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Incest मजबूरी या जरूरत

Kumarshiva

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सुबह जब मोहिनी की नींद खुली तो देखी बगल में उसका भाई नहीं था सुबह के 6:00 बज रहे थे उसका भाई कमरे से बाहर निकल गया था कमरे की लाइट अभी भी चल रही थी मोहिनी अपनी दोनों टांगों के बीच की उस पतली करार की तरफ ध्यान से देखिए तो उस पर चिपचिपा पदार्थ लगा हुआ था जिसे वहां अपने हाथ लगाकर उसकी चिपचिपाहट को महसूस करने लगी,,,पल भर में ही रात को जो कुछ भी हुआ था वह सब कुछ मोहिनी की आंखों के सामने किसी मूवी की तरह चलने लगा,,,रात को उसने जिस तरह की हिम्मत दिखाई थी वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह अपने भाई की आंखों के सामने ऐसा कुछ कर गुजरने की लेकिन जवानी की आग ने उसे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया था और वह उसमें सफल भी हो गई थी,,,,।
मोहिनी अपने मन में सोचने लगी कि उसका भाई उसकी चिकनी चूत को देखकर क्या सोच रहा होगा,,,,,,अपने भाई की हालत को देखकर वहां बहुत खुश थी जितना वहां सोची थी उससे कहीं ज्यादा वहां अपने भाई को अपनी चूत दिखा कर परेशान कर चुकी थी,,,, मोहिनी की युक्ति पूरी तरह से कारगर साबित हुई थी वह कभी सोची नहीं थी कि उसका भाई उसकी चूत को देखकर इस कदर मदहोश हो जाएगा कि उसकी चूत से खेलने लगेगा,,,, मोहिनी को अभी भी अपनी चूत के अंदर अपने भाई की उंगली अंदर बाहर होती हुई महसूस हो रही थी जिससे उसके बदन में खुमारी छा रही थी,,,,।

अपनी चिकनी चूत से खेलते हुए अपने भाई को देखकर जिस तरह का आनंद का अनुभव मोहिनी के तन बदन में हो रहा था उसने आज तक ऐसा अनुभव महसूस नहीं की थी अपने भाई को अपना लंड हिलाता हुआ देखकर मोहिनी का धैर्य जवाब दे जा रहा था,,,, वह साफ तौर पर अपनी आंखों से देखी थी कि उसकी चूत से खेलते हुए कैसे उसका भाई अपना लंड अपने हाथ में लेकर जोर-जोर से हीला रहा था,,,और उसके लिए पहला मौका था जब अपनी आंखों से एक लड़के को अपने लंड हिलाता हुआ देख रही थी एक तरह से मुठीयाता हुआ देख रही थी,,,हालांकि मोहिनी को लड़कों के द्वारा किया जाने वाला हस्तमैथुन के बारे में बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था वरना वह अपने भाई की हरकत का अंदाजा लगा लेती कि वह क्या कर रहा है,,,,।

उस पल को याद करके उसके तन बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी जब उसका भाई उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बनाते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी चूत पर रख कर चाटना शुरू कर दिया था,,,,,, संजू की यह हरकतमोहिनी के लिए बेहद अद्भुत और आदरणीय थी जिसके बारे में उसने कभी कल्पना नहीं की थी लेकिन जिस तरह का सुख उसके भाई ने उसकी चूत को अपने होठों से लगा कर दिया था उस पल को वहां याद करके अभी भी पानी पानी हुई जा रही थी,,,,,, मोहिनी कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसका भाई अपने होठों को उसकी चूत पर रख देगा और जीभ से उसके काम रस को चाट जाएगा शायद ऐसा करने में मर्दों को ज्यादा सुख मिलता होगा,,, क्योंकि उसकी हरकत का मजा मोहिनी ने भी खुल कर ली थी,,,, शायद औरत को प्यार करने का ढंग मर्दों के द्वारा इसी तरह से होता होगा,,,, मोहिनी अभी तक सिर्फ यही समझती आ रही थी कि औरतों से प्यार करने का मतलब था चुदाई जिसमें मर्द अपना लंड औरत की चूत में डाल कर हीलाता है और शांत हो जाता है लेकिन रात को उसके भाई की हर एक हरकत ने मोहिनी को सोचने पर मजबूर कर दिया था कि औरतों से प्यार करने का तरीका बहुत ही अलग अलग है और हर एक तरीका मस्ती से भरा हुआ मदहोश कर देने वाला है जिसका थोड़ा बहुत झलक मोहिनी को भी प्राप्त हो चुका था जिस की मस्ती में वह दो तीन बार झड़ चुकी थी,,,,,,।

मोहिनी अपने कमरे में बैठे बैठे अपनी हिम्मत की दाद दे रही थी और मन ही मन अपनी सबसे अच्छी सहेली रेणुका का धन्यवाद भी कर रही थी क्योंकि उसी की बदौलत आज उसे जवानी का थोड़ा बहुत उसे प्राप्त हुआ था जिसके चलते वह आगे भी इस सुख को प्राप्त करने में निरंतर लगी रहेगी,,,,,,लेकिन मोहिनी के समझ में एक बात बिल्कुल भी नहीं आ रही थी कि सब कुछ करने के बावजूद भी उसके भाई ने अपने लंड को उसकी चूत में डाला क्यों नहीं जिसकी वह बेसब्री से इंतजार कर रही थी और उसी सुख को प्राप्त करने के लिए उसका दिल की धड़कन बड़े जोरों से धड़क भी रहा था और वह व्याकुल भी थी अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए,,, लेकिन उसके सोच के विपरीत उसके भाई ने अपने लंड का सुपाड़ा सिर्फ उसके चूत पर रगड़ा भर था उसमें डालने की हल्की सी कोशिश भर किया था लेकिन डाला नहीं था,,,यही मोहिनी को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार सब कुछ करने के बावजूद उसका भाई उसकी चूत में लंड डालकर चोदा क्यों नहीं,,,,, इस सवाल का जवाब शायद इस समय उसके पास बिल्कुल भी नहीं था,,, तभी दरवाजे पर हल्की सी आहट हुई तो वह अपने फ्रॉक को वापस सही से करने लगी,,,, दरवाजा खोल कर संजू कमरे में दाखिल हुआ और एक नजर मोहिनी के ऊपर डाला ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में उसकी गोरी गोरी जांघें चमक रही थी,,, जिसे देख कर उसके मुंह में पानी आ रहा था,,,,वही शर्म के मारे अपने भाई की तरफ नजर उठा कर देख नहीं पा रही थी वह अपनी नजरों को नीचे छुपाई हुई थी और संजू को ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अभी भी नींद में है,,,,और यही हाल संजू का भी था संजू भाई ठीक से मोहिनी से नजर नहीं मिला पा रहा था दोनों को ऐसा लग रहा था कि रात को जो कुछ भी हुआ था उस बात से दोनों अपने अपने तरीके से अनजान हैं दोनों को कुछ भी पता नहीं है,,,,

लेकिन समझो की हरकत को मोहिनी अच्छी तरह से जानती थी और मोहिनी रात में किस अवस्था में सोई थी कैसे सोई थी इस बारे में संजु अच्छी तरह से जानता था,,, लेकिन एक बात का दुख उसे था कि अपनी बहन की चिकनी चूत को देखकर वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाया था और जो नहीं करना चाहिए था हम आकर बैठा था अच्छा हुआ कि उसकी बहन को इस बारे में कुछ पता नहीं है वरना वह क्या सोचेगी,,,।

जबकि मोहिनी को सब कुछ पता था उसकी हरे कर कर जानबूझकर की गई थी वह अपने भाई को अपनी चिकनी तो दिखा कर उकसा रही थी और संजू अपनी बहन की चिकनी चूत देखकर बहक भी गया थालेकिन वह संजू के सामने ऐसे भी वार कर रही थी कि जैसे रात में जो कुछ भी हुआ उसके बारे में उसे कुछ भी पता नहीं हो और संजू कोई तुझे ही लग रहा था कि रात में जो कुछ भी हुआ था उस बारे में मोहिनी को कुछ भी पता नहीं है क्योंकि संजू मोहिनी के सोने की आदत से अच्छी तरह से वाकिफ था,,,,।

संजू नहा चुका था,,,मोहिनी दीदी नजर नीचे झुका कर बैठी हुई थी संजू को लग रहा था कि जैसे वह नींद में है इसलिए वहां उसके कंधे को पकड़कर हिलाते हुए बोला,,,।

मोहिनी उठ जा कॉलेज नहीं जाना है क्या देर हो रही है,,,


कितना बज रहा है,,,,(नींद में होने का नाटक करते हुए मोहिनी बोली)

6:30 बज रहा है देर हो रही है जल्दी से उठ जा,,,,


बाप रे 6:30 बज गए और तुम मुझे अभी उठा रहे हो,,,
( और इतना कहने के साथ ही मोहिनी होंठों पर कामुक मुस्कान लिए हुए कमरे से बाहर निकल‌,गई,,, और संजू अपनी बहन को कमरे से बाहर जाते हुए देखता रह गया उसकी सुडोल गांड फ्रॉक के घेराव में बहुत ही सुगठीत लग रही थी,,,रात को जिस तरह का मजा उसकी बहन ने दी थी उस बारे में संजू ने भी कभी कल्पना नहीं किया था उसकी बहन की चूत इतनी खूबसूरत होगी इस बारे में कभी उसने सोचा नहीं था अपनी बहन की चिकनी चूत देखने से पहले वह केवल अपनी मौसी की चूत के बारे में कल्पना किया करता था और उसी के बारे में सोचा करता था लेकिन अपनी बहन की चिकनी चूत देखने के बाद चूत के मायने बदल गए थे,,, अभी भी संजू को अपनी उंगली के अंदर अपनी बहन की चूत की गर्मी महसूस हो रही थी,,,,उसकी चूत से निकला काम रस चाटने में जिस तरह कहा ना तो उसे प्राप्त हुआ था शायद ऐसा मजा उसे कभी नहीं आया था,,,,संजू का मन बहुत कर रहा था कि अपने लंड को अपनी बहन की चूत में डालकर उसकी चुदाई करते लेकिन संजू दो बार अपनी मौसी की चुदाई कर चुका था और अपने लंड की मोटाई के बारे में उसे अच्छी तरह से ज्ञान था जोकि अपनी बहन की गुलाबी चूत के छोटे से छेद को देखकर उसका ज्ञान और ज्यादा बढ़ गया था वह समझ गया था कि उसके लंड का मोटा सुपाड़ा उसकी बहन की गुलाबी चूत के छोटे से छेद में बिना मोहिनी की मदद के बिना जाना नामुमकिन है इसलिए वह अपनी मंशा को मारकर केवल अपने लंड के सुपाड़े को अपनी बहन की चूत पर रगड कर अपना पानी निकाल कर शांत किया था,,,।संजू अपने कमरे में खड़े खड़े अपने बाल को संवारते हुए आईने में अपने आप को देखकर यही सोच रहा था कि अगर उसकी बहन की सोने की आदत इसी तरह से रही तो वह जरूर एक दिन अपनी बहन की चुदाई करके रहेगा,,,,,।

दूसरी तरफ आराधना परेशान थी अपनी बहन से उधार के पैसे लिए हुए महीना जैसा बीतने को हो गया था लेकिन अशोक की तरफ से किसी भी प्रकार का पैसे की मदद नहीं मिल पा रही थी,,, उसकी तनख्वाह कहां चली जाती थी इस बारे में उसे अंदाजा भी नहीं था,,,, आराधना एक अच्छी सी जॉब के लिए अपनी बहन को पहले से ही बोल के रखी हुई थी क्योंकि वह जानती थी कि अगर अशोक उसे पैसे ना दे सका तो वह खुद नौकरी करके अपनी बहन के पैसे लौटा देगी और परिवार को थोड़ी बहुत मदद करेगी भले ही अशोक को उसकी नौकरी करने में किसी भी प्रकार की चीजें महसूस होती हो लेकिन वह नौकरी करके ही रहेगी,,,,
इसीलिए आराधना आज ज्यादा परेशान थे क्योंकि आज उसे जॉब के लिए इंटरव्यू देने जाना था,,,,जिसके बारे में उसने अब तक किसी को भी नहीं बोली थी वहां अपने मन में यही सोच रही थी कि जब जॉब फाइनल हो जाएगी तभी सब को बताएगी क्योंकि उसे इस बात का डर था कि अगर उसे जो बोले कंपनी नहीं दिए तो उसका मजाक बनकर रह जाएगा और वह अपने परिवार में अपना मजाक बनता और ज्यादा देखना पसंद नहीं कर सकती थी,,,,,, अशोक से अब उसे उम्मीद ना के बराबर रह गई थी क्योंकि घर में झगड़ा मार तो नहीं हो रहा था लेकिन अशोक की तरफ से किसी भी प्रकार का सहायता भी नहीं हो रहा था,,,, घर में फिर से पैसों की किल्लत हो जाए, अब यह आराधना को मंजूर नहीं था,,, जिंदगी में पहली बार वह मजबूरन अपनी बहन से सहायता मांगने उसके घर गई थी,,, वह तो उसकी बहन उसकी मुसीबत को समझती थी कि उसकी मदद करती वरना कोई और होता तो खाली मुंह लौटना पड़ता और इससे बड़ी बेइज्जती और क्या हो सकती थी,,,,।

आराधना जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार करने के बाद खाना बना रही थी क्योंकि उसे 10:00 बजे तक ऑफिस पहुंचना था,,, संजू तैयार हो चुका था लेकिन वह सबसे लास्ट में घर से बाहर निकलता था मोहिनी नहा धोकर तैयार हो चुकी थी और नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गई थी अशोक बीपी ना बोले चाय नाश्ता करके घर से निकल गया था अब घर में उसका होना ना होना एक बराबर हो गया था,,, अशोक को आराधना से बात किए 15: 20 दिन हो चुके थे,,,लेकिन अशोक को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता था लेकिन आराधना को फर्क जरूर पड़ता था क्योंकि अशोक उसका पति था उसका हमसफर था उसका अमराही था लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर आकर उसका इस तरह से नजरअंदाज करना आराधना के दिल पर गहरा गांव दे रहा था,,, प्यार से बात करना तो दूर उसकी तरफ देखना भी अशोक ने छोड़ दिया था तो शारीरिक सुख की तो बात ही क्या करनी इस उम्र में औरतें शरीर सुख पाने के लिए कुछ ज्यादा ही एक्टिव रहती है लेकिन आराधना के लिए सब कुछ सपना सा लगने लगा था,,,,,


रोज की तरह संजू सब के चले जाने के बाद रसोई घर में प्रवेश किया और अपनी मां का देह लालित्य देखकर पूरी तरह से मदहोश हो गया,,,, कुछ देर पहले ही आराधना बाथरूम से नहाकर बाहर निकली थी और अपने गीले बालों को टोवल से पोछकर सुखाई नही थी,, जिसकी वजह से गीले बालों से टपकता हुआ पानी पीछे से उसके ब्लाउज को पूरी तरह से भिगो दिया था,,, और यही हाल ब्लाउज का आगे से भी था क्योंकि रेशमी बालों की लटे आगे को भी ब्लाउज से चिपकी हुई थी जो कि आगे से ब्लाउज को पूरी तरह से गिला कर चुकी थी,,,, आनन-फानन में आराधना को अपनी स्थिति का धान बिल्कुल भी नहीं था रसोई घर में प्रवेश करते समय बालों के पानी से जिले ब्लाउज को देखकर संजू के तन बदन में आग लग गई थी क्योंकि जो जुल्फें आगे से ब्लाउज को गीला कर चुकी थी उसमें से आराधना की चूची की चॉकलेटी निप्पल एकदम साफ नजर आ रही थी,,,, वो भी इसलिए की आराधना ने जल्दबाजी में खाना बनाने के चक्कर में ब्रा नहीं पहनी थी सिर्फ ब्लाउज पहन ली थी और पानी से भीगने की वजह से उसकी गोरी गोरी चूचियों के साथ-साथ उसकी चॉकलेटी रंग की निप्पल साफ नजर आ रही थी जिसे देख कर संजु की हालत खराब होने लगी और उसके मुंह में पानी आने लगा,,,, आराधना इस बात से बिल्कुल बेखबर थी कि उसकी चूची पानी के पीलेपन की वजह से साफ नजर आ रही है,,,, संजू के पेंट में हलचल सी होने लगी वह रोज की तरह पीछे की तरफ जाकर मटके में से पानी निकाल कर पीने लगा और अपनी मां को पीछे से देखने लगा उसका पिछवाड़ा बेहद खूबसूरत नजर आ रहा था एकदम गोल-गोल कसी हुई साड़ी में एकदम कसी हुई गांड,,, कमर की गहराई को नापने के लिए गहरी लगी है उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे,,, कुल मिलाकर अद्भुत रूप की मालकिन थी आराधना,,, जिसके जवानी का रस संजू खुद अपनी आंखों से पी रहा था,,,,,,।

पेंट में संजू का लंड पूरी तरह से अकड़न पर था वह अपनी मां की मदहोश कर देने वाली जवानी का तो पहले से ही कायल था लेकिन आज अपनी मां का गीला ब्लाउज देखकर उसमें से झांकती चूचियां ओर चुचीयों की शोभा बढ़ा रही चॉकलेटी निप्पल देखकर उसकी तो और ज्यादा हालत खराब हो गई,,,,,,, खूबसूरत औरत की मदहोश कर देने वाली जवानी का रस आंखों से पीने का भी अपना अलग मजा था,,, और इस मजे को देखो कि उसका बेटा खुद लूट रहा था,,,,।

अपनी स्थिति से बेखबर आराधना जल्दी-जल्दी प्लेट में नाश्ता लगाकर अपने बेटे की तरफ बढ़ाते हुए बोली,,,।

ले संजु जल्दी से नाश्ता कर ले,,, मुझे आज एक बहुत जरूरी काम है जिसके सिलसिले में मुझे बाहर जाना है,,,


कहां जाना है मम्मी,,,(इतना कहते हुए संजू जानबूझकर किचन के ऊपरी फ्लोर पर अपनी कमर टीका कर अपनी मां की तरफ देखते हुए बोला,,,)


बहुत जरूरी काम है अभी कुछ नहीं बता सकती जब काम हो जाएगा तब तुझे शाम को बता दूंगी,,,,(आराधना जल्दी-जल्दी रोटी पकाते हुए बोली,,, संजू ठीक है अपनी मां के सामने खड़ा होकर अपनी मां की चूचियों की तरफ देख रहा था जो कि ब्लाउज के गले पन से बाहर की तरफ झांक रही थी,,,, और अपनी मां की चूचियों को घूरते हुए वह बोला,,,)


चलो कोई बात नहीं मम्मी अभी नहीं बताना है तो ना सही लेकिन ऐसे ही मत चली जाना बाहर नहीं तो पूरा मोहल्ला तुम्हारे पीछे पीछे चल पड़ेगा,,,।
(आराधना को संजीव के कहने का मतलब बिल्कुल समझ में नहीं आया तो वह आश्चर्यजनक तरीके से संजू की तरफ देखते हुए सिर्फ इशारा करके पूछी की क्या हुआ जवाब में संजू बिल्कुल भी शर्म ना करते हुए एकदम बेशर्मी की हद पार करते हुए अपनी उंगली से अपनी मां की ‌चुचीयों की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,)

देख लो तुमने आज ब्रा नहीं पहनी हो और ब्लाउज गीला होने की वजह से सब कुछ नजर आ रहा है,,,।
(जैसे ही आराधना संजू की बात सुनकर अपनी छातियों की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए बालों के पानी से गिला हुआ ब्लाउज में सेउसकी बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम साफ नजर आ रही थी और सूचियों के लिए कल भी एक दम साफ नजर आ रही थी जिसे खुद देखकर वह शरमा गई अपने बेटे के सामने हुआ शर्म से पानी पानी होने लगी,,,अपने बेटे से नजर मिलाने तक की हिम्मत उसमें नहीं थी वह अपनी नजरों को नीचे झुका कर इधर-उधर करने लगी,,,,,, वह हैरान थी कि उसके बेटे ने कितने साफ शब्दों में उसकी गलती को बता दिया था जिससे उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल सी महसूस होने लगी थी,,,आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि अपने बेटे के सामने वह क्या करें उसका बेटा जो कि अपनी आंखों से उसकी चूचियों को घूर रहा था यह पल उसके लिए बेहद है शर्मसार कर देने वाला था लेकिन उसके बेटे के लिए यह पल बेहद मादकता से भरा हुआ था उसे तो इस नजारे को देखने में खुशी मिल रही थी वरना वह इस तरह से बेशर्मी दिखाते हुए अपनी मां को उसकी गलती का एहसास नहीं कराता,,,,।
पल भर में आराधना की सांसे तेजी से चलने लगी क्योंकि उसका बेटा उस जगह से हटने की जगह उसे ही घूर कर देख रहा था,,,शायद यह आराधना की गलती थी जो कि संजू इस कदर बेशर्मी दिखा रहा था क्योंकि अगर वह पहले ही उसे डांट फटकार कर मना कर दी होती तो शायद वह उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों को चुंबन करने की हिम्मत ना कर सकता और ना ही उसे अपनी बाहों में लेकर उसके नितंबों को अपनी हथेली में लेकर जोर से दबाने की जुर्रत कर पाता,,,,, वह तो अच्छा हुआ कि रात के समय आराधना अपने आप को काबू में करके अपने बेटे को अपने से अलग कर दिया वरना उस रात को ही दोनों के बीच मां बेटे का रिश्ता खत्म हो जाता ,,,, संजू को उसी तरह से बेशर्मी से खड़ा देखकर आराधना ही वहां से हटना मुनासिब समझी और शर्मिंदगी का अहसास लिए हुए वह बोली,,।

ओहो,,,, जल्दबाजी में ‌मेै भूल गई,,,(इतना कहने के साथ ही वह रसोई घर से बाहर निकलने लगी और जाते-जाते अनजाने में ही एक नजर संजू की पेंट के आगे वाले भाग पर डाली तो हैरान रह गई उसमें अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जो कि इस बात का सबूत था कि उसकी चुचियों को देखकर उसके लड़के का लंड खड़ा हो गया था,,, उसके खड़े लंड के एहसास सेआराधना की दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की नसों में रक्त का भ्रमण बड़ी तेजी से होने लगा,,,, आराधना जल्दी-जल्दी अपने कमरे में गई और अपना ब्लाउज का बटन खोल कर अपने ब्लाउज को बिस्तर पर फेंक दी और अलमारी में से लाल रंग की ब्रा निकाल कर उसे पहनने लगी,,,, ब्लाउज पूरा किया था इसलिए पहनना ठीक नहीं था इसलिए वह अलमारी में से दूसरा ब्लाउज खोजने लगी तो उसे सिर्फ रस्सी वाली जो कि पीछे से बांधी जाती थी वही ब्लाउज मिला और उसे पहनना उसकी मजबूरी थी,,, आनन-फानन में वह अपना ब्लाउज पहनकर पीछे अपना दोनों हाथ लाकर रस्सी को बांधने की कोशिश करने लगी जो की रस्सी ठीक से बंध नहीं पा रही थी,,,, आराधना चाहती तो नॉर्मल कपड़े पहनकर ही इंटरव्यू देने जा सकती थी लेकिन वह इंप्रेशन खराब नहीं करना चाहती थी क्योंकि उसे इस नौकरी की सख्त जरूरत थी इसलिए वह थोड़ा बन ठन कर जाना चाहती थी,,,।

आराधना वापस रसोई घर में आ चुकी थी संजू नाश्ता कर चुका था इस बार का ब्लाउज पीछे से एकदम खुला हुआ केवल एक पतली सी रस्सी थी जिसे बांधा जाता था,,,।संजू अपनी मां को इस ब्लाउज में देखकर पूरी तरह से मस्त हो गया वह बला की खूबसूरत नजर आ रही थी,,,, संजू अपनी मां की तारीफ करना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं कर पाया तभी उसकी नजर अपनी मां के पेट पर गई जहां से ठीक से रस्सी ना बांधने की वजह से अंदर की ब्रा की पट्टी नजर आ रही थी,,, जिसे देखकर संजु अपनी मां से बोला,,,।

मम्मी ब्लाउज की तस्वीर ठीक से बांधो ब्रा की पट्टी नजर आ रही है,,,।
(अपनी बेटी की बातें सुनकर आराधना फिर से हक्की बक्की रह गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें आनन-फानन में वह फिर से अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाने की कोशिश करते हुए अपनी ब्लाउज की रस्सी बांधने की नाकाम कोशिश करने लगी तो संजू ही आगे बढ़कर बिना कुछ बोले अपनी मां के ठीक पीछे आ गया और जल्दबाजी में बांधी गई ब्लाउज की डोरी को अच्छे से बांधने के लिए फिर से खोलने लगा आराधना उसे इनकार नहीं कर पाए वह एकदम से संजू के आकर्षण में बंद चुकी थी उसके मुंह से एक शब्द नहीं फूट रहे थे वह अपने आप को एक तरह से संजू के हवाले कर चुकी थी,,,,।

संजु अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को खोल दो रहा था फिर से अच्छी तरह से बांधने के लिए लेकिनआराधना को ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे उसका बेटा उसके ब्लाउज की डोरी खोल कर उसे धीरे-धीरे अपने हाथों से नंगी करने जा रहा है यह एहसास उसे और ज्यादा उत्तेजित करने लगा था उसकी चूत से काम रस बहना शुरू हो गया था जो कि उसकी पेंटी को गीला कर रहा था,,, संजू ठीक अपनी मां के पीछे खड़ा था उसकी उन्नत गांड से महज 2 अंगुल की दूरी पर संजू का तंबू था अगर अनजाने में ही आराधना के पैर हल्के से पीछे की तरफ आ जाती तो यह संजू ही थोड़ा सा आगे की तरफ अपनी कमर कर देता तो संजू का लंड उसकी मां की गांड से एकदम स्पर्श हो जाता और वह पल शायद दोनों की जिंदगी में एक नई गाथा लिखने की शुरुआत कर देता,,,,, अपनी मां की चिकनी पीठ पर अपने मूल्यों का स्पर्श होते ही संजू पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा थाअपनी मां के ब्लाउज की डोरी को खोलते समय संजू को भी वही एहसास हो रहा था जो की आराधना को हो रहा था संजु को भी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अपनी मां के ब्लाउज की डोरी खोल कर धीरे-धीरे उसे नंगी करने जा रहा है,,,,।

देखते ही देखते अपनी मां की इजाजत पाए बिना ही समझू आगे बढ़कर अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को खोलकर उसे वापस अच्छी तरह से मांग रहा था और उसे अच्छी तरह से बांध भी चुका था यह उसका पहली बार था जब वह किसी औरत के ब्लाउज की डोरी को बांध रहा था और उसे अच्छी तरीके से बात भी दिया था इस बात से शायद आराधना को भी हैरानी हो रही थी,,,, ब्रा की पट्टी थोड़ी सी टीम ली थी तो संजू अपनी मां की ब्रा की पट्टी में उंगली को हल कैसे डालकर उसे उंगली से ही सीधा करने लगा यह हरकत आराधना के लिए अद्भुत अवर्णनीय थी साथ ही ना जाने क्या हुआ के आराधना खुद ही अपनी कमर को हल्के से पीछे की तरफ कर दी और जैसे किसी पल का इंतजार संजू को भी था बॉबी हल्के से आगे आया और दोनों के कोमल अंग एक दूसरे के अंगों से रगड़ खा गए,,, आराधना की गांड संजू के पेंट में बने तंबू से स्पर्श हो गई और आराधना को इतने से हीअपने बेटे की लंड के कड़क पन का एहसास अपनी गांड पर हो गया वह पूरी तरह से मस्त हो गई और इस पल की मस्ती को वह काबू में ना कर सकी और उसकी चूत से काम रस की बूंदे टपकने लगी,,,।

संजू अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को बांध चुका था और वह भी अच्छे तरीके से उसे कॉलेज आने में देर हो रही थी तो वह तुरंत रसोई घर से बाहर आया और अपना बैग उठाकर अपनी मां को बाय बोल कर चला गया कुछ देर तक आराधना वहीं खड़ी की खड़ी रह गई,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो गया अपनी पेंटिंग को पूरी तरह से की थी महसूस कर रही थी और उसी का जायजा लेने के लिए वह अपनी साड़ी को उठाकर कमर तक खींच दी और अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच पर जाकर अपनी पैंटी का मुआयना करने लगी जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी गीली पेंटिं मैं वह अपने आप को सहज महसूस नहीं कर पा रही थी,,, और इसलिए वह तुरंत अपने कमरे में वापस गई,,, और अपनी गीली पेंटिं निकालकर दूसरी पेंटी पहन ली और तैयार होकर घर से बाहर निकल गई इंटरव्यू के लिए,,,।
Sanju 💓aaradhana best feeling in this story
Dil chahta hai ki dono ekk ho jaye
Superhit story
 
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Hunk1988

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बहुत ही सुन्दर रमणीय और लाजवाब अपडेट है
मोहिनी अपनी दोस्त के बताए रास्ते पर चलते हुए अपने भाई संजू को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहती है वही आराधना अपने बेटे की हरकतों से खुश भी है लेकिन उसका मन ये सब करने की गवाही नहीं दे रहा है देखते हैं मोहिनी क्या करती है क्या अपनी वासना अपने भाई के मोटे लम्बे लन्ड को अपनी बुर में लेकर शांत करती है या फिर उंगली से काम चलाती है
Pahle to bur me ugali kregi pr ugali se kaam nhi chalega,jo garmi lund deta h chut k andar,wo ugali se kaha milega,lund hi dard deta h aur wahi dawa bhi deta h,pahle garam sikai fir marham lga k bahar aa jata h ,pr chutwaliya lund ki sewa jitni krni chahiye utna krti nhi,chud k apni chut saaf kr k chali jati h,ye nhi ki chat k lund ki safai bhi kr de bechare ne itna mehnat kiya h Andheri gufa me ja k
 
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Sanju@

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कुछ देर पहले जाग रही मोहिनी सोने का नाटक करके लेटी हुई थी और जानबूझकर अपनी फ्रॉक को कमर से ऊपर तक खींच ली थी ताकि उसके भाई को उसकी मदद से जवानी का व केंद्र बिंदु नजर आ जाए जिसे देखकर वह पूरी तरह से मदहोश कर उसके साथ संभोग करें जिसके बारे में अपने भाई के लंड को देख कर मोहिनी मदहोश हो गई थी,,,,,,,,, अपनी सहेली के बताई गई युक्ति पर वह पूरी तरह से काम कर रही थी उसे विश्वास था कि उसकी सहेली की बताई गई युक्ति जरूर काम करेंगी,,,, इसीलिए तो वह पूरी तैयारी के रूप में सुबह ही अपनी चूत को क्रीम लगाकर एकदम साफ कर ली थी,,,, इतना तो वह जानती थी कि लड़कों को लड़कियों की जवान चिकनी चूत ज्यादा पसंद आती है,,,, इसीलिए वह समय होते ही अपने भाई से नजर बचाकर लेट गई थी और अपनी फ्रॉक को कमर तक उठा दी थी और इस तरह से लेटी थी कि उसके भाई को ऐसा ही लग रहा था कि वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रही है जबकि वह जाग रही थी,,,,।

मोहिनी वैसे तो इस तरह की लड़की बिल्कुल भी नहीं थी वह संस्कारी लड़की थी और अपने बड़े भाई की इज्जत भी करती थी लेकिन जवानी का यह उम्र यह दौर उसे भी वही करने पर मजबूर कर रहा था जैसा कि आमतौर पर दूसरी लड़कियां उम्र के दबाव में आकर कर बैठती हैं,,, अपनी मौसी के मुंह से गंदी गंदी बातों को सुनकर पहले ही उसे अपनी चूत से काम रस बहता हुआ महसूस हो चुका था और रही सही कसर संजू के खाने लंदन में कर दिया था जिसे वह अनजाने में ही अपनी नजरों के सामने देख ली थी,,, जिंदगी में पहली बार एक जवान तगड़े लंड के दर्शन कर लेने के बाद से तो उसकी सोच ही बदल गई,,,अपने भाई के खड़े लंड को देखकर ही उसकी चूत से काम रस बहना शुरू हो गया था अपनी जवानी की आग को भड़कता हुआ देखकर मोहिनी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,और जवानी में नादानी करते हुए वहां अपनी हथेली से ही अपनी चूत की गर्मी को शांत करने का बेड़ा उठाते हुए अपनी बीच वाली उंगली को अपनी कोमल पंखुड़ियों के बीच उसे प्रवेश कराकर अपनी जवानी की गर्मी को शांत करने की कोशिश करी थी और उसमें कामयाब भी हो गई थी लेकिन यह गर्मी यह जरूरत यह कामना कभी पूरी होने वाली थोड़ी थी जितनी पूरी करने की कोशिश करो इतनी ज्यादा भड़कती है और ऐसा ही कुछ महीने के साथ भी हो रहा था,,, इसीलिए तो वह अपने भाई को अपनी जवानी दिखाकर मदहोश कर देना चाहती थी और वही अपने भाई के साथ करना चाहती थी जो एक जवान लड़का जवान लड़की के साथ करता हैं,,,भाई-बहन के बीच के पवित्र रिश्ते को वह एक तरफ रख कर केवल एक मर्द और एक औरत के बीच के रिश्ते को ही देख रही थी,,,,।


और देखते ही देखते मोहिनी की युक्ति काम करने लगी क्योंकि समय हो जाने पर संजू भी सोने की तैयारी कर रहा था और अचानक ही ट्यूबलाइट की रोशनी में संजू की आंखों में वह तेरे से देखा जिसके बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं किया था संजू की सांसे अटक सी गई आंखों में अजीब सी चमक नजर आने लगी वह आश्चर्य से खुला का खुला रह गया वह अपनी बहन मोहिनी को देख रहा था जो कि उसके बगल में लेटी हुई थी और उसका फ्रॉक कमर तक उठा हुआ था और आश्चर्य की बात यह थी कि वह फ्रॉक के नीचे चड्डी नहीं पहनी थी,,,, पल भर में ही संजू की सांसे धुकनी की तरह चलने लगी,,, उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था वह बार-बार अपनी आंखों को मलमल कर दोबारा देखने की कोशिश कर रहा था कि कहीं वह कोई सपना तो नहीं देख रहा है लेकिन जो कुछ भी उसकी आंखें देख रही थी वह सपना नहीं बल्कि हकीकत का रूप था,,,,।
संजू को बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि वहां क्या करें कभी मोहिनी की तरफ से कभी बंद दरवाजे की तरफ तो कभी ट्यूबलाइट की तरफ देख ले रहा था,,,,, कुछ देर तक संजू उसी तरह से घुटनों के बल बैठा का बैठा रह गया,,,,,,, मोहिनी के चेहरे को बड़ी बारीकी से देख रहा था और मोहिनी भी अद्भुत अदाकारी दिखाते हुए सोने का नाटक बड़ी बखूबी से निभा रही थी संजू को यही लग रहा था कि उसकी बहन मोहिनी गहरी नींद में सो रही है जबकि वह पूरी तरह से जागी हुई थी नींद तो उसकी आंखों में कोसों दूर तक नजर नहीं आ रही थी और वैसे भी ऐसे हालात में नींद कब नौ दो ग्यारह हो जाती है पता ही नहीं चलता,,,,,,,,, कुछ देर तक समझो बड़े गौर से मोहिनी को इसलिए देख रहा था कि कहीं उसे लग रहा था कि वह जॉब तो नहीं रही है लेकिन पूरी तरह से तसल्ली कर लेने के बाद वहां निश्चिंत हो गया था कि मोहिनी गहरी नींद में है और उसकी नींद के बारे में उसे अच्छी तरह से मालूम था कि वह हमेशा घोड़े बेच कर सोती है उसे कुछ भी पता नहीं रहता और शायद यही ख्याल संजू के तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर रहा था,,,,

उत्तेजना के मारे सुख रहे गले को अपने दुख से गिला करते हुए संजू अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच अपना ध्यान केंद्रित करते हुए उस खूबसूरत बेशकीमती खजाने को अपनी आंखों से टटोलने लगा जो की पूरी तरह से एक पत्नी दरार के रूप में नजर आ रही थी और उत्तेजना के मारे उसके इर्द-गिर्द दो अंगुल जितनी गोलार्ध तवे पर गर्म रोटी की तरह उपसी हुई थी,,,,,, ऐसा नहीं था कि संजू पहली बार किसी चूत को अपनी आंखों से देख रहा था जिंदगी में पहली बार वहां सर्वप्रथम अपनी मौसी की चूत के दर्शन करने वाला वह पहला लाभार्थी था,,,,पहली बार अपनी मौसी की चूत देखकर उसके तन बदन में जो आग लगी थी जो उत्तेजना का बवंडर उठा था,, उस बारे में लिखने में शायद कोई शब्द नहीं मिल रहे थे,,,,और वाकई में मर्दों के जीवन में पहली बार किसी चूत के दर्शन कर लेना किसी बड़े सफलता को हासिल कर लेने से कम नहीं होता,,,कोई संजू के साथ भी हुआ था संजू दिन-रात बस अपनी मौसी की चूत के बारे में ही सोचता रह जाता था लेकिन संजय की मौसी उम्र दराज औरत थी और उसकी चूत में और मोहिनी की चूत में जमीन आसमान का फर्क था,,, क्योंकि उसकी मौसी दो बच्चों की मां थी और उम्रदराज होने के नाते उसकी चूत के भूगोल में बदलाव लाजमी था इसीलिए तो संजीव अपनी बहन की कमसिन चूत देखकर एकदम पागल हुआ जा रहा था,,,, मोहिनी की चूत क्या है बस एक हल्की सी पतली लकीर थी और उसकी मौसी की चूत संजू अच्छी तरह से देख चुका था और उसे भोग भी चुका था,,, संजू की मौसी की चुत के अंदर की गुलाबी पत्तियां बाहर निकल कर चूत की शोभा बढ़ा रही थी और वह थोड़ी सी फैली हुई थी संजू जब तक अपनी बहन की चूत ने देखा था तब तक वह सब औरतों की चूत के बारे में बस अपनी मौसी की चूत की भी कल्पना किया करता था उसे लगता था कि सब की चूत एक जैसी ही होती है और यह वास्तविक भी था कि सब की चूत एक जैसी होती है लेकिन उम्र में फर्क होता है जिससे चूत की साइज और उसके दिखाव में भी फर्क आ जाता है,,,,।

यहां पर संजू साफ तौर पर देख पा रहा था कि उसकी बहन की चूत एकदम चिकनी है और अंदर की गुलाबी पत्तियां बिल्कुल भी बाहर निकली हुई नहीं है,,,,, संजू की हालत खराब होती जा रही थी,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें कुछ देर पहले ही अपनी मां के बारे में सोच कर अपने आपको प्रेषित कर चुका था दिन रात अपनी मां को चोदने का उसके तन बदन में आग लगा रहा,, था,,,, अपनी मां की जवानी की गर्मी तो बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था दूसरी तरफ उसे अपनी छोटी बहन की कमसिन जवानी अपनी आंखों से नंगी देखकर उसकी हालत और ज्यादा खराब हो गई थी लंड का आलम यह था कि कभी भी अंदर से लावा फुटने का डर महसूस हो रहा था,,,,। अपनी बहन की चूत देखकर समझो अपने मन में सोच रहा था कि इसे अपने हाथ से छूकर देखा जाए की कैसा महसूस होता है,,, फिर उसके मन में इस बात का डर भी था कि कहीं मोहिनी जाग गई तो,,, फिर यह कहना था कि मोहिनी तो हमेशा घोड़े बेच कर सोती है उसे कुछ भी पता नहीं चलता अगर उसके साथ कुछ कर लिया भी जाए तो उसे पता नहीं चलेगा,,,, यह सोच कर सब्जियों की सांसे ऊपर नीचे होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें,,,, और वह इस बात से हैरान था कि उसकी बहन आज चड्डी क्यों नहीं पहनी है,,,,फिर अपने मन में सोचता कि हो सकता है कि वह हमेशा चड्डी ना पहनती हो बस आज ही उसका ध्यान उस पर गया हो वैसे भी गर्मी का मौसम है,,,।


संजू का दिमाग काम करना बंद कर दिया था अपनी आंखों के सामने अपनी बहन की कमसिन जवानी को नंगी देख कर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,,आखिरकार सोच विचार कर लेने के बाद अपनी बहन की गहरी नींद का फायदा उठाने का मन में सोच कर वह अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत के करीब ले जाने लगा,,,दूसरी तरफ काफी देर से मोहिनी को महसूस हो रहा था कि उसकी चूत उसके भाई की आंखों के सामने एकदम नंगी पड़ी है और उसका भाई कुछ कर नहीं रहा है उसे अपने भाई पर गुस्सा भी आ रहा था और इस तरह से अपने भाई को अपनी चूत का दीदार कराने में उत्तेजना का भी अनुभव हो रहा था वह काफी हद तक उत्तेजित हो गई थी,,,,हालांकि उसके भाई को किसी भी प्रकार का शक ना हो जाए इस वजह से वह अपनी चूत का बार-बार शुक्रिया भी अदा कर रहे थे क्योंकि अभी तक उत्तेजित होने के बावजूद भी उसकी चूत से काम रस की एक बूंद भी उस पतली लकीर से बाहर नहीं आई थी,,,, वरना उसका भाई समझ जाता कि जवानी की गर्मी उसे भी सता रही है,,,,,,, संजू पूरी तरह से आत्ममंथन कर चुका था वह सोच विचार दिया था कि जो होगा देखा जाएगा इसलिए वह अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत के करीब न जाने लगा जैसे जैसे उसकी हथेली उसकी चूत के करीब जा रही थी वैसे वैसे संजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी उसके पूरे बदन में कंपन सा महसूस हो रहा था,,,, इस कार्य को करने में बहुत जोखम था इस बात को वह जानता थाअपने मन में यही सोच रहा था कि अगर उसकी बहन जाग गई और उसे इस तरह की गंदी हरकत करते देख ली तो क्या सोचेगी कहीं वह अपनी मम्मी या पापा को ना बता दें कि यह सोच कर तो संजू की हालत और ज्यादा खराब हुई जा रही थी लेकिन जवानी का जोश उन्माद खुमारी उसकी आंखों में भी छा चुकी थी,,,,, बेहद खूबसूरत कली उसकी आंखों के सामने खेलती हुई नजर आ रही थी और उसे पकड़ कर उसकी खुशबू लेने का मन संजू को तड़पा रहा था और संजू इसी तड़प को कम करना चाहता था इसलिए जो भी होगा देखा जाएगा सोच कर वह अपनी हथेली को धीरे-धीरे अपनी बहन की चूत के बेहद करीब ले गया,,,,,,।

संजू को अपनी उंगलियों में कंपन साफ महसूस हो पा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें चूत की गर्मी उसे अपनी उंगली के पोरो तक महसूस हो रही थी,,, और देखते ही देखते अपनी इच्छाओं के आधीन हो कर,, संजू अपनी बहन की चूत पर अपनी अगली को हल्के से रख दिया,,,,, फिर क्या था पहली बार संजू ने किसी सवाल लड़की की चूत पर अपनी उंगली का स्पर्श कराया था जिसका असर उसके तन बदन में देखने को मिल रहा था,,,, जैसे मोती से भरे सीप पर हाथ रखते ही सीपी अपने पूरे वर्चस्व को अपने अंदर सी कोड देती है उसी तरह से ही मोहिनी भी अपनी चुत पर अपने भाई की उंगली स्पर्श होते ही वह अपने बदन को हल्की सी सिकोड ली,,, मोहिनी की यह हरकत उत्तेजना के वजह से संजू की नजर में नहीं आई वह तो पूरी तरह से अपनी बहन की चूत की बनावट में खो चुका था और उसकी उंगली चूत की बीचो-बीच की पत्नी दरार पर टिकी हुई थी जोकी बड़े हल्के से वह अपनी उंगली को अपनी बहन की चूत पर रखे हुए था ताकि उंगली के दबाव से उसकी बहन की नींद ना खुल जाए,,,,।

एक जवान लड़के की उंगली पहली बार मोहिनी अपनी चूत पर महसूस करते ही पूरी तरह से उत्तेजित हो गई,,, यह पल उसके लिए बेहद खास होता जा रहा था जिसके बारे में वर्णन कर पाना बहुत मुश्किल था अवर्णनीय पल का आनंद वह ले रही थी,,,,,देखते ही देखते संजू अपनी हिम्मत को बढ़ाते हुए अपनी हरकत को भी बनाना शुरू कर दिया और अपनी उंगली को केवल एक उंगली को अपनी बहन की चूत की पतली दरार की संपूर्ण लकीर पर ऊपर से नीचे तक अपनी उंगली के पोर को घसीटने लगा,,,,संजू को जितना मजा आ रहा था उससे कहीं ज्यादा आनंद मोहिनी के तन बदन को अपनी आगोश में लिए हुए था मोहिनी बड़ी मुश्किल से अपनी भावनाओं को काबू में किए हुए थी,,,,

उसकी आंखें बंद थी जो कि बार-बार संजू अपनी बहन के चेहरे की तरफ देख ले रहा था उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी नींद ना खुल जाए जबकि वह बात अच्छी तरह से जानता था कि सुबह से पहले बाबू उठने वाली नहीं है क्योंकि जब भी सोती है तो घोड़े बेच कर सोती है वरना उसके मम्मी पापा में इतना ग्रह कलेश लड़ाई झगड़ा गाली गलौज हुआ लेकिन उसकी आंख एक बार भी नहीं खुली थी और यही शायद संजू के हौसले को बढ़ा रहा था,,,,,हल्के हल्के अपनी उंगली को अपनी बहन की चूत पर घुमा रहा संजू उत्तेजना के मारे अपनी उंगली का दबाव अपनी बहन की चूत पर बढ़ाने लगा,,,,,और ऐसा करने में संजू की हालत खराब होती जा रही थी उत्तेजना के मारे उसका लंड पूरी तरह से गदर मचाने पर आमादा हो चुका था जिसे वह बार-बार अपने हाथ से दबा कर उसे काबू में करने की नाकाम कोशिश कर रहा था,,,,,,,।

अपनी मौसी की चूत से खेल चुका संजु इस समय अपनी बहन की चूत से खेल रहा था दोनों में उम्र और अनुभव दोनों मेल बिल्कुल भी नहीं था जहां एक तरफ संजू की मौसी पूरी तरह से परिपक्व और अनुभव से भरी हुई थी वहीं दूसरी तरफ मोहिनी बिलकुल नादान थी उसकी चूत बेहद कोमल और चिकनी थी जिस पर उंगली घुमाने ने संजू को स्वर्ग का आनंद प्राप्त हो रहा था संजू का मन कर रहा था कि अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत के गुलाबी छेद में डालकर उसके काम रस को अपनी जीभ से चाटा जाए उसके स्वाद को अपने अंदर उतार कर देखा जाए कि कितना नशा होता है लेकिन ऐसा करने मे संजू को डर भी लग रहा था,,, लेकिन अपनी भावनाओं पर काबू भी नहीं कर पा रहा था जैसा उसके दिमाग में करने को चल रहा था वैसा वैसा बा करता चला जा रहा था देखते ही देखते संजू अपनी बहन की गहरी नींद में होने का फायदा उठाते हुए अपनी पूरी हथेली को उसकी चूत पर रख कर उसकी छोटी सी चूत को अपनी हथेली में छुपा लिया,,,, चूत की गर्मी उसके तन बदन में आग लगा रही थी और यही हालत मोहिनी की भी थी संजू तो औरत की चूत को चोद कर मजा ले चुका था इसलिए वह थोड़ा बहुत अपने आप पर काबू करने में माहिर था लेकिन मोहिनी का तो यह पहली बार था पहली बार वह किसी जवान लड़की की हंसी को अपनी चूत पर महसूस कर रही थी और वह भी अपने बड़े भाई की,,,अपनी भावनाओं पर काबू कर पाना उसके लिए बेहद मुश्किल हुआ जा रहा था लेकिन फिर भी वहां एक आनंद की परिभाषा को सार्थक करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए थी,,, जिसमें वहां अब तक तो कामयाब होती नजर आ रही थी क्योंकि संजीव को जरा भी शक नहीं हुआ था कि उसकी बहन गहरी नींद में नहीं बल्कि जाग रही है,,,,

उत्तेजना के मारे संजू की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी लंड की हालत खराब थी जिसे वह बार-बार अपने हाथ से दबा कर काबू में करने की कोशिश कर रहा था लेकिन दूसरी हथेली से अपनी बहन की चूत को दबोच कर‌ वह पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था उससे रहा नहीं जा रहा था और वह तुरंत एक हाथ में अपनी बहन की चूत को थामे हुए दूसरे हाथ से अपने पहचानो को नीचे की तरफ सरकार रहा था वह घुटनों के बल बैठा हुआ था,,, और देखते ही देखते वह अपनी बहन की चूत को अपनी हथेली में दबोचे हुए दूसरे हाथ से अपने पहचाने को घुटनो तक नीचे खींच कर ला दिया था पहचान में से बाहर आते हैं उसका लंड हवा में खुली सांस लेते हुए ऊपर नीचे होकर हिलने लगा जो कि बेहद लुभावना और मादकता से भरा हुआ लग रहा था,,,अगर इस समय मोहिनी अपनी आंखें खोल कर अपने भाई के लंड को देख ले तो शायद खुद ही अपने भाई के लंड को पकड़ कर अपनी गुलाबी चूत के छेद पर रख दे और उसे धक्का मारने के लिए बोले,,,,।

लाख कोशिश करने के बावजूद भी अपने भाई की कामुक हरकत की वजह से अपने तन बदन की उत्तेजना को ना छुपा सकने और उसे काबू में ना कर सकने के कारण मोहिनी की चूत से काम रस की भूत अमृत की धार बनकर मोती के दाने की तरह पतली दरार से बाहर आने लगी जो कि संजू की हथेली को गिला करने लगी,,,, दो दो बार अपनी मौसी की चुदाई कर चुका संजु इतना तो समझ ही गया था कि एक औरत की चूत कब गीली होती है,,, और इसीलिए हीअपनी बहन की चूत से काम रस बहार आता हुआ देखकर संजू मन ही मन खुश होने लगा लेकिन वह यह नहीं अंदाजा लगा पाया कि उसकी बहन जाग रही थी शायद अगर यह अंदाजा लगा लेता तो अब तक वह अपनी बहन की दोनों टांगें फैलाकर उसके ऊपर चढ़ चुका होता,,, उसे ऐसा ही लग रहा था कि नींद में उसकी बहन उत्तेजित हुई जा रही है खैर जो भी हो मजा दोनों को आ रहा था दोनों भाई बहन अपने अपने तरीके से आनंद ले रहे थे मोहिनी नींद में होने का नाटक करके पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी अपने भाई की हथेली की हरकत उसे आनंद विभोर कर रही थी,,,वहीं दूसरी तरफ संजय की हरकत बढ़ती जा रही थी अब तक अपनी बहन में किसी भी प्रकार का बदलाव आता ना देख कर उसकी हिम्मत बढ़ने लगी वह समझ गया कि उसकी बहन के साथ कुछ भी करो उसे कुछ समझ में नहीं आएगा क्योंकि वह गहरी नींद में सो रही है इसीलिए संजू उत्तेजना के मारे अपनी हथेली को उसकी चूत पर एकदम से कस लिया,,,,मदहोश होकर संजीवनी इतनी जोर से उसकी चूत को अपनी हथेली में दबोचा था कि मोहिनी के मुंह से आह निकलती निकलते रह गई थी,,,,।

मोहिनी मन ही मन बहुत खुश हो रही थी वह समझ गई थी कि उसकी सहेली की बताई गई युक्ति उसे बराबर काम आ रही है वह कभी सोच नहीं थी कि उसका भाई उसके साथ इस तरह की हरकत करेगा लेकिन इतना विश्वास जरूर था कि उसकी चूत देख लेने के बाद उसके भाई की हालत खराब हो जाएगी और ऐसा हो भी रहा था लेकिन इस तरह की हरकत की उसे उम्मीद नहीं थी,,,,वह तो बस अपनी चूत दिखा कर अपने भाई को पागल कर देना चाहती थी और धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहती थी लेकिन उसका भाई खुद ही अपनी हरकत को बढ़ावा दे रहा था मोहिनी को भी अपने भाई की मदहोशी भरी गर्म सांसे अच्छी लग रही थी और जिस तरह से उसने अपनी हथेली में उसकी चूत को लेकर जोर से दबाया था उसकी हरकत पर तो वह पानी पानी हुई जा रही थी,,,,। जवानी के खेल में कितना मजा आता है मोहिनी में कभी सोची ही नहीं थी लेकिन आज उसे सब कुछ समझ में आने लगा था कि क्यों लड़कियां लड़कों के पीछे और लड़के लड़कियों के पीछे पागल रहते हैं आखिरकार दोनों की मंजिल यही तो रहती है दोनों टांगों के बीच,,,,लड़कियां लड़कों को अपनी दोनों टांगों के बीच लाने के लिए परेशान और लड़के लड़कियों के दोनों टांगों के बीच जाने के लिए परेशान बस यही आजकल का फलसफा और प्रेम है,,,, जो कि सिर्फ चुदाई पर आकर खत्म हो जाती है,,,।

संजू अपने खाने लंड को हाथ में लेकर धीरे-धीरे मुठिया रहा था और दूसरे हाथ की उंगली को धीरे-धीरे अपनी बहन की चुत को कुरेदना शुरू कर दिया था,,,। गोरी गोरी चूत के अंदर का भुगोल पूरी तरह से गुलाबी था जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था,,,, संजू अपनी एक उंगली से उसकी चूत की दरार को खोलने की कोशिश कर रहा था और वह इस कोशिश में कामयाब भी होता जा रहा था चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी जिसकी वजह से चूत से निकला हुआ काम रस संजू की उंगलियों को भी भीगो रहा था,,,,,,, मोहिनी हल्के सेअपनी एक आंख को थोड़ा सा खोज कर संजू की तरफ देख रही थी और जैसे ही हो अपनी आंख खोलकर संजू की तरफ नजर दौड़ाई तो मोहिनी को संजू के हाथ में उसका मोटा तगड़ा लंड नजर आया जिसे वो धीरे धीरे हिला रहा था यह देखकर मोहिनी के तन बदन में आग लग गई वह जल्द से जल्द अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए मचलने लगी,,,लेकिन ऐसा अभी वह कर नहीं सकती थी बस देखकर ही अपने मन को मनाने की कोशिश कर रही थी,,,।


संजू अपनी हरकत को बढ़ा रहा था देखते ही देखते वह अपनी उंगली को अपनी बहन की चूत की दरार में ऊपर से नीचे तक उसमें हल्के से गडा कर घुमाने लगा,,,, संजू के साथ-साथ मोहिनी को भी मजा आ रहा था,,,,,,मोहिनी बड़ी मुश्किल से अपने घर में शिकारियों को काबू में की हुई थी हालांकि अभी तक उसके मुंह से गर्म सिसकारी कभी निकली नहीं थी लेकिन इस तरह के हालात में लड़की के मुंह से कर्मचारी निकलना लाजमी था,, लेकिन जैसे तैसे करके वहां अपने आप पर काबू रखी हुई थी अपने भाई की हरकत उसे पूरी तरह से मस्त कर रही थी,,,हल्की-हल्की कसमसा हाट मोहिनी के भजन में हो रही थी जिस पर उत्तेजना के मारे मदहोश संजू के ध्यान में नहीं आ रहा था वह तो एक हाथ में अपना लंड पकड़ कर अपनी बहन की चूत से खेल रहा था,,,,,,,,,

इस खेल को धीरे-धीरे खेलते हुए इस खेल में आगे बढ़ते हुए रात के तकरीबन 1:00 बज गए,,,, ना तो संजू को पता चला और ना ही मोहिनी को आखिरकार खेल ही कुछ ऐसा था,,,, इस खेल को खेलते समय ना तो समय की परवाह रहती है ना जमाने की,,,, संजू की हिम्मत बढ़ती जा रही थी एक पल तो उसका मन किया कि अपने लंड को अपनी बहन की चूत से सिर्फ सटाकर ही मजा लिया जाए,,,लेकिन ऐसा कर रहे हैं उसे डर लग रहा था तो वह अपनी बीच वाली उंगली कोअपनी बहन की चूत की लकीर में ऊपर से नीचे तक लाते हुए उसकी गुलाबी छेद को उंगली से टटोलते हुए,,, अपनी बीच वाली उंगली को धीरे धीरे उस गुलाबी मुख्यद्वार में प्रवेश कराने लगा,,,, यह हरकत पूरी तरह से संजु को मदहोश किए जा रही थी चुदाई से भी ज्यादा सुख संजु को प्राप्त हो रहा था,,, और यही हाल मोहिनी का भी था आज दूसरी बार उसकी चूत के गुलाबी छेद में कोई उंगली प्रवेश कर रही थी पहली बार तो वह खुद की उंगली थी और दूसरी बार अपने भाई की इसलिए वह पूरी तरह से गदगद हुए जा रही थी,,,, जैसे-जैसे चूत के अंदर अपनी भाई की उंगली को प्रवेश करने दे रही थी वैसे वैसे मोहिनी की सांस अटक जा रही थी,,,,मोहिनी हल्के से अपनी आंखों को खोल कर अपने भाई की तरफ देख रही थी उसके हाथ में उसका मोटा तगड़ा लंड था जिसे वो जोर जोर से हिला रहा था,,,,अपने भाई के नंबर को देखकर वह अपने मन यहीं सोच रही थी विकास उसका भाई हिम्मत दिखाकर अपने लंड को उसकी चूत में डाल देता तो कितना मजा आ जाता,,,।

देखते ही देखते धीरे-धीरे संजू अपनी बहन की चूत के गुलाबी छेद में अपनी बीच वाली उंगली को धीरे धीरे डालना शुरू कर दिया,,,, देखते ही देखते चुत की अंदरूनी अड़चनों को दूर करते हुए संजु की उंगली चूत की गहराई में अधिक से अधिक अंदर तक जा पहुंची और मोहिनी के तन बदन में आग लगाने लगी आखिरकार मोहिनी की खुद की उंगली नहीं थी यह तो एक जवान लड़की की उंगली थी जो कि इस समय मोहिनी को लंड से कम मजा नहीं दे रही थी,,,,मोहनी पूरी तरह से पागल हो जा रही थी उसे बर्दाश्त कर पाना मुश्किल बजा रहा था क्योंकि संजू अपनी हरकत को पढ़ाते हुए अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था एक तरह से वह अपनी बहन की चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था,,, और जोर-जोर से अपने लंड को हिला रहा था,,,,,,मोहिनी के लिए हालात काबू से बाहर जा रहे थे अपने आप पर बिल्कुल भी काबू पर सकने की स्थिति में नहीं थी,,,,, किसी भी वक्त उसके मुंह से गर्म सिसकारी की धार फूट सकती थी जिसे वह बड़ी मुश्किल से अपने काबू में लिए हुए थी,,,,,।

अभी तक मोहिनी की नींद नहीं टूटी थी और इसीलिए संजू की हरकत बढ़ती जा रही थी उसकी हिम्मत और उसका हौसला भी बढ़ता जा रहा था,,,, जिस तरह का आनंद संजू लुट रहा था वह अपने आनंद को बढ़ाना चाहता था,,क्योंकि अपनी बहन की गुलाबी चूत के साथ खेलने के बाद वह पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो चुका था,,,,,, क्योंकि आज वह अपनी बहन की चूत से खेल कर ही पूरी तरह से मस्त हो चुका था ,, चुदाई से भी अधिक अद्भुत सुख से प्राप्त हो रहा था,,,।उसकी इतनी हरकत के बावजूद भी अभी तक मोहिनी के तन बदन में किसी भी प्रकार की हरकत होता ना देगा कर संजू का हौसला बढ़ रहा था वह अपनी बहन की चूत में लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहा था और उसी के छोटे से गुलाबी छेद का जायजा ले रहा था,,,अब तो खुश है इतना तो समझ में आ ही गया था कि उसकी मौसी की चूत की तरह उसकी बहन की चूत खुली नहीं है क्योंकि इसमें उंगली भी बड़ी मुश्किल से जा रही थी और उसकी मौसी की चूत में उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड बड़े आराम से चला गया था,,, और वहअपनी बहन की गुलाबी चूत के छोटे से छोटे को देखते हुए इतना तो समझ ही गया था कि अपनी बहन का सरकार पाए बिना वह अपनी बहन की चूत में अपना लंड नहीं डाल सकता था,,, और वह मन मानी भी नहीं कर सकता था क्योंकि ऐसा करने पर मोहिनी के लिए खोल सकती थी और बात भी कर सकती थी,,, संजू अपने मन में यही सोच रहा था लेकिन वह कहां जानता था कि अगर जो कुछ भी अपने मन में सोच रहा है अगर वह अपनी बहन के साथ पड़े तो उसकी बहन उसका पूरा का पूरा साथ दें क्योंकि यही तो मोहिनी भी चाहती थी,,,,,लेकिन संजू इस बात से अनजान था इसलिए वो अपने तरीके से मजा लेना चाहता था,,,,।

संजू अपनी बहन की चूत में डूबी हुई अपनी पूरी उंगली को एक बार बाहर निकाल कर उसे बड़ी बारीकी से देखने लगा उसकी बीच वाली उंगली पूरी तरह से उसकी बहन की चूत के काम रस में डूबी हुई थी जिसमें से कामरस अमृत की बूंद की तरह नीचे टपक रही थी,,, जिसे संजू जाया नहीं होने देना चाहता था और वह अपनी बहन की चूत में घुसी हुई पूरी उंगली को पूरी की पूरी ऊंगली को अपने होठों के बीच प्रवेश करा कर चाटना शुरू कर दिया और अपने भाई की यह हरकत को मोहिनी अपनी आंखों से देख रही थी और अपने भाई की हरकत को देखकर वह पूरी तरह से रोमांचित हो उठी,,,मोहिनी अपने भाई की हरकत को देखकर अपने मन में यही सोच रही थी कि उसका भाई उसकी चूत का रस चाट रहा है अगर यही काम वह अपना मुंह लगाकर उसके चुत से सीधे-सीधे चाटता तो कितना मजा आ जाता,,,,,,मोहिनी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी उसकी सांसे काफी गहरी चल रही थी जो कि अभी भी उत्तेजना से ग्रस्त संजू की नजर में नहीं आ रहा था अगर अपनी बहन की हालत को देखने का तो शायद संजीव आज अपनी बहन को चुदाई का अद्भुत सुख देता जिसके लिए उसकी बहन तड़प रही थी,,,,।

संजू पूरी तरह से कामाग्नि में जलते हुए अपनी बहन की चूत से अपनी उंगली को निकाल कर उसे जीभ लगाकर चाट रहा था,,, हल्का कड़वा नमकीन रस पूरी तरह से संजू को पागल किए जा रहा था एक हाथ से वो जोर-जोर से लंड को हिला रहा था मानो कि जैसे वह अपनी बहन की चुदाई कर रहा हो,,,,अच्छी तरह से चाट लेने के बाद वह दोबारा उसी उंगली को अपनी बहन की चूत में डाल दिया और फिर से अंदर-बाहर करने लगा,,,, उत्तेजना के मारे मोहिनी की कमर कसमसा रही थी,,,उसके पास में होता तो वह कब से अपनी कमर को ऊपर उठाकर अपने भाई को अपनी आगोश में ले लेती,,, लेकिन अभी ऐसा करना ठीक नहीं था अगर वो ऐसा करती तो उसका भाई क्या सोचता कि उसकी बहन खुद छुड़वाना चाहती है,,,, और ऐसा ना करना नहीं चाहती थी इसलिए अपने मन पर बहुत भारी पत्थर रखकर काबू किए हुए थी,,,।

संजू फिर से अपनी बहन की चूत से होली को बाहर निकाल कर फिर से उसे अपने मुंह में ले कर चाटना शुरू कर दिया यही क्रिया वह तीन चार बार कियामोहिनी एक बार झड़ चुकी थी जिसका अंदाजा संजू को बिल्कुल भी नहीं था और दूसरी बार पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी,,,,।संजू की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसका मन बिल्कुल भी काबू में नहीं था वह तो मोहिनी को चोदना चाहता था लेकिन उसके छोटे से छेद के कारण वह अपनी इस हरकत को अपने तरीके से अंजाम नहीं दे सकता था यह बात भी अच्छी तरह से जानता था इसलिए अपने मन को मनाते हुए वह अपनी उंगली को उसकी चूत से बाहर निकालकर अपने प्यासे होठों को उसकी दोनों टांगों के बीच ले जाने लगा जो कि मोहिनी हल्की खुली आंखों से यह देख रही थी उसके दिल की धड़कन बड़ी तेजी से चलने लगी,, क्योंकि वह समझ गई थी जो काम संजू उंगली से चाट कर कर रहा है वही काम अब वह शायद अपने होठों से करना चाहता है यह ख्याल मोहिनी के तन बदन में आग लगा रहा था,,,
और देखते ही देखते संजू अपनी बहन के गहरी नींद का फायदा उठाते हुए अपने प्यासी होठों को अपनी बहन की गरम चूत पर रख दिया और जैसे ही संजू ने अपने होठों को अपनी बहन की चूत पर रखा उसमें से मादक खुशबू पूरी तरह से संजू को अपनी आगोश में ले ली और वह जोर लगाकर अपने नथुनों से,, अपनी बहन की चूत के अंदर के मादक खुशबू को अपनी छाती में भर लेना चाहता था और वैसा ही हो रहा था संजू पूरी तरह से मस्त हो गया और यही हाल मोहिनी का भी था मोहिनी पूरी तरह से उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें एक पल के लिए तो उसके दोनों हाथ उठ गए थे अपने भाई के सर पर रख कर उसे जोर से दबाने के लिए लेकिन तुरंत अपने आप को संभाल कर अपने हाथों को संभाल ले गई,,, और अपने को कैसे अपने सूखे गले को गिला करने की कोशिश करने लगी,,,, मोहिनी के लिए यह सब कुछ नया नया सा था मोहिनी की युक्ति काम कर गई थी उसका भाई पूरी तरह से उसकी जवानी के केंद्र बिंदु पर अपना ध्यान केंद्रित कर चुका था,,,,, संजु गहरी सांस लेते हुए अपनी बहन की चूत को चाटना शुरू कर दिया था उसका सिर मोहिनी की दोनों टांगों के बीच था इसलिए मोहिनी अपनी आंखों को अच्छी तरह से खोलकर अपने भाई की हरकत को साफ तौर पर देख पा रही थी क्योंकि उसके भाई का ध्यान पूरी तरह से उसकी चूत में डूबा हुआ था,,,, ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में मोहिनी को सब कुछ साफ नजर आ रहा था वह अपनी युक्ति पर जो कि उसकी सहेली की बताई गई थी उस पर अमल करके पूरी तरह से खुश थी उसका भाई उसकी चूत का दीवाना हो चुका था और इस समय उसकी दोनों टांगों के बीच कब्जा जमाया हुआ था,,,,


पहली बार मोहिनी किसी जवान लड़के से अपनी चूत चटवां रही थी और वह भी अपने भाई से,,, मोहिनी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी संजू की अभी तक केवल अपनी मौसी की चूत का मजा ले रहा था लेकिन आज अपनी बहन की जवान कमसिन चूत का मजा लेते हुए वह सारी दुनिया को भूल चुका था,,,मोहिनी पूरी तरह से मस्त होकर अपनी अमृतधारा बार-बार अपनी चूत से बहा रही थी जिसे उसका भाई अपने होंठ और जीभ से चाट कर साफ कर दे रहा था,,, मोहिनी अपनी भाई की कामुक हरकत की वजह से दूसरी बार झड़ चुकी थी,,,, संजू की हालत खराब हो जा रही थी उसके लंड से कभी भी लावा फूट सकता था अपनी बहन की चूत चाटते हुए संजू बार-बार अपने मन में उसकी चूत में अपने लंड डालने का विचार कर रहा था लेकिन इस बात से अनजान बिल्कुल भी नहीं था कि उसकी बहन की चूत के छेद के मुकाबले उसके लंड की मोटाई कुछ ज्यादा ही थी और ऐसा कर पाना इस समय संभव बिल्कुल भी नहीं था,,, इसलिए वहां अपने मन को मनाते हुए एक और युक्ति लगाने की सोचा क्योंकि किसी भी वक्त उसके लंड का पानी निकल सकता था और वह चाहता था कि अपनी बहन की नींद का फायदा उठाते हुए अपने लंड को उसके सुपाड़े को अपनी बहन की गुलाबी चूत पर रगड कर हीं पानी निकाला जाए,,,, यही सोचकर वहअपने सिर को अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच से उठाते हुए गहरी गहरी सांस लेने लगा और तुरंत मोहिनी अपनी आंखों को फिर से बंद कर दी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आप उसका भाई क्या करने वाला है लेकिन अब वह धीरे-धीरे अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच आ चुका था अपनी बहन की चिकनी जांघों पर हाथ रखते हुए उसे स्वर्ग का आनंद प्राप्त हो रहा था,,, संजू यह बात अच्छी तरह से जानता था कि मोहिनी बला की खूबसूरत लड़की थी जिसे पाना शायद हर लड़कों का मकसद रहता है,,,, लेकिन यह बात भीसंजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बहन सीधी-सादी और भोली भाली है कभी भी लड़कों के चक्कर में पढ़ने वाली नहीं थी,,,, लेकिन इस बात से संजर पूरी तरह से अनजान था कि धीरे-धीरे उसे जवानी की गर्मी सताने लगी थी और यह भी उसी की मर्जी थी कि आज संजू उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बनाए हुए हैं,,,।

संजू अपनी बहन की दोनों टांगों को फैला कर उसकी दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल आ चुका था यह पूरी तरह से संभोग मुद्रा था जिसमें मर्द का लंड औरत की चूत में होता है लेकिन यहां पर संजू को ऐसा कुछ भी नहीं करना था,,, हालांकि यहां भी एक मर्द का लंड और एक औरत की चूत थी लेकिन लंड को चूत में प्रवेश नहीं कराना था,,संजीव अपनी खुली आंखों से अपनी बहन की चूत को देख रहा था जिससे वह जी भर कर खेल रहा था,,, चूत फुल कर गरम रोटी की तरह हो गई थी,,,, जिसमें से काम रस बह रहा था संजू अपनी बहन की चूत को नजर भर कर देख रहा था क्योंकि ट्यूबलाइट की रोशनी में एकदम साफ नजर आ रही थी जिसका रंग एकदम गुलाबी हो गया था संजू पूरी तरह से तैयार था अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए और दूसरी तरफ मोहिनीव्याकुल और बेचैन नजर आ रही थी उसे लग रहा था कि जिस तरह से संजू उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बना रहा है जरूर अपने लंड को उसकी बुर में डालने की कोशिश करेगा और इसलिए मोहिनी अपने आप को तैयार कर चुकी थी उसे लगने लगा था कि उसकी जिंदगी का मकसद पूरा होने वाला है,,,, उसकी चूत में अब उसके भाई का लंड होगा,,, जिसके बारे में सोच कर ही उसने यह सारी काम लीला रचाई थी,,, अपने मकसद में वह इतनी जल्दी कामयाब हो जाएगी इस बारे में उसने कभी अंदाजा नहीं लगाई थी उसकी दिल की धड़कन बड़ी तेजी से चल रही थी वह हल्के से अपनी आंखों को खोलकर अपने भाई के तरफ देख रही थी संजू के हाथ में उसका नंबर था जिसे वह ऊपर नीचे करके हीला रहा था अपने भाई के लंड को देख कर मोहिनी के तन बदन में आग लग रही थी उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसके छोटे से छेद में उसके भाई का लंड घुसेगा कैसे,,,, फिर भी वह अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए पूरी तरह से तैयार थी,,,,।।

संजू की सांस अटक रही थी वह जानता था कि वह इस हालत में अपनी बहन को चोद नहीं पाएगा लेकिन ऊपर ऊपर से मजा ले कर अपना पानी निकाल जरूर सकता है इसीलिए वह अपने घुटनों को अपनी बहन की जांघों के और करीब लाते हुए अपने लंड की सुपाड़े को अपनी बहन की चूत पर रख दिया,,, यह मोहिनी और संजू दोनों के लिए वह पल था जब वह दुनिया को भूल कर एक नई दुनिया में प्रवेश कर रहे थे और यह सुख यह पल दोनों के लिए अद्भुत और अवर्णनीय था,,, जिसकी किसीसे तुलना नहीं कर सकते थे,,,।

अपने भाई के लंड कैसे पानी को अपनी चूत की गुलाबी छेद पर महसूस करते ही मोहिनी की तो सांस ही अटक गई,,, संजू की यह हरकत मोहिनी के लिए चुत में लंड घुसाने से कम नहीं था,,, उसकी छातियां ऊपर नीचे होने लगी साथ ही उसकी चुचियों में अकड़न सी आने लगी,,, संजू अपनी बहन की तरफ बिल्कुल भी नहीं देख रहा था उसका सारा ध्यान अपनी बहन की गुलाबी चूत पर था जिसमें से काम रस अभी भी निकल रहा था संजू अपनी हरकत को आगे बढ़ाते हुए अपने लंड को हाथ में पकड़ कर,,, अपने सुपाड़े को अपनी बहन की चूत के गुलाबी छेद पर रगडते हुए उसे एक पल के लिए अंदर डालने की कोशिश करने लगा,,,,,, अपनी गुलाबी चूत के छेद में अपने भाई के लंड के सुपाड़े को अंदर घुसता हुआ महसूस करते हीमोहिनी को इस बात का आभास हो गया कि इतनी जल्दी उसके भाई का लंड उसकी चूत में घुसने वाला नहीं है और उसके बदन में उत्तेजना के मारे कसमसाहट आ गई,,,, अपनी बहन के बदन में आई कसमसाहट को देखकरसंजू पूरी तरह से सचेत हो गया वह समझ गया कि इसके आगे हरकत करना ठीक नहीं है अगर ऐसा करेगा तो यह सुख भी उसके हाथ से ज्यादा रहेगा इसलिए वह समझदारी दिखाते हुए अपनी बहन की चूत पर अपने लंड के सुपाड़े को रगड़ना शुरु कर दिया,,,

बड़ी मुश्किल से अपने मुंह से निकलने वाली सिसकारी को अपने होठों को दबाकर महीने में शांत कर दी यह सुख बेहद अद्भुत और अवर्णनीय था इस बारे में कभी मोहिनी ने सोची भी नहीं थी कि ऐसी हरकत करने में इतना आनंद आएगा वह पूरी तरह से मस्त हो गई थी उसकी चूत पानी पानी हुई जा रही थी,,, बार-बार उसकी चूत से काम रस रह-रहकर बह जा रहा था,,,, वह पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी,,, मोहिनी के लिए यह चुदाई से कम नहीं था,,, संजू पागल हो जा रहा था अपनी लंड क सुपाडे को अपनी बहन की चूत की गुलाबी दरार पर रगडते हुए उसे भी एक बेहद खूबसूरत चूत का मजा मिल रहा था जिसका मजा चुदाई से कम बिल्कुल भी नहीं था,,,, लेकिन या खेल ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया क्योंकि मोहिनी की गरम चूत की आंच में संजू का मोटा तगड़ा लंड ज्यादा देर टिक नहीं पाया और पिघलने लगा उसके लंड से गरम लावा फूट पड़ा,,, और धीरे-धीरे मोहिनी की चूत के ऊपरी भाग को भी होने लगा अपने भाई के लंड से निकलेगरम लावा की गर्मी को वह अपनी चूत के इर्द गिर्द महसूस करके वह पूरी तरह से गनगना गई थी,,,,।

थोड़ी ही देर में संजू पूरा का पूरा अपना गरम लावा अपनी बहन की चूत के ऊपर गिरा दिया,,, वासना का तूफान शांत हो चुका था संजू अभी भी अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल था और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे अपनी बहन की चूत पर सटाया हुआ था,,,फिर एक नजर अपनी बहन के ऊपर डाला वह उसी स्थिति में सोने का नाटक कर रही थी जो कि संजु को लग रहा था कि वह गहरी नींद में सो रही है,,, संजू धीरे से अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच से अलग हुआ और अपना टी-शर्ट बाहर निकाल कर अपनी बहन की चूत पर गिराया हुआ सारे लावा को साफ करने लगा और अच्छे से साफ करने के बाद वह वापस अपनी जगह पर आ गया मोहिनी अभी भी उसी स्थिति में सो रही थी अभी भी उसकी चूत साफ नजर आ रही थी,,,,दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ संजू किधर गई तो वह हैरान रह गया क्योंकि घड़ी में 3:00 बज रहा था,,, अपनी बहन की गर्म जवानी से खेलने के चक्कर में समय कब गुजर गया उसे पता ही नहीं चला,,। मोहिनी भी अपने बाल की हरकत से तृप्त हो चुकी थी हाना की चुदाई का असली सुख से प्राप्त नहीं हुआ था लेकिन इतना भी उसके लिए बहुत था वह उसी स्थिति में गहरी नींद में सो गई और संजू भी सो गया,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उतेजनात्मक अपडेट है संजू अपनी बहन मोहिनी की बुर देखकर उत्तेजित हो गया और अपने लन्ड को अपनी बहन की बुर पर रगड़ कर दोनो तृप्त हो गए हैं देखते हैं दोनो में चुदाई कब होगी अब देखना है कि सोनू पहले मोहिनी या अपनी मां के साथ चुदाई करता है
 

Sanju@

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कुछ देर पहले जाग रही मोहिनी सोने का नाटक करके लेटी हुई थी और जानबूझकर अपनी फ्रॉक को कमर से ऊपर तक खींच ली थी ताकि उसके भाई को उसकी मदद से जवानी का व केंद्र बिंदु नजर आ जाए जिसे देखकर वह पूरी तरह से मदहोश कर उसके साथ संभोग करें जिसके बारे में अपने भाई के लंड को देख कर मोहिनी मदहोश हो गई थी,,,,,,,,, अपनी सहेली के बताई गई युक्ति पर वह पूरी तरह से काम कर रही थी उसे विश्वास था कि उसकी सहेली की बताई गई युक्ति जरूर काम करेंगी,,,, इसीलिए तो वह पूरी तैयारी के रूप में सुबह ही अपनी चूत को क्रीम लगाकर एकदम साफ कर ली थी,,,, इतना तो वह जानती थी कि लड़कों को लड़कियों की जवान चिकनी चूत ज्यादा पसंद आती है,,,, इसीलिए वह समय होते ही अपने भाई से नजर बचाकर लेट गई थी और अपनी फ्रॉक को कमर तक उठा दी थी और इस तरह से लेटी थी कि उसके भाई को ऐसा ही लग रहा था कि वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रही है जबकि वह जाग रही थी,,,,।

मोहिनी वैसे तो इस तरह की लड़की बिल्कुल भी नहीं थी वह संस्कारी लड़की थी और अपने बड़े भाई की इज्जत भी करती थी लेकिन जवानी का यह उम्र यह दौर उसे भी वही करने पर मजबूर कर रहा था जैसा कि आमतौर पर दूसरी लड़कियां उम्र के दबाव में आकर कर बैठती हैं,,, अपनी मौसी के मुंह से गंदी गंदी बातों को सुनकर पहले ही उसे अपनी चूत से काम रस बहता हुआ महसूस हो चुका था और रही सही कसर संजू के खाने लंदन में कर दिया था जिसे वह अनजाने में ही अपनी नजरों के सामने देख ली थी,,, जिंदगी में पहली बार एक जवान तगड़े लंड के दर्शन कर लेने के बाद से तो उसकी सोच ही बदल गई,,,अपने भाई के खड़े लंड को देखकर ही उसकी चूत से काम रस बहना शुरू हो गया था अपनी जवानी की आग को भड़कता हुआ देखकर मोहिनी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,और जवानी में नादानी करते हुए वहां अपनी हथेली से ही अपनी चूत की गर्मी को शांत करने का बेड़ा उठाते हुए अपनी बीच वाली उंगली को अपनी कोमल पंखुड़ियों के बीच उसे प्रवेश कराकर अपनी जवानी की गर्मी को शांत करने की कोशिश करी थी और उसमें कामयाब भी हो गई थी लेकिन यह गर्मी यह जरूरत यह कामना कभी पूरी होने वाली थोड़ी थी जितनी पूरी करने की कोशिश करो इतनी ज्यादा भड़कती है और ऐसा ही कुछ महीने के साथ भी हो रहा था,,, इसीलिए तो वह अपने भाई को अपनी जवानी दिखाकर मदहोश कर देना चाहती थी और वही अपने भाई के साथ करना चाहती थी जो एक जवान लड़का जवान लड़की के साथ करता हैं,,,भाई-बहन के बीच के पवित्र रिश्ते को वह एक तरफ रख कर केवल एक मर्द और एक औरत के बीच के रिश्ते को ही देख रही थी,,,,।


और देखते ही देखते मोहिनी की युक्ति काम करने लगी क्योंकि समय हो जाने पर संजू भी सोने की तैयारी कर रहा था और अचानक ही ट्यूबलाइट की रोशनी में संजू की आंखों में वह तेरे से देखा जिसके बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं किया था संजू की सांसे अटक सी गई आंखों में अजीब सी चमक नजर आने लगी वह आश्चर्य से खुला का खुला रह गया वह अपनी बहन मोहिनी को देख रहा था जो कि उसके बगल में लेटी हुई थी और उसका फ्रॉक कमर तक उठा हुआ था और आश्चर्य की बात यह थी कि वह फ्रॉक के नीचे चड्डी नहीं पहनी थी,,,, पल भर में ही संजू की सांसे धुकनी की तरह चलने लगी,,, उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था वह बार-बार अपनी आंखों को मलमल कर दोबारा देखने की कोशिश कर रहा था कि कहीं वह कोई सपना तो नहीं देख रहा है लेकिन जो कुछ भी उसकी आंखें देख रही थी वह सपना नहीं बल्कि हकीकत का रूप था,,,,।
संजू को बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि वहां क्या करें कभी मोहिनी की तरफ से कभी बंद दरवाजे की तरफ तो कभी ट्यूबलाइट की तरफ देख ले रहा था,,,,, कुछ देर तक संजू उसी तरह से घुटनों के बल बैठा का बैठा रह गया,,,,,,, मोहिनी के चेहरे को बड़ी बारीकी से देख रहा था और मोहिनी भी अद्भुत अदाकारी दिखाते हुए सोने का नाटक बड़ी बखूबी से निभा रही थी संजू को यही लग रहा था कि उसकी बहन मोहिनी गहरी नींद में सो रही है जबकि वह पूरी तरह से जागी हुई थी नींद तो उसकी आंखों में कोसों दूर तक नजर नहीं आ रही थी और वैसे भी ऐसे हालात में नींद कब नौ दो ग्यारह हो जाती है पता ही नहीं चलता,,,,,,,,, कुछ देर तक समझो बड़े गौर से मोहिनी को इसलिए देख रहा था कि कहीं उसे लग रहा था कि वह जॉब तो नहीं रही है लेकिन पूरी तरह से तसल्ली कर लेने के बाद वहां निश्चिंत हो गया था कि मोहिनी गहरी नींद में है और उसकी नींद के बारे में उसे अच्छी तरह से मालूम था कि वह हमेशा घोड़े बेच कर सोती है उसे कुछ भी पता नहीं रहता और शायद यही ख्याल संजू के तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर रहा था,,,,

उत्तेजना के मारे सुख रहे गले को अपने दुख से गिला करते हुए संजू अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच अपना ध्यान केंद्रित करते हुए उस खूबसूरत बेशकीमती खजाने को अपनी आंखों से टटोलने लगा जो की पूरी तरह से एक पत्नी दरार के रूप में नजर आ रही थी और उत्तेजना के मारे उसके इर्द-गिर्द दो अंगुल जितनी गोलार्ध तवे पर गर्म रोटी की तरह उपसी हुई थी,,,,,, ऐसा नहीं था कि संजू पहली बार किसी चूत को अपनी आंखों से देख रहा था जिंदगी में पहली बार वहां सर्वप्रथम अपनी मौसी की चूत के दर्शन करने वाला वह पहला लाभार्थी था,,,,पहली बार अपनी मौसी की चूत देखकर उसके तन बदन में जो आग लगी थी जो उत्तेजना का बवंडर उठा था,, उस बारे में लिखने में शायद कोई शब्द नहीं मिल रहे थे,,,,और वाकई में मर्दों के जीवन में पहली बार किसी चूत के दर्शन कर लेना किसी बड़े सफलता को हासिल कर लेने से कम नहीं होता,,,कोई संजू के साथ भी हुआ था संजू दिन-रात बस अपनी मौसी की चूत के बारे में ही सोचता रह जाता था लेकिन संजय की मौसी उम्र दराज औरत थी और उसकी चूत में और मोहिनी की चूत में जमीन आसमान का फर्क था,,, क्योंकि उसकी मौसी दो बच्चों की मां थी और उम्रदराज होने के नाते उसकी चूत के भूगोल में बदलाव लाजमी था इसीलिए तो संजीव अपनी बहन की कमसिन चूत देखकर एकदम पागल हुआ जा रहा था,,,, मोहिनी की चूत क्या है बस एक हल्की सी पतली लकीर थी और उसकी मौसी की चूत संजू अच्छी तरह से देख चुका था और उसे भोग भी चुका था,,, संजू की मौसी की चुत के अंदर की गुलाबी पत्तियां बाहर निकल कर चूत की शोभा बढ़ा रही थी और वह थोड़ी सी फैली हुई थी संजू जब तक अपनी बहन की चूत ने देखा था तब तक वह सब औरतों की चूत के बारे में बस अपनी मौसी की चूत की भी कल्पना किया करता था उसे लगता था कि सब की चूत एक जैसी ही होती है और यह वास्तविक भी था कि सब की चूत एक जैसी होती है लेकिन उम्र में फर्क होता है जिससे चूत की साइज और उसके दिखाव में भी फर्क आ जाता है,,,,।

यहां पर संजू साफ तौर पर देख पा रहा था कि उसकी बहन की चूत एकदम चिकनी है और अंदर की गुलाबी पत्तियां बिल्कुल भी बाहर निकली हुई नहीं है,,,,, संजू की हालत खराब होती जा रही थी,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें कुछ देर पहले ही अपनी मां के बारे में सोच कर अपने आपको प्रेषित कर चुका था दिन रात अपनी मां को चोदने का उसके तन बदन में आग लगा रहा,, था,,,, अपनी मां की जवानी की गर्मी तो बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था दूसरी तरफ उसे अपनी छोटी बहन की कमसिन जवानी अपनी आंखों से नंगी देखकर उसकी हालत और ज्यादा खराब हो गई थी लंड का आलम यह था कि कभी भी अंदर से लावा फुटने का डर महसूस हो रहा था,,,,। अपनी बहन की चूत देखकर समझो अपने मन में सोच रहा था कि इसे अपने हाथ से छूकर देखा जाए की कैसा महसूस होता है,,, फिर उसके मन में इस बात का डर भी था कि कहीं मोहिनी जाग गई तो,,, फिर यह कहना था कि मोहिनी तो हमेशा घोड़े बेच कर सोती है उसे कुछ भी पता नहीं चलता अगर उसके साथ कुछ कर लिया भी जाए तो उसे पता नहीं चलेगा,,,, यह सोच कर सब्जियों की सांसे ऊपर नीचे होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें,,,, और वह इस बात से हैरान था कि उसकी बहन आज चड्डी क्यों नहीं पहनी है,,,,फिर अपने मन में सोचता कि हो सकता है कि वह हमेशा चड्डी ना पहनती हो बस आज ही उसका ध्यान उस पर गया हो वैसे भी गर्मी का मौसम है,,,।


संजू का दिमाग काम करना बंद कर दिया था अपनी आंखों के सामने अपनी बहन की कमसिन जवानी को नंगी देख कर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,,आखिरकार सोच विचार कर लेने के बाद अपनी बहन की गहरी नींद का फायदा उठाने का मन में सोच कर वह अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत के करीब ले जाने लगा,,,दूसरी तरफ काफी देर से मोहिनी को महसूस हो रहा था कि उसकी चूत उसके भाई की आंखों के सामने एकदम नंगी पड़ी है और उसका भाई कुछ कर नहीं रहा है उसे अपने भाई पर गुस्सा भी आ रहा था और इस तरह से अपने भाई को अपनी चूत का दीदार कराने में उत्तेजना का भी अनुभव हो रहा था वह काफी हद तक उत्तेजित हो गई थी,,,,हालांकि उसके भाई को किसी भी प्रकार का शक ना हो जाए इस वजह से वह अपनी चूत का बार-बार शुक्रिया भी अदा कर रहे थे क्योंकि अभी तक उत्तेजित होने के बावजूद भी उसकी चूत से काम रस की एक बूंद भी उस पतली लकीर से बाहर नहीं आई थी,,,, वरना उसका भाई समझ जाता कि जवानी की गर्मी उसे भी सता रही है,,,,,,, संजू पूरी तरह से आत्ममंथन कर चुका था वह सोच विचार दिया था कि जो होगा देखा जाएगा इसलिए वह अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत के करीब न जाने लगा जैसे जैसे उसकी हथेली उसकी चूत के करीब जा रही थी वैसे वैसे संजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी उसके पूरे बदन में कंपन सा महसूस हो रहा था,,,, इस कार्य को करने में बहुत जोखम था इस बात को वह जानता थाअपने मन में यही सोच रहा था कि अगर उसकी बहन जाग गई और उसे इस तरह की गंदी हरकत करते देख ली तो क्या सोचेगी कहीं वह अपनी मम्मी या पापा को ना बता दें कि यह सोच कर तो संजू की हालत और ज्यादा खराब हुई जा रही थी लेकिन जवानी का जोश उन्माद खुमारी उसकी आंखों में भी छा चुकी थी,,,,, बेहद खूबसूरत कली उसकी आंखों के सामने खेलती हुई नजर आ रही थी और उसे पकड़ कर उसकी खुशबू लेने का मन संजू को तड़पा रहा था और संजू इसी तड़प को कम करना चाहता था इसलिए जो भी होगा देखा जाएगा सोच कर वह अपनी हथेली को धीरे-धीरे अपनी बहन की चूत के बेहद करीब ले गया,,,,,,।

संजू को अपनी उंगलियों में कंपन साफ महसूस हो पा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें चूत की गर्मी उसे अपनी उंगली के पोरो तक महसूस हो रही थी,,, और देखते ही देखते अपनी इच्छाओं के आधीन हो कर,, संजू अपनी बहन की चूत पर अपनी अगली को हल्के से रख दिया,,,,, फिर क्या था पहली बार संजू ने किसी सवाल लड़की की चूत पर अपनी उंगली का स्पर्श कराया था जिसका असर उसके तन बदन में देखने को मिल रहा था,,,, जैसे मोती से भरे सीप पर हाथ रखते ही सीपी अपने पूरे वर्चस्व को अपने अंदर सी कोड देती है उसी तरह से ही मोहिनी भी अपनी चुत पर अपने भाई की उंगली स्पर्श होते ही वह अपने बदन को हल्की सी सिकोड ली,,, मोहिनी की यह हरकत उत्तेजना के वजह से संजू की नजर में नहीं आई वह तो पूरी तरह से अपनी बहन की चूत की बनावट में खो चुका था और उसकी उंगली चूत की बीचो-बीच की पत्नी दरार पर टिकी हुई थी जोकी बड़े हल्के से वह अपनी उंगली को अपनी बहन की चूत पर रखे हुए था ताकि उंगली के दबाव से उसकी बहन की नींद ना खुल जाए,,,,।

एक जवान लड़के की उंगली पहली बार मोहिनी अपनी चूत पर महसूस करते ही पूरी तरह से उत्तेजित हो गई,,, यह पल उसके लिए बेहद खास होता जा रहा था जिसके बारे में वर्णन कर पाना बहुत मुश्किल था अवर्णनीय पल का आनंद वह ले रही थी,,,,,देखते ही देखते संजू अपनी हिम्मत को बढ़ाते हुए अपनी हरकत को भी बनाना शुरू कर दिया और अपनी उंगली को केवल एक उंगली को अपनी बहन की चूत की पतली दरार की संपूर्ण लकीर पर ऊपर से नीचे तक अपनी उंगली के पोर को घसीटने लगा,,,,संजू को जितना मजा आ रहा था उससे कहीं ज्यादा आनंद मोहिनी के तन बदन को अपनी आगोश में लिए हुए था मोहिनी बड़ी मुश्किल से अपनी भावनाओं को काबू में किए हुए थी,,,,

उसकी आंखें बंद थी जो कि बार-बार संजू अपनी बहन के चेहरे की तरफ देख ले रहा था उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी नींद ना खुल जाए जबकि वह बात अच्छी तरह से जानता था कि सुबह से पहले बाबू उठने वाली नहीं है क्योंकि जब भी सोती है तो घोड़े बेच कर सोती है वरना उसके मम्मी पापा में इतना ग्रह कलेश लड़ाई झगड़ा गाली गलौज हुआ लेकिन उसकी आंख एक बार भी नहीं खुली थी और यही शायद संजू के हौसले को बढ़ा रहा था,,,,,हल्के हल्के अपनी उंगली को अपनी बहन की चूत पर घुमा रहा संजू उत्तेजना के मारे अपनी उंगली का दबाव अपनी बहन की चूत पर बढ़ाने लगा,,,,,और ऐसा करने में संजू की हालत खराब होती जा रही थी उत्तेजना के मारे उसका लंड पूरी तरह से गदर मचाने पर आमादा हो चुका था जिसे वह बार-बार अपने हाथ से दबा कर उसे काबू में करने की नाकाम कोशिश कर रहा था,,,,,,,।

अपनी मौसी की चूत से खेल चुका संजु इस समय अपनी बहन की चूत से खेल रहा था दोनों में उम्र और अनुभव दोनों मेल बिल्कुल भी नहीं था जहां एक तरफ संजू की मौसी पूरी तरह से परिपक्व और अनुभव से भरी हुई थी वहीं दूसरी तरफ मोहिनी बिलकुल नादान थी उसकी चूत बेहद कोमल और चिकनी थी जिस पर उंगली घुमाने ने संजू को स्वर्ग का आनंद प्राप्त हो रहा था संजू का मन कर रहा था कि अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत के गुलाबी छेद में डालकर उसके काम रस को अपनी जीभ से चाटा जाए उसके स्वाद को अपने अंदर उतार कर देखा जाए कि कितना नशा होता है लेकिन ऐसा करने मे संजू को डर भी लग रहा था,,, लेकिन अपनी भावनाओं पर काबू भी नहीं कर पा रहा था जैसा उसके दिमाग में करने को चल रहा था वैसा वैसा बा करता चला जा रहा था देखते ही देखते संजू अपनी बहन की गहरी नींद में होने का फायदा उठाते हुए अपनी पूरी हथेली को उसकी चूत पर रख कर उसकी छोटी सी चूत को अपनी हथेली में छुपा लिया,,,, चूत की गर्मी उसके तन बदन में आग लगा रही थी और यही हालत मोहिनी की भी थी संजू तो औरत की चूत को चोद कर मजा ले चुका था इसलिए वह थोड़ा बहुत अपने आप पर काबू करने में माहिर था लेकिन मोहिनी का तो यह पहली बार था पहली बार वह किसी जवान लड़की की हंसी को अपनी चूत पर महसूस कर रही थी और वह भी अपने बड़े भाई की,,,अपनी भावनाओं पर काबू कर पाना उसके लिए बेहद मुश्किल हुआ जा रहा था लेकिन फिर भी वहां एक आनंद की परिभाषा को सार्थक करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए थी,,, जिसमें वहां अब तक तो कामयाब होती नजर आ रही थी क्योंकि संजीव को जरा भी शक नहीं हुआ था कि उसकी बहन गहरी नींद में नहीं बल्कि जाग रही है,,,,

उत्तेजना के मारे संजू की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी लंड की हालत खराब थी जिसे वह बार-बार अपने हाथ से दबा कर काबू में करने की कोशिश कर रहा था लेकिन दूसरी हथेली से अपनी बहन की चूत को दबोच कर‌ वह पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था उससे रहा नहीं जा रहा था और वह तुरंत एक हाथ में अपनी बहन की चूत को थामे हुए दूसरे हाथ से अपने पहचानो को नीचे की तरफ सरकार रहा था वह घुटनों के बल बैठा हुआ था,,, और देखते ही देखते वह अपनी बहन की चूत को अपनी हथेली में दबोचे हुए दूसरे हाथ से अपने पहचाने को घुटनो तक नीचे खींच कर ला दिया था पहचान में से बाहर आते हैं उसका लंड हवा में खुली सांस लेते हुए ऊपर नीचे होकर हिलने लगा जो कि बेहद लुभावना और मादकता से भरा हुआ लग रहा था,,,अगर इस समय मोहिनी अपनी आंखें खोल कर अपने भाई के लंड को देख ले तो शायद खुद ही अपने भाई के लंड को पकड़ कर अपनी गुलाबी चूत के छेद पर रख दे और उसे धक्का मारने के लिए बोले,,,,।

लाख कोशिश करने के बावजूद भी अपने भाई की कामुक हरकत की वजह से अपने तन बदन की उत्तेजना को ना छुपा सकने और उसे काबू में ना कर सकने के कारण मोहिनी की चूत से काम रस की भूत अमृत की धार बनकर मोती के दाने की तरह पतली दरार से बाहर आने लगी जो कि संजू की हथेली को गिला करने लगी,,,, दो दो बार अपनी मौसी की चुदाई कर चुका संजु इतना तो समझ ही गया था कि एक औरत की चूत कब गीली होती है,,, और इसीलिए हीअपनी बहन की चूत से काम रस बहार आता हुआ देखकर संजू मन ही मन खुश होने लगा लेकिन वह यह नहीं अंदाजा लगा पाया कि उसकी बहन जाग रही थी शायद अगर यह अंदाजा लगा लेता तो अब तक वह अपनी बहन की दोनों टांगें फैलाकर उसके ऊपर चढ़ चुका होता,,, उसे ऐसा ही लग रहा था कि नींद में उसकी बहन उत्तेजित हुई जा रही है खैर जो भी हो मजा दोनों को आ रहा था दोनों भाई बहन अपने अपने तरीके से आनंद ले रहे थे मोहिनी नींद में होने का नाटक करके पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी अपने भाई की हथेली की हरकत उसे आनंद विभोर कर रही थी,,,वहीं दूसरी तरफ संजय की हरकत बढ़ती जा रही थी अब तक अपनी बहन में किसी भी प्रकार का बदलाव आता ना देख कर उसकी हिम्मत बढ़ने लगी वह समझ गया कि उसकी बहन के साथ कुछ भी करो उसे कुछ समझ में नहीं आएगा क्योंकि वह गहरी नींद में सो रही है इसीलिए संजू उत्तेजना के मारे अपनी हथेली को उसकी चूत पर एकदम से कस लिया,,,,मदहोश होकर संजीवनी इतनी जोर से उसकी चूत को अपनी हथेली में दबोचा था कि मोहिनी के मुंह से आह निकलती निकलते रह गई थी,,,,।

मोहिनी मन ही मन बहुत खुश हो रही थी वह समझ गई थी कि उसकी सहेली की बताई गई युक्ति उसे बराबर काम आ रही है वह कभी सोच नहीं थी कि उसका भाई उसके साथ इस तरह की हरकत करेगा लेकिन इतना विश्वास जरूर था कि उसकी चूत देख लेने के बाद उसके भाई की हालत खराब हो जाएगी और ऐसा हो भी रहा था लेकिन इस तरह की हरकत की उसे उम्मीद नहीं थी,,,,वह तो बस अपनी चूत दिखा कर अपने भाई को पागल कर देना चाहती थी और धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहती थी लेकिन उसका भाई खुद ही अपनी हरकत को बढ़ावा दे रहा था मोहिनी को भी अपने भाई की मदहोशी भरी गर्म सांसे अच्छी लग रही थी और जिस तरह से उसने अपनी हथेली में उसकी चूत को लेकर जोर से दबाया था उसकी हरकत पर तो वह पानी पानी हुई जा रही थी,,,,। जवानी के खेल में कितना मजा आता है मोहिनी में कभी सोची ही नहीं थी लेकिन आज उसे सब कुछ समझ में आने लगा था कि क्यों लड़कियां लड़कों के पीछे और लड़के लड़कियों के पीछे पागल रहते हैं आखिरकार दोनों की मंजिल यही तो रहती है दोनों टांगों के बीच,,,,लड़कियां लड़कों को अपनी दोनों टांगों के बीच लाने के लिए परेशान और लड़के लड़कियों के दोनों टांगों के बीच जाने के लिए परेशान बस यही आजकल का फलसफा और प्रेम है,,,, जो कि सिर्फ चुदाई पर आकर खत्म हो जाती है,,,।

संजू अपने खाने लंड को हाथ में लेकर धीरे-धीरे मुठिया रहा था और दूसरे हाथ की उंगली को धीरे-धीरे अपनी बहन की चुत को कुरेदना शुरू कर दिया था,,,। गोरी गोरी चूत के अंदर का भुगोल पूरी तरह से गुलाबी था जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था,,,, संजू अपनी एक उंगली से उसकी चूत की दरार को खोलने की कोशिश कर रहा था और वह इस कोशिश में कामयाब भी होता जा रहा था चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी जिसकी वजह से चूत से निकला हुआ काम रस संजू की उंगलियों को भी भीगो रहा था,,,,,,, मोहिनी हल्के सेअपनी एक आंख को थोड़ा सा खोज कर संजू की तरफ देख रही थी और जैसे ही हो अपनी आंख खोलकर संजू की तरफ नजर दौड़ाई तो मोहिनी को संजू के हाथ में उसका मोटा तगड़ा लंड नजर आया जिसे वो धीरे धीरे हिला रहा था यह देखकर मोहिनी के तन बदन में आग लग गई वह जल्द से जल्द अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए मचलने लगी,,,लेकिन ऐसा अभी वह कर नहीं सकती थी बस देखकर ही अपने मन को मनाने की कोशिश कर रही थी,,,।


संजू अपनी हरकत को बढ़ा रहा था देखते ही देखते वह अपनी उंगली को अपनी बहन की चूत की दरार में ऊपर से नीचे तक उसमें हल्के से गडा कर घुमाने लगा,,,, संजू के साथ-साथ मोहिनी को भी मजा आ रहा था,,,,,,मोहिनी बड़ी मुश्किल से अपने घर में शिकारियों को काबू में की हुई थी हालांकि अभी तक उसके मुंह से गर्म सिसकारी कभी निकली नहीं थी लेकिन इस तरह के हालात में लड़की के मुंह से कर्मचारी निकलना लाजमी था,, लेकिन जैसे तैसे करके वहां अपने आप पर काबू रखी हुई थी अपने भाई की हरकत उसे पूरी तरह से मस्त कर रही थी,,,हल्की-हल्की कसमसा हाट मोहिनी के भजन में हो रही थी जिस पर उत्तेजना के मारे मदहोश संजू के ध्यान में नहीं आ रहा था वह तो एक हाथ में अपना लंड पकड़ कर अपनी बहन की चूत से खेल रहा था,,,,,,,,,

इस खेल को धीरे-धीरे खेलते हुए इस खेल में आगे बढ़ते हुए रात के तकरीबन 1:00 बज गए,,,, ना तो संजू को पता चला और ना ही मोहिनी को आखिरकार खेल ही कुछ ऐसा था,,,, इस खेल को खेलते समय ना तो समय की परवाह रहती है ना जमाने की,,,, संजू की हिम्मत बढ़ती जा रही थी एक पल तो उसका मन किया कि अपने लंड को अपनी बहन की चूत से सिर्फ सटाकर ही मजा लिया जाए,,,लेकिन ऐसा कर रहे हैं उसे डर लग रहा था तो वह अपनी बीच वाली उंगली कोअपनी बहन की चूत की लकीर में ऊपर से नीचे तक लाते हुए उसकी गुलाबी छेद को उंगली से टटोलते हुए,,, अपनी बीच वाली उंगली को धीरे धीरे उस गुलाबी मुख्यद्वार में प्रवेश कराने लगा,,,, यह हरकत पूरी तरह से संजु को मदहोश किए जा रही थी चुदाई से भी ज्यादा सुख संजु को प्राप्त हो रहा था,,, और यही हाल मोहिनी का भी था आज दूसरी बार उसकी चूत के गुलाबी छेद में कोई उंगली प्रवेश कर रही थी पहली बार तो वह खुद की उंगली थी और दूसरी बार अपने भाई की इसलिए वह पूरी तरह से गदगद हुए जा रही थी,,,, जैसे-जैसे चूत के अंदर अपनी भाई की उंगली को प्रवेश करने दे रही थी वैसे वैसे मोहिनी की सांस अटक जा रही थी,,,,मोहिनी हल्के से अपनी आंखों को खोल कर अपने भाई की तरफ देख रही थी उसके हाथ में उसका मोटा तगड़ा लंड था जिसे वो जोर जोर से हिला रहा था,,,,अपने भाई के नंबर को देखकर वह अपने मन यहीं सोच रही थी विकास उसका भाई हिम्मत दिखाकर अपने लंड को उसकी चूत में डाल देता तो कितना मजा आ जाता,,,।

देखते ही देखते धीरे-धीरे संजू अपनी बहन की चूत के गुलाबी छेद में अपनी बीच वाली उंगली को धीरे धीरे डालना शुरू कर दिया,,,, देखते ही देखते चुत की अंदरूनी अड़चनों को दूर करते हुए संजु की उंगली चूत की गहराई में अधिक से अधिक अंदर तक जा पहुंची और मोहिनी के तन बदन में आग लगाने लगी आखिरकार मोहिनी की खुद की उंगली नहीं थी यह तो एक जवान लड़की की उंगली थी जो कि इस समय मोहिनी को लंड से कम मजा नहीं दे रही थी,,,,मोहनी पूरी तरह से पागल हो जा रही थी उसे बर्दाश्त कर पाना मुश्किल बजा रहा था क्योंकि संजू अपनी हरकत को पढ़ाते हुए अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था एक तरह से वह अपनी बहन की चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था,,, और जोर-जोर से अपने लंड को हिला रहा था,,,,,,मोहिनी के लिए हालात काबू से बाहर जा रहे थे अपने आप पर बिल्कुल भी काबू पर सकने की स्थिति में नहीं थी,,,,, किसी भी वक्त उसके मुंह से गर्म सिसकारी की धार फूट सकती थी जिसे वह बड़ी मुश्किल से अपने काबू में लिए हुए थी,,,,,।

अभी तक मोहिनी की नींद नहीं टूटी थी और इसीलिए संजू की हरकत बढ़ती जा रही थी उसकी हिम्मत और उसका हौसला भी बढ़ता जा रहा था,,,, जिस तरह का आनंद संजू लुट रहा था वह अपने आनंद को बढ़ाना चाहता था,,क्योंकि अपनी बहन की गुलाबी चूत के साथ खेलने के बाद वह पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो चुका था,,,,,, क्योंकि आज वह अपनी बहन की चूत से खेल कर ही पूरी तरह से मस्त हो चुका था ,, चुदाई से भी अधिक अद्भुत सुख से प्राप्त हो रहा था,,,।उसकी इतनी हरकत के बावजूद भी अभी तक मोहिनी के तन बदन में किसी भी प्रकार की हरकत होता ना देगा कर संजू का हौसला बढ़ रहा था वह अपनी बहन की चूत में लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहा था और उसी के छोटे से गुलाबी छेद का जायजा ले रहा था,,,अब तो खुश है इतना तो समझ में आ ही गया था कि उसकी मौसी की चूत की तरह उसकी बहन की चूत खुली नहीं है क्योंकि इसमें उंगली भी बड़ी मुश्किल से जा रही थी और उसकी मौसी की चूत में उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड बड़े आराम से चला गया था,,, और वहअपनी बहन की गुलाबी चूत के छोटे से छोटे को देखते हुए इतना तो समझ ही गया था कि अपनी बहन का सरकार पाए बिना वह अपनी बहन की चूत में अपना लंड नहीं डाल सकता था,,, और वह मन मानी भी नहीं कर सकता था क्योंकि ऐसा करने पर मोहिनी के लिए खोल सकती थी और बात भी कर सकती थी,,, संजू अपने मन में यही सोच रहा था लेकिन वह कहां जानता था कि अगर जो कुछ भी अपने मन में सोच रहा है अगर वह अपनी बहन के साथ पड़े तो उसकी बहन उसका पूरा का पूरा साथ दें क्योंकि यही तो मोहिनी भी चाहती थी,,,,,लेकिन संजू इस बात से अनजान था इसलिए वो अपने तरीके से मजा लेना चाहता था,,,,।

संजू अपनी बहन की चूत में डूबी हुई अपनी पूरी उंगली को एक बार बाहर निकाल कर उसे बड़ी बारीकी से देखने लगा उसकी बीच वाली उंगली पूरी तरह से उसकी बहन की चूत के काम रस में डूबी हुई थी जिसमें से कामरस अमृत की बूंद की तरह नीचे टपक रही थी,,, जिसे संजू जाया नहीं होने देना चाहता था और वह अपनी बहन की चूत में घुसी हुई पूरी उंगली को पूरी की पूरी ऊंगली को अपने होठों के बीच प्रवेश करा कर चाटना शुरू कर दिया और अपने भाई की यह हरकत को मोहिनी अपनी आंखों से देख रही थी और अपने भाई की हरकत को देखकर वह पूरी तरह से रोमांचित हो उठी,,,मोहिनी अपने भाई की हरकत को देखकर अपने मन में यही सोच रही थी कि उसका भाई उसकी चूत का रस चाट रहा है अगर यही काम वह अपना मुंह लगाकर उसके चुत से सीधे-सीधे चाटता तो कितना मजा आ जाता,,,,,,मोहिनी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी उसकी सांसे काफी गहरी चल रही थी जो कि अभी भी उत्तेजना से ग्रस्त संजू की नजर में नहीं आ रहा था अगर अपनी बहन की हालत को देखने का तो शायद संजीव आज अपनी बहन को चुदाई का अद्भुत सुख देता जिसके लिए उसकी बहन तड़प रही थी,,,,।

संजू पूरी तरह से कामाग्नि में जलते हुए अपनी बहन की चूत से अपनी उंगली को निकाल कर उसे जीभ लगाकर चाट रहा था,,, हल्का कड़वा नमकीन रस पूरी तरह से संजू को पागल किए जा रहा था एक हाथ से वो जोर-जोर से लंड को हिला रहा था मानो कि जैसे वह अपनी बहन की चुदाई कर रहा हो,,,,अच्छी तरह से चाट लेने के बाद वह दोबारा उसी उंगली को अपनी बहन की चूत में डाल दिया और फिर से अंदर-बाहर करने लगा,,,, उत्तेजना के मारे मोहिनी की कमर कसमसा रही थी,,,उसके पास में होता तो वह कब से अपनी कमर को ऊपर उठाकर अपने भाई को अपनी आगोश में ले लेती,,, लेकिन अभी ऐसा करना ठीक नहीं था अगर वो ऐसा करती तो उसका भाई क्या सोचता कि उसकी बहन खुद छुड़वाना चाहती है,,,, और ऐसा ना करना नहीं चाहती थी इसलिए अपने मन पर बहुत भारी पत्थर रखकर काबू किए हुए थी,,,।

संजू फिर से अपनी बहन की चूत से होली को बाहर निकाल कर फिर से उसे अपने मुंह में ले कर चाटना शुरू कर दिया यही क्रिया वह तीन चार बार कियामोहिनी एक बार झड़ चुकी थी जिसका अंदाजा संजू को बिल्कुल भी नहीं था और दूसरी बार पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी,,,,।संजू की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसका मन बिल्कुल भी काबू में नहीं था वह तो मोहिनी को चोदना चाहता था लेकिन उसके छोटे से छेद के कारण वह अपनी इस हरकत को अपने तरीके से अंजाम नहीं दे सकता था यह बात भी अच्छी तरह से जानता था इसलिए अपने मन को मनाते हुए वह अपनी उंगली को उसकी चूत से बाहर निकालकर अपने प्यासे होठों को उसकी दोनों टांगों के बीच ले जाने लगा जो कि मोहिनी हल्की खुली आंखों से यह देख रही थी उसके दिल की धड़कन बड़ी तेजी से चलने लगी,, क्योंकि वह समझ गई थी जो काम संजू उंगली से चाट कर कर रहा है वही काम अब वह शायद अपने होठों से करना चाहता है यह ख्याल मोहिनी के तन बदन में आग लगा रहा था,,,
और देखते ही देखते संजू अपनी बहन के गहरी नींद का फायदा उठाते हुए अपने प्यासी होठों को अपनी बहन की गरम चूत पर रख दिया और जैसे ही संजू ने अपने होठों को अपनी बहन की चूत पर रखा उसमें से मादक खुशबू पूरी तरह से संजू को अपनी आगोश में ले ली और वह जोर लगाकर अपने नथुनों से,, अपनी बहन की चूत के अंदर के मादक खुशबू को अपनी छाती में भर लेना चाहता था और वैसा ही हो रहा था संजू पूरी तरह से मस्त हो गया और यही हाल मोहिनी का भी था मोहिनी पूरी तरह से उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें एक पल के लिए तो उसके दोनों हाथ उठ गए थे अपने भाई के सर पर रख कर उसे जोर से दबाने के लिए लेकिन तुरंत अपने आप को संभाल कर अपने हाथों को संभाल ले गई,,, और अपने को कैसे अपने सूखे गले को गिला करने की कोशिश करने लगी,,,, मोहिनी के लिए यह सब कुछ नया नया सा था मोहिनी की युक्ति काम कर गई थी उसका भाई पूरी तरह से उसकी जवानी के केंद्र बिंदु पर अपना ध्यान केंद्रित कर चुका था,,,,, संजु गहरी सांस लेते हुए अपनी बहन की चूत को चाटना शुरू कर दिया था उसका सिर मोहिनी की दोनों टांगों के बीच था इसलिए मोहिनी अपनी आंखों को अच्छी तरह से खोलकर अपने भाई की हरकत को साफ तौर पर देख पा रही थी क्योंकि उसके भाई का ध्यान पूरी तरह से उसकी चूत में डूबा हुआ था,,,, ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में मोहिनी को सब कुछ साफ नजर आ रहा था वह अपनी युक्ति पर जो कि उसकी सहेली की बताई गई थी उस पर अमल करके पूरी तरह से खुश थी उसका भाई उसकी चूत का दीवाना हो चुका था और इस समय उसकी दोनों टांगों के बीच कब्जा जमाया हुआ था,,,,


पहली बार मोहिनी किसी जवान लड़के से अपनी चूत चटवां रही थी और वह भी अपने भाई से,,, मोहिनी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी संजू की अभी तक केवल अपनी मौसी की चूत का मजा ले रहा था लेकिन आज अपनी बहन की जवान कमसिन चूत का मजा लेते हुए वह सारी दुनिया को भूल चुका था,,,मोहिनी पूरी तरह से मस्त होकर अपनी अमृतधारा बार-बार अपनी चूत से बहा रही थी जिसे उसका भाई अपने होंठ और जीभ से चाट कर साफ कर दे रहा था,,, मोहिनी अपनी भाई की कामुक हरकत की वजह से दूसरी बार झड़ चुकी थी,,,, संजू की हालत खराब हो जा रही थी उसके लंड से कभी भी लावा फूट सकता था अपनी बहन की चूत चाटते हुए संजू बार-बार अपने मन में उसकी चूत में अपने लंड डालने का विचार कर रहा था लेकिन इस बात से अनजान बिल्कुल भी नहीं था कि उसकी बहन की चूत के छेद के मुकाबले उसके लंड की मोटाई कुछ ज्यादा ही थी और ऐसा कर पाना इस समय संभव बिल्कुल भी नहीं था,,, इसलिए वहां अपने मन को मनाते हुए एक और युक्ति लगाने की सोचा क्योंकि किसी भी वक्त उसके लंड का पानी निकल सकता था और वह चाहता था कि अपनी बहन की नींद का फायदा उठाते हुए अपने लंड को उसके सुपाड़े को अपनी बहन की गुलाबी चूत पर रगड कर हीं पानी निकाला जाए,,,, यही सोचकर वहअपने सिर को अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच से उठाते हुए गहरी गहरी सांस लेने लगा और तुरंत मोहिनी अपनी आंखों को फिर से बंद कर दी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आप उसका भाई क्या करने वाला है लेकिन अब वह धीरे-धीरे अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच आ चुका था अपनी बहन की चिकनी जांघों पर हाथ रखते हुए उसे स्वर्ग का आनंद प्राप्त हो रहा था,,, संजू यह बात अच्छी तरह से जानता था कि मोहिनी बला की खूबसूरत लड़की थी जिसे पाना शायद हर लड़कों का मकसद रहता है,,,, लेकिन यह बात भीसंजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बहन सीधी-सादी और भोली भाली है कभी भी लड़कों के चक्कर में पढ़ने वाली नहीं थी,,,, लेकिन इस बात से संजर पूरी तरह से अनजान था कि धीरे-धीरे उसे जवानी की गर्मी सताने लगी थी और यह भी उसी की मर्जी थी कि आज संजू उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बनाए हुए हैं,,,।

संजू अपनी बहन की दोनों टांगों को फैला कर उसकी दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल आ चुका था यह पूरी तरह से संभोग मुद्रा था जिसमें मर्द का लंड औरत की चूत में होता है लेकिन यहां पर संजू को ऐसा कुछ भी नहीं करना था,,, हालांकि यहां भी एक मर्द का लंड और एक औरत की चूत थी लेकिन लंड को चूत में प्रवेश नहीं कराना था,,संजीव अपनी खुली आंखों से अपनी बहन की चूत को देख रहा था जिससे वह जी भर कर खेल रहा था,,, चूत फुल कर गरम रोटी की तरह हो गई थी,,,, जिसमें से काम रस बह रहा था संजू अपनी बहन की चूत को नजर भर कर देख रहा था क्योंकि ट्यूबलाइट की रोशनी में एकदम साफ नजर आ रही थी जिसका रंग एकदम गुलाबी हो गया था संजू पूरी तरह से तैयार था अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए और दूसरी तरफ मोहिनीव्याकुल और बेचैन नजर आ रही थी उसे लग रहा था कि जिस तरह से संजू उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बना रहा है जरूर अपने लंड को उसकी बुर में डालने की कोशिश करेगा और इसलिए मोहिनी अपने आप को तैयार कर चुकी थी उसे लगने लगा था कि उसकी जिंदगी का मकसद पूरा होने वाला है,,,, उसकी चूत में अब उसके भाई का लंड होगा,,, जिसके बारे में सोच कर ही उसने यह सारी काम लीला रचाई थी,,, अपने मकसद में वह इतनी जल्दी कामयाब हो जाएगी इस बारे में उसने कभी अंदाजा नहीं लगाई थी उसकी दिल की धड़कन बड़ी तेजी से चल रही थी वह हल्के से अपनी आंखों को खोलकर अपने भाई के तरफ देख रही थी संजू के हाथ में उसका नंबर था जिसे वह ऊपर नीचे करके हीला रहा था अपने भाई के लंड को देख कर मोहिनी के तन बदन में आग लग रही थी उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसके छोटे से छेद में उसके भाई का लंड घुसेगा कैसे,,,, फिर भी वह अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए पूरी तरह से तैयार थी,,,,।।

संजू की सांस अटक रही थी वह जानता था कि वह इस हालत में अपनी बहन को चोद नहीं पाएगा लेकिन ऊपर ऊपर से मजा ले कर अपना पानी निकाल जरूर सकता है इसीलिए वह अपने घुटनों को अपनी बहन की जांघों के और करीब लाते हुए अपने लंड की सुपाड़े को अपनी बहन की चूत पर रख दिया,,, यह मोहिनी और संजू दोनों के लिए वह पल था जब वह दुनिया को भूल कर एक नई दुनिया में प्रवेश कर रहे थे और यह सुख यह पल दोनों के लिए अद्भुत और अवर्णनीय था,,, जिसकी किसीसे तुलना नहीं कर सकते थे,,,।

अपने भाई के लंड कैसे पानी को अपनी चूत की गुलाबी छेद पर महसूस करते ही मोहिनी की तो सांस ही अटक गई,,, संजू की यह हरकत मोहिनी के लिए चुत में लंड घुसाने से कम नहीं था,,, उसकी छातियां ऊपर नीचे होने लगी साथ ही उसकी चुचियों में अकड़न सी आने लगी,,, संजू अपनी बहन की तरफ बिल्कुल भी नहीं देख रहा था उसका सारा ध्यान अपनी बहन की गुलाबी चूत पर था जिसमें से काम रस अभी भी निकल रहा था संजू अपनी हरकत को आगे बढ़ाते हुए अपने लंड को हाथ में पकड़ कर,,, अपने सुपाड़े को अपनी बहन की चूत के गुलाबी छेद पर रगडते हुए उसे एक पल के लिए अंदर डालने की कोशिश करने लगा,,,,,, अपनी गुलाबी चूत के छेद में अपने भाई के लंड के सुपाड़े को अंदर घुसता हुआ महसूस करते हीमोहिनी को इस बात का आभास हो गया कि इतनी जल्दी उसके भाई का लंड उसकी चूत में घुसने वाला नहीं है और उसके बदन में उत्तेजना के मारे कसमसाहट आ गई,,,, अपनी बहन के बदन में आई कसमसाहट को देखकरसंजू पूरी तरह से सचेत हो गया वह समझ गया कि इसके आगे हरकत करना ठीक नहीं है अगर ऐसा करेगा तो यह सुख भी उसके हाथ से ज्यादा रहेगा इसलिए वह समझदारी दिखाते हुए अपनी बहन की चूत पर अपने लंड के सुपाड़े को रगड़ना शुरु कर दिया,,,

बड़ी मुश्किल से अपने मुंह से निकलने वाली सिसकारी को अपने होठों को दबाकर महीने में शांत कर दी यह सुख बेहद अद्भुत और अवर्णनीय था इस बारे में कभी मोहिनी ने सोची भी नहीं थी कि ऐसी हरकत करने में इतना आनंद आएगा वह पूरी तरह से मस्त हो गई थी उसकी चूत पानी पानी हुई जा रही थी,,, बार-बार उसकी चूत से काम रस रह-रहकर बह जा रहा था,,,, वह पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी,,, मोहिनी के लिए यह चुदाई से कम नहीं था,,, संजू पागल हो जा रहा था अपनी लंड क सुपाडे को अपनी बहन की चूत की गुलाबी दरार पर रगडते हुए उसे भी एक बेहद खूबसूरत चूत का मजा मिल रहा था जिसका मजा चुदाई से कम बिल्कुल भी नहीं था,,,, लेकिन या खेल ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया क्योंकि मोहिनी की गरम चूत की आंच में संजू का मोटा तगड़ा लंड ज्यादा देर टिक नहीं पाया और पिघलने लगा उसके लंड से गरम लावा फूट पड़ा,,, और धीरे-धीरे मोहिनी की चूत के ऊपरी भाग को भी होने लगा अपने भाई के लंड से निकलेगरम लावा की गर्मी को वह अपनी चूत के इर्द गिर्द महसूस करके वह पूरी तरह से गनगना गई थी,,,,।

थोड़ी ही देर में संजू पूरा का पूरा अपना गरम लावा अपनी बहन की चूत के ऊपर गिरा दिया,,, वासना का तूफान शांत हो चुका था संजू अभी भी अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल था और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे अपनी बहन की चूत पर सटाया हुआ था,,,फिर एक नजर अपनी बहन के ऊपर डाला वह उसी स्थिति में सोने का नाटक कर रही थी जो कि संजु को लग रहा था कि वह गहरी नींद में सो रही है,,, संजू धीरे से अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच से अलग हुआ और अपना टी-शर्ट बाहर निकाल कर अपनी बहन की चूत पर गिराया हुआ सारे लावा को साफ करने लगा और अच्छे से साफ करने के बाद वह वापस अपनी जगह पर आ गया मोहिनी अभी भी उसी स्थिति में सो रही थी अभी भी उसकी चूत साफ नजर आ रही थी,,,,दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ संजू किधर गई तो वह हैरान रह गया क्योंकि घड़ी में 3:00 बज रहा था,,, अपनी बहन की गर्म जवानी से खेलने के चक्कर में समय कब गुजर गया उसे पता ही नहीं चला,,। मोहिनी भी अपने बाल की हरकत से तृप्त हो चुकी थी हाना की चुदाई का असली सुख से प्राप्त नहीं हुआ था लेकिन इतना भी उसके लिए बहुत था वह उसी स्थिति में गहरी नींद में सो गई और संजू भी सो गया,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उतेजनात्मक अपडेट है संजू अपनी बहन मोहिनी की बुर देखकर उत्तेजित हो गया और अपने लन्ड को अपनी बहन की बुर पर रगड़ कर दोनो तृप्त हो गए हैं देखते हैं दोनो में चुदाई कब होगी अब देखना है कि सोनू पहले मोहिनी या अपनी मां के साथ चुदाई करता है
 

Incestlala

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मोहिनी बाथरूम में अपने बदन के साथ मनमानी करके चली गई थी,,,, क्योंकि संजू बाहर खड़ा होकर उसका इंतजार कर रहा था और उसे भी देर हो रही थी,,,, मोहिनी अपनी मां की इस्तेमाल करने वाली वीट क्रीम को अपनी चूत पर लगाकर उसे पूरी तरह से चिकनी मखमली कर ली थी,,, जैसे कि उसे इस बात का अंदाजा था कि एक जवान लड़के को लड़कियों की चिकनी चूत ज्यादा पसंद होती है,,,,उत्तेजित अवस्था में मोहिनी को भी इस बात का आभास हुआ था कि उसकी चूत कचोरी की तरफ फूल गई थी और फुली हुई चूत और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आ रही थी,,, इसलिए तो अपनी चूत को देखकर मोहिनी खुद अपने आप को संभाल नहीं पाई और अपनी उंगली से कुरेद कुरेद कर उसका सारा काम रस बाहर निकाल दी,,,,।
Sadhna


मोहिनी नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल चुकी थी और संजु बाथरूम के अंदर प्रवेश कर चुका था,,,,,,,वह अपने सारे कपड़े उतार कर केवल अंडरवियर में नहाना शुरू कर दिया था कि तभी उसकी नजर,,, नीचे पड़ी लाल रंग की पैंटी पर पड़ी तो उसकी आंखें चमक गई,,,,,,,उसे समझते देर नहीं लगी कि उसके पैरों के नीचे जो पैंटी पड़ी है वह उसकी बहन की है,,,,,, और कोई समय होता तो शायद वह इस बात पर बिल्कुल भी गौर नहीं करता लेकिन अपनी मौसी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद और अपनी मां के प्रति आकर्षित होने के बाद से एक औरत और लड़की के प्रति उसका रवैया बदल चुका था इसलिए वह उत्सुकता बस नीचे झुक कर अपनी बहन की पैंटी को उठा दिया,,,, अपनी बहन की पेंटी को अपने हाथों में लेकर उसे अजीब से उथल पुथल का एहसास हो रहा था,,,, संजू के मन में औरतों के प्रति आकर्षण का भाव जागने लगा था लेकिन उसने अभी तक अपनी बहन के बारे में कुछ भी गलत बातें नहीं सोचा था और ना ही उसकी तरफ आकर्षित हुआ था लेकिन अपनी बहन की पहनी हुई पेंटिंग को अपने हाथों में लेकर उसे अजीब सी हलचल सा महसूस हो रहा था,,,वह अपनी बहन की लाल रंग की पैंटी को अपने हाथ में लेकर इधर-उधर घुमा कर देख रहा था,,,,,। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन इतना एहसास उसे अच्छी तरह से हो गया था कि अपनी बहन की पैंटी को हाथ में लेते ही उसके लंड का कड़क पन बढ़ने लगा था,,,,।
Sadhna ki gadrayi jawani

तन बदन में उत्तेजना का संचार होते ही संजू के दिलों दिमाग पर मदहोशी का आलम छाने लगा वह उत्तेजित होने लगा और अपनी बहन की पैंटी को ध्यान से देखते हुए वह,,, अंदाजा लगा रहा था कि पेंटिं कहां से सीधी है और कहां से उल्टी है,,, बहुत ही जल दवा इस निष्कर्ष पर पहुंच गया था कि पेंटी को किस ओर से पहनी जाती है,,,, और मदहोशी के आलम में वह अपनी बहन की पेंटिं को हाथों में लेकर उस जगह पर अपनी उंगली से इन स्पर्श करने लगा जिस जगह पर वह पहनती पहनने के बाद चूत ढंकी होती है,,,, उस छोटे से स्थान पर हाथ रखते ही संजू के तन बदन में आग लगने लगी,,,, क्योंकि अब वह पूरी तरह से औरत की चूत से वाकिफ हो चुका था,,,, उसके आकार से उसके भूगोल से और तो और उसका उपयोग करके भी देख चुका था इसलिए अपनी बहन की पेंटी को पकड़कर उस छोटे से स्थान पर रखकर उसके तन बदन में आग लग रही थी तो अपनी बहन की चूत के बारे में कल्पना करने लगा था,,, अपने मन में अपनी बहन की चूत को लेकर उसके आकार को लेकर उसके भूगोल को लेकर एक अद्भुत आकर्षक चित्र बनाने लगा था,,,,,वह धीरे-धीरे उसे स्थान पर अपनी उंगली को सहना रहा था मानो जैसे कि वह वास्तविक में,, अपनी बहन की चूत पर अपनी उंगली घुमा रहा हो,,,,

ऐसा करने में उसे अधिक उत्तेजना का एहसास हो रहा था उसे अपने लंड में प्रचंड गति से लहू का दौरा महसूस हो रहा था जिससे उसके लंड का अकड़न पूरी तरह से बढ चुका था,,,, उससे रहा नहीं गया होगा अपनी बहन की पेंटी को अपनी नाक से लगाकर उस स्थान पर की खुशबू को अपने अंदर उतारने लगा जहां पर उसकी बहन की चूत होती थी,,,, संजू की यह सोच ,यह हरकत रंग ला रही थी,,, उसे अपनी बहन की चूत की खुशबू अपने नथुनों में महसूस होने लगी,,,, वह पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था,,,,उसे समझते देर न लगी कि उसकी बहन ने जल्दबाजी में अपनी पेंटी साबुन से धोना भूल गई थी और वहीं छोड़कर चली गई थी जिसका फायदा संजू को मिल रहा था,,,,,।
अपनी बहन की चूत की खुशबू पाते ही संख्या पूरी तरह से मदहोश होने लगा और उसकी यह मादक खुशबू उसके तन बदन में आग लगाने लगी जिसका असर उसकी दोनों टांगों के बीच लटकते हुए उसके खंजर पर हो रहा था,,,, अंडरवियर के अंदर उसका लंड पूरी तरह से गदर मचाने को तैयार हो चुका था,,,, संजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,,, उसे अपने लंड की स्थिति पर दया आ रही थी और वह तुरंत अपनी अंडरवियर को घुटनों तक सरका कर अपने मोटे तगड़े लंड को बाहर निकाल लिया अगर ऐसा हुआ नहीं करता तो शायद अंडरवियर फाडकर उसका लंड खुद ही बाहर आ जाता ,,,,।



संजू के दिलों दिमाग पर उसके बहन की चूत की मादक खुशबू छाई हुई थी,,,उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे उसके हाथों में उसकी बहन की पेंटी ना होकर उसकी भरपूर गांड आ गई हो और मैं उसे अपने हाथों में लेकर उससे खेल रहा हो,,,, संजू संपूर्णता उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो चुका था,,, वह अपनी बहन के बारे में गंदी विचारधारा को जन्म दे रहा था जो कि उसकी उत्तेजना का कारण भी था,,,,,,,संजू के तन बदन में मदहोशी अपना असर दिखा रही थी आंखों में खुमारी छाई हुई थी और वह अपनी जीएफ को हल्के से बाहर निकालकर उस चूत वाली जगह पर रखकर उसकी खुशबू से लस लसे नमकीन काम रस को काटना शुरू कर दिया जो कि मोहिनी की उत्तेजना के कारण उसकी चूत से निकला काम रस उस पर लगा हुआ था,,,, संजू की हालत खराब होने लगी वह ऐसा महसूस कर रहा था कि जैसे वह खुद अपनी बहन की दोनों टांगों को फैला कर उसकी गुलाबी चूत को अपने होंठों पर रखकर उसे जीभ से चाट रहा हो,,,। संजू के आनंद की कोई सीमा नहीं थे एक हाथ में उसकी बहन की पेंटी और दूसरा हाथ उसके लंड पर था जिसे वो धीरे-धीरे हीला रहा था,,,
संजू अपनी आंखों को बंद करके कल्पना के सागर में गोते लगाना शुरू कर दिया था वह अपने मन में यही सोच रहा था कि वह अपनी बहन के नंगे बदन से खेल रहा है उसकी दोनों टांगों को फैला कर अपने मोटे तगड़े लंड को उसकी गुलाबी चूत में डालने की कोशिश कर रहा है,,, और अपनी चूत में लेने के लिए उसकी बहन खुद लालायित हुए जा रही है,,,।

पूरा नजारा बेहद अद्भुत था संजू जिंदगी में पहली बार अपनी बहन के बारे में इस तरह की गंदी कल्पना कर रहा था और अपने आप को शांत करने की कोशिश कर रहा था,,,, बाथरूम कुछ खास बडा नहीं था,,, बाथरूम के अंदर संजू अपनी चड्डी को घुटनों तक नीचे सरकाए विकास में अपनी बहन की लाल रंग की पैंटी को लेकर उसे नाक लगाकर सुंघते हुए और दूसरे हाथ मेंअपने लंड को पकड़ कर अपनी बहन के बारे में गंदी से गंदी कल्पना करते हुए आनंद के सागर में सरोबोर हुआ जा रहा था,,,।

कल्पना में उसका मोटा लंड धीरे-धीरे उसकी बहन की गुलाबी चूत के अंदर सरकता चला जा रहा था,,, और मोहिनी संजू की कल्पना में पूरी तरह से मस्त होकर अपनी आंखों को मूंदकर उत्तेजना के मारे अपने लाल-लाल होठों को अपने दांतों से काट रही है उसकी मदमस्त कर देने वाले दोनों अमरूद उसके होश उड़ा रहे हैं,,, जिसे संजू खुद अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर उसे अपने दोनों हाथों में थाम लिया और जोर जोर से दबाने लगा,,,, संजू वास्तविक मैं अपना हाथ हिला रहा था और कल्पना में अपनी कमर,,, दोनों तरफ की लय बराबर थी लेकिन कल्पना का अपना अलग मजा था,,,, अपनी बहन की गरम चूत की गर्मी को संजु ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसका पानी निकल गया,,,,।कल्पना की दुनिया से जैसे ही वह बाहर आया तो अपनी हालत को देखकर उसके होश उड़ गए,,,, वह तुरंत पेंटी को जिस तरह से नीचे पड़ी थी उसी तरह से रख दिया ताकि किसी को शक ना हो और थोड़ी देर में वह भी नहा कर बाहर आ गया,,,,, अपने कमरे में कपड़े पहनते हुए उसे अपनी बहन के बारे में इस तरह की बातें सोचना कुछ अजीब सा लग रहा था लेकिन जिस तरह का आनंद से प्राप्त हुआ था उस‌से वह इंकार नहीं कर पा रहा था,,,,, लेकिन वो जानता था कि जिस तरह कल्पना बहन के बारे में कर रहा था वह गलत है अभी उसका दूसरा मन उसे समझाते को बोल रहा था कि जब वह अपनी मां के बारे में इतनी गंदी सोच रख सकता है तो बहन के बारे में क्यों नहीं आखिर दोनों के पास उसकी जरूरत की चीज जो है,,,,,,संजू इस बारे में ज्यादा देर तक विचार नहीं कर पाया तभी नाश्ता तैयार होने की आवाज उसके कानों में सुनाई दी और तुरंत रसोई घर में आ गया जहां उसकी मां उसके लिए नाश्ता निकाल रही थी,,,।रसोई घर में प्रवेश करने से पहले ही उसकी नजर अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड पर चली गई थी जोकी पहले की ही तरह खाना बनाते समय थिरक रही थी,,,, आराधना की बड़ी-बड़ी और थिरकती हुई गांड संजू की सबसे बड़ी कमजोरी बन गई थी,,, जिसको वह कभी भी नजरअंदाज नहीं कर पा रहा था,,,,,,,,वह अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को घुरते हुए रसोई घर में प्रवेश किया,,।
मोहिनी और संजू


जिस दिन से उसकी मां ने उसके अरमानों पर पानी फेर रहा था तब से वह अपनी मां से ठीक से बात नहीं कर पाया था और यह बात संजू को भी अंदर ही अंदर कचोट रही थी,,, संजू को अपनी मां से बात करना बहुत अच्छा लगता था खास करके उस दिन से जिस दिन से वह अपनी मां की तरफ आकर्षित होता चला जा रहा था क्योंकि उससे बात करने में भी उसे उत्तेजना महसूस होती थी,,, वो किसी भी तरह से अपनी मां से बात करना चाहता था और यही हाल आराधना का भी था,,,, अपने बेटे की अपने लिए जिस तरह की सोच थी उसे लेकर आराधना परेशान थी इसलिए उसे आगे बढ़ने देना नहीं चाहती थी लेकिन अपने बेटे की हरकतों से भी अच्छी लगती थी लेकिन कुछ दिनों से सब कुछ शांत था संजू की तरफ से किसी भी प्रकार की हरकत को उसने देखी नहीं थी इसलिए ना जाने क्यों उसके मन में भी अजीब सी हलचल हो रही थी,,,, और वह भी शायद इसलिए कि वह दो दो बच्चों की मां थी और वो भी जवान बच्चों की,,,, और इस उमर में उसका खुद का जवान लड़का उसकी तरफ आकर्षित हुआ जा रहा था यह बात उसे अंदर ही अंदर गर्वित करती थी,,, की अभी भी उसमें जवानी की आग बाकी है,,,।

दोनों में से संजू ही बात की शुरुआत करते हुए बोला,,,।

मम्मी पापा अब तुम्हें परेशान तो नहीं करते ना,,,,

नहीं,,,(संजू की तरफ देखे बिना ही वह बोली,,,)


चलो अच्छा है कि सुधर तो गए,,,,लेकिन यह काम तुम्हें पहले ही कर देना चाहिए था तुम डरती रही सहती रही इसीलिए उनकी हिम्मत बढ़ती रही,,, तुम पहले दिन ही उन्हें डांट फटकार लगाई होती तो शायद ऐसा नहीं होता,,,।(नाश्ते की प्लेट को हाथ में लेते हुए बोला)


मैं कर भी क्या सकती थी आखिरकार में हूं तो एक औरत ही,,,


औरत हो तो क्या हुआ औरत तो आजकल बहुत से काम कर रही है जरूरी नहीं कि औरत का काम हो सिर्फ अपने आदमी का बिस्तर गरम करना,,, खुश करना,,,, अपने आप को बचाना भी उसका धर्म होता है,,,,।
(अपने बेटे के मुंह से अपने पति को खुश करना बिस्तर गर्म करना यह सब बातें सुनकर उसकी दोनों टांगों के बीच अजीब सी हलचल होने लगी वह अपने बेटे के मुंह से इस समय इस तरह की बातें सुनने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और इस तरह की बातें सुनकर ना जाने क्यों उसके तन बदन में भी अजीब सी हलचल होने लगी,,,वह कुछ दिनों से देखते आ रही थी कि उसके बेटे का उसके साथ बात करने का रवैया पूरी तरह से बदल चुका था ऐसा लग रहा था कि जैसे वह किसी अनजान औरतों के साथ बातें कर रहा हो उसे इस बात की बिल्कुल भी चिंता नहीं रहती थी कि वह अपनी मां के साथ इस तरह की बातें कर रहा है,,,, अपने बेटे की बातों को सुनकर आराधना कुछ बोल नहीं पा रही थी,,,,, तो संजु ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

चलो कोई बात नहीं अगर कोई भी तकलीफ हो तो मुझे जरूर बताना,,,,,मैं नहीं चाहता कि मम्मी तुम्हें किसी भी प्रकार की तकलीफ हो तो मैं तकलीफ में देखना मुझे पसंद नहीं है,,,,,,, और हां अपनी खुशी के लिए भी थोड़ा सोच लिया करो मैं जानता हूं तुम खुश नहीं हो अपनी जिंदगी से अपनी जरूरत से,,,(आराधना यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा किस बारे में बातें कर रहा है इसलिए उसके बोलने के मतलब को समझते हुए आराधना के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारियां फूटने लगी थी पल भर के लिए तो वह भी यही सोच रही थी कि क्यों ना इस खेल में आगे बढ़ जाया जाए,,, जब उसका बेटा उसके साथ इतना खुल चुका है तो थोड़ा सा और खुलने में क्या हर्ज है,,,, आराधना के मन में कभी-कभी इस तरह के ख्यालात आते जरूर थे,,, लेकिन,, वह अपने आप को संभाल ले जाती थी,,,, अपनी मां की तरफ से ना उम्मीद हो चुका संजु के मन में अभी भी उम्मीद की किरण नजर आती थी यह बात अच्छी तरह से जानता था कि किसी भी औरत का मन वह लाया जा सकता है उनकी मान मर्यादा की दीवार को गिराया जा सकता है संस्कारों की चादर को अपने हाथों से खींचा जा सकता है बस थोड़ी बहुत मशक्कत करनी पड़ती है और उसी में संजू लगा हुआ था,,,, संजू नाश्ता कर चुका था और हाथ धो रहा था तभी उसकी मां उसके तरफ देखे बिना ही बोली,,,।)


तूने जो मेरे लिए किया है उसके लिए तेरा बहुत-बहुत शुक्रिया,,, नहीं तो अभी तक ना जाने क्या हो गया होता,,,।


कोई बात नहीं यह तो मेरा फर्ज था लेकिन मेरा एक और फर्जी था जिसे तुम निभाने नहीं दे रही हो,,,,।
(अपने बेटे की बातें सुनकर आश्चर्य से उसकी तरफ देखते हुए उसकी कही गई बात को समझने की कोशिश कर रही थी कि तभी संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला) तुम्हारी जरूरत को पूरा करने का फर्ज तुम्हारी खुशियों वापस लौटाने का फर्ज और तुम्हें संपूर्ण रूप से स्त्री सुख देने का फर्ज,,,,।
(इससे ज्यादा संजू कुछ बोला नहीं और ना ही अपनी मां की बात सुनने के लिए वहां खड़ा रहा वह तुरंत बाहर निकल गया और अपना बैग लेकर कॉलेज के लिए निकल गया आराधना अपने बेटे को जाते हुए देखती रह गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका जवान बेटा खुद अपनी मां के पीछे इस कदर क्यों हाथ धोकर पड़ा है,,,, उसे क्या अच्छा लगने लगा है कि वह दुनियादारी मान मर्यादा संस्कार रिश्तेदारी भुलकर सिर्फ उसे पाना चाहता है,,,। आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपने बेटे को कैसे समझाएं,,, वह इस बारे में सोच ही रही थी कि तभी उसे वह पल याद आ गया जब अभी अभी थोड़ी देर पहले संजू से बात कर रहा था और अचानक ही उसकी नजर उसके पैंट की तरफ चली गई थी जिसमें अच्छा खासा तंबु बना हुआ था,,, उसे दृश्य और उस पल को याद करके आराधना के तन बदन में हलचल सी उठने लगी,,,, आराधना यह बात अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसी से बात करते समय उसके बेटे का लंड खड़ा हो जाता था और उसका लंड उसे चोदने के उद्देश्य से ही खड़ा होता था,,,।,,उसका बेटा उसके बारे में ना जाने कैसी कैसी गंदी बातों को सोचता होगा और से करने के लिए लालायित होगा यह सब सोचकर ही आराधना की चुत पानी छोड़ने लग रही थी,,,,इस तरह की बातों को सोचते हुए आराधना का मन भी अपने बेटे की तरह ही हो जाता था वह भी अपनी बेटी के साथ संभोग के इस खेल को खेलने के लिए मन ही मन तैयार हो जाती थी लेकिन फिर अपने आप को मना कर इस तरफ से अपने ध्यान को दूसरी तरफ लगा देती थी,,,,।



रात का समय हो चुका था,,,संजू और मोहिनी दोनों खाना खा चुके थे उसकी मां भी खाना खा चुकी थी अब वह अपने पति का इंतजार नहीं करती थी अपने कमरे में जा चुकी थी और वह दोनों अपने कमरे में,,, मोहिनी जांघो तक का फ्रॉक पहनी हुई थी और फ्रॉक के नीचे कुछ भी नहीं पहनी थी ,,,आज फ्रॉक के नीचे चड्डी ना पहनकर वह अपने भाई को पूरी तरह से पागल बना देना चाहती थी जिसके तैयारी स्वरुप वह सुबह ही क्रीम लगाकर अपनी चूत को साफ कर चुकी थी,,,,,,,आज तक उसने इस तरह की हरकत को अंजाम नहीं की थी इसलिए इस तरह की हरकत करते हो उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,उसे शर्म भी महसूस हो रही थी कि अपने भाई के सामने ऐसी हरकत कैसे कर सकती है लेकिन जवानी के जोश में वह मजबूर हो चुकी थी,,,,कुछ देर तक दोनों पढ़ाई करते रहे अभी तक संजु अपनी बहन की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया था,,,,। मोहिनी संजु से बोली,,,


संजू तू लाइट बंद बंद किया कर उस दिन लाइट बंद कर दिया था रात को मैं नींद में दीवार से टकरा गई थी,,,,


ठीक है तो चिंता मत कर उस दिन अनजाने में बंद हो गई थी,,, मुझे भी अंधेरे में सोने की आदत नहीं है,,,,।
(लाइट बंद करने वाली बात है तो संजू को मोहिनी ने जानबूझकर डाली थी ताकि कमरे में उजाला रहे और उस उजाले में उसका भाई उसकी जवानी के केंद्र बिंदु को अपनी आंखों से देख सकें,,, इसलिए वह अपने भाई से पहले ही सोने का नाटक करते हुए अपने स्कूल के लिए के
बैग को एक तरफ रख कर सोने का नाटक करने लगी अभी तक संजू ने अपनी बहन की तरफ देखा तक नहीं था उसके दिलो-दिमाग पर उसकी मां का खूबसूरत बदन छाया हुआ था वह एक-एक पल को याद करके उत्तेजित हो जा रहा था जब अपनी मां को बीच बचाव करते हुए कपड़े में दाखिल हुआ था और उस समय वह अपनी मां को पूरी तरह से नंगी देख लिया था और बरसात में घर लौटने पर उत्तेजना के चलते अपनी मां के लाल लाल होठों का चुंबन करते हुए उसके रस को पी रहा था और उसकी मां भी साथ दे रही थी ऐसी ने अपनी मां को कस के अपनी बाहों में पकड़े हुए उसकी बड़ी बड़ी गांड पर अपनी हथेली रखकर जोर जोर से दबा रहा था,,,, उस पल को याद करके संजू पूरी तरह से व्याकुल हुए जा रहा था,,, अपने मन में यही सोच रहा था कि काश उस दिन कुछ हो गया होता तो कितना मजा आ जाता,,,,यही सोचते-सोचते 12:00 बज गया था और मांगने की आंखों से नींद गायब थी क्योंकि वह इंतजार कर रही थी कि कब उसके भाई की नजर उसके ऊपर पड़े और नींद में होने का बहाना करके वह खुद ही अपनी फ्रॉक को अपनी कमर तक उठा कर लेटी हुई थी और वह भी पीठ के बल,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था अंदर ही अंदर और कसमसा रही थी,,,,।

कमरे में बल्ब जल रहा था जिसकी रोशनी में सब को साफ नजर आ रहा था पंखा चालू होने की वजह से वातावरण में थोड़ी ठंडा कहां गई थी इसलिए संजू जैसे चादर लेने के लिए अपनी बहन की तरफ नजर घुमाया तो उस नजारे को देखकर उसके होश उड़ गए,,,।
Superb superb superb
 

Sanju@

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सुबह जब मोहिनी की नींद खुली तो देखी बगल में उसका भाई नहीं था सुबह के 6:00 बज रहे थे उसका भाई कमरे से बाहर निकल गया था कमरे की लाइट अभी भी चल रही थी मोहिनी अपनी दोनों टांगों के बीच की उस पतली करार की तरफ ध्यान से देखिए तो उस पर चिपचिपा पदार्थ लगा हुआ था जिसे वहां अपने हाथ लगाकर उसकी चिपचिपाहट को महसूस करने लगी,,,पल भर में ही रात को जो कुछ भी हुआ था वह सब कुछ मोहिनी की आंखों के सामने किसी मूवी की तरह चलने लगा,,,रात को उसने जिस तरह की हिम्मत दिखाई थी वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह अपने भाई की आंखों के सामने ऐसा कुछ कर गुजरने की लेकिन जवानी की आग ने उसे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया था और वह उसमें सफल भी हो गई थी,,,,।
मोहिनी अपने मन में सोचने लगी कि उसका भाई उसकी चिकनी चूत को देखकर क्या सोच रहा होगा,,,,,,अपने भाई की हालत को देखकर वहां बहुत खुश थी जितना वहां सोची थी उससे कहीं ज्यादा वहां अपने भाई को अपनी चूत दिखा कर परेशान कर चुकी थी,,,, मोहिनी की युक्ति पूरी तरह से कारगर साबित हुई थी वह कभी सोची नहीं थी कि उसका भाई उसकी चूत को देखकर इस कदर मदहोश हो जाएगा कि उसकी चूत से खेलने लगेगा,,,, मोहिनी को अभी भी अपनी चूत के अंदर अपने भाई की उंगली अंदर बाहर होती हुई महसूस हो रही थी जिससे उसके बदन में खुमारी छा रही थी,,,,।

अपनी चिकनी चूत से खेलते हुए अपने भाई को देखकर जिस तरह का आनंद का अनुभव मोहिनी के तन बदन में हो रहा था उसने आज तक ऐसा अनुभव महसूस नहीं की थी अपने भाई को अपना लंड हिलाता हुआ देखकर मोहिनी का धैर्य जवाब दे जा रहा था,,,, वह साफ तौर पर अपनी आंखों से देखी थी कि उसकी चूत से खेलते हुए कैसे उसका भाई अपना लंड अपने हाथ में लेकर जोर-जोर से हीला रहा था,,,और उसके लिए पहला मौका था जब अपनी आंखों से एक लड़के को अपने लंड हिलाता हुआ देख रही थी एक तरह से मुठीयाता हुआ देख रही थी,,,हालांकि मोहिनी को लड़कों के द्वारा किया जाने वाला हस्तमैथुन के बारे में बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था वरना वह अपने भाई की हरकत का अंदाजा लगा लेती कि वह क्या कर रहा है,,,,।

उस पल को याद करके उसके तन बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी जब उसका भाई उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बनाते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी चूत पर रख कर चाटना शुरू कर दिया था,,,,,, संजू की यह हरकतमोहिनी के लिए बेहद अद्भुत और आदरणीय थी जिसके बारे में उसने कभी कल्पना नहीं की थी लेकिन जिस तरह का सुख उसके भाई ने उसकी चूत को अपने होठों से लगा कर दिया था उस पल को वहां याद करके अभी भी पानी पानी हुई जा रही थी,,,,,, मोहिनी कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसका भाई अपने होठों को उसकी चूत पर रख देगा और जीभ से उसके काम रस को चाट जाएगा शायद ऐसा करने में मर्दों को ज्यादा सुख मिलता होगा,,, क्योंकि उसकी हरकत का मजा मोहिनी ने भी खुल कर ली थी,,,, शायद औरत को प्यार करने का ढंग मर्दों के द्वारा इसी तरह से होता होगा,,,, मोहिनी अभी तक सिर्फ यही समझती आ रही थी कि औरतों से प्यार करने का मतलब था चुदाई जिसमें मर्द अपना लंड औरत की चूत में डाल कर हीलाता है और शांत हो जाता है लेकिन रात को उसके भाई की हर एक हरकत ने मोहिनी को सोचने पर मजबूर कर दिया था कि औरतों से प्यार करने का तरीका बहुत ही अलग अलग है और हर एक तरीका मस्ती से भरा हुआ मदहोश कर देने वाला है जिसका थोड़ा बहुत झलक मोहिनी को भी प्राप्त हो चुका था जिस की मस्ती में वह दो तीन बार झड़ चुकी थी,,,,,,।

मोहिनी अपने कमरे में बैठे बैठे अपनी हिम्मत की दाद दे रही थी और मन ही मन अपनी सबसे अच्छी सहेली रेणुका का धन्यवाद भी कर रही थी क्योंकि उसी की बदौलत आज उसे जवानी का थोड़ा बहुत उसे प्राप्त हुआ था जिसके चलते वह आगे भी इस सुख को प्राप्त करने में निरंतर लगी रहेगी,,,,,,लेकिन मोहिनी के समझ में एक बात बिल्कुल भी नहीं आ रही थी कि सब कुछ करने के बावजूद भी उसके भाई ने अपने लंड को उसकी चूत में डाला क्यों नहीं जिसकी वह बेसब्री से इंतजार कर रही थी और उसी सुख को प्राप्त करने के लिए उसका दिल की धड़कन बड़े जोरों से धड़क भी रहा था और वह व्याकुल भी थी अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए,,, लेकिन उसके सोच के विपरीत उसके भाई ने अपने लंड का सुपाड़ा सिर्फ उसके चूत पर रगड़ा भर था उसमें डालने की हल्की सी कोशिश भर किया था लेकिन डाला नहीं था,,,यही मोहिनी को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार सब कुछ करने के बावजूद उसका भाई उसकी चूत में लंड डालकर चोदा क्यों नहीं,,,,, इस सवाल का जवाब शायद इस समय उसके पास बिल्कुल भी नहीं था,,, तभी दरवाजे पर हल्की सी आहट हुई तो वह अपने फ्रॉक को वापस सही से करने लगी,,,, दरवाजा खोल कर संजू कमरे में दाखिल हुआ और एक नजर मोहिनी के ऊपर डाला ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में उसकी गोरी गोरी जांघें चमक रही थी,,, जिसे देख कर उसके मुंह में पानी आ रहा था,,,,वही शर्म के मारे अपने भाई की तरफ नजर उठा कर देख नहीं पा रही थी वह अपनी नजरों को नीचे छुपाई हुई थी और संजू को ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अभी भी नींद में है,,,,और यही हाल संजू का भी था संजू भाई ठीक से मोहिनी से नजर नहीं मिला पा रहा था दोनों को ऐसा लग रहा था कि रात को जो कुछ भी हुआ था उस बात से दोनों अपने अपने तरीके से अनजान हैं दोनों को कुछ भी पता नहीं है,,,,

लेकिन समझो की हरकत को मोहिनी अच्छी तरह से जानती थी और मोहिनी रात में किस अवस्था में सोई थी कैसे सोई थी इस बारे में संजु अच्छी तरह से जानता था,,, लेकिन एक बात का दुख उसे था कि अपनी बहन की चिकनी चूत को देखकर वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाया था और जो नहीं करना चाहिए था हम आकर बैठा था अच्छा हुआ कि उसकी बहन को इस बारे में कुछ पता नहीं है वरना वह क्या सोचेगी,,,।

जबकि मोहिनी को सब कुछ पता था उसकी हरे कर कर जानबूझकर की गई थी वह अपने भाई को अपनी चिकनी तो दिखा कर उकसा रही थी और संजू अपनी बहन की चिकनी चूत देखकर बहक भी गया थालेकिन वह संजू के सामने ऐसे भी वार कर रही थी कि जैसे रात में जो कुछ भी हुआ उसके बारे में उसे कुछ भी पता नहीं हो और संजू कोई तुझे ही लग रहा था कि रात में जो कुछ भी हुआ था उस बारे में मोहिनी को कुछ भी पता नहीं है क्योंकि संजू मोहिनी के सोने की आदत से अच्छी तरह से वाकिफ था,,,,।

संजू नहा चुका था,,,मोहिनी दीदी नजर नीचे झुका कर बैठी हुई थी संजू को लग रहा था कि जैसे वह नींद में है इसलिए वहां उसके कंधे को पकड़कर हिलाते हुए बोला,,,।

मोहिनी उठ जा कॉलेज नहीं जाना है क्या देर हो रही है,,,


कितना बज रहा है,,,,(नींद में होने का नाटक करते हुए मोहिनी बोली)

6:30 बज रहा है देर हो रही है जल्दी से उठ जा,,,,


बाप रे 6:30 बज गए और तुम मुझे अभी उठा रहे हो,,,
( और इतना कहने के साथ ही मोहिनी होंठों पर कामुक मुस्कान लिए हुए कमरे से बाहर निकल‌,गई,,, और संजू अपनी बहन को कमरे से बाहर जाते हुए देखता रह गया उसकी सुडोल गांड फ्रॉक के घेराव में बहुत ही सुगठीत लग रही थी,,,रात को जिस तरह का मजा उसकी बहन ने दी थी उस बारे में संजू ने भी कभी कल्पना नहीं किया था उसकी बहन की चूत इतनी खूबसूरत होगी इस बारे में कभी उसने सोचा नहीं था अपनी बहन की चिकनी चूत देखने से पहले वह केवल अपनी मौसी की चूत के बारे में कल्पना किया करता था और उसी के बारे में सोचा करता था लेकिन अपनी बहन की चिकनी चूत देखने के बाद चूत के मायने बदल गए थे,,, अभी भी संजू को अपनी उंगली के अंदर अपनी बहन की चूत की गर्मी महसूस हो रही थी,,,,उसकी चूत से निकला काम रस चाटने में जिस तरह कहा ना तो उसे प्राप्त हुआ था शायद ऐसा मजा उसे कभी नहीं आया था,,,,संजू का मन बहुत कर रहा था कि अपने लंड को अपनी बहन की चूत में डालकर उसकी चुदाई करते लेकिन संजू दो बार अपनी मौसी की चुदाई कर चुका था और अपने लंड की मोटाई के बारे में उसे अच्छी तरह से ज्ञान था जोकि अपनी बहन की गुलाबी चूत के छोटे से छेद को देखकर उसका ज्ञान और ज्यादा बढ़ गया था वह समझ गया था कि उसके लंड का मोटा सुपाड़ा उसकी बहन की गुलाबी चूत के छोटे से छेद में बिना मोहिनी की मदद के बिना जाना नामुमकिन है इसलिए वह अपनी मंशा को मारकर केवल अपने लंड के सुपाड़े को अपनी बहन की चूत पर रगड कर अपना पानी निकाल कर शांत किया था,,,।संजू अपने कमरे में खड़े खड़े अपने बाल को संवारते हुए आईने में अपने आप को देखकर यही सोच रहा था कि अगर उसकी बहन की सोने की आदत इसी तरह से रही तो वह जरूर एक दिन अपनी बहन की चुदाई करके रहेगा,,,,,।

दूसरी तरफ आराधना परेशान थी अपनी बहन से उधार के पैसे लिए हुए महीना जैसा बीतने को हो गया था लेकिन अशोक की तरफ से किसी भी प्रकार का पैसे की मदद नहीं मिल पा रही थी,,, उसकी तनख्वाह कहां चली जाती थी इस बारे में उसे अंदाजा भी नहीं था,,,, आराधना एक अच्छी सी जॉब के लिए अपनी बहन को पहले से ही बोल के रखी हुई थी क्योंकि वह जानती थी कि अगर अशोक उसे पैसे ना दे सका तो वह खुद नौकरी करके अपनी बहन के पैसे लौटा देगी और परिवार को थोड़ी बहुत मदद करेगी भले ही अशोक को उसकी नौकरी करने में किसी भी प्रकार की चीजें महसूस होती हो लेकिन वह नौकरी करके ही रहेगी,,,,
इसीलिए आराधना आज ज्यादा परेशान थे क्योंकि आज उसे जॉब के लिए इंटरव्यू देने जाना था,,,,जिसके बारे में उसने अब तक किसी को भी नहीं बोली थी वहां अपने मन में यही सोच रही थी कि जब जॉब फाइनल हो जाएगी तभी सब को बताएगी क्योंकि उसे इस बात का डर था कि अगर उसे जो बोले कंपनी नहीं दिए तो उसका मजाक बनकर रह जाएगा और वह अपने परिवार में अपना मजाक बनता और ज्यादा देखना पसंद नहीं कर सकती थी,,,,,, अशोक से अब उसे उम्मीद ना के बराबर रह गई थी क्योंकि घर में झगड़ा मार तो नहीं हो रहा था लेकिन अशोक की तरफ से किसी भी प्रकार का सहायता भी नहीं हो रहा था,,,, घर में फिर से पैसों की किल्लत हो जाए, अब यह आराधना को मंजूर नहीं था,,, जिंदगी में पहली बार वह मजबूरन अपनी बहन से सहायता मांगने उसके घर गई थी,,, वह तो उसकी बहन उसकी मुसीबत को समझती थी कि उसकी मदद करती वरना कोई और होता तो खाली मुंह लौटना पड़ता और इससे बड़ी बेइज्जती और क्या हो सकती थी,,,,।

आराधना जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार करने के बाद खाना बना रही थी क्योंकि उसे 10:00 बजे तक ऑफिस पहुंचना था,,, संजू तैयार हो चुका था लेकिन वह सबसे लास्ट में घर से बाहर निकलता था मोहिनी नहा धोकर तैयार हो चुकी थी और नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गई थी अशोक बीपी ना बोले चाय नाश्ता करके घर से निकल गया था अब घर में उसका होना ना होना एक बराबर हो गया था,,, अशोक को आराधना से बात किए 15: 20 दिन हो चुके थे,,,लेकिन अशोक को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता था लेकिन आराधना को फर्क जरूर पड़ता था क्योंकि अशोक उसका पति था उसका हमसफर था उसका अमराही था लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर आकर उसका इस तरह से नजरअंदाज करना आराधना के दिल पर गहरा गांव दे रहा था,,, प्यार से बात करना तो दूर उसकी तरफ देखना भी अशोक ने छोड़ दिया था तो शारीरिक सुख की तो बात ही क्या करनी इस उम्र में औरतें शरीर सुख पाने के लिए कुछ ज्यादा ही एक्टिव रहती है लेकिन आराधना के लिए सब कुछ सपना सा लगने लगा था,,,,,


रोज की तरह संजू सब के चले जाने के बाद रसोई घर में प्रवेश किया और अपनी मां का देह लालित्य देखकर पूरी तरह से मदहोश हो गया,,,, कुछ देर पहले ही आराधना बाथरूम से नहाकर बाहर निकली थी और अपने गीले बालों को टोवल से पोछकर सुखाई नही थी,, जिसकी वजह से गीले बालों से टपकता हुआ पानी पीछे से उसके ब्लाउज को पूरी तरह से भिगो दिया था,,, और यही हाल ब्लाउज का आगे से भी था क्योंकि रेशमी बालों की लटे आगे को भी ब्लाउज से चिपकी हुई थी जो कि आगे से ब्लाउज को पूरी तरह से गिला कर चुकी थी,,,, आनन-फानन में आराधना को अपनी स्थिति का धान बिल्कुल भी नहीं था रसोई घर में प्रवेश करते समय बालों के पानी से जिले ब्लाउज को देखकर संजू के तन बदन में आग लग गई थी क्योंकि जो जुल्फें आगे से ब्लाउज को गीला कर चुकी थी उसमें से आराधना की चूची की चॉकलेटी निप्पल एकदम साफ नजर आ रही थी,,,, वो भी इसलिए की आराधना ने जल्दबाजी में खाना बनाने के चक्कर में ब्रा नहीं पहनी थी सिर्फ ब्लाउज पहन ली थी और पानी से भीगने की वजह से उसकी गोरी गोरी चूचियों के साथ-साथ उसकी चॉकलेटी रंग की निप्पल साफ नजर आ रही थी जिसे देख कर संजु की हालत खराब होने लगी और उसके मुंह में पानी आने लगा,,,, आराधना इस बात से बिल्कुल बेखबर थी कि उसकी चूची पानी के पीलेपन की वजह से साफ नजर आ रही है,,,, संजू के पेंट में हलचल सी होने लगी वह रोज की तरह पीछे की तरफ जाकर मटके में से पानी निकाल कर पीने लगा और अपनी मां को पीछे से देखने लगा उसका पिछवाड़ा बेहद खूबसूरत नजर आ रहा था एकदम गोल-गोल कसी हुई साड़ी में एकदम कसी हुई गांड,,, कमर की गहराई को नापने के लिए गहरी लगी है उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे,,, कुल मिलाकर अद्भुत रूप की मालकिन थी आराधना,,, जिसके जवानी का रस संजू खुद अपनी आंखों से पी रहा था,,,,,,।

पेंट में संजू का लंड पूरी तरह से अकड़न पर था वह अपनी मां की मदहोश कर देने वाली जवानी का तो पहले से ही कायल था लेकिन आज अपनी मां का गीला ब्लाउज देखकर उसमें से झांकती चूचियां ओर चुचीयों की शोभा बढ़ा रही चॉकलेटी निप्पल देखकर उसकी तो और ज्यादा हालत खराब हो गई,,,,,,, खूबसूरत औरत की मदहोश कर देने वाली जवानी का रस आंखों से पीने का भी अपना अलग मजा था,,, और इस मजे को देखो कि उसका बेटा खुद लूट रहा था,,,,।

अपनी स्थिति से बेखबर आराधना जल्दी-जल्दी प्लेट में नाश्ता लगाकर अपने बेटे की तरफ बढ़ाते हुए बोली,,,।

ले संजु जल्दी से नाश्ता कर ले,,, मुझे आज एक बहुत जरूरी काम है जिसके सिलसिले में मुझे बाहर जाना है,,,


कहां जाना है मम्मी,,,(इतना कहते हुए संजू जानबूझकर किचन के ऊपरी फ्लोर पर अपनी कमर टीका कर अपनी मां की तरफ देखते हुए बोला,,,)


बहुत जरूरी काम है अभी कुछ नहीं बता सकती जब काम हो जाएगा तब तुझे शाम को बता दूंगी,,,,(आराधना जल्दी-जल्दी रोटी पकाते हुए बोली,,, संजू ठीक है अपनी मां के सामने खड़ा होकर अपनी मां की चूचियों की तरफ देख रहा था जो कि ब्लाउज के गले पन से बाहर की तरफ झांक रही थी,,,, और अपनी मां की चूचियों को घूरते हुए वह बोला,,,)


चलो कोई बात नहीं मम्मी अभी नहीं बताना है तो ना सही लेकिन ऐसे ही मत चली जाना बाहर नहीं तो पूरा मोहल्ला तुम्हारे पीछे पीछे चल पड़ेगा,,,।
(आराधना को संजीव के कहने का मतलब बिल्कुल समझ में नहीं आया तो वह आश्चर्यजनक तरीके से संजू की तरफ देखते हुए सिर्फ इशारा करके पूछी की क्या हुआ जवाब में संजू बिल्कुल भी शर्म ना करते हुए एकदम बेशर्मी की हद पार करते हुए अपनी उंगली से अपनी मां की ‌चुचीयों की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,)

देख लो तुमने आज ब्रा नहीं पहनी हो और ब्लाउज गीला होने की वजह से सब कुछ नजर आ रहा है,,,।
(जैसे ही आराधना संजू की बात सुनकर अपनी छातियों की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए बालों के पानी से गिला हुआ ब्लाउज में सेउसकी बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम साफ नजर आ रही थी और सूचियों के लिए कल भी एक दम साफ नजर आ रही थी जिसे खुद देखकर वह शरमा गई अपने बेटे के सामने हुआ शर्म से पानी पानी होने लगी,,,अपने बेटे से नजर मिलाने तक की हिम्मत उसमें नहीं थी वह अपनी नजरों को नीचे झुका कर इधर-उधर करने लगी,,,,,, वह हैरान थी कि उसके बेटे ने कितने साफ शब्दों में उसकी गलती को बता दिया था जिससे उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल सी महसूस होने लगी थी,,,आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि अपने बेटे के सामने वह क्या करें उसका बेटा जो कि अपनी आंखों से उसकी चूचियों को घूर रहा था यह पल उसके लिए बेहद है शर्मसार कर देने वाला था लेकिन उसके बेटे के लिए यह पल बेहद मादकता से भरा हुआ था उसे तो इस नजारे को देखने में खुशी मिल रही थी वरना वह इस तरह से बेशर्मी दिखाते हुए अपनी मां को उसकी गलती का एहसास नहीं कराता,,,,।
पल भर में आराधना की सांसे तेजी से चलने लगी क्योंकि उसका बेटा उस जगह से हटने की जगह उसे ही घूर कर देख रहा था,,,शायद यह आराधना की गलती थी जो कि संजू इस कदर बेशर्मी दिखा रहा था क्योंकि अगर वह पहले ही उसे डांट फटकार कर मना कर दी होती तो शायद वह उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों को चुंबन करने की हिम्मत ना कर सकता और ना ही उसे अपनी बाहों में लेकर उसके नितंबों को अपनी हथेली में लेकर जोर से दबाने की जुर्रत कर पाता,,,,, वह तो अच्छा हुआ कि रात के समय आराधना अपने आप को काबू में करके अपने बेटे को अपने से अलग कर दिया वरना उस रात को ही दोनों के बीच मां बेटे का रिश्ता खत्म हो जाता ,,,, संजू को उसी तरह से बेशर्मी से खड़ा देखकर आराधना ही वहां से हटना मुनासिब समझी और शर्मिंदगी का अहसास लिए हुए वह बोली,,।

ओहो,,,, जल्दबाजी में ‌मेै भूल गई,,,(इतना कहने के साथ ही वह रसोई घर से बाहर निकलने लगी और जाते-जाते अनजाने में ही एक नजर संजू की पेंट के आगे वाले भाग पर डाली तो हैरान रह गई उसमें अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जो कि इस बात का सबूत था कि उसकी चुचियों को देखकर उसके लड़के का लंड खड़ा हो गया था,,, उसके खड़े लंड के एहसास सेआराधना की दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की नसों में रक्त का भ्रमण बड़ी तेजी से होने लगा,,,, आराधना जल्दी-जल्दी अपने कमरे में गई और अपना ब्लाउज का बटन खोल कर अपने ब्लाउज को बिस्तर पर फेंक दी और अलमारी में से लाल रंग की ब्रा निकाल कर उसे पहनने लगी,,,, ब्लाउज पूरा किया था इसलिए पहनना ठीक नहीं था इसलिए वह अलमारी में से दूसरा ब्लाउज खोजने लगी तो उसे सिर्फ रस्सी वाली जो कि पीछे से बांधी जाती थी वही ब्लाउज मिला और उसे पहनना उसकी मजबूरी थी,,, आनन-फानन में वह अपना ब्लाउज पहनकर पीछे अपना दोनों हाथ लाकर रस्सी को बांधने की कोशिश करने लगी जो की रस्सी ठीक से बंध नहीं पा रही थी,,,, आराधना चाहती तो नॉर्मल कपड़े पहनकर ही इंटरव्यू देने जा सकती थी लेकिन वह इंप्रेशन खराब नहीं करना चाहती थी क्योंकि उसे इस नौकरी की सख्त जरूरत थी इसलिए वह थोड़ा बन ठन कर जाना चाहती थी,,,।

आराधना वापस रसोई घर में आ चुकी थी संजू नाश्ता कर चुका था इस बार का ब्लाउज पीछे से एकदम खुला हुआ केवल एक पतली सी रस्सी थी जिसे बांधा जाता था,,,।संजू अपनी मां को इस ब्लाउज में देखकर पूरी तरह से मस्त हो गया वह बला की खूबसूरत नजर आ रही थी,,,, संजू अपनी मां की तारीफ करना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं कर पाया तभी उसकी नजर अपनी मां के पेट पर गई जहां से ठीक से रस्सी ना बांधने की वजह से अंदर की ब्रा की पट्टी नजर आ रही थी,,, जिसे देखकर संजु अपनी मां से बोला,,,।

मम्मी ब्लाउज की तस्वीर ठीक से बांधो ब्रा की पट्टी नजर आ रही है,,,।
(अपनी बेटी की बातें सुनकर आराधना फिर से हक्की बक्की रह गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें आनन-फानन में वह फिर से अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाने की कोशिश करते हुए अपनी ब्लाउज की रस्सी बांधने की नाकाम कोशिश करने लगी तो संजू ही आगे बढ़कर बिना कुछ बोले अपनी मां के ठीक पीछे आ गया और जल्दबाजी में बांधी गई ब्लाउज की डोरी को अच्छे से बांधने के लिए फिर से खोलने लगा आराधना उसे इनकार नहीं कर पाए वह एकदम से संजू के आकर्षण में बंद चुकी थी उसके मुंह से एक शब्द नहीं फूट रहे थे वह अपने आप को एक तरह से संजू के हवाले कर चुकी थी,,,,।

संजु अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को खोल दो रहा था फिर से अच्छी तरह से बांधने के लिए लेकिनआराधना को ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे उसका बेटा उसके ब्लाउज की डोरी खोल कर उसे धीरे-धीरे अपने हाथों से नंगी करने जा रहा है यह एहसास उसे और ज्यादा उत्तेजित करने लगा था उसकी चूत से काम रस बहना शुरू हो गया था जो कि उसकी पेंटी को गीला कर रहा था,,, संजू ठीक अपनी मां के पीछे खड़ा था उसकी उन्नत गांड से महज 2 अंगुल की दूरी पर संजू का तंबू था अगर अनजाने में ही आराधना के पैर हल्के से पीछे की तरफ आ जाती तो यह संजू ही थोड़ा सा आगे की तरफ अपनी कमर कर देता तो संजू का लंड उसकी मां की गांड से एकदम स्पर्श हो जाता और वह पल शायद दोनों की जिंदगी में एक नई गाथा लिखने की शुरुआत कर देता,,,,, अपनी मां की चिकनी पीठ पर अपने मूल्यों का स्पर्श होते ही संजू पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा थाअपनी मां के ब्लाउज की डोरी को खोलते समय संजू को भी वही एहसास हो रहा था जो की आराधना को हो रहा था संजु को भी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अपनी मां के ब्लाउज की डोरी खोल कर धीरे-धीरे उसे नंगी करने जा रहा है,,,,।

देखते ही देखते अपनी मां की इजाजत पाए बिना ही समझू आगे बढ़कर अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को खोलकर उसे वापस अच्छी तरह से मांग रहा था और उसे अच्छी तरह से बांध भी चुका था यह उसका पहली बार था जब वह किसी औरत के ब्लाउज की डोरी को बांध रहा था और उसे अच्छी तरीके से बात भी दिया था इस बात से शायद आराधना को भी हैरानी हो रही थी,,,, ब्रा की पट्टी थोड़ी सी टीम ली थी तो संजू अपनी मां की ब्रा की पट्टी में उंगली को हल कैसे डालकर उसे उंगली से ही सीधा करने लगा यह हरकत आराधना के लिए अद्भुत अवर्णनीय थी साथ ही ना जाने क्या हुआ के आराधना खुद ही अपनी कमर को हल्के से पीछे की तरफ कर दी और जैसे किसी पल का इंतजार संजू को भी था बॉबी हल्के से आगे आया और दोनों के कोमल अंग एक दूसरे के अंगों से रगड़ खा गए,,, आराधना की गांड संजू के पेंट में बने तंबू से स्पर्श हो गई और आराधना को इतने से हीअपने बेटे की लंड के कड़क पन का एहसास अपनी गांड पर हो गया वह पूरी तरह से मस्त हो गई और इस पल की मस्ती को वह काबू में ना कर सकी और उसकी चूत से काम रस की बूंदे टपकने लगी,,,।

संजू अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को बांध चुका था और वह भी अच्छे तरीके से उसे कॉलेज आने में देर हो रही थी तो वह तुरंत रसोई घर से बाहर आया और अपना बैग उठाकर अपनी मां को बाय बोल कर चला गया कुछ देर तक आराधना वहीं खड़ी की खड़ी रह गई,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो गया अपनी पेंटिंग को पूरी तरह से की थी महसूस कर रही थी और उसी का जायजा लेने के लिए वह अपनी साड़ी को उठाकर कमर तक खींच दी और अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच पर जाकर अपनी पैंटी का मुआयना करने लगी जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी गीली पेंटिं मैं वह अपने आप को सहज महसूस नहीं कर पा रही थी,,, और इसलिए वह तुरंत अपने कमरे में वापस गई,,, और अपनी गीली पेंटिं निकालकर दूसरी पेंटी पहन ली और तैयार होकर घर से बाहर निकल गई इंटरव्यू के लिए,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है मजा आ गया
 

Alok

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Kammy sidhu

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सुबह जब मोहिनी की नींद खुली तो देखी बगल में उसका भाई नहीं था सुबह के 6:00 बज रहे थे उसका भाई कमरे से बाहर निकल गया था कमरे की लाइट अभी भी चल रही थी मोहिनी अपनी दोनों टांगों के बीच की उस पतली करार की तरफ ध्यान से देखिए तो उस पर चिपचिपा पदार्थ लगा हुआ था जिसे वहां अपने हाथ लगाकर उसकी चिपचिपाहट को महसूस करने लगी,,,पल भर में ही रात को जो कुछ भी हुआ था वह सब कुछ मोहिनी की आंखों के सामने किसी मूवी की तरह चलने लगा,,,रात को उसने जिस तरह की हिम्मत दिखाई थी वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह अपने भाई की आंखों के सामने ऐसा कुछ कर गुजरने की लेकिन जवानी की आग ने उसे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया था और वह उसमें सफल भी हो गई थी,,,,।
मोहिनी अपने मन में सोचने लगी कि उसका भाई उसकी चिकनी चूत को देखकर क्या सोच रहा होगा,,,,,,अपने भाई की हालत को देखकर वहां बहुत खुश थी जितना वहां सोची थी उससे कहीं ज्यादा वहां अपने भाई को अपनी चूत दिखा कर परेशान कर चुकी थी,,,, मोहिनी की युक्ति पूरी तरह से कारगर साबित हुई थी वह कभी सोची नहीं थी कि उसका भाई उसकी चूत को देखकर इस कदर मदहोश हो जाएगा कि उसकी चूत से खेलने लगेगा,,,, मोहिनी को अभी भी अपनी चूत के अंदर अपने भाई की उंगली अंदर बाहर होती हुई महसूस हो रही थी जिससे उसके बदन में खुमारी छा रही थी,,,,।

अपनी चिकनी चूत से खेलते हुए अपने भाई को देखकर जिस तरह का आनंद का अनुभव मोहिनी के तन बदन में हो रहा था उसने आज तक ऐसा अनुभव महसूस नहीं की थी अपने भाई को अपना लंड हिलाता हुआ देखकर मोहिनी का धैर्य जवाब दे जा रहा था,,,, वह साफ तौर पर अपनी आंखों से देखी थी कि उसकी चूत से खेलते हुए कैसे उसका भाई अपना लंड अपने हाथ में लेकर जोर-जोर से हीला रहा था,,,और उसके लिए पहला मौका था जब अपनी आंखों से एक लड़के को अपने लंड हिलाता हुआ देख रही थी एक तरह से मुठीयाता हुआ देख रही थी,,,हालांकि मोहिनी को लड़कों के द्वारा किया जाने वाला हस्तमैथुन के बारे में बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था वरना वह अपने भाई की हरकत का अंदाजा लगा लेती कि वह क्या कर रहा है,,,,।

उस पल को याद करके उसके तन बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी जब उसका भाई उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बनाते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी चूत पर रख कर चाटना शुरू कर दिया था,,,,,, संजू की यह हरकतमोहिनी के लिए बेहद अद्भुत और आदरणीय थी जिसके बारे में उसने कभी कल्पना नहीं की थी लेकिन जिस तरह का सुख उसके भाई ने उसकी चूत को अपने होठों से लगा कर दिया था उस पल को वहां याद करके अभी भी पानी पानी हुई जा रही थी,,,,,, मोहिनी कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसका भाई अपने होठों को उसकी चूत पर रख देगा और जीभ से उसके काम रस को चाट जाएगा शायद ऐसा करने में मर्दों को ज्यादा सुख मिलता होगा,,, क्योंकि उसकी हरकत का मजा मोहिनी ने भी खुल कर ली थी,,,, शायद औरत को प्यार करने का ढंग मर्दों के द्वारा इसी तरह से होता होगा,,,, मोहिनी अभी तक सिर्फ यही समझती आ रही थी कि औरतों से प्यार करने का मतलब था चुदाई जिसमें मर्द अपना लंड औरत की चूत में डाल कर हीलाता है और शांत हो जाता है लेकिन रात को उसके भाई की हर एक हरकत ने मोहिनी को सोचने पर मजबूर कर दिया था कि औरतों से प्यार करने का तरीका बहुत ही अलग अलग है और हर एक तरीका मस्ती से भरा हुआ मदहोश कर देने वाला है जिसका थोड़ा बहुत झलक मोहिनी को भी प्राप्त हो चुका था जिस की मस्ती में वह दो तीन बार झड़ चुकी थी,,,,,,।

मोहिनी अपने कमरे में बैठे बैठे अपनी हिम्मत की दाद दे रही थी और मन ही मन अपनी सबसे अच्छी सहेली रेणुका का धन्यवाद भी कर रही थी क्योंकि उसी की बदौलत आज उसे जवानी का थोड़ा बहुत उसे प्राप्त हुआ था जिसके चलते वह आगे भी इस सुख को प्राप्त करने में निरंतर लगी रहेगी,,,,,,लेकिन मोहिनी के समझ में एक बात बिल्कुल भी नहीं आ रही थी कि सब कुछ करने के बावजूद भी उसके भाई ने अपने लंड को उसकी चूत में डाला क्यों नहीं जिसकी वह बेसब्री से इंतजार कर रही थी और उसी सुख को प्राप्त करने के लिए उसका दिल की धड़कन बड़े जोरों से धड़क भी रहा था और वह व्याकुल भी थी अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए,,, लेकिन उसके सोच के विपरीत उसके भाई ने अपने लंड का सुपाड़ा सिर्फ उसके चूत पर रगड़ा भर था उसमें डालने की हल्की सी कोशिश भर किया था लेकिन डाला नहीं था,,,यही मोहिनी को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार सब कुछ करने के बावजूद उसका भाई उसकी चूत में लंड डालकर चोदा क्यों नहीं,,,,, इस सवाल का जवाब शायद इस समय उसके पास बिल्कुल भी नहीं था,,, तभी दरवाजे पर हल्की सी आहट हुई तो वह अपने फ्रॉक को वापस सही से करने लगी,,,, दरवाजा खोल कर संजू कमरे में दाखिल हुआ और एक नजर मोहिनी के ऊपर डाला ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में उसकी गोरी गोरी जांघें चमक रही थी,,, जिसे देख कर उसके मुंह में पानी आ रहा था,,,,वही शर्म के मारे अपने भाई की तरफ नजर उठा कर देख नहीं पा रही थी वह अपनी नजरों को नीचे छुपाई हुई थी और संजू को ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अभी भी नींद में है,,,,और यही हाल संजू का भी था संजू भाई ठीक से मोहिनी से नजर नहीं मिला पा रहा था दोनों को ऐसा लग रहा था कि रात को जो कुछ भी हुआ था उस बात से दोनों अपने अपने तरीके से अनजान हैं दोनों को कुछ भी पता नहीं है,,,,

लेकिन समझो की हरकत को मोहिनी अच्छी तरह से जानती थी और मोहिनी रात में किस अवस्था में सोई थी कैसे सोई थी इस बारे में संजु अच्छी तरह से जानता था,,, लेकिन एक बात का दुख उसे था कि अपनी बहन की चिकनी चूत को देखकर वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाया था और जो नहीं करना चाहिए था हम आकर बैठा था अच्छा हुआ कि उसकी बहन को इस बारे में कुछ पता नहीं है वरना वह क्या सोचेगी,,,।

जबकि मोहिनी को सब कुछ पता था उसकी हरे कर कर जानबूझकर की गई थी वह अपने भाई को अपनी चिकनी तो दिखा कर उकसा रही थी और संजू अपनी बहन की चिकनी चूत देखकर बहक भी गया थालेकिन वह संजू के सामने ऐसे भी वार कर रही थी कि जैसे रात में जो कुछ भी हुआ उसके बारे में उसे कुछ भी पता नहीं हो और संजू कोई तुझे ही लग रहा था कि रात में जो कुछ भी हुआ था उस बारे में मोहिनी को कुछ भी पता नहीं है क्योंकि संजू मोहिनी के सोने की आदत से अच्छी तरह से वाकिफ था,,,,।

संजू नहा चुका था,,,मोहिनी दीदी नजर नीचे झुका कर बैठी हुई थी संजू को लग रहा था कि जैसे वह नींद में है इसलिए वहां उसके कंधे को पकड़कर हिलाते हुए बोला,,,।

मोहिनी उठ जा कॉलेज नहीं जाना है क्या देर हो रही है,,,


कितना बज रहा है,,,,(नींद में होने का नाटक करते हुए मोहिनी बोली)

6:30 बज रहा है देर हो रही है जल्दी से उठ जा,,,,


बाप रे 6:30 बज गए और तुम मुझे अभी उठा रहे हो,,,
( और इतना कहने के साथ ही मोहिनी होंठों पर कामुक मुस्कान लिए हुए कमरे से बाहर निकल‌,गई,,, और संजू अपनी बहन को कमरे से बाहर जाते हुए देखता रह गया उसकी सुडोल गांड फ्रॉक के घेराव में बहुत ही सुगठीत लग रही थी,,,रात को जिस तरह का मजा उसकी बहन ने दी थी उस बारे में संजू ने भी कभी कल्पना नहीं किया था उसकी बहन की चूत इतनी खूबसूरत होगी इस बारे में कभी उसने सोचा नहीं था अपनी बहन की चिकनी चूत देखने से पहले वह केवल अपनी मौसी की चूत के बारे में कल्पना किया करता था और उसी के बारे में सोचा करता था लेकिन अपनी बहन की चिकनी चूत देखने के बाद चूत के मायने बदल गए थे,,, अभी भी संजू को अपनी उंगली के अंदर अपनी बहन की चूत की गर्मी महसूस हो रही थी,,,,उसकी चूत से निकला काम रस चाटने में जिस तरह कहा ना तो उसे प्राप्त हुआ था शायद ऐसा मजा उसे कभी नहीं आया था,,,,संजू का मन बहुत कर रहा था कि अपने लंड को अपनी बहन की चूत में डालकर उसकी चुदाई करते लेकिन संजू दो बार अपनी मौसी की चुदाई कर चुका था और अपने लंड की मोटाई के बारे में उसे अच्छी तरह से ज्ञान था जोकि अपनी बहन की गुलाबी चूत के छोटे से छेद को देखकर उसका ज्ञान और ज्यादा बढ़ गया था वह समझ गया था कि उसके लंड का मोटा सुपाड़ा उसकी बहन की गुलाबी चूत के छोटे से छेद में बिना मोहिनी की मदद के बिना जाना नामुमकिन है इसलिए वह अपनी मंशा को मारकर केवल अपने लंड के सुपाड़े को अपनी बहन की चूत पर रगड कर अपना पानी निकाल कर शांत किया था,,,।संजू अपने कमरे में खड़े खड़े अपने बाल को संवारते हुए आईने में अपने आप को देखकर यही सोच रहा था कि अगर उसकी बहन की सोने की आदत इसी तरह से रही तो वह जरूर एक दिन अपनी बहन की चुदाई करके रहेगा,,,,,।

दूसरी तरफ आराधना परेशान थी अपनी बहन से उधार के पैसे लिए हुए महीना जैसा बीतने को हो गया था लेकिन अशोक की तरफ से किसी भी प्रकार का पैसे की मदद नहीं मिल पा रही थी,,, उसकी तनख्वाह कहां चली जाती थी इस बारे में उसे अंदाजा भी नहीं था,,,, आराधना एक अच्छी सी जॉब के लिए अपनी बहन को पहले से ही बोल के रखी हुई थी क्योंकि वह जानती थी कि अगर अशोक उसे पैसे ना दे सका तो वह खुद नौकरी करके अपनी बहन के पैसे लौटा देगी और परिवार को थोड़ी बहुत मदद करेगी भले ही अशोक को उसकी नौकरी करने में किसी भी प्रकार की चीजें महसूस होती हो लेकिन वह नौकरी करके ही रहेगी,,,,
इसीलिए आराधना आज ज्यादा परेशान थे क्योंकि आज उसे जॉब के लिए इंटरव्यू देने जाना था,,,,जिसके बारे में उसने अब तक किसी को भी नहीं बोली थी वहां अपने मन में यही सोच रही थी कि जब जॉब फाइनल हो जाएगी तभी सब को बताएगी क्योंकि उसे इस बात का डर था कि अगर उसे जो बोले कंपनी नहीं दिए तो उसका मजाक बनकर रह जाएगा और वह अपने परिवार में अपना मजाक बनता और ज्यादा देखना पसंद नहीं कर सकती थी,,,,,, अशोक से अब उसे उम्मीद ना के बराबर रह गई थी क्योंकि घर में झगड़ा मार तो नहीं हो रहा था लेकिन अशोक की तरफ से किसी भी प्रकार का सहायता भी नहीं हो रहा था,,,, घर में फिर से पैसों की किल्लत हो जाए, अब यह आराधना को मंजूर नहीं था,,, जिंदगी में पहली बार वह मजबूरन अपनी बहन से सहायता मांगने उसके घर गई थी,,, वह तो उसकी बहन उसकी मुसीबत को समझती थी कि उसकी मदद करती वरना कोई और होता तो खाली मुंह लौटना पड़ता और इससे बड़ी बेइज्जती और क्या हो सकती थी,,,,।

आराधना जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार करने के बाद खाना बना रही थी क्योंकि उसे 10:00 बजे तक ऑफिस पहुंचना था,,, संजू तैयार हो चुका था लेकिन वह सबसे लास्ट में घर से बाहर निकलता था मोहिनी नहा धोकर तैयार हो चुकी थी और नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गई थी अशोक बीपी ना बोले चाय नाश्ता करके घर से निकल गया था अब घर में उसका होना ना होना एक बराबर हो गया था,,, अशोक को आराधना से बात किए 15: 20 दिन हो चुके थे,,,लेकिन अशोक को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता था लेकिन आराधना को फर्क जरूर पड़ता था क्योंकि अशोक उसका पति था उसका हमसफर था उसका अमराही था लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर आकर उसका इस तरह से नजरअंदाज करना आराधना के दिल पर गहरा गांव दे रहा था,,, प्यार से बात करना तो दूर उसकी तरफ देखना भी अशोक ने छोड़ दिया था तो शारीरिक सुख की तो बात ही क्या करनी इस उम्र में औरतें शरीर सुख पाने के लिए कुछ ज्यादा ही एक्टिव रहती है लेकिन आराधना के लिए सब कुछ सपना सा लगने लगा था,,,,,


रोज की तरह संजू सब के चले जाने के बाद रसोई घर में प्रवेश किया और अपनी मां का देह लालित्य देखकर पूरी तरह से मदहोश हो गया,,,, कुछ देर पहले ही आराधना बाथरूम से नहाकर बाहर निकली थी और अपने गीले बालों को टोवल से पोछकर सुखाई नही थी,, जिसकी वजह से गीले बालों से टपकता हुआ पानी पीछे से उसके ब्लाउज को पूरी तरह से भिगो दिया था,,, और यही हाल ब्लाउज का आगे से भी था क्योंकि रेशमी बालों की लटे आगे को भी ब्लाउज से चिपकी हुई थी जो कि आगे से ब्लाउज को पूरी तरह से गिला कर चुकी थी,,,, आनन-फानन में आराधना को अपनी स्थिति का धान बिल्कुल भी नहीं था रसोई घर में प्रवेश करते समय बालों के पानी से जिले ब्लाउज को देखकर संजू के तन बदन में आग लग गई थी क्योंकि जो जुल्फें आगे से ब्लाउज को गीला कर चुकी थी उसमें से आराधना की चूची की चॉकलेटी निप्पल एकदम साफ नजर आ रही थी,,,, वो भी इसलिए की आराधना ने जल्दबाजी में खाना बनाने के चक्कर में ब्रा नहीं पहनी थी सिर्फ ब्लाउज पहन ली थी और पानी से भीगने की वजह से उसकी गोरी गोरी चूचियों के साथ-साथ उसकी चॉकलेटी रंग की निप्पल साफ नजर आ रही थी जिसे देख कर संजु की हालत खराब होने लगी और उसके मुंह में पानी आने लगा,,,, आराधना इस बात से बिल्कुल बेखबर थी कि उसकी चूची पानी के पीलेपन की वजह से साफ नजर आ रही है,,,, संजू के पेंट में हलचल सी होने लगी वह रोज की तरह पीछे की तरफ जाकर मटके में से पानी निकाल कर पीने लगा और अपनी मां को पीछे से देखने लगा उसका पिछवाड़ा बेहद खूबसूरत नजर आ रहा था एकदम गोल-गोल कसी हुई साड़ी में एकदम कसी हुई गांड,,, कमर की गहराई को नापने के लिए गहरी लगी है उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे,,, कुल मिलाकर अद्भुत रूप की मालकिन थी आराधना,,, जिसके जवानी का रस संजू खुद अपनी आंखों से पी रहा था,,,,,,।

पेंट में संजू का लंड पूरी तरह से अकड़न पर था वह अपनी मां की मदहोश कर देने वाली जवानी का तो पहले से ही कायल था लेकिन आज अपनी मां का गीला ब्लाउज देखकर उसमें से झांकती चूचियां ओर चुचीयों की शोभा बढ़ा रही चॉकलेटी निप्पल देखकर उसकी तो और ज्यादा हालत खराब हो गई,,,,,,, खूबसूरत औरत की मदहोश कर देने वाली जवानी का रस आंखों से पीने का भी अपना अलग मजा था,,, और इस मजे को देखो कि उसका बेटा खुद लूट रहा था,,,,।

अपनी स्थिति से बेखबर आराधना जल्दी-जल्दी प्लेट में नाश्ता लगाकर अपने बेटे की तरफ बढ़ाते हुए बोली,,,।

ले संजु जल्दी से नाश्ता कर ले,,, मुझे आज एक बहुत जरूरी काम है जिसके सिलसिले में मुझे बाहर जाना है,,,


कहां जाना है मम्मी,,,(इतना कहते हुए संजू जानबूझकर किचन के ऊपरी फ्लोर पर अपनी कमर टीका कर अपनी मां की तरफ देखते हुए बोला,,,)


बहुत जरूरी काम है अभी कुछ नहीं बता सकती जब काम हो जाएगा तब तुझे शाम को बता दूंगी,,,,(आराधना जल्दी-जल्दी रोटी पकाते हुए बोली,,, संजू ठीक है अपनी मां के सामने खड़ा होकर अपनी मां की चूचियों की तरफ देख रहा था जो कि ब्लाउज के गले पन से बाहर की तरफ झांक रही थी,,,, और अपनी मां की चूचियों को घूरते हुए वह बोला,,,)


चलो कोई बात नहीं मम्मी अभी नहीं बताना है तो ना सही लेकिन ऐसे ही मत चली जाना बाहर नहीं तो पूरा मोहल्ला तुम्हारे पीछे पीछे चल पड़ेगा,,,।
(आराधना को संजीव के कहने का मतलब बिल्कुल समझ में नहीं आया तो वह आश्चर्यजनक तरीके से संजू की तरफ देखते हुए सिर्फ इशारा करके पूछी की क्या हुआ जवाब में संजू बिल्कुल भी शर्म ना करते हुए एकदम बेशर्मी की हद पार करते हुए अपनी उंगली से अपनी मां की ‌चुचीयों की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,)

देख लो तुमने आज ब्रा नहीं पहनी हो और ब्लाउज गीला होने की वजह से सब कुछ नजर आ रहा है,,,।
(जैसे ही आराधना संजू की बात सुनकर अपनी छातियों की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए बालों के पानी से गिला हुआ ब्लाउज में सेउसकी बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम साफ नजर आ रही थी और सूचियों के लिए कल भी एक दम साफ नजर आ रही थी जिसे खुद देखकर वह शरमा गई अपने बेटे के सामने हुआ शर्म से पानी पानी होने लगी,,,अपने बेटे से नजर मिलाने तक की हिम्मत उसमें नहीं थी वह अपनी नजरों को नीचे झुका कर इधर-उधर करने लगी,,,,,, वह हैरान थी कि उसके बेटे ने कितने साफ शब्दों में उसकी गलती को बता दिया था जिससे उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल सी महसूस होने लगी थी,,,आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि अपने बेटे के सामने वह क्या करें उसका बेटा जो कि अपनी आंखों से उसकी चूचियों को घूर रहा था यह पल उसके लिए बेहद है शर्मसार कर देने वाला था लेकिन उसके बेटे के लिए यह पल बेहद मादकता से भरा हुआ था उसे तो इस नजारे को देखने में खुशी मिल रही थी वरना वह इस तरह से बेशर्मी दिखाते हुए अपनी मां को उसकी गलती का एहसास नहीं कराता,,,,।
पल भर में आराधना की सांसे तेजी से चलने लगी क्योंकि उसका बेटा उस जगह से हटने की जगह उसे ही घूर कर देख रहा था,,,शायद यह आराधना की गलती थी जो कि संजू इस कदर बेशर्मी दिखा रहा था क्योंकि अगर वह पहले ही उसे डांट फटकार कर मना कर दी होती तो शायद वह उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों को चुंबन करने की हिम्मत ना कर सकता और ना ही उसे अपनी बाहों में लेकर उसके नितंबों को अपनी हथेली में लेकर जोर से दबाने की जुर्रत कर पाता,,,,, वह तो अच्छा हुआ कि रात के समय आराधना अपने आप को काबू में करके अपने बेटे को अपने से अलग कर दिया वरना उस रात को ही दोनों के बीच मां बेटे का रिश्ता खत्म हो जाता ,,,, संजू को उसी तरह से बेशर्मी से खड़ा देखकर आराधना ही वहां से हटना मुनासिब समझी और शर्मिंदगी का अहसास लिए हुए वह बोली,,।

ओहो,,,, जल्दबाजी में ‌मेै भूल गई,,,(इतना कहने के साथ ही वह रसोई घर से बाहर निकलने लगी और जाते-जाते अनजाने में ही एक नजर संजू की पेंट के आगे वाले भाग पर डाली तो हैरान रह गई उसमें अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जो कि इस बात का सबूत था कि उसकी चुचियों को देखकर उसके लड़के का लंड खड़ा हो गया था,,, उसके खड़े लंड के एहसास सेआराधना की दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की नसों में रक्त का भ्रमण बड़ी तेजी से होने लगा,,,, आराधना जल्दी-जल्दी अपने कमरे में गई और अपना ब्लाउज का बटन खोल कर अपने ब्लाउज को बिस्तर पर फेंक दी और अलमारी में से लाल रंग की ब्रा निकाल कर उसे पहनने लगी,,,, ब्लाउज पूरा किया था इसलिए पहनना ठीक नहीं था इसलिए वह अलमारी में से दूसरा ब्लाउज खोजने लगी तो उसे सिर्फ रस्सी वाली जो कि पीछे से बांधी जाती थी वही ब्लाउज मिला और उसे पहनना उसकी मजबूरी थी,,, आनन-फानन में वह अपना ब्लाउज पहनकर पीछे अपना दोनों हाथ लाकर रस्सी को बांधने की कोशिश करने लगी जो की रस्सी ठीक से बंध नहीं पा रही थी,,,, आराधना चाहती तो नॉर्मल कपड़े पहनकर ही इंटरव्यू देने जा सकती थी लेकिन वह इंप्रेशन खराब नहीं करना चाहती थी क्योंकि उसे इस नौकरी की सख्त जरूरत थी इसलिए वह थोड़ा बन ठन कर जाना चाहती थी,,,।

आराधना वापस रसोई घर में आ चुकी थी संजू नाश्ता कर चुका था इस बार का ब्लाउज पीछे से एकदम खुला हुआ केवल एक पतली सी रस्सी थी जिसे बांधा जाता था,,,।संजू अपनी मां को इस ब्लाउज में देखकर पूरी तरह से मस्त हो गया वह बला की खूबसूरत नजर आ रही थी,,,, संजू अपनी मां की तारीफ करना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं कर पाया तभी उसकी नजर अपनी मां के पेट पर गई जहां से ठीक से रस्सी ना बांधने की वजह से अंदर की ब्रा की पट्टी नजर आ रही थी,,, जिसे देखकर संजु अपनी मां से बोला,,,।

मम्मी ब्लाउज की तस्वीर ठीक से बांधो ब्रा की पट्टी नजर आ रही है,,,।
(अपनी बेटी की बातें सुनकर आराधना फिर से हक्की बक्की रह गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें आनन-फानन में वह फिर से अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाने की कोशिश करते हुए अपनी ब्लाउज की रस्सी बांधने की नाकाम कोशिश करने लगी तो संजू ही आगे बढ़कर बिना कुछ बोले अपनी मां के ठीक पीछे आ गया और जल्दबाजी में बांधी गई ब्लाउज की डोरी को अच्छे से बांधने के लिए फिर से खोलने लगा आराधना उसे इनकार नहीं कर पाए वह एकदम से संजू के आकर्षण में बंद चुकी थी उसके मुंह से एक शब्द नहीं फूट रहे थे वह अपने आप को एक तरह से संजू के हवाले कर चुकी थी,,,,।

संजु अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को खोल दो रहा था फिर से अच्छी तरह से बांधने के लिए लेकिनआराधना को ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे उसका बेटा उसके ब्लाउज की डोरी खोल कर उसे धीरे-धीरे अपने हाथों से नंगी करने जा रहा है यह एहसास उसे और ज्यादा उत्तेजित करने लगा था उसकी चूत से काम रस बहना शुरू हो गया था जो कि उसकी पेंटी को गीला कर रहा था,,, संजू ठीक अपनी मां के पीछे खड़ा था उसकी उन्नत गांड से महज 2 अंगुल की दूरी पर संजू का तंबू था अगर अनजाने में ही आराधना के पैर हल्के से पीछे की तरफ आ जाती तो यह संजू ही थोड़ा सा आगे की तरफ अपनी कमर कर देता तो संजू का लंड उसकी मां की गांड से एकदम स्पर्श हो जाता और वह पल शायद दोनों की जिंदगी में एक नई गाथा लिखने की शुरुआत कर देता,,,,, अपनी मां की चिकनी पीठ पर अपने मूल्यों का स्पर्श होते ही संजू पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा थाअपनी मां के ब्लाउज की डोरी को खोलते समय संजू को भी वही एहसास हो रहा था जो की आराधना को हो रहा था संजु को भी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अपनी मां के ब्लाउज की डोरी खोल कर धीरे-धीरे उसे नंगी करने जा रहा है,,,,।

देखते ही देखते अपनी मां की इजाजत पाए बिना ही समझू आगे बढ़कर अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को खोलकर उसे वापस अच्छी तरह से मांग रहा था और उसे अच्छी तरह से बांध भी चुका था यह उसका पहली बार था जब वह किसी औरत के ब्लाउज की डोरी को बांध रहा था और उसे अच्छी तरीके से बात भी दिया था इस बात से शायद आराधना को भी हैरानी हो रही थी,,,, ब्रा की पट्टी थोड़ी सी टीम ली थी तो संजू अपनी मां की ब्रा की पट्टी में उंगली को हल कैसे डालकर उसे उंगली से ही सीधा करने लगा यह हरकत आराधना के लिए अद्भुत अवर्णनीय थी साथ ही ना जाने क्या हुआ के आराधना खुद ही अपनी कमर को हल्के से पीछे की तरफ कर दी और जैसे किसी पल का इंतजार संजू को भी था बॉबी हल्के से आगे आया और दोनों के कोमल अंग एक दूसरे के अंगों से रगड़ खा गए,,, आराधना की गांड संजू के पेंट में बने तंबू से स्पर्श हो गई और आराधना को इतने से हीअपने बेटे की लंड के कड़क पन का एहसास अपनी गांड पर हो गया वह पूरी तरह से मस्त हो गई और इस पल की मस्ती को वह काबू में ना कर सकी और उसकी चूत से काम रस की बूंदे टपकने लगी,,,।

संजू अपनी मां के ब्लाउज की डोरी को बांध चुका था और वह भी अच्छे तरीके से उसे कॉलेज आने में देर हो रही थी तो वह तुरंत रसोई घर से बाहर आया और अपना बैग उठाकर अपनी मां को बाय बोल कर चला गया कुछ देर तक आराधना वहीं खड़ी की खड़ी रह गई,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो गया अपनी पेंटिंग को पूरी तरह से की थी महसूस कर रही थी और उसी का जायजा लेने के लिए वह अपनी साड़ी को उठाकर कमर तक खींच दी और अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच पर जाकर अपनी पैंटी का मुआयना करने लगी जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी गीली पेंटिं मैं वह अपने आप को सहज महसूस नहीं कर पा रही थी,,, और इसलिए वह तुरंत अपने कमरे में वापस गई,,, और अपनी गीली पेंटिं निकालकर दूसरी पेंटी पहन ली और तैयार होकर घर से बाहर निकल गई इंटरव्यू के लिए,,,।
Wah bhai , kya baat Hain , too much romantic update bro and continue story
 
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