वह अपने मन में क्या सोच रहा होगा इस बारे में सोचकर वह दुखी हो रही थी और रो रही थी,,,,यह बात श्याम की मां की अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा उसकी चुदाई करता है और वह नहीं चाहता कि कोई और उसकी मां को चोदे,,, लेकिन आज श्याम की माने श्याम की सोच और उसके विश्वास को अपने हाथों से तोड़ चुकी थी इसलिए वह कुछ ज्यादा ही दुखी थी,,,।

राजू तो श्याम को कमरे से बाहर समझाने के लिए लेकर गया था लेकिन समझाने लायक कुछ भी नहीं था वह दोनों पहले से ही आपस में बात कर चुके थे सब कुछ सोची समझी साजिश का ही नतीजा था,,,, थोड़ी ही देर में वह दोनों वापस उस कमरे में आ गए जहां पर श्याम की मां अपने नंगे बदन को चादर से ढकने की कोशिश कर रही थी,,,, श्याम की मां अभी भी रोए जा रही थी तो राजू उसे चुप कराते हुए बोला,,,,।

चुप हो जाओ चाची चिंता करने की कोई भी बात नहीं है मैंने श्याम को मना लिया हूं,,,,
(राजू की यह बात सुनते ही श्याम की मां आश्चर्य से राजू की तरफ देखने लगी,,,, और फिर रोने लगी उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि राजू ने श्याम को कैसे मना लिया है और क्या करने के लिए मना लिया है,,,, एक बार फिर से श्याम की मां को चुप कराते हुए राजु बोला,,)




चाची अब रोने से कोई फायदा नहीं है जो होना था वह हो गया लेकिन यह तो देखो कि हम दोनों को इस हालत में देखकर श्याम को अब कोई भी ऐतराज नहीं है,,,

(राजू की बात सुनकर एक बार फिर से आश्चर्य से वह राजू की तरफ तो कभी श्याम की तरफ देखने लगी,,, उसे इस तरह से देखता हुआ देखकर राजू बोला)


हां चाची चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है,,, मैं श्याम को सब को समझा दिया हूं,,,,एक औरत वर्षों तक मर्द के बगैर नहीं रह सकती उसे कभी ना कभी मर्द की जरूरत पड़ती ही है,,और आपकी स्थिति कैसी है मैं इस बारे में श्याम से अच्छी तरह से बात कर चुका हूं शयाम को अब तुमसे कोई भी गिला शिकवा नहीं है,,,,।
(श्याम की मां श्याम की तरफ देख रही थी उसकी आंखों में जरा भी क्रोध नजर नहीं आ रहा था श्याम की मां को अजीब लग रहा था कि आखिर एक गैर मर्द के साथ और वह भी अपने ही दोस्त के साथ उसे आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बावजूद भी श्याम मान कैसे गया जबकि वह श्याम के गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ यह श्याम की मां को बड़ा अजीब लग रहा था,,,,,,,, श्याम की मां अपने नंगे बदन को चादर से ढकने की कोशिश कर रही थी और इस समय राजू अपने बदन पर एक छोटा सा तो लिया लपेट लिया था लेकिन उसके लंड की अकड़ अभी भी बरकरार थी जबकि वह श्याम की उपस्थिति में ही लगातार धक्के मारता हुआ अपना पानी निकाल चुका था और श्याम की मां को भी झाड़ चुका था,,,, श्याम की तरफ देखकर श्याम की मां रोते हुए बोली,,,)


मुझे माफ कर दे बेटा मैं बहक गई थी,,,,(श्याम की मां को इस तरह से बोलता हुआ देख कर श्याम कुछ बोलता उससे पहले ही राजू बोला)

यह सब करने की जरूरत है तुम्हें बिल्कुल भी नहीं है चाची श्याम को तुम से कोई भी प्रकार की शिकायत नहीं है,,,, क्योंकि इस खेल में वह भी शामिल होना चाहता है,,,,।
(राजू की आवाज सुनते ही श्याम की मा एकदम से सन्न रह गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि राजू यह क्या बोल रहा है वह आश्चर्य से राजू की तरफ तो कभी श्याम की तरफ देख रही थी,,,, राजू ही उसकी मुश्किल को दूर करता हुआ बोला,,,)

चाची जो कुछ भी हुआ इसमें आपकी गलती बिल्कुल भी नहीं है इस बात को श्याम भी मानता है जिस तरह से आपकी भी खुशी जरूरत है उसी तरह से श्याम की भी कुछ जरूरते है,,,,, मुझे तुम्हारी चुदाई करता हुआ देखकर इसे गुस्सा तो आया लेकिन जवान लड़का होने की वजह से इसका मन भी तुम्हें चोदने को कर रहा है,,,।
(श्याम की मां राजू की बातें सुनकर अंदर ही अंदर खुश होने लगी क्योंकि बात दूसरी और चली जा रही थी वैसे भी श्याम तो उसी रोज चोदता था इसलिए श्याम से चुदवाने में उसे किसी भी प्रकार से नहीं लेकिन फिर भी वह राजू की नजर में उसकी मां थी इसलिए इतनी जल्दी कैसे मान जाती इसलिए एतराज जताते हुए बोली,,,)


राजू यह तू क्या कह रहा है पहले ही वहां मुझे आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया है लेकिन फिर भी वह मेरा बेटा है और नहीं उसकी मां हु भला एक बेटा अपनी मां के साथ ऐसा कैसे कर सकता है,,,, और तू कैसे सोच लिया कि मैं उसे ऐसा करने दूंगी,,,।
(श्याम की माया नहीं जानते थे कि राजू उन दोनों के बारे में सब कुछ जानता है तभी तो वह बड़े आराम से उसकी दोनों टांगों के बीच पहुंच चुका था वरना उसे चोदने के बारे में कभी सोचा ही नहीं था फिर भी राजू एक बात बताना गवारा नहीं समझता था कि वह अपनी आंखों से उन दोनों मां-बेटे की चुदाई देख चुका है वह जितना हो सकता था उस राज को राज ही रखना चाहता था क्योंकि उसका काम तो वैसे भी बन ही जाता था,,,,)

चाची,,,, मैं जानता हूं कि एक मां के लिए यह पल बड़ा कठिन होता है जब उसका बेटा खुद उसे चोदना चाहता हूं लेकिन यह भी तो सोचो एक औरत की तरह जिस तरह से तुम मुझे अपनी बुर दे रही हो अपनी प्यास बुझाने के लिए मेरी प्यास बुझाने के लिए उसी तरह से तुम्हारा बेटा भी तुम्हें उसका भी मन कर रहा है कि वह भी तुम्हें चोदे आखिरकार चाची वह भी तो मेरा हम उम्र है,,,, जरा सोचो वह अपनी आंखों से अपनी मां को किसी गैर लड़के से चुराता हुआ देखेगा तो अपने मन में यही सोचेंगे ना कि उसकी मां अपनी जवानी की प्यास किसी के लड़के से बुझा रही है अगर उसकी प्यास वह खुद बुझाए तो इसमें हर्ज क्या है,,,!


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तेरी बातें सुनने में अच्छी लगती है लेकिन राजू यह भी नहीं बोलना चाहिए कि मैं उसकी मां हूं ना एक माह होने के नाते में अपने बेटे के लिए अपनी दोनों टांग कैसे खोल दु कुछ लाज शर्म मर्यादा है कि नहीं,,,


बात तुम्हारी बिल्कुल सही है चाची,,,लेकिन इस चारदीवारी के भीतर क्या हो रहा है इस बारे में किसी को कानों कान तक खबर नहीं पड़ेगी और मेरा विश्वास करना यह काज मेरे सीने में दफन रहेगा लेकिन अगर आज तुम अपने बेटे को नहीं करने दोगी तो शायद हो सकता है वह कल गुस्से में आकर पूरे गांव में यह बात बता दे तो सोचो क्या होगा बदनामी हो जाएगी,,,, मेरा क्या है मैं तो लड़का हूं लेकिन तुम तो एक औरत हो एक ब्रदर आज व्रत है और इस उमर में एक जवान लड़के के साथ अपने घर बुलाकर चुदाई करवाओ गी और यह बात गांव में पता चल गई तो गजब हो जाएगा,,,,।

राजू की बात सुनकर कमरे में पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था श्याम की मां को अपने बेटे के साथ चुदवाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नजर नहीं आ रही थी और किसी भी प्रकार के एतराज भी नहीं था लेकिन एक गैर लड़के के सामने अपने ही बेटे के साथ चुद वाना मतलब गांव में बदनामी होने का डर था लेकिन वह यह बात नहीं जानती थी कि राजू को सब कुछ पता है यह सब उसके बेटे और राजू की मिलीभगत है,,,, ,,,लालटेन की पीली रोशनी में सबके चेहरे साफ नजर आ रहे थे पूरा गांव सो रहा था लेकिन गांव के इस घर में मां बेटे के साथ राजू मिलकर जवानी का मजा लूटने की तैयारी में लगे हुए थे बस श्याम की मां को समझाना भर था वैसे तो वह समझ गई थी,,, बस गैर लड़की के सामने उसे शर्म आ रही थी समाज का डर भी लग रहा था वैसे तो उसके मन में भी एक साथ दो दो जवान लड़के से अपनी जवानी लूटवाने का मजा वह भी लेना चाहती थी,,,,,,,बस थोड़ा घबरा रही थी उसकी घबराहट को कुछ उसका बेटा दूर करते हुए बीच में बोला,,,


मा तुम बिल्कुल भी चिंता मत करोमैं जो ख़ुशी अपनी आंखों से देखा हूं यह किसी को नहीं बताऊंगा बस बातें मैं राजू ने जो कहा वह मान लो,,,


इसका मतलब हे कि तू एक बेटा होने के बावजूद भी मुझे चोदना चाहता है अपनी मां को चोदना चाहता है,,,(श्याम की मां जान बुझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली और अपनी मां की बात सुनकर श्याम जवाब देते हुए बोला)


तो क्या करूं मैं भी तो जवान हूं मेरा भी तो लंड खड़ा होता है,,, तुम गांव के दुसरे लड़कों से चुदवाती फिरोगी तो क्या मैं अपनी आंख बंद करके बैठा रहूंगा मेरी मर्दानगी मुझे धिक्कार है कि नहीं कि घर में जवान लड़का होने के बावजूद भी उसकी मां गांव के दूसरे लड़कों से अपनी प्यास बुझाती है,,,, आज राजू को तुम्हारी चुदाई करता हुआ देखकर मेरा भी मन करने लगा है,,,,,,


श्याम यह तू क्या कह रहा हैतो अच्छी तरह से जानता है अगर आज मर्यादा और संस्कारों की दीवार गिर गई तो कभी यह दीवार खड़ी होने वाली नहीं है हम दोनों के बीच मां बेटी का रिश्ता पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और एक औरत और मर्द का रिश्ता रह जाएगा,,,और अगर इस बारे में गांव में किसी को भनक भी लग गई तो हम दोनों का जीना दुश्वार हो जाएगा,,,।


कुछ भी नहीं होगा चाचीचार दिवारी में खेले जाने वाला या खेल सिर्फ हम तीनों के बीच रहेगा,,,(इतना कहते हुए श्याम की मां की तरफ आगे बढ़ा और उसकी तरफ आगे बढ़ते हुए अपनी कमर पर बसा हुआ तो दिया भी एक झटके से खोलकर उसे नीचे जमीन पर फेंक दिया और वह पूरी तरह से नंगा हो गया उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था एक बार झड़ जाने के बावजूद भी उसकी अकड़ बरकरार थी,,,,अपने लंड को हिलाते हुए राजू श्याम की मां के बेहद करीब पहुंच गया और उसके चेहरे को अपने दोनों हथेली में लेते हुए उसकी आंखों में देखते हुए बोला,,,)

अब ज्यादा सोच विचार मत करो चाची बस इस पल का मजा लो,,(और इतना कहने के साथ ही अपने होठों को शयाम की मां के होठों पर रखकर चूमना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से चादर को हटाकर एक बार फिर से उसे नंगी कर दिया,,,, उसकी नंगी चूची को एक हाथ से पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया और इशारे से ही श्याम को भी इस खेल में शामिल होने के लिए बोला हम तो पागल हुआ जा रहा था इस खेल में शामिल होने के लिए वह तुरंत अपनी मां की करीब आया और दूसरी चूची को अपने मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया,,,, श्याम की मां एक साथ ही तो तो जवान लड़कों के हाथों की गर्मी को अपने बदन पर महसूस करके पूरी तरह से मस्त होने लगी,,, उसके मुंह से गर्म सिसकारी की आवाज छूटने लगी,,,, श्याम अपनी मां की चूची को पीने में मस्त था तो राजू उसके होठों को चूसता हुआ एक हाथ से उसकी चूची को दबा रहा था,,,,,,,,,
श्याम की मां के पास सेवा समर्पण के और कोई रास्ता नहीं था,,, पल भर में श्याम की मां के मुंह से गर्म सिसकार की आवाज फुटने लगी,,, राजू और श्याम दोनों उसके नंगे बदन से खेल रहे थे,,, राजू होंठों का चुंबन कुछ अलग और मदहोशी भरे अंदाज में लेता जिसकी खुद श्याम की मां कायल हो चुकी थी,,, श्याम की मां को राजू का इस तरह से चुंबन करना बेहद आनंददायक लगता था,,, श्याम की मां अपने मन में यही सोच रही थी कि श्याम की उम्र का होने के बावजूद भी राजू औरत को खुश करने के मामले में श्याम से कई कदम आगे है,,, एक तरह से वह पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ है उसे इस बात का ज्ञान है कि एक औरत को कैसे खुश किया जाता है,,,,,।

श्याम पूरी तरह से मदहोश बजा रहा था वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने दोस्त के साथ मिलकर अपनी मां के नंगे बदन से खेलेगा,,, इस बारे में उसका सोचना भी उसे गवारा नहीं था लेकिन आज वक्त और हालात दोनों बदल चुके थे कि वह अपने दोस्त के साथ ही अपनी मां के नंगे बदन से आनंद ले रहा था अपनी मां की बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दबा कर अपने मुंह में लेकर पी रहा था,,, जिससे उसकी मां को भी बहुत मजा आ रहा था दूसरी चूची की सेवा की जिम्मेदारी राजू अपने हाथों में ले लिया था साथ ही उसके होठों के रस को अपने होठों से लगाकर पी रहा था,,,,,गरम सिसकारी के साथ श्याम की मां पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी उसे भी खेलने के लिए खिलौना चाहिए था इसलिए अपने दोनों हाथों को राजू के और श्याम के लंड के ऊपर रखकर उसे टटोलने की कोशिश करने लगी राजू तो पूरी तरह से नंगा था इसलिए उसके हाथ में राजू का मोटा तगड़ा लंड आ गया और वह उसे पकड़कर हिलाना शुरू कर दी,,,लेकिन श्याम अभी भी पूरी तरह से अपने कपड़ों में था इसलिए अपनी मां का हाथ अपने पजामे के ऊपर आते ही वह तुरंत अपने कपड़े उतारने लगा और अगले ही पल वह एकदम नंगा होकर खुद अपनी मां का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया जो कि वह भी धीरे-धीरे खड़ा हो चुका था एक साथ दो दो लंड को अपने हाथ में पकड़ कर श्याम की मां पूरी तरह से अपनी गदराई जवानी का आनंद लूट रही थी,,,,।

श्याम की मां कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वहां इस उम्र में एक साथ दो दो जवान लड़कों से मजा लेगी,,,, और भाभी अपने ही बेटे के साथ उसके दोस्त के साथ मिलकर,,,, श्याम की मां के दोनों हाथों में जवानी से जिसे वह अपनी बुर में पहले भी ले चुकी थी लेकिन जो मजा उसे राजू के लंड से आता था वह आप अपने बेटे के लंड से नहीं आता था लेकिन से नहीं आता था लेकिनअपने तन बदन में उत्तेजना का एहसास लिए हुए वह दोनों लंड से बराबर खेल रही थी,,,,,, राजू श्याम की मां के होठों का रस पीने के बाद उसकी चुचियों पर ज्यादा ध्यान देते हुए उसकी गर्दन को चूम रहा था,,,,, उसके कान में धीरे धीरे गर्म आहें भरते हुए बोला,,,।

कैसा लग रहा है चाची एक साथ दो दो जवान लंड से खेलने में,,,,,


सहहहह आहहहहहहहहह,,, बहुत अच्छा लग रहा है रे मैं तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि मुझे इस तरह की भी रात बितानी पड़ेगी,,,,,(श्याम की मां एकदम मस्त होते हुए बोली अपनी मां की बात सुनकर श्याम जोर जोर से अपनी मां की चूची दबाते हुए से मुंह में लेकर पीने लगा उसका जोश बढ़ता जा रहा था और साथ ही यही जोश और उत्साहश्याम की मां के हाथों में भी नजर आ रहा था वह अपने बेटे के लैंड को और जोर से दबाना शुरू कर दी थी साथ ही राजू के भी,,,, राजू अपने मन की मनसा को बताते हुए बोला,,,)


देखना चाहती आज हम दोनों मिलकर तुम एकदम मस्त कर देंगे आज की रात तुम जिंदगी भर याद रखोगी आज देखना हम दोनों मिलकर तुम्हारी दोनों छेद की सेवा करेंगे,,,।
(दोनों छेद के बारे में सुनकर श्याम की मां थोड़ा आश्चर्य चकित हो गई उसे समझ में नहीं आया कि राजू क्या कह रहा है,,,,लेकिन फिर भी वह उसकी बातों का आनंद लेते हुए गर्म सिसकारी लेने लगी क्योंकि राजू अपनी हथेली के कसाव को उसके खरबूजे पर बढ़ाना शुरू कर दिया था,,,,,, राजू श्याम की तरफ देख रहा था वह बड़ी मस्ती के साथ अपनी मां की चूची पी रहा था,,,, उसे देखकर राजू बोला,,,)


और मेरे दोस्त श्याम कैसा लग रहा है अपनी मां की चूची पीते हुए,,,,।
(राजू का सवाल सुनकर श्याम बोला कुछ नहीं बस अपनी नजर उठाकर राजू की तरफ देखा और वापस अपनी मां की चूची को गहरी सांस लेते हुए पीने लगा,,, कमरे में वासना का नंगा नाच चल रहा था,,, एक मां अपने बेटे के साथ और उसके दोस्त के साथ मिलकर अपनी जवानी का रस दोनों को पिला रही थी अपनी वासना की आग में अपनी बुर की प्यास बुझाने के चक्कर में वह यह भी भूल गई कि अगर इस बारे में किसी को पता चल गया तो गांव में उसकी थु थु हो जाएगी,,, लेकिन जो भी हो इस समय श्याम की मां को इन सब बातों की बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वह तो मस्त होकर अपनी जवानी का मजा लूट रही थी और वह भी अपने बेटे और गांव के एक जवान लड़के के साथ मिलकर और सही मायने में उसे स्वर्ग की अनुभूति हो रही थी इतना मजा उसे कभी नहीं आ रहा था एक साथ दो दो जवान लड़के अपने हाथ का करतब उसके नंगे बदन पर दिखा रहे थे और वह खुद उन दोनों के लंड को पकड़ कर जोर जोर से हिला रही थी जिंदगी में पहली बार श्याम की मां के हाथों में एक साथ दो-दो जवान लंड थे,,,,,,।


राजू आनंद की पराकाष्ठा को और ज्यादा बढ़ाना चाहता था,,, वह क्या बात बेहद करीब आया और अपने लंड को श्याम की मां के हाथों से छुड़ाकर उसकी पूरी जवाबदारी अपने हाथों में लेकर उसे हिलाता हुआ श्याम की मां के गाल पर लंड से वार करने लगा,,,, मोटा तगड़ा लंबा लंड श्याम की मां के भरे हुए गाल पर पडते ही उस‌पर से पट‌पट की आवाज आने लगी जो कि मजा को और ज्यादा बढ़ा रहा था राजू पूरी तरह से मस्ती में आ गया था वह अपने लंड को बार-बार उसके गोरे गोरे गाल पर पटक रहा था और श्याम की मा पूरी तरह से मचल जा रही थी उसे अपनी मुंह में लेने के लिए यह देख कर श्याम की भी हालत खराब होने लगी औरतों से खेलने के हर एक नए ढंग को राजू अच्छी तरह से जानता था यह देखकर श्याम भी उससे कुछ सीखना चाहता था इसलिए वह भी अपनी मां के हाथों से अपने लंड को छुड़ा दिया और अपने लंड को अपनी मां की चूची पर पटकने लगा,,,, दोनों तरफ से श्याम की मां दोनों जवान लड़को के लंड का वार अपने बदन पर महसूस कर रही थी और हर एक बार पर उसकी आह निकल जा रही थी,,,,।

राजू तू भी अपनी मां के मुंह में देना जैसे मैं डाल रहा हूं,,,,


मा,,मेरा,,,लेगी,,,,,! (श्याम जानबूझकर आश्चर्य जताते हुए बोला क्योंकि वह अपनी मां को यही जताना चाहता था कि राजू को उन दोनों के बारे में कुछ भी पता नहीं है इसलिए श्याम की बात सुनकर राजू बोला)


अरे क्यों नहीं लेगी मेरी जान,,,, तेरी मां को लंड बहुत पसंद है भले ही क्यों ना वह उसके बेटे का हीं हो,,, चल अब मैं निकालता हूं और तू डाल,,,,(इतना कहकर राजू श्याम की मां के मुंह में से अपने मोटे तगड़े लंड को बाहर खींच लिया और श्याम तुरंत खड़ा हुआ और एक टांग खटिया पर रख कर,,,अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां के चेहरे की तरफ बड़ा नहीं लगा तो राजू खुद अपने हाथ को श्याम की मां के सर पर रख कर उसे उसके बेटे के लंड की तरफ दबाव देने लगा श्याम की मां जानबूझकर राजू के सामने हिचकीचाने का नाटक कर रही थी,,,, इसलिए राजु बोला,,,।)


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शरमाओ मत मेरी रानी,,,,, आज की रात तुम्हारी बुर में हम दोनों का ही लंड जाने वाला है,,, बुर में ही क्यों,, आज तो हम तुम्हारी गांड भी मारेंगे,,,।
(गांड मारने वाली बात पर श्याम की मां थोड़ा सा झेंप गई,,, उसे लगा कि वह ऐसे ही बोल रहा है,,,, और इतना कहते हुए राजू श्याम की मां के सर पर थोड़ा सा और ज्यादा दबाव देते हुए ठीक उसे उसकी बेटी के लंड के सामने कर दिया और बस फिर क्या था श्याम पूरी तरह से जोश में आ गया था वह खुद ही अपने लंड के सुपाड़े को अपनी मां के होठों पर रगड़ने लगा,,,, श्याम की मां की हालत खराब हुई जा रही थीभले ही वह पिछले 2 सालों से अपने बेटे से चुदाई का सुख भोग रही थी लेकिन किसी गैर जवान लड़के के सामने अपने बेटे के साथ इस तरह की हरकत करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन इस शर्म का अपना ही अलग मजा थी,,,,, एक तरफ जहां अपने बेटे के साथ इस तरह की हरकत करने में वह शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी वहीं दूसरी तरफ उसे स्वर्ग की आनंद की अनुभूति हो रही थी इतना मजा उसे कभी नहीं आया था इसलिए वह अपने होठों को खोलकर अपने बेटे के लंड को अपने मुंह के अंदर प्रवेश करने की इजाजत दे दी,,,और अगले ही पल श्याम भी जल्दबाजी दिखाता हुआ अपना पूरा का पूरा लंड अपनी मां के मुंह में ठूंस दिया,,,, यह देखकर राजू बोला,,,।


वाह अब आया ना मजा ऐसा नजारा मैंने आज तक कभी नहीं देखा था कि एक बेटा अपनी मां के मुंह में लंड पेल रहा हो,,,, बहुत किस्मत वाले हो श्याम जो तुम्हें इतनी अच्छी मां मिली है जो तुम्हारा इतना ख्याल रखती है,,,,, आज से मैं यह जिम्मेदारी तुम्हें देता हूं जब मैं तुम्हारी मां की चुदाई ना करता हूं तो तुम खुद अपनी मां को चोद कर उसकी प्यास बुझाना,,,,।
(राजू की बातें बेहद अश्लील थी लेकिन इस समय जिस तरह का माहौल था ऐसे में दोनों मां-बेटे को राजू की गंदी गंदी बातें बहुत ही रोचक और उत्तेजनात्मक लग रही थी दोनों को मजा आ रहा,,, था,,, राजू दोनों के बेहद करीब जाकर श्याम के लंड को उसकी मां के मुंह में अंदर-बाहर होते हुए देखकर बोला,,,।)


देख श्याम कितने मजे लेकर तेरी मां तेरे लंड को अपने मुंह में ले रही है,,,,आहहहह इसी तरह से तो मजा आता है इस खेल में,,,आहहहह,,,, और ज्यादा कमर हिला,,,आहहहह ,,, बहुत अच्छे,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू भीअपने खड़े लंड को हाथ में लेकर उसके होठों के करीब ले गया तो उसकी मां खुद ही अपने बेटे का लंड को बाहर निकालकर राजू के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी,,,, श्याम की मां की हरकत को देखकर राजू मुस्कुराता हुआ श्याम से बोला,,,)

देख मेरे दोस्त तेरी मां एकदम रंडी की तरह हम दोनों को मजा दे‌ रही है,,,,आहहहह कसम से बहुत मजा आ रहा है तेरी मां इस उम्र में भी इतनी जबरदस्त है कि जवान लड़की को भी पानी भरने पर मजबूर कर दे,,,, आहहहह मेरी जान,,,(दोनों हाथ को श्याम की मां के सर पर रखते हुए) कसम से तुझे चोदने में इतना मजा आता है कि किसी लड़की को चोदने में इतना मजा नहीं आता,,, इस उम्र में भी तेरी बुर कसी हुई है,,,,आहहहहहह,,,,आहहहहहहह,(राजू श्याम की मौजूदगी में उसकी मां से गंदी गंदी बातें बोल रहा था और अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ श्याम की मां के मुंह को ही चोद रहा था श्याम हैरान था कि सीधा-साधा राजू इतनी गंदी गंदी बातें कैसे कर लेता है और यह गंदी बातें श्याम की मां को बहुत अच्छी लग रही थी वह पूरी तरह से जोश में आ गई थी और जल्दी जल्दी अपना मुंह हिला रही थी,,,,, राजू श्याम की मस्ती को बढ़ाना चाहता था इसलिए राजू श्याम की मां के मुंह में लंड दिए हुए ही उसके ठीक सामने आकर खड़ा हो गया और उसके कंधे को पकड़कर उसे खटिया पर पीठ के बल लेटाने लगा,,,लेकिन वह अपने लंड को उसके मुंह में से निकाला बिल्कुल भी नहीं था देखते ही देखते श्याम की मां के मुंह में लंड दिए हुए ही वह उसे खटिया पर पीठ के बल लिटा दिया,,, और वह भी अपने घुटनों को उसके अगल-बगल रखकर खटिया के पाटी पकड़कर उसके ऊपर झुक गया और अपनी कमर को खिलाता हुआ मानो उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया श्याम राजू की यह आसन को देखकर पूरी तरह से हैरान था और इस बात की हैरानी श्याम की मां को भी थी,,,,,

राजु अपनी कमर हिलाता हुआ श्याम की मां से बोला,,,


हाय मेरी रानी अपनी टांगे खोल मेरी जान,,,, दिखा अपनी बुर अपने बेटे को ठीक से देख लेने दे अपने बेटे को,,,,आहहहह बहुत मजा आ रहा है जान,,,ऊहहहहहह,,, ऐसा मजा मुझे कभी नहीं मिला,,,,।(ऐसा कहते हो पीछे नजर घुमा कर देखने लगा कि उसकी बात मान कर उसकी मां ने अपनी दोनों टांगों को खुली है या नहीं क्योंकि ठीक उसके पीछे श्याम खड़ा था जो कि अपने लंड को पकड़ कर खिला रहा था,,,, श्याम की मां राजू की हरकत से पूरी तरह से मस्त हो कर गप गप उसके लंड को अपने मुंह में ले रही थी,,,,श्याम की मां शायद राजू की बातों पर ध्यान नहीं दी थी या तो शर्म के मारे अपनी दोनों टांगों को खोली नहीं थी लेकिन राज्य अपने मन में सोचने लगा कि श्याम से किस बात का शर्म,,, इसलिए राजू फिर से अपनी कमर हिलाता हुआ बोला,,,)



क्यों मेरी रानी अपनी टांगे खोलो ना अपने बेटे को भी तो देखने दो अपनी बुर को उसी में तो उसे लंड़ डालना है,,,,।
(राजू की गंदी बातें श्याम की मां के साथ-साथ श्याम को भी बेहद रोचक लग रही थी उसकी बातों को सुनकर उन दोनों का जोश बढ़ जा रहा था श्याम एकदम खुले शब्दों में श्याम की मां से बातें कर रहा था मानो कि जैसे वह उसकी बीवी या प्रेमिका हो,,,और यह बात श्याम के लिए अजीब होने के बावजूद भी बहुत ही मादकता परी लग रही थी उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मां का किसी गैर मर्द के साथ चक्कर चल रहा है,,,,राजू की बातों को सुनकर श्याम की मां अपनी मोटी मोटी चाहूंगा को खोलते हुए अपनी बुर के दर्शन अपने बेटे को कराने लगी और यह उसके लिए कोई नई बात नहीं थी लेकिन वह यह जताना चाहती थी कि यह सब श्याम के साथ पहली बार हो रहा है,,,, श्याम की मां की दोनों टांगों को खुली हुई देखकर राजू उसी तरह से अपनी कमर हिलाता हुआ बोला,,,)

हाय मेरी रानी ये हुई ना बात,,,, देख ले श्याम अपनी मां की बुर को ध्यान से देख ले कीसी जवान लड़की से कम नहीं है,,, देखना जब तू अपनी मां की बुर में अपना लंड डालने का तो स्वर्ग का मजा मिलेगा तुझे इतना मजा आएगा कि पूछ मत,,,,
(राजू की गंदी गंदी बातें माहौल को और ज्यादा गर्म कर दे रहे थे श्याम वैसे तो कई बार अपनी मां को नंगी देख चुका था और उसकी चुदाई तो वह करता ही आ रहा था लेकिन राजू के सामने और उसकी बातों को सुनकरउसे सब कुछ नया नया सा लग रहा था इसलिए आज उसे अपनी मां की बुर देखने में बेहद आनंद आ रहा था,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे आज मैं पहली बार अपनी मां की बुर देख रहा हो,,,, अपनी मां की दोनों खुली टांगों को देखकर और उसके बीच की पतली दरार को देखकर जिसमें से काम रस बह रहा था श्याम से रहा नहीं जा रहा था राजू अपनी हरकत को अंजाम देते हुए पीछे नजर करके श्याम के चेहरे के हाव-भाव को पढ़कर किसी निष्कर्ष पर निकलता हुआ बोला,,,।


बस दोस्त देख क्या रहा है तेरी मां की बुर तेरा इंतजार कर रही है दोनों टांगों के बीच आजा और अपनी जीभ लगा लगाकर चाट अपनी मां की बुर को देख कितना मजा आता है तुझे भी और तेरी मां को भी,,,,।
(राजू की बातों को सुनकर श्याम के तन बदन में जोश बढ़ रहा था और उसकी बातों को सुनकर श्याम की मां के तन बदन में कसमसाहट बढ़ रही थी,,,, उससे अब खुद नहीं रहा जा रहा था वह कभी दया पर उठाकर पटकती तो कभी दाया पैर उसके तन बदन में उत्तेजना पूरी तरह से अपना असर दिखा रही थी,,,,श्याम से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था वह अपनी आंखों से देख रहा था कि उसका दोस्त अपने लंड को उसकी मां के मुंह में अंदर बाहर कर रहा है तो वह क्यों खड़ा होकर यह सब देखें इसलिए वह तुरंत खटिया पर चढ़ गया और अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आ गया,,,आज का दिन यहां पर उसके लिए बेहद उत्तेजना से भरा हुआ था उसे सब कुछ पहली बार सा लग रहा था वह अपनी मां की मोटी मोटी जांघों पर अपनी हथेली रखकर उसे हल्के हल्के सहलाते हुए दबाने लगा,,,वह उत्तेजित हो रहा था और देखते ही देखते हो अपनी मां की दोनों टांगों के बीच पूरी तरह से जगह बना लिया और अपने चेहरे को उसकी पतली दरार के करीब ले जाने लगा,,,कुछ देर पहले ही उसकी आंखों के सामने ही उसकी मां राजू के लंड को अपनी बुर में लेकर झड़ गई थी और राजू भी अपना पूरा माल उसमें गिरा दिया था जो कि उसकी बुर के पतली दरार से बह रहा था,,, लेकिन इस समय उसमें से वासना की मादकता भरी खुशबू आ रही थी जोकि श्याम को अपनी वशीभूत कर रही थी इसलिए उसे इस हालत में भी अपनी मां की बुर चाटनाआनंद आया कि लगने वाला था इसलिए वह अपने होठों को अपनी मां की बुर पर रखा चढ़ना शुरू कर दिया,,,,।



अद्भुत अविस्मरणीय एहसास से श्याम की मां पूरी तरह से गदगद हुए जा रहे थे 2 जवान लड़के दोनों तरफ से उसकी जवानी का मजा लूट रहे थे,,, राजू लगातार अपनी कमर को हिलाया जा रहा था और श्याम की मां उसकी मस्ती को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपने होंठों का छल्ला बनाकर राजू के मोटे तगड़े लंड को एक बुर की भांति अपने मुंह में अंदर बाहर ले रही थी,,,, राजू श्याम की तरफ देखते हुए बोला,,,।


वाह श्याम यह हुई ना बात देख कितना मजा आ रहा है ना अपनी मां की बुर चाटने में,,, बस ऐसे ही पुरी जीभ अंदर डालकर चाट,,, तेरी मां को ऐसे ही मजा आता है मैं तो पूरी जीभ अंदर डाल कर चाटता हूं तेरी मां की बुर की मलाई भी बहुत स्वादिष्ट है,,, चाट पुरी जीभ डालकर चाट,,,,
(राजू अपनी बातों से श्याम का हौसला बढ़ा रहा था एक तरह से श्याम के सामने उसकी मां की बारे में गंदी गंदी बातें करने मैं राजू को बहुत मजा आ रहा था,,,,,,)

गजब का कामुकता भरा दृश्य कमरे के अंदर नजर आ रहा था ,, आधी रात से ज्यादा का समय हो गया था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था लेकिन गांव के इस घर में ना तो श्याम की मां की आंखों में नहीं था और ना ही राजू और श्याम के,,,, तीनों जवानी का मजा लूट रहे थे लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था तीनों के बदन पर कपड़ों का रेशा तक नहीं था तीनों मादरजात नंगे थे,,,कुछ देर तक श्याम अपनी मां की बुर चाटता रहा लेकिन अब उससे अपनी मां की जवानी सहन नहीं हो रही थी,,,,,श्याम के बर्दाश्त के बाहर था वह जल्द से जल्द अपनी मां की बुर में लंड डालकर चोदना चाहता था अपनी मां की गांड मारने की लालच उसके मन में भी थे लेकिन इस समय उसकी जवानी की गर्मी बाहर आने के लिए उबाल मार रहे थे इसलिए वह तुरंत अपनी मां की दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया और अपनी मां की मोटी जनों को पकड़कर अपनी तरफ थोड़ा सा खींचा यह देखकर राजू श्याम की तरफ देखते हूए बोला,,,।)

अरे अरे इतनी जल्दी इतनी जल्दबाजी मत दिखाया करो अपनी मां के बारे में सोच उसकी जवानी उफान मार रही है ऐसे में कम से कम एक घंटा तो उसकी चुदाई करना पड़ता है तब जाकर उसे शांति मिलती है और तू अगर इतनी जल्दी बाजी दिखाएगा तो तेरी मां को संतुष्टि कैसे मिलेगी,,,,(राजू जानबूझकर जल्दबाजी दिखाने वाली बात बोल रहा था वही तरह से शाम की मां की आगे जताना चाहता था कि औरतों को खुश करने के मामले में इतनी जल्दी बाजी कभी नहीं दिखाना चाहिए जैसा कि वह धैर्य रखकर औरत को संतुष्ट करता था लेकिन राजू की बात सुनने के बावजूद भी श्याम से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वह तुरंत अपने खड़ी नंगे को अपनी मां की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया था उसे इस बात का भी अहसास नहीं था कि उसकी मां को मजा आ रहा है या नहीं बस धक्के लगाना शुरू कर दिया और थोड़ी ही देर में अपना पानी निकाल कर उस पर हांफने लगा ,,, दूसरी तरफ राजू अभी भी बरकरार था अभी भी मैदान में जमा हुआ था उसकी कमर लगातार आगे पीछे हो रही थी लेकिन अभी तक वह पानी नहीं निकाला था,,,,
अपने बेटे की हरकत पर श्याम की मां को गुस्सा आ रहा था कि वह ठीक से उसे चोद भी नहीं पाया और पानी निकाल दिया इससे उसकी प्यास और बढ़ गई थी उसकी आखिरी उम्मीद राजू ही था,,,, श्याम पानी निकालने के बाद एक तरफ हो गया अभी भी राजू अपनी कमर हिला रहा था यह देखकर अपनी जागी हुई प्यास को बुझाने के लिए श्याम की मां अपनी हथेली को अपनी बुर पर रख कर रगडते हुए और राजू को अपना लंड उसके मुंह में से निकाल लेने का इशारा करते हुए बोली,,,,,, तब तक राजू भी अपने लंड को उसके मुंह में से बाहर खींच लिया था,,,)




ओहहहह राजु मुंह को ही चोदता रहेगा या बुर पर भी ध्यान देगा,,,।
(श्याम की मां की बात सुनकर राजू समझ गया कि उसकी बुर में आग लगी हुई है जिसे बुझाना बहुत जरूरी है,,,,,)

चिंता मत करो रानी जब तक मैं हूं तब तक तुम्हें तड़पने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है इतना कहने के साथ ही राजू तुरंत पीछे की तरफ घुटनों के बल आया और देखते ही देखते श्याम की मां की दोनों टांगों के बीच जगह बना लिया और अपने लंड को हाथ में लेकर उसकी बुक पर पटकते हुए श्याम से बोला,,,)


देख श्याम मैं कैसे तेरी मां की चुदाई करता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही उसकी गीली बुर में लंड के सुपाडे को डालना शुरू कर दियापास में ही खड़ा श्याम अपनी आंखों से अपने दोस्त के लंड को अपनी मां की बुर में जाता हुआ देख रहा था,,, श्याम अच्छी तरह से जानता था कि राजू का लड़का कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा है इसलिए अपनी मां के चेहरे की तरफ देख रहा था कि राजू के लंड को लेने में उसे तकलीफ होती है या नहीं लेकिन वास्तव में मोटे तगड़े लंड अपनी बुर में लेने से जिस तरह की तकलीफ होनी चाहिए थी वही तकलीफ श्याम को अपनी मां के चेहरे पर साफ नजर आ रहा था उसकी आंखें बंद थी चेहरे का हाव भाव बदल रहा था उसके चेहरे को देखकर साफ पता चल रहा था कि राजू की लड़की को लेने में उसकी मां को अभी भी दर्द महसूस हो रहा था देखते ही देखते राजू अपना करतब दिखाते हुए अपने पूरे समूचे लंड को उसकी बुर की गहराई में उतार दिया,,, और खुश होता हुआ और आपकी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया,,,,और श्याम की तरफ देखते हुए अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया है श्याम हैरान था कितने मोटे तगड़े लंबे लंड को उसकी मा आराम से अपनी बुर की गहराई में ले चुकी थी,,,, श्याम वहीं खड़ा खड़ा अपने दोस्त के लंड को अपनी मां की बुर के अंदर बाहर होता हुआ देख रहा था,,,,।

देखते ही देखते राजू की कमर रफ्तार पकड़ने लगी खटिया चरमराने लगी और हर धक्के के साथश्याम की मां की बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह छातियों पर लोट जा रही थी,,,जिसे देखकर खुद श्याम की हालत खराब हो रही थी और अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया था राजू की जबरदस्त चुदाई को देखकर अपनी मां की मस्ती को श्याम और ज्यादा बढ़ा रहा था,,,,। थोड़ी सी देर में कमरे में श्याम की मां की गरम सिसकारियां गुंजने लगी,,, तकरीबन 40 मिनट की घमासान चुदाई के बाद राजू का पानी निकल गया इतनी देर तक चुदाई देखकर श्याम खुद हैरान था,,,,अपने मन में सोच रहा था कि अगर उसे इतना मौका मिले तो उसे तो बहुत मजा आ जाए लेकिन उसका तो बहुत जल्दी निकल जाता है,,।

राजू श्याम की मां की छातियों पर पसर कर लंबी लंबी सांसे ले रहा था और श्याम की मां पूरी तरह से संतुष्ट होकर उसकी नंगी पीठ पर हाथ रखकर उसे सहलाते हुए एक तरह से उसे शाबाशी दे रही थी क्योंकि अगर वह उसके बेटे के भरोसे रहती तो उसका बेटा तो उसे बीच मझधार में ही छोड़कर खुद कीनारे लग गया थावह तो भला हो राजू का की जिसके पतवार को थामे वह धीरे-धीरे किनारे पर पहुंच चुकी थी,,,,। कुछ देर तक ज्यों का त्यों बना रहा,,,,श्याम की मां को बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी आखिरकार दो दो बार चुदाई का सुख जो भोग चुकी थी,,,, राजू को अपने ऊपर से हटाते हुए वह बोली,,,।


हट राजू मुझे जाने दे जोरों की पेशाब लगी है,,,,।
(श्याम हैरान था इस बात से कि उसकी मां राजू के सामने भी एकदम खुलकर बातें करने लगी थी फिर अपने मन में सोचा कि जो औरत किसी के लिए अपनी टांगे खोल दे तो जुबान का क्या मोल,,,, राजू श्याम की मां के ऊपर से हट चुका था और श्याम की मां खटिया पर से उठ कर एक चादर को अपने बदन पर लपेट रही थी तो खुद श्याम अपनी मां के बदन पर से चादर को हटाते हुए बोला)

अब इसका क्या काम,,,,
(श्याम की हरकत को देखकर राजू खुश होता हुआ बोला)

यह हुई ना बात अब और ज्यादा मजा आएगा,,,, चलो मुझे भी पेशाब लगी है हम तीनों मिलकर पेशाब करते हैं,,, यह सुनकर शरमाते हुए श्याम की मां बोली,,)

धत् तीनो नही,,,, मुझे शर्म आती है,,,


वाह रे मेरी लाजवंती,,,टांगे खोल खोल कर मेरा और अपने बेटे का लंड अपनी बुर में ले ली और अब मुतने में शर्म आती है,,,(खटिया पर से खड़ा होकर नंगी खाटू श्याम की मां की गांड पर चपत लगाते हुए बोला) चल मेरी जान आज यह भी मजा ले लेते हैं,,,,(अपनी गांड पर अपने बेटे की आंखों के सामने राजू की चपत पडते ही वह शरमा गई,,,राजू की हरकत को देखकर श्याम अपने मन में सोचने लगा कि साले की हरकत इस तरह की है तो औरतें तो इससे खुश रहने वाली हैं वाह क्या करता था अपनी मां के साथ बस डाला कमर हिलाया और निकालकर फिर सो गया इससे ज्यादा कभी कुछ किया नहीं था इसीलिए तो उसकी मां को राजू की जरूरत पड़ने लगी और राजू भी अपनी हरकत से उसकी मां को पूरी तरह से खुश कर दे रहा था यह सब श्याम देखकर धीरे-धीरे सीख भी रहा था,,, ताकि भविष्य में वह खुद अपनी मां को पूरी तरह से खुश रख सके,,,,,, राजू के कहने पर श्याम की मां तैयार हो चुकी थी,,, एक साथ मुतने के लिए,,, और तीनों को घर में ही सबसे अंतिम छोर पर जाना था जहां पर हैंडपंप लगा हुआ था वहीं पर नहाना धोना होता था और वहीं पर पहली बार ही राजू झुमरी को नगीना आता हुआ देखा था और दूसरी बार झुमरी की मां के साथ उसी जगह पर संबंध बनाया था इसलिए यह जगह राजू के लिए बेहद खास थी,,, घर के अंतिम छोर पर अंधेरा था यह बात राजू अच्छी तरह से जानता था इसलिए चलते समय कमरे में से लालटेन को ले लिया था ताकि लालटेन के उजाले में सब कुछ साफ नजर आए,,,आगे-आगे श्याम की मां चल रही थी उसकी बड़ी-बड़ी मटकती हुई गांड को लालटेन की रोशनी में देखकर राजू के साथ-साथ उसका बेटा भी खुश हो रहा था और उत्तेजित भी,,,,,,, औरत के हर एक हरकत में उत्तेजना महसूस होती है यह बात धीरे-धीरे श्याम को पता चल रही थी और वह भी राजू के साथ रहने पर क्योंकि इस तरह की उत्तेजना पर अपनी बातों से राजू भी ध्यान देता था,,,,।

हाय श्याम तेरी मां की गांड देख चलते समय कितनी हीलती हैकसम से सच कह रहा हूं गांव में जब तेरी मां चलती होगी ना तो तेरी मां की गांड देखकर ना जाने कितने लोग पानी फेंक देते होंगे,,,,सच कहूं तो गांव के बूढ़े जवान सभी तेरी मां को चोदने का सपना देखते होंगे ऐसी कसी हुई गांड शायद ही गांव में किसी की होगी,,,,तो कुछ बोलता क्यों नहीं बस खामोश होकर मजा ले रहा है कुछ बोलेगा तभी तो मजा आएगा तुझे भी और तेरी मां को भी,,, क्या तुझे अच्छा नहीं लग रहा है तेरी मां की बड़ी-बड़ी गांड ‌हीलते हुए देखना,,,।


हां हां बहुत अच्छा लग रहा है,,,,(राजू की बात सुनकर श्याम हड़बड़ाते हुए बोला,,, श्याम और राजू की बातें सुनकर आगे-आगे चल रही श्याम की मां मन ही मन बहुत खुश हो रही थी क्योंकि दो-दो जवान लड़के इस उम्र में भी उसकी गांड की तारीफ कर रहे थे उसकी कसी हुई गांड में अभी भी पूरी तरह से आकर्षण कायम था,,,इसलिए श्याम की मां कुछ ज्यादा ही इतरा कर चलने लगी थी जिससे उसकी गांड का उभार कुछ ज्यादा ही बाहर को निकल कर सामने आ रहा था जिसे देख देख कर श्याम और राजू दोनों की हालत खराब हो रही थी राजू तो, चलते समय बार-बार उसकी गांड पर चपत भी लगा दे रहा था जिससे चाटट की आवाज वातावरण में कुछ नहीं लगती थी और चपत पड़ने के साथ ही श्याम की मां के मुंह से आह निकल जाती थी,,, देखते ही देखते तीनों घर के अंतिम छोर पर पहुंच चुके थे और वही पास में राजू लालटेन को रख दिया,,, तीनों नंगे खड़े थे लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है
आखिर राजु ने श्याम की माॅं को श्याम से चुदने के लिये मना लिया श्याम की माॅं ने राजु के लन्ड के साथ श्याम का भी लंड चुसा और तो और श्याम ने भी अपनी माॅं की बुर को पहली बार चुसा ।राजु के द्वारा श्याम की मां के साथ नए नए तरीके व उत्तेजित करने वाली बाते श्याम देख रहा था और सीख रहा था की औरत को किस तरह से वश किया जाता है
श्याम ने उतावले पन में अपनी माँ को चोद के अपना पानी निकाल दिया और माँ को अधूरा ही छोड दिया वो अधुरा काम राजू ने एक दमदार चुदाई से पुरा कर उसे तृप्त कर दिया
खैर अब ये तीनों का एकसाथ पेशाब करना लगता है नया धमाका करने वाला है
 

shameless26

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साथ में पेशाब करने के लिए राजू ने श्याम की मां को मना लिया था एक नई अनुभव के लिए तीनों घर के अंतिम छोर पर पहुंच चुके थे जहां पर छोटा सा स्नानागार बना हुआ था वही हेडपंप भी लगा हुआ था अंधेरे में सब कुछ साफ है जरा है इसलिए राजू अपने साथ लालटेन लेकर चल दिया था और घर के अंतिम छोर पर पहुंचकर एक अच्छी जगह पर लालटेन रख दिया था जहां पर उसका उजाला चारों तरफ खेल सके और उस लालटेन की पीली रोशनी में राजू को सब कुछ नजर आ सके और ऐसा हो भी रहा था लालटेन की पीली रोशनी में तीनों एकदम नंगे खड़े थे,,,, श्याम की मां की नंगी जवानी का रस उसके बेटे के साथ-साथ राजू अपनी आंखों से पी रहा था,,,, श्याम की आंखों के सामने राजू लगातार रह रह कर श्याम की मां की बड़ी बड़ी गांड पर जोर से चपत लगा दे रहा था ऐसा करने से राजू को तो मजा आ ही रहा था लेकिन हल्के दर्द के साथ श्याम की मां के तन बदन में मदहोशी बढ़ जा रही थी,,,,। श्याम की मां की नंगी गांड पर अपनी हथेली फैरते हुए राजू बोला,,,।


अब सोच क्या रही हो मेरी रानी बैठ जाओ और मुतना शुरू करो,,,,मैं आज अपनी आंखों से तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता हूं तुम्हारी बुर से निकली सिटी को अपने कानों से सुनना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बातें सुनकर श्याम को बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था,, और कोई वक्त होता तो शायद वह राजू का मुंह तोड़ देता लेकिन इस समय वासना की खुमारी उसकी आंखों के अंदर अपना असर दिखा रही थी उसकी आंखों में 4 वोटों का नशा छाने लगा था जो कि उसकी मां की जवानी का ही था,,, राजू की ऐसी अश्लील बातें श्याम के कानों में मिश्री घोल रही थी और वह भी अपनी मां के लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा था वहीं दूसरी तरफ अपने बेटे की मौजूदगी है अपने बेटे के दोस्त के मुंह से अपने लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम की मां को थोड़ा अजीब तो लग रहा था लेकिन आनंद की ऐसी पराकाष्ठा को उसने कभी महसूस नहीं की थी,,, मर्दों की गंदी जुबान में भी औरतों के लिए मदहोशी भरा शुभ होता है आज यह पहली बार श्याम की मां को एहसास हो रहा था और यही फर्क वह अपनी बेटे में कर रही थी कि उसका बेटा उसे 2 साल सेचोदता रहा था मां बेटे के बीच का रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका था मर्यादा की दीवार गिर चुकी थी लेकिन फिर भी एक जवान लड़का होने के बावजूद भी श्याम ने इस तरह की अश्लील बातें उससे कभी नहीं की थी,,, जबकि श्याम की मां इस तरह की बातों से और ज्यादा उत्तेजित होती थी जो कि उसके बेटे का भी दोस्त राजू एकदम खुलकर उससे बातें कर रहा था इसलिए तो वह शर्म से पानी पानी होने के बावजूद भी अंदर ही अंदर बेहद प्रसन्न नजर आ रही थी और राजू की बात मानते हुए अपने बेटे और अपने बेटे के दोस्त की आंखों के सामने ही एक कदम आगे जाकर वहां बैठ गई थी ताकि उन दोनों को उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी के साथ-साथ उसकी बड़ी बड़ी गांड का नजारा एकदम साफ नजर आए,,,,।


बड़ी बड़ी गांड लेकर बैठने के साथ हीश्याम की मां अपने दोनों हाथ एली को पीछे की तरफ लाकर अपनी गांड की दोनों फांकों पर रखकर मुतना शुरू कर दी,,, पल भर में ही बुर से निकल रही सीटी की आवाज,,, राजू के साथ-साथ श्याम के कानों में मिश्री होने लगी राजू तो एक दम मस्त हो गया वह अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए श्याम की मां की गांड की तरफ देखते हुए श्याम से बोला,,,।

अरे यार से आप सच में तेरी मां एकदम क़यामत है इस उम्र में भी तेरी मां में जवानी कूट-कूट कर भरी हुई है जिसका रस पीने में मुझे तो बहुत मजा आ रहा है,,,,तुझे भी आ रहा होगा इतना तो मैं जानता ही हूं अभी तो अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड देख कर देख तेरा कैसे खड़ा होने लगा है,,,(राजू की बात से श्याम पूरी तरह से सहमत था अपनी मां को पेशाब करता हुआ देखा कर एक बार झड़ने के बावजूद भी उसका लंड तुरंत खड़ा हो गया था जबकि ऐसा उसके साथ होता नहीं था,,,, राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)कसम से श्याम पहली बार में किसी औरत को पेशाब करते हुए देख रहा हूं और पेशाब करती हुई औरत इतनी खूबसूरत लगती है मैंने कभी सोचा भी नहीं था,,,और तो तेरी मां बिना कपड़ों के एकदम नंगी बैठी है सोच मेरे दिल पर क्या गुजर रही होगी मेरा लंड तो ऐसा लग रहा है फट जाएगा,,,(राजू की गंदी गंदी बातें श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी वह पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी वह बेशर्मी की हद को धीरे धीरे पार कर रही थी,,,,आज उसे दो दो जवान लड़कों के सामने नंगी होकर पेशाब करने में अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था और उसे अच्छा भी लग रहा था,,, इसलिए राजू की बात सुनकर वह बोली,,,)


तुम दोनों देख क्या रहे हो आ जाओ मेरे साथ साथ पेशाब करो,,,, तू भी आजा बेटा,,, अपनी मां के साथ मुतने का सुख भोग,,,(श्याम की तरफ देखकर वह बोली श्याम अपनी मां की इस तरह की बातें सुनकर पूरी तरह से मस्त हो गया और अपनी मां की बात मानते हुए थे उसके बगल में आकर खड़ा हो गया वह हम उतने ही वाला था कि उसकी मां उसके लंड को पकड़ कर बोली,,,)

ऐसे नहीं बेटा तू भी बैठ जा मेरी तरह,,,,,,, तूने भी कभी इस तरह से औरतों की तरह बैठकर पेशाब नहीं किया होगा,,, इसलिए तू भी इस नए अनुभव का मजा ले,,,,(अपनी मां के इस तरह की खुली बातें सुनकर श्याम से रहा नहीं जा रहा भी अपनी मां के बगल में बैठ गया,,, अपनी मां को रोज-रोज चोदने के बावजूद भी श्याम इतना खुला नहीं था जितना कि आज खुलता चला जा रहा था यह सब राजू की मेहरबानी थी राजू ने जिंदगी का असली सुख का रास्ता उसके लिए बताया था,,,, श्याम अपनी मां के बगल में बैठ गया था मुतना शुरू कर दिया था इस तरह से वह पहली बार मुत रहा था इसलिए उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,,, श्याम की मां राजू की तरफ देखकर,,,

तू क्या खड़े-खड़े हिला रहा है तू भी आजा,,, ,,,


आता हूं मेरी रानी पीछे से तेरी गांड देखने में बहुत मजा आता है,,,,,,
(राजू की यही बातें श्याम की मां को बहुत अच्छी लगती थी वह ऐसे जताता था जैसे कि वह उसके बेटे के उम्र का ना होकर उसका प्रेमी या पति हो,,,, इतना कहकर श्याम श्याम की मां के बगल में नहीं बल्कि ठीक उसके पीछे बैठ गया,,, और अपने लंबे लंड को उसकी गांड के पीछे से नीचे की तरफ डालकर ठीक उसकी बुर के सामने कर दिया और मुतना शुरू कर दिया,,,,,)

आहहहहहह,,,,, मेरी जान कितना सुकून मिल रहा है मैं बता नहीं सकता,,,आहहहहह,,, तेरी बुर के नीचे से धार मारने में बहुत मजा आता है,,,,(श्याम की मां एकदम मस्त हुए जा रही थी उसके बेटे की आंखों के सामने ही राजू उसके ठीक पीछे बैठकर उसकी गांड से एकदम सटकर अपने लंड को नीचे की तरफ से आगे की तरफ लाकर पेशाब कर रहा था और साथ में श्याम की मां भी मुत रही थी,,,, श्याम की तो सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,, श्याम कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई लड़का एक औरत के साथ इतनी बेशर्मी से पैसा आता होगा लेकिन इस बेशर्मी में मजा बहुत था और वह भी दोनों को और उसे खुद को,,,, राजू पीछे बैठकर श्याम की मां की गर्दन पर होठ रखकर चूमते हुए,,,, अपने लंड को पकड़ कर उसकी बुर पर मारने लगा जिससेश्याम की मां की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ रहे थे वह उत्तेजना के मारे अपनी आंखों को बंद कर ले रही थी अभी भी उसके हाथ में उसके बेटे का लंड था जिसमें से पेशाब की धार निकल रही थी पहली बार वह अपने बेटे के लंड को पकड़ कर उसे पेशाब करा रही थी,,,।और श्याम आगे के तरीके जो पीकर अपनी नजरों को अपनी मां की दोनों टांगों के बीच टीकाया हुआ था क्योंकि राजू अपने लंड की करामात उसकी मां की बुर पर दिखा रहा था,,,, श्याम लालटेन की रोशनी में साफ तौर पर देख पा रहा था कि,,उसकी मां की बुर से पेशाब की धार निकल रही थी और राजू अपने लंड को पेशाब करते हुए हैं उसकी मां की पेशाब की धार में अपने लंड के सुपाड़े को भिगो रहा था यह अनुभव बेहद रोमांच पैदा कर देने वाला था,,श्याम मित्र इस बारे में कभी कल्पना भी नहीं किया था और राजू उसकी कल्पना के परे एकदम अद्भुत नजारे को उसकी आंखों के सामने पेश कर रहा था,,, श्याम की सासु ऊपर नीचे हो रही थी और राजू अपने लंड की सुपारी को उसकी मां की बुर में निकल रही पेशाब की धार के बावजूद भी उसकी बुर में डालने का प्रयास कर रहा था और श्याम के आश्चर्य के साथ ही राजू का लंड बड़े आराम से बैठे बैठे ही उसकी मां की बुर लमें पूरा सुपाड़ा घुस जा रहा था,,,,।


आहहहहह कितना आनंददायक है,,,,।

सहहहह बेटा यह क्या कर रहा है,,,

मत पूछो चाची बहुत मजा आ रहा है बस तुम मुतती रहो,,,आहहहहहह,,,,(राजू पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रहा था उसकी आंखें बंद हो रही थी श्याम से देखा नहीं जा रहा था अपना हाथ आगे बढ़ाकर अपनी मां की बुर को सहला रहा था जिसमें से अभी पेशाब की धार निकल रही थी और अभी भी उसकी मां के हाथ में श्याम का लंड था जिसे वह जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दी थी,,,,


अद्भुत नजारा श्याम के घर में पेश हो रहा था उसने कभी कल्पना भी नहीं किया था कि वह कभी अपने दोस्त को उसके साथ मिलकर अपनी मां की चुदाई करेगा और इस अद्भुत खेल को पूरी तरह से खेल कर मजा लेगा,,,,लालटेन की पीली रोशनी को सबको साफ नजर आ रहा था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था और इन तीनों के आंखों में नींद दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रही थी,,, और जब एक जवानी से भरी औरत एकदम नंगी हो और तू जवान लड़की हो तो भला ऐसे में नींद किसको आएगी और जिस को नींद आ जाए तो समझ लो वहां मर्द नहीं है,,,,।

पेशाब का कार्यक्रम समाप्त हो चुका था राजू का तो मन कर रहा था बैठे-बैठे ही राजू की मां की गांड मार ले,,,लेकिन अभी इस खेल को और ज्यादा रोमांचक करना था इसलिए तीनों अपनी-अपनी जगह से खड़े हो गए,,, राजू चाहता था कि उसकी मां अपनी बुर को पानी से एकदम साफ कर ले इसलिए हेडपंप चलाने लगा और श्याम की मां से बोला,,,।

चाची पानी से अपनी बुर धो लो,,, अभी और मजा लेना है,,,।
(और श्याम की मां राजू की बात मानते हुए हेडपंप में से निकल रहे पानी को अपने दोनों हथेली में लेकर अपनी बुर पर मारने लगी और उसे रगड़ रगड़ कर साफ़ करने लगी,,,थोड़ी देर बाद तीनों फिर से उसी कमरे में थे जिस कमरे में अभी-अभी चुदाई का खेल खेल कर गए थे,,,, श्याम की मां खटिया पर पीठ के बल नंगी लेटी हुई थी और उसके दोनों पैरों के बीच राजु अपने लिए जगह बना रहा था,,, और श्याम अपनी मां के सिरहाने बैठकर दोनों हाथों से उसकी गोल गोल चूचियों को दबा रहा था,,,, राजू के साथ साथ श्याम को भी इंतजार था अपनी मां की गांड मारने का एक अद्भुत सुख के नशे में उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,और उत्तेजना के मारे अपनी मां की चूचियों को वह जोर जोर से दबा रहा था राजू श्याम की मां की गांड को थोड़ा रुक पर करने के लिए उसके नीचे दो तकिया लगा दिया था और उसकी गांड को पर हवा में तोप की तरह तैनात कर दिया था,,,राजू श्याम की मां की दोनों जहां को अपनी हथेली में लेकर कस के दबा कर भी उसे थोड़ा सा फैलाते हुए बोला,,,।

सहहहह आहहह आहहहहह,,,, क्या मस्त बुर है चाची,,,, मन करता है खा जाऊं,,,,,।

तो खा जाना रे रोका किसने है,,,,, तुम दोनों के लिए तो है मेरी बुर,,,,।
(राजू अपनी मां की बात सुनकर हैरान भी था और उसे मज़ा भी आ रहा था क्योंकि इस तरह की से उसने कभी भी उससे बात नहीं की थी शायद गलती उसी की ही थी कि उसने भी राजू की तरह कभी अपनी मां से इस तरह की बातें नहीं किया था,,,)

पूरा का पूरा खा जाऊंगा मेरी जान,,,,(राजू श्याम की मां की बुर पर अपनी हथेली लहराते हुए उसकी गांड के छोटे से छेद को देख रहा था जो कि बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी इस समय उसकी उत्तेजना का केंद्र बिंदु से आम की मां की गांड का छोटा सा छेद था जिस पर आज फतेह पाना था इसलिए वह अपने बीच वाली उंगली को उस छोटे से अच्छे को कुरेदते हुए बोला,,,।

वह चाची तुम्हारी बुर के साथ-साथ तुम्हारी गांड का छेद कितना खूबसूरत लग रहा है,,,, कसम से ऐसा छेद किसी का नहीं होगा एकदम छल्ला की तरह नजर आ रहा है,,,।
(अपनी गांड के छोटे से छेद पर राजू की उंगली का स्पर्श महसूस करते ही वह कसमसाने लगी थी शायद गांड के छेद पर उंगली का स्पर्श उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव करा रहा था,,,, इसलिए वह मचलते हुए बोली,,)

आहहहह क्या कर रहा है गुदगुदी हो रही है,,,


मजा भी बहुत आएगा चाची आज तो मेरा मन तुम्हारे ईसी छेद से खेलने को कर रहा है,,,
(श्याम की मां इतनी भी नादान नहीं थी कि राजू के कहने का मतलब को ना समझती हो वह राजू के इरादे को भांप गई थी और पल भर में हीउसकी आंखों के सामने राजू का मोटा लंड और उसकी गांड का छोटा सा छेद नजर आने लगा जिसके अंदर लंड का प्रवेश बेहद कष्टदायक नजर आ रहा था इसलिए वह तुरंत बोली)

नहीं नहीं उसको कुछ मत करना,, मैं आज तक उस में नहीं ली हूं,,,,।(अपनी मां की बात सुनकर श्याम निराश होने लगा उसे लगने लगा कि अगर उसकी मां गांड का छेद नहीं देगी तो उसका मजा अधूरा रह जाएगा,,,,लेकिन उसको राजू पर भरोसा था वह जानता था कि राजू कोई ना कोई रास्ता जरूर निकाल लेगा इसलिए वहां सिर्फ देखता रहा और अपनी मां की चूची को दबाता रहा,,,,)

क्या मेरी जान घबरीती हो,,, दो-दो बच्चे छोटे से छेद से बाहर निकाल ली हो और आज गांड के छेद में डलवाने में डर रही हो,,, कसम से चाची बहुत मजा आएगा,,,


नहीं नहीं राजू ऐसा मत कर,,,,।
(श्याम की मां की बात का जवाब दिए बिना ही वह धीरे-धीरे अपनी बीच वाली उंगली को गांड के छोटे से छेद में प्रवेश कराने लगा जो कि बड़ी मुश्किल से थोड़ा बहुत खिसक रहा था क्योंकि वह जगह सूखी थी अगर गीलापन होता तो शायद उसकी बीच वाली उंगली बड़े आराम से घुस जाती इसलिए वह ज्यादा मशक्कत नहीं किया क्योंकि अगर जबरदस्ती करेगा तो उसकी मां को दर्द होगा और वह ऐसा कर रहे नहीं देगी इसलिए वह बहुत सोच समझ कर आगे बढ़ना चाहता था इसलिए अपने दिमाग को ठंडा करके वह बिना कुछ बोले श्याम की मां की आंखों को थोड़ा सा और फैला देंगे तो केवल बैठ गया और अपने होठों को पहले तो उसकी बुर के गुलाबी छेद पर रख कर चाटने लगा ताकि श्याम की मां के मन में जो कुछ भी चल रहा हो कुछ पल के लिए दूर हो जाए और ऐसा ही हुआ पल भर में ही श्याम की मां के तन बदन में मस्ती की लहर उठने लगी राजू अपनी जीत का कमाल उसके गुलाबी पत्तियों पर दिखा रहा था,,, उसकी मां उत्तेजित हुए जा रही थी और कसमसाते हुए अपनी कमर को दाएं बाएं हिला रही थी,,, राजू का लक्ष्य ईस समय श्याम की मां की बुर का नहीं बल्कि उसकी कहां का छोटा सा छेद था वह धीरे-धीरे एक नई उपलब्धि हासिल करना चाहता था,,, इसलिए श्याम की मां की बुर को चाटते हुए एक हाथ की उंगली से उसकी गांड के छेद को भी सहला रहा था और उसकी यह हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी,,,,।

दूसरी तरफ अपनी आंखों के सामने ही अपने दोस्त को अपनी मां की बुर चाटता हुआ देखकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा और वोअपनी मां की चूचियों को दबाता हुआ एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां के हाथ में थमा दिया,,, और उसकी मां अपने बेटे के लंड से खेलने लगी,,,,,धीरे-धीरे राजू अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए मंजिल की तरफ बढ़ने लगा और अपनी जीभ को नीचे की तरफ लआने लगा और अगले ही पल अपनी जीभ को श्याम की मां की गांड के छेद पर रख दिया,,,, और राजू की हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रहे थे उससे राजू की हरकत बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और वह उत्तेजना के मारे अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा दी,,,,आहहहहहहह राजु,,,,,, एकाएक श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी,,, वह कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड के छेद को भी चाटेगालेकिन शायद राजू उसकी जिंदगी में उसे अद्भुत सुख देने के लिए आया था इसीलिए तो जो कुछ भी वह नहीं सोची थी राजू उसे अपनी हरकतों से पूरा कर रहा था और उसे अद्भुत सुख की प्राप्ति भी करा रहा था,,,, बुर चटवाने से ज्यादा मजा श्याम की मां को अपनी गांड का छेद चटवाने में आ रहा था,,,,,,।

राजू पूरी तरह से अपना पूरा ध्यान श्याम की मां की गांड के छेद पर केंद्रित कर चुका था वह लगातार,,, अपनी जीभ से उस छोटे से छेद को कुरेद रहा था और उसकी हरकत की वजह से से आपकी मां के तन बदन में उत्तेजना की औलाद उठा रही थी कि पूछो मत वह बार-बार अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल दे रही थी वह काफी उत्तेजित हो चुकी थी,,, यहां तक कि वह अपने बेटे के खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर खुद अपने मुंह में डालकर चूसना शुरू कर दी थी श्याम तो अपनी मां की हरकत से पूरी तरह से हैरान हो चुका था,,,क्योंकि उसकी मां आगे से चलकर कभी भी उसके लंड को अपने मुंह में लेकर चूसी नहीं थी,,, लेकिन आज तो कमाल हो गया था और इसका माल का सारा से राजू को जा रहा था,,, श्याम अपने मन में सोचने लगा कि राजू वास्तव में औरत को खुश करने में पूरी तरह से जादूगर है उसका जादू और तो कर बहुत जल्दी चल जाता है तभी तो उसकी मां ना चाहते हुए भी अपनी गांड का छेद कैसे चटवा रही है,,,।

श्याम की मां इस बात से हैरान थी कि इतने गंदे जगह को कोई अपने मुंह से अपनी जीभ से कैसे चाटेगा लेकिन राजू में श्याम की मां की सोच की पूरी तरह से धारणा को बदल कर रख दिया था,,,, उस छोटे से छेद को चाटने में राजू अपनी संपूर्ण शक्ति को लगा दे रहा था पूरी तरह से मस्त हुए जा रहा था वह कभी सोचा नहीं था कि उम्रदराज औरत की गांड चाटने में इतना मजा आएगा,,,, श्याम की मां की कसमसाहट उसके तन बदन में उठ रही उत्तेजना की लहर कोपहचान कर राजू उसका पूरा फायदा उठाना चाहता था इसलिए अपनी बीच वाली उंगली को थोड़ा सा थूक लगाकर उसकी गांड के छोटे से छेद में डालना शुरू कर दिया,,,, चाटने की वजह से और थुक की वजह से गांड के छेद में चिकनाहट आ गई थी और उस चिकनाहट को पाकर राजू के ऊपरी धीरे-धीरे गांड के छेद में प्रवेश कर रही थी,,,,,, श्याम की मां की कसमसाहट और छटपटाहट दोनों बढ़ रही थी,,, कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड में इस तरह से उंगली डालेगा और वह भी उसके बेटे की उम्र का लड़का और वह भी उसके ही बेटे की आंखों के सामने,,,,उत्तेजना का प्रचंड अनुभव कर रही है श्याम की मां अपने बेटे के लंड को पूरा गले तक लेकर चूस रही थी उससे उत्तेजना संभाले नहीं संभल रही थी वह पूरी तरह से बेकाबू होते जा रहे थे देखते ही देखते राजू मौके का फायदा उठाते हुए अपनी बीच वाली मोदी को पूरा का पूरा श्याम की मां की गांड के छोटे से छेद में डाल दिया था और उसे अंदर बाहर कर कर अपने लिए जगह बना रहा था वह अच्छी तरह से जानता था कि श्याम की मां की गांड का छेद उतना विकसित नहीं है जितना कि उसके लंड का सुपाड़ा लेकिन यह बात अच्छी तरह से जानता था की लंड गांड के छेद की चिकनाहट पाकर बहुत ही जल्दी उसमें प्रवेश कर जाएगा और एक बार प्रवेश कर गया तो फिर मजा ही मजा है इसलिए वह पूरा जोर लगा रहा था श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए,,, श्याम की मां की अब जाकर उत्सुक हुए जा रही थी कि राजू उसकी गांड कैसे मारेगा,,,,,,।

राजू अपने बीच वाली उंगली को शाम की मां की गाना के छोटे से छेद में अंदर बाहर करते हुए श्याम से बोला,,,


देख रहा है श्याम तेरी मां की गांड का छेद कितना खूबसूरत है मेरी उंगली बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही है अब देखना मेरा लंड कितने आराम से तेरी मा ले लेती है,,,,।


मां की गांड में तेरा चला जाएगा,,!(श्याम आश्चर्य जताते के राजू से बोला क्योंकि होली अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां की गांड का छेद छोटा सा है और राजू का लंड काफी मोटा है,,,)


तू चिंता मत कर मेरे दोस्त देखना तेरी मां कैसे उछल उछल कर गांड मरवाती है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी उंगली को उसकी गांड के छेद के अंदर गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया,,,। यह एहसास श्याम की मां के लिए बिल्कुल अनोखा और नया था उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसकी जिंदगी में ऐसा भी पल आएगा जब वह दो दो जवान लड़कों से इस तरह का खेल खेलेगी,,,, राजू की बात सुनकर श्याम बोला,,)

तू एक बार कोशिश कर अगर सफल हो जाएगा तो मैं भी गांड मारूंगा,,,,।

(श्याम की इस तरह की बात सुनकर श्याम की मां उसकी तरफ देखने लगी हालांकि अभी भी उसके मुंह में उसके बेटे का लैंड था जो कि श्याम धीरे-धीरे अपनी कमर आगे पीछे करके हिला रहा था,,,, राजू श्याम की मां की गांड के छेध में उंगली डालकर उसे हिलाते हुए बोला,,,)

क्यों मेरी जान मजा आ रहा है ना उंगली कर रहा हूं तो,,,


सहहहहहह ,,, हाय दैया मजा तो बहुत आ रहा है लेकिन अपना लंड मत डालना तेरा बहुत मोटा है,,,


तो क्या सबसे पहले श्याम को डालने दो श्याम से गांड मरवाना चाहती हो,,,,

नहीं नहीं,,, श्याम से नहीं वह तो अभी नादान है,,, तू ही शुरुआत कर,,,,,,,(ना चाहते हुए भी श्याम की मां के मुंह से हामी निकल गई ,,क्योंकि भले ही वह गांड मरवाने से डर रही थी लेकिन वह भी पूरी तरह से उत्सुक हो गई थी गांड में लंड का अनुभव करने के लिए और वह शुरुआत राजू के अनुभव से ही करवाना चाहती थी क्योंकि श्याम पर अब उसे पूरा भरोसा नहीं था वहां अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसकी गांड के छेद का उद्घाटन राजू ही अच्छी तरह से कर सकता है क्योंकि उसकी हरकत देखते हुए श्याम की मां समझ गई थी कि वह पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ है लेकिन गांड मारने का अनुभव राजू के पास भी नहीं था लेकिन ताकत पूरा था,,,,लेकिन श्याम अपनी मां की बात सुनकर मन ही मन बहुत गुस्सा हो रहा था क्योंकि वह उसे नादान कह रही थी जबकि 2 साल से खुद अपनी प्यार उसी से बुझवाती आ रही थी,,,, लेकिन श्याम कर भी क्या सकता था उसे मजा भी तो बहुत आ रहा था और राजू के बाद गांड का छेद उसे ही मिलने वाला था,,,इस बात की खुशी के आगे उसकी मां की बात हुआ भूल गया और सारा ध्यान उसकी चूची पर केंद्रित करके धीरे-धीरे उसे दबाना शुरू कर दिया हालांकि श्याम की मां ने अपने मुंह में से श्याम के लंड को बाहर निकाल दी थी,,,राजू इस बात से खुश था कि चलो उसकी मां तैयार तो हो गई गांड मरवाने के लिए लेकिन उसे अपनी हरकत पर पूरी तरह से भरोसा था कि वह श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए मनाने का और आखिरकार उसकी मां मान ही गई,,,,,, इसलिए राजू खुश होता हुआ बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची तुम्हारी खूबसूरत गांड का छोटा सा छेद मेरी जिम्मेदारी पर है तुम्हें इतना मजा दूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,,(राजू उसी तरह से लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए बोला वह चित्र से जानता था कि आगे का रास्ता बेहद कठिन है धीरे-धीरे बहुत संभाल कर चलना है उसका एक भी गलत कदम सारे किए कराए पर पानी फेर सकता था इसलिए राजीव श्याम से बोला) श्याम जाकर कटोरी में थोड़ा सरसों का तेल लेकर आ,,,, मेरी रानी की गांड में थोड़ा सा सरसों का तेल जाएगा तो मजा दोगुना हो जाएगा,,,,

(श्याम तुरंत कमरे से बाहर गया और थोड़ी ही देर में सरसों के तेल को कटोरी में लेकर आ गया,,,, और राजू को थमाने लगा राजू तुरंत कटोरी को लेकर बोला,,,)

अब आएगा असली मजा देखना कैसे सटासट मेरा लंड तुम्हारी गांड में जाता है,,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू कटोरी को खटिया के पाटी पर रखकर श्याम की मां को पलटने के लिए बोल दिया श्याम की मां की तरह से जानती थी कि किस आसन में उसे आना है,,, वह जानती थी की गांड मरवाने के लिए उसे घोड़ी बनना पड़ेगाअपनी बेटी के सामने अब उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही थी अब वह पूरी तरह से खुल चुकी थी वह तुरंत आसन बदलते हुए घोड़ी बन गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को ऊपर की तरह हवा में लहराने लगी जिसे राजू अपने दोनों हाथों में थाम कर उत्तेजना के चलते उसकी गांड पर चुंबन करने लगा,,,, और सरसों के तेल की कटोरी को लेकर उसकी धार को गांड के छेद पर अच्छी तरह से गिराने लगा,,,श्याम की मां के बदन में तेल की धार गांड के छेद पर गिरने से कसमसाहट बढ़ रही थी,,,,और थोड़ा सा तेल बचा तो उसे अपने खड़े लंड पर लगाने लगा जिससे लंड की ताकत और ज्यादा बढ़ने लगी,,,,।

थोड़ी ही देर में राजू तैयार था से आपकी मां की गांड मारने के लिए और गांड मराई का पहला अनुभव प्राप्त करने के लिए,,, जिसे उसकी बुआ गुलाबी नहीं डर के मारे इंकार कर दी थी और अशोक की बीवी का छेद कुछ ज्यादा ही छोटा होने की वजह से राजू खुद आगे नहीं बढ़ पाया था,,, लेकिन आज से आपकी मां के साथ मौका और दोस्त और दोनों था शाम की मां भी तैयार उसका बेटा श्याम भी तैयार था और राजु तो पहले से ही तैयार था इस नए अनुभव को लेने के लिए,,,,,,

झुमरी की गैर हाजिरी में एक मां अपने बेटे के साथ मिलकर बेटे के दोस्त को घर में बुलाकर चुदाई और गांड मराई का सुख भोग रही थी,,,,राजू पूरी तरह से तैयार था राजू का लंका पूरी तरह से लोहे के रोड की तरह तन कर खड़ा हो गया था उसमें जरा भी लायक नहीं थी आसमान की तरह मोटा हुआ खड़ा था,,,,श्याम की मां की गुफा में घुसकर प्रहार करने के लिए वह उतावला हुआ जा रहा था,,, श्याम की मां की गांड भी लपलपा रही थी,,,राजू के लड्डू को अपने अंदर लेने के लिए लेकिन उसके अंदर डाल भी था उसे इस बात का डर था कि इतना मोटा लंड उसकी गांड के छेद में घुस पाएगा कि नहीं लेकिन राजू के अनुभव पर उसे पूरा विश्वास था,,,, राजू अपने लंड को हिलाता हुआ घुटनों के बल बैठ कर ठीक श्याम की मां की गांड के पीछे पहुंच गया,,,,,,

श्याम के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही है उसकी आंखों के सामने उसका दोस्त उसकी मां की गांड मारने जा रहा था जो कि उसकी मां के लिए भी यह पहला अनुभव था ,,श्याम भी पहली बार देखना चाहता था कि औरत की गांड कैसे मारी जाती है क्योंकि इसका अनुभव वह खुद लेना चाहता थाराजू अपने लंड की सुपाड़े को राजू की मां की गांड के छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा कि घुस पाएगा कि नहीं,,, अगर वैसे डाला जाता तो शायद नहीं घुस पाता लेकिन सरसों के तेल की चिकनाहट पर उसे पूरा भरोसा था और अपने लंड की ताकत पर उसे गर्व भी था आज उसके लैंड की परीक्षा थी उसके मर्दाना ताकत से भरे अंग की परीक्षा थी वह देखना चाहता था कि आज वह सफल होता है या असफल,,,एक औरत को संतुष्ट करने में वो पीछे हटना नहीं जाता था वह घुटने टेकना नहीं चाहता था कि हम की मां पूरी तरह से उम्रदराज औरत थी उसमे सारा अनुभव भरा हुआ था लेकिन राजू जवान था मर्दाना ताकत से भरा हुआअपने इस अनुभव से वह पूरी तरह से श्याम की मां को संतुष्ट कर के उसे गदगद कर देना चाहता था इसलिए वह अपने लंड की सुपाड़े को उसके छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा,,, गांड के छेद के मुकाबले लंड का सुपाड़ा काफी मोटा था लेकिन फिर भी वह हिम्मत नहीं आ रहा और हाथ में अपने लंड को पकड़ कर उसके सुपाड़े को गांड के छेद में डालने की कोशिश करने लगा,,,।

धीरे धीरे तेल की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा सरकने लगा,,, लेकिन आगे नहीं बढ़ पा रहा थाधड़कते दिल के साथ श्याम की मां पीछे नजर घुमाकर राजू की हरकत को गौर से देख रही थी और इंतजार कर रही थी कि कब उसका लंड उसकी गांड के छेद में घुस जाए,,, यही इंतजार श्याम को भी था वह अपने लंड को हिलाते हुए बड़े गौर से राजू की हरकत को देख रहा था राजू बिल्कुल भी जताना नहीं चाहता था कि उस से नहीं हो पा रहा है वह कोशिश करने में बंद था इसलिए एक बार फिर से सरसों के तेल में श्याम की मां की गांड को पूरी तरह से डुबो दिया और ढेर सारा थूक उस पर उस छोटे से छेद पर गिरा दिया,,,,और उस पर लंड का सुपाड़ा रख कर धीरे धीरे ताकत लगाकर अंदर की तरफ डालने लगा जैसे जैसे वह ताकत लगा रहा था मुझसे वैसे श्याम की मां अपने दांतो को दबा दे रही थी,,,।

राजू की मेहनत और उसका विश्वास रंग लाने लगा तेल और थुक दोनों की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा छोटे से छेद के अंदर सरकने लगा,,,, भले ही गांड का छेद छोटा था लेकिन उत्तेजना के मारे और राजू की मेहनत के आगे जैसे-जैसे लंड का सुपाड़ा अंदर की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे वह छोटा सा छेद अपना आकार बदल रहा था,,,, देखते ही देखते राजू ने अपने सुपाड़े को आधा गांड के छेद में डाल दिया था,,,, अपने दांतो को जोर से दबाते हुए श्याम की मां अपने दर्द को दबाए हुए थी उसे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन इस नहीं अनुभव के आगे वह अपने दर्द को भूल जाना चाहती थी,,,,, राजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़े हुए था और दूसरे हाथ से श्याम की मां की गांड को दबोचे हुए था,,,, पल भर में ही राजू पसीने से तरबतर हो गया लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पा रही थी,,,, आधा सुपाड़ा गांड के छेद में घुसा हुआ था राजू एक बार फिर से ढेर सारा थूक मुंह से उसके छोटे से छेद पर गिराने लगा और उंगली से उसे चारों तरफ लगाने लगा इस बार उसे लगने लगा कि उसका सुखाड़ा प्रवेश कर जाएगा क्योंकि काफी चिकनाहट पाने लगा था और इस बार राजू कुछ ज्यादा ही जोर लगाया और लंड का सुपाड़ा सारी अड़चनों को दूर करता हुआ गांड के उस बेशकीमती छल्ले के अंदर प्रवेश कर गया,,, लेकिन जैसे ही प्रवेश किया वैसे ही श्याम की मां से बर्दाश्त नहीं हुआ और वहा दर्द से कराहने लगी,,,।


हाय दैया मर गई रे,,,, हरामजादे क्या डाल दिया अंदर निकाल जल्दी मुझे बहुत दर्द कर रहा है,,, निकाल मुझे गांड नहीं मरवाना,,मै पहले ही तुझे बोली थी कि बहुत दर्द करेगा,,, बाप रे मर गई रे,,, बुर ही ठीक थी गांड नहीं,,, हम निकाल हरामजादे मैं तुझे गांड नहीं मारने दूंगी,,,।

(अपनी मां की बात सुनते ही श्याम के तो पसीने छूटने लगे उसे लगने लगा कि अगर राजू उसकी मां की गांड मार पाया तो उसे तो यह सुख मिलेगा ही नहीं,,,, वाह राजू कि‌ तरफ आश्चर्य से देखने का का राजू उसे दिलासा देते हुए बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची शुरू शुरू में ऐसा ही दर्द होता है लेकिन थोड़ी ही देर में सब कुछ शांत हो जाएगा एकदम शांत तुम चिल्लाओ मत,,, चिल्लाओगी तो और दर्द करेगा,,,(राजू श्याम की मां की गांड को अपनी हथेली से सहलाते हुए बोलावह श्याम की मां का ध्यान दर्द से खटकाना चाहता था इसलिए श्याम की तरफ दोनों हाथों को कॉल करके चूची दबाने का इशारा करके उसे आगे की तरफ जाने के लिए बोला और से हम तुरंत अपनी मां के आगे पहुंच गया और धीरे-धीरे उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया,,,हालांकि से आपकी मां को दर्द बहुत हो रहा था इसलिए वह अभी भी दर्द से कराह रही थी लेकिन राजू की सूझबूझ से धीरे-धीरे मामला शांत पर है मेरा श्याम अपनी मां की चूची बराबर दबा रहा था और रह रहे कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन कर दे रहा था यह श्याम के लिए बिल्कुल अनोखा सुख था वह आज तक अपनी मां के होठों को चुंबन नहीं किया था लेकिन राजू को देखकर उसकी भी हिम्मत बढ़ने लगी थी और उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था श्याम की मां भी अपने बेटे के होंठों को अपने होठों पर पाते ही अपने होठों को खोल दी और उसके होंठों को अपने मुंह में लेकर राजू की तरह उसका रसपान करने लगी,,,, पल भर में ही सुमन और राजू की हरकत से उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर फिर से उठने लगी दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा राजू इसी पल का इंतजार कर रहा था वह देखा कि उसकी मां जुम्मन में पूरी तरह से मस्त हो चुकी है तो राजू जितना घुसा था उतना ही धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,,, थोड़ी देर में श्याम की मां को मजा आने लगा उसके मुंह से दर्द की आवाज बिल्कुल भी नहीं आ रही थी और राजू की हिम्मत बढ़ने लगी वह थोड़ा थोड़ा अपने लंड को अंदर की तरफ डालने लगा,,,गांड मारने का उसका पहला अनुभव था उसे अपने लंड की ताकत पर पूरा भरोसा था इसीलिए वह इतनी देर टिका रह गया वरना गांड के छेद की शख्ती पाकर किसी का भी लंड होता वह पानी छोड़ देता,,,,।


श्याम एकदम मस्त होकर अपनी मां के होठों का रस पी रहा था और उसकी मां भी उसका साथ दे रही थी यह देखकर राजू धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था और देखते ही देखते वह अपना आधा लंड श्याम की मां की गांड में डाल चुका था,,,,अब शाम को बहुत मजा आ रहा था वाकई में गांड मारने में जो आनंद मिलता है उसका अनुभव लेकर राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था,,,,,,, माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था राजू श्याम की मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर हीला रहा था खटिया चररमरर कर रही थी,,,,श्याम की मां को पता ही नहीं चला कि कब राजू का मोटा तगड़ा लंड आधा उसकी गांड के छेद में घुस चुका है,,,, राजू फिर से ढेर सारा थूक उसकी गांड के छेद पर गिरा दिया,, एक बार फिर चिकनाहट पाकर राजू के धक्के के साथ धीरे-धीरे बाकी का बचा लंड भी गांड के छेद में घुसने लगा,,,,, अब राजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका थाउससे यह उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया लेकिन अभी भी उसका एक भी एक तिहाई लंड बचा हुआ था,,,इसलिए इस बार वहां श्याम की मां की कमर को कस के पकड़ कर जोरदार धक्का मारा और एक साथ उसका पूरा का पूरा लंड उसकी गांड के छेद में खो गया,,, लेकिन राजू की हरकत की वजह से उसका यह जबरदस्त धक्का श्याम की मां सहन नहीं कर पाई और वह दर्द से बिलबिला उठी,,,,और एक बार फिर से राजू को गाली देने लगी लाल जी की राजू को अब बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वह जबरदस्ती श्याम की मां की कमर को थामे उसकी गांड मारना शुरू कर दिया था ,श्याम या देखकर हैरान था कि राजू का लंड पूरा का पूरा उसकी मां की गांड के छेद में घुस चुका था अगर पहले वह शुरुआत करता तो शायद उसका पानी निकल गया होता,,, श्याम एकदम से खुश हो गया और अपनी मां की चूची को दबाते हुए बोला,,,।


बाप रे बाप मां देख रही हो राजे ने अपना पूरा लंड तुम्हारी गांड में डाल दिया है,,, मुझे तो लग रहा था घुसेगा ही नहीं,,, (श्याम की मां को अब थोड़ा दर्द हो रहा था और श्याम की बात सुनते ही वह पीछे की तरफ नजर घुमाकर देखने लगी हालांकि वह अपनी गांड में घुसा लंड को तो नहीं देख पा रही थी लेकिन इतना तो जरूर वह देख रही थी कि राजू अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया था उसे अपनी गांड के छेद में कुछ मोटा तगड़ा गरम-गरम महसूस हो रहा था,,, लेकिन मजा भी बहुत दे रहा था,,,,

अद्भुत खेल की शुरुआत हो चुकी थी श्याम से रहा नहीं गया रो रहा अपनी मां के ठीक आगे आकर अपनी खड़े लंड को उसके मुंह में दे दिया और उसकी मां भी खुशी-खुशी अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,, श्याम की मां एक साथ दो दो जवान लड़कों का मजा ले रही थी एक उसके मुंह में दे रहा था तो एक उसकी गांड में,,,,श्याम की मां राजू से गांड मरवाते हुए या सोचने लगी कि वाकई में गांड मरवाने में बहुत मजा आता है,, अगर राजू ना होता तो शायद इस जन्म में वह गांड मरवाने से वंचित रह जाती,,,,


अब बोल हरामजादी साली कुत्तिया कैसा लग रहा है,,,

(श्याम तो राजू के मुंह से अपनी मां के लिए सर की गाली सुनकर हैरान हो गया लेकिन उसकी मां को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा बल्कि उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी वह भी जवाब देते हुए बोली)


मादरचोद रंडी की औलाद बहुत मजा आ रहा है जोर जोर से मार,,,


मैं बोला था ना भोसड़ा चोदी इतना मजा दूंगा कि तू एक दम मस्त हो जाएगी,,,,(राजू गाली भी दिया जा रहा था और साथ में उसकी गांड पर जोर जोर चपात भी लगा रहा था,,, श्याम भी काफी उत्तेजित हो गया था इसलिए राजू के मुंह से अपनी मां के लिए गंदी गंदी गाली उसे भी अच्छी लग रही थी लेकिन वह इस तरह से कभी भी गाली देते हुए अपनी मां की चुदाई नहीं किया थालेकिन राजू की वजह से वह जान गया था की चुदाई करते समय गाली देने में बहुत मजा आता है औरतों को भी मजा आता है,,,, तकरीबन 35 मिनट तक जबरदस्त गांड मारने के बाद उसका पानी गांड में निकल गया,,,, श्याम की मां एक दम मस्त हो गई थी और जोर-जोर से हांफ रही थी,,,, वासना का तूफान कुछ देर के लिए फिर से शांत हो गया था,,,, राजू थका तो नहीं था लेकिन थोड़ा सुस्त हो गया था इसलिए वह उसकी गांड मारने के बाद खटिया पर आकर बैठ गया था,,,,,, श्याम की मां के पेट के बल खटिया पर लेट गई थी,,,,,,वह काफी थक चुकी थी लेकिन वो जानती थी कि उसका बेटा भी उसकी गांड मारना चाहता है इसलिए वह जाग रही थी,,,।


देखी चाची कितना मजा आया मैं कहता था ना बहुत मजा आएगा,,,


हां रे मैं तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस तरह का भी खेल होता है,,, नहीं तो एक ही खेल जानती थी बुर में डालो और निकालो बस तूने तो आज एक नया सुख दिया है,,,,।


जरा अपने बेटे की तरफ भी ध्यान दो देखो कैसे अपना पकड़ कर हिला रहा है वह भी तुम्हारी गांड मारना चाहता है,,,,(श्याम की तरफ देखते हुए राजू बोला तो श्याम की मां भी श्याम की तरफ देखने लगी श्याम खड़े खड़े अपने लंड को पकड़कर चला रहा था और अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड की तरफ देखकर ललचा रहा था,,,,, श्याम की तरफ देखते हुए उसकी मां बोली,,)



तो मैंने कब इनकार की हुं जो तेरा है वह मेरे बेटे का भी तो है,,,,,,,
(अपनी मां की बात सुनकर श्याम खुश हो गया लेकिन राजू के मन में कुछ और चल रहा था वह खटिया पर से उठा और बोला,,,,)

रुको मेरे दिमाग में कुछ और आया है बहुत मजा आएगा हम तीनों को पहले लो‌मेरा लंड मुंह में लेकर एक बार फिर से खड़ा कर दो,,,,(इतना कहकर वह श्याम की मां के ठीक सामने आ गया श्याम की मां को मालूम था कि उसे क्या करना है और उसे राजू पर पूरा विश्वास था कि आगे भी बहुत मजा आएगा इसलिए वह राजू को पकड़कर चुरा ले ली और चूसना शुरु कर दी थोड़ी ही देर में राजू का लंड पहले की तरह एकदम टनटना कर खड़ा हो गया,,, राजू तुरंत श्याम की मां को खटिया पर से उठा कर,,, नीचे जमीन पर चटाई बिछा दिया क्योंकि वह जानता था खटिया पर आप ज्यादा वजन ठीक नहीं है क्योंकि खटिया टूट सकती थी वह पीठ के बल लेट गया और श्याम की मां को अपने ऊपर लेटने के लिए बोला और घोड़ी बन जाने के लिए बोला,,, श्याम की मां जैसे ही राजू के ऊपर चढ़े राजू तुरंत उसे अपनी बाहों में लेकर उसकी टांगों को थोड़ा सा और फैला दिया था कि उसकी गुलाबी दूर उसके लंड के एकदम संपर्क में आ गई,,, और धीरे-धीरे करके राजू अपने लंड को पूरा का पूरा श्याम की बांकीपुर में डाल दिया और दोनों हाथों से इसकी बड़ी बड़ी गांड पकड़कर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा दिया और श्याम से बोला,,,।

श्याम तुझे तेरी मां की गांड का छेद दिख रहा है ना,,,


हां एकदम साफ दिख रहा है,,,


बस अब तू थूक लगाकर डालना शुरू कर दें,,,
(राजू की बात सुनकर श्याम और श्याम की मां दोनों आश्चर्यचकित हो गए एक साथ दोनों छेद में,,, इसलिए श्याम की मां आश्चर्य जताते हुए बोली,,)

हाय दैया एक साथ दोनों छेद में,,,


हां चाची बहुत मजा आएगा बस तुम देखती जाओ,,,।

(फिर क्या था तीनों पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके थे श्याम पहली बार गांड मारने जा रहा था इसलिए कुछ ज्यादा ही उतावला हो रहा था वह जल्दी से ढेर सारा थूक अपनी मां की गांड के छेद पर और अपने लंड पर लगाकर गांड में डालना शुरू कर दिया,,बुर में तो पहले से ही राजू का लंड घुसा हुआ था एक बार मोटा तगड़ा लंड गांड के छेद में कुछ जाने की वजह से गांड में अच्छा-खासा जगह बन गया था,, जिसमें श्याम को अपना लंड डालने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं हो रही थी,,,देखते ही देखते श्याम अपना पूरा लंड अपनी मां की गांड में डाल दिया और अपनी कमर के गाना शुरू कर दिया अब एक साथ श्याम की मां दो दो लंड का मजा ले रहे थे वह कभी सपने में भी नहीं सोचे थे कि एक साथ उसके दोनों छेद में लंड होगा,,,वह पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुकी थी उसकी गर्म सिसकारी पूरे कमरे में गुंजने लगी थी,,, राजू डीजे अपनी कमर को छाल रहा था और श्याम पीछे से अपनी मां की गांड मारता हुआ अपनी कमर आगे पीछे कर रहा था,,,।

अद्भुत काम क्रीड़ा का नजारा देखने को मिला था तीनों पूरी तरह से अपनी मस्ती में चूर हो गए थे श्याम की मां के बदन मे एक बार फिर से जवानी हिलोरे मार रही थी,,, राजू अपने मोटे तगड़े लंड से,,,श्याम की मां की बुर चोद रहा था और श्याम अपनी मां की गांड मार रहा था,,, वह पूरी तरह से मस्ती में चूर हो चुका था गांड मारने का अनुभव उसका भी बहुत अच्छा हो रहा था वो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपनी मां की गांड मार पाएगा बल्कि वह इस बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन राजू की वजह से उसे अद्भुत अनुभव के साथ अद्भुत संतुष्टि का अहसास हो रहा था,,,,।

देखते ही देखते तीनों एक साथ झड़ गए और कुछ देर तक श्याम की मां राजू की बाहों में ऊपर ही लेती रह गई और श्याम अपनी मां की गांड पर सर रखकर जोर-जोर से सांसे लेने लगा,,,,। तीनों थक कर चूर हो चुके थे,,,, श्याम की मां उसी तरह से दोनों के बीच में सो गए और एक तरफ श्याम और एक तरफ राजू सोने लगे राजू तो सोते समय भी श्याम की मां को अपनी बाहों में लेकर सो रहा था उसकी गांड अभी भी उसके लंड से सटी हुई थी,,,, तीनों गहरी नींद में सो चुके थे सबसे पहले सुबह राजू की नींद खुली राजू उसी तरह से श्याम की मां को अपनी बाहों में लिया सो रहा था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके लंड से सटी हुई थी जो कि उत्तेजना के मारे राजू का लंड खड़ा हो चुका था और उसकी गांड के दरार में फंसा हुआ था,,,फिर क्या था राजू कि मैं अभी भी गहरी नींद में सो रही थी और वह उसके नींद में होने के बावजूद भी अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी बुर में डालकर उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया बड़े आराम से मानो कि वह भी गहरी नींद में सो रहा हो,,,, एक बार फिर से गहरी नींद में ही श्याम की मां की चुदाई करने के बाद वह पानी निकालकर पीठ के बल गहरी गहरी सांसे लेने लगा और जब बाहर उजाला होने लगा तो वह दोनों को उठाया,,,, वह दोनों भी आलस मरोड़ते हुए उठ कर बैठ गए,,,।

अब मैं चलता हूं चाची,,, आज रात को फिर आऊंगा क्योंकि झुमरी तू कल आएगी ना और आज की रात हम दोनों के पास है इसका फायदा हम तीनों मिलकर उठाएंगे,,, और इतना कहने के साथ ही राजू अपने कपड़े पहन कर घर से निकल गया,,,।
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साथ में पेशाब करने के लिए राजू ने श्याम की मां को मना लिया था एक नई अनुभव के लिए तीनों घर के अंतिम छोर पर पहुंच चुके थे जहां पर छोटा सा स्नानागार बना हुआ था वही हेडपंप भी लगा हुआ था अंधेरे में सब कुछ साफ है जरा है इसलिए राजू अपने साथ लालटेन लेकर चल दिया था और घर के अंतिम छोर पर पहुंचकर एक अच्छी जगह पर लालटेन रख दिया था जहां पर उसका उजाला चारों तरफ खेल सके और उस लालटेन की पीली रोशनी में राजू को सब कुछ नजर आ सके और ऐसा हो भी रहा था लालटेन की पीली रोशनी में तीनों एकदम नंगे खड़े थे,,,, श्याम की मां की नंगी जवानी का रस उसके बेटे के साथ-साथ राजू अपनी आंखों से पी रहा था,,,, श्याम की आंखों के सामने राजू लगातार रह रह कर श्याम की मां की बड़ी बड़ी गांड पर जोर से चपत लगा दे रहा था ऐसा करने से राजू को तो मजा आ ही रहा था लेकिन हल्के दर्द के साथ श्याम की मां के तन बदन में मदहोशी बढ़ जा रही थी,,,,। श्याम की मां की नंगी गांड पर अपनी हथेली फैरते हुए राजू बोला,,,।


अब सोच क्या रही हो मेरी रानी बैठ जाओ और मुतना शुरू करो,,,,मैं आज अपनी आंखों से तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता हूं तुम्हारी बुर से निकली सिटी को अपने कानों से सुनना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बातें सुनकर श्याम को बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था,, और कोई वक्त होता तो शायद वह राजू का मुंह तोड़ देता लेकिन इस समय वासना की खुमारी उसकी आंखों के अंदर अपना असर दिखा रही थी उसकी आंखों में 4 वोटों का नशा छाने लगा था जो कि उसकी मां की जवानी का ही था,,, राजू की ऐसी अश्लील बातें श्याम के कानों में मिश्री घोल रही थी और वह भी अपनी मां के लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा था वहीं दूसरी तरफ अपने बेटे की मौजूदगी है अपने बेटे के दोस्त के मुंह से अपने लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम की मां को थोड़ा अजीब तो लग रहा था लेकिन आनंद की ऐसी पराकाष्ठा को उसने कभी महसूस नहीं की थी,,, मर्दों की गंदी जुबान में भी औरतों के लिए मदहोशी भरा शुभ होता है आज यह पहली बार श्याम की मां को एहसास हो रहा था और यही फर्क वह अपनी बेटे में कर रही थी कि उसका बेटा उसे 2 साल सेचोदता रहा था मां बेटे के बीच का रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका था मर्यादा की दीवार गिर चुकी थी लेकिन फिर भी एक जवान लड़का होने के बावजूद भी श्याम ने इस तरह की अश्लील बातें उससे कभी नहीं की थी,,, जबकि श्याम की मां इस तरह की बातों से और ज्यादा उत्तेजित होती थी जो कि उसके बेटे का भी दोस्त राजू एकदम खुलकर उससे बातें कर रहा था इसलिए तो वह शर्म से पानी पानी होने के बावजूद भी अंदर ही अंदर बेहद प्रसन्न नजर आ रही थी और राजू की बात मानते हुए अपने बेटे और अपने बेटे के दोस्त की आंखों के सामने ही एक कदम आगे जाकर वहां बैठ गई थी ताकि उन दोनों को उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी के साथ-साथ उसकी बड़ी बड़ी गांड का नजारा एकदम साफ नजर आए,,,,।


बड़ी बड़ी गांड लेकर बैठने के साथ हीश्याम की मां अपने दोनों हाथ एली को पीछे की तरफ लाकर अपनी गांड की दोनों फांकों पर रखकर मुतना शुरू कर दी,,, पल भर में ही बुर से निकल रही सीटी की आवाज,,, राजू के साथ-साथ श्याम के कानों में मिश्री होने लगी राजू तो एक दम मस्त हो गया वह अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए श्याम की मां की गांड की तरफ देखते हुए श्याम से बोला,,,।

अरे यार से आप सच में तेरी मां एकदम क़यामत है इस उम्र में भी तेरी मां में जवानी कूट-कूट कर भरी हुई है जिसका रस पीने में मुझे तो बहुत मजा आ रहा है,,,,तुझे भी आ रहा होगा इतना तो मैं जानता ही हूं अभी तो अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड देख कर देख तेरा कैसे खड़ा होने लगा है,,,(राजू की बात से श्याम पूरी तरह से सहमत था अपनी मां को पेशाब करता हुआ देखा कर एक बार झड़ने के बावजूद भी उसका लंड तुरंत खड़ा हो गया था जबकि ऐसा उसके साथ होता नहीं था,,,, राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)कसम से श्याम पहली बार में किसी औरत को पेशाब करते हुए देख रहा हूं और पेशाब करती हुई औरत इतनी खूबसूरत लगती है मैंने कभी सोचा भी नहीं था,,,और तो तेरी मां बिना कपड़ों के एकदम नंगी बैठी है सोच मेरे दिल पर क्या गुजर रही होगी मेरा लंड तो ऐसा लग रहा है फट जाएगा,,,(राजू की गंदी गंदी बातें श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी वह पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी वह बेशर्मी की हद को धीरे धीरे पार कर रही थी,,,,आज उसे दो दो जवान लड़कों के सामने नंगी होकर पेशाब करने में अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था और उसे अच्छा भी लग रहा था,,, इसलिए राजू की बात सुनकर वह बोली,,,)


तुम दोनों देख क्या रहे हो आ जाओ मेरे साथ साथ पेशाब करो,,,, तू भी आजा बेटा,,, अपनी मां के साथ मुतने का सुख भोग,,,(श्याम की तरफ देखकर वह बोली श्याम अपनी मां की इस तरह की बातें सुनकर पूरी तरह से मस्त हो गया और अपनी मां की बात मानते हुए थे उसके बगल में आकर खड़ा हो गया वह हम उतने ही वाला था कि उसकी मां उसके लंड को पकड़ कर बोली,,,)

ऐसे नहीं बेटा तू भी बैठ जा मेरी तरह,,,,,,, तूने भी कभी इस तरह से औरतों की तरह बैठकर पेशाब नहीं किया होगा,,, इसलिए तू भी इस नए अनुभव का मजा ले,,,,(अपनी मां के इस तरह की खुली बातें सुनकर श्याम से रहा नहीं जा रहा भी अपनी मां के बगल में बैठ गया,,, अपनी मां को रोज-रोज चोदने के बावजूद भी श्याम इतना खुला नहीं था जितना कि आज खुलता चला जा रहा था यह सब राजू की मेहरबानी थी राजू ने जिंदगी का असली सुख का रास्ता उसके लिए बताया था,,,, श्याम अपनी मां के बगल में बैठ गया था मुतना शुरू कर दिया था इस तरह से वह पहली बार मुत रहा था इसलिए उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,,, श्याम की मां राजू की तरफ देखकर,,,

तू क्या खड़े-खड़े हिला रहा है तू भी आजा,,, ,,,


आता हूं मेरी रानी पीछे से तेरी गांड देखने में बहुत मजा आता है,,,,,,
(राजू की यही बातें श्याम की मां को बहुत अच्छी लगती थी वह ऐसे जताता था जैसे कि वह उसके बेटे के उम्र का ना होकर उसका प्रेमी या पति हो,,,, इतना कहकर श्याम श्याम की मां के बगल में नहीं बल्कि ठीक उसके पीछे बैठ गया,,, और अपने लंबे लंड को उसकी गांड के पीछे से नीचे की तरफ डालकर ठीक उसकी बुर के सामने कर दिया और मुतना शुरू कर दिया,,,,,)

आहहहहहह,,,,, मेरी जान कितना सुकून मिल रहा है मैं बता नहीं सकता,,,आहहहहह,,, तेरी बुर के नीचे से धार मारने में बहुत मजा आता है,,,,(श्याम की मां एकदम मस्त हुए जा रही थी उसके बेटे की आंखों के सामने ही राजू उसके ठीक पीछे बैठकर उसकी गांड से एकदम सटकर अपने लंड को नीचे की तरफ से आगे की तरफ लाकर पेशाब कर रहा था और साथ में श्याम की मां भी मुत रही थी,,,, श्याम की तो सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,, श्याम कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई लड़का एक औरत के साथ इतनी बेशर्मी से पैसा आता होगा लेकिन इस बेशर्मी में मजा बहुत था और वह भी दोनों को और उसे खुद को,,,, राजू पीछे बैठकर श्याम की मां की गर्दन पर होठ रखकर चूमते हुए,,,, अपने लंड को पकड़ कर उसकी बुर पर मारने लगा जिससेश्याम की मां की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ रहे थे वह उत्तेजना के मारे अपनी आंखों को बंद कर ले रही थी अभी भी उसके हाथ में उसके बेटे का लंड था जिसमें से पेशाब की धार निकल रही थी पहली बार वह अपने बेटे के लंड को पकड़ कर उसे पेशाब करा रही थी,,,।और श्याम आगे के तरीके जो पीकर अपनी नजरों को अपनी मां की दोनों टांगों के बीच टीकाया हुआ था क्योंकि राजू अपने लंड की करामात उसकी मां की बुर पर दिखा रहा था,,,, श्याम लालटेन की रोशनी में साफ तौर पर देख पा रहा था कि,,उसकी मां की बुर से पेशाब की धार निकल रही थी और राजू अपने लंड को पेशाब करते हुए हैं उसकी मां की पेशाब की धार में अपने लंड के सुपाड़े को भिगो रहा था यह अनुभव बेहद रोमांच पैदा कर देने वाला था,,श्याम मित्र इस बारे में कभी कल्पना भी नहीं किया था और राजू उसकी कल्पना के परे एकदम अद्भुत नजारे को उसकी आंखों के सामने पेश कर रहा था,,, श्याम की सासु ऊपर नीचे हो रही थी और राजू अपने लंड की सुपारी को उसकी मां की बुर में निकल रही पेशाब की धार के बावजूद भी उसकी बुर में डालने का प्रयास कर रहा था और श्याम के आश्चर्य के साथ ही राजू का लंड बड़े आराम से बैठे बैठे ही उसकी मां की बुर लमें पूरा सुपाड़ा घुस जा रहा था,,,,।


आहहहहह कितना आनंददायक है,,,,।

सहहहह बेटा यह क्या कर रहा है,,,

मत पूछो चाची बहुत मजा आ रहा है बस तुम मुतती रहो,,,आहहहहहह,,,,(राजू पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रहा था उसकी आंखें बंद हो रही थी श्याम से देखा नहीं जा रहा था अपना हाथ आगे बढ़ाकर अपनी मां की बुर को सहला रहा था जिसमें से अभी पेशाब की धार निकल रही थी और अभी भी उसकी मां के हाथ में श्याम का लंड था जिसे वह जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दी थी,,,,


अद्भुत नजारा श्याम के घर में पेश हो रहा था उसने कभी कल्पना भी नहीं किया था कि वह कभी अपने दोस्त को उसके साथ मिलकर अपनी मां की चुदाई करेगा और इस अद्भुत खेल को पूरी तरह से खेल कर मजा लेगा,,,,लालटेन की पीली रोशनी को सबको साफ नजर आ रहा था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था और इन तीनों के आंखों में नींद दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रही थी,,, और जब एक जवानी से भरी औरत एकदम नंगी हो और तू जवान लड़की हो तो भला ऐसे में नींद किसको आएगी और जिस को नींद आ जाए तो समझ लो वहां मर्द नहीं है,,,,।

पेशाब का कार्यक्रम समाप्त हो चुका था राजू का तो मन कर रहा था बैठे-बैठे ही राजू की मां की गांड मार ले,,,लेकिन अभी इस खेल को और ज्यादा रोमांचक करना था इसलिए तीनों अपनी-अपनी जगह से खड़े हो गए,,, राजू चाहता था कि उसकी मां अपनी बुर को पानी से एकदम साफ कर ले इसलिए हेडपंप चलाने लगा और श्याम की मां से बोला,,,।

चाची पानी से अपनी बुर धो लो,,, अभी और मजा लेना है,,,।
(और श्याम की मां राजू की बात मानते हुए हेडपंप में से निकल रहे पानी को अपने दोनों हथेली में लेकर अपनी बुर पर मारने लगी और उसे रगड़ रगड़ कर साफ़ करने लगी,,,थोड़ी देर बाद तीनों फिर से उसी कमरे में थे जिस कमरे में अभी-अभी चुदाई का खेल खेल कर गए थे,,,, श्याम की मां खटिया पर पीठ के बल नंगी लेटी हुई थी और उसके दोनों पैरों के बीच राजु अपने लिए जगह बना रहा था,,, और श्याम अपनी मां के सिरहाने बैठकर दोनों हाथों से उसकी गोल गोल चूचियों को दबा रहा था,,,, राजू के साथ साथ श्याम को भी इंतजार था अपनी मां की गांड मारने का एक अद्भुत सुख के नशे में उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,और उत्तेजना के मारे अपनी मां की चूचियों को वह जोर जोर से दबा रहा था राजू श्याम की मां की गांड को थोड़ा रुक पर करने के लिए उसके नीचे दो तकिया लगा दिया था और उसकी गांड को पर हवा में तोप की तरह तैनात कर दिया था,,,राजू श्याम की मां की दोनों जहां को अपनी हथेली में लेकर कस के दबा कर भी उसे थोड़ा सा फैलाते हुए बोला,,,।

सहहहह आहहह आहहहहह,,,, क्या मस्त बुर है चाची,,,, मन करता है खा जाऊं,,,,,।

तो खा जाना रे रोका किसने है,,,,, तुम दोनों के लिए तो है मेरी बुर,,,,।
(राजू अपनी मां की बात सुनकर हैरान भी था और उसे मज़ा भी आ रहा था क्योंकि इस तरह की से उसने कभी भी उससे बात नहीं की थी शायद गलती उसी की ही थी कि उसने भी राजू की तरह कभी अपनी मां से इस तरह की बातें नहीं किया था,,,)

पूरा का पूरा खा जाऊंगा मेरी जान,,,,(राजू श्याम की मां की बुर पर अपनी हथेली लहराते हुए उसकी गांड के छोटे से छेद को देख रहा था जो कि बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी इस समय उसकी उत्तेजना का केंद्र बिंदु से आम की मां की गांड का छोटा सा छेद था जिस पर आज फतेह पाना था इसलिए वह अपने बीच वाली उंगली को उस छोटे से अच्छे को कुरेदते हुए बोला,,,।

वह चाची तुम्हारी बुर के साथ-साथ तुम्हारी गांड का छेद कितना खूबसूरत लग रहा है,,,, कसम से ऐसा छेद किसी का नहीं होगा एकदम छल्ला की तरह नजर आ रहा है,,,।
(अपनी गांड के छोटे से छेद पर राजू की उंगली का स्पर्श महसूस करते ही वह कसमसाने लगी थी शायद गांड के छेद पर उंगली का स्पर्श उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव करा रहा था,,,, इसलिए वह मचलते हुए बोली,,)

आहहहह क्या कर रहा है गुदगुदी हो रही है,,,


मजा भी बहुत आएगा चाची आज तो मेरा मन तुम्हारे ईसी छेद से खेलने को कर रहा है,,,
(श्याम की मां इतनी भी नादान नहीं थी कि राजू के कहने का मतलब को ना समझती हो वह राजू के इरादे को भांप गई थी और पल भर में हीउसकी आंखों के सामने राजू का मोटा लंड और उसकी गांड का छोटा सा छेद नजर आने लगा जिसके अंदर लंड का प्रवेश बेहद कष्टदायक नजर आ रहा था इसलिए वह तुरंत बोली)

नहीं नहीं उसको कुछ मत करना,, मैं आज तक उस में नहीं ली हूं,,,,।(अपनी मां की बात सुनकर श्याम निराश होने लगा उसे लगने लगा कि अगर उसकी मां गांड का छेद नहीं देगी तो उसका मजा अधूरा रह जाएगा,,,,लेकिन उसको राजू पर भरोसा था वह जानता था कि राजू कोई ना कोई रास्ता जरूर निकाल लेगा इसलिए वहां सिर्फ देखता रहा और अपनी मां की चूची को दबाता रहा,,,,)

क्या मेरी जान घबरीती हो,,, दो-दो बच्चे छोटे से छेद से बाहर निकाल ली हो और आज गांड के छेद में डलवाने में डर रही हो,,, कसम से चाची बहुत मजा आएगा,,,


नहीं नहीं राजू ऐसा मत कर,,,,।
(श्याम की मां की बात का जवाब दिए बिना ही वह धीरे-धीरे अपनी बीच वाली उंगली को गांड के छोटे से छेद में प्रवेश कराने लगा जो कि बड़ी मुश्किल से थोड़ा बहुत खिसक रहा था क्योंकि वह जगह सूखी थी अगर गीलापन होता तो शायद उसकी बीच वाली उंगली बड़े आराम से घुस जाती इसलिए वह ज्यादा मशक्कत नहीं किया क्योंकि अगर जबरदस्ती करेगा तो उसकी मां को दर्द होगा और वह ऐसा कर रहे नहीं देगी इसलिए वह बहुत सोच समझ कर आगे बढ़ना चाहता था इसलिए अपने दिमाग को ठंडा करके वह बिना कुछ बोले श्याम की मां की आंखों को थोड़ा सा और फैला देंगे तो केवल बैठ गया और अपने होठों को पहले तो उसकी बुर के गुलाबी छेद पर रख कर चाटने लगा ताकि श्याम की मां के मन में जो कुछ भी चल रहा हो कुछ पल के लिए दूर हो जाए और ऐसा ही हुआ पल भर में ही श्याम की मां के तन बदन में मस्ती की लहर उठने लगी राजू अपनी जीत का कमाल उसके गुलाबी पत्तियों पर दिखा रहा था,,, उसकी मां उत्तेजित हुए जा रही थी और कसमसाते हुए अपनी कमर को दाएं बाएं हिला रही थी,,, राजू का लक्ष्य ईस समय श्याम की मां की बुर का नहीं बल्कि उसकी कहां का छोटा सा छेद था वह धीरे-धीरे एक नई उपलब्धि हासिल करना चाहता था,,, इसलिए श्याम की मां की बुर को चाटते हुए एक हाथ की उंगली से उसकी गांड के छेद को भी सहला रहा था और उसकी यह हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी,,,,।

दूसरी तरफ अपनी आंखों के सामने ही अपने दोस्त को अपनी मां की बुर चाटता हुआ देखकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा और वोअपनी मां की चूचियों को दबाता हुआ एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां के हाथ में थमा दिया,,, और उसकी मां अपने बेटे के लंड से खेलने लगी,,,,,धीरे-धीरे राजू अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए मंजिल की तरफ बढ़ने लगा और अपनी जीभ को नीचे की तरफ लआने लगा और अगले ही पल अपनी जीभ को श्याम की मां की गांड के छेद पर रख दिया,,,, और राजू की हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रहे थे उससे राजू की हरकत बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और वह उत्तेजना के मारे अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा दी,,,,आहहहहहहह राजु,,,,,, एकाएक श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी,,, वह कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड के छेद को भी चाटेगालेकिन शायद राजू उसकी जिंदगी में उसे अद्भुत सुख देने के लिए आया था इसीलिए तो जो कुछ भी वह नहीं सोची थी राजू उसे अपनी हरकतों से पूरा कर रहा था और उसे अद्भुत सुख की प्राप्ति भी करा रहा था,,,, बुर चटवाने से ज्यादा मजा श्याम की मां को अपनी गांड का छेद चटवाने में आ रहा था,,,,,,।

राजू पूरी तरह से अपना पूरा ध्यान श्याम की मां की गांड के छेद पर केंद्रित कर चुका था वह लगातार,,, अपनी जीभ से उस छोटे से छेद को कुरेद रहा था और उसकी हरकत की वजह से से आपकी मां के तन बदन में उत्तेजना की औलाद उठा रही थी कि पूछो मत वह बार-बार अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल दे रही थी वह काफी उत्तेजित हो चुकी थी,,, यहां तक कि वह अपने बेटे के खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर खुद अपने मुंह में डालकर चूसना शुरू कर दी थी श्याम तो अपनी मां की हरकत से पूरी तरह से हैरान हो चुका था,,,क्योंकि उसकी मां आगे से चलकर कभी भी उसके लंड को अपने मुंह में लेकर चूसी नहीं थी,,, लेकिन आज तो कमाल हो गया था और इसका माल का सारा से राजू को जा रहा था,,, श्याम अपने मन में सोचने लगा कि राजू वास्तव में औरत को खुश करने में पूरी तरह से जादूगर है उसका जादू और तो कर बहुत जल्दी चल जाता है तभी तो उसकी मां ना चाहते हुए भी अपनी गांड का छेद कैसे चटवा रही है,,,।

श्याम की मां इस बात से हैरान थी कि इतने गंदे जगह को कोई अपने मुंह से अपनी जीभ से कैसे चाटेगा लेकिन राजू में श्याम की मां की सोच की पूरी तरह से धारणा को बदल कर रख दिया था,,,, उस छोटे से छेद को चाटने में राजू अपनी संपूर्ण शक्ति को लगा दे रहा था पूरी तरह से मस्त हुए जा रहा था वह कभी सोचा नहीं था कि उम्रदराज औरत की गांड चाटने में इतना मजा आएगा,,,, श्याम की मां की कसमसाहट उसके तन बदन में उठ रही उत्तेजना की लहर कोपहचान कर राजू उसका पूरा फायदा उठाना चाहता था इसलिए अपनी बीच वाली उंगली को थोड़ा सा थूक लगाकर उसकी गांड के छोटे से छेद में डालना शुरू कर दिया,,,, चाटने की वजह से और थुक की वजह से गांड के छेद में चिकनाहट आ गई थी और उस चिकनाहट को पाकर राजू के ऊपरी धीरे-धीरे गांड के छेद में प्रवेश कर रही थी,,,,,, श्याम की मां की कसमसाहट और छटपटाहट दोनों बढ़ रही थी,,, कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड में इस तरह से उंगली डालेगा और वह भी उसके बेटे की उम्र का लड़का और वह भी उसके ही बेटे की आंखों के सामने,,,,उत्तेजना का प्रचंड अनुभव कर रही है श्याम की मां अपने बेटे के लंड को पूरा गले तक लेकर चूस रही थी उससे उत्तेजना संभाले नहीं संभल रही थी वह पूरी तरह से बेकाबू होते जा रहे थे देखते ही देखते राजू मौके का फायदा उठाते हुए अपनी बीच वाली मोदी को पूरा का पूरा श्याम की मां की गांड के छोटे से छेद में डाल दिया था और उसे अंदर बाहर कर कर अपने लिए जगह बना रहा था वह अच्छी तरह से जानता था कि श्याम की मां की गांड का छेद उतना विकसित नहीं है जितना कि उसके लंड का सुपाड़ा लेकिन यह बात अच्छी तरह से जानता था की लंड गांड के छेद की चिकनाहट पाकर बहुत ही जल्दी उसमें प्रवेश कर जाएगा और एक बार प्रवेश कर गया तो फिर मजा ही मजा है इसलिए वह पूरा जोर लगा रहा था श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए,,, श्याम की मां की अब जाकर उत्सुक हुए जा रही थी कि राजू उसकी गांड कैसे मारेगा,,,,,,।

राजू अपने बीच वाली उंगली को शाम की मां की गाना के छोटे से छेद में अंदर बाहर करते हुए श्याम से बोला,,,


देख रहा है श्याम तेरी मां की गांड का छेद कितना खूबसूरत है मेरी उंगली बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही है अब देखना मेरा लंड कितने आराम से तेरी मा ले लेती है,,,,।


मां की गांड में तेरा चला जाएगा,,!(श्याम आश्चर्य जताते के राजू से बोला क्योंकि होली अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां की गांड का छेद छोटा सा है और राजू का लंड काफी मोटा है,,,)


तू चिंता मत कर मेरे दोस्त देखना तेरी मां कैसे उछल उछल कर गांड मरवाती है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी उंगली को उसकी गांड के छेद के अंदर गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया,,,। यह एहसास श्याम की मां के लिए बिल्कुल अनोखा और नया था उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसकी जिंदगी में ऐसा भी पल आएगा जब वह दो दो जवान लड़कों से इस तरह का खेल खेलेगी,,,, राजू की बात सुनकर श्याम बोला,,)

तू एक बार कोशिश कर अगर सफल हो जाएगा तो मैं भी गांड मारूंगा,,,,।

(श्याम की इस तरह की बात सुनकर श्याम की मां उसकी तरफ देखने लगी हालांकि अभी भी उसके मुंह में उसके बेटे का लैंड था जो कि श्याम धीरे-धीरे अपनी कमर आगे पीछे करके हिला रहा था,,,, राजू श्याम की मां की गांड के छेध में उंगली डालकर उसे हिलाते हुए बोला,,,)

क्यों मेरी जान मजा आ रहा है ना उंगली कर रहा हूं तो,,,


सहहहहहह ,,, हाय दैया मजा तो बहुत आ रहा है लेकिन अपना लंड मत डालना तेरा बहुत मोटा है,,,


तो क्या सबसे पहले श्याम को डालने दो श्याम से गांड मरवाना चाहती हो,,,,

नहीं नहीं,,, श्याम से नहीं वह तो अभी नादान है,,, तू ही शुरुआत कर,,,,,,,(ना चाहते हुए भी श्याम की मां के मुंह से हामी निकल गई ,,क्योंकि भले ही वह गांड मरवाने से डर रही थी लेकिन वह भी पूरी तरह से उत्सुक हो गई थी गांड में लंड का अनुभव करने के लिए और वह शुरुआत राजू के अनुभव से ही करवाना चाहती थी क्योंकि श्याम पर अब उसे पूरा भरोसा नहीं था वहां अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसकी गांड के छेद का उद्घाटन राजू ही अच्छी तरह से कर सकता है क्योंकि उसकी हरकत देखते हुए श्याम की मां समझ गई थी कि वह पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ है लेकिन गांड मारने का अनुभव राजू के पास भी नहीं था लेकिन ताकत पूरा था,,,,लेकिन श्याम अपनी मां की बात सुनकर मन ही मन बहुत गुस्सा हो रहा था क्योंकि वह उसे नादान कह रही थी जबकि 2 साल से खुद अपनी प्यार उसी से बुझवाती आ रही थी,,,, लेकिन श्याम कर भी क्या सकता था उसे मजा भी तो बहुत आ रहा था और राजू के बाद गांड का छेद उसे ही मिलने वाला था,,,इस बात की खुशी के आगे उसकी मां की बात हुआ भूल गया और सारा ध्यान उसकी चूची पर केंद्रित करके धीरे-धीरे उसे दबाना शुरू कर दिया हालांकि श्याम की मां ने अपने मुंह में से श्याम के लंड को बाहर निकाल दी थी,,,राजू इस बात से खुश था कि चलो उसकी मां तैयार तो हो गई गांड मरवाने के लिए लेकिन उसे अपनी हरकत पर पूरी तरह से भरोसा था कि वह श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए मनाने का और आखिरकार उसकी मां मान ही गई,,,,,, इसलिए राजू खुश होता हुआ बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची तुम्हारी खूबसूरत गांड का छोटा सा छेद मेरी जिम्मेदारी पर है तुम्हें इतना मजा दूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,,(राजू उसी तरह से लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए बोला वह चित्र से जानता था कि आगे का रास्ता बेहद कठिन है धीरे-धीरे बहुत संभाल कर चलना है उसका एक भी गलत कदम सारे किए कराए पर पानी फेर सकता था इसलिए राजीव श्याम से बोला) श्याम जाकर कटोरी में थोड़ा सरसों का तेल लेकर आ,,,, मेरी रानी की गांड में थोड़ा सा सरसों का तेल जाएगा तो मजा दोगुना हो जाएगा,,,,

(श्याम तुरंत कमरे से बाहर गया और थोड़ी ही देर में सरसों के तेल को कटोरी में लेकर आ गया,,,, और राजू को थमाने लगा राजू तुरंत कटोरी को लेकर बोला,,,)

अब आएगा असली मजा देखना कैसे सटासट मेरा लंड तुम्हारी गांड में जाता है,,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू कटोरी को खटिया के पाटी पर रखकर श्याम की मां को पलटने के लिए बोल दिया श्याम की मां की तरह से जानती थी कि किस आसन में उसे आना है,,, वह जानती थी की गांड मरवाने के लिए उसे घोड़ी बनना पड़ेगाअपनी बेटी के सामने अब उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही थी अब वह पूरी तरह से खुल चुकी थी वह तुरंत आसन बदलते हुए घोड़ी बन गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को ऊपर की तरह हवा में लहराने लगी जिसे राजू अपने दोनों हाथों में थाम कर उत्तेजना के चलते उसकी गांड पर चुंबन करने लगा,,,, और सरसों के तेल की कटोरी को लेकर उसकी धार को गांड के छेद पर अच्छी तरह से गिराने लगा,,,श्याम की मां के बदन में तेल की धार गांड के छेद पर गिरने से कसमसाहट बढ़ रही थी,,,,और थोड़ा सा तेल बचा तो उसे अपने खड़े लंड पर लगाने लगा जिससे लंड की ताकत और ज्यादा बढ़ने लगी,,,,।

थोड़ी ही देर में राजू तैयार था से आपकी मां की गांड मारने के लिए और गांड मराई का पहला अनुभव प्राप्त करने के लिए,,, जिसे उसकी बुआ गुलाबी नहीं डर के मारे इंकार कर दी थी और अशोक की बीवी का छेद कुछ ज्यादा ही छोटा होने की वजह से राजू खुद आगे नहीं बढ़ पाया था,,, लेकिन आज से आपकी मां के साथ मौका और दोस्त और दोनों था शाम की मां भी तैयार उसका बेटा श्याम भी तैयार था और राजु तो पहले से ही तैयार था इस नए अनुभव को लेने के लिए,,,,,,

झुमरी की गैर हाजिरी में एक मां अपने बेटे के साथ मिलकर बेटे के दोस्त को घर में बुलाकर चुदाई और गांड मराई का सुख भोग रही थी,,,,राजू पूरी तरह से तैयार था राजू का लंका पूरी तरह से लोहे के रोड की तरह तन कर खड़ा हो गया था उसमें जरा भी लायक नहीं थी आसमान की तरह मोटा हुआ खड़ा था,,,,श्याम की मां की गुफा में घुसकर प्रहार करने के लिए वह उतावला हुआ जा रहा था,,, श्याम की मां की गांड भी लपलपा रही थी,,,राजू के लड्डू को अपने अंदर लेने के लिए लेकिन उसके अंदर डाल भी था उसे इस बात का डर था कि इतना मोटा लंड उसकी गांड के छेद में घुस पाएगा कि नहीं लेकिन राजू के अनुभव पर उसे पूरा विश्वास था,,,, राजू अपने लंड को हिलाता हुआ घुटनों के बल बैठ कर ठीक श्याम की मां की गांड के पीछे पहुंच गया,,,,,,

श्याम के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही है उसकी आंखों के सामने उसका दोस्त उसकी मां की गांड मारने जा रहा था जो कि उसकी मां के लिए भी यह पहला अनुभव था ,,श्याम भी पहली बार देखना चाहता था कि औरत की गांड कैसे मारी जाती है क्योंकि इसका अनुभव वह खुद लेना चाहता थाराजू अपने लंड की सुपाड़े को राजू की मां की गांड के छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा कि घुस पाएगा कि नहीं,,, अगर वैसे डाला जाता तो शायद नहीं घुस पाता लेकिन सरसों के तेल की चिकनाहट पर उसे पूरा भरोसा था और अपने लंड की ताकत पर उसे गर्व भी था आज उसके लैंड की परीक्षा थी उसके मर्दाना ताकत से भरे अंग की परीक्षा थी वह देखना चाहता था कि आज वह सफल होता है या असफल,,,एक औरत को संतुष्ट करने में वो पीछे हटना नहीं जाता था वह घुटने टेकना नहीं चाहता था कि हम की मां पूरी तरह से उम्रदराज औरत थी उसमे सारा अनुभव भरा हुआ था लेकिन राजू जवान था मर्दाना ताकत से भरा हुआअपने इस अनुभव से वह पूरी तरह से श्याम की मां को संतुष्ट कर के उसे गदगद कर देना चाहता था इसलिए वह अपने लंड की सुपाड़े को उसके छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा,,, गांड के छेद के मुकाबले लंड का सुपाड़ा काफी मोटा था लेकिन फिर भी वह हिम्मत नहीं आ रहा और हाथ में अपने लंड को पकड़ कर उसके सुपाड़े को गांड के छेद में डालने की कोशिश करने लगा,,,।

धीरे धीरे तेल की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा सरकने लगा,,, लेकिन आगे नहीं बढ़ पा रहा थाधड़कते दिल के साथ श्याम की मां पीछे नजर घुमाकर राजू की हरकत को गौर से देख रही थी और इंतजार कर रही थी कि कब उसका लंड उसकी गांड के छेद में घुस जाए,,, यही इंतजार श्याम को भी था वह अपने लंड को हिलाते हुए बड़े गौर से राजू की हरकत को देख रहा था राजू बिल्कुल भी जताना नहीं चाहता था कि उस से नहीं हो पा रहा है वह कोशिश करने में बंद था इसलिए एक बार फिर से सरसों के तेल में श्याम की मां की गांड को पूरी तरह से डुबो दिया और ढेर सारा थूक उस पर उस छोटे से छेद पर गिरा दिया,,,,और उस पर लंड का सुपाड़ा रख कर धीरे धीरे ताकत लगाकर अंदर की तरफ डालने लगा जैसे जैसे वह ताकत लगा रहा था मुझसे वैसे श्याम की मां अपने दांतो को दबा दे रही थी,,,।

राजू की मेहनत और उसका विश्वास रंग लाने लगा तेल और थुक दोनों की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा छोटे से छेद के अंदर सरकने लगा,,,, भले ही गांड का छेद छोटा था लेकिन उत्तेजना के मारे और राजू की मेहनत के आगे जैसे-जैसे लंड का सुपाड़ा अंदर की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे वह छोटा सा छेद अपना आकार बदल रहा था,,,, देखते ही देखते राजू ने अपने सुपाड़े को आधा गांड के छेद में डाल दिया था,,,, अपने दांतो को जोर से दबाते हुए श्याम की मां अपने दर्द को दबाए हुए थी उसे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन इस नहीं अनुभव के आगे वह अपने दर्द को भूल जाना चाहती थी,,,,, राजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़े हुए था और दूसरे हाथ से श्याम की मां की गांड को दबोचे हुए था,,,, पल भर में ही राजू पसीने से तरबतर हो गया लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पा रही थी,,,, आधा सुपाड़ा गांड के छेद में घुसा हुआ था राजू एक बार फिर से ढेर सारा थूक मुंह से उसके छोटे से छेद पर गिराने लगा और उंगली से उसे चारों तरफ लगाने लगा इस बार उसे लगने लगा कि उसका सुखाड़ा प्रवेश कर जाएगा क्योंकि काफी चिकनाहट पाने लगा था और इस बार राजू कुछ ज्यादा ही जोर लगाया और लंड का सुपाड़ा सारी अड़चनों को दूर करता हुआ गांड के उस बेशकीमती छल्ले के अंदर प्रवेश कर गया,,, लेकिन जैसे ही प्रवेश किया वैसे ही श्याम की मां से बर्दाश्त नहीं हुआ और वहा दर्द से कराहने लगी,,,।


हाय दैया मर गई रे,,,, हरामजादे क्या डाल दिया अंदर निकाल जल्दी मुझे बहुत दर्द कर रहा है,,, निकाल मुझे गांड नहीं मरवाना,,मै पहले ही तुझे बोली थी कि बहुत दर्द करेगा,,, बाप रे मर गई रे,,, बुर ही ठीक थी गांड नहीं,,, हम निकाल हरामजादे मैं तुझे गांड नहीं मारने दूंगी,,,।

(अपनी मां की बात सुनते ही श्याम के तो पसीने छूटने लगे उसे लगने लगा कि अगर राजू उसकी मां की गांड मार पाया तो उसे तो यह सुख मिलेगा ही नहीं,,,, वाह राजू कि‌ तरफ आश्चर्य से देखने का का राजू उसे दिलासा देते हुए बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची शुरू शुरू में ऐसा ही दर्द होता है लेकिन थोड़ी ही देर में सब कुछ शांत हो जाएगा एकदम शांत तुम चिल्लाओ मत,,, चिल्लाओगी तो और दर्द करेगा,,,(राजू श्याम की मां की गांड को अपनी हथेली से सहलाते हुए बोलावह श्याम की मां का ध्यान दर्द से खटकाना चाहता था इसलिए श्याम की तरफ दोनों हाथों को कॉल करके चूची दबाने का इशारा करके उसे आगे की तरफ जाने के लिए बोला और से हम तुरंत अपनी मां के आगे पहुंच गया और धीरे-धीरे उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया,,,हालांकि से आपकी मां को दर्द बहुत हो रहा था इसलिए वह अभी भी दर्द से कराह रही थी लेकिन राजू की सूझबूझ से धीरे-धीरे मामला शांत पर है मेरा श्याम अपनी मां की चूची बराबर दबा रहा था और रह रहे कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन कर दे रहा था यह श्याम के लिए बिल्कुल अनोखा सुख था वह आज तक अपनी मां के होठों को चुंबन नहीं किया था लेकिन राजू को देखकर उसकी भी हिम्मत बढ़ने लगी थी और उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था श्याम की मां भी अपने बेटे के होंठों को अपने होठों पर पाते ही अपने होठों को खोल दी और उसके होंठों को अपने मुंह में लेकर राजू की तरह उसका रसपान करने लगी,,,, पल भर में ही सुमन और राजू की हरकत से उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर फिर से उठने लगी दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा राजू इसी पल का इंतजार कर रहा था वह देखा कि उसकी मां जुम्मन में पूरी तरह से मस्त हो चुकी है तो राजू जितना घुसा था उतना ही धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,,, थोड़ी देर में श्याम की मां को मजा आने लगा उसके मुंह से दर्द की आवाज बिल्कुल भी नहीं आ रही थी और राजू की हिम्मत बढ़ने लगी वह थोड़ा थोड़ा अपने लंड को अंदर की तरफ डालने लगा,,,गांड मारने का उसका पहला अनुभव था उसे अपने लंड की ताकत पर पूरा भरोसा था इसीलिए वह इतनी देर टिका रह गया वरना गांड के छेद की शख्ती पाकर किसी का भी लंड होता वह पानी छोड़ देता,,,,।


श्याम एकदम मस्त होकर अपनी मां के होठों का रस पी रहा था और उसकी मां भी उसका साथ दे रही थी यह देखकर राजू धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था और देखते ही देखते वह अपना आधा लंड श्याम की मां की गांड में डाल चुका था,,,,अब शाम को बहुत मजा आ रहा था वाकई में गांड मारने में जो आनंद मिलता है उसका अनुभव लेकर राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था,,,,,,, माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था राजू श्याम की मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर हीला रहा था खटिया चररमरर कर रही थी,,,,श्याम की मां को पता ही नहीं चला कि कब राजू का मोटा तगड़ा लंड आधा उसकी गांड के छेद में घुस चुका है,,,, राजू फिर से ढेर सारा थूक उसकी गांड के छेद पर गिरा दिया,, एक बार फिर चिकनाहट पाकर राजू के धक्के के साथ धीरे-धीरे बाकी का बचा लंड भी गांड के छेद में घुसने लगा,,,,, अब राजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका थाउससे यह उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया लेकिन अभी भी उसका एक भी एक तिहाई लंड बचा हुआ था,,,इसलिए इस बार वहां श्याम की मां की कमर को कस के पकड़ कर जोरदार धक्का मारा और एक साथ उसका पूरा का पूरा लंड उसकी गांड के छेद में खो गया,,, लेकिन राजू की हरकत की वजह से उसका यह जबरदस्त धक्का श्याम की मां सहन नहीं कर पाई और वह दर्द से बिलबिला उठी,,,,और एक बार फिर से राजू को गाली देने लगी लाल जी की राजू को अब बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वह जबरदस्ती श्याम की मां की कमर को थामे उसकी गांड मारना शुरू कर दिया था ,श्याम या देखकर हैरान था कि राजू का लंड पूरा का पूरा उसकी मां की गांड के छेद में घुस चुका था अगर पहले वह शुरुआत करता तो शायद उसका पानी निकल गया होता,,, श्याम एकदम से खुश हो गया और अपनी मां की चूची को दबाते हुए बोला,,,।


बाप रे बाप मां देख रही हो राजे ने अपना पूरा लंड तुम्हारी गांड में डाल दिया है,,, मुझे तो लग रहा था घुसेगा ही नहीं,,, (श्याम की मां को अब थोड़ा दर्द हो रहा था और श्याम की बात सुनते ही वह पीछे की तरफ नजर घुमाकर देखने लगी हालांकि वह अपनी गांड में घुसा लंड को तो नहीं देख पा रही थी लेकिन इतना तो जरूर वह देख रही थी कि राजू अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया था उसे अपनी गांड के छेद में कुछ मोटा तगड़ा गरम-गरम महसूस हो रहा था,,, लेकिन मजा भी बहुत दे रहा था,,,,

अद्भुत खेल की शुरुआत हो चुकी थी श्याम से रहा नहीं गया रो रहा अपनी मां के ठीक आगे आकर अपनी खड़े लंड को उसके मुंह में दे दिया और उसकी मां भी खुशी-खुशी अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,, श्याम की मां एक साथ दो दो जवान लड़कों का मजा ले रही थी एक उसके मुंह में दे रहा था तो एक उसकी गांड में,,,,श्याम की मां राजू से गांड मरवाते हुए या सोचने लगी कि वाकई में गांड मरवाने में बहुत मजा आता है,, अगर राजू ना होता तो शायद इस जन्म में वह गांड मरवाने से वंचित रह जाती,,,,


अब बोल हरामजादी साली कुत्तिया कैसा लग रहा है,,,

(श्याम तो राजू के मुंह से अपनी मां के लिए सर की गाली सुनकर हैरान हो गया लेकिन उसकी मां को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा बल्कि उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी वह भी जवाब देते हुए बोली)


मादरचोद रंडी की औलाद बहुत मजा आ रहा है जोर जोर से मार,,,


मैं बोला था ना भोसड़ा चोदी इतना मजा दूंगा कि तू एक दम मस्त हो जाएगी,,,,(राजू गाली भी दिया जा रहा था और साथ में उसकी गांड पर जोर जोर चपात भी लगा रहा था,,, श्याम भी काफी उत्तेजित हो गया था इसलिए राजू के मुंह से अपनी मां के लिए गंदी गंदी गाली उसे भी अच्छी लग रही थी लेकिन वह इस तरह से कभी भी गाली देते हुए अपनी मां की चुदाई नहीं किया थालेकिन राजू की वजह से वह जान गया था की चुदाई करते समय गाली देने में बहुत मजा आता है औरतों को भी मजा आता है,,,, तकरीबन 35 मिनट तक जबरदस्त गांड मारने के बाद उसका पानी गांड में निकल गया,,,, श्याम की मां एक दम मस्त हो गई थी और जोर-जोर से हांफ रही थी,,,, वासना का तूफान कुछ देर के लिए फिर से शांत हो गया था,,,, राजू थका तो नहीं था लेकिन थोड़ा सुस्त हो गया था इसलिए वह उसकी गांड मारने के बाद खटिया पर आकर बैठ गया था,,,,,, श्याम की मां के पेट के बल खटिया पर लेट गई थी,,,,,,वह काफी थक चुकी थी लेकिन वो जानती थी कि उसका बेटा भी उसकी गांड मारना चाहता है इसलिए वह जाग रही थी,,,।


देखी चाची कितना मजा आया मैं कहता था ना बहुत मजा आएगा,,,


हां रे मैं तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस तरह का भी खेल होता है,,, नहीं तो एक ही खेल जानती थी बुर में डालो और निकालो बस तूने तो आज एक नया सुख दिया है,,,,।


जरा अपने बेटे की तरफ भी ध्यान दो देखो कैसे अपना पकड़ कर हिला रहा है वह भी तुम्हारी गांड मारना चाहता है,,,,(श्याम की तरफ देखते हुए राजू बोला तो श्याम की मां भी श्याम की तरफ देखने लगी श्याम खड़े खड़े अपने लंड को पकड़कर चला रहा था और अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड की तरफ देखकर ललचा रहा था,,,,, श्याम की तरफ देखते हुए उसकी मां बोली,,)



तो मैंने कब इनकार की हुं जो तेरा है वह मेरे बेटे का भी तो है,,,,,,,
(अपनी मां की बात सुनकर श्याम खुश हो गया लेकिन राजू के मन में कुछ और चल रहा था वह खटिया पर से उठा और बोला,,,,)

रुको मेरे दिमाग में कुछ और आया है बहुत मजा आएगा हम तीनों को पहले लो‌मेरा लंड मुंह में लेकर एक बार फिर से खड़ा कर दो,,,,(इतना कहकर वह श्याम की मां के ठीक सामने आ गया श्याम की मां को मालूम था कि उसे क्या करना है और उसे राजू पर पूरा विश्वास था कि आगे भी बहुत मजा आएगा इसलिए वह राजू को पकड़कर चुरा ले ली और चूसना शुरु कर दी थोड़ी ही देर में राजू का लंड पहले की तरह एकदम टनटना कर खड़ा हो गया,,, राजू तुरंत श्याम की मां को खटिया पर से उठा कर,,, नीचे जमीन पर चटाई बिछा दिया क्योंकि वह जानता था खटिया पर आप ज्यादा वजन ठीक नहीं है क्योंकि खटिया टूट सकती थी वह पीठ के बल लेट गया और श्याम की मां को अपने ऊपर लेटने के लिए बोला और घोड़ी बन जाने के लिए बोला,,, श्याम की मां जैसे ही राजू के ऊपर चढ़े राजू तुरंत उसे अपनी बाहों में लेकर उसकी टांगों को थोड़ा सा और फैला दिया था कि उसकी गुलाबी दूर उसके लंड के एकदम संपर्क में आ गई,,, और धीरे-धीरे करके राजू अपने लंड को पूरा का पूरा श्याम की बांकीपुर में डाल दिया और दोनों हाथों से इसकी बड़ी बड़ी गांड पकड़कर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा दिया और श्याम से बोला,,,।

श्याम तुझे तेरी मां की गांड का छेद दिख रहा है ना,,,


हां एकदम साफ दिख रहा है,,,


बस अब तू थूक लगाकर डालना शुरू कर दें,,,
(राजू की बात सुनकर श्याम और श्याम की मां दोनों आश्चर्यचकित हो गए एक साथ दोनों छेद में,,, इसलिए श्याम की मां आश्चर्य जताते हुए बोली,,)

हाय दैया एक साथ दोनों छेद में,,,


हां चाची बहुत मजा आएगा बस तुम देखती जाओ,,,।

(फिर क्या था तीनों पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके थे श्याम पहली बार गांड मारने जा रहा था इसलिए कुछ ज्यादा ही उतावला हो रहा था वह जल्दी से ढेर सारा थूक अपनी मां की गांड के छेद पर और अपने लंड पर लगाकर गांड में डालना शुरू कर दिया,,बुर में तो पहले से ही राजू का लंड घुसा हुआ था एक बार मोटा तगड़ा लंड गांड के छेद में कुछ जाने की वजह से गांड में अच्छा-खासा जगह बन गया था,, जिसमें श्याम को अपना लंड डालने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं हो रही थी,,,देखते ही देखते श्याम अपना पूरा लंड अपनी मां की गांड में डाल दिया और अपनी कमर के गाना शुरू कर दिया अब एक साथ श्याम की मां दो दो लंड का मजा ले रहे थे वह कभी सपने में भी नहीं सोचे थे कि एक साथ उसके दोनों छेद में लंड होगा,,,वह पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुकी थी उसकी गर्म सिसकारी पूरे कमरे में गुंजने लगी थी,,, राजू डीजे अपनी कमर को छाल रहा था और श्याम पीछे से अपनी मां की गांड मारता हुआ अपनी कमर आगे पीछे कर रहा था,,,।

अद्भुत काम क्रीड़ा का नजारा देखने को मिला था तीनों पूरी तरह से अपनी मस्ती में चूर हो गए थे श्याम की मां के बदन मे एक बार फिर से जवानी हिलोरे मार रही थी,,, राजू अपने मोटे तगड़े लंड से,,,श्याम की मां की बुर चोद रहा था और श्याम अपनी मां की गांड मार रहा था,,, वह पूरी तरह से मस्ती में चूर हो चुका था गांड मारने का अनुभव उसका भी बहुत अच्छा हो रहा था वो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपनी मां की गांड मार पाएगा बल्कि वह इस बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन राजू की वजह से उसे अद्भुत अनुभव के साथ अद्भुत संतुष्टि का अहसास हो रहा था,,,,।

देखते ही देखते तीनों एक साथ झड़ गए और कुछ देर तक श्याम की मां राजू की बाहों में ऊपर ही लेती रह गई और श्याम अपनी मां की गांड पर सर रखकर जोर-जोर से सांसे लेने लगा,,,,। तीनों थक कर चूर हो चुके थे,,,, श्याम की मां उसी तरह से दोनों के बीच में सो गए और एक तरफ श्याम और एक तरफ राजू सोने लगे राजू तो सोते समय भी श्याम की मां को अपनी बाहों में लेकर सो रहा था उसकी गांड अभी भी उसके लंड से सटी हुई थी,,,, तीनों गहरी नींद में सो चुके थे सबसे पहले सुबह राजू की नींद खुली राजू उसी तरह से श्याम की मां को अपनी बाहों में लिया सो रहा था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके लंड से सटी हुई थी जो कि उत्तेजना के मारे राजू का लंड खड़ा हो चुका था और उसकी गांड के दरार में फंसा हुआ था,,,फिर क्या था राजू कि मैं अभी भी गहरी नींद में सो रही थी और वह उसके नींद में होने के बावजूद भी अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी बुर में डालकर उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया बड़े आराम से मानो कि वह भी गहरी नींद में सो रहा हो,,,, एक बार फिर से गहरी नींद में ही श्याम की मां की चुदाई करने के बाद वह पानी निकालकर पीठ के बल गहरी गहरी सांसे लेने लगा और जब बाहर उजाला होने लगा तो वह दोनों को उठाया,,,, वह दोनों भी आलस मरोड़ते हुए उठ कर बैठ गए,,,।

अब मैं चलता हूं चाची,,, आज रात को फिर आऊंगा क्योंकि झुमरी तू कल आएगी ना और आज की रात हम दोनों के पास है इसका फायदा हम तीनों मिलकर उठाएंगे,,, और इतना कहने के साथ ही राजू अपने कपड़े पहन कर घर से निकल गया,,,।
Shandaar update
 
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