Beingvijayd
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wow ....... do primiyo ka madur milan ....... adbhut varan kiya hai aapne ...... bar bar padhke bhi ji nahi bharta ...........राजू का यूं चले जाना झुमरी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,,,,, ना जाने क्यों अब उसके मन में यह भावना जागने लगी थी कि काश राजू उसकी आंखों के सामने खड़ा होता और वह उसकी आंखों के सामने अपने बदन से एक-एक कपड़े उतार कर उसके सामने नंगी होती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था राजू को वो खुद जाने के लिए बोली थी क्योंकि उसे शर्म का एहसास हो रहा था आखिरकार वह कैसे कह दे कि तुम खड़े हो मैं अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है एक लड़की के लिए यह पल बेहद अजीब होता है और वैसे भी झुमरी और राजू आपस में इतने खुले भी नहीं थे भले ही दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन दोनों के बीच अभी भी एक दूरी थी जो कि बेहद सीमित रूप से थी दोनों के बीच, भले ही प्रेम संबंध का रिश्ता पनप रहा था लेकिन इस तरह का खुलापन बिल्कुल भी नहीं था कि दोनों एक दूसरे के सामने कुछ भी करने को तैयार हो जाए लेकिन एक प्रेमिका होने के नाते झुमरी को अपने प्रेमी को इस तरह से नाराज नहीं करना चाहिए था यह सा महसूस हो रहा था और उसे दुख भी हो रहा था,,,,,, मन मसोसकर झुमरी अपने बदन से एक-एक करके कपड़ों को उतारना शुरू कर दी थी चिलचिलाती धूप में खेतों के बीच ट्यूबवेल के पास झुमरी राजू के ख्यालों में खोई हुई नंगी होने की तैयारी कर रही थी हालांकि वह अपने सारे कपड़े उतार कर कभी भी नंगी होकर इस तरह से खेत में नहीं आती थी लेकिन आज राजू की बात सुनकर ना जाने क्यों अपने बदन से एक-एक करके सारे कपड़ों को उतार दी चली जा रही थी पहले कुर्ती कुर्ती के उतारते हैं उसकी मदमस्त कर देने वाली दोनों नौरंगिया अपना जलवा बिखेरने लकी छातियों की शोभा बढ़ा रही उसकी दोनों नौरंगिया बहुत ही सीमित आकार में थी लेकिन बेहद जानलेवा आकर्षक नजर आ रही थी,,,,,, अपनी चुचियों की तरफ नजरे नीचे करके देखने पर झुमरी को अफसोस हो रहा था कि क्या फायदा अगर राजू की नजर इस पर ना पड़े तो यही सोचकर वह अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी वह अपने मन में यह सोच रही थी कि कहां सर आज उसकी आंखों के सामने खड़ा होता है तो उसके सामने कपड़े उतारने में कितना मजा आता भले ही वह शर्म से शर्मिंदा हो रही होती लेकिन फिर भी एक अद्भुत सुख उसके तन बदन में हिचकोले खा रहा होता,,,,, वह राजू के ख्यालों में खोई हुई धीरे-धीरे अपनी सलवार की डोरी खोल रही थी इस बात से अनजान की राजू भले ही उसकी आंखों के सामने से ओझल हो गया था लेकिन घूम कर वह ठीक उसके पीछे मोटे से पेड़ के पीछे आकर खड़ा हो गया था और वहां खड़े होकर झुमरी की गतिविधियों को देखकर मस्त हो रहा था राजू अपनी आंखों से उसे कुर्ती उतारता हुआ देख लिया था उसकी नंगी चिकनी पीठ देखकर राजू अंदर ही अंदर उत्तेजित हुआ जा रहा था दूसरी तरफ झुमरी की नाजुक उंगलियां उसकी सलवार की डोरी में उलझी हुई थी जिसे व खींचकर अपनी सलवार को ढीली कर चुकी थी सलवार के ढीली होते ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा वह जानता था कि किसी भी पल झुमरी अपनी सलवार उतार कर नंगी हो जाएगी और उसके नंगे बदन को एक बार फिर से राजू अपनी आंखों से देख कर मस्त हो जाएगा,,,, झुमरी अपनी सलवार को उतारने के लिए थोड़ा सा आगे की तरफ झुक गई और सलवार को नीचे की तरफ खींचने लगी और देखते ही देखते उसकी उभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड सुनहरी धूप में चमकने लगी यह देखकर राजू के तन बदन में आग लगे हुए झुमरी की गांड की दोनों फांकें एकदम जलवा बिखेर रही थी गांड की बीच की फांक इतनी गहरी थी कि राजू का मन उसमें डूब जाने को कर रहा था,,, देखते ही देखते झुमरी अपने बदन पर से सलवार उतार कर एकदम नंगी हो गई नंगी होने का भी एक अपना अलग मजा होता है जिसका एहसास झुमरी को अच्छी तरह से हो रहा था यह दूसरा मौका था जब राजू झुमरी को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,,।
झुमरी की खूबसूरत जवानी से छलकती हुई नंगा बदन देखकर राजू का लैंड अपने आप ही खड़ा होने लगा था हालांकि वह झुमरी से गंदा नहीं बल्कि सच्चा प्यार करता था लेकिन फिर भी अपनी आंखों के सामने अपनी प्रेमिका को लगना अवस्था में देखकर उसकी भावनाएं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही थी वह ना चाहते हुए भी उसका लंड खड़ा होने लगा था आखिरकार कर भी क्या सकता था राजू अपने मन पर काबू कर सकता था लेकिन उसका लंड बिल्कुल भी नहीं क्योंकि लंड की बेहद पसंदीदा और खूबसूरत चीज उसकी आंखों के सामने थी एक खूबसूरत लड़की की गांड हालांकि अभी तक ना तो राजू ने और ना ही उसके लंड ने झुमरी की बुर के दर्शन नहीं किए थे लेकिन फिर भी इस बात का एहसास उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर दे रहा था कि उसकी आंखों के सामने झुमरी पूरी तरह से नंगी है उसकी खूबसूरत बेशकीमती खजाने को छुपाने के लिए उसके पास कपड़े का एक रेशा तक नहीं है,,,,,, क्योंकि अपने बदन से उतारे हुए कपड़े भी वह पानी में गिरा कर उसे गिला कर चुकी थी और सूखे कपड़े घास फूस की बनी झोपड़ी में रखे हुए थे वहां तक जाने के लिए भी उसे नंगी ही जाना पड़ता ऐसे हालात में राजू का उसकी आंखों के सामने आ जाना बेहद उत्तेजनात्मक स्थिति को पैदा कर सकता था लेकिन राजू अभी अपने आप को रोके हुए था मोटे से पेड़ के पीछे छुप कर वह अपने पूरे अस्तित्व को छुपा लिया था झुमरी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उसके ठीक पीछे ही बड़े से पेड़ के पीछे है राजू छुपा हुआ है उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख रहा है अगर शायद यह उसे पता चल जाता तो उसकी बुर से मदन रस टपकने लगता,,,,।
खेतों के बीच का यह स्थान पूरी तरह से मदहोशी में गर्म होता चला जा रहा था वातावरण की गर्मी से ज्यादा राजू को झुमरी की मदमस्त कर देने वाली जवानी की गर्मी महसूस हो रही थी,,, देखते ही देखते राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था,,, झुमरी अपनी गोलाकार गांड को वहीं रखे बड़े से पत्थर पर रखकर बैठ गई और ट्यूबवेल की पाइप से गिर रहे पानी को अपने हाथों में लेकर अपने बदन पर गिराने लगी बदन की गर्मी ठंडे पानी से थोड़ी बहुत राहत महसूस करवा रही थी लेकिन झुमरी को बिल्कुल भी सुकून नहीं था वह एकदम से गिरे पानी के नीचे सर रखकर बैठ गई और देखते-देखते पानी ने पूरी तरह से झुमरी को अपनी बाहों में लेकर उसे अपने शीतलता में भिगो दिया,,, झुमरी का बदन पूरी तरह से पानी में गीला हो गया उसके खुले हुए बाल पानी में भीग कर और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आने लगे अभी तक राजू को सिर्फ उसकी पीठ ही नजर आ रही थी और झुमरी तुरंत साबुन लेने के लिए राजू की तरफ घूम गई और राजू को उसकी गोल-गोल चूचियां नजर आने लगी हालांकि वह उस समय भी बैठे हुई थी इसलिए उसकी बुर को कितनी दूरी से देख पाना नामुमकिन सा लग रहा था क्योंकि पानी भी लगातार उसके बदन पर गिर रहा था जिससे उसकी बुर वाली जगह पानी की धार के पीछे छिप सी गई थी और ऐसा लग रहा था कि जैसे पानी की धार भी झुमरी की मदद करते हुए राजू को तड़पाने में अपना अहम भूमिका निभा रही हो,,,, साबुन को पाते ही झुमरी फिर से सामने की तरफ मुंह करके बैठ गई और अपने बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दी अपनी गीले बालों पर साबुन लगाकर उसके झाग में नहाई हुई जो मरी और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लग रही थी देखते ही देखते झुमरी अपने पूरे बदन पर साबुन लगा दी थी लेकिन पीठ तक उसका हाथ पहुंचने पा रहा था वह बार-बार कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से उसका हाथ पीठ पर पहुंच नहीं पा रहा था इसलिए राजू किस बात का एहसास हो गया था कि यही उसके पास मौका है झुमरी की आंखों के सामने आने का इसलिए वह चोर कदमों से उस बड़े से पेड़ के पीछे से बाहर निकला और धीरे-धीरे झूमर की तरह बाकी बढ़ने लगा और ठीक उसके पीछे पहुंचकर बोला,,,।
तुम्हें दिक्कत ना हो तो मैं लगा दूं साबुन,,,
(इतना सुनते ही झुमरी एकदम से चौक गए वह एकदम से घबरा गई और पीछे मुड़कर देखी तो उसके ठीक पीछे राजू खड़ा था राजू को अपने पीछे खड़ा देखकर उसकी जान में जान आई लेकिन उसकी आंखों के सामने एक बार फिर से नंगी होने के नाते वह अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश करने लगी वह अपने आप में ही सिमटने लगी,,, झुमरी की मर्जी जाने बिना राजू ठीक उसके पीछे बैठ गया और उसके हाथ से साबुन लेकर उसकी नंगी चिकनी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया एक मर्दाना हाथों को अपने बदन पर झुमरी पहली बार महसूस कर रही थी झुमरी का रोम-रोम एकदम झनझना जा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, उसके सपनों का राजकुमार ठीक उसके पीछे बैठकर उसकी नंगे बदन पर साबुन लगा रहा था यह एहसास ही उसके लिए बहुत ज्यादा मायने रखता था एक अद्भुत सुख उसके पूरे बदन में घर कर गया था,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की हालत खराब होती जा रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि पानी की धार में भी उसकी बुर पानी फेंक रही थी राजू अपने आप को खुश किस्मत समझता हुआ झुमरी के गोरे नंगे बदन पर साबुन ऊपर से नीचे की तरफ लगा रहा था वह जिस पर पत्थर पर बैठी हुई थी उस पर बैठने की वजह से उसकी गोलाकार शुगड गांड थोड़ी सी फैली हुई नजर आने लगी थी और उसके बीच की पतली दरार का ऊपर का बिंदु साफ नजर आ रहा था जिसे देखकर राजू का लंड तना जा रहा था,,,,,।
चिलचिलाती धूप में भी शीतल हवा बह रही थी जिससे राजू और झुमरी दोनों को राहत महसूस हो रही थी,,, झुमरी एकदम शांत हो चुकी थी अपने व्यक्तित्व से विरुद्ध वह कुछ भी नहीं बोल पा रही थी वह कभी भी शांत रहने वाली नहीं थी वह कभी भी किसी को कुछ भी बोल देती थी खास करके उन लड़कों को जो उससे इधर-उधर की गंदी बातें कर देते थे उन्हें वह झाड़ देती थी लेकिन इस समय वह एकदम मूक हो चुकी थी क्योंकि इस समय वह अपने प्रेमी के आगोश में थी अपने प्रेमी के हाथ को अपने नंगे बदन पर महसूस कर रही थी और इसी का फायदा राजू पूरी तरह से उठा देना चाहता था झुमरी को कुछ भी ना बोलता देखकर और ना ही उसका विरोध करता देखकर राजू की हिम्मत बढ़ने लगे बस तुरंत अपने दोनों हाथों को साबुन लगाने के बहाने पेट से होते हुए आगे की तरफ लाया और उसकी नंगी चूचियों पर साबुन लगाने के बहाने अपनी दोनों हथेली में उसकी दोनों नारंगीयो को लेकर दबाना शुरू कर देना,,, झुमरी के लिए यह सब कुछ नया था उसके तन बदन में राजू की हरकत से आग लग गई उसके बदन से उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजू इस तरह की हरकत कर देगा लेकिन जो कुछ भी हो रहा था उससे ना जाने क्यों झुमरी कमजोर पड़ती जा रही थी राजू का विरोध करने की उसमें बिलकुल भी हिम्मत नहीं थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह खुद ही राजू को आगे बढ़ने की इजाजत दे रही हो,,,, साबुन के झाग फिसलती हुई झुमरी की नंगी चूचियां राजू की हथेली में सामान ही रही थी ऐसा नहीं थी कि झुमरी की चूचियां खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी हो थी तो वह नारंगी जैसी ही गोल-गोल लेकिन साबुन के झाग की फिसलन की वजह से वह राजू की हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,,, राजू झुमरी की चुचियों को उत्तेजना के मारे कसकस कर दबाना चाहता था लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था लेकिन उसकी यह हरकत झुमरी के तन बदन में उत्तेजना की फुहार भर दे रही थी जो कि उसकी गुलाबी छेद से बाहर आ रही थी,,,। धीरे-धीरे झुमरी की सांसे गर्म हो रही थी क्योंकि लगातार राजू झुमरी की चूची को दबा रहा था साबुन लगाने के बहाने उसके बदन से छेड़छाड़ ले रहा था और इसका विरोध झुमरी बिल्कुल भी नहीं कर रही थी क्योंकि उसके जवान बदन में जवानी की तरंगे उठ रही थी उसे पहली बार मर्द के स्पर्श का अनुभव हो रहा था उससे मिलने वाले आनंद को वह अपने अंदर महसूस करके एकदम मदहोश हुए जा रही थी,,,,।
राजू ईसमौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था,,, उसकी हथेलियां बड़ी तेजी से झुमरी की चुचियों पर चल रही थी झुमरी की चूचियां दबाने मुझे बेहद आनंद की अनुभूति हो रही थी क्योंकि उसकी चूचियां छोटी होने के बावजूद भी उसकी हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,, राजू की हरकत की वजह से उसके मुंह से सिसकारी की आवाज आने लगी,,,।
सहरहहहह आहहहरहह राजू यह क्या कर रहा है,,,,ऊममममम
कुछ नहीं झुमरी तुम्हारी खूबसूरत चूची का नाप ले रहा हूं ताकि जब हम दोनों का विवाह होगा तो तुम्हारे नाप का ब्लाउज सिलवा सकूं,,,
आहहहहह राजू क्या सच में तू मुझसे शादी करेगा,,,
हां झुमरी मैं तुझसे प्यार करता हूं सच्चा प्यार करता हूं मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं और तुझसे ही शादी करके रहूंगा,,,,(वास्तविकता यही थी कि राजू सच में झुमरी से शादी करना चाहता था अपना घर गृहस्ती बसाना चाहता था लेकिन इस समय राजू विवाह का वास्ता देकर झुमरी को पूरी तरह से अपने वश में कर लेना चाहता था क्योंकि वह सुम्मरी के व्यक्तित्व से अच्छी तरह से वाकिफ था,,,,)
ओहहहह राजू छोड़ मुझे कोई देख लेगा,,,
यहां कोई नहीं आने वाला झुमरी इतनी खड़ी दुपहरी में गांव के लोग घर में ही सोते हैं उन्हें फुर्सत नहीं होती खेतों में आने की,,,,,(ईतना कहने के साथ ही राजू झुमरी के गर्दन के ऊपरी हिस्से पर चुंबन की बारिश कर दिया राजू को इस बात की अच्छी तरह से पता था कि औरतें कान और गले के बीच में चुंबन करने से और ज्यादा उत्तेजित हो जाती है और यही हो रहा था झुमरी के तन बदन में आग लग रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था एक तरह से झुमरी ने किसी के आने का बहाना देकर राजू को और भी आगे बढ़ने की इजाजत दे दी थी क्योंकि उसमें उसकी भी हा थी,,,, झुमरी की सांसें फूल रही थी फिर भी वह गहरी सांस लेते हुए बोली,,)
कोई आ गया तो राजू,,,,
कोई नहीं आने वाला झुमरी मेरा विश्वास करो ,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी दहकती हुई बुर पर रख दिया,,, अपनी बुर पर राजू की हथेली का स्पर्श होते ही वह एकदम से चौक गई क्योंकि उसके जीवन का यह पहला मौका था जब किसी मर्दाना हाथ को वह अपनी बुर पर महसूस कर रही थी वह पूरी तरह से बौखला गई थी उत्तेजना के चलते उसकी सांसे और ज्यादा तेजी से चलने लगी थी,,, और वह अपनी उखडती हुई सांसो के साथ राजू से बोली,,,)
ओहहहह राजू है क्या कर रहा है मैं पागल हो जाऊंगी,,,
कुछ नहीं अपनी होने वाली बीवी से प्यार कर रहा हूं,,
(राजू के मुंह से अपने लिए बीवी शब्द सुनकर झुमरी के तन बदन में खुशी के साथ-साथ उत्तेजना की लहर और ज्यादा उठने लग रही थी,,,,)
आहहहहह राजू ऐसा ना करो मैं मर जाऊंगी,,,,
(इतना कहते हुए झुमरी मदहोशी के हालत में पूरी तरह से अपनी पीठ को राजू की छाती से टिका दी थी वैसे भी राजू कमर के ऊपर से पूरी तरह से लगा था नंगी पीठ का स्पर्श अपने बदन पर होते ही राजू का लंड और ज्यादा टनटना गया जो कि सीधे पजामे में होने के बावजूद भी झुमरी की पीठ पर ठोकर मार रहा था,,, जोकि बिल्कुल भी अनुभव ना होने के बावजूद भी झुमरी को इस बात का एहसास तो हो गया था कि उसकी पीठ पर क्या चुप रही है और इस बात का एहसास सेवा पूरी तरह से उत्तेजना के मारे गनगना गई थी और देखते ही देखते वह अपने संपूर्ण वजूद को राजू की नंगी छाती पर टिका दी थी,,,, राजू लगातार एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी बुर की हालत खराब कर रहा था,,,,, और ऊपर से ट्यूबवेल की पाइप में से पानी गिर रहा था जो कि दोनों के बदन को भी हो रही थी दोनों एक साथ ट्यूबवेल के पानी के नीचे नहा रहे थे और आनंद ले रहे थे,,,,, झुमरी की हालत को देखते हुए राजू समझ गया था कि अब झुमरी पूरी तरह से लाइन पर आ गई है और देखते ही देखते वह अपनी एक उंगली को उसकी बुर के अंदर घुसेडना शुरू कर दिया बुर पहले से ही पानी छोड़ रही थी इसलिए देखते ही देखते राजू अपनी उंगली को उसकी बुर के अंदर प्रवेश कराना शुरू कर दिया था और,,, जैसे ही झुमरी को इस बात का एहसास हुआ वह तुरंत अपना हाथ राजू के हाथ पर रख कर उसे रोकने की कोशिश करते हुए बोली,,,,)
नहीं राजू नहीं,,,,, मुझे शर्म आ रही है,,,
झुमरी मेरी रानी अपने होने वाले पति से शर्माने की जरूरत नहीं है अगर शर्म आओगी तो अपने पति से मजा कैसे ले पाओगी,,,
(राजू अपनी बातों में झुमरी को पूरी तरह से उलझा रहा था और झुमरी राजू की इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,,, देखते ही देखते राजू अपनी मनमानी करते हुए झुमरी की बुर में अपनी एक उंगली को अंदर तक प्रवेश करा दिया अंदर उंगली जाते हैं राजू को इस बात का अहसास हो गया कि झुमरी की जवानी बहुत ज्यादा गर्म है क्योंकि उसकी बुर के अंदर उसकी उंगली पूरी तरह से तप रही थी,,,, राजू को मजा आ रहा था राजू एक हाथ से उसकी चूची और दूसरे हाथ से उसकी बुर से खेल रहा था जिस पर झुमरी ने आज तक किसी की नजर तक नहीं पड़ने दी थी हाथ लगाने की तो बात ही दूर थी लेकिन राजू की किस्मत बड़े जोरों पर थी क्योंकि झुमरी मन ही मन राजू को पसंद करती थी उसे पति के रूप में देखना चाहती थी इसलिए राजू को अपने बदन से खेलने की इजाजत दे रही थी वरना उसकी जगह कोई और होता तो हंसीया से उसका हाथ काट देती,,,,
राजू को इस खेल में मजा आने लगा था खड़ी दुपहरी में खेतों के बीच यहां और कोई नहीं था खुले में कुछ और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी झुमरी का तो यह पहली बार था इसलिए उसके तन बदन में अजीब सी लहर उठ रही थी जिसे संभालना उसके लिए नामुमकिन सा होता जा रहा था बार-बार उसकी बुर पानी फेंक दे रही थी और राजू तो इस खेल में पूरी तरह से माहिर हो चुका था उसे इस बात का अच्छी तरह से ज्ञान था कि औरतों को कैसे खुश किया जाता है कैसे उन्हें अपने बस में किया जाता है और वही सारा तरीका वहां झुमरी के पक्ष में लगा रहा था और झुमरी भी उसके तरीकों से पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,,,, राजू अपनी उंगली को झुमरी की बुर में डाल कब से अंदर बाहर कर रहा था एक तरह से वह झुमरी की चुदाई करना शुरू कर दिया था यह चुदाई करने से पहले प्रारंभ का सबक था जिसमें औरत या लड़की को पूरी तरह से अपने वश में करने का यही एक बेहद सक्षम तरीका होता है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है जिस पर मेहनत करके राजू पार हो चुका था देखते ही देखते राजू अपनी उंगली का सहारा लेकर झुमरी की बुर में अपने लिए जगह बना रहा था क्योंकि इस बात से वह भी अच्छी तरह से वाकिफ था कि झुमरी पहली बार चुदाई के लिए तैयार हो रही है और उसका लंड मोटा और लंबा है ऐसे हालात में उसकी बुर में सीधे-सीधे डाल देना उचित नहीं था,,,, इसलिए राजू समझदारी और चालाकी से काम ले रहा था झुमरी पूरी तरह से अपनी नंगी पीठ को राजू की नंगी छाती पर टिकाए हुए थी झुमरी की हालत को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी पूरी तरह से उसके पास में हो चुकी है इसलिए धीरे से उठा और ठीक उसके सामने आकर खड़ा हो गया,,, पानी में पैजामा पूरी तरह से भीग चुका था झुमरी की नजर जैसे ही भीगे हुए पजामे के अंदर छुपे उसके मोटे टनटनाते लंड पर पड़ी वह एकदम से घबरा गई,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे वहां इंसान का नहीं बल्कि गधे का लंड देख ली हो,,,, झुमरी की घबराहट राजू ने उसके चेहरे से पढ़ लिया था इसलिए झुमरी से बोला,,,।
क्या हुआ झुमरी मेरी रानी ऐसे क्यों देख रही हो,,,
(राजू की बात सुनते ही वह नजर उठा कर राजू की तरफ देखी और वापस पजामे की तरफ देखने लगी उसके पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं थे वह शर्मा भी रही थी और उत्सुक भी थी राजू के लंड को देखने के लिए और वह भी एकदम नंगा,,, झुमरी की खामोशी में ही उसकी हा थी इस बात को राजू अच्छी तरह से समझ गया था इसलिए उसकी आंखों के सामने ही वह अपना पजामा उतारना चाहता था लेकिन तभी उसे कुछ याद आया वह झुमरी को और ज्यादा गर्म कर देना चाहता था इसलिए पैजामा उतारे बिना ही वह अपने घुटनों के बल बैठ गया और उसकी दोनों टांगों को घुटनों से पकड़ कर उसे फैलाने लगा ऐसा करने से झुमरी एकदम से सकते में आ गई और अपने दोनों टांगों को आपस में हटा दी क्योंकि वह समझ गई थी कि राजू क्या देखना चाहता है,,,,,)
नहीं राजू मुझे शर्म आ रही है,,,,
पहली बार तो शर्म आती है मेरी जान लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आने लगता है और वैसे भी किसी गैर के सामने तुम अपनी टांगें थोड़ी खोल रही हो मैं तो तुम्हारा होने वाला पति हूं तुमसे शादी करके तुम्हें अपने घर लेकर आऊंगा तब तो रोज तुम्हारी चुदाई करूंगा तब क्या करोगी,,,
(राजू के मुंह से चुदाई करने वाली बात सुनकर झुमरी एकदम से शर्मा गई और शर्मा कर दूसरी तरफ अपनी नजर कुमारी और इसी पल का फायदा उठाते हुए राजू ने तुरंत उसके दोनों घुटनों को एक दूसरे के विरुद्ध फैला दिया उसकी टांगे खुलते ही राजू को उसकी गुलाबी फूल और वह भी एकदम कचोरी की तरह फूली हुई नजर आने लगी,,, राजू के लिए नजारा उसका देखे गया सबसे बेहतरीन हजारों में से एक था क्योंकि वह झुमरी से प्यार करता था उसकी गुलाबी बुर को देखना उसका सपना का इसलिए इस समय वह पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो गया झुमरिया देखकर अंदर ही अंदर गदगद हुए जा रही थी कि राजू उसकी बुर को प्यासी नजरों से देख रहा है झुमरी कुछ कर पाती या कुछ बोल पाती इससे पहले ही राज उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से खोलते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी गीली बुर पर रख दिया और ऐसा करते ही झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे समझ में नहीं आया कि यह राजू ने क्या किया क्योंकि उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि मर्द औरत की बुर भी चाटते हैं क्योंकि उसने आज तक ना तो इस बारे में कभी सोची थी ना ही कभी अपनी आंखों से उसे यह सब देखने का मौका मिला था इसलिए उसके लिए सब कुछ नया था राजू पलभर में ही झुमरी को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया वह पूरी तरह से ध्वस्त होने लगी राजू की मर्दानगी के आगे घुटने टेकने लगी उसकी टांगे कांपने लगे यह अवसर उसके लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था,,,।
गर्मी के दिन में जब पूरा गांव अपने घर में आराम कर रहा था तब झुमरी और राजू खेतों में कपड़े धोते-धोते कब काम क्रीड़ा का आनंद लेने लगे दोनों को पता ही नहीं चला राजू पूरी तरह से अपनी जीभ का जादू झुमरी की बुर के ऊपर चला रहा था और राजू का जादू काम भी कर रहा था बुरी तरह से झुमरी गहरी गहरी सांस ले रही थी वह आनंद के सागर में गोते लगाना शुरू कर दी थी उसे मजा आने लगा था वह कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह के खेल में इतना मजा आता है वह पागलों की तरह गहरी गहरी सांस लेते हुए गरम सिसकारी ले रही थी जो कि इस समय उसकी गर्म सिसकारी को सुनने वाला वहां कोई नहीं था,,,, राजू पूरी तरह से झुमरी की गर्म जवानी का रस अपनी जीभ से निचोड़ रहा था और अपने गले में गटक रहा था,,,,, झुमरी पागलों की तरह अपना सर इधर उधर भटक रही थी वह भी बड़े से पत्थर पर बैठे हुए थी जिस पर बैठने की वजह से उसकी गांड थोड़ी चौड़ी नजर आने लगी थी और राजू उसकी कमर थामें हुए अपनी जीभ अंदर तक डाल रहा था,,, झुमरी की बुर लगातार पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से वह चिपचिपी हो गई थी उसके चिपचिपे पन का फायदा उठाते हुए राजू कब उसकी बुर में अपनी एक ऊंगली डाल दीय५उसे पता ही नहीं चला और उसे अंदर बाहर कर बुर को चाटने आनंद लेने लगा,,,।
झूमरी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी जिसकी गहरी सांस एस बात का सबूत था कि वह पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रही हो ईसी पल का राजू को इंतजार भी था हुआ समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गरम हो चुका है उस पर थोड़ा चलाना जरुरी है इससे तुरंत अपना मुंह उसकी बुर से हटाकर खड़ा हो गया राजू का लंड पजामे के अंदर पूरी तरह से टनटना गया था जो कि पानी में गीला होने के बावजूद भी अपना असर दिखा रहा था उसे देख झुमरी की बुर फिर से पानी छोड़ने लगी,,,, झुमरी को चोदने के लिए राजू उसकी इजाजत मांगना जरूरी नहीं समझ रहा था क्योंकि वह जानता था कि वह इंकार करेगी लेकिन अंदर से वह भी उसके लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,, इसलिए राजू झुमरी के ऊपर अपना आखिरी पाशा फेंकने जा रहा था वह तुरंत झुमरी की आंखों के सामने अपने पजामे को उतारने लगा झुमरी शर्मा रही थी उसकी तरफ देखने से कतरा रही थी,,, देखते ही देखते राजू झुमरी की आंखों के सामने एकदम नंगा हो गया उसका लंड हवा में लहरा रहा था आसमान की तरफ मुंह उठाए खड़ा था जब देखा कि झुमरी उसकी तरफ नहीं देख रही है तो राजू उसके खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों में भर लिया और उसकी नजरों को अपने लंड की तरफ करते हुए बोला,,,।
शर्मा क्यों रही हो मेरी रानी तुम्हारा ही है तुम्हारे लिए ही तो खड़ा हुआ है तुम मुझसे प्यार नहीं करोगी तो कौन करेगा क्या तुम चाहती हो कि मैं किसी और लड़की से प्यार करूं किसी और को यह सुख दूं,,,,
(झुमरी शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद किए हुए थे और राजू की बात सुनकर ना में सर हिला रहे थे यह देखकर राजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और फिर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)
चलो मेरी रानी जिस तरह से मैंने तुम्हारी बुर से प्यार किया हूं तुम भी मेरे लंड से प्यार करो,,,,(इतना कहने के साथ ही वह झुमरी कि खूबसूरत चेहरे को अपने हाथों में लिए हुए ही अपने लंड की तरफ आगे बढ़ाने लगा झुमरी को बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि राजू क्या करने वाला है और देखते ही देखते जैसे ही अपने होठों पर राजू के गर्म लंड का स्पर्श हुआ वह एकदम से चौक गई और अपनी आंखों को खोल दी,,,)
यह क्या कर रहे हो राजू,,,
तुम्हें प्यार करना सिखा रहा हूं,,,
ऐसे कोई प्यार होता है क्या,,,
क्यों मैंने भी तो तुम्हारी बुर से प्यार नहीं किया अपने हॉट से लगाकर ऐसे ही तो मर्द और औरत प्यार करते हैं,,,
क्या सच में ऐसा होता है,,,
हां झुमरी मेरी रानी एक बार इसे मुंह में लेकर चूसने देखो कितना मजा आता है,,,
नहीं मुझे गंदा लगता है,,,
कुछ गंदा नहीं है बस एक बार इसे मुंह में लो फिर तुम खुद ही से नहीं छोड़ोगी,,,
(इतना कहते हो राजू अपनी लैंड के गरम सुपाड़े को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रगड़ना शुरु कर दिया इनकार करने के बावजूद भी झुमरी के तन बदन में आग लगने लगी और अपने आप ही उसके लाल लाल होंठ खुल गए और मौका देखते ही राजू अपने लंड के सुपाड़े को उसके लाल-लाल होठों के बीच डाल दिया,,,, पहले तो झुमरी को थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर जैसे-जैसे राजू ने बताया उस पर जीभ घुमाते हुए उसे मजा आने लगा और देखते ही देखते राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया कुछ ही देर में झुमरी को इतना आनंद आ रहा था कि पूछो मत वह खुद ही राजू की लंड को पकड़ कर उसे मुंह में लेकर चूसने आई थी देखते ही देखते उसकी शर्म हवा में फुर्र हो गई थी,,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था झुमरी को चोदने की ललक उसकी आंखों में साफ दिखाई दे रही थी वह तुरंत झुमरी के मुंह में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी दोनों टांगों को उसी स्थिति में फैलाना शुरू कर दिया या देखकर झुमरी बोली,,,।
नहीं राजू यहां नहीं मुझे शर्म आ रही है कोई देख लिया तो गजब हो जाएगा,,,
(राजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने खड़े लंड को झुमरी की बुर में डाल देना चाहता था इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,)
तब,,,,,,
झोपड़ी में चलते हैं,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर आज एकदम खुश हो गया क्योंकि उसकी काम क्रीडा की हरकत पूरी तरह से काम कर चुकी थी झुमरी खुद अब चुदवाना चाहती थी इसलिए झुमरी को देखकर राजू मुस्कुराने लगा और वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही वह आगे बढ़ कर उसे गोद में उठा लिया झुमरी एकदम से घबरा गई ,,, झुमरी उसे लगातार नीचे उतारने के लिए बोल रही थी लेकिन राजू उसे गोद में लिए हुए झोपड़ी की तरफ चला जा रहा था झुमरी हैरान थी राजू की ताकत को देखकर क्योंकि वह बिना डगमगाए बड़े आराम से उसे गोद में उठाए हुए चला जा रहा था यहां तक कि झुमरी का वजन थोड़ा ज्यादा था लेकिन फिर भी उसे जरा भी फर्क नहीं पड़ रहा था यह देखकर झुमरी के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी जाने लगी थी झुमरी को इस बात का डर था कि राजू उसे गिराना दे लेकिन राजू का आत्मविश्वास देखकर वह खुद करके रोए जा रही थी देखते-देखते राजू उसे गोद में उठाए हुए ही झोपड़ी के अंदर लेकर आया और घास फूस की ढेर में उसे लाकर पटक दिया अब राजू के लिए रोक पाना अपने आप पर काबू कर पाना असंभव था वह देखते ही देखते झुमरी कि दोनों टांगों को फैला दिया और,,, जैसे ही राजू को झुमरी की गुलाबी बुर नजर आई उसके मुंह में पानी आ गया और वहां अपने आप को रोक नहीं पाया घुटनों के बल बैठकर झुमरी को अपनी तरफ खींचा और उसकी आदि गांड को अपने घुटनों पर रख दिया झुमरी के लिए पहला मौका था जब वह किसी के लंड को अपनी बुर में लेने जा रही थी इसलिए उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसके मन में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अंदर जाने पर कैसा लगेगा और इसी कशमकश में वह अपनी आंखों को बंद कर चुकी थी,,,,
झुमरी के चरित्र को देखकर राजू अच्छी तरह से जानता था कि जो मेरी पूरी तरह से कुंवारी लड़की है उसकी बुर में लंड डालना बड़ी मेहनत का काम है इसलिए मैं धीरे-धीरे ढेर सारा थूक लगाकर झुमरी की बुर पर अपने लंड के सुपाड़े को रखकर उसे धीरे-धीरे अंदर की तरफ ठेलने लगा,,, अभी सुपाड़ा मात्र एक अंगूर अंदर घुसा था कि झुमरी को दर्द महसूस होने लगा राजू समझ गया कि बड़े सावधानी से आगे बढ़ना है इसलिए वह अपने हाथों को आगे बढ़ाकर उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया उसको उत्तेजित कर रहा था उसी उत्साह रहा था देखते ही देखते वह अपनी कमर का भी असर उसे दिखा रहा,,, था,,, झुमरी की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनते ही वह अपनी कमर को आगे की तरफ तेरा और आधा सुपाड़ा झुमरी की बुर में,, समा गया उसे दर्द हो रहा था लेकिन वह अपने दर्द को जेल गई थी उसे नहीं मालूम था कि आगे और भी दर्द होगा क्योंकि उसकी बुर में पहली बार लड़ने जा रहा था देखते ही देखते राजू ने थोड़ा सा और धक्का लगाया और लंड का पूरा सुपड़ा बुर की अंदर घुस गया अब जाकर झुमरी को दर्द का एहसास होने लगा उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई और राजू तुरंत आगे बढ़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिया और उसे चूसना शुरू कर दिया और उसी स्थिति में रुका रह गया वह जानता था कि झुमरी का पहली बार होने की वजह से हुआ है बर्दाश्त नहीं कर पाएगी और अगर एक बार उसने लंड बाहर निकाल लिया तो झुमरी फिर उसे दोबारा डालने नहीं देगी,,, इसलिए उसे समझाते हुए बोला,,,
बस बस मेरी जान हो गया देखना इतना मजा आएगा कि तुम खुद मेरे लंड पर कुदोगी,,,,(और इतना कहते हुए उसकी चूची को से लाते हैं और उसके लाल-लाल होठों का रसपान करते हुए फिर से अपनी कमर को सहमत दिया और उसे धक्का मार कर आगे की तरफ फेंक दिया इस बार राजू का आधा लंड उसकी बुर के अंदर घुस गया अब झुमरी को और दर्द करना शुरू हो गया झुमरी अपना सर पटकने लगी अपना पाव इधर-उधर फेंकने लगे लेकिन राजू उसे अपने नीचे लिए हुए उसे काबू में रखे हुए था और उसकी चूची को पकड़कर दबा रहा था ताकि उसका दर्द कम हो जाए,,,)
बस बस हो गया मेरी जान बहुत खूबसूरत हो तुम झुमरी तुम्हारी खूबसूरती देखकर मैं पागल हो गया हूं इसीलिए तुम्हें बीवी बनाने का मैंने कब से उठा लिया था जबसे तुम्हें पहली बार नंगी नहाता हुआ देखा था उसी दिन मैंने निश्चय कर लिया था कि मेरे घर में बीवी बनकर आएगी तो सिर्फ झुमरी,, तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की पूरे गांव में तो क्या अगल-बगल के 10 गांव में मैंने आज तक नहीं देखा तुम जानती हो दिन भर में बैलगाड़ी लेकर इधर-उधर घूमता रहता हूं लेकिन तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा इसलिए तो मैं तुम्हारा दीवाना हूं मेरी जान,,,
(राजू की बातों का जादू झुमरी के ऊपर छाने लगा था उसका दर्द कम होने लगा तो राजू अपनी बात को जारी रखते हुए बोला,,,)
तुम नहीं जानती झुमरी तुम्हें चोदने का मैं कबसे कल्पना करता था सपने देखता था ख्वाब देखता था मैं यही सोचता था कि तुम जिस दिन मेरे घर पर दुल्हन बन कर आओगे सारी रात तुम्हें प्यार करूंगा तुम्हें कपड़े पहनने नहीं दूंगा सारी रात तुम्हें नंगी करके रखूंगा और रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर रखूंगा,,,,(राजू की बातों में शहद खुला हुआ था मदहोशी भूली हुई थी मादकता छाई हुई थी जो कि पूरी तरह से झुमरी को अपनी आगोश में ले रही थी राजू के मुंह से निकला एक-एक शब्द झुमरी के बदन में आग लगा रहे थे इसलिए तो वह सिसकारी देना शुरू कर दी थी और यही मौका देखकर राजू ने फिर से जोर लगाया और पूरा का पूरा लंड झुमरी की बुर में गाड़ दिया,,,, एक बार फिर से झुमरी की चीज बड़ी जोरों से निकले लेकिन उस सुनसान खेतों में उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था राजू जानता था कि थोड़ी ही देर में उसे मजा आ जाएगा इसलिए अपनी बातों का सिलसिला जारी रखते हुए वह बोला,,,)
ओहहहह झुमरी बस हो गया मेरी जान तू नहीं जानती तुम जब चलती हो तो तुम्हारी गांड इधर-उधर जब मटकती है ना देखकर लड़के का मन हो जाता है मैं तो तुम्हारी चाल पर एकदम फिदा हो गया हूं लेकिन देखना जब तुम मुझसे शादी कर लो कि जब तुम मेरी बीवी बन जाओगी तो तुम्हें चलने नहीं दूंगा तुम्हें घर पर रख लूंगा रानी बनाकर तुम्हें खेतों में नहीं जाना पड़ेगा काम नहीं करना पड़ेगा तुम दिन भर रात भर मेरी पलकों पर बैठी रहोगी क्योंकि मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी खूबसूरती को गांव का कोई मर्द अपनी आंखों से पी ए क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम्हें देखकर ना जाने कितने लोग अपने मन में गंदे विचार लाते होंगे,,, तुम्हारी खूबसूरती का रस पीने के लिए लालायित होते होंगे,,, और मेरी किस्मत कितनी अच्छी है कि तुम मुझे अपने पति के रूप में स्वीकार करना चाहती हो और मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं,,,
(राजू की मिश्री घुली बातें झुमरी के दर्द पर असर कर रही थी उसका दर्द कम हो रहा था असहनीय पीड़ा को वह राजू की बातों से झेल ले जा रही थी थोड़ी देर में सब कुछ सही हो गया राजू अपने हाथ का करामत दिखाते हुए उसके नारंगी को पकड़कर जोर जोर से दबा रहा था जिसके चलते हैं उसके चेहरे का रंग फिर से बदलने लगा और वह मदहोशी में आहें भरने लगी और इसी मौके की तलाश में राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते वह झुमरी को चोदना शुरू कर दिया था राजू के लिए झुमरी पर काबू पाना बहुत ही बड़ा सफर तय करके मंजिल तक पहुंचने जैसा था आखिरकार राजू झुमरी की मां के साथ साथ झुमरी की भी चुदाई कर रहा था,,,।
थोड़ी देर में राजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से झुमरी की बुर की गहराई नापना शुरू कर दिया था,,, लेकिन झुमरी की बुर की अंदर की दीवारों पर राजू का लंड रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था जिससे झुमरी के आनंद में बढ़ोतरी होती जा रही थी और उसकी पुर बार-बार पानी छोड़ रही थी,,,, राजू लगातार अपनी कमर हिला रहा था उसकी गर्दन उसके हो उसके गाल पर चुंबनो की बारिश कर रहा था,,, जिससे झुमरी को और ज्यादा मजा आ रहा था थोड़ी ही देर में झुमरी की बुर से चप्प चप्प आवाज आना शुरू हो गई जिससे वातावरण पूरी तरह से गर्मा रहा था और झुमरी की गरम सिसकारियां राजू के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी भर रही थी,,,,
झुमरी अपनी नजरें उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच राजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर के अंदर बाहर होता हुआ देखकर आश्चर्यचकित हुए जा रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इतना मोटा तगड़ा लंड इतने आराम से उसकी बुर के अंदर अंदर बाहर हो रहा है,,,, झुमरी के चेहरे को देखकर राजू समझ गया कि वह क्या सोच रही है इसलिए राजू मुस्कुराता हुआ बोला,,
बोला था ना मेरी रानी बहुत मजा आएगा अब कैसा लग रहा है बताओ,,,
बहुत अच्छा लग रहा है,,,(शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बोली)
अभी तो देखना और मजा आएगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ झुमरी के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन दर्द से ज्यादा उसे मजा आ रहा था,,, थोड़ी देर तक इस स्थिति में चुदाई करने के बाद राजू अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे घोड़ी बनने के लिए बोला मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना है इसलिए राजू ने खुद ही उसे अपने हाथों से घुटने मोड़कर उसकी हाथ की कोहनी मोड़ कर उससे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड को अपने हाथों से हवा में उठा दिया,, मदहोशी से भरी हुई झुमरी राजू के इशारे पर नाच रही थी और जैसा वह कर रहा था वैसे ही होती जा रही थी देखते ही देखते राजू पीछे से झुमरी की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसके गुलाबी छेद में डाल दिया और फिर से चोदना शुरू कर दिया इस स्थिति में झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे बहुत मजा आ रहा था ऐसा आनंद उसने कभी महसूस तक नहीं की थी और ना ही कभी ऐसे आनंद के बारे में वह सोची थी,,
कुछ ही देर में झुमरी के मुंह से गरमा गरम सिसकारियां फूटने लगी और उन गरम सिसकारियां को सुनकर राजू की मदहोशी और बढ़ती जा रही थी गर्मी का महीना होने की वजह से राजू और झुमरी दोनों का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था इतनी मेहनत जो दोनों कर रहे थे लेकिन जितनी मेहनत कर रहे थे उससे 10 गुना आनंद भी प्राप्त कर रहे थे देखते ही देखते झुमरी की सांसें तेज चलने लगी राजू समझ गया कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए राजू तुरंत उसकी गोल गोल सुडोल गांड को कस के अपने दोनों हाथों से पकड़कर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए राजू पीछे से झुमरी को पकड़े हुए सूखी हुई घास पर एकदम पसर गया ,,,,,।
राजू अपने सपनों की रानी जिसके बारे में वह सपने बना करता था जिसके साथ जीवन यापन करने का ख्वाब देख रहा था ऐसी खूबसूरत झुमरी की जवानी पर वह पूरी तरह से काबू पा चुका था झुमरी की बुर को हासिल कर लेने के बाद वह अपने आप को दुनिया का सबसे खुशकिस्मत लड़का समझने लगा था और वास्तव में ऐसा ही था झुमरी ने आज तक किसी पराए मर्द को अपने बदन को हाथ भी लगानी नहीं दी थी और राजू को वह अपना सर्वस्य सौंप चुकी थी,,,,,, राजू झुमरी के साथ ऐसा करना नहीं चाहता था लेकिन झुमरी के करीब रहकर उसकी मदहोश कर देने वाली खुशबू को अपने अंदर महसूस करके वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और अपनी आंखों के सामने झुमरी को अपने कपड़े उतार कर नंगी होता हुआ देखकर उसकी मदमस्त कर देने वाली कौन कौन था उसकी नारंगी जैसी चूचियां और शरबती रस से भरी हुई उसकी रसीली बुर दूर यह सब राजू को मजबूर कर दी थी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए,,,, और इस काम क्रीड़ा में जितना मजा राजू को प्राप्त हुआ था उससे कहीं ज्यादा मजा झुमरी को मिल रहा था इसीलिए तो वह सुखी हुई घास पर ढेर हो गई थी और गहरी गहरी सांस ले रही थी राजू उसके ऊपर ही लेटा हुआ था और अभी तक उसका मोटा तगड़ा लंड झुमरी की बुर में घुसा हुआ था जिसे झुमरी अपनी बुर में महसूस करके पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी राजू कैलेंडर से उसका गर्म लावा बूंद बूंद करके झुमरी की बुर की तलैया को भर रहा था,,,,,,,।
झोपड़ी मैं और झोपड़ी के बाहर असीम शांति छाई हुई थी केवल दोनों की गहरी चल रही सांसो की आवाज ही आ रही थी कुछ देर तक राजू झुमरी की नंगी चिकनी पीठ पर लेटा रहा और अपने लंड को उसकी बुर की गर्माहट देता रहा झड़ जाने के बावजूद भी उसका लंड ज्यों का त्यों खड़ा था झुमरी को इस तरह का अनुभव पहले कभी नहीं था इसलिए वह बिल्कुल भी अंदाजा लगाने की हालत में नहीं थी,,, झड़ने के बाद लंड की स्थिति क्या होती है,,,, राजू झुमरी के गर्दन पर अपने होठों का चुंबन लेते हुए बोला,,,।
कैसा लगा मेरी रानी,,,,
(जवाब में वह कुछ बोल नहीं पाई बस शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद कर ली,,,, राजू को लड़कियों और औरतों का इस तरह से शर्मा ना ही उसकी उत्तेजना का सर्वप्रथम कारण बन जाता था,,, झुमरी केवल इतना ही बोल पाई,,)
अब बाहर निकाल लो,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर राजू एकदम मस्त हो गया,,, और झुमरी की बात मानते हुए अपने मोटे तगड़े लग गई अंडकोष उमरी की कसी हुई बुर से बाहर खींचते हुए वह अपने लंड को बाहर निकाल दिया और उसके बगल में पेट के बल बैठ गया झुमरी पेट के बल लेटी हुई थी और वह पीठ के बल दोनों एक दूसरे को देख रहे थे दोनों की नजरें आपस में टकराई और झुमरी शर्म से पानी पानी होने लगी,,,,)
आज मैं बहुत खुश हूं झुमरी,,, तुमने मुझे दुनिया का सबसे हसीन सुख दिया है जिसके बारे में सिर्फ मैं कल्पना किया करता था लेकिन तुमने आज मेरे ख्वाब को हकीकत में बदल दि हो,,, मैंने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की को नहीं देखा बाहर से तुम कितनी खूबसूरत हो बिना कपड़ों के तुम और भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगती है कसम से ऐसा लगता है कि जैसे स्वर्ग से कोई अप्सरा नीचे उतर आई हो,,,।
(राजू झुमरी के लिए तारीफ के पुल बांध रहा था झुमरी अपनी खूबसूरती की तारीफ राजू के मुंह से सुनकर गदगद हुए जा रही थी हालांकि उसे शर्म भी बहुत महसूस हो रही थी क्योंकि इस समय भी वह पूरी तरह से नंगी ही थी,,, मैं सिर्फ मंद मंद मुस्कुरा रही थी और राजू तारीफ पर तारीफ किया जा रहा था,,,)
तुम मुझे जाने के लिए कही थी लेकिन मैं भला कैसे जा सकता था तुम्हें यहां पर अकेला छोड़ कर और वह भी ऐसे माहौल में जबकि हम दोनों मिलकर साथ में कपड़े धो रहे थे,,, सच झुमरी जब तुम अपने हाथों से एक-एक करके अपने बदन पर से कपड़े उतार कर नंगी हो रही थी कसम से उस समय का दृश्य देखने लायक था दुनिया में इस तरह का नजारा शायद कोई नहीं देखा होगा जब एक लड़की एक लड़के के सामने अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है मैं पेड़ के पीछे छुप कर सब कुछ देख रहा था तुम्हारा सलवार की डोरी खोलना सलवार उतारना कुर्ती उतारना तुम्हारी नंगी गांड देखकर तो मेरी हालत खराब हो गई थी तुम्हारी गांड भी कितनी खूबसूरत है झुमरी,,,(लेटे हुए ही अपना हाथ आगे बढ़ाकर झुमरी की गांड पर रखते हुए और से हल्के हल्के से लाते हुए ऐसा करने से झुमरी के तन बदन में झनझनाहट सी दौड़ने लगी थी) मैं तो तुम्हारी गांड को बस देखता ही रह गया एकदम सुगठित सुडौल है,,, सच कहूं तो तुम्हारी खूबसूरती की परिभाषा तुम्हारी गांड खुद है,,, कोई अगर तुम्हारे चेहरे को ना भी देखें और तुम्हारी गांड को भले ही सलवार में कैद हो उसकी उन्नत उभार को देखकर ही सही अंदाजा लगा लेगा कि गांड इतनी खूबसूरत है तो तुम कितनी खूबसूरत होगी,,,
राजू,,ऊमममम, कैसी बातें कर रहे हो मुझे शर्म आ रही है,,,(झुमरी शर्म से पानी पानी होते हुए बोली)
क्या झुमरी मुझसे शर्म करने की अब कोई जरूरत नहीं है ,,,, तुम मेरी होने वाली बीवी हो,,,(झुमरी की उम्र की गांड को अपनी हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाते हुए) मुझसे शर्म करोगी तो फिर आगे कैसे काम चलेगा अब तो तुम्हें मेरे सामने रोज अपनी टांगें खोलना है,,,,(झुमरी कभी भी इस तरह की बातें नहीं सुनी थी खास करके अपने लिए इसलिए राजू की बातें उसे शर्मसार किए जा रही थी ना चाहते हुए भी उसके बदन में अजीब सी झनझनाहट हो रही थी और उसकी बुर से एक बार फिर से मदन रस टपकने लगा था,,,, फिर भी वह शंका जताते हुए बोली)
राजू इस बारे में किसी को पता चल गया तो,,,
अरे किसको पता चलेगा यहां पर तुम्हारे और मेरे सिवा है कौन किसी को पता नहीं चलेगा और किसी को पता भी चल गया तो मैं नहीं डरता वैसे भी तुम्हें मैं अपनी बीवी बनाना चाहता हूं,,,, और तुम तो जानती हो बीवी को दिन-रात चोद सकते हैं,,,
राजू इस तरह की बातें मत किया करो मुझे बहुत शर्म आती है,,,,,,
और तुम्हारे ईसी शर्माने की वजह से मेरा मन फिर से मचलने लगता है देखो तो सही,,(अपने लंड को हाथ से पकड़ कर ही लाते हुए) मेरा लंड फिर से तैयार हो गया है तुम्हारी बुर में घुसने के लिए,,, अब मैं फिर से तुम्हें चोदने जा रहा हूं,,,,,
(इतना सुनते ही उत्तेजना के मारे झुमरी का गला सूखने लगा उसके बदन में कसमसा हाइट बढ़ने लगी क्योंकि राजू जी इस तरह की बातें कर रहा था उसे लगने लगा था कि कुछ ही देर में राजू फिर से उसकी बुर में अपना लंड डाल देगा परिवार फिर से उसे पूरी तरह से मस्त कर देगा,,, फिर भी व राजू से अपनी शंकाओं को दूर करने के लिए बोली,,)
राजू तुम मुझसे सच में शादी करोगे ना,,,,
(इतना सुनते ही राजू झुमरी की तरफ देखकर जोर-जोर से हंसने लगा झुमरी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस तरह से क्यों हंस रहा है जो मेरी भी मुस्कुरा रही थी लेकिन फिर जोर जोर से हंसते हुए राजू बोला)
तुम बहुत भोली हो झुमरी किसी की भी बात में आ जाती हो,,, मैं तो तुम्हारी बुर को पाने के लिए सिर्फ तुमसे शादी का नाटक कर रहा था तुमसे प्यार का नाटक कर रहा था,,,
(इतना सुनते ही झुमरी की आंखें आश्चर्य से चोडी होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि राजू यह क्या कह रहा है और राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला।) तुम्हें क्या लगा झुमरी में तुम्हारे साथ शादी कर लूंगा,,,, तुम खूबसूरत हो लेकिन इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं तुम्हारे पीछे दीवाना हो जाऊं और तुम से शादी कर लु मेरे लिए तो कहीं मेरा इंतजार कर रही होगी मेरी सपनों की रानी,,, यह सब नाटक तो मैं सिर्फ तुम्हें चोदने के लिए ही किया था तुम्हें पता है जिस दिन से मैं तुम्हें तुम्हारे घर में नंगी नहाते हुए देखा हूं तब से मैं तुम्हारे पीछे पागलों की तरह घूम रहा हूं पता है क्यों सिर्फ तुम्हें चोदने के लिए,,,
हरामजादे यह क्या कह रहा है तू,,,,
मैं सच कह रहा हूं मेरी रानी तेरा नंगा बदन तेरी नंगी गांड तेरी चूची तेरी बुर देखकर मैं उसी दिन से पागल हो गया था इसीलिए तो मैं तुझे पाना चाहता था,,, मेरी ख्वाहिश सिर्फ इतनी थी कि मैं तेरी बुर में अपना लंड डालकर अपनी गर्मी शांत कर सकूं और देख आज मैं अपना सपना सच कर लिया हूं,,,,
क्या कहा तूने हरामजादे नीच तूने मेरे जज्बातों के साथ खेला,,, तू मेरे साथ नाटक करता रहा और मैं तुझ से सच में प्रेम कर बैठी,,,(इतना कहते हैं वह उठ कर बैठ गई वह गुस्से से लाल हुए जा रही थी और गुस्से में उसका खूबसूरत चेहरा और भी ज्यादा गुलाब की तरह चमक रहा था उसकी नंगी चूचियां सांसो की गति के साथ ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर राजू के तन बदन में फिर से आग लग रही थी,,,,) और तूने मेरे प्रेम का यह सिला दिया मेरे जिस्म के साथ खेला मेरी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया मैं तुझे कभी नहीं छोडूंगी,,,,
झुमरी तू सच में बोलते हुए लेकिन तू खूबसूरत है इसलिए तो तेरे लिए मेरा लंड खड़ा हो जाता है देख फिर से खड़ा हो गया है,,,(अपने लंड को पकड़कर झुमरी को दिखाते हुए और जो मेरी उसके लंड की तरफ देखकर अपने मन में यह सोच रही थी क्या कर उसके हाथ में कुल्हाड़ी होती तो इसी समय एक ही बार में उसका लंड काट के गिरा देती) बस एक बार झुमरी फिर से मुझे चोदने दे मजा आ जाएगा,,,
हरामजादी सच में तो कितना हारामी है मेरी इज्जत से खिलवाड़ करने के बावजूद भी तो फिर से मेरी इज्जत से खेलना चाहता है,,,
क्या झुमरी फिर से पागलों जैसी बात कर रही हो एक बार तुम्हारी बुर में घुस चुका है फिर उसके बाद बार-बार जाए फर्क क्या पड़ेगा तुम्हें भी तो आखिर मजा मिल रहा था तुम भी तो एकदम मस्त हो गई तुम्हें भी तो आनंद आया,,,
मैं तुझे अपना पति मानकर तुझे अपना मान और तन दोनो सौंप दी और तू मेरे साथ खिलवाड़ कर रहा है,,,,
देख झुमरी मान जा एक बार फिर से मुझे चोदने दे वरना मैं पूरे गांव में बता दूंगा कि तू चुदवाने के लिए मुझे अपने खेत पर ले गई थी,,,,।
(इतना सुनते ही झुमरी की आंखों से आंसुओं की धारा फूट पड़ी वह राजू के लिए क्या-क्या सपने देखे थे और राजू ने एक ही पल में उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया था लेकिन वह गुस्से से लाल पीली हुए जा रही थी और लाल-लाल बड़ी बड़ी आंखें दिखाते हुए बोली)
हरामजादे तू मुझे बदनाम करेगा मुझे बदनाम करने की धमकी देता है अरे मुझे बदनाम करने से पहले मैं अपनी जान दे दूंगी लेकिन उससे पहले मैं तेरी जान ले लूंगी हरामजादे कुत्ते आज मैं तुझे नहीं छोडूंगी,,,
(इतना कहने के साथ ही सु में खड़ी हुई और नग्न अवस्था में ही अपने बदन की स्थिति को देखे भी नहीं राजू की तरफ से पड़ने लगी राजू भी तुरंत खड़ा होकर झोपड़ी से बाहर आ गया और झुमरी की तरफ देखकर हंसते हुए इधर-उधर भागने लगा झुमरी उसके पीछे-पीछे उसे पकड़ने के लिए दौड़ने लगी अद्भुत नजारा बना हुआ था जिसका आनंद राजू पूरी तरह से ले रहा था एक लड़की को और भाभी नंगी दौड़ते हुए वह पहली बार देख रहा था तोड़ते हुए झुमरी की दोनों नारंगी हवा में उछल रही थी उसके नितंबों का उछाल उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था लेकिन इस समय झुमरी को बिलकुल भी होश नहीं था कि वह बिना कपड़ों के दौड़ रही है वह खेत के बीचो-बीच इधर-उधर राजू के पीछे दौड़ रही थी और राजू उसे दौड़ा रहा था कभी पेड़ के पीछे तो कभी ट्यूबवेल के पीछे कभी झोपड़ी के चारों तरफ चक्कर लगाने लगता था झुमरी उसे पकड़ नहीं पा रही थी हालांकि दौड़ते हुए वह पत्थर उठा उठा कर उसे मार रही थी लेकिन उसे एक भी पत्थर लग नहीं पा रहा था राजू दौड़ते हुए पीछे देख कर झुमरी के नंगे बदन को देखकर मस्त हुआ जा रहा था,,,,, राजू तब तक इधर-उधर भागता रहा जब तक कि झुमरी थक कर चूर ना हो गई हो और पूरी तरह से नंगी थी लेकिन गुस्से में उसे इस बात का अहसास तक नहीं हो रहा था कि वह इस तरह से नंगी भाग रही है और वह भी एक नंगे जवान लड़की के पीछे अगर यह नजारा कोई और देख ले तो उसके मन में तरह-तरह के सवाल पैदा हो जाए,,,,।
जब राजू को लगा कि झुमरी एकदम थक चुकी है तो वह एकदम से रुक गया और चुनरी सीधे आकर उसके सीने से आकर लग गई और इसी मौके का फायदा उठाते हुए राजू से अपनी बाहों में भर लिया,,,।
छोड़ हरामजादे छोड़ मुझे कुत्ते कमीने तेरे जैसा नीच इंसान मैंने आज तक नहीं देखी छोड़ मुझे आज तेरी खेर नहीं है या तो तू नहीं या तो मैं नहीं,,,,
क्या कर लोगी मेरा,,,
(एकदम शांत स्वर में राजू बोला और झुमरी अपने साथ हुए अन्याय के चलते रोने लगी एकदम से टूट गई थी उसे रोता हुआ देखकर राजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत उसे चुप कराते हुए बोला,,,)
अरे अरे यह क्या तुम रोने लगी अरे पगली मैं तो मजाक कर रहा था,,,,(राजू की बात पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था वह रोए जा रही थी) अरे सच में पगली मैं मजाक कर रहा था,,, तुम्हें अपनी बीवी बनाने का सपना में उसी दिन से देख रहा जिस दिन से मैं तुम्हें पहली बार नहाते हुए देखा था अभी जो कुछ भी मैंने कहा वह तो तुम्हें गुस्सा दिलाने के लिए कहा था मैं देखना चाहता था कि तुम किस हद तक जा सकती हो लेकिन तुम बहुत अच्छी हो तुम बहुत हिम्मत वाली हो और मुझे ऐसी ही बीवी चाहिए थी,,,,
(इतना सुनकर झुमरी आश्चर्य से राजू की तरफ देखने लगी और बोली)
नहीं तुम झूठ बोल रहे हो तुम्हें सिर्फ मेरा बदन चाहिए था,,,
हां वह तो चाहिए था लेकिन शादी करने के बाद लेकिन मैं अपने आप को रोक नहीं पाया जब तुम्हें आज कपड़े उतारते हुए नंगी देखा तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया जैसा कि अभी भी खड़ा हो रहा है,,,,(इतना सुनते ही झूमर जिज्ञासा बस नीचे नजर करके देखे तो सच में राजू का लंड खड़ा हो चुका था और उसकी बुर पर दस्तक दे रहा था यह नजारा देखते ही झुमरी के भी तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी) मैं तुम्हें सच में बहुत प्यार करता हूं झुमरी अपनी जान से भी ज्यादा,,,
सच राजू तुम मुझे धोखा तो नहीं दोगे ना,,,
मां कसम,,,,, मरते दम तक मैं तुम्हें कभी धोखा नहीं दूंगा,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने प्यासे होठों को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रखकर उसके रसपान करने लगा दो पल भर में ही उत्तेजित होने लगे राजू अपनी दोनों हथेली को झुमरी की सुगठित गांड पर रखकर दबाना शुरू कर दिया झुमरी भी उत्तेजित होने लगी थी राजू उसे चोदने की तैयारी करने लगा था वह एक हाथ नीचे की तरफ ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर उसकी बुर की दरार में ऊपर नीचे करके रगड़ रहा था यह देखकर झुमरी बोली,,)
नहीं राजू अब नहीं,,,
ऐसे कैसे नहीं मेरा मन थोड़ी भरने वाला है,,,
(मन तो झुमरी का भी बहुत कर रहा था लेकिन इस तरह से खुले में उसे डर लग रहा था इसलिए वह बोली)
तो यहां नहीं चलो फिर से झोपड़ी में,,,
नहीं मेरी रानी अब तो तुम्हें यही चोदूंगा,,,,
नहीं नहीं राजू ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,,
अरे अब मेरा मन थोड़ी मानने वाला है,,,
(इतना कहने के साथ ही राजू झुमरी की कमर पकड़कर घुमा दिया और उसे ट्यूबवेल की दीवाल पकड़कर झुकने के लिए बोला झुमरी का भी मन बहुत कर रहा था राजू के लंड को एक बार फिर से अपनी बुर में लेने के लिए इसलिए ना चाहते हुए भी राजू की बात मानते हुए वह झुक गई और राजू उसकी कमर पकड़ कर उसकी गांड को थोड़ा और ऊपर उठा दिया अब झुमरी की गांड का वह छोटा सा गुलाबी छेंद राजू की आंखों के ठीक सामने था,,, जिसमें से मदन रस टपक रहा था यह देखकर राजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ गया राजू का लंड पूरी तरह से तैयार हो चुका था और राजू तुरंत अपने लंड को पकड़कर झुमरी के गुलाबी छेंद से सटा दिया,,, एक बार फिर से राजू के गरम लंड के सुपाड़े को अपनी बुर पर महसूस करके झुमरी गनगना गई,,,, राजू एक झटके में ही अपने पूरे लंड को झुमरी की बुर में अंदर तक डाल दिया एक हल्की सी चीख झुमरी के मुंह से निकली और सब कुछ शांत हो गया,,,, एक बार फिर से झुमरी पूरी तरह से मत हो सो चुकी थी राजू उसकी कमर पकड़कर धक्के लगाना शुरू कर दिया था खुले आसमान के नीचे खेतों के बीच चुदाई करने का अपना एक अलग मजा था जिसका आनंद दोनों इस समय ले रहे थे देखते ही देखते राजू की कमर रफ्तार से आगे पीछे होने लगी झुमरी मदहोश हो जा रहे थे जिंदगी में पहली बार इस तरह से चुदाई का मजा ले रही थी और एक ही दिन में दो दो बार इसलिए वह पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी,,,।
थोड़ी ही देर में दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए,,, कुछ देर बाद दोनों जब शांत हुए तो झुमरी फिर से नहाने लगी क्योंकि झोपड़ी के अंदर हूं धूल मिट्टी लग चुकी थी वह नहा कर फिर से अपने कपड़े पहन लिए और तब तक कपड़े भी सूख चुके थे वह कपड़ों को लेकर फिर से घर की तरफ जाने लगी पीछे-पीछे राजू की जाने लगा लेकिन गांव का मोड़ आने पर राजू दूसरी तरफ चला गया था कि किसी को शक ना हो,,,,।
राजू को अभी तक दोबारा अपनी मां को चोदने का मौका नहीं मिला था वह तूफानी बारिश में जी भर कर अपनी मां की चुदाई किया था और घर पर आकर जब उसके पिताजी और उसकी बुआ घर पर नहीं थी तब मौके का फायदा उठाता हुआ अपनी मां की चुदाई किया था लेकिन उसके बाद से उसे मौका नहीं मिला था और ना ही मधु को ही मौका मिला था दोनों एक दूसरे के संसर्ग के लिए तड़प रहे थे क्योंकि मधु अब समझ चुकी थी कि मर्दाना ताकत किसे कहते हैं वह अपने बेटे से जी भर कर चुदवाने के बाद अपने बेटे के लंड की दीवानी हो गई थी,,,,, अब उसे अपने पति से चुदवाने में इतना मजा नहीं आता था क्योंकि उसकी बुर में उसके बेटे के लंड का सांचा जो बन गया था,,,,।
लाला के गहरे राज का राजदार बनने के बाद से राजू की किस्मत जोरों पर थी उसके अनाज के गोदाम का सारा काम राजू को ही संभालने को मिल गया था जिससे आमदनी उसकी अच्छी होने लगी थी गोदाम पर जाकर राजू,, दूसरे बैल गाड़ियों में अनाज का बोरा भरवा ता था और उन्हें गंतव्य स्थान तक पहुंचाने का हिदायत दे देता था कुछ बैलगाड़ी से तो रेलवे स्टेशन अनाज उतरता था और उसमें रेलगाड़ी में डालकर दूसरे शहर भेजा जाता था इसी तरह से लाला का कारोबार चलता था ऐसे ही 1 दिन राजू गोदाम पर अनाज के बोरे भरवा रहा था और तभी गोदाम में काम करने वाला एक मजदूर जोर जोर से चिल्लाता हुआ आया,,,
मालिक ,,,,मालिक,,,,, ओ मालिक,,,
(वह मजदूर इतना जोर से चिल्लाते हुए आया था कि सब लोग उसी को ही देख रहे थे यहां तक कि लाला भी एकदम गुस्से में आकर जोर से चिल्लाते हुए बोला)
क्या हो गया है जो मालिक मालिक चिल्ला रहा है कुछ आगे बोलेगा भी,,,
अरे मालिक,,,,, जमीदार विक्रम सिंह आ रहे हैं,,,।
(इतना सुनना था कि लाला के तो पसीने छूटने लगे एकदम परेशान नजर आने लगा और अपनी जगह से खड़ा होते हुए बोला)
विक्रम सिंह,,,,
(राजू यह देखकर हैरान था कि विक्रम सिंह ऐसी कौन सी बला है कि जिसका नाम सुनकर लाला के पसीने छूट रहे थे)