• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery भोलीभाली पतिव्रता रुचि चूद गई सहेलियों के बहकावे में

क्या रुचि को अपना पतिव्रत धर्म छोड़ना चाहिए या गैर मर्द के साथ संभोग के लिए आगे बढ़ना चाहिए?


  • Total voters
    37

Sumit1990

सपनों का देवता
5,572
3,918
188
भौसडी के! अभी कहानी शुरू ही हुई है कि चुदवास कैसे लग गई?
Wo tu hoga kher phele ye dekh mene ye kab comment Kiya hai....
 

mastmast123

Active Member
748
1,337
124
मेरी ये कहानी एडल्टरी है इसलिए कोई एक hero नहीं होगा, आदमी कई होंगें और औरतें भी कई,,,,,
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

mastmast123

Active Member
748
1,337
124
रूचि : अरे वाह मेरी मल्लू, क्या कमाल कर दिया तूने, क्या लन्ड खड़ा किया फूफाजी का शादी के पहले ही, जरूर तुझे चोदा तो होगा शादी के बाद, ऐसा हो ही नहीं सकता कि ऐसी गर्म माल पर चढ़े बिना छोड़ दे।
मालती : ऐसा मत बोल ना रूचि, मैं एक संस्कारी औरत थी और हुँ.
रूचि : संस्कार हाँ वो तो तूने दिखा दिए ज़ब तुझे देखने आये थे, सच सच बता ना मम्मी कैसे और कब चुदी तू, फूफाजी से, सुहागरात पर पहली बार पापा ने खोली कुंवारी चूत या इसका उद्घाटन फूफाजी के द्वारा हुआ,.
ऐसा क़ह कर रूचि ने मालती की चूत मुठ्ठी में भरकर दबोच ली, मालती वासना में डूबी कराह उठी, और नंगी रूचि के दोनों bobs पकड़कर ख़ुशी से झूम उठी कि उसकी अपनी सगी बेटी, अपनी चूत से जायी बेटी आज उससे उसकी चुदाई का हिसाब पूछ रही है.
उसने सोचा कितनी माँएं इतनी खुशनसीब होती होंगी जो अपनी बेटी के सामने इतनी खुली होती होंगीं, खुल के चुदाई चुदाई का खेल खेलती होंगीं. मैं तो जरूर भाग्यवान हुँ कि मेरी बेटी इतनी मेरी केयर करती है, मुझे इसे सब सच सच बताना चाहिये।
मालती : रूचि बेटी एक बात की माफ़ी मांगती हुँ कि मैंने तुझे एक झूठ बोला है, वो भी इसलिए कि कही तू मुझसे नाराज़ न हो जाये तेरे दिल को ठेस न पहुंचे तू मेरे बारे में गलत न सोचे इसलिए बोला था झूठ।
रूचि : क्या बात है मम्मी आपने ऐसा क्या बोला, लेकिन आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो आप जो भी सच हो बताइये सच मुझे बुरा नहीं लगेगा.
मालती : सच ना मेरी रूचि, सच बोल रही हैं ना,
रूचि : सच मम्मी एकदम सच आप निडर होकर कहो.
मालती : तो सुन, उन तीन चार सालों में मुझे मेरी पड़ोसन भाभी ने मसल मसल कर दबा दबा कर बहुत सेक्सी और चुदास से भर दिया था, मैं पूरी तरह से चुदेल बन गई थी चुदने के लिए तैयार माल, उसने मुझे बता दिया था कि एक औरत कि प्यास एक मर्द से नहीं बुझ सकती है, ती जितने लन्ड मिल सके सावधानी से उतने लन्ड एक औरत को लेना चाहिये, मैंने तुझे बताया था तेरे पापा के दोस्त का लन्ड मैंने संस्कारी बनने के चक्कर में छोड़ दिया था, और जब ये किस्सा मैंने भाभी को बताया तो उसने मुझे बहुत डांटा और कहा अब तुझे मेरी कसम है मालती अब जब भी कोई ऐसा मौका आएगा तू सावित्री नहीं बनेगी और आगे बढकर उस लन्ड को लेगी, और उसने मुझे कसम भी दी थी.
तब उसने कहा तेरा नन्दोई जो तुझे देखने आया था, वो तो बड़ा लाइन मार रहा था उसने तुझे कुछ नहीं किया, तब मैंने बताया मेरी शादी के बाद उन्हें एक साल के लिए बाहर जाना पड़ा है अब अगले हफ्ते वापस आ रहे हैँ। तब उसने कहा इन बोबों के पीछे अवश्य पड़ेगा तू ये मौका मत छोड़ना तुझे मेरी कसम, वैसे भी तेरे खसम का खास नहीं है तो तू उसके पास मत जाना यही आपने ससुराल में रहना वो चालू नन्दोई कुछ न कुछ तिकडम भिड़ा कर तुझे चोद ही देगा।
बेटी मैंने तुझे झूठ बोला कि मैं आज तक नहीं चुदी हुँ जबकि हक़ीक़त ये है कि मैं खूब चुदी हुँ बहुत चुदी हुँ तेरे पैदा होने के पांच साल बाद तक, उसके बाद पता नहीं क्या हुआ सब बंद हो गया और में आज सत्तईस साल से प्यासी हुँ.
रूचि : मम्मी आप चिंता मत करो मैं आपको यहाँ से प्यासी नहीं भेजूंगी, आपको पूरा पूरा हराभरा कर के ही भेजूंगी. पहले आप मुझे अपनी उन सारी चुदाईयों की दास्तां विस्तार से बताओ, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आपका ऐसा चुदक्कड़ रूप देखकर।
मालती : मैं जब आपने घर ससुराल गई तब तेरे पापा से कह दिया आप अकेले जाइये मैं यहाँ कुछ दिन रहूंगी, अच्छा नहीं लगता नई नई शादी है, फिर आ जाउंगी. तेरे पापा मुझे छोड़ कर चले गए। कोई आठ दस दिन बाद तेरे फूफाजी बाहर से आ गए थे, वो मिलने आये थे हम लोगों से फिर मुझसे अकेले में मिलने का मौका मिला था ऊपर छत पर.
फूफाजी : देखो मालती, आपने शादी के बाद पपीते खिलाने का वादा किया था पेटभर भर के, अब शादी हो गई है मुझे पपीते खाना है ऐसा क़ह कर पीछे से मेरे बूब्स दबोच लिए.

1-126
text to binary

मैं बोली छोड़िये मुझे ऐसा क्या करते हो आप, पपीते मेरे मायके में हैँ वहां जाइये मम्मी खिला देंगी, कोई आ जायेगा, मुझे छोडो आप।
फूफाजी : हमें तो यही पपीते खाने जो आप उस दिन उछाल उछाल कर दिखा रही थी, उसी दिन हमने कसम खाई थी कि सबसे पहले हम ही खायेंगें इनको, वो तो अचानक नौकरी में बाहर जाना पड़ गया नहीं तो कसम इन रसभरे पापितों कि हम ही इनको खाते साले साहब के पहले, चाहे जो हो जाता.
मैंने भी छेड़ते हुये कहा : बड़े आये खाने वाले, जब हम यहाँ आये बड़ी उम्मीद से आये थे कि मरे जा रहे होंगें बिचारे पापितों कि याद में चलो इनके दर्शन देकर उनको कुछ तो आराम देंगें, लेकिन आप तो पहले ही मैदान छोड़ कर भाग गए थे।
फूफाजी : अरे यार मालती, वो जाना ही पड़ा, लेकिन अभी सुनों, मैं कुछ कर के तुमको अपने यहाँ बुलाऊंगा, फिर वहां तुम्हारी ननद तुमको मेरे लिए पटाएगी, तुम बिलकुल मत मानना रोना धोना, फिर मुश्किल से मानना, तब हमारा मिलन होगा, मैंने उसको बताया है तुम्हारे बारे में, वो ही तुमको लेने आएगी यहाँ,.
इतना क़ह कर मुझे मसल कर चुम कर वो चले गए.
दो दिन बाद मेरी ननंद नीलिमा मुझे लेने यहाँ आई और मेरी सास को कुछ बोलकर मुझे अपने साथ अपने शहर ले गई, वो भी कट्टर जवान थी बच्चे अभी हुये नहीं थे.
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Delta101

Faboy

New Member
8
5
3
EPISODE 1
अब हम रुचि का बैकग्राउंड देख लेते हैं, रुचि एक संस्कारी परिवार से आती है उसके पिताजी और मां दोनों सुशिक्षित और कोमल स्वभाव के हैं पिताजी सरकारी नौकरी में उच्च पदस्थ हैं और मां ग्रेजुएट होकर हाउस वाइफ हैं, नाम की अभी कोई दरकार नहीं है इसलिए नहीं लिख रहा हूं, मां की उम्र 44 है और बेहद खूबसूरत हैं बाकी इससे आप उसकी खूबसूरती का अंदाजा लगा सकते हो कि बाहर से कोई अजनबी उनके घर आए तो समझता है कि किसी फिल्मी हीरोइन के घर आ गया है, ज्यादा खूबसूरती की डिटेल्स शायद नहीं होनी चाहिए।
रुचि का एक बड़ा भाई भी है जिसकी भी शादी हो चुकी है और वो मेट्रो सिटी में MNC में जॉब करता है उसकी उम्र 26 है और उसकी वाइफ 23 की होकर ऐसी है कि जैसी रुचि की खूबसूरत मां की बहु को होना चाहिए। अभी फिलहाल इन पात्रों की कहानी में जरूरत नहीं है इसलिए ज्यादा चर्चा न करते हुए रुचि पर फोकस करते हैं।
रुचि ने मास्टर्स किया है, पढ़ने लिखने में अव्वल और खूबसूरती तो मां से विरासत में मिली है और वो मां से इक्कीस ही है शक्लो सूरत में। शादी जिससे हुई है वो है शरद बहुत इंटेलिजेंट और वेल mannered, बहुत अच्छी पोस्ट है, बस दिखने में एवरेज से थोड़ा कम है, जोड़ी बेमेल सी लगती है लेकिन लाइफ सिक्योरिटी के चलते ये संगम हुआ है, रुचि खुश है , शरीर की जरूरतों से आर्थिक रूप से, कुल मिलाकर जिंदगी से संतुष्ट। एक बात जो आपको जाननी जरूरी है वो ये कि रुचि ने कॉलेज के दिनों में एक बेहद खूबसूरत अपनी ही टक्कर के जीवनसाथी का ख्वाब देखा था, लेकिन ख्वाब तो ख्वाब ही होते हैं पूरे हुए नहीं हुए और रुचि के नहीं हुए, लेकिन अभी शरद को लेकर रुचि के मन में कोई मलाल नहीं है।
इस शहर में आए इन्हें कोई दो महीने हो गए है, एक इंडिपेंडेंट बंगलो किराए से शहर की बेस्ट लोकेशन में लिया है, सराउंडिंग भी वैसा ही है सभी संभ्रांत परिवार यहां रहते है कोई cheap family यहां नहीं रहती है। रुचि की पहचान धीरे धीरे बढ़ रही है लेकिन उसने अपना दायरा इन चार सहेलियों तक ही रखने का मन बना लिया है , सभी चारों बहुत अच्छी बहुत सुंदर जहीन और कोमल स्वभाव की हैं। एक खास बात जो है वो है कि इन चारों की जोड़ियां बहुत ही डेशिंग है इनके सबके हसबैंड्स फिल्मी हीरो की तरह ही स्मार्ट और चतुर है लेकिन धूर्त और चालक नहीं, सभी अच्छे स्वभाव के और अपनी पत्नियों से बेहद प्रेम करने वाले, अभी तक किसी ने किसी दूसरी औरत से संबंध नहीं बनाया है क्योंकि उन्ही खुद की बीबी ही इतनी सुंदर है कि कोई और की तरफ देखने का मन ही नहीं हुआ कभी।
अब आखरी बात,,, रुचि इन चारों से इक्कीस नहीं बल्कि अस्सी है खूबसूरती के मामले में।
Bye till next narration,,
English hinglish mein likhye
 
Top