संजू अपनी मौसी को तृप्त करके सही समय पर उसके घर से निकल चुका था क्योंकि उसे शाम को कोचिंग के लिए भी जाना था और बहुत दिनों बाद मनीषा से भी मिलना था वह जानता था कि उसके बिना मनीषा का दिल लग नहीं रहा होगा,,,, इसलिए शाम होने तक संजू घर नहीं गया यहां वहां टहलता ही रहा,,, और यही हाल मनीषा का भी था मनीषा जल्द से जल्द संजू से मिलना चाहती थी आखिरकार इतने दिनों तक वह भी तो प्यासी ही थी भले ही मोहिनी के साथ मिलकर अपनी जिस की आग बुझाने की कोशिश करती थी लेकिन उसकी आग और ज्यादा भड़क जाती थी,,,।
Manisha ki jawani
![](https://i.ibb.co/bBysjwn/GIF-231214-151725.gif)
आखिरकार संजू सही समय पर कोचिंग क्लास पर पहुंच गया अभी कोचिंग के विद्यार्थी आए नहीं थे,, कोचिंग की एक चाबी संजू के पास भी रहती थी इसलिए वह ताला खोलकर कोचिंग क्लास में प्रवेश करके और बेंच पर बैठकर मनीषा का इंतजार करने लगा थोड़ी ही देर में मनीषा भी आ गई और कोचिंग का दरवाजा खुला देखकर पहले तो उसे थोड़ा आश्चर्य हुआ लेकिन अंदर नजर करते ही जब उसकी आंखों के सामने बेंच पर संजू बैठा हुआ दिखाई दिया तो खुशी के मारे झूम उठी और तुरंत जाकर उससे लिपट गई ऐसा लग रहा था कि जैसे बरसों बाद दोनों मिल रहे हो,,,, संजू भी पागलों की तरह उसे अपनी बाहों में कसकर अपने दोनों हथेलियां को तुरंत उसके नितंबों के गोलाकार अंग पर ले गया और तुरंत उसे अपनी हथेली में दबोच लिया,,, संजू की इस हरकत पर उसके मुख से हल्की सी आह निकल गई और यही तो चाहती थी मनीषा,,,, संजू की बाहों में मनीषा को सुकून मिलने लगा और देखते ही देखते दोनों के होंठ आपस में भिड़ गए दोनों एक दूसरे के होठों का रसपान करने लगे संजू पागलों की तरह उसकी गांड को जोर-जोर से दबाते हुए एक हाथ उसकी चूची पर रखकर कमीज के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया लेकिन संजू अपनी हरकत को और ज्यादा आगे बढ़ा पाता इससे पहले ही कोचिंग के बाहर कदमों की आहट पाते ही दोनों तुरंत एक दूसरे से अलग हो गए,,, धीरे-धीरे करके विद्यार्थी आना शुरू हो गए थे और संजू को देखकर विद्यार्थी भी काफी खुश नजर आ रहे थे वह लोग भी संजू को नमस्ते करके बेंच पर बैठना शुरू कर दिए इस समय मनीषा का मन पढ़ने में नहीं बल्कि संजू पर लगा हुआ था वह संजू के साथ एकांत चाहती थी लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो पा रहा था,,,,,,, काफी दिनों बाद संजू की मनीषा से मिल रहा था इसलिए वह भी तिरछी नजरों से मनीषा की तरफ देख ले रहा था,,,,।
Sanju ka mota lund or Manisha
![](https://i.ibb.co/z8Vzyks/GIF-231214-151936.gif)
दोनों स्टूडेंट को पढ़ा भी रहे थे और नैनमट्टका का भी चला रहे थे,,,, मनीषा पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी आखिर ऐसा होना लाजिमी ही था क्योंकि दोनों बहुत दिनों बाद मिले थे दोनों के बीच हजार एक संबंध था दोनों एक दूसरे के बदन की प्यास बुझाते थे और ऐसे हालात में जब दो बदन इतने करीब हो तो उत्तेजना लाजमी है और ऐसे हालात में मनीषा की चूत पानी छोड़ रही थी उसकी पैंटी धीरे-धीरे गीली हो रही थी क्योंकि वह जानती थी कि संजू अगर उसके करीब है तो मौका मिलते ही उसकी चूत में उसका लंड होगा,,,,,।
आखिरकार धीरे-धीरे समय व्यतीत हो गया और कोचिंग में से सारे स्टूडेंट छूट कर अपने घर की तरफ जाने लगे जैसे ही पूरा कोचिंग स्टूडेंट से खाली हुआ मनीषा एक बार फिर से संजू के गले लग गई संजू ने फिर से अपने दोनों हाथों को उसके नितंबों पर रखकर जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,।
मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है संजू,,, अगर मुझे मालूम होता कि मेरा यह हाल होगा तो मैं भी तुम्हारे साथ गांव चल दी होती,,,,
तब तो बहुत अच्छा होता,,,(कमीज के ऊपर से ही मनीषा की चूची को दबाते हुए) मुझे यु तड़पना ना पड़ता,,,
मेरी याद में तड़प रहे थे,,,
Sanju se maja leti Manisha
![](https://i.ibb.co/kmMD4ps/GIF-231214-152148.gif)
पूछो मत मनीषा की तुम्हारे बगैर मेरा क्या हालत हो रहा था,,,(इतना कहते हो मैं संजू मनीषा को अपनी भुजाओं के जोर से उठा लिया और ऐसे हालात में उसकी पेंट में तना हुआ तंबू सीधे जाकर सलवार के ऊपर से ही मनीषा की चूत पर दस्तक देने लगा मनीषा पूरी तरह से काम अग्नि में सुलगने लगी वह पूरी तरह से मदहोश होने लगी उसकी सांसे तुरंत तेज हो गई और वह मदहोशी भरे स्वर में बोली,,,)
तुम्हारा तो बिल्कुल खड़ा हो गया है संजू,,,
यह तो होना ही था मनीषा जब इतनी खूबसूरत लड़की पास में हो तो भला लंड कैसे शांत रह सकता है,,,, जल्दी से सलवार उतारो में आज तुम्हारे पीछे से लूंगा,,,
यहीं पर,,,(मनीषा संजू के कंधों पर अपनी दोनों हथेली रखते हुए बोली,,)
तो क्या इससे अच्छी जगह कहां मिलेगी,,,,
लेकिन जल्दी करना,,,
बिल्कुल भी देर नहीं करूंगा,,, बस निकला और डाला,,,(ऐसा कहते हुए संजू मनीषा को नीचे उतरा और फिर मनीषा भी जल्दबाजी दिखाने लगी,,, उसे साफ महसूस हो रहा था कि उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उतेजना के मारे उसकी चूत फुदक रही थी,,,, उसे रहने जा रहा था और वहां तुरंत अपनी सलवार की डोरी पर हाथ रखकर उसे खोलने के लिए खींचते ही वाली थी कि तभी दरवाजे पर किसी के होने की आहट सुनाई थी और वह तुरंत अपनी कमीज को नीचे गिरा कर अपने आप को दुरुस्त कर ली,,, तभी दरवाजे को हल्के से खोलकर एक स्टूडेंट जो की एक लड़की ही थी वह बोली,,,।
मेमक्या आप मेरी हेल्प कर सकती है,,,,?
(दरवाजे पर उसे देखते ही मनीषा को इतना गुस्सा आ रहा था कि पूछो मत लेकिन फिर भी वह किसी तरह से अपने गुस्से पर काबू करके थोड़ा सा चिड़चिड़ा पन में बोली)
बोलो क्या हुआ,,,?
मैं मुझे मैथ्स का एक क्वेश्चन समझ में नहीं आ रहा है अगर बता देती तो मेरे प्रेक्टिस पूरी हो जाती ,,,
कल बता दूंगी,,,(मनीषा किसी भी तरह से उसे लड़की को वहां से हटाना चाहती थी वह तो भूल से दरवाजे की कड़ी बंद करना भूल गई थी वरना अगर कड़ी बंद होती तो अपना काम पूरा करने के बाद ही वह दरवाजा खोलती,,)
प्लीज मैम बता दीजिए ना,,,,।
बता दो ना वरना उसका होमवर्क भी रह जाएगा,,,
Sanju or Manisha
![](https://i.ibb.co/2FD80Gp/GIF-231214-152426.gif)
(गुस्सा तो उसे बहुत आ रहा था लेकिन कर भी क्या सकती थी आखिरकार वह उसकी स्टूडेंट थी और उसका फर्ज बनता था उसके सवाल का जवाब ढूंढना इसलिए वह उसे इशारे में अंदर आने के लिए बोली और बेंच पर बैठ गई और फिर उसे मैथ्स का क्वेश्चन हल करके दी,,,, जैसे ही प्रश्न हल हो गया वह मुस्कुराते हुए बोली)
थैंक यू मैम,,(और इतना कहकर वह अपनी नोटबुक लेकर बेग में डालने लगी,,, और फिर दोनों की तरफ देखते हुए बोली,,,) आप दोनों अभी तक यहां क्या कर रहे हैं आपको भी तो घर जाना चाहिए,,,,
(उसकी बात सुनते ही मनीषा के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले लेकिन फिर संजू सारे मामले को संभालते हुए बोला)
अगले सप्ताह तुम लोगों का टेस्ट होने वाला है ना इस सिलसिले में क्वेश्चन का सिलेक्शन हो रहा था,,,
क्या बात कर रहे हैं सर,,,(एकदम खुश होते हुए),,,क्या मुझे क्वेश्चन बताएंगे
पागल हो गई हो क्या तुम्हें बता देंगे तो तुम फर्स्ट नहीं आ जाओगी और वैसे भी पहले से बता देने से तुम्हारी तैयारी अधूरी रह जाएगी इसलिए अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो टेस्ट अपने आप अच्छे से पास कर लोगी,,,
ओके सर,,,(थोड़ा सा उदास होते हुए वह बोली और फिर कमरे से बाहर निकल गई उसके जाते ही संजू तुरंत गया दरवाजा बंद करके कड़ी लगने लगा तो उसे रोकते हुए मनीषा बोली,,,)
रहने दो संजू मेरा मूड खराब हो गया है,,,,।
(संजू जानता था कि उसे स्टूडेंट के आ जाने से सारा मजा किरकिरा हो गया था इसलिए वह कुछ बोल नहीं पाया उसका क्या था वह तो कुछ देर पहले ही उसकी मां की जमकर चुदाई करके आ रहा था और घर जाएगा तो फिर घर पर भी उसे उसकी खूबसूरत नहीं हो उसकी जवानी से भरी हुई मां चोदने को मिल जाएगी मनीषा को ही अपनी उंगली से काम चलाना होगा लेकिन वह इस बारे में मनीषा से बोल नहीं पाया और फिर धीरे से दरवाजा खोल दिया मनीषा अपना बैग उठाकर कोचिंग क्लास से बाहर निकल गई और संजू दरवाजा बंद करके ताला लगा दिया,,,, और फिर दोनों स्कूटी के पास आ गए अभी शाम के 7:00 बज रहे थे,,,, मनीषा का मूड थोड़ा उखड़ा हुआ था और वह संजू से बोली,,,।
चलो मेरे घर चलते हैं कॉफी पीने के बाद ही दिमाग तरो ताजा होगा,,,,,
ठीक है,,,।
(और इतना कहने के साथ ही मनीषा के पीछे संजू बेड के और बैठते ही उसकी पतली कमर पर दोनों हाथ रख दिया,,,, संजू के कमर पर हाथ रखते ही मनीषा के बदन में फिर से उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी वह मदहोश होने लगी,,,, और वह स्कूटी को एक्सीलेटर देकर मुख्य सड़क पर दौड़ाने लगी और संजू से बोली,,,)
आज मेरा बहुत मन कर रहा है तुमसे करवाने का,,, अब करवाने के लिए मेरे कमरे से अच्छी जगह और कोई नहीं है,,,
लेकिन वहां तो मौसी होगी ना और उनके रहते कैसे हो पाएगा,,,
हो जाएगा तुम मेरे पर छोड़ दो,,,,।
(जितनी उत्साहित और उत्सुक मनीषा लग रही थी उससे कहीं ज्यादा उतावला संजू हुआ जा रहा था क्योंकि वह उत्तेजना के मारे मनीषा की कमर को अपने दोनों हाथों से कस के दबा दे रहा था उसका बस चलता तो स्कूटी पर ही मनीषा की चूत में लंड डाल देता,,,, मनीषा भी अपनी युक्ति से बहुत खुश नजर आ रही थी वह जल्द से जल्द संजू के लंड को अपनी चूत में लेकर अपनी प्यास को बुझा लेना चाहती थी,,, और थोड़ी ही देर में दोनों घर पर पहुंच गए अंधेरा हो चुका था,,, स्कूटी को खड़ी करके मनीषा और संजु दोनों स्कूटी पर से उतर गए और मनीषा दरवाजे की बेल बजने लगी बेल की आवाज सुनकर उसकी मां जो की रसोई में खाना बना रही थी वह तुरंत दरवाजे पर आई और दरवाजा खोलने लगी,,, दोपहर की तरह ही संजू के कानों में मनीषा की मां की चूड़ियों की खनकने की आवाज सुनाई देने लगी और दोपहर की याद उसके दिमाग में एकदम ताजा होने लगी,,, और एकदम से उसका लंड खड़ा हो गया,,,, और थोड़ी ही देर में साधना नहीं दरवाजा खोल दी दरवाजे पर एक बार फिर से मनीषा के पीछे संजू को खड़ा देखकर साधना के चेहरे पर मुस्कान तेरने लगी और उसके दिल और दिमाग पर भी दोपहर की याद ताजा हो गई किस तरह से संजू ने दिनभर उसकी जमकर चुदाई किया था और दो-तीन घंटे तक उसे पूरे कमरे में नंगी इधर से उधर घूमा कर जगह पर उसको चोदा था,,, )
अरे बेटा तुम ईस समय,,,,
(साधना अपने शब्दों को बड़े संभाल कर बोल रही थी क्योंकि वह ऐसा तो बोल नहीं सकती थी कि तुम फिर से ,,,,)
वो हां मौसी मनीषा दीदी कॉफी पीने के लिये लेकर आई है इसलिए,,,,।
हां मम्मी जल्दी से दो कप कॉफी बना दो हम दोनों मेरे कमरे में है,,,,
ठीक है मैं अभी कॉफी बना देता हूं,,,,।
(आगे आगे मनीषा चलने लगी और पीछे संजू और संजू नजर बचाकर अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी गांड पर हाथ फेरते हुए मुस्कुराने लगा संजू की हरकत पर मनीषा की मां थोड़ा सा झेंप गई लेकिन मनीषा का ध्यान उन दोनों की तरफ बिल्कुल भी नहीं था इसलिए मुस्कुराते हुए किचन में चली गई,,,,।
मनीषा और संजू कमरे में आते ही मनीषा तुरंत उसे अपनी बाहों में भरकर उसके होठों को चूमना शुरू कर दी,,, मनीषा कुछ ज्यादा उत्तेजित थी यह जानते हो कि उसकी मां घर पर ही है लेकिन फिर भी वह पूरी तरह से मदहोश होकर संजू को अपनी बाहों में भरकर उसके होठों को अपने होठों से सटा ली थी संजू कहां पीछे हटने वाला था वह भी तुरंत इस तरह से पागलों की तरह उसकी गांड कोई दोनों हाथों से थाम लिया था वैसे तो संजू की शुरुआत ही इसी तरह से होती थी वह सबसे पहले औरतों की गांड को ही अपने हाथ में ले लेता था और उनसे खेलते हुए उत्तेजित करने के बाद वह आगे बढ़ता था,,,,।
Sanju or manishA
![](https://i.ibb.co/bzmDLQq/GIF-231214-152624.gif)
दोनों एक दूसरे के होठों का रस चूस रहे थे कमरे का दरवाजा अभी भी खुला हुआ था शायद मनीष इस बात से अवगत थी कि उसकी मां कितनी देर में कॉफी बना कर लेगी इसीलिए वह पूरी तरह से इत्मीनाम से मजे ले रही थी संजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था,,, वह तुरंत अपना हाथ मनीषा की सलवार में डालकर पेटी के ऊपर से ही उसकी चूत को टटोलना शुरू कर दिया था जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,, मनीषा की गीली पेटी हथेली में महसूस होते ही संजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत अपनी हथेली को पेटी के अंदर डालकर उसकी चिकनी चूत को अपनी हथेली में दबोच लिया मनीषा संजू की हरकत से पूरी तरह से मदहोश हो गई,,, संजू उसकी चूत को जोर-जोर से मसलते हुए बोला,,,।
बाप रे मनीषा तुम्हारी चूत तो पानी छोड़ रही है,,,
क्या करूं बहुत दिनों बाद मिले हो इसके लिए,,,,
अगर मौसी आ गई तो मनीषा,,,(संजू इस तरह से अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत के अंदर प्रवेश कराते हुए बोला,,,)
सहहहह कुछ नहीं होगा संदु मुझे बहुत मजा आ रहा है,,,
लेकिन मौसी भी किसी भी वक्त काक्षोफी लेकर आ जाएंगी,,,,,
कुछ नहीं तुम इसी तरह से उंगली करते रहो,,,,आहहहह आहहहहह ,,,ऊमममममम,,,
Sanju Manisha ki chudai kart huA
![](https://i.ibb.co/y8LnCsj/GIF-231214-152757.gif)
(मनीष मस्त हुए जा रहे कि पागल हुए जा रही थी संजू की हरकत से हुआ एकदम दीवानी हो चुकी थी संजू पागलों की तरह अपनी आधी उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था उसकी चूत उत्तेजना के मारे कचोरी की तरह फुल गई थी संजू को इस बात का भी डर था कि कहीं उसकी मौसी ना आ जाए लेकिन मनीषा पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी,,, शायद उत्तेजना के मारे वह ऐसा कर रही थी,,,, संजू भी इसका पूरा फायदा उठा रहा था,,,, वह उसके लाल-लाल होठों का रस चूसने के साथ-साथ उसके नीचे वाले होठों को भी रौंद रहा था,,,)
कसम से मनीषा बहुत मजा आ रहा है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि मैं इतने दिन तुमसे अलग कैसे रह गया क्योंकि तुम्हारे बिना तो एक पल भी काटना मुश्किल हुआ जा रहा है लेकिन अगर मौसी आ गई तो गजब हो जाएगा,,,
कुछ नहीं होगा मेरे राजा,,,,
लेकिन सोचो मनीषा अगर मौसी ने हम दोनों को इस हालत में देख ली तब तब तो वह हम दोनों का मिलना जुलना भी बंद कर देंगी,,,,(संजू इतना बोला ही था कि तभी उसे बर्तन गिरने की आवाज आई और दोनों एकदम से एक दूसरे से अलग हो गए मनीषा जल्दी-जल्दी अपने कपड़ों को दुरुस्त करने लगे और संजू के पेट में तंबू बना हुआ था इसलिए वह अपना तंबू छुपाने के लिए बिस्तर पर बैठ गया,,,, और थोड़ी ही देर में ट्रे में दो कप कॉफी लेकर मनीषा की मां कमरे में दाखिल होने लगी,,,,)
लो तुम दोनों की कोफी हो गई तैयार,,,,।
(मनीषा का गोरा मुखड़ा उत्तेजना से लाल हो चुका था वह अपनी मां से अपना चेहरा छुपाने की कोशिश कर रही थी लेकिन तभी उसकी मां की नजर उसके चेहरे पर पड़ गई तो वह बोली,,,)
अरे क्या हुआ मनीषा,,,(एक हाथ में ट्राली हुए दूसरे हाथ से उसके सर पर हाथ रखते हुए) तेरी तबीयत तो ठीक है ना...
(मनीषा समझ गई थी कि उसकी मां उसके चेहरे को देखकर ही बोल रही है इसलिए वह बात को बदलते हुए बोली)
कुछ नहीं मम्मी थोड़ा सर दर्द कर रहा था और अगले सप्ताह टेस्ट है ना उसकी तैयारी करना है इसके लिए,,,,(ट्रे में से काफी का कप हाथ में लेते हुए बोली और संजू भी हाथ बढ़ाकर कॉफी का कप ले हाथ में ले लिया उसकी मां कुछ देर तक वहीं खड़ी रही,,,,,, इस तरह से उसका खड़ा रहना संजू को नहीं बल्कि मनीषा को अच्छा नहीं लग रहा था वह चाहती थी कि जल्द से जल्द उसकी मां कमरे से बाहर चली जाए,,, लेकिन वह अपने मुंह से बोल भी नहीं सकती थी,,,। इसलिए खामोश रही और जैसे ही कोफी खत्म हुई वह अपना कप वापस ट्रेन में रख दी और संजू के हाथ से भी खाली कप लेकर ट्रे में रख दी और अपनी मां से बोली,,,,)
मम्मी हम दोनों टेस्ट के लिए पेपर तैयार करने जा रहे हैं बिल्कुल भी डिस्टर्ब मत करना और हां दरवाजा बंद कर देना और आधा घंटा तक कुछ भी पूछना नहीं वरना गलती हो जाती है,,,,।
ठीक है तुम दोनों अपना काम करो तब तक मैं खाना बना लेती हुं,,,,(इतना कहकर वह दरवाजे से बाहर निकलने को हुई की एकदम से वह रुक कर बोली,,)
लेकिन दरवाजा तो बंद नहीं होगा क्योंकि इसका लोक खराब हो गया है,,,,(इतना कहकर वह चली गई लेकिन अपनी बातों से मनीषा और संजू दोनों पर बम का धमाका कर गई थी दोनों एक दूसरे को आश्चर्य से देखने लग गए थे मनीष कभी दरवाजे की तरफ देखती तो कभी संजु की तरफ,,, वह काफी गुस्से में नजर आ रही थी और यह देखकर संजु वहां और ज्यादा देर रुके रहना उचित नहीं समझा और धीरे से उठकर कमरे से बाहर निकल गया और बिना अपनी मौसी को बताएं वह अपने घर के लिए निकल गया,,)