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Incest मजबूरी या जरूरत

rohnny4545

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साधना को बड़े जोरों की पेशाब लगी तो वह उठकर बाथरूम में चली गई लेकिन जल्दबाजी में वह दरवाजे की कड़ी लगाना जरूरी नहीं समझी,, क्योंकि सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त थे और इसीलिए वह सोचे कि कोई घर आने वाला नहीं है जब तक कोई आएगा भी तब तक वह मुत कर खड़ी हो जाएगी,,, इसीलिए वो आपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी पेंटिं को घुटनों तक खींच कर मुतने के लिए बैठ गई,,,,,, उसकी भारी-भरकम गोल गोल गोरी गांड दरवाजे की तरफ थी,, वह सामने दीवार की तरफ मुंह करके बैठी हुई थी,,, और उसी समय संजू को भी बड़े जोरों की पेशाब लगी वह इस बात से बिल्कुल अनजान था कि बाथरूम में उसकी मौसी है वह अपनी ही धुन में कमरे से बाहर निकला और एक नजर रसोई घर की तरफ डाला दरवाजा हल्का सा बंद था अंदर उसकी मां और उसकी बहन खाना बना रही थी,,,, अपने पेशाब की तीव्रता को अपने काबू में करने के लिए वह पेंट के ऊपर से अपने लंड को दबाया हुआ था और सीधे बाथरूम के ठीक सामने पहुंच गया साधना को बाथरूम के बाहर उसके आने की आहट तक महसूस नहीं हुई वह अपनी ही धुन में अपनी दोनों टांगों के बीच की बांसुरी बजाए जा रही थी,,,,,,, वह पूरी तरह से पेशाब करने में मशगूल हो चुकी थी,,,।
साधना पेशाब करते हुए

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संजू पूरी तरह से अनजान था एकदम मासूम की तरह पेशाब करने के लिए वजह से ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो उसकी आंखों के सामने का दृश्य देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई पल भर में ही सब कुछ बदलता हुआ महसूस होने लगा तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी आंखें यह सब देख पाएंगी,,, गजब का नजारा बना हुआ था संजू पलभर में ही अपने होश खो बैठा था,,।
वो कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा मदहोशी से भरा हुआ था उसकी जगह कोई भी होता तो शायद उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती,, और तो और संजू की जगह अगर दूसरा कोई होता तो शायद इसके आगे बढ़कर कुछ हरकत भी कर बैठता,,,


संजू ने जैसे बाथरूम का दरवाजा खोला था उसकी आंखों के सामने ही उसकी साधना मौसी नीचे बैठी हुई थी और पेशाब कर रही थी संजू ने कभी भी एक औरत के बारे में इस तरह की कल्पना भी नहीं किया था लेकिन आज उसकी आंखें कल्पना से भी परे वह सब देख रही थी जिसे देख पाना शायद संजू कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था,,, उसके साधना मौसी अपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी बड़ी बड़ी गांड दीखाते हुए मुत रही थी,,,, संजू को तो कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें बाथरूम का दरवाजा बंद कर दे या वहां से चला जाए लेकिन अद्भुत गजब का मादकता से भरा हुआ नजारा देखकर उसके होश हवास खो गए थे,,, संजू की आंखें अपनी ही मौसी की बड़ी बड़ी गांड पर टिकी हुई थी जिसे वह आज तक सिर्फ साड़ी में लिपटी हुई देखता आया था,,, लेकिन आज उसकी किस्मत में कुछ और लिखा हुआ था इसीलिए आज वह,, अपनी मौसी की नंगी गांड के दर्शन कर रहा था यह शायद उसकी जिंदगी का पहला मौका था जब वह किसी औरत की नंगी गांड को अपनी आंखों से देख रहा था अपनी खुली आंखों से वह जन्नत का नजारा देख रहा था इसलिए वह अपने होश में बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखो में खुमारी छाने लगी थी,,,
Sanju apni mausi ko is haal me dekhkar mast ho gaya

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पल भर में ही 4 बोतलों का नशा उसके दिलो-दिमाग पर अपना कब्जा जमा बैठा था,,,, वह आंखें फाड़े अपनी मौसी की गांड को घूरे जा रहा था,,, मानो कि जैसे कोई वह बेशकीमती खजाने का भंडार देख लिया हो,,,वैसे भी समझो उम्र के जिस दौर से गुजर रहा था ऐसे में औरत का नंगा जिस्म ही उसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा खजाना होता है,,,,जिसे मैं अपने हाथों में भरकर उसे महसूस करने के लिए तड़प उठता है और यही हाल संजू का भी था औरत के मामले में वह पूरी तरह से अज्ञानी था लेकिन फिर भी अपनी मौसी की गांड को छू लेने की लालसा उसके मन में जाग रही थी वह अपनी मौसी की नंगी गांड को छूना चाहता था उसे सहन आना चाहता था उसे अपनी हथेली में लेकर दबाना चाहता था उसके एहसास में पूरी तरह से खो जाना चाहता था,,,,लेकिन ऐसा कर पाना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था और उसकी हिम्मत भी नहीं थी,,,।

Mohiniii

दरवाजा के खुलते ही साधना एकदम से चौंक उठी थी और पीछे नजर घुमा कर देखी तो दरवाजे पर संजू खड़ा था साधना को भी कुछ समझ में नहीं आया कि हम क्यों करें अपनी गांड को वह साड़ी से ढक भी नहीं सकती थी क्योंकि इस समय उसके पेशाब का प्रेशर एकदम तीव्रता पर था और उसकी बुर से नमकीन सरबत भलभलाकर सामने की दीवार पर बौछारें मार रहा था,,,, पल भर के लिए साधना को भी कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें वो भी हैरान थी नीचे बैठी हुई वह अपनी नजरों को ऊपर उठाकर संजू की तरफ देख रही थी मन ही मन में उसे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि वह दरवाजे की कड़ी क्यों नहीं लगाई,,,,,, इस हालत में आज तक उसके पति के सिवा दूसरा कोई भी नहीं देखा था आज दूसरा शख्स उसका खुद का भतीजा संजू था एकदम जवान हो चुका था और वही सोच कर साधना की भी हालत खराब हो रही थी कि संजु पूरी तरह से जवान लड़का था,,, उसी हालत में देख कर और क्या सोच रहा होगा साधना मर्दों की नजर को अच्छी तरह से पहचानती थी इसलिए वह अपने भतीजे संजू की नजर को देखकर पहचान गई थी कि वहां उसकी गांड को देखकर ललचा रहा है,,, और ऊपर से पेशाब करते हुए संजू की क्या हालत हो रही होगी साधना कुछ कुछ समझ रही थी,,,, क्योंकि वह जानती थी कि औरत को ईस हाल में देख पाना मर्दों के लिए एक तरह से दुर्लभ ही होता है,,, लेकिन संजू को बिना किसी दिक्कत के बेहतरीन नजारा देखने को मिल गया था,,,,,,।


दोनों की नजरें आपस में टकराई और दोनों शर्म से पानी पानी हो गए,,,,साधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे संजू को वहां से जाने के लिए बोले उसके मुंह से तो शब्द ही नहीं फूट रहे थे और संजू था कि अनजाने में ही बेशर्मी की सारी हदें पार करता हुआ ऐसे हालात में अपनी मौसी को देख रहा था,,,, उसके कानों में साधना की बुर से आ रही सीटी की आवाज भी एकदम साफ सुनाई दे रही थी,,, इस मधुर ध्वनि की तरफ ध्यान जाते हैं सोनू के पैंट में तंबू बनना शुरू हो गया था,,,, इस तरह की ध्वनि को वहां पहले भी सुन चुका था लेकिन उस समय वह कभी ध्यान नहीं दिया था लेकिन आज अनायास ही इस तरह का दृश्य देखकर उसी से जुड़ी हर हरकत पर वह पहली नजर और कान दोनों लगाए बैठा था,,,,। दोनों अजीब कशमकश में थे साधना शर्मसार हुए जा रही थी दूसरी तरफ संजीव को भी शर्म महसूस हो रही थी लेकिन अपनी मौसी की गांड देखने के लालच को वह रोक नहीं पा रहा था,,,,,,,,।साधना थे कि कुछ बोल नहीं पा रही थी लेकिन हम मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझती थी क्योंकि इस हालात में दोनों को काफी समय हो गया था इसलिए,,,, हक लाते हुए स्वर में साधना बोली,,,।


दरवाजा बंद कर,,,, कोई आ जाएगा,,,,


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(इतना सुनकर जैसे उसके ऊपर कोई ठंडा पानी की बाल्टी डाल दिया उस तरह से उसे होश आया और वह तुरंत दरवाजा बंद करके अपने कमरे में चला गया,,,, कमरे में पहुंचकर संजू की हालत बुरी तरह से खराब हो गई थी पजामे मैं पूरी तरह से उसका तंबू तन गया था,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी,,,। दिल की धड़कन बड़े जोरों से शोर मचा रही थी,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे इस तरह का नजारा देखने को मिलेगा,,, वह अपने मन में ही सोचने लगा,,,,

बाप रे बाप मौसी की गांड कितनी बड़ी और कितनी गोरी है,,,, बहुत खूबसूरत है,,,, मैं तो देखकर ही पागल हो गया,,,, मौसा जी को कितना मजा आता होगा,,।ऊफफफ,,, साड़ी के अंदर मैं कभी सोचा नहीं था कि मौसी इतनी खूबसूरत होंगी,,,,
(साधना की भारी भरकम गदराई गांड पूरी तरह से संजू के दिलो-दिमाग पर छा चुकी थी,,,, बार-बार उसकी आंखों के सामने साधना की गांड नजर आ जा रही थी,,,, लेकिन सोचने लगा कि कहीं उसकी मौसी गुस्सा ना हो जाए वो क्या सोचेंगी उसके बारे में,,,, कैसे आंखें फाड़े देख रहा था,,,, उसकी मौसी गुस्सा करेंगे यह सोचकर संजू परेशान होने लगा बस उसी जगह की अगर उसकी मौसी ने उसकी मां को बता दी तब क्या होगा उसकी मां तो उसकी जान ही ले लेगी बदनामी होगी सो अलग,,,, संजू की हालत अब खराब होने लगी थी उसे इस बात का डर था कि उसकी मां से उसकी मां को सब कुछ बता ना दे,,,, दूसरी तरफ पेशाब कर लेने के बावजूद भी साधना वही बैठी रह गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कड़ी खुली छोड़ देने पर वहां अपने आप पर गुस्सा करे या खुश हो जाएं क्योंकि जिस तरह की चमक उसकी गान्ड को देख कर संजू की आंखों में उसे दिखाई दी थी वह पूरी तरह से साधना को रोमांचित कर गई थी,,,, उसे लगने लगा था कि इस उम्र में भी उसका बदन जवान लड़कों को आकर्षित करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि संजू की नजर उसकी गोल-गोल गांड से खिसक नही रही थी,,, कैसा खा जाने वाली नजरों से देख रहा था यही सब सोचकर साधना के तन बदन में अजीब सी हलचल सी होने लगी थी,,,,,,एक बार तो उसके मन में आया कि वह सब कुछ आराधना को बता दे लेकिन फिर कुछ सोच कर शांत हो गई फिर वह खड़ी हुई और अपनी साड़ी को ठीक कर के बाथरूम से बाहर आ गई बाथरूम से आने के बाद रसोई घर में नहीं बल्कि बगल वाले कमरे में जिसमें संजू था उसने चली गई कमरे के अंदर अपनी मौसी को देखते ही संजू घबरा गया,,,, और डरते हुए बोला,,,।


सॉरी मौसी,,, जो कुछ भी काम जाने में हुआ मुझे नहीं मालूम था कि तुम बाथरूम के अंदर हो,,,


चल कोई बात नहीं पर एक बार देख कर दरवाजा बंद तो कर देना चाहिए था ना तू तो वहीं खड़ा होकर देखता ही रह गया,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे कभी औरत को पैशाब करते हुए देखा ही नहीं है,,,,।


माफी चाहता हूं मौसी उस समय मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूं,,,


क्यों ऐसा क्या हो गया था कि तुझे कुछ समझ में नहीं आया तो दरवाजा बंद करना भूल गया,,,,


अब मैं क्या बोलूं मौसी उस समय की हालत को तो मैं बता भी नहीं सकता,,,,
(संजू की बातों में साधना को मजा आने लगा था वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी वह सुनना चाहती थी कि संजु को कैसा लगा था,,,।)


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क्यों नहीं बता सकता तुझे दरवाजा खोलने की जरूरत क्या थी तुझे समझना चाहिए था ना कि अंदर कोई ना कोई जरूर होगा तभी बाहर से खुला हुआ है,,,


नहीं मौसी ऐसा कुछ भी नहीं है बाहर से भी बाथरूम के दरवाजे की कड़ी खुली ही रहती है इसलिए समझ में नहीं आया,,,,।


फिर भी संजु एक अच्छे लड़के की तरहतुझे तुरंत दरवाजा बंद कर देना चाहिए था लेकिन तूने ऐसा नहीं किया कहीं ऐसा तो नहीं कि जानबूझकर तूने दरवाजा खोला हो मुझे बाथरूम में जाती हुई तू देख लिया हो,,,।


मां कसम मौसी ऐसा कुछ भी नहीं है,,,(अपने गले पर हाथ रखकर कसम खाते हुए) मुझे तो मालूम ही नहीं था कि तुम बाथरूम के अंदर हो अगर मुझे मालूम होता तो मेरी हिम्मत होती क्या दरवाजा खोलने की,,,


चल अनजाने में ही तू ने खोल दिया लेकिन जब तूने देखा कि मैं अंदर बैठकर मुत रही हूं फिर भी तो तूने दरवाजा बंद नहीं किया और दरवाजे पर खड़ा होकर सब कुछ देखने लगा,,,, अगर मैं यही बात तेरी मां को बता दूं तो,,,,
(साधना के मन में अनजाने में ही कुछ और चलने लगा था उसे इस तरह की बातें करते हुए अच्छा लग रहा था संजू का घबराया हुआ चेहरा उसकी हड़बड़ाहट देखकर साधना मन ही मन खुश हो रही थी,,,, और संजू मां को बताने वाली बात सुनकर पूरी तरह से घबरा गया,,, क्योंकि जो कुछ भी उसकी मौसी कह रही थी उसमें सच्चाई थी वह चाहता तो तुरंत दरवाजा बंद करके वापस चला जा सकता था और ऐसा करने पर वह शायद अपनी तरफ से अपने बचाव में यह बात रख भी सकता था लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया था वह क्या उसकी जगह कोई और होता तो शायद वह भी ऐसा नहीं करता कौन भला साधना जैसी खूबसूरत औरत की खूबसूरत नंगी गांड देखकर अपनी नजरों का फेर लेगा,,,, संजू ने भी वही किया था,,,अपनी मौसी की बात सुनकर संजू पूरी तरह से घबरा गया था और तुरंत अपने दोनों हाथ जोड़ते हुए अपनी मौसी से बोला,,,)

नहीं मौसी ऐसा बिल्कुल भी मत करना मां को मेरे ऊपर बहुत विश्वास है अगर तुम उन्हें यह सब बताओगी तो उनका दिल टूट जाएगा और वह मुझे कभी माफ नहीं करेंगे और मुझे भला बुरा समझेंगी,,,।
(संजू का इस तरह से हाथ जोड़कर माफी मांगने वाला तरीका साधना के दिल पर गहरा प्रभाव कर गया था वह आराधना से कुछ भी बताने वाली नहीं थी सिर्फ संजू को डरा रही थी फिर भी,,,, वह अपनी आंखों को नचाते हुए ‌ बोली,,,)



चल अच्छा मैं तेरी मां से नहीं बताऊंगी,,, लेकिन तुम मुझे सच सच बता तु क्या देख रहा था,,,,(यह सवाल पूछते हुए साधना धीरे से दरवाजे को बंद कर दिया हालांकि कड़ी नहीं लगाई थी और धीरे से आकर संजू के पास बैठ गई संजू को समझ में नहीं आ रहा था कि उसके यह सवाल का जवाब वह कैसे दें,,,, फिर भी साधना जोर देते हुए बोल रही थी,,)
सच-सच बता दे बेटा वरना तेरी मां को कहने में मुझे समझ नहीं लगेगा गलती ही तूने ऐसा किया है,,,।


लेकिन मौसी तुम को कड़ी लगा लेनी चाहिए थी ना,,,


अगर कड़ी नहीं लगाई तो क्या तु अंदर आ जाता,,, तुझे चला जाना चाहिए था ना तुझे देख कर उसे मैं तो मुझे ऐसा ही लग रहा था कि तू बाथरूम के अंदर आ जाएगा वैसे सच सच बता क्या देख रहा था,,,


तुम्हारी वो,,,,(सर में से नजरों को नीचे किए हुए ही संजू बोला)


तुम्हारी वो क्या नाम लेकर बोल,,, पूरा जवान हो गया है लेकिन लड़की की तरह डर रहा है,,,,


मुझे शर्म आती है मौसी मैंने आज तक इस तरह का नाम नहीं लिया हूं,,,।


तो क्या हुआ मेरे सामने ले मुझे बता तू पागलों की तरह क्या देख रहा था,,,। बता दे वरना तेरी मां से सब कुछ बता दूंगी,,,


नहीं नहीं मौसी,,,,


तो बता,,,


वो,,,,वो,,,, तुम्हारी गांड,,,,
(संजू ने पहली बार खुले तौर पर इस शब्द का खुलकर नाम लिया था और वह भी एक औरत के सामने अपनी मौसी के सामने इसलिए यह शब्द बोलते हुए उसकी जब आंदोलन खड़ा रही थी लेकिन उत्तेजना के मारे उसके घुटने भी कांप रहे थे,,,। साधना अपने पति जी के मुंह से उसकी गांड सुनकर पूरी तरह से रोमांचित हो गई और मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली,,)


क्यों ऐसा क्या खास है मेरी गांड में जो तू पागलों की तरह घूर रहा था,,,(साधना एकदम खुले तौर पर अपनी गांड के बारे में बोल रही थीरोमांचित हो रही थी समझी मौसी के मुंह से यह शब्द सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,,) बता क्या खास लगा तुझे,,,।


बड़ी-बड़ी है और एकदम गोरी है बेदाग उस पर जरा भी दाग नहीं है,,,।
(संजू के मुंह से एक तरह से वह अपनी गांड की तारीफ ही सुन रही थी उसे अच्छा भी लग रहा था बेदाग गांड की मालकिन जो थी,,,,)

किसी और की भी देखा है क्या,,,


नहीं कभी नहीं देखा,,,(शर्म के मारे अपनी नजरों को नीचे किए हुए ही वह बोला,,,)


क्या बात कर रहा है क्या सच में तूने कभी नहीं देखा,,,


मां कसम मऔसी कभी नहीं देखा,,,


मतलब कि यह तेरा पहली बार था पहली बार किसी औरत की नंगी गांड देख रहा था उसे पेशाब करते हुए देख रहा था,


जी मौसी,,,,


तभी इतना पागलों की तरह घुर रहा था,,,
(साधना की बात सुनकर संजू कुछ बोला नहीं तो साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,) मेरे से भी ज्यादा खूबसूरत तो तेरी मां की गांड है,,, उसकी नहीं देखा क्या कभी,,,
(अपनी मौसी के मुंह से अपनी मां की गांड का जिक्र सुनते ही संजू के चेहरे के भाव बदलने लगे उसे अपनी मौसी के मुंह से अपनी मां की कांड के बारे में सुनकर गुस्सा भी आ रहा था और ना जाने अजीब सी कशमकश हो रही थी,,, कुछ बोल नहीं रहा था,,, तो उसकी मौसी जोर देते हुए बोली,,,)

क्या हुआ संजू बोलेगा नहीं,,, जैसा आज मेरी देखा है वैसे अपनी मां की भी तो देखा होगा,,, बोलना शर्मा क्यो रहा है,,,
(संजू के चेहरे पर तो हवाइयां उड़ने लगी थी है मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी मौसी के सवाल का जवाब कैसे दे उसे गुस्सा आ रहा था और ना जाने क्यों उत्तेजना भी महसूस हो रही थी,,,, फिर भी वह ना में सिर हिला दिया,,,साधना को इस तरह के सवाल पूछने में उत्तेजना का अनुभव हो रहा है उसे अपनी पेंटी उत्तेजना के मारे गीली होती हुई महसूस हो रही थी,,,, वह और कुछ पूछती से पहले ही मोहिनी ने दरवाजा खोली और बोली,,,)

मौसी खाना तैयार हो गया है चलो चल कर खा लो,,,,


ठीक है तुम चलो मैं आती हूं,,,,(इतना कहकर संजू की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी,,, और मुस्कुराते हुए बोली,,)


चल खाना खाते हैं,,,,(इतना कहकर वह खड़ी हो गई और संजू भाई अपनी जगह पर खड़ा हो गया और दोनों कमरे से बाहर आ गए,,)
 
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मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था बगल वाले कमरे में वहां दीवार से कान सटाए बैठी हुई थी,,वो पहली बार इस तरह की गंदी वार्तालाप को अपने कानों से सुन रही थी और वह भी अपनी मां और अपनी मौसी के मुंह से,,,, उन दोनों को देखकर कभी ऐसा लगता है कि नहीं था कि दोनों इस तरह से खुले तौर पर बातें करती होंगी,,, मोहिनी की सहेलियां भी इस तरह की बातें आपस में किया करती थी लेकिन मोहिनी कभी भी इस तरह की वार्तालाप नहीं करी सम्मिलित नहीं हुई थी उसे इन सब से दूरी बनाए रहने में ही अपनी भलाई नजर आती थी लेकिन आज उसे इस तरह की बातें ना जाने क्यों अच्छी लगने लगी थी उन बातों को सुनकर उसके बदन में अजीब सी हलचल सी होने लगी थी,,, अपनी मौसी के सवाल का जवाब अपनी मां के मुंह से सुनने के लिए उसके कान भी बेताब थे,,,वह देखना चाहती थी कि उसकी मां क्या जवाब देती है उसकी मौसी की तरह वह भी वही हरकत करती है उसकी मौसी करती है या इन सब से वह अछूती है,,,।

दूसरी तरफ आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा हूं समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी बहन को क्या जवाब दें क्योंकि वास्तविकता यही थी कि उसने कभी भी अपने मन से अपने पति का लंड मुंह में लेकर चूसी नहीं थी,,,,,,वह अपने पति के ज्यादा दबाव देने पर है यह क्रिया को की थी अपने मन से कभी भी नहीं की इसलिए वह अपनी बहन को जवाब देने में कतरा रही थी,,,।

Sadhna ki badi badi gaand

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बोलना आराधना डरती क्यों है तुझसे मैं पूछ रही हूं कोई और तो नहीं पूछ रहा है और जो कुछ भी है मैं भी सही सही बता दी हुं ,,,,, तू क्यों शर्मा रही है,,,।


अब क्या बताऊं दीदी,,,, मुझे अच्छा नहीं लगता,,,,


मतलब तुमने आज तक जीजा का लंड मुंह में नहीं ली,, या वह देते ही नहीं है,,,।


नहीं दीदी ऐसी कोई बात नहीं है वह तो हमेशा यही चाहते हैं लेकिन मुझे ही अच्छा नहीं लगता,,,,।


क्या पागलों जैसी बात कर रही है आराधना,,,, एक औरत होकर एक बहुत ही खूबसूरत पल कों एक बेहतरीन अनुभव को तु खो दे रही है,,,, तु शायद नहीं जानती थी अधिकतर औरतों को इसी तरह से लंड को मुंह में लेकर चूसने में बहुत मजा आता है और उत्तेजना भी ज्यादा महसूस होती है,,पर इस कला में जो महारत हासिल कर ले वह अपने पति को अपना गुलाम बना कर रखती है और एक तू है कि अपना ब्रह्मास्त्र ही छोड़ बैठी है,,,,


पर मुझे बड़ा अजीब लगता है दीदी,,,,


पता नहीं क्यों तुझे अजीब लगता है तु दिल से यह सब नहीं करती होगी,,,, अच्छा जीजा तेरी चूत चाटते होंगे ना,,,


हां,,,,,

(अपनी मौसी किस तरह की बात सुनकर और अपनी मां का जवाब सुनकर मोहिनी की दोनों टांगों के बीच की पत्नी दरार में हलचल होने लगी उसे इस बात से और ज्यादा उत्तेजना का अनुभव नहीं लगा कि उसके पापा उसकी मम्मी की चूत चाटते हैं इसके बारे में मोहिनी को अभी तक कुछ भी पता ही नहीं था,,,,, वह तो अपने मन में ही कल्पना करने लगी कि कैसे उसके पापा उसकी मम्मी की चूत चाटते होंगे क्योंकि चूत की कल्पना करना उसके लिए कोई मुश्किल काम नहीं था क्योंकि उसकी दोनों टांगों के बीच में एक खूबसूरत चूत थी,,,, आराधना का जवाब सुनकर उसकी बहन बोली,,,)


अच्छा फिर तुझे कैसा लगता है जब जीजा तेरी चूत चाटते हैं तो,,,।


पूछो मत दीदी बहुत अच्छा लगता है ऐसा लगता है कि जैसे मैं हवा में उड़ रही हूं,,,,।
Mohini ki khubsurti




और फिर,,,,, तु एकदम मस्त जाती है,( साधना की बात सुनकर आराधना हां में सिर हिला दी,,,) तो यही सोच किसी जा तुझे इतना मजा देते हैं और बदले में तू उनको थोड़ा भी मजा नहीं दे पाती जब वह तेरी चूत चाट सकते हैं जीभ से तो क्या तू उनके लंड को अपने मुंह में लेकर चूस नहीं सकती,,,, तू खुद अपनी दुश्मन बनी बैठी है,,,, अपने पति को खुश करने के लिए तो औरत सब कुछ कर देती है उसे पसंद हो या चाहे ना हो वह सब कुछ करने को तैयार हो जाती है और एक तू है जो इतना नहीं कर सकती जबकि वह करने में भी औरत को बहुत मजा आता है,,,। अच्छा तो एक बात बता अपना घर संसार बसाना चाहती है कि नहीं यही चाहती है कि जीजा तेरी एक सौतन लाकर घर में रख दें,,,।


नहीं नहीं दीदी मैं ऐसा कुछ भी नहीं चाहती मैं अपना घर संसार बचाना चाहती हूं,,,


तो फिर तुझे जो मैं कह रही हूं वह सब कुछ करना होगा,,,,, करेगी ना,,,


हां दीदी मैं सब कुछ करूंगी उन्हें पहले जैसा बनाने के लिए मैं सब कुछ करूंगी,,,,


चल ठीक है अब देखना तेरा जीवन कैसे खुशियों से महक उठता है,,,,।

(बगल वाले कमरे में मोहिनी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी उसकी हालत पल-पल खराब होती जा रही थी उसे अपनी पेंटी गीली होती है महसूस हो रही थी पहली बार वह उत्तेजना का अनुभव भी की थी,,,, यही सब सोचते हुए उसे कब नींद लग गई उसे पता ही नहीं चला,,,, शाम को जब समझे घर पर आया तो घर में अपनी मौसी को देख कर बहुत खुश हुआ और वहां जैसा कि पहले करना था वैसे ही जाकर उसके गले लग कर मिलने लगा,,,,)


अरे मेरा बच्चा अभी तक कहां था,,,,(संजू की पीठ को सहलाते हुए,,,)

बस यही था मौसी,,,(वह साधना के गले लगे हुए ही बोला जब भी वह अपनी मौसी से मिलता था तो इसी तरह से मिलता था लेकिन आज उसके बदन में अजीब सी हलचल होने लगी जब उसकी मौसी की बड़ी-बड़ी चूचियां उसकी छाती से दबने लगी,,,, चुचियों की नर्माहट और उत्तेजित निप्पलो को अपनी छातियों में धंसता हुआ महसूस करके संजू पूरी तरह से गनगना गया,,,संजू पूरी तरह से जवान था इसलिए उसे समझते देर नहीं लगी कि उसकी छाती पर उसकी मौसी की चूची ही रगड खा रही है,,,। मैं तुरंत अपनी मौसी से अलग हुआ और अनजाने में उसकी नजर साधना की दमदार छातियों पर चली गई जो की पूरी तरह से उठी हुई थी मानो कि उसके ब्लाउज में बड़े-बड़े दो फुटबॉल भर दिए गए हो,,,,,,, इससे पहले संजू का ध्यान इन सब पर बिल्कुल भी नहीं किया था लेकिन आज अचानक ही उसका ध्यान अपनी मौसी की दमदार छातियों पर ठहर सी गई थी,,, पल भर में ही साधना ने संजू की जवान नजरों को ताड लिया,,, साधना मर्दों की नजरों को अच्छी तरह से पहचानती थी और इस समय साधना को अपने भतीजे संजू की आंखों में जवानी की उमंग लालसा नजर आ रही थी,,, साधना संजू की हालत को अच्छी तरह से समझ सकती थी क्योंकि जिस तरह से वह उसको कर देना खाली थी ऐसे में कोई भी हो वह उसकी बड़ी बड़ी छातियों का स्पर्श पाते ही गर्म हो जाता,,,, लेकिन साधना को भी आज संजू की नजरों में बदलाव पहली बार महसूस हुआ था,,,,। साधना ही अपनी बात को बदलते हुए बोली,,,।


और बेटा पढ़ाई कैसी चल रही है,,,


एकदम ठीक मौसी,,,


ऐसे ही पढ़ते रहो,,,, जरूर कामयाब हो जाओगे,,,


बस आपका आशीर्वाद चाहिए मौसी,,,,


मेरा आशीर्वाद तो सदा तुम दोनों पर बना हुआ है,,,(तब तक मोहिनी भी उधर आ गई थी और साधना मोहिनी के सर पर हाथ रखते हुए बोली,,, सब लोग बहुत खुश थे शिवाय आराधना के अपनी मम्मी गई सोच रही थी कि जिस तरह से उसकी बहन ने उसको करने के लिए कही है क्या हुआ उस तरह से कर पाएगी अपने मन में यही सोच कर परेशान हो रही थी लेकिन फिर भी अपने मन को दिलासा देते हुए समझा भी रही थी वह कर लेगी अपना घर बचाने के लिए वह कुछ भी कर सकती हैं,,,, यही सोच उसकी हिम्मत बढ़ा रहा था,,,।

शाम ढलने लगी थी खाना बनाने की तैयारी में आराधना लगी हुई थी आज अपनी बड़ी बहन साधना के मनपसंद की खीर बनाने जा रही थी इस बात को जानकर संजू मोहीनी के साथ-साथ साधना भी खुश थी,,,,।

चलो इसी बात पर बच्चों मैं तुम्हें नुक्कड़ पर पानी पूरी खिलाने के लिए ले चलती हूं,,,।

हां मौसी मुझे भी पानी पूरी खाना था,,,(मोहिनी एकदम से चहकते हुए बोली,,, संजू भी तैयार हो गया तभी साधना आराधना से बोली,,)

आराधना तू भी चल जल्दी आ जाएंगे,,,।


नहीं नहीं दीदी तुम लोग जाओ मैं खाना बनाती हूं,,,,


चलना क्या हुआ जल्दी आ तो जाएंगे,,,,


नहीं दीदी,,,, तुम लोग हो आओ ,,,,,


अच्छा तो कुछ खाएगी,,,,


हां मौसी मम्मी को भी पानी पुरी के साथ साथ छोला और समोसा भी पसंद है,,,(संजू अपनी मां की पसंद बताते हुए बोला,,)


ठीक है आते समय में पैक करा कर लें आऊंगी,,,
(इतना कहकर वो लोग घर से बाहर चले गए,,, आराधना भाई बैठकर सब्जी काटते हुए उन लोगों को जाते हुए देखती रह गई,,,,,, और सोचने लगी कि उसे भी इसी तरह की जिंदगी चाहिए थी एकदम खुशहाल और अच्छी खासी चल भी रही थी लेकिन रमेश की शराब की लत ने सब सत्यानाश कर दिया था,,,, आराधना के मन में बार-बार उसकी बीवी की कही बातें याद आ रही थी पहल करने वाली,,,शादी से लेकर आज तक दो दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी आराधना ने बिस्तर पर अपने पति के साथ पहल कभी नहीं की थी शुरुआत हमेशा उसका पति करता था हालांकि उसका मन हमेशा उत्सुक रहता था बिस्तर पर पहुंचते ही वह सोचती थी कि उसका पति उसे बाहों में लेकर खूब प्यार करें उसके कपड़ों को उतारकर उसे नंगी करें उसकी बड़ी बड़ी चूची को दबा दबा कर मुंह में लेकर चूसे उसकी चूत को अपने होंठों में भर कर उसका रसपान करें,,,, उसकी दीदी के कहे अनुसार चूत चटवाने में उसे बहुत मजा आता था,,,,अपने पति के मुंह में तो वह अपना कोमल अंग दे देती थी लेकिन उसका कड़क और अपने मुंह में नहीं लेती थी और यही साधना उसे समझा रही थी कि पति को वश में करने का सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र यही अगर वह भी पहल करते हुए उसके पति का लंड अपने मुंह में लेकर चूसेगी तो उसका पति चारों खाने चित हो जाएगा,,, आराधना अपने मन में यही सोच कर रही थी कि जैसा उस की दीदी बताई है वैसा ही वह करेगी,,,,,,,।

घर से बाहर निकल कर सड़क पर चलते हुए मोहिनी और उसकी मौसी साधना आगे-आगे चल रही थी और संजू दोनों के पीछे पीछे चल रहा था उसकी नजर एक बार फिर से अचानक साधना की मदमस्त बड़ी-बड़ी गांड पर चली गई जो की कसी हुई साड़ी पहनने की वजह से उसकी गदराई गांड साड़ी से बाहर आने के लिए मचल रही थी,,,,,,। यह संजू के लिए दूसरा पल था जब वह अपनी मौसी को गलत नजरिए से देख तो नहीं रहा था लेकिन पल भर में उसके मन में गलत विचार आ गया था तुरंत वह अपने आप को संभालते हुए अपनी नजरों को इधर-उधर घुमा कर देखने लगा लेकिन बंद तो आखिर मन होता है और जवानी में इस तरह का दृश्य देखकर फिसल जाता है जैसे कोई मनमोहक मादक दृश्य बिल्कुल भी नहीं था लेकिन औरत की मदमस्त बड़ी बड़ी गांड को मटकती हुई देखना भले ही वह साड़ी में कैद क्यों ना हो उसमें भी एक अपना मजा ही होता है और यही मजा संजू को भी प्राप्त करा था अपना मन इधर-उधर करने लगा लेकिन बार-बार उसकी नजर साधना की बड़ी बड़ी गांड पर चली जा रही थी नितंबों के उभार के ऊपर पतली कमर के दोनों छोर पर कमर का कटाव बेहद गहरा नजर आ रहा था जो कि उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था संजू की नजरें इससे पहले कभी भटकी नहीं थी लेकिन आज भटक रही थी,,,,

बार-बार उस के लंड में अजीब सी हरकत होने लगी थी,,, अभी नुक्कड़ आया नहीं था और संजू की नजरें गुरुत्वाकर्षण बल के नियम के अनुसार साधना की मदमस्त गांड की तरफ आकर्षित हुए जा रही थी,,,, अभी तक तो ठीक था लेकिन अचानक ही मोहिनी की गांड पर भी उसकी नजर चली जा रही थी जो कि सलवार के अंदर एकदम कसी हुई थी,,, जिसे देखते उसके मन में अचानक यह ख्याल आ रहा था कि मोहिनी की गांड मौसी की गांड जितनी बड़ी तो नहीं है लेकिन फिर भी एकदम कसी हुई सुडोल है,,,।

इस साल के गंदे विचार मन में आते ही संजू अपने मन को कोसने लगा अपने आप पर गुस्सा करने लगा,,,, लेकिन फिर भी अपनी हरकत पर संजू खुद बाज नहीं आ रहा था बार-बार उसकी नजर साधना की गांड पर तो कभी अपनी बहन मोहिनी की गांड पर चली जा रही है आखिरकार अजीब से मनोमंथन से गुजरते हुए वह लोग नुक्कड़ पर पहुंच गए,,, वहां पर ढेर सारी नाश्ते की स्टॉल और ठेले लगे हुए थे एक खाली ठेला देखकर वह लोग वहीं पर चले गए और पानी पूरी का आनंद लेने लगे,,,, पानी पूरी खाते हुए संजू चोर नजरों से अपनी मौसी को ही देख रहा था जो कि पानी पुरी को हाथ में लेकर थोड़ा आगे की तरफ झुक जा रही थी ताकि पानी उसके ऊपर ना गिर जाए और उसके ऐसा करने पर उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम बाहर को निकल आ रही थी संजू को इस बात का डर था कि कहीं उसकी मौसी की बड़ी-बड़ी चूचियां ब्लाउज का बटन तोड़कर बाहर ना जाए,,,, यह नजारा देखने में संजू को बहुत मजा आ रहा था,,,, आज ना जाने क्यों उसे अपनी मौसी एकदम सेक्सी लगने लगी थी हालांकि वह बहुत गर्म पहले से ही थी,,, लेकिन अपनी मौसी को देखने का संजू का नजरिया आज बदला था,,,।आज ना जाने क्यों उसका मन उसकी मौसी की बड़ी बड़ी चूचीयो के बीच की पतली गहरी लकीर की गहराई में डूब जाने को कर रहा था,,,,,

संजू बार-बार अपनी उत्तेजना को दबाने की कोशिश कर रहा था लेकिन मौसी को देखते ही उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जा रही थी,,,।पानी पूरी खाते हुए अचानक कि उसके मन में उसके दोस्त की बात याद आ गई इसी तरह से उसकी मौसी पहले भी उसके घर आया करती थी और ऐसे ही उसके दोस्त ने उसकी मौसी को आते जाते देखा था तो संजु से उसकी मौसी का जिक्र करते हुए बोला था कि संजू तेरी मौसी बहुत मस्त लगती है एकदम सेक्सी उसकी बड़ी बड़ी गांड देखकर हम लोगों की हालत खराब हो जाती हैं सच कहता हूं उसकी चूची इतनी बड़ी बड़ी है कि अगर सारा दिन मुंह में लेकर पीओ तो भी उसका दूध खत्म नहीं होगा,,, कसम से संगीत तेरी मौसी अगर एक रात के लिए मिल जाएगा तो जिंदगी बन जाए उसकी दोनों टांगों के बीच तो एकदम जन्नत होगी,,,, उसकी बुर की अमृतधारा होठों पर लगाकर पीने का मन करता है,,,उस समय अपने दोस्त की इस तरह की गंदी बात को सुनकर संजू पूरी तरह से क्रोधित हो गया था और उसे मारा भी था उस दिन से उसने उसी से बात करना भी छोड़ दिया था लेकिन आज ऐसा लग रहा था कि उसकी दोस्त की कही बात सच थी,,,।

जिस तरह की बातें संजू के दोस्त ने महीनों पहले बोला था आज संजु का मन अपनी मौसी को देखकर उसी तरह से मचल रहा था,,,,।


वह तीनों पानी पुरी खा चुके थे,,, साधना पैसे चूका कर आराधना के लिए भी पानी पुरी पेक करवाली थी और,, समोसे छोले के ठेले पर जाकर,,, तीनो ने छोले समोसे भी खाएं और पेक करवा कर घर लेकर आ गए,,,,,,,

घर पर पहुंचकर आराधना ने भी पानीपुरी और छोला समोसा खाए और वापस खाना बनाने में कई मोहिनी अपनी मां की मदद करने लगी,,,, संजु बगल वाले कमरे में जाकर थोड़ी बहुत पढ़ाई करने लगा साधना रसोई घर में ही बैठे हुई थी उसे जोरो की पिशाब लगी तो वह तो वह रसोई घर से बाहर निकल कर बाथरूम में चली गई,,,, सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त थे इसलिए,,, साधना को लगा कि इतनी जल्दी कोई आएगा नहीं इसलिए वो बाथरूम में घुसते ही जल्दबाजी दिखाते हुए बाथरूम की कड़ी नहीं लगाई और उसी तरह से अपनी साड़ी कमर तक उठाकर नीचे बैठकर मूतने लगी,,, उसी समय संजु को भी बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी,,,,,,
बहुत ही सुन्दर लाजवाब और रमणीय अपडेट है साधना आराधना को अपने पति को रिझाने के ब्रह्मास्त्र बता रही है दूसरी और मोहिनी उनकी बाते सुनकर उत्तेजित हो रही है संजू अपनी मौसी की गांड़ देखकर उत्तेजित हो रहा है देखते हैं बाथरूम में क्या होता है
 

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साधना को बड़े जोरों की पेशाब लगी तो वह उठकर बाथरूम में चली गई लेकिन जल्दबाजी में वह दरवाजे की कड़ी लगाना जरूरी नहीं समझी,, क्योंकि सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त थे और इसीलिए वह सोचे कि कोई घर आने वाला नहीं है जब तक कोई आएगा भी तब तक वह मुत कर खड़ी हो जाएगी,,, इसीलिए वो आपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी पेंटिं को घुटनों तक खींच कर मुतने के लिए बैठ गई,,,,,, उसकी भारी-भरकम गोल गोल गोरी गांड दरवाजे की तरफ थी,, वह सामने दीवार की तरफ मुंह करके बैठी हुई थी,,, और उसी समय संजू को भी बड़े जोरों की पेशाब लगी वह इस बात से बिल्कुल अनजान था कि बाथरूम में उसकी मौसी है वह अपनी ही धुन में कमरे से बाहर निकला और एक नजर रसोई घर की तरफ डाला दरवाजा हल्का सा बंद था अंदर उसकी मां और उसकी बहन खाना बना रही थी,,,, अपने पेशाब की तीव्रता को अपने काबू में करने के लिए वह पेंट के ऊपर से अपने लंड को दबाया हुआ था और सीधे बाथरूम के ठीक सामने पहुंच गया साधना को बाथरूम के बाहर उसके आने की आहट तक महसूस नहीं हुई वह अपनी ही धुन में अपनी दोनों टांगों के बीच की बांसुरी बजाए जा रही थी,,,,,,, वह पूरी तरह से पेशाब करने में मशगूल हो चुकी थी,,,।
साधना पेशाब करते हुए

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संजू पूरी तरह से अनजान था एकदम मासूम की तरह पेशाब करने के लिए वजह से ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो उसकी आंखों के सामने का दृश्य देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई पल भर में ही सब कुछ बदलता हुआ महसूस होने लगा तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी आंखें यह सब देख पाएंगी,,, गजब का नजारा बना हुआ था संजू पलभर में ही अपने होश खो बैठा था,,।
वो कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा मदहोशी से भरा हुआ था उसकी जगह कोई भी होता तो शायद उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती,, और तो और संजू की जगह अगर दूसरा कोई होता तो शायद इसके आगे बढ़कर कुछ हरकत भी कर बैठता,,,

संजू ने जैसे बाथरूम का दरवाजा खोला था उसकी आंखों के सामने ही उसकी साधना मौसी नीचे बैठी हुई थी और पेशाब कर रही थी संजू ने कभी भी एक औरत के बारे में इस तरह की कल्पना भी नहीं किया था लेकिन आज उसकी आंखें कल्पना से भी परे वह सब देख रही थी जिसे देख पाना शायद संजू कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था,,, उसके साधना मौसी अपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी बड़ी बड़ी गांड दीखाते हुए मुत रही थी,,,, संजू को तो कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें बाथरूम का दरवाजा बंद कर दे या वहां से चला जाए लेकिन अद्भुत गजब का मादकता से भरा हुआ नजारा देखकर उसके होश हवास खो गए थे,,, संजू की आंखें अपनी ही मौसी की बड़ी बड़ी गांड पर टिकी हुई थी जिसे वह आज तक सिर्फ साड़ी में लिपटी हुई देखता आया था,,, लेकिन आज उसकी किस्मत में कुछ और लिखा हुआ था इसीलिए आज वह,, अपनी मौसी की नंगी गांड के दर्शन कर रहा था यह शायद उसकी जिंदगी का पहला मौका था जब वह किसी औरत की नंगी गांड को अपनी आंखों से देख रहा था अपनी खुली आंखों से वह जन्नत का नजारा देख रहा था इसलिए वह अपने होश में बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखो में खुमारी छाने लगी थी,,, पल भर में ही 4 बोतलों का नशा उसके दिलो-दिमाग पर अपना कब्जा जमा बैठा था,,,, वह आंखें फाड़े अपनी मौसी की गांड को घूरे जा रहा था,,, मानो कि जैसे कोई वह बेशकीमती खजाने का भंडार देख लिया हो,,,वैसे भी समझो उम्र के जिस दौर से गुजर रहा था ऐसे में औरत का नंगा जिस्म ही उसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा खजाना होता है,,,,जिसे मैं अपने हाथों में भरकर उसे महसूस करने के लिए तड़प उठता है और यही हाल संजू का भी था औरत के मामले में वह पूरी तरह से अज्ञानी था लेकिन फिर भी अपनी मौसी की गांड को छू लेने की लालसा उसके मन में जाग रही थी वह अपनी मौसी की नंगी गांड को छूना चाहता था उसे सहन आना चाहता था उसे अपनी हथेली में लेकर दबाना चाहता था उसके एहसास में पूरी तरह से खो जाना चाहता था,,,,लेकिन ऐसा कर पाना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था और उसकी हिम्मत भी नहीं थी,,,।

दरवाजा के खुलते ही साधना एकदम से चौंक उठी थी और पीछे नजर घुमा कर देखी तो दरवाजे पर संजू खड़ा था साधना को भी कुछ समझ में नहीं आया कि हम क्यों करें अपनी गांड को वह साड़ी से ढक भी नहीं सकती थी क्योंकि इस समय उसके पेशाब का प्रेशर एकदम तीव्रता पर था और उसकी बुर से नमकीन सरबत भलभलाकर सामने की दीवार पर बौछारें मार रहा था,,,, पल भर के लिए साधना को भी कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें वो भी हैरान थी नीचे बैठी हुई वह अपनी नजरों को ऊपर उठाकर संजू की तरफ देख रही थी मन ही मन में उसे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि वह दरवाजे की कड़ी क्यों नहीं लगाई,,,,,, इस हालत में आज तक उसके पति के सिवा दूसरा कोई भी नहीं देखा था आज दूसरा शख्स उसका खुद का भतीजा संजू था एकदम जवान हो चुका था और वही सोच कर साधना की भी हालत खराब हो रही थी कि संजु पूरी तरह से जवान लड़का था,,, उसी हालत में देख कर और क्या सोच रहा होगा साधना मर्दों की नजर को अच्छी तरह से पहचानती थी इसलिए वह अपने भतीजे संजू की नजर को देखकर पहचान गई थी कि वहां उसकी गांड को देखकर ललचा रहा है,,, और ऊपर से पेशाब करते हुए संजू की क्या हालत हो रही होगी साधना कुछ कुछ समझ रही थी,,,, क्योंकि वह जानती थी कि औरत को ईस हाल में देख पाना मर्दों के लिए एक तरह से दुर्लभ ही होता है,,, लेकिन संजू को बिना किसी दिक्कत के बेहतरीन नजारा देखने को मिल गया था,,,,,,।

दोनों की नजरें आपस में टकराई और दोनों शर्म से पानी पानी हो गए,,,,साधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे संजू को वहां से जाने के लिए बोले उसके मुंह से तो शब्द ही नहीं फूट रहे थे और संजू था कि अनजाने में ही बेशर्मी की सारी हदें पार करता हुआ ऐसे हालात में अपनी मौसी को देख रहा था,,,, उसके कानों में साधना की बुर से आ रही सीटी की आवाज भी एकदम साफ सुनाई दे रही थी,,, इस मधुर ध्वनि की तरफ ध्यान जाते हैं सोनू के पैंट में तंबू बनना शुरू हो गया था,,,, इस तरह की ध्वनि को वहां पहले भी सुन चुका था लेकिन उस समय वह कभी ध्यान नहीं दिया था लेकिन आज अनायास ही इस तरह का दृश्य देखकर उसी से जुड़ी हर हरकत पर वह पहली नजर और कान दोनों लगाए बैठा था,,,,। दोनों अजीब कशमकश में थे साधना शर्मसार हुए जा रही थी दूसरी तरफ संजीव को भी शर्म महसूस हो रही थी लेकिन अपनी मौसी की गांड देखने के लालच को वह रोक नहीं पा रहा था,,,,,,,,।साधना थे कि कुछ बोल नहीं पा रही थी लेकिन हम मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझती थी क्योंकि इस हालात में दोनों को काफी समय हो गया था इसलिए,,,, हक लाते हुए स्वर में साधना बोली,,,।


दरवाजा बंद कर,,,, कोई आ जाएगा,,,,

(इतना सुनकर जैसे उसके ऊपर कोई ठंडा पानी की बाल्टी डाल दिया उस तरह से उसे होश आया और वह तुरंत दरवाजा बंद करके अपने कमरे में चला गया,,,, कमरे में पहुंचकर संजू की हालत बुरी तरह से खराब हो गई थी पजामे मैं पूरी तरह से उसका तंबू तन गया था,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी,,,। दिल की धड़कन बड़े जोरों से शोर मचा रही थी,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे इस तरह का नजारा देखने को मिलेगा,,, वह अपने मन में ही सोचने लगा,,,,

बाप रे बाप मौसी की गांड कितनी बड़ी और कितनी गोरी है,,,, बहुत खूबसूरत है,,,, मैं तो देखकर ही पागल हो गया,,,, मौसा जी को कितना मजा आता होगा,,।ऊफफफ,,, साड़ी के अंदर मैं कभी सोचा नहीं था कि मौसी इतनी खूबसूरत होंगी,,,,
(साधना की भारी भरकम गदराई गांड पूरी तरह से संजू के दिलो-दिमाग पर छा चुकी थी,,,, बार-बार उसकी आंखों के सामने साधना की गांड नजर आ जा रही थी,,,, लेकिन सोचने लगा कि कहीं उसकी मौसी गुस्सा ना हो जाए वो क्या सोचेंगी उसके बारे में,,,, कैसे आंखें फाड़े देख रहा था,,,, उसकी मौसी गुस्सा करेंगे यह सोचकर संजू परेशान होने लगा बस उसी जगह की अगर उसकी मौसी ने उसकी मां को बता दी तब क्या होगा उसकी मां तो उसकी जान ही ले लेगी बदनामी होगी सो अलग,,,, संजू की हालत अब खराब होने लगी थी उसे इस बात का डर था कि उसकी मां से उसकी मां को सब कुछ बता ना दे,,,, दूसरी तरफ पेशाब कर लेने के बावजूद भी साधना वही बैठी रह गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कड़ी खुली छोड़ देने पर वहां अपने आप पर गुस्सा करे या खुश हो जाएं क्योंकि जिस तरह की चमक उसकी गान्ड को देख कर संजू की आंखों में उसे दिखाई दी थी वह पूरी तरह से साधना को रोमांचित कर गई थी,,,, उसे लगने लगा था कि इस उम्र में भी उसका बदन जवान लड़कों को आकर्षित करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि संजू की नजर उसकी गोल-गोल गांड से खिसक नही रही थी,,, कैसा खा जाने वाली नजरों से देख रहा था यही सब सोचकर साधना के तन बदन में अजीब सी हलचल सी होने लगी थी,,,,,,एक बार तो उसके मन में आया कि वह सब कुछ आराधना को बता दे लेकिन फिर कुछ सोच कर शांत हो गई फिर वह खड़ी हुई और अपनी साड़ी को ठीक कर के बाथरूम से बाहर आ गई बाथरूम से आने के बाद रसोई घर में नहीं बल्कि बगल वाले कमरे में जिसमें संजू था उसने चली गई कमरे के अंदर अपनी मौसी को देखते ही संजू घबरा गया,,,, और डरते हुए बोला,,,।


सॉरी मौसी,,, जो कुछ भी काम जाने में हुआ मुझे नहीं मालूम था कि तुम बाथरूम के अंदर हो,,,


चल कोई बात नहीं पर एक बार देख कर दरवाजा बंद तो कर देना चाहिए था ना तू तो वहीं खड़ा होकर देखता ही रह गया,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे कभी औरत को पैशाब करते हुए देखा ही नहीं है,,,,।


माफी चाहता हूं मौसी उस समय मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूं,,,


क्यों ऐसा क्या हो गया था कि तुझे कुछ समझ में नहीं आया तो दरवाजा बंद करना भूल गया,,,,


अब मैं क्या बोलूं मौसी उस समय की हालत को तो मैं बता भी नहीं सकता,,,,
(संजू की बातों में साधना को मजा आने लगा था वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी वह सुनना चाहती थी कि संजु को कैसा लगा था,,,।)


क्यों नहीं बता सकता तुझे दरवाजा खोलने की जरूरत क्या थी तुझे समझना चाहिए था ना कि अंदर कोई ना कोई जरूर होगा तभी बाहर से खुला हुआ है,,,


नहीं मौसी ऐसा कुछ भी नहीं है बाहर से भी बाथरूम के दरवाजे की कड़ी खुली ही रहती है इसलिए समझ में नहीं आया,,,,।


फिर भी संजु एक अच्छे लड़के की तरहतुझे तुरंत दरवाजा बंद कर देना चाहिए था लेकिन तूने ऐसा नहीं किया कहीं ऐसा तो नहीं कि जानबूझकर तूने दरवाजा खोला हो मुझे बाथरूम में जाती हुई तू देख लिया हो,,,।


मां कसम मौसी ऐसा कुछ भी नहीं है,,,(अपने गले पर हाथ रखकर कसम खाते हुए) मुझे तो मालूम ही नहीं था कि तुम बाथरूम के अंदर हो अगर मुझे मालूम होता तो मेरी हिम्मत होती क्या दरवाजा खोलने की,,,


चल अनजाने में ही तू ने खोल दिया लेकिन जब तूने देखा कि मैं अंदर बैठकर मुत रही हूं फिर भी तो तूने दरवाजा बंद नहीं किया और दरवाजे पर खड़ा होकर सब कुछ देखने लगा,,,, अगर मैं यही बात तेरी मां को बता दूं तो,,,,
(साधना के मन में अनजाने में ही कुछ और चलने लगा था उसे इस तरह की बातें करते हुए अच्छा लग रहा था संजू का घबराया हुआ चेहरा उसकी हड़बड़ाहट देखकर साधना मन ही मन खुश हो रही थी,,,, और संजू मां को बताने वाली बात सुनकर पूरी तरह से घबरा गया,,, क्योंकि जो कुछ भी उसकी मौसी कह रही थी उसमें सच्चाई थी वह चाहता तो तुरंत दरवाजा बंद करके वापस चला जा सकता था और ऐसा करने पर वह शायद अपनी तरफ से अपने बचाव में यह बात रख भी सकता था लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया था वह क्या उसकी जगह कोई और होता तो शायद वह भी ऐसा नहीं करता कौन भला साधना जैसी खूबसूरत औरत की खूबसूरत नंगी गांड देखकर अपनी नजरों का फेर लेगा,,,, संजू ने भी वही किया था,,,अपनी मौसी की बात सुनकर संजू पूरी तरह से घबरा गया था और तुरंत अपने दोनों हाथ जोड़ते हुए अपनी मौसी से बोला,,,)

नहीं मौसी ऐसा बिल्कुल भी मत करना मां को मेरे ऊपर बहुत विश्वास है अगर तुम उन्हें यह सब बताओगी तो उनका दिल टूट जाएगा और वह मुझे कभी माफ नहीं करेंगे और मुझे भला बुरा समझेंगी,,,।
(संजू का इस तरह से हाथ जोड़कर माफी मांगने वाला तरीका साधना के दिल पर गहरा प्रभाव कर गया था वह आराधना से कुछ भी बताने वाली नहीं थी सिर्फ संजू को डरा रही थी फिर भी,,,, वह अपनी आंखों को नचाते हुए ‌ बोली,,,)


चल अच्छा मैं तेरी मां से नहीं बताऊंगी,,, लेकिन तुम मुझे सच सच बता तु क्या देख रहा था,,,,(यह सवाल पूछते हुए साधना धीरे से दरवाजे को बंद कर दिया हालांकि कड़ी नहीं लगाई थी और धीरे से आकर संजू के पास बैठ गई संजू को समझ में नहीं आ रहा था कि उसके यह सवाल का जवाब वह कैसे दें,,,, फिर भी साधना जोर देते हुए बोल रही थी,,)
सच-सच बता दे बेटा वरना तेरी मां को कहने में मुझे समझ नहीं लगेगा गलती ही तूने ऐसा किया है,,,।


लेकिन मौसी तुम को कड़ी लगा लेनी चाहिए थी ना,,,


अगर कड़ी नहीं लगाई तो क्या तु अंदर आ जाता,,, तुझे चला जाना चाहिए था ना तुझे देख कर उसे मैं तो मुझे ऐसा ही लग रहा था कि तू बाथरूम के अंदर आ जाएगा वैसे सच सच बता क्या देख रहा था,,,


तुम्हारी वो,,,,(सर में से नजरों को नीचे किए हुए ही संजू बोला)


तुम्हारी वो क्या नाम लेकर बोल,,, पूरा जवान हो गया है लेकिन लड़की की तरह डर रहा है,,,,


मुझे शर्म आती है मौसी मैंने आज तक इस तरह का नाम नहीं लिया हूं,,,।


तो क्या हुआ मेरे सामने ले मुझे बता तू पागलों की तरह क्या देख रहा था,,,। बता दे वरना तेरी मां से सब कुछ बता दूंगी,,,


नहीं नहीं मौसी,,,,


तो बता,,,


वो,,,,वो,,,, तुम्हारी गांड,,,,
(संजू ने पहली बार खुले तौर पर इस शब्द का खुलकर नाम लिया था और वह भी एक औरत के सामने अपनी मौसी के सामने इसलिए यह शब्द बोलते हुए उसकी जब आंदोलन खड़ा रही थी लेकिन उत्तेजना के मारे उसके घुटने भी कांप रहे थे,,,। साधना अपने पति जी के मुंह से उसकी गांड सुनकर पूरी तरह से रोमांचित हो गई और मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली,,)


क्यों ऐसा क्या खास है मेरी गांड में जो तू पागलों की तरह घूर रहा था,,,(साधना एकदम खुले तौर पर अपनी गांड के बारे में बोल रही थीरोमांचित हो रही थी समझी मौसी के मुंह से यह शब्द सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,,) बता क्या खास लगा तुझे,,,।


बड़ी-बड़ी है और एकदम गोरी है बेदाग उस पर जरा भी दाग नहीं है,,,।
(संजू के मुंह से एक तरह से वह अपनी गांड की तारीफ ही सुन रही थी उसे अच्छा भी लग रहा था बेदाग गांड की मालकिन जो थी,,,,)

किसी और की भी देखा है क्या,,,


नहीं कभी नहीं देखा,,,(शर्म के मारे अपनी नजरों को नीचे किए हुए ही वह बोला,,,)


क्या बात कर रहा है क्या सच में तूने कभी नहीं देखा,,,


मां कसम मऔसी कभी नहीं देखा,,,


मतलब कि यह तेरा पहली बार था पहली बार किसी औरत की नंगी गांड देख रहा था उसे पेशाब करते हुए देख रहा था,


जी मौसी,,,,


तभी इतना पागलों की तरह घुर रहा था,,,
(साधना की बात सुनकर संजू कुछ बोला नहीं तो साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,) मेरे से भी ज्यादा खूबसूरत तो तेरी मां की गांड है,,, उसकी नहीं देखा क्या कभी,,,
(अपनी मौसी के मुंह से अपनी मां की गांड का जिक्र सुनते ही संजू के चेहरे के भाव बदलने लगे उसे अपनी मौसी के मुंह से अपनी मां की कांड के बारे में सुनकर गुस्सा भी आ रहा था और ना जाने अजीब सी कशमकश हो रही थी,,, कुछ बोल नहीं रहा था,,, तो उसकी मौसी जोर देते हुए बोली,,,)

क्या हुआ संजू बोलेगा नहीं,,, जैसा आज मेरी देखा है वैसे अपनी मां की भी तो देखा होगा,,, बोलना शर्मा क्यो रहा है,,,
(संजू के चेहरे पर तो हवाइयां उड़ने लगी थी है मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी मौसी के सवाल का जवाब कैसे दे उसे गुस्सा आ रहा था और ना जाने क्यों उत्तेजना भी महसूस हो रही थी,,,, फिर भी वह ना में सिर हिला दिया,,,साधना को इस तरह के सवाल पूछने में उत्तेजना का अनुभव हो रहा है उसे अपनी पेंटी उत्तेजना के मारे गीली होती हुई महसूस हो रही थी,,,, वह और कुछ पूछती से पहले ही मोहिनी ने दरवाजा खोली और बोली,,,)

मौसी खाना तैयार हो गया है चलो चल कर खा लो,,,,


ठीक है तुम चलो मैं आती हूं,,,,(इतना कहकर संजू की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी,,, और मुस्कुराते हुए बोली,,)


चल खाना खाते हैं,,,,(इतना कहकर वह खड़ी हो गई और संजू भाई अपनी जगह पर खड़ा हो गया और दोनों कमरे से बाहर आ गए,,)
बहुत ही कामुक और गरमा गरम अपडेट है। संजू ने अपनी मौसी को पेशाब करते हैं देख लिया उसकी गांड़ देखकर उत्तेजित हो गया देखते हैं अब मौसी क्या करती हैं
 

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साधना को बड़े जोरों की पेशाब लगी तो वह उठकर बाथरूम में चली गई लेकिन जल्दबाजी में वह दरवाजे की कड़ी लगाना जरूरी नहीं समझी,, क्योंकि सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त थे और इसीलिए वह सोचे कि कोई घर आने वाला नहीं है जब तक कोई आएगा भी तब तक वह मुत कर खड़ी हो जाएगी,,, इसीलिए वो आपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी पेंटिं को घुटनों तक खींच कर मुतने के लिए बैठ गई,,,,,, उसकी भारी-भरकम गोल गोल गोरी गांड दरवाजे की तरफ थी,, वह सामने दीवार की तरफ मुंह करके बैठी हुई थी,,, और उसी समय संजू को भी बड़े जोरों की पेशाब लगी वह इस बात से बिल्कुल अनजान था कि बाथरूम में उसकी मौसी है वह अपनी ही धुन में कमरे से बाहर निकला और एक नजर रसोई घर की तरफ डाला दरवाजा हल्का सा बंद था अंदर उसकी मां और उसकी बहन खाना बना रही थी,,,, अपने पेशाब की तीव्रता को अपने काबू में करने के लिए वह पेंट के ऊपर से अपने लंड को दबाया हुआ था और सीधे बाथरूम के ठीक सामने पहुंच गया साधना को बाथरूम के बाहर उसके आने की आहट तक महसूस नहीं हुई वह अपनी ही धुन में अपनी दोनों टांगों के बीच की बांसुरी बजाए जा रही थी,,,,,,, वह पूरी तरह से पेशाब करने में मशगूल हो चुकी थी,,,।
साधना पेशाब करते हुए

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संजू पूरी तरह से अनजान था एकदम मासूम की तरह पेशाब करने के लिए वजह से ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो उसकी आंखों के सामने का दृश्य देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई पल भर में ही सब कुछ बदलता हुआ महसूस होने लगा तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी आंखें यह सब देख पाएंगी,,, गजब का नजारा बना हुआ था संजू पलभर में ही अपने होश खो बैठा था,,।
वो कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा मदहोशी से भरा हुआ था उसकी जगह कोई भी होता तो शायद उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती,, और तो और संजू की जगह अगर दूसरा कोई होता तो शायद इसके आगे बढ़कर कुछ हरकत भी कर बैठता,,,

संजू ने जैसे बाथरूम का दरवाजा खोला था उसकी आंखों के सामने ही उसकी साधना मौसी नीचे बैठी हुई थी और पेशाब कर रही थी संजू ने कभी भी एक औरत के बारे में इस तरह की कल्पना भी नहीं किया था लेकिन आज उसकी आंखें कल्पना से भी परे वह सब देख रही थी जिसे देख पाना शायद संजू कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था,,, उसके साधना मौसी अपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी बड़ी बड़ी गांड दीखाते हुए मुत रही थी,,,, संजू को तो कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें बाथरूम का दरवाजा बंद कर दे या वहां से चला जाए लेकिन अद्भुत गजब का मादकता से भरा हुआ नजारा देखकर उसके होश हवास खो गए थे,,, संजू की आंखें अपनी ही मौसी की बड़ी बड़ी गांड पर टिकी हुई थी जिसे वह आज तक सिर्फ साड़ी में लिपटी हुई देखता आया था,,, लेकिन आज उसकी किस्मत में कुछ और लिखा हुआ था इसीलिए आज वह,, अपनी मौसी की नंगी गांड के दर्शन कर रहा था यह शायद उसकी जिंदगी का पहला मौका था जब वह किसी औरत की नंगी गांड को अपनी आंखों से देख रहा था अपनी खुली आंखों से वह जन्नत का नजारा देख रहा था इसलिए वह अपने होश में बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखो में खुमारी छाने लगी थी,,, पल भर में ही 4 बोतलों का नशा उसके दिलो-दिमाग पर अपना कब्जा जमा बैठा था,,,, वह आंखें फाड़े अपनी मौसी की गांड को घूरे जा रहा था,,, मानो कि जैसे कोई वह बेशकीमती खजाने का भंडार देख लिया हो,,,वैसे भी समझो उम्र के जिस दौर से गुजर रहा था ऐसे में औरत का नंगा जिस्म ही उसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा खजाना होता है,,,,जिसे मैं अपने हाथों में भरकर उसे महसूस करने के लिए तड़प उठता है और यही हाल संजू का भी था औरत के मामले में वह पूरी तरह से अज्ञानी था लेकिन फिर भी अपनी मौसी की गांड को छू लेने की लालसा उसके मन में जाग रही थी वह अपनी मौसी की नंगी गांड को छूना चाहता था उसे सहन आना चाहता था उसे अपनी हथेली में लेकर दबाना चाहता था उसके एहसास में पूरी तरह से खो जाना चाहता था,,,,लेकिन ऐसा कर पाना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था और उसकी हिम्मत भी नहीं थी,,,।

दरवाजा के खुलते ही साधना एकदम से चौंक उठी थी और पीछे नजर घुमा कर देखी तो दरवाजे पर संजू खड़ा था साधना को भी कुछ समझ में नहीं आया कि हम क्यों करें अपनी गांड को वह साड़ी से ढक भी नहीं सकती थी क्योंकि इस समय उसके पेशाब का प्रेशर एकदम तीव्रता पर था और उसकी बुर से नमकीन सरबत भलभलाकर सामने की दीवार पर बौछारें मार रहा था,,,, पल भर के लिए साधना को भी कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें वो भी हैरान थी नीचे बैठी हुई वह अपनी नजरों को ऊपर उठाकर संजू की तरफ देख रही थी मन ही मन में उसे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि वह दरवाजे की कड़ी क्यों नहीं लगाई,,,,,, इस हालत में आज तक उसके पति के सिवा दूसरा कोई भी नहीं देखा था आज दूसरा शख्स उसका खुद का भतीजा संजू था एकदम जवान हो चुका था और वही सोच कर साधना की भी हालत खराब हो रही थी कि संजु पूरी तरह से जवान लड़का था,,, उसी हालत में देख कर और क्या सोच रहा होगा साधना मर्दों की नजर को अच्छी तरह से पहचानती थी इसलिए वह अपने भतीजे संजू की नजर को देखकर पहचान गई थी कि वहां उसकी गांड को देखकर ललचा रहा है,,, और ऊपर से पेशाब करते हुए संजू की क्या हालत हो रही होगी साधना कुछ कुछ समझ रही थी,,,, क्योंकि वह जानती थी कि औरत को ईस हाल में देख पाना मर्दों के लिए एक तरह से दुर्लभ ही होता है,,, लेकिन संजू को बिना किसी दिक्कत के बेहतरीन नजारा देखने को मिल गया था,,,,,,।

दोनों की नजरें आपस में टकराई और दोनों शर्म से पानी पानी हो गए,,,,साधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे संजू को वहां से जाने के लिए बोले उसके मुंह से तो शब्द ही नहीं फूट रहे थे और संजू था कि अनजाने में ही बेशर्मी की सारी हदें पार करता हुआ ऐसे हालात में अपनी मौसी को देख रहा था,,,, उसके कानों में साधना की बुर से आ रही सीटी की आवाज भी एकदम साफ सुनाई दे रही थी,,, इस मधुर ध्वनि की तरफ ध्यान जाते हैं सोनू के पैंट में तंबू बनना शुरू हो गया था,,,, इस तरह की ध्वनि को वहां पहले भी सुन चुका था लेकिन उस समय वह कभी ध्यान नहीं दिया था लेकिन आज अनायास ही इस तरह का दृश्य देखकर उसी से जुड़ी हर हरकत पर वह पहली नजर और कान दोनों लगाए बैठा था,,,,। दोनों अजीब कशमकश में थे साधना शर्मसार हुए जा रही थी दूसरी तरफ संजीव को भी शर्म महसूस हो रही थी लेकिन अपनी मौसी की गांड देखने के लालच को वह रोक नहीं पा रहा था,,,,,,,,।साधना थे कि कुछ बोल नहीं पा रही थी लेकिन हम मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझती थी क्योंकि इस हालात में दोनों को काफी समय हो गया था इसलिए,,,, हक लाते हुए स्वर में साधना बोली,,,।


दरवाजा बंद कर,,,, कोई आ जाएगा,,,,

(इतना सुनकर जैसे उसके ऊपर कोई ठंडा पानी की बाल्टी डाल दिया उस तरह से उसे होश आया और वह तुरंत दरवाजा बंद करके अपने कमरे में चला गया,,,, कमरे में पहुंचकर संजू की हालत बुरी तरह से खराब हो गई थी पजामे मैं पूरी तरह से उसका तंबू तन गया था,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी,,,। दिल की धड़कन बड़े जोरों से शोर मचा रही थी,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे इस तरह का नजारा देखने को मिलेगा,,, वह अपने मन में ही सोचने लगा,,,,

बाप रे बाप मौसी की गांड कितनी बड़ी और कितनी गोरी है,,,, बहुत खूबसूरत है,,,, मैं तो देखकर ही पागल हो गया,,,, मौसा जी को कितना मजा आता होगा,,।ऊफफफ,,, साड़ी के अंदर मैं कभी सोचा नहीं था कि मौसी इतनी खूबसूरत होंगी,,,,
(साधना की भारी भरकम गदराई गांड पूरी तरह से संजू के दिलो-दिमाग पर छा चुकी थी,,,, बार-बार उसकी आंखों के सामने साधना की गांड नजर आ जा रही थी,,,, लेकिन सोचने लगा कि कहीं उसकी मौसी गुस्सा ना हो जाए वो क्या सोचेंगी उसके बारे में,,,, कैसे आंखें फाड़े देख रहा था,,,, उसकी मौसी गुस्सा करेंगे यह सोचकर संजू परेशान होने लगा बस उसी जगह की अगर उसकी मौसी ने उसकी मां को बता दी तब क्या होगा उसकी मां तो उसकी जान ही ले लेगी बदनामी होगी सो अलग,,,, संजू की हालत अब खराब होने लगी थी उसे इस बात का डर था कि उसकी मां से उसकी मां को सब कुछ बता ना दे,,,, दूसरी तरफ पेशाब कर लेने के बावजूद भी साधना वही बैठी रह गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कड़ी खुली छोड़ देने पर वहां अपने आप पर गुस्सा करे या खुश हो जाएं क्योंकि जिस तरह की चमक उसकी गान्ड को देख कर संजू की आंखों में उसे दिखाई दी थी वह पूरी तरह से साधना को रोमांचित कर गई थी,,,, उसे लगने लगा था कि इस उम्र में भी उसका बदन जवान लड़कों को आकर्षित करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि संजू की नजर उसकी गोल-गोल गांड से खिसक नही रही थी,,, कैसा खा जाने वाली नजरों से देख रहा था यही सब सोचकर साधना के तन बदन में अजीब सी हलचल सी होने लगी थी,,,,,,एक बार तो उसके मन में आया कि वह सब कुछ आराधना को बता दे लेकिन फिर कुछ सोच कर शांत हो गई फिर वह खड़ी हुई और अपनी साड़ी को ठीक कर के बाथरूम से बाहर आ गई बाथरूम से आने के बाद रसोई घर में नहीं बल्कि बगल वाले कमरे में जिसमें संजू था उसने चली गई कमरे के अंदर अपनी मौसी को देखते ही संजू घबरा गया,,,, और डरते हुए बोला,,,।


सॉरी मौसी,,, जो कुछ भी काम जाने में हुआ मुझे नहीं मालूम था कि तुम बाथरूम के अंदर हो,,,


चल कोई बात नहीं पर एक बार देख कर दरवाजा बंद तो कर देना चाहिए था ना तू तो वहीं खड़ा होकर देखता ही रह गया,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे कभी औरत को पैशाब करते हुए देखा ही नहीं है,,,,।


माफी चाहता हूं मौसी उस समय मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूं,,,


क्यों ऐसा क्या हो गया था कि तुझे कुछ समझ में नहीं आया तो दरवाजा बंद करना भूल गया,,,,


अब मैं क्या बोलूं मौसी उस समय की हालत को तो मैं बता भी नहीं सकता,,,,
(संजू की बातों में साधना को मजा आने लगा था वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी वह सुनना चाहती थी कि संजु को कैसा लगा था,,,।)


क्यों नहीं बता सकता तुझे दरवाजा खोलने की जरूरत क्या थी तुझे समझना चाहिए था ना कि अंदर कोई ना कोई जरूर होगा तभी बाहर से खुला हुआ है,,,


नहीं मौसी ऐसा कुछ भी नहीं है बाहर से भी बाथरूम के दरवाजे की कड़ी खुली ही रहती है इसलिए समझ में नहीं आया,,,,।


फिर भी संजु एक अच्छे लड़के की तरहतुझे तुरंत दरवाजा बंद कर देना चाहिए था लेकिन तूने ऐसा नहीं किया कहीं ऐसा तो नहीं कि जानबूझकर तूने दरवाजा खोला हो मुझे बाथरूम में जाती हुई तू देख लिया हो,,,।


मां कसम मौसी ऐसा कुछ भी नहीं है,,,(अपने गले पर हाथ रखकर कसम खाते हुए) मुझे तो मालूम ही नहीं था कि तुम बाथरूम के अंदर हो अगर मुझे मालूम होता तो मेरी हिम्मत होती क्या दरवाजा खोलने की,,,


चल अनजाने में ही तू ने खोल दिया लेकिन जब तूने देखा कि मैं अंदर बैठकर मुत रही हूं फिर भी तो तूने दरवाजा बंद नहीं किया और दरवाजे पर खड़ा होकर सब कुछ देखने लगा,,,, अगर मैं यही बात तेरी मां को बता दूं तो,,,,
(साधना के मन में अनजाने में ही कुछ और चलने लगा था उसे इस तरह की बातें करते हुए अच्छा लग रहा था संजू का घबराया हुआ चेहरा उसकी हड़बड़ाहट देखकर साधना मन ही मन खुश हो रही थी,,,, और संजू मां को बताने वाली बात सुनकर पूरी तरह से घबरा गया,,, क्योंकि जो कुछ भी उसकी मौसी कह रही थी उसमें सच्चाई थी वह चाहता तो तुरंत दरवाजा बंद करके वापस चला जा सकता था और ऐसा करने पर वह शायद अपनी तरफ से अपने बचाव में यह बात रख भी सकता था लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया था वह क्या उसकी जगह कोई और होता तो शायद वह भी ऐसा नहीं करता कौन भला साधना जैसी खूबसूरत औरत की खूबसूरत नंगी गांड देखकर अपनी नजरों का फेर लेगा,,,, संजू ने भी वही किया था,,,अपनी मौसी की बात सुनकर संजू पूरी तरह से घबरा गया था और तुरंत अपने दोनों हाथ जोड़ते हुए अपनी मौसी से बोला,,,)

नहीं मौसी ऐसा बिल्कुल भी मत करना मां को मेरे ऊपर बहुत विश्वास है अगर तुम उन्हें यह सब बताओगी तो उनका दिल टूट जाएगा और वह मुझे कभी माफ नहीं करेंगे और मुझे भला बुरा समझेंगी,,,।
(संजू का इस तरह से हाथ जोड़कर माफी मांगने वाला तरीका साधना के दिल पर गहरा प्रभाव कर गया था वह आराधना से कुछ भी बताने वाली नहीं थी सिर्फ संजू को डरा रही थी फिर भी,,,, वह अपनी आंखों को नचाते हुए ‌ बोली,,,)


चल अच्छा मैं तेरी मां से नहीं बताऊंगी,,, लेकिन तुम मुझे सच सच बता तु क्या देख रहा था,,,,(यह सवाल पूछते हुए साधना धीरे से दरवाजे को बंद कर दिया हालांकि कड़ी नहीं लगाई थी और धीरे से आकर संजू के पास बैठ गई संजू को समझ में नहीं आ रहा था कि उसके यह सवाल का जवाब वह कैसे दें,,,, फिर भी साधना जोर देते हुए बोल रही थी,,)
सच-सच बता दे बेटा वरना तेरी मां को कहने में मुझे समझ नहीं लगेगा गलती ही तूने ऐसा किया है,,,।


लेकिन मौसी तुम को कड़ी लगा लेनी चाहिए थी ना,,,


अगर कड़ी नहीं लगाई तो क्या तु अंदर आ जाता,,, तुझे चला जाना चाहिए था ना तुझे देख कर उसे मैं तो मुझे ऐसा ही लग रहा था कि तू बाथरूम के अंदर आ जाएगा वैसे सच सच बता क्या देख रहा था,,,


तुम्हारी वो,,,,(सर में से नजरों को नीचे किए हुए ही संजू बोला)


तुम्हारी वो क्या नाम लेकर बोल,,, पूरा जवान हो गया है लेकिन लड़की की तरह डर रहा है,,,,


मुझे शर्म आती है मौसी मैंने आज तक इस तरह का नाम नहीं लिया हूं,,,।


तो क्या हुआ मेरे सामने ले मुझे बता तू पागलों की तरह क्या देख रहा था,,,। बता दे वरना तेरी मां से सब कुछ बता दूंगी,,,


नहीं नहीं मौसी,,,,


तो बता,,,


वो,,,,वो,,,, तुम्हारी गांड,,,,
(संजू ने पहली बार खुले तौर पर इस शब्द का खुलकर नाम लिया था और वह भी एक औरत के सामने अपनी मौसी के सामने इसलिए यह शब्द बोलते हुए उसकी जब आंदोलन खड़ा रही थी लेकिन उत्तेजना के मारे उसके घुटने भी कांप रहे थे,,,। साधना अपने पति जी के मुंह से उसकी गांड सुनकर पूरी तरह से रोमांचित हो गई और मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली,,)


क्यों ऐसा क्या खास है मेरी गांड में जो तू पागलों की तरह घूर रहा था,,,(साधना एकदम खुले तौर पर अपनी गांड के बारे में बोल रही थीरोमांचित हो रही थी समझी मौसी के मुंह से यह शब्द सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,,) बता क्या खास लगा तुझे,,,।


बड़ी-बड़ी है और एकदम गोरी है बेदाग उस पर जरा भी दाग नहीं है,,,।
(संजू के मुंह से एक तरह से वह अपनी गांड की तारीफ ही सुन रही थी उसे अच्छा भी लग रहा था बेदाग गांड की मालकिन जो थी,,,,)

किसी और की भी देखा है क्या,,,


नहीं कभी नहीं देखा,,,(शर्म के मारे अपनी नजरों को नीचे किए हुए ही वह बोला,,,)


क्या बात कर रहा है क्या सच में तूने कभी नहीं देखा,,,


मां कसम मऔसी कभी नहीं देखा,,,


मतलब कि यह तेरा पहली बार था पहली बार किसी औरत की नंगी गांड देख रहा था उसे पेशाब करते हुए देख रहा था,


जी मौसी,,,,


तभी इतना पागलों की तरह घुर रहा था,,,
(साधना की बात सुनकर संजू कुछ बोला नहीं तो साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,) मेरे से भी ज्यादा खूबसूरत तो तेरी मां की गांड है,,, उसकी नहीं देखा क्या कभी,,,
(अपनी मौसी के मुंह से अपनी मां की गांड का जिक्र सुनते ही संजू के चेहरे के भाव बदलने लगे उसे अपनी मौसी के मुंह से अपनी मां की कांड के बारे में सुनकर गुस्सा भी आ रहा था और ना जाने अजीब सी कशमकश हो रही थी,,, कुछ बोल नहीं रहा था,,, तो उसकी मौसी जोर देते हुए बोली,,,)

क्या हुआ संजू बोलेगा नहीं,,, जैसा आज मेरी देखा है वैसे अपनी मां की भी तो देखा होगा,,, बोलना शर्मा क्यो रहा है,,,
(संजू के चेहरे पर तो हवाइयां उड़ने लगी थी है मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी मौसी के सवाल का जवाब कैसे दे उसे गुस्सा आ रहा था और ना जाने क्यों उत्तेजना भी महसूस हो रही थी,,,, फिर भी वह ना में सिर हिला दिया,,,साधना को इस तरह के सवाल पूछने में उत्तेजना का अनुभव हो रहा है उसे अपनी पेंटी उत्तेजना के मारे गीली होती हुई महसूस हो रही थी,,,, वह और कुछ पूछती से पहले ही मोहिनी ने दरवाजा खोली और बोली,,,)

मौसी खाना तैयार हो गया है चलो चल कर खा लो,,,,


ठीक है तुम चलो मैं आती हूं,,,,(इतना कहकर संजू की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी,,, और मुस्कुराते हुए बोली,,)


चल खाना खाते हैं,,,,(इतना कहकर वह खड़ी हो गई और संजू भाई अपनी जगह पर खड़ा हो गया और दोनों कमरे से बाहर आ गए,,)
बहुत ही कामुक और गरमा गरम अपडेट है। संजू ने अपनी मौसी को पेशाब करते हैं देख लिया मौसी संजू से मजे लेने के लिए उसकी मां की धमकी देकर अपनी तारीफ सुनती है देखते हैं आगे मौसी क्या करती हैं
 

Ajju Landwalia

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साधना को बड़े जोरों की पेशाब लगी तो वह उठकर बाथरूम में चली गई लेकिन जल्दबाजी में वह दरवाजे की कड़ी लगाना जरूरी नहीं समझी,, क्योंकि सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त थे और इसीलिए वह सोचे कि कोई घर आने वाला नहीं है जब तक कोई आएगा भी तब तक वह मुत कर खड़ी हो जाएगी,,, इसीलिए वो आपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी पेंटिं को घुटनों तक खींच कर मुतने के लिए बैठ गई,,,,,, उसकी भारी-भरकम गोल गोल गोरी गांड दरवाजे की तरफ थी,, वह सामने दीवार की तरफ मुंह करके बैठी हुई थी,,, और उसी समय संजू को भी बड़े जोरों की पेशाब लगी वह इस बात से बिल्कुल अनजान था कि बाथरूम में उसकी मौसी है वह अपनी ही धुन में कमरे से बाहर निकला और एक नजर रसोई घर की तरफ डाला दरवाजा हल्का सा बंद था अंदर उसकी मां और उसकी बहन खाना बना रही थी,,,, अपने पेशाब की तीव्रता को अपने काबू में करने के लिए वह पेंट के ऊपर से अपने लंड को दबाया हुआ था और सीधे बाथरूम के ठीक सामने पहुंच गया साधना को बाथरूम के बाहर उसके आने की आहट तक महसूस नहीं हुई वह अपनी ही धुन में अपनी दोनों टांगों के बीच की बांसुरी बजाए जा रही थी,,,,,,, वह पूरी तरह से पेशाब करने में मशगूल हो चुकी थी,,,।
साधना पेशाब करते हुए

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संजू पूरी तरह से अनजान था एकदम मासूम की तरह पेशाब करने के लिए वजह से ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो उसकी आंखों के सामने का दृश्य देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई पल भर में ही सब कुछ बदलता हुआ महसूस होने लगा तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी आंखें यह सब देख पाएंगी,,, गजब का नजारा बना हुआ था संजू पलभर में ही अपने होश खो बैठा था,,।
वो कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा मदहोशी से भरा हुआ था उसकी जगह कोई भी होता तो शायद उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती,, और तो और संजू की जगह अगर दूसरा कोई होता तो शायद इसके आगे बढ़कर कुछ हरकत भी कर बैठता,,,


संजू ने जैसे बाथरूम का दरवाजा खोला था उसकी आंखों के सामने ही उसकी साधना मौसी नीचे बैठी हुई थी और पेशाब कर रही थी संजू ने कभी भी एक औरत के बारे में इस तरह की कल्पना भी नहीं किया था लेकिन आज उसकी आंखें कल्पना से भी परे वह सब देख रही थी जिसे देख पाना शायद संजू कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था,,, उसके साधना मौसी अपनी साड़ी कमर तक उठाकर अपनी बड़ी बड़ी गांड दीखाते हुए मुत रही थी,,,, संजू को तो कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें बाथरूम का दरवाजा बंद कर दे या वहां से चला जाए लेकिन अद्भुत गजब का मादकता से भरा हुआ नजारा देखकर उसके होश हवास खो गए थे,,, संजू की आंखें अपनी ही मौसी की बड़ी बड़ी गांड पर टिकी हुई थी जिसे वह आज तक सिर्फ साड़ी में लिपटी हुई देखता आया था,,, लेकिन आज उसकी किस्मत में कुछ और लिखा हुआ था इसीलिए आज वह,, अपनी मौसी की नंगी गांड के दर्शन कर रहा था यह शायद उसकी जिंदगी का पहला मौका था जब वह किसी औरत की नंगी गांड को अपनी आंखों से देख रहा था अपनी खुली आंखों से वह जन्नत का नजारा देख रहा था इसलिए वह अपने होश में बिल्कुल भी नहीं था उसकी आंखो में खुमारी छाने लगी थी,,, पल भर में ही 4 बोतलों का नशा उसके दिलो-दिमाग पर अपना कब्जा जमा बैठा था,,,, वह आंखें फाड़े अपनी मौसी की गांड को घूरे जा रहा था,,, मानो कि जैसे कोई वह बेशकीमती खजाने का भंडार देख लिया हो,,,वैसे भी समझो उम्र के जिस दौर से गुजर रहा था ऐसे में औरत का नंगा जिस्म ही उसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा खजाना होता है,,,,जिसे मैं अपने हाथों में भरकर उसे महसूस करने के लिए तड़प उठता है और यही हाल संजू का भी था औरत के मामले में वह पूरी तरह से अज्ञानी था लेकिन फिर भी अपनी मौसी की गांड को छू लेने की लालसा उसके मन में जाग रही थी वह अपनी मौसी की नंगी गांड को छूना चाहता था उसे सहन आना चाहता था उसे अपनी हथेली में लेकर दबाना चाहता था उसके एहसास में पूरी तरह से खो जाना चाहता था,,,,लेकिन ऐसा कर पाना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था और उसकी हिम्मत भी नहीं थी,,,।

Mohiniii

दरवाजा के खुलते ही साधना एकदम से चौंक उठी थी और पीछे नजर घुमा कर देखी तो दरवाजे पर संजू खड़ा था साधना को भी कुछ समझ में नहीं आया कि हम क्यों करें अपनी गांड को वह साड़ी से ढक भी नहीं सकती थी क्योंकि इस समय उसके पेशाब का प्रेशर एकदम तीव्रता पर था और उसकी बुर से नमकीन सरबत भलभलाकर सामने की दीवार पर बौछारें मार रहा था,,,, पल भर के लिए साधना को भी कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें वो भी हैरान थी नीचे बैठी हुई वह अपनी नजरों को ऊपर उठाकर संजू की तरफ देख रही थी मन ही मन में उसे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि वह दरवाजे की कड़ी क्यों नहीं लगाई,,,,,, इस हालत में आज तक उसके पति के सिवा दूसरा कोई भी नहीं देखा था आज दूसरा शख्स उसका खुद का भतीजा संजू था एकदम जवान हो चुका था और वही सोच कर साधना की भी हालत खराब हो रही थी कि संजु पूरी तरह से जवान लड़का था,,, उसी हालत में देख कर और क्या सोच रहा होगा साधना मर्दों की नजर को अच्छी तरह से पहचानती थी इसलिए वह अपने भतीजे संजू की नजर को देखकर पहचान गई थी कि वहां उसकी गांड को देखकर ललचा रहा है,,, और ऊपर से पेशाब करते हुए संजू की क्या हालत हो रही होगी साधना कुछ कुछ समझ रही थी,,,, क्योंकि वह जानती थी कि औरत को ईस हाल में देख पाना मर्दों के लिए एक तरह से दुर्लभ ही होता है,,, लेकिन संजू को बिना किसी दिक्कत के बेहतरीन नजारा देखने को मिल गया था,,,,,,।


दोनों की नजरें आपस में टकराई और दोनों शर्म से पानी पानी हो गए,,,,साधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे संजू को वहां से जाने के लिए बोले उसके मुंह से तो शब्द ही नहीं फूट रहे थे और संजू था कि अनजाने में ही बेशर्मी की सारी हदें पार करता हुआ ऐसे हालात में अपनी मौसी को देख रहा था,,,, उसके कानों में साधना की बुर से आ रही सीटी की आवाज भी एकदम साफ सुनाई दे रही थी,,, इस मधुर ध्वनि की तरफ ध्यान जाते हैं सोनू के पैंट में तंबू बनना शुरू हो गया था,,,, इस तरह की ध्वनि को वहां पहले भी सुन चुका था लेकिन उस समय वह कभी ध्यान नहीं दिया था लेकिन आज अनायास ही इस तरह का दृश्य देखकर उसी से जुड़ी हर हरकत पर वह पहली नजर और कान दोनों लगाए बैठा था,,,,। दोनों अजीब कशमकश में थे साधना शर्मसार हुए जा रही थी दूसरी तरफ संजीव को भी शर्म महसूस हो रही थी लेकिन अपनी मौसी की गांड देखने के लालच को वह रोक नहीं पा रहा था,,,,,,,,।साधना थे कि कुछ बोल नहीं पा रही थी लेकिन हम मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझती थी क्योंकि इस हालात में दोनों को काफी समय हो गया था इसलिए,,,, हक लाते हुए स्वर में साधना बोली,,,।


दरवाजा बंद कर,,,, कोई आ जाएगा,,,,


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(इतना सुनकर जैसे उसके ऊपर कोई ठंडा पानी की बाल्टी डाल दिया उस तरह से उसे होश आया और वह तुरंत दरवाजा बंद करके अपने कमरे में चला गया,,,, कमरे में पहुंचकर संजू की हालत बुरी तरह से खराब हो गई थी पजामे मैं पूरी तरह से उसका तंबू तन गया था,,, उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी,,,। दिल की धड़कन बड़े जोरों से शोर मचा रही थी,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे इस तरह का नजारा देखने को मिलेगा,,, वह अपने मन में ही सोचने लगा,,,,

बाप रे बाप मौसी की गांड कितनी बड़ी और कितनी गोरी है,,,, बहुत खूबसूरत है,,,, मैं तो देखकर ही पागल हो गया,,,, मौसा जी को कितना मजा आता होगा,,।ऊफफफ,,, साड़ी के अंदर मैं कभी सोचा नहीं था कि मौसी इतनी खूबसूरत होंगी,,,,
(साधना की भारी भरकम गदराई गांड पूरी तरह से संजू के दिलो-दिमाग पर छा चुकी थी,,,, बार-बार उसकी आंखों के सामने साधना की गांड नजर आ जा रही थी,,,, लेकिन सोचने लगा कि कहीं उसकी मौसी गुस्सा ना हो जाए वो क्या सोचेंगी उसके बारे में,,,, कैसे आंखें फाड़े देख रहा था,,,, उसकी मौसी गुस्सा करेंगे यह सोचकर संजू परेशान होने लगा बस उसी जगह की अगर उसकी मौसी ने उसकी मां को बता दी तब क्या होगा उसकी मां तो उसकी जान ही ले लेगी बदनामी होगी सो अलग,,,, संजू की हालत अब खराब होने लगी थी उसे इस बात का डर था कि उसकी मां से उसकी मां को सब कुछ बता ना दे,,,, दूसरी तरफ पेशाब कर लेने के बावजूद भी साधना वही बैठी रह गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कड़ी खुली छोड़ देने पर वहां अपने आप पर गुस्सा करे या खुश हो जाएं क्योंकि जिस तरह की चमक उसकी गान्ड को देख कर संजू की आंखों में उसे दिखाई दी थी वह पूरी तरह से साधना को रोमांचित कर गई थी,,,, उसे लगने लगा था कि इस उम्र में भी उसका बदन जवान लड़कों को आकर्षित करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि संजू की नजर उसकी गोल-गोल गांड से खिसक नही रही थी,,, कैसा खा जाने वाली नजरों से देख रहा था यही सब सोचकर साधना के तन बदन में अजीब सी हलचल सी होने लगी थी,,,,,,एक बार तो उसके मन में आया कि वह सब कुछ आराधना को बता दे लेकिन फिर कुछ सोच कर शांत हो गई फिर वह खड़ी हुई और अपनी साड़ी को ठीक कर के बाथरूम से बाहर आ गई बाथरूम से आने के बाद रसोई घर में नहीं बल्कि बगल वाले कमरे में जिसमें संजू था उसने चली गई कमरे के अंदर अपनी मौसी को देखते ही संजू घबरा गया,,,, और डरते हुए बोला,,,।


सॉरी मौसी,,, जो कुछ भी काम जाने में हुआ मुझे नहीं मालूम था कि तुम बाथरूम के अंदर हो,,,


चल कोई बात नहीं पर एक बार देख कर दरवाजा बंद तो कर देना चाहिए था ना तू तो वहीं खड़ा होकर देखता ही रह गया,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे कभी औरत को पैशाब करते हुए देखा ही नहीं है,,,,।


माफी चाहता हूं मौसी उस समय मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूं,,,


क्यों ऐसा क्या हो गया था कि तुझे कुछ समझ में नहीं आया तो दरवाजा बंद करना भूल गया,,,,


अब मैं क्या बोलूं मौसी उस समय की हालत को तो मैं बता भी नहीं सकता,,,,
(संजू की बातों में साधना को मजा आने लगा था वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी वह सुनना चाहती थी कि संजु को कैसा लगा था,,,।)


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क्यों नहीं बता सकता तुझे दरवाजा खोलने की जरूरत क्या थी तुझे समझना चाहिए था ना कि अंदर कोई ना कोई जरूर होगा तभी बाहर से खुला हुआ है,,,


नहीं मौसी ऐसा कुछ भी नहीं है बाहर से भी बाथरूम के दरवाजे की कड़ी खुली ही रहती है इसलिए समझ में नहीं आया,,,,।


फिर भी संजु एक अच्छे लड़के की तरहतुझे तुरंत दरवाजा बंद कर देना चाहिए था लेकिन तूने ऐसा नहीं किया कहीं ऐसा तो नहीं कि जानबूझकर तूने दरवाजा खोला हो मुझे बाथरूम में जाती हुई तू देख लिया हो,,,।


मां कसम मौसी ऐसा कुछ भी नहीं है,,,(अपने गले पर हाथ रखकर कसम खाते हुए) मुझे तो मालूम ही नहीं था कि तुम बाथरूम के अंदर हो अगर मुझे मालूम होता तो मेरी हिम्मत होती क्या दरवाजा खोलने की,,,


चल अनजाने में ही तू ने खोल दिया लेकिन जब तूने देखा कि मैं अंदर बैठकर मुत रही हूं फिर भी तो तूने दरवाजा बंद नहीं किया और दरवाजे पर खड़ा होकर सब कुछ देखने लगा,,,, अगर मैं यही बात तेरी मां को बता दूं तो,,,,
(साधना के मन में अनजाने में ही कुछ और चलने लगा था उसे इस तरह की बातें करते हुए अच्छा लग रहा था संजू का घबराया हुआ चेहरा उसकी हड़बड़ाहट देखकर साधना मन ही मन खुश हो रही थी,,,, और संजू मां को बताने वाली बात सुनकर पूरी तरह से घबरा गया,,, क्योंकि जो कुछ भी उसकी मौसी कह रही थी उसमें सच्चाई थी वह चाहता तो तुरंत दरवाजा बंद करके वापस चला जा सकता था और ऐसा करने पर वह शायद अपनी तरफ से अपने बचाव में यह बात रख भी सकता था लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया था वह क्या उसकी जगह कोई और होता तो शायद वह भी ऐसा नहीं करता कौन भला साधना जैसी खूबसूरत औरत की खूबसूरत नंगी गांड देखकर अपनी नजरों का फेर लेगा,,,, संजू ने भी वही किया था,,,अपनी मौसी की बात सुनकर संजू पूरी तरह से घबरा गया था और तुरंत अपने दोनों हाथ जोड़ते हुए अपनी मौसी से बोला,,,)

नहीं मौसी ऐसा बिल्कुल भी मत करना मां को मेरे ऊपर बहुत विश्वास है अगर तुम उन्हें यह सब बताओगी तो उनका दिल टूट जाएगा और वह मुझे कभी माफ नहीं करेंगे और मुझे भला बुरा समझेंगी,,,।
(संजू का इस तरह से हाथ जोड़कर माफी मांगने वाला तरीका साधना के दिल पर गहरा प्रभाव कर गया था वह आराधना से कुछ भी बताने वाली नहीं थी सिर्फ संजू को डरा रही थी फिर भी,,,, वह अपनी आंखों को नचाते हुए ‌ बोली,,,)



चल अच्छा मैं तेरी मां से नहीं बताऊंगी,,, लेकिन तुम मुझे सच सच बता तु क्या देख रहा था,,,,(यह सवाल पूछते हुए साधना धीरे से दरवाजे को बंद कर दिया हालांकि कड़ी नहीं लगाई थी और धीरे से आकर संजू के पास बैठ गई संजू को समझ में नहीं आ रहा था कि उसके यह सवाल का जवाब वह कैसे दें,,,, फिर भी साधना जोर देते हुए बोल रही थी,,)
सच-सच बता दे बेटा वरना तेरी मां को कहने में मुझे समझ नहीं लगेगा गलती ही तूने ऐसा किया है,,,।


लेकिन मौसी तुम को कड़ी लगा लेनी चाहिए थी ना,,,


अगर कड़ी नहीं लगाई तो क्या तु अंदर आ जाता,,, तुझे चला जाना चाहिए था ना तुझे देख कर उसे मैं तो मुझे ऐसा ही लग रहा था कि तू बाथरूम के अंदर आ जाएगा वैसे सच सच बता क्या देख रहा था,,,


तुम्हारी वो,,,,(सर में से नजरों को नीचे किए हुए ही संजू बोला)


तुम्हारी वो क्या नाम लेकर बोल,,, पूरा जवान हो गया है लेकिन लड़की की तरह डर रहा है,,,,


मुझे शर्म आती है मौसी मैंने आज तक इस तरह का नाम नहीं लिया हूं,,,।


तो क्या हुआ मेरे सामने ले मुझे बता तू पागलों की तरह क्या देख रहा था,,,। बता दे वरना तेरी मां से सब कुछ बता दूंगी,,,


नहीं नहीं मौसी,,,,


तो बता,,,


वो,,,,वो,,,, तुम्हारी गांड,,,,
(संजू ने पहली बार खुले तौर पर इस शब्द का खुलकर नाम लिया था और वह भी एक औरत के सामने अपनी मौसी के सामने इसलिए यह शब्द बोलते हुए उसकी जब आंदोलन खड़ा रही थी लेकिन उत्तेजना के मारे उसके घुटने भी कांप रहे थे,,,। साधना अपने पति जी के मुंह से उसकी गांड सुनकर पूरी तरह से रोमांचित हो गई और मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली,,)


क्यों ऐसा क्या खास है मेरी गांड में जो तू पागलों की तरह घूर रहा था,,,(साधना एकदम खुले तौर पर अपनी गांड के बारे में बोल रही थीरोमांचित हो रही थी समझी मौसी के मुंह से यह शब्द सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,,) बता क्या खास लगा तुझे,,,।


बड़ी-बड़ी है और एकदम गोरी है बेदाग उस पर जरा भी दाग नहीं है,,,।
(संजू के मुंह से एक तरह से वह अपनी गांड की तारीफ ही सुन रही थी उसे अच्छा भी लग रहा था बेदाग गांड की मालकिन जो थी,,,,)

किसी और की भी देखा है क्या,,,


नहीं कभी नहीं देखा,,,(शर्म के मारे अपनी नजरों को नीचे किए हुए ही वह बोला,,,)


क्या बात कर रहा है क्या सच में तूने कभी नहीं देखा,,,


मां कसम मऔसी कभी नहीं देखा,,,


मतलब कि यह तेरा पहली बार था पहली बार किसी औरत की नंगी गांड देख रहा था उसे पेशाब करते हुए देख रहा था,


जी मौसी,,,,


तभी इतना पागलों की तरह घुर रहा था,,,
(साधना की बात सुनकर संजू कुछ बोला नहीं तो साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,) मेरे से भी ज्यादा खूबसूरत तो तेरी मां की गांड है,,, उसकी नहीं देखा क्या कभी,,,
(अपनी मौसी के मुंह से अपनी मां की गांड का जिक्र सुनते ही संजू के चेहरे के भाव बदलने लगे उसे अपनी मौसी के मुंह से अपनी मां की कांड के बारे में सुनकर गुस्सा भी आ रहा था और ना जाने अजीब सी कशमकश हो रही थी,,, कुछ बोल नहीं रहा था,,, तो उसकी मौसी जोर देते हुए बोली,,,)

क्या हुआ संजू बोलेगा नहीं,,, जैसा आज मेरी देखा है वैसे अपनी मां की भी तो देखा होगा,,, बोलना शर्मा क्यो रहा है,,,
(संजू के चेहरे पर तो हवाइयां उड़ने लगी थी है मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी मौसी के सवाल का जवाब कैसे दे उसे गुस्सा आ रहा था और ना जाने क्यों उत्तेजना भी महसूस हो रही थी,,,, फिर भी वह ना में सिर हिला दिया,,,साधना को इस तरह के सवाल पूछने में उत्तेजना का अनुभव हो रहा है उसे अपनी पेंटी उत्तेजना के मारे गीली होती हुई महसूस हो रही थी,,,, वह और कुछ पूछती से पहले ही मोहिनी ने दरवाजा खोली और बोली,,,)

मौसी खाना तैयार हो गया है चलो चल कर खा लो,,,,


ठीक है तुम चलो मैं आती हूं,,,,(इतना कहकर संजू की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी,,, और मुस्कुराते हुए बोली,,)


चल खाना खाते हैं,,,,(इतना कहकर वह खड़ी हो गई और संजू भाई अपनी जगह पर खड़ा हो गया और दोनों कमरे से बाहर आ गए,,)


Wow Shandar update Rohnny Bhai,

Sanju ki nath lagta he uski mosi ke haatho utaregi......

Gazab ka scene likha he aapne, waiting for the next
 
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