sunoanuj
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अब आऐगा असली मजाश्याम के घर पर वासना के मंच पर मां बेटे के साथ बेटे का दोस्त मिलकर जो काम क्रीडा का अद्भुत नाटक पेश किए थे वह काबिले तारीफ थी,,,,शायद वह उन तीनों की जिंदगी का यह पहला मौका था जब एक साथ तीन लोग काम कीड़ा का अद्भुत खेल रहे थे और इस बारे में शायद तीनों ने कभी कल्पना भी नहीं किया था,,,,राजू के तो मन की हो गई थी वह औरत की गांड मारने का सुख देना चाहता था उस अनुभव को जीना चाहता था और वह अनुभव से श्याम की मां से प्राप्त हुआ था जिसका वह तहे दिल से शुक्रिया कर रहा था,,,, उम्र के इस दौर पर के राजू को इस बात का एहसास हो रहा था कि श्याम की मां की बुर बहुत ही कसी हुई थी साथ ही उसकी गांड का छेद तो लाजवाब था,,,, सुबह सवेरे उठकर लेकिन उठने से पहले एक बार फिर से श्याम की मां की चुदाई करके वहां अपने कपड़े पहन कर घर से बाहर निकल गया था,,,,।
श्याम की मां और श्याम दोनों उठ चुके थे रात को जो कुछ भी हुआ था उसको लेकर दोनों के मन में किसी भी प्रकार का मलाल बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि रात की मस्ती का लुफ्त दोनों मां-बेटे साथ में मिलकर उठाए थे लेकिन फिर भी श्याम अपने मन में यही सोच रहा था कि उसकी मां को यह नहीं लगना चाहिए कि उसके दोस्त के साथ देखने के बावजूद भी श्याम ने उसे बिल्कुल भी पुछ ताछ नहीं किया,,, इसलिए अपनी मां से ढेर सारी सवाल पूछना चाहता था,,,, वह अभी भी नींद से उठ कर चटाई पर बैठा हुआ था उसके बदन पर अभी भी एक भी कपड़े नहीं थे और श्याम की मां अपने बदन पर वस्त्र डाल ली थी और झाड़ू लगा रहे थे अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड की तरफ देखते हुए श्याम बोला,,,।
मुझे यकीन नहीं होता कि तुम मेरे दोस्त से चुदवाती हो मुझे कानो कान खबर तक नहीं पड़ा,,,।
(श्याम की मां सोची थी रात को जिस तरह का मजा उसके बेटे ने उसके दोस्त के साथ मिल कर लिया है अब वह किसी भी प्रकार का एतराज नहीं जताया लेकिन उसकी बात को सुनकर वह एकदम से झेंप गई और श्याम की तरफ देखे बिना ही बात बनाते हुए बोली,,)
ममम मैं तुझ से सब कुछ बताने वाली थी लेकिन हालात सही नहीं लग रहे थे इसलिए मैं तुझे बताना उचित नहीं समझी मैं जानती थी कि अगर मैं तुझे बता दूंगी तो तू नाराज हो जाएगा गुस्सा हो जाएगा लेकिन क्या करूं बात ही कुछ ऐसी फस गई थी कि,,,,,(इतना कहकर श्याम की मां खामोश हो गई और अपने चेहरे पर चिंता के भाव लाते हुए वहीं खटिया पर बैठ गई)
ऐसी कौन सी बात हो गई थी ना कि तुम्हें मेरे दोस्त से चुदवाना पड़ा आखिरकार मैं तुम्हें रोज चोद ही रहा था ना,,, क्या मेरे से खुश नहीं थे क्या तुम्हें राजू का लंबा और मोटा लग रहा था,,,, तुम तो यह कहती थी ना कि तेरे सिवा मैं किसी को भी अपना बदन छूने ना दु,,,, फिर ऐसा क्या हो गया कि एकदम खुश होकर राजू के लिए अपनी दोनों टांगें खोल दी,,,,।
मममम,मैं जानती हूं शाम कि तूने जो कुछ भी देखा उसे देख कर तुझे बहुत दुख हुआ है लेकिन क्या करूं मैं मजबूर थी,,,,(शर्म के मारे अपने चेहरे को दूसरी तरफ घुमाते हुए बोली)
मजबूर थी ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई कि तुम्हें मेरे दोस्त के साथ सोना पड़ा मैं पता है अगर वह यह बात गांव वालों को बता देना तो क्या हो जाएगा तुम्हारी कितनी बदनामी हो जाएगी खानदान की बदनामी हो जाएगी,,,,
बस बेटा यही बात वह मुझसे सीधे आकर यही कहा कि मैं तुम्हारी हर एक बात जानता हूं लेकिन क्या जानता हूं यह उसने नहीं बताया लेकिन उसके कहने के अनुसार और उसके अंदाज से मुझे ऐसा ही लग रहा था कि जैसे वह हम दोनों के बारे में जान गया है मैं क्या करती मैं मजबूर हो गई थी,,,,, मैं उसकी कोई और साथ होती तो मानने को तैयार थी लेकिन उसे और कुछ नहीं चाहिए था वह बस मुझे चोदना चाहता था,,,, मैंने उसे तेरी दोस्ती का वास्ता दिया उसे कसम दी लेकिन वह नहीं माना आखिरकार में क्या करती इज्जत बचाने के लिए मुझे उसके साथ सोना पड़ा,,,,।
लेकिन क्या उसने तुम्हें यह बताया कि वह हम दोनों के बारे में सब कुछ जानता है,,,
नहीं ऐसा कुछ भी नहीं बताया नहीं तो मैं बाद में सोच कर पछताने लगी कि हो सकता है उसे कुछ मालूम ही ना हो,,,
यही तो यही तो मां उसे कुछ भी मालूम नहीं है वह तुक्का लगाया था और तुम उसकी बातों में आ गई,,,
मुझे भी यही लगता है लेकिन क्या करूं मैं एकदम से डर गई थी अगर हम दोनों की बात इस घर से बाहर निकल जाती तो सोच हम दोनों का क्या होता गांव वाले हम परथु थु करते,,, हम दोनों की इज्जत बचाने के लिए मुझे अपनी इज्जत कुर्बान करना पड़ा,,,,
लेकिन मैं देख रहा था तुम्हें उसके साथ बहुत मजा आ रहा था,,,,,(श्याम जानबूझकर चुटकी लेते हुए बोला,, वह अपनी मां की राय जानना चाहता था देखना चाहता था कि वह इस सवाल का जवाब देती है,,,)
तो यह कैसी बातें कर रहा है बेटा अब ऐसे हालात में मैं क्या करती रोती रोने से भी तो कोई फायदा नहीं था,,,
इसलिए मजा ले रही थी ना,,,,मैं देख रहा था कितनी गंदी गंदी गालियां देकर तुम्हारी चुदाई कर रहा था लेकिन तुम थी कि कुछ बोल नहीं रही थी,,,,
श्याम तू नहीं समझेगा ना जाने क्यों उस समय उसकी गालियां मुझे अच्छी लग रही थी,,, तूने तो कभी नहीं दिया,,, ,,,
मुझे लगा कि तुम नाराज हो जाओगी और वैसे भी मैंने कभी तुमको गाली देने के बारे में सोचा भी नहीं,,,
मुझे चोदने के बारे में भी तो कभी नहीं सोचा था ,, लेकिन चोदने लगा ना,,, और कल रात को तू भी तो सब कुछ मामला शांत कर सकता था अपने दोस्त को डरा सकता था धमका सकता था उसे यहां से भगा सकता था,,,,, लेकिन तूने क्या किया अपने दोस्त के साथ मिलकर मेरी गांड मारने की साजिश रच डाली,,,, आखिरकार अपने दोस्त के साथ उसकी बात मानते हुए मनमानी कर ही लिए,,, तुझे मालूम है मेरी कमर कितनी दर्द करने लगी है,,,
तुम्हें भी तो जोर-जोर धक्के लेने में मजा आ रहा था,,,,,,।
(श्याम यह बात अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां जो कुछ भी बोल रही थी राजू के बारे में वह बिल्कुल गलत था क्योंकि वह वहीं पर था जब पहली बार राजू ने उसकी मां को चोदा था ऐसी कोई भी बात नहीं हुई थी जिससे उसकी मां डर जाती इज्जत का सवाल पैदा हो जाता बल्कि राजू में लंड की ताकत पर उसकी मां को झुका लिया था,,, और राजू के लंड को देखकर खुद उसकी मां पूरी तरह से चुदवासी हो गई थी,,,।अपनी मां से इस तरह की बातें करते हो एक बार फिर से उसका लंड खड़ा होने लगा था पूरी तरह से मंगा चटाई पर बैठा था और दोनों टांगों के लिए सरकार ने छत की तरफ उठाएं खड़ा होने लगा था जिसे खुद उसकी मां भी अपनी आंखों से देख रही थी उसके खड़े होते लंड को देखकर उसकी मां बोली,,,)
तेरे दोस्त ने मेरी चुदाई किया इस बात को लेकर तुझे मुझे नहीं लगता कि दुख हो रहा है क्योंकि मैं देख रही हूं कि तेरा लंड खड़ा होने लगा है,,,,,,।
(उसका इतना कहना था कि हम अपनी जगह से खड़ा हो गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाता हुआ अपनी मां के करीब पहुंच गया और बोला,,,)
तो क्या हुआ मेरी जान रात को तूने जितना मजा दी है उसे याद करके ही लंड खड़ा हो जाता है,,।( श्याम जानबूझकर राजू की तरह बातें करने लगा था वह देखना चाहता था कि इस तरह की बातें करने में कितना मजा आता है और वाकई में साल भर में ही उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव होने लगा अपनी मां से इस तरह से बात करने में उसे मजा आने लगा)
क्यों रात को जी नहीं भरा क्या,,,मैं देख रही थी तुझे भी गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था लेकिन यह नहीं देख रहा था कि मुझे कितना दर्द हो रहा है,,,
क्या करूं मेरी जान तेरी गांड ही इतनी खूबसूरत है कि मेरा मन बहक गया,,,
तेरे लिए तो मैं दिन रात अपनी गांड खोल कर रखु,,,
हाय मेरी जान इसका मतलब है की फिर से गांड मरवाना चाहती है,,,
नहीं नहीं मेरे राजा रोज-रोज नहीं कभी-कभी तभी तो मजा आएगा,,,,
शाली तु मजा बहुत देती है,,, तेरी बुर का भोसड़ा बनाने में बहुत मजा आता है,,,
मादरचोद बनाना तुझे रोका किसने है,,,,
हाय साली रंडी मुझे मादरचोद बोलती है,,,(इतना कहती हो ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया)
आहहहह,,, मादरचोद ना बोलूं तो और क्या बोलूं आखिर तु मुझे चोदता जो है,,, और जो अपनी मां को चोदता है वो मादर चोद बन जाता है,,,।
तेरे लिए तो मैं कुछ भी बनने को तैयार हूं मेरी रानी,,,(और इतना कहने के साथ ही श्याम अपनी मां के होंठों पर अपने होंठ रख कर चूमना शुरू कर दिया यह भी उसने राजू से ही सीखा था,,,अपने बेटे की हरकत को देखकर श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और उसे इस बात की खुशी होने लगी कि राजू से उसका बेटा कुछ सीखा जरूर है,,,और इसी खुशी में वह खुद अपने बेटे के लंड को पकड़ कर जमाना शुरू कर दी इस बात को तो अच्छी तरह से समझ ही गई थी कि राजू के लंड की मुकाबले उसके बेटे का लंड छोटा ही है लेकिन फिर भी उसे इसी में खुश रहना है क्योंकि वह अपने बेटे का दिल तोड़ना नहीं चाहती थी और देखते ही देखते,,, वह जल्द से जल्द चुंबन को खत्म करके अपने बेटे का लंड को मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी क्योंकि उसका बेटा भी यही चाहता था,,,, राजू से दोनों मां-बेटे कुछ ना कुछ सीखे जरूर थे और उसको आजमाकर अत्यधिक आनंद प्राप्त कर रहे थे श्याम अपनी मां के रेशमी बालों को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर गिराना शुरू कर दिया था,,,,,,।
कुछ देर तक वह अपनी मां के मुंह में अपना लंड डालकर आनंद लेता रहा उसके बाद अपनी मां को सारे कपड़े उतार कर नंगी करे बगैर ही उसकी सारी कमर तक उठा दिया और खटिया पर लिटा दिया,,, और अपनी मां की दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाकर अगले ही पल गच्च की आवाज के साथ अपने लंड को अपनी मां की बुर में प्रवेश करा दिया और चोदना शुरू कर दिया,,,, उसे अब राजू से कोई गिला शिकवा नहीं था वह अपनी मां की चुदाई कर रहा था दोनों बहुत खुश थे,,,,।
दूसरी तरफ गांव खेत खलियान घूम लेने के बाद राजू जब घर पर पहुंचा तो उसके पिताजी बेल गाड़ी लेकर अकेले ही रेलवे स्टेशन की तरफ चल दिए थे और वह यही चाहता भी था क्योंकि आज वहां अपने पिताजी के साथ जाना नहीं चाहता था क्योंकि वह जानता था कि पिताजी की गैर हाजिरी में वह अपनी बुआ के साथ खुलकर मस्ती कर सकता था और उसकी गांड मारने का सुख भी प्राप्त कर सकता था,,,,, घर पर पहुंचते ही देखा कि उसकी बुआ खाना बना रही थी,,,, मुस्कुराते हुए अपनी बुआ के पास जाकर बैठते हुए वह बोला,,,।
हाय मेरी जान क्या बना रही हो,,,,
सब्जी रोटी और क्या,,,,,,(रोटी को बेलते हुए गुलाबी बोली,,)
आज मुझे सब्जी रोटी नहीं आज तुम्हारा दूध पीना है,,,
पागल है क्या अभी इसमें से दुध थोड़ी निकलेगा,,,
जानता हूं लेकिन फिर भी तुम्हारी चूची को मुंह में लेकर पीना चाहता हूं,,,
इतना ही शौक है तो रात भर कहां गायब था,,,
बताया तो था दोस्त के घर पर था,,, वहीं से आ रहा हूं,,,
आजकल दोस्ती यारी में ज्यादा ध्यान देने लगा है बुआ की फिक्र नहीं है तुझे,,,,
क्या हुआ मेरी जान रात भर नींद नहीं आई क्या,,, जानता हूं तुम्हें भी रोज मेरा लंड लेने की आदत जो पड़ गई है,,,
सही कह रहा है तू रात भर करवटें बदलते रही,,,
हाय मेरी जान इतना तरसी है रात भर,,,, पिताजी को बुला ली होती,,, रात भर तुझे मस्त कर देते और मुझे तो इंकार कर दी लेकिन पिताजी तेरी गांड मारने से बाज नहीं आते,,,।
(राजू की यह बात सुनकर गुलाबी एकदम से सिहर उठी उसके तन बदन में रात की सारी घटनाएं घूमने लगी रात भर उसके बड़े भैया ने उसे सोने नहीं दिया था कभी ऊपर तो कभी नीचे कभी आगे पीछे खड़ी करके घर में बाकी सदस्य की गहरा चली है वह पूरी तरह से उसके साथ मनमानी कर रहे थे और रात भर में 2 बार तो उसकी गांड मारे थे,,,, राजू को इस तरह से अपने बड़े भाई के साथ संबंध रखने के लिए बोल कर गुलाबी जानबूझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली,,)
धत्,,,, हरामजादे कैसी बातें करता है तुझे शर्म आती है वह वह मेरे बड़े भैया हैं,,,
हाय मेरी गुलाबी मैं भी तो तेरा भतीजा था फिर क्यों मेरा लंड अपनी बुर में लेती है,,,,और अपने बड़े भैया की चुदाई तो तू देखती आ रही है कैसा जमकर चोदते हैं,,, मा ही उनको खुशी खुशी झेल लेती है,,,,। तेरी गांड देखकर तो पिताजी एक दम मस्त हो जाते,,,
देख राजु तू अब ज्यादा बोल रहा है,,,,
अरे सच में बुआ पिताजी तेरी दोनो चूचियों को मुंह में लेकर पीते ना तो उसमें से दूध निकलने लगता,,,
राजू,,,(गुलाबी जानबूझकर गुस्सा दिखा रही थी उसे अच्छा भी लग रहा था क्योंकि रात भर उसके बड़े भैया ने उसकी जवानी की सेवा जो किया था,,, गुलाबी की बुर गीली होने लगी थी,,,)
क्या राजू राजू लगा रखी हो,,,, मुझे तो पूरा विश्वास है जिस तरह से पिताजी एकदम चुडक्कड़ है मां को चोदे बिना एक रात नहीं गुजरती सच कहता हूं तुम अगर पिताजी के सामने अपनी सलवार खोल दो ना तो पिताजी रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर सोए रहे,,,(राजू पहली बार अपने पिताजी के बारे में इस तरह की बातें कर रहा था उसे इस तरह से बातें करने में बहुत मजा आ रहा था वहीं दूसरी तरफ गुलाबी शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी क्योंकि वह जानती थी कि राजू जो कुछ भी कह रहा था वह कर चुकी थी लेकिन यह बात कोई और नहीं जानता था,,,, इसलिए राजू को गुस्सा दिखाते हुए बोली)
देख राजु अब मैं तुझे मारुंगी तुझे शर्म आनी चाहिए वह मेरे बड़े भैया हैं और मैं उनकी छोटी बहन हूं,,,
तो क्या हुआ मेरी जान तुम्हारे बड़े भैया के पास भी लंड है और तुम्हारे पास बुर अगर तुम्हें विश्वास नहीं होतातो बस एक बार पिताजी के सामने अपने सलवार खोल कर अपनी बुर दिखा दो फिर देखो पिताजी कैसे तुम्हारी गुलाबी बुर को चाट चाट कर उसमें अपना लंड डालते हैं,,,,।
(राजू की कामाग्नि से भरी बातें गुलाबी की दोनों टांगों के बीच हलचल पैदा करने लगी गुलाबी को भी मजा आ रहा था इसलिए गुलाबी भी चुटकी लेते हुए बोली)
तब तो तेरी मां के पास भी बुरे हैं और तेरे पास लंड और मैं जानती हूं कि तेरे पिताजी से ज्यादा मोटा और लंबा लंड तेरा है अगर तू भी अपनी मां को अपने लंड दिखा दे तो शायद तेरी मां भी तेरे लंड पर खुद ही चढ जाए,,,।
(गुलाबी की बात सुनकर राजू अपने मन में सोचने लगा कि काश ऐसा हो जाता तो कितना मजा आता लेकिन फिर भी अपनी मां का जिक्र आने पर उसे अच्छा ही लग रहा था लेकिन वह जानबूझकर अपनी बुआ से बोला,,,)
बस बुआ तुम तो बात का बतंगड़ बनाने लगी,,,
क्यों क्यों आप क्या हो रहा है मैं सच कह रही हूं राजू तेरी मां भी एक नंबर की चुदककड है,,,अपना मोटा तगड़ा लंबा लंड दिखा कर तू बड़े आराम से अपनी मां को चोद सकता है और सच कहूं तो मुझसे ज्यादा मजा तेरी मा देगी,,,,,
और औरत की गांड मारने वाली तेरी इच्छा भी पूरी कर देगी,,,
(एक दूसरे से इस तरह की बातें करके दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे राजू से रहा नहीं जा रहा था और वह तुरंत खड़ा होकर अपना पजामा उतार कर फेंक दिया और अपना कुर्ता भी और देखते ही देखते वह अपने बुआ गुलाबी के सामने पूरी तरह से नंगा हो गया,,, गुलाबी यह देख कर बोली,,,)
क्या हो गया मेरे राजा अपनी मां की चुदाई की बात सुनकर एकदम गरम हो गया है लगता है तो अपनी मां को चोदना चाहता हूं और वैसे भी रात भर तू अपनी मां की चुदाई देखता है उसको नंगी देखता है उसकी बड़ी-बड़ी कहां है उसकी चूची उसकी बुर देखकर तेरा भी तो मन करता ही होगा अपनी मां को चोदने का,,,
वह सब मैं नहीं जानता लेकिन मेरी जान इस समय तूने मेरा लैंड खड़ा कर दिया और अब यह तेरी बुर में गए बिना मानेगा नहीं,,,,( और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी बुआ को तुरंत अपनी गोद में उठा लिया और इस बार अपने कमरे में ना ले जाकर घर के आंगन में ही उसे खड़ी करके उसके फोटो को चूमना शुरू कर दिया,,,,गुलाबी राजू की उत्तेजना देखकर एकदम हैरान थी और उसे इस बात का डर था कि अगर कोई आ गया तो क्या होगा इसलिए वह राजू से बोली)
अरे अरे यह क्या कर रहा है कोई आ गया तो,,,
कोई नहीं आएगा मेरी जान दरवाजा में बंद कर दिया हूं अब कोई नहीं आ सकता और वैसे भी पिताजी रेलवे स्टेशन जा चुके हैं मां तो है नहीं आज दिन भर हम दोनों मस्ती करेंगे,,,,
नहीं अभी नहीं मैं थक चुकी हूं,,,,
ओहहह हो,,,,रात भर सच में पिताजी से चुदवाई हो क्या जो थक गई हो,,,
नहीं रे तेरी मां नहीं है ना इसलिए सब का मुझे ही करना पड़ता है इसलिए थक गई हूं,,,(गुलाबी जानबूझकर बातों को माथे में बोली जबकि हकीकत यही था कि वहां रात भर अपने बड़े भैया से चुदवाने की वजह से ही थक गई थी,,, राजू गुलाबी की सलवार की डोरी खोलने लगा वह ना ना करती रह गई लेकिन जोर लगाकर राजू अपनी मनमानी कर ही लिया और उसकी सलवार को तुरंत उसके कदमों में गिरा दिया,,,,)
बाप रे क्या कर रहा है तू तुझे शर्म नहीं आ रही है आज घर के आंगन में खड़ा है चल कमरे में चलते हैं,,,
नहीं नहीं मेरी रानी ,,, कमरे में नहीं आज तो तुम्हारी मे यही लूंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही वह नीचे झुक कर अपनी बुआ की सलवार पर उसकी टांगों में से निकालने लगा कमर के नीचे थोड़ी देर में वह पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और राजू अपनी बुआ की बुर पर हथेली रखकर उसे जोर से मसलते हुए कुर्ती के ऊपर से ही उसकी चूची को मुंह में भर कर पीने की कोशिश करने लगा गुलाबी राजू की हरकत से एकदम कसमसा रही थी,,,)
आहहहह नही यह क्या कर रहा है छोड़ मुझे रोटी बनाना है,,,
बाद में बना लेना मेरी रानी,,,,( और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मनमानी करता हुआ उसकी सलवार भी उतार कर फेंक दिया अब घर के अंदर आंगन में गुलाबी और राजू दोनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे,,,,)
हरामि अगर मेरी गैर मौजूदगी में तेरा मन कर गया तो क्या अपनी मां को भी चोद डालेगा,,,,
अच्छा एक बात बताओ बुआ,,,, मां की चुदाई करना क्या गलत,,,
गलत तो मेरी चुदाई भी करना है,,,लेकिन जब तक किसी को इस बारे में पता ना चले तब तक सब कुछ ठीक है अगर तू अपनी मां को चोद देता है और तेरी मां भी खुशी-खुशी तेरा लंड अपनी बुर में ले लेती हो तब दिक्कत किसी बात की नहीं है लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए,,,,।
ओहहहहह,,,(अपनी बुआ की बात पर सोचते हुए वह उसकी चूची को दबाते हुए बोला) लेकिन मुझे तो गलत लगता है कोई बेटा अपनी मां को कैसे चोद सकता है,,,
क्यों तुम मुझे नहीं चोद रहा है,,, मैं तो तेरी बुआ हूं तेरे बाप की छोटी बहन हम दोनों का रिश्ता भी पवित्र है फिर भी हम दोनों एक दूसरे से अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं,,, तो इसमें गलत क्या है,,,।(अभी बुआ की बातें सुनकर उसे थोड़ा भरोसा होने लगा कि अगर मां की चुदाई करेगा तो उसकी हुआ कुछ भी नहीं बोलेगी इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,,)
नहीं जाने दो इस बारे में सोचने का भी नहीं,,, हम दोनों के बीच का रिश्ता बहुत पवित्र है,,,,
चल अब रहने दे तेरी मां ने अब तक तेरा लंड नहीं देखी है वरना जिस दिन तेरी मां तेरा लंड देख लेना उस दिन खटिया पर मेरी जगह तेरी मां होगी,,,।
(गुलाबी का राजू की मां के लिए इस तरह की बातें करनेमैं भी गुलाबी का मकसद था क्योंकि वह अपने बड़े भैया के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी थी और वह नहीं चाहती थी की वह दोनों पकड़े जाएं और ऐसे हालात मेंअगर राजू अपनी मां के साथ संबंध बना लेता है तो परिवार में हिसाब बराबर हो जाएगा कोई एक दूसरे को अपनी आंखों से देख लेने के बावजूद भी कुछ नहीं कह पाएगा और गुलाबी यही चाहती थी कि राजू किसी तरह से अपनी मां को चोद दें ताकि उन दोनों के बीच भी शारीरिक संबंध कायम हो जाएं,,, फिर उसकी गलती गलती नहीं कह रहा है कि उनकी जरूरत कहना है कि घर में सभी सदस्य एक दूसरे से अपना शरीर सुख प्राप्त करते रहेंगे और इसमें सब का फायदा भी है,,,,। गुलाबी अपने मन में और अपने भतीजे के सामने अपनी मां को चोदने का प्रस्ताव रखकर वह अपना फायदा ढूंढ रही थी और यह सब सुनकर राजू पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर पहुंच गया था और वह घर के आंगन में ही अपनी बुआ की पतली कमर को पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया था और नीचे की तरफ झुकाने लगा था,,,जैसे ही राजू को उसकी बुआ की गुलाबी छेद नजर आई उससे रहा नहीं गया और वह अपनी खड़े लंड को अपनी बुआ की बुर में डालना शुरू कर दिया लेकिन अपनी मां का जिक्र आने पर वह अपनी बुआ की जगह अपनी मां के बारे में सोचने लगा वह यह एहसास में खोने लगा कि जैसे उसकी मां उसके सामने झुकी हुई है और वह अपनी मां की बुर में अपना लंड डाल रहा हैयह एहसास राजू के लिए इतना जबरदस्त था कि वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और अपनी बुआ की कमर पकड़कर जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया था हर धक्का गुलाबी की बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और गुलाबी हर धक्के पर आहहह आहहहह कर रही थी,,,, राजू पूरी तरह से पागल हो गया था,,, गुलाबी अपने भतीजे का जोश और ज्यादा बढ़ाते हुए बोली,,,।
क्या राजू ऐसा लग रहा है कि जैसे तू अपनी मां को चोद रहा है कहीं ऐसा तो नहीं कि मेरी जगह अपनी मां की कल्पना करके चुदाई कर रहा है तभी तुझमें इतना जोश आ गया है,,,।
(गुलाबी बार-बार राजू की मां का जिक्र छेड़ कर राजू के तन बदन में और ज्यादा आग लगा दे रही थी,,, जिससे राजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जा रही थी और वह धकाधक धक्के लगा रहा था,,,, देखते ही देखते कुछ मिनटों बाद गुलाबी के साथ-साथ राजू का भी पानी निकल गया,,,,और राजू मारते हुए पीछे से अपनी बुआ को बाहों में जकड़ कर उसकी पीठ पर अपना सिर रखकर गहरी गहरी सांसे लेने लगा,,,,)
बाप रे आज तो तू ने कमाल कर दिया अपनी मां के बारे में सोच कर इतनी जबरदस्त चुदाई किया है सोच अगर मेरी जगह तेरी मां होगी तो तो तो तेरी मां की बुर का भोसड़ा बना देगा,,,,।
(गुलाबी की बातें राजू के कानों में मिश्री की तरह घूम रही थी अपनी मां के बारे में अपने आप को लेकर गंदी गंदी बातें सुनने में उसे बहुत अच्छा लग रहा था,,,,, गुलाबी राजू से अलग होकर अपने कपड़े उठाकर पहनने वाली थी कि राजू आगे बढ़ा और अपनी बुआ की सलवार को पकड़ कर खींच लिया और उसे दूर फेंक दिया और बोला,,,)
बुआ आज घर में मेरे और तुम्हारे सिवा और कोई नहीं है क्यों ना आज हम दोनों घर में नंगे ही रहे बिना के कितना मजा आएगा,,,।
धत् कैसी बातें कर रहा है तू,,,, कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,,(राजू का प्रस्ताव गुलाबी को भी पसंद आ रहा था ,, वह भी अपनी भैया भाभी की गैरमौजूदगी में राजू के इस प्रस्ताव को स्वीकार करके संपूर्ण रूप से नंगी होकर घर में इधर से उधर घूमना चाहती थी लेकिन उसे डर था कि कोई आ गया तो क्या होगा,,,)
अरे कोई नहीं आएगा वह सोचो कितना मजा आएगा मैं और तुम पूरे घर में इधर से उधर नंगे ही घूमेंगे बिना कपड़े के तुम्हारी गांड चलते से मैं इधर उधर ही लगी तुम्हारी चूचियां उस लेंगी और मेरा लंड ऊपर नीचे होगा एक दूसरे को अपनी आंखों से देखने में कितना मजा आएगा,,,
लेकिन,,,
लेकिन वेकिन कुछ नहीं बस बिना कपड़ों की सारा दिन घूमना है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने कपड़ों के साथ-साथ अपनी बुआ के कपड़ों को भी कमरे में फेंक दिया,,,और दोनों पूरे घर में इधर से उधर नंगे घूमने लगे दोनों को अद्भुत अहसास हो रहा था दोनों की तन बदन में बार-बार उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी दोनों चलते बैठते उठते एक दूसरे को अपनी आंखों से देख रहे थे एक दूसरे के अंगों को देख रहे थे,,,, बैठने पर गुलाबी की गांड कैसी नजर आती है उसकी चूची कैसे नजर आती है चलने पर नंगी गांड का मरोड़ किस तरह का होता है लंड सिकुड़ने के बाद कैसा नजर आता है खड़ा होने के बाद कैसी हलचल होती है यह सब दोनों अपनी अपनी आंखों से देख कर मस्त हो रहे थे,,,,,।
दोनों नग्न अवस्था में ही खाना खा रहे थे और एक दूसरे के अंगों को हाथ से छू कर मजा भी ले रहे थे,,, खाना खाते समय राजू गुलाबी से बोला,,,।
बुआ गांड मारने के बारे में क्या सोची हो दोगी कि नहीं,,,
धत्,,, तू पागल हो गया है इतना खूबसूरत बदन तुझे सौंप चुकी हु फिर भी तू छोटे से छेद के लिए पागल हुआ जा रहा है,,,,,
बुआ तो नहीं जानती तेरे छोटे से छेद में ही जन्नत का मज़ा है,,, बोल देगी कि नहीं,,,,
(गुलाबी अपने बड़े भैया से गांड मरवाचुकी थी इसलिए राजू के लंड को अपनी गांड में लेने से उसे कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही थी और इसीलिए उसने सबसे पहले अनुभव से भरे हुए अपने भैया के ही हाथ में अपनी गांड की छोटी सी चीज को सौंपी थी ताकि वह अच्छे से खातिरदारी कर सके इसके बाद वह अपने भतीजे को वह छोटा सा छेद समर्पित कर सके,,,, और लगता था आज वह पल आ गया था,,,जब वह अपने पति जी को अपना छोटा सा गुलाबी छेद समर्पित करने वाली थी इसलिए वह बोली,,,)
दे तो दो लेकिन तू शराफत से पेश आने वाला नहीं है तू जानता है कि बुर्का छेद और गांड के छेद में जमीन आसमान का फर्क है गांड के छेद से तुझे बहुत नर्मी से काम लेना होगा,,,,।
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो वह बस एक बार मुझे शॉप दो उसके बाद देखो मेरा कमाल,,,,
तो ठीक है खाना खा लेने के बाद मेरे साथ बर्तन मांज कर काम में मेरा हाथ बताएगा तो मैं तुझे वह छेद भी दे दूंगी,,,,
ओहहहह बुआ तुम कितनी अच्छी हो,,,,।
(और इतना कहकर दोनों जल्दी-जल्दी खाना खाने लगी इसके बाद बर्तन मांज कर पूरे घर की सफाई करके वह दोनों एक नई अनुभव के लिए कमरे के अंदर आ गए बाहर से तो दरवाजा बंद ही था इसलिए किसी प्रकार की चिंता नहीं थी और पहले से ही दोनों नंगे थे इसलिए कपड़े उतारने की भी जहमत करने की जरूरत नहीं थी,,,)
अद्भुत अद्भुत अद्भुत अपडेट है जबरदस्तसाथ में पेशाब करने के लिए राजू ने श्याम की मां को मना लिया था एक नई अनुभव के लिए तीनों घर के अंतिम छोर पर पहुंच चुके थे जहां पर छोटा सा स्नानागार बना हुआ था वही हेडपंप भी लगा हुआ था अंधेरे में सब कुछ साफ है जरा है इसलिए राजू अपने साथ लालटेन लेकर चल दिया था और घर के अंतिम छोर पर पहुंचकर एक अच्छी जगह पर लालटेन रख दिया था जहां पर उसका उजाला चारों तरफ खेल सके और उस लालटेन की पीली रोशनी में राजू को सब कुछ नजर आ सके और ऐसा हो भी रहा था लालटेन की पीली रोशनी में तीनों एकदम नंगे खड़े थे,,,, श्याम की मां की नंगी जवानी का रस उसके बेटे के साथ-साथ राजू अपनी आंखों से पी रहा था,,,, श्याम की आंखों के सामने राजू लगातार रह रह कर श्याम की मां की बड़ी बड़ी गांड पर जोर से चपत लगा दे रहा था ऐसा करने से राजू को तो मजा आ ही रहा था लेकिन हल्के दर्द के साथ श्याम की मां के तन बदन में मदहोशी बढ़ जा रही थी,,,,। श्याम की मां की नंगी गांड पर अपनी हथेली फैरते हुए राजू बोला,,,।
अब सोच क्या रही हो मेरी रानी बैठ जाओ और मुतना शुरू करो,,,,मैं आज अपनी आंखों से तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता हूं तुम्हारी बुर से निकली सिटी को अपने कानों से सुनना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बातें सुनकर श्याम को बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था,, और कोई वक्त होता तो शायद वह राजू का मुंह तोड़ देता लेकिन इस समय वासना की खुमारी उसकी आंखों के अंदर अपना असर दिखा रही थी उसकी आंखों में 4 वोटों का नशा छाने लगा था जो कि उसकी मां की जवानी का ही था,,, राजू की ऐसी अश्लील बातें श्याम के कानों में मिश्री घोल रही थी और वह भी अपनी मां के लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा था वहीं दूसरी तरफ अपने बेटे की मौजूदगी है अपने बेटे के दोस्त के मुंह से अपने लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम की मां को थोड़ा अजीब तो लग रहा था लेकिन आनंद की ऐसी पराकाष्ठा को उसने कभी महसूस नहीं की थी,,, मर्दों की गंदी जुबान में भी औरतों के लिए मदहोशी भरा शुभ होता है आज यह पहली बार श्याम की मां को एहसास हो रहा था और यही फर्क वह अपनी बेटे में कर रही थी कि उसका बेटा उसे 2 साल सेचोदता रहा था मां बेटे के बीच का रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका था मर्यादा की दीवार गिर चुकी थी लेकिन फिर भी एक जवान लड़का होने के बावजूद भी श्याम ने इस तरह की अश्लील बातें उससे कभी नहीं की थी,,, जबकि श्याम की मां इस तरह की बातों से और ज्यादा उत्तेजित होती थी जो कि उसके बेटे का भी दोस्त राजू एकदम खुलकर उससे बातें कर रहा था इसलिए तो वह शर्म से पानी पानी होने के बावजूद भी अंदर ही अंदर बेहद प्रसन्न नजर आ रही थी और राजू की बात मानते हुए अपने बेटे और अपने बेटे के दोस्त की आंखों के सामने ही एक कदम आगे जाकर वहां बैठ गई थी ताकि उन दोनों को उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी के साथ-साथ उसकी बड़ी बड़ी गांड का नजारा एकदम साफ नजर आए,,,,।
बड़ी बड़ी गांड लेकर बैठने के साथ हीश्याम की मां अपने दोनों हाथ एली को पीछे की तरफ लाकर अपनी गांड की दोनों फांकों पर रखकर मुतना शुरू कर दी,,, पल भर में ही बुर से निकल रही सीटी की आवाज,,, राजू के साथ-साथ श्याम के कानों में मिश्री होने लगी राजू तो एक दम मस्त हो गया वह अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए श्याम की मां की गांड की तरफ देखते हुए श्याम से बोला,,,।
अरे यार से आप सच में तेरी मां एकदम क़यामत है इस उम्र में भी तेरी मां में जवानी कूट-कूट कर भरी हुई है जिसका रस पीने में मुझे तो बहुत मजा आ रहा है,,,,तुझे भी आ रहा होगा इतना तो मैं जानता ही हूं अभी तो अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड देख कर देख तेरा कैसे खड़ा होने लगा है,,,(राजू की बात से श्याम पूरी तरह से सहमत था अपनी मां को पेशाब करता हुआ देखा कर एक बार झड़ने के बावजूद भी उसका लंड तुरंत खड़ा हो गया था जबकि ऐसा उसके साथ होता नहीं था,,,, राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)कसम से श्याम पहली बार में किसी औरत को पेशाब करते हुए देख रहा हूं और पेशाब करती हुई औरत इतनी खूबसूरत लगती है मैंने कभी सोचा भी नहीं था,,,और तो तेरी मां बिना कपड़ों के एकदम नंगी बैठी है सोच मेरे दिल पर क्या गुजर रही होगी मेरा लंड तो ऐसा लग रहा है फट जाएगा,,,(राजू की गंदी गंदी बातें श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी वह पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी वह बेशर्मी की हद को धीरे धीरे पार कर रही थी,,,,आज उसे दो दो जवान लड़कों के सामने नंगी होकर पेशाब करने में अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था और उसे अच्छा भी लग रहा था,,, इसलिए राजू की बात सुनकर वह बोली,,,)
तुम दोनों देख क्या रहे हो आ जाओ मेरे साथ साथ पेशाब करो,,,, तू भी आजा बेटा,,, अपनी मां के साथ मुतने का सुख भोग,,,(श्याम की तरफ देखकर वह बोली श्याम अपनी मां की इस तरह की बातें सुनकर पूरी तरह से मस्त हो गया और अपनी मां की बात मानते हुए थे उसके बगल में आकर खड़ा हो गया वह हम उतने ही वाला था कि उसकी मां उसके लंड को पकड़ कर बोली,,,)
ऐसे नहीं बेटा तू भी बैठ जा मेरी तरह,,,,,,, तूने भी कभी इस तरह से औरतों की तरह बैठकर पेशाब नहीं किया होगा,,, इसलिए तू भी इस नए अनुभव का मजा ले,,,,(अपनी मां के इस तरह की खुली बातें सुनकर श्याम से रहा नहीं जा रहा भी अपनी मां के बगल में बैठ गया,,, अपनी मां को रोज-रोज चोदने के बावजूद भी श्याम इतना खुला नहीं था जितना कि आज खुलता चला जा रहा था यह सब राजू की मेहरबानी थी राजू ने जिंदगी का असली सुख का रास्ता उसके लिए बताया था,,,, श्याम अपनी मां के बगल में बैठ गया था मुतना शुरू कर दिया था इस तरह से वह पहली बार मुत रहा था इसलिए उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,,, श्याम की मां राजू की तरफ देखकर,,,
तू क्या खड़े-खड़े हिला रहा है तू भी आजा,,, ,,,
आता हूं मेरी रानी पीछे से तेरी गांड देखने में बहुत मजा आता है,,,,,,
(राजू की यही बातें श्याम की मां को बहुत अच्छी लगती थी वह ऐसे जताता था जैसे कि वह उसके बेटे के उम्र का ना होकर उसका प्रेमी या पति हो,,,, इतना कहकर श्याम श्याम की मां के बगल में नहीं बल्कि ठीक उसके पीछे बैठ गया,,, और अपने लंबे लंड को उसकी गांड के पीछे से नीचे की तरफ डालकर ठीक उसकी बुर के सामने कर दिया और मुतना शुरू कर दिया,,,,,)
आहहहहहह,,,,, मेरी जान कितना सुकून मिल रहा है मैं बता नहीं सकता,,,आहहहहह,,, तेरी बुर के नीचे से धार मारने में बहुत मजा आता है,,,,(श्याम की मां एकदम मस्त हुए जा रही थी उसके बेटे की आंखों के सामने ही राजू उसके ठीक पीछे बैठकर उसकी गांड से एकदम सटकर अपने लंड को नीचे की तरफ से आगे की तरफ लाकर पेशाब कर रहा था और साथ में श्याम की मां भी मुत रही थी,,,, श्याम की तो सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,, श्याम कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई लड़का एक औरत के साथ इतनी बेशर्मी से पैसा आता होगा लेकिन इस बेशर्मी में मजा बहुत था और वह भी दोनों को और उसे खुद को,,,, राजू पीछे बैठकर श्याम की मां की गर्दन पर होठ रखकर चूमते हुए,,,, अपने लंड को पकड़ कर उसकी बुर पर मारने लगा जिससेश्याम की मां की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ रहे थे वह उत्तेजना के मारे अपनी आंखों को बंद कर ले रही थी अभी भी उसके हाथ में उसके बेटे का लंड था जिसमें से पेशाब की धार निकल रही थी पहली बार वह अपने बेटे के लंड को पकड़ कर उसे पेशाब करा रही थी,,,।और श्याम आगे के तरीके जो पीकर अपनी नजरों को अपनी मां की दोनों टांगों के बीच टीकाया हुआ था क्योंकि राजू अपने लंड की करामात उसकी मां की बुर पर दिखा रहा था,,,, श्याम लालटेन की रोशनी में साफ तौर पर देख पा रहा था कि,,उसकी मां की बुर से पेशाब की धार निकल रही थी और राजू अपने लंड को पेशाब करते हुए हैं उसकी मां की पेशाब की धार में अपने लंड के सुपाड़े को भिगो रहा था यह अनुभव बेहद रोमांच पैदा कर देने वाला था,,श्याम मित्र इस बारे में कभी कल्पना भी नहीं किया था और राजू उसकी कल्पना के परे एकदम अद्भुत नजारे को उसकी आंखों के सामने पेश कर रहा था,,, श्याम की सासु ऊपर नीचे हो रही थी और राजू अपने लंड की सुपारी को उसकी मां की बुर में निकल रही पेशाब की धार के बावजूद भी उसकी बुर में डालने का प्रयास कर रहा था और श्याम के आश्चर्य के साथ ही राजू का लंड बड़े आराम से बैठे बैठे ही उसकी मां की बुर लमें पूरा सुपाड़ा घुस जा रहा था,,,,।
आहहहहह कितना आनंददायक है,,,,।
सहहहह बेटा यह क्या कर रहा है,,,
मत पूछो चाची बहुत मजा आ रहा है बस तुम मुतती रहो,,,आहहहहहह,,,,(राजू पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रहा था उसकी आंखें बंद हो रही थी श्याम से देखा नहीं जा रहा था अपना हाथ आगे बढ़ाकर अपनी मां की बुर को सहला रहा था जिसमें से अभी पेशाब की धार निकल रही थी और अभी भी उसकी मां के हाथ में श्याम का लंड था जिसे वह जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दी थी,,,,
अद्भुत नजारा श्याम के घर में पेश हो रहा था उसने कभी कल्पना भी नहीं किया था कि वह कभी अपने दोस्त को उसके साथ मिलकर अपनी मां की चुदाई करेगा और इस अद्भुत खेल को पूरी तरह से खेल कर मजा लेगा,,,,लालटेन की पीली रोशनी को सबको साफ नजर आ रहा था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था और इन तीनों के आंखों में नींद दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रही थी,,, और जब एक जवानी से भरी औरत एकदम नंगी हो और तू जवान लड़की हो तो भला ऐसे में नींद किसको आएगी और जिस को नींद आ जाए तो समझ लो वहां मर्द नहीं है,,,,।
पेशाब का कार्यक्रम समाप्त हो चुका था राजू का तो मन कर रहा था बैठे-बैठे ही राजू की मां की गांड मार ले,,,लेकिन अभी इस खेल को और ज्यादा रोमांचक करना था इसलिए तीनों अपनी-अपनी जगह से खड़े हो गए,,, राजू चाहता था कि उसकी मां अपनी बुर को पानी से एकदम साफ कर ले इसलिए हेडपंप चलाने लगा और श्याम की मां से बोला,,,।
चाची पानी से अपनी बुर धो लो,,, अभी और मजा लेना है,,,।
(और श्याम की मां राजू की बात मानते हुए हेडपंप में से निकल रहे पानी को अपने दोनों हथेली में लेकर अपनी बुर पर मारने लगी और उसे रगड़ रगड़ कर साफ़ करने लगी,,,थोड़ी देर बाद तीनों फिर से उसी कमरे में थे जिस कमरे में अभी-अभी चुदाई का खेल खेल कर गए थे,,,, श्याम की मां खटिया पर पीठ के बल नंगी लेटी हुई थी और उसके दोनों पैरों के बीच राजु अपने लिए जगह बना रहा था,,, और श्याम अपनी मां के सिरहाने बैठकर दोनों हाथों से उसकी गोल गोल चूचियों को दबा रहा था,,,, राजू के साथ साथ श्याम को भी इंतजार था अपनी मां की गांड मारने का एक अद्भुत सुख के नशे में उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,और उत्तेजना के मारे अपनी मां की चूचियों को वह जोर जोर से दबा रहा था राजू श्याम की मां की गांड को थोड़ा रुक पर करने के लिए उसके नीचे दो तकिया लगा दिया था और उसकी गांड को पर हवा में तोप की तरह तैनात कर दिया था,,,राजू श्याम की मां की दोनों जहां को अपनी हथेली में लेकर कस के दबा कर भी उसे थोड़ा सा फैलाते हुए बोला,,,।
सहहहह आहहह आहहहहह,,,, क्या मस्त बुर है चाची,,,, मन करता है खा जाऊं,,,,,।
तो खा जाना रे रोका किसने है,,,,, तुम दोनों के लिए तो है मेरी बुर,,,,।
(राजू अपनी मां की बात सुनकर हैरान भी था और उसे मज़ा भी आ रहा था क्योंकि इस तरह की से उसने कभी भी उससे बात नहीं की थी शायद गलती उसी की ही थी कि उसने भी राजू की तरह कभी अपनी मां से इस तरह की बातें नहीं किया था,,,)
पूरा का पूरा खा जाऊंगा मेरी जान,,,,(राजू श्याम की मां की बुर पर अपनी हथेली लहराते हुए उसकी गांड के छोटे से छेद को देख रहा था जो कि बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी इस समय उसकी उत्तेजना का केंद्र बिंदु से आम की मां की गांड का छोटा सा छेद था जिस पर आज फतेह पाना था इसलिए वह अपने बीच वाली उंगली को उस छोटे से अच्छे को कुरेदते हुए बोला,,,।
वह चाची तुम्हारी बुर के साथ-साथ तुम्हारी गांड का छेद कितना खूबसूरत लग रहा है,,,, कसम से ऐसा छेद किसी का नहीं होगा एकदम छल्ला की तरह नजर आ रहा है,,,।
(अपनी गांड के छोटे से छेद पर राजू की उंगली का स्पर्श महसूस करते ही वह कसमसाने लगी थी शायद गांड के छेद पर उंगली का स्पर्श उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव करा रहा था,,,, इसलिए वह मचलते हुए बोली,,)
आहहहह क्या कर रहा है गुदगुदी हो रही है,,,
मजा भी बहुत आएगा चाची आज तो मेरा मन तुम्हारे ईसी छेद से खेलने को कर रहा है,,,
(श्याम की मां इतनी भी नादान नहीं थी कि राजू के कहने का मतलब को ना समझती हो वह राजू के इरादे को भांप गई थी और पल भर में हीउसकी आंखों के सामने राजू का मोटा लंड और उसकी गांड का छोटा सा छेद नजर आने लगा जिसके अंदर लंड का प्रवेश बेहद कष्टदायक नजर आ रहा था इसलिए वह तुरंत बोली)
नहीं नहीं उसको कुछ मत करना,, मैं आज तक उस में नहीं ली हूं,,,,।(अपनी मां की बात सुनकर श्याम निराश होने लगा उसे लगने लगा कि अगर उसकी मां गांड का छेद नहीं देगी तो उसका मजा अधूरा रह जाएगा,,,,लेकिन उसको राजू पर भरोसा था वह जानता था कि राजू कोई ना कोई रास्ता जरूर निकाल लेगा इसलिए वहां सिर्फ देखता रहा और अपनी मां की चूची को दबाता रहा,,,,)
क्या मेरी जान घबरीती हो,,, दो-दो बच्चे छोटे से छेद से बाहर निकाल ली हो और आज गांड के छेद में डलवाने में डर रही हो,,, कसम से चाची बहुत मजा आएगा,,,
नहीं नहीं राजू ऐसा मत कर,,,,।
(श्याम की मां की बात का जवाब दिए बिना ही वह धीरे-धीरे अपनी बीच वाली उंगली को गांड के छोटे से छेद में प्रवेश कराने लगा जो कि बड़ी मुश्किल से थोड़ा बहुत खिसक रहा था क्योंकि वह जगह सूखी थी अगर गीलापन होता तो शायद उसकी बीच वाली उंगली बड़े आराम से घुस जाती इसलिए वह ज्यादा मशक्कत नहीं किया क्योंकि अगर जबरदस्ती करेगा तो उसकी मां को दर्द होगा और वह ऐसा कर रहे नहीं देगी इसलिए वह बहुत सोच समझ कर आगे बढ़ना चाहता था इसलिए अपने दिमाग को ठंडा करके वह बिना कुछ बोले श्याम की मां की आंखों को थोड़ा सा और फैला देंगे तो केवल बैठ गया और अपने होठों को पहले तो उसकी बुर के गुलाबी छेद पर रख कर चाटने लगा ताकि श्याम की मां के मन में जो कुछ भी चल रहा हो कुछ पल के लिए दूर हो जाए और ऐसा ही हुआ पल भर में ही श्याम की मां के तन बदन में मस्ती की लहर उठने लगी राजू अपनी जीत का कमाल उसके गुलाबी पत्तियों पर दिखा रहा था,,, उसकी मां उत्तेजित हुए जा रही थी और कसमसाते हुए अपनी कमर को दाएं बाएं हिला रही थी,,, राजू का लक्ष्य ईस समय श्याम की मां की बुर का नहीं बल्कि उसकी कहां का छोटा सा छेद था वह धीरे-धीरे एक नई उपलब्धि हासिल करना चाहता था,,, इसलिए श्याम की मां की बुर को चाटते हुए एक हाथ की उंगली से उसकी गांड के छेद को भी सहला रहा था और उसकी यह हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी,,,,।
दूसरी तरफ अपनी आंखों के सामने ही अपने दोस्त को अपनी मां की बुर चाटता हुआ देखकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा और वोअपनी मां की चूचियों को दबाता हुआ एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां के हाथ में थमा दिया,,, और उसकी मां अपने बेटे के लंड से खेलने लगी,,,,,धीरे-धीरे राजू अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए मंजिल की तरफ बढ़ने लगा और अपनी जीभ को नीचे की तरफ लआने लगा और अगले ही पल अपनी जीभ को श्याम की मां की गांड के छेद पर रख दिया,,,, और राजू की हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रहे थे उससे राजू की हरकत बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और वह उत्तेजना के मारे अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा दी,,,,आहहहहहहह राजु,,,,,, एकाएक श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी,,, वह कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड के छेद को भी चाटेगालेकिन शायद राजू उसकी जिंदगी में उसे अद्भुत सुख देने के लिए आया था इसीलिए तो जो कुछ भी वह नहीं सोची थी राजू उसे अपनी हरकतों से पूरा कर रहा था और उसे अद्भुत सुख की प्राप्ति भी करा रहा था,,,, बुर चटवाने से ज्यादा मजा श्याम की मां को अपनी गांड का छेद चटवाने में आ रहा था,,,,,,।
राजू पूरी तरह से अपना पूरा ध्यान श्याम की मां की गांड के छेद पर केंद्रित कर चुका था वह लगातार,,, अपनी जीभ से उस छोटे से छेद को कुरेद रहा था और उसकी हरकत की वजह से से आपकी मां के तन बदन में उत्तेजना की औलाद उठा रही थी कि पूछो मत वह बार-बार अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल दे रही थी वह काफी उत्तेजित हो चुकी थी,,, यहां तक कि वह अपने बेटे के खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर खुद अपने मुंह में डालकर चूसना शुरू कर दी थी श्याम तो अपनी मां की हरकत से पूरी तरह से हैरान हो चुका था,,,क्योंकि उसकी मां आगे से चलकर कभी भी उसके लंड को अपने मुंह में लेकर चूसी नहीं थी,,, लेकिन आज तो कमाल हो गया था और इसका माल का सारा से राजू को जा रहा था,,, श्याम अपने मन में सोचने लगा कि राजू वास्तव में औरत को खुश करने में पूरी तरह से जादूगर है उसका जादू और तो कर बहुत जल्दी चल जाता है तभी तो उसकी मां ना चाहते हुए भी अपनी गांड का छेद कैसे चटवा रही है,,,।
श्याम की मां इस बात से हैरान थी कि इतने गंदे जगह को कोई अपने मुंह से अपनी जीभ से कैसे चाटेगा लेकिन राजू में श्याम की मां की सोच की पूरी तरह से धारणा को बदल कर रख दिया था,,,, उस छोटे से छेद को चाटने में राजू अपनी संपूर्ण शक्ति को लगा दे रहा था पूरी तरह से मस्त हुए जा रहा था वह कभी सोचा नहीं था कि उम्रदराज औरत की गांड चाटने में इतना मजा आएगा,,,, श्याम की मां की कसमसाहट उसके तन बदन में उठ रही उत्तेजना की लहर कोपहचान कर राजू उसका पूरा फायदा उठाना चाहता था इसलिए अपनी बीच वाली उंगली को थोड़ा सा थूक लगाकर उसकी गांड के छोटे से छेद में डालना शुरू कर दिया,,,, चाटने की वजह से और थुक की वजह से गांड के छेद में चिकनाहट आ गई थी और उस चिकनाहट को पाकर राजू के ऊपरी धीरे-धीरे गांड के छेद में प्रवेश कर रही थी,,,,,, श्याम की मां की कसमसाहट और छटपटाहट दोनों बढ़ रही थी,,, कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड में इस तरह से उंगली डालेगा और वह भी उसके बेटे की उम्र का लड़का और वह भी उसके ही बेटे की आंखों के सामने,,,,उत्तेजना का प्रचंड अनुभव कर रही है श्याम की मां अपने बेटे के लंड को पूरा गले तक लेकर चूस रही थी उससे उत्तेजना संभाले नहीं संभल रही थी वह पूरी तरह से बेकाबू होते जा रहे थे देखते ही देखते राजू मौके का फायदा उठाते हुए अपनी बीच वाली मोदी को पूरा का पूरा श्याम की मां की गांड के छोटे से छेद में डाल दिया था और उसे अंदर बाहर कर कर अपने लिए जगह बना रहा था वह अच्छी तरह से जानता था कि श्याम की मां की गांड का छेद उतना विकसित नहीं है जितना कि उसके लंड का सुपाड़ा लेकिन यह बात अच्छी तरह से जानता था की लंड गांड के छेद की चिकनाहट पाकर बहुत ही जल्दी उसमें प्रवेश कर जाएगा और एक बार प्रवेश कर गया तो फिर मजा ही मजा है इसलिए वह पूरा जोर लगा रहा था श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए,,, श्याम की मां की अब जाकर उत्सुक हुए जा रही थी कि राजू उसकी गांड कैसे मारेगा,,,,,,।
राजू अपने बीच वाली उंगली को शाम की मां की गाना के छोटे से छेद में अंदर बाहर करते हुए श्याम से बोला,,,
देख रहा है श्याम तेरी मां की गांड का छेद कितना खूबसूरत है मेरी उंगली बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही है अब देखना मेरा लंड कितने आराम से तेरी मा ले लेती है,,,,।
मां की गांड में तेरा चला जाएगा,,!(श्याम आश्चर्य जताते के राजू से बोला क्योंकि होली अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां की गांड का छेद छोटा सा है और राजू का लंड काफी मोटा है,,,)
तू चिंता मत कर मेरे दोस्त देखना तेरी मां कैसे उछल उछल कर गांड मरवाती है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी उंगली को उसकी गांड के छेद के अंदर गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया,,,। यह एहसास श्याम की मां के लिए बिल्कुल अनोखा और नया था उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसकी जिंदगी में ऐसा भी पल आएगा जब वह दो दो जवान लड़कों से इस तरह का खेल खेलेगी,,,, राजू की बात सुनकर श्याम बोला,,)
तू एक बार कोशिश कर अगर सफल हो जाएगा तो मैं भी गांड मारूंगा,,,,।
(श्याम की इस तरह की बात सुनकर श्याम की मां उसकी तरफ देखने लगी हालांकि अभी भी उसके मुंह में उसके बेटे का लैंड था जो कि श्याम धीरे-धीरे अपनी कमर आगे पीछे करके हिला रहा था,,,, राजू श्याम की मां की गांड के छेध में उंगली डालकर उसे हिलाते हुए बोला,,,)
क्यों मेरी जान मजा आ रहा है ना उंगली कर रहा हूं तो,,,
सहहहहहह ,,, हाय दैया मजा तो बहुत आ रहा है लेकिन अपना लंड मत डालना तेरा बहुत मोटा है,,,
तो क्या सबसे पहले श्याम को डालने दो श्याम से गांड मरवाना चाहती हो,,,,
नहीं नहीं,,, श्याम से नहीं वह तो अभी नादान है,,, तू ही शुरुआत कर,,,,,,,(ना चाहते हुए भी श्याम की मां के मुंह से हामी निकल गई ,,क्योंकि भले ही वह गांड मरवाने से डर रही थी लेकिन वह भी पूरी तरह से उत्सुक हो गई थी गांड में लंड का अनुभव करने के लिए और वह शुरुआत राजू के अनुभव से ही करवाना चाहती थी क्योंकि श्याम पर अब उसे पूरा भरोसा नहीं था वहां अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसकी गांड के छेद का उद्घाटन राजू ही अच्छी तरह से कर सकता है क्योंकि उसकी हरकत देखते हुए श्याम की मां समझ गई थी कि वह पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ है लेकिन गांड मारने का अनुभव राजू के पास भी नहीं था लेकिन ताकत पूरा था,,,,लेकिन श्याम अपनी मां की बात सुनकर मन ही मन बहुत गुस्सा हो रहा था क्योंकि वह उसे नादान कह रही थी जबकि 2 साल से खुद अपनी प्यार उसी से बुझवाती आ रही थी,,,, लेकिन श्याम कर भी क्या सकता था उसे मजा भी तो बहुत आ रहा था और राजू के बाद गांड का छेद उसे ही मिलने वाला था,,,इस बात की खुशी के आगे उसकी मां की बात हुआ भूल गया और सारा ध्यान उसकी चूची पर केंद्रित करके धीरे-धीरे उसे दबाना शुरू कर दिया हालांकि श्याम की मां ने अपने मुंह में से श्याम के लंड को बाहर निकाल दी थी,,,राजू इस बात से खुश था कि चलो उसकी मां तैयार तो हो गई गांड मरवाने के लिए लेकिन उसे अपनी हरकत पर पूरी तरह से भरोसा था कि वह श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए मनाने का और आखिरकार उसकी मां मान ही गई,,,,,, इसलिए राजू खुश होता हुआ बोला,,,)
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची तुम्हारी खूबसूरत गांड का छोटा सा छेद मेरी जिम्मेदारी पर है तुम्हें इतना मजा दूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,,(राजू उसी तरह से लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए बोला वह चित्र से जानता था कि आगे का रास्ता बेहद कठिन है धीरे-धीरे बहुत संभाल कर चलना है उसका एक भी गलत कदम सारे किए कराए पर पानी फेर सकता था इसलिए राजीव श्याम से बोला) श्याम जाकर कटोरी में थोड़ा सरसों का तेल लेकर आ,,,, मेरी रानी की गांड में थोड़ा सा सरसों का तेल जाएगा तो मजा दोगुना हो जाएगा,,,,
(श्याम तुरंत कमरे से बाहर गया और थोड़ी ही देर में सरसों के तेल को कटोरी में लेकर आ गया,,,, और राजू को थमाने लगा राजू तुरंत कटोरी को लेकर बोला,,,)
अब आएगा असली मजा देखना कैसे सटासट मेरा लंड तुम्हारी गांड में जाता है,,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू कटोरी को खटिया के पाटी पर रखकर श्याम की मां को पलटने के लिए बोल दिया श्याम की मां की तरह से जानती थी कि किस आसन में उसे आना है,,, वह जानती थी की गांड मरवाने के लिए उसे घोड़ी बनना पड़ेगाअपनी बेटी के सामने अब उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही थी अब वह पूरी तरह से खुल चुकी थी वह तुरंत आसन बदलते हुए घोड़ी बन गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को ऊपर की तरह हवा में लहराने लगी जिसे राजू अपने दोनों हाथों में थाम कर उत्तेजना के चलते उसकी गांड पर चुंबन करने लगा,,,, और सरसों के तेल की कटोरी को लेकर उसकी धार को गांड के छेद पर अच्छी तरह से गिराने लगा,,,श्याम की मां के बदन में तेल की धार गांड के छेद पर गिरने से कसमसाहट बढ़ रही थी,,,,और थोड़ा सा तेल बचा तो उसे अपने खड़े लंड पर लगाने लगा जिससे लंड की ताकत और ज्यादा बढ़ने लगी,,,,।
थोड़ी ही देर में राजू तैयार था से आपकी मां की गांड मारने के लिए और गांड मराई का पहला अनुभव प्राप्त करने के लिए,,, जिसे उसकी बुआ गुलाबी नहीं डर के मारे इंकार कर दी थी और अशोक की बीवी का छेद कुछ ज्यादा ही छोटा होने की वजह से राजू खुद आगे नहीं बढ़ पाया था,,, लेकिन आज से आपकी मां के साथ मौका और दोस्त और दोनों था शाम की मां भी तैयार उसका बेटा श्याम भी तैयार था और राजु तो पहले से ही तैयार था इस नए अनुभव को लेने के लिए,,,,,,
झुमरी की गैर हाजिरी में एक मां अपने बेटे के साथ मिलकर बेटे के दोस्त को घर में बुलाकर चुदाई और गांड मराई का सुख भोग रही थी,,,,राजू पूरी तरह से तैयार था राजू का लंका पूरी तरह से लोहे के रोड की तरह तन कर खड़ा हो गया था उसमें जरा भी लायक नहीं थी आसमान की तरह मोटा हुआ खड़ा था,,,,श्याम की मां की गुफा में घुसकर प्रहार करने के लिए वह उतावला हुआ जा रहा था,,, श्याम की मां की गांड भी लपलपा रही थी,,,राजू के लड्डू को अपने अंदर लेने के लिए लेकिन उसके अंदर डाल भी था उसे इस बात का डर था कि इतना मोटा लंड उसकी गांड के छेद में घुस पाएगा कि नहीं लेकिन राजू के अनुभव पर उसे पूरा विश्वास था,,,, राजू अपने लंड को हिलाता हुआ घुटनों के बल बैठ कर ठीक श्याम की मां की गांड के पीछे पहुंच गया,,,,,,
श्याम के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही है उसकी आंखों के सामने उसका दोस्त उसकी मां की गांड मारने जा रहा था जो कि उसकी मां के लिए भी यह पहला अनुभव था ,,श्याम भी पहली बार देखना चाहता था कि औरत की गांड कैसे मारी जाती है क्योंकि इसका अनुभव वह खुद लेना चाहता थाराजू अपने लंड की सुपाड़े को राजू की मां की गांड के छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा कि घुस पाएगा कि नहीं,,, अगर वैसे डाला जाता तो शायद नहीं घुस पाता लेकिन सरसों के तेल की चिकनाहट पर उसे पूरा भरोसा था और अपने लंड की ताकत पर उसे गर्व भी था आज उसके लैंड की परीक्षा थी उसके मर्दाना ताकत से भरे अंग की परीक्षा थी वह देखना चाहता था कि आज वह सफल होता है या असफल,,,एक औरत को संतुष्ट करने में वो पीछे हटना नहीं जाता था वह घुटने टेकना नहीं चाहता था कि हम की मां पूरी तरह से उम्रदराज औरत थी उसमे सारा अनुभव भरा हुआ था लेकिन राजू जवान था मर्दाना ताकत से भरा हुआअपने इस अनुभव से वह पूरी तरह से श्याम की मां को संतुष्ट कर के उसे गदगद कर देना चाहता था इसलिए वह अपने लंड की सुपाड़े को उसके छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा,,, गांड के छेद के मुकाबले लंड का सुपाड़ा काफी मोटा था लेकिन फिर भी वह हिम्मत नहीं आ रहा और हाथ में अपने लंड को पकड़ कर उसके सुपाड़े को गांड के छेद में डालने की कोशिश करने लगा,,,।
धीरे धीरे तेल की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा सरकने लगा,,, लेकिन आगे नहीं बढ़ पा रहा थाधड़कते दिल के साथ श्याम की मां पीछे नजर घुमाकर राजू की हरकत को गौर से देख रही थी और इंतजार कर रही थी कि कब उसका लंड उसकी गांड के छेद में घुस जाए,,, यही इंतजार श्याम को भी था वह अपने लंड को हिलाते हुए बड़े गौर से राजू की हरकत को देख रहा था राजू बिल्कुल भी जताना नहीं चाहता था कि उस से नहीं हो पा रहा है वह कोशिश करने में बंद था इसलिए एक बार फिर से सरसों के तेल में श्याम की मां की गांड को पूरी तरह से डुबो दिया और ढेर सारा थूक उस पर उस छोटे से छेद पर गिरा दिया,,,,और उस पर लंड का सुपाड़ा रख कर धीरे धीरे ताकत लगाकर अंदर की तरफ डालने लगा जैसे जैसे वह ताकत लगा रहा था मुझसे वैसे श्याम की मां अपने दांतो को दबा दे रही थी,,,।
राजू की मेहनत और उसका विश्वास रंग लाने लगा तेल और थुक दोनों की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा छोटे से छेद के अंदर सरकने लगा,,,, भले ही गांड का छेद छोटा था लेकिन उत्तेजना के मारे और राजू की मेहनत के आगे जैसे-जैसे लंड का सुपाड़ा अंदर की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे वह छोटा सा छेद अपना आकार बदल रहा था,,,, देखते ही देखते राजू ने अपने सुपाड़े को आधा गांड के छेद में डाल दिया था,,,, अपने दांतो को जोर से दबाते हुए श्याम की मां अपने दर्द को दबाए हुए थी उसे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन इस नहीं अनुभव के आगे वह अपने दर्द को भूल जाना चाहती थी,,,,, राजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़े हुए था और दूसरे हाथ से श्याम की मां की गांड को दबोचे हुए था,,,, पल भर में ही राजू पसीने से तरबतर हो गया लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पा रही थी,,,, आधा सुपाड़ा गांड के छेद में घुसा हुआ था राजू एक बार फिर से ढेर सारा थूक मुंह से उसके छोटे से छेद पर गिराने लगा और उंगली से उसे चारों तरफ लगाने लगा इस बार उसे लगने लगा कि उसका सुखाड़ा प्रवेश कर जाएगा क्योंकि काफी चिकनाहट पाने लगा था और इस बार राजू कुछ ज्यादा ही जोर लगाया और लंड का सुपाड़ा सारी अड़चनों को दूर करता हुआ गांड के उस बेशकीमती छल्ले के अंदर प्रवेश कर गया,,, लेकिन जैसे ही प्रवेश किया वैसे ही श्याम की मां से बर्दाश्त नहीं हुआ और वहा दर्द से कराहने लगी,,,।
हाय दैया मर गई रे,,,, हरामजादे क्या डाल दिया अंदर निकाल जल्दी मुझे बहुत दर्द कर रहा है,,, निकाल मुझे गांड नहीं मरवाना,,मै पहले ही तुझे बोली थी कि बहुत दर्द करेगा,,, बाप रे मर गई रे,,, बुर ही ठीक थी गांड नहीं,,, हम निकाल हरामजादे मैं तुझे गांड नहीं मारने दूंगी,,,।
(अपनी मां की बात सुनते ही श्याम के तो पसीने छूटने लगे उसे लगने लगा कि अगर राजू उसकी मां की गांड मार पाया तो उसे तो यह सुख मिलेगा ही नहीं,,,, वाह राजू कि तरफ आश्चर्य से देखने का का राजू उसे दिलासा देते हुए बोला,,,)
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची शुरू शुरू में ऐसा ही दर्द होता है लेकिन थोड़ी ही देर में सब कुछ शांत हो जाएगा एकदम शांत तुम चिल्लाओ मत,,, चिल्लाओगी तो और दर्द करेगा,,,(राजू श्याम की मां की गांड को अपनी हथेली से सहलाते हुए बोलावह श्याम की मां का ध्यान दर्द से खटकाना चाहता था इसलिए श्याम की तरफ दोनों हाथों को कॉल करके चूची दबाने का इशारा करके उसे आगे की तरफ जाने के लिए बोला और से हम तुरंत अपनी मां के आगे पहुंच गया और धीरे-धीरे उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया,,,हालांकि से आपकी मां को दर्द बहुत हो रहा था इसलिए वह अभी भी दर्द से कराह रही थी लेकिन राजू की सूझबूझ से धीरे-धीरे मामला शांत पर है मेरा श्याम अपनी मां की चूची बराबर दबा रहा था और रह रहे कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन कर दे रहा था यह श्याम के लिए बिल्कुल अनोखा सुख था वह आज तक अपनी मां के होठों को चुंबन नहीं किया था लेकिन राजू को देखकर उसकी भी हिम्मत बढ़ने लगी थी और उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था श्याम की मां भी अपने बेटे के होंठों को अपने होठों पर पाते ही अपने होठों को खोल दी और उसके होंठों को अपने मुंह में लेकर राजू की तरह उसका रसपान करने लगी,,,, पल भर में ही सुमन और राजू की हरकत से उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर फिर से उठने लगी दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा राजू इसी पल का इंतजार कर रहा था वह देखा कि उसकी मां जुम्मन में पूरी तरह से मस्त हो चुकी है तो राजू जितना घुसा था उतना ही धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,,, थोड़ी देर में श्याम की मां को मजा आने लगा उसके मुंह से दर्द की आवाज बिल्कुल भी नहीं आ रही थी और राजू की हिम्मत बढ़ने लगी वह थोड़ा थोड़ा अपने लंड को अंदर की तरफ डालने लगा,,,गांड मारने का उसका पहला अनुभव था उसे अपने लंड की ताकत पर पूरा भरोसा था इसीलिए वह इतनी देर टिका रह गया वरना गांड के छेद की शख्ती पाकर किसी का भी लंड होता वह पानी छोड़ देता,,,,।
श्याम एकदम मस्त होकर अपनी मां के होठों का रस पी रहा था और उसकी मां भी उसका साथ दे रही थी यह देखकर राजू धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था और देखते ही देखते वह अपना आधा लंड श्याम की मां की गांड में डाल चुका था,,,,अब शाम को बहुत मजा आ रहा था वाकई में गांड मारने में जो आनंद मिलता है उसका अनुभव लेकर राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था,,,,,,, माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था राजू श्याम की मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर हीला रहा था खटिया चररमरर कर रही थी,,,,श्याम की मां को पता ही नहीं चला कि कब राजू का मोटा तगड़ा लंड आधा उसकी गांड के छेद में घुस चुका है,,,, राजू फिर से ढेर सारा थूक उसकी गांड के छेद पर गिरा दिया,, एक बार फिर चिकनाहट पाकर राजू के धक्के के साथ धीरे-धीरे बाकी का बचा लंड भी गांड के छेद में घुसने लगा,,,,, अब राजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका थाउससे यह उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया लेकिन अभी भी उसका एक भी एक तिहाई लंड बचा हुआ था,,,इसलिए इस बार वहां श्याम की मां की कमर को कस के पकड़ कर जोरदार धक्का मारा और एक साथ उसका पूरा का पूरा लंड उसकी गांड के छेद में खो गया,,, लेकिन राजू की हरकत की वजह से उसका यह जबरदस्त धक्का श्याम की मां सहन नहीं कर पाई और वह दर्द से बिलबिला उठी,,,,और एक बार फिर से राजू को गाली देने लगी लाल जी की राजू को अब बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वह जबरदस्ती श्याम की मां की कमर को थामे उसकी गांड मारना शुरू कर दिया था ,श्याम या देखकर हैरान था कि राजू का लंड पूरा का पूरा उसकी मां की गांड के छेद में घुस चुका था अगर पहले वह शुरुआत करता तो शायद उसका पानी निकल गया होता,,, श्याम एकदम से खुश हो गया और अपनी मां की चूची को दबाते हुए बोला,,,।
बाप रे बाप मां देख रही हो राजे ने अपना पूरा लंड तुम्हारी गांड में डाल दिया है,,, मुझे तो लग रहा था घुसेगा ही नहीं,,, (श्याम की मां को अब थोड़ा दर्द हो रहा था और श्याम की बात सुनते ही वह पीछे की तरफ नजर घुमाकर देखने लगी हालांकि वह अपनी गांड में घुसा लंड को तो नहीं देख पा रही थी लेकिन इतना तो जरूर वह देख रही थी कि राजू अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया था उसे अपनी गांड के छेद में कुछ मोटा तगड़ा गरम-गरम महसूस हो रहा था,,, लेकिन मजा भी बहुत दे रहा था,,,,
अद्भुत खेल की शुरुआत हो चुकी थी श्याम से रहा नहीं गया रो रहा अपनी मां के ठीक आगे आकर अपनी खड़े लंड को उसके मुंह में दे दिया और उसकी मां भी खुशी-खुशी अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,, श्याम की मां एक साथ दो दो जवान लड़कों का मजा ले रही थी एक उसके मुंह में दे रहा था तो एक उसकी गांड में,,,,श्याम की मां राजू से गांड मरवाते हुए या सोचने लगी कि वाकई में गांड मरवाने में बहुत मजा आता है,, अगर राजू ना होता तो शायद इस जन्म में वह गांड मरवाने से वंचित रह जाती,,,,
अब बोल हरामजादी साली कुत्तिया कैसा लग रहा है,,,
(श्याम तो राजू के मुंह से अपनी मां के लिए सर की गाली सुनकर हैरान हो गया लेकिन उसकी मां को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा बल्कि उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी वह भी जवाब देते हुए बोली)
मादरचोद रंडी की औलाद बहुत मजा आ रहा है जोर जोर से मार,,,
मैं बोला था ना भोसड़ा चोदी इतना मजा दूंगा कि तू एक दम मस्त हो जाएगी,,,,(राजू गाली भी दिया जा रहा था और साथ में उसकी गांड पर जोर जोर चपात भी लगा रहा था,,, श्याम भी काफी उत्तेजित हो गया था इसलिए राजू के मुंह से अपनी मां के लिए गंदी गंदी गाली उसे भी अच्छी लग रही थी लेकिन वह इस तरह से कभी भी गाली देते हुए अपनी मां की चुदाई नहीं किया थालेकिन राजू की वजह से वह जान गया था की चुदाई करते समय गाली देने में बहुत मजा आता है औरतों को भी मजा आता है,,,, तकरीबन 35 मिनट तक जबरदस्त गांड मारने के बाद उसका पानी गांड में निकल गया,,,, श्याम की मां एक दम मस्त हो गई थी और जोर-जोर से हांफ रही थी,,,, वासना का तूफान कुछ देर के लिए फिर से शांत हो गया था,,,, राजू थका तो नहीं था लेकिन थोड़ा सुस्त हो गया था इसलिए वह उसकी गांड मारने के बाद खटिया पर आकर बैठ गया था,,,,,, श्याम की मां के पेट के बल खटिया पर लेट गई थी,,,,,,वह काफी थक चुकी थी लेकिन वो जानती थी कि उसका बेटा भी उसकी गांड मारना चाहता है इसलिए वह जाग रही थी,,,।
देखी चाची कितना मजा आया मैं कहता था ना बहुत मजा आएगा,,,
हां रे मैं तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस तरह का भी खेल होता है,,, नहीं तो एक ही खेल जानती थी बुर में डालो और निकालो बस तूने तो आज एक नया सुख दिया है,,,,।
जरा अपने बेटे की तरफ भी ध्यान दो देखो कैसे अपना पकड़ कर हिला रहा है वह भी तुम्हारी गांड मारना चाहता है,,,,(श्याम की तरफ देखते हुए राजू बोला तो श्याम की मां भी श्याम की तरफ देखने लगी श्याम खड़े खड़े अपने लंड को पकड़कर चला रहा था और अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड की तरफ देखकर ललचा रहा था,,,,, श्याम की तरफ देखते हुए उसकी मां बोली,,)
तो मैंने कब इनकार की हुं जो तेरा है वह मेरे बेटे का भी तो है,,,,,,,
(अपनी मां की बात सुनकर श्याम खुश हो गया लेकिन राजू के मन में कुछ और चल रहा था वह खटिया पर से उठा और बोला,,,,)
रुको मेरे दिमाग में कुछ और आया है बहुत मजा आएगा हम तीनों को पहले लोमेरा लंड मुंह में लेकर एक बार फिर से खड़ा कर दो,,,,(इतना कहकर वह श्याम की मां के ठीक सामने आ गया श्याम की मां को मालूम था कि उसे क्या करना है और उसे राजू पर पूरा विश्वास था कि आगे भी बहुत मजा आएगा इसलिए वह राजू को पकड़कर चुरा ले ली और चूसना शुरु कर दी थोड़ी ही देर में राजू का लंड पहले की तरह एकदम टनटना कर खड़ा हो गया,,, राजू तुरंत श्याम की मां को खटिया पर से उठा कर,,, नीचे जमीन पर चटाई बिछा दिया क्योंकि वह जानता था खटिया पर आप ज्यादा वजन ठीक नहीं है क्योंकि खटिया टूट सकती थी वह पीठ के बल लेट गया और श्याम की मां को अपने ऊपर लेटने के लिए बोला और घोड़ी बन जाने के लिए बोला,,, श्याम की मां जैसे ही राजू के ऊपर चढ़े राजू तुरंत उसे अपनी बाहों में लेकर उसकी टांगों को थोड़ा सा और फैला दिया था कि उसकी गुलाबी दूर उसके लंड के एकदम संपर्क में आ गई,,, और धीरे-धीरे करके राजू अपने लंड को पूरा का पूरा श्याम की बांकीपुर में डाल दिया और दोनों हाथों से इसकी बड़ी बड़ी गांड पकड़कर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा दिया और श्याम से बोला,,,।
श्याम तुझे तेरी मां की गांड का छेद दिख रहा है ना,,,
हां एकदम साफ दिख रहा है,,,
बस अब तू थूक लगाकर डालना शुरू कर दें,,,
(राजू की बात सुनकर श्याम और श्याम की मां दोनों आश्चर्यचकित हो गए एक साथ दोनों छेद में,,, इसलिए श्याम की मां आश्चर्य जताते हुए बोली,,)
हाय दैया एक साथ दोनों छेद में,,,
हां चाची बहुत मजा आएगा बस तुम देखती जाओ,,,।
(फिर क्या था तीनों पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके थे श्याम पहली बार गांड मारने जा रहा था इसलिए कुछ ज्यादा ही उतावला हो रहा था वह जल्दी से ढेर सारा थूक अपनी मां की गांड के छेद पर और अपने लंड पर लगाकर गांड में डालना शुरू कर दिया,,बुर में तो पहले से ही राजू का लंड घुसा हुआ था एक बार मोटा तगड़ा लंड गांड के छेद में कुछ जाने की वजह से गांड में अच्छा-खासा जगह बन गया था,, जिसमें श्याम को अपना लंड डालने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं हो रही थी,,,देखते ही देखते श्याम अपना पूरा लंड अपनी मां की गांड में डाल दिया और अपनी कमर के गाना शुरू कर दिया अब एक साथ श्याम की मां दो दो लंड का मजा ले रहे थे वह कभी सपने में भी नहीं सोचे थे कि एक साथ उसके दोनों छेद में लंड होगा,,,वह पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुकी थी उसकी गर्म सिसकारी पूरे कमरे में गुंजने लगी थी,,, राजू डीजे अपनी कमर को छाल रहा था और श्याम पीछे से अपनी मां की गांड मारता हुआ अपनी कमर आगे पीछे कर रहा था,,,।
अद्भुत काम क्रीड़ा का नजारा देखने को मिला था तीनों पूरी तरह से अपनी मस्ती में चूर हो गए थे श्याम की मां के बदन मे एक बार फिर से जवानी हिलोरे मार रही थी,,, राजू अपने मोटे तगड़े लंड से,,,श्याम की मां की बुर चोद रहा था और श्याम अपनी मां की गांड मार रहा था,,, वह पूरी तरह से मस्ती में चूर हो चुका था गांड मारने का अनुभव उसका भी बहुत अच्छा हो रहा था वो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपनी मां की गांड मार पाएगा बल्कि वह इस बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन राजू की वजह से उसे अद्भुत अनुभव के साथ अद्भुत संतुष्टि का अहसास हो रहा था,,,,।
देखते ही देखते तीनों एक साथ झड़ गए और कुछ देर तक श्याम की मां राजू की बाहों में ऊपर ही लेती रह गई और श्याम अपनी मां की गांड पर सर रखकर जोर-जोर से सांसे लेने लगा,,,,। तीनों थक कर चूर हो चुके थे,,,, श्याम की मां उसी तरह से दोनों के बीच में सो गए और एक तरफ श्याम और एक तरफ राजू सोने लगे राजू तो सोते समय भी श्याम की मां को अपनी बाहों में लेकर सो रहा था उसकी गांड अभी भी उसके लंड से सटी हुई थी,,,, तीनों गहरी नींद में सो चुके थे सबसे पहले सुबह राजू की नींद खुली राजू उसी तरह से श्याम की मां को अपनी बाहों में लिया सो रहा था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके लंड से सटी हुई थी जो कि उत्तेजना के मारे राजू का लंड खड़ा हो चुका था और उसकी गांड के दरार में फंसा हुआ था,,,फिर क्या था राजू कि मैं अभी भी गहरी नींद में सो रही थी और वह उसके नींद में होने के बावजूद भी अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी बुर में डालकर उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया बड़े आराम से मानो कि वह भी गहरी नींद में सो रहा हो,,,, एक बार फिर से गहरी नींद में ही श्याम की मां की चुदाई करने के बाद वह पानी निकालकर पीठ के बल गहरी गहरी सांसे लेने लगा और जब बाहर उजाला होने लगा तो वह दोनों को उठाया,,,, वह दोनों भी आलस मरोड़ते हुए उठ कर बैठ गए,,,।
अब मैं चलता हूं चाची,,, आज रात को फिर आऊंगा क्योंकि झुमरी तू कल आएगी ना और आज की रात हम दोनों के पास है इसका फायदा हम तीनों मिलकर उठाएंगे,,, और इतना कहने के साथ ही राजू अपने कपड़े पहन कर घर से निकल गया,,,।
Dhanyawadअद्भुत अद्भुत अद्भुत अपडेट है जबरदस्त
मजा आ गया है भाई
राजु तो श्याम के लिये चुदाई का गुरू बन गया वो उसे नये नये अनुभव के साथ साथ नये नये पैतरे सीखा रहा है की औरतों को कैसे उन्नत दिखायी जाती है
श्याम तो राजू का लोहा मान कर उसके चुदाई के वक्त गंदी गंदी बाते करना और खुलकर चोदने की कला को आत्मसात करने लगा
तीनों एकसाथ पेशाब करते वक्त की बातें और हरकतें जबरदस्त लाजवाब हैं
श्याम की माॅं को गांड मराई करवाने के लिये तयार करने के लिये लगायी तिकडम जबरदस्त
आखिर में श्याम के माँ की गांड पर धीरे धीरे ही सही लेकीन गांड मारनें में अनुभव हीन राजु ने परचम लहरा ही दिया और उसकी सुरमई गांड का सुराख खोल ही दिया साथ ही साथ राजू और श्याम ने पहली बार गांड मारने का अनुभव प्राप्त कर लिया खैर देखते हैं आगे ईस खेल में क्या होता है
Too much romantic update bro and continue storyश्याम के घर पर वासना के मंच पर मां बेटे के साथ बेटे का दोस्त मिलकर जो काम क्रीडा का अद्भुत नाटक पेश किए थे वह काबिले तारीफ थी,,,,शायद वह उन तीनों की जिंदगी का यह पहला मौका था जब एक साथ तीन लोग काम कीड़ा का अद्भुत खेल रहे थे और इस बारे में शायद तीनों ने कभी कल्पना भी नहीं किया था,,,,राजू के तो मन की हो गई थी वह औरत की गांड मारने का सुख देना चाहता था उस अनुभव को जीना चाहता था और वह अनुभव से श्याम की मां से प्राप्त हुआ था जिसका वह तहे दिल से शुक्रिया कर रहा था,,,, उम्र के इस दौर पर के राजू को इस बात का एहसास हो रहा था कि श्याम की मां की बुर बहुत ही कसी हुई थी साथ ही उसकी गांड का छेद तो लाजवाब था,,,, सुबह सवेरे उठकर लेकिन उठने से पहले एक बार फिर से श्याम की मां की चुदाई करके वहां अपने कपड़े पहन कर घर से बाहर निकल गया था,,,,।
श्याम की मां और श्याम दोनों उठ चुके थे रात को जो कुछ भी हुआ था उसको लेकर दोनों के मन में किसी भी प्रकार का मलाल बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि रात की मस्ती का लुफ्त दोनों मां-बेटे साथ में मिलकर उठाए थे लेकिन फिर भी श्याम अपने मन में यही सोच रहा था कि उसकी मां को यह नहीं लगना चाहिए कि उसके दोस्त के साथ देखने के बावजूद भी श्याम ने उसे बिल्कुल भी पुछ ताछ नहीं किया,,, इसलिए अपनी मां से ढेर सारी सवाल पूछना चाहता था,,,, वह अभी भी नींद से उठ कर चटाई पर बैठा हुआ था उसके बदन पर अभी भी एक भी कपड़े नहीं थे और श्याम की मां अपने बदन पर वस्त्र डाल ली थी और झाड़ू लगा रहे थे अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड की तरफ देखते हुए श्याम बोला,,,।
मुझे यकीन नहीं होता कि तुम मेरे दोस्त से चुदवाती हो मुझे कानो कान खबर तक नहीं पड़ा,,,।
(श्याम की मां सोची थी रात को जिस तरह का मजा उसके बेटे ने उसके दोस्त के साथ मिल कर लिया है अब वह किसी भी प्रकार का एतराज नहीं जताया लेकिन उसकी बात को सुनकर वह एकदम से झेंप गई और श्याम की तरफ देखे बिना ही बात बनाते हुए बोली,,)
ममम मैं तुझ से सब कुछ बताने वाली थी लेकिन हालात सही नहीं लग रहे थे इसलिए मैं तुझे बताना उचित नहीं समझी मैं जानती थी कि अगर मैं तुझे बता दूंगी तो तू नाराज हो जाएगा गुस्सा हो जाएगा लेकिन क्या करूं बात ही कुछ ऐसी फस गई थी कि,,,,,(इतना कहकर श्याम की मां खामोश हो गई और अपने चेहरे पर चिंता के भाव लाते हुए वहीं खटिया पर बैठ गई)
ऐसी कौन सी बात हो गई थी ना कि तुम्हें मेरे दोस्त से चुदवाना पड़ा आखिरकार मैं तुम्हें रोज चोद ही रहा था ना,,, क्या मेरे से खुश नहीं थे क्या तुम्हें राजू का लंबा और मोटा लग रहा था,,,, तुम तो यह कहती थी ना कि तेरे सिवा मैं किसी को भी अपना बदन छूने ना दु,,,, फिर ऐसा क्या हो गया कि एकदम खुश होकर राजू के लिए अपनी दोनों टांगें खोल दी,,,,।
मममम,मैं जानती हूं शाम कि तूने जो कुछ भी देखा उसे देख कर तुझे बहुत दुख हुआ है लेकिन क्या करूं मैं मजबूर थी,,,,(शर्म के मारे अपने चेहरे को दूसरी तरफ घुमाते हुए बोली)
मजबूर थी ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई कि तुम्हें मेरे दोस्त के साथ सोना पड़ा मैं पता है अगर वह यह बात गांव वालों को बता देना तो क्या हो जाएगा तुम्हारी कितनी बदनामी हो जाएगी खानदान की बदनामी हो जाएगी,,,,
बस बेटा यही बात वह मुझसे सीधे आकर यही कहा कि मैं तुम्हारी हर एक बात जानता हूं लेकिन क्या जानता हूं यह उसने नहीं बताया लेकिन उसके कहने के अनुसार और उसके अंदाज से मुझे ऐसा ही लग रहा था कि जैसे वह हम दोनों के बारे में जान गया है मैं क्या करती मैं मजबूर हो गई थी,,,,, मैं उसकी कोई और साथ होती तो मानने को तैयार थी लेकिन उसे और कुछ नहीं चाहिए था वह बस मुझे चोदना चाहता था,,,, मैंने उसे तेरी दोस्ती का वास्ता दिया उसे कसम दी लेकिन वह नहीं माना आखिरकार में क्या करती इज्जत बचाने के लिए मुझे उसके साथ सोना पड़ा,,,,।
लेकिन क्या उसने तुम्हें यह बताया कि वह हम दोनों के बारे में सब कुछ जानता है,,,
नहीं ऐसा कुछ भी नहीं बताया नहीं तो मैं बाद में सोच कर पछताने लगी कि हो सकता है उसे कुछ मालूम ही ना हो,,,
यही तो यही तो मां उसे कुछ भी मालूम नहीं है वह तुक्का लगाया था और तुम उसकी बातों में आ गई,,,
मुझे भी यही लगता है लेकिन क्या करूं मैं एकदम से डर गई थी अगर हम दोनों की बात इस घर से बाहर निकल जाती तो सोच हम दोनों का क्या होता गांव वाले हम परथु थु करते,,, हम दोनों की इज्जत बचाने के लिए मुझे अपनी इज्जत कुर्बान करना पड़ा,,,,
लेकिन मैं देख रहा था तुम्हें उसके साथ बहुत मजा आ रहा था,,,,,(श्याम जानबूझकर चुटकी लेते हुए बोला,, वह अपनी मां की राय जानना चाहता था देखना चाहता था कि वह इस सवाल का जवाब देती है,,,)
तो यह कैसी बातें कर रहा है बेटा अब ऐसे हालात में मैं क्या करती रोती रोने से भी तो कोई फायदा नहीं था,,,
इसलिए मजा ले रही थी ना,,,,मैं देख रहा था कितनी गंदी गंदी गालियां देकर तुम्हारी चुदाई कर रहा था लेकिन तुम थी कि कुछ बोल नहीं रही थी,,,,
श्याम तू नहीं समझेगा ना जाने क्यों उस समय उसकी गालियां मुझे अच्छी लग रही थी,,, तूने तो कभी नहीं दिया,,, ,,,
मुझे लगा कि तुम नाराज हो जाओगी और वैसे भी मैंने कभी तुमको गाली देने के बारे में सोचा भी नहीं,,,
मुझे चोदने के बारे में भी तो कभी नहीं सोचा था ,, लेकिन चोदने लगा ना,,, और कल रात को तू भी तो सब कुछ मामला शांत कर सकता था अपने दोस्त को डरा सकता था धमका सकता था उसे यहां से भगा सकता था,,,,, लेकिन तूने क्या किया अपने दोस्त के साथ मिलकर मेरी गांड मारने की साजिश रच डाली,,,, आखिरकार अपने दोस्त के साथ उसकी बात मानते हुए मनमानी कर ही लिए,,, तुझे मालूम है मेरी कमर कितनी दर्द करने लगी है,,,
तुम्हें भी तो जोर-जोर धक्के लेने में मजा आ रहा था,,,,,,।
(श्याम यह बात अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां जो कुछ भी बोल रही थी राजू के बारे में वह बिल्कुल गलत था क्योंकि वह वहीं पर था जब पहली बार राजू ने उसकी मां को चोदा था ऐसी कोई भी बात नहीं हुई थी जिससे उसकी मां डर जाती इज्जत का सवाल पैदा हो जाता बल्कि राजू में लंड की ताकत पर उसकी मां को झुका लिया था,,, और राजू के लंड को देखकर खुद उसकी मां पूरी तरह से चुदवासी हो गई थी,,,।अपनी मां से इस तरह की बातें करते हो एक बार फिर से उसका लंड खड़ा होने लगा था पूरी तरह से मंगा चटाई पर बैठा था और दोनों टांगों के लिए सरकार ने छत की तरफ उठाएं खड़ा होने लगा था जिसे खुद उसकी मां भी अपनी आंखों से देख रही थी उसके खड़े होते लंड को देखकर उसकी मां बोली,,,)
तेरे दोस्त ने मेरी चुदाई किया इस बात को लेकर तुझे मुझे नहीं लगता कि दुख हो रहा है क्योंकि मैं देख रही हूं कि तेरा लंड खड़ा होने लगा है,,,,,,।
(उसका इतना कहना था कि हम अपनी जगह से खड़ा हो गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाता हुआ अपनी मां के करीब पहुंच गया और बोला,,,)
तो क्या हुआ मेरी जान रात को तूने जितना मजा दी है उसे याद करके ही लंड खड़ा हो जाता है,,।( श्याम जानबूझकर राजू की तरह बातें करने लगा था वह देखना चाहता था कि इस तरह की बातें करने में कितना मजा आता है और वाकई में साल भर में ही उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव होने लगा अपनी मां से इस तरह से बात करने में उसे मजा आने लगा)
क्यों रात को जी नहीं भरा क्या,,,मैं देख रही थी तुझे भी गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था लेकिन यह नहीं देख रहा था कि मुझे कितना दर्द हो रहा है,,,
क्या करूं मेरी जान तेरी गांड ही इतनी खूबसूरत है कि मेरा मन बहक गया,,,
तेरे लिए तो मैं दिन रात अपनी गांड खोल कर रखु,,,
हाय मेरी जान इसका मतलब है की फिर से गांड मरवाना चाहती है,,,
नहीं नहीं मेरे राजा रोज-रोज नहीं कभी-कभी तभी तो मजा आएगा,,,,
शाली तु मजा बहुत देती है,,, तेरी बुर का भोसड़ा बनाने में बहुत मजा आता है,,,
मादरचोद बनाना तुझे रोका किसने है,,,,
हाय साली रंडी मुझे मादरचोद बोलती है,,,(इतना कहती हो ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया)
आहहहह,,, मादरचोद ना बोलूं तो और क्या बोलूं आखिर तु मुझे चोदता जो है,,, और जो अपनी मां को चोदता है वो मादर चोद बन जाता है,,,।
तेरे लिए तो मैं कुछ भी बनने को तैयार हूं मेरी रानी,,,(और इतना कहने के साथ ही श्याम अपनी मां के होंठों पर अपने होंठ रख कर चूमना शुरू कर दिया यह भी उसने राजू से ही सीखा था,,,अपने बेटे की हरकत को देखकर श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और उसे इस बात की खुशी होने लगी कि राजू से उसका बेटा कुछ सीखा जरूर है,,,और इसी खुशी में वह खुद अपने बेटे के लंड को पकड़ कर जमाना शुरू कर दी इस बात को तो अच्छी तरह से समझ ही गई थी कि राजू के लंड की मुकाबले उसके बेटे का लंड छोटा ही है लेकिन फिर भी उसे इसी में खुश रहना है क्योंकि वह अपने बेटे का दिल तोड़ना नहीं चाहती थी और देखते ही देखते,,, वह जल्द से जल्द चुंबन को खत्म करके अपने बेटे का लंड को मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी क्योंकि उसका बेटा भी यही चाहता था,,,, राजू से दोनों मां-बेटे कुछ ना कुछ सीखे जरूर थे और उसको आजमाकर अत्यधिक आनंद प्राप्त कर रहे थे श्याम अपनी मां के रेशमी बालों को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर गिराना शुरू कर दिया था,,,,,,।
कुछ देर तक वह अपनी मां के मुंह में अपना लंड डालकर आनंद लेता रहा उसके बाद अपनी मां को सारे कपड़े उतार कर नंगी करे बगैर ही उसकी सारी कमर तक उठा दिया और खटिया पर लिटा दिया,,, और अपनी मां की दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाकर अगले ही पल गच्च की आवाज के साथ अपने लंड को अपनी मां की बुर में प्रवेश करा दिया और चोदना शुरू कर दिया,,,, उसे अब राजू से कोई गिला शिकवा नहीं था वह अपनी मां की चुदाई कर रहा था दोनों बहुत खुश थे,,,,।
दूसरी तरफ गांव खेत खलियान घूम लेने के बाद राजू जब घर पर पहुंचा तो उसके पिताजी बेल गाड़ी लेकर अकेले ही रेलवे स्टेशन की तरफ चल दिए थे और वह यही चाहता भी था क्योंकि आज वहां अपने पिताजी के साथ जाना नहीं चाहता था क्योंकि वह जानता था कि पिताजी की गैर हाजिरी में वह अपनी बुआ के साथ खुलकर मस्ती कर सकता था और उसकी गांड मारने का सुख भी प्राप्त कर सकता था,,,,, घर पर पहुंचते ही देखा कि उसकी बुआ खाना बना रही थी,,,, मुस्कुराते हुए अपनी बुआ के पास जाकर बैठते हुए वह बोला,,,।
हाय मेरी जान क्या बना रही हो,,,,
सब्जी रोटी और क्या,,,,,,(रोटी को बेलते हुए गुलाबी बोली,,)
आज मुझे सब्जी रोटी नहीं आज तुम्हारा दूध पीना है,,,
पागल है क्या अभी इसमें से दुध थोड़ी निकलेगा,,,
जानता हूं लेकिन फिर भी तुम्हारी चूची को मुंह में लेकर पीना चाहता हूं,,,
इतना ही शौक है तो रात भर कहां गायब था,,,
बताया तो था दोस्त के घर पर था,,, वहीं से आ रहा हूं,,,
आजकल दोस्ती यारी में ज्यादा ध्यान देने लगा है बुआ की फिक्र नहीं है तुझे,,,,
क्या हुआ मेरी जान रात भर नींद नहीं आई क्या,,, जानता हूं तुम्हें भी रोज मेरा लंड लेने की आदत जो पड़ गई है,,,
सही कह रहा है तू रात भर करवटें बदलते रही,,,
हाय मेरी जान इतना तरसी है रात भर,,,, पिताजी को बुला ली होती,,, रात भर तुझे मस्त कर देते और मुझे तो इंकार कर दी लेकिन पिताजी तेरी गांड मारने से बाज नहीं आते,,,।
(राजू की यह बात सुनकर गुलाबी एकदम से सिहर उठी उसके तन बदन में रात की सारी घटनाएं घूमने लगी रात भर उसके बड़े भैया ने उसे सोने नहीं दिया था कभी ऊपर तो कभी नीचे कभी आगे पीछे खड़ी करके घर में बाकी सदस्य की गहरा चली है वह पूरी तरह से उसके साथ मनमानी कर रहे थे और रात भर में 2 बार तो उसकी गांड मारे थे,,,, राजू को इस तरह से अपने बड़े भाई के साथ संबंध रखने के लिए बोल कर गुलाबी जानबूझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली,,)
धत्,,,, हरामजादे कैसी बातें करता है तुझे शर्म आती है वह वह मेरे बड़े भैया हैं,,,
हाय मेरी गुलाबी मैं भी तो तेरा भतीजा था फिर क्यों मेरा लंड अपनी बुर में लेती है,,,,और अपने बड़े भैया की चुदाई तो तू देखती आ रही है कैसा जमकर चोदते हैं,,, मा ही उनको खुशी खुशी झेल लेती है,,,,। तेरी गांड देखकर तो पिताजी एक दम मस्त हो जाते,,,
देख राजु तू अब ज्यादा बोल रहा है,,,,
अरे सच में बुआ पिताजी तेरी दोनो चूचियों को मुंह में लेकर पीते ना तो उसमें से दूध निकलने लगता,,,
राजू,,,(गुलाबी जानबूझकर गुस्सा दिखा रही थी उसे अच्छा भी लग रहा था क्योंकि रात भर उसके बड़े भैया ने उसकी जवानी की सेवा जो किया था,,, गुलाबी की बुर गीली होने लगी थी,,,)
क्या राजू राजू लगा रखी हो,,,, मुझे तो पूरा विश्वास है जिस तरह से पिताजी एकदम चुडक्कड़ है मां को चोदे बिना एक रात नहीं गुजरती सच कहता हूं तुम अगर पिताजी के सामने अपनी सलवार खोल दो ना तो पिताजी रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर सोए रहे,,,(राजू पहली बार अपने पिताजी के बारे में इस तरह की बातें कर रहा था उसे इस तरह से बातें करने में बहुत मजा आ रहा था वहीं दूसरी तरफ गुलाबी शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी क्योंकि वह जानती थी कि राजू जो कुछ भी कह रहा था वह कर चुकी थी लेकिन यह बात कोई और नहीं जानता था,,,, इसलिए राजू को गुस्सा दिखाते हुए बोली)
देख राजु अब मैं तुझे मारुंगी तुझे शर्म आनी चाहिए वह मेरे बड़े भैया हैं और मैं उनकी छोटी बहन हूं,,,
तो क्या हुआ मेरी जान तुम्हारे बड़े भैया के पास भी लंड है और तुम्हारे पास बुर अगर तुम्हें विश्वास नहीं होतातो बस एक बार पिताजी के सामने अपने सलवार खोल कर अपनी बुर दिखा दो फिर देखो पिताजी कैसे तुम्हारी गुलाबी बुर को चाट चाट कर उसमें अपना लंड डालते हैं,,,,।
(राजू की कामाग्नि से भरी बातें गुलाबी की दोनों टांगों के बीच हलचल पैदा करने लगी गुलाबी को भी मजा आ रहा था इसलिए गुलाबी भी चुटकी लेते हुए बोली)
तब तो तेरी मां के पास भी बुरे हैं और तेरे पास लंड और मैं जानती हूं कि तेरे पिताजी से ज्यादा मोटा और लंबा लंड तेरा है अगर तू भी अपनी मां को अपने लंड दिखा दे तो शायद तेरी मां भी तेरे लंड पर खुद ही चढ जाए,,,।
(गुलाबी की बात सुनकर राजू अपने मन में सोचने लगा कि काश ऐसा हो जाता तो कितना मजा आता लेकिन फिर भी अपनी मां का जिक्र आने पर उसे अच्छा ही लग रहा था लेकिन वह जानबूझकर अपनी बुआ से बोला,,,)
बस बुआ तुम तो बात का बतंगड़ बनाने लगी,,,
क्यों क्यों आप क्या हो रहा है मैं सच कह रही हूं राजू तेरी मां भी एक नंबर की चुदककड है,,,अपना मोटा तगड़ा लंबा लंड दिखा कर तू बड़े आराम से अपनी मां को चोद सकता है और सच कहूं तो मुझसे ज्यादा मजा तेरी मा देगी,,,,,
और औरत की गांड मारने वाली तेरी इच्छा भी पूरी कर देगी,,,
(एक दूसरे से इस तरह की बातें करके दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे राजू से रहा नहीं जा रहा था और वह तुरंत खड़ा होकर अपना पजामा उतार कर फेंक दिया और अपना कुर्ता भी और देखते ही देखते वह अपने बुआ गुलाबी के सामने पूरी तरह से नंगा हो गया,,, गुलाबी यह देख कर बोली,,,)
क्या हो गया मेरे राजा अपनी मां की चुदाई की बात सुनकर एकदम गरम हो गया है लगता है तो अपनी मां को चोदना चाहता हूं और वैसे भी रात भर तू अपनी मां की चुदाई देखता है उसको नंगी देखता है उसकी बड़ी-बड़ी कहां है उसकी चूची उसकी बुर देखकर तेरा भी तो मन करता ही होगा अपनी मां को चोदने का,,,
वह सब मैं नहीं जानता लेकिन मेरी जान इस समय तूने मेरा लैंड खड़ा कर दिया और अब यह तेरी बुर में गए बिना मानेगा नहीं,,,,( और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी बुआ को तुरंत अपनी गोद में उठा लिया और इस बार अपने कमरे में ना ले जाकर घर के आंगन में ही उसे खड़ी करके उसके फोटो को चूमना शुरू कर दिया,,,,गुलाबी राजू की उत्तेजना देखकर एकदम हैरान थी और उसे इस बात का डर था कि अगर कोई आ गया तो क्या होगा इसलिए वह राजू से बोली)
अरे अरे यह क्या कर रहा है कोई आ गया तो,,,
कोई नहीं आएगा मेरी जान दरवाजा में बंद कर दिया हूं अब कोई नहीं आ सकता और वैसे भी पिताजी रेलवे स्टेशन जा चुके हैं मां तो है नहीं आज दिन भर हम दोनों मस्ती करेंगे,,,,
नहीं अभी नहीं मैं थक चुकी हूं,,,,
ओहहह हो,,,,रात भर सच में पिताजी से चुदवाई हो क्या जो थक गई हो,,,
नहीं रे तेरी मां नहीं है ना इसलिए सब का मुझे ही करना पड़ता है इसलिए थक गई हूं,,,(गुलाबी जानबूझकर बातों को माथे में बोली जबकि हकीकत यही था कि वहां रात भर अपने बड़े भैया से चुदवाने की वजह से ही थक गई थी,,, राजू गुलाबी की सलवार की डोरी खोलने लगा वह ना ना करती रह गई लेकिन जोर लगाकर राजू अपनी मनमानी कर ही लिया और उसकी सलवार को तुरंत उसके कदमों में गिरा दिया,,,,)
बाप रे क्या कर रहा है तू तुझे शर्म नहीं आ रही है आज घर के आंगन में खड़ा है चल कमरे में चलते हैं,,,
नहीं नहीं मेरी रानी ,,, कमरे में नहीं आज तो तुम्हारी मे यही लूंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही वह नीचे झुक कर अपनी बुआ की सलवार पर उसकी टांगों में से निकालने लगा कमर के नीचे थोड़ी देर में वह पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और राजू अपनी बुआ की बुर पर हथेली रखकर उसे जोर से मसलते हुए कुर्ती के ऊपर से ही उसकी चूची को मुंह में भर कर पीने की कोशिश करने लगा गुलाबी राजू की हरकत से एकदम कसमसा रही थी,,,)
आहहहह नही यह क्या कर रहा है छोड़ मुझे रोटी बनाना है,,,
बाद में बना लेना मेरी रानी,,,,( और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मनमानी करता हुआ उसकी सलवार भी उतार कर फेंक दिया अब घर के अंदर आंगन में गुलाबी और राजू दोनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे,,,,)
हरामि अगर मेरी गैर मौजूदगी में तेरा मन कर गया तो क्या अपनी मां को भी चोद डालेगा,,,,
अच्छा एक बात बताओ बुआ,,,, मां की चुदाई करना क्या गलत,,,
गलत तो मेरी चुदाई भी करना है,,,लेकिन जब तक किसी को इस बारे में पता ना चले तब तक सब कुछ ठीक है अगर तू अपनी मां को चोद देता है और तेरी मां भी खुशी-खुशी तेरा लंड अपनी बुर में ले लेती हो तब दिक्कत किसी बात की नहीं है लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए,,,,।
ओहहहहह,,,(अपनी बुआ की बात पर सोचते हुए वह उसकी चूची को दबाते हुए बोला) लेकिन मुझे तो गलत लगता है कोई बेटा अपनी मां को कैसे चोद सकता है,,,
क्यों तुम मुझे नहीं चोद रहा है,,, मैं तो तेरी बुआ हूं तेरे बाप की छोटी बहन हम दोनों का रिश्ता भी पवित्र है फिर भी हम दोनों एक दूसरे से अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं,,, तो इसमें गलत क्या है,,,।(अभी बुआ की बातें सुनकर उसे थोड़ा भरोसा होने लगा कि अगर मां की चुदाई करेगा तो उसकी हुआ कुछ भी नहीं बोलेगी इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,,)
नहीं जाने दो इस बारे में सोचने का भी नहीं,,, हम दोनों के बीच का रिश्ता बहुत पवित्र है,,,,
चल अब रहने दे तेरी मां ने अब तक तेरा लंड नहीं देखी है वरना जिस दिन तेरी मां तेरा लंड देख लेना उस दिन खटिया पर मेरी जगह तेरी मां होगी,,,।
(गुलाबी का राजू की मां के लिए इस तरह की बातें करनेमैं भी गुलाबी का मकसद था क्योंकि वह अपने बड़े भैया के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी थी और वह नहीं चाहती थी की वह दोनों पकड़े जाएं और ऐसे हालात मेंअगर राजू अपनी मां के साथ संबंध बना लेता है तो परिवार में हिसाब बराबर हो जाएगा कोई एक दूसरे को अपनी आंखों से देख लेने के बावजूद भी कुछ नहीं कह पाएगा और गुलाबी यही चाहती थी कि राजू किसी तरह से अपनी मां को चोद दें ताकि उन दोनों के बीच भी शारीरिक संबंध कायम हो जाएं,,, फिर उसकी गलती गलती नहीं कह रहा है कि उनकी जरूरत कहना है कि घर में सभी सदस्य एक दूसरे से अपना शरीर सुख प्राप्त करते रहेंगे और इसमें सब का फायदा भी है,,,,। गुलाबी अपने मन में और अपने भतीजे के सामने अपनी मां को चोदने का प्रस्ताव रखकर वह अपना फायदा ढूंढ रही थी और यह सब सुनकर राजू पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर पहुंच गया था और वह घर के आंगन में ही अपनी बुआ की पतली कमर को पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया था और नीचे की तरफ झुकाने लगा था,,,जैसे ही राजू को उसकी बुआ की गुलाबी छेद नजर आई उससे रहा नहीं गया और वह अपनी खड़े लंड को अपनी बुआ की बुर में डालना शुरू कर दिया लेकिन अपनी मां का जिक्र आने पर वह अपनी बुआ की जगह अपनी मां के बारे में सोचने लगा वह यह एहसास में खोने लगा कि जैसे उसकी मां उसके सामने झुकी हुई है और वह अपनी मां की बुर में अपना लंड डाल रहा हैयह एहसास राजू के लिए इतना जबरदस्त था कि वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और अपनी बुआ की कमर पकड़कर जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया था हर धक्का गुलाबी की बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और गुलाबी हर धक्के पर आहहह आहहहह कर रही थी,,,, राजू पूरी तरह से पागल हो गया था,,, गुलाबी अपने भतीजे का जोश और ज्यादा बढ़ाते हुए बोली,,,।
क्या राजू ऐसा लग रहा है कि जैसे तू अपनी मां को चोद रहा है कहीं ऐसा तो नहीं कि मेरी जगह अपनी मां की कल्पना करके चुदाई कर रहा है तभी तुझमें इतना जोश आ गया है,,,।
(गुलाबी बार-बार राजू की मां का जिक्र छेड़ कर राजू के तन बदन में और ज्यादा आग लगा दे रही थी,,, जिससे राजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जा रही थी और वह धकाधक धक्के लगा रहा था,,,, देखते ही देखते कुछ मिनटों बाद गुलाबी के साथ-साथ राजू का भी पानी निकल गया,,,,और राजू मारते हुए पीछे से अपनी बुआ को बाहों में जकड़ कर उसकी पीठ पर अपना सिर रखकर गहरी गहरी सांसे लेने लगा,,,,)
बाप रे आज तो तू ने कमाल कर दिया अपनी मां के बारे में सोच कर इतनी जबरदस्त चुदाई किया है सोच अगर मेरी जगह तेरी मां होगी तो तो तो तेरी मां की बुर का भोसड़ा बना देगा,,,,।
(गुलाबी की बातें राजू के कानों में मिश्री की तरह घूम रही थी अपनी मां के बारे में अपने आप को लेकर गंदी गंदी बातें सुनने में उसे बहुत अच्छा लग रहा था,,,,, गुलाबी राजू से अलग होकर अपने कपड़े उठाकर पहनने वाली थी कि राजू आगे बढ़ा और अपनी बुआ की सलवार को पकड़ कर खींच लिया और उसे दूर फेंक दिया और बोला,,,)
बुआ आज घर में मेरे और तुम्हारे सिवा और कोई नहीं है क्यों ना आज हम दोनों घर में नंगे ही रहे बिना के कितना मजा आएगा,,,।
धत् कैसी बातें कर रहा है तू,,,, कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,,(राजू का प्रस्ताव गुलाबी को भी पसंद आ रहा था ,, वह भी अपनी भैया भाभी की गैरमौजूदगी में राजू के इस प्रस्ताव को स्वीकार करके संपूर्ण रूप से नंगी होकर घर में इधर से उधर घूमना चाहती थी लेकिन उसे डर था कि कोई आ गया तो क्या होगा,,,)
अरे कोई नहीं आएगा वह सोचो कितना मजा आएगा मैं और तुम पूरे घर में इधर से उधर नंगे ही घूमेंगे बिना कपड़े के तुम्हारी गांड चलते से मैं इधर उधर ही लगी तुम्हारी चूचियां उस लेंगी और मेरा लंड ऊपर नीचे होगा एक दूसरे को अपनी आंखों से देखने में कितना मजा आएगा,,,
लेकिन,,,
लेकिन वेकिन कुछ नहीं बस बिना कपड़ों की सारा दिन घूमना है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने कपड़ों के साथ-साथ अपनी बुआ के कपड़ों को भी कमरे में फेंक दिया,,,और दोनों पूरे घर में इधर से उधर नंगे घूमने लगे दोनों को अद्भुत अहसास हो रहा था दोनों की तन बदन में बार-बार उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी दोनों चलते बैठते उठते एक दूसरे को अपनी आंखों से देख रहे थे एक दूसरे के अंगों को देख रहे थे,,,, बैठने पर गुलाबी की गांड कैसी नजर आती है उसकी चूची कैसे नजर आती है चलने पर नंगी गांड का मरोड़ किस तरह का होता है लंड सिकुड़ने के बाद कैसा नजर आता है खड़ा होने के बाद कैसी हलचल होती है यह सब दोनों अपनी अपनी आंखों से देख कर मस्त हो रहे थे,,,,,।
दोनों नग्न अवस्था में ही खाना खा रहे थे और एक दूसरे के अंगों को हाथ से छू कर मजा भी ले रहे थे,,, खाना खाते समय राजू गुलाबी से बोला,,,।
बुआ गांड मारने के बारे में क्या सोची हो दोगी कि नहीं,,,
धत्,,, तू पागल हो गया है इतना खूबसूरत बदन तुझे सौंप चुकी हु फिर भी तू छोटे से छेद के लिए पागल हुआ जा रहा है,,,,,
बुआ तो नहीं जानती तेरे छोटे से छेद में ही जन्नत का मज़ा है,,, बोल देगी कि नहीं,,,,
(गुलाबी अपने बड़े भैया से गांड मरवाचुकी थी इसलिए राजू के लंड को अपनी गांड में लेने से उसे कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही थी और इसीलिए उसने सबसे पहले अनुभव से भरे हुए अपने भैया के ही हाथ में अपनी गांड की छोटी सी चीज को सौंपी थी ताकि वह अच्छे से खातिरदारी कर सके इसके बाद वह अपने भतीजे को वह छोटा सा छेद समर्पित कर सके,,,, और लगता था आज वह पल आ गया था,,,जब वह अपने पति जी को अपना छोटा सा गुलाबी छेद समर्पित करने वाली थी इसलिए वह बोली,,,)
दे तो दो लेकिन तू शराफत से पेश आने वाला नहीं है तू जानता है कि बुर्का छेद और गांड के छेद में जमीन आसमान का फर्क है गांड के छेद से तुझे बहुत नर्मी से काम लेना होगा,,,,।
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो वह बस एक बार मुझे शॉप दो उसके बाद देखो मेरा कमाल,,,,
तो ठीक है खाना खा लेने के बाद मेरे साथ बर्तन मांज कर काम में मेरा हाथ बताएगा तो मैं तुझे वह छेद भी दे दूंगी,,,,
ओहहहह बुआ तुम कितनी अच्छी हो,,,,।
(और इतना कहकर दोनों जल्दी-जल्दी खाना खाने लगी इसके बाद बर्तन मांज कर पूरे घर की सफाई करके वह दोनों एक नई अनुभव के लिए कमरे के अंदर आ गए बाहर से तो दरवाजा बंद ही था इसलिए किसी प्रकार की चिंता नहीं थी और पहले से ही दोनों नंगे थे इसलिए कपड़े उतारने की भी जहमत करने की जरूरत नहीं थी,,,)