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Adultery मजबूर (एक औरत की दास्तान) लेखक: तुषार

SKYESH

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माशाल्लाह...................

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Blackmamba

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Rohit Kapoor

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रुखसाना समझ गयी कि सुनील क्या सुनना चाहता है। वो कसमसाते हुए बोली, "ऊँहहह... धीरे प्यार से चोद!" सुनील ने उसकी गाँड को दोनों तरफ़ से कस के पकड़ कर तेजी से अपने लंड को उसकी चूत में अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया... जब उसका लंड जड़ तक रुखसाना की चूत में समाता तो उसकी जाँघें रुखसाना के चूतड़ों पे नीचे से टकरा कर थप-थप की आवाज़ करने लगती। सुनील के ताबड़तोड़ धक्कों ने उसकी चूत की दीवारों को रगड़ कर रख दिया। रुखसाना की चूत से पानी बह कर सुनील के लंड को भिगो रहा था। "ओहहहह सुनील.... हाँ ऐसेऐऐऐ हीईई चोद मुझे मार मेरी फुद्दी.... आहहहह फाड़ दे मेरीईईई फुद्दी आज.... आहहहहहह चोद मेरी चूत को.... आआह भर दे इसे अपनी लंड के पानी से... ऊँईईईंईं!" रुखसाना चुदाई की मदहोशी में बिल्कुल बेपरवाह होकर सिसकते हुए बोले जा रही थी। उसकी टाँगें सुनील की कमर में कैंची की तरह कसी हुई थी।

सुनील अब पूरी ताकत से रुखसान को हवा में उठाये हुए चोद रहा था। रुखसाना उसके लंड के धक्के अपनी चूत की गहराइयों में महसूस करते हुए इस कदर मदहोश हो चुकी थी कि उसे इस बात की परवाह भी नहीं रही कि नीचे सानिया भी घर में है। रुखसाना भी अपनी गाँड को ऊपर-नीचे करने लगी थी। सुनील उसके होंठों को चूसते हुए अपने लंड को पूरी रफ़्तार से उसकी चूत की गहराइयों में पेल रहा था। "हाय सुनील मेरीईई फुद्दी तो गयीईईई... हाँ येऽऽऽ ले आआहह ऊँऊँहहह ऊऊऊईईईई ये ले मेरीईईईई फुद्दी ने पानी छोड़ा... आहह आँहहह..! रुखसाना का जिस्म झड़ते हुए बुरी तरह काँपने लगा। सुनील का लंड भी इतने में झड़ने लगा, "ओहहह रुखसानाआआहहहह भाआआभी येऽऽऽ लेऽऽऽ साली येऽऽऽ ले मेरेऽऽऽ लंड का पानी ऊँह ऊँह ऊँह!" दोनों झड़ कर हाँफने लगे और थोड़ी देर बाद सुनील का लंड सिकुड़ कर रुखसाना की चूत से बाहर आ गया तो सुनील ने रुखसाना को नीचे उतारा।
 
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Rohit Kapoor

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रुखसाना ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और बाहर आ गयी। जैसे ही वो बाहर आयी तो उसे नज़ीला ऊपर आती हुई नज़र आयी। नज़ीला उसके पास आकर बोली, "यार वो सानिया पूछ रही थी कि अम्मी को इतना वक़्त क्यों लग गया ऊपर... और ऊपर आने को हो रही थी... मैंने उसे मुश्किल से रोका है सॉरी यार!"

रुखसाना मुस्कुराते हुए बोली, "कोई बात नहीं नज़ीला भाभी... आप जिस काम के लिये आयी थी वो तो हो गया!" नज़ीला ने पूछा, "क्या हो गया... पर तू तो अभी बाथरूम से बाहर आ रही है... इतनी जल्दी...?" नज़ीला के कान में फुसफुसाते हुए रुखसाणा बोली, "मैं जब ऊपर आयी थी तो सुनील अंदर नहा रहा था... उसने मुझे अंदर ही खींच लिया..!" नज़ीला ने शरारत भरी मुस्कुराहट के साथ पूछा, "तो बाथरूम में ही तेरी फुद्दी मार ली उसने... कैसे?" रुखसाना शर्माते हुए बोली, "वो मुझे अपनी गोद में ऊपर उठा कर!"

"क्या खड़े-खड़े ही तुझे उठा कर चोद दिया... वाह... काश हमारी भी किस्मत ऐसे होती... तू कहे तो मैं सानिया को अपने घर ले जाऊँ.!" नज़ीला ने पूछा तो रुखसाना ने कहा कि उसकी जरूरत नहीं क्योंकि सुनील नाइट-ड्यूटी पे जा रहा है जबकि सुनील तो नफ़ीसा के घर उसके साथ अपनी रात रंगीन करने जा रहा था। फिर दोनों नीचे आ गयी। नज़ीला कुछ और देर बैठी फिर वो अपने घर चली गयी। रुखसाना ने महसूस किया कि सानिया उसकी तरफ़ थोड़ा अजीब नज़रों से देख रही थी। रुखसाणा ने तो कुछ ज़ाहिर नहीं होने दिया लेकिन रुखसाना की लिपस्टिक मिट चुकी थी और उसकी सलवार- कमीज़ पे भी कईं जगहों पे भीगने के निशान सानिया के दिमाग में शक पैदा कर रहे थे।
 

Rohit Kapoor

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दिन इसी तरह गुज़र रहे थे। उस दिन के बाद नज़ीला की बदौलत रुखसाना को अब अक्सर ऐसे मौके मिलने लगे जब शाम को नज़ीला सनिया को किसी बहाने से एक-दो घंटे के लिये अपने घर बुला लेती थी। पर रुखसाना को ऐसा कोई मौका नहीं मिला जब वो पुरी रात सुनील के साथ शराब के नशे में मदहोश होके चुदाई के मज़े ले सके। उधर सानिया को तो पहली बार सुनील से चुदने के बाद दूसरा मौका मिला ही नहीं था। इसके अलावा सानिया को रुखसाना पे भी थोड़ा शक तो होने लगा था पर वो भी श्योर नहीं थी। उसका रवैया वैसे रुखसाना के साथ नॉर्मल था। इस दौरान रुखसाना और नज़ीला आपस में कुछ ज्यादा ही फ्रेंक हो गयी थीं। जब भी नज़ीला उसके घर आती या रुखसाना उसके घर जाती तो दोनों सिर्फ़ सैक्स की ही बातें करतीं। रुखसाना और नज़ीला अक्सर दिन में नज़ीला के घर ब्लू फ़िल्में देखने के साथ-साथ शराब भी पीने लगीं। जब से रुखसाना ने उसे बताया था कि वो शराब के नशे में मदहोश होकर खूब मज़े से रात भर सुनील से चुदवाती है तब से ही नज़ीला को भी शराब पीने की ख्वाहिश थी।

रुखसाना किसी चुदैल राँड की तरह होती जा रही थी जिसे हर वक़्त अपनी चूत में लौड़ा लेने की मचमचाहट रहने लगी। शराब पी कर साथ में ब्लू फ़िल्में देखते हुए इस दौरान रुखसाना और नज़ीला के बीच इस क़दर नज़दीकियाँ बढ़ गयी कि दोनों लेस्बियन सैक्स करने लगी। दोनों ब्लू-फ़िल्में देखते हुए घंटों आपस में लिपट कर एक दूसरे के जिस्म सहलाती... चूत और गाँड चाटती। पर लंड तो लंड ही होता है और नज़ीला भी सुनील से चुदवाने के मौके की ताक में थी। एक दिन जब नज़ीला के घर रुखसाना और नज़ीला नंगी होकर लेस्बियन चुदाई का मज़ा ले रही थीं तो नज़ीला ने रुखसाना को बताया कि उसका शौहर अगले दिन टूर पर जा रहा है एक रात के लिये। "यार... रुखसाना कल रात मैं यहाँ अकेली रहुँगी... यार अच्छा मौका है... तू सुनील को कल रात यहाँ बुला ले... हम दोनों खूब मस्ती करेंगे...!" नज़ीला की बात सुन कर रुखसाना एक दम चौंकते हुए बोली, "क्या क्या कहा आपने भाभी...?"
 

Rohit Kapoor

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नज़ीला बोली, "वही जो तूने सुना... देख यार मैं तेरी इतनी मदद करती हूँ ताकि तू उसके साथ मौज कर सके... तो बदले में मुझे भी तो कुछ मिलना चाहिये... और वैसे भी तेरा कौन सा उसके साथ कोई रिश्ता है... वो आज यहाँ तो कल कहीं और चला जायेगा...! रुखसना नज़ीला की बात सुन कर सोच मैं पड़ गयी कि क्या करूँ... इतने दिनों बाद ऐसा मौका हाथ आया था... रुखसाना उसे हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी, "ठीक है भाभी मैं आपको आज शाम तक सोच कर बता दूँगी कि क्या करना है!" नज़ीला बोली कि, "चल सोच ले... रोज़-रोज़ ऐसे मौके नहीं आयेंगे!" उसके बाद रुखसाना अपने घर आ गयी। दिल और दिमाग दोनों में जंग चल रही थी। रुखसाना सोचने लगी कि नज़ीला भाभी कह तो ठीक रही हैं... जवान लड़का है.... क्या भरोसा वो कल कहाँ हो... कल को अगर उसका तबादला हो गया तो... ये दिन बार-बार नहीं आयेंगे... इन दिनों को जी भर कर के जी लेना चाहिये! शाम को जब सुनील वापस आया तो रुखसाना ने उसे सारी बात बतायी। रुखसाना के सामने सुनील शरीफ़ बनते हुए बोला कि वो ये काम किसी और के साथ नहीं करेगा पर रुखसाना के एक दो बार कहने पर ही वो मान गया। रुकसाना ने नज़ीला को फ़ोन करके खुशखबरी दे दी।

फ़ारूक ने उसी रात को रुखसाना को बताया कि उसके मामा की मौत हो गयी है और अगले दिन सुबह उन दोनों को उनके गाँव जाना है और शाम को चार-पाँच बजे तक वापस आ जायेंगे। एक पल के लिये रुखसाना को नज़ीला के साथ बनाया प्रोग्राम बेकार होता नज़र आया पर ये सोच कर दिल को तसल्ली मिली कि शाम को तो वो वापस आ ही जायेंगे। अब प्लैन के मुताबिक सुनील को सानिया और फ़ारूक के सामने नाइट-ड्यूटी का बहाना बनाना था और नज़ीला को रुखसाना को अपने घर सोने के लिये फ़ारूक को कहना था। अगले दिन सुबह की ट्रेन से फ़ारूख और रुखसाना उसके मामा के गाँव के लिये निकल गये। सुनील भी उनके साथ ही घर से निकल गया था स्टेशन जाने के लिये।
 

Rohit Kapoor

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रुखसाना और फ़ारूक करीब ग्यारह बजे उसके मामा के घर पहुँचे पर उन्हें वहाँ देर हो गयी और और उनकी आखिरी ट्रेन छूट गयी। रुखसाना ने नज़ीला के साथ जो भी प्लैन बनाया था वो सब उसे मिट्टी में मिलता हुआ नज़र आ रहा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। उधर सानिया घर पर अकेली थी। उन्होंने सानिया को कभी रात भर के लिये अकेला नहीं छोड़ा था। रुखसाना को उसकी चिंता सताने लगी थी। उसने फ़ारूक से कहा कि वो सानिया को घर पर फ़ोन करके उसे बता दें कि वो आज रात नहीं आ पायेंगे और कल सुबह आयेंगे और इसलिये वो नज़ीला भाभी के यहाँ सो जाये। रुखसाना के ज़हन में अजीब सा डर था... सुनील को लेकर... कहीं वो सानिया के साथ कुछ गलत ना कर दे। रुखसाना इस बात से अंजान थी कि सुनील और सानिया इतने करीब आ चुके हैं कि वो चुदाई भी कर चुके हैं।

उसके बाद रुखसाना ने नज़ीला को भी फ़ोन करके सारी बात बता दी और उसे कहा कि सानिया को आज रात अपने घर सुला ले और सुनील के आने पर उसे घर की चाबी देदे। नज़ीला ने उसे बेफ़िक्र रहने के लिये कहा तो रुखसा ना को राहत महसूस हुई कि चलो नज़ीला की वजह से उसे सानिया की फ़िक्र नहीं करनी पड़ेगी। पर जो वो सोच रही थी शायद उससे भी बदतर होने वाला था।

शाम के पाँच बजे के करीब नज़ीला जब सानिया को अपने घर ले आने के लिये अपने घर से बाहर निकली ही थी कि उसे बाइक पर सुनील आता हुआ नज़र आया। नज़ीला ने देखा कि सुनील ने बाइक गेट के अंदर कर दी और फिर उसने घंटी बजायी तो सानिया ने दरवाजा खोला और सुनील अंदर चला गया। अब नज़ीला तो थी है ऐसी जो हर बात में कुछ ना कुछ उल्टा जरूर सोचती थी। वो तेजी से चलते हुए रुकसाना के घर आयी और गेट खोलकर जैसे ही वो डोर-बेल बजाने वाली थी कि उसे हॉल की खिड़की से कुछ आवाज़ें सुनायी दीं। उसने देखा कि खिड़की खुली हुई थी लेकिन उसपे पर्दा पड़ा हुआ था। नज़ीला थोड़ा सा आगे होकर पर्दे के किनारे से अंदर झाँकने लगी। अंदर का नज़ारा देख कर नज़ीला के होंठों पर एक कमीनी मुस्कान फ़ैल गयी। अंदर सुनील ने सानिया को हॉल में ही अपनी बाहों में भरा हुआ था। सानिया और सुनील एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे। सानिया ने हाई-हील के सैंडल पहने होन के बावजूद अपनी ऐड़ियाँ और ज्यादा उठायी हुई थीं और सुनील से किसी बेल की तरह लिपटी हुई अपने होंठ चुसवा रही थी। सुनील का एक हाथ सानिया की सलवार के अंदर था और वो उसकी चूत को मसल रहा था।
 
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