• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery मजबूर (एक औरत की दास्तान) लेखक: तुषार

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
सानिया: "ओहहहह सुनील... ये तुमने मुझे क्या कर दिया है!"

सुनील: "ऊँहह सानिया मेरी जान... बहुत दिनों बाद आज तुम मेरे हाथ आयी हो..!"

सानिया: "लेकिन सुनील... नज़ीला आँटी आने वाली होंगी.. अम्मी ने नज़ीला आँटी को फ़ोन करके कहा है कि वो मुझे अपने साथ अपने घर सुला लें!"

सुनील: "ओह ये क्या बात है... साला आज इतना अच्छा मौका था..!"

सानिया: "अब मैं क्या कर सकती हूँ... मैं तो खुद तुमसे मिलने के लिये तड़प रही थी...!"

तभी नज़ीला ने डोर-बेल बजा दी तो सुनील और सानिया दोनों हड़बड़ा गये। सुनील जल्दी से ऊपर चला गया। सानिया ने खुद को ठीक किया और दरवाजा खोला तो सामने नज़ीला खड़ी थी, "सानिया क्या कर रही थी?"

सानिया: "कुछ नहीं आँटी... पढ़ रही थी.!"

नज़ीला: "अच्छा वो लड़का जो ऊपर किराये पे रहता है आ गया क्या?"

सानिया: "हाँ आँटी!"

नज़ीला: कहाँ है वो?

सानिया: "ऊपर है... अपने कमरे में!"
 

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
नज़ीला: "अच्छा एक काम कर तू जल्दी से उसके लिये चाय बना दे... मैं उसे चाय दे आती हूँ... और उसे बता दूँगी कि आज तेरी अम्मी और अब्बू नहीं आयेंगे और तू मेरे साथ मेरे घर पर सोने जा रही है... खाना वो बाहर होटल में खा लेगा..!"

सानिया: "ठीक है आँटी!"

उसके बाद सानिया ने चाय बनायी और नज़ीला सुनील को चाय देने ऊपर चली गयी। सुनील अपने बेड पर बैठा कुछ सोच रहा था। नज़ीला ने उसकी तरफ़ देख कर मुस्कुराते हुए कहा, "चाय रखी है तुम्हारे लिये... पी लेना... वो आज रुखसाना और फ़ारूक भाई नहीं आ पायेंगे... इसलिये सानिया को मैं अपने साथ अपने घर ले जा रही हूँ... किसी चीज़ के जरूरत हो तो बे-तकल्लुफ़ बता दो...!"

सुनील: "जी कोई बात नहीं मैं मैनेज कर लुँगा..!"

नज़ीला पलट कर जाने लगी लेकिन फिर वो रुकी और सुनील की तरफ़ पलटी। "वैसे सुनील... रुखसाना ने जो आज प्लैन बनाया था... वो तो हाथ से गया... पर अगर तुम चाहो तो रात को नौ बजे आ सकते हो... मैं नौ बजे तक इंतज़ार करुँगी...!" नज़ीला ने कातिल मुस्कान के साथ सुनील की तरफ़ देखते हुए कहा।

सुनील: "पर सानिया... वो तो आपके घर ही जा रही है!"

नज़ीला: "तुम उसकी फ़िक्र ना करो... तुम ठीक नौ बजे मेरे घर आ जाना... गेट के बिल्कुल सामने मेरा पार्लर है... मैं उसका दरवाजा अंदर से खुला छोड़ दूँगी... पार्लर में आने के बाद अंदर से दरवाजा लॉक कर लेना और वहीं बैठे रहना... जब सानिया सो जायेगी तो मैं वहाँ आ जाऊँगी... और हाँ... तुम्हें कुछ लाने की जरूरत नहीं.... शराब और शबाब का सारा इंतज़ाम मैंने कर रखा है!"
 

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
उसके बाद नज़ीला सानिया को साथ लेकर अपने घर चली गयी। सानिया और नज़ीला और सलील रूम में बैठे थे। शाम के करीब साढ़े-छः बज चुके थे। "सानिया चल तेरा फेशियल और पेडिक्योर कर देती हूँ...!" नज़ीला ने सानिया को कहा। फिर सानिया और नज़ीला पार्लर में आ गये। सानिया ने अपनी सैंडल उतार दी और नज़ीला उसका पेडिक्योर करने लगी। "सानिया एक बात पूछूँ...?" नज़ीला ने सानिया की तरफ़ देखते हुए कहा।

सानिया: "हाँ आँटी.. पूछें!"

नज़ीला: "तुझे सुनील कैसा लगता है...!"

नज़ीला की बात सुन कर घबराते हुए सानिया बोली, "पर आँटी आप ये क्यों पूछ रही हो?"

नज़ीला: "चल अब नाटक करने से क्या फ़ायदा... मैं तुझे बता ही देती हूँ... जब मैं तेरे घर आयी थी... तब मैंने खिड़की सब देख लिया था... तू कैसे उससे अपने होंठ चुसवा रही थी... और वो तेरी फुद्दी को सलवार के अंदर हाथ डाल कर सहला रहा था...!"

ये बात सुनते ही सानिया के चेहरे का रंग एक दम से उड़ गया। उसका केलजा मुँह को आ गया। वो कभी अपने सामने नज़ीला की तरफ़ देखती जो उसके पैर की मालिश कर रही थी तो कभी नीचे फ़र्श की तरफ़। "तुझे ये सब करते हुए डर नहीं लगा... अगर तेरी अम्मी और अब्बू को पता चल गया कि तू उनके पीछे अपना मुँह काला करवाती फिरती है तो वो तुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे... बोल बताऊँ तेरी अम्मी को..?" नज़ीला की धमकी सुनकर सानिया की हालत रोने जैसी हो गयी थी। सानिया ने नज़ीला का हाथ पकड़ लिया और रुआँसी आवाज़ में बोली, "प्लीज़ आँटी... अम्मी-अब्बू को नहीं बताना... वो मुझे मार डालेंगे...!"
 

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
शिकार को अपने जाल में फंसते देख कर नज़ीला बोली, "तुझे क्या यही... दूसरे मज़हब का लड़का मिला था सानिया... क्यों क्या तूने उसके साथ ये सब!"

सानिया: "आँटी मैं सुनील से प्यार करती हूँ..!"

नज़ीला: "प्यार हुँम्म.... आने दे तेरे अम्मी और अब्बू को... सब प्यार-मोहब्बत भूल जायेगी!"

सानिया: "आँटी प्लीज़... आपको अल्लाह का वस्ता... प्लीज़ आप अम्मी और अब्बू से कुछ ना कहना!"

नज़ीला: "हम्म्म चल ठीक है... नहीं बताती... पर उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा...?"

सानिया: "आँटी आप जो कहेंगी मैं वो करुँगी!"

नज़ीला: "सोच ले वरना फिर ना कहना कि मैंने तुझे मौका नहीं दिया और तेरी अम्मी से तेरी शिकायत कर दी...!"

सानिया: "नहीं आँटी ऐसी नौबत नहीं आयेगी... आप जो कहेंगी मैं वो ही करुँगी..!"

नज़ीला: "तो फिर मेरी बात का सही-सही जवाब देना... ये बता तूने सुनील के साथ सैक्स किया है क्या... देख सच बोलना वरना पता लगाने के मुझे और भी तरीके आते हैं...!"

नज़ीला की बात सुन कर सानिया खामोश हो गयी। वो कुछ नहीं बोल पायी। नज़ीला ने फिर से उसे पूछा, "इसका मतलब तू उससे चुदवा चुकी है ना? बता मुझे!" सानिया ने हाँ में सिर हिला दिया।

नज़ीला: "हाय मेरे अल्लाह... तो तू हक़ीकत में उसका लंड अपनी फुद्दी मैं ले चुकी है... कब चोदी उसने तेरी फुद्दी?"

सानिया: "वो आँटी एक दिन घर पर ही..!"
 
  • Like
Reactions: shakirali

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
नज़ीला: "अरे तो इसमें इतना शरमाने या घबराने की क्या बात है... मैं तो तेरी सहेली जैसी हूँ... खैर चल मैं तेरा फेशियल कर देती हूँ पहले फिर तू जल्दी से घर जा और कोई और बढ़िया से कपड़े और सैंडल पहन कर आ... उसके बाद तेरा मेक-अप कर दुँगी ताकि रात को जब सुनील तुझे देखे तो बस दीवाना हो जाये!"

सानिया: "रात को सुनील... मैं समझी नहीं!"

नज़ीला: "चल ठीक है तो फिर सुन.... मैंने सुनील को आज रात यहाँ बुलाया है...!"

सानिया एक दम चौंकते हुए बोली, "क्या?"

नज़ीला: "हाँ मैंने उसे बुलाया है... वो रात को नौ बजे आयेगा.... अब मुद्दे की बात करते हैं... देख तुझे तो मालूम है कि तेरे अंकल तो मेरी चूत की प्यास नहीं बुझा पाते... इसलिये मुझे भी जवान लंड की ख्वाहिश है... आज मैं भी तेरे साथ उससे अपनी चूत की आग को ठंडा करवाउँगी!"

सानिया: "ये... ये आप क्या बोल रही हो आँटी!"

नज़ीला: "वही जो तू सुन रही है... अगर तुझे मेरी बात नहीं माननी तो ठीक है... मैं कल तेरी अम्मी को सब बता दुँगी...!"

सानिया: "नहीं नहीं... प्लीज़ आप अम्मी से कुछ नहीं कहना... आप जो बोलेंगी वो मैं करुँगी..!"

नज़ीला: "वेरी गुड... चल फिर रात के लिये तैयारी करते हैं!"
 

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
फिर नज़ीला ने सानिया का फेशियल किया और सानिया कपड़े बदलने अपने घर चली गयी। सुनील उस वक़्त घर पे नहीं था क्योंकि वो खाना खाने बाहर चला गया था। इतने में नज़ीला भी नहा कर बेहद सैक्सी सलवार कमीज़ पहन कर तैयार हो गयी। उसकी कमीज़ स्लीवलेस और बेहद गहरे गले वाली थी। रुखसाना से उसे सुनील की सब पसंद-नापसंद मालूम थी तो उसने बेहद ऊँची पेंसिल हील की कातिलाना सैंडल भी पहन ली। सानिया भी अपने घर से स्लीवलेस कुर्ती और पलाज़्ज़ो सलवार के साथ अपनी अम्मी की एक ऊँची हील वाली सेन्डल पहन कर आ गयी। फिर दोनों ने खाना खाया और उसके बाद नज़िला ने सानिया का और अपना अच्छे से मेक-अप किया। आठ बजे के करीब दोनों की फुद्दियाँ लंड लेने के मचलने लगी थीं।

रात के नौ बजे रहे थे। सलील नज़ीला के बेडरूम में सो चुका था और सानिया ड्राइंग रूम में टीवी देख रही थी। नज़ीला खिड़की के पास खड़ी होकर बार-बार बाहर झाँक रही थी... पर सुनील अभी तक नहीं आया था। नज़ीला की बेकरारी बढ़ती जा रही थी। साढ़े नौ बजे तक नज़ीला ने इंतज़ार किया और फिर मायूस होकर सानिया से कहा कि लगता है कि शायद सुनील नहीं आयेगा और फिर ये कह कर सानिया को दूसरे बेडरूम में भेज दिया कि अगर सुनील आया यो वो उसे वहीं ले आयेगी।
 

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
बेकरार और मायूस होकर नज़ीला कुद ड्राइंग रूम में ही अकेली बैठ कर शराब पीने लगी। उसने महंगी शराब की बोतल का खास इंतज़ाम किया था कि सुनील के साथ बैठ कर पियेगी लेकिन अब अकेले ही शराब पीते हुए वो अपने दिल में बार-बार सुनील को कोस रही थी। अगले आधे घंटे में नज़ीला दो स्ट्रॉंग पैग पी चुकी थी और तीसरा पैग पीते हुए उसके ज़हन में सानिया को आज रात अपने साथ लेस्बियन सैक्स में शरीक करने का मंसूबा बन रहा था। इतने में उसे बाहर गेट खुलने की आवाज़ आयी। उसने उठ कर खिड़की से झाँका तो उसे सुनील गेट के अंदर सामने पार्लर की तरफ़ जाता हुआ नज़र आया। नज़ीला को शराब पीने का ज्यादा तजुर्बा नहीं था और मायूसी में आज उसने आमतौर से ज़्यादा पी ली थी तो शराब का खासा नशा छाया हुआ था और वो हाई हील की सैंडल में झूमती हुई उस दरवाजे की तरफ़ बढ़ी जो उसके ब्यूटी पार्लर में खुलता था।

नज़ीला ने ब्यूटी पार्लर का दरवाजा खोला तो सुनील पार्लर में अंदर आ चुका था। नज़ीला ने उसे ब्यूटी पार्लर का मेन-डोर अंदर से लॉक करने को कहा और फिर उसे लेकर घर के अंदर ड्राइंग रूम में आ गयी। ब्यूटी पार्लर में तो हल्की सी नाइट-लैंप की रोशनी थी लेकिन ड्राइंग रूम की ट्यूब-लाइट की रोशनी में सामने का नज़ारा देख कर सुनील के होश उड़ गये। चालीस साल की एक गदरायी हुई औरत स्लीवलेस और बेहद गहरे गले की कमीज़ और सलवार पहने खड़ी थी... उसकी कमीज़ के गहरे गले में से उसका क्लीवेज और चूचियों का काफ़ी हिस्सा साफ़ झलक रहा था... शराब और हवस के नशे में चूर नज़ीला का हुस्न और उसके पैरों में हाइ हील के कातिलाना सैंडल देखते ही सुनील का लंड पैंट में झटके खाने लगा। वो नज़ीला के करीब गया और उसके चेहरे के करीब अपना चेहरा ले जाकर सरगोशी में बोला, "आप तो चुदने के लिये पूरी तैयारी करके बैठी हो..!"
 

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
नज़ीला उसे सोफ़े पर बिठा कर शराब का पैग देते हुए बड़ी अदा से मुस्कुराते हुए बोली, "यू लक्की बास्टर्ड क्या... किस्मत पायी है तुने.... अभी तो तुझे पता ही नहीं कि मैंने और क्या-क्या तैयारी की हुई है इस रात को यादगार बनने के लिये... मुझे तो लगा कि तू आयेगा ही नहीं..!" ये कह कर नज़ीला अपना शराब का पैग लेकर सुनील की गोद में उसकी जाँघ पर बैठ गयी और अपनी एक बाँह उसकी गर्दन में डाल दी। सुनील ने भी नज़ीला की कमर में एक बाँह डालते हुए उसकी गोलमटोल चूची को जोर से दबा दिया "आआहहहस्सीईई... जान लेगा क्या मेरी..." नज़ीला जोर से सिसकी। सुनील बोला, "मेरी बाइक पंक्चर हो गयी थी इसलिये देर हो गयी... वैसे मुझे भी तो पता चले कि आपने और क्या-क्या तैयारी कर रखी है... शराब और शराब के नशे में चूर शबाब तो मरे सामने है ही!"

नज़ीला शराब का घूँट पीते हुए अदा से बोली, "बताऊँ?" तो सुनील ने कहा कि "हाँ बताओ ना!" नज़ीला बेहद कातिलाना अंदाज़ में मुस्कुराते हुए बोली, "मेरी चूत के अलावा अंदर एक और चूत सज संवर कर तेरे लंड का इंतज़ार कर रही है..!"

"क्या.. कौन?" सुनील चौंकते हुए बोला। उसे लगा कि हो सकता है शायद रुखसाना वापस आ गयी है।
 

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
नज़ीला कमीनगी से मुस्कुराते हुए रसभरी आवाज़ में बोली, "सानिया और कौन... श्श्श अब तू सोच रहा होगा कि मुझे कैसे मालूम ये सब कैसे हुआ... है ना? तो चल मैं ही बता देती हूँ... आज जब तू घर आया था तब मैंने खिड़की से सब देख लिया था... कैसे तू उसकी चूत को मसल रहा था... फिर मैंने सानिया को ज़रा धमकाया कि मैं उसकी शिकायत रुखसाना से कर दुँगी... और उसे कबूल करने पर मजबूर कर दिया..!" नज़ीला की बात सुनकर सुनील समझ गया कि ये चुदक्कड़ औरत अपनी सहेली रुखसाना के विपरीत बिल्कुल बिंदास किस्म की है। "अच्छा... जितना मैं सोचता था... आप तो उससे कहीं ज्यादा चालाक हो... बहुत चालू चीज़ हो आप!" सुनील हंसते हुए बोला तो नज़िला ने कहा, "अरे चालू नहीं हूँ मैं... अब क्या करूँ मेरी ये चूत लंड के लिये तड़पती है... बस चूत के हाथों मजबूर हूँ... वैसे तू भी कम चालू नहीं है... दोनों माँ-बेटी को अपने लंड का दीवाना बना रखा है तूने... चल पैग खतम कर... अंदर चलते हैं.... सानिया भी तुझसे चुदने के लिये मरी जा रही है...!"

दोनों ने अपने पैग खतम किये और नज़ीला और सुनील दोनों सानिया वाले बेडरूम की तरफ़ जाने लगे। हाइ हील के सैंडल में चलते हुए नशे की हालत में नज़ीला के कदमों में लड़खड़ाहट नुमाया तौर पे मौजूद थी। पहले नज़ीला बेडरूम में दाखिल हुई। बेडरूम में ट्यूब-लाइट जल रही थी और सानिया बेड पर पैर नीचे लटका कर बैठी हुई कोई मैगज़ीन पढ़ रही थी। उसने अपने कपड़े नहीं बदले थे क्योंकि उसे भी उम्मीद थी कि शायद सुनी.ल आ जाये। नज़ीला को देख कर सानिया का दिल जोरों से धड़कने लगा। नज़ीला ने बाहर खड़े सुनील को अंदर आने का इशारा किया और जैसे ही सुनील अंदर आया तो सानिया के दिल की धड़कनें और तेज़ हो गयीं। अंदर आते ही नज़ीला ने सुनील को दीवार से सटा दिया और खुद उसके सामने घुटनों के बल नीचे कालीनदार फर्श पर बैठ गयी। उसने सुनील की ट्रैक-पैंट को पकड़ कर नीचे खींचा तो सुनील का आठ-इंच का लम्बा-मोटा अनकटा लंड बाहर आकर झटके खाने लगा। नज़ीला के पीछे बिस्तर पे बैठी हुई सानिया ये सब अपनी फटी आँखों से देख रही थी। नजीला ने सुनील के लौड़े को अपनी मुट्ठी में भर लिया और सानिया की तरफ़ सुनील के लंड को दिखाते हुए बोली, "हाय अल्लाह... देख कैसे शरमा रही है... जैसे पहली दफ़ा अपने आशिक़ का लंड देख रही हो..!" और फिर सानिया की तरफ़ देखते हुए सुनील के लंड को ज़ोर से हिलने लगी। नज़ीला ने एक हाथ सानिया की तरफ़ बढ़ाया जो उसके पीछे दो फुट की दूरी पर बेड पर नीचे पैर लटकाये बैठी थी।
 

Rohit Kapoor

Member
234
484
64
नज़ीला ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ़ खींचा पर सानिया हिली नहीं। नज़ीला ने फिर से उसे जोर लगा कर अपनी तरफ़ खींचा तो सानिया उठ कर उसके करीब आ गयी और नज़ीला ने उसे अपने पास खींचते हुए बिठा लिया। "क्या हुआ सानिया... तू पहली दफ़ा तो नहीं देख रही है सुनील का लंड... इतना क्यों शरमा रही है... ले पकड़ इसे हाथ में... माशाल्लाह ऐसा लंड तो बस ब्लू-फ़िल्मों में ही देखा है!" नज़ीला ने सानिया का हाथ पकड़ कर सुनील के लंड पर रखना चाहा तो सानिया ने अपना हाथ पीछे कर लिया और ना में सिर हिलाने लगी। नज़ीला की मौजूदगी में उसे बहोत अजीब लग रहा था। "चल तेरी मर्ज़ी... फिर बैठ कर देखती रह...!"

नज़ीला ने सुनील के लंड को छोड़ा और अपनी कमिज़ को दोनों हाथों से पकड़ कर ऊपर उठाते हुए अपने गले से निकल कर सानिया की तरफ़ फेंक दिया। नज़ीला ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उसकी छत्तीस-डी साइज़ के बड़ी-बड़ी चूचियाँ ट्यूब-लाइट की रोशनी में चमकने लगी। फिर नज़ीला ने सुनील के लंड को पकड़ा और अपनी दोनों चूचियों के बीच में लेकर उसके लंड को रगड़ने लगी। सुनील ने सानिया की तरफ़ देखा जो बड़ी दिलचस्पी से उनकी तरफ़ देख रही थी। सुनील ने नज़ीला के मम्मों को पकड़ कर अपने लंड को उसके मम्मों के बीच की गहरी घाटी में आगे-पीछे करते हुए रगड़ना शुरू कर दिया। दोनों के मुँह से 'आहह आहह ओहह' जैसी सिसकारियाँ निकल रही थी जिन्हें करीब बैठी सानिया सुन कर गरम होने लगी थी। सुनील पूरी मस्ती मैं नज़ीला की बड़ी-बड़ी गुदाज़ चूचियों के बीच अपने लंड को रगड़ रहा था और नज़ीला अपने सिर को नीचे के तरफ़ झुकाये हुए सुनील के लंड के सुपाड़ा को देख रही थी जो उसकी चूचियों के बीच से बाहर आता और फिर से अंदर छुप जाता। नज़ीला की चूत सुनील के लाल हो चुके लंड के सुपाड़ा को देख कर और चुलचुलाने लगी थी।
 
Top