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Incest मजबूरी या जरूरत

VijayD

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Napster

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संजू का सुझाव थोड़ा अटपटा था लेकिन मनीषा को भा गया था,,,, कभी-कभी उसे अपने फैसले पर शर्मिंदगी का भी एहसास हो रहा था कि वह यह कौन सी शर्त मान ले रही है,,, जिसमें उसकी खुद की बदनामी हो सकती है संजू की नजर में भले ही संजू इस बात को दूसरों को ना बताएं लेकिन उसके मन में तो यही रहेगा ना कि खुद के बदन की प्यास बुझाने के लिए वह अपनी मम्मी को भी इस खेल में शामिल कर ली,,,, कभी-कभी मनीषा को अपने फैसले पर पछतावा होता था लेकिन अपनी फैसले के परिणाम के बारे में सोचकर उसके चेहरे पर प्रसन्नता और उत्तेजना के भाव साफ नजर आने लगते थे और यही होता है जब दिल और दिमाग पर वासना पूरी तरह से सवार हो जाए तो अच्छे बुरे की पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है,,, और यही मनीषा के साथ भी हो रहा था वह भूल गई थी कि वह किसी राह पर बढ़ रही है अपने फैसले का या सीधा-सीधा कह लो अपने षड्यंत्र का क्या परिणाम आ सकता है इस परिणाम के बारे में भी अच्छी तरह से जानती थी वह जानती थी कि इसके फल स्वरुप वह और उसकी मम्मी एक ही बिस्तर पर होगी और अपनी एकदम नंगी और उन दोनों की टांगों के बीच होगा संजू,,,।


जहां एक तरफ मनीषा को यह सब सो कर थोड़ा अजीब लग रहा था वहीं दूसरी तरफ वह इस तरह की कल्पना की दुनिया में इस कदर खो जाती थी कि मदहोशी पूरे बदन पर छा जाती थी वह अपने मन में सोचने लगती थी कि कितना मजा आएगा जब वह और उसकी मम्मी दोनों बिल्कुल निर्वस्त्र में बड़े से बिस्तर पर नंगी लेटी रहेगी और संजु अपना मोटा तगड़ा लंड अपने हाथ में लेकर हिलाते हुए दोनों की टांगों के बीच बारी-बारी से दोनों की गुलाबी चूत का भोसड़ा बनाएगा यह सब सोच कर ही मनीषा की चूत पानी फेंक रही थी,,,, अपनी हालत और आने वाले पल की उत्सुकता को देखते हुए उसे किसी भी तरह से अपना फैसला गलत नहीं लग रहा था,,। वह अपने फैसले पर बहुत खुश थी,,,।

वहीं दूसरी तरफ संजू भी सातवें आसमान पर था क्यूंकि मनीषा ने उसके प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर ली थी वैसे अगर वह उसके प्रस्ताव को स्वीकार न भी करती तो उसे कोई ज्यादा दिक्कत होने वाली नहीं थी क्योंकि वह समय-समय पर मनीषा की मां और मनीषा दोनों की चुदाई करता रहा था बस एक ही बिस्तर पर मां बेटी दोनों के साथ मजा लेना चाहता था इसलिए संजू ने इस प्रस्ताव को मनीषा के सामने रखा था और वह सफल भी हो चुका था,,,, मनीषा के फैसले पर संजू मन ही मन यह सोच रहा था कि चुदाई चीज ही ऐसी होती है कि अच्छे-अच्छे संस्कारी औरतें को धराशाई कर देती है और अगर ऐसा ना होता तो शायद मनीषा उसके प्रस्ताव पर उसके गाल पर तमाचा मार दी होती क्योंकि उसके प्रस्ताव में एक ही बिस्तर पर उसकी मां को शामिल करने की बात थी,,,,, लेकिन संजू जानता था कि ऐसा बिल्कुल भी होने वाला नहीं है उसके प्रस्ताव को स्वीकार करना ही था इसलिए तो वह इतनी बड़ी हिम्मत कर गया था,,,,

बड़ी बेसब्री से मनीषा को रविवार का इंतजार था क्योंकि संजू ने रविवार तक का ही मोहलत दिया था मनीषा को मनीषा को पूरी उम्मीद थी कि संजू रविवार तक सबको सही कर देगा और ऐसा माहौल खड़ा कर देगा कि घर में भी वह खुलकर उसके साथ चुदाई का मजा लूट सकेगी,,,, संजू से मिलने से पहले मनीषा ऐसी बिल्कुल भी नहीं थी मनीषा एक सुधरी हुई और संस्कारी लड़की थी लेकिन संजू की संगत में उसके प्रभाव में जाकर वहां संजू के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर मजबूर हो गई और एक बार का यह सिलसिला शुरू हुआ तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था उसे चुदाई का नशा सा चढ़ गया था जब तक वह संजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत की गहराई में रगड़ हुआ महसूस नहीं करती थी तब तक उसे चैन नहीं आता था,,,, मनीषा अपने कमरे में बिस्तर पर लेटे-लेटे रविवार के बारे में ही सोच रही थी तभी उसे संजू की कहानी बात याद आई जब उसकी मां किचन के अंदर अपनी साड़ी कमर तक उठाए हुए अपनी दोनों टांगें फैला कर मोटी तगड़ी तगड़ी को अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी यह ख्याल आते ही मनीषा के बदन में सनसनी से दौड़ने लगी और उसे अपनी मां के तरफ का यह रवैया थोड़ा अजीब लगने लगा क्योंकि वह कभी भी अपनी मां के बारे में इस तरह से सोची नहीं थी कि उसकी मां भी इस उम्र में चुदाई के सुख के लिए तड़प रही है,,,, वह अपनी मां के रवैया पर थोड़ा गहन अध्ययन करने लगी और अपने पापा की शारीरिक क्षमता के बारे में भी सोचने लगी,,, और उसका परिणाम यही हुआ की उसे भी इस बात का एहसास होने लगा कि उसके पापा में इस उम्र में वाकई में इतनी क्षमता नहीं थी कि उसकी मां की जवानी की प्यास को बुझा सके क्योंकि उनका शरीर भी थोड़ा भारी हो चुका था और आगे से तोंद निकली हुई थी और ऐसे में वह खुद सहारा लेकर चलते थे तो भला कैसे उसकी मां की जवानी की प्यास को अपने मर्दाना अंग से बुझा सकने की काबिलियत रखते,,,, एक औरत होने के नाते उसे भी इस बात का एहसास होने लगा कि वाकई में उसकी मां को भी उसी चीज की जरूरत है जिसके लिए वह खुद तड़प रही है। ,,,,,,, एक औरत होने के नाते अपनी मां की तरफ नरम रवैया रखने लगी क्योंकि वह जानती थी की हर औरत को जैसे खाने की भूख लगती है वैसे ही अपने जिस्म की भी भूख लगती है और समय-समय पर उसकी जरूरत पूरी भी होनी चाहिए अगर वह घर में सुख नहीं प्राप्त कर पा रही है तो ऐसे हालात में उसका बाहर निकलना उसकी मजबूरी बन जाती है,,, और उसे संजू की कही बात भी अच्छी तरह से याद थी,,,की उसकी मां में अभी भी जवानी पूरी तरह से बर्क र है उसे देखकर किसी का भी लैंड खड़ा हो जाएगा जैसा की किचन के अंदर उसकी हरकत को देख कर संजू का खुद का लंड खड़ा हो गया था और वह उसे चोदने का मन बना लिया था,,, और संजू नहीं अभी कहा था कि उसकी मां के की सैर पर उसे चोदने के लिए लड़कों की लाइन लग जाएगी और इसमें हकीकत भी था,,, क्योंकि ज्यादातर लड़की इस तरह की औरतों को ही बिस्तर पर ज्यादा पसंद करते हैं,,, उन्हें उम्र से कोई वास्ता नहीं होता उन्हें वास्ता होता है तो उनकी बड़ी-बड़ी गांड और उनकी गुलाबी चूत से,,,।

मनीषा के मन में बहुत सारी बातें चल रही और उसे यह भी अच्छी तरह से मालूम था कि संजू के बताएं अनुसार अगर वह चाहता तो उसकी मां की चुदाई कर सकता था बस उसे अपना लंड दिखाने की जरूरत थी और वाकई में इस बात को मनीषा से भला अच्छा कौन जान सकता है कि संजू के पास उसकी दोनों टांगों के बीच कैसा गजब का हथियार है जिसे देखने के बाद औरत की चूत से अपने आप ही पानी छोड़ जाता है और वाकई में संजू की कहानी बात सच हो जाती है अगर संजू जरा सा हिम्मत दिखा कर किचन में अपना लंड हिलाते हुए प्रवेश कर जाता तो उसकी मां जरूर उसके लिए अपनी दोनों टांगें खोल देती और यह नहीं देखता कि वह उसकी सगी मौसी है,,,,।

मोटी तगड़ी ककड़ी के बारे में ख्याल आते ही उसके जेहन में पुरानी बातें याद आने लगी उसे याद आने लगा कि वाकई में उसके घर में हमेशा कुछ होना हो ककड़ी और बैगन जरूर होते थे,,,, और इस बात को सोचकर मनीषा को पक्का यकीन हो गया था कि संजू की कहानी बात एकदम सच है क्योंकि वह हमेशा से किचन में ककड़ी और बैगन देखते आ रही थी,,,, और किचन की हालत को देखकर ही संजू ने बनी बनाई बात कह दिया था जबकि इसका हकीकत से कोई वास्ता नहीं था मनीषा की मां ने कभी भी अपनी जवानी की आग बुझाने के लिए ककड़ी और बैगन का सहारा नहीं ली थी,,,,

रात के 9:00 बज रहे थे और यह सब सोने के बाद उत्तेजना के मारे मनीषा की चूत कचोरी की तरह फूल गई थी और उसे भी इस समय ककड़ी का इस्तेमाल करना ही बेहतर लगा क्योंकि संजू की गैर मौजूदगी में उसकी बहन के साथ वह इसी तरह से मजा लेती थी कमरे का लॉक भी ठीक हो गया था इसलिए वह धीरे से किचन में कहीं और फ्रिज में से मोटी तगड़ी का ककडी निकाल कर अपने कमरे में ले आई और फिर उसे पर अच्छे से सरसों का तेल लगाकर अपनी सलवार को निकाल कर अलग कर दी और अपनी पैंटी को बिना उतारे,,,, सिर्फ उसकी किनारी पड़कर दूसरी तरफ खींचकर अपनी चूत को एकदम से बाहर निकाल दी क्योंकि उसकी चूत कचोरी की तरह खुली हुई थी जिसकी वजह से उसकी पेंटिं का दूसरा हिस्सा उसके दूसरे छोर पर एकदम से टिक गया था,,,।

ककड़ी के मोटे वाले हिस्से को वह अपनी चूत पर लगाकर अपनी आंखों को बंद कर ली और कल्पना करने लगी कि जैसे उसकी दोनों टांगें खेल है संजू अपने मोटे तगड़े लंड को उसकी चूत में प्रवेश कर रहा है और वह धीरे-धीरे कपड़े को अपनी चूत के अंदर प्रवेश करना शुरू कर दी,,,, देखते ही देखते तेल से सनी हुई कड़ी चिकनाहट पाकर धीरे-धीरे मनीषा की चूत में प्रवेश करना शुरू कर दी अपने हाथ से मजा लेने का आनंद तब और ज्यादा बढ़ जाता है जब उसमें कल्पनाओं का तड़का लगा होता है और इस समय मनीषा के साथ भी यही हो रहा था क्योंकि वह कल्पना में संजू को महसूस कर रही थी संजू कल्पना में उसकी दोनों मोटी -मोटी जांघो को अपने हाथों से पकड़ कर उसे फैलाते हुए अपनी कमर हिलाकर उसकी चुदाई कर रहा था,,,।

इस तरह के कल्पना में रच कर मनीषा पूरी तरह से बावरी हो गई थी और बड़ी जोरों से उसे ककड़ी को अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी और देखते ही देखते उसके मदन रस का फवारा उसकी चूत से फूट पड़ा और वह झड़ने लगी,,,,।

दूसरी तरफ आराधना का महीना चल रहा था इसलिए उसके साथ चुदाई संभव बिल्कुल भी नहीं थी,,, आराधना खाना बना रही थी और मोहिनी सब्जी काट रही थी संजू रसोई घर में प्रवेश किया और अपनी मां को पीछे से बाहों में भरकर उसकी चूची को दबाना शुरू कर दिया,,,।

ऊममममम यह क्या कर रहा है,,,,?(आराधना इस तरह से बिना हिचकीचाहट अपनी बेटी की आंखों के सामने ही अपने बेटे की हरकत का आनंद लेते हुए रोटी पका रही थी,,)

तुमसे प्यार कर रहा हूं रानी,,,(संजू अपनी मां की गर्दन पर अपने होठों को रगड़ते हुए बोला,,, उसकी इस हरकत से आराधना के बदन में सुरसुरी से दौड़ने लगी खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में हलचल सी मचने लगी थी,,,,)

कह तो ऐसा रहा है कि जैसे कभी करता ही नहीं है,,,


करता तो रोज हो मेरी जान लेकिन क्या करूं जब भी तुमसे प्यार करता हूं तो ऐसा ही लगता है कि जैसे पहली बार कर रहा हूं इसलिए तो यह तडप बढ़ती जाती है,,,,।
(उनसे थोड़ी ही दूरी पर दरवाजे पर बैठकर सब्जी काट रही मोहिनी अपनी मां और अपने भाई की इस कमगीता को देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी और उसकी नजर अपने भाई के पेट पर थी जिसमें तंबू बढ़ता चला जा रहा था और यह देखकर मोहिनी बोली,,,)

भाई तेरा तो खड़ा हो रहा है लेकिन कर कुछ पाएगा नहीं मम्मी तुझे करने नहीं देगी,,,,


यही तो रोना है मोहिनी मम्मी को चोदने का बहुत मन कर रहा है लेकिन क्या करूं मम्मी का पीरियड चल रहा है,,,,(ऐसा कहते हुए संजू अपने पेट में बना तंबू अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर रगड़ रहा था जिसका एहसास आराधना को पागल बना रहा था उसका भी मन बहुत कर रहा था अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए लेकिन वह मजबूर थी,,,, इसलिए संजू की हरकत का मजा लेते हुए उसे सांत्वना देते हुए वह बोली,,,)

बस दो दिन और रह गए हैं उसके बाद खूब मजा कर लेना,,,


लेकिन अभी मेरा बहुत मन कर रहा है,,,,


मोहिनी है ना,,,,


मोहिनी की तो रात भर जम कर लूंगा लेकिन इस समय तो तुम्हारे से ही अपनी प्यास बुझाना है,,,,

तो फिर अपने लड़के को ऐसे ही गांड पर रगड रगड़ कर पानी निकाल दे,,,,।

(अपनी मां की बात सुनकर उसका जोश और ज्यादा बढ़ गया और वहां अपनी मां के कंधे को पकड़ कर उसे दोनों हाथों से घूमाकर उसकी खूबसूरत चेहरे को अपनी तरफ कर लिया और उसकी आंखों में देखते हुए बोला,,,)

ऐसे नहीं,,,(और इतना कहने के साथ ही अपने प्यास होठों को अपनी मां के लाल-लाल होठों पर रखकर उसके होठों का रसपान करते हुए उसे चुंबन करने लगा आराधना भी अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से पानी पानी में जा रही थी वह भी मदहोश हुए जा रही थी उसकी चूत में भी आग लगी हुई थी लेकिन वह अपने बेटे के लंड से समय अपनी चूत में नहीं ले सकती थी,,,,, संजू अपनी प्यास कैसे बुझाएगा उसे नहीं मालूम था और कुछ देर तक संजू अपनी मां के लाल-लाल होठों का रस पान करने के बाद उसके कंधों को पकड़ते हुए एक हाथ उसके सर पर रखकर और एक हाथ उसके कंधे पर रखकर उसे नीचे की तरफ ले जाने लगा आराधना को समझते देर नहीं लगी कि उसका बेटा क्या करवाना चाह रहा है लेकिन यह समय उसके भी बदन में मदहोशी पूरी तरह से अपना असर दिख रही थी और वह अपने बेटे की गुलाम बनी उसके इशारे पर नीचे अपने घुटनों पर जाकर बैठ गई,,,,, और अपनी मां को घुटनों पर बैठी हुई देखकर संजू गहरी सांस लेते हुए बोला,,,)

मेरी जान अब तु अच्छी तरह से जानती है तुझे क्या करना है,,,,।

(संजू प्यासी आंखों से अपनी मां की तरफ देखने लगा और मोहिनी भी अपनी मां को ही देख रही थी देखते-देखते आराधना अपना दोनों हाथ ऊपर की तरफ उठाकर अपने बेटे के पेट का बटन खोलने लगी और उसकी चैन खोलकर दोनों हाथों से उसकी पेंट और अंडरवियर दोनों को पकड़े हुए उसे नीचे घुटनों तक खींच दी अंडरवियर से बाहर निकलते ही उसका लंड हवा में लहराने लगा जिसे देखकर आराधना के मुंह में पानी आ गया और वह नापाक कर अपने बेटे के लंड को पकड़ ली उसके मोटे सुपाडे को अपने होठों पर रगड़ते हुए उसे धीरे से अपनी लाल-लाल होठों के बीच भर ली और से चूसना शुरू कर दी संजू पूरी तरह से मदहोश हो गया अपनी मां की ईस हरकत पर उसके बदन में सुरसुरी से दौड़ गई वह गहरी सांस लेते हुए अपना हाथ अपनी मां के सर पर रख दिया और धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलना शुरू कर दिया आराधना पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी,,,,, आराधना भी अपने बेटे के लंड को मुंह में नहीं बल्कि अपनी चूत में लेना चाहती थी लेकिन मजबूर थी पीरियड इसलिए वह भी मुंह में लेकर ही आनंद ले रही थी,,,,।

मोहिनी यह सब देखकर उत्तेजित हुए जा रही थी लेकिन वह वहीं बैठकर सब्जी काट रही थी और इस मदहोशी भरे नजारे का मजा लूट रही थी,,,, संजू पूरी तरह से उत्तेजना के शिखर पर विराजमान हो गया था और वह अपने दोनों हाथों से अपनी मां का सर पड़कर अपनी कमर को जोर-जोर से हिलता हुआ अपनी मां के लाल लाल होठों के बीच अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए उसके मुंह को ही चोद रहा था,,, और फिर देखते ही देखते यह कहे कि उसके बदन में अकड़न बढ़ने लगी और वह भर भरा कर अपनी मां के मुंह में ही झडना शुरू कर दिया और तब तक बाहर नहीं निकाला जब तक की उसके लंड से आखरी बूंद तक बाहर ना निकल गया,,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और मादकता से भरपूर अपडेट है भाई मजा आ गया
 

rohnny4545

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खेल की शुरुआत हो चुकी थी और इस खेल में बहुत मजा आने वाला था इस बात को संजू अच्छी तरह से जानता था,,, और अपने मन में साधना भी यही सोच रही थी की बहुत मजा आने वाला है लेकिन वह नहीं जानती थी कि वह खुद अपने ही बेटी और संजू के बिछाए जाल में फंसने वाली थी हालांकि इस तरह के जाल में फंसने के बावजूद भी उसका कुछ बिगड़ने वाला नहीं था बल्कि दुगुना मजा मिलने वाला था,,,,,
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साधना किचन में दूध का गिलास लेने गई थी जिसमें काजू और बादाम डालकर वह संजू को पिलाकर उसकी ताकत को बढ़ाना चाहती थी क्योंकि उसे मालूम था कि कुछ घंटे के जैसा जो उसके पास है और वह इस पल का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहती थी लेकिन अपनी मौसी को किचन में जाता देखकर संजू को कुछ याद आ गया था वह दरवाजा का लॉक खोलना भूल गया था,,,, अगर दरवाजा खुला नहीं छोड़ता तो उन लोगों का सारा प्लान फेल हो जाता और ऐसा संजू बिल्कुल भी नहीं चाहता था इसीलिए वह मौका देखकर दरवाजे का लॉक खोल दिया था ताकि मनीषा आराम से घर में प्रवेश कर सके,,,।

संजू को इस तरह से चोरी-छिपे अपनी मौसी की चुदाई करने में भी बहुत आनंद आता था इसीलिए तो अपनी मौसी से जरा सी छेड़छाड़ करने से ही उसका लंड अपनी औकात में आ जाता था और सामान्य तौर पर एक मर्द के लिए ऐसा होना स्वाभाविक ही था अगर वह जरा सी छेड़छाड़ या किसी के बारे में सोच कर भेजने का अनुभव करने लगे तो ही वह किसी भी औरत को संतुष्ट करने की क्षमता रखता है और अगर ऐसा नहीं है तो वह किसी भी औरत को वह सुख प्रदान नहीं कर सकता जैसा की औरत चाहती है,,,। साधना अपने मन में कोई अच्छा सा गीत गुनगुना रही थी और अपने मन में यही सोच रही थी कि अच्छा हुआ कि आज मनीषा अपनी सहेलियों के साथ फिल्म देखने चली गई आज उसे पूरा मौका मिला था संजू के साथ चुदाई का सुख भोगने के लिए,,,, और वह प्रसन्न होते हुए काजू और बादाम दोनों को हल्का सा कुटकर दूध के गिलास में मिल रही थी और थोड़ा सा केसर का टुकड़ा लेकर भी उसे दूध में डाल दी थी ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे उसकी याद सुहागरात हो और अपने पति के लिए वह दूध का गिलास तैयार कर रही थी,,, ऐसा नहीं था कि वह दूध के गिलास को इस तरह से पहली बार तैयार कर रही हो वह पहले भी इस तरह से दूध का गिलास तैयार कर चुकी थी लेकिन अपने पति के लिए क्योंकि जब तक वह संजू से नहीं मीली थी वह अपने पति के साथ पूरी कोशिश करती थी संभोग सुख प्राप्त करने के लिए और इसीलिए वह अपने पति को भी काजू बादाम और केसर वाला दूध देती थी ताकि उनके मर्दाना अंग में थोड़ी ताकत आ जाए लेकिन सब कुछ निष्फल रहता था,,,, और आज पहला मौका था जब वह संजू के लिए इस तरह का ताकतवर दूध तैयार कर रही थी वैसे तो संजू की ताकत उसके खुद के दूध को मुंह में लेकर ही बढ़ जाती थी लेकिन आज वह अपनी खुशी जाहिर करना चाहती थी,,,,।
Sanju or uski mausi

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संजू बाहर सोफे पर इंतजार कर रहा था और बार-बार अपनी मौसी के बारे में और मनीषा के बारे में सोच कर उत्तेजित हुआ जा रहा था इसलिए बार-बार पेट के ऊपर से ही अपने लंड को दबाने की कोशिश कर रहा था,,, वह अपनी मौसी को छोड़ने के लिए नहीं बल्कि मां बेटी दोनों को एक साथ चोदने के लिए उत्सुक था,,, वह अपने ही ख्यालों में खोया हुआ था कि तभी उसकी मौसी हाथ में दूध का गिलास लेकर मुस्कुराते हुए किचन से बाहर आई और ठीक संजू की आंखों के सामने खड़ी होकर थोड़ा सा चुप कर उसे दूध का गिलास थमने लगी तो उसकी भारी भरकम चूचियां एकदम से ब्लाउज फाड़ कर बाहर आने के लिए उतारू हो गई जिसे देखकर संजू की आंखों की चमक बढ गई और वह मुस्कुराता हुआ बोला ,,)

मैं तुमसे बोला था ना मौसी मुझे इस दूध की नहीं बल्कि तुम्हारा ब्लाउज में छुपे हुए दूध की जरूरत है,,,

धत् पागल पहले यह दूध पी ले बाद में तो उसे पीना ही है,,,,(ऐसा कहते हुए साधना अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसे दूध का गिलास थमाने लगी तो संजू बोला,,)

अपने हाथों से ही पिला दो मौसी तुम्हारे हाथों से बहुत अच्छा लगता है,,,


लेकिन मैं तो पहली बार तुझे दूध पिला रही हूं,,,
Sanju apni mausi ki chut chat ta hua

वह तो ग्लास से अपने हाथ से पिला रही हो इससे पहले भी तुम अपने हाथों में अपनी चूची पकड़ कर मेरे मुंह में डाल चुकी हो,,,।

धत् बदमाश तेरी बातें मुझे पागल कर देती है,,,, तेरी बातों को तो सुनकर मेरी चुत गीली हो गई,,,


उसका भी इलाज कर देंगे मौसी चिंता मत करो पहले मुझे दूध पिलाओ,,।
(इतना सुनते ही मुस्कुराते हुए साधना उसके बगल में बैठ गई और धीरे से गिलास को उसके होठों से लगाकर उसे दूध पिलाना शुरू कर दी एक अद्भुत आनंद का एहसास संजू के साथ-साथ साधना के बदन में भी दौड़ने लगा,,,, क्योंकि उसे दूध पिलाते हुए वह कुछ और सोच रही थी और मुस्कुरा रही थी उसे मुस्कुराता हुआ देखकर संजू इशारे से ही उससे पूछा कि क्या हुआ तो साधना मुस्कुराते हुए बोली,,,)

कुछ नहीं तुझे दूध पिलाते हुए मुझे कुछ याद आ रहा है,,,
Sadhna sanju ko khush karti huyi

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क्या याद आ रहा है,,,?

यही कि आज मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे मेरी सुहागरात है और मैं अपने पति के लिए काजू बादाम वाला दूध तैयार करके उन्हें पिला रही हुं,,,

सच मौसी में तुम्हारा पति लग रहा हूं,,,


सच कहूं तो इस समय हां,,, भले ही समाज के नजरिए से नहीं लेकिन बिस्तर पर जिस तरह से तेरा और मेरा संबंध है उसे देखते हुए इस समय तो मेरा पति ही है जो मुझे चोद कर मुझे पूरी तरह से संतुष्ट करता है,,,।

सच पूछो तो तुमने भी मुझे एक पत्नी की तरह ही सुख दि हो इसलिए मैं कह सकता हूं कि तुम इस समय मेरी पत्नी मेरी प्रेमिका सब कुछ हो अगर तुमने मुझे चोदना ना सिखाई होती तो,,, शायद मैं इस अद्भुत सुख से वंचित रह जाता मुझे कभी पता ही नहीं चलता कि एक औरत क्या होती है उसके साथ कैसा सुख प्राप्त होता है,,,,(दूध का आखिरी घूंट भरता हुआ संजू बोल और उस खाली ग्लास को साधना टेबल पर रखते हुए उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देख कर बोली,,,)

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है तो इतना हैंडसम है कि तुझे कोई ना कोई लड़की तो जरूर मिल जाती लेकिन उम्र कैसे पड़ाव पर मुझे तेरे जैसा जवान मर्दाना ताकत से भरा हुआ लड़का नहीं मिल पाता जो अपने लंड की ताकत से मेरी चूत का पानी नीचोड़ देता है,,,(इतना कहने के साथ ही साधना अपनी जवानी का जलवा दिखाते हुए अपने कंधे पर से साड़ी के पल्लू को पड़कर नीचे गिरा दी और उसकी भारी भरकम छतिया एकदम से उजागर हो गई जिसे देखकर संजू की आंखों में वासना की चमक साफ नजर आने लगी वह पागलों की तरह अपनी मौसी की मदमस्त कर देने वाली छातियो को देखने लगा,,,, और उसे बिल्कुल ग्रहण है कि अब अपने दोनों हाथों के बढ़कर ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मौसी की घर पहुंचे जैसी चूचियों को पकड़ लिया उसे जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया वह इतनी जोर से जोश में अपनी मौसी की चूची को दबाच रहा था कि उसकी मौसी को हल्का-हल्का दर्द महसूस हो रहा था लेकिन इस तरह के दर्द में भी औरत को अद्भुत आनंद की प्राप्ति होती है और इस दर्द के साथ-साथ आनंद की अद्भुत सिसकारी की आवाज भी साधना के मुंह से निकलना शुरू हो गई थी,,,,)
Sanju or uski mausi

सहहहह आहहहहह , संजु,,,,ऊमममममममम,,,, मेरे बच्चे तू तो मुझे पागल कर देगा,,,(मदहोशी में अपनी आंखों को बंद करके गहरी गहरी सांस लेते हुए साधना बोली अपनी मौसी की हालत को देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी,,, और वह अपनी मौसी के ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू कर दिया संजू भी अच्छी तरह से जानता था कि उसके पास पर्याप्त समय है इसलिए वह बिल्कुल भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता था क्योंकि वहां एक घंटे के बाद मनीषा को घर में प्रवेश करने का नहीं होता दिया था अगर वह जल्दबाजी में अपनी मौसी की चुदाई कर देता तो शायद मनीषा उन दोनों को रंगे हाथ ना पकड़ पाती इसीलिए संजू जानबूझकर पर्याप्त समय का पर्याप्त आनंद लेना चाहता था देखते ही देखते संजू अपनी उंगलियों का कमाल दिखाते हुए अपनी मौसी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया और ब्लाउज के दोनों पट को एक दूसरे से अलग करते हुए अपनी मौसी की लाल रंग की ब्रा जो की जालीदार थी उसे देखकर गहरी सांस लेते हुए अपनी मौसी से बोला,,,)

सहहहह,,,, मेरी रानी तुम्हारी चूचियों को देखकर कोई कह नहीं सकता की तुम एक जवान लड़की की मन हो कसम से तुम्हारी चुचियों का कसाव अभी भी पूरी तरह से बरकरार है,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू ब्रा के ऊपर से ही अपनी मौसी की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया साधना ने ब्रा भी छोटे कप वाला पहनी थी जिसे पहनने के बावजूद भी आदि से ज्यादा चूचियां बाहर को निकली हुई थी संजू रबड़ के गेंद की तरह अपने दोनों हाथों से अपनी मौसी की चूची दबा रहा था संजू पागलों की तरह अपनी मौसी की चूची पर पूरी तरह से जुट गया था उसकी मौसी भी मदहोश हो चुकी थी और सोफे पर अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ फैला कर अपनी छाती को थोड़ा सा और ऊपर उभार कर गहरी गहरी सांस ले रही थी,,,।

अपनी मौसी की इस अदा पर संजू पूरी तरह से मचल उठा और वह ब्रा खोल बिना ही अपने हथेली से अपनी मौसी की चूची पकड़ कर उसके दोनों कप में से भारी-भारी से उसके खरगोश जैसे चुचियों को बाहर निकाल लिया और फिर दोनों हाथ में लेकर जैसे किसी तराजू में तोड़ रहा हो उसे तरह से ऊपर नीचे करके मजा लेने लगा संजू की हर हरकत साधना के बदन में मदहोशी का नशा भर रही थी वह संजू की हर हरकत से तड़प रही थी,,,, देखते ही देखते संजू अपनी मौसी की चूची को अपने मुंह में भरकर पीना शुरू कर दिया वैसे भी उसे बाहर के दूध से ज्यादा ताकतवर अपनी मौसी का दूध लगता था वह पागलों की तरह बारी बारी से दोनों चुचियों का रस पीना शुरू कर दिया,,,, उत्तेजना के मारे मनीषा की चूची की निप्पल भी कैडबरी चॉकलेट की तरह एकदम तन गई थी जिसे पीने में संजू को और ज्यादा मजा आ रहा था,,,,।

उत्तेजना के मारे साधना की चूत पानी छोड़ रही थी उसकी चूत किसी तालाब की तरह नमकीन खारे पानी से भर चुकी थी जिसका रस चूत के कटोरी में से उबाल मार कर बाहर निकल रहा था,,,, और दूसरी तरफ अपनी मौसी की जवानी से खेलते हुए संजू का लंड रन के रोड की तरह एकदम से गर्म हो चुका था,,, वह इतना अत्यधिक उत्तेजित हो चुका था कि इसी समय वह अपनी मौसी की चूत में अपना लंड डालना चाहता था लेकिन वह इस तरह के मामले में एक औरत को सुख देने के मामले में काफी धैर्यवान था और इस समय भी वह अपना धैर्य दिखा रहा था,,,।

साधना की जवानी से भारी कम सिसकारियों की आवाज से पूरा ड्राइंग रूम गूंज रहा था लेकिन दरवाजा और खिड़कियां बंद होने की वजह से यह मादकता भरी आवाज कमरे से बाहर नहीं निकल पा रहे थे इसे सिर्फ संजू और खुद साधना सुन पा रही थी और इस तरह की मदहोशी भरी आवाज सुनकर संजू का जोश बढ़ता चला जा रहा था,, और अपने इसी जोश को दिखाते हुए संजू अपनी मौसी की गोरी गोरी चूचियों को टमाटर की तरह लाल कर दिया था वह पूरी तरह से पागल हो गया था और खुद साधना को भी पागल बना दिया था कुछ देर तक अपनी मौसी की चूचियों से खेलने के बाद संजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ उसकी चूचियों से अपने मुंह को अलग किया और फिर अपनी मौसी को प्यासी नजरों से देखते हुए अपने शर्ट को निकाल कर वहीं फेंक दिया और फिर अपनी मौसी का हाथ पकड़ कर उसे अपने बाहों में भर लिया और गले लगे हुए मुद्रा में वह अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाकर अपनी मौसी के ब्रा का हुक खोलने लगा,,,। इस मुद्रा में,,साधना की बड़ी बड़ी चूचियां संजु की चौड़ी छाती से रगड़ खा रही थी जिसकी वजह से साधना के बदन में,,, उत्तेजना का संचार बड़ी तेजी से हो रहा था,,,।
Sanju or sadhna

देखते ही देखते संजू,,, अपनी मौसी का ब्रा खोल दिया और उसे उतार कर सोफे पर ही रख दिया कमर के ऊपर उसकी मौसी पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और इस नंगेपन का आनंद है लेते हुए संजू उसे कस के अपनी बाहों में भर लिया दोनों की नंगी चाहती आपस में टकराकर एक अद्भुत उत्तेजना दोनों के बटन में भर दे रही थी,,,। संजू अपनी मौसी की पीठ को सहलाते हुए धीरे से बोला,,,


सच कहु तो मौसी,,,,, मेरा तो यहां से जाने का ही मन नहीं करता मन करता है दिन रात तुम्हारी बाहों में यूं ही तुमसे प्यार करता रहूं,,,

तो रोका किसने है,,,

मुझे डर लगता है,,, मनीषा दीदी से अगर कहीं उन्होंने देख लिया या उन्हें हम दोनों के बारे में पता चल गया तो क्या होगा,,,(संजू जानबूझकर इस दर को अपनी मौसी के सामने जाहिर किया था वह देखना चाहता था कि उसकी मौसी क्या कहती है उसके चेहरे के हाव-भाव कैसे बदलते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ उसके इस डर का जवाब मुस्कुराते हुए साधना बोली)

ऐसा कुछ भी नहीं होगा संजू,,,, मनीषा कोई इस बारे में कभी भी पता नहीं चलेगा,,,


लेकिन मौसी मुझे डर लगता है कहीं पता चल गया तो मेरा तो इस घर में आना जाना बंद हो जाएगा और तुम्हारा भी शायद घर से निकलना बंद हो जाए,,,

मैं उसकी मां हूं वह मेरी मां नहीं है,,, ( ऐसा कहते हुए साधना पेट के ऊपर से भी संजू के लंड को पकड़ कर दबाने लगी जिससे संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,)

लेकिन फिर भी ऐसा हो गया तो,,,,


ऐसा कुछ भी नहीं होगा अगर हो गया तो तब की तब देखेंगे,,,,,,(और इतना कहने के साथ है साधना अपने दोनों हाथों की उंगलियों का प्रयोग करते हुए संजू के पैंट की चैन खोलने लगी ऊपर का बटन खोल भी नहीं वह चैन को पूरी तरह से खोल दी,,,, संजू भी इस मुद्दे को यहीं पर ही खत्म कर दिया और अपनी मौसी के सुर में सुर मिलाता हुआ वह भी अपने मन में बोल सच कह रही है मौसी तब का तब देखा जाएगा,,,,)

बाप रे ऐसा लग रहा है कि तेरा तो इसमें से बाहर ही नहीं आएगा,,,(चैन खोलकर दोनों गलियों को उसमें डालकर संजू के लंड को बाहर निकालने की नाकाम कोशिश करते हुए साधना बोली,,,)

मेरा इतना छोटा नहीं है मौसी की इसमें से बाहर आ जाए उसे बाहर निकालने के लिए पेंट उतारना पड़ता है,,,


सच कह रहा है तू लेकिन दूसरों का तो इसमें से ही बाहर आ जाता है,,,(एक बार फिर से आखिरी कोशिश करते हुए साधना बोली)

उनका छोटा होता है मौसी मेरा तो तुम देख ही चुकी और ले भी चुकी हो फिर भी ऐसा कह रही हो,,,

तो सच कह रहा है मैं पहली बार इधर से बाहर निकालने की कोशिश कर रही हूं तभी अंदाजा नहीं लगा,,,,


रुको मैं निकालता हूं,,,(और इतना कहने के साथ ही समझो सोफा पर से उठकर खड़ा हो गया और अपने पेट की बटन खोलकर दोनों हाथों से अंडरवियर और पेट पकड़कर उसे एक झटके में नीचे कर दिया और अगले ही पर उसका लंड हवा में झूलने लगा,,, हवा में लहराते हुए संजू के लंड को देखकर एक बार फिर से साधना आशचर्य से बोली,,,)

बाप रे तेरा तो एकदम गधे का लगता है,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपना हाथ आगे बढ़कर संजू के लंड को पकड़ लिया और उसे हल्का सा लंड पकड़े हुए ही अपनी तरफ खींचते हुए अपने प्यास होठों को भी उसके लंड की तरफ आगे बढ़ा दी और अगले ही पल वह अपने प्यास होठों को संजू के गम सपने पर रखकर उसे पर चुंबन करने लगी,,,, साधना के लाल-लाल होठों का स्पर्श संजू के लंड पर होते ही संजू के बदन में सुरसुरी सी दौड़ गई,,, उत्तेजना के मारे उसका पेट हल्का सा अंदर की तरफ पचक गया,, और देखते ही देखते साधना धीरे-धीरे लॉलीपॉप की तरह संजू के लंड को चूसना शुरू कर दी,,, अपनी मौसी की इसी अदा पर संजू पूरी तरह से बावरा हो जाता था वह अपनी कमर को धीरे-धीरे हल्का-हल्का आगे पीछे करके हिलाना शुरू कर दिया,,,, और संजू की इस हरकत का साधन पर बहुत ही उत्तेजनात्मक असर पड़ रहा था वह अपने लाल-लाल होठों को छल्ला बनाकर संजू के लंड पर कस देती थी और इस कसाव का आनंद संजू को और ज्यादा मदहोश कर दे रहा था,,,,।

साधना संजू का लंड मुंह में लेकर चूस रही थी और इस दौरान संजू अपने हर एक तरीके से आनंद ले रहा था और अपनी मौसी को आनंद दे रहा था एक तरफ वह अपनी कमर हिला कर अपनी मौसी के होठों को ही छोड़ रहा था और दूसरी तरफ अपने दोनों हाथों को नीचे की तरफ ले जाकर कभी चूची दबा देता तो कभी कैडबरी चॉकलेट की तरह तनी हुई निप्पल को चिकोटी भर लेता,, तो कभी चिकनी पीठ को अपनी हथेलियों में दबोच ले रहा था,,,,।


कुछ देर तक दोनों इसी तरह से मजा लूटते रहे,,,, और जब संजू को लगने लगा की मौसी के द्वारा उसके लंड चुसाई का आनंद आसानी हो रहा है ऐसे में कभी भी उसका पानी निकल सकता है तो वह,,, धीरे से अपने लंड को अपनी मौसी के मुंह में से बाहर निकाला,,,, उसकी मौसी को संजू की है हरकत अच्छी नहीं लगी वह कुछ देर और संजू के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना चाहती थी लेकिन वह कुछ बोल नहीं पाई बस गहरी गहरी सांस लेते हुए ललचाई आंखों से संजू के लंड को देख रही थी जो कि उसके थूक और लार से सना हुआ था,,,, संजू ने भी कुछ बोला नहीं बस अपनी मौसी की बाहों को पकड़ कर उसे ऊपर की तरफ उठने लगा उसकी मौसी समझ गई कि उसका भतीजा कुछ करना चाहता है और वह भी सोफे पर से उठकर खड़ी हो गई,,,, संजू उसके खड़े होने के साथ ही अपनी पेंट निकाल कर पूरी तरह से नंगा हो गया और अपनी मौसी का हाथ पकड़ कर उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके लाल लाल होठों पर अपने हाथ रखकर चुंबन करना शुरू कर दिया साथ ही अपने दोनों हाथों को अपनी मौसी की गदराई गांड पर रखकर उसे जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,

साड़ी के ऊपर से भी संजू अपनी मौसी की गांड को बड़े जोरों से दबा रहा था लेकिन शायद इस तरह से उसे कुछ ज्यादा आनंद की अनुभूति हो नहीं रही थी वैसे तो अगर पहली मर्तबा कोई भी मर्द इस तरह से औरत के अंगों से कपड़ों के ऊपर से भी खेलता है तो कैसे हालात में उसका लंड पानी फेंक देता है लेकिन,,, संजू के लिए यह कोई नई बात नहीं थी इसलिए उसे कुछ ज्यादा ही चाहिए था इसलिए वह अपनी मौसी के लाल-लाल होठों का रसपान करते हुए अपने हाथों से अपनी मौसी की साड़ी को कमर तक उठाकर उसकी नंगी गांड जो कि अभी भी लाल रंग की पेटी में कैद थी उसे पर जोर-जोर से चपत लगाता हुआ आनंद ले रहा था,,,,।

इन सब खेल में तकरीबन 40 मिनट गुजर चुके थे और मनीषा को दिए हुए समय में 20 मिनट अभी भी बाकी था इसलिए समझा अपने हाथों से अपनी मौसी की साड़ी को खोलकर उसे नंगी करने की शुरुआत को आगे बढ़ा रहा था और देखते देखते वह अपनी मौसी की साड़ी को उतार कर एक बार फिर से उसे अपनी तरफ खींच कर पीछे से उसे अपनी बाहों में भर लिया और इस अवस्था में साधना की भारी भरकम गोलाकार गांड संजू के खड़े लंड से रगड़ खाने लगी संजू भी अपनी मौसी की गांड का स्पर्श पाकर पूरी तरह से मदहोश होने लगा और इस मदहोशी में संजू अपनी मौसी के पेटीकोट की डोरी कोई कहां से पकड़ कर एक झटके से खींच कर खोल दिया और साधना की पेटीकोट जो कि कमर पर कसी हुई थी वह एकदम से ढीली हो गई,,, और संजू अपनी उंगलियों का सहारा देकर पेटिकोट को कमर से नीचे करने लगा और पेटिकोट साधना के कदमों में जाकर गिर गई और वह पूरी तरह से नंगी हो गई,,,, साधना की नंगी होते ही संजू अपना हाथ उसकी दोनों टांगों के बीच ले जाकर कचोरी जैसी फुली हुई चूत पर रखकर उसे जोर-जोर से मसलना शुरू कर दिया,,, संजू को अपनी मौसी की एक आदत सबसे अच्छी लगती थी जब से वह समझो से मिली थी तब से वह अपनी चूत के बाल को बढ़ने ही नहीं देती थी हमेशा क्रीम लगाकर मक्खन की तरह चिकनी करे रहती थी और इसीलिए संजु को अपनी मौसी की चूत कुछ ज्यादा ही मलाईदार लगती थी,,,,।

सहहहह आहहहहह मौसी तुम्हारी चिकनी चूत,,, मुझे पागल कर देती है,,,


तेरे लिए ही तो है कल ही क्रीम लगाकर साफ की हुं,,,,


ओहहहह मौसी तुम कितनी अच्छी हो,,,( ईतना कहने के साथ ही संजु उसके ठीक सामने घुटनों के बल बैठ गया,,, और अपनी मौसी की एक टांग पकड़ कर उसे सोफे पर रख दिया जिससे उसकी गुलाबी चूत एकदम से खुलकर सामने आ गई और फिर दोनों की नजर आपस में टकराई और संजू अपनी मौसी की तरफ देखते हुए अपने प्यासे होठों को अपनी मौसी की चूत पर रख दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया,,,,।

संजू की इस हरकत से साधना पूरी तरह से पागल हो गई मदहोश हो गई और वह अपनी कमर को आगे की तरफ करके अपनी चूत को कस के संजू के होठों से चिपका दी,,,, संजू भी पागलों की तरह जितना हो सकता था अपनी जीभ को अपनी मौसी की चूत में डालकर उसकी मलाई को चाटना शुरू कर दिया,,,, गरमा गरम सिसकारी की आवाज से पूरा कमरा गुंजने लगा,,,, संजू एक तरफ अपनी मौसी की चूत चाट रहा था और दूसरी तरफ दीवार में टंगी घड़ी की तरफ देख रहा था जो कि पूरा एक घंटा समय व्यतीत होने का इशारा कर रहा था संजू का समय आ चुका था अब असली खेल करने का इसलिए वह। ,,, धीरे से उठकर खड़ा हुआ और अपनी मौसी को गोद में उठा लिया भारी भरकम शरीर वाली मौसी संजू की मर्दाना ताकत को देखकर हाकी-बाकी रह गई वह बड़े आराम से भारी भरकम शरीर होने के बावजूद भी उसे गोद में उठा लिया था और उसे गोद में उठाए हुए उसके कमरे की तरफ ले जा रहा था यह सब साधना के लिए बेहद अद्भुत और आश्चर्य चकित कर देने वाला था क्योंकि उसने कभी सोचा ही नहीं थी कि संजू इतने सहज रूप से उसे अपनी गोद में उठाकर आराम से चलते हुए उसे उसके कमरे तक ले जाएगा लेकिन इसी बीच चलते हुए संजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी पीठ पर उसके नितंब पर इधर-उधर रगड़ खा रहा था जिससे साधना की मदहोशी और ज्यादा बढ़ती चली जा रही थी साधना जल्द से जल्द संजू के लंड को अपनी चूत में ले लेना चाहती थी,,,।

देखते ही देखते संजू अपनी मौसी को गोद में उठाए हुए उसके ही कमरे में ले जाकर नरम नरम गद्दे पर पटक दिया,,,, संजू अच्छी तरह से जानता था कि किसी भी वक्त मनीषा घर में दाखिल हो जाएगी और पैसे में उसकी आंखों के सामने संजू उसकी मां को चोदते हुए दिखाना चाहता था इसलिए जल्दी से बिस्तर पर चढ़कर वह अपनी मौसी की दोनों टांगों को खोलकर उसकी कमर पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया ऐसा करने से साधना की भारी भरकम आधी गांड उसकी जांघों पर चढ़ गई और फिर संजू मुस्कुराते भी अपने मोटे तगड़े लंड का सुपाडा अपनी मौसी की चूत के गुलाबी छेद से सटाकर एक करारा धक्का मारा और एक बार में ही पूरा का पुरा लंड साधना की चूत में समा गया,,, एक हल्की सी चीख साधना के मुंह से निकली थी और फिर संजू अपनी मौसी की कमर पकड़ कर उसे चोदना शुरू कर दिया था,,,


और दूसरी तरफ तकरीबन एक घंटा से ऊपर बीत जाने पर मनीषा अपनी स्कूटी लेकर वापस अपने घर की तरफ पढ़ने लगी और अपने घर की कुछ ही दूरी पर अपनी स्कूटी को खड़ी कर दी थी ताकि उसकी स्कूटी की आवाज उसकी मां को सुनाई ना दे,,, वरना वह स्कूटी की आवाज सुनकर सतर्क हो जाती और फिर सारा खेल बिगड़ जाता है,,, वह धीरे-धीरे में गेट को खोलकर अपने घर की तरफ आगे बढ़ने लगी और फिर दरवाजे पर पहुंच कर देखी तो दरवाजा खुला हुआ था दरवाजा खुला हुआ देखकर उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे उसका दिल बड़े जोरों से धड़क रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह अंदर जाए कि ना जाए अंदर क्या हो रहा होगा इस बारे में सोचकर ही उसकी दोनों टांगों के बीच की स्थिति गड़बड़ होती हुई महसूस हो रही थी,,,।

वह कुछ देर तक दरवाजे पर खड़ी होकर अपने मन में सोचने लगी कि अगर वाकई में संजू कामयाब हो चुका होगा तो इस समय संजू का लंड उसकी मां की चूत में घुसा हुआ होगा और उसकी मां मजे लेकर चुदवा रही होगी यह नजारा देखना वैसे तो मनीषा के लिए शर्मनाक था लेकिन यह नजारा देखने की उत्सुकता भी उसके मन में बड़ी तीव्रता से हो रही थी वह अपनी मां को चुदवाते हुए देखना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि मोटा तगड़ा लंड उसकी मां की चूत के अंदर बाहर होता हुआ कैसा नजर आता है और एक मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत में लेने से उसकी मां के चेहरे के भाव कैसे बदलते हैं उसे कैसा लगता होगा यह सब देखने की उत्सुकता है उसकी बढ़ती जा रही थी इसीलिए वह धीरे से कमरे में प्रवेश की ओर दरवाजे को धीरे से बंद करके लॉक कर दी,,,,


अंदर कमरे में संजू अपनी मौसी की घमासान चुदाई कर रहा था क्योंकि वह जानता था कि किसी भी वक्त मनीषा घर में प्रवेश कर सकती है वह अभी तक अपनी मौसी की दोनों टांगों के बीच अपना आसन जमा कर उसे छोड़ रहा था लेकिन कुछ देर बाद वह अपनी मौसी को घोड़ी बनाकर पीछे से चोदना शुरू कर दिया था यहां तक कि वह कुछ ही देर में आसान बदलते हुए अपने मोटे तगड़े लंड पर अपनी मौसी को बिठा दिया था और उसकी मौसी उसके लंड पर कूद रही थी,,, वह जानबूझकर मनीषा को दिखाने के लिए इस आसन का प्रयोग कर रहा था वह मनीषा को दिखाना चाहता था कि उसकी मां कितनी चुदवासी है चुदवाने के लिए,,,।
Sanju apni mausi ki chudai karta hua

मनीषा इधर-उधर देखकर तसल्ली कर लेने के बाद वह अपनी मां के कमरे की तरफ आगे बढ़ने लगी क्योंकि उसे अपनी मां के कमरे से हल्की हल्की सी शिसकारी की आवाज सुनाई दे रही थी और वह इस आवाज को अच्छी तरह से समझ रही थी क्योंकि इस तरह की आवाज में खुद अपने मुंह से निकाल चुकी थी चुदवाते समय,,,, उसका दिल बड़े जोरों से धड़क रहा था वह समझ गई थी कि संजू कामयाब हो चुका है अपने प्लान में और यह तसल्ली होने के बाद उसकी चूत की स्थिति खराब होने लगी उसकी चूत से पानी निकलने लगा वह धीरे-धीरे कदम बढ़ाकर अपनी मां के कमरे की तरफ आगे बढ़ने लगी दरवाजा खुला हुआ था जो कि संजू ने हीं खुला छोड़ रखा था,,,।

कमरे में साधना दुनिया से बेखबर होकर चुदाई का मजा लूट रही थी वह संजू के लंड पर बड़ी जोरों से अपनी गांड को पटक रही थी ना जाने इतनी ताकत उसने कहां से आ गई थी जो कि बिना था कि जोर-जोर से अपनी भारी भरकम गांड को अपने संजू के लंड पर पटक कर आनंद ले रही थी,,,, देखते ही देखते मनीषा अपनी मां के कमरे पर दरवाजे तक पहुंच गई और दरवाजे पर खड़ी होकर अंदर का दृश्य देखी तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई उसकी आंखें फटी की फटी रह गई अंदर का गरमा गरम नजारा देखकर उसके होश उड़ गए,,,,
 
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Enjoywuth

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Plan ka phase one successfully completed.. Ab next phase mai kise mohini aur sanju mosui ko phansate hai.. Woh dekhna walla hai

Keep rocking dude... Pati patni wallu feeling was nice way to express feelings
 
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VijayD

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Next update me MAA BETI ek sath 🔥
 
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imdelta

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खेल की शुरुआत हो चुकी थी और इस खेल में बहुत मजा आने वाला था इस बात को संजू अच्छी तरह से जानता था,,, और अपने मन में साधना भी यही सोच रही थी की बहुत मजा आने वाला है लेकिन वह नहीं जानती थी कि वह खुद अपने ही बेटी और संजू के बिछाए जाल में फंसने वाली थी हालांकि इस तरह के जाल में फंसने के बावजूद भी उसका कुछ बिगड़ने वाला नहीं था बल्कि दुगुना मजा मिलने वाला था,,,,,

साधना किचन में दूध का गिलास लेने गई थी जिसमें काजू और बादाम डालकर वह संजू को पिलाकर उसकी ताकत को बढ़ाना चाहती थी क्योंकि उसे मालूम था कि कुछ घंटे के जैसा जो उसके पास है और वह इस पल का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहती थी लेकिन अपनी मौसी को किचन में जाता देखकर संजू को कुछ याद आ गया था वह दरवाजा का लॉक खोलना भूल गया था,,,, अगर दरवाजा खुला नहीं छोड़ता तो उन लोगों का सारा प्लान फेल हो जाता और ऐसा संजू बिल्कुल भी नहीं चाहता था इसीलिए वह मौका देखकर दरवाजे का लॉक खोल दिया था ताकि मनीषा आराम से घर में प्रवेश कर सके,,,।

संजू को इस तरह से चोरी-छिपे अपनी मौसी की चुदाई करने में भी बहुत आनंद आता था इसीलिए तो अपनी मौसी से जरा सी छेड़छाड़ करने से ही उसका लंड अपनी औकात में आ जाता था और सामान्य तौर पर एक मर्द के लिए ऐसा होना स्वाभाविक ही था अगर वह जरा सी छेड़छाड़ या किसी के बारे में सोच कर भेजने का अनुभव करने लगे तो ही वह किसी भी औरत को संतुष्ट करने की क्षमता रखता है और अगर ऐसा नहीं है तो वह किसी भी औरत को वह सुख प्रदान नहीं कर सकता जैसा की औरत चाहती है,,,। साधना अपने मन में कोई अच्छा सा गीत गुनगुना रही थी और अपने मन में यही सोच रही थी कि अच्छा हुआ कि आज मनीषा अपनी सहेलियों के साथ फिल्म देखने चली गई आज उसे पूरा मौका मिला था संजू के साथ चुदाई का सुख भोगने के लिए,,,, और वह प्रसन्न होते हुए काजू और बादाम दोनों को हल्का सा कुटकर दूध के गिलास में मिल रही थी और थोड़ा सा केसर का टुकड़ा लेकर भी उसे दूध में डाल दी थी ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे उसकी याद सुहागरात हो और अपने पति के लिए वह दूध का गिलास तैयार कर रही थी,,, ऐसा नहीं था कि वह दूध के गिलास को इस तरह से पहली बार तैयार कर रही हो वह पहले भी इस तरह से दूध का गिलास तैयार कर चुकी थी लेकिन अपने पति के लिए क्योंकि जब तक वह संजू से नहीं मीली थी वह अपने पति के साथ पूरी कोशिश करती थी संभोग सुख प्राप्त करने के लिए और इसीलिए वह अपने पति को भी काजू बादाम और केसर वाला दूध देती थी ताकि उनके मर्दाना अंग में थोड़ी ताकत आ जाए लेकिन सब कुछ निष्फल रहता था,,,, और आज पहला मौका था जब वह संजू के लिए इस तरह का ताकतवर दूध तैयार कर रही थी वैसे तो संजू की ताकत उसके खुद के दूध को मुंह में लेकर ही बढ़ जाती थी लेकिन आज वह अपनी खुशी जाहिर करना चाहती थी,,,,।

संजू बाहर सोफे पर इंतजार कर रहा था और बार-बार अपनी मौसी के बारे में और मनीषा के बारे में सोच कर उत्तेजित हुआ जा रहा था इसलिए बार-बार पेट के ऊपर से ही अपने लंड को दबाने की कोशिश कर रहा था,,, वह अपनी मौसी को छोड़ने के लिए नहीं बल्कि मां बेटी दोनों को एक साथ चोदने के लिए उत्सुक था,,, वह अपने ही ख्यालों में खोया हुआ था कि तभी उसकी मौसी हाथ में दूध का गिलास लेकर मुस्कुराते हुए किचन से बाहर आई और ठीक संजू की आंखों के सामने खड़ी होकर थोड़ा सा चुप कर उसे दूध का गिलास थमने लगी तो उसकी भारी भरकम चूचियां एकदम से ब्लाउज फाड़ कर बाहर आने के लिए उतारू हो गई जिसे देखकर संजू की आंखों की चमक बढ गई और वह मुस्कुराता हुआ बोला ,,)

मैं तुमसे बोला था ना मौसी मुझे इस दूध की नहीं बल्कि तुम्हारा ब्लाउज में छुपे हुए दूध की जरूरत है,,,

धत् पागल पहले यह दूध पी ले बाद में तो उसे पीना ही है,,,,(ऐसा कहते हुए साधना अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसे दूध का गिलास थमाने लगी तो संजू बोला,,)

अपने हाथों से ही पिला दो मौसी तुम्हारे हाथों से बहुत अच्छा लगता है,,,


लेकिन मैं तो पहली बार तुझे दूध पिला रही हूं,,,

वह तो ग्लास से अपने हाथ से पिला रही हो इससे पहले भी तुम अपने हाथों में अपनी चूची पकड़ कर मेरे मुंह में डाल चुकी हो,,,।

धत् बदमाश तेरी बातें मुझे पागल कर देती है,,,, तेरी बातों को तो सुनकर मेरी चुत गीली हो गई,,,


उसका भी इलाज कर देंगे मौसी चिंता मत करो पहले मुझे दूध पिलाओ,,।
(इतना सुनते ही मुस्कुराते हुए साधना उसके बगल में बैठ गई और धीरे से गिलास को उसके होठों से लगाकर उसे दूध पिलाना शुरू कर दी एक अद्भुत आनंद का एहसास संजू के साथ-साथ साधना के बदन में भी दौड़ने लगा,,,, क्योंकि उसे दूध पिलाते हुए वह कुछ और सोच रही थी और मुस्कुरा रही थी उसे मुस्कुराता हुआ देखकर संजू इशारे से ही उससे पूछा कि क्या हुआ तो साधना मुस्कुराते हुए बोली,,,)

कुछ नहीं तुझे दूध पिलाते हुए मुझे कुछ याद आ रहा है,,,

क्या याद आ रहा है,,,?

यही कि आज मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे मेरी सुहागरात है और मैं अपने पति के लिए काजू बादाम वाला दूध तैयार करके उन्हें पिला रही हुं,,,

सच मौसी में तुम्हारा पति लग रहा हूं,,,


सच कहूं तो इस समय हां,,, भले ही समाज के नजरिए से नहीं लेकिन बिस्तर पर जिस तरह से तेरा और मेरा संबंध है उसे देखते हुए इस समय तो मेरा पति ही है जो मुझे चोद कर मुझे पूरी तरह से संतुष्ट करता है,,,।

सच पूछो तो तुमने भी मुझे एक पत्नी की तरह ही सुख दि हो इसलिए मैं कह सकता हूं कि तुम इस समय मेरी पत्नी मेरी प्रेमिका सब कुछ हो अगर तुमने मुझे चोदना ना सिखाई होती तो,,, शायद मैं इस अद्भुत सुख से वंचित रह जाता मुझे कभी पता ही नहीं चलता कि एक औरत क्या होती है उसके साथ कैसा सुख प्राप्त होता है,,,,(दूध का आखिरी घूंट भरता हुआ संजू बोल और उस खाली ग्लास को साधना टेबल पर रखते हुए उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देख कर बोली,,,)

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है तो इतना हैंडसम है कि तुझे कोई ना कोई लड़की तो जरूर मिल जाती लेकिन उम्र कैसे पड़ाव पर मुझे तेरे जैसा जवान मर्दाना ताकत से भरा हुआ लड़का नहीं मिल पाता जो अपने लंड की ताकत से मेरी चूत का पानी नीचोड़ देता है,,,(इतना कहने के साथ ही साधना अपनी जवानी का जलवा दिखाते हुए अपने कंधे पर से साड़ी के पल्लू को पड़कर नीचे गिरा दी और उसकी भारी भरकम छतिया एकदम से उजागर हो गई जिसे देखकर संजू की आंखों में वासना की चमक साफ नजर आने लगी वह पागलों की तरह अपनी मौसी की मदमस्त कर देने वाली छातियो को देखने लगा,,,, और उसे बिल्कुल ग्रहण है कि अब अपने दोनों हाथों के बढ़कर ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मौसी की घर पहुंचे जैसी चूचियों को पकड़ लिया उसे जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया वह इतनी जोर से जोश में अपनी मौसी की चूची को दबाच रहा था कि उसकी मौसी को हल्का-हल्का दर्द महसूस हो रहा था लेकिन इस तरह के दर्द में भी औरत को अद्भुत आनंद की प्राप्ति होती है और इस दर्द के साथ-साथ आनंद की अद्भुत सिसकारी की आवाज भी साधना के मुंह से निकलना शुरू हो गई थी,,,,)

सहहहह आहहहहह , संजु,,,,ऊमममममममम,,,, मेरे बच्चे तू तो मुझे पागल कर देगा,,,(मदहोशी में अपनी आंखों को बंद करके गहरी गहरी सांस लेते हुए साधना बोली अपनी मौसी की हालत को देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी,,, और वह अपनी मौसी के ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू कर दिया संजू भी अच्छी तरह से जानता था कि उसके पास पर्याप्त समय है इसलिए वह बिल्कुल भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता था क्योंकि वहां एक घंटे के बाद मनीषा को घर में प्रवेश करने का नहीं होता दिया था अगर वह जल्दबाजी में अपनी मौसी की चुदाई कर देता तो शायद मनीषा उन दोनों को रंगे हाथ ना पकड़ पाती इसीलिए संजू जानबूझकर पर्याप्त समय का पर्याप्त आनंद लेना चाहता था देखते ही देखते संजू अपनी उंगलियों का कमाल दिखाते हुए अपनी मौसी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया और ब्लाउज के दोनों पट को एक दूसरे से अलग करते हुए अपनी मौसी की लाल रंग की ब्रा जो की जालीदार थी उसे देखकर गहरी सांस लेते हुए अपनी मौसी से बोला,,,)

सहहहह,,,, मेरी रानी तुम्हारी चूचियों को देखकर कोई कह नहीं सकता की तुम एक जवान लड़की की मन हो कसम से तुम्हारी चुचियों का कसाव अभी भी पूरी तरह से बरकरार है,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू ब्रा के ऊपर से ही अपनी मौसी की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया साधना ने ब्रा भी छोटे कप वाला पहनी थी जिसे पहनने के बावजूद भी आदि से ज्यादा चूचियां बाहर को निकली हुई थी संजू रबड़ के गेंद की तरह अपने दोनों हाथों से अपनी मौसी की चूची दबा रहा था संजू पागलों की तरह अपनी मौसी की चूची पर पूरी तरह से जुट गया था उसकी मौसी भी मदहोश हो चुकी थी और सोफे पर अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ फैला कर अपनी छाती को थोड़ा सा और ऊपर उभार कर गहरी गहरी सांस ले रही थी,,,।

अपनी मौसी की इस अदा पर संजू पूरी तरह से मचल उठा और वह ब्रा खोल बिना ही अपने हथेली से अपनी मौसी की चूची पकड़ कर उसके दोनों कप में से भारी-भारी से उसके खरगोश जैसे चुचियों को बाहर निकाल लिया और फिर दोनों हाथ में लेकर जैसे किसी तराजू में तोड़ रहा हो उसे तरह से ऊपर नीचे करके मजा लेने लगा संजू की हर हरकत साधना के बदन में मदहोशी का नशा भर रही थी वह संजू की हर हरकत से तड़प रही थी,,,, देखते ही देखते संजू अपनी मौसी की चूची को अपने मुंह में भरकर पीना शुरू कर दिया वैसे भी उसे बाहर के दूध से ज्यादा ताकतवर अपनी मौसी का दूध लगता था वह पागलों की तरह बारी बारी से दोनों चुचियों का रस पीना शुरू कर दिया,,,, उत्तेजना के मारे मनीषा की चूची की निप्पल भी कैडबरी चॉकलेट की तरह एकदम तन गई थी जिसे पीने में संजू को और ज्यादा मजा आ रहा था,,,,।

उत्तेजना के मारे साधना की चूत पानी छोड़ रही थी उसकी चूत किसी तालाब की तरह नमकीन खारे पानी से भर चुकी थी जिसका रस चूत के कटोरी में से उबाल मार कर बाहर निकल रहा था,,,, और दूसरी तरफ अपनी मौसी की जवानी से खेलते हुए संजू का लंड रन के रोड की तरह एकदम से गर्म हो चुका था,,, वह इतना अत्यधिक उत्तेजित हो चुका था कि इसी समय वह अपनी मौसी की चूत में अपना लंड डालना चाहता था लेकिन वह इस तरह के मामले में एक औरत को सुख देने के मामले में काफी धैर्यवान था और इस समय भी वह अपना धैर्य दिखा रहा था,,,।

साधना की जवानी से भारी कम सिसकारियों की आवाज से पूरा ड्राइंग रूम गूंज रहा था लेकिन दरवाजा और खिड़कियां बंद होने की वजह से यह मादकता भरी आवाज कमरे से बाहर नहीं निकल पा रहे थे इसे सिर्फ संजू और खुद साधना सुन पा रही थी और इस तरह की मदहोशी भरी आवाज सुनकर संजू का जोश बढ़ता चला जा रहा था,, और अपने इसी जोश को दिखाते हुए संजू अपनी मौसी की गोरी गोरी चूचियों को टमाटर की तरह लाल कर दिया था वह पूरी तरह से पागल हो गया था और खुद साधना को भी पागल बना दिया था कुछ देर तक अपनी मौसी की चूचियों से खेलने के बाद संजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ उसकी चूचियों से अपने मुंह को अलग किया और फिर अपनी मौसी को प्यासी नजरों से देखते हुए अपने शर्ट को निकाल कर वहीं फेंक दिया और फिर अपनी मौसी का हाथ पकड़ कर उसे अपने बाहों में भर लिया और गले लगे हुए मुद्रा में वह अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाकर अपनी मौसी के ब्रा का हुक खोलने लगा,,,। इस मुद्रा में,,साधना की बड़ी बड़ी चूचियां संजु की चौड़ी छाती से रगड़ खा रही थी जिसकी वजह से साधना के बदन में,,, उत्तेजना का संचार बड़ी तेजी से हो रहा था,,,।

देखते ही देखते संजू,,, अपनी मौसी का ब्रा खोल दिया और उसे उतार कर सोफे पर ही रख दिया कमर के ऊपर उसकी मौसी पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और इस नंगेपन का आनंद है लेते हुए संजू उसे कस के अपनी बाहों में भर लिया दोनों की नंगी चाहती आपस में टकराकर एक अद्भुत उत्तेजना दोनों के बटन में भर दे रही थी,,,। संजू अपनी मौसी की पीठ को सहलाते हुए धीरे से बोला,,,


सच कहु तो मौसी,,,,, मेरा तो यहां से जाने का ही मन नहीं करता मन करता है दिन रात तुम्हारी बाहों में यूं ही तुमसे प्यार करता रहूं,,,

तो रोका किसने है,,,

मुझे डर लगता है,,, मनीषा दीदी से अगर कहीं उन्होंने देख लिया या उन्हें हम दोनों के बारे में पता चल गया तो क्या होगा,,,(संजू जानबूझकर इस दर को अपनी मौसी के सामने जाहिर किया था वह देखना चाहता था कि उसकी मौसी क्या कहती है उसके चेहरे के हाव-भाव कैसे बदलते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ उसके इस डर का जवाब मुस्कुराते हुए साधना बोली)

ऐसा कुछ भी नहीं होगा संजू,,,, मनीषा कोई इस बारे में कभी भी पता नहीं चलेगा,,,


लेकिन मौसी मुझे डर लगता है कहीं पता चल गया तो मेरा तो इस घर में आना जाना बंद हो जाएगा और तुम्हारा भी शायद घर से निकलना बंद हो जाए,,,

मैं उसकी मां हूं वह मेरी मां नहीं है,,, ( ऐसा कहते हुए साधना पेट के ऊपर से भी संजू के लंड को पकड़ कर दबाने लगी जिससे संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,)

लेकिन फिर भी ऐसा हो गया तो,,,,


ऐसा कुछ भी नहीं होगा अगर हो गया तो तब की तब देखेंगे,,,,,,(और इतना कहने के साथ है साधना अपने दोनों हाथों की उंगलियों का प्रयोग करते हुए संजू के पैंट की चैन खोलने लगी ऊपर का बटन खोल भी नहीं वह चैन को पूरी तरह से खोल दी,,,, संजू भी इस मुद्दे को यहीं पर ही खत्म कर दिया और अपनी मौसी के सुर में सुर मिलाता हुआ वह भी अपने मन में बोल सच कह रही है मौसी तब का तब देखा जाएगा,,,,)

बाप रे ऐसा लग रहा है कि तेरा तो इसमें से बाहर ही नहीं आएगा,,,(चैन खोलकर दोनों गलियों को उसमें डालकर संजू के लंड को बाहर निकालने की नाकाम कोशिश करते हुए साधना बोली,,,)

मेरा इतना छोटा नहीं है मौसी की इसमें से बाहर आ जाए उसे बाहर निकालने के लिए पेंट उतारना पड़ता है,,,


सच कह रहा है तू लेकिन दूसरों का तो इसमें से ही बाहर आ जाता है,,,(एक बार फिर से आखिरी कोशिश करते हुए साधना बोली)

उनका छोटा होता है मौसी मेरा तो तुम देख ही चुकी और ले भी चुकी हो फिर भी ऐसा कह रही हो,,,

तो सच कह रहा है मैं पहली बार इधर से बाहर निकालने की कोशिश कर रही हूं तभी अंदाजा नहीं लगा,,,,


रुको मैं निकालता हूं,,,(और इतना कहने के साथ ही समझो सोफा पर से उठकर खड़ा हो गया और अपने पेट की बटन खोलकर दोनों हाथों से अंडरवियर और पेट पकड़कर उसे एक झटके में नीचे कर दिया और अगले ही पर उसका लंड हवा में झूलने लगा,,, हवा में लहराते हुए संजू के लंड को देखकर एक बार फिर से साधना आशचर्य से बोली,,,)

बाप रे तेरा तो एकदम गधे का लगता है,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपना हाथ आगे बढ़कर संजू के लंड को पकड़ लिया और उसे हल्का सा लंड पकड़े हुए ही अपनी तरफ खींचते हुए अपने प्यास होठों को भी उसके लंड की तरफ आगे बढ़ा दी और अगले ही पल वह अपने प्यास होठों को संजू के गम सपने पर रखकर उसे पर चुंबन करने लगी,,,, साधना के लाल-लाल होठों का स्पर्श संजू के लंड पर होते ही संजू के बदन में सुरसुरी सी दौड़ गई,,, उत्तेजना के मारे उसका पेट हल्का सा अंदर की तरफ पचक गया,, और देखते ही देखते साधना धीरे-धीरे लॉलीपॉप की तरह संजू के लंड को चूसना शुरू कर दी,,, अपनी मौसी की इसी अदा पर संजू पूरी तरह से बावरा हो जाता था वह अपनी कमर को धीरे-धीरे हल्का-हल्का आगे पीछे करके हिलाना शुरू कर दिया,,,, और संजू की इस हरकत का साधन पर बहुत ही उत्तेजनात्मक असर पड़ रहा था वह अपने लाल-लाल होठों को छल्ला बनाकर संजू के लंड पर कस देती थी और इस कसाव का आनंद संजू को और ज्यादा मदहोश कर दे रहा था,,,,।

साधना संजू का लंड मुंह में लेकर चूस रही थी और इस दौरान संजू अपने हर एक तरीके से आनंद ले रहा था और अपनी मौसी को आनंद दे रहा था एक तरफ वह अपनी कमर हिला कर अपनी मौसी के होठों को ही छोड़ रहा था और दूसरी तरफ अपने दोनों हाथों को नीचे की तरफ ले जाकर कभी चूची दबा देता तो कभी कैडबरी चॉकलेट की तरह तनी हुई निप्पल को चिकोटी भर लेता,, तो कभी चिकनी पीठ को अपनी हथेलियों में दबोच ले रहा था,,,,।


कुछ देर तक दोनों इसी तरह से मजा लूटते रहे,,,, और जब संजू को लगने लगा की मौसी के द्वारा उसके लंड चुसाई का आनंद आसानी हो रहा है ऐसे में कभी भी उसका पानी निकल सकता है तो वह,,, धीरे से अपने लंड को अपनी मौसी के मुंह में से बाहर निकाला,,,, उसकी मौसी को संजू की है हरकत अच्छी नहीं लगी वह कुछ देर और संजू के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना चाहती थी लेकिन वह कुछ बोल नहीं पाई बस गहरी गहरी सांस लेते हुए ललचाई आंखों से संजू के लंड को देख रही थी जो कि उसके थूक और लार से सना हुआ था,,,, संजू ने भी कुछ बोला नहीं बस अपनी मौसी की बाहों को पकड़ कर उसे ऊपर की तरफ उठने लगा उसकी मौसी समझ गई कि उसका भतीजा कुछ करना चाहता है और वह भी सोफे पर से उठकर खड़ी हो गई,,,, संजू उसके खड़े होने के साथ ही अपनी पेंट निकाल कर पूरी तरह से नंगा हो गया और अपनी मौसी का हाथ पकड़ कर उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके लाल लाल होठों पर अपने हाथ रखकर चुंबन करना शुरू कर दिया साथ ही अपने दोनों हाथों को अपनी मौसी की गदराई गांड पर रखकर उसे जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,

साड़ी के ऊपर से भी संजू अपनी मौसी की गांड को बड़े जोरों से दबा रहा था लेकिन शायद इस तरह से उसे कुछ ज्यादा आनंद की अनुभूति हो नहीं रही थी वैसे तो अगर पहली मर्तबा कोई भी मर्द इस तरह से औरत के अंगों से कपड़ों के ऊपर से भी खेलता है तो कैसे हालात में उसका लंड पानी फेंक देता है लेकिन,,, संजू के लिए यह कोई नई बात नहीं थी इसलिए उसे कुछ ज्यादा ही चाहिए था इसलिए वह अपनी मौसी के लाल-लाल होठों का रसपान करते हुए अपने हाथों से अपनी मौसी की साड़ी को कमर तक उठाकर उसकी नंगी गांड जो कि अभी भी लाल रंग की पेटी में कैद थी उसे पर जोर-जोर से चपत लगाता हुआ आनंद ले रहा था,,,,।

इन सब खेल में तकरीबन 40 मिनट गुजर चुके थे और मनीषा को दिए हुए समय में 20 मिनट अभी भी बाकी था इसलिए समझा अपने हाथों से अपनी मौसी की साड़ी को खोलकर उसे नंगी करने की शुरुआत को आगे बढ़ा रहा था और देखते देखते वह अपनी मौसी की साड़ी को उतार कर एक बार फिर से उसे अपनी तरफ खींच कर पीछे से उसे अपनी बाहों में भर लिया और इस अवस्था में साधना की भारी भरकम गोलाकार गांड संजू के खड़े लंड से रगड़ खाने लगी संजू भी अपनी मौसी की गांड का स्पर्श पाकर पूरी तरह से मदहोश होने लगा और इस मदहोशी में संजू अपनी मौसी के पेटीकोट की डोरी कोई कहां से पकड़ कर एक झटके से खींच कर खोल दिया और साधना की पेटीकोट जो कि कमर पर कसी हुई थी वह एकदम से ढीली हो गई,,, और संजू अपनी उंगलियों का सहारा देकर पेटिकोट को कमर से नीचे करने लगा और पेटिकोट साधना के कदमों में जाकर गिर गई और वह पूरी तरह से नंगी हो गई,,,, साधना की नंगी होते ही संजू अपना हाथ उसकी दोनों टांगों के बीच ले जाकर कचोरी जैसी फुली हुई चूत पर रखकर उसे जोर-जोर से मसलना शुरू कर दिया,,, संजू को अपनी मौसी की एक आदत सबसे अच्छी लगती थी जब से वह समझो से मिली थी तब से वह अपनी चूत के बाल को बढ़ने ही नहीं देती थी हमेशा क्रीम लगाकर मक्खन की तरह चिकनी करे रहती थी और इसीलिए संजु को अपनी मौसी की चूत कुछ ज्यादा ही मलाईदार लगती थी,,,,।

सहहहह आहहहहह मौसी तुम्हारी चिकनी चूत,,, मुझे पागल कर देती है,,,


तेरे लिए ही तो है कल ही क्रीम लगाकर साफ की हुं,,,,


ओहहहह मौसी तुम कितनी अच्छी हो,,,( ईतना कहने के साथ ही संजु उसके ठीक सामने घुटनों के बल बैठ गया,,, और अपनी मौसी की एक टांग पकड़ कर उसे सोफे पर रख दिया जिससे उसकी गुलाबी चूत एकदम से खुलकर सामने आ गई और फिर दोनों की नजर आपस में टकराई और संजू अपनी मौसी की तरफ देखते हुए अपने प्यासे होठों को अपनी मौसी की चूत पर रख दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया,,,,।

संजू की इस हरकत से साधना पूरी तरह से पागल हो गई मदहोश हो गई और वह अपनी कमर को आगे की तरफ करके अपनी चूत को कस के संजू के होठों से चिपका दी,,,, संजू भी पागलों की तरह जितना हो सकता था अपनी जीभ को अपनी मौसी की चूत में डालकर उसकी मलाई को चाटना शुरू कर दिया,,,, गरमा गरम सिसकारी की आवाज से पूरा कमरा गुंजने लगा,,,, संजू एक तरफ अपनी मौसी की चूत चाट रहा था और दूसरी तरफ दीवार में टंगी घड़ी की तरफ देख रहा था जो कि पूरा एक घंटा समय व्यतीत होने का इशारा कर रहा था संजू का समय आ चुका था अब असली खेल करने का इसलिए वह। ,,, धीरे से उठकर खड़ा हुआ और अपनी मौसी को गोद में उठा लिया भारी भरकम शरीर वाली मौसी संजू की मर्दाना ताकत को देखकर हाकी-बाकी रह गई वह बड़े आराम से भारी भरकम शरीर होने के बावजूद भी उसे गोद में उठा लिया था और उसे गोद में उठाए हुए उसके कमरे की तरफ ले जा रहा था यह सब साधना के लिए बेहद अद्भुत और आश्चर्य चकित कर देने वाला था क्योंकि उसने कभी सोचा ही नहीं थी कि संजू इतने सहज रूप से उसे अपनी गोद में उठाकर आराम से चलते हुए उसे उसके कमरे तक ले जाएगा लेकिन इसी बीच चलते हुए संजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी पीठ पर उसके नितंब पर इधर-उधर रगड़ खा रहा था जिससे साधना की मदहोशी और ज्यादा बढ़ती चली जा रही थी साधना जल्द से जल्द संजू के लंड को अपनी चूत में ले लेना चाहती थी,,,।

देखते ही देखते संजू अपनी मौसी को गोद में उठाए हुए उसके ही कमरे में ले जाकर नरम नरम गद्दे पर पटक दिया,,,, संजू अच्छी तरह से जानता था कि किसी भी वक्त मनीषा घर में दाखिल हो जाएगी और पैसे में उसकी आंखों के सामने संजू उसकी मां को चोदते हुए दिखाना चाहता था इसलिए जल्दी से बिस्तर पर चढ़कर वह अपनी मौसी की दोनों टांगों को खोलकर उसकी कमर पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया ऐसा करने से साधना की भारी भरकम आधी गांड उसकी जांघों पर चढ़ गई और फिर संजू मुस्कुराते भी अपने मोटे तगड़े लंड का सुपाडा अपनी मौसी की चूत के गुलाबी छेद से सटाकर एक करारा धक्का मारा और एक बार में ही पूरा का पुरा लंड साधना की चूत में समा गया,,, एक हल्की सी चीख साधना के मुंह से निकली थी और फिर संजू अपनी मौसी की कमर पकड़ कर उसे चोदना शुरू कर दिया था,,,


और दूसरी तरफ तकरीबन एक घंटा से ऊपर बीत जाने पर मनीषा अपनी स्कूटी लेकर वापस अपने घर की तरफ पढ़ने लगी और अपने घर की कुछ ही दूरी पर अपनी स्कूटी को खड़ी कर दी थी ताकि उसकी स्कूटी की आवाज उसकी मां को सुनाई ना दे,,, वरना वह स्कूटी की आवाज सुनकर सतर्क हो जाती और फिर सारा खेल बिगड़ जाता है,,, वह धीरे-धीरे में गेट को खोलकर अपने घर की तरफ आगे बढ़ने लगी और फिर दरवाजे पर पहुंच कर देखी तो दरवाजा खुला हुआ था दरवाजा खुला हुआ देखकर उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे उसका दिल बड़े जोरों से धड़क रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह अंदर जाए कि ना जाए अंदर क्या हो रहा होगा इस बारे में सोचकर ही उसकी दोनों टांगों के बीच की स्थिति गड़बड़ होती हुई महसूस हो रही थी,,,।

वह कुछ देर तक दरवाजे पर खड़ी होकर अपने मन में सोचने लगी कि अगर वाकई में संजू कामयाब हो चुका होगा तो इस समय संजू का लंड उसकी मां की चूत में घुसा हुआ होगा और उसकी मां मजे लेकर चुदवा रही होगी यह नजारा देखना वैसे तो मनीषा के लिए शर्मनाक था लेकिन यह नजारा देखने की उत्सुकता भी उसके मन में बड़ी तीव्रता से हो रही थी वह अपनी मां को चुदवाते हुए देखना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि मोटा तगड़ा लंड उसकी मां की चूत के अंदर बाहर होता हुआ कैसा नजर आता है और एक मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत में लेने से उसकी मां के चेहरे के भाव कैसे बदलते हैं उसे कैसा लगता होगा यह सब देखने की उत्सुकता है उसकी बढ़ती जा रही थी इसीलिए वह धीरे से कमरे में प्रवेश की ओर दरवाजे को धीरे से बंद करके लॉक कर दी,,,,


अंदर कमरे में संजू अपनी मौसी की घमासान चुदाई कर रहा था क्योंकि वह जानता था कि किसी भी वक्त मनीषा घर में प्रवेश कर सकती है वह अभी तक अपनी मौसी की दोनों टांगों के बीच अपना आसन जमा कर उसे छोड़ रहा था लेकिन कुछ देर बाद वह अपनी मौसी को घोड़ी बनाकर पीछे से चोदना शुरू कर दिया था यहां तक कि वह कुछ ही देर में आसान बदलते हुए अपने मोटे तगड़े लंड पर अपनी मौसी को बिठा दिया था और उसकी मौसी उसके लंड पर कूद रही थी,,, वह जानबूझकर मनीषा को दिखाने के लिए इस आसन का प्रयोग कर रहा था वह मनीषा को दिखाना चाहता था कि उसकी मां कितनी चुदवासी है चुदवाने के लिए,,,।

मनीषा इधर-उधर देखकर तसल्ली कर लेने के बाद वह अपनी मां के कमरे की तरफ आगे बढ़ने लगी क्योंकि उसे अपनी मां के कमरे से हल्की हल्की सी शिसकारी की आवाज सुनाई दे रही थी और वह इस आवाज को अच्छी तरह से समझ रही थी क्योंकि इस तरह की आवाज में खुद अपने मुंह से निकाल चुकी थी चुदवाते समय,,,, उसका दिल बड़े जोरों से धड़क रहा था वह समझ गई थी कि संजू कामयाब हो चुका है अपने प्लान में और यह तसल्ली होने के बाद उसकी चूत की स्थिति खराब होने लगी उसकी चूत से पानी निकलने लगा वह धीरे-धीरे कदम बढ़ाकर अपनी मां के कमरे की तरफ आगे बढ़ने लगी दरवाजा खुला हुआ था जो कि संजू ने हीं खुला छोड़ रखा था,,,।

कमरे में साधना दुनिया से बेखबर होकर चुदाई का मजा लूट रही थी वह संजू के लंड पर बड़ी जोरों से अपनी गांड को पटक रही थी ना जाने इतनी ताकत उसने कहां से आ गई थी जो कि बिना था कि जोर-जोर से अपनी भारी भरकम गांड को अपने संजू के लंड पर पटक कर आनंद ले रही थी,,,, देखते ही देखते मनीषा अपनी मां के कमरे पर दरवाजे तक पहुंच गई और दरवाजे पर खड़ी होकर अंदर का दृश्य देखी तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई उसकी आंखें फटी की फटी रह गई अंदर का गरमा गरम नजारा देखकर उसके होश उड़ गए,,,,
ab udega Sadhna ka hosh...

pahle apni bahen ke sath
ab apni beti ke sath....
 

Rishiii

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