Update:-129
लोकेश:- पुरा सिस्टम तेरे हाथ में है, रात के अंधेरे में किसे पता कौन कहां है, बस कांड प्रकाश में आना चाहिए नाम नहीं। बाकी तू समझदार है।
अजय:- येस बॉस। जैसा आप कहें…
दृश्य का टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट अारुब को लिंक मिलते ही, वो भी तुरंत सर्वर से कनेक्ट हो गया। दृश्य अपनी पूरी टीम के साथ कंट्रोल रूम की सर्विलेंस ले ही रहा था, कि अजय और लोकेश के बीच की चल रही बातों का पता चला। उसके आखों में तो जैसे खून उतर आया हो…. "आज से पहले किसी को मारने की तलब इतनी तेज नहीं थी। आरूब पूछ जारा तेरा बॉस बक्शी इंटरेस्टेड है कि नहीं अपने साथ काम करने के लिए।"
अारूब:- भाई बक्शी सर को लाइन पर ले रहा हूं….
बक्शी:- क्या हुआ चैम्प, कोई समस्या है क्या?
दृश्य:- देखो सर मेरा भेजा फ्राय मत करो, कितने लोग भेज रहे हो जल्दी बताओगे, ताकि मै यहां प्लान करूं।
बक्शी:- यार तेरा क्या है तू उन वीरदोयी से तो निपट लेगा, लेकिन मैं उन वीरदोयी से निपटने के लिए कितने लोगों को भेजूं, वो समझ में नहीं आ रहा।
अारूब:- सर आप टीम मत भेजो, अपने पास कितने स्नाइपर है वो बताओ।
बक्शी:- डिपार्टमेंट में तो इस वक़्त 4 है।
अारूब:- क्या सर, कल इस लोकेश को 3 एरिया में टारगेट को एलिमिनेट करना था तो 6 स्निपर भेजे थे और आप के पास 4 है।
बक्शी:- प्लान क्या है वो बताओ, फिर मै सोचता हूं।
अारूब:- टोटल 120 वीरदोयी है। 10 के समूह में ये 8 अलग-अलग ठिकाने पर है। हमने इनके बीच का संपर्क प्रणाली तो हैक कार लिया है, लेकिन इनका अलार्म सिस्टम मैनुअल है, साथ में वाकी भी है। जिस जगह को भी हम साफ करेंगे वो एक साथ साफ करना होगा।
बक्शी:- हम्मम ! मतलब 10 स्निपर चाहिए वही ना। ठीक है मै होम मिनिस्टर से स्पेशल परमिशन लेकर अलग-अलग डिपार्टमेंट से अरेंज करता हूं। वैसे ये 80 लोग है, और बचे 40 लोग।
अारूब:- उन 40 का जिम्मा अपने भाई और उसके भाई की माथा पची है, क्योंकि वो बचे 40, कंट्रोल रूम से लेकर वहां के महल तक फैले है जिसे सामने से खत्म किया जाना है।
बक्शी:- सामने से खत्म करोगे और वो कहेगा आओ और मुझे मारकर निकल जाओ। क्या आर्म्स नहीं होंगे उनके पास।
अारूब:- कंट्रोल रूम और महल के आसपास किसी को भी हथियार रखने की अनुमति नहीं है। इमरजेंसी के लिए ये लोग हथियार अम्मुनेशन सेक्शन से लेंगे, जिसे हम लॉक कर चुके होंगे।
बक्शी:- ठीक है मै 10 स्नाइपर भेजता हूं, और साथ में 20 कचरा साफ करने वालों को। याद रहे कुछ भी करके इस लोकेश का चेप्टर एंड होना चाहिए, और इतने बड़े ऑपरेशन को हमने अंजाम क्यों दिया है उसकी ठोस वजह मुझे कल तक अपने टेबल पर चाहिए होगी। कमांडिंग ऑफिसर तुम ही होगे अारूब, इसलिए हर एक कि जिम्मेदारी तुम्हारी होगी।
दृश्य:- सर कचरा साफ करने के लिए 40 तेज ऑफिसर चाहिए। 20 मत भेजना।
बक्शी:- ठीक है हो जाएगा। 1 घंटे के अंदर पूरी टीम तुमसे संपर्क करेगी।
बक्शी ने जैसे ही कॉल डिस्कनेक्ट किया, दृश्य… "आदिल अपनी टीम स्टेटस बताओ।"
आदिल:- भाई 10 ट्रेंड फाइटर है और 10 स्नाइपर।
दृश्य:- आदिल, अप्पू तुम्हे अब लीड करेगा। अप्पू तेरे पास अब 20 स्निपर और 50 लोग है। काम हो जाएगा।
अारूब:- 20 स्नाइपर का मतलब है कब मौत उन्हें अपने सिकांजे में घेर लिया उन्हें पता तक नहीं चलेगा। काम खत्म करके संदेश भेजता हूं भाई।
पूरी तैयारी हो जाने के बाद दृश्य अपने साथ निम्मी और अश्क को लेकर चल दिया। दृश्य अपने चलने के साथ ही अपस्यु को सूचित कर दिया। सुचना मिलते ही अपस्यु ने लोकेश को कॉल लगाया…. "जी अपस्यु सर कहिए"
अपस्यु:- मै प्रताप ग्रुप के मालिक साहिल प्रताप को लेने जा रहा हूं। अपने सीमा को खुलवाकर रखो।
प्रताप ग्रुप और साहिल प्रताप का नाम बहुत बड़े उद्योगपति में आता था, ऊपर से प्रताप फैमिली राजस्थान की बहुत रेपुटेड परिवार था। लोकेश तो कनेक्शन देखकर ही चकरा चुका था। हालांकि दृश्य का नाम सुनकर तो लोकेश के वीरदोयी भी चक्कर खा जाते, लेकिन फिलहाल अभी तो दृश्य को छिपाकर रखना था।
शाम के 6.30 बजे तक दृश्य, अश्क और निम्मी के साथ महल में था। कैप ने नीचे अपना चेहरा छिपाए दृश्य सीधा अपस्यु के कमरे में पहुंचा।… "क्या भाभी, लुकिंग हॉटी, कहां बिजली गिराने आयी है।".. कमरे में पहुंचते ही अपस्यु ने अश्क से कहा।
अश्क:- दृश्य, बहुत बदतमीज है ये तुम्हारा भाई।
दृश्य:- क्या ही कर सकते है, एक तो भाई है ऊपर से डेविल ग्रुप का मुखिया, अब इससे पंगा कौन लेगा।
अश्क:- आज जारा मै व्यस्त हूं वरना इसे मै बताती…
"क्या भाभी… उमाम्मम्मह … बहुत ही गजब ढा रही हो"… आरव भी कमरे में आते कहा.. अब अश्क वो भी क्या रिएक्ट करे। पहले अपस्यु अब आरव ने छेड़ दिया। अश्क आरव के साथ आए सभी लोगो को एक बार देखी और कहने लगी…
"हीहीहीही… ये दोनो भाई पागल है। लेकिन जरा देखूं तो ये साथ ने कौन आया है इनके साथ.. ये है मेरी नंनद कुंजल, और ये दूसरी है स्वास्तिका… एक जिसे मै नहीं पहचान पा रही, ये मुंह लटकाए कौन खड़ा है।"..
अपस्यु, अश्क के कान में निम्मी और पार्थ की पूरी कहानी संक्षिप्त में समझाकर हटा। अश्क निम्मी और पार्थ के देखकर एक बार मुस्कुराई और अपस्यु के कान में वो भी धीमे से कहने लगी… "इनका जोड़ा लगाना के लिए हम सब मिलकर कोशिश करेंगे।".. पार्थ के लिए खुश होकर अपस्यु, अश्क के गाल को चूमते हुए… "लव यू भाभी" कहते पीछे हटा।
दृश्य:- सुनो अश्क, तुम ये अपस्यु के आस पास ना रहा करो। ये तो तुमसे मिलते ही तुम्हे चूमने लग जाता है। ..
दृश्य अभी अपनी बात समाप्त ही किया था, कि इतने ने दरवाजे से दो खूबसूरत कन्या अंदर आयी, एक ने तो कुछ नहीं किया लेकिन दूसरी ने खींच कर एक तमाचा जड़ दिया दृश्य को।
जैसे ही दृश्य को थप्पड़ पड़ा, वैसे ही सभी लोग एक्शन में आ गए, सिवाय अपस्यु और ऐमी के। उन दोनों ने काया को अपने बीच में लिया और गुस्साए लोग को किनारे होकर शांत खड़ा रहने के लिए कहने लगा… तभी दृश्य, गुस्से में आखें लाल किए… "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे मारने की।"… तभी दृश्य के दूसरे गाल पर काया ने एक और तमाचा चिपका दिया।
दृश्य गुस्से में खड़ा काया को घूरता रहा… "दोबारा अगर मेरे बच्चे वैभव को यदि अपस्यु और ऐमी के पास से ले जाने की कोशिश भी किए, तो मैं तुम्हे जान से मार दूंगी। वो सिर्फ मेरा और सिर्फ मेरा बच्चा है, कभी अपने बाप होने की धौंस उसपर मत दिखाना।"..
अभी जो सबके गुस्से की भावना थी, वो एकदम से आश्चर्य के रूप में बदल गया, और सबसे ज्यादा इस वक़्त गुस्सा तो अश्क को आ रहा था, वो भी दृश्य पर…. अश्क दृश्य को आखें गुर्राती…. "वो तुम्हारे बच्चे की मां बन गई और तुम्हे याद भी नहीं।"…
दृश्य:- नहीं क्यूटी मुझे तो पुरा याद है…
अश्क:- ठीक है नाम बताओ इसका..
दृश्य:- हाय निल कैसी हो, कभी सोचा ना था तुमसे दोबारा मुलाकात होगी…
अश्क, दृश्य पर झपटती हुई…. "इसकी हिम्मत तो देखो, मेरे ही सामने कैसे हंसकर बात कर रहे। कुछ दो मेरे हाथ में इन्हे मारने के लिए।"
ऐमी:- क्या दीदी आप भी पुरानी बातों को कुरेदने लगी। काया प्लीज क्या तुम यहां से जाओगी।
काया:- हां मेरा काम तो हो गया। बस नील अपने बच्चे को देखने के लिए व्याकुल थी, तो मै यहां ले आयी।
ऐमी, अश्क से…. "दीदी वो बस अपने बच्चे को देखने की चाहत में आयी है। आप प्लीज शांत हो जाओ।"
अपने सामने अपनी 2 सौतन को देखकर भला अश्क क्यों शांत हो। गुस्से में वो कमरे के बाहर चली गई। इधर दृश्य काया से माफी मांगते हुए कहने लगा…
"हम दोनों ही एक लंबे साजिश में फसे थे। तुम्हे तो सच्चाई पता भी थी, लेकिन मुझे और अश्क को तो कुछ और ही सच्चाई से अवगत कराया गया था। तुम यकीन मानो, यदि मुझे पता होता की बच्चा उन्हें एक्सपरिमेंट के लिए चाहिए तो तुम्हे ये दिन ना देखने परते। मेरे नाक के नीचे था वो कमीना डॉक्टर भार्गव।खैर उस दौड़ में बहुत सी गलितियां भी हुई, और मै हमेशा अपने भाई अपस्यु का शुक्रगुजार रहूंगा, क्योंकि वो मेरी हर गलत को चुपचाप सही करते चला गया।
नील:- ओय गलत तरीके से तुमने और काया ने मिलकर बच्चे पैदा किए थे, इसमें मुझे मत समिल करो। मैंने जो भी किया वो अपनी इक्छा से और बिल्कुल होश में। हां बस उनकी क्रूरता और नीयत को देखकर कभी अपने बच्चे को उनके बीच पालते नहीं देख सकती थी, इसलिए तुम्हे दे दी। पहले जाकर अपनी नकचढ़ी पत्नी को संभालो दृश्य। खुद ही 2 बच्चे देने की शर्त पर हामी भरी थी, लेकिन आज भी वो दोष तुम्हे ही दे रही।
दृश्य:- जब रिश्ता गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड का होता है, तब तो किसी लड़के या लड़की को बर्दाश्त ही नहीं होता कोई भी दूसरा संबंध, फिर तो वो मेरी पत्नी थी। फोन लाइन के उस ओर से उसने मुझसे कहा था सब करने, वो भी बिना ये जताए की उसके दिल पर क्या बीती होगी। उसके हर नखरे मुझे उम्र भर मजूर है। वैसे भी उसे मनाने का मज़ा ही कुछ और है।
नील हंसती हुई…. "हां मै ये बात जानती हूं। वैसे 6.30 बज रहे है, उम्मीद है तुमलोग यहां घूमने तो नहीं ही आए होगे।
अपस्यु:- जी हम बिल्कुल शेड्यूल से है। स्वास्तिका तुम दृश्य भईया निम्मी का जारा चेहरा ऐसा मस्त खिला सा बनाओ की कोई पहचान ना पाए। एक टफ बिजनेसमैन लुक और उसकी कमाल कि पीए। ऐमी तुम भाभी को के साथ बैठकर उन्हें मोबाइल ऑपरेटिंग कमांड सिखाओ, ताकि रियल टाइम में वो हमे कंप्लीट टेक्निकल सपोर्ट दे सके। आरव कुंजल तैयार होकर आधे घंटे में सब इसी कमरे में इकट्ठा हो जाओ.. 8 बजे से एक्शन शुरू होगा और हम लाइव कवरेज देखेंगे। सब जल्दी,जल्दी.. और हां काया तुम भी हमारे साथ पार्टी में चलोगी, आज तुम्हारा और अजय का भी हिसाब किताब सैटल कर दूंगा। चलो चलो सब निकलो…
सबके निकलते ही अपस्यु ने नीचे रिसेप्शन पर कॉल लगाया, छोटे से बार का सारा सामान उन्हें ऑर्डर करके जल्दी से रूम में भिजवाने के लिए बोल दिया। इधर हर किसी के कमरे में अपस्यु ने अपना एक ड्रिंक पहले से भिजवा चुका था। सेल रिप्लेसमेंट थेरेपी वाली वो माइक्रो लिक्वड के साथ न्यूरो एनरज़ाइजर.. ऐसा कॉम्बो जो खुद से कहीं ज्यादा शरारिक क्षमतावान दुश्मनों से लडने के लिए तैयार किया गया था।
बक्शी से लेकर अपस्यु तक सबको पता था कि, वीरदोयी ऐसे लोगों का समूह है जो एक साइंटिस्ट के एक्सपेरिमेंट का नतीजा है। लगभग 20 गुना तक उनकी शारीरिक क्षमता इस कदर बढ़ाई गई थी, जबतक एक सामान्य क्षमता वाले लोग रिस्पॉन्ड करते, ये वीरदोयी अपना काम खत्म करके, दूसरे पर ध्यान दे चुके होते।
न्यूरो एनरज़ाइजर के बारे में भी अपस्यु को गुरु निशी से ही पता चला था। एक बेहद दुर्लभ जड़ी-बूटी जो गुरु निशी अपने शिष्यों पर अत्यंत ठंड में इस्तमाल करते थे। इस जड़ी बूटी के परिणाम और दुष्परिणाम दोनो ही गुरु निशी अपस्यु से चर्चा करते थे। हालाकि दुष्परिणाम सामान्य से थे, लेकिन इंसानी शरीर में इस जड़ी-बूटी के लगातार सेवन से इसके लत लगना लाजमी था। ठीक कोकीन और अफीम की तरह, लेकिन ये जड़ी बूटी कोकीन और अफीम जैसी बिल्कुल नशीली नहीं थी।
न्यूरो एनरज़ाइजर के इस्तमाल और परिमाण की आकलन करे तो, इस जड़ी बूटी के कारन शारीरिक क्षमता कई गुना तक बढ़ाई जा सकती थी, वो भी कोकीन और चरस के मुकाबले बिल्कुल निम्न दुष्परिणाम के। इस जड़ी-बूटी का लगातार इस्तमाल इसलिए भी नहीं किया जा सकता था क्योंकि यह अति दुर्लभ जड़ीबूटियां में से एक थी, जिसके सेवान की लत अपस्यु को काफी दुख दे जाती।
दृश्य को छोड़कर हर किसी ने उसका सेवन किया। आराम से मस्त होकर तैयार हुए। इधर ऐमी अश्क के पास बैठकर कुछ टेक्निकल डिस्कसन कर रही थी, कुछ आसान से कमांड बताने के बाद वो अश्क के साथ बैठी…. "क्या हुआ दीदी, इतना भी किस सोच में डूब गई।"..
अश्क:- वो एक दौर था जो गुजर गया। गलतियां हम दोनों से हुई, लेकिन आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ होगा की दृश्य ने एक ही बात के लिए 4 बार नाराजगी जताई हो, और देख ना मैंने दृश्य से यहां भी झगड़ा कर लिया।