• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest बैलगाड़ी,,,,,

Desi Man

Well-Known Member
2,195
3,078
158
शानदार अपडेट है दोस्त
 

Sugna

New Member
50
78
18
राजू अपने सपनों की रानी जिसके बारे में वह सपने बना करता था जिसके साथ जीवन यापन करने का ख्वाब देख रहा था ऐसी खूबसूरत झुमरी की जवानी पर वह पूरी तरह से काबू पा चुका था झुमरी की बुर को हासिल कर लेने के बाद वह अपने आप को दुनिया का सबसे खुशकिस्मत लड़का समझने लगा था और वास्तव में ऐसा ही था झुमरी ने आज तक किसी पराए मर्द को अपने बदन को हाथ भी लगानी नहीं दी थी और राजू को वह अपना सर्वस्य सौंप चुकी थी,,,,,, राजू झुमरी के साथ ऐसा करना नहीं चाहता था लेकिन झुमरी के करीब रहकर उसकी मदहोश कर देने वाली खुशबू को अपने अंदर महसूस करके वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और अपनी आंखों के सामने झुमरी को अपने कपड़े उतार कर नंगी होता हुआ देखकर उसकी मदमस्त कर देने वाली कौन कौन था उसकी नारंगी जैसी चूचियां और शरबती रस से भरी हुई उसकी रसीली बुर दूर यह सब राजू को मजबूर कर दी थी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए,,,, और इस काम क्रीड़ा में जितना मजा राजू को प्राप्त हुआ था उससे कहीं ज्यादा मजा झुमरी को मिल रहा था इसीलिए तो वह सुखी हुई घास पर ढेर हो गई थी और गहरी गहरी सांस ले रही थी राजू उसके ऊपर ही लेटा हुआ था और अभी तक उसका मोटा तगड़ा लंड झुमरी की बुर में घुसा हुआ था जिसे झुमरी अपनी बुर में महसूस करके पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी राजू कैलेंडर से उसका गर्म लावा बूंद बूंद करके झुमरी की बुर की तलैया को भर रहा था,,,,,,,।

झोपड़ी मैं और झोपड़ी के बाहर असीम शांति छाई हुई थी केवल दोनों की गहरी चल रही सांसो की आवाज ही आ रही थी कुछ देर तक राजू झुमरी की नंगी चिकनी पीठ पर लेटा रहा और अपने लंड को उसकी बुर की गर्माहट देता रहा झड़ जाने के बावजूद भी उसका लंड ज्यों का त्यों खड़ा था झुमरी को इस तरह का अनुभव पहले कभी नहीं था इसलिए वह बिल्कुल भी अंदाजा लगाने की हालत में नहीं थी,,, झड़ने के बाद लंड की स्थिति क्या होती है,,,, राजू झुमरी के गर्दन पर अपने होठों का चुंबन लेते हुए बोला,,,।

कैसा लगा मेरी रानी,,,,
(जवाब में वह कुछ बोल नहीं पाई बस शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद कर ली,,,, राजू को लड़कियों और औरतों का इस तरह से शर्मा ना ही उसकी उत्तेजना का सर्वप्रथम कारण बन जाता था,,, झुमरी केवल इतना ही बोल पाई,,)

अब बाहर निकाल लो,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर राजू एकदम मस्त हो गया,,, और झुमरी की बात मानते हुए अपने मोटे तगड़े लग गई अंडकोष उमरी की कसी हुई बुर से बाहर खींचते हुए वह अपने लंड को बाहर निकाल दिया और उसके बगल में पेट के बल बैठ गया झुमरी पेट के बल लेटी हुई थी और वह पीठ के बल दोनों एक दूसरे को देख रहे थे दोनों की नजरें आपस में टकराई और झुमरी शर्म से पानी पानी होने लगी,,,,)

आज मैं बहुत खुश हूं झुमरी,,, तुमने मुझे दुनिया का सबसे हसीन सुख दिया है जिसके बारे में सिर्फ मैं कल्पना किया करता था लेकिन तुमने आज मेरे ख्वाब को हकीकत में बदल दि‌ हो,,, मैंने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की को नहीं देखा बाहर से तुम कितनी खूबसूरत हो बिना कपड़ों के तुम और भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगती है कसम से ऐसा लगता है कि जैसे स्वर्ग से कोई अप्सरा नीचे उतर आई हो,,,।
(राजू झुमरी के लिए तारीफ के पुल बांध रहा था झुमरी अपनी खूबसूरती की तारीफ राजू के मुंह से सुनकर गदगद हुए जा रही थी हालांकि उसे शर्म भी बहुत महसूस हो रही थी क्योंकि इस समय भी वह पूरी तरह से नंगी ही थी,,, मैं सिर्फ मंद मंद मुस्कुरा रही थी और राजू तारीफ पर तारीफ किया जा रहा था,,,)
तुम मुझे जाने के लिए कही थी लेकिन मैं भला कैसे जा सकता था तुम्हें यहां पर अकेला छोड़ कर और वह भी ऐसे माहौल में जबकि हम दोनों मिलकर साथ में कपड़े धो रहे थे,,, सच झुमरी जब तुम अपने हाथों से एक-एक करके अपने बदन पर से कपड़े उतार कर नंगी हो रही थी कसम से उस समय का दृश्य देखने लायक था दुनिया में इस तरह का नजारा शायद कोई नहीं देखा होगा जब एक लड़की एक लड़के के सामने अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है मैं पेड़ के पीछे छुप कर सब कुछ देख रहा था तुम्हारा सलवार की डोरी खोलना सलवार उतारना कुर्ती उतारना तुम्हारी नंगी गांड देखकर तो मेरी हालत खराब हो गई थी तुम्हारी गांड भी कितनी खूबसूरत है झुमरी,,,(लेटे हुए ही अपना हाथ आगे बढ़ाकर झुमरी की गांड पर रखते हुए और से हल्के हल्के से लाते हुए ऐसा करने से झुमरी के तन बदन में झनझनाहट सी दौड़ने लगी थी) मैं तो तुम्हारी गांड को बस देखता ही रह गया एकदम सुगठित सुडौल है,,, सच कहूं तो तुम्हारी खूबसूरती की परिभाषा तुम्हारी गांड खुद है,,, कोई अगर तुम्हारे चेहरे को ना भी देखें और तुम्हारी गांड को भले ही सलवार में कैद हो उसकी उन्नत उभार को देखकर ही सही अंदाजा लगा लेगा कि गांड इतनी खूबसूरत है तो तुम कितनी खूबसूरत होगी,,,

राजू,,ऊमममम, कैसी बातें कर रहे हो मुझे शर्म आ रही है,,,(झुमरी शर्म से पानी पानी होते हुए बोली)

क्या झुमरी मुझसे शर्म करने की अब कोई जरूरत नहीं है ,,,, तुम मेरी होने वाली बीवी हो,,,(झुमरी की उम्र की गांड को अपनी हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाते हुए) मुझसे शर्म करोगी तो फिर आगे कैसे काम चलेगा अब तो तुम्हें मेरे सामने रोज अपनी टांगें खोलना है,,,,(झुमरी कभी भी इस तरह की बातें नहीं सुनी थी खास करके अपने लिए इसलिए राजू की बातें उसे शर्मसार किए जा रही थी ना चाहते हुए भी उसके बदन में अजीब सी झनझनाहट हो रही थी और उसकी बुर से एक बार फिर से मदन रस टपकने लगा था,,,, फिर भी वह शंका जताते हुए बोली)

राजू इस बारे में किसी को पता चल गया तो,,,


अरे किसको पता चलेगा यहां पर तुम्हारे और मेरे सिवा है कौन किसी को पता नहीं चलेगा और किसी को पता भी चल गया तो मैं नहीं डरता वैसे भी तुम्हें मैं अपनी बीवी बनाना चाहता हूं,,,, और तुम तो जानती हो बीवी को दिन-रात चोद सकते हैं,,,

राजू इस तरह की बातें मत किया करो मुझे बहुत शर्म आती है,,,,,,

और तुम्हारे ईसी शर्माने की वजह से मेरा मन फिर से मचलने लगता है देखो तो सही,,(अपने लंड को हाथ से पकड़ कर ही लाते हुए) मेरा लंड फिर से तैयार हो गया है तुम्हारी बुर में घुसने के लिए,,, अब मैं फिर से तुम्हें चोदने जा रहा हूं,,,,,
(इतना सुनते ही उत्तेजना के मारे झुमरी का गला सूखने लगा उसके बदन में कसमसा हाइट बढ़ने लगी क्योंकि राजू जी इस तरह की बातें कर रहा था उसे लगने लगा था कि कुछ ही देर में राजू फिर से उसकी बुर में अपना लंड डाल देगा परिवार फिर से उसे पूरी तरह से मस्त कर देगा,,, फिर भी व राजू से अपनी शंकाओं को दूर करने के लिए बोली,,)

राजू तुम मुझसे सच में शादी करोगे ना,,,,

(इतना सुनते ही राजू झुमरी की तरफ देखकर जोर-जोर से हंसने लगा झुमरी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस तरह से क्यों हंस रहा है जो मेरी भी मुस्कुरा रही थी लेकिन फिर जोर जोर से हंसते हुए राजू बोला)

तुम बहुत भोली हो झुमरी किसी की भी बात में आ जाती हो,,, मैं तो तुम्हारी बुर को पाने के लिए सिर्फ तुमसे शादी का नाटक कर रहा था तुमसे प्यार का नाटक कर रहा था,,,
(इतना सुनते ही झुमरी की आंखें आश्चर्य से चोडी होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि राजू यह क्या कह रहा है और राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला।) तुम्हें क्या लगा झुमरी में तुम्हारे साथ शादी कर लूंगा,,,, तुम खूबसूरत हो लेकिन इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं तुम्हारे पीछे दीवाना हो जाऊं और तुम से शादी कर लु मेरे लिए तो कहीं मेरा इंतजार कर रही होगी मेरी सपनों की रानी,,, यह सब नाटक तो मैं सिर्फ तुम्हें चोदने के लिए ही किया था तुम्हें पता है जिस दिन से मैं तुम्हें तुम्हारे घर में नंगी नहाते हुए देखा हूं तब से मैं तुम्हारे पीछे पागलों की तरह घूम रहा हूं पता है क्यों सिर्फ तुम्हें चोदने के लिए,,,

हरामजादे यह क्या कह रहा है तू,,,,

मैं सच कह रहा हूं मेरी रानी तेरा नंगा बदन तेरी नंगी गांड तेरी चूची तेरी बुर देखकर मैं उसी दिन से पागल हो गया था इसीलिए तो मैं तुझे पाना चाहता था,,, मेरी ख्वाहिश सिर्फ इतनी थी कि मैं तेरी बुर में अपना लंड डालकर अपनी गर्मी शांत कर सकूं और देख आज मैं अपना सपना सच कर लिया हूं,,,,

क्या कहा तूने हरामजादे नीच तूने मेरे जज्बातों के साथ खेला,,, तू मेरे साथ नाटक करता रहा और मैं तुझ से सच में प्रेम कर बैठी,,,(इतना कहते हैं वह उठ कर बैठ गई वह गुस्से से लाल हुए जा रही थी और गुस्से में उसका खूबसूरत चेहरा और भी ज्यादा गुलाब की तरह चमक रहा था उसकी नंगी चूचियां सांसो की गति के साथ ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर राजू के तन बदन में फिर से आग लग रही थी,,,,) और तूने मेरे प्रेम का यह सिला दिया मेरे जिस्म के साथ खेला मेरी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया मैं तुझे कभी नहीं छोडूंगी,,,,

झुमरी तू सच में बोलते हुए लेकिन तू खूबसूरत है इसलिए तो तेरे लिए मेरा लंड खड़ा हो जाता है देख फिर से खड़ा हो गया है,,,(अपने लंड को पकड़कर झुमरी को दिखाते हुए और जो मेरी उसके लंड की तरफ देखकर अपने मन में यह सोच रही थी क्या कर उसके हाथ में कुल्हाड़ी होती तो इसी समय एक ही बार में उसका लंड काट के गिरा देती) बस एक बार झुमरी फिर से मुझे चोदने दे मजा आ जाएगा,,,

हरामजादी सच में तो कितना हारामी है मेरी इज्जत से खिलवाड़ करने के बावजूद भी तो फिर से मेरी इज्जत से खेलना चाहता है,,,

क्या झुमरी फिर से पागलों जैसी बात कर रही हो एक बार तुम्हारी बुर में घुस चुका है फिर उसके बाद बार-बार जाए फर्क क्या पड़ेगा तुम्हें भी तो आखिर मजा मिल रहा था तुम भी तो एकदम मस्त हो गई तुम्हें भी तो आनंद आया,,,

मैं तुझे अपना पति मानकर तुझे अपना मान और तन दोनो सौंप दी और तू मेरे साथ खिलवाड़ कर रहा है,,,,


देख झुमरी मान जा एक बार फिर से मुझे चोदने दे वरना मैं पूरे गांव में बता दूंगा कि तू चुदवाने के लिए मुझे अपने खेत पर ले गई थी,,,,।
(इतना सुनते ही झुमरी की आंखों से आंसुओं की धारा फूट पड़ी वह राजू के लिए क्या-क्या सपने देखे थे और राजू ने एक ही पल में उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया था लेकिन वह गुस्से से लाल पीली हुए जा रही थी और लाल-लाल बड़ी बड़ी आंखें दिखाते हुए बोली)

हरामजादे तू मुझे बदनाम करेगा मुझे बदनाम करने की धमकी देता है अरे मुझे बदनाम करने से पहले मैं अपनी जान दे दूंगी लेकिन उससे पहले मैं तेरी जान ले लूंगी हरामजादे कुत्ते आज मैं तुझे नहीं छोडूंगी,,,
(इतना कहने के साथ ही सु में खड़ी हुई और नग्न अवस्था में ही अपने बदन की स्थिति को देखे भी नहीं राजू की तरफ से पड़ने लगी राजू भी तुरंत खड़ा होकर झोपड़ी से बाहर आ गया और झुमरी की तरफ देखकर हंसते हुए इधर-उधर भागने लगा झुमरी उसके पीछे-पीछे उसे पकड़ने के लिए दौड़ने लगी अद्भुत नजारा बना हुआ था जिसका आनंद राजू पूरी तरह से ले रहा था एक लड़की को और भाभी नंगी दौड़ते हुए वह पहली बार देख रहा था तोड़ते हुए झुमरी की दोनों नारंगी हवा में उछल रही थी उसके नितंबों का उछाल उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था लेकिन इस समय झुमरी को बिलकुल भी होश नहीं था कि वह बिना कपड़ों के दौड़ रही है वह खेत के बीचो-बीच इधर-उधर राजू के पीछे दौड़ रही थी और राजू उसे दौड़ा रहा था कभी पेड़ के पीछे तो कभी ट्यूबवेल के पीछे कभी झोपड़ी के चारों तरफ चक्कर लगाने लगता था झुमरी उसे पकड़ नहीं पा रही थी हालांकि दौड़ते हुए वह पत्थर उठा उठा कर उसे मार रही थी लेकिन उसे एक भी पत्थर लग नहीं पा रहा था राजू दौड़ते हुए पीछे देख कर झुमरी के नंगे बदन को देखकर मस्त हुआ जा रहा था,,,,, राजू तब तक इधर-उधर भागता रहा जब तक कि झुमरी थक कर चूर ना हो गई हो और पूरी तरह से नंगी थी लेकिन गुस्से में उसे इस बात का अहसास तक नहीं हो रहा था कि वह इस तरह से नंगी भाग रही है और वह भी एक नंगे जवान लड़की के पीछे अगर यह नजारा कोई और देख ले तो उसके मन में तरह-तरह के सवाल पैदा हो जाए,,,,।

जब राजू को लगा कि झुमरी एकदम थक चुकी है तो वह एकदम से रुक गया और चुनरी सीधे आकर उसके सीने से आकर लग गई और इसी मौके का फायदा उठाते हुए राजू से अपनी बाहों में भर लिया,,,।

छोड़ हरामजादे छोड़ मुझे कुत्ते कमीने तेरे जैसा नीच इंसान मैंने आज तक नहीं देखी छोड़ मुझे आज तेरी खेर नहीं है या तो तू नहीं या तो मैं नहीं,,,,

क्या कर लोगी मेरा,,,
(एकदम शांत स्वर में राजू बोला और झुमरी अपने साथ हुए अन्याय के चलते रोने लगी एकदम से टूट गई थी उसे रोता हुआ देखकर राजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत उसे चुप कराते हुए बोला,,,)

अरे अरे यह क्या तुम रोने लगी अरे पगली मैं तो मजाक कर रहा था,,,,(राजू की बात पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था वह रोए जा रही थी) अरे सच में पगली मैं मजाक कर रहा था,,, तुम्हें अपनी बीवी बनाने का सपना में उसी दिन से देख रहा जिस दिन से मैं तुम्हें पहली बार नहाते हुए देखा था अभी जो कुछ भी मैंने कहा वह तो तुम्हें गुस्सा दिलाने के लिए कहा था मैं देखना चाहता था कि तुम किस हद तक जा सकती हो लेकिन तुम बहुत अच्छी हो तुम बहुत हिम्मत वाली हो और मुझे ऐसी ही बीवी चाहिए थी,,,,
(इतना सुनकर झुमरी आश्चर्य से राजू की तरफ देखने लगी और बोली)

नहीं तुम झूठ बोल रहे हो तुम्हें सिर्फ मेरा बदन चाहिए था,,,

हां वह तो चाहिए था लेकिन शादी करने के बाद लेकिन मैं अपने आप को रोक नहीं पाया जब तुम्हें आज कपड़े उतारते हुए नंगी देखा तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया जैसा कि अभी भी खड़ा हो रहा है,,,,(इतना सुनते ही झूमर जिज्ञासा बस नीचे नजर करके देखे तो सच में राजू का लंड खड़ा हो चुका था और उसकी बुर पर दस्तक दे रहा था यह नजारा देखते ही झुमरी के भी तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी) मैं तुम्हें सच में बहुत प्यार करता हूं झुमरी अपनी जान से भी ज्यादा,,,

सच राजू तुम मुझे धोखा तो नहीं दोगे ना,,,

मां कसम,,,,, मरते दम तक मैं तुम्हें कभी धोखा नहीं दूंगा,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने प्यासे होठों को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रखकर उसके रसपान करने लगा दो पल भर में ही उत्तेजित होने लगे राजू अपनी दोनों हथेली को झुमरी की सुगठित गांड पर रखकर दबाना शुरू कर दिया झुमरी भी उत्तेजित होने लगी थी राजू उसे चोदने की तैयारी करने लगा था वह एक हाथ नीचे की तरफ ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर उसकी बुर की दरार में ऊपर नीचे करके रगड़ रहा था यह देखकर झुमरी बोली,,)

नहीं राजू अब नहीं,,,

ऐसे कैसे नहीं मेरा मन थोड़ी भरने वाला है,,,
(मन तो झुमरी का भी बहुत कर रहा था लेकिन इस तरह से खुले में उसे डर लग रहा था इसलिए वह बोली)

तो यहां नहीं चलो फिर से झोपड़ी में,,,

नहीं मेरी रानी अब तो तुम्हें यही चोदूंगा,,,,

नहीं नहीं राजू ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,,

अरे अब मेरा मन थोड़ी मानने वाला है,,,
(इतना कहने के साथ ही राजू झुमरी की कमर पकड़कर घुमा दिया और उसे ट्यूबवेल की दीवाल पकड़कर झुकने के लिए बोला झुमरी का भी मन बहुत कर रहा था राजू के लंड को एक बार फिर से अपनी बुर में लेने के लिए इसलिए ना चाहते हुए भी राजू की बात मानते हुए वह झुक गई और राजू उसकी कमर पकड़ कर उसकी गांड को थोड़ा और ऊपर उठा दिया अब झुमरी की गांड का वह छोटा सा गुलाबी छेंद राजू की आंखों के ठीक सामने था,,, जिसमें से मदन रस टपक रहा था यह देखकर राजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ गया राजू का लंड पूरी तरह से तैयार हो चुका था और राजू तुरंत अपने लंड को पकड़कर झुमरी के गुलाबी छेंद से सटा दिया,,, एक बार फिर से राजू के गरम लंड के सुपाड़े को अपनी बुर पर महसूस करके झुमरी गनगना गई,,,, राजू एक झटके में ही अपने पूरे लंड को झुमरी की बुर में अंदर तक डाल दिया एक हल्की सी चीख झुमरी के मुंह से निकली और सब कुछ शांत हो गया,,,, एक बार फिर से झुमरी पूरी तरह से मत हो सो चुकी थी राजू उसकी कमर पकड़कर धक्के लगाना शुरू कर दिया था खुले आसमान के नीचे खेतों के बीच चुदाई करने का अपना एक अलग मजा था जिसका आनंद दोनों इस समय ले रहे थे देखते ही देखते राजू की कमर रफ्तार से आगे पीछे होने लगी झुमरी मदहोश हो जा रहे थे जिंदगी में पहली बार इस तरह से चुदाई का मजा ले रही थी और एक ही दिन में दो दो बार इसलिए वह पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी,,,।

थोड़ी ही देर में दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए,,, कुछ देर बाद दोनों जब शांत हुए तो झुमरी फिर से नहाने लगी क्योंकि झोपड़ी के अंदर हूं धूल मिट्टी लग चुकी थी वह नहा कर फिर से अपने कपड़े पहन लिए और तब तक कपड़े भी सूख चुके थे वह कपड़ों को लेकर फिर से घर की तरफ जाने लगी पीछे-पीछे राजू की जाने लगा लेकिन गांव का मोड़ आने पर राजू दूसरी तरफ चला गया था कि किसी को शक ना हो,,,,।

राजू को अभी तक दोबारा अपनी मां को चोदने का मौका नहीं मिला था वह तूफानी बारिश में जी भर कर अपनी मां की चुदाई किया था और घर पर आकर जब उसके पिताजी और उसकी बुआ घर पर नहीं थी तब मौके का फायदा उठाता हुआ अपनी मां की चुदाई किया था लेकिन उसके बाद से उसे मौका नहीं मिला था और ना ही मधु को ही मौका मिला था दोनों एक दूसरे के संसर्ग के लिए तड़प रहे थे क्योंकि मधु अब समझ चुकी थी कि मर्दाना ताकत किसे कहते हैं वह अपने बेटे से जी भर कर चुदवाने के बाद अपने बेटे के लंड की दीवानी हो गई थी,,,,, अब उसे अपने पति से चुदवाने में इतना मजा नहीं आता था क्योंकि उसकी बुर में उसके बेटे के लंड का सांचा जो बन गया था,,,,।

लाला के गहरे राज का राजदार बनने के बाद से राजू की किस्मत जोरों पर थी उसके अनाज के गोदाम का सारा काम राजू को ही संभालने को मिल गया था जिससे आमदनी उसकी अच्छी होने लगी थी गोदाम पर जाकर राजू,, दूसरे बैल गाड़ियों में अनाज का बोरा भरवा ता था और उन्हें गंतव्य स्थान तक पहुंचाने का हिदायत दे देता था कुछ बैलगाड़ी से तो रेलवे स्टेशन अनाज उतरता था और उसमें रेलगाड़ी में डालकर दूसरे शहर भेजा जाता था इसी तरह से लाला का कारोबार चलता था ऐसे ही 1 दिन राजू गोदाम पर अनाज के बोरे भरवा रहा था और तभी गोदाम में काम करने वाला एक मजदूर जोर जोर से चिल्लाता हुआ आया,,,

मालिक ,,,,मालिक,,,,, ओ मालिक,,,
(वह मजदूर इतना जोर से चिल्लाते हुए आया था कि सब लोग उसी को ही देख रहे थे यहां तक कि लाला भी एकदम गुस्से में आकर जोर से चिल्लाते हुए बोला)

क्या हो गया है जो मालिक मालिक चिल्ला रहा है कुछ आगे बोलेगा भी,,,

अरे मालिक,,,,, जमीदार विक्रम सिंह आ रहे हैं,,,।
(इतना सुनना था कि लाला के तो पसीने छूटने लगे एकदम परेशान नजर आने लगा और अपनी जगह से खड़ा होते हुए बोला)
विक्रम सिंह,,,,
(राजू यह देखकर हैरान था कि विक्रम सिंह ऐसी कौन सी बला है कि जिसका नाम सुनकर लाला के पसीने छूट रहे थे)
Raju ke to mze h lekin ma to pyasi h
Kb raju apni ma ki pyas bujhayga
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
22,153
58,628
259
राजू अपने सपनों की रानी जिसके बारे में वह सपने बना करता था जिसके साथ जीवन यापन करने का ख्वाब देख रहा था ऐसी खूबसूरत झुमरी की जवानी पर वह पूरी तरह से काबू पा चुका था झुमरी की बुर को हासिल कर लेने के बाद वह अपने आप को दुनिया का सबसे खुशकिस्मत लड़का समझने लगा था और वास्तव में ऐसा ही था झुमरी ने आज तक किसी पराए मर्द को अपने बदन को हाथ भी लगानी नहीं दी थी और राजू को वह अपना सर्वस्य सौंप चुकी थी,,,,,, राजू झुमरी के साथ ऐसा करना नहीं चाहता था लेकिन झुमरी के करीब रहकर उसकी मदहोश कर देने वाली खुशबू को अपने अंदर महसूस करके वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और अपनी आंखों के सामने झुमरी को अपने कपड़े उतार कर नंगी होता हुआ देखकर उसकी मदमस्त कर देने वाली कौन कौन था उसकी नारंगी जैसी चूचियां और शरबती रस से भरी हुई उसकी रसीली बुर दूर यह सब राजू को मजबूर कर दी थी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए,,,, और इस काम क्रीड़ा में जितना मजा राजू को प्राप्त हुआ था उससे कहीं ज्यादा मजा झुमरी को मिल रहा था इसीलिए तो वह सुखी हुई घास पर ढेर हो गई थी और गहरी गहरी सांस ले रही थी राजू उसके ऊपर ही लेटा हुआ था और अभी तक उसका मोटा तगड़ा लंड झुमरी की बुर में घुसा हुआ था जिसे झुमरी अपनी बुर में महसूस करके पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी राजू कैलेंडर से उसका गर्म लावा बूंद बूंद करके झुमरी की बुर की तलैया को भर रहा था,,,,,,,।

झोपड़ी मैं और झोपड़ी के बाहर असीम शांति छाई हुई थी केवल दोनों की गहरी चल रही सांसो की आवाज ही आ रही थी कुछ देर तक राजू झुमरी की नंगी चिकनी पीठ पर लेटा रहा और अपने लंड को उसकी बुर की गर्माहट देता रहा झड़ जाने के बावजूद भी उसका लंड ज्यों का त्यों खड़ा था झुमरी को इस तरह का अनुभव पहले कभी नहीं था इसलिए वह बिल्कुल भी अंदाजा लगाने की हालत में नहीं थी,,, झड़ने के बाद लंड की स्थिति क्या होती है,,,, राजू झुमरी के गर्दन पर अपने होठों का चुंबन लेते हुए बोला,,,।

कैसा लगा मेरी रानी,,,,
(जवाब में वह कुछ बोल नहीं पाई बस शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद कर ली,,,, राजू को लड़कियों और औरतों का इस तरह से शर्मा ना ही उसकी उत्तेजना का सर्वप्रथम कारण बन जाता था,,, झुमरी केवल इतना ही बोल पाई,,)

अब बाहर निकाल लो,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर राजू एकदम मस्त हो गया,,, और झुमरी की बात मानते हुए अपने मोटे तगड़े लग गई अंडकोष उमरी की कसी हुई बुर से बाहर खींचते हुए वह अपने लंड को बाहर निकाल दिया और उसके बगल में पेट के बल बैठ गया झुमरी पेट के बल लेटी हुई थी और वह पीठ के बल दोनों एक दूसरे को देख रहे थे दोनों की नजरें आपस में टकराई और झुमरी शर्म से पानी पानी होने लगी,,,,)

आज मैं बहुत खुश हूं झुमरी,,, तुमने मुझे दुनिया का सबसे हसीन सुख दिया है जिसके बारे में सिर्फ मैं कल्पना किया करता था लेकिन तुमने आज मेरे ख्वाब को हकीकत में बदल दि‌ हो,,, मैंने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की को नहीं देखा बाहर से तुम कितनी खूबसूरत हो बिना कपड़ों के तुम और भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगती है कसम से ऐसा लगता है कि जैसे स्वर्ग से कोई अप्सरा नीचे उतर आई हो,,,।
(राजू झुमरी के लिए तारीफ के पुल बांध रहा था झुमरी अपनी खूबसूरती की तारीफ राजू के मुंह से सुनकर गदगद हुए जा रही थी हालांकि उसे शर्म भी बहुत महसूस हो रही थी क्योंकि इस समय भी वह पूरी तरह से नंगी ही थी,,, मैं सिर्फ मंद मंद मुस्कुरा रही थी और राजू तारीफ पर तारीफ किया जा रहा था,,,)
तुम मुझे जाने के लिए कही थी लेकिन मैं भला कैसे जा सकता था तुम्हें यहां पर अकेला छोड़ कर और वह भी ऐसे माहौल में जबकि हम दोनों मिलकर साथ में कपड़े धो रहे थे,,, सच झुमरी जब तुम अपने हाथों से एक-एक करके अपने बदन पर से कपड़े उतार कर नंगी हो रही थी कसम से उस समय का दृश्य देखने लायक था दुनिया में इस तरह का नजारा शायद कोई नहीं देखा होगा जब एक लड़की एक लड़के के सामने अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है मैं पेड़ के पीछे छुप कर सब कुछ देख रहा था तुम्हारा सलवार की डोरी खोलना सलवार उतारना कुर्ती उतारना तुम्हारी नंगी गांड देखकर तो मेरी हालत खराब हो गई थी तुम्हारी गांड भी कितनी खूबसूरत है झुमरी,,,(लेटे हुए ही अपना हाथ आगे बढ़ाकर झुमरी की गांड पर रखते हुए और से हल्के हल्के से लाते हुए ऐसा करने से झुमरी के तन बदन में झनझनाहट सी दौड़ने लगी थी) मैं तो तुम्हारी गांड को बस देखता ही रह गया एकदम सुगठित सुडौल है,,, सच कहूं तो तुम्हारी खूबसूरती की परिभाषा तुम्हारी गांड खुद है,,, कोई अगर तुम्हारे चेहरे को ना भी देखें और तुम्हारी गांड को भले ही सलवार में कैद हो उसकी उन्नत उभार को देखकर ही सही अंदाजा लगा लेगा कि गांड इतनी खूबसूरत है तो तुम कितनी खूबसूरत होगी,,,

राजू,,ऊमममम, कैसी बातें कर रहे हो मुझे शर्म आ रही है,,,(झुमरी शर्म से पानी पानी होते हुए बोली)

क्या झुमरी मुझसे शर्म करने की अब कोई जरूरत नहीं है ,,,, तुम मेरी होने वाली बीवी हो,,,(झुमरी की उम्र की गांड को अपनी हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाते हुए) मुझसे शर्म करोगी तो फिर आगे कैसे काम चलेगा अब तो तुम्हें मेरे सामने रोज अपनी टांगें खोलना है,,,,(झुमरी कभी भी इस तरह की बातें नहीं सुनी थी खास करके अपने लिए इसलिए राजू की बातें उसे शर्मसार किए जा रही थी ना चाहते हुए भी उसके बदन में अजीब सी झनझनाहट हो रही थी और उसकी बुर से एक बार फिर से मदन रस टपकने लगा था,,,, फिर भी वह शंका जताते हुए बोली)

राजू इस बारे में किसी को पता चल गया तो,,,


अरे किसको पता चलेगा यहां पर तुम्हारे और मेरे सिवा है कौन किसी को पता नहीं चलेगा और किसी को पता भी चल गया तो मैं नहीं डरता वैसे भी तुम्हें मैं अपनी बीवी बनाना चाहता हूं,,,, और तुम तो जानती हो बीवी को दिन-रात चोद सकते हैं,,,

राजू इस तरह की बातें मत किया करो मुझे बहुत शर्म आती है,,,,,,

और तुम्हारे ईसी शर्माने की वजह से मेरा मन फिर से मचलने लगता है देखो तो सही,,(अपने लंड को हाथ से पकड़ कर ही लाते हुए) मेरा लंड फिर से तैयार हो गया है तुम्हारी बुर में घुसने के लिए,,, अब मैं फिर से तुम्हें चोदने जा रहा हूं,,,,,
(इतना सुनते ही उत्तेजना के मारे झुमरी का गला सूखने लगा उसके बदन में कसमसा हाइट बढ़ने लगी क्योंकि राजू जी इस तरह की बातें कर रहा था उसे लगने लगा था कि कुछ ही देर में राजू फिर से उसकी बुर में अपना लंड डाल देगा परिवार फिर से उसे पूरी तरह से मस्त कर देगा,,, फिर भी व राजू से अपनी शंकाओं को दूर करने के लिए बोली,,)

राजू तुम मुझसे सच में शादी करोगे ना,,,,

(इतना सुनते ही राजू झुमरी की तरफ देखकर जोर-जोर से हंसने लगा झुमरी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस तरह से क्यों हंस रहा है जो मेरी भी मुस्कुरा रही थी लेकिन फिर जोर जोर से हंसते हुए राजू बोला)

तुम बहुत भोली हो झुमरी किसी की भी बात में आ जाती हो,,, मैं तो तुम्हारी बुर को पाने के लिए सिर्फ तुमसे शादी का नाटक कर रहा था तुमसे प्यार का नाटक कर रहा था,,,
(इतना सुनते ही झुमरी की आंखें आश्चर्य से चोडी होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि राजू यह क्या कह रहा है और राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला।) तुम्हें क्या लगा झुमरी में तुम्हारे साथ शादी कर लूंगा,,,, तुम खूबसूरत हो लेकिन इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं तुम्हारे पीछे दीवाना हो जाऊं और तुम से शादी कर लु मेरे लिए तो कहीं मेरा इंतजार कर रही होगी मेरी सपनों की रानी,,, यह सब नाटक तो मैं सिर्फ तुम्हें चोदने के लिए ही किया था तुम्हें पता है जिस दिन से मैं तुम्हें तुम्हारे घर में नंगी नहाते हुए देखा हूं तब से मैं तुम्हारे पीछे पागलों की तरह घूम रहा हूं पता है क्यों सिर्फ तुम्हें चोदने के लिए,,,

हरामजादे यह क्या कह रहा है तू,,,,

मैं सच कह रहा हूं मेरी रानी तेरा नंगा बदन तेरी नंगी गांड तेरी चूची तेरी बुर देखकर मैं उसी दिन से पागल हो गया था इसीलिए तो मैं तुझे पाना चाहता था,,, मेरी ख्वाहिश सिर्फ इतनी थी कि मैं तेरी बुर में अपना लंड डालकर अपनी गर्मी शांत कर सकूं और देख आज मैं अपना सपना सच कर लिया हूं,,,,

क्या कहा तूने हरामजादे नीच तूने मेरे जज्बातों के साथ खेला,,, तू मेरे साथ नाटक करता रहा और मैं तुझ से सच में प्रेम कर बैठी,,,(इतना कहते हैं वह उठ कर बैठ गई वह गुस्से से लाल हुए जा रही थी और गुस्से में उसका खूबसूरत चेहरा और भी ज्यादा गुलाब की तरह चमक रहा था उसकी नंगी चूचियां सांसो की गति के साथ ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर राजू के तन बदन में फिर से आग लग रही थी,,,,) और तूने मेरे प्रेम का यह सिला दिया मेरे जिस्म के साथ खेला मेरी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया मैं तुझे कभी नहीं छोडूंगी,,,,

झुमरी तू सच में बोलते हुए लेकिन तू खूबसूरत है इसलिए तो तेरे लिए मेरा लंड खड़ा हो जाता है देख फिर से खड़ा हो गया है,,,(अपने लंड को पकड़कर झुमरी को दिखाते हुए और जो मेरी उसके लंड की तरफ देखकर अपने मन में यह सोच रही थी क्या कर उसके हाथ में कुल्हाड़ी होती तो इसी समय एक ही बार में उसका लंड काट के गिरा देती) बस एक बार झुमरी फिर से मुझे चोदने दे मजा आ जाएगा,,,

हरामजादी सच में तो कितना हारामी है मेरी इज्जत से खिलवाड़ करने के बावजूद भी तो फिर से मेरी इज्जत से खेलना चाहता है,,,

क्या झुमरी फिर से पागलों जैसी बात कर रही हो एक बार तुम्हारी बुर में घुस चुका है फिर उसके बाद बार-बार जाए फर्क क्या पड़ेगा तुम्हें भी तो आखिर मजा मिल रहा था तुम भी तो एकदम मस्त हो गई तुम्हें भी तो आनंद आया,,,

मैं तुझे अपना पति मानकर तुझे अपना मान और तन दोनो सौंप दी और तू मेरे साथ खिलवाड़ कर रहा है,,,,


देख झुमरी मान जा एक बार फिर से मुझे चोदने दे वरना मैं पूरे गांव में बता दूंगा कि तू चुदवाने के लिए मुझे अपने खेत पर ले गई थी,,,,।
(इतना सुनते ही झुमरी की आंखों से आंसुओं की धारा फूट पड़ी वह राजू के लिए क्या-क्या सपने देखे थे और राजू ने एक ही पल में उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया था लेकिन वह गुस्से से लाल पीली हुए जा रही थी और लाल-लाल बड़ी बड़ी आंखें दिखाते हुए बोली)

हरामजादे तू मुझे बदनाम करेगा मुझे बदनाम करने की धमकी देता है अरे मुझे बदनाम करने से पहले मैं अपनी जान दे दूंगी लेकिन उससे पहले मैं तेरी जान ले लूंगी हरामजादे कुत्ते आज मैं तुझे नहीं छोडूंगी,,,
(इतना कहने के साथ ही सु में खड़ी हुई और नग्न अवस्था में ही अपने बदन की स्थिति को देखे भी नहीं राजू की तरफ से पड़ने लगी राजू भी तुरंत खड़ा होकर झोपड़ी से बाहर आ गया और झुमरी की तरफ देखकर हंसते हुए इधर-उधर भागने लगा झुमरी उसके पीछे-पीछे उसे पकड़ने के लिए दौड़ने लगी अद्भुत नजारा बना हुआ था जिसका आनंद राजू पूरी तरह से ले रहा था एक लड़की को और भाभी नंगी दौड़ते हुए वह पहली बार देख रहा था तोड़ते हुए झुमरी की दोनों नारंगी हवा में उछल रही थी उसके नितंबों का उछाल उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था लेकिन इस समय झुमरी को बिलकुल भी होश नहीं था कि वह बिना कपड़ों के दौड़ रही है वह खेत के बीचो-बीच इधर-उधर राजू के पीछे दौड़ रही थी और राजू उसे दौड़ा रहा था कभी पेड़ के पीछे तो कभी ट्यूबवेल के पीछे कभी झोपड़ी के चारों तरफ चक्कर लगाने लगता था झुमरी उसे पकड़ नहीं पा रही थी हालांकि दौड़ते हुए वह पत्थर उठा उठा कर उसे मार रही थी लेकिन उसे एक भी पत्थर लग नहीं पा रहा था राजू दौड़ते हुए पीछे देख कर झुमरी के नंगे बदन को देखकर मस्त हुआ जा रहा था,,,,, राजू तब तक इधर-उधर भागता रहा जब तक कि झुमरी थक कर चूर ना हो गई हो और पूरी तरह से नंगी थी लेकिन गुस्से में उसे इस बात का अहसास तक नहीं हो रहा था कि वह इस तरह से नंगी भाग रही है और वह भी एक नंगे जवान लड़की के पीछे अगर यह नजारा कोई और देख ले तो उसके मन में तरह-तरह के सवाल पैदा हो जाए,,,,।

जब राजू को लगा कि झुमरी एकदम थक चुकी है तो वह एकदम से रुक गया और चुनरी सीधे आकर उसके सीने से आकर लग गई और इसी मौके का फायदा उठाते हुए राजू से अपनी बाहों में भर लिया,,,।

छोड़ हरामजादे छोड़ मुझे कुत्ते कमीने तेरे जैसा नीच इंसान मैंने आज तक नहीं देखी छोड़ मुझे आज तेरी खेर नहीं है या तो तू नहीं या तो मैं नहीं,,,,

क्या कर लोगी मेरा,,,
(एकदम शांत स्वर में राजू बोला और झुमरी अपने साथ हुए अन्याय के चलते रोने लगी एकदम से टूट गई थी उसे रोता हुआ देखकर राजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत उसे चुप कराते हुए बोला,,,)

अरे अरे यह क्या तुम रोने लगी अरे पगली मैं तो मजाक कर रहा था,,,,(राजू की बात पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था वह रोए जा रही थी) अरे सच में पगली मैं मजाक कर रहा था,,, तुम्हें अपनी बीवी बनाने का सपना में उसी दिन से देख रहा जिस दिन से मैं तुम्हें पहली बार नहाते हुए देखा था अभी जो कुछ भी मैंने कहा वह तो तुम्हें गुस्सा दिलाने के लिए कहा था मैं देखना चाहता था कि तुम किस हद तक जा सकती हो लेकिन तुम बहुत अच्छी हो तुम बहुत हिम्मत वाली हो और मुझे ऐसी ही बीवी चाहिए थी,,,,
(इतना सुनकर झुमरी आश्चर्य से राजू की तरफ देखने लगी और बोली)

नहीं तुम झूठ बोल रहे हो तुम्हें सिर्फ मेरा बदन चाहिए था,,,

हां वह तो चाहिए था लेकिन शादी करने के बाद लेकिन मैं अपने आप को रोक नहीं पाया जब तुम्हें आज कपड़े उतारते हुए नंगी देखा तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया जैसा कि अभी भी खड़ा हो रहा है,,,,(इतना सुनते ही झूमर जिज्ञासा बस नीचे नजर करके देखे तो सच में राजू का लंड खड़ा हो चुका था और उसकी बुर पर दस्तक दे रहा था यह नजारा देखते ही झुमरी के भी तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी) मैं तुम्हें सच में बहुत प्यार करता हूं झुमरी अपनी जान से भी ज्यादा,,,

सच राजू तुम मुझे धोखा तो नहीं दोगे ना,,,

मां कसम,,,,, मरते दम तक मैं तुम्हें कभी धोखा नहीं दूंगा,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने प्यासे होठों को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रखकर उसके रसपान करने लगा दो पल भर में ही उत्तेजित होने लगे राजू अपनी दोनों हथेली को झुमरी की सुगठित गांड पर रखकर दबाना शुरू कर दिया झुमरी भी उत्तेजित होने लगी थी राजू उसे चोदने की तैयारी करने लगा था वह एक हाथ नीचे की तरफ ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर उसकी बुर की दरार में ऊपर नीचे करके रगड़ रहा था यह देखकर झुमरी बोली,,)

नहीं राजू अब नहीं,,,

ऐसे कैसे नहीं मेरा मन थोड़ी भरने वाला है,,,
(मन तो झुमरी का भी बहुत कर रहा था लेकिन इस तरह से खुले में उसे डर लग रहा था इसलिए वह बोली)

तो यहां नहीं चलो फिर से झोपड़ी में,,,

नहीं मेरी रानी अब तो तुम्हें यही चोदूंगा,,,,

नहीं नहीं राजू ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,,

अरे अब मेरा मन थोड़ी मानने वाला है,,,
(इतना कहने के साथ ही राजू झुमरी की कमर पकड़कर घुमा दिया और उसे ट्यूबवेल की दीवाल पकड़कर झुकने के लिए बोला झुमरी का भी मन बहुत कर रहा था राजू के लंड को एक बार फिर से अपनी बुर में लेने के लिए इसलिए ना चाहते हुए भी राजू की बात मानते हुए वह झुक गई और राजू उसकी कमर पकड़ कर उसकी गांड को थोड़ा और ऊपर उठा दिया अब झुमरी की गांड का वह छोटा सा गुलाबी छेंद राजू की आंखों के ठीक सामने था,,, जिसमें से मदन रस टपक रहा था यह देखकर राजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ गया राजू का लंड पूरी तरह से तैयार हो चुका था और राजू तुरंत अपने लंड को पकड़कर झुमरी के गुलाबी छेंद से सटा दिया,,, एक बार फिर से राजू के गरम लंड के सुपाड़े को अपनी बुर पर महसूस करके झुमरी गनगना गई,,,, राजू एक झटके में ही अपने पूरे लंड को झुमरी की बुर में अंदर तक डाल दिया एक हल्की सी चीख झुमरी के मुंह से निकली और सब कुछ शांत हो गया,,,, एक बार फिर से झुमरी पूरी तरह से मत हो सो चुकी थी राजू उसकी कमर पकड़कर धक्के लगाना शुरू कर दिया था खुले आसमान के नीचे खेतों के बीच चुदाई करने का अपना एक अलग मजा था जिसका आनंद दोनों इस समय ले रहे थे देखते ही देखते राजू की कमर रफ्तार से आगे पीछे होने लगी झुमरी मदहोश हो जा रहे थे जिंदगी में पहली बार इस तरह से चुदाई का मजा ले रही थी और एक ही दिन में दो दो बार इसलिए वह पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी,,,।

थोड़ी ही देर में दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए,,, कुछ देर बाद दोनों जब शांत हुए तो झुमरी फिर से नहाने लगी क्योंकि झोपड़ी के अंदर हूं धूल मिट्टी लग चुकी थी वह नहा कर फिर से अपने कपड़े पहन लिए और तब तक कपड़े भी सूख चुके थे वह कपड़ों को लेकर फिर से घर की तरफ जाने लगी पीछे-पीछे राजू की जाने लगा लेकिन गांव का मोड़ आने पर राजू दूसरी तरफ चला गया था कि किसी को शक ना हो,,,,।

राजू को अभी तक दोबारा अपनी मां को चोदने का मौका नहीं मिला था वह तूफानी बारिश में जी भर कर अपनी मां की चुदाई किया था और घर पर आकर जब उसके पिताजी और उसकी बुआ घर पर नहीं थी तब मौके का फायदा उठाता हुआ अपनी मां की चुदाई किया था लेकिन उसके बाद से उसे मौका नहीं मिला था और ना ही मधु को ही मौका मिला था दोनों एक दूसरे के संसर्ग के लिए तड़प रहे थे क्योंकि मधु अब समझ चुकी थी कि मर्दाना ताकत किसे कहते हैं वह अपने बेटे से जी भर कर चुदवाने के बाद अपने बेटे के लंड की दीवानी हो गई थी,,,,, अब उसे अपने पति से चुदवाने में इतना मजा नहीं आता था क्योंकि उसकी बुर में उसके बेटे के लंड का सांचा जो बन गया था,,,,।

लाला के गहरे राज का राजदार बनने के बाद से राजू की किस्मत जोरों पर थी उसके अनाज के गोदाम का सारा काम राजू को ही संभालने को मिल गया था जिससे आमदनी उसकी अच्छी होने लगी थी गोदाम पर जाकर राजू,, दूसरे बैल गाड़ियों में अनाज का बोरा भरवा ता था और उन्हें गंतव्य स्थान तक पहुंचाने का हिदायत दे देता था कुछ बैलगाड़ी से तो रेलवे स्टेशन अनाज उतरता था और उसमें रेलगाड़ी में डालकर दूसरे शहर भेजा जाता था इसी तरह से लाला का कारोबार चलता था ऐसे ही 1 दिन राजू गोदाम पर अनाज के बोरे भरवा रहा था और तभी गोदाम में काम करने वाला एक मजदूर जोर जोर से चिल्लाता हुआ आया,,,

मालिक ,,,,मालिक,,,,, ओ मालिक,,,
(वह मजदूर इतना जोर से चिल्लाते हुए आया था कि सब लोग उसी को ही देख रहे थे यहां तक कि लाला भी एकदम गुस्से में आकर जोर से चिल्लाते हुए बोला)

क्या हो गया है जो मालिक मालिक चिल्ला रहा है कुछ आगे बोलेगा भी,,,

अरे मालिक,,,,, जमीदार विक्रम सिंह आ रहे हैं,,,।
(इतना सुनना था कि लाला के तो पसीने छूटने लगे एकदम परेशान नजर आने लगा और अपनी जगह से खड़ा होते हुए बोला)
विक्रम सिंह,,,,
(राजू यह देखकर हैरान था कि विक्रम सिंह ऐसी कौन सी बला है कि जिसका नाम सुनकर लाला के पसीने छूट रहे थे)
Wo mara papad wale ko,
Matlab Lala ka bhi koi baap hai vikram singh naam ka. Dekhte hai aage kya karte hai rony bhai, or waise bhi raju ne kafi chudai kar li ab to kuch or karne ki baari hai.
Awesome Update 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,465
9,197
159
Bahut hi behtarin updates…
 

Ek number

Well-Known Member
8,575
18,567
173
राजू अपने सपनों की रानी जिसके बारे में वह सपने बना करता था जिसके साथ जीवन यापन करने का ख्वाब देख रहा था ऐसी खूबसूरत झुमरी की जवानी पर वह पूरी तरह से काबू पा चुका था झुमरी की बुर को हासिल कर लेने के बाद वह अपने आप को दुनिया का सबसे खुशकिस्मत लड़का समझने लगा था और वास्तव में ऐसा ही था झुमरी ने आज तक किसी पराए मर्द को अपने बदन को हाथ भी लगानी नहीं दी थी और राजू को वह अपना सर्वस्य सौंप चुकी थी,,,,,, राजू झुमरी के साथ ऐसा करना नहीं चाहता था लेकिन झुमरी के करीब रहकर उसकी मदहोश कर देने वाली खुशबू को अपने अंदर महसूस करके वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और अपनी आंखों के सामने झुमरी को अपने कपड़े उतार कर नंगी होता हुआ देखकर उसकी मदमस्त कर देने वाली कौन कौन था उसकी नारंगी जैसी चूचियां और शरबती रस से भरी हुई उसकी रसीली बुर दूर यह सब राजू को मजबूर कर दी थी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए,,,, और इस काम क्रीड़ा में जितना मजा राजू को प्राप्त हुआ था उससे कहीं ज्यादा मजा झुमरी को मिल रहा था इसीलिए तो वह सुखी हुई घास पर ढेर हो गई थी और गहरी गहरी सांस ले रही थी राजू उसके ऊपर ही लेटा हुआ था और अभी तक उसका मोटा तगड़ा लंड झुमरी की बुर में घुसा हुआ था जिसे झुमरी अपनी बुर में महसूस करके पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी राजू कैलेंडर से उसका गर्म लावा बूंद बूंद करके झुमरी की बुर की तलैया को भर रहा था,,,,,,,।

झोपड़ी मैं और झोपड़ी के बाहर असीम शांति छाई हुई थी केवल दोनों की गहरी चल रही सांसो की आवाज ही आ रही थी कुछ देर तक राजू झुमरी की नंगी चिकनी पीठ पर लेटा रहा और अपने लंड को उसकी बुर की गर्माहट देता रहा झड़ जाने के बावजूद भी उसका लंड ज्यों का त्यों खड़ा था झुमरी को इस तरह का अनुभव पहले कभी नहीं था इसलिए वह बिल्कुल भी अंदाजा लगाने की हालत में नहीं थी,,, झड़ने के बाद लंड की स्थिति क्या होती है,,,, राजू झुमरी के गर्दन पर अपने होठों का चुंबन लेते हुए बोला,,,।

कैसा लगा मेरी रानी,,,,
(जवाब में वह कुछ बोल नहीं पाई बस शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद कर ली,,,, राजू को लड़कियों और औरतों का इस तरह से शर्मा ना ही उसकी उत्तेजना का सर्वप्रथम कारण बन जाता था,,, झुमरी केवल इतना ही बोल पाई,,)

अब बाहर निकाल लो,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर राजू एकदम मस्त हो गया,,, और झुमरी की बात मानते हुए अपने मोटे तगड़े लग गई अंडकोष उमरी की कसी हुई बुर से बाहर खींचते हुए वह अपने लंड को बाहर निकाल दिया और उसके बगल में पेट के बल बैठ गया झुमरी पेट के बल लेटी हुई थी और वह पीठ के बल दोनों एक दूसरे को देख रहे थे दोनों की नजरें आपस में टकराई और झुमरी शर्म से पानी पानी होने लगी,,,,)

आज मैं बहुत खुश हूं झुमरी,,, तुमने मुझे दुनिया का सबसे हसीन सुख दिया है जिसके बारे में सिर्फ मैं कल्पना किया करता था लेकिन तुमने आज मेरे ख्वाब को हकीकत में बदल दि‌ हो,,, मैंने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की को नहीं देखा बाहर से तुम कितनी खूबसूरत हो बिना कपड़ों के तुम और भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगती है कसम से ऐसा लगता है कि जैसे स्वर्ग से कोई अप्सरा नीचे उतर आई हो,,,।
(राजू झुमरी के लिए तारीफ के पुल बांध रहा था झुमरी अपनी खूबसूरती की तारीफ राजू के मुंह से सुनकर गदगद हुए जा रही थी हालांकि उसे शर्म भी बहुत महसूस हो रही थी क्योंकि इस समय भी वह पूरी तरह से नंगी ही थी,,, मैं सिर्फ मंद मंद मुस्कुरा रही थी और राजू तारीफ पर तारीफ किया जा रहा था,,,)
तुम मुझे जाने के लिए कही थी लेकिन मैं भला कैसे जा सकता था तुम्हें यहां पर अकेला छोड़ कर और वह भी ऐसे माहौल में जबकि हम दोनों मिलकर साथ में कपड़े धो रहे थे,,, सच झुमरी जब तुम अपने हाथों से एक-एक करके अपने बदन पर से कपड़े उतार कर नंगी हो रही थी कसम से उस समय का दृश्य देखने लायक था दुनिया में इस तरह का नजारा शायद कोई नहीं देखा होगा जब एक लड़की एक लड़के के सामने अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है मैं पेड़ के पीछे छुप कर सब कुछ देख रहा था तुम्हारा सलवार की डोरी खोलना सलवार उतारना कुर्ती उतारना तुम्हारी नंगी गांड देखकर तो मेरी हालत खराब हो गई थी तुम्हारी गांड भी कितनी खूबसूरत है झुमरी,,,(लेटे हुए ही अपना हाथ आगे बढ़ाकर झुमरी की गांड पर रखते हुए और से हल्के हल्के से लाते हुए ऐसा करने से झुमरी के तन बदन में झनझनाहट सी दौड़ने लगी थी) मैं तो तुम्हारी गांड को बस देखता ही रह गया एकदम सुगठित सुडौल है,,, सच कहूं तो तुम्हारी खूबसूरती की परिभाषा तुम्हारी गांड खुद है,,, कोई अगर तुम्हारे चेहरे को ना भी देखें और तुम्हारी गांड को भले ही सलवार में कैद हो उसकी उन्नत उभार को देखकर ही सही अंदाजा लगा लेगा कि गांड इतनी खूबसूरत है तो तुम कितनी खूबसूरत होगी,,,

राजू,,ऊमममम, कैसी बातें कर रहे हो मुझे शर्म आ रही है,,,(झुमरी शर्म से पानी पानी होते हुए बोली)

क्या झुमरी मुझसे शर्म करने की अब कोई जरूरत नहीं है ,,,, तुम मेरी होने वाली बीवी हो,,,(झुमरी की उम्र की गांड को अपनी हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाते हुए) मुझसे शर्म करोगी तो फिर आगे कैसे काम चलेगा अब तो तुम्हें मेरे सामने रोज अपनी टांगें खोलना है,,,,(झुमरी कभी भी इस तरह की बातें नहीं सुनी थी खास करके अपने लिए इसलिए राजू की बातें उसे शर्मसार किए जा रही थी ना चाहते हुए भी उसके बदन में अजीब सी झनझनाहट हो रही थी और उसकी बुर से एक बार फिर से मदन रस टपकने लगा था,,,, फिर भी वह शंका जताते हुए बोली)

राजू इस बारे में किसी को पता चल गया तो,,,


अरे किसको पता चलेगा यहां पर तुम्हारे और मेरे सिवा है कौन किसी को पता नहीं चलेगा और किसी को पता भी चल गया तो मैं नहीं डरता वैसे भी तुम्हें मैं अपनी बीवी बनाना चाहता हूं,,,, और तुम तो जानती हो बीवी को दिन-रात चोद सकते हैं,,,

राजू इस तरह की बातें मत किया करो मुझे बहुत शर्म आती है,,,,,,

और तुम्हारे ईसी शर्माने की वजह से मेरा मन फिर से मचलने लगता है देखो तो सही,,(अपने लंड को हाथ से पकड़ कर ही लाते हुए) मेरा लंड फिर से तैयार हो गया है तुम्हारी बुर में घुसने के लिए,,, अब मैं फिर से तुम्हें चोदने जा रहा हूं,,,,,
(इतना सुनते ही उत्तेजना के मारे झुमरी का गला सूखने लगा उसके बदन में कसमसा हाइट बढ़ने लगी क्योंकि राजू जी इस तरह की बातें कर रहा था उसे लगने लगा था कि कुछ ही देर में राजू फिर से उसकी बुर में अपना लंड डाल देगा परिवार फिर से उसे पूरी तरह से मस्त कर देगा,,, फिर भी व राजू से अपनी शंकाओं को दूर करने के लिए बोली,,)

राजू तुम मुझसे सच में शादी करोगे ना,,,,

(इतना सुनते ही राजू झुमरी की तरफ देखकर जोर-जोर से हंसने लगा झुमरी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस तरह से क्यों हंस रहा है जो मेरी भी मुस्कुरा रही थी लेकिन फिर जोर जोर से हंसते हुए राजू बोला)

तुम बहुत भोली हो झुमरी किसी की भी बात में आ जाती हो,,, मैं तो तुम्हारी बुर को पाने के लिए सिर्फ तुमसे शादी का नाटक कर रहा था तुमसे प्यार का नाटक कर रहा था,,,
(इतना सुनते ही झुमरी की आंखें आश्चर्य से चोडी होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि राजू यह क्या कह रहा है और राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला।) तुम्हें क्या लगा झुमरी में तुम्हारे साथ शादी कर लूंगा,,,, तुम खूबसूरत हो लेकिन इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं तुम्हारे पीछे दीवाना हो जाऊं और तुम से शादी कर लु मेरे लिए तो कहीं मेरा इंतजार कर रही होगी मेरी सपनों की रानी,,, यह सब नाटक तो मैं सिर्फ तुम्हें चोदने के लिए ही किया था तुम्हें पता है जिस दिन से मैं तुम्हें तुम्हारे घर में नंगी नहाते हुए देखा हूं तब से मैं तुम्हारे पीछे पागलों की तरह घूम रहा हूं पता है क्यों सिर्फ तुम्हें चोदने के लिए,,,

हरामजादे यह क्या कह रहा है तू,,,,

मैं सच कह रहा हूं मेरी रानी तेरा नंगा बदन तेरी नंगी गांड तेरी चूची तेरी बुर देखकर मैं उसी दिन से पागल हो गया था इसीलिए तो मैं तुझे पाना चाहता था,,, मेरी ख्वाहिश सिर्फ इतनी थी कि मैं तेरी बुर में अपना लंड डालकर अपनी गर्मी शांत कर सकूं और देख आज मैं अपना सपना सच कर लिया हूं,,,,

क्या कहा तूने हरामजादे नीच तूने मेरे जज्बातों के साथ खेला,,, तू मेरे साथ नाटक करता रहा और मैं तुझ से सच में प्रेम कर बैठी,,,(इतना कहते हैं वह उठ कर बैठ गई वह गुस्से से लाल हुए जा रही थी और गुस्से में उसका खूबसूरत चेहरा और भी ज्यादा गुलाब की तरह चमक रहा था उसकी नंगी चूचियां सांसो की गति के साथ ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर राजू के तन बदन में फिर से आग लग रही थी,,,,) और तूने मेरे प्रेम का यह सिला दिया मेरे जिस्म के साथ खेला मेरी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया मैं तुझे कभी नहीं छोडूंगी,,,,

झुमरी तू सच में बोलते हुए लेकिन तू खूबसूरत है इसलिए तो तेरे लिए मेरा लंड खड़ा हो जाता है देख फिर से खड़ा हो गया है,,,(अपने लंड को पकड़कर झुमरी को दिखाते हुए और जो मेरी उसके लंड की तरफ देखकर अपने मन में यह सोच रही थी क्या कर उसके हाथ में कुल्हाड़ी होती तो इसी समय एक ही बार में उसका लंड काट के गिरा देती) बस एक बार झुमरी फिर से मुझे चोदने दे मजा आ जाएगा,,,

हरामजादी सच में तो कितना हारामी है मेरी इज्जत से खिलवाड़ करने के बावजूद भी तो फिर से मेरी इज्जत से खेलना चाहता है,,,

क्या झुमरी फिर से पागलों जैसी बात कर रही हो एक बार तुम्हारी बुर में घुस चुका है फिर उसके बाद बार-बार जाए फर्क क्या पड़ेगा तुम्हें भी तो आखिर मजा मिल रहा था तुम भी तो एकदम मस्त हो गई तुम्हें भी तो आनंद आया,,,

मैं तुझे अपना पति मानकर तुझे अपना मान और तन दोनो सौंप दी और तू मेरे साथ खिलवाड़ कर रहा है,,,,


देख झुमरी मान जा एक बार फिर से मुझे चोदने दे वरना मैं पूरे गांव में बता दूंगा कि तू चुदवाने के लिए मुझे अपने खेत पर ले गई थी,,,,।
(इतना सुनते ही झुमरी की आंखों से आंसुओं की धारा फूट पड़ी वह राजू के लिए क्या-क्या सपने देखे थे और राजू ने एक ही पल में उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया था लेकिन वह गुस्से से लाल पीली हुए जा रही थी और लाल-लाल बड़ी बड़ी आंखें दिखाते हुए बोली)

हरामजादे तू मुझे बदनाम करेगा मुझे बदनाम करने की धमकी देता है अरे मुझे बदनाम करने से पहले मैं अपनी जान दे दूंगी लेकिन उससे पहले मैं तेरी जान ले लूंगी हरामजादे कुत्ते आज मैं तुझे नहीं छोडूंगी,,,
(इतना कहने के साथ ही सु में खड़ी हुई और नग्न अवस्था में ही अपने बदन की स्थिति को देखे भी नहीं राजू की तरफ से पड़ने लगी राजू भी तुरंत खड़ा होकर झोपड़ी से बाहर आ गया और झुमरी की तरफ देखकर हंसते हुए इधर-उधर भागने लगा झुमरी उसके पीछे-पीछे उसे पकड़ने के लिए दौड़ने लगी अद्भुत नजारा बना हुआ था जिसका आनंद राजू पूरी तरह से ले रहा था एक लड़की को और भाभी नंगी दौड़ते हुए वह पहली बार देख रहा था तोड़ते हुए झुमरी की दोनों नारंगी हवा में उछल रही थी उसके नितंबों का उछाल उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था लेकिन इस समय झुमरी को बिलकुल भी होश नहीं था कि वह बिना कपड़ों के दौड़ रही है वह खेत के बीचो-बीच इधर-उधर राजू के पीछे दौड़ रही थी और राजू उसे दौड़ा रहा था कभी पेड़ के पीछे तो कभी ट्यूबवेल के पीछे कभी झोपड़ी के चारों तरफ चक्कर लगाने लगता था झुमरी उसे पकड़ नहीं पा रही थी हालांकि दौड़ते हुए वह पत्थर उठा उठा कर उसे मार रही थी लेकिन उसे एक भी पत्थर लग नहीं पा रहा था राजू दौड़ते हुए पीछे देख कर झुमरी के नंगे बदन को देखकर मस्त हुआ जा रहा था,,,,, राजू तब तक इधर-उधर भागता रहा जब तक कि झुमरी थक कर चूर ना हो गई हो और पूरी तरह से नंगी थी लेकिन गुस्से में उसे इस बात का अहसास तक नहीं हो रहा था कि वह इस तरह से नंगी भाग रही है और वह भी एक नंगे जवान लड़की के पीछे अगर यह नजारा कोई और देख ले तो उसके मन में तरह-तरह के सवाल पैदा हो जाए,,,,।

जब राजू को लगा कि झुमरी एकदम थक चुकी है तो वह एकदम से रुक गया और चुनरी सीधे आकर उसके सीने से आकर लग गई और इसी मौके का फायदा उठाते हुए राजू से अपनी बाहों में भर लिया,,,।

छोड़ हरामजादे छोड़ मुझे कुत्ते कमीने तेरे जैसा नीच इंसान मैंने आज तक नहीं देखी छोड़ मुझे आज तेरी खेर नहीं है या तो तू नहीं या तो मैं नहीं,,,,

क्या कर लोगी मेरा,,,
(एकदम शांत स्वर में राजू बोला और झुमरी अपने साथ हुए अन्याय के चलते रोने लगी एकदम से टूट गई थी उसे रोता हुआ देखकर राजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत उसे चुप कराते हुए बोला,,,)

अरे अरे यह क्या तुम रोने लगी अरे पगली मैं तो मजाक कर रहा था,,,,(राजू की बात पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था वह रोए जा रही थी) अरे सच में पगली मैं मजाक कर रहा था,,, तुम्हें अपनी बीवी बनाने का सपना में उसी दिन से देख रहा जिस दिन से मैं तुम्हें पहली बार नहाते हुए देखा था अभी जो कुछ भी मैंने कहा वह तो तुम्हें गुस्सा दिलाने के लिए कहा था मैं देखना चाहता था कि तुम किस हद तक जा सकती हो लेकिन तुम बहुत अच्छी हो तुम बहुत हिम्मत वाली हो और मुझे ऐसी ही बीवी चाहिए थी,,,,
(इतना सुनकर झुमरी आश्चर्य से राजू की तरफ देखने लगी और बोली)

नहीं तुम झूठ बोल रहे हो तुम्हें सिर्फ मेरा बदन चाहिए था,,,

हां वह तो चाहिए था लेकिन शादी करने के बाद लेकिन मैं अपने आप को रोक नहीं पाया जब तुम्हें आज कपड़े उतारते हुए नंगी देखा तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया जैसा कि अभी भी खड़ा हो रहा है,,,,(इतना सुनते ही झूमर जिज्ञासा बस नीचे नजर करके देखे तो सच में राजू का लंड खड़ा हो चुका था और उसकी बुर पर दस्तक दे रहा था यह नजारा देखते ही झुमरी के भी तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी) मैं तुम्हें सच में बहुत प्यार करता हूं झुमरी अपनी जान से भी ज्यादा,,,

सच राजू तुम मुझे धोखा तो नहीं दोगे ना,,,

मां कसम,,,,, मरते दम तक मैं तुम्हें कभी धोखा नहीं दूंगा,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने प्यासे होठों को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रखकर उसके रसपान करने लगा दो पल भर में ही उत्तेजित होने लगे राजू अपनी दोनों हथेली को झुमरी की सुगठित गांड पर रखकर दबाना शुरू कर दिया झुमरी भी उत्तेजित होने लगी थी राजू उसे चोदने की तैयारी करने लगा था वह एक हाथ नीचे की तरफ ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर उसकी बुर की दरार में ऊपर नीचे करके रगड़ रहा था यह देखकर झुमरी बोली,,)

नहीं राजू अब नहीं,,,

ऐसे कैसे नहीं मेरा मन थोड़ी भरने वाला है,,,
(मन तो झुमरी का भी बहुत कर रहा था लेकिन इस तरह से खुले में उसे डर लग रहा था इसलिए वह बोली)

तो यहां नहीं चलो फिर से झोपड़ी में,,,

नहीं मेरी रानी अब तो तुम्हें यही चोदूंगा,,,,

नहीं नहीं राजू ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,,

अरे अब मेरा मन थोड़ी मानने वाला है,,,
(इतना कहने के साथ ही राजू झुमरी की कमर पकड़कर घुमा दिया और उसे ट्यूबवेल की दीवाल पकड़कर झुकने के लिए बोला झुमरी का भी मन बहुत कर रहा था राजू के लंड को एक बार फिर से अपनी बुर में लेने के लिए इसलिए ना चाहते हुए भी राजू की बात मानते हुए वह झुक गई और राजू उसकी कमर पकड़ कर उसकी गांड को थोड़ा और ऊपर उठा दिया अब झुमरी की गांड का वह छोटा सा गुलाबी छेंद राजू की आंखों के ठीक सामने था,,, जिसमें से मदन रस टपक रहा था यह देखकर राजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ गया राजू का लंड पूरी तरह से तैयार हो चुका था और राजू तुरंत अपने लंड को पकड़कर झुमरी के गुलाबी छेंद से सटा दिया,,, एक बार फिर से राजू के गरम लंड के सुपाड़े को अपनी बुर पर महसूस करके झुमरी गनगना गई,,,, राजू एक झटके में ही अपने पूरे लंड को झुमरी की बुर में अंदर तक डाल दिया एक हल्की सी चीख झुमरी के मुंह से निकली और सब कुछ शांत हो गया,,,, एक बार फिर से झुमरी पूरी तरह से मत हो सो चुकी थी राजू उसकी कमर पकड़कर धक्के लगाना शुरू कर दिया था खुले आसमान के नीचे खेतों के बीच चुदाई करने का अपना एक अलग मजा था जिसका आनंद दोनों इस समय ले रहे थे देखते ही देखते राजू की कमर रफ्तार से आगे पीछे होने लगी झुमरी मदहोश हो जा रहे थे जिंदगी में पहली बार इस तरह से चुदाई का मजा ले रही थी और एक ही दिन में दो दो बार इसलिए वह पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी,,,।

थोड़ी ही देर में दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए,,, कुछ देर बाद दोनों जब शांत हुए तो झुमरी फिर से नहाने लगी क्योंकि झोपड़ी के अंदर हूं धूल मिट्टी लग चुकी थी वह नहा कर फिर से अपने कपड़े पहन लिए और तब तक कपड़े भी सूख चुके थे वह कपड़ों को लेकर फिर से घर की तरफ जाने लगी पीछे-पीछे राजू की जाने लगा लेकिन गांव का मोड़ आने पर राजू दूसरी तरफ चला गया था कि किसी को शक ना हो,,,,।

राजू को अभी तक दोबारा अपनी मां को चोदने का मौका नहीं मिला था वह तूफानी बारिश में जी भर कर अपनी मां की चुदाई किया था और घर पर आकर जब उसके पिताजी और उसकी बुआ घर पर नहीं थी तब मौके का फायदा उठाता हुआ अपनी मां की चुदाई किया था लेकिन उसके बाद से उसे मौका नहीं मिला था और ना ही मधु को ही मौका मिला था दोनों एक दूसरे के संसर्ग के लिए तड़प रहे थे क्योंकि मधु अब समझ चुकी थी कि मर्दाना ताकत किसे कहते हैं वह अपने बेटे से जी भर कर चुदवाने के बाद अपने बेटे के लंड की दीवानी हो गई थी,,,,, अब उसे अपने पति से चुदवाने में इतना मजा नहीं आता था क्योंकि उसकी बुर में उसके बेटे के लंड का सांचा जो बन गया था,,,,।

लाला के गहरे राज का राजदार बनने के बाद से राजू की किस्मत जोरों पर थी उसके अनाज के गोदाम का सारा काम राजू को ही संभालने को मिल गया था जिससे आमदनी उसकी अच्छी होने लगी थी गोदाम पर जाकर राजू,, दूसरे बैल गाड़ियों में अनाज का बोरा भरवा ता था और उन्हें गंतव्य स्थान तक पहुंचाने का हिदायत दे देता था कुछ बैलगाड़ी से तो रेलवे स्टेशन अनाज उतरता था और उसमें रेलगाड़ी में डालकर दूसरे शहर भेजा जाता था इसी तरह से लाला का कारोबार चलता था ऐसे ही 1 दिन राजू गोदाम पर अनाज के बोरे भरवा रहा था और तभी गोदाम में काम करने वाला एक मजदूर जोर जोर से चिल्लाता हुआ आया,,,

मालिक ,,,,मालिक,,,,, ओ मालिक,,,
(वह मजदूर इतना जोर से चिल्लाते हुए आया था कि सब लोग उसी को ही देख रहे थे यहां तक कि लाला भी एकदम गुस्से में आकर जोर से चिल्लाते हुए बोला)

क्या हो गया है जो मालिक मालिक चिल्ला रहा है कुछ आगे बोलेगा भी,,,

अरे मालिक,,,,, जमीदार विक्रम सिंह आ रहे हैं,,,।
(इतना सुनना था कि लाला के तो पसीने छूटने लगे एकदम परेशान नजर आने लगा और अपनी जगह से खड़ा होते हुए बोला)
विक्रम सिंह,,,,
(राजू यह देखकर हैरान था कि विक्रम सिंह ऐसी कौन सी बला है कि जिसका नाम सुनकर लाला के पसीने छूट रहे थे)
Behtreen update
 
Top