बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गयालंबे इंतजार के बाद आखिरकार रविवार का दिन आ ही गया था लंबे इंतजार का दिन इसलिए क्योंकि इस बीच मनीषा ने अपने फैसले पर बहुत ही सोच विचार की थी उसे अपने फैसले के बारे में सोने का काफी समय मिल गया था वह अपने फैसले के गलत असर के बारे में काफी सोच विचार की थी और उसे ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं हुआ था कि उसके फैसले से कुछ भी गलत होगा,,, उसे अपने फैसले की परिणाम का असर बहुत ही सुखद नजर आ रहा था इसलिए तो वह बहुत उत्सुक थी रविवार के दिन के लिए,,,।
संजू भी घर से तैयार होकर निकला था क्योंकि आज उसके लिए भी फैसले की खड़ी थी आज वह चुदाई के अद्भुत खेल में मां बेटी दोनों को शामिल करना चाहता था जैसा कि वह खुद भी घर में ही इसी तरह का माहौल खड़ा कर दिया था घर में भी उसने बड़ी चालाकी से अपनी मां को चोदने के साथ-साथ अपनी बहन को भी शामिल कर लिया था और उसका मजा आज तक लुटता आ रहा था,,, रविवार का दिन था इसलिए कोई काम तो था ही नहीं वैसे तो संजू के लिए रविवार का दिन बहुत खास होता है जब वह घर पर होता है अपनी मां के साथ वह दिन भर अपनी मां के साथ चुदाई का अद्भुत मजा लुटता रहता है रविवार का दिन खास संजू के लिए इसलिए होता था क्योंकि रविवार के दिन संजू और उसकी मां अकेले ही घर पर होते थे और संजू इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठाता हुआ ना तो अपनी मां को कपड़े पहन दे देता था और नहीं खुद कपड़े पहना था जब तक मोहिनी घर पर नहीं आ जाती थी तब तक मां बेटी दोनों नग्न अवस्था में ही घर में रहते थे और एक दूसरे के अंगों से खेलते हुए चुदाई का सुख भोगते थे वैसे तो मोहिनी के उपस्थिति में कोई ज्यादा दिक्कत पेश नहीं आती थी लेकिन फिर भी संजू का मानना था कि एक दिन उसके लिए खास होना चाहिए,,,,।
वैसे तो आज भी रविवार था लेकिन आज उसकी मां की पीरियड का आखिरी दिन था इसलिए घर पर लेकर भी वह कुछ कर नहीं सकता था इसलिए तो वह रविवार का दिन तय किया था क्योंकि उसे मालूम था कि रविवार के दिन तक उसकी मां का पीरियड शुरू रहेगा,,, मोहिनी ट्यूशन के लिए निकल चुकी थी और आज रविवार होने की वजह से वह अपनी सहेलियों से भी मिलती थी जिसकी वजह से शाम हो जाती थी घर से निकलने से पहले संजू अपनी मां को अपनी बाहों में भरकर उसके लाल लाल होटों का रसपान और उसके खरबूजे जैसी चुचियों का स्तन मर्दन करके घर से बाहर निकला था,,,,,।
रविवार से 1 दिन पहले ही संजू ने मनीषा को सब कुछ समझा दिया था कि उसे क्या करना है इसीलिए कोई दिक्कत पेश आने वाली नहीं थी और वैसे भी रविवार के दिन उसके मौसा भी घर से बाहर ही रहते हैं अपने दोस्तों के साथ गप्पे लगाने के लिए ऐसे में उसकी मौसी घर में सारा दिन अकेली ही रहती थी,,,, मनीषा कुछ देर तक पढ़ाई की तैयारी करके जब देखे की घड़ी में 12:00 बजने वाले हैं तो वह अपने कमरे से बाहर आई और ड्राइंग रूम में बैठी टीवी देख रही अपनी मां से बोली,,,।
मम्मी मैं अपनी सहेलियों के साथ मूवी देखने जा रही हूं आने में देर हो जाएगी,,,,
ठीक है लेकिन खाना तो खा ले,,,
मैं खाना खा चुकी हूं मम्मी,,,(टेबल पर पड़े अपने पर्स को उठाकर कंधे पर लटकाते हुए वह बोली,,,)
ठीक है जा लेकिन जल्दी आ जाना,,,(मनीषा की तरफ देखे बिना ही वह टीवी में पूरा ध्यान लगाए हुए बोली)
मैं जल्दी आ जाऊंगी मम्मी,,,,(और इतना कहने के साथ वाला जाने लगी लेकिन अपनी मां की तरफ बड़े गौर से देखकर वह कुछ देर रुकी रह गई और अपने मन में सोचने लगी कि थोड़ी ही देर में संजू उसके घर पर आ जाएगा,,, और वह क्या करेगा उसके बारे में सोच कर मनीष कुछ ज्यादा ही उत्सुक थी क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि संजू अपनी मौसी को चोदने के लिए कैसे मनाएगा और अगर उसकी मम्मी मान गई तो ठीक अगर नहीं मानी तो फिर कैसा बर्ताव करेगी संजू के साथ कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन इतना तो विश्वास था कि संजू अपने तरीके से जरूर उसकी मम्मी को बिस्तर पर जाने के लिए मना लेगा क्योंकि वह खुद इस तरह की लड़की नहीं थी लेकिन संजू की संगत में आकर वह पूरी तरह से उसकी दीवानी हो गई थी और यही विश्वास उसके मन में था कि संजू सब कुछ ठीक कर देगा और फिर मुस्कुराते हुए कमरे से बाहर निकल गई,,,,, वह अपनी स्कूटी को स्टार्ट करके मुख्य सड़क पर आकर कुछ दूरी पर गई जहां पर संजू पहले से ही खड़ा था,,,, मनीषा संजू के पास पहुंचकर बोली,,,)
तुम सब कुछ संभाल लेना सब कुछ तुम्हारे पर ही है,,,अगर कुछ भी गड़बड़ हुई तो सब तुम्हारी जिम्मेदारी,,,,
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मनीषा मैं सबको संभाल लूंगा मुझ पर भरोसा रखो,,,(संजू का आत्मविश्वास देखकर मनीषा की आंखों में चमक नजर आ रही थी,, और संजू को विश्वास इसलिए था कि वह पहले से ही मनीषा की मां की चुदाई करता रहा था इसीलिए उसका बना बनाया नाटक कामयाब होने वाला था,,,)
तुम पर भरोसा है तभी तो तुम्हारी बात मान गई वरना तुम्हारे मुंह पर थप्पड़ लगा देती,,,(मुस्कुराते हुए मनीषा बोली,,)
गाल हाजिर है,,,,(प्रेमी की अदा दिखाते हुए संजू अपना गाल मनीषा के सामने पेश कर दिया और मनीष भी मुस्कुरा कर प्यार से उसके गाल पर हल्की सी चपत लगा दी,,, और फिर दोनों मुस्कुराने लगे,,,, कुछ देर बाद मनीषा बोली,,,)
कभी-कभी मुझे अपने फैसले पर शर्मिंदगी महसूस होती है कि मैं यह क्या कर रही हूं जो कुछ भी कर रही हूं यह सही है या गलत,,,,
मैं जानता हूं हमेशा तुम्हारा यह फैसला तुम्हें बार-बार ऐसा लगेगा कि तुमने गलत फैसला ले ली है लेकिन इसका अंजाम देखना कितना सुखद होता है तुम्हें भी मजा आएगा और मौसी को भी और एक तरह से तुम अपनी मम्मी की मदद कर रही हो क्योंकि मैं ही जानता हूं कि जिस हालत में मैं मौसी को देखा था,,, निश्चित तौर पर अपनी प्यास बुझाने के लिए मौसी किसी गैर मर्द का सहारा ले लेती और तुम्हारा यह फैसला मौसी को गलत राह पर ले जाने से बचा लेगा,,,,
मैं उम्मीद करती हूं कि ऐसा ही हो लेकिन कामयाब हो जाना कहीं ऐसा ना हो जाए कि लेने के देने पड जाए,,,
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो लेने के देने नहीं बस देने देने पड़ेंगे और हां जल्दी मत आ जाना 1 घंटे बाद ही आना अगर जल्दी आ गई तो ऐसा ना हो कि काम शुरू भी ना हो और तुम आ जाओ तो फिर मौसी का मन बदल जाए,,,।
ठीक है मैं एक घंटा नहीं बल्कि सवा घंटे बाद आऊंगी,,,, गुड लक,,,,(इतना कहने के साथ ही मनीषा अपनी स्कूटी लेकर आगे बढ़ गई और संजू पैदल ही चलता हुआ अपनी मौसी के घर की तरफ निकल गया उसके दिल में अरमान मचल रहे थे अपनी मौसी को छोड़ने के लिए नहीं बल्कि मां बेटी दोनों को एक साथ एक ही बिस्तर पर नंगी करके चोदने के लिए,,,,, क्योंकि वह जानता था कि दोनों एक से बढ़कर एक माल है एक ही गांड बड़ी-बड़ी है तो दूसरी की गांड एकदम तरबूज जैसी गोल-गोल जिसे हाथ में पकड़ कर चोदने में मजा आता है तो एक को अपने लंड पर उछालने में मजा आता है,,, एक की चूत में रगड़ रगड़ कर अंदर बाहर होता है तो दूसरी चूत में बच्चेदानी तक मदहोश कर देता है,,,, मौसी मुंह में एकदम गले तक लेती है और बेटी सुपाडे को अच्छी तरह से चाटती है,,,, यही सब सोता हुआ संजू अपनी मौसी के घर की ओर चला जा रहा था उसे पूरा उम्मीद था कि आज वह अपने फैसले पर कामयाब हो जाएगा क्योंकि वह खंडहर में अपनी मां का उदाहरण देकर ही चुका था जिसमें मौसी ने ही पहल करते हुए उसकी मां को भी शामिल कर ली थी वैसे तो वह अपनी मां के साथ पहले से चुदाई करता रहा था लेकिन उसकी मौसी की नजर में हो पहली बार था और अपनी मौसी की चाहत को देखकर उसे पूरा यकीन था कि इस खेल में उसकी बेटी भी जल्द ही शामिल हो जाएगी,,,,।
देखते ही देखते संजू अपनी मौसी के घर तक पहुंच गया और दरवाजे पर पहुंच कर बेल बजाने लगा,,,।
अंदर ड्राइंग रूम में अभी भी साधना टीवी देख रही थी और बैल की आवाज सुनते ही वह अपने मन में ही बोली की इस समय कौन आ गया,,,, और अपने आप से ही बात करते हुए वह सोफे पर से उठकर खड़ी हो गई अपनी साड़ी के पल्लू को ठीक करके वह धीरे-धीरे दरवाजे की तरफ जाने लगी संजू जो कि अभी तक बेल बज रहा था अब दरवाजे पर दस्तक देने लगा तो साधना अंदर से ही बोल पड़ी,,,)
अरे आ रही हूं थोड़ा तो सब्र करो,,,,(और इतना कहने के साथ ही वह दरवाजे पर पहुंचकर दरवाजे को खोल दी और दरवाजे पर संजू को खड़ा देखकर उसके चेहरे पर फिर से प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे वह एकदम से खुश होते हुए बोली,,,)
संजू तु,,,,
हां,,,,,, क्यों कोई और आने वाला था क्या,,,!(इतना कहते हुए दरवाजे पर ही खड़े होकर संजू मुस्कुराने लगा तो साधना बोल पड़ी,,,)
अरे तेरे सिवा यहां कौन आने वाला है और आज तो बहुत ही अच्छे समय पर आया है मनीषा बाहर गई है,,,,
मुझे मालूम है,,,
तुझे मालूम है,,,,(साधना आश्चर्य जताते हुए बोली तो संजू अपने शब्दों को सुधारते हुए बोला)
मेरा मतलब है कि कल कोचिंग में ही मनीषा दीदी ने मुझे बता दी थी कि वह कल पिक्चर देखने जाने वाली है 12:00 बजे और यह सुनकर दो मौसी तुम सोच भी नहीं सकती कि मुझे कितनी खुशी हुई होगी इसीलिए तो मैं आज समय पर तुम्हारे घर आ गया हूं मैं सामने ही खड़े होकर मनीषा के घर से निकलने का इंतजार कर रहा था,,,)
बहुत चालाक हो गया है तू,,,(हल्के से छाती पर मुक्का मारते हुए साधना बोली और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)
अरे अंदर तो आजा की दरवाजे पर खड़े-खड़े ही बात करेगा,,,,
तुम ही मुझे बुला नहीं रही हो तो क्या करूं,,,,
अरे बेवकूफ सिर्फ मुंह से तुझे अंदर आने के लिए नहीं बोली हूं बाकी मेरे बदन का कोना-कोना तुझे आमंत्रित कर रहा है अंदर आने के लिए तुझे पता नहीं है कि तेरी याद में मेरी दोनों टांगों के बीच कैसी हालत होती है मैं पागल हो जाती हूं तेरे बिना मेरी चूत तो दिन-रात तेरे गम में आंसू बहाते रहती है,,,,(अपनी मौसी की बातें सुनकर संजू धीरे से घर में प्रवेश करता हुआ और मुस्कुराते हुए बोला)
चलो कोई बात नहीं मौसी आज हम दोनों के पास बहुत समय है आज तुम्हारी चूत का गम मिटा दूंगा आज तुम्हारी ऐसी चुदाई करूंगा कि लंगड़ा कर चलोगी,,,,
लगता है तुझे अपने लंड पर कुछ ज्यादा ही घमंड है,,,,।
क्यों ना हो मेरी रानी,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मौसी का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया,,, संजू की हरकत से साधना एकदम मदहोश हो गई वह पूरी तरह से पागल हो गई क्योंकि संजू ने उम्र के इस पड़ाव पर भी उसे रानी नाम से संबोधन जो किया था वैसे तो चुदाई करते समय वह अपनी मौसी को रानी और न जाने कैसे-कैसे नाम लेकर उसे प्रोत्साहित करता ही रहता था,, वैसे भी चुदाई का वह पल औरत और मर्द के लिए बहुत खास होता है औरत कुछ ज्यादा ही मदहोश हो जाती है और मर्द कुछ ज्यादा ही लाड और दुलार के साथ औरत की चूत में अपना लंड डालकर उसको खुश करने की कोशिश करते रहते हैं लेकिन इस समय वह उसके साथ संभोग रत नहीं था फिर भी उसे रानी कहकर संबोधन कर रहा था इसलिए साधना पूरी तरह से मदहोश हो गई थी और जिस तरह से उसने अपनी बाहों में पीछे से उसे भरा था ऐसे में उसके दोनों हाथ उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों पर थी और उसके पिछवाड़े पर संजू का मोटा तगड़ा लंड चुभ रहा था जिसकी वजह से उसकी मदहोशी सातवें आसमान पर पहुंच चुकी थी और वह कसमसा रही थी और कसमसाने के साथ-साथ अपनी बड़ी-बड़ी गांड को गोल-गोल घूमते हुए संजू के तंबू से रगड़ रही थी जिससे उसका आनंद और ज्यादा बढ़ता चला जा रहा था गहरी सांस लेते हुए साधना बोली,,,)
संजू अगर तू नहीं मिलता तो मेरा क्या होता तू इस उम्र में भी मुझसे इतना ज्यादा प्यार करता है,,,
तो क्या मौसी,,, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं कहो तो तुम्हारी चूत पर अपने लंड की स्याही से अपना नाम लिख दूं और अपने लंड पर तुम्हारी चूत के रस से तुम्हारा नाम लिख दूं,,,,।
(संजू की यह बात सुनकर साधना पूरी तरह से मस्त हो गई और मुस्कुराते हुए बोली,,,)
तेरा नाम तो मेरे दिल पर छप गया है अगर मैं 10 साल और छोटी होती तो तुझे लेकर भाग गई होती,,,
तो अभी चलो ना मौसी भाग चलते हैं कहीं दूर जहां हम दोनों को कोई नहीं जानता हो,,(चुची को जोर-जोर से दबाते हुए,,,) पहाड़ों में वही छोटा सा घर बना कर मैं और तुम रहेंगे और दिन रात चुदाई करेंगे,,,,
(संजू की बात सुनकर साधना जोर-जोर से हंसने लगी उसे संजू की बातें बहुत अच्छी लग रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह किसी फिल्म का डायलॉग बोल रहा हो,,, और उसी तरह से हंसते हुए बोली,,,)
तेरी बात सुनकर तो मैं सोच रही हूं कि शाम को ही ट्रेन पकड़ कर कहीं दूर भाग जाते हैं लेकिन अब ऐसा मुमकिन नहीं है ना,,,,
क्या मौसी थोड़ी हिम्मत दिखाओ और भाग चलते हैं,,,
भाग तो चलेंगे लेकिन मनीषा का क्या होगा तेरी मां का क्या होगा,,,, और वैसे भी भागने के बाद भी हम दोनों को चुदाई करना है और बिना भागे भी यहां पर चुदाई ही करना है तो फिर यहीं पर क्यों नहीं,,, अच्छा तो रुक मैं तेरे लिए काजू बादाम का दूध लेकर आती हुं ताकि तेरे लंड की ताकत और ज्यादा बढ़ जाए और तुम मेरी जमकर चुदाई कर सके बिना थके बिना हारे,,,
वह दूध रहने दो मौसी तुम अपना ही दूध पिला दो ताकत बढ़ जाएगी,,,,
धत् बदमाश,,,,(और इतना कहने के साथ ही साधना किचन की तरफ चली गई गांड मटकाते हुए संजू उसकी बड़ी-बड़ी गांड को ही देखकर अपने लंड को दबा रहा था दोनों के पास अभी बहुत समय था वह ऐसे समय पर चुदाई करना चाहता था ताकि उस समय पर मनीषा घर में आ सके ताकि वह अपनी आंखों से अपनी मां की काम,,लीला को देख सके और फिर इस काम लीला में खुद भी जुड़ सके,,,, संजू सोफे पर बैठने वाला था कि तभी उसे याद आया कि दरवाजा तो लोग हैं जिसे उसकी मौसी ने बंद कर दी थी और प्लान के मुताबिक,,,,,, दरवाजे को खुला रखना था इसलिए अपनी मौसी को किचन में व्यस्त देखकर वह धीरे से दरवाजे की तरफ गया और दरवाजे को हल्का सा खोलकर बस बंद कर दिया लॉक नहीं लगाया था ताकि मनीषा आराम से कमरे में दाखिल हो सके और फिर वापस आकर सोफे पर बैठ गया था खेल की शुरुआत हो चुकी थी खेल में बहुत मजा आने वाला था संजू को भी और उसकी मौसी को भी साथ में मनीषा को भी,,,)
संजू और मनिषा ने अपना प्लॅन कार्यान्वित कर दिया और उसके तहद रविवार होने के बाद भी मनिषा मुव्ही देखने का अपनी माँ साधना को कहके घर से निकलकर संजू से मिली और आगे के बारे में बोलकर निकल गयी
इधर संजू घर आ गया और अपनी मौसी साधना के साथ कामुक हरकतें करके उसे गरम करना चालू कर दिया साधना किचन में जाते ही दरवाजे को खोलकर हल्का सा टिका दिया मनिषा को दबे पाव घर में दाखिल होने के लिये
आगे देखते हैं ये खेल क्या करवट लेता हैं
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा