श्याम के घर पर वासना के मंच पर मां बेटे के साथ बेटे का दोस्त मिलकर जो काम क्रीडा का अद्भुत नाटक पेश किए थे वह काबिले तारीफ थी,,,,शायद वह उन तीनों की जिंदगी का यह पहला मौका था जब एक साथ तीन लोग काम कीड़ा का अद्भुत खेल रहे थे और इस बारे में शायद तीनों ने कभी कल्पना भी नहीं किया था,,,,राजू के तो मन की हो गई थी वह औरत की गांड मारने का सुख देना चाहता था उस अनुभव को जीना चाहता था और वह अनुभव से श्याम की मां से प्राप्त हुआ था जिसका वह तहे दिल से शुक्रिया कर रहा था,,,, उम्र के इस दौर पर के राजू को इस बात का एहसास हो रहा था कि श्याम की मां की बुर बहुत ही कसी हुई थी साथ ही उसकी गांड का छेद तो लाजवाब था,,,, सुबह सवेरे उठकर लेकिन उठने से पहले एक बार फिर से श्याम की मां की चुदाई करके वहां अपने कपड़े पहन कर घर से बाहर निकल गया था,,,,।
श्याम की मां और श्याम दोनों उठ चुके थे रात को जो कुछ भी हुआ था उसको लेकर दोनों के मन में किसी भी प्रकार का मलाल बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि रात की मस्ती का लुफ्त दोनों मां-बेटे साथ में मिलकर उठाए थे लेकिन फिर भी श्याम अपने मन में यही सोच रहा था कि उसकी मां को यह नहीं लगना चाहिए कि उसके दोस्त के साथ देखने के बावजूद भी श्याम ने उसे बिल्कुल भी पुछ ताछ नहीं किया,,, इसलिए अपनी मां से ढेर सारी सवाल पूछना चाहता था,,,, वह अभी भी नींद से उठ कर चटाई पर बैठा हुआ था उसके बदन पर अभी भी एक भी कपड़े नहीं थे और श्याम की मां अपने बदन पर वस्त्र डाल ली थी और झाड़ू लगा रहे थे अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड की तरफ देखते हुए श्याम बोला,,,।
मुझे यकीन नहीं होता कि तुम मेरे दोस्त से चुदवाती हो मुझे कानो कान खबर तक नहीं पड़ा,,,।
(श्याम की मां सोची थी रात को जिस तरह का मजा उसके बेटे ने उसके दोस्त के साथ मिल कर लिया है अब वह किसी भी प्रकार का एतराज नहीं जताया लेकिन उसकी बात को सुनकर वह एकदम से झेंप गई और श्याम की तरफ देखे बिना ही बात बनाते हुए बोली,,)
ममम मैं तुझ से सब कुछ बताने वाली थी लेकिन हालात सही नहीं लग रहे थे इसलिए मैं तुझे बताना उचित नहीं समझी मैं जानती थी कि अगर मैं तुझे बता दूंगी तो तू नाराज हो जाएगा गुस्सा हो जाएगा लेकिन क्या करूं बात ही कुछ ऐसी फस गई थी कि,,,,,(इतना कहकर श्याम की मां खामोश हो गई और अपने चेहरे पर चिंता के भाव लाते हुए वहीं खटिया पर बैठ गई)
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ऐसी कौन सी बात हो गई थी ना कि तुम्हें मेरे दोस्त से चुदवाना पड़ा आखिरकार मैं तुम्हें रोज चोद ही रहा था ना,,, क्या मेरे से खुश नहीं थे क्या तुम्हें राजू का लंबा और मोटा लग रहा था,,,, तुम तो यह कहती थी ना कि तेरे सिवा मैं किसी को भी अपना बदन छूने ना दु,,,, फिर ऐसा क्या हो गया कि एकदम खुश होकर राजू के लिए अपनी दोनों टांगें खोल दी,,,,।
मममम,मैं जानती हूं शाम कि तूने जो कुछ भी देखा उसे देख कर तुझे बहुत दुख हुआ है लेकिन क्या करूं मैं मजबूर थी,,,,(शर्म के मारे अपने चेहरे को दूसरी तरफ घुमाते हुए बोली)
मजबूर थी ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई कि तुम्हें मेरे दोस्त के साथ सोना पड़ा मैं पता है अगर वह यह बात गांव वालों को बता देना तो क्या हो जाएगा तुम्हारी कितनी बदनामी हो जाएगी खानदान की बदनामी हो जाएगी,,,,
बस बेटा यही बात वह मुझसे सीधे आकर यही कहा कि मैं तुम्हारी हर एक बात जानता हूं लेकिन क्या जानता हूं यह उसने नहीं बताया लेकिन उसके कहने के अनुसार और उसके अंदाज से मुझे ऐसा ही लग रहा था कि जैसे वह हम दोनों के बारे में जान गया है मैं क्या करती मैं मजबूर हो गई थी,,,,, मैं उसकी कोई और साथ होती तो मानने को तैयार थी लेकिन उसे और कुछ नहीं चाहिए था वह बस मुझे चोदना चाहता था,,,, मैंने उसे तेरी दोस्ती का वास्ता दिया उसे कसम दी लेकिन वह नहीं माना आखिरकार में क्या करती इज्जत बचाने के लिए मुझे उसके साथ सोना पड़ा,,,,।
लेकिन क्या उसने तुम्हें यह बताया कि वह हम दोनों के बारे में सब कुछ जानता है,,,
नहीं ऐसा कुछ भी नहीं बताया नहीं तो मैं बाद में सोच कर पछताने लगी कि हो सकता है उसे कुछ मालूम ही ना हो,,,
यही तो यही तो मां उसे कुछ भी मालूम नहीं है वह तुक्का लगाया था और तुम उसकी बातों में आ गई,,,
मुझे भी यही लगता है लेकिन क्या करूं मैं एकदम से डर गई थी अगर हम दोनों की बात इस घर से बाहर निकल जाती तो सोच हम दोनों का क्या होता गांव वाले हम परथु थु करते,,, हम दोनों की इज्जत बचाने के लिए मुझे अपनी इज्जत कुर्बान करना पड़ा,,,,
लेकिन मैं देख रहा था तुम्हें उसके साथ बहुत मजा आ रहा था,,,,,(श्याम जानबूझकर चुटकी लेते हुए बोला,, वह अपनी मां की राय जानना चाहता था देखना चाहता था कि वह इस सवाल का जवाब देती है,,,)
तो यह कैसी बातें कर रहा है बेटा अब ऐसे हालात में मैं क्या करती रोती रोने से भी तो कोई फायदा नहीं था,,,
इसलिए मजा ले रही थी ना,,,,मैं देख रहा था कितनी गंदी गंदी गालियां देकर तुम्हारी चुदाई कर रहा था लेकिन तुम थी कि कुछ बोल नहीं रही थी,,,,
श्याम तू नहीं समझेगा ना जाने क्यों उस समय उसकी गालियां मुझे अच्छी लग रही थी,,, तूने तो कभी नहीं दिया,,, ,,,
मुझे लगा कि तुम नाराज हो जाओगी और वैसे भी मैंने कभी तुमको गाली देने के बारे में सोचा भी नहीं,,,
मुझे चोदने के बारे में भी तो कभी नहीं सोचा था ,, लेकिन चोदने लगा ना,,, और कल रात को तू भी तो सब कुछ मामला शांत कर सकता था अपने दोस्त को डरा सकता था धमका सकता था उसे यहां से भगा सकता था,,,,, लेकिन तूने क्या किया अपने दोस्त के साथ मिलकर मेरी गांड मारने की साजिश रच डाली,,,, आखिरकार अपने दोस्त के साथ उसकी बात मानते हुए मनमानी कर ही लिए,,, तुझे मालूम है मेरी कमर कितनी दर्द करने लगी है,,,
तुम्हें भी तो जोर-जोर धक्के लेने में मजा आ रहा था,,,,,,।
(श्याम यह बात अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां जो कुछ भी बोल रही थी राजू के बारे में वह बिल्कुल गलत था क्योंकि वह वहीं पर था जब पहली बार राजू ने उसकी मां को चोदा था ऐसी कोई भी बात नहीं हुई थी जिससे उसकी मां डर जाती इज्जत का सवाल पैदा हो जाता बल्कि राजू में लंड की ताकत पर उसकी मां को झुका लिया था,,, और राजू के लंड को देखकर खुद उसकी मां पूरी तरह से चुदवासी हो गई थी,,,।अपनी मां से इस तरह की बातें करते हो एक बार फिर से उसका लंड खड़ा होने लगा था पूरी तरह से मंगा चटाई पर बैठा था और दोनों टांगों के लिए सरकार ने छत की तरफ उठाएं खड़ा होने लगा था जिसे खुद उसकी मां भी अपनी आंखों से देख रही थी उसके खड़े होते लंड को देखकर उसकी मां बोली,,,)
तेरे दोस्त ने मेरी चुदाई किया इस बात को लेकर तुझे मुझे नहीं लगता कि दुख हो रहा है क्योंकि मैं देख रही हूं कि तेरा लंड खड़ा होने लगा है,,,,,,।
(उसका इतना कहना था कि हम अपनी जगह से खड़ा हो गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाता हुआ अपनी मां के करीब पहुंच गया और बोला,,,)
तो क्या हुआ मेरी जान रात को तूने जितना मजा दी है उसे याद करके ही लंड खड़ा हो जाता है,,।( श्याम जानबूझकर राजू की तरह बातें करने लगा था वह देखना चाहता था कि इस तरह की बातें करने में कितना मजा आता है और वाकई में साल भर में ही उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव होने लगा अपनी मां से इस तरह से बात करने में उसे मजा आने लगा)
क्यों रात को जी नहीं भरा क्या,,,मैं देख रही थी तुझे भी गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था लेकिन यह नहीं देख रहा था कि मुझे कितना दर्द हो रहा है,,,
क्या करूं मेरी जान तेरी गांड ही इतनी खूबसूरत है कि मेरा मन बहक गया,,,
तेरे लिए तो मैं दिन रात अपनी गांड खोल कर रखु,,,
हाय मेरी जान इसका मतलब है की फिर से गांड मरवाना चाहती है,,,
नहीं नहीं मेरे राजा रोज-रोज नहीं कभी-कभी तभी तो मजा आएगा,,,,
शाली तु मजा बहुत देती है,,, तेरी बुर का भोसड़ा बनाने में बहुत मजा आता है,,,
मादरचोद बनाना तुझे रोका किसने है,,,,
हाय साली रंडी मुझे मादरचोद बोलती है,,,(इतना कहती हो ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया)
आहहहह,,, मादरचोद ना बोलूं तो और क्या बोलूं आखिर तु मुझे चोदता जो है,,, और जो अपनी मां को चोदता है वो मादर चोद बन जाता है,,,।
तेरे लिए तो मैं कुछ भी बनने को तैयार हूं मेरी रानी,,,(और इतना कहने के साथ ही श्याम अपनी मां के होंठों पर अपने होंठ रख कर चूमना शुरू कर दिया यह भी उसने राजू से ही सीखा था,,,अपने बेटे की हरकत को देखकर श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और उसे इस बात की खुशी होने लगी कि राजू से उसका बेटा कुछ सीखा जरूर है,,,और इसी खुशी में वह खुद अपने बेटे के लंड को पकड़ कर जमाना शुरू कर दी इस बात को तो अच्छी तरह से समझ ही गई थी कि राजू के लंड की मुकाबले उसके बेटे का लंड छोटा ही है लेकिन फिर भी उसे इसी में खुश रहना है क्योंकि वह अपने बेटे का दिल तोड़ना नहीं चाहती थी और देखते ही देखते,,, वह जल्द से जल्द चुंबन को खत्म करके अपने बेटे का लंड को मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी क्योंकि उसका बेटा भी यही चाहता था,,,, राजू से दोनों मां-बेटे कुछ ना कुछ सीखे जरूर थे और उसको आजमाकर अत्यधिक आनंद प्राप्त कर रहे थे श्याम अपनी मां के रेशमी बालों को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर गिराना शुरू कर दिया था,,,,,,।
कुछ देर तक वह अपनी मां के मुंह में अपना लंड डालकर आनंद लेता रहा उसके बाद अपनी मां को सारे कपड़े उतार कर नंगी करे बगैर ही उसकी सारी कमर तक उठा दिया और खटिया पर लिटा दिया,,, और अपनी मां की दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाकर अगले ही पल गच्च की आवाज के साथ अपने लंड को अपनी मां की बुर में प्रवेश करा दिया और चोदना शुरू कर दिया,,,, उसे अब राजू से कोई गिला शिकवा नहीं था वह अपनी मां की चुदाई कर रहा था दोनों बहुत खुश थे,,,,।
दूसरी तरफ गांव खेत खलियान घूम लेने के बाद राजू जब घर पर पहुंचा तो उसके पिताजी बेल गाड़ी लेकर अकेले ही रेलवे स्टेशन की तरफ चल दिए थे और वह यही चाहता भी था क्योंकि आज वहां अपने पिताजी के साथ जाना नहीं चाहता था क्योंकि वह जानता था कि पिताजी की गैर हाजिरी में वह अपनी बुआ के साथ खुलकर मस्ती कर सकता था और उसकी गांड मारने का सुख भी प्राप्त कर सकता था,,,,, घर पर पहुंचते ही देखा कि उसकी बुआ खाना बना रही थी,,,, मुस्कुराते हुए अपनी बुआ के पास जाकर बैठते हुए वह बोला,,,।
हाय मेरी जान क्या बना रही हो,,,,
सब्जी रोटी और क्या,,,,,,(रोटी को बेलते हुए गुलाबी बोली,,)
आज मुझे सब्जी रोटी नहीं आज तुम्हारा दूध पीना है,,,
पागल है क्या अभी इसमें से दुध थोड़ी निकलेगा,,,
जानता हूं लेकिन फिर भी तुम्हारी चूची को मुंह में लेकर पीना चाहता हूं,,,
इतना ही शौक है तो रात भर कहां गायब था,,,
बताया तो था दोस्त के घर पर था,,, वहीं से आ रहा हूं,,,
आजकल दोस्ती यारी में ज्यादा ध्यान देने लगा है बुआ की फिक्र नहीं है तुझे,,,,
क्या हुआ मेरी जान रात भर नींद नहीं आई क्या,,, जानता हूं तुम्हें भी रोज मेरा लंड लेने की आदत जो पड़ गई है,,,
सही कह रहा है तू रात भर करवटें बदलते रही,,,
हाय मेरी जान इतना तरसी है रात भर,,,, पिताजी को बुला ली होती,,, रात भर तुझे मस्त कर देते और मुझे तो इंकार कर दी लेकिन पिताजी तेरी गांड मारने से बाज नहीं आते,,,।
(राजू की यह बात सुनकर गुलाबी एकदम से सिहर उठी उसके तन बदन में रात की सारी घटनाएं घूमने लगी रात भर उसके बड़े भैया ने उसे सोने नहीं दिया था कभी ऊपर तो कभी नीचे कभी आगे पीछे खड़ी करके घर में बाकी सदस्य की गहरा चली है वह पूरी तरह से उसके साथ मनमानी कर रहे थे और रात भर में 2 बार तो उसकी गांड मारे थे,,,, राजू को इस तरह से अपने बड़े भाई के साथ संबंध रखने के लिए बोल कर गुलाबी जानबूझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली,,)
धत्,,,, हरामजादे कैसी बातें करता है तुझे शर्म आती है वह वह मेरे बड़े भैया हैं,,,
हाय मेरी गुलाबी मैं भी तो तेरा भतीजा था फिर क्यों मेरा लंड अपनी बुर में लेती है,,,,और अपने बड़े भैया की चुदाई तो तू देखती आ रही है कैसा जमकर चोदते हैं,,, मा ही उनको खुशी खुशी झेल लेती है,,,,। तेरी गांड देखकर तो पिताजी एक दम मस्त हो जाते,,,
देख राजु तू अब ज्यादा बोल रहा है,,,,
अरे सच में बुआ पिताजी तेरी दोनो चूचियों को मुंह में लेकर पीते ना तो उसमें से दूध निकलने लगता,,,
राजू,,,(गुलाबी जानबूझकर गुस्सा दिखा रही थी उसे अच्छा भी लग रहा था क्योंकि रात भर उसके बड़े भैया ने उसकी जवानी की सेवा जो किया था,,, गुलाबी की बुर गीली होने लगी थी,,,)
क्या राजू राजू लगा रखी हो,,,, मुझे तो पूरा विश्वास है जिस तरह से पिताजी एकदम चुडक्कड़ है मां को चोदे बिना एक रात नहीं गुजरती सच कहता हूं तुम अगर पिताजी के सामने अपनी सलवार खोल दो ना तो पिताजी रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर सोए रहे,,,(राजू पहली बार अपने पिताजी के बारे में इस तरह की बातें कर रहा था उसे इस तरह से बातें करने में बहुत मजा आ रहा था वहीं दूसरी तरफ गुलाबी शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी क्योंकि वह जानती थी कि राजू जो कुछ भी कह रहा था वह कर चुकी थी लेकिन यह बात कोई और नहीं जानता था,,,, इसलिए राजू को गुस्सा दिखाते हुए बोली)
देख राजु अब मैं तुझे मारुंगी तुझे शर्म आनी चाहिए वह मेरे बड़े भैया हैं और मैं उनकी छोटी बहन हूं,,,
तो क्या हुआ मेरी जान तुम्हारे बड़े भैया के पास भी लंड है और तुम्हारे पास बुर अगर तुम्हें विश्वास नहीं होतातो बस एक बार पिताजी के सामने अपने सलवार खोल कर अपनी बुर दिखा दो फिर देखो पिताजी कैसे तुम्हारी गुलाबी बुर को चाट चाट कर उसमें अपना लंड डालते हैं,,,,।
(राजू की कामाग्नि से भरी बातें गुलाबी की दोनों टांगों के बीच हलचल पैदा करने लगी गुलाबी को भी मजा आ रहा था इसलिए गुलाबी भी चुटकी लेते हुए बोली)
तब तो तेरी मां के पास भी बुरे हैं और तेरे पास लंड और मैं जानती हूं कि तेरे पिताजी से ज्यादा मोटा और लंबा लंड तेरा है अगर तू भी अपनी मां को अपने लंड दिखा दे तो शायद तेरी मां भी तेरे लंड पर खुद ही चढ जाए,,,।
(गुलाबी की बात सुनकर राजू अपने मन में सोचने लगा कि काश ऐसा हो जाता तो कितना मजा आता लेकिन फिर भी अपनी मां का जिक्र आने पर उसे अच्छा ही लग रहा था लेकिन वह जानबूझकर अपनी बुआ से बोला,,,)
बस बुआ तुम तो बात का बतंगड़ बनाने लगी,,,
क्यों क्यों आप क्या हो रहा है मैं सच कह रही हूं राजू तेरी मां भी एक नंबर की चुदककड है,,,अपना मोटा तगड़ा लंबा लंड दिखा कर तू बड़े आराम से अपनी मां को चोद सकता है और सच कहूं तो मुझसे ज्यादा मजा तेरी मा देगी,,,,,
और औरत की गांड मारने वाली तेरी इच्छा भी पूरी कर देगी,,,
(एक दूसरे से इस तरह की बातें करके दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे राजू से रहा नहीं जा रहा था और वह तुरंत खड़ा होकर अपना पजामा उतार कर फेंक दिया और अपना कुर्ता भी और देखते ही देखते वह अपने बुआ गुलाबी के सामने पूरी तरह से नंगा हो गया,,, गुलाबी यह देख कर बोली,,,)
क्या हो गया मेरे राजा अपनी मां की चुदाई की बात सुनकर एकदम गरम हो गया है लगता है तो अपनी मां को चोदना चाहता हूं और वैसे भी रात भर तू अपनी मां की चुदाई देखता है उसको नंगी देखता है उसकी बड़ी-बड़ी कहां है उसकी चूची उसकी बुर देखकर तेरा भी तो मन करता ही होगा अपनी मां को चोदने का,,,
वह सब मैं नहीं जानता लेकिन मेरी जान इस समय तूने मेरा लैंड खड़ा कर दिया और अब यह तेरी बुर में गए बिना मानेगा नहीं,,,,( और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी बुआ को तुरंत अपनी गोद में उठा लिया और इस बार अपने कमरे में ना ले जाकर घर के आंगन में ही उसे खड़ी करके उसके फोटो को चूमना शुरू कर दिया,,,,गुलाबी राजू की उत्तेजना देखकर एकदम हैरान थी और उसे इस बात का डर था कि अगर कोई आ गया तो क्या होगा इसलिए वह राजू से बोली)
अरे अरे यह क्या कर रहा है कोई आ गया तो,,,
कोई नहीं आएगा मेरी जान दरवाजा में बंद कर दिया हूं अब कोई नहीं आ सकता और वैसे भी पिताजी रेलवे स्टेशन जा चुके हैं मां तो है नहीं आज दिन भर हम दोनों मस्ती करेंगे,,,,
नहीं अभी नहीं मैं थक चुकी हूं,,,,
ओहहह हो,,,,रात भर सच में पिताजी से चुदवाई हो क्या जो थक गई हो,,,
नहीं रे तेरी मां नहीं है ना इसलिए सब का मुझे ही करना पड़ता है इसलिए थक गई हूं,,,(गुलाबी जानबूझकर बातों को माथे में बोली जबकि हकीकत यही था कि वहां रात भर अपने बड़े भैया से चुदवाने की वजह से ही थक गई थी,,, राजू गुलाबी की सलवार की डोरी खोलने लगा वह ना ना करती रह गई लेकिन जोर लगाकर राजू अपनी मनमानी कर ही लिया और उसकी सलवार को तुरंत उसके कदमों में गिरा दिया,,,,)
बाप रे क्या कर रहा है तू तुझे शर्म नहीं आ रही है आज घर के आंगन में खड़ा है चल कमरे में चलते हैं,,,
नहीं नहीं मेरी रानी ,,, कमरे में नहीं आज तो तुम्हारी मे यही लूंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही वह नीचे झुक कर अपनी बुआ की सलवार पर उसकी टांगों में से निकालने लगा कमर के नीचे थोड़ी देर में वह पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और राजू अपनी बुआ की बुर पर हथेली रखकर उसे जोर से मसलते हुए कुर्ती के ऊपर से ही उसकी चूची को मुंह में भर कर पीने की कोशिश करने लगा गुलाबी राजू की हरकत से एकदम कसमसा रही थी,,,)
आहहहह नही यह क्या कर रहा है छोड़ मुझे रोटी बनाना है,,,
बाद में बना लेना मेरी रानी,,,,( और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मनमानी करता हुआ उसकी सलवार भी उतार कर फेंक दिया अब घर के अंदर आंगन में गुलाबी और राजू दोनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे,,,,)
हरामि अगर मेरी गैर मौजूदगी में तेरा मन कर गया तो क्या अपनी मां को भी चोद डालेगा,,,,
अच्छा एक बात बताओ बुआ,,,, मां की चुदाई करना क्या गलत,,,
गलत तो मेरी चुदाई भी करना है,,,लेकिन जब तक किसी को इस बारे में पता ना चले तब तक सब कुछ ठीक है अगर तू अपनी मां को चोद देता है और तेरी मां भी खुशी-खुशी तेरा लंड अपनी बुर में ले लेती हो तब दिक्कत किसी बात की नहीं है लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए,,,,।
ओहहहहह,,,(अपनी बुआ की बात पर सोचते हुए वह उसकी चूची को दबाते हुए बोला) लेकिन मुझे तो गलत लगता है कोई बेटा अपनी मां को कैसे चोद सकता है,,,
क्यों तुम मुझे नहीं चोद रहा है,,, मैं तो तेरी बुआ हूं तेरे बाप की छोटी बहन हम दोनों का रिश्ता भी पवित्र है फिर भी हम दोनों एक दूसरे से अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं,,, तो इसमें गलत क्या है,,,।(अभी बुआ की बातें सुनकर उसे थोड़ा भरोसा होने लगा कि अगर मां की चुदाई करेगा तो उसकी हुआ कुछ भी नहीं बोलेगी इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,,)
नहीं जाने दो इस बारे में सोचने का भी नहीं,,, हम दोनों के बीच का रिश्ता बहुत पवित्र है,,,,
चल अब रहने दे तेरी मां ने अब तक तेरा लंड नहीं देखी है वरना जिस दिन तेरी मां तेरा लंड देख लेना उस दिन खटिया पर मेरी जगह तेरी मां होगी,,,।
(गुलाबी का राजू की मां के लिए इस तरह की बातें करनेमैं भी गुलाबी का मकसद था क्योंकि वह अपने बड़े भैया के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी थी और वह नहीं चाहती थी की वह दोनों पकड़े जाएं और ऐसे हालात मेंअगर राजू अपनी मां के साथ संबंध बना लेता है तो परिवार में हिसाब बराबर हो जाएगा कोई एक दूसरे को अपनी आंखों से देख लेने के बावजूद भी कुछ नहीं कह पाएगा और गुलाबी यही चाहती थी कि राजू किसी तरह से अपनी मां को चोद दें ताकि उन दोनों के बीच भी शारीरिक संबंध कायम हो जाएं,,, फिर उसकी गलती गलती नहीं कह रहा है कि उनकी जरूरत कहना है कि घर में सभी सदस्य एक दूसरे से अपना शरीर सुख प्राप्त करते रहेंगे और इसमें सब का फायदा भी है,,,,। गुलाबी अपने मन में और अपने भतीजे के सामने अपनी मां को चोदने का प्रस्ताव रखकर वह अपना फायदा ढूंढ रही थी और यह सब सुनकर राजू पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर पहुंच गया था और वह घर के आंगन में ही अपनी बुआ की पतली कमर को पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया था और नीचे की तरफ झुकाने लगा था,,,जैसे ही राजू को उसकी बुआ की गुलाबी छेद नजर आई उससे रहा नहीं गया और वह अपनी खड़े लंड को अपनी बुआ की बुर में डालना शुरू कर दिया लेकिन अपनी मां का जिक्र आने पर वह अपनी बुआ की जगह अपनी मां के बारे में सोचने लगा वह यह एहसास में खोने लगा कि जैसे उसकी मां उसके सामने झुकी हुई है और वह अपनी मां की बुर में अपना लंड डाल रहा हैयह एहसास राजू के लिए इतना जबरदस्त था कि वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और अपनी बुआ की कमर पकड़कर जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया था हर धक्का गुलाबी की बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और गुलाबी हर धक्के पर आहहह आहहहह कर रही थी,,,, राजू पूरी तरह से पागल हो गया था,,, गुलाबी अपने भतीजे का जोश और ज्यादा बढ़ाते हुए बोली,,,।
क्या राजू ऐसा लग रहा है कि जैसे तू अपनी मां को चोद रहा है कहीं ऐसा तो नहीं कि मेरी जगह अपनी मां की कल्पना करके चुदाई कर रहा है तभी तुझमें इतना जोश आ गया है,,,।
(गुलाबी बार-बार राजू की मां का जिक्र छेड़ कर राजू के तन बदन में और ज्यादा आग लगा दे रही थी,,, जिससे राजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जा रही थी और वह धकाधक धक्के लगा रहा था,,,, देखते ही देखते कुछ मिनटों बाद गुलाबी के साथ-साथ राजू का भी पानी निकल गया,,,,और राजू मारते हुए पीछे से अपनी बुआ को बाहों में जकड़ कर उसकी पीठ पर अपना सिर रखकर गहरी गहरी सांसे लेने लगा,,,,)
बाप रे आज तो तू ने कमाल कर दिया अपनी मां के बारे में सोच कर इतनी जबरदस्त चुदाई किया है सोच अगर मेरी जगह तेरी मां होगी तो तो तो तेरी मां की बुर का भोसड़ा बना देगा,,,,।
(गुलाबी की बातें राजू के कानों में मिश्री की तरह घूम रही थी अपनी मां के बारे में अपने आप को लेकर गंदी गंदी बातें सुनने में उसे बहुत अच्छा लग रहा था,,,,, गुलाबी राजू से अलग होकर अपने कपड़े उठाकर पहनने वाली थी कि राजू आगे बढ़ा और अपनी बुआ की सलवार को पकड़ कर खींच लिया और उसे दूर फेंक दिया और बोला,,,)
बुआ आज घर में मेरे और तुम्हारे सिवा और कोई नहीं है क्यों ना आज हम दोनों घर में नंगे ही रहे बिना के कितना मजा आएगा,,,।
धत् कैसी बातें कर रहा है तू,,,, कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,,(राजू का प्रस्ताव गुलाबी को भी पसंद आ रहा था ,, वह भी अपनी भैया भाभी की गैरमौजूदगी में राजू के इस प्रस्ताव को स्वीकार करके संपूर्ण रूप से नंगी होकर घर में इधर से उधर घूमना चाहती थी लेकिन उसे डर था कि कोई आ गया तो क्या होगा,,,)
अरे कोई नहीं आएगा वह सोचो कितना मजा आएगा मैं और तुम पूरे घर में इधर से उधर नंगे ही घूमेंगे बिना कपड़े के तुम्हारी गांड चलते से मैं इधर उधर ही लगी तुम्हारी चूचियां उस लेंगी और मेरा लंड ऊपर नीचे होगा एक दूसरे को अपनी आंखों से देखने में कितना मजा आएगा,,,
लेकिन,,,
लेकिन वेकिन कुछ नहीं बस बिना कपड़ों की सारा दिन घूमना है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने कपड़ों के साथ-साथ अपनी बुआ के कपड़ों को भी कमरे में फेंक दिया,,,और दोनों पूरे घर में इधर से उधर नंगे घूमने लगे दोनों को अद्भुत अहसास हो रहा था दोनों की तन बदन में बार-बार उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी दोनों चलते बैठते उठते एक दूसरे को अपनी आंखों से देख रहे थे एक दूसरे के अंगों को देख रहे थे,,,, बैठने पर गुलाबी की गांड कैसी नजर आती है उसकी चूची कैसे नजर आती है चलने पर नंगी गांड का मरोड़ किस तरह का होता है लंड सिकुड़ने के बाद कैसा नजर आता है खड़ा होने के बाद कैसी हलचल होती है यह सब दोनों अपनी अपनी आंखों से देख कर मस्त हो रहे थे,,,,,।
दोनों नग्न अवस्था में ही खाना खा रहे थे और एक दूसरे के अंगों को हाथ से छू कर मजा भी ले रहे थे,,, खाना खाते समय राजू गुलाबी से बोला,,,।
बुआ गांड मारने के बारे में क्या सोची हो दोगी कि नहीं,,,
धत्,,, तू पागल हो गया है इतना खूबसूरत बदन तुझे सौंप चुकी हु फिर भी तू छोटे से छेद के लिए पागल हुआ जा रहा है,,,,,
बुआ तो नहीं जानती तेरे छोटे से छेद में ही जन्नत का मज़ा है,,, बोल देगी कि नहीं,,,,
(गुलाबी अपने बड़े भैया से गांड मरवाचुकी थी इसलिए राजू के लंड को अपनी गांड में लेने से उसे कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही थी और इसीलिए उसने सबसे पहले अनुभव से भरे हुए अपने भैया के ही हाथ में अपनी गांड की छोटी सी चीज को सौंपी थी ताकि वह अच्छे से खातिरदारी कर सके इसके बाद वह अपने भतीजे को वह छोटा सा छेद समर्पित कर सके,,,, और लगता था आज वह पल आ गया था,,,जब वह अपने पति जी को अपना छोटा सा गुलाबी छेद समर्पित करने वाली थी इसलिए वह बोली,,,)
दे तो दो लेकिन तू शराफत से पेश आने वाला नहीं है तू जानता है कि बुर्का छेद और गांड के छेद में जमीन आसमान का फर्क है गांड के छेद से तुझे बहुत नर्मी से काम लेना होगा,,,,।
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो वह बस एक बार मुझे शॉप दो उसके बाद देखो मेरा कमाल,,,,
तो ठीक है खाना खा लेने के बाद मेरे साथ बर्तन मांज कर काम में मेरा हाथ बताएगा तो मैं तुझे वह छेद भी दे दूंगी,,,,
ओहहहह बुआ तुम कितनी अच्छी हो,,,,।
(और इतना कहकर दोनों जल्दी-जल्दी खाना खाने लगी इसके बाद बर्तन मांज कर पूरे घर की सफाई करके वह दोनों एक नई अनुभव के लिए कमरे के अंदर आ गए बाहर से तो दरवाजा बंद ही था इसलिए किसी प्रकार की चिंता नहीं थी और पहले से ही दोनों नंगे थे इसलिए कपड़े उतारने की भी जहमत करने की जरूरत नहीं थी,,,)