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Incest मजबूरी या जरूरत

rohnny4545

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
संजु तो जीवन में पहली बार अपनी साधना मौसी की मुतते हुए गोरी गदराई बेदाग गांड देखकर मंत्रमुग्ध हो गया और उत्तेजना भी महसुस की
साधना मौसी और संजु के का वार्तालाप बहुत ही गरमागरम और मादक है बडा मजा आया
लगता हैं संजु साधना नाम की मदमस्त गदरायी घोडी पर चढ कर अपनी जवानी का उद्घाटन करने की संभावना लगती हैं देखते हैं आगे
लाजवाब
 

rohnny4545

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साधना की उत्सुकता और लालसा बढ़ती जा रही थी,,, आज ना जाने क्यों उसका मन अपने भतीजे की तरफ आकर्षित होता चला जा रहा था,,,, बाथरूम में जिस तरह का नजारा अनजाने में उसके भतीजे ने देख लिया था अब साधना जानबूझकर अपनी जवानी का जलवा उसे दिखाना चाहती थी और शायद यह जलवा दिखाकर उसे हलवा भी चखाना चाहती थी,,,, और ऐसे में भला संजु क्यों इंकार करने वाला था,,, वह भी एक जवान लड़का था,,, खूबसूरत औरत और लड़कियों के प्रति उसके मन में भी उसी तरह की कामेच्छा जागती थी,,, जिस तरह से दुसरे लड़कों के मन में जागती थी,,, और इसीलिए भला संजू क्यों पीछे हटने वाला था,,,,।
Sadhna



दोनों का दिल जोरों से धड़क रहा था साधना को अच्छी तरह से मालूम था कि ट्यूबलाइट के जलते ही उसकी रोशनी में उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी संजू की आंखों के सामने होगी और उसे पूरा विश्वास था कि उसकी मदमस्त नंगी जवानी को देखकर संजू बहकने पर मजबूर हो जाएगा और यही बात संजू की अच्छी तरह से जानता था वह भी अपनी मौसी की जवानी की एक झलक देखना चाहता था उसके नंगे पन को देखना चाहता था हालांकि बाथरूम में वह पहले ही अपनी मौसी को पेशाब करते हुए देख चुका था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके होश उड़ा चुकी थी,, और उसका आंसर अभी भी उसके दिलो-दिमाग पर छाया हुआ था,,,।


कमरे में चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा था अंधेरे में सोने की आदत संजू और मोहिनी को बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन उसकी मौसी जानबूझकर लाइट बंद करा दी थी हालांकि उसे भी अंधेरे में सोने की बिल्कुल भी आदत नहीं थी लेकिन आज उसके मन में कुछ और चल रहा था और उसी के चलते अंधेरे का फायदा उठाना चाहती थी,,,, संजू उसी तरह से अंधेरे में उसके पास बैठा हुआ था और उसकी साधना मौसी उसे लाइट चालू करने के लिए बोली थी और लाइट चालू करके यह देखने के लिए की चादर किधर है,,,, और साधना ने धीरे से चादर को अपनी गांड के नीचे दबा ली थी ताकि संजू को वह चादर उसकी कामेच्छा बिंदु के पास ही नजर आए और उसकी नजर चादर के साथ-साथ सीधे उसके टांगों के बीच पड़े,,,,।



सोच कह रहा है संजु खड़ा होकर लाइट चालू कर और चादर दे मुझे पता नहीं कहां पर पड़ी है,,,(अंधेरे में अपनी मदमस्त मक्खन जैसी चिकनी जांघों पर हाथ फेरते हुए साधना बोली,,,)

ठीक है मौसी,,,,,(और इतना कहकर संजू खड़ा हो गया उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसके मन में अजीब अजीब से ख्याल आ रहे थे वह अपने मन में सोच रहा था कि लाइट के चालू होती है उसे क्या नजर आने वाला है यह सोच कर ही उसका दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि अपनी मौसी की मक्खन जैसी जाऊंगा पर हाथ रखकर इतना तो वह समझ ही गया था कि उसकी मौसी की साड़ी कमर तक उठी हुई होगी तभी उसकी जांघ नंगी थी,,,संजू के बारे में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी क्योंकि अभी तक उसने औरतों को ही साल में कभी नहीं देखा था ना ही किसी औरत को पेशाब करते हुए देखा था ना ही उसके साथ इस तरह की बातें किया था लेकिन उसकी जिंदगी में पहली बार ऐसा हो रहा था कि सब कुछ उसकी जवानी की तरंगों को बढ़ावा दे रही थी,,,,, संजू खड़ा हो चुका था और टटोलकर ट्यूबलाइट की स्विच को ढूंढ रहा था,,,, और अगले ही पल उसे ट्यूबलाइट की स्वीच टटोलने पर एहसास हो गई और वह अगले ही पल बिना देरी किए ट्यूबलाइट के स्विच को ऑन कर दिया और पल भर में ही पूरे कमरे में दूधिया रोशनी फैल गई,,,,,संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था ट्यूबलाइट की रोशनी में उसे अपनी मौसी की तरफ देखने का मन तो कर रहा था लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी दीवार की तरफ मुंह करके खड़ा था और साधना पीठ के बल लेटे हुए मुस्कुरा रही थी वह जवानी की दहलीज पर कदम रखे संजू की मनोव्यथा को अच्छी तरह से पहचान रही थी,,, साधना को ना जाने क्यों अपनी जवानी दीखाने में बहुत मजा आ रहा था,,, लेकिन संजू की मासूमियत पर उसे गुस्सा भी आ रहा था कि जवानी से भरा हुआ कटोरा उसकी आंखों के सामने पड़ा हुआ है और वह उसका स्वाद चखने से घबरा रहा है,,,,।


साधना उसकी मौसी थी लेकिन पल भर की एक मादक घटना ने उसकी सोचने समझने की शक्ति को छीण कर दी थी,,,,ना जाने क्यों संजू ने उसे अपना भतीजा अपना बेटा नहीं बल्कि एक जवान लड़का नजर आ रहा था जोकि उसकी जवानी का प्यासा था हालांकि ऐसा साधना समझती थी जो कि उसके साथ भी अनजाने में हुआ था,,,, संजू अभी भी दीवार की तरफ मुंह करके खड़ा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि किस तरह से वह अपनी मौसी से नजर मिलाए उसकी महंगी जवानी को अपनी आंखों से टटोले,,,, कुछ देर तक संजू उसी तरह से खड़ा रहा तो साधना खुद बोली,,,।


क्या कर रहा है संजू चादर देना मुझे वहां खड़ा क्या कर रहा है,,,,


जजजज,,,जी मौसी अभी दिया,,,(इतना कहने के साथ ही धड़कते दिल के साथ वहां अपनी मौसी की तरफ देखा तो देखता ही रह गया आश्चर्य और उन्माद से उसकी आंखें फटी की फटी रह गई उसकी सांसों की गति पलभर में ही इंजन की तरह तेज भागने लगी,,, उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था,,,, उसे लग रहा था कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रहा है जो कुछ भी वो देख रहा था वह हकीकत था चादर की बात संजू पूरी तरह से भूल चुका था उसकी नजरें साधना की कमर के नीचे के नंगे बदन पर टिकी हुई थी जो कि ऊपर से नीचे की तरफ बराबर घूम रही थी मोटी मोटी केले की तने के समान चिकनी मक्खन जैसी जांघों को देखकर संजू का मन फिसल रहा था,,,, उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी जिंदगी में पहली बार बार इस तरह का दृश्य देख रहा था,,,, और वह भी अपनी मौसी की मदमस्त जवानी का नजारा,,,कपड़ों में जितनी खूबसूरत उसकी मौसी लगती थी उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत बिना कपड़ों के लग रही थी हालांकि सिर्फ व कमर के नीचे नंगी थी और उस पर भी वह पेंटी पहनी हुई थी जो कि संजू की कामुक और प्यासी नजरों को भापकर उसके तन में उत्तेजना की ज्वाला और ज्यादा भड़काने के उद्देश्य से वह अपनी हथेली को उसकी आंखों के सामने ही अपनी पेंटिंग के बीचो बीच अपनी बुर वाली जगह पर रख कर उसे हल्के हल्के सहलाते हुए बोली,,,।)


rapid city landfill
खडा खडा क्या देख रहा है संजू देखना चादर किधर है मुझे बिना चादर के नींद नहीं आती,,,,,
(साधना अपनी हरकत को लेकर पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरी हुई थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि जवान लड़के के सामने इस तरह की हरकत करने का उस पर क्या असर होता है,,,साधना को अच्छी तरह से मालूम था कि संजू के सामने इस तरह की हरकत करने का मतलब था कि वह उसे खुला आमंत्रण दे रही है लेकिन देखना यह था कि उसके आमंत्रण को संजु स्वीकार कर पाता है या नहीं क्योंकि वह अभी तक इस तरह के हालात से गुजरा नहीं था इसलिए इस तरह के हालात की बारीकियों के बारे में उसे बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था,,, लेकिन इतना तो वह समझ ही रहा था कि उसकी मौसी की हरकत बेहद उत्तेजनातमक और जी ललचाने वाली थी,,,, संजू इतना भोला था कि साधना की हरकत को समझ नहीं पा रहा था कि वह ऐसा क्यों कर रही है अगर वह भी संभोग का सुख प्राप्त कर चुका होता तो शायद साधना की इस हरकत का जवाब वह अपने लैंड से जरूर देता क्योंकि साधना भी यही चाहती थी लेकिन समझो अभी अपनी मौसी के इशारे को ठीक तरह से समझ नहीं पा रहा था बस उसके नंगे बदन को देख कर उत्तेजित होकर मस्त हो जा रहा था,,,,,।

संजू उसी तरह से आंखें फाड़े खड़ा था उसकी मौसी के बगल में मोहिनी दूसरी तरफ मुंह करके सोई हुई थी वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रही थी,,,, और साधना अभी भी उसको लग जाते हुए अपनी हथेली को अपनी पेंटी के बीचो-बीच बुर वाली जगह पर रखकर हल्के हल्के दबाते हुए सहला रही थी,,,,, और संजू की तरफ प्यासी नजरों से देखते हुए बोली,,,।


क्या हुआ संजू ऐसे खड़ा क्यों है क्या कभी औरत नहीं देखा क्या,,,,


नहीं ऐसी बात नहीं है मौसी चादर मुझे कहीं नजर नहीं आ रही है,,,,(संजु जानबूझकर चादर ना मिलने का बहाना बना रहा था लेकिन उसका चादर पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं था उसका ध्यान तो साधना की दोनों टांगों के बीच उसकी लाल रंग की पेंटिं और उस पर हल्के हल्केफिर रही उसकी हथेली को देख रहा था पर अपने मन में सोच रहा था कि काश उसे ऐसा मौका मिल जाता तो कितना मजा आता,,,,)



अरे ठीक से ढूंढ मिल जाएगी,,,,।(उत्तेजना का असर साधना के भी तन बदन को पूरी तरह से झकझोर रहा था जिसका असरसाधना को अपनी बुर के अंदर महसूस हो रहा था धीरे-धीरे उसकी बुर्का मारो छोड़ रही थी और आम रस की वजह से उसकी पैंटी गीली हो रही थी जिसके गीलेपन का एहसास उसे अपनी हथेली में पर एकदम साफ महसूस हो रहा था,,,, वह अपने मन में यही सोच रही थी कि संजू पूरी तरह से जवान हो चुका है लेकिन औरत के काम रस के बारे में से पता नहीं कुछ ज्ञान है कि नहीं अगर ज्ञान होगा तो वह तुरंत समझ जाएगा कि उसका मन क्या कह रहा है इसीलिए वह इस तरह का विचार मन में लाकर संजू की आंखों के सामने ही अपनी पेंटी पर से अपनी हथेली को हटाते हुए बोली,,,।)


इधर उधर कहीं होगी यहां से जाएगी कहां,,?
(वह जानबूझकर अपनी पैंटी के ऊपर से अपनी हथेली को हटा ली थी क्योंकि वह संजू को अपनी काम रस से भीगी हुई पैंटी दिखाना चाहती थी,,,, हथेली के हटाते ही संजू की नजर उसकी पेंटी पर और ज्यादा चिपक गई संजू को अपनी मौसी की पैंटी का गीलापन एकदम साफ नजर आ रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि मौसी की पेंटी आगे से गोलाई में गिली कैसे हो गई,,,, संजू के लिए यह सब अभी तक एक पहेली की तरह ही था क्योंकि संजु औरत के बदन के भूगोल के बारे में कुछ भी नहीं जानता था,,, भले ही उस स्कूल के किताबों का हर एक पन्ना उसे मुजबानी याद था लेकिन एक औरत के खूबसूरत बदन के भूगोल के पन्नों को उसने अभी तक खोला तक नहीं था तो उसके बारे में जानने की बात तो दूर रही,,,, संजू अपनी मौसी की लाल रंग की पैंटी को देखते हुए बोला,,,)


कहां गई मौसी अभी तो यहीं रखी हुई थी,,,,(इधर उधर नजर घुमाते हुए संजू बोला चादर ठीक साधना की बड़ी-बड़ी गांड के नीचे दबी हुई थी लेकिन संजू को साधना की दोनों टांगों के बीच सिर्फ उसकी लाल रंग की पैंटी नजर आ रही थी और उसके मन की उमंग इस बात से और ज्यादा बढ़ रही थी कि उस पेंटी के अंदर क्या छुपा कर रखी होगी उसकी मौसी,,,, देखने में कैसी होगी कैसी नजर आती होगी यही सब सोचता हुआ उसका ध्यान चादर पर नहीं जा रही थी,,, तो ,,,, साधना ही बोली,,,,)


अरे देख तो,,,(कसमसाते हुए) देख तो कहीं मेरी गांड के नीचे तो नहीं है,,,,(अपनी गांड को हल्कै से दाएं बाएं हिलाते हुए,,,,।


अपनी मौसी की बात सुनते ही संजू की नजर अपनी मौसी की गांड के नीचे गई तो चादर वहीं पर थी,,,, अपनी मौसी के मुंह से एकदम खुले शब्दों में गांड शब्द सुनकर संजू का लंड पूरी तरह से तड़प उठा था और पैजामा में तंबू बना दिया था जिस पर साधना की नजर बार-बार चली जा रही थी और उसका मन ललच कर रह जा रहा था,,, साधना की अनुभवी आंखें संजू के पजामे के अंदर छुपे हथियार की धार के बारे में अंदाजा लगा चुकी थी वह समझ गई थी कि संजू के पजामे में औरत का पसंदीदा अोजार छिपा हुआ है,,, और उसके तंबू की ऊंचाई को देखकर उसकी लंबाई का अंदाजा लगा चुकी थी और मन ही मन यह भांप चुकी थी कि संजू का लंड बड़े आराम से उसके बच्चेदानी तक पहुंच जाएगा,,,, साधना के लिए यह एहसास ही काफी था,, वह अपने बदन में उन्मादकता के एहसास का बवंडर उठता हुआ महसूस कर रही थी और इसी एहसास के चलते उसकी बुर से काम रस की दो चार बूंदे बारी बारी से उसकी गुलाब की पत्तियों के मुहाने से चु गई,,,, साधना को अजीब सा एहसास हो रहा था ऐसा लग रहा था कि वह पूरी तरह से एक जवान लड़की है उसके सामने उसका प्रेमी है जो कि दोनों चोरी चुपके किसी कमरे में मजा लेना चाहते हैं,,,,,,,।


अरे यह तो सच में नीचे दबी हुई है और मेरी नजर वहां तक पहुंची ही नहीं पा रही है,,,।
(संजू के मुंह से इतना सुनते ही साधना अपने मन में ही बोली साला हरामि बुर देखने की फिराक में रहेगा तो तुझे चादर कहां से नजर आएगी,,,,)


चल अब जल्दी देकर लाइट बंद कर,,,,
(साधना को इस बात का एहसास हो गया था कि औरत के काम रस के बारे में संजू को बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था वरना उसकी पेंटी के गीलेपन के बारे में वह जरूर पूछता,,, संजू के नादानीयत पर साधना को गुस्सा आ रहा था,,,, वह अपनी मन में यह सोच कर रह जा रही थी कि अगर उसकी जगह कोई और लड़का होता तो शायद अब तक सुबह उसके ऊपर चढ़ चुका होता लेकिन यह है कि कुछ समझ ही नहीं पा रहा है लेकिन फिर भी धीरे-धीरे साधना को इस खेल में मजा आ रहा था उत्तेजना का एहसास बढ़ता जा रहा था कि वह पहली बार इस तरह की हरकत कर रही थी,,,,। संजु अपनी मौसी के उतावलापन को समझ नहीं पा रहा था,,, वह धीरे से अपनी मौसी के करीब आया और उसकी गांड के नीचे दबा चादर को अपने हाथ से पकड़ लिया,,, और उसी खींचने को हुआ था बड़े नजदीक से अपनी मौसी की दोनों टांगों के बीच का नजारा देखकर वह पूरी तरह से मदहोश होने लगा उसकी नजर उसकी लाल रंग की पेंटिं के गीले वाले भाग का मुआयना करने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उतना सा भाग गिला कैसे हो गया,,,औरत के काम रस के बारे में वह बिल्कुल भी नहीं जानता था इसलिए वह अपने मन में यह धारणा बांध लिया था कि कहीं उसकी मौसी धीरे-धीरे पेशाब तो नहीं कर दि है,,, शायद बड़े जोरों की लगने की वजह से बूंद बूंद करके बाहर आ रहा हो,,, और पेंटी के गीले के बारे में अपनी मौसी से पूछने की उसकी हिम्मत भी नहीं हो रही थी,,,।

गजब का अद्भुत मादकता से भरा हुआ नजारा संजू की आंखों के सामने था उसकी मौसी जो कि इस उमर में भी गम भरी जवानी से लगी हुई थी वह अपनी साड़ी को ना जाने किस वजह से अपनी कमर तक उठाई हुई थी उसकी लाल रंग की पैंटी एकदम साफ नजर आ रही थी और भाभी की ली उसकी चिकनी दूधिया मोटी मोटी जांघों को देखकर संजू से रहा नहीं जा रहा था उसके मन में ढेर सारी बातें उमंग उफान मार रहे थे,,,, संजू अपने आप को संभाले हुए था वरना उसकी जगह कोई और लड़का होता तो अब तक उसकी चुदाई कर दिया होता,,,,।


चादर जो कि साधना की बड़ी-बड़ी गांड के नीचे दबी हुई थी वह संजू के हाथों में थी और संजू उसे खींचने की कोशिश कर रहा था,, जो कि साधना की भारी-भरकम गांड के नीचे दबी होने की वजह से खिशक नहीं रही थी,,, तो संजू बोला,,।


मौसी थोड़ा अपनी,,ग,,,,,(इतना कहकर सब एकदम से क्योंकि अनजाने में ही उसके मुंह से यह शब्द निकल गए थे,,, साधना के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी वह चाहती थी कि संजू उसके साथ इसी तरह से बात करें लेकिन आधा शब्द बोल कर वह रुक गया था इसलिए उसके आरती शब्द को पूरा करते हुए वह बोली,,,)

ओहहह,,, मेरी गान्ड कुछ ज्यादा ही बड़ी- है इसलिए तो खींच नहीं पा रहा है रुक जा,,,,(और इतना कहने के साथ ही साधना बड़े ही मादक अदा से अपनी बड़ी बड़ी गांड को कमर से ऊपर की तरफ हल्कै से उठा दी और संजू पूरी तरह से उत्तेजित होता होगा अपनी मौसी की उठी हुई गांड को ललचाई नजरों से देख कर,,, चादर को अपनी तरफ खींच लिया,,,, संजू को संभोग का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था लेकिन जिस अदा से साधना ने अपनी गांड को उठाई थी संजू का मन कर रहा था उसके दोनों टांगों के बीच घुस जाए और अपना लंड उसकी बुर में डाल कर उसकी चुदाई कर दे,,,, यह सोच कर संजू पूरी तरह से मचल उठा था,,, लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी,,,, चादर को वह अपनी मौसी को थमा कर वहीं बैठा रहा,,,,तो साधना ही बोली,,।


लाइट तो बंद कर दे,,,,।

(संजु का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा था पूर्व लाइट बंद करने के लिएदोनों के बीच धीरे-धीरे वार्तालाप हो रही थी लेकिन पास में सो रही मोहिनी पर किसी भी प्रकार का असर नहीं हो रहा था वह बहुत ही गहरी नींद में सो रही थी,,,, फिर भी संजू बेमन से उठा और ट्यूबलाइट बंद कर दिया,,, और वापस आकर अपनी मौसी के बगल में लेट गया,,,।
 
Last edited:

Rudransh120

The Destroyer
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Bhai bahut hi bahetrin lajavab update he sanju ko abhi chudai ke bare me kuchh bhi knowledge nahi he aur sadhana bhi use lalcha rahi he uski taraf par story slow seduction me badiya ja rahi

Bas ek dikkat he ki story pichhle tin char update se din se raat tak hi pahuchi he bhai ho sake to thode jaldi aur bade update dijiye to aur maja aaye

Baki slow seduction aur uska detail vishleshan bahut hi badiya he
 

Napster

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साधना की मदभरी बातें संजू की भावनाओं से खेल रही थी,,, उसके मन में अब तक किसी के लिए भी गंदे विचार नहीं आए थे,,, लेकिन जब से वह अपनी मौसी की मदमस्त बड़ी बड़ी गांड के दर्शन किया था तब से अपनी मौसी को देखने का नजरिया उसका बदन में लगा था और आग में घी डालने का काम उसकी मौसी के विचार और उसकी बातें कर रही थी,,, साधना यह जान चुकी थी किसंतोष की गांड को देखकर पूरी तरह से पागल हो गया था और इसी का फायदा उठाते हुए वह उसी से बोल रही थी कि उससे भी खूबसूरत और अच्छी उसकी मां की गांड है क्या इस तरह से उसने भी अपनी मां की गांड देखा है,,, यह सवाल पूछ कर साधना ने अपने ही भतीजे के मन में अपनी मां के प्रति उन्माद और आकर्षण का भाव जगाने लगी थी,,, और संजू के तन बदन में आग लगा गई थी,,,संजु ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह अपनी मौसी के प्रति इस तरह से आकर्षण में बंध जाएगा,,, बाथरूम में अनजाने में ही उसे पेशाब करते हुए देख लिया था इतने तक तो ठीक था साधना भी बात को आई गई कर सकती थी लेकिन उसके मन में भी ना जाने कैसे भी चार जन्म ले रहे थे अपने ही भतीजे से वह गंदी गंदी बातें कर रही थी और पूछ रही थी उसके विचार को जानना चाह रही थी और यही सवाल जवाब में संजू की उत्तेजना बढ़ने लगी थी साथ ही साधना भी अपने अंदर उत्तेजना का अनुभव कर रही थी,,,,,,, साधना को इस बात से और ज्यादा होते इतना का अनुभव हो रहा था क्योंकि संजू ने पहली बार जिंदगी में किसी औरत की नंगी गांड को देखा था उसे पेशाब करते देखा था इस बात को जानकर वह और ज्यादा उत्साहित हो गई थी,,,, साधना आराधना से उम्र में बड़ी थी,,,,और इस उम्र में भी एक जवान लड़का प्यासी नजरों से उसकी गांड को खो रहा था यह बात उसे अंदर तक असर कर गई थी वह काफी उत्साहित हो गई थी,,,। दोनों के बीच की वार्तालाप मां की गांड पर आकर अटक गई थी संजय को जवाब दे पाता इससे पहले ही मोहिनी दरवाजे पर आकर खाना खाने के लिए आमंत्रण दे गई थी,,,, साधना भी अच्छी तरह से समझ रही थी कि अब सवाल जवाब करना ठीक नहीं था इसलिए वह उठकर जाने लगी थी और संजु को भी आने को कह रही थी,,,,बाथरूम के अंदर का लाजवाब दृश्य देखकर उसका असर अभी भी संजू के दिलों दिमाग पर छाया हुआ था,,,और इसीलिए वह अपनी मौसी को कमरे से बाहर जाता हुआ देख रहा था खास करके उसकी कमर के नीचे की घेराबंदी को जो कि बेहद लुभावनी थी,,, और मटक मटक कर चलने पर तो जान हीं ले ले रही थी,,,।


साधना और संजय दोनों कमरे से बाहर आ चुके थे और हाथ मुंह धोकर खाना खाने बैठ गए थे,,,, गरमा गरम पोरिया और जायकेदार सब्जी के साथ-साथ मुंह मीठा करने के लिए स्वादिष्ट खीर बनी हुई थी जिसका आराधना को छोड़कर तीनों लुफ्त ले कर खा रहे थे,,,, आराधना को इस तरह से बैठी देखकर साधना बोली,,,।


अरे आराधना तू क्यों बैठी है तू भी आ कर खा लेना,,,,(साधना मुंह में निवाला डालते हुए बोली,,,)

नहीं नहीं दीदी तुम सब खा लो मै तो उनके साथ ही खाती हुं,,
Sadhna



तु उनके साथ ही खाती है,,,


हां दीदी क्या करूं आदत बन चुकी है ना,,,,


मुझसे तो भाई बर्दाश्त नहीं होता मैं तो पहले ही खा लेती हूं,,,,
(आराधना तीनों को खाना परोसती जा रही थी और तीनों खाते जा रहे थे,,,, साधना को पूरी सब्जी खीर बहुत पसंद थी इसलिए वह पेट भर कर खा ली थी,,,, संजू का मन खाने में कम अपनी मौसी को ताड़ने में ज्यादा लग रहा था,,, संजू की नजरों को साधना अच्छी तरह से परख चुकी थी,,,, इसलिए खाना खाते खाते हो जानबूझकर अपनी साड़ी का पल्लू अपने कंधे से नीचे गिरा दी थी ताकि संजू को उसकी भारी भरकम छातियां एकदम साफ नजर आने लगे,,, और ऐसा हो भी रहा था अपनी मौसी की मदमस्त कर देने वाली बड़ी बड़ी चूची को देखकर जो कि ब्लाउज में कैद होने के बावजूद भी अपनी मादकता का असर संजू पर बनाए हुए थे,,, उसे देखकर संजू पूरी तरह से मस्त हो चुका ना पेंट में एक बार फिर से अकड़न बढ़ने लगी थी संजू चोर नजरों से रह रह कर अपनी मौसी की चूचियों पर नजर फेर ले रहा था संजू को ऐसा लग रहा था कि उसकी मौसी ने अपनी चुचियों के साईज से कम बाप का ब्लाउज पहन रखी है इसलिए उसकी चूचियां कुछ ज्यादा ही बाहर निकली हुई नजर आ रही थी,,,,लेकिन गौर से देखने पर संजू किस बात का एहसास हो गया कि उसकी मौसी की चूचियां कुछ ज्यादा ही बड़ी-बड़ी है इसे देख कर उसके मुंह में पानी आ रहा था एक तरफ स्वादिष्ट व्यंजन की खाली पड़ी थी और दूसरी तरफ ब्लाउज में कैद पकवान नजर आ रहा था,,, संजू को पकवान खाने का मन कर रहा था लेकिन उसे खाने की उसमें हिम्मत नहीं थी साधना को अपने भतीजे को इस तरह से तड़पाने में बहुत मजा आ रहा था क्योंकि संजू पूरी तरह से जवान हो चुका था और जवान लड़के उसे देखकर इस तरह से आहें भरते हो यह उसे बेहद पसंद था,,,, क्योंकि उसे लगता था कि इस नंबर में भी वह काफी खूबसूरत और गति रे बदन की मालकिन है और यह हकीकत भी था,,,, लेकिन आराधना की खूबसूरती से अगर उसकी जवानी का कंपेयर किया जाए आराधना एक कदम आगे ही थी,,,,
Sadhna or Sanju


इस समय संजू की आंखों के सामने साधना की दोनों चूचियां ब्लाउज में कैद होकर रासलीला रचा रही थी जब जब वह अपने हाथ को थाली से ऊपर की तरफ ले जाती तब तक उसकी दोनों चूचियां आपस में रगड़ जा रही थी,,,। और आपस में रगड़ खा रही चूचियों की गर्मी संजू की दोनों टांगों के बीच छा रही थी,,,,,,


देखते ही देखते तीनों ने खाना खा लिया था और आराधना बर्तन मांजने लगी थी उसकी मदद करने के लिए साधना भी वहां पहुंच गई तो आराधना ने उसे बर्तन मांजने नहीं दी और बैठने के लिए बोली मोहिनी अपनी मां की मदद करने लगी और कुछ देर के लिए संजू बाहर टहलने के लिए निकल गया,,,,संजू की हालत पल-पल खराब होती जा रही थी ना चाहते हुए भी उसके दिलो-दिमाग पर उसकी मौसी साधना छाई हुई थी उसकी मदमस्त गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड उसका पैसाब करना और उसकी चूचियों की झलक कुल मिलाकर संजू को अपनी आगोश में जकड़ी हुई थी संजू चाह कर भी अपना ध्यान दूसरी तरफ लगा नहीं पा रहा था वह टहल पर डालते अपने मन में यही सोच रहा था कि उसकी मौसी आखिरकार उसे चाहती क्या है अगर उसे गलत लगा होता तो वह उसे डांट देती उसे भला-बुरा कहती,,,लेकिन ऐसी किसी भी प्रकार की प्रक्रिया उसकी मौसी की तरफ से नहीं हुई थी बल्कि उसकी मौसी तो उसे से गंदे सवाल जवाब पूछ रही थी और सीधे-सीधे उसकी मां के बारे में पूछ कर संजू के तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर दी थी संजू को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार उसकी मौसी उससे इस तरह के सवाल क्यों पूछ रही है यही सब सोचते सोचते उसका दिमाग खराब हो रहा था आखिरकार काफी समय बीत जाने के बाद वह घर लौटा तो सब लोग सोने की तैयारी कर रहे थे,,,,,,।



आराधना तो अपने कमरे में सो जा मैं इन लोगों के साथ सो जाती हूं क्योंकि जीजा जी कभी भी रात को आएंगे तो अच्छा नहीं लगेगा अगर मैं तेरे कमरे में सोई रहूंगी तो,,,


ठीक है दीदी जैसी आपकी मर्जी,,,,,

(और फिर इतना कहकर आराधना अपने कमरे में चली गई और मोहिनी और संजू के साथ साधना उन लोगों के कमरे में चली गई,,,, कमरे में सोने के नाम पर ही संजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो कैसे अपनी मौसी के साथ सो पाएगा क्योंकि उसके मन में उसकी मौसी को लेकर गंदे गंदे विचार आना शुरू हो गए थे उसे डर था कि उसके हाथ से कुछ इधर उधर ना हो जाए,,,, तीनों कमरे में पहुंचकर कुछ देर तक बातें करते रहे मोहिनी और संजू नीचे ही बिस्तर लगा कर सोते थे,,, अपनी मौसी से बातें करने में मोहिनी को बहुत मजा आ रहा था लेकिन संजू से तो कुछ बोला ही नहीं जा रहा था वह अपनी मौसी की खूबसूरती में पूरी तरह से खो चुका था खास करके उसकी नंगी गांड के दर्शन करके वह अपने मन में यही सोच रहा था कि उसकी मौसी अपने कपड़े उतार कर नंगी होने के बाद कैसी नजर आती होगी,,, ब्लाउज से बाहर आकर उसकी चूचियां किस कदर कहर ढाती होगी,,,, संजू को अपने मौसा की किस्मत पर जलन होने लगी थी कितनी खूबसूरत औरत को वह रोज चोदते होंगेरोज उसके नंगे पन का दर्शन करते हुए अपने हाथों से उसके कपड़े उतारते होंगे उसकी बड़ी बड़ी गांड को अपने हाथों से पकड़कर दबाते होंगे उसकी बड़ी बड़ी चूची को मुंह में लेकर पीते होंगे उसके रसीली चूत में अपना लंड घुसा कर चोदते होंगे यह सब सोचते हुए संजू की हालत खराब होती जा रही थी और उसके पैंट में उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,,,,,,


बात करते-करते 12:00 बज गए थे मोहिनी को नींद आने लगी थी क्योंकि उसे झपकी लगने लगी थी इसलिए वह बोली,,,।


चलो काफी रात हो गई है सो जाते हैं वैसे भी तुम्हें नींद आ रही है मोहिनी,,,


हां मौसी मुझे जोरों की नींद आ रही है,,,,(इतना कहने के साथ ही मोहिनी वही लेट गई और सो गई साधना जानबूझकर दोनों के बीच में सोने वाली थी इसलिए बिस्तर पर लंबी होते हुए वह संजू से बोली,,,)

संजू लाइट बंद कर दे मुझे उजाले में नींद नहीं आती,,,,।



(संजु अपनी मौसी की बात मानते हुए उठकर खड़ा हुआ है और लाइट बंद कर दिया कमरे में पूरी तरह से अंधेरा छा गया,,,, कुछ भी नजर नहीं आ रहा था संजू धीरे से आकर अपनी मौसी के बगल में लेट गया उसके दिल की धड़कन बड़ी तेजी से चल रही थी पहली बार बार किसी की औरत के पास सोया था ऐसा बिल्कुल भी नहीं था इससे पहले भी वह अपनी मौसी के साथ सो चुका था लेकिन आज की बात कुछ और थी,,,, पहले वह एक भतीजे की नजर से अपनी मौसी को देखा करता था लेकिन आज एक मर्द की नजर से वहां अपनी मौसी को देख रहा था और उसकी मौसी में उसे एक औरत नजर आ गई थी तब खूबसूरत कामुक औरत जिसके अंग अंग से मादकता छलक रही थी,,,,।
साधना के भी बदन में कसमसाहट बढ़ती जा रही थी,,, उसके मन में कुछ और चल रहा था,,,, संजू और साधना दोनों पीठ के बल लेटे हुए थे,,, दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी साधना खेली खाई औरत थी इसलिए वह अच्छी तरह से जानती थी कि एक जवान लड़के को किस तरह से लाइन पर लाया जाता है,,,, वह घुटना मोड़ कर अपनी सारी पर पूरी तरह से अपनी जांघों तक चढ़ा दी,,,,,, और संजू से बोली,,,।

संजू मेरे घुटने के नीचे चादर होगी जरा लाना तो मै सर के नीचे रख लु,,,
(संजीव को तो सब कुछ सामान्य और औपचारिक ही लग रहा था,,, वह उठा और बैठकर,,,, पैर की तरफ देखने लगा लेकिन लाइट बंद होने की वजह से पूरे कमरे में अंधेरा छाया हुआ था कुछ भी नजर नहीं आ रहा था इसलिए अंदाजन अपना हाथ आगे बढ़ाकर चादर उठाने को हुआ ही था कि वह अपना हाथ अपनी मौसी की जांघों पर रख दिया,,,, पल भर में उसे तो लगा जैसे कि उसे करंट लग गया हो जिंदगी में पहली बार वह किसी औरत की जांघ पर अपना हाथ रखा हुआ था,,,, पल भर में ही उसकी सांसे ऊपर नीचे हो गई,,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें नरम नरम मक्खन जैसी चिकनी जांघों को अपनी हथेली में लेते ही उसके तन बदन में आग लगने लगी थी,,,, संजू के लंड ने करवट लेना शुरू कर दिया था,,,,,,, उसका मन अपनी मौसी की चिकनी जांघों को छोड़ने का बिल्कुल भी नहीं कर रहा था लेकिन वह ऐसा कर सकने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा था,,,। और साधना के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई थी क्योंकि एक जवान लड़का उसकी जांघों को अपनी हथेली मैं पकड़े हुए था वह चाहती थी कि संजू अपनी हथेली को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ लाया और उसकी दोनों टांगों के बीच की उस पतली दरार पर रख कर दबोच लें,,,, लेकिन वह ऐसा खुले शब्दों में नहीं कह सकती थी,,,, उत्तेजना के मारे अपनी उखड़ी हुई सांसो को दुरुस्त करते हुए संजू बोला,,,,।


मौसी अंधेरा बहुत ही कुछ नजर नहीं आ रहा है,,,,।


ठीक है एक बार लाइट चालू करके देख ले चादर कहां रखी हुई है,,,,।



(साधना जानबूझ कर उसे लाइट चालू करने के लिए बोली थी क्योंकि वह लाइट के उजाले में उसे एक बार अपनी जवानी का झलक दिखाना चाहती थी एक बार तो पहले भी वह अनजाने में देख चुका था लेकिन अब वह जानबूझकर अपनी मदमस्त कर देने वाली जवानी उसे दिखाकर अपनी आगोश में लेना चाहती थी,,, और लाइट चालू करने के नाम पर संजू का दिल जोरो से धड़कने लगा था उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,, वह भी बेहद उत्सुक था लाइट चालू करने के लिए,,, वह बल्ब की रोशनी में अपनी मौसी की मदमस्त कर देने वाली जवानी के दर्शन करना चाहता था लेकिन इस बात से डर रहा था कि कहीं मोहिनी जाग रही होगी तो,,,, पर ऐसा लग रहा था कि जैसे संजू के मन की बात साधना अच्छी तरह से समझ रही हो इसलिए वह बोली,,,।)


मोहिनी सो गई है तू लाइट चालू करके जल्दी से चादर मुझे दे दे और फिर वापस लाइट बंद कर दे,,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर उन्मादक अपडेट है भाई मजा आ गया
साधना मौसी ने खाना खाते वक्त अपने साडी का पल्लू गिराकर अपनी रसीली मदमस्त चुचीयों के दर्शन करा कर संजू को रिझाना शुरु कर दिया और संजू भी उसकी रसभरी जवानी के जाल में पुरी तरह से फसता जा रहा है
और तो और सोते वक्त चादर के बहाने अपनी नरम नरम मख्खन जैसी जाघों पर हाथ रखने को मजबूर कर दिया वो चाहती हैं की संजू उसके रसीली को छूए
लाईट चालू करने के बहाने अपनी मदमस्त जवानी संजू देखे
लाईट चालू होने के बाद मौसी की मदमस्त जवानी देखकर संजू क्या कदम उठाता हैं देखते हैं आगे
 

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वाह भाई वाह मजा आ गया क्या मदमस्त मादक और उन्मादक अपडेट है बहुत ही जबरदस्त
साधना मौसी और संजु के बीच लाईट की रोशनी में जो रिझाने का खेल चल रहा है उसका जवाब नहीं है निशब्द
लेकीन संजू इस खेल में अनाडी हैं और मौसी खेलीखायी
आग दोनों तरफ लगी हैं लेकीन पहले पहल कौन करेगा सोने के बाद मौसी संजू को कच्च्या चबा कर अपनी जवानी संजू पर लूटा कर उसके मोटे तगडे और लंबे लंड को अपने बच्चेदानी तक महसुस करके संजू के लंड का उद्घाटन जरुर करने वाली हैं
देखते हैं आगे
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

rohnny4545

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर उन्मादक अपडेट है भाई मजा आ गया
साधना मौसी ने खाना खाते वक्त अपने साडी का पल्लू गिराकर अपनी रसीली मदमस्त चुचीयों के दर्शन करा कर संजू को रिझाना शुरु कर दिया और संजू भी उसकी रसभरी जवानी के जाल में पुरी तरह से फसता जा रहा है
और तो और सोते वक्त चादर के बहाने अपनी नरम नरम मख्खन जैसी जाघों पर हाथ रखने को मजबूर कर दिया वो चाहती हैं की संजू उसके रसीली को छूए
लाईट चालू करने के बहाने अपनी मदमस्त जवानी संजू देखे
लाईट चालू होने के बाद मौसी की मदमस्त जवानी देखकर संजू क्या कदम उठाता हैं देखते हैं आगे
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