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Adultery मजबूर (एक औरत की दास्तान) लेखक: तुषार

SKYESH

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kaha ho sarkar............................

waiting for next ...............:love:
 

Rohit Kapoor

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फिर नजीला ने अपने सिर को और झुका कर सुनील के लंड के सुपाड़े को अपने होंठों से चूम लिया तो सुनील के जिस्म ने एक तेज झटका खाया। उसने अपने लंड को उसकी चूचियों से बाहर निकाला और नजिला के सिर को पकड़ कर अपना लंड का सुपाड़ा उसके होंठों के तरफ़ बढ़ाते हुए बोला, "आहह भाभी... चुसो ना इसे..!" नज़ीला ने सुनील की आँखों में हवस से भरी नज़रों से देखा और फिर सानिया के तरफ़ देखते हुए बोली, "ओहहह सुनील.... तेरा लंड इतना शानदार है की इसका ज़ायका चखने के लिये मेरे मुँह में कब से पानी आ रहा है..!" ये कहते हुए नज़ीला ने सानिया की तरफ़ देखते हुए सुनील के लंड को अपने होंठों में भर लिया और अपने होंठों से सुनील के लंड के सुपाड़े को पूरे जोश के साथ चूसने लगी। सामने का नज़ारा देख कर सानिया की चूत फुदफुदाने लगी। उसने आज तक चुदाई की सैक्सी कहानियों किताबों में ही लंड चुसने के मुतालिक़ पढ़ा था या अपनी सहेलियों से उनके बॉय फ्रेंड्स के लंड चूसने के किस्से सुने थे। नज़ीला अब किसी राँड की तरह सुनील का लंड चूस रही थी। सुनील का आधे से ज्यादा लंड नजीला के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था और उसका लंड नज़ीला के थूक से गीला होकर चमकने लगा था।

फिर नज़ीला ने सुनील के लंड को मुँह से बाहर निकला और अपने हाथ से हिलाते हुए सानिया की तरफ़ दिखाते हुए सुनील के लंड के सुपाड़े के छेद को अपनी ज़ुबान बाहर निकाल कर कुरेदते हुए सुपाड़े पर ज़ुबान फिराने लगी और आँखों ही आँखों में सानिया को अपने करीब आने का इशारा किया। सामने चल रहा गरम नज़ारा देख सानिया खुद-बखुद उसके करीब खिंचती चली गयी। अब सानिया नज़ीला के बिल्कुल करीब घुटनों के बल बैठी हुई थी। नज़ीला ने सुनील के लंड को हाथ में थामे हुए सानिया से कहा, "ले तू भी चूस ले अपने यार का लौड़ा... बेहद मज़ेदार है!" नज़ीला की बात सुन कर सानिया के दिल के धड़कनें बढ़ गयीं। सानिया भी सुनील का लंड चूसना तो चाह रही थी लेकिन नज़ीला के सामने उसे हिचकिचाहट हो रही थी और उसने ना में सिर हिलाते हुए मना कर दिया। नज़ीला ने मुस्कुराते हुए सुनील के लंड के सुपाड़े के चारों तरफ़ अपनी ज़ुबान रगड़ते हुए फिरायी और बोली, "सानिया देख ना सुनील का लौड़ा कितना मस्त है... तू बहोत खुशनसीब है कि तेरा यार है सुनील... देख सानिया मर्द के लंड को तू जितना प्यार करेगी उतना ही उसका लंड तेरी फुद्दी को ठंदक पहुँचायेगा... ले चूस ले..." और नशे में लहकती आवाज़ में ये कहते हुए नज़ीला ने सानिया का हाथ पकड़ सुनील के लंड पर रख दिया।
 

Rohit Kapoor

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सानिया अब पूरी तरह हवस से तड़प रही थी। उसने सुनील के लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और फिर ऊपर सुनील की आँखों में झाँकने लगी जैसे सुनील से पूछ रही हो कि अब क्या करूँ। सुनील ने उसकी तरफ़ मुस्कुराते हुए देखा और फिर उसके प्यारे से चेहरे को अपने दोनों हाथों में लेकर उसके होंठों को अपने लंड के सुपाड़े की तरफ़ झुकाने लगा। सानिया ने अपने होंठ खोल लिये और नज़ीला के थूक से सने हुए सुनील के लंड को अपने होंठों में भर लिया। "ओहहहह सानिया... आहहहह" सानिया के रसीले तपते होंठों का स्पर्श अपने लंड पर महसूस करते ही सुनील एक दम से सिसक उठा और सानिया के सिर को पकड़ कर अपने लंड को उसके मुँह में ढकेलने लगा। सानिया अब पूरी तरह गरम और चुदास हो गये थी। उसकी पैंटी सलवार के अंदर उसकी चूत से निकल रहे पानी से एक दम गीली हो चुकी थी। नज़ीला मौका देखते हुए उसके पीछे बैठ गयी और सानिया की कमीज़ को पकड़ कर धीरे-धीरे ऊपर उठाने लगी। जैसे ही सानिया को इस बात का एहसास हुआ कि नज़ीला उसकी कमीज़ उतारने जा रही है तो उसने दोनों हाथों से अपनी कमीज़ को पकड़ लिया। "क्या हुआ सानिया... शरमा क्यों रही है... यहाँ पर कोई गैर तो नहीं है.... तेरा बॉय फ्रेंड सुनील ही तो है... सुनील देख ना ये कैसे शरमा रही है!" नज़ीला बोली। दर असल सानिया सुनील से नहीं बल्कि नज़िला की मौजूदगी की वजह से हिचकिचा रही थी। नज़ीला नहीं होती तो सानिया खुद ही अब तक नंगी होकर सुनील का लंड अपनी चूत में ले चुकी होती।

सुनील ने सानिया के मुँह से लंड निकाला और नीचे बैठते हुए सानिया के हाथों को पकड़ कर कमीज़ से छुड़वा लिया। नज़ीला ने फ़ौरन सानिया की कमीज़ पकड़ कर ऊपर कर दी और फिर गले से निकाल कर नीचे फेंक दी। सुनील ने सानिया के होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसना करना शुरू कर दिया और एक हाथ नीचे ले जाकर सलवार के ऊपर से सानिया की चूत पर रख दिया। अपनी चूत पर सुनील का हाथ पड़ते ही सानिया के जिस्म में करंट सा दौड़ गया और अपनी बाहों को सुनील की गर्दन में डालते हुए उसके जिस्म से चिपक गयी। पीछे नज़ीला ने अपना काम ज़ारी रखा और उसने सानिया की ब्रा के हुक खोल दिये और जैसे ही सानिया के जिस्म से ब्रा ढीली हुई तो सुनील ने ब्रा के स्ट्रैप को पकड़ उसके कंधों से सरकाते हुए उसकी ब्रा को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया। फिर धीरे-धीरे सानिया को कालीन पे पीछे लिटाते हुए सुनील उस पर सवार हो गया और उसकी एक चूंची को मुँह में भर कर चूसने लगा। सान्या एक दम से सिसक उठी और उसकी चूत में ज़ोर से कुलबुलाहट होने लगी। ये नज़ारा कर देख नज़ीला की चूत भी और ज्यादा लार टपका रही थी। उसने फ़ौरन अपनी सलवार फेंकी। नज़ीला ने नीचे पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी और अब वो हाइ पेन्सिल हील के सैंडलों के अलावा बिल्कुल नंगी थी।
 

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सानिया की बगल में लेटते हुए नज़ीला ने सानिया के दूसरे मम्मे को अपने मुँह में भर लिया। अपने दोनों मम्मों को एक साथ चुसवाते हुए सानिया एक दम बेहाल हो गयी। उसके आँखें मस्ती में बंद होने लगी। नज़ीला ने सानिया की चूंची को मुँह से निकाला और सुनील को सानिया की सलवार उतारने के लिये कहा। सुनील ने भी सानिया की चूंची को मुँह से बाहर निकाला और सान्या की पलाज़्ज़ो सलवार का नाड़ा खोलने लगा। नज़ीला ने फिर सानिया की चूंची को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उसके दूसरी चूंची को मसलने लगी। स्स्सीईईई ऊँहहह आँटी प्लीज़. आहहह मत करो ना! सानिया ने मस्ती में सिसकते हुए नज़ीला भाभी के सिर को अपनी बाहों में जकड़ लिया। दूसरी तरफ़ सुनील सानिया की सलवार और पैंटी दोनों उतार चुका था। लोहा एक दम गरम था... सानिया की चूत अपने पानी से एक दम भीगी हुई थी। एक बार पहले चुदाई का मज़ा ले चुकी सानिया एक दम मदहोश हो चुकी थी और पिछले कईं दिनों से फिर चुदने के लिये तड़प रही थी।

सानिया की सलवार और पैंटी उतारने के बाद जैसे ही सुनील सानिया की टाँगों के बीच में आया तो पूरी तरह गरम और मदहोश हो चुकी सानिया ने अपनी टाँगों को घुटनों से मोड़ कर खुद ही ऊपर उठा लिया। सानिया भी अब नज़ीला की तरह सिर्फ़ ऊँची हील वाले सैंडल पहने बिल्कुल नंगी थी। सानिया को बेकरारी में अपनी टाँगें उठाते देख कर नज़ीला को एक तरकीब सूझी और उसने सानिया को पकड़ कर बिठाया और खुद उसके पीछे आकर बैठ गयी और अपनी टाँगों को सानिया की कमर के दोनों तरफ़ करके आगे की ओर सरकते हुए उसने सानिया को पकड़ कर अपने ऊपर लिटा लिया। अब नज़ीला नीचे लेटी हुई थी पीठ के बल और उसके ऊपर सानिया पीठ के बल लेटी हुई थी। सानिया नज़ीला आँटी की इस हर्कत से हैरान थी कि उसका मंसूबा क्या था। नज़ीला ने अपने हाथों को नीचे की तरफ़ ले जाते हुए सानिया की टाँगों को पकड़ कर ऊपर उठा कर फैला दिया जिससे सानिया की चूत का छेद खुल कर सुनील की आँखों के सामने आ गया। सानिया की टाँगें तो नज़ीला ने पकड़ कर ऊपर उठा रखी थीं और सुनील ने नज़ीला की टाँगों को फैला कर ऊपर उठाते हुए अपनी जाँघों पर रख लिया।
 

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अब नीचे नज़ीला की चूत और ऊपर सानिया की चूत... दोनों ही चिकनी चूतें अपने-अपने निकले हुए रस से लबलबा रही थी। अपने सामने चुदवाने के लिये तैयार दो-दो चिकनी चूतों को देख कर सुनील से रहा नहीं गया। उसने अपने लंड के सुपाड़े को सानिया की चूत की फ़ाँकों के बीच रगड़ना शुरू कर दिया। "ऊँऊँऊँ स्स्सीईई आहहहह सुनील...!" सानिया ने सिसकते हुए अपने हाथों को अपने सिर के नीचे ले जाते हुए नज़ीला के सिर को कसके पकड़ लिया और नज़ीला ने सानिया की गर्दन पर अपने होंठों को रगड़ना शुरू कर दिया। सुनील ने सानिया की चूत के छेद पर अपना लंड टिकाते हुए धीरे-धीरे अपने लंड को आगे की ओर दबाना शुरू कर दिया। सुनील के लंड का मोटा सुपाड़ा जैसे ही सानिया की तंग चूत के छेद में घुसा तो सानिया का पूरा जिस्म काँप गया और वो मस्ती में मछली की तरह छटपटाने लगी। सुनील के लंड का सुपाड़ा सानिया की चूत को बुरी तरह फैलाये उसके अंदर फंसा हुआ था। "हाय सानिया... अपने यार का लौड़ा अपनी चूत में लेकर मज़ा आ रहा है ना...!" नज़ीला ने सानिया की चूचियों को मसलते हुए कहा।

सानिया मस्ती में सिसकते हुए बोली, "ऊँहहहहाँ आँटी.... बेहद मज़ा आ रहा है.... आहहहायऽऽ आँटी रोज सुनील को यहाँ बुलाया करो ना..!" नज़ीला ने सानिया को छेड़ते हुए शरारत भरे अंदाज़ में पूछा, "किस लिये बुलाया करूँ..?" सानिया ने तड़पते हुए कहा, "ऊँहहह जिसके लिये आज बुलाया है... आँटीईईई...!"
 

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"ये तो बता दे कि आज किस लिये बुलाया है...?" नज़ीला ने उसे फिर छेड़ा तो सानिया चुदने के लिये बेकरार होते हुए बोली, "आआहह चुदने के लिये... चूत में लंड लेने के लिये... आँआहहह... सुनील डालो ना..!" नज़ीला रसभरी आवाज़ में बोली, "देख सुनील कैसे गिड़गिड़ा रही है बेचारी... आब डाल भी दी ने अपना लौड़ा साली के चूत में!" सुनील ने सानिया की टाँगों को पकड़ कर और फैलाते हुए एक जोरदार धक्का मारा और लंड सानिया की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा। "आआआईईईई हाय सुनील.... ओहहहहह हाँ चोदो.... आहहह ऊँहहह ऊँईईईई ओहहहह ऊँहहह अम्म्म्म्म ओहोहोहोआआहहह बहोत मज़ा आ रहा है..!" सानिया मस्ती में जोर-जोर से सिसकने लगी। सुनील ने धीरे-धीरे अपने लंड को सानिया की चूत के अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। सुनील के झटकों से सानिया और नज़ीला दोनों नीचे लेटी हुई हिल रही थीं। करीब पाँच मिनट सानिया की चूत में अपना लंड पेलने के बाद जब सानिया की चूत ने पानी छोड़ दिया तो सुनील ने अपना लंड सानिया की चूत से बाहर निकला और नज़ीला की टाँगों को उठा कर उसकी चूत के छेद पर लंड को टिका कर एक ज़ोरदार धक्का मारते हुए पूरा लौड़ा अंदर थोक दिया। "हायै..ऐऐऐ ऊँफ्फ सुनीईईईल.. आहिस्ता... आहहहह ओहहहहहह मर गयीईईई मैं.... याल्लाआआह... ओहहहह धीरेऽऽऽ आहहह आहहह हायेऐऐऐऐ सानिया... तेरे आशिक़ ने मेरी चूत का कचूमर बना दिया...!" कमरे में थप-थप की आवाज़ गूँजने लगी। सुनील पूरी रफ़्तार से नज़ीला की चूत की गहराइयों में अपना लंड जोर-जोर से ठोक रहा था। नज़ीला की चूत सुनील के जवान लौड़े के धक्कों के सामने ज्यादा देर टिक नहीं सकी और नज़ीला सिसकते हुए झड़ने लगी, "आहहह आँआँहह ऊहहह सुनीईईल मेरी फुद्दी... हाआआआयल्लाआआह मेरी चूत पानी छोड़ने वाली आहहह ओहहह गयीईई ओहहह मैं गयीईई आँआँहहह!"

सुनील भी नज़ीला की चूत में लगातार शॉट मारते हुए बोला, "आहहह भाभी आपकी भोंसड़ी सच में बहुत गरम है...!"
 

Rohit Kapoor

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नज़ीला हाँफते हुए बोली, "बस रुक जा सुनील... थोड़ी देर सानिया की चूत में चोद दे अब!" सुनील ने अपने लंड को नज़ीला की चूत से बाहर निकला और सानिया की चूत पर रखते हुए एक जोरदार धक्का मार कर आधे से जयादा लंड सानिया की चूत में पेल दिया। दर्द और मज़े की वजह से सानिया का जिस्म एक दम से अकड़ गया। सुनील ने अपने लंड को पूरी रफ़्तार से सानिया की चूत के अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। नज़ीला सानिया के नीचे से निकल कर बगल में लेट गयी और सानिया की चूंची को मुँह में भर कर चूसने लगी और दूसरी चूंची को सुनील ने अपने मुँह में भार लिया और हुमच-हुमच कर चोदते हुए चूसने लगा। दस मिनट बाद सानिया की चूत ने अपने आशिक़ के लंड पर अपना प्यार बहान शुरू कर दिया और अगले ही पल सुनील ने भी सानिया के चूत में अपने प्यार की बारिश कर दी। पूरी रात सानिया नज़ीला और सुनील की चुदाई का खेल चला।

दिन इसी तरह गुज़र रहे थे और अगले दो महीनों के दौरान जब भी नज़ीला का शौहर दौरे पर शहर के बाहर गया तो करीब छः-सात बार नज़ीला के घर पे नज़ीला और रुखसाना ने रात-रात भर सुनील के साथ ऐयाशियाँ की... हर तरह से खूब चुदवाया और थ्रीसम चुदाई का मज़ा लिया। इसके अलावा नज़ीला और रुखसाना को अलग-अलग भी जब मौका मिलता तो अकेले सुनील से चुदवा लेती। सुनील भी दूसरी तरफ़ नफ़ीसा के साथ भी ऐश कर रहा था पर सानिया को इन दो महीनों में सिर्फ़ दो बार ही सुनील से चुदवाने का मौका नसीब हुआ वो भी नज़ीला की ही मेहरबानी से। सानिया तो दिल ही दिल में सुनील से और भी ज्यादा मोहब्बत करने लगी थी। हालांकि सानिया और रुखसाना को सुनील के साथ एक दूसरे के रिश्ते के बारे में तो पता नहीं चला लेकिन सानिया को अपनी अम्मी पे शक पहले से ज्यादा बढ़ गया था।
 

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फिर एक दिन की बात है... सानिया को अचानक से उल्टियाँ शुरू हो गयी और वो बेहोश होकर गिर पड़ी। रुखसाना ने उसके चेहरे पर पानी फेंका तो उसे थोड़ी देर बाद होश आया। रुखसाना उसे हास्पिटल लेकर गयी क्योंकि सानिया को कभी कोई बिमारी या शिकायत नहीं हुई थी। जब वहाँ पर एक लेडी डॉक्टर ने उसका चेक अप किया तो उसने रुखसाना बताया कि सानिया प्रेगनेंट है। रुखसाना के तो पैरों तले से जमीन खिसक गयी। उसने वहाँ तो सानिया को कुछ नहीं कहा और उसे लेकर घर आ गयी। घर आकर रुखसाना ने सानिया को जब सारी बात बतायी तो सानिया के चेहरे का रंग उड़ गया। रुखसाना के डाँटने और धमकाने पर सानिया ने सारा राज़ उगल दिया। रुकसाना बेहद परेशान थी... उसे यकीन नहीं हो रहा था कि सुनील उसके साथ इतना बड़ा दगा कर सकता है। फ़ारूक़ दो-तीन दिन की छुट्टी लेकर अपनी भाभी अज़रा के साथ रंगरलियाँ मनाने गया हुआ क्योंकि वो अकेली थी। शाम को जब सुनील घर वापस आने के बाद रुखसाना ऊपर सुनील के कमरे में गयी तो सुनील उठ कर उसे अपने आगोश में लेने के लिये उसकी तरफ़ बढ़ा। रुखसाना ने सुनील को वहीं रुकने के लिये कह दिया और फिर बोली, "सुनील तूने ये सब हमारे साथ ठीक नहीं किया..?" सुनील ने पूछा, "पर हुआ क्या है... मुझे पता तो चले..!"

"सुनील तू हमारे साथ इस तरह दगा करेगा.. अगर मुझे पहले मालूम होता तो मैं तुझे अपने घर में कभी रहने नहीं देती...!" सुनील को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक रुखसाना को क्या हो गया। "साफ-साफ बोलो ना भाभी कि बात क्या है...?" सुनील ने पूछा तो रुखसाना बोली, "सानिया के पेट में तेरा बच्चा है... अब मैं क्या करूँ तू ही बता... तूने हम सब के साथ दगा किया है... मैं तुझे कभी माफ़ नहीं करुँगी... तूने सानिया की ज़िंदगी बर्बाद क्यों की...?" रुखसाना की बात सुन कर सुनील के चेहरे का रंग उड़ चुका था। "कोई बात नहीं... मैं पैसे देता हूँ... आप उसका अबोर्शन करवा दो!" सुनील ने ऐसा जताया जैसे उसे किसी की परवाह ही ना हो। "अबोर्शन करवा दो...? अबोर्शन से तूने जो गुनाह किया है वो तो छुप जायेगा... पर सानिया का क्या... जिसे तूने प्यार का झूठा ख्वाब दिखा कर उसके साथ इतना गलत किया है!"
 

Rohit Kapoor

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सुनील बोला, "देखो भाभी ताली एक हाथ से नहीं बजती... अगर इस बात के लिये मैं कसूरवार हूँ... तो सानिया भी कम कसूरवार नहीं है और भाभी अबोर्शन के अलावा और कोई चारा है आपके पास...!" सुनील की बात सुनकर रुखसाना बोली, "ठीक है सुनील मैं सानिया का अबोर्शन करवा देती हूँ... पर एक बात बता कि क्या तू सच में सानिया से प्यार करता है..?" सुनील बोला, "नहीं मैं उसे कोई प्यार-व्यार नहीं करता... वो ही मेरे पीछे पढ़ी थी..!"

रुखसाना ने कहा, "देख सुनील अगर सानिया को ये सब पता चला तो वो टूट जायेगी... सानिया भले ही मेरी कोख से पैदा नहीं हुई पर मैंने उसे अपनी बेटी के तरह पाला है... तुझे उससे शादी करनी ही होगी!" ये सुनकर सुनील थोड़ा गुस्से से से बोला, "ख्वाब मत देखो रुख़साना भाभी... आपको भी मालूम कि ऐसा कभी नहीं होगा.... इस शादी के लिये मैं तो क्या आपके और मेरे घर वाले भी कभी तैयार नहीं होंगे... अगर आपको मेरा यहाँ रहना पसंद नहीं है तो मैं दो-तीन दिनों में किसी दूसरी जगह शिफ्ट हो जाउँगा!" ये कह कर सुनील बाहर चला गया।
 
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