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Incest मजबूरी या जरूरत

Sanju@

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संजू का सुझाव थोड़ा अटपटा था लेकिन मनीषा को भा गया था,,,, कभी-कभी उसे अपने फैसले पर शर्मिंदगी का भी एहसास हो रहा था कि वह यह कौन सी शर्त मान ले रही है,,, जिसमें उसकी खुद की बदनामी हो सकती है संजू की नजर में भले ही संजू इस बात को दूसरों को ना बताएं लेकिन उसके मन में तो यही रहेगा ना कि खुद के बदन की प्यास बुझाने के लिए वह अपनी मम्मी को भी इस खेल में शामिल कर ली,,,, कभी-कभी मनीषा को अपने फैसले पर पछतावा होता था लेकिन अपनी फैसले के परिणाम के बारे में सोचकर उसके चेहरे पर प्रसन्नता और उत्तेजना के भाव साफ नजर आने लगते थे और यही होता है जब दिल और दिमाग पर वासना पूरी तरह से सवार हो जाए तो अच्छे बुरे की पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है,,, और यही मनीषा के साथ भी हो रहा था वह भूल गई थी कि वह किसी राह पर बढ़ रही है अपने फैसले का या सीधा-सीधा कह लो अपने षड्यंत्र का क्या परिणाम आ सकता है इस परिणाम के बारे में भी अच्छी तरह से जानती थी वह जानती थी कि इसके फल स्वरुप वह और उसकी मम्मी एक ही बिस्तर पर होगी और अपनी एकदम नंगी और उन दोनों की टांगों के बीच होगा संजू,,,।


जहां एक तरफ मनीषा को यह सब सो कर थोड़ा अजीब लग रहा था वहीं दूसरी तरफ वह इस तरह की कल्पना की दुनिया में इस कदर खो जाती थी कि मदहोशी पूरे बदन पर छा जाती थी वह अपने मन में सोचने लगती थी कि कितना मजा आएगा जब वह और उसकी मम्मी दोनों बिल्कुल निर्वस्त्र में बड़े से बिस्तर पर नंगी लेटी रहेगी और संजु अपना मोटा तगड़ा लंड अपने हाथ में लेकर हिलाते हुए दोनों की टांगों के बीच बारी-बारी से दोनों की गुलाबी चूत का भोसड़ा बनाएगा यह सब सोच कर ही मनीषा की चूत पानी फेंक रही थी,,,, अपनी हालत और आने वाले पल की उत्सुकता को देखते हुए उसे किसी भी तरह से अपना फैसला गलत नहीं लग रहा था,,। वह अपने फैसले पर बहुत खुश थी,,,।

वहीं दूसरी तरफ संजू भी सातवें आसमान पर था क्यूंकि मनीषा ने उसके प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर ली थी वैसे अगर वह उसके प्रस्ताव को स्वीकार न भी करती तो उसे कोई ज्यादा दिक्कत होने वाली नहीं थी क्योंकि वह समय-समय पर मनीषा की मां और मनीषा दोनों की चुदाई करता रहा था बस एक ही बिस्तर पर मां बेटी दोनों के साथ मजा लेना चाहता था इसलिए संजू ने इस प्रस्ताव को मनीषा के सामने रखा था और वह सफल भी हो चुका था,,,, मनीषा के फैसले पर संजू मन ही मन यह सोच रहा था कि चुदाई चीज ही ऐसी होती है कि अच्छे-अच्छे संस्कारी औरतें को धराशाई कर देती है और अगर ऐसा ना होता तो शायद मनीषा उसके प्रस्ताव पर उसके गाल पर तमाचा मार दी होती क्योंकि उसके प्रस्ताव में एक ही बिस्तर पर उसकी मां को शामिल करने की बात थी,,,,, लेकिन संजू जानता था कि ऐसा बिल्कुल भी होने वाला नहीं है उसके प्रस्ताव को स्वीकार करना ही था इसलिए तो वह इतनी बड़ी हिम्मत कर गया था,,,,

बड़ी बेसब्री से मनीषा को रविवार का इंतजार था क्योंकि संजू ने रविवार तक का ही मोहलत दिया था मनीषा को मनीषा को पूरी उम्मीद थी कि संजू रविवार तक सबको सही कर देगा और ऐसा माहौल खड़ा कर देगा कि घर में भी वह खुलकर उसके साथ चुदाई का मजा लूट सकेगी,,,, संजू से मिलने से पहले मनीषा ऐसी बिल्कुल भी नहीं थी मनीषा एक सुधरी हुई और संस्कारी लड़की थी लेकिन संजू की संगत में उसके प्रभाव में जाकर वहां संजू के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर मजबूर हो गई और एक बार का यह सिलसिला शुरू हुआ तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था उसे चुदाई का नशा सा चढ़ गया था जब तक वह संजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत की गहराई में रगड़ हुआ महसूस नहीं करती थी तब तक उसे चैन नहीं आता था,,,, मनीषा अपने कमरे में बिस्तर पर लेटे-लेटे रविवार के बारे में ही सोच रही थी तभी उसे संजू की कहानी बात याद आई जब उसकी मां किचन के अंदर अपनी साड़ी कमर तक उठाए हुए अपनी दोनों टांगें फैला कर मोटी तगड़ी तगड़ी को अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी यह ख्याल आते ही मनीषा के बदन में सनसनी से दौड़ने लगी और उसे अपनी मां के तरफ का यह रवैया थोड़ा अजीब लगने लगा क्योंकि वह कभी भी अपनी मां के बारे में इस तरह से सोची नहीं थी कि उसकी मां भी इस उम्र में चुदाई के सुख के लिए तड़प रही है,,,, वह अपनी मां के रवैया पर थोड़ा गहन अध्ययन करने लगी और अपने पापा की शारीरिक क्षमता के बारे में भी सोचने लगी,,, और उसका परिणाम यही हुआ की उसे भी इस बात का एहसास होने लगा कि उसके पापा में इस उम्र में वाकई में इतनी क्षमता नहीं थी कि उसकी मां की जवानी की प्यास को बुझा सके क्योंकि उनका शरीर भी थोड़ा भारी हो चुका था और आगे से तोंद निकली हुई थी और ऐसे में वह खुद सहारा लेकर चलते थे तो भला कैसे उसकी मां की जवानी की प्यास को अपने मर्दाना अंग से बुझा सकने की काबिलियत रखते,,,, एक औरत होने के नाते उसे भी इस बात का एहसास होने लगा कि वाकई में उसकी मां को भी उसी चीज की जरूरत है जिसके लिए वह खुद तड़प रही है। ,,,,,,, एक औरत होने के नाते अपनी मां की तरफ नरम रवैया रखने लगी क्योंकि वह जानती थी की हर औरत को जैसे खाने की भूख लगती है वैसे ही अपने जिस्म की भी भूख लगती है और समय-समय पर उसकी जरूरत पूरी भी होनी चाहिए अगर वह घर में सुख नहीं प्राप्त कर पा रही है तो ऐसे हालात में उसका बाहर निकलना उसकी मजबूरी बन जाती है,,, और उसे संजू की कही बात भी अच्छी तरह से याद थी,,,की उसकी मां में अभी भी जवानी पूरी तरह से बर्क र है उसे देखकर किसी का भी लैंड खड़ा हो जाएगा जैसा की किचन के अंदर उसकी हरकत को देख कर संजू का खुद का लंड खड़ा हो गया था और वह उसे चोदने का मन बना लिया था,,, और संजू नहीं अभी कहा था कि उसकी मां के की सैर पर उसे चोदने के लिए लड़कों की लाइन लग जाएगी और इसमें हकीकत भी था,,, क्योंकि ज्यादातर लड़की इस तरह की औरतों को ही बिस्तर पर ज्यादा पसंद करते हैं,,, उन्हें उम्र से कोई वास्ता नहीं होता उन्हें वास्ता होता है तो उनकी बड़ी-बड़ी गांड और उनकी गुलाबी चूत से,,,।

मनीषा के मन में बहुत सारी बातें चल रही और उसे यह भी अच्छी तरह से मालूम था कि संजू के बताएं अनुसार अगर वह चाहता तो उसकी मां की चुदाई कर सकता था बस उसे अपना लंड दिखाने की जरूरत थी और वाकई में इस बात को मनीषा से भला अच्छा कौन जान सकता है कि संजू के पास उसकी दोनों टांगों के बीच कैसा गजब का हथियार है जिसे देखने के बाद औरत की चूत से अपने आप ही पानी छोड़ जाता है और वाकई में संजू की कहानी बात सच हो जाती है अगर संजू जरा सा हिम्मत दिखा कर किचन में अपना लंड हिलाते हुए प्रवेश कर जाता तो उसकी मां जरूर उसके लिए अपनी दोनों टांगें खोल देती और यह नहीं देखता कि वह उसकी सगी मौसी है,,,,।

मोटी तगड़ी ककड़ी के बारे में ख्याल आते ही उसके जेहन में पुरानी बातें याद आने लगी उसे याद आने लगा कि वाकई में उसके घर में हमेशा कुछ होना हो ककड़ी और बैगन जरूर होते थे,,,, और इस बात को सोचकर मनीषा को पक्का यकीन हो गया था कि संजू की कहानी बात एकदम सच है क्योंकि वह हमेशा से किचन में ककड़ी और बैगन देखते आ रही थी,,,, और किचन की हालत को देखकर ही संजू ने बनी बनाई बात कह दिया था जबकि इसका हकीकत से कोई वास्ता नहीं था मनीषा की मां ने कभी भी अपनी जवानी की आग बुझाने के लिए ककड़ी और बैगन का सहारा नहीं ली थी,,,,

रात के 9:00 बज रहे थे और यह सब सोने के बाद उत्तेजना के मारे मनीषा की चूत कचोरी की तरह फूल गई थी और उसे भी इस समय ककड़ी का इस्तेमाल करना ही बेहतर लगा क्योंकि संजू की गैर मौजूदगी में उसकी बहन के साथ वह इसी तरह से मजा लेती थी कमरे का लॉक भी ठीक हो गया था इसलिए वह धीरे से किचन में कहीं और फ्रिज में से मोटी तगड़ी का ककडी निकाल कर अपने कमरे में ले आई और फिर उसे पर अच्छे से सरसों का तेल लगाकर अपनी सलवार को निकाल कर अलग कर दी और अपनी पैंटी को बिना उतारे,,,, सिर्फ उसकी किनारी पड़कर दूसरी तरफ खींचकर अपनी चूत को एकदम से बाहर निकाल दी क्योंकि उसकी चूत कचोरी की तरह खुली हुई थी जिसकी वजह से उसकी पेंटिं का दूसरा हिस्सा उसके दूसरे छोर पर एकदम से टिक गया था,,,।

ककड़ी के मोटे वाले हिस्से को वह अपनी चूत पर लगाकर अपनी आंखों को बंद कर ली और कल्पना करने लगी कि जैसे उसकी दोनों टांगें खेल है संजू अपने मोटे तगड़े लंड को उसकी चूत में प्रवेश कर रहा है और वह धीरे-धीरे कपड़े को अपनी चूत के अंदर प्रवेश करना शुरू कर दी,,,, देखते ही देखते तेल से सनी हुई कड़ी चिकनाहट पाकर धीरे-धीरे मनीषा की चूत में प्रवेश करना शुरू कर दी अपने हाथ से मजा लेने का आनंद तब और ज्यादा बढ़ जाता है जब उसमें कल्पनाओं का तड़का लगा होता है और इस समय मनीषा के साथ भी यही हो रहा था क्योंकि वह कल्पना में संजू को महसूस कर रही थी संजू कल्पना में उसकी दोनों मोटी -मोटी जांघो को अपने हाथों से पकड़ कर उसे फैलाते हुए अपनी कमर हिलाकर उसकी चुदाई कर रहा था,,,।

इस तरह के कल्पना में रच कर मनीषा पूरी तरह से बावरी हो गई थी और बड़ी जोरों से उसे ककड़ी को अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी और देखते ही देखते उसके मदन रस का फवारा उसकी चूत से फूट पड़ा और वह झड़ने लगी,,,,।

दूसरी तरफ आराधना का महीना चल रहा था इसलिए उसके साथ चुदाई संभव बिल्कुल भी नहीं थी,,, आराधना खाना बना रही थी और मोहिनी सब्जी काट रही थी संजू रसोई घर में प्रवेश किया और अपनी मां को पीछे से बाहों में भरकर उसकी चूची को दबाना शुरू कर दिया,,,।

ऊममममम यह क्या कर रहा है,,,,?(आराधना इस तरह से बिना हिचकीचाहट अपनी बेटी की आंखों के सामने ही अपने बेटे की हरकत का आनंद लेते हुए रोटी पका रही थी,,)

तुमसे प्यार कर रहा हूं रानी,,,(संजू अपनी मां की गर्दन पर अपने होठों को रगड़ते हुए बोला,,, उसकी इस हरकत से आराधना के बदन में सुरसुरी से दौड़ने लगी खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में हलचल सी मचने लगी थी,,,,)

कह तो ऐसा रहा है कि जैसे कभी करता ही नहीं है,,,


करता तो रोज हो मेरी जान लेकिन क्या करूं जब भी तुमसे प्यार करता हूं तो ऐसा ही लगता है कि जैसे पहली बार कर रहा हूं इसलिए तो यह तडप बढ़ती जाती है,,,,।
(उनसे थोड़ी ही दूरी पर दरवाजे पर बैठकर सब्जी काट रही मोहिनी अपनी मां और अपने भाई की इस कमगीता को देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी और उसकी नजर अपने भाई के पेट पर थी जिसमें तंबू बढ़ता चला जा रहा था और यह देखकर मोहिनी बोली,,,)

भाई तेरा तो खड़ा हो रहा है लेकिन कर कुछ पाएगा नहीं मम्मी तुझे करने नहीं देगी,,,,


यही तो रोना है मोहिनी मम्मी को चोदने का बहुत मन कर रहा है लेकिन क्या करूं मम्मी का पीरियड चल रहा है,,,,(ऐसा कहते हुए संजू अपने पेट में बना तंबू अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर रगड़ रहा था जिसका एहसास आराधना को पागल बना रहा था उसका भी मन बहुत कर रहा था अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए लेकिन वह मजबूर थी,,,, इसलिए संजू की हरकत का मजा लेते हुए उसे सांत्वना देते हुए वह बोली,,,)

बस दो दिन और रह गए हैं उसके बाद खूब मजा कर लेना,,,


लेकिन अभी मेरा बहुत मन कर रहा है,,,,


मोहिनी है ना,,,,


मोहिनी की तो रात भर जम कर लूंगा लेकिन इस समय तो तुम्हारे से ही अपनी प्यास बुझाना है,,,,

तो फिर अपने लड़के को ऐसे ही गांड पर रगड रगड़ कर पानी निकाल दे,,,,।

(अपनी मां की बात सुनकर उसका जोश और ज्यादा बढ़ गया और वहां अपनी मां के कंधे को पकड़ कर उसे दोनों हाथों से घूमाकर उसकी खूबसूरत चेहरे को अपनी तरफ कर लिया और उसकी आंखों में देखते हुए बोला,,,)

ऐसे नहीं,,,(और इतना कहने के साथ ही अपने प्यास होठों को अपनी मां के लाल-लाल होठों पर रखकर उसके होठों का रसपान करते हुए उसे चुंबन करने लगा आराधना भी अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से पानी पानी में जा रही थी वह भी मदहोश हुए जा रही थी उसकी चूत में भी आग लगी हुई थी लेकिन वह अपने बेटे के लंड से समय अपनी चूत में नहीं ले सकती थी,,,,, संजू अपनी प्यास कैसे बुझाएगा उसे नहीं मालूम था और कुछ देर तक संजू अपनी मां के लाल-लाल होठों का रस पान करने के बाद उसके कंधों को पकड़ते हुए एक हाथ उसके सर पर रखकर और एक हाथ उसके कंधे पर रखकर उसे नीचे की तरफ ले जाने लगा आराधना को समझते देर नहीं लगी कि उसका बेटा क्या करवाना चाह रहा है लेकिन यह समय उसके भी बदन में मदहोशी पूरी तरह से अपना असर दिख रही थी और वह अपने बेटे की गुलाम बनी उसके इशारे पर नीचे अपने घुटनों पर जाकर बैठ गई,,,,, और अपनी मां को घुटनों पर बैठी हुई देखकर संजू गहरी सांस लेते हुए बोला,,,)

मेरी जान अब तु अच्छी तरह से जानती है तुझे क्या करना है,,,,।

(संजू प्यासी आंखों से अपनी मां की तरफ देखने लगा और मोहिनी भी अपनी मां को ही देख रही थी देखते-देखते आराधना अपना दोनों हाथ ऊपर की तरफ उठाकर अपने बेटे के पेट का बटन खोलने लगी और उसकी चैन खोलकर दोनों हाथों से उसकी पेंट और अंडरवियर दोनों को पकड़े हुए उसे नीचे घुटनों तक खींच दी अंडरवियर से बाहर निकलते ही उसका लंड हवा में लहराने लगा जिसे देखकर आराधना के मुंह में पानी आ गया और वह नापाक कर अपने बेटे के लंड को पकड़ ली उसके मोटे सुपाडे को अपने होठों पर रगड़ते हुए उसे धीरे से अपनी लाल-लाल होठों के बीच भर ली और से चूसना शुरू कर दी संजू पूरी तरह से मदहोश हो गया अपनी मां की ईस हरकत पर उसके बदन में सुरसुरी से दौड़ गई वह गहरी सांस लेते हुए अपना हाथ अपनी मां के सर पर रख दिया और धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलना शुरू कर दिया आराधना पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी,,,,, आराधना भी अपने बेटे के लंड को मुंह में नहीं बल्कि अपनी चूत में लेना चाहती थी लेकिन मजबूर थी पीरियड इसलिए वह भी मुंह में लेकर ही आनंद ले रही थी,,,,।

मोहिनी यह सब देखकर उत्तेजित हुए जा रही थी लेकिन वह वहीं बैठकर सब्जी काट रही थी और इस मदहोशी भरे नजारे का मजा लूट रही थी,,,, संजू पूरी तरह से उत्तेजना के शिखर पर विराजमान हो गया था और वह अपने दोनों हाथों से अपनी मां का सर पड़कर अपनी कमर को जोर-जोर से हिलता हुआ अपनी मां के लाल लाल होठों के बीच अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए उसके मुंह को ही चोद रहा था,,, और फिर देखते ही देखते यह कहे कि उसके बदन में अकड़न बढ़ने लगी और वह भर भरा कर अपनी मां के मुंह में ही झडना शुरू कर दिया और तब तक बाहर नहीं निकाला जब तक की उसके लंड से आखरी बूंद तक बाहर ना निकल गया,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है संजू ने क्या प्लान बनाया है मनीषा संजू के प्लान के बारे में सोचते सोचते गरम हो गई और ककड़ी से अपनी प्यास बुझाई वही आराधना के पीरियड होने के कारण उसे संजू के लन्ड को मुंह मे लेकर उसको शांत करना पड़ा अब आराधना के 4-5 दिन की प्यास दमदार चुदाई से भूझेगी
 

Sanju@

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लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रविवार का दिन आ ही गया था लंबे इंतजार का दिन इसलिए क्योंकि इस बीच मनीषा ने अपने फैसले पर बहुत ही सोच विचार की थी उसे अपने फैसले के बारे में सोने का काफी समय मिल गया था वह अपने फैसले के गलत असर के बारे में काफी सोच विचार की थी और उसे ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं हुआ था कि उसके फैसले से कुछ भी गलत होगा,,, उसे अपने फैसले की परिणाम का असर बहुत ही सुखद नजर आ रहा था इसलिए तो वह बहुत उत्सुक थी रविवार के दिन के लिए,,,।

संजू भी घर से तैयार होकर निकला था क्योंकि आज उसके लिए भी फैसले की खड़ी थी आज वह चुदाई के अद्भुत खेल में मां बेटी दोनों को शामिल करना चाहता था जैसा कि वह खुद भी घर में ही इसी तरह का माहौल खड़ा कर दिया था घर में भी उसने बड़ी चालाकी से अपनी मां को चोदने के साथ-साथ अपनी बहन को भी शामिल कर लिया था और उसका मजा आज तक लुटता आ रहा था,,, रविवार का दिन था इसलिए कोई काम तो था ही नहीं वैसे तो संजू के लिए रविवार का दिन बहुत खास होता है जब वह घर पर होता है अपनी मां के साथ वह दिन भर अपनी मां के साथ चुदाई का अद्भुत मजा लुटता रहता है रविवार का दिन खास संजू के लिए इसलिए होता था क्योंकि रविवार के दिन संजू और उसकी मां अकेले ही घर पर होते थे और संजू इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठाता हुआ ना तो अपनी मां को कपड़े पहन दे देता था और नहीं खुद कपड़े पहना था जब तक मोहिनी घर पर नहीं आ जाती थी तब तक मां बेटी दोनों नग्न अवस्था में ही घर में रहते थे और एक दूसरे के अंगों से खेलते हुए चुदाई का सुख भोगते थे वैसे तो मोहिनी के उपस्थिति में कोई ज्यादा दिक्कत पेश नहीं आती थी लेकिन फिर भी संजू का मानना था कि एक दिन उसके लिए खास होना चाहिए,,,,।

वैसे तो आज भी रविवार था लेकिन आज उसकी मां की पीरियड का आखिरी दिन था इसलिए घर पर लेकर भी वह कुछ कर नहीं सकता था इसलिए तो वह रविवार का दिन तय किया था क्योंकि उसे मालूम था कि रविवार के दिन तक उसकी मां का पीरियड शुरू रहेगा,,, मोहिनी ट्यूशन के लिए निकल चुकी थी और आज रविवार होने की वजह से वह अपनी सहेलियों से भी मिलती थी जिसकी वजह से शाम हो जाती थी घर से निकलने से पहले संजू अपनी मां को अपनी बाहों में भरकर उसके लाल लाल होटों का रसपान और उसके खरबूजे जैसी चुचियों का स्तन मर्दन करके घर से बाहर निकला था,,,,,।

रविवार से 1 दिन पहले ही संजू ने मनीषा को सब कुछ समझा दिया था कि उसे क्या करना है इसीलिए कोई दिक्कत पेश आने वाली नहीं थी और वैसे भी रविवार के दिन उसके मौसा भी घर से बाहर ही रहते हैं अपने दोस्तों के साथ गप्पे लगाने के लिए ऐसे में उसकी मौसी घर में सारा दिन अकेली ही रहती थी,,,, मनीषा कुछ देर तक पढ़ाई की तैयारी करके जब देखे की घड़ी में 12:00 बजने वाले हैं तो वह अपने कमरे से बाहर आई और ड्राइंग रूम में बैठी टीवी देख रही अपनी मां से बोली,,,।

मम्मी मैं अपनी सहेलियों के साथ मूवी देखने जा रही हूं आने में देर हो जाएगी,,,,

ठीक है लेकिन खाना तो खा ले,,,


मैं खाना खा चुकी हूं मम्मी,,,(टेबल पर पड़े अपने पर्स को उठाकर कंधे पर लटकाते हुए वह बोली,,,)

ठीक है जा लेकिन जल्दी आ जाना,,,(मनीषा की तरफ देखे बिना ही वह टीवी में पूरा ध्यान लगाए हुए बोली)

मैं जल्दी आ जाऊंगी मम्मी,,,,(और इतना कहने के साथ वाला जाने लगी लेकिन अपनी मां की तरफ बड़े गौर से देखकर वह कुछ देर रुकी रह गई और अपने मन में सोचने लगी कि थोड़ी ही देर में संजू उसके घर पर आ जाएगा,,, और वह क्या करेगा उसके बारे में सोच कर मनीष कुछ ज्यादा ही उत्सुक थी क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि संजू अपनी मौसी को चोदने के लिए कैसे मनाएगा और अगर उसकी मम्मी मान गई तो ठीक अगर नहीं मानी तो फिर कैसा बर्ताव करेगी संजू के साथ कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन इतना तो विश्वास था कि संजू अपने तरीके से जरूर उसकी मम्मी को बिस्तर पर जाने के लिए मना लेगा क्योंकि वह खुद इस तरह की लड़की नहीं थी लेकिन संजू की संगत में आकर वह पूरी तरह से उसकी दीवानी हो गई थी और यही विश्वास उसके मन में था कि संजू सब कुछ ठीक कर देगा और फिर मुस्कुराते हुए कमरे से बाहर निकल गई,,,,, वह अपनी स्कूटी को स्टार्ट करके मुख्य सड़क पर आकर कुछ दूरी पर गई जहां पर संजू पहले से ही खड़ा था,,,, मनीषा संजू के पास पहुंचकर बोली,,,)

तुम सब कुछ संभाल लेना सब कुछ तुम्हारे पर ही है,,,अगर कुछ भी गड़बड़ हुई तो सब तुम्हारी जिम्मेदारी,,,,


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मनीषा मैं सबको संभाल लूंगा मुझ पर भरोसा रखो,,,(संजू का आत्मविश्वास देखकर मनीषा की आंखों में चमक नजर आ रही थी,, और संजू को विश्वास इसलिए था कि वह पहले से ही मनीषा की मां की चुदाई करता रहा था इसीलिए उसका बना बनाया नाटक कामयाब होने वाला था,,,)

तुम पर भरोसा है तभी तो तुम्हारी बात मान गई वरना तुम्हारे मुंह पर थप्पड़ लगा देती,,,(मुस्कुराते हुए मनीषा बोली,,)

गाल हाजिर है,,,,(प्रेमी की अदा दिखाते हुए संजू अपना गाल मनीषा के सामने पेश कर दिया और मनीष भी मुस्कुरा कर प्यार से उसके गाल पर हल्की सी चपत लगा दी,,, और फिर दोनों मुस्कुराने लगे,,,, कुछ देर बाद मनीषा बोली,,,)

कभी-कभी मुझे अपने फैसले पर शर्मिंदगी महसूस होती है कि मैं यह क्या कर रही हूं जो कुछ भी कर रही हूं यह सही है या गलत,,,,


मैं जानता हूं हमेशा तुम्हारा यह फैसला तुम्हें बार-बार ऐसा लगेगा कि तुमने गलत फैसला ले ली है लेकिन इसका अंजाम देखना कितना सुखद होता है तुम्हें भी मजा आएगा और मौसी को भी और एक तरह से तुम अपनी मम्मी की मदद कर रही हो क्योंकि मैं ही जानता हूं कि जिस हालत में मैं मौसी को देखा था,,, निश्चित तौर पर अपनी प्यास बुझाने के लिए मौसी किसी गैर मर्द का सहारा ले लेती और तुम्हारा यह फैसला मौसी को गलत राह पर ले जाने से बचा लेगा,,,,


मैं उम्मीद करती हूं कि ऐसा ही हो लेकिन कामयाब हो जाना कहीं ऐसा ना हो जाए कि लेने के देने पड जाए,,,

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो लेने के देने नहीं बस देने देने पड़ेंगे और हां जल्दी मत आ जाना 1 घंटे बाद ही आना अगर जल्दी आ गई तो ऐसा ना हो कि काम शुरू भी ना हो और तुम आ जाओ तो फिर मौसी का मन बदल जाए,,,।

ठीक है मैं एक घंटा नहीं बल्कि सवा घंटे बाद आऊंगी,,,, गुड लक,,,,(इतना कहने के साथ ही मनीषा अपनी स्कूटी लेकर आगे बढ़ गई और संजू पैदल ही चलता हुआ अपनी मौसी के घर की तरफ निकल गया उसके दिल में अरमान मचल रहे थे अपनी मौसी को छोड़ने के लिए नहीं बल्कि मां बेटी दोनों को एक साथ एक ही बिस्तर पर नंगी करके चोदने के लिए,,,,, क्योंकि वह जानता था कि दोनों एक से बढ़कर एक माल है एक ही गांड बड़ी-बड़ी है तो दूसरी की गांड एकदम तरबूज जैसी गोल-गोल जिसे हाथ में पकड़ कर चोदने में मजा आता है तो एक को अपने लंड पर उछालने में मजा आता है,,, एक की चूत में रगड़ रगड़ कर अंदर बाहर होता है तो दूसरी चूत में बच्चेदानी तक मदहोश कर देता है,,,, मौसी मुंह में एकदम गले तक लेती है और बेटी सुपाडे को अच्छी तरह से चाटती है,,,, यही सब सोता हुआ संजू अपनी मौसी के घर की ओर चला जा रहा था उसे पूरा उम्मीद था कि आज वह अपने फैसले पर कामयाब हो जाएगा क्योंकि वह खंडहर में अपनी मां का उदाहरण देकर ही चुका था जिसमें मौसी ने ही पहल करते हुए उसकी मां को भी शामिल कर ली थी वैसे तो वह अपनी मां के साथ पहले से चुदाई करता रहा था लेकिन उसकी मौसी की नजर में हो पहली बार था और अपनी मौसी की चाहत को देखकर उसे पूरा यकीन था कि इस खेल में उसकी बेटी भी जल्द ही शामिल हो जाएगी,,,,।


देखते ही देखते संजू अपनी मौसी के घर तक पहुंच गया और दरवाजे पर पहुंच कर बेल बजाने लगा,,,।
अंदर ड्राइंग रूम में अभी भी साधना टीवी देख रही थी और बैल की आवाज सुनते ही वह अपने मन में ही बोली की इस समय कौन आ गया,,,, और अपने आप से ही बात करते हुए वह सोफे पर से उठकर खड़ी हो गई अपनी साड़ी के पल्लू को ठीक करके वह धीरे-धीरे दरवाजे की तरफ जाने लगी संजू जो कि अभी तक बेल बज रहा था अब दरवाजे पर दस्तक देने लगा तो साधना अंदर से ही बोल पड़ी,,,)

अरे आ रही हूं थोड़ा तो सब्र करो,,,,(और इतना कहने के साथ ही वह दरवाजे पर पहुंचकर दरवाजे को खोल दी और दरवाजे पर संजू को खड़ा देखकर उसके चेहरे पर फिर से प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे वह एकदम से खुश होते हुए बोली,,,)

संजू तु,,,,

हां,,,,,, क्यों कोई और आने वाला था क्या,,,!(इतना कहते हुए दरवाजे पर ही खड़े होकर संजू मुस्कुराने लगा तो साधना बोल पड़ी,,,)

अरे तेरे सिवा यहां कौन आने वाला है और आज तो बहुत ही अच्छे समय पर आया है मनीषा बाहर गई है,,,,


मुझे मालूम है,,,


तुझे मालूम है,,,,(साधना आश्चर्य जताते हुए बोली तो संजू अपने शब्दों को सुधारते हुए बोला)


मेरा मतलब है कि कल कोचिंग में ही मनीषा दीदी ने मुझे बता दी थी कि वह कल पिक्चर देखने जाने वाली है 12:00 बजे और यह सुनकर दो मौसी तुम सोच भी नहीं सकती कि मुझे कितनी खुशी हुई होगी इसीलिए तो मैं आज समय पर तुम्हारे घर आ गया हूं मैं सामने ही खड़े होकर मनीषा के घर से निकलने का इंतजार कर रहा था,,,)


बहुत चालाक हो गया है तू,,,(हल्के से छाती पर मुक्का मारते हुए साधना बोली और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)

अरे अंदर तो आजा की दरवाजे पर खड़े-खड़े ही बात करेगा,,,,


तुम ही मुझे बुला नहीं रही हो तो क्या करूं,,,,


अरे बेवकूफ सिर्फ मुंह से तुझे अंदर आने के लिए नहीं बोली हूं बाकी मेरे बदन का कोना-कोना तुझे आमंत्रित कर रहा है अंदर आने के लिए तुझे पता नहीं है कि तेरी याद में मेरी दोनों टांगों के बीच कैसी हालत होती है मैं पागल हो जाती हूं तेरे बिना मेरी चूत तो दिन-रात तेरे गम में आंसू बहाते रहती है,,,,(अपनी मौसी की बातें सुनकर संजू धीरे से घर में प्रवेश करता हुआ और मुस्कुराते हुए बोला)

चलो कोई बात नहीं मौसी आज हम दोनों के पास बहुत समय है आज तुम्हारी चूत का गम मिटा दूंगा आज तुम्हारी ऐसी चुदाई करूंगा कि लंगड़ा कर चलोगी,,,,


लगता है तुझे अपने लंड पर कुछ ज्यादा ही घमंड है,,,,।

क्यों ना हो मेरी रानी,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मौसी का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया,,, संजू की हरकत से साधना एकदम मदहोश हो गई वह पूरी तरह से पागल हो गई क्योंकि संजू ने उम्र के इस पड़ाव पर भी उसे रानी नाम से संबोधन जो किया था वैसे तो चुदाई करते समय वह अपनी मौसी को रानी और न जाने कैसे-कैसे नाम लेकर उसे प्रोत्साहित करता ही रहता था,, वैसे भी चुदाई का वह पल औरत और मर्द के लिए बहुत खास होता है औरत कुछ ज्यादा ही मदहोश हो जाती है और मर्द कुछ ज्यादा ही लाड और दुलार के साथ औरत की चूत में अपना लंड डालकर उसको खुश करने की कोशिश करते रहते हैं लेकिन इस समय वह उसके साथ संभोग रत नहीं था फिर भी उसे रानी कहकर संबोधन कर रहा था इसलिए साधना पूरी तरह से मदहोश हो गई थी और जिस तरह से उसने अपनी बाहों में पीछे से उसे भरा था ऐसे में उसके दोनों हाथ उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों पर थी और उसके पिछवाड़े पर संजू का मोटा तगड़ा लंड चुभ रहा था जिसकी वजह से उसकी मदहोशी सातवें आसमान पर पहुंच चुकी थी और वह कसमसा रही थी और कसमसाने के साथ-साथ अपनी बड़ी-बड़ी गांड को गोल-गोल घूमते हुए संजू के तंबू से रगड़ रही थी जिससे उसका आनंद और ज्यादा बढ़ता चला जा रहा था गहरी सांस लेते हुए साधना बोली,,,)

संजू अगर तू नहीं मिलता तो मेरा क्या होता तू इस उम्र में भी मुझसे इतना ज्यादा प्यार करता है,,,

तो क्या मौसी,,, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं कहो तो तुम्हारी चूत पर अपने लंड की स्याही से अपना नाम लिख दूं और अपने लंड पर तुम्हारी चूत के रस से तुम्हारा नाम लिख दूं,,,,।
(संजू की यह बात सुनकर साधना पूरी तरह से मस्त हो गई और मुस्कुराते हुए बोली,,,)


तेरा नाम तो मेरे दिल पर छप गया है अगर मैं 10 साल और छोटी होती तो तुझे लेकर भाग गई होती,,,


तो अभी चलो ना मौसी भाग चलते हैं कहीं दूर जहां हम दोनों को कोई नहीं जानता हो,,(चुची को जोर-जोर से दबाते हुए,,,) पहाड़ों में वही छोटा सा घर बना कर मैं और तुम रहेंगे और दिन रात चुदाई करेंगे,,,,
(संजू की बात सुनकर साधना जोर-जोर से हंसने लगी उसे संजू की बातें बहुत अच्छी लग रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह किसी फिल्म का डायलॉग बोल रहा हो,,, और उसी तरह से हंसते हुए बोली,,,)

तेरी बात सुनकर तो मैं सोच रही हूं कि शाम को ही ट्रेन पकड़ कर कहीं दूर भाग जाते हैं लेकिन अब ऐसा मुमकिन नहीं है ना,,,,


क्या मौसी थोड़ी हिम्मत दिखाओ और भाग चलते हैं,,,


भाग तो चलेंगे लेकिन मनीषा का क्या होगा तेरी मां का क्या होगा,,,, और वैसे भी भागने के बाद भी हम दोनों को चुदाई करना है और बिना भागे भी यहां पर चुदाई ही करना है तो फिर यहीं पर क्यों नहीं,,, अच्छा तो रुक मैं तेरे लिए काजू बादाम का दूध लेकर आती हुं ताकि तेरे लंड की ताकत और ज्यादा बढ़ जाए और तुम मेरी जमकर चुदाई कर सके बिना थके बिना हारे,,,


वह दूध रहने दो मौसी तुम अपना ही दूध पिला दो ताकत बढ़ जाएगी,,,,


धत् बदमाश,,,,(और इतना कहने के साथ ही साधना किचन की तरफ चली गई गांड मटकाते हुए संजू उसकी बड़ी-बड़ी गांड को ही देखकर अपने लंड को दबा रहा था दोनों के पास अभी बहुत समय था वह ऐसे समय पर चुदाई करना चाहता था ताकि उस समय पर मनीषा घर में आ सके ताकि वह अपनी आंखों से अपनी मां की काम,,लीला को देख सके और फिर इस काम लीला में खुद भी जुड़ सके,,,, संजू सोफे पर बैठने वाला था कि तभी उसे याद आया कि दरवाजा तो लोग हैं जिसे उसकी मौसी ने बंद कर दी थी और प्लान के मुताबिक,,,,,, दरवाजे को खुला रखना था इसलिए अपनी मौसी को किचन में व्यस्त देखकर वह धीरे से दरवाजे की तरफ गया और दरवाजे को हल्का सा खोलकर बस बंद कर दिया लॉक नहीं लगाया था ताकि मनीषा आराम से कमरे में दाखिल हो सके और फिर वापस आकर सोफे पर बैठ गया था खेल की शुरुआत हो चुकी थी खेल में बहुत मजा आने वाला था संजू को भी और उसकी मौसी को भी साथ में मनीषा को भी,,,)
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है संजू अपने प्लान के अनुसार काम कर रहा है देखते हैं आगे क्या होता है
 

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संजू अपनी मौसी को तृप्त करके सही समय पर उसके घर से निकल चुका था क्योंकि उसे शाम को कोचिंग के लिए भी जाना था और बहुत दिनों बाद मनीषा से भी मिलना था वह जानता था कि उसके बिना मनीषा का दिल लग नहीं रहा होगा,,,, इसलिए शाम होने तक संजू घर नहीं गया यहां वहां टहलता ही रहा,,, और यही हाल मनीषा का भी था मनीषा जल्द से जल्द संजू से मिलना चाहती थी आखिरकार इतने दिनों तक वह भी तो प्यासी ही थी भले ही मोहिनी के साथ मिलकर अपनी जिस की आग बुझाने की कोशिश करती थी लेकिन उसकी आग और ज्यादा भड़क जाती थी,,,।
Manisha ki jawani

आखिरकार संजू सही समय पर कोचिंग क्लास पर पहुंच गया अभी कोचिंग के विद्यार्थी आए नहीं थे,, कोचिंग की एक चाबी संजू के पास भी रहती थी इसलिए वह ताला खोलकर कोचिंग क्लास में प्रवेश करके और बेंच पर बैठकर मनीषा का इंतजार करने लगा थोड़ी ही देर में मनीषा भी आ गई और कोचिंग का दरवाजा खुला देखकर पहले तो उसे थोड़ा आश्चर्य हुआ लेकिन अंदर नजर करते ही जब उसकी आंखों के सामने बेंच पर संजू बैठा हुआ दिखाई दिया तो खुशी के मारे झूम उठी और तुरंत जाकर उससे लिपट गई ऐसा लग रहा था कि जैसे बरसों बाद दोनों मिल रहे हो,,,, संजू भी पागलों की तरह उसे अपनी बाहों में कसकर अपने दोनों हथेलियां को तुरंत उसके नितंबों के गोलाकार अंग पर ले गया और तुरंत उसे अपनी हथेली में दबोच लिया,,, संजू की इस हरकत पर उसके मुख से हल्की सी आह निकल गई और यही तो चाहती थी मनीषा,,,, संजू की बाहों में मनीषा को सुकून मिलने लगा और देखते ही देखते दोनों के होंठ आपस में भिड़ गए दोनों एक दूसरे के होठों का रसपान करने लगे संजू पागलों की तरह उसकी गांड को जोर-जोर से दबाते हुए एक हाथ उसकी चूची पर रखकर कमीज के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया लेकिन संजू अपनी हरकत को और ज्यादा आगे बढ़ा पाता इससे पहले ही कोचिंग के बाहर कदमों की आहट पाते ही दोनों तुरंत एक दूसरे से अलग हो गए,,, धीरे-धीरे करके विद्यार्थी आना शुरू हो गए थे और संजू को देखकर विद्यार्थी भी काफी खुश नजर आ रहे थे वह लोग भी संजू को नमस्ते करके बेंच पर बैठना शुरू कर दिए इस समय मनीषा का मन पढ़ने में नहीं बल्कि संजू पर लगा हुआ था वह संजू के साथ एकांत चाहती थी लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो पा रहा था,,,,,,, काफी दिनों बाद संजू की मनीषा से मिल रहा था इसलिए वह भी तिरछी नजरों से मनीषा की तरफ देख ले रहा था,,,,।
Sanju ka mota lund or Manisha

दोनों स्टूडेंट को पढ़ा भी रहे थे और नैनमट्टका का भी चला रहे थे,,,, मनीषा पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी आखिर ऐसा होना लाजिमी ही था क्योंकि दोनों बहुत दिनों बाद मिले थे दोनों के बीच हजार एक संबंध था दोनों एक दूसरे के बदन की प्यास बुझाते थे और ऐसे हालात में जब दो बदन इतने करीब हो तो उत्तेजना लाजमी है और ऐसे हालात में मनीषा की चूत पानी छोड़ रही थी उसकी पैंटी धीरे-धीरे गीली हो रही थी क्योंकि वह जानती थी कि संजू अगर उसके करीब है तो मौका मिलते ही उसकी चूत में उसका लंड होगा,,,,,।

आखिरकार धीरे-धीरे समय व्यतीत हो गया और कोचिंग में से सारे स्टूडेंट छूट कर अपने घर की तरफ जाने लगे जैसे ही पूरा कोचिंग स्टूडेंट से खाली हुआ मनीषा एक बार फिर से संजू के गले लग गई संजू ने फिर से अपने दोनों हाथों को उसके नितंबों पर रखकर जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,।

मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है संजू,,, अगर मुझे मालूम होता कि मेरा यह हाल होगा तो मैं भी तुम्हारे साथ गांव चल दी होती,,,,

तब तो बहुत अच्छा होता,,,(कमीज के ऊपर से ही मनीषा की चूची को दबाते हुए) मुझे यु तड़पना ना पड़ता,,,

मेरी याद में तड़प रहे थे,,,
Sanju se maja leti Manisha

पूछो मत मनीषा की तुम्हारे बगैर मेरा क्या हालत हो रहा था,,,(इतना कहते हो मैं संजू मनीषा को अपनी भुजाओं के जोर से उठा लिया और ऐसे हालात में उसकी पेंट में तना हुआ तंबू सीधे जाकर सलवार के ऊपर से ही मनीषा की चूत पर दस्तक देने लगा मनीषा पूरी तरह से काम अग्नि में सुलगने लगी वह पूरी तरह से मदहोश होने लगी उसकी सांसे तुरंत तेज हो गई और वह मदहोशी भरे स्वर में बोली,,,)

तुम्हारा तो बिल्कुल खड़ा हो गया है संजू,,,

यह तो होना ही था मनीषा जब इतनी खूबसूरत लड़की पास में हो तो भला लंड कैसे शांत रह सकता है,,,, जल्दी से सलवार उतारो में आज तुम्हारे पीछे से लूंगा,,,

यहीं पर,,,(मनीषा संजू के कंधों पर अपनी दोनों हथेली रखते हुए बोली,,)

तो क्या इससे अच्छी जगह कहां मिलेगी,,,,


लेकिन जल्दी करना,,,

बिल्कुल भी देर नहीं करूंगा,,, बस निकला और डाला,,,(ऐसा कहते हुए संजू मनीषा को नीचे उतरा और फिर मनीषा भी जल्दबाजी दिखाने लगी,,, उसे साफ महसूस हो रहा था कि उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उतेजना के मारे उसकी चूत फुदक रही थी,,,, उसे रहने जा रहा था और वहां तुरंत अपनी सलवार की डोरी पर हाथ रखकर उसे खोलने के लिए खींचते ही वाली थी कि तभी दरवाजे पर किसी के होने की आहट सुनाई थी और वह तुरंत अपनी कमीज को नीचे गिरा कर अपने आप को दुरुस्त कर ली,,, तभी दरवाजे को हल्के से खोलकर एक स्टूडेंट जो की एक लड़की ही थी वह बोली,,,।

मेमक्या आप मेरी हेल्प कर सकती है,,,,?
(दरवाजे पर उसे देखते ही मनीषा को इतना गुस्सा आ रहा था कि पूछो मत लेकिन फिर भी वह किसी तरह से अपने गुस्से पर काबू करके थोड़ा सा चिड़चिड़ा पन में बोली)

बोलो क्या हुआ,,,?



मैं मुझे मैथ्स का एक क्वेश्चन समझ में नहीं आ रहा है अगर बता देती तो मेरे प्रेक्टिस पूरी हो जाती ,,,

कल बता दूंगी,,,(मनीषा किसी भी तरह से उसे लड़की को वहां से हटाना चाहती थी वह तो भूल से दरवाजे की कड़ी बंद करना भूल गई थी वरना अगर कड़ी बंद होती तो अपना काम पूरा करने के बाद ही वह दरवाजा खोलती,,)

प्लीज मैम बता दीजिए ना,,,,।

बता दो ना वरना उसका होमवर्क भी रह जाएगा,,,
Sanju or Manisha

(गुस्सा तो उसे बहुत आ रहा था लेकिन कर भी क्या सकती थी आखिरकार वह उसकी स्टूडेंट थी और उसका फर्ज बनता था उसके सवाल का जवाब ढूंढना इसलिए वह उसे इशारे में अंदर आने के लिए बोली और बेंच पर बैठ गई और फिर उसे मैथ्स का क्वेश्चन हल करके दी,,,, जैसे ही प्रश्न हल हो गया वह मुस्कुराते हुए बोली)

थैंक यू मैम,,(और इतना कहकर वह अपनी नोटबुक लेकर बेग में डालने लगी,,, और फिर दोनों की तरफ देखते हुए बोली,,,) आप दोनों अभी तक यहां क्या कर रहे हैं आपको भी तो घर जाना चाहिए,,,,
(उसकी बात सुनते ही मनीषा के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले लेकिन फिर संजू सारे मामले को संभालते हुए बोला)

अगले सप्ताह तुम लोगों का टेस्ट होने वाला है ना इस सिलसिले में क्वेश्चन का सिलेक्शन हो रहा था,,,


क्या बात कर रहे हैं सर,,,(एकदम खुश होते हुए),,,क्या मुझे क्वेश्चन बताएंगे

पागल हो गई हो क्या तुम्हें बता देंगे तो तुम फर्स्ट नहीं आ जाओगी और वैसे भी पहले से बता देने से तुम्हारी तैयारी अधूरी रह जाएगी इसलिए अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो टेस्ट अपने आप अच्छे से पास कर लोगी,,,


ओके सर,,,(थोड़ा सा उदास होते हुए वह बोली और फिर कमरे से बाहर निकल गई उसके जाते ही संजू तुरंत गया दरवाजा बंद करके कड़ी लगने लगा तो उसे रोकते हुए मनीषा बोली,,,)

रहने दो संजू मेरा मूड खराब हो गया है,,,,।

(संजू जानता था कि उसे स्टूडेंट के आ जाने से सारा मजा किरकिरा हो गया था इसलिए वह कुछ बोल नहीं पाया उसका क्या था वह तो कुछ देर पहले ही उसकी मां की जमकर चुदाई करके आ रहा था और घर जाएगा तो फिर घर पर भी उसे उसकी खूबसूरत नहीं हो उसकी जवानी से भरी हुई मां चोदने को मिल जाएगी मनीषा को ही अपनी उंगली से काम चलाना होगा लेकिन वह इस बारे में मनीषा से बोल नहीं पाया और फिर धीरे से दरवाजा खोल दिया मनीषा अपना बैग उठाकर कोचिंग क्लास से बाहर निकल गई और संजू दरवाजा बंद करके ताला लगा दिया,,,, और फिर दोनों स्कूटी के पास आ गए अभी शाम के 7:00 बज रहे थे,,,, मनीषा का मूड थोड़ा उखड़ा हुआ था और वह संजू से बोली,,,।

चलो मेरे घर चलते हैं कॉफी पीने के बाद ही दिमाग तरो ताजा होगा,,,,,

ठीक है,,,।
(और इतना कहने के साथ ही मनीषा के पीछे संजू बेड के और बैठते ही उसकी पतली कमर पर दोनों हाथ रख दिया,,,, संजू के कमर पर हाथ रखते ही मनीषा के बदन में फिर से उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी वह मदहोश होने लगी,,,, और वह स्कूटी को एक्सीलेटर देकर मुख्य सड़क पर दौड़ाने लगी और संजू से बोली,,,)

आज मेरा बहुत मन कर रहा है तुमसे करवाने का,,, अब करवाने के लिए मेरे कमरे से अच्छी जगह और कोई नहीं है,,,

लेकिन वहां तो मौसी होगी ना और उनके रहते कैसे हो पाएगा,,,


हो जाएगा तुम मेरे पर छोड़ दो,,,,।

(जितनी उत्साहित और उत्सुक मनीषा लग रही थी उससे कहीं ज्यादा उतावला संजू हुआ जा रहा था क्योंकि वह उत्तेजना के मारे मनीषा की कमर को अपने दोनों हाथों से कस के दबा दे रहा था उसका बस चलता तो स्कूटी पर ही मनीषा की चूत में लंड डाल देता,,,, मनीषा भी अपनी युक्ति से बहुत खुश नजर आ रही थी वह जल्द से जल्द संजू के लंड को अपनी चूत में लेकर अपनी प्यास को बुझा लेना चाहती थी,,, और थोड़ी ही देर में दोनों घर पर पहुंच गए अंधेरा हो चुका था,,, स्कूटी को खड़ी करके मनीषा और संजु दोनों स्कूटी पर से उतर गए और मनीषा दरवाजे की बेल बजने लगी बेल की आवाज सुनकर उसकी मां जो की रसोई में खाना बना रही थी वह तुरंत दरवाजे पर आई और दरवाजा खोलने लगी,,, दोपहर की तरह ही संजू के कानों में मनीषा की मां की चूड़ियों की खनकने की आवाज सुनाई देने लगी और दोपहर की याद उसके दिमाग में एकदम ताजा होने लगी,,, और एकदम से उसका लंड खड़ा हो गया,,,, और थोड़ी ही देर में साधना नहीं दरवाजा खोल दी दरवाजे पर एक बार फिर से मनीषा के पीछे संजू को खड़ा देखकर साधना के चेहरे पर मुस्कान तेरने लगी और उसके दिल और दिमाग पर भी दोपहर की याद ताजा हो गई किस तरह से संजू ने दिनभर उसकी जमकर चुदाई किया था और दो-तीन घंटे तक उसे पूरे कमरे में नंगी इधर से उधर घूमा कर जगह पर उसको चोदा था,,, )

अरे बेटा तुम ईस समय,,,,
(साधना अपने शब्दों को बड़े संभाल कर बोल रही थी क्योंकि वह ऐसा तो बोल नहीं सकती थी कि तुम फिर से ,,,,)

वो हां मौसी मनीषा दीदी कॉफी पीने के लिये लेकर आई है इसलिए,,,,।

हां मम्मी जल्दी से दो कप कॉफी बना दो हम दोनों मेरे कमरे में है,,,,


ठीक है मैं अभी कॉफी बना देता हूं,,,,।
(आगे आगे मनीषा चलने लगी और पीछे संजू और संजू नजर बचाकर अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी गांड पर हाथ फेरते हुए मुस्कुराने लगा संजू की हरकत पर मनीषा की मां थोड़ा सा झेंप गई लेकिन मनीषा का ध्यान उन दोनों की तरफ बिल्कुल भी नहीं था इसलिए मुस्कुराते हुए किचन में चली गई,,,,।

मनीषा और संजू कमरे में आते ही मनीषा तुरंत उसे अपनी बाहों में भरकर उसके होठों को चूमना शुरू कर दी,,, मनीषा कुछ ज्यादा उत्तेजित थी यह जानते हो कि उसकी मां घर पर ही है लेकिन फिर भी वह पूरी तरह से मदहोश होकर संजू को अपनी बाहों में भरकर उसके होठों को अपने होठों से सटा ली थी संजू कहां पीछे हटने वाला था वह भी तुरंत इस तरह से पागलों की तरह उसकी गांड कोई दोनों हाथों से थाम लिया था वैसे तो संजू की शुरुआत ही इसी तरह से होती थी वह सबसे पहले औरतों की गांड को ही अपने हाथ में ले लेता था और उनसे खेलते हुए उत्तेजित करने के बाद वह आगे बढ़ता था,,,,।
Sanju or manishA

दोनों एक दूसरे के होठों का रस चूस रहे थे कमरे का दरवाजा अभी भी खुला हुआ था शायद मनीष इस बात से अवगत थी कि उसकी मां कितनी देर में कॉफी बना कर लेगी इसीलिए वह पूरी तरह से इत्मीनाम से मजे ले रही थी संजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था,,, वह तुरंत अपना हाथ मनीषा की सलवार में डालकर पेटी के ऊपर से ही उसकी चूत को टटोलना शुरू कर दिया था जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,, मनीषा की गीली पेटी हथेली में महसूस होते ही संजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत अपनी हथेली को पेटी के अंदर डालकर उसकी चिकनी चूत को अपनी हथेली में दबोच लिया मनीषा संजू की हरकत से पूरी तरह से मदहोश हो गई,,, संजू उसकी चूत को जोर-जोर से मसलते हुए बोला,,,।


बाप रे मनीषा तुम्हारी चूत तो पानी छोड़ रही है,,,

क्या करूं बहुत दिनों बाद मिले हो इसके लिए,,,,


अगर मौसी आ गई तो मनीषा,,,(संजू इस तरह से अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत के अंदर प्रवेश कराते हुए बोला,,,)


सहहहह कुछ नहीं होगा संदु मुझे बहुत मजा आ रहा है,,,

लेकिन मौसी भी किसी भी वक्त काक्षोफी लेकर आ जाएंगी,,,,,


कुछ नहीं तुम इसी तरह से उंगली करते रहो,,,,आहहहह आहहहहह ,,,ऊमममममम,,,
Sanju Manisha ki chudai kart huA

(मनीष मस्त हुए जा रहे कि पागल हुए जा रही थी संजू की हरकत से हुआ एकदम दीवानी हो चुकी थी संजू पागलों की तरह अपनी आधी उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था उसकी चूत उत्तेजना के मारे कचोरी की तरह फुल गई थी संजू को इस बात का भी डर था कि कहीं उसकी मौसी ना आ जाए लेकिन मनीषा पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी,,, शायद उत्तेजना के मारे वह ऐसा कर रही थी,,,, संजू भी इसका पूरा फायदा उठा रहा था,,,, वह उसके लाल-लाल होठों का रस चूसने के साथ-साथ उसके नीचे वाले होठों को भी रौंद रहा था,,,)

कसम से मनीषा बहुत मजा आ रहा है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि मैं इतने दिन तुमसे अलग कैसे रह गया क्योंकि तुम्हारे बिना तो एक पल भी काटना मुश्किल हुआ जा रहा है लेकिन अगर मौसी आ गई तो गजब हो जाएगा,,,


कुछ नहीं होगा मेरे राजा,,,,


लेकिन सोचो मनीषा अगर मौसी ने हम दोनों को इस हालत में देख ली तब तब तो वह हम दोनों का मिलना जुलना भी बंद कर देंगी,,,,(संजू इतना बोला ही था कि तभी उसे बर्तन गिरने की आवाज आई और दोनों एकदम से एक दूसरे से अलग हो गए मनीषा जल्दी-जल्दी अपने कपड़ों को दुरुस्त करने लगे और संजू के पेट में तंबू बना हुआ था इसलिए वह अपना तंबू छुपाने के लिए बिस्तर पर बैठ गया,,,, और थोड़ी ही देर में ट्रे में दो कप कॉफी लेकर मनीषा की मां कमरे में दाखिल होने लगी,,,,)


लो तुम दोनों की कोफी हो गई तैयार,,,,।
(मनीषा का गोरा मुखड़ा उत्तेजना से लाल हो चुका था वह अपनी मां से अपना चेहरा छुपाने की कोशिश कर रही थी लेकिन तभी उसकी मां की नजर उसके चेहरे पर पड़ गई तो वह बोली,,,)


अरे क्या हुआ मनीषा,,,(एक हाथ में ट्राली हुए दूसरे हाथ से उसके सर पर हाथ रखते हुए) तेरी तबीयत तो ठीक है ना...
(मनीषा समझ गई थी कि उसकी मां उसके चेहरे को देखकर ही बोल रही है इसलिए वह बात को बदलते हुए बोली)

कुछ नहीं मम्मी थोड़ा सर दर्द कर रहा था और अगले सप्ताह टेस्ट है ना उसकी तैयारी करना है इसके लिए,,,,(ट्रे में से काफी का कप हाथ में लेते हुए बोली और संजू भी हाथ बढ़ाकर कॉफी का कप ले हाथ में ले लिया उसकी मां कुछ देर तक वहीं खड़ी रही,,,,,, इस तरह से उसका खड़ा रहना संजू को नहीं बल्कि मनीषा को अच्छा नहीं लग रहा था वह चाहती थी कि जल्द से जल्द उसकी मां कमरे से बाहर चली जाए,,, लेकिन वह अपने मुंह से बोल भी नहीं सकती थी,,,। इसलिए खामोश रही और जैसे ही कोफी खत्म हुई वह अपना कप वापस ट्रेन में रख दी और संजू के हाथ से भी खाली कप लेकर ट्रे में रख दी और अपनी मां से बोली,,,,)

मम्मी हम दोनों टेस्ट के लिए पेपर तैयार करने जा रहे हैं बिल्कुल भी डिस्टर्ब मत करना और हां दरवाजा बंद कर देना और आधा घंटा तक कुछ भी पूछना नहीं वरना गलती हो जाती है,,,,।

ठीक है तुम दोनों अपना काम करो तब तक मैं खाना बना लेती हुं,,,,(इतना कहकर वह दरवाजे से बाहर निकलने को हुई की एकदम से वह रुक कर बोली,,)

लेकिन दरवाजा तो बंद नहीं होगा क्योंकि इसका लोक खराब हो गया है,,,,(इतना कहकर वह चली गई लेकिन अपनी बातों से मनीषा और संजू दोनों पर बम का धमाका कर गई थी दोनों एक दूसरे को आश्चर्य से देखने लग गए थे मनीष कभी दरवाजे की तरफ देखती तो कभी संजु की तरफ,,, वह काफी गुस्से में नजर आ रही थी और यह देखकर संजु वहां और ज्यादा देर रुके रहना उचित नहीं समझा और धीरे से उठकर कमरे से बाहर निकल गया और बिना अपनी मौसी को बताएं वह अपने घर के लिए निकल गया,,)
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
ये मनिषा तो बडी गरम हो गई है जहा देखो वहा संजु के लंड के नीचे आना चाहती हैं और अपनी आग मिटाना चाहती हैं लेकीन हर बार कोई ना कोई आ कर काम बिगाड देता हैं
वैसे साधना मौसी ने क्या बम फोड धमाका किया है देखते हैं आगे
 

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संजू अपनी मौसी को तृप्त करके सही समय पर उसके घर से निकल चुका था क्योंकि उसे शाम को कोचिंग के लिए भी जाना था और बहुत दिनों बाद मनीषा से भी मिलना था वह जानता था कि उसके बिना मनीषा का दिल लग नहीं रहा होगा,,,, इसलिए शाम होने तक संजू घर नहीं गया यहां वहां टहलता ही रहा,,, और यही हाल मनीषा का भी था मनीषा जल्द से जल्द संजू से मिलना चाहती थी आखिरकार इतने दिनों तक वह भी तो प्यासी ही थी भले ही मोहिनी के साथ मिलकर अपनी जिस की आग बुझाने की कोशिश करती थी लेकिन उसकी आग और ज्यादा भड़क जाती थी,,,।
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आखिरकार संजू सही समय पर कोचिंग क्लास पर पहुंच गया अभी कोचिंग के विद्यार्थी आए नहीं थे,, कोचिंग की एक चाबी संजू के पास भी रहती थी इसलिए वह ताला खोलकर कोचिंग क्लास में प्रवेश करके और बेंच पर बैठकर मनीषा का इंतजार करने लगा थोड़ी ही देर में मनीषा भी आ गई और कोचिंग का दरवाजा खुला देखकर पहले तो उसे थोड़ा आश्चर्य हुआ लेकिन अंदर नजर करते ही जब उसकी आंखों के सामने बेंच पर संजू बैठा हुआ दिखाई दिया तो खुशी के मारे झूम उठी और तुरंत जाकर उससे लिपट गई ऐसा लग रहा था कि जैसे बरसों बाद दोनों मिल रहे हो,,,, संजू भी पागलों की तरह उसे अपनी बाहों में कसकर अपने दोनों हथेलियां को तुरंत उसके नितंबों के गोलाकार अंग पर ले गया और तुरंत उसे अपनी हथेली में दबोच लिया,,, संजू की इस हरकत पर उसके मुख से हल्की सी आह निकल गई और यही तो चाहती थी मनीषा,,,, संजू की बाहों में मनीषा को सुकून मिलने लगा और देखते ही देखते दोनों के होंठ आपस में भिड़ गए दोनों एक दूसरे के होठों का रसपान करने लगे संजू पागलों की तरह उसकी गांड को जोर-जोर से दबाते हुए एक हाथ उसकी चूची पर रखकर कमीज के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया लेकिन संजू अपनी हरकत को और ज्यादा आगे बढ़ा पाता इससे पहले ही कोचिंग के बाहर कदमों की आहट पाते ही दोनों तुरंत एक दूसरे से अलग हो गए,,, धीरे-धीरे करके विद्यार्थी आना शुरू हो गए थे और संजू को देखकर विद्यार्थी भी काफी खुश नजर आ रहे थे वह लोग भी संजू को नमस्ते करके बेंच पर बैठना शुरू कर दिए इस समय मनीषा का मन पढ़ने में नहीं बल्कि संजू पर लगा हुआ था वह संजू के साथ एकांत चाहती थी लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो पा रहा था,,,,,,, काफी दिनों बाद संजू की मनीषा से मिल रहा था इसलिए वह भी तिरछी नजरों से मनीषा की तरफ देख ले रहा था,,,,।
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दोनों स्टूडेंट को पढ़ा भी रहे थे और नैनमट्टका का भी चला रहे थे,,,, मनीषा पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी आखिर ऐसा होना लाजिमी ही था क्योंकि दोनों बहुत दिनों बाद मिले थे दोनों के बीच हजार एक संबंध था दोनों एक दूसरे के बदन की प्यास बुझाते थे और ऐसे हालात में जब दो बदन इतने करीब हो तो उत्तेजना लाजमी है और ऐसे हालात में मनीषा की चूत पानी छोड़ रही थी उसकी पैंटी धीरे-धीरे गीली हो रही थी क्योंकि वह जानती थी कि संजू अगर उसके करीब है तो मौका मिलते ही उसकी चूत में उसका लंड होगा,,,,,।

आखिरकार धीरे-धीरे समय व्यतीत हो गया और कोचिंग में से सारे स्टूडेंट छूट कर अपने घर की तरफ जाने लगे जैसे ही पूरा कोचिंग स्टूडेंट से खाली हुआ मनीषा एक बार फिर से संजू के गले लग गई संजू ने फिर से अपने दोनों हाथों को उसके नितंबों पर रखकर जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,।

मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है संजू,,, अगर मुझे मालूम होता कि मेरा यह हाल होगा तो मैं भी तुम्हारे साथ गांव चल दी होती,,,,

तब तो बहुत अच्छा होता,,,(कमीज के ऊपर से ही मनीषा की चूची को दबाते हुए) मुझे यु तड़पना ना पड़ता,,,

मेरी याद में तड़प रहे थे,,,
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पूछो मत मनीषा की तुम्हारे बगैर मेरा क्या हालत हो रहा था,,,(इतना कहते हो मैं संजू मनीषा को अपनी भुजाओं के जोर से उठा लिया और ऐसे हालात में उसकी पेंट में तना हुआ तंबू सीधे जाकर सलवार के ऊपर से ही मनीषा की चूत पर दस्तक देने लगा मनीषा पूरी तरह से काम अग्नि में सुलगने लगी वह पूरी तरह से मदहोश होने लगी उसकी सांसे तुरंत तेज हो गई और वह मदहोशी भरे स्वर में बोली,,,)

तुम्हारा तो बिल्कुल खड़ा हो गया है संजू,,,

यह तो होना ही था मनीषा जब इतनी खूबसूरत लड़की पास में हो तो भला लंड कैसे शांत रह सकता है,,,, जल्दी से सलवार उतारो में आज तुम्हारे पीछे से लूंगा,,,

यहीं पर,,,(मनीषा संजू के कंधों पर अपनी दोनों हथेली रखते हुए बोली,,)

तो क्या इससे अच्छी जगह कहां मिलेगी,,,,


लेकिन जल्दी करना,,,

बिल्कुल भी देर नहीं करूंगा,,, बस निकला और डाला,,,(ऐसा कहते हुए संजू मनीषा को नीचे उतरा और फिर मनीषा भी जल्दबाजी दिखाने लगी,,, उसे साफ महसूस हो रहा था कि उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उतेजना के मारे उसकी चूत फुदक रही थी,,,, उसे रहने जा रहा था और वहां तुरंत अपनी सलवार की डोरी पर हाथ रखकर उसे खोलने के लिए खींचते ही वाली थी कि तभी दरवाजे पर किसी के होने की आहट सुनाई थी और वह तुरंत अपनी कमीज को नीचे गिरा कर अपने आप को दुरुस्त कर ली,,, तभी दरवाजे को हल्के से खोलकर एक स्टूडेंट जो की एक लड़की ही थी वह बोली,,,।

मेमक्या आप मेरी हेल्प कर सकती है,,,,?
(दरवाजे पर उसे देखते ही मनीषा को इतना गुस्सा आ रहा था कि पूछो मत लेकिन फिर भी वह किसी तरह से अपने गुस्से पर काबू करके थोड़ा सा चिड़चिड़ा पन में बोली)

बोलो क्या हुआ,,,?



मैं मुझे मैथ्स का एक क्वेश्चन समझ में नहीं आ रहा है अगर बता देती तो मेरे प्रेक्टिस पूरी हो जाती ,,,

कल बता दूंगी,,,(मनीषा किसी भी तरह से उसे लड़की को वहां से हटाना चाहती थी वह तो भूल से दरवाजे की कड़ी बंद करना भूल गई थी वरना अगर कड़ी बंद होती तो अपना काम पूरा करने के बाद ही वह दरवाजा खोलती,,)

प्लीज मैम बता दीजिए ना,,,,।

बता दो ना वरना उसका होमवर्क भी रह जाएगा,,,
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(गुस्सा तो उसे बहुत आ रहा था लेकिन कर भी क्या सकती थी आखिरकार वह उसकी स्टूडेंट थी और उसका फर्ज बनता था उसके सवाल का जवाब ढूंढना इसलिए वह उसे इशारे में अंदर आने के लिए बोली और बेंच पर बैठ गई और फिर उसे मैथ्स का क्वेश्चन हल करके दी,,,, जैसे ही प्रश्न हल हो गया वह मुस्कुराते हुए बोली)

थैंक यू मैम,,(और इतना कहकर वह अपनी नोटबुक लेकर बेग में डालने लगी,,, और फिर दोनों की तरफ देखते हुए बोली,,,) आप दोनों अभी तक यहां क्या कर रहे हैं आपको भी तो घर जाना चाहिए,,,,
(उसकी बात सुनते ही मनीषा के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले लेकिन फिर संजू सारे मामले को संभालते हुए बोला)

अगले सप्ताह तुम लोगों का टेस्ट होने वाला है ना इस सिलसिले में क्वेश्चन का सिलेक्शन हो रहा था,,,


क्या बात कर रहे हैं सर,,,(एकदम खुश होते हुए),,,क्या मुझे क्वेश्चन बताएंगे

पागल हो गई हो क्या तुम्हें बता देंगे तो तुम फर्स्ट नहीं आ जाओगी और वैसे भी पहले से बता देने से तुम्हारी तैयारी अधूरी रह जाएगी इसलिए अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो टेस्ट अपने आप अच्छे से पास कर लोगी,,,


ओके सर,,,(थोड़ा सा उदास होते हुए वह बोली और फिर कमरे से बाहर निकल गई उसके जाते ही संजू तुरंत गया दरवाजा बंद करके कड़ी लगने लगा तो उसे रोकते हुए मनीषा बोली,,,)

रहने दो संजू मेरा मूड खराब हो गया है,,,,।

(संजू जानता था कि उसे स्टूडेंट के आ जाने से सारा मजा किरकिरा हो गया था इसलिए वह कुछ बोल नहीं पाया उसका क्या था वह तो कुछ देर पहले ही उसकी मां की जमकर चुदाई करके आ रहा था और घर जाएगा तो फिर घर पर भी उसे उसकी खूबसूरत नहीं हो उसकी जवानी से भरी हुई मां चोदने को मिल जाएगी मनीषा को ही अपनी उंगली से काम चलाना होगा लेकिन वह इस बारे में मनीषा से बोल नहीं पाया और फिर धीरे से दरवाजा खोल दिया मनीषा अपना बैग उठाकर कोचिंग क्लास से बाहर निकल गई और संजू दरवाजा बंद करके ताला लगा दिया,,,, और फिर दोनों स्कूटी के पास आ गए अभी शाम के 7:00 बज रहे थे,,,, मनीषा का मूड थोड़ा उखड़ा हुआ था और वह संजू से बोली,,,।

चलो मेरे घर चलते हैं कॉफी पीने के बाद ही दिमाग तरो ताजा होगा,,,,,

ठीक है,,,।
(और इतना कहने के साथ ही मनीषा के पीछे संजू बेड के और बैठते ही उसकी पतली कमर पर दोनों हाथ रख दिया,,,, संजू के कमर पर हाथ रखते ही मनीषा के बदन में फिर से उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी वह मदहोश होने लगी,,,, और वह स्कूटी को एक्सीलेटर देकर मुख्य सड़क पर दौड़ाने लगी और संजू से बोली,,,)

आज मेरा बहुत मन कर रहा है तुमसे करवाने का,,, अब करवाने के लिए मेरे कमरे से अच्छी जगह और कोई नहीं है,,,

लेकिन वहां तो मौसी होगी ना और उनके रहते कैसे हो पाएगा,,,


हो जाएगा तुम मेरे पर छोड़ दो,,,,।

(जितनी उत्साहित और उत्सुक मनीषा लग रही थी उससे कहीं ज्यादा उतावला संजू हुआ जा रहा था क्योंकि वह उत्तेजना के मारे मनीषा की कमर को अपने दोनों हाथों से कस के दबा दे रहा था उसका बस चलता तो स्कूटी पर ही मनीषा की चूत में लंड डाल देता,,,, मनीषा भी अपनी युक्ति से बहुत खुश नजर आ रही थी वह जल्द से जल्द संजू के लंड को अपनी चूत में लेकर अपनी प्यास को बुझा लेना चाहती थी,,, और थोड़ी ही देर में दोनों घर पर पहुंच गए अंधेरा हो चुका था,,, स्कूटी को खड़ी करके मनीषा और संजु दोनों स्कूटी पर से उतर गए और मनीषा दरवाजे की बेल बजने लगी बेल की आवाज सुनकर उसकी मां जो की रसोई में खाना बना रही थी वह तुरंत दरवाजे पर आई और दरवाजा खोलने लगी,,, दोपहर की तरह ही संजू के कानों में मनीषा की मां की चूड़ियों की खनकने की आवाज सुनाई देने लगी और दोपहर की याद उसके दिमाग में एकदम ताजा होने लगी,,, और एकदम से उसका लंड खड़ा हो गया,,,, और थोड़ी ही देर में साधना नहीं दरवाजा खोल दी दरवाजे पर एक बार फिर से मनीषा के पीछे संजू को खड़ा देखकर साधना के चेहरे पर मुस्कान तेरने लगी और उसके दिल और दिमाग पर भी दोपहर की याद ताजा हो गई किस तरह से संजू ने दिनभर उसकी जमकर चुदाई किया था और दो-तीन घंटे तक उसे पूरे कमरे में नंगी इधर से उधर घूमा कर जगह पर उसको चोदा था,,, )

अरे बेटा तुम ईस समय,,,,
(साधना अपने शब्दों को बड़े संभाल कर बोल रही थी क्योंकि वह ऐसा तो बोल नहीं सकती थी कि तुम फिर से ,,,,)

वो हां मौसी मनीषा दीदी कॉफी पीने के लिये लेकर आई है इसलिए,,,,।

हां मम्मी जल्दी से दो कप कॉफी बना दो हम दोनों मेरे कमरे में है,,,,


ठीक है मैं अभी कॉफी बना देता हूं,,,,।
(आगे आगे मनीषा चलने लगी और पीछे संजू और संजू नजर बचाकर अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी गांड पर हाथ फेरते हुए मुस्कुराने लगा संजू की हरकत पर मनीषा की मां थोड़ा सा झेंप गई लेकिन मनीषा का ध्यान उन दोनों की तरफ बिल्कुल भी नहीं था इसलिए मुस्कुराते हुए किचन में चली गई,,,,।

मनीषा और संजू कमरे में आते ही मनीषा तुरंत उसे अपनी बाहों में भरकर उसके होठों को चूमना शुरू कर दी,,, मनीषा कुछ ज्यादा उत्तेजित थी यह जानते हो कि उसकी मां घर पर ही है लेकिन फिर भी वह पूरी तरह से मदहोश होकर संजू को अपनी बाहों में भरकर उसके होठों को अपने होठों से सटा ली थी संजू कहां पीछे हटने वाला था वह भी तुरंत इस तरह से पागलों की तरह उसकी गांड कोई दोनों हाथों से थाम लिया था वैसे तो संजू की शुरुआत ही इसी तरह से होती थी वह सबसे पहले औरतों की गांड को ही अपने हाथ में ले लेता था और उनसे खेलते हुए उत्तेजित करने के बाद वह आगे बढ़ता था,,,,।
Sanju or manishA

दोनों एक दूसरे के होठों का रस चूस रहे थे कमरे का दरवाजा अभी भी खुला हुआ था शायद मनीष इस बात से अवगत थी कि उसकी मां कितनी देर में कॉफी बना कर लेगी इसीलिए वह पूरी तरह से इत्मीनाम से मजे ले रही थी संजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था,,, वह तुरंत अपना हाथ मनीषा की सलवार में डालकर पेटी के ऊपर से ही उसकी चूत को टटोलना शुरू कर दिया था जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,, मनीषा की गीली पेटी हथेली में महसूस होते ही संजू से रहा नहीं गया और वह तुरंत अपनी हथेली को पेटी के अंदर डालकर उसकी चिकनी चूत को अपनी हथेली में दबोच लिया मनीषा संजू की हरकत से पूरी तरह से मदहोश हो गई,,, संजू उसकी चूत को जोर-जोर से मसलते हुए बोला,,,।


बाप रे मनीषा तुम्हारी चूत तो पानी छोड़ रही है,,,

क्या करूं बहुत दिनों बाद मिले हो इसके लिए,,,,


अगर मौसी आ गई तो मनीषा,,,(संजू इस तरह से अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत के अंदर प्रवेश कराते हुए बोला,,,)


सहहहह कुछ नहीं होगा संदु मुझे बहुत मजा आ रहा है,,,

लेकिन मौसी भी किसी भी वक्त काक्षोफी लेकर आ जाएंगी,,,,,


कुछ नहीं तुम इसी तरह से उंगली करते रहो,,,,आहहहह आहहहहह ,,,ऊमममममम,,,
Sanju Manisha ki chudai kart huA

(मनीष मस्त हुए जा रहे कि पागल हुए जा रही थी संजू की हरकत से हुआ एकदम दीवानी हो चुकी थी संजू पागलों की तरह अपनी आधी उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था उसकी चूत उत्तेजना के मारे कचोरी की तरह फुल गई थी संजू को इस बात का भी डर था कि कहीं उसकी मौसी ना आ जाए लेकिन मनीषा पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी,,, शायद उत्तेजना के मारे वह ऐसा कर रही थी,,,, संजू भी इसका पूरा फायदा उठा रहा था,,,, वह उसके लाल-लाल होठों का रस चूसने के साथ-साथ उसके नीचे वाले होठों को भी रौंद रहा था,,,)

कसम से मनीषा बहुत मजा आ रहा है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि मैं इतने दिन तुमसे अलग कैसे रह गया क्योंकि तुम्हारे बिना तो एक पल भी काटना मुश्किल हुआ जा रहा है लेकिन अगर मौसी आ गई तो गजब हो जाएगा,,,


कुछ नहीं होगा मेरे राजा,,,,


लेकिन सोचो मनीषा अगर मौसी ने हम दोनों को इस हालत में देख ली तब तब तो वह हम दोनों का मिलना जुलना भी बंद कर देंगी,,,,(संजू इतना बोला ही था कि तभी उसे बर्तन गिरने की आवाज आई और दोनों एकदम से एक दूसरे से अलग हो गए मनीषा जल्दी-जल्दी अपने कपड़ों को दुरुस्त करने लगे और संजू के पेट में तंबू बना हुआ था इसलिए वह अपना तंबू छुपाने के लिए बिस्तर पर बैठ गया,,,, और थोड़ी ही देर में ट्रे में दो कप कॉफी लेकर मनीषा की मां कमरे में दाखिल होने लगी,,,,)


लो तुम दोनों की कोफी हो गई तैयार,,,,।
(मनीषा का गोरा मुखड़ा उत्तेजना से लाल हो चुका था वह अपनी मां से अपना चेहरा छुपाने की कोशिश कर रही थी लेकिन तभी उसकी मां की नजर उसके चेहरे पर पड़ गई तो वह बोली,,,)


अरे क्या हुआ मनीषा,,,(एक हाथ में ट्राली हुए दूसरे हाथ से उसके सर पर हाथ रखते हुए) तेरी तबीयत तो ठीक है ना...
(मनीषा समझ गई थी कि उसकी मां उसके चेहरे को देखकर ही बोल रही है इसलिए वह बात को बदलते हुए बोली)

कुछ नहीं मम्मी थोड़ा सर दर्द कर रहा था और अगले सप्ताह टेस्ट है ना उसकी तैयारी करना है इसके लिए,,,,(ट्रे में से काफी का कप हाथ में लेते हुए बोली और संजू भी हाथ बढ़ाकर कॉफी का कप ले हाथ में ले लिया उसकी मां कुछ देर तक वहीं खड़ी रही,,,,,, इस तरह से उसका खड़ा रहना संजू को नहीं बल्कि मनीषा को अच्छा नहीं लग रहा था वह चाहती थी कि जल्द से जल्द उसकी मां कमरे से बाहर चली जाए,,, लेकिन वह अपने मुंह से बोल भी नहीं सकती थी,,,। इसलिए खामोश रही और जैसे ही कोफी खत्म हुई वह अपना कप वापस ट्रेन में रख दी और संजू के हाथ से भी खाली कप लेकर ट्रे में रख दी और अपनी मां से बोली,,,,)

मम्मी हम दोनों टेस्ट के लिए पेपर तैयार करने जा रहे हैं बिल्कुल भी डिस्टर्ब मत करना और हां दरवाजा बंद कर देना और आधा घंटा तक कुछ भी पूछना नहीं वरना गलती हो जाती है,,,,।

ठीक है तुम दोनों अपना काम करो तब तक मैं खाना बना लेती हुं,,,,(इतना कहकर वह दरवाजे से बाहर निकलने को हुई की एकदम से वह रुक कर बोली,,)

लेकिन दरवाजा तो बंद नहीं होगा क्योंकि इसका लोक खराब हो गया है,,,,(इतना कहकर वह चली गई लेकिन अपनी बातों से मनीषा और संजू दोनों पर बम का धमाका कर गई थी दोनों एक दूसरे को आश्चर्य से देखने लग गए थे मनीष कभी दरवाजे की तरफ देखती तो कभी संजु की तरफ,,, वह काफी गुस्से में नजर आ रही थी और यह देखकर संजु वहां और ज्यादा देर रुके रहना उचित नहीं समझा और धीरे से उठकर कमरे से बाहर निकल गया और बिना अपनी मौसी को बताएं वह अपने घर के लिए निकल गया,,)
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
ये मनिषा तो बडी गरम हो गई है जहा देखो वहा संजु के लंड के नीचे आना चाहती हैं और अपनी आग मिटाना चाहती हैं लेकीन हर बार कोई ना कोई आ कर काम बिगाड देता हैं
वैसे साधना मौसी ने क्या बम फोड धमाका किया है देखते हैं आगे
 

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संजू के साथ संबंध ना बन पाने के कारण मनीषा काफी गुस्से में थी वह कोशिश तो बहुत की थी लेकिन सफल नहीं हो पाई थी कोचिंग क्लास में भी और घर पर भी उसे ऐसा ही लग रहा था कि घर पर वह बेझिझक संजू के साथ अपनी जवानी की प्यास बुझा पाएगी भले ही उसकी मां घर में मौजूद थी तो क्या हुआ वह कमरे का दरवाजा बंद करके टेस्ट का पेपर तैयार करने का बहाना भर कर वह निश्चित रूप से बंद कमरे में संजू के साथ चुदाई का मजा लूट सकती थी लेकिन एन मौके पर ही उसके दरवाजे का लोक खराब हो गया था और इस कारण वह अंदर ही अंदर जल भून जा रही थी,,,, संजू भी किसी सूरत में मनीषा की चुदाई नहीं कर पाएगा इस बात को जानकर वह धीरे से बिस्तर पर से उठकर घर से बाहर निकल गया था दुख उसे भी हुआ था क्योंकि वह भी काफी उत्तेजित था मनीषा को लेकर क्योंकि बहुत दिनों बाद मनीषा के साथ संबंध बनाने का उसे मौका मिला था हालांकि है कोई आखिरी मौका नहीं था लेकिन इस समय दोनों का मन बहुत कर रहा था लेकिन दोनों संबंध बनाने में कामयाब नहीं हो पाए थे,,,,।


घर पहुंचने में संजू को थोड़ी देर हो गई थी लगभग 9:00 बज गए थे इसलिए उसकी मां और उसकी बहन दोनों चिंतित थे संजू को लेकर लेकिन दरवाजे पर दस्तक होते ही दोनों के चेहरे पर राहत भरी मुस्कान नजर आने लगी और मोहिनी जल्दी से उठकर दरवाजे को खोल दी तो सामने उसका भाई ही था मोहिनी कुछ बोलती इससे पहले ही आराधना बोल पड़ी,,,।

आज इतनी देर कहां लगा दीया ,,,

अरे आज वो अगले सप्ताह टेस्ट है ना उसकी तैयारी करने में देर हो गई,,,,(संजू कमरे में प्रवेश करता हुआ बोल और उसकी बात सुनकर उसकी मां बोली)

हम दोनों कब से तेरा इंतजार कर रहे हैं जल्दी से हाथ मुंह धो ले मैं खाना लगा देती हुं,,,,

ठीक है मम्मी,,,(इतना कहने के साथ ही संजू हाथ पैर धोने लगा और आराधना खाना परोसने लगी और तीनों साथ में बैठकर खाना खाने लगे खाना खाते हुए संजू अपने मन में अपने परिवार को देखकर यही सोच रहा था कि उसके और उसके परिवार के बीच कितना खुलापन है कोई झिझक नहीं है कोई डर नहीं है जब चाहे तब वह किसी के साथ भी चुदाई का मजा लूट सकता है उसकी बहन के साथ और मां के साथ और फिर कभी-कभी दोनों के साथ ऐसा अक्सर होता आ रहा था इसलिए संजू अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझ रहा था लेकिन आज जो कुछ भी मनीषा के घर पर हुआ था उसे देखकर वह अपने मन में यही सोच रहा था कि अगर जैसा उसके घर में सब कुछ खुलापन का वातावरण हो चुका है अगर मनीषा के घर में भी ऐसा हो जाए तो कितना मजा आए वह जब चाहे तब जाकर तभी मनीषा को तो कभी उसकी मां की चुदाई कर सकता है कभी दोनों की चुदाई कर सकता है और अपने मन में यह सोचकर और भी ज्यादा उत्साहित हो गया कि अगर ऐसा हो गया तो दोनों मां बेटी की एक ही बिस्तर पर लेने में बहुत मजा आएगा,,,, एक साथ दोनों मां बेटे की चुदाई करके दोनों की गरमा गरम सिसकारी को सुनने में कितना मजा आएगा जैसा कि वह रोज अपने घर में सुनता आ रहा था लेकिन यह होगा कैसे वह अपने मन में इन्हीं सबकी युक्ति सोच रहा था और यह सोचकर उत्साहित हो रहा था कि अगर किसी तरह से मनीषा मान जाए और मनीषा की आंखों के सामने वह उसकी मां की चुदाई करता हुआ मनीषा के हाथों पकड़ा जाए या फिर उसकी मां को मना कर कुछ ऐसा नाटक प्रस्तुत किया जाए जिसमें वह मनीषा की चुदाई कर रहा और उसकी मां अपनी आंखों से देख ले और फिर ऐसा संभव है कि फिर दोनों एक साथ चुदाई का मजा लूट सके और किसी का डर ना हो लेकिन यह सब होगा कैसे यही सोचकर वह थोड़ा परेशान नजर आ रहा था उसे इस तरह के ख्याल में डूबा हुआ देखकर आराधना बोली,,,,।)

क्या हुआ कहां खोया हुआ है,,,?

नहीं कुछ नहीं अपने मन में ही सवाल का जवाब ढूंढ रहा था,,,

मिला जवाब,,(भोजन का निवाला अपने मुंह में डालते हुए आराधना बोली,,,)

मिल जाएगा मुझे पूरा विश्वास है,,,,
(अभी यह सब बातचीत हो ही रही थी कि,,, बीच में मोहिनी बोल पड़ी,,,)

मम्मी आज से शुरुआत करें तीनों एक साथ सोने की बहुत मजा आएगा,,,,,(भोजन का निवाला मुंह में डालकर मोहिनी दोनों की तरफ देखते हुए बोली,,,)

मैं तो तैयार हूं वैसे भी मुझे तुम दोनों की एक साथ लेने में बहुत मजा आता है,,,,(संजू हाथ आगे बढ़कर अपनी मां की चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाते हुए बोला,,, संजू की हरकत से आराधना थोड़ा चौक सी गई क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि संजू इस तरह की हरकत कर देगा लेकिन उसकी हरकत का अहसास होते ही आराधना के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी,,,, लेकिन संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) मम्मी की बड़ी-बड़ी गांड और तेरी छोटी छोटी गांड दोनों को एक साथ चोदने में बहुत मजा आता है,,,


मुझे भी भैया मां की चूत चाटने में बहुत मजा आता है मुझे तो पहले पता ही नहीं था की चूत चाटने में इतना मजा आता होगा तुम जब मेरी चूत चाटते थे मजा आता ही था लेकिन मुझे इस बात का एहसास नहीं होता था कि तुम्हें उतना ही मजा आ रहा होगा जितना कि मुझे मिल रहा था लेकिन जब मैं पहली बार मां की चूत को अपने होठों से लगे तो एकदम पागल हो गई और मुझे यकीन हो गया कि तुम्हें भी बहुत मजा आता होगा तभी तो तुम पागल हो जाते हो मेरी दोनों टांगों के बीच आने के लिए,,,,,
(भाई बहन एकदम खुले शब्दों में अपना अनुभव व्यक्त कर रहे थे यह देखकर आराधना मन ही मन मुस्कुरा रही थी और उसे मुस्कुराता हुआ देखकर संजू बोला)

मोहिनी को तो तुम्हारी चूत चाटने में मजा आता है लेकिन क्या तुम्हें भी मोहिनी की चूत चाटने में मजा आता है,,,,

क्यों नहीं,,,? आखिरकार चूत चाटने में दोनों को मजा आता है तो मुझे भी बहुत आता है खासकर के मोहिनी की चुची दबाते हुए मुंह में भरकर पीने में तो मुझे और भी ज्यादा मजा आता है,,,, सच कहूं तो मुझे मोहिनी की चूची बहुत अच्छी लगती है,,, छोटी-छोटी कश्मीरी सेव की तरह,,,,ऊमममममम,,,(ऐसा कहते हुए मन में ही सोचकर एकदम उत्तेजित हो गई और अपना एक हाथ बढ़ाकर मोहिनी की चूची को कुर्ती के ऊपर से ही दबा दी कहां पीछे हटने वाली थी वह भी तुरंत अपना हाथ आगे बढ़कर अपनी मां की चूची को ब्लाउज के ऊपर से दबाते हुए बोली)

मुझे तो मम्मी की चुची से बहुत मजा आता है,,,,


और मेरे लंड से,,,,


ओ भाई तेरा लंड तो गधा का लंड है,,, इतना मजा देता है कि पूछ मत क्यों मम्मी सच कह रही हु ना,,,,


हां तु सच कह रही है तेरे भाई का लंड इंसान का नहीं बल्कि गधा का हीं है,,,, और मोहिनी तेरे पापा का तो संजू से पतला और एकदम आधा ही था तू ही सोच भला ऐसे लंड से औरत को मजा मिल पाता भला,,,।


तुम सच कह रही हो मम्मी अब तो ऐसा लगता है कि अच्छा ही हुआ की पापा घर छोड़ कर चले गए हम लोगों को इतना मजा तो मिल रहा है और वैसे भी वह इस घर के लिए अब और तुम्हारे लिए किसी लायक नहीं थे,,,,

(मोहिनी के मुंह से इस तरह की बात सुनकर आराधना कुछ देर तक खामोश रही और फिर बोली)

सच कह रही है तू तेरे पापा इस घर के और मेरे लायक बिल्कुल भी नहीं थे अगर वह इस घर में होते तो शायद हम लोग जो इतना सुख भोग रहे हैं और आराम से जिंदगी जी रहे हैं शायद ऐसा मुमकिन न हो पाता,,,


हां मम्मी यह सच है जो कुछ भी होता है अच्छे के लिए होता है,,,, हम तीनों की किस्मत में इस तरह का सुख लिखा हुआ था इसलिए ऐसा हुआ,,,,


चलो ठीक है जल्दी से खाना खत्म करो बर्तन भी साफ करना है,,,,।


लेकिन आज से साथ में सोएंगे ना मम्मी,,,(मोहिनी बोली)



मन तो मेरा भी बहुत है लेकिन क्या करूं,,,, ऐसा हो नहीं पाएगा,,,(आराधना संजू और मोहिनी की तरफ देखते हुए बोली उसकी बात सुनकर संजू और मोहिनी दोनों आश्चर्य से अपनी मां की तरफ देखने लगे और मोहिनी बोली,,,)

लेकिन क्यों,,,?


क्योंकि आज से मेरा पीरियड शुरू हो गया है और कुछ दिन तक संभव नहीं है कि हम तीनों एक साथ मजा ले सकें,,,,।

(पीरियड वाली बात सुनकर संजू और मोहिनी दोनों का चेहरा उतर गया क्योंकि मोहिनी के साथ-साथ संजू का भी बहुत मन था दोनों की एक साथ चुदाई करने का लेकिन अपनी मां की बात सुनकर उसका अरमान पर पानी फिर गया था दोनों के उदास चेहरे देखकर आराधना दोनों को शांतव्ना देते हुए बोली,,,)

अरे तो क्या हो गया संजू तुम्हारे पास मोहिनी तो है ना जी भर कर उसकी चुदाई करो और मोहिनी तुम अपने भाई के साथ मजा लो ऐसा जीवन कहां मिलने वाला है,,,,


क्या मम्मी सुबह से सोच रही थी कि आज तुम्हारे साथ हम सब मिलकर मजा लेंगे और तुम,,,(मोहिनी थोड़ा उदास होते हुए बोली,,)

अरे यह सब मेरे बस में थोड़ी है यह तो सब प्राकृतिक है क्या मेरा मन नहीं कर रहा है मेरा भी मन बहुत कर रहा है लेकिन क्या करें,,,,(इतना कहते हुए आराधना खाना खाकर अपनी जगह से उठी और फिर सफाई में लग गई आज भी मोहिनी और संजू अपनी कमरे में मजा लूटते रहे,,,,)


दूसरे दिन संजू और मनीषा दोनों कॉलेज के रेस्टोरेंट में एक कोने में बैठे हुए थे और आपस में बात कर रहे थे मनीषा का मूड अभी भी खराब था वह कल की बात को लेकर थोड़ा गुस्सा भी थी और उसे शांत करने की कोशिश करते हुए संजू बोला,,,)


क्या मनीषा तुम भी बेवजह परेशान हो रही हो तुम तो ऐसा बर्ताव कर रही हो कि जैसे मौका मिलने वाला ही नहीं है,,,


तुम समझ नहीं रहे हो संजू कल मेरा बहुत मन था एक तो कई दिनों बाद तुमसे मिलना हुआ और उसमें भी,,,,, (थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए शांत हो गई उसकी बातें सुनकर संजू धीरे से अपना हाथ आगे बढ़कर टेबल पर उसकी हथेली को अपने हथेली में लेते हुए बोला)

तुम परेशान मत हो तुम्हारी ऐसी चुदाई करूंगा कि तुम लंगड़ा कर चलोगी,,,,,(संजू किस बात को सुनकर तिरछी नजर से मनीषा संजू की तरफ देखने लगी और मुस्कुरा दी उसकी हंसी छूट गई,,,, उसको हंसना देखकर संजू भी मुस्कुराने लगा और बोला,,,)

तुम हंसते हुए ही बहुत अच्छी लगती हो,,, उदास चेहरा तुम पर बिल्कुल भी नहीं जंचता,,,,, मैं तो कहता हूं अच्छा ही होता अगर मौसी हम दोनों को देख लेती तो कम से कम पर्दा तो है जाता और हम दोनों जब चाहे तब आपस में मजा कर सकते थे ,,,,
(संजू की यह बात सुनते ही मनीषा थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए बोली)

अरे पागल हो गए हो क्या,,,? मम्मी अगर यह सब देख लेगी तो मुझे मार डालेगी,,,,


तुम भी मनीषा खामखा डरती हो तुम ही जरा दिमाग से सोचो अगर ऐसा हो जाए कि सच में हम दोनों को संबंध बनाते हुए मौसी देख ले तो फिर क्या होगा थोड़ा गुस्सा करेंगे तुम्हें मारेंगी मुझे भगा देंगे लेकिन उन्हें इतना तो पता चल जाएगा ना कि हम दोनों के बीच क्या चल रहा है और हम दोनों जब चाहे तब संबंध बना सकते हैं मैं तुम्हारे घर पर भी आकर तुम्हारी कमरे में संबंध बन सकता हूं तुम्हारी गांड मार सकता हूं यह सब जानते हुए भी मौसी कुछ नहीं कर पाएगी,,,,।

(संजू की बात सुनकर मनीषा को गुस्सा तो आ रहा था लेकिन कुछ देर तक वह सोचने के बाद बोली,,,)

तुम्हारा सपना सपना ही रह जाएगा ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है,,,,


क्यों नहीं हो सकता मनीषा जरा तुम दिमाग से सोचो अगर ऐसा हो गया तो फिर कितना मजा आएगा किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है जैसा कि कल तुम्हारे मन की नहीं हो पाई वैसा बिलकुल भी नहीं होगा,,,(संजू किसी भी तरह से मनीषा को मनाना चाहता था वह मनीषा को मना कर दोनों मां बेटी के बीच की दूरी को खत्म कर देना चाहता था जैसा की साधना ने उसके और उसकी मां के बीच अपनी नजरिया में सारी दूरी खत्म कर दी थी संजू को इसका फायदा भी था अगर दोनों मां बेटी को एक दूसरे के बारे में पता चल जाता तो वह दोनों मां बेटी की एक साथ चुदाई करके आनंद लूट सकता था इसीलिए वह किसी भी तरह से मनीषा को मनाने का प्रयास कर रहा था,,,,)


नहीं नहीं मुझे तो सोच कर ही डर लगता है मैं और तुम एक साथ संबंध बनाते हुए अगर मां ने देख ली तो गजब हो जाएगा,,,,


कुछ गजब नहीं होगा मनीषा मैं जो कुछ भी कह रहा हूं उसके पीछे एक तर्क है और हकीकत भी तुम नहीं जानती कि मेरा दोस्त अपनी चाची के साथ संबंध बनाता है और तो और चाची की लड़की के साथ भी संबंध बनाया है और पता है यह सब कैसे हो गया,,,,


कैसे,,,?(मनीषा भी संजू की बात में दिलचस्पी लेते हुए बोली)

हुआ यू की मेरे दोस्त का संबंध उसकी चाची के साथ था,,, जोकि उसकी सगी चाची थी,,,, और उसकी भी जवान बेटी जैसा कि तुम,,, एक दिन शाम के समय जब उसकी मां खाना बना रही थी तभी मेरा दोस्त रसोई घर में गया और अपनी चाची को बाहों में जाकर उसकी साड़ी को कमर तक उठाकर उसकी चुदाई करना शुरू कर दिया उसकी चाची जानती थी कि शाम के समय उसका भतीजा इस तरह की हरकत करता है इसलिए वह चड्डी नहीं पहनती थी और उसकी किस्मत पहले तो खराब का लो क्योंकि इस समय उसकी बेटी ने सब कुछ अपनी आंखों से देख ली थी और हंगामा खड़ा कर दी थी हालांकि इस बात का पता परिवार के किसी सदस्य को नहीं चल पाया था और उसकी खुशकिस्मती कह लो कि उसके भतीजे ने अपनी सूझबूझ से उसकी लड़की को भी मना लिया उसकी चाची को तो मानना ही था क्योंकि अगर वह नहीं मानती तो उसकी बेटी अपने पापा को बता देती और फिर बदनामी हो जाती और इसी बदनामी के दर से उसकी मां भी खामोश रही और मेरा दोस्त अपनी ही चाचा की लड़की के साथ संबंध बना लिया और आज मेरा दोस्त एक साथ एक ही बिस्तर पर चाचा और उसकी लड़की दोनों की जमकर चुदाई करता है और दोनों खुश भी हैं,,,,।

(इस बात को सुनकर मनीषा की सांस ऊपर नीचे होने लगी लेकिन फिर वह बोली)

लेकिन तुम्हें कैसे मालूम,,,,?


मेरे दोस्त ने बताया और वह मेरा बहुत ही जिगरी और खास दोस्त है ,,, और वह मेरे से कुछ भी नहीं छुपा था उसने एक-एक शब्द मुझे बताया था और इसका सुबोध भी मुझे अपने घर ले जाकर दिया था और चोरी छुपे मुझे यह भी दिखाया था कि वह किस तरह से दोनों के साथ संबंध बनाता है कसम से यह देखकर तो मेरी हालत खराब हो गई थी,,,,, मेरा दोस्त एक ही बिस्तर पर मां बेटी दोनों को नंगी करके बारी-बारी से ले रहा था ,,, सच में वह दृश्य बहुत ही गरम था,,,।
(संजू अपनी बनी बनाई बात से मनीषा को लाइन पर लाना चाहता था अपना उल्लू सीधा करना चाहता था मनीषा भी उसकी बात सुनकर पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी लेकिन फिर थोड़ी देर बाद बोली)


नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता तुम्हारे दोस्त की चाची थी जिसको चुदवाते हुए उसकी बेटी ने देखी थी लेकिन यहां तो मैं हूं अगर मेरी मां देख लेगी तो जान ले लेगी,,,,
(मनीषा की बात सुनकर संजू को ऐसा एहसास हो रहा था कि वह भी अपने मन में यही चाह रही थी कि उसकी भी जिंदगी उसके दोस्त की चाची और उसकी बेटी की तरह हो जाए लेकिन अंदर ही अंदर डर रही थी और उसके इसी डर को दूर करने के लिए कुछ सोचने के बाद संजू बोला,,,)

तुम पागल हो मनीषा मौसी यह सब देखकर तुम्हारी जान नहीं लेंगी बल्कि गर्म हो जाएंगी,,,,


क्या बकवास कर रहे हो,,,, मेरी मां बहुत ही सख्त है,,,,


लेकिन तुम्हारी मां मेरी मौसी भी है तुम अपनी मां के बारे में बहुत कुछ जानती होगी लेकिन कुछ बातें तुम भी नहीं जानतीं,,,,


मैं कुछ समझी नहीं तुम क्या कहना चाह रहे हो,,,,


तुम्हें विश्वास नहीं होगा लेकिन मनीषा जो कुछ भी मैं तुम्हें बताने जा रहा हूं वह एकदम सच है मैं एक दिन तुम्हारे घर गया था दोपहर में रजा के दिन मुझे लगा कि तुम घर पर होगी,,,, घर पर पहुंचा तो दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था मैं बिना कुछ बोले घर में प्रवेश कर गया लेकिन कोई दिखाई नहीं दे रहा था तो मैं अंदर की तरफ बढ़ गया और मैं जैसे ही किचन की तरफ आगे बढ़ा अंदर से अजीब अजीब सी आवाज आने लगी मैं एकदम से घबरा गया और वही दीवार से सेट कर खड़ा हो गया और चोरी से अंदर की तरफ देखा तो अंदर का नजारा देखकर मेरा होश उड़ गया,,,,।

(संजू की बात सुनकर मनीष कभी दिल जोरो से धड़कने लगा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि संजू क्या बोलने वाला है लेकिन इतना तो समझ में आई गया था कि जो कुछ भी वह बताने जा रहा है वह शम नाक है,,,, इसलिए वह दबे श्वर में बोली,,,)

कैसा नजारा,,,?


मनीषा कसम से बना चेहरा देखकर तो मैं झूठ नहीं बोलूंगा मेरा तो उस समय पूरा लंड खड़ा हो गया था,,,

लेकिन बताओगे क्या देख लिए थे,,,!(मनीषा भी काफी उत्सुक नजर आ रही थी संजू से सुनने के लिए कि आखिरकार उसने क्या देख लिया था संजू तो बनी बनाई बात बता रहा था ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था लेकिन यह सब कुछ नाटक वह मनीषा को राजी करने के लिए बता रहा था वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

मनीषा मैंने देखा कि तुम्हारी मां किचन की दीवार से सेट कर खड़ी थी और उनकी साड़ी कमर तक उठी हुई थी और उनकी चड्डी उनके घुटनों में फंसी हुई थी वह अपनी दोनों टांगों को खोलकर हाथ में मोटी सी ककड़ी लेकर अपनी चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी,,,, वह इतनी ज्यादा मदहोश हो गई थी कि उनकी आंखें बंद थी मैं कुछ देर खड़ा होकर उसे गरमा गरम नजारे को देखता रह गया कसम से उसे समय मेरा मन बहुत कर रहा था की रसोई घर में चला जाऊं और उसे ककड़ी की जगह मौसी की चूत में अपना लंड डाल दुं,,,,


क्या कह रहे हो संजू,,,(एकदम आश्चर्य से हैरान होते हुए मनीष बोली)

मैं एकदम सच कह रहा हूं मनीषा मैं यह सब बताना नहीं चाहता था लेकिन कल रात जो कुछ भी हुआ उसे देखने के बाद मेरे मन में यही ख्याल आया कि अगर इसमें मौसी भी शामिल हो जाती या उन्हें सब कुछ पता चल जाता तो शायद कल रात को तुम प्यासी ना रह जाती,,,,


मम्मी ऐसा कर सकती है मैं कभी सोच भी नहीं सकती,,,,


कसम से मनीषा उसे दिन तो वह सब देख कर मैं अपना इरादा बना लिया था कि किचन में जाकर मौसी की चुदाई कर दो और उसे समय सच कहूं तो मौसी मन भी जाती क्योंकि वह पूरी तरह से चुदवासी थी बस उन्हें सिर्फ मेरा लंड दिखाने की दे रही थी वह मेरे लंड के लिए अपनी टांग खोल देती,,,,


नहीं नहीं संजू ऐसा नहीं हो सकता मम्मी ऐसा नहीं कर सकती,,,,


क्यों नहीं हो सकता मनीषा एक औरत होते हुए भी तुम औरतों के मन को नहीं समझ पा रही हो आखिरकार मौसी बुढी नहीं हो गई है अभी भी उनके बदन में जवानी बरकरार है उनका बदन कितना कसा हुआ है जानती हो,,, मैंने देखा था उसे दिन मोती-मोती चिकनी जांघें केले के तने की तरह एकदम मजबूत,,, और उनकी चूत एकदम चिकनी गुलाबी देखकर ही मेरे मुंह में पानी आ गया था तुम जरा सोचो जब मौसी कोई हालत में देख कर एक जवान लड़के का लंड खड़ा हो सकता है तो क्या तुम्हें मौसी बुढी लगती है,,,


लेकिन यह कैसे हो सकता है,,,, मैं मम्मी के बारे में कभी इस तरह से सोच भी नहीं सकती थी,,,(मनीषा हैरान होते हुए बोली)

तुम पागल हो मनीषा एक औरत होते हुए भी औरत को नहीं समझ पा रही हो आखिरकार मौसी भी जवान है उनके भी अरमान है उनके भी बदन की कुछ ज़रूरतें हैं और मौसा जी को देखकर मुझे नहीं लगता की मौसी की जरूरत को मौसा जी पूरा कर सकते हैं होंगे और जरा इतना तो सोचो मौसी संस्कारी भी हैं भले ही उसे दिन अपने हाथों से अपनी प्यास बुझाने की कोशिश कर रही थी वह चाहती तो बाहर भी किसी दूसरे के साथ संबंध बना सकती थी और उनके एक ईशारे पर उनके साथ चुदाई करने के लिए बहुत से लड़के तैयार हो सकते थे,,,, क्या तुम्हें नहीं लगता की मौसा जी मौसी की इच्छा को पूरी नहीं कर पाते होंगे देखते नहीं हो दिन भर तो बैठे रहते हैं और तुम तभी कितनी बाहर निकली हुई है मुझे नहीं लगता की मौसा जी का खड़ा भी होता होगा,,,


संजू,,,,(संजू की बात सुनकर थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए मनीष बोली)


मैं तो कहता हूं मनीषा इस खेल में मौसी को भी शामिल कर लेते हैं बहुत मजा आएगा उनकी भी इच्छा पूरी हो जाएगी और तुम्हारी भी झिझक खत्म हो जाएगी और जब चाहे तब अपने दोनों चुदाई का मजा लूट सकते हैं,,,,,(संजू की बात सुनकर मनीषा तिरछी नजर से उसकी तरफ देख रही थी वह थोड़ा गुस्सा भी कर रही थी और उसे गुस्से में देख कर संजू बोला) तुम समझ नहीं पा रही हो मनीषा तुम इस तरह से अपनी मम्मी की मदद कर सकोगी वरना किसी दिन अगर जवानी का तूफान उनके दिमाग से बाहर हो गया तो बाहर जाकर संबंध बना लेंगे और फिर ऐसे में बदनामी होने का भी डर रहेगा सब कुछ तुम्हारे हाथ में है अगर तुम चाहो तो सब कुछ हो सकता है,,,,

(संजू की बात सुनकर मनीषा भी मन ही मन तैयार होने लगी थी वह भी अपनी मां के बारे में सुनकर अपनी मां के प्रति थोड़ा सा नरम हो गई थी एक औरत होने के नाते उसे भी इस बात का अंदाजा था कि एक औरत के मन में कैसी प्रतिक्रिया होती है जब उसकी प्यास नहीं बुझ पाती जैसा कि कल रात उसके साथ हुआ था,,, कुछ देर तक सोचने के बाद वह धीरे से बोली,,,)


लेकिन यह सब होगा कैसे,,,!(मनीषा के चेहरे पर आशा की किरण साफ नजर आ रही थी लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी कि अगर यह सब होगा तो होगा कैसे संजू मनीषा के इस प्रश्न पर मन ही मन प्रसन्न होने लगा क्योंकि वह अपनी चालाकी से मनीषा को लाइन पर ला चुका था और वह बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो सब कुछ मैं सही कर दूंगा,,,, बस इस रविवार को छुट्टी के दिन देखना सब कुछ सही हो जाएगा,,


लेकिन अगर मम्मी तुम्हारी हरकत से गुस्सा हो गई तो गजब भी हो जाएगा,,,


ऐसा कुछ भी नहीं होगा मनीषा,,, मौसी की उसे दिन की चाहत और प्यास देखकर मुझे पूरा यकीन है कि मेरे लंड को देखकर मौसी की चूत पानी छोड़ देगी,,,

(संजू की बात सुनकर शर्म के मारे मनीषा का चेहरा लाल हो गया और होता भी क्यों नहीं क्योंकि वह उसकी मम्मी के बारे में ही बात कर रहा था फिर दोनों फुटकर वहां से चले गए)
बहुत ही गरमागरम कामुक और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
संजू मनिषा की गरमी शांत न होने कारण चिडचिडे पण फायदा उठा कर अपना जाल फेक दिया की साधना को अपनी और मनिषा की चुदाई दिखा देना
इसके लिए संजू ने मनिषा को तरह तरह की मनगढंत बाते बताकर लगबग तयार कर ही लिया
अब आगे क्या होता है देखते हैं
 

Napster

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संजू के साथ संबंध ना बन पाने के कारण मनीषा काफी गुस्से में थी वह कोशिश तो बहुत की थी लेकिन सफल नहीं हो पाई थी कोचिंग क्लास में भी और घर पर भी उसे ऐसा ही लग रहा था कि घर पर वह बेझिझक संजू के साथ अपनी जवानी की प्यास बुझा पाएगी भले ही उसकी मां घर में मौजूद थी तो क्या हुआ वह कमरे का दरवाजा बंद करके टेस्ट का पेपर तैयार करने का बहाना भर कर वह निश्चित रूप से बंद कमरे में संजू के साथ चुदाई का मजा लूट सकती थी लेकिन एन मौके पर ही उसके दरवाजे का लोक खराब हो गया था और इस कारण वह अंदर ही अंदर जल भून जा रही थी,,,, संजू भी किसी सूरत में मनीषा की चुदाई नहीं कर पाएगा इस बात को जानकर वह धीरे से बिस्तर पर से उठकर घर से बाहर निकल गया था दुख उसे भी हुआ था क्योंकि वह भी काफी उत्तेजित था मनीषा को लेकर क्योंकि बहुत दिनों बाद मनीषा के साथ संबंध बनाने का उसे मौका मिला था हालांकि है कोई आखिरी मौका नहीं था लेकिन इस समय दोनों का मन बहुत कर रहा था लेकिन दोनों संबंध बनाने में कामयाब नहीं हो पाए थे,,,,।


घर पहुंचने में संजू को थोड़ी देर हो गई थी लगभग 9:00 बज गए थे इसलिए उसकी मां और उसकी बहन दोनों चिंतित थे संजू को लेकर लेकिन दरवाजे पर दस्तक होते ही दोनों के चेहरे पर राहत भरी मुस्कान नजर आने लगी और मोहिनी जल्दी से उठकर दरवाजे को खोल दी तो सामने उसका भाई ही था मोहिनी कुछ बोलती इससे पहले ही आराधना बोल पड़ी,,,।

आज इतनी देर कहां लगा दीया ,,,

अरे आज वो अगले सप्ताह टेस्ट है ना उसकी तैयारी करने में देर हो गई,,,,(संजू कमरे में प्रवेश करता हुआ बोल और उसकी बात सुनकर उसकी मां बोली)

हम दोनों कब से तेरा इंतजार कर रहे हैं जल्दी से हाथ मुंह धो ले मैं खाना लगा देती हुं,,,,

ठीक है मम्मी,,,(इतना कहने के साथ ही संजू हाथ पैर धोने लगा और आराधना खाना परोसने लगी और तीनों साथ में बैठकर खाना खाने लगे खाना खाते हुए संजू अपने मन में अपने परिवार को देखकर यही सोच रहा था कि उसके और उसके परिवार के बीच कितना खुलापन है कोई झिझक नहीं है कोई डर नहीं है जब चाहे तब वह किसी के साथ भी चुदाई का मजा लूट सकता है उसकी बहन के साथ और मां के साथ और फिर कभी-कभी दोनों के साथ ऐसा अक्सर होता आ रहा था इसलिए संजू अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझ रहा था लेकिन आज जो कुछ भी मनीषा के घर पर हुआ था उसे देखकर वह अपने मन में यही सोच रहा था कि अगर जैसा उसके घर में सब कुछ खुलापन का वातावरण हो चुका है अगर मनीषा के घर में भी ऐसा हो जाए तो कितना मजा आए वह जब चाहे तब जाकर तभी मनीषा को तो कभी उसकी मां की चुदाई कर सकता है कभी दोनों की चुदाई कर सकता है और अपने मन में यह सोचकर और भी ज्यादा उत्साहित हो गया कि अगर ऐसा हो गया तो दोनों मां बेटी की एक ही बिस्तर पर लेने में बहुत मजा आएगा,,,, एक साथ दोनों मां बेटे की चुदाई करके दोनों की गरमा गरम सिसकारी को सुनने में कितना मजा आएगा जैसा कि वह रोज अपने घर में सुनता आ रहा था लेकिन यह होगा कैसे वह अपने मन में इन्हीं सबकी युक्ति सोच रहा था और यह सोचकर उत्साहित हो रहा था कि अगर किसी तरह से मनीषा मान जाए और मनीषा की आंखों के सामने वह उसकी मां की चुदाई करता हुआ मनीषा के हाथों पकड़ा जाए या फिर उसकी मां को मना कर कुछ ऐसा नाटक प्रस्तुत किया जाए जिसमें वह मनीषा की चुदाई कर रहा और उसकी मां अपनी आंखों से देख ले और फिर ऐसा संभव है कि फिर दोनों एक साथ चुदाई का मजा लूट सके और किसी का डर ना हो लेकिन यह सब होगा कैसे यही सोचकर वह थोड़ा परेशान नजर आ रहा था उसे इस तरह के ख्याल में डूबा हुआ देखकर आराधना बोली,,,,।)

क्या हुआ कहां खोया हुआ है,,,?

नहीं कुछ नहीं अपने मन में ही सवाल का जवाब ढूंढ रहा था,,,

मिला जवाब,,(भोजन का निवाला अपने मुंह में डालते हुए आराधना बोली,,,)

मिल जाएगा मुझे पूरा विश्वास है,,,,
(अभी यह सब बातचीत हो ही रही थी कि,,, बीच में मोहिनी बोल पड़ी,,,)

मम्मी आज से शुरुआत करें तीनों एक साथ सोने की बहुत मजा आएगा,,,,,(भोजन का निवाला मुंह में डालकर मोहिनी दोनों की तरफ देखते हुए बोली,,,)

मैं तो तैयार हूं वैसे भी मुझे तुम दोनों की एक साथ लेने में बहुत मजा आता है,,,,(संजू हाथ आगे बढ़कर अपनी मां की चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाते हुए बोला,,, संजू की हरकत से आराधना थोड़ा चौक सी गई क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि संजू इस तरह की हरकत कर देगा लेकिन उसकी हरकत का अहसास होते ही आराधना के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी,,,, लेकिन संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) मम्मी की बड़ी-बड़ी गांड और तेरी छोटी छोटी गांड दोनों को एक साथ चोदने में बहुत मजा आता है,,,


मुझे भी भैया मां की चूत चाटने में बहुत मजा आता है मुझे तो पहले पता ही नहीं था की चूत चाटने में इतना मजा आता होगा तुम जब मेरी चूत चाटते थे मजा आता ही था लेकिन मुझे इस बात का एहसास नहीं होता था कि तुम्हें उतना ही मजा आ रहा होगा जितना कि मुझे मिल रहा था लेकिन जब मैं पहली बार मां की चूत को अपने होठों से लगे तो एकदम पागल हो गई और मुझे यकीन हो गया कि तुम्हें भी बहुत मजा आता होगा तभी तो तुम पागल हो जाते हो मेरी दोनों टांगों के बीच आने के लिए,,,,,
(भाई बहन एकदम खुले शब्दों में अपना अनुभव व्यक्त कर रहे थे यह देखकर आराधना मन ही मन मुस्कुरा रही थी और उसे मुस्कुराता हुआ देखकर संजू बोला)

मोहिनी को तो तुम्हारी चूत चाटने में मजा आता है लेकिन क्या तुम्हें भी मोहिनी की चूत चाटने में मजा आता है,,,,

क्यों नहीं,,,? आखिरकार चूत चाटने में दोनों को मजा आता है तो मुझे भी बहुत आता है खासकर के मोहिनी की चुची दबाते हुए मुंह में भरकर पीने में तो मुझे और भी ज्यादा मजा आता है,,,, सच कहूं तो मुझे मोहिनी की चूची बहुत अच्छी लगती है,,, छोटी-छोटी कश्मीरी सेव की तरह,,,,ऊमममममम,,,(ऐसा कहते हुए मन में ही सोचकर एकदम उत्तेजित हो गई और अपना एक हाथ बढ़ाकर मोहिनी की चूची को कुर्ती के ऊपर से ही दबा दी कहां पीछे हटने वाली थी वह भी तुरंत अपना हाथ आगे बढ़कर अपनी मां की चूची को ब्लाउज के ऊपर से दबाते हुए बोली)

मुझे तो मम्मी की चुची से बहुत मजा आता है,,,,


और मेरे लंड से,,,,


ओ भाई तेरा लंड तो गधा का लंड है,,, इतना मजा देता है कि पूछ मत क्यों मम्मी सच कह रही हु ना,,,,


हां तु सच कह रही है तेरे भाई का लंड इंसान का नहीं बल्कि गधा का हीं है,,,, और मोहिनी तेरे पापा का तो संजू से पतला और एकदम आधा ही था तू ही सोच भला ऐसे लंड से औरत को मजा मिल पाता भला,,,।


तुम सच कह रही हो मम्मी अब तो ऐसा लगता है कि अच्छा ही हुआ की पापा घर छोड़ कर चले गए हम लोगों को इतना मजा तो मिल रहा है और वैसे भी वह इस घर के लिए अब और तुम्हारे लिए किसी लायक नहीं थे,,,,

(मोहिनी के मुंह से इस तरह की बात सुनकर आराधना कुछ देर तक खामोश रही और फिर बोली)

सच कह रही है तू तेरे पापा इस घर के और मेरे लायक बिल्कुल भी नहीं थे अगर वह इस घर में होते तो शायद हम लोग जो इतना सुख भोग रहे हैं और आराम से जिंदगी जी रहे हैं शायद ऐसा मुमकिन न हो पाता,,,


हां मम्मी यह सच है जो कुछ भी होता है अच्छे के लिए होता है,,,, हम तीनों की किस्मत में इस तरह का सुख लिखा हुआ था इसलिए ऐसा हुआ,,,,


चलो ठीक है जल्दी से खाना खत्म करो बर्तन भी साफ करना है,,,,।


लेकिन आज से साथ में सोएंगे ना मम्मी,,,(मोहिनी बोली)



मन तो मेरा भी बहुत है लेकिन क्या करूं,,,, ऐसा हो नहीं पाएगा,,,(आराधना संजू और मोहिनी की तरफ देखते हुए बोली उसकी बात सुनकर संजू और मोहिनी दोनों आश्चर्य से अपनी मां की तरफ देखने लगे और मोहिनी बोली,,,)

लेकिन क्यों,,,?


क्योंकि आज से मेरा पीरियड शुरू हो गया है और कुछ दिन तक संभव नहीं है कि हम तीनों एक साथ मजा ले सकें,,,,।

(पीरियड वाली बात सुनकर संजू और मोहिनी दोनों का चेहरा उतर गया क्योंकि मोहिनी के साथ-साथ संजू का भी बहुत मन था दोनों की एक साथ चुदाई करने का लेकिन अपनी मां की बात सुनकर उसका अरमान पर पानी फिर गया था दोनों के उदास चेहरे देखकर आराधना दोनों को शांतव्ना देते हुए बोली,,,)

अरे तो क्या हो गया संजू तुम्हारे पास मोहिनी तो है ना जी भर कर उसकी चुदाई करो और मोहिनी तुम अपने भाई के साथ मजा लो ऐसा जीवन कहां मिलने वाला है,,,,


क्या मम्मी सुबह से सोच रही थी कि आज तुम्हारे साथ हम सब मिलकर मजा लेंगे और तुम,,,(मोहिनी थोड़ा उदास होते हुए बोली,,)

अरे यह सब मेरे बस में थोड़ी है यह तो सब प्राकृतिक है क्या मेरा मन नहीं कर रहा है मेरा भी मन बहुत कर रहा है लेकिन क्या करें,,,,(इतना कहते हुए आराधना खाना खाकर अपनी जगह से उठी और फिर सफाई में लग गई आज भी मोहिनी और संजू अपनी कमरे में मजा लूटते रहे,,,,)


दूसरे दिन संजू और मनीषा दोनों कॉलेज के रेस्टोरेंट में एक कोने में बैठे हुए थे और आपस में बात कर रहे थे मनीषा का मूड अभी भी खराब था वह कल की बात को लेकर थोड़ा गुस्सा भी थी और उसे शांत करने की कोशिश करते हुए संजू बोला,,,)


क्या मनीषा तुम भी बेवजह परेशान हो रही हो तुम तो ऐसा बर्ताव कर रही हो कि जैसे मौका मिलने वाला ही नहीं है,,,


तुम समझ नहीं रहे हो संजू कल मेरा बहुत मन था एक तो कई दिनों बाद तुमसे मिलना हुआ और उसमें भी,,,,, (थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए शांत हो गई उसकी बातें सुनकर संजू धीरे से अपना हाथ आगे बढ़कर टेबल पर उसकी हथेली को अपने हथेली में लेते हुए बोला)

तुम परेशान मत हो तुम्हारी ऐसी चुदाई करूंगा कि तुम लंगड़ा कर चलोगी,,,,,(संजू किस बात को सुनकर तिरछी नजर से मनीषा संजू की तरफ देखने लगी और मुस्कुरा दी उसकी हंसी छूट गई,,,, उसको हंसना देखकर संजू भी मुस्कुराने लगा और बोला,,,)

तुम हंसते हुए ही बहुत अच्छी लगती हो,,, उदास चेहरा तुम पर बिल्कुल भी नहीं जंचता,,,,, मैं तो कहता हूं अच्छा ही होता अगर मौसी हम दोनों को देख लेती तो कम से कम पर्दा तो है जाता और हम दोनों जब चाहे तब आपस में मजा कर सकते थे ,,,,
(संजू की यह बात सुनते ही मनीषा थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए बोली)

अरे पागल हो गए हो क्या,,,? मम्मी अगर यह सब देख लेगी तो मुझे मार डालेगी,,,,


तुम भी मनीषा खामखा डरती हो तुम ही जरा दिमाग से सोचो अगर ऐसा हो जाए कि सच में हम दोनों को संबंध बनाते हुए मौसी देख ले तो फिर क्या होगा थोड़ा गुस्सा करेंगे तुम्हें मारेंगी मुझे भगा देंगे लेकिन उन्हें इतना तो पता चल जाएगा ना कि हम दोनों के बीच क्या चल रहा है और हम दोनों जब चाहे तब संबंध बना सकते हैं मैं तुम्हारे घर पर भी आकर तुम्हारी कमरे में संबंध बन सकता हूं तुम्हारी गांड मार सकता हूं यह सब जानते हुए भी मौसी कुछ नहीं कर पाएगी,,,,।

(संजू की बात सुनकर मनीषा को गुस्सा तो आ रहा था लेकिन कुछ देर तक वह सोचने के बाद बोली,,,)

तुम्हारा सपना सपना ही रह जाएगा ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है,,,,


क्यों नहीं हो सकता मनीषा जरा तुम दिमाग से सोचो अगर ऐसा हो गया तो फिर कितना मजा आएगा किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है जैसा कि कल तुम्हारे मन की नहीं हो पाई वैसा बिलकुल भी नहीं होगा,,,(संजू किसी भी तरह से मनीषा को मनाना चाहता था वह मनीषा को मना कर दोनों मां बेटी के बीच की दूरी को खत्म कर देना चाहता था जैसा की साधना ने उसके और उसकी मां के बीच अपनी नजरिया में सारी दूरी खत्म कर दी थी संजू को इसका फायदा भी था अगर दोनों मां बेटी को एक दूसरे के बारे में पता चल जाता तो वह दोनों मां बेटी की एक साथ चुदाई करके आनंद लूट सकता था इसीलिए वह किसी भी तरह से मनीषा को मनाने का प्रयास कर रहा था,,,,)


नहीं नहीं मुझे तो सोच कर ही डर लगता है मैं और तुम एक साथ संबंध बनाते हुए अगर मां ने देख ली तो गजब हो जाएगा,,,,


कुछ गजब नहीं होगा मनीषा मैं जो कुछ भी कह रहा हूं उसके पीछे एक तर्क है और हकीकत भी तुम नहीं जानती कि मेरा दोस्त अपनी चाची के साथ संबंध बनाता है और तो और चाची की लड़की के साथ भी संबंध बनाया है और पता है यह सब कैसे हो गया,,,,


कैसे,,,?(मनीषा भी संजू की बात में दिलचस्पी लेते हुए बोली)

हुआ यू की मेरे दोस्त का संबंध उसकी चाची के साथ था,,, जोकि उसकी सगी चाची थी,,,, और उसकी भी जवान बेटी जैसा कि तुम,,, एक दिन शाम के समय जब उसकी मां खाना बना रही थी तभी मेरा दोस्त रसोई घर में गया और अपनी चाची को बाहों में जाकर उसकी साड़ी को कमर तक उठाकर उसकी चुदाई करना शुरू कर दिया उसकी चाची जानती थी कि शाम के समय उसका भतीजा इस तरह की हरकत करता है इसलिए वह चड्डी नहीं पहनती थी और उसकी किस्मत पहले तो खराब का लो क्योंकि इस समय उसकी बेटी ने सब कुछ अपनी आंखों से देख ली थी और हंगामा खड़ा कर दी थी हालांकि इस बात का पता परिवार के किसी सदस्य को नहीं चल पाया था और उसकी खुशकिस्मती कह लो कि उसके भतीजे ने अपनी सूझबूझ से उसकी लड़की को भी मना लिया उसकी चाची को तो मानना ही था क्योंकि अगर वह नहीं मानती तो उसकी बेटी अपने पापा को बता देती और फिर बदनामी हो जाती और इसी बदनामी के दर से उसकी मां भी खामोश रही और मेरा दोस्त अपनी ही चाचा की लड़की के साथ संबंध बना लिया और आज मेरा दोस्त एक साथ एक ही बिस्तर पर चाचा और उसकी लड़की दोनों की जमकर चुदाई करता है और दोनों खुश भी हैं,,,,।

(इस बात को सुनकर मनीषा की सांस ऊपर नीचे होने लगी लेकिन फिर वह बोली)

लेकिन तुम्हें कैसे मालूम,,,,?


मेरे दोस्त ने बताया और वह मेरा बहुत ही जिगरी और खास दोस्त है ,,, और वह मेरे से कुछ भी नहीं छुपा था उसने एक-एक शब्द मुझे बताया था और इसका सुबोध भी मुझे अपने घर ले जाकर दिया था और चोरी छुपे मुझे यह भी दिखाया था कि वह किस तरह से दोनों के साथ संबंध बनाता है कसम से यह देखकर तो मेरी हालत खराब हो गई थी,,,,, मेरा दोस्त एक ही बिस्तर पर मां बेटी दोनों को नंगी करके बारी-बारी से ले रहा था ,,, सच में वह दृश्य बहुत ही गरम था,,,।
(संजू अपनी बनी बनाई बात से मनीषा को लाइन पर लाना चाहता था अपना उल्लू सीधा करना चाहता था मनीषा भी उसकी बात सुनकर पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी लेकिन फिर थोड़ी देर बाद बोली)


नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता तुम्हारे दोस्त की चाची थी जिसको चुदवाते हुए उसकी बेटी ने देखी थी लेकिन यहां तो मैं हूं अगर मेरी मां देख लेगी तो जान ले लेगी,,,,
(मनीषा की बात सुनकर संजू को ऐसा एहसास हो रहा था कि वह भी अपने मन में यही चाह रही थी कि उसकी भी जिंदगी उसके दोस्त की चाची और उसकी बेटी की तरह हो जाए लेकिन अंदर ही अंदर डर रही थी और उसके इसी डर को दूर करने के लिए कुछ सोचने के बाद संजू बोला,,,)

तुम पागल हो मनीषा मौसी यह सब देखकर तुम्हारी जान नहीं लेंगी बल्कि गर्म हो जाएंगी,,,,


क्या बकवास कर रहे हो,,,, मेरी मां बहुत ही सख्त है,,,,


लेकिन तुम्हारी मां मेरी मौसी भी है तुम अपनी मां के बारे में बहुत कुछ जानती होगी लेकिन कुछ बातें तुम भी नहीं जानतीं,,,,


मैं कुछ समझी नहीं तुम क्या कहना चाह रहे हो,,,,


तुम्हें विश्वास नहीं होगा लेकिन मनीषा जो कुछ भी मैं तुम्हें बताने जा रहा हूं वह एकदम सच है मैं एक दिन तुम्हारे घर गया था दोपहर में रजा के दिन मुझे लगा कि तुम घर पर होगी,,,, घर पर पहुंचा तो दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था मैं बिना कुछ बोले घर में प्रवेश कर गया लेकिन कोई दिखाई नहीं दे रहा था तो मैं अंदर की तरफ बढ़ गया और मैं जैसे ही किचन की तरफ आगे बढ़ा अंदर से अजीब अजीब सी आवाज आने लगी मैं एकदम से घबरा गया और वही दीवार से सेट कर खड़ा हो गया और चोरी से अंदर की तरफ देखा तो अंदर का नजारा देखकर मेरा होश उड़ गया,,,,।

(संजू की बात सुनकर मनीष कभी दिल जोरो से धड़कने लगा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि संजू क्या बोलने वाला है लेकिन इतना तो समझ में आई गया था कि जो कुछ भी वह बताने जा रहा है वह शम नाक है,,,, इसलिए वह दबे श्वर में बोली,,,)

कैसा नजारा,,,?


मनीषा कसम से बना चेहरा देखकर तो मैं झूठ नहीं बोलूंगा मेरा तो उस समय पूरा लंड खड़ा हो गया था,,,

लेकिन बताओगे क्या देख लिए थे,,,!(मनीषा भी काफी उत्सुक नजर आ रही थी संजू से सुनने के लिए कि आखिरकार उसने क्या देख लिया था संजू तो बनी बनाई बात बता रहा था ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था लेकिन यह सब कुछ नाटक वह मनीषा को राजी करने के लिए बता रहा था वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

मनीषा मैंने देखा कि तुम्हारी मां किचन की दीवार से सेट कर खड़ी थी और उनकी साड़ी कमर तक उठी हुई थी और उनकी चड्डी उनके घुटनों में फंसी हुई थी वह अपनी दोनों टांगों को खोलकर हाथ में मोटी सी ककड़ी लेकर अपनी चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी,,,, वह इतनी ज्यादा मदहोश हो गई थी कि उनकी आंखें बंद थी मैं कुछ देर खड़ा होकर उसे गरमा गरम नजारे को देखता रह गया कसम से उसे समय मेरा मन बहुत कर रहा था की रसोई घर में चला जाऊं और उसे ककड़ी की जगह मौसी की चूत में अपना लंड डाल दुं,,,,


क्या कह रहे हो संजू,,,(एकदम आश्चर्य से हैरान होते हुए मनीष बोली)

मैं एकदम सच कह रहा हूं मनीषा मैं यह सब बताना नहीं चाहता था लेकिन कल रात जो कुछ भी हुआ उसे देखने के बाद मेरे मन में यही ख्याल आया कि अगर इसमें मौसी भी शामिल हो जाती या उन्हें सब कुछ पता चल जाता तो शायद कल रात को तुम प्यासी ना रह जाती,,,,


मम्मी ऐसा कर सकती है मैं कभी सोच भी नहीं सकती,,,,


कसम से मनीषा उसे दिन तो वह सब देख कर मैं अपना इरादा बना लिया था कि किचन में जाकर मौसी की चुदाई कर दो और उसे समय सच कहूं तो मौसी मन भी जाती क्योंकि वह पूरी तरह से चुदवासी थी बस उन्हें सिर्फ मेरा लंड दिखाने की दे रही थी वह मेरे लंड के लिए अपनी टांग खोल देती,,,,


नहीं नहीं संजू ऐसा नहीं हो सकता मम्मी ऐसा नहीं कर सकती,,,,


क्यों नहीं हो सकता मनीषा एक औरत होते हुए भी तुम औरतों के मन को नहीं समझ पा रही हो आखिरकार मौसी बुढी नहीं हो गई है अभी भी उनके बदन में जवानी बरकरार है उनका बदन कितना कसा हुआ है जानती हो,,, मैंने देखा था उसे दिन मोती-मोती चिकनी जांघें केले के तने की तरह एकदम मजबूत,,, और उनकी चूत एकदम चिकनी गुलाबी देखकर ही मेरे मुंह में पानी आ गया था तुम जरा सोचो जब मौसी कोई हालत में देख कर एक जवान लड़के का लंड खड़ा हो सकता है तो क्या तुम्हें मौसी बुढी लगती है,,,


लेकिन यह कैसे हो सकता है,,,, मैं मम्मी के बारे में कभी इस तरह से सोच भी नहीं सकती थी,,,(मनीषा हैरान होते हुए बोली)

तुम पागल हो मनीषा एक औरत होते हुए भी औरत को नहीं समझ पा रही हो आखिरकार मौसी भी जवान है उनके भी अरमान है उनके भी बदन की कुछ ज़रूरतें हैं और मौसा जी को देखकर मुझे नहीं लगता की मौसी की जरूरत को मौसा जी पूरा कर सकते हैं होंगे और जरा इतना तो सोचो मौसी संस्कारी भी हैं भले ही उसे दिन अपने हाथों से अपनी प्यास बुझाने की कोशिश कर रही थी वह चाहती तो बाहर भी किसी दूसरे के साथ संबंध बना सकती थी और उनके एक ईशारे पर उनके साथ चुदाई करने के लिए बहुत से लड़के तैयार हो सकते थे,,,, क्या तुम्हें नहीं लगता की मौसा जी मौसी की इच्छा को पूरी नहीं कर पाते होंगे देखते नहीं हो दिन भर तो बैठे रहते हैं और तुम तभी कितनी बाहर निकली हुई है मुझे नहीं लगता की मौसा जी का खड़ा भी होता होगा,,,


संजू,,,,(संजू की बात सुनकर थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए मनीष बोली)


मैं तो कहता हूं मनीषा इस खेल में मौसी को भी शामिल कर लेते हैं बहुत मजा आएगा उनकी भी इच्छा पूरी हो जाएगी और तुम्हारी भी झिझक खत्म हो जाएगी और जब चाहे तब अपने दोनों चुदाई का मजा लूट सकते हैं,,,,,(संजू की बात सुनकर मनीषा तिरछी नजर से उसकी तरफ देख रही थी वह थोड़ा गुस्सा भी कर रही थी और उसे गुस्से में देख कर संजू बोला) तुम समझ नहीं पा रही हो मनीषा तुम इस तरह से अपनी मम्मी की मदद कर सकोगी वरना किसी दिन अगर जवानी का तूफान उनके दिमाग से बाहर हो गया तो बाहर जाकर संबंध बना लेंगे और फिर ऐसे में बदनामी होने का भी डर रहेगा सब कुछ तुम्हारे हाथ में है अगर तुम चाहो तो सब कुछ हो सकता है,,,,

(संजू की बात सुनकर मनीषा भी मन ही मन तैयार होने लगी थी वह भी अपनी मां के बारे में सुनकर अपनी मां के प्रति थोड़ा सा नरम हो गई थी एक औरत होने के नाते उसे भी इस बात का अंदाजा था कि एक औरत के मन में कैसी प्रतिक्रिया होती है जब उसकी प्यास नहीं बुझ पाती जैसा कि कल रात उसके साथ हुआ था,,, कुछ देर तक सोचने के बाद वह धीरे से बोली,,,)


लेकिन यह सब होगा कैसे,,,!(मनीषा के चेहरे पर आशा की किरण साफ नजर आ रही थी लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी कि अगर यह सब होगा तो होगा कैसे संजू मनीषा के इस प्रश्न पर मन ही मन प्रसन्न होने लगा क्योंकि वह अपनी चालाकी से मनीषा को लाइन पर ला चुका था और वह बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो सब कुछ मैं सही कर दूंगा,,,, बस इस रविवार को छुट्टी के दिन देखना सब कुछ सही हो जाएगा,,


लेकिन अगर मम्मी तुम्हारी हरकत से गुस्सा हो गई तो गजब भी हो जाएगा,,,


ऐसा कुछ भी नहीं होगा मनीषा,,, मौसी की उसे दिन की चाहत और प्यास देखकर मुझे पूरा यकीन है कि मेरे लंड को देखकर मौसी की चूत पानी छोड़ देगी,,,

(संजू की बात सुनकर शर्म के मारे मनीषा का चेहरा लाल हो गया और होता भी क्यों नहीं क्योंकि वह उसकी मम्मी के बारे में ही बात कर रहा था फिर दोनों फुटकर वहां से चले गए)
बहुत ही गरमागरम कामुक और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
संजू मनिषा की गरमी शांत न होने कारण चिडचिडे पण फायदा उठा कर अपना जाल फेक दिया की साधना को अपनी और मनिषा की चुदाई दिखा देना
इसके लिए संजू ने मनिषा को तरह तरह की मनगढंत बाते बताकर लगबग तयार कर ही लिया
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rohnny4545

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बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है संजू ने क्या प्लान बनाया है मनीषा संजू के प्लान के बारे में सोचते सोचते गरम हो गई और ककड़ी से अपनी प्यास बुझाई वही आराधना के पीरियड होने के कारण उसे संजू के लन्ड को मुंह मे लेकर उसको शांत करना पड़ा अब आराधना के 4-5 दिन की प्यास दमदार चुदाई से भूझेगी

Dhanyawad dost
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है संजू ने क्या प्लान बनाया है मनीषा संजू के प्लान के बारे में सोचते सोचते गरम हो गई और ककड़ी से अपनी प्यास बुझाई वही आराधना के पीरियड होने के कारण उसे संजू के लन्ड को मुंह मे लेकर उसको शांत करना पड़ा अब आराधना के 4-5 दिन की प्यास दमदार चुदाई से भूझेगी

 

rohnny4545

Well-Known Member
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बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है संजू अपने प्लान के अनुसार काम कर रहा है देखते हैं आगे क्या होता है

 
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