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Adultery भोलीभाली पतिव्रता रुचि चूद गई सहेलियों के बहकावे में

क्या रुचि को अपना पतिव्रत धर्म छोड़ना चाहिए या गैर मर्द के साथ संभोग के लिए आगे बढ़ना चाहिए?


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mastmast123

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Ha
Wo isliye kyuki saari herion ka introduction kawa diya ab hero ki entry ho jaani chahiye thi....

Wo isliye kyuki saari herion ka introduction kawa diya ab hero ki entry ho jaani chahiye thi....
अगर आपने ध्यान दिया हो तो कैटेगरी एडल्टरी है और हीरोइन की चाहत कभी एक खूबसूरत पति की थी और चारों सहेलियों के पति फिल्मी हीरो से कम नहीं है, आगे क्या मोड़ आते हैं अभी कहना जरा मुश्किल है, तभी कहा है wait n watch,,,
और क्या जरूरी है हर कहानी एक ही पैटर्न पर चले, कुछ सीक्रेट्स कहानी के थ्रिल और एक्साइटमेंट को बढ़ाए रखते हैं।
 
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Try and fail. But never give up trying
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urc4me

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Ruchi Sadhana pati amit ka shikar hongi woh bhi sadhana dwara phansaye jane par. Pratiksha agle rasprad update ki
 
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mastmast123

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EPISODE 3
अमित के जाने के बाद साधना रुचि के पास आती है। और कहती है चलो रुचि हम अंदर बैठते हैं और उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने बेडरूम में ले जाती है, वहीं से सर्वेंट को इंटरकॉम से कहती है हम अंदर बैठे हैं कुछ काम होगा तो बुला लेंगे हमें डिस्टर्ब मत करना। वो रूम लाक कर लेती है।
साधना hmm अब बताओ आज ना अमित जाने कैसे आ गए वैसे कभी आते नहीं हैं शायद किस्मत को उसे तुमसे मिलना होगा।
रुचि हां मैं भी सोचूं आज अचानक कैसे, वैसे कैसी कैसी बाते कर रहे थे वो बहकी बहकी सी।
साधना सच कहूं या झूठ?
रुचि तुम मुझसे झूठ कब बोलती हो, सच ही कहोगी।
साधना सच कहूं तो अमित तुमको देखकर बौरा गया है आज तक किसी औरत को देखकर ऐसा behave कभी नहीं किया उसने, वो तुम पर मोहित हो गया लगता है।
रुचि कैसी बातें करती हो यार, ऐसा कैसे, चलो मान भी लो मैं उसे अच्छी लगी लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचती नहीं हूं, मैं किसी गैर मर्द के बारे में कभी गलत नहीं सोचती हूं, यदि ऐसा अमित के मन में आया भी हो तो उसे correct कर देना, कहना मैं ऐसी औरत नहीं हूं, pls ऐसा करोगी ना साधना, रुचि अनुनय करती सी बोली ।
साधना यार बात तो तेरी सच है लेकिन मैने कभी अमित को ऐसा बेकरार नहीं देखा है आजतक के वैवाहिक जीवन में, जरूर उसके मन में कोई ख्याल तो आया है तुझे लेकर, चल अच्छा मान लेते हैं वो तुझ पे आशिक हो गया है तो क्या तू उससे दोस्ती नहीं कर सकती एक सहेली के पति होने के नाते ।
रुचि मैने ऐसा कभी किया नहीं साधना, और मैं कोई मौका उसे नहीं देना चाहती कि वो मेरे बारे में कुछ गलत सोचे, में कभी अपने शरद को धोखा नहीं दे सकती हूं।
साधना नहीं नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं कह रही हूं, में तो सिंपल ये कह रही हूं तू फ्रेंडली behave करना उसके साथ, में गारंटी लेती हूं वो तेरे साथ कभी बदतमीजी नहीं करेगा और न ही कभी तुझे छूने की कोशिश करेगा जब तक तू उसे allow नहीं करेगी, यार हम सभी लोग इज्जरदार फैमिली से हैं ऐसी घटिया बातें हम लोगों के घरों में नहीं होती हैं ।
रुचि जानती हूं यार तभी तो तुमसे इतनी दोस्ती बढ़ाई है मैने, मुझे खुद से ज्यादा तुझ पे भरोसा है।
साधना चल छोड़ ये सब, ये सब बाद में सोचेंगे जब कभी ऐसा वक्त आया तब, तू बता अपने कॉलेज के दिनों के किस्से, बला की खूबसूरत है कई लड़के पीछे पड़े होंगे तेरी खूबसूरती के, कितनों के दिलों के साथ खेली है मेरी बुलबुल।
रुचि भी रंग में आते हुए बोली , बात तो तू सही कह रही है यार, लेकिन मैने ऐसा कुछ किया नहीं, घर से कॉलेज और कॉलेज से घर, थे कई लड़के मगर मैने किसी पर ध्यान नहीं दिया बस अपनी पढ़ाई पर ही फोकस करती रही थी, तभी तो टॉपर थी, वरना फिसड्डी बन के रह जाती ।
साधना फिर भी कभी मन में कोई खयाल तो आता होगा ना, सच सच बता, क्योंकि वो दिन ही ऐसे होते हैं कि मन में तरह तरह की उमंगे उठती हैं, है कि नहीं।
रुचि बात तो सही कह रही है मेरे साथ भी होता था ऐसा, सोचती थी कोई खूबसूरत फिल्मी हीरो टाइप लड़का मेरे आसपास घूमें मेरी तारीफ करे मेरे नखरे उठाए, लेकिन फिर पापा मम्मी की इज्जत का खयाल आ जाता तो मैं सम्हाल लेती खुद को, लेकिन ये पक्का किया था कि मेरा पति जब ऐसा ही हीरो मिलेगा मैं अपने सारे अरमान पूरे करूंगी शादी के बाद जरूर से।
साधना आह भरते हुए, हाय मेरी जान रुचि कितनी भोली है री तू, वो जवानी के खास दिन ऐसे ही गुजर जाने दिए, तब पति नाम का जंतु हमारी जिंदगी को कंट्रोल करने वाला नहीं होता है , कोई रोक टोक नहीं कोई बंधन नहीं चाहे जिसके साथ घूमों कोई देखने वाला नहीं, तूने जिंदगी के हसीन दिन ऐसे ही बैरागन बन कर गुजार दिए।
 
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maleeba

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अक्सर मर्द सुंदर पत्नी की सेक्स की जरूरतों को नजरंदाज करते हैं और उसका फायदा पत्नी की फ्रेंड उठा लेती है और अपने दोस्त से उसे चोदने के लिए तैयार कर लेती है सुंदर औरत जितनी सुंदर होती है उतनी कामुक और चुदेल भी होती है ये बात सब पति नहीं जानते हैं और समझते हैं मेरी बीबी बहुत सीधी है मगर उसकी आग उसको अपनी जिंदगी में दो तीन मर्दों के नीचे सुला ही देती है चाहे वो कितनी भी सीधी और पति से प्रेम करने वाली होती हो। मैने कम से कम ऐसी कई सुंदर औरतों को जाना ह
Aap ka views ekdm sahi hai. Sundar aurat jitni sundar hoti hai itni hi kaamuk aur chuddakad hoti hai. Kuch aurate shadi se pahle normal hoti hai lekin jb ek baar pati se chudati hai to uski kaamechha badh jaati hai. Meri Patni bhi shadi ke baad kaamuk hone lagi. Wo sundar bhi hai. Mere dost aur mere saathi lecturers aur uski patniyo ne meri wife ki kaamukta badha di. Meri sex bhukh ne bhi meri wife ki sex bhukh badha di. Hum dono ki sex bhukh saman thi to mai unko puri satisfy krta tha.

Meri wife bhi bholibhali aur sirf mujse hi prem karti thi vaise prem to wo aaj bhi pahle ki tarah karti hai lekin unki sex bhukh ne 1/2 nhi dusre 9 mardo ke saath sone ke liye majboor kr diya. Wife ne mardo ke saath sone ka tarika kuch alag pasand kiya. Wo tarika husband swapping ka hai.

Meri wife + mai bhi aisi bahot aurato ko janta hu jo innocent, sirf pati ko prem karne wali vafadaar patniya bhi baharwalo se chud jati hai
 

mastmast123

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Aap ka views ekdm sahi hai. Sundar aurat jitni sundar hoti hai itni hi kaamuk aur chuddakad hoti hai. Kuch aurate shadi se pahle normal hoti hai lekin jb ek baar pati se chudati hai to uski kaamechha badh jaati hai. Meri Patni bhi shadi ke baad kaamuk hone lagi. Wo sundar bhi hai. Mere dost aur mere saathi lecturers aur uski patniyo ne meri wife ki kaamukta badha di. Meri sex bhukh ne bhi meri wife ki sex bhukh badha di. Hum dono ki sex bhukh saman thi to mai unko puri satisfy krta tha.

Meri wife bhi bholibhali aur sirf mujse hi prem karti thi vaise prem to wo aaj bhi pahle ki tarah karti hai lekin unki sex bhukh ne 1/2 nhi dusre 9 mardo ke saath sone ke liye majboor kr diya. Wife ne mardo ke saath sone ka tarika kuch alag pasand kiya. Wo tarika husband swapping ka hai.

Meri wife + mai bhi aisi bahot aurato ko janta hu jo innocent, sirf pati ko prem karne wali vafadaar patniya bhi baharwalo se chud jati hai
बहुत सही कहा आपने, ये तो आप सपोर्टिव हसबैंड हो जो पत्नी के साथ खड़े रहे, लेकिन जो खडूस पति होते हैं वो पत्नी को किसी की तरफ देखने भी नहीं देते हैं बात करना तो दूर की बात है, ऐसे केस में पत्नी की कोई सहेली मददगार बन कर आती है और उसकी मदद करती है लंड दिलवाने में, उसकी शर्म तोड़ती है और उसे बिंदास बनाती है, ऐसे कई औरतें है हमारे समाज में जो पहले छुईमुई थी पतिव्रता थी लेकिन सहेली के समझाने से ऐसी चूदी इतनों से चूदी कि इतिहास रच दिया, मगर वो सारी कहानियां कभी सामने आई ही नहीं और आती भी नहीं हैं सिर्फ वो औरत उसकी सहेली और उसको चोदने वाले मर्दों तक ही सीमित रही और आगे भी रहे गी, क्योंकि ये सारे लोग सभ्य और संस्कारी परिवार से आते हैं और मर्यादित रहते हैं सबके सामने , चाहे रात में या दिन में बेडरूम में कितना भी व्यभिचार क्यों न करते हों।
 
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mastmast123

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EPISODE 4
साधना ने ऐसा कहते हुए रुचि का हाथ पकड़ा और उसे गले से लगा कर एक चुम्बन उसके गालों पर कर दिया। रुचि अंदर तक थरथरा गई आज उसके साथ पहली बार किसी औरत ने ऐसा किया था, वो भौचक्की रह गई थी मगर कुछ बोली नहीं और कोई प्रतिरोध भी नहीं किया क्योंकि वो एक औरत की ही बांहों में थी। साधना ने रुचि को जोरों से अपने सीने में भींच लिया दोनों के स्तन आपस में टकराए एक एक चिंगारी दोनों के शरीर में एक साथ सुलगी। साधना मन में सोचने लगी ये रुचि बहु सीधी है आज तक दूसरे मर्द की छाया भी इस पर नहीं पड़ी है, आज अमित ने पहली बार किसी औरत पर क्रश किया है में उससे बहुत प्रेम करती हूं उसकी इच्छा इसके साथ सोने की है मैं समझ सकती हूं मैं उसकी इच्छा जरूर पूरी करूंगी चाहे इसके लिए मुझे इस भोलीभाली पतिव्रता रुचि का पतिव्रत धर्म हो क्यों न तोड़ना पड़े, में इसे धीरे धीरे इतना चुदासी बना दूंगी कि ये खुद ही मुझसे अमित को मंगेगिऔर मेरे ही सामने उसके लंड को चुसेगी और मेरे ही हाथों से मेरे अमित का लंड अपनी कमसिन खूबसूरत पति ले अलावा किसी और से नहीं चूदी चूत में लेगी।
ये सोच कर साधना रुचि के कान में धीरे धीरे बोलती है, रुचि तू कितनी भोली है जवानी सिर्फ एक बार ही आती है हम जैसी हसीन और जवान औरतों के जीवन में, चाहे हम कितना भी खुद को सम्हाले ये शरीर अक्सर बगावत करता है और हम ऐसी चीजें मांगने लगता है जिसे हम होश में कभी सोच ही नहीं सकते हैं, रुचि को साधना की बात में दम लगने लगा, उसके शरीर में भी चिंगारी सुलगी थी उसके शरीर ने भी बगावत की थी मगर उसने दृढ़ता से उसे दबा दिया था, अभी भी उसका शरीर कभी कभी मचल जाता है शरद के रूप को सोचकर, मगर वो खुद को सम्हाल लेती है इस गड्डे में गिरने से, मगर आज साधना ने उसके मन के तारों को छेड़ दिया है वो भी ऐसे बोबे से बोबे मिलाकर वो पहली बार रोमांचित महसूस कर रही थी।
उसने साधना से पूछा अच्छा तूने अब तक कितना मजा किया है जरा ये भी बता, में तो खैर भोली हूं तू तो नहीं है न।
साधना ने सच में अभी तक किसी मर्द से कुछ नहीं किया है कॉलेज के दिनों में भी, लेकिन रुचि को रास्ते पर लाने के लिए उसने झूठ और वो भी मसालेदार बोलने का निर्णय लिया।
साधना बोली ऐसे नही,,,
रुचि फिर कैसे?
साधना ने गले लगे हुए हाय उसके कानों की लौ को धीरे धीरे जबान से टच करते हुए चाटा और नीचे मुंह ले जाते हुए उसकी गोरी और नाजुक गर्दन पर गिला चुम्बन देते हुए चूमने लगी, रुचि के तन बदन में एक आग ने प्रवेश कर लिया, उसे ऐसा होता था मगर इतनी तीव्रता से पहली बार हुआ, वो झटका खा गई और मुंह से निकला हाय ये क्या है साधना, तू ये क्या कर रही है, साधना बोली तेरा तेरे शरीर से परिचय करवा रही हूं ए नादान भोली औरत, तूने अपने सेक्सी शरीर को कितना बियाबान बना रक्खा है इसमें न कोई आग है न ही कोई छोटी सी चिंगारी। इतना खूबसूरत बदन लेकर भी तू साध्वी बनी घूम रही है अगर ये बदन मेरे पास होता तो मैं सच कहती हूं धूम मचा देती धूम और अपनी आग को और भयंकर दावानल में तब्दील कर सारे मर्दों को जलाकर उनका धुंआ उड़ा देती।
रुचि अब बहकने लगी थी, वो कांपती आवाज़ में बोली तू कुछ बताना चाह रही थी वो क्या है।
साधना समझ चुकी थी अब ये खुलने लगी है इसे पूरा खोलना होगा लेकिन सिर्फ मेरे पति के लिए, हे ईश्वर मुझे माफ करना मैं ये पाप सिर्फ अपने जान से भी प्यारे पति की इच्छा पूरी करने के लिए करने जा रही हूं, अब कोई इसे गलत या रुचि जैसी पतिव्रता की भ्रष्ट करने की साजिश कहे तो कहे, में तो अपने पति की एक सच्ची और उसकी इस रुचि को भोगने की तीव्र इच्छा को पूरा करने का प्रयास कर रही हूं, भगवान मुझे माफ करे और जो सजा देगा वो मुझे मंजूर है।

Bye till next narration,,,
 

maleeba

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EPISODE - 2
रुचि की दिनचर्या में कुछ खास काम नहीं होते थे। उसके यहां दो सर्वेंट थे एक औरत एक मर्द, सारे काम दोनों करते थे, रुचि को कोई काम नहीं करना पड़ता था, यहां तक कि यदि पानी भी पीना हो तो नौकर हाथ में ला कर देते थे। उसका पति शरद सुबह 9बजे ऑफिस को निकल जाता और रात 8 बजे तक आता था, रुचि सारे दिन फ्री रहती थी। रुचि के लिए एक कार अलग से शरद ने दे रखी थी जिससे वो जहां चाहे आ जा सकती थी। रुचि ने दिन का समय अपनी सहेलियों साधना हेमांगी लतिका और राधिका के साथ गुजरना शुरू कर दिया था, हर दिन वो किसी एक सहेली के घर जाती और कभी दूसरी के घर। इस तरह मिलते मिलते छह महीने गुजर गए और सब रुचि की पक्की से भी पक्की सहेलियां बन चुकी थी। वे चारों भी अमीर थी और सभी तरह से संपन्न, इस तरह उनकी प्रगाढ़ता बढ़ने लगी। अभी तक रुचि का किसी भी सहेली के पति से आमना सामना नहीं हुआ था, बस उसने उनके फोटो घर में लगे देखे थे।
अब आगे
आज रुचि साधना के यहां आई हुई है, अक्सर वो दिन का खाना यहीं खा लिया करती है, आज भी दोनों से साथ में खाना खाया और बैठे बैठे बातें कर रहे थे तभी साधना की doorbell बजी, सर्वेंट ने दरवाजा खोला तभी साधना का पति अमित अंदर आया, जिसे देख साधना उठ खड़ी हुई और बोली अरे आप,,,,, आज कैसे ?? अमित बोला हां यार ऑफिस के एक पेनड्राइव यही कल लाया था सुबह ले जाना भूल गया तो आना पड़ा, तब तक रुचि भी खड़ी हो गई थी अब अमित की नजर रुचि पर पड़ी, रुचि हमेशा ही टिपटॉप रहती है स्टाइलिश साड़ियां स्पेशल ब्लाउज करीने से सजे बाल और टाइट नाभी के नीचे बांधी हुई साड़ी, जब वो खड़ी हुई पूरी अप्सरा लग रही थी और वो साधना से कई गुना खूबसूरत थी, वैसे साधना भी कम सुंदर नहीं थी मगर रुचि तो कयामत थी। अमित ने उसको देखा और उसके दिल की एक धड़कन मिस हो गई और वो एकटक रुचि को देखता रह गया वो उसके चेहरे में ही को गया, उसने आज तक इतनी हसीन औरत अपनी जिंदगी में नहीं देखी थी, फिर धीरे धीरे उसने रुचि के पूरे शरीर का मुआयना किया, सफेद शफ्फाक रंग संगमरमरी सुतवा नाक पतली गर्दन और उन्नत वक्ष स्थल साधना से दुगने तो नहीं मगर कम भी नहीं , कठोर कसे ब्लाउज में छूटने को तड़पते हुए बॉब्स, ब्लाउज और साड़ी के बीच सपाट चिकना चमकदार सफेद पेट, जिसे देखकर अमित बेहोश होते होते बचा, रुचि की गहरी गोल गोल नाभी साफ दिखाई दे रही थी, अमित का बुरा हाल था, रुचि कुछ पूछने को साधना की तरफ मुड़ी और अमित की नजर दो बाहर को निकले हुए एकदम गोल सुडोल नितंबों पर पड़ी, क्या ही कठोर थे, अमित क्या करे क्या न करे, मन की उथल पुथल को किसी तरह समेटे हुए वो घर के अंदर की और बढ़ने लगा।
तभी साधना बोली सुनिए, अमित ठिठका पीछे पलटा और बोला हां क्या, साधना बोली इनसे मिलिए मेरी सहेली रुचि ये अक्सर आती रहती है यहां और हम दिन का समय साथ ही बिताते हैं आप दिन में घर नहीं रहते ना, इसलिए आज तक मिलना नहीं हुआ, फिर रुचि से बोली, रुचि ये मेरे पति अमित हैं, रुचि ने शर्माते हुए दोनों हाथ जोड़ लिए और अमित की आंखों में देखते हुए बोली नमस्ते,,, और शर्माते हुए अपनी नजरें नीची कर ली, अमित बोला ओह ओ, हमारे घर बहार आती रही और हम उससे मरहूम ही रहे, आपने हमें आज तक कभी बताया ही नहीं साधना कि आपकी इतनी खूबसूरत कोई सहेली भी है, वो तो मैं किस्मत से आज आ गया वरना हमें पता ही नही चलता कि एक हीरा हमारे यहां अपनी छटा रोज बिखेर रहा है।
रुचि अपनी तारीफ सुनकर मन में बहुत खुश हुई उसके गाल लाल हो गए लेकिन परोक्ष रूप से नजरों को ऊपर उठा कर अमित की आंखों में देखती हुई बोली - कुछ भी!!! कुछ भी बोलते हैं आप, और धीरे से साधना का हाथ जोर से पकड़ लिया। अमित को लगा शायद वो कुछ ज्यादा ही बोल गया है , उसने भीतर जाने में ही भलाई समझी, वो सहम गया था कहीं रुचि अन्यथा न लें इन बातों को, उसका मकसद थोड़ा हंसी मजाक का सा था। वो चला गया, साधना ने रुचि से कहा तुम यहीं बैठो मैं देख लेती हूं अमित को, तुम बुरा मत मानना उनकी आदत है मजाक करने की, रुचि बोली नहीं मैं क्यों बुरा मानू मेरी अच्छी सहेली के पति भी अच्छे ही होंगे इतना विश्वास है मुझे तुम उनको देखो, मैं ठीक हूं। साधना अंदर चली गई।
अब रुचि ने जोर की सांस ली खुद को संयत किया और जो हुआ उसको सोचने लगी। जब अमित अंदर आया रुचि ने उसको देखा बलिष्ठ शरीर एवरेज हाइट सुंदर चेहरा काफी कुछ वरुण धवन से मिलता जुलता वही कद काठी, पर्पल सूट पहना हुआ पिंक शर्त और गहरी बैंगनी टाई, चमचमाते जूते, किसी हीरो से कम नहीं लग रहा था, उसका भी दिल धड़कना भूल गया था, अचानक उसे कॉलेज के दिन याद आ गए, क्या इसे ही तो नहीं देखा था मैने अपने ख्वाब में अपने जीवनसाथी के रूप में, वो अमित को देखकर मंत्रमुग्ध हो गई थी। उसका दिल अभी भी अजीब सी धड़कन में धड़क रहा था।
उधर रूम में जब साधना गई अमित कबर्ड में कुछ टटोल रहा था साधना ने अमित की पीछे से बांहों में भर लिया और बोली क्या यार तुम भी कभी भी शुरू हो जाते हो, ये तो देखना चाहिए पहली बार मिल रहे हो थोड़ा तो संयमित बातें किया करो कोई कैसा है उसे क्या पसंद है क्या नहीं, बस शुरू हो गए, माना कि रुचि सुंदर है और बहुत सुंदर है मगर क्या भोली भी होगी जरूरी है।
अमित तब तक पेनड्राइव खोज चुका था उसको पेंट में रखते हुए पलटा और साधना को सामने से आलिंगन में लेते हुए उसके गाल पर एक जोरदार चुम्बन देते हुए बोला, यार तूने आज तक बताया नहीं इतनी पटाखा तेरी कोई दोस्त भी है और जोर से हंसते हुए बोला jokes apart, वो बुरा मान गई है शायद, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, सॉरी जान,,, और उसको कस के सीने से लगा लिया, तब साधना अमित के कान में सरगोशी करते हुए बोली नहीं उसको बुरा नहीं लगा है, मैने पूछ लिया है, मगर बेबी तुम ऐसा मत किया करो जब तक लाइन क्लियर न हो।
अमित बोला आज तक तो ऐसा मौका कभी आया नहीं कि तुमसे सुंदर कोई मिली हो, अगर मिली भी हो तो मुझे लगी नहीं तुम ही मेरे ख्वाबों की रानी हो, लेकिन आज दिल मचल गया है, क्या तुम लाइन क्लियर करवाओगी इस रुचि के साथ मेरी। और इतना कहकर वो साधना को छोड़कर भागने लगा, उसे लगा साधना को बुरा लगेगा और वो उसे छोड़ेगी नहीं, हुआ भी ऐसा ही साधना ने भागते हुए अमित के कोट का सिरा कस कर पकड़ लिया और मजबूरन अमित को रुकना पड़ा, साधना उसके सामने गई और बड़ी बड़ी आंखों से उसे डराने की कोशिश करने लगी, अमित बोला सॉरी यार मैं तो ऐसे ही, लेकिन तब तक साधना की जोर से हंसी फूट पड़ी और वो हंसते हुए बोली मेरे प्यारे सजन का पहली बार किसी पर दिल आया है और मैं क्या नाराज होंगी उससे, जान, मैं अभी रुचि को इस एंगल से में जानती हूं, लेकिन यदि उसका जरा भी तुम में इंट्रेस्ट होगा में वादा करती हूं तुम्हारे लिए उसकी लाइन क्लियर करवाऊंगी, मगर अगर नहीं इंट्रेस्ट हुआ तो तुमको ऐसा सोचना छोड़ना होगा, हम ऐसे लोग नहीं है डियर, कि किसी की मर्ज़ी के खिलाफ जाकर उसको प्रेशराइज्ड करें।
अमित बोला well said, darling, मैंने तो जो दिल में था तुमसे कह दिया, हुआ तो हुआ, नहीं तो हम दोनों तो हैं ही मस्तियां करने को, चलो मैं अब जाता हूं पहले ही बड़ी देर हो चुकी है, शाम को मिलते हैं। साधना बोली मैं रुचि के दिल की थाह लेने की कोशिश करती हूं फिर रात को बताती हूं, तब तक दोनों डाइनिंग तक आ गए थे अमित ने साधनसे फिर रुचि से bye बोला और बाहर निकल गया।
Bye me too, till next narration,,,
Mastmast likha hai. Likhte raho. Lekhan ek nadi ki dhaara ki trh hai. Bahna chahiye. Kahani me Prem Ras, Veer Ras, shringaar Ras yaani Kaam Ras sb ka apna yogdaan hota hai. Jb Prem Romance ki baat ho to readers ke rongate khade aur aankhe nmm ho aur jb kaam Ras ki baat aaye to readers ke lund khade aur chut gili ho jaani chahiye.

ye ek sex forum hai aur yaha sex ke irdgird ghumti kahani padhne me sab ko interest hai. Aap bhi sahi tarah jaante ho ki Kahani me sirf aurat aur mard ke paatr ki sex bhavna o ko ujaagar karte hai naa ki samaj ki sb aurto ki ya mardon ki. To kahani me jaha bhi kaam ras ki jarurat ho to dil aur dimag se kaam ras dalo.
 
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