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Romance भंवर (पूर्ण)

nain11ster

Prime
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Hum intjaar karenge tera kyamat tak khuda kare ke kayamat ho aur tu aayee.
Kin lafjo me likhu me apne intjaar ko tumhe,
Bejuban hai ishq mera dhundta hai khamoshi se tujhe.

Intzar ki ghadiyan khatam hoti hai Nevil bhai .. :peep:
 
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nain11ster

Prime
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Waiting, planning to sab ki jaari hai, Ab action time hai, kiski planning kamyab rahati hai. Please yuddh ka bigul fook bhi do.
Ohk Ohk Ohk funk raha hun bigul chintu bhai .. bada waiting waiting kar rahe the na .. aaj 120 se 138 update pahuncha diya hai... Yani ki 19 update ... Ab yadi ek sath cumulative comment diye to batata hun.. :D
 
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nain11ster

Prime
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Besabri se intazar hai nain bhai,
Aaj dusra din ho gya nain bhai ....bhabhi ki yaado se baahar aaiye aur bhaiyo pe dhyan dijiye
Waiting for next update
Waiting bhai
jaldi update deo bhai
Hope all ok Nain bhai...
Waiting bhai

7 din baad 19 update diya.. kisi ne bhi baimani kiya aur 19 update ka ek sath review aaya tab batata hun ... Main bhi waiting hiijh dunga update ke badla :declare:
 

nain11ster

Prime
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Nain bhai abhi tak ki sari story padhi. Maza aaya wakai shandar story hai.
Agle update ke intzaar me.
Raj sharma ji .. aap ne itne like thoke bina sharmaye ki mujhe laga chalo acha hai .. ye bhai kuch to istory par likh denge... Nah har update par nahi to kam se kam 10 update milake ek chhota vichar dal dete ..

Lekin bina sharmaye like button ko thoka pita tha .. comment ke waqt to ulta pura Sharma hi gaye Sharma ji .. :bat:
 
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Black water

Vasudhaiv Kutumbakam
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Update:-130





अश्क:- वो एक दौर था जो गुजर गया। गलतियां हम दोनों से हुई, लेकिन आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ होगा की दृश्य ने एक ही बात के लिए 4 बार नाराजगी जताई हो, और देख ना मैंने दृश्य से यहां भी झगड़ा कर लिया।


"कोई बात नहीं है दीदी, अब चलो भी तैयार हो जाओ। पहले बारातियों का स्वागत देखना है फिर बाद में हमे भी तो धमाल मचाना है।".. ऐमी अपने कपड़े बदलती हुई बात करने लगी।


अश्क:- आह ! मै तो आलसी हूं, आज तेरा एक्शन देखूंगी बस..


ऐमी:- क्यों अपने लव का एक्शन देखते-देखते बोर हो गई क्या।


अश्क:- कूल, ये फैंसी लिंगरी की शॉपिंग मुझे भी करवाएगी क्या?


ऐमी:- आप नहीं खरीदती क्या?


अश्क:- यार सोचकर जाती तो हूं कि खरीदना है, लेकिन जब वो दिखता है तो बस इत्तू सा छोटा कपड़ा लगता है कुछ समझ में ही नहीं आता।


ऐमी, स्ट्रेचेबल पेंसिल जीन्स डालती… "ठीक है जब कभी भी दिल्ली आना तो साथ चलेंगे शॉपिंग पर। अब उठो भी, वहां कहां आप बिस्तर पर जमी है। आप पहले किसी के साथ तैयार ना हुई क्या, जो ऐसे बैठकर मुझे तैयार होते देख रही है।"..


अश्क:- नाह मुझे देखना है कि जब तुम जैसी ट्रेंड फाइटर तैयार होती है तो अपने कपड़ों के साथ क्या-क्या कैरी करती है।


ऐमी:- दीदी ये फिर कभी और किसी मौके पर देखने को मिलेगा, क्योंकि आज का थीम है, उन्हीं के चराग से उन्ही का आशियाना जलाना है।


अश्क:- ओह ! चल ठीक है फिर मै भी तैयार हो लू..


इधर स्वास्तिका ने अपना बैग खोलकर बिस्तर पर सारा समान बिखेर दी, बड़ी तेजी से वो दृश्य के चेहरे पर हाथ चलाती गई, और अंत में एक गाढ़े हरे रंग की कॉन्टैक्ट लेंस दृश्य के आखों में लगाने के बाद… "ये हो गया आप का मेकअप सर"..


दृश्य:- ये सर क्या है, तू मुझे भाई नहीं मानती क्या?


स्वास्तिका:- मै रिश्ते मानने में नहीं, रिश्ते निभाने में विश्वास रखती हूं।


दृश्य:- प्वाइंट तो बी नोटेड, और हां मेरे लिए रिश्ता मुंहबोली नहीं, बल्कि दिल से जुड़ा होता है, इसलिए ज्यादा बातें नहीं, और मुझे अच्छा लगेगा जब तुम हक दिखाओगी।


स्वास्तिका हंसती हुई…. "जी भईया, वैसे कैसा लगा मेकअप।"


दृश्य:- निम्मी जारा देखकर बताओ की मै पहचाना जाऊंगा या नहीं।


निम्मी:- भईया आपके करीबी को छोड़कर कोई आपको पहचान नहीं पाएगा। और कितना भी करीबी क्यों ना हो, जबतक ध्यान से ना देखे पता, नहीं चलने वाला है।


दृश्य, स्वास्तिका के दोनो गाल खिंचते…. "थैंक्यू सो मच, क्या मेरे कुछ लोगों ये कला सीखा सकती हो।"


स्वास्तिका:- बिल्कुल भाई, दिल्ली में ही रहूंगी और अपना हॉस्पिटल खोलने वाली हूं, साथ में मेरा एक सपना है कि बहुत बरा रिसर्च सेंटर भी होता, लेकिन आपकी कहानी जानने के बाद वो विचार मैंने छोड़ दिया। सो एक हॉस्पिटल और उसमे मेरे अपने छोटे-छोटे क्यूट से रिसर्च। आप भी उनको भेज देना जिन्हे ये कला सीखनी हो।


दृश्य:- ऐसा नहीं है कि रिसर्च कोई भी बुरा होता है। हां लेकिन कुछ विकृत मानसिकता के महत्वकांक्षी लोग, उस प्रयोग को अभिशाप बना देते है, लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि अच्छे काम छोड़ दिए जाए। जब ऐमी का टेक्निकल सपोर्ट मिलेगा, तब तुम्हारे एक्सपेरिमेंट को कोई चुरा नहीं सकता, इसलिए अपना आइडिया ड्रॉप मत करो। और हां इसी बहाने मुझे भी किसी के लिए कुछ करने का मौका मिल जाएगा…


स्वास्तिका:- किसके लिए भाई?


दृश्य:- वैदेही है…. जिसने अपने एक्सपेरिमेंट से मेरे अंदर जीवन की नई परिभाषा डाली, डॉक्टर शांतनु की बेटी। वो भी अपने पिता की तरह एक काबिल खोजकर्ता है, लेकिन उसके पिता की दुर्गति जब मुझे याद आती है, तो मेरा रूह कांप जाता है। तुम्हारे हॉस्पिटल में वो सबके बीच और तुम्हारे टीम के साथ अपना प्रयोग जारी रख सकती है। क्या तुम मेरी मदद करोगी ?


स्वास्तिका:- इसपर आराम से बैठकर बात करेंगे भाई, अभी आप जाओ मुझे निम्मी को भी तैयार करना है, आपके पीए की तरह।


दृश्य जैसे ही बाहर निकला, स्वास्तिका निम्मी का मेकअप करती… "निम्मी, एक बात कहूं।"


निम्मी:- मै जानती हूं वो बात, मैंने अपस्यु को दी है सारी बातें। इसलिए प्लीज पार्थ को लेकर कोई बात नहीं करो।


स्वास्तिका:- हम्मम ! ठीक है नहीं करती, मै अपने बारे में तो कर सकती हूं ना।


निम्मी:- हां क्यों नहीं।


स्वास्तिका:- मैंने 19 साल की उम्र में अपनी वर्जिनिटी लूज की थी। 2 टाइमपास बॉयफ्रेंड रहे है और अपनी मर्जी अनुसार सेक्स को एन्जॉय किया। फिर एक दिन दीपेश से मुलाकात हुई, दिल में प्यार वाली फीलिंग जागी, उसके बाद मेरी सारी खुशियां उससे जुड़ गई। एक बात बड़े ईमानदारी से कहूंगी, आज तक कभी मेरे दिल मे उसके पिछले अफेयर जानने का ख्याल नहीं आया और ना ही उसने कभी अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से मेरे अफेयर्स के बारे में जानने की कोशिश किया।


निम्मी:- आप लोग अलग सोसायटी में पले बढ़े हो और मैं अलग।


स्वास्तिका:- "यही तो मै भी समझाना चाहती हूं। उसने भी कई सालों से अलग सोसायटी को देखा है, आज बस तुम्हारा होकर रहना चाहता है। मै तुम्हे फोर्स नहीं कर रही लेकिन बस इतना समझना चाहती हूं कि जैसे मेरे या दीपेश के दिल में कभी अतीत को लेकर कोई ख्याल नहीं आया, ठीक वैसे ही कभी पार्थ तुम्हारे अतीत को लेकर अपने मन में कोई ख्याल नहीं लाएगा, और विश्वास मानो वो रिश्ते निभाने में वो बेईमान नहीं।

"तुम दोनो एक हो जाओ उसका एक स्वार्थ तो यह है कि उस घुमक्कड़ को एक स्थाई ठिकाना मिल जाए, क्योंकि मै जानती हु, यहां का काम खत्म होते ही वो फिर हमारे लिए अजनबी होने वाला है। एक तो उसे बांधे रखने की ख्वाहिश है दूसरा जब से तुम्हरे बारे में जाना है, तबसे एक टीस ही उठती है। किसी और कि गलती के लिए तुमने हर खुशियों से मुंह मोड़ लिया।"


निम्मी:- स्वास्तिका मेरे बदन को यहां नहीं नोचा गया था, बल्कि मेरे आत्मा को नोचकर निकाल दिया गया था। बस दिल की आग ही है जो मुझे जीने की मकसद दी है, उसके बाद फिर मेरा कोई अस्तित्व नहीं।


स्वास्तिका:- सिर्फ तुम्हारा ही अतीत कलेजा चीरने वाला नहीं है, उसके हंसते चेहरे के पीछे भी कई दर्द छिपे है और जो मैंने बताया ना की कल से वो हमारे लिए अजनबी हो जाएगा, वो भी उसी ओर इशारा है कि उसने भी अपने जीने का मकसद नहीं बनाया और शायद वो भी तुम्हारे तरह ही सोचता है। एक छोटी सी उम्मीद कि किरण जागी है, बस दुआ करूंगी तुम दोनो को अपना अस्तित्व एक दूसरे में मिल जाए। हो गया तुम्हारा मेकअप भी। जारा देखकर बताओ कैसा है?


निम्मी:- बहुत शानदार है। चलती हूं अब।


इधर अपस्यु अपने कमरे में सारा इंतजाम करवा चुका था। बड़ा सा स्क्रीन तो पहले से उस कमरे में लगा हुआ था और अब वो सिस्टम से भी कनेक्ट हो चुका था। सबसे पहले पहुंची कुंजल, और वो अपस्यु के पास जाकर उसके बनाए छोटे से बार काउंटर पर बैठ गई।


कुंजल:- पियक्कड़ कहीं के, पुरा बार ही खोल लिया है अपने लिए तो। अब तो लगता है आपसे बात करना छोड़ दू उसी शर्त पर ये पीने की लत भी छोड़ दोगे।


अपस्यु:- सिर्फ ऐमी को पता है ये बात, आज तुम्हे बता रहा हूं, एक्सट्रीम ठंड और पहाड़ पर सीधी चढ़ाई लगातार चढ़ने के कारण, मेरे बॉडी में एक्स्ट्रा बॉडी फ्लूइड विकसित हुआ था। हर किसी के शरीर में यह थोड़े मात्रा में पहले से पाया जाता है, लेकिन मेरे अंदर ये काफी मात्रा में उत्पन होता है।

"जब कड़ाके के ठंड में भी मै गर्मियों के आम दिन की तरह कपड़े पहनकर अपना काम पूरे ध्यान से करता, बिना कापें, तब गुरुजी का ध्यान मुझपार गया। 4 दिन की यात्रा के बाद गुरुजी मुझे एक आऊर्वेदाचर्या के पास लेकर गए और मेरे बारे में उन्हें अवगत करवाया।"

"उन्होंने पुरा निरक्षण के बाद गुरु निशी से से कहा कि चिंता का विषय नहीं है, मानव शरीर की संरचना ही कुछ ऐसी है कि शरीर में वातावरण और काम के हिसाब से कुछ चीजें विकसित होती है तो कुछ चीजों के प्रयोग ना हो पाने के कारन विलुप्त हो जाती है। मेरे शरीर ने भी ऐसा ही एक एक्स्ट्रा फ्लूइड विकसित किया है।"


कुंजल:- इससे आपके पीने का क्या संबंध..


अपस्यु:- ये फ्लूइड जब अल्कोहल के साथ मिलता है तो इसके परिणाम काफी रोचक होते है। पहला तो मैं दिन रात-पिता रहूं, ये किडनी और लिवर में पहुंचने से पहले ही मेरे लिए दवा का काम करता है और मेरे इस एक्स्ट्रा फ्लूइड को स्टेबल कर देता है जो मेरे ध्यान लगाने की शक्ति में अदभुत मदद करता है।

"मै अपने आस पास की चीजों को महसूस कर सकता हूं। एक बार जिस जगह को देख लूं, मै इंच के हिसाब से बता सकता हूं। गोली की रफ्तार को 2000 गुना भी बढ़ा दो, फिर भी मै काफी दूर से हवा में हुए परिवर्तन को भांप लेता हूं, और एक चीज जो मै अबतक सबसे छिपाते आया हूं, मै हवा की गति को भांपकर उसी तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए बच भी सकता हूं।"

"सबको लगता है कि मै धुएं की आड़ में बचने कि कोशिश करता हूं, लेकिन सच तो यह है कि हवा के गति में परिवर्तन होते ही, जैसे ही खतरे का अंदाज़ा होता है मेरा शरीर भी उसी स्पीड से प्रतिक्रिया में बचता है और कहीं बच पाना संभव नहीं होता, तो शरीर में जहां सबसे कम नुकसान हो, शरीर वहां पर वार झेल लेता है। मेरे हर विषय पढ़ने के पीछे की रुचि, मेरे कुछ नया सीखने की रुचि, और कुछ ही समय में किसी काम में महारथ हासिल करने की रुचि, इन सब का राज वो एक्स्ट्रा फ्लूइड ही है और अल्कोहल उसे स्टेबल करके दिशा प्रदान करने में मदद करता है।"


कुंजल:- आप तो सुपर स्टार निकले भईया। वैसे कहीं कोई कहानी तो नहीं बना रहे ना…..


अपस्यु:- मतलब मै इतने बड़े राज से पर्दा उठा रहा हूं, और तुम मुझे ही झूठा बोल रही।


कुंजल:- हीहीहीहीही, भईया जब आप सफाई देते हो तो बहुत मस्त दिखते हो। अच्छा सुनो ना मै क्या कह रही थी..……


अपस्यु:- हां बोल ना ?

कुंजल, कुछ सोचती हुई… "नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही"..


"हद है अपस्यु, अब यहां भी बार काउंटर"… ऐमी, अश्क के साथ कमरे में शिरकत करती हुई कहने लगी…


हाय क्या अदा थी ऐमी की, वो हल्के मेकअप के साथ, अपने लंबे और खूबसूरत तराशे बदन पर, जब वो बिजनेस क्लास वूमेन की तरह, पेंसिल हिल पर पेंसिल जीन्स और शर्ट पहने शिरकत की, अपस्यु के होश उड़े।… "कुछ देर पहले तो मै हॉटी थी, और अभी अपने होने वाली पर से नजर नहीं हट रही, कमाल है।"… अश्क, अपस्यु के आखों के सामने चूटकी बजाती अपनी बात कही और उसकी बात सुनकर तीनों ही हसने लगे।


ऐमी:- हद होती है अपस्यु, बेबी कुछ देर में हम पार्टी में तो होते ही। अब क्या सारा एन्जॉय यही कर लोगे।


कुंजल, ऐमी से….. भाभी हमारी पार्टी तो बस थोड़ी देर में शुरू होने वाली है, आधा इधर एन्जॉय करेंगे, आधा उधर एन्जॉय करेंगे..


अश्क:- सही है ये तो, बिल्कुल सही है, लेकिन एन्जॉय करने के लिए होश में होना जरूरी होगा, ना की पीकर बेहोश हो जाओ।


अपस्यु:- इसलिए तो यहां अल्कोहल की केवल एक ड्रिंक सर्व होगी, बाकी सब फ्रूट जूस पिएंगे…


"अच्छा उपाय है, हर किसी पर लागू कर दो, सिर्फ बाबा अपस्यु को छोड़कर, क्योंकि हमारा एक उनके 10 के बराबर होता है, और वो भी शायद मैंने कुछ कम बता दिया होगा।"… आरव पीछे से ताना देते हुए उनके पास आकर बैठ गया, और उसके साथ में पार्थ भी।
Awesome update bhai
Update:-131








अश्क, पार्थ से… देखो दोस्त या तो प्यार में देवदास बन जाओ या फिर प्यार को प्यार से अपने ओर आकर्षित करने की कोशिश करो, मर्जी तुम्हारी है।..


पार्थ:- नाह मै अभी प्यार के बारे में नहीं सोच रहा, ये वक़्त तो हमारे परिवार का है.. और मैं पार्थ आप सबका होस्ट, आप सबका दोस्त, यहां आप सबको आज की इस महफिल में स्वागत करता हूं। पीकर होश खोने की रात नहीं है, क्योंकि ये होश में पूरे एन्जॉय करके बेहोश होने की रात है। और इस शाम को यादगार बनाने के लिए मै अपनी खूबसूरत और हॉट दोस्त ऐमी को एक डांस के लिए इन्वाइट करना चाहूंगा।..


जैसे ही पार्थ का जोश भड़ा अनाउंसमेंट हुआ, सभी लोग हूटिंग करना शुरू कर दिए।…. "रुको, रुको, रुको… शो शुरू होने में केवल 10 मिनट रह गए हैं, तो मुझे भी एक डांस पार्टनर की जरूरत है।".... अश्क भी उनके पागलपन में शरीक होती कहने लगी।


आरव अपने घुटने पर बैठते… "भाभी, ऐसे चिल्लाकर कहोगी तो एक पार्टनर नहीं, अनेक पार्टनर की लाइन लग जाएगी।"…


अपस्यु ने म्यूज़िक प्ले कर दिया और एक ओर पार्थ नाचने लगा और दूसरी ओर आरव। ऐमी की नजर डांस करते हुए भी लगातार अपस्यु पर बनी हुई थी। जब से वो कमरे में घुसी थी, उसे ऐसा लग रहा था मानो अपस्यु का आकर्षण उसे खींच रहा है। अपस्यु भी मुसकुराते हुए बस ऐमी को देख रहा था और हवा में जाम लहराते हुए टेस्ट कर रहा था।


इसी बीच दृश्य भी पहुंच गया और वहां का नजारा देखकर थोड़ा हैरान सा हो गया। कुछ बोलने से अच्छा सीधा बार काउंटर पर चला गया… "8 बजने वाले है, प्लान पर एक्शन लेने का समय है, और ऐसे समय में तुम"..


कुंजल, दृश्य से:- सुनो भईया, क्या आपने प्लान पहले से बना लिया लिया था?


दृश्य:- हां, वो भी बिल्कुल परफेक्ट..


कुंजल:- सबको प्लान के हिसाब से उसका काम अच्छे से समझा दिया?


दृश्य:- हां बिल्कुल..


कुंजल:- यहां पर मौजूद लोगों में से उसके हिस्से का काम शुरू हो चुका है क्या?


दृश्य:- ना अभी उसमे समय है…


कुंजल:- फिर इतना टेंशन में क्यों हो, आराम से ड्रिंक लीजिए और एन्जॉय कीजिए, जब हमारा वक़्त आएगा तब हम अपना काम शुरू करेंगे।


दृश्य:- इसे लापरवाही कहते है। अपस्यु तुम सुन भी रहे हो?


कुंजल:- वो अपनी बीवी को देखने में व्यस्त है। वैसे अश्क भाभी भी कम मस्त नहीं लग रही, चाहे तो आप भी उन्हें बड़े प्यार से देख सकते है। वैसे भी आपसे नाराज होकर गई थी।


दृश्य:- है तो सबसे छोटी लेकिन बातें बड़ी-बड़ी..


कुंजल:- भईया एक बात पूछूं..


दृश्य:- हां पूछो ना..


कुंजल:- दिखने में तो आप करेला लगते हो फिर इतनी मस्त आइटम पटाई कैसे।


कुंजल अपनी बात कहकर हंसने लगी और उधर से अपस्यु का एक हाथ सीधा कुंजल के सर पर लगा, जबकि उसकी नजरें ऐमी पर ही थी…. "देखा दृश्य भईया, इनका ध्यान हमारी बातों पर ही था, लेकिन नजरे और दिल वहीं टिकी है।"..


तभी वहां का म्यूज़िक बंद हो गया.. अचानक से एक बार लाइट गई और फिर आयी…. "अब आप सब यहां आकर आराम से बिना कोई आवाज़ के शो का मज़ा ले।"… अपस्यु अपनी बात कहते हुए बड़े से स्क्रीन को चालू कर दिया और सभी लोग अपस्यु के द्वारा व्यवस्थित बार काउंटर के पास अपनी-अपनी जगह ले लिए।


अारूब एक लाइन पर दृश्य से संपर्क बनाए हुए था, साथ में सबको कमांड भी दे रहा था और इधर अपस्यु अपने लैपटॉप के स्क्रीन पर पार्टी में आए मेहमानों पर नजर दिए हुए था। पार्टी में शिरकत करते मेहमान को देख अपस्यु कुछ ज्यादा ही खुश नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था इंतकाम और न्याय सब एक साथ मिल जाएगा।


कुछ लोग जैसे शिपिंग किंग जवेरी, साची के पिता मनीष मिश्रा, प्रकाश जिंदल और एक छिपा हुआ एक स्लीपिंग पार्टनर अमोघ अग्रवाल, एक प्राइवेट बैंक का मालिक, ये सब विक्रम राठौड़ के साथ शुरू से बने हुए थे। इसके अलावा आने वालों मेहमानों को देखकर बहुत सारी तस्वीरें खुद व खुद साफ हो गई।


पक्ष और विपक्ष के नेता जो होम मिनिस्टर के लिए गड्ढे खोद रहा था, कई नाम चिह्न बिजनेसमैन, जिन्हे काले और उजले पैसों में काफी रुचि रहती है। सरकारी पदों पर अच्छे पोस्ट को होल्ड किए कई सरकारी डिपार्टमेंट के उच्च अधिकारी और निदेशक। इन सब का साथ होना केवल इसी ओर इशारा कर रहा था कि लोकेश ने वीरदोयी की मदद से इनके कई सपने साकार किए होंगे।


इधर उस कमरे का माहौल शांत होते ही, ऐमी मुस्कुराती हुई बार काउंटर के पीछे आयी। अपस्यु की देखकर तो ऐमी कबसे खींची जा रही थी। सबकी व्यस्त देखकर ऐमी अपनी दबी अरमान को हवा देती, अपस्यु के होंठ को प्यार से चुमकर अलग हटी। अपस्यु आश्चर्य से अपनी आखें बड़ी करके वो चारो ओर देखने लगा। हर कोई अपनी नजर बड़ी सी टीवी स्क्रीन पर डाले हुए था।

अपस्यु, पहले खुद काउंटर के नीचे बैठा और ऐमी का हाथ खींचने के लिए जैसे ही अपना हाथ उपर लेकर गया, ऐमी फिर खड़ी हंसती हुई अपस्यु को अंगूठा दिखा रही थी। अपस्यु गुस्से से ऐमी को घूरा और चुपचाप उठकर खड़ा हो गया।

ऐमी अंदर ही अंदर हंसती हुई सबका ध्यान अपनी ओर खींच और सबके लिए एक ड्रिंक बनाने लगी। पहला ड्रिंक कुंजल को सर्व हुआ जो मोकटेल की जगह मार्टिनी था। कुछ नज़रों के संवाद कुंजल और ऐमी के बीच हुआ और कुंजल ऐमी की चतुराई पर हंसे बिना नहीं रह पाई।


दूसरी ओर अारूब का एक्शन पैक धमाल भी शुरू हो चुका था। अपस्यु अपने स्क्रीन से पार्टी हॉल पर नजर जमाए हुए था और सभी लोग रूम के स्क्रीन पर नजरें जमाए… अपस्यु ने दृश्य को होल्ड का सिग्नल भेजा और लगातार अपने स्क्रीन देख रहा था।


8 बजे से शुरू होने वाला मिशन 8.15 तक होल्ड पर रखा हुआ था। अपस्यु जब सुनिश्चित हो गया कि इतने मेहमानों के बीच में लोकेश अब फंस गया है, तब अपस्यु ने कंप्लीट फॉरवर्ड का इशारा किया और ऐमी के कान में कुछ समझाकर बड़े आराम से लोकेश की पार्टी के लिए निकल गया।


अपस्यु, काया को साथ लेकर पार्टी में पहुंचा। बहुत से व्हाइट कॉलर लोगों के अलावा बहुत से ब्लैक कॉलर लोग भी पहुंचे थे। माहौल किसी रंगीन पार्टी जैसा था, जिसमें बदन कि नुमाइश करती कई सारी लड़कियां ड्रिंक और स्नैक्स सर्व करती हुई, लोगों के आखों और हाथों का भी मनोरंजन कर रही थी।


अपस्यु जैसे ही अंदर घुसा, काया के कान में कुछ बोलते हुए, लोकेश के ओर बढ़ने लगा, जो इस वक़्त आपने पापा विक्रम राठौड़ और प्रकाश जिंदल के साथ खड़ा, अपने एक बिजनेस पार्टनर के. डी. जवेरी से बात कर रहा था। लोकेश की नजर जैसे ही अपस्यु पर गई, अपने दोनो हाथ खोलकर उसे वेलकम करते हुए माईक पर बोलने लगा….. "आज की शाम जिस खास होस्ट के नाम है वो हमारे बीच चला आया। क्या आप में से कोई बता सकता है कि ये कौन है?"..


कुछ को छोड़कर बाकियों को कुछ भी पता नहीं था। लोकेश 15 सेकंड का एक पॉज लेकर, फिरसे बोलना शुरू किया….

"सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वाकील अनुरुद्ध सिन्हा का होने वाला दामाद, सेंट्रल होम मिनिस्टर का मुंह बोला बेटा, दिल्ली के लोकल गैंग से लेकर मुंबई अंडरवर्ल्ड तक जिसके नाम की सुपाड़ी नहीं के सकते, प्रतप ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक का खास दोस्त, और मायलो ग्रुप का मालिक मिस्टर अपस्यु रघुवंशी।"…


"मेरा परिचय तो काफी धांसू था, लव यू ब्रो। यहां आए सभी व्हाइट और ब्लैक कॉलर लोगों को मेरा नमस्कार। यहां मौजूद ज्यादातर लोग को मै जानता हूं, चाहे वो मशहूर बिजनेस मैन माणिकचंद जी हो या फिर शिपिंग किंग जवेरी। मै किसी से परिचय करने में रुचि नहीं रखता, मै काम करने में विश्वास करता हूं, शायद इसलिए कम वक़्त मेरा अपना मुकाम है। इसलिए प्लीज मेरे पास भिड़ लगाकर अपना परिचय देने से अच्छा है कोई काम की बात हो तो ही मेरे पास आइए, वरना ये पार्टी एन्जॉय करने के लिए है। आप भी एन्जॉय कीजिए और मुझे भी पार्टी एन्जॉय करने दीजिए।"

"एक बात और, मै शुरू से फैमिली बिजनेस करता हूं, इसलिए अपने भाई लोकेश के साथ आज खड़ा हूं। यहां आयी लड़कियों के कपड़े में थोड़ी तब्दीली मैंने कर दी है, आप सब भी अपने आचरण के तब्दीली कर लीजिए। और यदि औरत की जरूरत इतनी ही मेहसूस होती हो तो घर से अपनी बीवी या गर्लफ्रेंड को लेकर चला कीजिए, क्योंकि यहां आप की जरुरत बढ़ रही होगी और पता चला कि उसकी जरूरत कोई और पूरी कर रहा हो। मुझे सुनने के लिए धायवाद, एन्जॉय दी पार्टी।"


अपस्यु अपने तेवर से वाकिफ करवाते बार काउंटर पर आकर अपना ड्रिंक एन्जॉय करने लगा और इधर लोकेश के लिए परिस्थिति से निपटना थोड़ा मुश्किल हो रहा था। अपस्यु ने अपने शब्द के तीर ऐसे चला चुका था की हर कोई घायल होकर बिलबिला रहा था। लोकेश ने मेघा को इशारा से अपस्यु के पास भेजा और खुद एक वीरदोयी के कान में कुछ ऐसा कहा जिससे वो हसने लगा।


वो वीरदोयी लोकेश की बात को संदेश के तौर पर सभी वीरदोयी के पास तुरंत भेज दिया। वो लोग भी संदेश खोलकर देखते हुए हंसे और चुपके से वहां मौजूद सभी लोगों के बीच फैला दिया। इधर मेघा, अपस्यु के साथ बैठकर अपना ड्रिंक टोस्ट करने लगी।…. "हम्मम ! आते ही अपने तेवर से सबको वाकिफ करवा गए।"..


अपस्यु, मुसकुराते हुए…. "लुकिंग कूल मेघा। लगता है पार्टी के ख्याल से पिछले 5 घंटे से तैयार हो रही हो।"


मेघा:- औरतों के तैयार होने में लगे वक़्त का तुम्हे बड़ा अनुभव है, क्यों ऐमी को बिठाकर तुम खुद ही तैयार करते हो क्या?


"क्या बच्चे, ये क्या सॉफ्ट ड्रिंक पी रहा है "… अपस्यु के पास एक वीरदोयी लड़ाका खड़ा होते हुए कहने लगा… "तुम्हारी यहां जरूरत है क्या?"… मेघा ने जवाब दिया..


लड़ाका…. "मैं तो बस देखने आया था कि जिस अंदाज़ में इसने बात किया, उस अंदाज़ के लायक भी है क्या?


अपस्यु, हंसते हुए…. "तू यहां का स्टाफ है ना जाकर काम देख। काम से छुट्टी मिली है तो पार्टी एन्जॉय कर, बाकी मेरे लायक या नालायक होने का प्रूफ आराम से देते रहेंगे, अभी तू तो यहीं रहेगा ना।"


वीरदोयी लड़ाका…. बात मुझ अकेले की नहीं है, बल्कि यहां मौजूद सभी लोगों की है। बॉस जैसे ऐटिट्यूड के लिए बॉस जैसे गुण भी तो होने चाहिए ना सर।


अपस्यु चिल्लाते हुए कहने लगा…. "तो यहां सबको ये बात खटक रही की, बॉस जैसे ऐटिट्यूड के लिए बॉस जैसे गुण होने चाहिए… और बेसिकली वो गुण कौन से होने चाहिए…


वीरदोयी लड़ाका….. "हमे हराकर दिखाओ और हमारी वफादारी पाओ।"..


अपस्यु:- क्यों लोकेश ने भी यही किया था क्या?


वीरदोयी लड़का:- नहीं उसने ऐसा नहीं किया, इसलिए तो वो हमारा बॉस नहीं, हम पार्टनर्स है और सभी पार्टनर्स ने लोकेश की लीडरशिप को एक्सेप्ट किया है, और तुम हमारी जगह पर खड़े होकर, हमारे लीडरशिप को चैलेंज कर रहे… कहां से काम चलेगा मुन्ना…


अपस्यु:- "मुझे पता था कि तू मुझे लड़ने कि ही चुनौती देगा। वो क्या है ना हर ताकतवर के साथ यही समस्या होती है, उसे अक्ल से ज्यादा बड़ी भैंस लगती है, इसलिए शारीरिक बल होने के बाद भी किसी नेते के पास रहकर उसके जूते चाटना, किसी बिजनेस मैन के हाथों की कठपुतली होना, यही उनकी किस्मत है। मूल रूप से ताकत और बुद्धि का कोई मेल नहीं, और बहुत कम लोगों के पास ये दोनो साथ होते है।"

"मै फाइट करूंगा, लेकिन एक शर्त पर, कम से कम 5000 करोड़ की बेटिंग होनी चाहिए। मैं बिना किसी फायदे या नुकसान के कोई काम नहीं करता। बॉस का एटिट्यूड है इसलिए पैसा बनाऊंगा और शेर का जिगरा है इसलिए किसी भी जगह पर खड़े होने की हिम्मत है।"..


मेघा अपस्यु की बात सुनकर सिटी बजाती हुई कहने लगी…. "500 करोड़ मै लगाऊंगी अपस्यु तुम्हारे ओर से।"..


अपस्यु:- लव यू मेघा, मुझे यकीन था कि तुम्हे मेरे एटिट्यूड से कोई पंगा नहीं होगा। और बाकी के लोग आपस में सलाह मशवरा करके जल्दी से पैसों का इंतजाम करके मुझे सूचना दो, जबतक मै अपना ड्रिंक एन्जॉय करता हूं।


अपस्यु अपनी बात कहकर वापस बार काउंटर पर आकर ड्रिंक लेने लगा। प्रकाश जिंदल जो इस वक़्त अपने कुछ खास दोस्तों के बीच था, वो मेघा को अपने साथ कोने में ले जाकर, उसके फैसले पर उसे बहुत सुनाने लगा। लेकिन मेघा भी अपने फैसले को लेकर बहुत ही सुनिश्चित थी, इसलिए वो अपने पापा के खिलाफ चली गई।


एक ओर अारूब का मिशन शुरू हो चुका था, वहीं दूसरी ओर पार्टी के अंदर अपस्यु ने पुरे माहौल को ऐसा फसाया था कि हर किसी को 5000 करोड़ अपनी खोली में नजर आ रहा था। एक 21-22 का अय्याश और आवारा लड़का, वीरदोयी लड़ाका से लड़ेगा, और साथ 5000 करोड़ की शर्त।


चूंकि मामला 5000 करोड़ का था और इतने पैसे लगाना किसी एक के बूते की बात थी नही, इसलिए सब अपना ज्यादा-ज्यादा पैसा लगाने के लिए पैसों के इंतजाम में जुटे हुए थे। सबसे ज्यादा चमक तो लोकेश के ही आखों में नजर आ रहा था। लोकेश को भी कमाने की चाहत काफी बढ़ चुकी थी। 1000 करोड़ कैश तो उसके इस बेस पर था, लेकिन वो इस डील में कम से कम 2500 करोड़ लगाना चाहता था, इसलिए वो भी बंदोबस्त में जुट गया।


चिड़िया दाना चुग चुकी थी, और अब लोकेश इस पार्टी हॉल से कहीं चला जाय, सवाल ही नही पैदा होता। उल्टा मामला पैसों का था इसलिए लोकेश ने वहां आसपास के सभी 40 वीरदोयी को यहीं पार्टी हॉल में पहुंचने के लिए बोल दिया।
Super fantastic update bhai ?
Apne asli plan se Lokesh ki najar hata ne keliye yahan Apasyu ne fight aarange kar diya wo bhi 5000 crore ke sath jisme sabki najar yahan rahe aur wahan sab apne plan par lage rahein
 
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