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Adultery महिला कारावास

niks1987

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"जिग्नेश! बस, अब और नहीं। कॉलेज का टाइम होने वाला है। मुझे घर जाना है। नहीं तो मम्मी को फिर शक हो जाएगा और फिर से परेशानी हो जाएगी।" किंजल जिग्नेश को दूर करते हुए बोली।

"बस 5 मिनट।" जिग्नेश उसे वापस खींचता हुआ बोला।
"कोई 5 मिनट नहीं। दो बार हो चुका है मेरे अंदर और जान नहीं है।" किंजल फिर कसमसाई। पर अंदर से उसका और मन कर रहा था। उसे अब तक वह शांति नहीं मिली थी जो इस नई नई जवानी में मिलनी चाहिए। वह घर पर कोई क्लेश नहीं चाहती थी इसलिए उसमें फटाफट उठना ही सही समझा। दोनों एक सस्ते ओयो रूम में आए थे। किंजल और उसकी सहेली ने आज कॉलेज बंक किया था। वह दूसरे कमरे में अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी।
किंजल उठकर कपड़े पहनने लगी।
"सुन तुझसे कुछ कहना था।" जिग्नेश वैसे ही नंगा लेटा लेटा बोला।
"हां बोल।"
"अगले महीने मेरे एक दोस्त की शादी है। मैंने रेमंड के शोरूम के बाहर एक बहुत बढ़िया सूट देखा था। पर था बहुत महंगा। मेरी इतनी कैपेसिटी नहीं है। तू कुछ हेल्प कर देगी?।" जिग्नेश बोला।
"जानू यह भी कोई पूछने की बात है। तु बस एक बार बोल मैं तो हमेशा तेरे साथ हूं।" किंजल मैं जिग्नेश की तरफ प्यार से देख कर बोला।
"अभी 6 महीने पहले ही तुमने मुझे फोन गिफ्ट किया था, तुम मुझे ऐसे पूछना अच्छा नहीं लग रहा था।" जिग्नेश धीरे से बोला।
"क्यों तू मुझे अपना नहीं समझता क्या?"
"अच्छा ठीक है मैं बहस नहीं करता तुझे जैसे ठीक लगे मुझे बता देना।"जिग्नेश अंदर ही अंदर खुश होते हुए बेड से उठा और कपड़े पहनने लगा।
किंजल ने अपनी सहेली को मैसेज डाला कि वह निकल रही है। उसने रिप्लाई किया कि वह भी बाहर आ रही है। चारों एक साथ होटल से बाहर निकले। किंजल और निधि किंजल की एक्टिवा पर बैठकर घर के लिए निकल गए।

"और फिर कितने रन मारे" निधि ने पीछे बैठे पूछा।
"अच्छा जी! अपने रन गिन। मुझे तो प्यार करता है रन की कोई चिंता नहीं करती।" किंजल की तरह से हुए बोली।
निधि ने मस्ती से उसकी कमर में चिकोटी काटी।

"आह!!!" अचानक कमर के नीचे हुए तेज दर्द से किंजल की आंख खुली। उसने अपनेआपको डिस्पेंसरी के वार्ड में पाया। उसने चारों और देखा। वार्ड में 6 बेड लगे थे। उसके अलावा सिर्फ एक मरीज और थी। दर्द और नींद की वजह से किंजल को साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसके पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। हाथ में ग्लूकोस की ड्रिप लगी थी। उसने सोचा भी नहीं था जेल में उसके साथ यह सलूक होने वाला है। उसने पास रखे गिलास से पानी उठाकर पिया और फिर से नींद के आगोश में चली गई।
सुबह एक औरत ने हिला कर किंजल को जगाया। किंजल के शरीर में अभी भी उठते वक्त दर्द हो रहा था। उसने देखा वह औरत कैदी ही थी लेकिन शायद वार्ड नर्स का काम कर रही थी। करीब 35 40 साल की साफ-सुथरी औरत थी। उसने किंजल को खाने की थाली दी और साथ में दवाई दी। किंजल ने खाना खाना शुरू किया उसने देखा उसके सामने बैठी औरत को भी नर्स ने खाना दे दिया था। यह वही काली औरत थी जिसकी लॉन्ड्री में ठुकाई हुई थी। बिचारी ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी बाजू पर चोटों के निशान पड़े हुए थे। किंजल को उसे देख कर बहुत दया आ रही थी। पर तभी उसे याद आया कि यह तो बच्चे किडनैप करने वाली है। तभी डॉक्टर भी अंदर आई। गोरी चिट्टी 33 साल की महिला थी। सूट पहना हुआ था ऊपर से डॉक्टर का कोट। उसने किंजल को चेक किया और कहा, "बचाव हो गया कोई अंदरूनी चोट नहीं लगी। थोड़ी देर में तुझे डिस्चार्ज कर दूंगी अपनी दवाई लेती रहना।" किंजल को सुनकर सुकून मिला।
डॉक्टर दोनों को चेक करके चली गई।
वह काली औरत किंजल की तरफ ही देख रही थी। किंजल ने उसकी ओर देखा और पूछा "आपका क्या नाम है?"
"सरिता"
"वह मौसी ने आपके साथ ऐसा क्यों किया?" किंजल ने पूछा।
"तुझे क्या लेना अपने काम से काम रखना।" सरिता ने तीखा सा जवाब दिया।

इतने में शिफा और सोनिया अंदर आई। दोनों किनजल के पास आकर खड़ी हो गई। "तुझे बोला था ना दूर रहना सबसे। समझ नहीं आई थी क्या?" सोनिया ने पूछा
"मैंने कुछ नहीं किया उन सब ने ही अचानक से पकड़ कर मुझे मारना शुरू कर दिया। यह जरूर उस मौसी ने करवाया होगा।" किंजल रोवासी होती हुई बोली।
"अगर मौसी ने करना होता ना तो वह सामने देख उसकी क्या हालत की है। ऐसे भी तुझे टाइम दिया है। ये बाकी लोगों को वैसे ही खुजली होती है।" सोनिया ने जवाब दिया।

"आंटी में आपके साथ काम करूंगी। बस मुझे उस बैरक में नही जाना और मौसी से बचा लो।" कीजल को फिर घबराहट होने लगी।
"टेंशन मत ले मैं देखती हूं कुछ।" शिफा ने उसका हाथ पकड़ के बोला। शिफा और सोनिया उठ के बाहर जाने लगी। बाहर आके सोनिया बोली।" ये अच्छा माल कमा के देगी।"

"आपको मौसी ने कोई ऑफर नहीं दिया था क्या?" किंजल ने फिर सरिता को पूछा।
"नहीं जिस बच्चे को मैंने और मेरे पति ने किडनैप किया था उसके बाप ने मौसी को शायद ज्यादा माल खिलाया है इसीलिए उसने मेरी यह हालत की।" सरिता बोली। "बहुत बड़ी गलती हो गई। यहां तो मेरा जीना नर्क हो गया है। तेरे बारे में भी सुना मैंने। तुझे क्या पड़ी थी अपने मां-बाप को मारने की?" किंजल ने शर्म से सर दूसरी तरफ कर लिया और कोई जवाब नही दिया।
"तुमने बताया नही किसी को कि किसने किया तुम्हारे साथ ये सब।" किंजल ने पूछा।
"अभी जिंदा हूं, बताऊंगी तो जान भी नहीं बचेगी।"

किंजल चुपचाप इधर उधर देखने लगी।

उधर शिफा वार्डन के ऑफिस में।

"मैडम वह डबल मर्डर वाली किंजल को मेरे बैरक में शिफ्ट कर दो। वो मेरे साथ काम करने को राजी है।" शिफा ने बोला।
"तूने कैसे मनाया उस बड़े घर की औलाद को?" वार्डन ने आराम से कुर्सी पे पीछे पीठ सीधी करते हुए पूछा।
"डर अच्छे अच्छों का दिमाग खोल देता है, यह तो फिर कल की छोकरी है" शिफा ने मुस्कुराते हुए कहा।

"ठीक है मैं आर्डर भेज दूंगी। पर माल टाइम पर आ जाना चाहिए।" वार्डन ने बोला।
"वह मेरी जिम्मेदारी"शिफा ने निकलते हुए बोला।


उधर किंजल को दोपहर का खाना आ गया। नर्स ने सरिता से पूछा। "अब हालत कैसी है।"
"हगते मूटते बहुत दर्द होता है।" सरिता ने लाचारी से जवाब दिया।
"कोई न। क्रीम लगाती रह और दावा लेती रह। आगे से इन लोगों से दूर ही रह।" नर्स ने समझाया।
सरिता बेचारी क्या बताती। वो तो दूर ही थी। वो खुद उसे घसीट ले गए।

तभी शिफा आई। "तेरा काम कर दिया है आज तू हमारे बैरक में सोएगी। मौसी से भी मैंने बात कर ली है। जल्दी से ठीक हो कर काम पर लग जा ताकी मौसी को पहली किस्त भेज दू।"

"थैंक यू। पर मुझे काम क्या करना होगा?" किंजल ने पूछा।
"बता दूंगी
पहले ठीक हो कर बाहर आ जा आराम कर ले।" शिफा निकल गई।
 

king cobra

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"जिग्नेश! बस, अब और नहीं। कॉलेज का टाइम होने वाला है। मुझे घर जाना है। नहीं तो मम्मी को फिर शक हो जाएगा और फिर से परेशानी हो जाएगी।" किंजल जिग्नेश को दूर करते हुए बोली।

"बस 5 मिनट।" जिग्नेश उसे वापस खींचता हुआ बोला।
"कोई 5 मिनट नहीं। दो बार हो चुका है मेरे अंदर और जान नहीं है।" किंजल फिर कसमसाई। पर अंदर से उसका और मन कर रहा था। उसे अब तक वह शांति नहीं मिली थी जो इस नई नई जवानी में मिलनी चाहिए। वह घर पर कोई क्लेश नहीं चाहती थी इसलिए उसमें फटाफट उठना ही सही समझा। दोनों एक सस्ते ओयो रूम में आए थे। किंजल और उसकी सहेली ने आज कॉलेज बंक किया था। वह दूसरे कमरे में अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी।
किंजल उठकर कपड़े पहनने लगी।
"सुन तुझसे कुछ कहना था।" जिग्नेश वैसे ही नंगा लेटा लेटा बोला।
"हां बोल।"
"अगले महीने मेरे एक दोस्त की शादी है। मैंने रेमंड के शोरूम के बाहर एक बहुत बढ़िया सूट देखा था। पर था बहुत महंगा। मेरी इतनी कैपेसिटी नहीं है। तू कुछ हेल्प कर देगी?।" जिग्नेश बोला।
"जानू यह भी कोई पूछने की बात है। तु बस एक बार बोल मैं तो हमेशा तेरे साथ हूं।" किंजल मैं जिग्नेश की तरफ प्यार से देख कर बोला।
"अभी 6 महीने पहले ही तुमने मुझे फोन गिफ्ट किया था, तुम मुझे ऐसे पूछना अच्छा नहीं लग रहा था।" जिग्नेश धीरे से बोला।
"क्यों तू मुझे अपना नहीं समझता क्या?"
"अच्छा ठीक है मैं बहस नहीं करता तुझे जैसे ठीक लगे मुझे बता देना।"जिग्नेश अंदर ही अंदर खुश होते हुए बेड से उठा और कपड़े पहनने लगा।
किंजल ने अपनी सहेली को मैसेज डाला कि वह निकल रही है। उसने रिप्लाई किया कि वह भी बाहर आ रही है। चारों एक साथ होटल से बाहर निकले। किंजल और निधि किंजल की एक्टिवा पर बैठकर घर के लिए निकल गए।

"और फिर कितने रन मारे" निधि ने पीछे बैठे पूछा।
"अच्छा जी! अपने रन गिन। मुझे तो प्यार करता है रन की कोई चिंता नहीं करती।" किंजल की तरह से हुए बोली।
निधि ने मस्ती से उसकी कमर में चिकोटी काटी।

"आह!!!" अचानक कमर के नीचे हुए तेज दर्द से किंजल की आंख खुली। उसने अपनेआपको डिस्पेंसरी के वार्ड में पाया। उसने चारों और देखा। वार्ड में 6 बेड लगे थे। उसके अलावा सिर्फ एक मरीज और थी। दर्द और नींद की वजह से किंजल को साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसके पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। हाथ में ग्लूकोस की ड्रिप लगी थी। उसने सोचा भी नहीं था जेल में उसके साथ यह सलूक होने वाला है। उसने पास रखे गिलास से पानी उठाकर पिया और फिर से नींद के आगोश में चली गई।
सुबह एक औरत ने हिला कर किंजल को जगाया। किंजल के शरीर में अभी भी उठते वक्त दर्द हो रहा था। उसने देखा वह औरत कैदी ही थी लेकिन शायद वार्ड नर्स का काम कर रही थी। करीब 35 40 साल की साफ-सुथरी औरत थी। उसने किंजल को खाने की थाली दी और साथ में दवाई दी। किंजल ने खाना खाना शुरू किया उसने देखा उसके सामने बैठी औरत को भी नर्स ने खाना दे दिया था। यह वही काली औरत थी जिसकी लॉन्ड्री में ठुकाई हुई थी। बिचारी ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी बाजू पर चोटों के निशान पड़े हुए थे। किंजल को उसे देख कर बहुत दया आ रही थी। पर तभी उसे याद आया कि यह तो बच्चे किडनैप करने वाली है। तभी डॉक्टर भी अंदर आई। गोरी चिट्टी 33 साल की महिला थी। सूट पहना हुआ था ऊपर से डॉक्टर का कोट। उसने किंजल को चेक किया और कहा, "बचाव हो गया कोई अंदरूनी चोट नहीं लगी। थोड़ी देर में तुझे डिस्चार्ज कर दूंगी अपनी दवाई लेती रहना।" किंजल को सुनकर सुकून मिला।
डॉक्टर दोनों को चेक करके चली गई।
वह काली औरत किंजल की तरफ ही देख रही थी। किंजल ने उसकी ओर देखा और पूछा "आपका क्या नाम है?"
"सरिता"
"वह मौसी ने आपके साथ ऐसा क्यों किया?" किंजल ने पूछा।
"तुझे क्या लेना अपने काम से काम रखना।" सरिता ने तीखा सा जवाब दिया।

इतने में शिफा और सोनिया अंदर आई। दोनों किनजल के पास आकर खड़ी हो गई। "तुझे बोला था ना दूर रहना सबसे। समझ नहीं आई थी क्या?" सोनिया ने पूछा
"मैंने कुछ नहीं किया उन सब ने ही अचानक से पकड़ कर मुझे मारना शुरू कर दिया। यह जरूर उस मौसी ने करवाया होगा।" किंजल रोवासी होती हुई बोली।
"अगर मौसी ने करना होता ना तो वह सामने देख उसकी क्या हालत की है। ऐसे भी तुझे टाइम दिया है। ये बाकी लोगों को वैसे ही खुजली होती है।" सोनिया ने जवाब दिया।

"आंटी में आपके साथ काम करूंगी। बस मुझे उस बैरक में नही जाना और मौसी से बचा लो।" कीजल को फिर घबराहट होने लगी।
"टेंशन मत ले मैं देखती हूं कुछ।" शिफा ने उसका हाथ पकड़ के बोला। शिफा और सोनिया उठ के बाहर जाने लगी। बाहर आके सोनिया बोली।" ये अच्छा माल कमा के देगी।"

"आपको मौसी ने कोई ऑफर नहीं दिया था क्या?" किंजल ने फिर सरिता को पूछा।
"नहीं जिस बच्चे को मैंने और मेरे पति ने किडनैप किया था उसके बाप ने मौसी को शायद ज्यादा माल खिलाया है इसीलिए उसने मेरी यह हालत की।" सरिता बोली। "बहुत बड़ी गलती हो गई। यहां तो मेरा जीना नर्क हो गया है। तेरे बारे में भी सुना मैंने। तुझे क्या पड़ी थी अपने मां-बाप को मारने की?" किंजल ने शर्म से सर दूसरी तरफ कर लिया और कोई जवाब नही दिया।
"तुमने बताया नही किसी को कि किसने किया तुम्हारे साथ ये सब।" किंजल ने पूछा।
"अभी जिंदा हूं, बताऊंगी तो जान भी नहीं बचेगी।"

किंजल चुपचाप इधर उधर देखने लगी।

उधर शिफा वार्डन के ऑफिस में।

"मैडम वह डबल मर्डर वाली किंजल को मेरे बैरक में शिफ्ट कर दो। वो मेरे साथ काम करने को राजी है।" शिफा ने बोला।
"तूने कैसे मनाया उस बड़े घर की औलाद को?" वार्डन ने आराम से कुर्सी पे पीछे पीठ सीधी करते हुए पूछा।
"डर अच्छे अच्छों का दिमाग खोल देता है, यह तो फिर कल की छोकरी है" शिफा ने मुस्कुराते हुए कहा।

"ठीक है मैं आर्डर भेज दूंगी। पर माल टाइम पर आ जाना चाहिए।" वार्डन ने बोला।
"वह मेरी जिम्मेदारी"शिफा ने निकलते हुए बोला।


उधर किंजल को दोपहर का खाना आ गया। नर्स ने सरिता से पूछा। "अब हालत कैसी है।"
"हगते मूटते बहुत दर्द होता है।" सरिता ने लाचारी से जवाब दिया।
"कोई न। क्रीम लगाती रह और दावा लेती रह। आगे से इन लोगों से दूर ही रह।" नर्स ने समझाया।
सरिता बेचारी क्या बताती। वो तो दूर ही थी। वो खुद उसे घसीट ले गए।

तभी शिफा आई। "तेरा काम कर दिया है आज तू हमारे बैरक में सोएगी। मौसी से भी मैंने बात कर ली है। जल्दी से ठीक हो कर काम पर लग जा ताकी मौसी को पहली किस्त भेज दू।"

"थैंक यू। पर मुझे काम क्या करना होगा?" किंजल ने पूछा।
"बता दूंगी
पहले ठीक हो कर बाहर आ जा आराम कर ले।" शिफा निकल गई।
Ab bechari ki jabardast thulai hogi ushi ma paise kamayegi
 
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Raja maurya

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"जिग्नेश! बस, अब और नहीं। कॉलेज का टाइम होने वाला है। मुझे घर जाना है। नहीं तो मम्मी को फिर शक हो जाएगा और फिर से परेशानी हो जाएगी।" किंजल जिग्नेश को दूर करते हुए बोली।

"बस 5 मिनट।" जिग्नेश उसे वापस खींचता हुआ बोला।
"कोई 5 मिनट नहीं। दो बार हो चुका है मेरे अंदर और जान नहीं है।" किंजल फिर कसमसाई। पर अंदर से उसका और मन कर रहा था। उसे अब तक वह शांति नहीं मिली थी जो इस नई नई जवानी में मिलनी चाहिए। वह घर पर कोई क्लेश नहीं चाहती थी इसलिए उसमें फटाफट उठना ही सही समझा। दोनों एक सस्ते ओयो रूम में आए थे। किंजल और उसकी सहेली ने आज कॉलेज बंक किया था। वह दूसरे कमरे में अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी।
किंजल उठकर कपड़े पहनने लगी।
"सुन तुझसे कुछ कहना था।" जिग्नेश वैसे ही नंगा लेटा लेटा बोला।
"हां बोल।"
"अगले महीने मेरे एक दोस्त की शादी है। मैंने रेमंड के शोरूम के बाहर एक बहुत बढ़िया सूट देखा था। पर था बहुत महंगा। मेरी इतनी कैपेसिटी नहीं है। तू कुछ हेल्प कर देगी?।" जिग्नेश बोला।
"जानू यह भी कोई पूछने की बात है। तु बस एक बार बोल मैं तो हमेशा तेरे साथ हूं।" किंजल मैं जिग्नेश की तरफ प्यार से देख कर बोला।
"अभी 6 महीने पहले ही तुमने मुझे फोन गिफ्ट किया था, तुम मुझे ऐसे पूछना अच्छा नहीं लग रहा था।" जिग्नेश धीरे से बोला।
"क्यों तू मुझे अपना नहीं समझता क्या?"
"अच्छा ठीक है मैं बहस नहीं करता तुझे जैसे ठीक लगे मुझे बता देना।"जिग्नेश अंदर ही अंदर खुश होते हुए बेड से उठा और कपड़े पहनने लगा।
किंजल ने अपनी सहेली को मैसेज डाला कि वह निकल रही है। उसने रिप्लाई किया कि वह भी बाहर आ रही है। चारों एक साथ होटल से बाहर निकले। किंजल और निधि किंजल की एक्टिवा पर बैठकर घर के लिए निकल गए।

"और फिर कितने रन मारे" निधि ने पीछे बैठे पूछा।
"अच्छा जी! अपने रन गिन। मुझे तो प्यार करता है रन की कोई चिंता नहीं करती।" किंजल की तरह से हुए बोली।
निधि ने मस्ती से उसकी कमर में चिकोटी काटी।

"आह!!!" अचानक कमर के नीचे हुए तेज दर्द से किंजल की आंख खुली। उसने अपनेआपको डिस्पेंसरी के वार्ड में पाया। उसने चारों और देखा। वार्ड में 6 बेड लगे थे। उसके अलावा सिर्फ एक मरीज और थी। दर्द और नींद की वजह से किंजल को साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसके पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। हाथ में ग्लूकोस की ड्रिप लगी थी। उसने सोचा भी नहीं था जेल में उसके साथ यह सलूक होने वाला है। उसने पास रखे गिलास से पानी उठाकर पिया और फिर से नींद के आगोश में चली गई।
सुबह एक औरत ने हिला कर किंजल को जगाया। किंजल के शरीर में अभी भी उठते वक्त दर्द हो रहा था। उसने देखा वह औरत कैदी ही थी लेकिन शायद वार्ड नर्स का काम कर रही थी। करीब 35 40 साल की साफ-सुथरी औरत थी। उसने किंजल को खाने की थाली दी और साथ में दवाई दी। किंजल ने खाना खाना शुरू किया उसने देखा उसके सामने बैठी औरत को भी नर्स ने खाना दे दिया था। यह वही काली औरत थी जिसकी लॉन्ड्री में ठुकाई हुई थी। बिचारी ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी बाजू पर चोटों के निशान पड़े हुए थे। किंजल को उसे देख कर बहुत दया आ रही थी। पर तभी उसे याद आया कि यह तो बच्चे किडनैप करने वाली है। तभी डॉक्टर भी अंदर आई। गोरी चिट्टी 33 साल की महिला थी। सूट पहना हुआ था ऊपर से डॉक्टर का कोट। उसने किंजल को चेक किया और कहा, "बचाव हो गया कोई अंदरूनी चोट नहीं लगी। थोड़ी देर में तुझे डिस्चार्ज कर दूंगी अपनी दवाई लेती रहना।" किंजल को सुनकर सुकून मिला।
डॉक्टर दोनों को चेक करके चली गई।
वह काली औरत किंजल की तरफ ही देख रही थी। किंजल ने उसकी ओर देखा और पूछा "आपका क्या नाम है?"
"सरिता"
"वह मौसी ने आपके साथ ऐसा क्यों किया?" किंजल ने पूछा।
"तुझे क्या लेना अपने काम से काम रखना।" सरिता ने तीखा सा जवाब दिया।

इतने में शिफा और सोनिया अंदर आई। दोनों किनजल के पास आकर खड़ी हो गई। "तुझे बोला था ना दूर रहना सबसे। समझ नहीं आई थी क्या?" सोनिया ने पूछा
"मैंने कुछ नहीं किया उन सब ने ही अचानक से पकड़ कर मुझे मारना शुरू कर दिया। यह जरूर उस मौसी ने करवाया होगा।" किंजल रोवासी होती हुई बोली।
"अगर मौसी ने करना होता ना तो वह सामने देख उसकी क्या हालत की है। ऐसे भी तुझे टाइम दिया है। ये बाकी लोगों को वैसे ही खुजली होती है।" सोनिया ने जवाब दिया।

"आंटी में आपके साथ काम करूंगी। बस मुझे उस बैरक में नही जाना और मौसी से बचा लो।" कीजल को फिर घबराहट होने लगी।
"टेंशन मत ले मैं देखती हूं कुछ।" शिफा ने उसका हाथ पकड़ के बोला। शिफा और सोनिया उठ के बाहर जाने लगी। बाहर आके सोनिया बोली।" ये अच्छा माल कमा के देगी।"

"आपको मौसी ने कोई ऑफर नहीं दिया था क्या?" किंजल ने फिर सरिता को पूछा।
"नहीं जिस बच्चे को मैंने और मेरे पति ने किडनैप किया था उसके बाप ने मौसी को शायद ज्यादा माल खिलाया है इसीलिए उसने मेरी यह हालत की।" सरिता बोली। "बहुत बड़ी गलती हो गई। यहां तो मेरा जीना नर्क हो गया है। तेरे बारे में भी सुना मैंने। तुझे क्या पड़ी थी अपने मां-बाप को मारने की?" किंजल ने शर्म से सर दूसरी तरफ कर लिया और कोई जवाब नही दिया।
"तुमने बताया नही किसी को कि किसने किया तुम्हारे साथ ये सब।" किंजल ने पूछा।
"अभी जिंदा हूं, बताऊंगी तो जान भी नहीं बचेगी।"

किंजल चुपचाप इधर उधर देखने लगी।

उधर शिफा वार्डन के ऑफिस में।

"मैडम वह डबल मर्डर वाली किंजल को मेरे बैरक में शिफ्ट कर दो। वो मेरे साथ काम करने को राजी है।" शिफा ने बोला।
"तूने कैसे मनाया उस बड़े घर की औलाद को?" वार्डन ने आराम से कुर्सी पे पीछे पीठ सीधी करते हुए पूछा।
"डर अच्छे अच्छों का दिमाग खोल देता है, यह तो फिर कल की छोकरी है" शिफा ने मुस्कुराते हुए कहा।

"ठीक है मैं आर्डर भेज दूंगी। पर माल टाइम पर आ जाना चाहिए।" वार्डन ने बोला।
"वह मेरी जिम्मेदारी"शिफा ने निकलते हुए बोला।


उधर किंजल को दोपहर का खाना आ गया। नर्स ने सरिता से पूछा। "अब हालत कैसी है।"
"हगते मूटते बहुत दर्द होता है।" सरिता ने लाचारी से जवाब दिया।
"कोई न। क्रीम लगाती रह और दावा लेती रह। आगे से इन लोगों से दूर ही रह।" नर्स ने समझाया।
सरिता बेचारी क्या बताती। वो तो दूर ही थी। वो खुद उसे घसीट ले गए।

तभी शिफा आई। "तेरा काम कर दिया है आज तू हमारे बैरक में सोएगी। मौसी से भी मैंने बात कर ली है। जल्दी से ठीक हो कर काम पर लग जा ताकी मौसी को पहली किस्त भेज दू।"

"थैंक यू। पर मुझे काम क्या करना होगा?" किंजल ने पूछा।
"बता दूंगी
पहले ठीक हो कर बाहर आ जा आराम कर ले।" शिफा निकल गई।
Fantastic update Bhai
 
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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किंजल उन दोनों औरतों के पास नीचे बैठ गई शिफा और सोनिया भी उसके साथ ही अपने कपड़े लेकर बैठ गई। जैसे-जैसे वह सब कपड़े धो रही थी किंजल ने भी उनको देखकर कपड़े धोना शुरू किया। पांचों के बदन पर लिपटी हुई चादर पानी से गीली हो गई थी और उनके अंदर का सारा सामान सामने दिख रहा था। घुटने मोड़कर बैठने की वजह से पांचों को एक दूसरे की च** सामने दिखाई दे रही थी। किंजल ने देखा शिफा की मोटी मोटी जांघों के बीच में च** की मोटी मोटी फांके दिख रही थी। जैसे किसी बड़े से रस भरे सेब को काटकर रखा हो। सोनिया का रंग सावला था और च** काली। बाकी दोनों औरतों की च** बालों से भरी थी और कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। किंजल अपनी टांगों को जोड़कर अपनी च** को छुपाने का बेबस सा प्रयास कर रही थी। पर फिर उससे कपड़े धोते नहीं बन रहा था। शिफा ने उसे देखा और मुस्कुराई।"तेरे पास कुछ नया नहीं है जो तेरे पास है वह हमारे पास भी है आराम से बैठ और अपने कपड़े धो।"किंजल ने शर्म से लाल होते हुए अपने घुटने फैला लिए और कपड़े धोने लगी। शिफा को उसकी बालों से भरी हुई छोटी कमसिन च** दिखाई दे रही थी। सोनिया भी उसकी टांगों के बीच ही घूर रही थी। बालों के बीच भी साफ दिखाई देता था कि उसकी च** चोदी तो हुई है लेकिन कुछ खास नहीं।

कपड़े निपटा कर तीनों उठी और वापस अपने शरीर पर पानी डाला और पहुंचकर साफ कपड़े पहन लिए। लेकिन किंजल के कपड़े गीले थे उसने समझ नहीं आ रहा था अब वह क्या करें। शिफा ने उसे वहीं दीवार के ऊपर कपड़े डालने को बोला।
"धूप तेज है आधे घंटे में सूख जाएंगे थोड़ी देर इंतजार कर ले।"
किंजल ने वैसे ही किया।
"हम दोनों बाहर जा रहे हैं थोड़ी देर में रात के खाने का टाइम हो जाएगा हम लाइन में लगकर तेरा खाना लेते हैं तू अपने कपड़े पहन के आ जाना।" शिफा बोली।

शिफा और सोनिया दोनों यह कहकर बाहर निकल गई।
सोनिया वही अंदर एक जगह बैठ गई। धीरे-धीरे दिन ढलने को आया। तभी गुसलखाने में एक औरत अंदर आई। बिल्कुल दूध जैसी गोरी बाल सलीके से बंधे हुए। जेल की साड़ी सलीके से पहनी हुई। उसने चादर में लिपटी हुई सोनिया को ध्यान से घूरा। और उन दोनों औरतों को देखते हुए बोली, "मेरे कपड़े धुल गए या नहीं?" एक कैदी खड़ी हुई और उसके हाथ में कुछ कपड़े रख दिए। फिर वह किंजल की तरफ घूमी। "तू इस गुसल खाने में क्या कर रही है? तुझे पता नहीं क्या यह वीआईपी एरिया है।"
"वो वो ....." किंजल हकला रही थी।
"शिफा दीदी के साथ आई थी यहा।" इतने में वो कपड़े धोने वाली औरत बोली।
उस औरत ने एक बार फिर पंचल को ऊपर से नीचे देखा। उसके भीगे हुई चादर में अंदर का सारा सामान देखा और बाहर निकल गई।

किंजल भी उठी उसने अपने कपड़ों को देखा काफी हद तक सूख चुके थे उसने अपनी वही चादर हटाई और कपड़े पहन लिए। और बाहर निकल गई। रात के खाने की घंटी 6:30 बज चुकी थी। किंजल खाने के एरिया की तरफ बढ़ी। सामने लाइन में से सोनिया चार थाली लेकर आई। किंजल उसी तरफ बढ़ गई। सोनिया ने किंजल को उसकी थाली पकड़ा दी। दूसरी थाली शिफा और उसी गोरी औरत को पकड़ा दी जिसे उसने सुबह बाथरूम में देखा था। "यह कुसुम है सुबह से तुझे दो बार मिली सोचा तेरी पहचान करवा दूं।" सोनिया बोली।
किंजल ने उसकी तरफ देखा और चुपचाप अपना खाना खाने लगी। किंजल बार बार कनखियों से कुसुम को देख रही थी। सबने अपना अपना खाना खतम किया और इधर उधर घूमने लगे। किंजल ने अपने बर्तन धोए और टहलने लगी। कमसिन लड़की होने की वजह से बहुत सी नजरें उसे ही घूर रही थी। उसकी निगाह एक हवलदार पर गई। जो उसे देखते हुए पेंट के ऊपर से अपना लन्ड मसल रहा था। किंजल ने उसे इग्नोर किया और आगे बढ़ गई। ऐसे लोग उसने जेल के बाहर भी बहुत देखे थे।

8 बजे घंटी बज गई। और सब अपनी अपनी बैरक में जाने लगे। किंजल भी अपनी बैरक की तरफ बढ़ गई।
अंदर जाने के बाद सब कैदियों की गिनती हुई। सब बैरक बंद कर दिए गए। किंजल अंदर शौचालय गई। किसी तरह बदबू में उसने पेशाब किया। बाहर आके अपने बिस्तर पर बैठ गई। किसी को एक दूसरे से मतलब नहीं था। बस कुछ छोटे 2 3 कैदियों के ग्रुप बने हुए थे जो आपस में बातचीत कर रहें थे।

किंजल अपना सर दीवार पे लगा कर बैठ गई। सुबह से जाग रही किंजल बैठे बैठे नींद के आगोश में जाने लगी। बदबू बहुत थी। पर आज नींद बहुत तेज थी।

"मम्मी में प्यार करती हूं उस से।" किंजल ने रुआंसी होते हुए कहा। "देख अभी पढ़ ले। ये प्यार व्यार में कुछ नही रखा। ये कोई उम्र नहीं है प्यार के चक्कर में पड़ने वाली।" मां ने समझाते हुए कहा।
"तू कल भी कॉलेज नही गई। कहा थी??" मां ने सख़्त लहजे में पूछा।
"दोस्तों के साथ मूवी देखने गई थी।" किंजल ने झूठ बोलते हुए कहा।
दोस्तों के साथ या उसी लड़के के साथ। एक बात समझ ले वो लड़का ठीक नही है। नही समझ आता तो मैं तेरा कॉलेज बंद कर दूंगी। मैं और तेरा पप्पा तेरे लिए एक से एक बड़े घर का लड़का देख के रखे हैं और तू है कि कचरे में मुंह मार रही है।"
"मम्मी प्लीज। कोई बुरा नही है वो। अच्छा ही है। पढ़ाई खत्म होते ही सेटल हो जाएगा।"किंजल ने सफाई दी।
"जब तक सख्ती नही करेंगे न तू नही मानेगी।" मम्मी ने गुस्से में कहा।

अचानक झटके से किंजल की आंख खुली। उसे कुछ नही दिख रहा था। बस सफेद रंग था आंखों के सामने। किसी ने उसके सर पे चादर से लपेट दिया था। किंजल घिसत रही थी। नीचे से सलवार उतार गई थी घिसतने की वजह से। इस से पहले वो कुछ समझ पाती उसके शरीर पे लातों और पैरों से मारा जाने लगा। किंजल चीख उठी।
"साली मादरचोड अपने ही बाप मां को मार आई और घूम रही है।"
"बहन को लोड़ी और कोई नही मिला था मर्डर करने को"

एक साथ पेट, कमर, टांगों, चूतड़ों पर लाते बरस रही थी। कीजल चीख रही थी। हाथ इधर उधर मार रही थी। सांस लेते नही बन रहा था। तभी एक पैर choot पर पड़ा। किंजल की आंखों के आगे अंधेरा आ गया। तभी उसे बैरक खुलने की आवाज आई। अचानक सब शांत हो गया। उसे वही फेंक दिया जमीन पे। जैसे किसी ने कुछ किया ही न हो।

"ए क्या लफड़ा हो रहा है इधर?" दो महिला सिपाही अंदर आए। किंजल चादर से निकलने की कोशिश कर रही थी। सिपाही देखते ही समझ गए कि यहां क्या हुआ है। दोनो ने उसकी चादर हटाई और उसे सहारा देकर खड़ा किया। किंजल सिपाही के कंधे पर ही लटक गई। उसकी टांगों में जान नही थी।
"किसने किया ये?" सिपाही ने चिल्ला के पूछा। और पास बैठी एक लेडी को लात मारी।
"मुझे क्या मालूम? मैं तो यही बैठी थी साइड में" कैदी बिफर कर बोली।
"करती हूं तुम लोगों का इलाज सुबह"

दोनो ने किंजल को सहारे से उठाया और बराक के बाहर ले आए। और वापिस बैरक बंद कर दिया।
कंबल कुटाई

ये हर जेल में हर आम कैदी के साथ होता है।

खैर ये शिफा और सोनिया लगता है महिला कारावास की रंडियां हैं जो खास लोगों की खिदमत में लगती हैं, और किंजल को भी धीरे से इसी ग्रुप में डालने का इरादा है।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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"जिग्नेश! बस, अब और नहीं। कॉलेज का टाइम होने वाला है। मुझे घर जाना है। नहीं तो मम्मी को फिर शक हो जाएगा और फिर से परेशानी हो जाएगी।" किंजल जिग्नेश को दूर करते हुए बोली।

"बस 5 मिनट।" जिग्नेश उसे वापस खींचता हुआ बोला।
"कोई 5 मिनट नहीं। दो बार हो चुका है मेरे अंदर और जान नहीं है।" किंजल फिर कसमसाई। पर अंदर से उसका और मन कर रहा था। उसे अब तक वह शांति नहीं मिली थी जो इस नई नई जवानी में मिलनी चाहिए। वह घर पर कोई क्लेश नहीं चाहती थी इसलिए उसमें फटाफट उठना ही सही समझा। दोनों एक सस्ते ओयो रूम में आए थे। किंजल और उसकी सहेली ने आज कॉलेज बंक किया था। वह दूसरे कमरे में अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी।
किंजल उठकर कपड़े पहनने लगी।
"सुन तुझसे कुछ कहना था।" जिग्नेश वैसे ही नंगा लेटा लेटा बोला।
"हां बोल।"
"अगले महीने मेरे एक दोस्त की शादी है। मैंने रेमंड के शोरूम के बाहर एक बहुत बढ़िया सूट देखा था। पर था बहुत महंगा। मेरी इतनी कैपेसिटी नहीं है। तू कुछ हेल्प कर देगी?।" जिग्नेश बोला।
"जानू यह भी कोई पूछने की बात है। तु बस एक बार बोल मैं तो हमेशा तेरे साथ हूं।" किंजल मैं जिग्नेश की तरफ प्यार से देख कर बोला।
"अभी 6 महीने पहले ही तुमने मुझे फोन गिफ्ट किया था, तुम मुझे ऐसे पूछना अच्छा नहीं लग रहा था।" जिग्नेश धीरे से बोला।
"क्यों तू मुझे अपना नहीं समझता क्या?"
"अच्छा ठीक है मैं बहस नहीं करता तुझे जैसे ठीक लगे मुझे बता देना।"जिग्नेश अंदर ही अंदर खुश होते हुए बेड से उठा और कपड़े पहनने लगा।
किंजल ने अपनी सहेली को मैसेज डाला कि वह निकल रही है। उसने रिप्लाई किया कि वह भी बाहर आ रही है। चारों एक साथ होटल से बाहर निकले। किंजल और निधि किंजल की एक्टिवा पर बैठकर घर के लिए निकल गए।

"और फिर कितने रन मारे" निधि ने पीछे बैठे पूछा।
"अच्छा जी! अपने रन गिन। मुझे तो प्यार करता है रन की कोई चिंता नहीं करती।" किंजल की तरह से हुए बोली।
निधि ने मस्ती से उसकी कमर में चिकोटी काटी।

"आह!!!" अचानक कमर के नीचे हुए तेज दर्द से किंजल की आंख खुली। उसने अपनेआपको डिस्पेंसरी के वार्ड में पाया। उसने चारों और देखा। वार्ड में 6 बेड लगे थे। उसके अलावा सिर्फ एक मरीज और थी। दर्द और नींद की वजह से किंजल को साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसके पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। हाथ में ग्लूकोस की ड्रिप लगी थी। उसने सोचा भी नहीं था जेल में उसके साथ यह सलूक होने वाला है। उसने पास रखे गिलास से पानी उठाकर पिया और फिर से नींद के आगोश में चली गई।
सुबह एक औरत ने हिला कर किंजल को जगाया। किंजल के शरीर में अभी भी उठते वक्त दर्द हो रहा था। उसने देखा वह औरत कैदी ही थी लेकिन शायद वार्ड नर्स का काम कर रही थी। करीब 35 40 साल की साफ-सुथरी औरत थी। उसने किंजल को खाने की थाली दी और साथ में दवाई दी। किंजल ने खाना खाना शुरू किया उसने देखा उसके सामने बैठी औरत को भी नर्स ने खाना दे दिया था। यह वही काली औरत थी जिसकी लॉन्ड्री में ठुकाई हुई थी। बिचारी ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी बाजू पर चोटों के निशान पड़े हुए थे। किंजल को उसे देख कर बहुत दया आ रही थी। पर तभी उसे याद आया कि यह तो बच्चे किडनैप करने वाली है। तभी डॉक्टर भी अंदर आई। गोरी चिट्टी 33 साल की महिला थी। सूट पहना हुआ था ऊपर से डॉक्टर का कोट। उसने किंजल को चेक किया और कहा, "बचाव हो गया कोई अंदरूनी चोट नहीं लगी। थोड़ी देर में तुझे डिस्चार्ज कर दूंगी अपनी दवाई लेती रहना।" किंजल को सुनकर सुकून मिला।
डॉक्टर दोनों को चेक करके चली गई।
वह काली औरत किंजल की तरफ ही देख रही थी। किंजल ने उसकी ओर देखा और पूछा "आपका क्या नाम है?"
"सरिता"
"वह मौसी ने आपके साथ ऐसा क्यों किया?" किंजल ने पूछा।
"तुझे क्या लेना अपने काम से काम रखना।" सरिता ने तीखा सा जवाब दिया।

इतने में शिफा और सोनिया अंदर आई। दोनों किनजल के पास आकर खड़ी हो गई। "तुझे बोला था ना दूर रहना सबसे। समझ नहीं आई थी क्या?" सोनिया ने पूछा
"मैंने कुछ नहीं किया उन सब ने ही अचानक से पकड़ कर मुझे मारना शुरू कर दिया। यह जरूर उस मौसी ने करवाया होगा।" किंजल रोवासी होती हुई बोली।
"अगर मौसी ने करना होता ना तो वह सामने देख उसकी क्या हालत की है। ऐसे भी तुझे टाइम दिया है। ये बाकी लोगों को वैसे ही खुजली होती है।" सोनिया ने जवाब दिया।

"आंटी में आपके साथ काम करूंगी। बस मुझे उस बैरक में नही जाना और मौसी से बचा लो।" कीजल को फिर घबराहट होने लगी।
"टेंशन मत ले मैं देखती हूं कुछ।" शिफा ने उसका हाथ पकड़ के बोला। शिफा और सोनिया उठ के बाहर जाने लगी। बाहर आके सोनिया बोली।" ये अच्छा माल कमा के देगी।"

"आपको मौसी ने कोई ऑफर नहीं दिया था क्या?" किंजल ने फिर सरिता को पूछा।
"नहीं जिस बच्चे को मैंने और मेरे पति ने किडनैप किया था उसके बाप ने मौसी को शायद ज्यादा माल खिलाया है इसीलिए उसने मेरी यह हालत की।" सरिता बोली। "बहुत बड़ी गलती हो गई। यहां तो मेरा जीना नर्क हो गया है। तेरे बारे में भी सुना मैंने। तुझे क्या पड़ी थी अपने मां-बाप को मारने की?" किंजल ने शर्म से सर दूसरी तरफ कर लिया और कोई जवाब नही दिया।
"तुमने बताया नही किसी को कि किसने किया तुम्हारे साथ ये सब।" किंजल ने पूछा।
"अभी जिंदा हूं, बताऊंगी तो जान भी नहीं बचेगी।"

किंजल चुपचाप इधर उधर देखने लगी।

उधर शिफा वार्डन के ऑफिस में।

"मैडम वह डबल मर्डर वाली किंजल को मेरे बैरक में शिफ्ट कर दो। वो मेरे साथ काम करने को राजी है।" शिफा ने बोला।
"तूने कैसे मनाया उस बड़े घर की औलाद को?" वार्डन ने आराम से कुर्सी पे पीछे पीठ सीधी करते हुए पूछा।
"डर अच्छे अच्छों का दिमाग खोल देता है, यह तो फिर कल की छोकरी है" शिफा ने मुस्कुराते हुए कहा।

"ठीक है मैं आर्डर भेज दूंगी। पर माल टाइम पर आ जाना चाहिए।" वार्डन ने बोला।
"वह मेरी जिम्मेदारी"शिफा ने निकलते हुए बोला।


उधर किंजल को दोपहर का खाना आ गया। नर्स ने सरिता से पूछा। "अब हालत कैसी है।"
"हगते मूटते बहुत दर्द होता है।" सरिता ने लाचारी से जवाब दिया।
"कोई न। क्रीम लगाती रह और दावा लेती रह। आगे से इन लोगों से दूर ही रह।" नर्स ने समझाया।
सरिता बेचारी क्या बताती। वो तो दूर ही थी। वो खुद उसे घसीट ले गए।

तभी शिफा आई। "तेरा काम कर दिया है आज तू हमारे बैरक में सोएगी। मौसी से भी मैंने बात कर ली है। जल्दी से ठीक हो कर काम पर लग जा ताकी मौसी को पहली किस्त भेज दू।"

"थैंक यू। पर मुझे काम क्या करना होगा?" किंजल ने पूछा।
"बता दूंगी
पहले ठीक हो कर बाहर आ जा आराम कर ले।" शिफा निकल गई।
हो गया काम....
 

U.and.me

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Dharmendra Kumar Patel

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park

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"जिग्नेश! बस, अब और नहीं। कॉलेज का टाइम होने वाला है। मुझे घर जाना है। नहीं तो मम्मी को फिर शक हो जाएगा और फिर से परेशानी हो जाएगी।" किंजल जिग्नेश को दूर करते हुए बोली।

"बस 5 मिनट।" जिग्नेश उसे वापस खींचता हुआ बोला।
"कोई 5 मिनट नहीं। दो बार हो चुका है मेरे अंदर और जान नहीं है।" किंजल फिर कसमसाई। पर अंदर से उसका और मन कर रहा था। उसे अब तक वह शांति नहीं मिली थी जो इस नई नई जवानी में मिलनी चाहिए। वह घर पर कोई क्लेश नहीं चाहती थी इसलिए उसमें फटाफट उठना ही सही समझा। दोनों एक सस्ते ओयो रूम में आए थे। किंजल और उसकी सहेली ने आज कॉलेज बंक किया था। वह दूसरे कमरे में अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी।
किंजल उठकर कपड़े पहनने लगी।
"सुन तुझसे कुछ कहना था।" जिग्नेश वैसे ही नंगा लेटा लेटा बोला।
"हां बोल।"
"अगले महीने मेरे एक दोस्त की शादी है। मैंने रेमंड के शोरूम के बाहर एक बहुत बढ़िया सूट देखा था। पर था बहुत महंगा। मेरी इतनी कैपेसिटी नहीं है। तू कुछ हेल्प कर देगी?।" जिग्नेश बोला।
"जानू यह भी कोई पूछने की बात है। तु बस एक बार बोल मैं तो हमेशा तेरे साथ हूं।" किंजल मैं जिग्नेश की तरफ प्यार से देख कर बोला।
"अभी 6 महीने पहले ही तुमने मुझे फोन गिफ्ट किया था, तुम मुझे ऐसे पूछना अच्छा नहीं लग रहा था।" जिग्नेश धीरे से बोला।
"क्यों तू मुझे अपना नहीं समझता क्या?"
"अच्छा ठीक है मैं बहस नहीं करता तुझे जैसे ठीक लगे मुझे बता देना।"जिग्नेश अंदर ही अंदर खुश होते हुए बेड से उठा और कपड़े पहनने लगा।
किंजल ने अपनी सहेली को मैसेज डाला कि वह निकल रही है। उसने रिप्लाई किया कि वह भी बाहर आ रही है। चारों एक साथ होटल से बाहर निकले। किंजल और निधि किंजल की एक्टिवा पर बैठकर घर के लिए निकल गए।

"और फिर कितने रन मारे" निधि ने पीछे बैठे पूछा।
"अच्छा जी! अपने रन गिन। मुझे तो प्यार करता है रन की कोई चिंता नहीं करती।" किंजल की तरह से हुए बोली।
निधि ने मस्ती से उसकी कमर में चिकोटी काटी।

"आह!!!" अचानक कमर के नीचे हुए तेज दर्द से किंजल की आंख खुली। उसने अपनेआपको डिस्पेंसरी के वार्ड में पाया। उसने चारों और देखा। वार्ड में 6 बेड लगे थे। उसके अलावा सिर्फ एक मरीज और थी। दर्द और नींद की वजह से किंजल को साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसके पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। हाथ में ग्लूकोस की ड्रिप लगी थी। उसने सोचा भी नहीं था जेल में उसके साथ यह सलूक होने वाला है। उसने पास रखे गिलास से पानी उठाकर पिया और फिर से नींद के आगोश में चली गई।
सुबह एक औरत ने हिला कर किंजल को जगाया। किंजल के शरीर में अभी भी उठते वक्त दर्द हो रहा था। उसने देखा वह औरत कैदी ही थी लेकिन शायद वार्ड नर्स का काम कर रही थी। करीब 35 40 साल की साफ-सुथरी औरत थी। उसने किंजल को खाने की थाली दी और साथ में दवाई दी। किंजल ने खाना खाना शुरू किया उसने देखा उसके सामने बैठी औरत को भी नर्स ने खाना दे दिया था। यह वही काली औरत थी जिसकी लॉन्ड्री में ठुकाई हुई थी। बिचारी ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी बाजू पर चोटों के निशान पड़े हुए थे। किंजल को उसे देख कर बहुत दया आ रही थी। पर तभी उसे याद आया कि यह तो बच्चे किडनैप करने वाली है। तभी डॉक्टर भी अंदर आई। गोरी चिट्टी 33 साल की महिला थी। सूट पहना हुआ था ऊपर से डॉक्टर का कोट। उसने किंजल को चेक किया और कहा, "बचाव हो गया कोई अंदरूनी चोट नहीं लगी। थोड़ी देर में तुझे डिस्चार्ज कर दूंगी अपनी दवाई लेती रहना।" किंजल को सुनकर सुकून मिला।
डॉक्टर दोनों को चेक करके चली गई।
वह काली औरत किंजल की तरफ ही देख रही थी। किंजल ने उसकी ओर देखा और पूछा "आपका क्या नाम है?"
"सरिता"
"वह मौसी ने आपके साथ ऐसा क्यों किया?" किंजल ने पूछा।
"तुझे क्या लेना अपने काम से काम रखना।" सरिता ने तीखा सा जवाब दिया।

इतने में शिफा और सोनिया अंदर आई। दोनों किनजल के पास आकर खड़ी हो गई। "तुझे बोला था ना दूर रहना सबसे। समझ नहीं आई थी क्या?" सोनिया ने पूछा
"मैंने कुछ नहीं किया उन सब ने ही अचानक से पकड़ कर मुझे मारना शुरू कर दिया। यह जरूर उस मौसी ने करवाया होगा।" किंजल रोवासी होती हुई बोली।
"अगर मौसी ने करना होता ना तो वह सामने देख उसकी क्या हालत की है। ऐसे भी तुझे टाइम दिया है। ये बाकी लोगों को वैसे ही खुजली होती है।" सोनिया ने जवाब दिया।

"आंटी में आपके साथ काम करूंगी। बस मुझे उस बैरक में नही जाना और मौसी से बचा लो।" कीजल को फिर घबराहट होने लगी।
"टेंशन मत ले मैं देखती हूं कुछ।" शिफा ने उसका हाथ पकड़ के बोला। शिफा और सोनिया उठ के बाहर जाने लगी। बाहर आके सोनिया बोली।" ये अच्छा माल कमा के देगी।"

"आपको मौसी ने कोई ऑफर नहीं दिया था क्या?" किंजल ने फिर सरिता को पूछा।
"नहीं जिस बच्चे को मैंने और मेरे पति ने किडनैप किया था उसके बाप ने मौसी को शायद ज्यादा माल खिलाया है इसीलिए उसने मेरी यह हालत की।" सरिता बोली। "बहुत बड़ी गलती हो गई। यहां तो मेरा जीना नर्क हो गया है। तेरे बारे में भी सुना मैंने। तुझे क्या पड़ी थी अपने मां-बाप को मारने की?" किंजल ने शर्म से सर दूसरी तरफ कर लिया और कोई जवाब नही दिया।
"तुमने बताया नही किसी को कि किसने किया तुम्हारे साथ ये सब।" किंजल ने पूछा।
"अभी जिंदा हूं, बताऊंगी तो जान भी नहीं बचेगी।"

किंजल चुपचाप इधर उधर देखने लगी।

उधर शिफा वार्डन के ऑफिस में।

"मैडम वह डबल मर्डर वाली किंजल को मेरे बैरक में शिफ्ट कर दो। वो मेरे साथ काम करने को राजी है।" शिफा ने बोला।
"तूने कैसे मनाया उस बड़े घर की औलाद को?" वार्डन ने आराम से कुर्सी पे पीछे पीठ सीधी करते हुए पूछा।
"डर अच्छे अच्छों का दिमाग खोल देता है, यह तो फिर कल की छोकरी है" शिफा ने मुस्कुराते हुए कहा।

"ठीक है मैं आर्डर भेज दूंगी। पर माल टाइम पर आ जाना चाहिए।" वार्डन ने बोला।
"वह मेरी जिम्मेदारी"शिफा ने निकलते हुए बोला।


उधर किंजल को दोपहर का खाना आ गया। नर्स ने सरिता से पूछा। "अब हालत कैसी है।"
"हगते मूटते बहुत दर्द होता है।" सरिता ने लाचारी से जवाब दिया।
"कोई न। क्रीम लगाती रह और दावा लेती रह। आगे से इन लोगों से दूर ही रह।" नर्स ने समझाया।
सरिता बेचारी क्या बताती। वो तो दूर ही थी। वो खुद उसे घसीट ले गए।

तभी शिफा आई। "तेरा काम कर दिया है आज तू हमारे बैरक में सोएगी। मौसी से भी मैंने बात कर ली है। जल्दी से ठीक हो कर काम पर लग जा ताकी मौसी को पहली किस्त भेज दू।"

"थैंक यू। पर मुझे काम क्या करना होगा?" किंजल ने पूछा।
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पहले ठीक हो कर बाहर आ जा आराम कर ले।" शिफा निकल गई।
Nice and superb update.....
 
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kas1709

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"जिग्नेश! बस, अब और नहीं। कॉलेज का टाइम होने वाला है। मुझे घर जाना है। नहीं तो मम्मी को फिर शक हो जाएगा और फिर से परेशानी हो जाएगी।" किंजल जिग्नेश को दूर करते हुए बोली।

"बस 5 मिनट।" जिग्नेश उसे वापस खींचता हुआ बोला।
"कोई 5 मिनट नहीं। दो बार हो चुका है मेरे अंदर और जान नहीं है।" किंजल फिर कसमसाई। पर अंदर से उसका और मन कर रहा था। उसे अब तक वह शांति नहीं मिली थी जो इस नई नई जवानी में मिलनी चाहिए। वह घर पर कोई क्लेश नहीं चाहती थी इसलिए उसमें फटाफट उठना ही सही समझा। दोनों एक सस्ते ओयो रूम में आए थे। किंजल और उसकी सहेली ने आज कॉलेज बंक किया था। वह दूसरे कमरे में अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी।
किंजल उठकर कपड़े पहनने लगी।
"सुन तुझसे कुछ कहना था।" जिग्नेश वैसे ही नंगा लेटा लेटा बोला।
"हां बोल।"
"अगले महीने मेरे एक दोस्त की शादी है। मैंने रेमंड के शोरूम के बाहर एक बहुत बढ़िया सूट देखा था। पर था बहुत महंगा। मेरी इतनी कैपेसिटी नहीं है। तू कुछ हेल्प कर देगी?।" जिग्नेश बोला।
"जानू यह भी कोई पूछने की बात है। तु बस एक बार बोल मैं तो हमेशा तेरे साथ हूं।" किंजल मैं जिग्नेश की तरफ प्यार से देख कर बोला।
"अभी 6 महीने पहले ही तुमने मुझे फोन गिफ्ट किया था, तुम मुझे ऐसे पूछना अच्छा नहीं लग रहा था।" जिग्नेश धीरे से बोला।
"क्यों तू मुझे अपना नहीं समझता क्या?"
"अच्छा ठीक है मैं बहस नहीं करता तुझे जैसे ठीक लगे मुझे बता देना।"जिग्नेश अंदर ही अंदर खुश होते हुए बेड से उठा और कपड़े पहनने लगा।
किंजल ने अपनी सहेली को मैसेज डाला कि वह निकल रही है। उसने रिप्लाई किया कि वह भी बाहर आ रही है। चारों एक साथ होटल से बाहर निकले। किंजल और निधि किंजल की एक्टिवा पर बैठकर घर के लिए निकल गए।

"और फिर कितने रन मारे" निधि ने पीछे बैठे पूछा।
"अच्छा जी! अपने रन गिन। मुझे तो प्यार करता है रन की कोई चिंता नहीं करती।" किंजल की तरह से हुए बोली।
निधि ने मस्ती से उसकी कमर में चिकोटी काटी।

"आह!!!" अचानक कमर के नीचे हुए तेज दर्द से किंजल की आंख खुली। उसने अपनेआपको डिस्पेंसरी के वार्ड में पाया। उसने चारों और देखा। वार्ड में 6 बेड लगे थे। उसके अलावा सिर्फ एक मरीज और थी। दर्द और नींद की वजह से किंजल को साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसके पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। हाथ में ग्लूकोस की ड्रिप लगी थी। उसने सोचा भी नहीं था जेल में उसके साथ यह सलूक होने वाला है। उसने पास रखे गिलास से पानी उठाकर पिया और फिर से नींद के आगोश में चली गई।
सुबह एक औरत ने हिला कर किंजल को जगाया। किंजल के शरीर में अभी भी उठते वक्त दर्द हो रहा था। उसने देखा वह औरत कैदी ही थी लेकिन शायद वार्ड नर्स का काम कर रही थी। करीब 35 40 साल की साफ-सुथरी औरत थी। उसने किंजल को खाने की थाली दी और साथ में दवाई दी। किंजल ने खाना खाना शुरू किया उसने देखा उसके सामने बैठी औरत को भी नर्स ने खाना दे दिया था। यह वही काली औरत थी जिसकी लॉन्ड्री में ठुकाई हुई थी। बिचारी ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी बाजू पर चोटों के निशान पड़े हुए थे। किंजल को उसे देख कर बहुत दया आ रही थी। पर तभी उसे याद आया कि यह तो बच्चे किडनैप करने वाली है। तभी डॉक्टर भी अंदर आई। गोरी चिट्टी 33 साल की महिला थी। सूट पहना हुआ था ऊपर से डॉक्टर का कोट। उसने किंजल को चेक किया और कहा, "बचाव हो गया कोई अंदरूनी चोट नहीं लगी। थोड़ी देर में तुझे डिस्चार्ज कर दूंगी अपनी दवाई लेती रहना।" किंजल को सुनकर सुकून मिला।
डॉक्टर दोनों को चेक करके चली गई।
वह काली औरत किंजल की तरफ ही देख रही थी। किंजल ने उसकी ओर देखा और पूछा "आपका क्या नाम है?"
"सरिता"
"वह मौसी ने आपके साथ ऐसा क्यों किया?" किंजल ने पूछा।
"तुझे क्या लेना अपने काम से काम रखना।" सरिता ने तीखा सा जवाब दिया।

इतने में शिफा और सोनिया अंदर आई। दोनों किनजल के पास आकर खड़ी हो गई। "तुझे बोला था ना दूर रहना सबसे। समझ नहीं आई थी क्या?" सोनिया ने पूछा
"मैंने कुछ नहीं किया उन सब ने ही अचानक से पकड़ कर मुझे मारना शुरू कर दिया। यह जरूर उस मौसी ने करवाया होगा।" किंजल रोवासी होती हुई बोली।
"अगर मौसी ने करना होता ना तो वह सामने देख उसकी क्या हालत की है। ऐसे भी तुझे टाइम दिया है। ये बाकी लोगों को वैसे ही खुजली होती है।" सोनिया ने जवाब दिया।

"आंटी में आपके साथ काम करूंगी। बस मुझे उस बैरक में नही जाना और मौसी से बचा लो।" कीजल को फिर घबराहट होने लगी।
"टेंशन मत ले मैं देखती हूं कुछ।" शिफा ने उसका हाथ पकड़ के बोला। शिफा और सोनिया उठ के बाहर जाने लगी। बाहर आके सोनिया बोली।" ये अच्छा माल कमा के देगी।"

"आपको मौसी ने कोई ऑफर नहीं दिया था क्या?" किंजल ने फिर सरिता को पूछा।
"नहीं जिस बच्चे को मैंने और मेरे पति ने किडनैप किया था उसके बाप ने मौसी को शायद ज्यादा माल खिलाया है इसीलिए उसने मेरी यह हालत की।" सरिता बोली। "बहुत बड़ी गलती हो गई। यहां तो मेरा जीना नर्क हो गया है। तेरे बारे में भी सुना मैंने। तुझे क्या पड़ी थी अपने मां-बाप को मारने की?" किंजल ने शर्म से सर दूसरी तरफ कर लिया और कोई जवाब नही दिया।
"तुमने बताया नही किसी को कि किसने किया तुम्हारे साथ ये सब।" किंजल ने पूछा।
"अभी जिंदा हूं, बताऊंगी तो जान भी नहीं बचेगी।"

किंजल चुपचाप इधर उधर देखने लगी।

उधर शिफा वार्डन के ऑफिस में।

"मैडम वह डबल मर्डर वाली किंजल को मेरे बैरक में शिफ्ट कर दो। वो मेरे साथ काम करने को राजी है।" शिफा ने बोला।
"तूने कैसे मनाया उस बड़े घर की औलाद को?" वार्डन ने आराम से कुर्सी पे पीछे पीठ सीधी करते हुए पूछा।
"डर अच्छे अच्छों का दिमाग खोल देता है, यह तो फिर कल की छोकरी है" शिफा ने मुस्कुराते हुए कहा।

"ठीक है मैं आर्डर भेज दूंगी। पर माल टाइम पर आ जाना चाहिए।" वार्डन ने बोला।
"वह मेरी जिम्मेदारी"शिफा ने निकलते हुए बोला।


उधर किंजल को दोपहर का खाना आ गया। नर्स ने सरिता से पूछा। "अब हालत कैसी है।"
"हगते मूटते बहुत दर्द होता है।" सरिता ने लाचारी से जवाब दिया।
"कोई न। क्रीम लगाती रह और दावा लेती रह। आगे से इन लोगों से दूर ही रह।" नर्स ने समझाया।
सरिता बेचारी क्या बताती। वो तो दूर ही थी। वो खुद उसे घसीट ले गए।

तभी शिफा आई। "तेरा काम कर दिया है आज तू हमारे बैरक में सोएगी। मौसी से भी मैंने बात कर ली है। जल्दी से ठीक हो कर काम पर लग जा ताकी मौसी को पहली किस्त भेज दू।"

"थैंक यू। पर मुझे काम क्या करना होगा?" किंजल ने पूछा।
"बता दूंगी
पहले ठीक हो कर बाहर आ जा आराम कर ले।" शिफा निकल गई।
Nice update....
 
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prasha_tam

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Mast ... Keep it up
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