• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance भंवर (पूर्ण)

nain11ster

Prime
23,612
80,684
259
Update:-120




शाम लगभग ढलने को थी। मेघा की अपस्यु से मिलने की रुचि जो सुबह थी, वो कहीं ना कहीं ठंडी पर चुकी थी। वैसे भी मेघा अब अपस्यु से मिलकर करती भी क्या, जो कभी भी शिकार हो सकता था। इन्हीं सब बातों का आकलन करती हुई मेघा पब के लिए निकल गई।


7 बजे के करीब वो एक आलीशान पब में पहुंची। जैसे ही वो पहुंची, एक वेटर उसे ड्रिंक सर्व करने पहुंच गया। मेघा उस वेटर को देखकर कहने लगी… "जाकर ये ड्रिंक उसके मुंह पर मार आओ, जिसने भी भेजा है।"..


वेटर:- सर ने बताया था आप का जवाब ऐसा ही कुछ होगा, इसलिए साथ में एक पत्र भी दिया है।


मेघा उस पत्र को देखी, उसपर बड़े अक्षरों में "अपस्यु" लिखा था। मेघा उसकी अदा पर मुस्कुराती हुई ड्रिंक उठाई और अपने कदम बढ़ाती बार काउंटर तक पहुंची…. "हेय हीरो ! कोई उम्मीद नहीं थी कि तुम यहां मिलोगे।"..


अपस्यु:- हाय ये झूठ बोलने की अदा। मुझे ऐसा क्यूं लग रहा है आंटी की आप मेरा पीछा कर रही है।


मेघा, आंखें गुर्राती :- सिर्फ 31 साल का होना से आंटी की श्रेणी में आता है। बहुत ही भद्दा था ये…


अपस्यु:- अच्छा तो फिर मैं अपने से 9-10 साल बड़ी लेडी को क्या कहूं?


मेघा:- चलो कहीं अकेले में चलकर सब समझाती हूं कि क्या कहना चाहिए और क्या करना चाहिए मुझ जैसी हॉट, टॉप क्लास मॉडल के साथ।


अपस्यु:- हम्मम ! तुम्हारी अदा और तुम्हारी बातें आज कुछ मैच नहीं हो रही मेघा। लगता है तुम्हे जो मुझ से उम्मीदें थीं वो कोई और पुरा कर रहा है।


मेघा:- तुम कहना क्या चाहते हो…


अपस्यु अपने राउंड टेबल को घुमाया और उसके होंठो को अपने होंठ से छूकर खड़ा हो गया और चलते-चलते…. "सॉरी स्वीट हार्ट, तुम मुझे शाम को मिलने का वादा करके अपना कार्यक्रम बदल ली। फिर कभी मुलाकात होगी।" … इतना कहकर, अपस्यु फिर माईक लेकर जोड़ से कहने लगा…. "श्रेया तुम केवल बेवकूफ हो, इस से ज्यादा कुछ नहीं। मेरा पीछा करने से अच्छा, मुझ से सामने से बात करती तो तुम्हारे लिए मै ज्यादा फायदेमंद होता। मै ज़रा अकेले घूमना चाहता हूं इसलिए प्लीज मेरे पीछे मत आना।"…


मेघा को अपने लिए कही बात तो समझ में आ गई, लेकिन बीच में ये श्रेया कौन आ गई, इसपर वो सोचती रह गई। तभी मेघा ने देखा पब के कोने से एक लड़की उठकर अपस्यु के पीछे भागी। मामला थोड़ा पेंचीदा था, इसलिए मेघा भी उसके पीछे जाने लगी, और इन दोनों के पीछे लोकेश का एक शातिर आदमी, जो सुबह से अपस्यु के पीछे था, पब के पीछे सुनसान से जगह को सुनिश्चित करने के बाद…. उसने तुरंत लोकेश से संपर्क किया…


"सर आप का शक सही निकला। शायद इस लड़के को आपके बारे में सब पता है।"… इतना कहने के बाद लोकेश से वो आज सुबह से लेकर अब तक की घटनाओं का ब्योरा देने लगा, जिसमें एक क्लोज डोर मीटिंग की बात बताया, जो इतना हाई टेक जगह था कि जितने भी जतन उसने किए, लेकिन अपस्यु के साथ किसकी बात हुई और क्या बात हुई, वो सुन नहीं सका। अपस्यु, मेघा को उलझाने के लिए कैसे उस पब में पहले से पहुंचा और साथ में यह भी उसपर एक लड़की पहले से नजर बनाए हुई थी जिसके बारे में अपस्यु को पहले से पता था। ..


लोकेश ने जब उसके आखरी के कुछ बातें सुनी, फिर वो समझ चुका था कि जितना छोटा उसने अपने इस नए दुश्मन को समझा था वो उतना भी छोटा नहीं। अपने जासूस कि बात पर वो तेज हसने लगा। फोन लाइन के दूसरे ओर उसके अट्टहास भरि हंसी वो जासूस सुन रहा था, तभी एक चींख निकली और वो जासूस सदा के लिए ख़ामोश हो गया।


दूसरे फोन लाइन से लोकेश को आवाज़ आयी… "काम हो गया।"… लोकेश उसे फिर आज रात अपस्यु को खत्म करने का हुक्म देकर लाइन कट किया, और दूसरे लाइन से मेघा को सुनने लगा।…


इधर पब से निकलकर अपस्यु पार्किंग के ओर बढ़ा, श्रेया दौड़ती हुई उसके पीछे पहुंची और उसके कपड़े को पकड़ कर खींचने लगी… अपस्यु पीछे मुड़कर उसे देखते ही हसने लगा।…. "मै अभी एक काम निपटा रहा हूं, इसलिए अभी कुछ भी समझा नहीं पाऊंगा। तुम सीधा अपने फ्लैट चली जाओ, मै आज रात तुमसे मिलता हूं।".. श्रेया इससे पहले कुछ कहती सामने से मेघा भी उसी के ओर आने लगी। उसे देखते ही अपस्यु एक बार फिर बोला…. "अब जाओ यहां से और हमारे बारे में अपने टीम से भी डिस्कस मत करना। वरना अपनी बेवकूफी का एक परिणाम तुम पहले भी देख चुकी हो। अब जाओ।"…


श्रेया अनगिनत सवाल अपने मन में लिए वहां से चली गई। इधर जबतक अपने इठलाते क़दमों को आगे बढ़ती हुई मेघा अपस्यु के पास पहुंची…. "ओह तो ये श्रेया है।"


अपस्यु:- हां जबसे मेरा और ऐमी का रिश्ता सामने आया है, बेचारी का दिल टूट गया और मुझे रिझाने के लिए ये मेरे आस पास ही मिल जाती है।


मेघा:- ओह ! मतलब तुम्हे बस संका थी और उसी आधार पर तुमने एक तीर मारा था।


अपस्यु:- हां हर होशियार इस अंधेरे के तीर का शिकार हो ही जाता है। हम तो कुछ नहीं जानते, लेकिन जैसे ही उसे आभाष करा दो हमे उसके बारे में सब पता है फिर हड़बड़ी में गड़बड़ी कर ही जाते है। खैर छोड़ो, आज तो मै शिकार पर निकला हूं, खाली हाथ थोड़े ना अपनी रात बिताऊंगा..


मेघा:- हीहीहीही… शिकार यहां खुद तैयार हैं। वैसे हां ये सही है कि अब काम को लेकर तुम में कोई रुचि नहीं रही। लेकिन फुरसत की एक रात के लिए तो हमेशा ही रुचि रहेगी… क्यों ना आज रात तुम मेरा शिकार कर लो…


अपस्यु, मेघा को आंख मारते… "आ जाओ बैठ जाओ फिर, आज रात फिर से एक बार सिना जोड़ी का खेल हो जाए।".. "नहीं प्लीज वो खेल नहीं।"…. "क्यों तुम्हे मज़ा नहीं आया था क्या।"…. "हीहीहीही… मज़ा था या साजा आज तक तय नहीं कर पा रही, लेकिन जो भी था, वो कातिलाना था।"…


दोनो की हॉट एरोटिक बातें शुरू हो गई। लोकेश उनकी बात सुन सुनकर विचित्र ही मनोदशा में चला गया था। कभी एक मन सोचता कि लड़के ने तुक्का मरा और मेरा एक एजेंट मरा गया, तो फिर दिमाग में ख्याल आता कि मेघा को कहीं कोई ऑफर देने से पहले उसे फसा तो नहीं रहा। कुल मिलकर लोकेश की भी वहीं हालत हो चुकी थी, जैसा कुछ दिन पहले श्रेया की थी। …


बिल्कुल भ्रमित करने वाला माहौल, जिसमे एक पल लगे कि ये लड़का अपस्यु सब कुछ जान रहा है और लंबी योजना पर काम कर रहा है, तो अगले पल लगता कि कुछ नहीं जानता केवल एक दिलफेंक आवारा है जो अपनी मर्जी का कर रहा।


इधर लोकेश उनकी आवाज़ साफ सुन रहा था.. दरवाजा खुलने से बंद होने तक की आवाज़। फिर उधर से को हंसी की किलकारियों के साथ कभी मादक आह तो कभी तेज जोड़ की चीखें। कभी मेघा की मिन्नतें तो कभी अट्टहास भरी हंसी। और इसी बीच एक तेज खटाक की आवाज़ और उस ओर से आने वाली सभी आवाज़ बंद…


लोकेश अपने ऑपरेटर से जवाब तलब करते… "क्या हुआ ये आवाज़ आना क्यों बंद हो गया।"


ऑपरेटर:- सर लगता है ब्रा पाऊं के नीचे आ गया होगा, डिवाइस बेकार हो गई है।


लोकेश चिल्लाते हुए…. "आखिर उसे पता कैसे चला की हमने माईक ब्रा में छिपा रखी थी।"


ऑपरेटर:- सर दोनो का जोश को देखकर लगता नहीं कि उन्हें कुछ पता भी होगा।


लोकेश:- कुछ भी करो लेकिन मुझे अभी उसकी बात सुननी है।


ऑपरेटर:- बस कुछ देर सर..


वो ऑपरेटर कंप्यूटर पर काफी तेज खिटीर पिटीर करते अपने हाथ चलाया और एक मिनट बाद लोकेश को इशारे से मेघा को कॉल लगाने के लिए कहने लगा। लोकेश ने मेघा को कॉल लगाया। पहली घंटी पूरी हो गई मेघा ने कॉल नहीं लिया। लोकेश ने दोबारा फोन लगाया.. कुछ देर के बाद मेघा कॉल पिक करती… "अभी .. आह्ह्हह्ह ! बाद में बात करो!" .. तेज चढ़ती श्वांस में मेघा ने जल्दी से अपनी बात कही और कॉल डिस्कनेक्ट कर दी।


इधर से ऑपरेटर जीत का अंगूठा दिखाते, फोन के माईक से आ रही आवाज़ को सुनाने लगा। अब भी मेघा की मादक सिसकारी आ रही थी। कभी तेज दो कभी धीमी। ऐसा लग रहा था जैसे वहां सब बिना वीडियो के पोर्न के ऑडियो का पूरा मज़ा ले रहे थे।


और कुछ देर बाद वहां बिल्कुल सन्नाटा पारा रहा, बस बीच-बीच में एक दो बार चूमने कि आवाज़ और लगभग 15 मिनिट… "कहां जा रही हो मुझे छोड़कर"


मेघा:- आह्ह ! क्या मज़ा दिया है तुमने… एक हॉट शॉवर लेकर वापस आती हूं।


अपस्यु:- तुम ऐसे नंगी खड़ी ना रहो मेरा खड़ा हो जाता है…


मेघा:- हीहीहीहीही… तुम्हारा क्या होता है और क्या नहीं ये मुझे क्यों बता रहे हो। मैं तो यहां जबतक हूं पूरी ओपन हूं।


तभी फिर कुछ क़दमों कि आवाज़ और फोन से बिल्कुल आवाज़ आना बंद हो गया। लोकेश वापस से चिल्लाया, ऑपरेटर अपना छोटा सा मुंह बनाते…. "सर अब दोनो बाथरूम के अन्दर रास लीला मना रहे, तो इसमें मै क्या कर सकता हूं। शूटर को भेजकर दोनो को खत्म ही कर दीजिए ना।


लोकेश:- नहीं, शूटर को वापस बुला लो। इसपर से सारे सर्विलेंस हटाओ, हम गलत जगह फोकस कर रहे है। इसे और इसके परिवार को हम जब चाहे तब मार सकते है, और जब मारना ही है तो इसपर इतना ध्यान क्यों। वैसे भी इसकी जो भी प्लांनिंग होगी वो उद्योगपति विक्रम राठौड़ और लोकेश राठौड़ के लिए होगी। इसकी तो रूह ही समझेगी की मै क्या हूं?


इधर जैसे ही अपस्यु फ्लैट पहुंचा, उसका खेल शुरू हो चुका था। सेक्स के दौरान वो इतना हावी रहा की मेघा पागल हो गई उन उन्माद में। जैसे ही वो माईक टूटा अपस्यु को एक छोटा सा विंडो मिल गया। तुरंत ही उसने ब्रा की कारीगरी में छिपे माईक को दिखाते हुए, अपस्यु ने मेघा से कहा था कि ये बेकार हो गया है, अब लोकेश उसकी बात सुनने के लिए कोई नया हथकंडा अपनाएगा।


मेघा तो दंग थी, लेकिन अपस्यु ने उसके सारे आश्चर्य के भाव को पुनः एक कामुक उन्माद में परिवर्तित करते हुए बस अभी उसे फॉलो करने और एन्जॉय करने का सलाह दिया। फोन छोड़कर दोनो बाथरूम में जाने के बदले एक कमरे में गए…


मेघा, जैसे ही कमरे में पहुंची…. "तो वो तुम और तुम्हारी टीम थी जो लोकेश से बदला लेने के चक्कर में हमारे पैसों का नुकसान किया।"..


अपस्यु:- क्या बात है, मैंने एक माईक क्या दिखा दिया तुम तो जड़ से पकड़ना शुरू कर दी।


मेघा:- यह मेरे सवाल का जवाब नहीं..


अपस्यु:- जब बात बदले कि हो रही हो, तो सीधा सा गणित होता है मेघा, गेहूं के साथ घुन भी पिसता है। क्या ऑफर किया लोकेश ने अपने बेस पर, आज सुबह की मीटिंग में…


मेघा:- ओह तो तुम्हे उसके साम्राज्य और उसके ठिकाने का पूरा पता है और वो होशियार समझता है कि तुम्हारी प्लांनिंग दिल्ली के बॉडी गार्ड को देखते हुए होगी। खैर तुम्हे उसके साम्राज्य के बारे में पता होने से क्या होता है, तुम और तुम्हारी फैमिली वैसे भी मरोगे, क्योंकि उसके पाले सैतानो का मुकाबला करना किसी के बस की बात नहीं। तुम्हारे जाने का थोड़ा सा अफ़सोस तो होगा डार्लिंग, लेकिन खुशी इस बात की होगी की हमारे बीच रहकर जिस दुश्मन को पहचान ना पाए, वो मर जाएगा। चिंता मत करो, तुम्हारे इस राज के बारे में मै किसी को नहीं बताउंगी।


अपस्यु:- हाहाहाहाहा… जी शुक्रिया, वैसे एक बात बताओ, हवाला के पैसे जाने का शक तो पहले एक दूसरे पर ही किए होगे, फिर अब तुम दोनो मिल गए तो पुरा इल्ज़ाम किस गरीब के सर फोड़ दी?


मेघा:- अच्छा सवाल है। वैसे कमाल का गेम था वो भी वाकई, लेकिन ये क्यों भुल जाते हो, हम लंबे समय से पार्टनर्स है और बिना भरोसे धंधा नहीं होता। और कहते है ना जो गड्ढा खोदता है लोग उसी में फंसते है। बस तुम्हारे खेल का नतीजा भी वही होगा। तुम्हारा क्लोज वो होम मिनिस्टर और उसके साथ तुम्हारे प्यारे भाई का वो ससुर राजीव मिश्रा साथ में उसकी पत्नी, बेटी, बेटा सब मरेंगे। ये कतई नहीं सोचना कि मै तुम्हारी बातों में आकर ये राज खोल रही, बस तुमने मुझे एहसास करवाया की कोई मुझ पर लगातार नजर दिए है सो उसके बदले मैंने तुम्हे यह जानकारी दी।
 
Last edited:

nain11ster

Prime
23,612
80,684
259
Update:-121







अपस्यु:- बस मुझे इतना ही जानना था, बाकी खेल तो शुरू हो ही गया है, मज़े लो बस…


मेघा:- हां मै तो पॉपकॉर्न के साथ मज़े लूंगी इस सह और मात के खेल का। वैसे तुम्हे डर नहीं लग रहा।


अपस्यु:- अपना डर दूर करने ही तो मैदान में उतरा हूं.. वरना मुझे क्या परी थी।


मेघा:- जिंदा रहे तो फिर मज़े करेंगे डार्लिंग। अब मैं चलती हूं।


मेघा वहां से निकल गई और अपस्यु अपने सिगरेट का धुआं उड़ाते कुछ सोच में डूबता चला गया। एक छोटे से चिंतन के बाद अपस्यु मुक्ता अपार्टमेंट से अपने फ्लैट लौटा और श्रेया को मिलने का आमंत्रण दिया।


श्रेया किसी घायल शेरनी की तरह पगलाई अपस्यु का इंतजार कर रही थी। जैसे ही वो मिलने के लिए फ्लैट में घुसी, ना कोई बात ना कोई वार्निग, सीधा फायरिंग शुरू कर दी। गुस्से में पगलाई श्रेया ने जैसे ही पुरा मैग्जीन खाली किया अपस्यु ने उसे तेजी से पकड़ा।….


श्रेया खुद को छुड़ाने के जद्दो जेहद में लग गई। काफी कोशिश के बाद जब वो नाकाम सी महसूस करने लगी, छटपटाने बंद करके वो स्थिर हो गई और तेज-तेज श्वांस लेती श्रेया गुस्से में पागल होकर इधर-उधर देखने लगी….


अपस्यु अपने हाथों की पकड़ बनाए….. "तुम मुझे जान से मारने कि कोशिश कर रही हो, लेकिन मार नहीं पा रही। कहीं मैंने सोच लिया तो तुम्हारे साथ-साथ यहां रह रही तुम्हारी पूरी टीम भी साफ हो जाएगी। बेहतरी इसी में है कि हम बैठकर बातें कर ले।"


श्रेया अपनी पिस्तौल नीचे गिराती हुई "हां" कही और अपस्यु ने उसे छोड़ दिया। ख़ामोश होकर वो हॉल में बैठी… "बताओ क्या बात करनी है।"


अपस्यु:- ये सीधा गोली मारना कहां से सीखी।


श्रेया:- जब खून सवार होता है तो सीधा गोली ही मारी जाती है, बातचीत तो समझौते का रास्ता खोलती है।


अपस्यु:- और खून क्यों सवार हो गया तुम्हारे सर पर..


श्रेया:- मेरे 5 लोग को बड़ी बेरहमी से मारने के बाद ऐसा पूछ रहे, कमाल हो गया ये तो।


अपस्यु:- वो तुम्हारे लोग थे और तुम मेरे पीछे हो, ये मुझे अगले दिन पता चला, इसलिए इसका दोष मुझपर ना ही दो तो अच्छा है। मेरे सामने भी मुझे और ऐमी को जान से मारने कि कोशिश हुई थी। तुम्हारे 5 लोगों को जान से मारने का अफ़सोस है, लेकिन मुझे फसाने के लिए तुमने गलत रास्ता चुना था। अगर कुछ इतना ही जरूरी था तो सीधा बात कर लेती, उस जगदीश राय को मारने के लिए भी मुझे सोचना पड़ता क्या?


श्रेया:- आई एम् सॉरी। मैं एक तरफा सोचकर ही सब गड़बड़ कर गई।


अपस्यु:- उन 5 लोगों की फैमिली डिटेल मुझे दे देना। उनका कर्जदार हूं मै, क्योंकि योजना तुम्हारी थी और पीस गए गलत लोग, जिन्हें मौत तो नहीं ही मिलनी चाहिए थी, क्योंकि वो ऑर्डर फॉलो कर रहे थे।


श्रेया:- मेरे टीम के लोग थे इसलिए मै मौत का बदला ले रही थी बस, बाकी मुझे कोई गिल्ट नहीं उन 5 के मरने का। सच मानो तो 10 और ऐसे लोग है, जो मेरे टीम से चले जाए तो शायद उनके मरने का बदला मै ले लूं, लेकिन उनके जीने से ज्यादा उनके मरने कि ही ख्वाहिश दिल में है।


अपस्यु:- एक खतरनाक टीम लीड करने वाली की इतनी भावनाएं। हुआ क्या था, जो इन 15 से लोगों से तुम नफरत करती हो?


श्रेया:- कुछ बातें ना ही जानो तो अच्छा होगा। खुद को बड़ी हिम्मत से खड़ा किया है, तुम्हारे कहे शब्द और एक दोस्त की तरह मुझे समझना, मुझे फिर से किसी और दौड़ में ले जाएगा। इसलिए मेरी इतनी रिक्वेस्ट मान लो। और हां, आई एम् ए बैड गर्ल, इसलिए मेरे किसी दिमागी फितूर के कारन मुझे जान से मारना पड़े तो अफ़सोस मत करना, बाकी मुझे यदि तुम्हे मारना होगा तो पहले तुम्हे मारूंगी और बाद में थोड़ा सा अफ़सोस कर लूंगी।.. हीहीहीहीही…


अपस्यु:- पूरे पागल हो तुम !


श्रेया:- सो तो हूं। अब छोड़ो इन सब बातों को, सीधे मुद्दे पर आती हूं। तुम मेरे बारे में जानते हो और मै तुम्हारे बारे में, सो अब ये लुका-छिपी का खेल क्यों? सीधे बात करते हैं।


अपस्यु:- मै भी यही सोचकर पब में सब ओपन कर दिया था।


श्रेया:- मेरी ट्रेनिग एक कातिल के रूप में हुई है। हमारी टीम अबतक 4 काम को चुपचाप अंजाम दे चुकी है, लेकिन हमलोग 2 टारगेट में फंस गए। 2 टारगेट में फसना भी गलत होगा, जगदीश राय को ही मारने में इतने बुरी तरह से असफल हो गए की दूसरा टारगेट तो उससे कई गुना हाई लेवल का है। हम लोग जब जगदीश राय की फील्डिंग कर रहे थे, तब मैंने तुम्हारा जलवा देखा था, उसके अंडरग्राउंड फाइट क्लब में। जहां पर कोई जगदीश राय के खिलाफ कुछ करने की सोच नहीं सकता, उस जगह तुम 2 लोग सामने से अंदर घुसे और अपना काम करके निकल गए।

"हम लोग तो दंग ही हो गए थे ये सब देखकर। हमारी, जगदीश राय को मारने कि पहली प्लांनिंग ही चल रही थी, और जोश इतना था कि हमने जीत जश्न में इतना ही कहा था… "जब दो लोग सामने से घुसकर इतनी तबाही मचा सकते हैं, फिर हमारे पास तो एक पूरी टीम है।"

"वक़्त बीतता रहा लेकिन जगदीश राय क्या चीज है, हमे समय-समय पर पता चलता रहा। हम समझ चुके थे कि ये जगदीश राय हमसे बहुत ऊपर की चीज है इसलिए फिर हमने तुम्हे ढूंढ़ना शुरू किया। केवल 2 मकसद थे, तुम्हे समझकर अपने साथ मिलाना या साथ मिलकर काम करने लायक नहीं हुए तो तुम्हे फसाकर काम निकलवाना। बेसिकली हमारी पूरी टीम ही इस मामले में कच्चे है, किसी को फसाकर काम निकलवाने में हम लोग फिसड्डी साबित हुए।"

"मेरे काम के अंदाज़ से तो तुम समझ ही चुके होगे कि ये हमारा पहला हाई केवल काम था और तुम्हे जाल में फंसाकर हमे 2 बड़े टारगेट एलिमिनेट करने का काम मिला था। एक को तो तुमने साफ कर दिया। अब बस अपना एक हाई क्लास टारगेट एलिमिनेट करवाना है।"


अपस्यु:- नाम बताओ, यदि अनैतिक नहीं होगा तो मै ये काम कर दूंगा।


श्रेया:- मैं जानती हूं तुम्हारे काम करने के तरीके को। मेरे टारगेट का नाम सुनकर तुम मना नहीं कर सकते इस काम को।


अपस्यु:- नाम, काम और दाम बताओ।


श्रेया:- लोकेश प्रताप सिंह.. कीमत तुम खुद बता दो।


अपस्यु:- हम्मम ! ठीक है अगले 3 दिन में यह काम जो जाएगा। उम्मीद है तुम और तुम्हारी टीम का काम यहां खत्म हो गया, सो तुमलोग अपने ये रेंट का फ्लैट छोड़कर आराम से निकल जाओ, और इस काम के बाद ना तो मै तुम्हे जानता हूं, और ना तुम मुझे। इस काम कि कीमत होगी 50 करोड़।


श्रेया:- लेकिन तुम्हारी कीमत तो 2 करोड़ हुआ करती है ना।


अपस्यु:- लोकेश राठौड़ इतनी बड़ी मछली है कि तुम तो 100 करोड़ निकलवाओ अपने बॉस से, 50 तुम्हारे और 50 मेरे। और हां, हम दोनों एक दूसरे के बारे में जानते है, ये किसी को भनक भी नहीं लगने देना।


श्रेया:- कीमत ज्यादा है पहले उसपर बात जर लें, फिर दूसरी चर्चा भी हो जाएगी।


अपस्यु:- इसलिए मैं लड़कियों के साथ डील नहीं करता, यहां भी बारगेनिंग।


श्रेया:- सो तो है। तो डील कुछ ऐसी है कि तुम्हे में 10 करोड़ दिलवाती हूं।


अपस्यु:- 50 करोड़ से सीधा 10 करोड़, ये कैसी बारगेनिंग है।


श्रेया:- लवली बारगेन है। आज तुम्हारा पीछा करके मै जान गई हूं कि तुम्हारा भी वही टारगेट है जो मेरा है। मै 10 करोड़ ना भी दूं तो भी ये काम तुम करोगे। सो पैसों की डील तय हो गई। अब आते हैं दूसरे हिस्से पर। तुम मेरी सच्चाई नहीं जानते। ठीक है तुम मेरी सच्चाई नहीं जानते, लेकिन इस डील के लिए मैंने तुम्हे राजी कैसे किया। सो एक दमदार एग्जॉटिक प्ले होगा और तुम मेरे बिछाए हुस्न के जाल में फस गए।


अपस्यु:- मुझे तुम्हारे साथ फिजिकल होने में कोई ऐतराज नहीं, लेकिन तुम्हे ये जरूरी लगता है तो अभी कर लो, वरना मुझे काम पर फोकस करना है।


श्रेया:- हम्मम ! कोई नहीं, ठीक है इस बार बच गए लेकिन मै अपनी डिजायर तो कभी ना कभी पूरी कर ही लूंगी। अलविदा दोस्त फिर शायद ही हम कभी मिले।


अपस्यु 2 मीटिंग समाप्त कर चुका था लेकिन रात के इस प्रहर में अंदर से हृदय थोड़ा कमजोर सा पड़ता जा रहा था। जिंदगी में पहली बार उसे डर का आभास सा हो रहा था। अपस्यु एक बहुत बड़े खेल का हिस्सा बन तो गया था, लेकिन आने वाले पल की कल्पना अपस्यु के अंदर डर का माहौल बनाए हुए थे।


अपस्यु को भले ही खेल शुरू होने से पहले, अनचाहे डर ने उसे घेर रखा था, लेकिन लोकेश अपनी मकसद को पूरा करने के लिए पूरे जोर से आगे बढ़ना शुरू कर चुका था। सुबह जिस नंदनी रघुवंशी का चेहरा, लोकेश ने अपस्यु के मोलबाइल में देखा, रात तक उसकी और उसके पूरे परिवार की डिटेल सामने थी।


12 अगस्त की रात विक्रम और लोकेश मीटिंग हॉल में बैठकर नंदनी की पूरी डिटेल देख रहे थे…. "पापा क्या यही है आप की बहन"..


विक्रम:- सौ फीसदी यही है नंदनी रघुवंशी।


लोकेश:- ठीक है पापा फिर कल दिन में उनके यहां आने की स्वागत कीजिए। अब अपना पुरा दाव खेलने का समय आ गया है।


विक्रम:- लोकेश वो सेंट्रल होम मिनिस्टर है , उसपर हाथ देने का मतलब तुम समझ रहे हो।


लोकेश:- पापा, जब विपक्ष अपने साथ हो, उसके पार्टी के कई नेता अपने साथ हो, पुरा मामला मायलो ग्रुप के मालिक और सेंट्रल होम मिनिस्टर के बीच का होना है, फिर आप चिंता क्यों करते है? अब आप समझे की हमे नंदनी रघुवंशी की इतनी जरूरत क्यो थी?


लोकेश के इस छोटे से मीटिंग के बाद, सबसे पहले अपस्यु और उसके परिवार पर ही गाज गिरने की तैयारी शुरू होने लगी, क्योंकि लोकेश के अपने सबसे बड़े दाव के लिए नंदनी रघुवंशी का उसके पास होना जरूरी था और 12 अगस्त की पूरी रिसर्च के बाद 13 अगस्त, दिन के 2 बजे तक उसे हर हाल में नंदनी रघुवंशी अपने बेस पर चाहिए था।


गोवा से लेकर मुंबई और मुंबई से लेकर दिल्ली तक, अपस्यु और उसके परिवार के नाम की लिस्ट निकल चुकी थी। हर जगह के लोकेश के पाले प्रोफेशनल पहुंच चुके थे और सबका काम और टारगेट बांट दिया गया था। एक रात और जीने की गुंजाइश के बाद, नंदनी के सारे परिवार को दिन के 2 बजे तक समाप्त करके नंदनी को राजस्थान लाने कि सारी तैयारियां हो चुकी थी।


सुबह के लगभग 5 बजे से ही हर कोई फील्डिंग लगाकर बैठ चुका था। गोवा में आरव और लावणी एक हसीन रात बिताने के बाद सुबह के 5 बजे, मोरजिम बीच घूमने के लिए निकले थे। हाथों में हाथ थामे एक और हसीन सुबह लुफ्त उठाने। दोनो जैसे ही अपने रिजॉर्ट से बाहर निकले, खबरी ने तुरंत यह संदेश आगे तक पहुंचाया।


एक चेन के माध्यम से खबर लोकेश के ऑपरेटिंग रूम तक पहुंची, और वहां का ऑपरेटर अजय लाइव वीडियो फुटेज ऑन करके टारगेट को एलिमिनेट करने का हुक्म दिया। 2 स्नाइपर और 7 गनमैन फाइटर के साथ ये लोग भी मोरजिम बीच के पास, जंगल झाड़ियों में अपना ठिकाना बनाया।


शूटर 1:- लड़का मेरे निशाने पर है।
शूटर 2:- उसकी कमाल कि हॉट गर्लफ्रेंड मेरे निशाने पर है।


लोकेश के कंट्रोल रूम का ऑपरेटर अजय…. "दोनो टारगेट को खत्म करो"…


इधर फायरिंग के आदेश आए और उधर 9 लोगों की भीड़ में कौतूहल का माहौल हो गया। वीडियो आरा तिरछा आ रहा था, किसी की कमीज़ दिख रही थी तो किसी की पैंट। आवाज़ से इतना तो समझ में आ रहा था कि उस जगह पर मारपीट हो रही थी, लेकिन कौन किसको मार रहा था कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।


तकरीबन 10 मिनट बाद वहां से ऑडियो और वीडियो दोनो आने बंद हो गए। ऑपरेटर हेल्लो, हेल्लो करता रह गया, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया। ऑपरेटर अजय से जब ये गुत्थी नहीं सुलझी, तब वो आनन फानन में गोवा के लोकल गैंग से संपर्क किया और 2 करोड़ की एक डील तय करके आधे पैसे उन तक पहुंचा दिए।
 
Last edited:

nain11ster

Prime
23,612
80,684
259
sab to thik hai lekin 400 se 500 me vodaka ki puri botle kaha milti hai :bat:
ham to yanha 1000 rs le ke jate hai aur fir bhi ek gandi si wishky lakar pina padta hai :verysad:
Dekhiye simple ganit batata hun... Bhar dum pina ho to goa ka tikit karwayega... 10k ka daru 4k me mil jayega baki 6k me aaram se ghumiye firiye... Jab se bihar me daru band hua hai tab se main yahi Karta hun... Wahan jakar kewal daru ke bache paise me sari aish aaram le kar aata hun..

Aur haan goa jayen to fast and furious me liya jane wala wo maxican beer Corona jaroor pikar aayen... Kyonki goa gaye aur wo na piya to fir jane ka matlab na hai... Baki goa me 300 me bhi full mil jayega vodka.. BP 535 ka full hai jan 2020 ka rate bata raha .. :D ..
 

nain11ster

Prime
23,612
80,684
259
Hum jee lenge tere intezar me
Bas kal tak ki ho to baat hai,
Wada jab aapne kiya Hai
Ye bhi koi kahne ki baat hai.
Love you Brother nain11ster
waiting for the next update

Kafi vichlit karne wala av laga rakha hai.. dekhkar man fresh ho gaya arv bhai.. subah ho gayi aur nain aa gaya aap ke samaksh
 

nain11ster

Prime
23,612
80,684
259
ye somesh naam ke nay character ki entry huyi hai kya pata ye bhi aage koi kaam hi aa jaye waise amy apasyu ne lavni ke dost ko dhundh hi liya par ye MP se aise kaun baat karta hai ye to aisa hua ke somesh ko MP apasyu ne hi banaya ho
badhiya update
Nana MP to nahi banaya lekin dono ke piche ka kand thoda detail mil jayega adrishi bhai... Baki dekhiye kahan kahan ye charecter aate jata rahta hai... :yo: :yay: :yo:
 
  • Like
Reactions: Nevil singh

nain11ster

Prime
23,612
80,684
259
bahut sahi bat boli hai kunjal ne ki dusre ke fate main taang na adani pehle apni pareshaniya niptao jabardast par baba apasyu kaha mannewale hai khair ab lagta hai main plan par kaam hone wala hai
badhiya update
Kya adrishi babu .. kunjal ko abhi pura mamla pata thode na hai Khair ... Dekhiye ab main plan par kaam kab shuru hota hai aur kab khatm hoya hai ..
 
  • Like
Reactions: Nevil singh

nain11ster

Prime
23,612
80,684
259
O bete matlab ye shreya to mastermind nikli bhai. ander hi ander itna bada game khel rahi thi aur puri building main usi ke log hai..matlab jhol bahut bada lagta hai aur iske piche bahut hi powerful aadmi ka kaam lag raha hai waise sahi botal main utar raha hai use apasyu

Shaandaar Updates :applause:
Hahaha .. kahani ko jab bhi padhe to bus ek kaam karke padhna shuru karen... Kahani ka title dekh kar.. naam hi bhanwar hai adrishi babu :D
 
  • Like
Reactions: Nevil singh
Top